09-01-2021, 11:40 AM
डॉली: आपने ऐसी आदत डाल दी है कि बिना करवाए नींद नहीं आती है। चलो कपड़े उतारो। मैं भी उतारती हूँ। ये कहते हुए इसने नायटी उतार दी और फिर ब्रा खोलकर बाथरूम से फ़्रेश होकर आयी। जब वह बाहर आयी तो जय भी पूरा नंगा खड़ा था और वह भी बाथरूम में घुसकर फ़्रेश होकर वापस आया।
डॉली ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगी । वह भी मज़े से उसकी चूचियाँ दबाकर मस्त होने लगा। फिर डॉली उसकी छाती को चूमते हुए उसके पेट को चुमी और फिर वह उसके नाभि में जीभ डालकर उसके लौड़े को सहलाने लगी। फिर नीचे जाकर वह उसके लौंडे को चूसने लगी। उसका लौड़ा अब पूरी तरह से तन गया था। डॉली अब उसके लौड़े पर वैसे ही अपनी बुर रख कर बैठी जैसे मम्मी पापाजी के लौड़े पर बैठी थी। अब वह अपनी कमर उछाल कर चुदवाने लगी। जय भी उसकी हिलती हुई चूचियाँ दबाने लगा।
अचानक डॉली ने अपना हाथ जय के हाथ पर रखा जो कि उसकी छाती पर था। फिर वह बोली : जय, आज मेरे पीछे ऊँगली करो ना। जैसे पहले कभी कभी करते थे।
जय: पर तुम तो हमेशा मेरा हाथ वहाँ से हटा देती थी तो आज क्या हो गया?
डॉली: हाँ पर आज मेरी इच्छा हो रही है। करो ना। लाओ मैं आपकी ऊँगली गीली कर देती हूँ। यह कहकर डॉली ने जय की एक ऊँगली मुँह में लेकर चूसी और उसमें थूक लगा दी ।
जय अब उसकी गाँड़ ने उस उँगली को अंदर डाल दिया। डॉली की चीख़ निकल गयी। वह बोली: उइइइइइ माँ जलन हो रही है।
जय ऊँगली निकाल कर बोला: वो तेल उठाना ज़रा। डॉली ने उसे चुदाई करते हुए तेल पकड़ा दिया। अब जय अपने ऊँगली में तेल लगाया और फिर से उसकी गाँड़ में ऊँगली डाला। अबके डॉली हाऽऽऽय्य कर उठी। इसमें सच में बहुत मज़ा आ रहा था। वह बोली: उफ़्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है। आप ऐसे ही ऊँगली करते रहिए। अब वह और ज़ोर ज़ोर से अपनी गाँड़ हिलाकर चुदवाने लगी। जल्दी ही वह लम्बे धक्के मारने लगी। नीचे से जय भी अपनी कमर उछालकर उसकी बुर में लौड़ा जड़ तक पेल रहा था। फिर दोनों आऽऽऽहहह करके झड़ने लगे और एक दूसरे से चिपक गए।
जय ने उसकी गाँड़ से ऊँगली निकाली और उसे सूँघने लगा और बोला: उफ़्फ़ क्या मस्त गंध है तेरी गाँड़ की।
डॉली ने उसको एक चपत मारी और कहा: छी कुछ भी करते है आप। जाओ हाथ धो के आओ।
जय हँसते हुए बाथरूम चला गया। डॉली वहीं नंगी लेटी हुई पिछले कुछ घण्टों में आए ख़ुद के बदलाव के बारे में सोचने लगी। उसने अपनी टाँग उठाई और अपनी बुर और गाँड़ पर हाथ फेरकर सोची कि सच में मुझे कुछ होने लगा है। जय बाथरूम से बाहर आया तो वो भी फ़्रेश होकर वापस आइ और जय के साथ नंगी ही लिपट कर सोने लगी।
तभी पता नहीं उसे क्या हुआ कि वो जय को बोली: वो आपका ख़ास दोस्त असलम आजकल आपसे बात करता है क्या?
जय चौंक कर बोला: अरे आज उसकी कैसे याद आ गयी? हाँ करता है बल्कि वह तो तुमको मिलने की भी बात करता है। वह तो हम दोनों को खाने पर भी बुला रहा है।
डॉली: खाने पर जाएँगे तो वह बीवियों की अदला बदली की बात तो नहीं करेगा?
