08-01-2021, 09:56 PM
वह वापस सोफ़े पर बैठा और शशी को ज़मीन में बिठाया और वह उसकी जाँघों के बीच आके उसका मोटा लौड़ा चूसने लगी। थोड़ी देर बाद वह शशी को सोफ़े पर उलटा लिटाया और उसकी साड़ी और पेटिकोट को एक साथ ऊपर चढ़ाया और उसके नंगे चूतरों को दबाकर उसको सोफ़े के किनारे पर लाया और उसकी कमर को पकड़कर उसकी टाँगे फैलाकर उसकी बुर में पीछे से अपना लौड़ा पेल दिया। वो अब उसे चौपाया बनाकर बुरी तरह से चोदने लगा। उसने आँखें बन्द की और रश्मि के चेहरे को याद किया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा।
शशी की चीख़ें निकलने लगी और वह आऽऽऽऽहहह मरीइइइइइइओइ उइइइइइइइ कहकर मज़े से चुदवाने लगी। जल्दी ही शशी झड़ने लगी। अब उसने रस से सना अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसने उसपर थूक लगाया और ऊँगली में ढेर सारा थूक लेकर उसकी गाँड़ में दो ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा। शशी चीख़ी :आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जलन हो रही है।
पर आज तो राज कुछ भी सुनने को जैसे तैयार नहीं था । वह सामने पड़ी क्रीम की शीशी से क्रीम निकाला और शशी की गाँड़ में लगाया और अपने लौड़े पर भी मला और फिर उसकी गाँड़ में अपने लौड़े का सुपाड़ा अंदर करने लगा।
शशी चिल्लाई: आऽऽऽऽंह दर्द हो रहा है।
पर राज आज कुछ अलग ही मूड में था। उसने आधा लौड़ा एक धक्के में ही अंदर कर दिया। और अगले धक्के में पूरा लौड़ा आँड तक पेल दिया।
अब वह शशी की गाँड़ को ज़बरदस्त तरीक़े से चोदने लगा। कमरा ठप ठप की आवाज़ों से और शशी की हाय्य्यय उइइओओइओओ मरीइइइइइइइ गूँजने लगा।
जल्दी ही शशी भी मज़े में आ गयी और अपने चूतरों को पीछे दबाके पूरा मज़ा लेने लगी। अब राज ने अपनी चुदाई की गति बढ़ाई और वह आऽऽहहहह ह्म्म्म्म्म्म करके झड़ने लगा। उसने नीचे हाथ बढ़ाकर शशी की बुर में भी तीन ऊँगली डाली और उसकी clit को भी रगड़ा। शशी भी उइइइइइइइओ माँआऽऽऽऽऽऽ कहकर झड़ गयी। अब राज उसके अंदर से अपना लौड़ा निकाला और बाथरूम में जाकर सफ़ाई करके बाहर आकर नंगा ही सोफ़े पर बैठा। शशी भी बाथरूम से आयी और उसंके पास बैठ गयी।
इतनी बुरी तरह से चोद रहे थे
शशी: आज आपको क्या हो गया था? इतनी बुरी तरह से चोद रहे थे?
राज: बस ऐसे ही , सुबह से रश्मि ने बहुत गरम कर दिया था। वैसे तुम्हारी गाँड़ बहुत मस्त है। दुःख रही होगी ना?
