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Adultery सोलवां सावन
बसंती : मेंहदी 


[Image: sixteen-81dd8da1dfb499079138136a183d5028.jpg]





आज कहीं जाना नहीं था इसलिये मैं सलवार सूट पहनकर बैठी थी। 


[Image: sixteen-shalwar1.md.jpg]


बसंती ने खूब रच-रच कर मुझे मेंहदी लगायी थी और महावर भी, आज सुबह से वह ज्यादा मेहरबान थी 

और चम्पा भाभी के साथ मिलकर खूब गंदे मजाक कर रही थी।


[Image: menhadi-2.md.jpg]


भाभी मुन्ने को तैयार कर रही थीं ,इसलिए सिर्फ मैं ,बसंती और चंपा भाभी थे। भाभी की माँ अभी शहर से लौटी नहीं थी। 



बसंती आज मजाक करने में सिर्फ जुबान से नहीं बल्कि ,हाथों से भी , ... खुल के वो फिजिकल हो रही थी। 


चंपा भाभी भी उसे खूब चढ़ा रही थीं। और आज हाथ में उसने जो मेहंदी लगायी , वो रोज की तरह नहीं , बल्कि उसमें ढेर सारी चुदाई के पोज बने थे, किसी में लड़की की खुली जाँघों के बीच में लड़का , तो किसी में कुतिया की पोज में तो किसी में लड़की  खुद लंड के ऊपर चढ़ के , ... 


[Image: sixteen0014_femina_kamasutra_2000.jpg]



और साथ में चंपा भाभी पूछ रही थीं , ' हे इसमें से कौन सा ट्राई किया है , "







बसंती की उंगलियां तो मेरी हथेली पे थीं लेकिन कभी उसकी कुहनी ,कभी उसका हाथ जाने अनजाने मेरे कच्चे टिकोरों को दबा दे रहां था। 





चंपा भाभी के सवाल से मैं तो गुलाल हो गयी लेकिन जवाब बसंती ने दिया ,



" अरे कौन नहीं , सब ट्राई किया होगा हमारी बिन्नो ने , लेकिन ई बोलो ई वाले स्टाइल में कैसा लगा , " 



( वो उस समय अब बाएं हाथ पे कुतिया वाला पोज बना रही थी ) और खुद ही जवाब दिया , खूब रगड़ रगड़ के दरेर के जाता होगा उसमें न ,जान निकल जाती है लेकिन मजा भी खूब आता है। 



बात बसंती की सोलहो आने सही थी। दिनेश ,अजय ,सुनील तीनो ने ही तो कुतिया बना के कैसे रगड़ रगड़ के , दर्द के मारे जान निकल गयी थी ,लेकिन मजा भी उतना ही आया था। 



" पहले लड़कों से चुदवाओ फिर एक बार प्रैक्टिस हो जायेगी तो रॉकी से वैसे ही निहुर के डलवाना। " चंपा भाभी अपने फेवरिट टॉपिक पे आ गयी थीं। 



मेरे दोनों हाथों में तो मेहंदी रच रच के लग गयी थी ,बल्कि कुहनी तक और अब मैं हाथ हिला भी नहीं सकती थी। 



लेकिन आज बसंती एकदम पूरे मूड में थी , उसकी निगाहें मेरे नए आये उभारों को सहला रही थीं। 



आँखों आँखों में दोनों ने बातें की चंपा भाभी ने हामी भरी , और बसंती उनसे मुस्कराकर बोली ,



" क्यों और भी जगह मेंहदी लगा दूँ न "



" एकदम " चंपा भाभी बोलीं और जब तक मैं समझूँ समझूँ दोनों ने मिल के मुझे वहीँ धक्का दे के गिरा दिया और अगले ही पल दूध के दोनों कटोरे बाहर 



( ब्रा तो मेरा वैसे ही गाँव में आने के बाद पहनना बंद हो गया था )


गोरे गोरे,कड़े कड़े ,नयी आती जवानी के फूल ,जिन्होंने सारे गाँव के लड़कों की नींद हराम कर रखी थी ,


[Image: sixteen-nips3.md.jpg]





बसंती कुछ देर तक तो देखती रही , फिर उसने न जाना क्या देखा और फिर चंपा भाभी की ओर देखा ,

और दोनों मुस्कराने लगी। 




पल भरा लगा मुझे समझने में , जैसे ही लेकिन मेरे समझ में आया ,... बस मारे शर्म के मैंने आँखे बंद कर ली। 

गाल मेरे लाज से गुलाब हो गए।



[Image: sixteen-boobs6547-1.jpg]



अजय दुष्ट। 

कैसे जोर से कचकचा के काटा था उसने , मैं लाख मना करती रही फिर भी , और ऊपर से मेरे जोबन के ऊपर के हिस्सों पे तो , ....