जय: करना तो नहीं चाहिए। पर अगर वह तुमको पसंद आ गया तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं होगा। वो हँसने लगा।
डॉली: आपको भला क्यों ऐतराज़ होगा। आपको भी तो काजल मिल जाएगी मज़े करने के लिए।
फिर दोनों हँसने लगे और एक दूसरे को चूम कर सोने की कोशिश करने लगे। जय सोच रहा था कि डॉली में अचानक आए इस परिवर्तन की वजह क्या है? आज वो गाँड़ में ऊँगली डलवायी और अब असलम की बात , वो भी इस समय? कुछ तो बात है। वो सोचते हुए सो गया। डॉली भी सोच रही थी कि उसे अचानक से आज असलम क्यों याद आ गया? वो तो कभी भी दूसरे मर्द से चुदवाने का कभी सोची ही नहीं। यह सब सोचते हुए वह भी सो गयी।
समाप्त |
डॉली ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगी । वह भी मज़े से उसकी चूचियाँ दबाकर मस्त होने लगा। फिर डॉली उसकी छाती को चूमते हुए उसके पेट को चुमी और फिर वह उसके नाभि में जीभ डालकर उसके लौड़े को सहलाने लगी। फिर नीचे जाकर वह उसके लौंडे को चूसने लगी। उसका लौड़ा अब पूरी तरह से तन गया था। डॉली अब उसके लौड़े पर वैसे ही अपनी बुर रख कर बैठी जैसे मम्मी पापाजी के लौड़े पर बैठी थी। अब वह अपनी कमर उछाल कर चुदवाने लगी। जय भी उसकी हिलती हुई चूचियाँ दबाने लगा।
अचानक डॉली ने अपना हाथ जय के हाथ पर रखा जो कि उसकी छाती पर था। फिर वह बोली : जय, आज मेरे पीछे ऊँगली करो ना। जैसे पहले कभी कभी करते थे।
जय: पर तुम तो हमेशा मेरा हाथ वहाँ से हटा देती थी तो आज क्या हो गया?
डॉली: हाँ पर आज मेरी इच्छा हो रही है। करो ना। लाओ मैं आपकी ऊँगली गीली कर देती हूँ। यह कहकर डॉली ने जय की एक ऊँगली मुँह में लेकर चूसी और उसमें थूक लगा दी ।
जय अब उसकी गाँड़ ने उस उँगली को अंदर डाल दिया। डॉली की चीख़ निकल गयी। वह बोली: उइइइइइ माँ जलन हो रही है।
जय ऊँगली निकाल कर बोला: वो तेल उठाना ज़रा। डॉली ने उसे चुदाई करते हुए तेल पकड़ा दिया। अब जय अपने ऊँगली में तेल लगाया और फिर से उसकी गाँड़ में ऊँगली डाला। अबके डॉली हाऽऽऽय्य कर उठी। इसमें सच में बहुत मज़ा आ रहा था। वह बोली: उफ़्फ़ बहुत मज़ा आ रहा है। आप ऐसे ही ऊँगली करते रहिए। अब वह और ज़ोर ज़ोर से अपनी गाँड़ हिलाकर चुदवाने लगी। जल्दी ही वह लम्बे धक्के मारने लगी। नीचे से जय भी अपनी कमर उछालकर उसकी बुर में लौड़ा जड़ तक पेल रहा था। फिर दोनों आऽऽऽहहह करके झड़ने लगे और एक दूसरे से चिपक गए।
जय ने उसकी गाँड़ से ऊँगली निकाली और उसे सूँघने लगा और बोला: उफ़्फ़ क्या मस्त गंध है तेरी गाँड़ की।
डॉली ने उसको एक चपत मारी और कहा: छी कुछ भी करते है आप। जाओ हाथ धो के आओ।
जय हँसते हुए बाथरूम चला गया। डॉली वहीं नंगी लेटी हुई पिछले कुछ घण्टों में आए ख़ुद के बदलाव के बारे में सोचने लगी। उसने अपनी टाँग उठाई और अपनी बुर और गाँड़ पर हाथ फेरकर सोची कि सच में मुझे कुछ होने लगा है। जय बाथरूम से बाहर आया तो वो भी फ़्रेश होकर वापस आइ और जय के साथ नंगी ही लिपट कर सोने लगी।
तभी पता नहीं उसे क्या हुआ कि वो जय को बोली: वो आपका ख़ास दोस्त असलम आजकल आपसे बात करता है क्या?
जय चौंक कर बोला: अरे आज उसकी कैसे याद आ गयी? हाँ करता है बल्कि वह तो तुमको मिलने की भी बात करता है। वह तो हम दोनों को खाने पर भी बुला रहा है।
डॉली: खाने पर जाएँगे तो वह बीवियों की अदला बदली की बात तो नहीं करेगा?
जय: करना तो नहीं चाहिए। पर अगर वह तुमको पसंद आ गया तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं होगा। वो हँसने लगा।
डॉली: आपको भला क्यों ऐतराज़ होगा। आपको भी तो काजल मिल जाएगी मज़े करने के लिए।
फिर दोनों हँसने लगे और एक दूसरे को चूम कर सोने की कोशिश करने लगे। जय सोच रहा था कि डॉली में अचानक आए इस परिवर्तन की वजह क्या है? आज वो गाँड़ में ऊँगली डलवायी और अब असलम की बात , वो भी इस समय? कुछ तो बात है। वो सोचते हुए सो गया। डॉली भी सोच रही थी कि उसे अचानक से आज असलम क्यों याद आ गया? वो तो कभी भी दूसरे मर्द से चुदवाने का कभी सोची ही नहीं। यह सब सोचते हुए वह भी सो गयी।
समाप्त |