10-01-2021, 04:00 PM
देवर जी
बस तय ये हुआ की शर्ट तो उनकी बड़की भाभी ढूंढ ढांढ़ कर के ले आएँगी , पर बदले में सगुन के लिए मैं बस थोड़ा सा , गुलाल , सूखी होली के बिना बिदाई हो तो ठीक नहीं लगता न ,
और मैंने देवर जी को शीशे के सामने बैठा दिया ,
और मेरा साथ देने के लिए भौजी नंबर वन थीं न मेरे साथ , कम्मो
देवर की हिम्मत थी जो ज़रा भी हिलते ,
" ये बाल देखों न कैसे हूश से बना रखे हैं ऐसे कोचिंग में जाओगे , हम लोगों की नाक कटाओगे ,... "
मैंने उसे हड़काया और कम्मो ने भी तुक मिलाई ,
" सही है , ... अब एक तोहार बहिन , गुड्डो छिनार तो नाक कटवा ही दी हैं और अब तुम भी "
मैंने पहले थोड़ा तेल , फिर बाल काढ़ना शुरु किया और मांग , एकदम दुल्हन की तरह सीधी मांग , खूब चौड़ी सी , ... और उसमें गुलाल नहीं , अपनी सिन्दूर की डिबिया से निकाल कर चुटकी भर नहीं , भरपूर सिंदूर भरा
और असीसा भी ,
" सदा सुहागन रहो , जल्दी गोद भरे , ... "
कम्मो क्यों छोड़ती , कल चेहरे का सिंगार मैंने किया था आज वो काम पर लगी गयी , बड़ी सी बिंदी माथे पर , काजल आँखों में , ...
बेचारा वो उसकी आँखे घड़ी पर लगी थी , कैसे हम दोनों से , .. और कान अपनी बड़की भौजी के पैरों की आवाज पर , ... कब उसकी शर्ट ले कर वो आएं कर उसे जाने को मिले ,
बार यही कहता
" भाभी आज की कोचिंग बड़ी इम्प्पार्टेन्ट है , इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन कराएंगे सर , और सर पांच मिनट से ज्यादा लेट होने पर क्लास में घुसने नहीं देते , ... पांच मिनट पहुंचने में लगेंगे "
और जब जेठानी आयीं उसकी शर्ट लेकर तो उसकी जान में जान आयी , अभी भी सात मिनट बचे थे चार बजने में ,
पर देवर बाबू को क्या मालूम की अभी चार आने का खेल बाकी था।
कम्मो बोली , इस शर्ट पर लाल रंग अच्छा लगेगा न , ...
मैंने उसकी हाँ में हाँ मिलाई , हाँ एकदम और साथ में गाढ़ा
नीला , ... क्यों कैसा रहेगा रहेगा सफ़ेद शर्ट पर गाढ़े लाल और नीले का कॉम्बिनेशन , ... "
मैंने जेठानी जी की राय मांगी पर जैसे कुछ लोगों की आदत होती हैं न उन की राय मांगो न मांगो , उन से कोई मतलब हो न लेकिन बोलेंगे जरूर ,
और बस मेरी छिनार देवर के ननद ने बोल दिया ,
" नहीं भाभी नहीं प्लीज , इस शर्ट पर रंग नहीं , एक तो कोचिंग में , फिर मेरी और कोई दूसरी , ... "
पर मेरी जेठानी आज लगता है जोबन मर्दन करवा के अपने इस देवर की कुछ ज्यादा ही तरफ़दार हो गयीं थीं, उसकी तरफदारी करती मुझसे बोलीं ,
" अरे छोड़ न , सही तो कह रहा है ये सीधे कोचिंग जाएगा , रास्ते में ,... कहीं घर जा के बदलने का टाइम भी तो नहीं है। "
और साथ में अपने देवर को एक नयी परेशानी बतायी ,
" सुन तेरी इस शर्ट की ज्यादातर बटने तो टूट गयी हैं , ऐसा कर अब बटन टांकने का टाइम तो है नहीं , मैं ऐसे सिल देती हूँ , खुलेगी नहीं , ... घर जाके गुड्डी से खुलवा लेना , ... देख इसके अंदर बनयाईन भी नहीं पहनी है तूने तो शर्ट खुल जायेगी अच्छी थोड़ी लगेगी ,"
" चलिए बनयान नहीं तो , मेरी ब्रा पहनईयेगा , अरे लाने नहीं जा रही , अभी जो पहनी हूँ वही खोल के दे देती हूँ , ... "
मैंने बड़े भोलेपन से एक आसान बिना खर्च वाला हल बताया