पहले हलके से काटता , फिर वहां जोर जोर से चूमता ,चूसता और फिर जब दर्द थोड़ा सा कम होता तो 

पहले से भी दस गुना जोर से हचक के काट लेता। 



[Image: sixteen-bite.jpg]


मेरी चीख से जैसे उसका जोश दस गुना हो जाता और उसी जगह पे चार पांच बार , ... फिर निपल के चारों और दांत से जैसे माला का उसने निशान बना दिया था , फिर नाखून के भी कितने निशान थे ,... दिनेश ने भी जो कीचड़ में मेरी चूंचियां रगड़ी थी , जगह जगह लाल हो गयी थी , ... 



अब तो राज खुल ही गया था , छिपाने से क्या फायदा। 



चम्पा भाभी ने तो कल ही आँगन में न टॉप खोल के मेरे उभार सहलाये दुलराये थे , बल्कि चूसे भी थे , इसलिए , और आज बसंती ने भी , ... 





मैंने आँख खोलीं थी बसंती ने जहाँ दांत के निशान थे वहीँ ऊँगली से छुआ ,सहलाया और फिर हलके से अपने नाखून गड़ाते छेड़ा ,



" थोड़ी सी मेंहदी यहां पे , ... " 



मैं बस मुस्करा दी ,और बंसती की शरारती उँगलियों का असर हुआ , मेरी चूंचियां पथराने लगीं , निपल्स कड़े होने लगे। 



चंपा भाभी ने अपनी शैतान आँखों से बसंती को इशारा किया , फिर तो बसंती ने अंगूठे और तर्जनी के बीच पकड़ के जिस तरह से मेरे निपल्स रोल किये , मैं मान गयी चंपा भाभी से भी दस हाथ आगे थी। मस्ती से मेरी आँखे मूंदने लगी , निपल खड़े होने लगे। कुछ ही देर में मैं सिसकियाँ भरने लगी। मेरी चुनमुनिया भी फड़कने लगी ,गीली होने लगी। 



एक निपल बंसती की उँगलियों के बीच था और दूसरा जोबन उसकी मुट्ठी में , पहले हलके हलके सहलाती रही फिर कस कस के रगड़ना मसलना चालू कर दिया। 


और जब कुछ देर बाद मुझे कुछ निपल्स पर ठंडा लगा मैंने आँखे खोल दी ,


[Image: sixteen-menhadi1.jpg]






मेंहदी बसंती ने मेरे खड़े निपल पे अच्छी तरह थोप दी थी , पूरा खड़ा कड़ा निपल मेहंदी से ढका था , और फिर मेंहदी से मेरे उरोज पे खूब बारीक डिजाइन ,


उसका बस चलता तो मेरी चनमुनिया को भी वो नहीं छोड़ती , लेकिन गनीमत थी की भाभी ने उसे अंदर बुला लिया लेकिन उसके पहले मेरी नाभी पे एक छोटा सा टैटू की तरह,

गनीमत था उभारों पे उसने बस हलकी सी मेंहदी लगायी थी जो जल्दी सूख गयीऔर छूट भी गयी लेकिन रची अच्छी तरह थी।



चन्दा के इंतेजार में देर हो गयी थी। कामिनी भाभी भी आयीं थी। मेहंदी सूख गयी थी और बसंती उसे छुड़ा रही थी। 


कामिनी भाभी ने बसंती से कहा- “मेहंदी तो खूब रच रही है, ननद रानी के हाथ में, बहुत अच्छी लगायी है तुमने…” 
वो हँसकर बोली- “इसलिये कि जब ये गांव के लड़कों का पकड़ें तो उन्हें अच्छा लगे…”



[Image: menahdi-henna-tattoo-ideas-chest-henna-d...est.md.jpg]




[Image: menhadi-leg.md.jpg]
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 23-03-2019, 01:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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