शशी: नहीं दुखेगी? पूरी फाड़ दी है आपने। ख़ून भी आ गया है।
राज: क्या करूँ? इतनी सुंदर दिख रही थी कि रहा नहीं गया और पेल दिया। पर बहुत मज़ा आया । और हाँ मज़ा तो तुमको भी आया क्योंकि चूतड़ दबाकर पूरा लौड़ा निगल रही थी तुम भी।
शशी: जी मज़ा तो आया पर अब दुःख रही है।
राज उठा और एक मलहम लेकर आया और बोला: चलो साड़ी उठाओ मैं ये मलहम लग देता हूँ। जब मैं पायल याने अपनी बीवी की गाँड़ मारता था तब भी ये क्रीम लगा देता था।
शशी उठी और अपनी साड़ी उठायी और अपने चूतरों को उसके सामने करके आगे को झुकी और अपने चूतरों को फैला दी। उसकी बुरी तरह से लाल गाँड़ का छेद उसके सामने था । उसने छेद को फैलाकर उसकी गाँड़ में उँगली से क्रीम डाली और बाद में उसके छेद के ऊपर भी क्रीम लगा दिया। शशी: आह अब आराम मिल रहा है। ये कहकर उसने अपनी साड़ी नीचे गिरा दी।
अब वह बाथरूम जाकर हाथ धोया और फिर जाकर लेट गया और रश्मि के बदन की ख़ुशबू को याद करते हुए सो गया।
शाम को उसने रश्मि को sms किया: हाई , क्या हो रहा है?
रश्मि का जवाब थोड़ी देर से आया: बस सगाई की प्लानिंग।
राज: हम्म और मुझे मिस कर रही हो?
रश्मि: आप मिस कर रहे हैं क्या?
राज: बहुत ज़्यादा मिस कर रहा हूँ।
रश्मि: मैं भी मिस कर रही हूँ।
राज: अच्छा मैं तुमको कैसा लगता हूँ?
रश्मि: अच्छे लगते हैं।
राज: मेरा क्या अच्छा लगता है?
रश्मि: आपकी बातें और आपका अपनापन दिखाना।
राज: बस और कुछ नहीं?
रश्मि: और अभी देखा ही क्या है अभी तक?
राज: तुम मौक़ा तो दो, और सब भी दिखा देंगे।
रश्मि: छी , कैसी बातें कर रहे हैं? कुछ तो उम्र का लिहाज़ कीजिए।
राज: उम्र का क्या हुआ? ना मैं अभी बूढ़ा हुआ हूँ और तुम तो अभी बिलकुल जवान ही धरी हो।
रश्मि: मेरी बेटी जवान हो गयी है और आपका बेटा भी जवान हो गया है और आप मुझे जवान कह रहे हैं?
राज: ज़रा शीशे में देखो क्या मस्त जवान हो तुम। तुम्हारे सामने तो आज की जवान लड़कियाँ भी पानी भरेंगी।
रश्मि: आप भी मुझे शर्मिंदा करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते।
राज: मैं सही कह रहा हूँ। तुम्हारे सामने तो अब क्या बोलूँ? तुम बुरा मान जाओगी।
रश्मि: नहीं मानूँगी, बोलिए क्या बोलना है?
राज: तुम डॉली से भी ज़्यादा हसीन हो जानेमन। रश्मि इस सम्बोधन से चौंकी और लिखी: अच्छा अब रखती हूँ।
राज: नाराज़ हो गयी क्या?
रश्मि: अब आप माँ बेटी में तुलना कर रहे हो, तो क्या कहूँ?
राज: अच्छा चलो जाने दो, ये बताओ अब कब मिलना होगा?
रश्मि: अभी तो कुछ पक्का नहीं है। देखिए कब भाग्य मिलाता है हमें।
राज: ठीक है , इंतज़ार रहेगा। बाई ।
रश्मि: बाई।
राज ने सोचा कि गाड़ी सही लाइन पर है।
अगले कुछ दिन राज ने पूरा दिन सगाई की प्लानिंग में लगाया। वह चाहता था कि पूरा फ़ंक्शन बढ़िया से हो। रश्मि से वह sms के द्वारा बात करते रहता था। तभी अमित का एक दिन फ़ोन आया कि वह राज के शहर आ रहा है ताकि सारी बातें सगाई की अच्छी तरह से हो जाएँ। रश्मि नहीं आ रही है ये जान कर वह काफ़ी निराश हुआ।
अगले दिन अमित आया और दिन भर दोनों सगाई की तैयारीयों का जायज़ा लिया और फिर दोपहर को खाना एक रेस्तराँ में खाया। राज ने बीयर ऑर्डर की तो अमित बोला किमैं तो जिन पियूँगा। राज बीयर और अमित जिन पीने लगा। जल्दी ही अमित को चढ़ गयी।
राज ने सोचा कि इससे नशे की हालत में रश्मि की कुछ बातें की जाएँ।
राज: अमित भाई ये तो बताओ कि रश्मि इस उम्र में भी इतनी सुंदर कैसे है?