बस तय ये हुआ की शर्ट तो उनकी बड़की भाभी ढूंढ ढांढ़ कर के ले आएँगी , पर बदले में सगुन के लिए मैं बस थोड़ा सा , गुलाल , सूखी होली के बिना बिदाई हो तो ठीक नहीं लगता न ,
और मैंने देवर जी को शीशे के सामने बैठा दिया ,
और मेरा साथ देने के लिए भौजी नंबर वन थीं न मेरे साथ , कम्मो
देवर की हिम्मत थी जो ज़रा भी हिलते ,
" ये बाल देखों न कैसे हूश से बना रखे हैं ऐसे कोचिंग में जाओगे , हम लोगों की नाक कटाओगे ,... "
मैंने उसे हड़काया और कम्मो ने भी तुक मिलाई ,
" सही है , ... अब एक तोहार बहिन , गुड्डो छिनार तो नाक कटवा ही दी हैं और अब तुम भी "
मैंने पहले थोड़ा तेल , फिर बाल काढ़ना शुरु किया और मांग , एकदम दुल्हन की तरह सीधी मांग , खूब चौड़ी सी , ... और उसमें गुलाल नहीं , अपनी सिन्दूर की डिबिया से निकाल कर चुटकी भर नहीं , भरपूर सिंदूर भरा
और असीसा भी ,
" सदा सुहागन रहो , जल्दी गोद भरे , ... "
कम्मो क्यों छोड़ती , कल चेहरे का सिंगार मैंने किया था आज वो काम पर लगी गयी , बड़ी सी बिंदी माथे पर , काजल आँखों में , ...
बेचारा वो उसकी आँखे घड़ी पर लगी थी , कैसे हम दोनों से , .. और कान अपनी बड़की भौजी के पैरों की आवाज पर , ... कब उसकी शर्ट ले कर वो आएं कर उसे जाने को मिले ,
बार यही कहता
" भाभी आज की कोचिंग बड़ी इम्प्पार्टेन्ट है , इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन कराएंगे सर , और सर पांच मिनट से ज्यादा लेट होने पर क्लास में घुसने नहीं देते , ... पांच मिनट पहुंचने में लगेंगे "
और जब जेठानी आयीं उसकी शर्ट लेकर तो उसकी जान में जान आयी , अभी भी सात मिनट बचे थे चार बजने में ,
पर देवर बाबू को क्या मालूम की अभी चार आने का खेल बाकी था।
कम्मो बोली , इस शर्ट पर लाल रंग अच्छा लगेगा न , ...
मैंने उसकी हाँ में हाँ मिलाई , हाँ एकदम और साथ में गाढ़ा
नीला , ... क्यों कैसा रहेगा रहेगा सफ़ेद शर्ट पर गाढ़े लाल और नीले का कॉम्बिनेशन , ... "
मैंने जेठानी जी की राय मांगी पर जैसे कुछ लोगों की आदत होती हैं न उन की राय मांगो न मांगो , उन से कोई मतलब हो न लेकिन बोलेंगे जरूर ,
और बस मेरी छिनार देवर के ननद ने बोल दिया ,
" नहीं भाभी नहीं प्लीज , इस शर्ट पर रंग नहीं , एक तो कोचिंग में , फिर मेरी और कोई दूसरी , ... "
पर मेरी जेठानी आज लगता है जोबन मर्दन करवा के अपने इस देवर की कुछ ज्यादा ही तरफ़दार हो गयीं थीं, उसकी तरफदारी करती मुझसे बोलीं ,
" अरे छोड़ न , सही तो कह रहा है ये सीधे कोचिंग जाएगा , रास्ते में ,... कहीं घर जा के बदलने का टाइम भी तो नहीं है। "
और साथ में अपने देवर को एक नयी परेशानी बतायी ,
" सुन तेरी इस शर्ट की ज्यादातर बटने तो टूट गयी हैं , ऐसा कर अब बटन टांकने का टाइम तो है नहीं , मैं ऐसे सिल देती हूँ , खुलेगी नहीं , ... घर जाके गुड्डी से खुलवा लेना , ... देख इसके अंदर बनयाईन भी नहीं पहनी है तूने तो शर्ट खुल जायेगी अच्छी थोड़ी लगेगी ,"
" चलिए बनयान नहीं तो , मेरी ब्रा पहनईयेगा , अरे लाने नहीं जा रही , अभी जो पहनी हूँ वही खोल के दे देती हूँ , ... "
मैंने बड़े भोलेपन से एक आसान बिना खर्च वाला हल बताया