अमित थोड़े से सरूर में आकर: पता नहीं यार, मगर भगवान उसपर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान हैं। देखो ना इस उम्र में भी क्या क़यामत लगती है।
राज: वही तो देखा जाए तो इस उम्र में औरतें मोटी और बेडौल हो जाती हैं, पर वह तो अभी भी मस्त फ़िगर मेंटेंन की है।
अमित: हाँ भाई सच है अभी भी मस्ती से भरी हुई लगती है।
राज: एक बात पूँछुँ बुरा तो नहीं मानोगे?
अमित नशे में : पूछो यार अब तो हम दोस्त हो गए।
राज: वो विधवा है और तुम दोनों एक ही घर में रहते हो। तुम्हारा ईमान नहीं डोलता ?
वह जान बूझकर पूछा हालाँकि उसको तो पता था कि वो रश्मि की चुदाई करता रहता है।
अमित झूमते हुए : अब यार तुमसे क्या छपाऊँ, सच तो ये है जब मेरा भाई इसको ब्याह के लाया था तभी से मैं उसका दीवाना हो गया था।
राज: ओह तो क्या तुम उसकी इसके पति के जीते जी ही पटा चुके थे।
अमित: हाँ यार , मेरी बीवी बीमार रहती थी और जवानी का मज़ा नहीं देती थी। और मेरा छोटा भाई भी इसे ज़्यादा सुख नहीं दे पाता था। सो ये मुझसे जल्दी ही आसानी से पट गयी। सच तो ये है कि डॉली मेरी ही बेटी है।
राज उसका मुँह देखता रह गया।
राज: ओह ये बात है। तो क्या अभी भी तुम उसको चो- मतलब करते हो?
अमित: हाँ यार पर सबसे छुपाकर। मगर मुझे शक है कि घर में सबको पता है और सब चुप रहते हैं। पर हम अभी भी खूल्लम ख़ूल्ला कभी नहीं करते।
राज: यार तुम तो बहुत लकी हो ।
अमित: लगता है कि तुमको भी पसंद है वो। है ना? मैंने तुमको उसे कई बार घूरते देखा है।
राज: हाँ यार सच में बोम्ब है वो, मेरी नींद ही उड़ा दी है उसने।
अमित: तुम चाहो तो उसे पटा सकते हो?
राज: वो कैसे?
अमित: देखो अभी हमें पैसों की बहुत ज़रूरत है अगर तुम इस समय उसकी मदद कर दोगे तो वह तुम्हारे सामने समर्पण कर देगी।
राज: ओह ऐसा क्या?
अमित: वो इस समय ज़ेवरों को लेकर बहुत चिंतित है। तुम इसमे उसकी मदद कर सकते हो।
राज: अरे ये तो बहुत ही सिम्पल सी बात है। मैं अपनी बीवी के ज़ेवर पोलिश करवा के उसे दे दूँगा और वो उसे मेरी बहु को दे देगी। इस तरह घर का माल घर में वापस आ जाएगा। और सबकी इज़्ज़त भी रह जाएगी।
अमित: वाह क्या सुझाव है। वो तो तुम्हारे अहसान तले दब ही जाएगी। तुम उससे मज़े कर लेना।
राज: तुमको बुरा तो नहीं लगेगा।
अमित: यार इसमें बुरा लगने की क्या बात है? यार औरत होती है चुदाई के लिए। तुमसे भी चूद जाएगी तो क्या उसकी बुर घिस जाएगी?
राज: आऽऽह यार तुमने तो मस्त कर दिया। अभी उसे फ़ोन लगाऊँ क्या?
अमित: लगाओ इसमे क्या प्रॉब्लम है।
राज रश्मि को फ़ोन लगाया।
रश्मि: हाय ।
राज: हाय कैसी हो?
रश्मि: ठीक हूँ।
अमित ने इशारा किया कि स्पीकर मोड में डालो और मेरे बारे में यहाँ होने की बात ना करो। ये कहते हुए उसने आँख मारी।
राज: क्या कर रही हो? अमित बोल रहा था कि तुम सगाई की तैयारी में लगी हो।
रश्मि: हाँ बहुत काम है अभी। अमित भाई सांब चले गए क्या वापस?
राज ने आँख मारते हुए कहा: हाँ वो वापस चले गए। वो बता रहे थे कि तुम ज़ेवरों के लिए बहुत परेशान हो?
रश्मि: वो क्या है ना मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि बहुत महँगे ज़ेवर ख़रीद सकूँ तो थोड़ी सी परेशान हूँ।
राज: अरे इसमे परेशानी की क्या बात है। तुम ऐसा करो कि कल यहाँ आ जाओ और मेरी बीवी के ज़ेवर पसंद कर लो। तुम उनको ही अपनी बेटी को दे देना। वह आख़िर मेरे घर में वापस आ जाएँगे। मुझे पैसे का कोई लालच नहीं है। मुझे तो बस अपने बेटे की ख़ुशी के लिए डॉली जैसी प्यारी बहु चाहिए।
रश्मि: ये क्या कह रहे हैं आप । क्या आप सच में ऐसा करेंगे? मेरी तो सारी परेशानी ही दूर हो जाएगी।
राज: अरे मैं यही तो चाहता हूँ कि तुम्हारी सारी परेशानी दूर हो जाए। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। और तुमको परेशान नहीं देख सकता।
अमित मुस्कुराया और आँख मारी।
रश्मि: तो मैं कब आऊँ?
राज : अरे कल ही आ जाओ और ज़ेवर पसंद कर लो तो मैं उनको पोलिश करवा दूँगा।
रश्मि: ठीक है मैं कल अमित भाई सांब के साथ आ जाऊँगी।
राज : अरे वो तो अभी वापस गया है क्या फिर से कल वापस आ पाएगा?
रश्मि: ओह हाँ देखिए मैं उनको बोलूँगी आ सके तो बढ़िया वरना अकेली ही आ जाऊँगी।
राज: तुम मुझे बता देना तो मैं तुमको लेने बस अड्डे आ जाऊँगा। बस एक रिक्वेस्ट है।
रश्मि: बोलिए ना ?
राज: कल आप काली साड़ी और स्लीव्लेस ब्लाउस में आओगी।
रश्मि: आप भी ना , मुझे हमेशा हेरोयन की तरह सजने को कहते रहते हैं।
राज: क्या करूँ? दिल से मजबूर हूँ ना। आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
रश्मि: भाई सांब आप भी ना ।
राज: एक बात बोलूँ अमित बहुत लकी है जो हमेशा तुम्हारे साथ रहता है। मुझे तो उससे जलन हो रही है।
रश्मि हड़बड़ाकर : उन्होंने ऐसा कुछ कहा क्या?
राज: क्या कहा? किस बारे में पूछ रही हो?
रश्मि: वो कुछ नहीं।
अमित मुस्कुराया और फिर आँख मारी।
राज: एक बात पूछूँ ? बुरा ना मानो तो?
रश्मि: पूछिए।
राज: देखो तुम्हारे पति के जाने के बाद अमित तुम्हारा बहुत ख़याल रखता है । वह तुमको बहुत घूरता भी है। तुम दोनों में कुछ चल रहा है क्या?
रश्मि: क्या भाई सांब , आप भी, ऐसा कुछ नहीं है। वो मेरे जेठ जी हैं।
अमित फिर से मुस्कुराया।
राज: अच्छा चलो छोड़ो ये सब ,कल मिलते है। हाँ काली साड़ी याद रखना।
रश्मि हँसते हुए : ठीक है काली साड़ी ही पहनूँगी। बाई।
राज: बाई ड़ीयर । उसने फ़ोन काट दिया।
अमित: अरे अपने मुँह से थोड़े मानेगी। वह बहुत तेज़ औरत है।
राज: चुदाई में मज़ा देती है?
अमित: अरे बहुत मज़ा देती है। वह बहुत प्यासी औरत है। पटा लो और ठोको।
राज: देखो कल क्या होता है? वैसे तुम वापस आओगे क्या उसके साथ?
अमित: अरे नहीं। तुम मज़े लो। मैं आऊँगा तो तुम्हारा काम बिगड़ जाएगा।
राज : थैंक्स यार।
अमित: अब वापस जाता हूँ।
राज: चलो तुमको बस अड्डे छोड़ देता हूँ।
राज उसे छोड़कर घर जाते हुए सोचने लगा कि कल देखो रश्मि का बैंड बजता है कि नहीं।
सुबह शशी के हाथ की चाय पीते हुए राज पूछा: शशी तुम्हारा पिरीयड कब आता है?
शशी: जी अगले चार पाँच दिन में आ जाना चाहिए।
राज मुस्कुराया: इस बार नहीं आएगा। मुझे पक्का विश्वास है कि तुम गर्भ से हो जाओगी।
शशी ख़ुशी से उसकी गोद में बैठ कर उसको चूम ली और बोली: बस राजा आपकी बात सच हो जाए तो मेरा जीवन ही सँवर जाएगा।
राज: उसकी चूचि दबाते हुए बोला: अच्छा अपने पति से भी चुदवाती रहती हो कि नहीं?
शशी मुँह बना कर: हाँ वह भी तीन चार दिन में एक बार कर ही लेता है पर पाँच मिनट में आहह्ह करके साला खलास हो जाता है।
राज: चलो ना मैं तो तुमको एक एक घंटे रगड़ता ही हूँ ना। वो चोदे या ना चोदे क्या फ़र्क़ पड़ता है।
तभी रश्मि का sms आया: अभी बात कर सकती हूँ?
राज ने शशी की बुर को सलवार के ऊपर से दबाकर आँख मारकर कहा: समधन से बात करूँगा।
शशी: हमको भी सुनना है प्लीज़।
राज ने फ़ोन लगाया और स्पीकर मोड में डाल दिया। शशी की सलवार का नाड़ा खोला और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी बुर को सहलाते हुए बोला: हाय रश्मि कैसी हो?
रश्मि : मैं ठीक हूँ, आपको ये बताना था कि अमित भाई सांब तो मना कर दिए आने के लिए। अब मैं अकेली ही आऊँगी ।
राज ने शशी की बुर में दो ऊँगली डाली और बोला: कितने बजे तक आ जाओगी?
रश्मि: मैं क़रीब ११ बजे तक तो आ ही जाऊँगी। मैं आपको फ़ोन कर दूँगी बस अड्डे से।
राज: नहीं, तुम मुझे पहले फ़ोन कर देना, ताकि तुम्हें बस अड्डे पर इंतज़ार ना करना पड़े।
फिर राज ने उसके बुर से उँगलियाँ निकाली और उनको चाट लिया। शशी ने उसके हाथ में हाथ मारा और कान में कहा: छी क्या गंदे आदमी हो।
रश्मि: ठीक है भाई सांब।
शशी की चूचि दबाते हुए राज बोला: वो काली साड़ी याद है ना और स्लीव्लेस ब्लाउस भी। तुम्हें इस रूप में देखने की बहुत इच्छा है।
रश्मि: अब मैं आपको क्या बोलूँ, साड़ी तो है पर ब्लाउस चार साल पुराना है छोटा हो गया है। उसमें साँस रुक रही है। समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूँ।
राज: अरे ये समस्या तो सरिता को भी आती थी, हर दो साल में उसका बदन भर जाता था और ब्लाउस यहाँ तक की ब्रा भी छोटी हो जाती थी। वो इसका दोष मुझे देती थी हा हा कहती थी कि मैंने दबा दबा कर बड़ा कर दिया, हा हा । बहुत मज़ाक़िया थी वो।
बातों बातों में राज कमीनेपन पर उतर आया था।
रश्मि: क्या भाई सांब कैसी बातें कर रहे हैं वह भी स्वर्गीय भाभी जी के बारे में।
राज: अरे वही तो, फिर वह ब्लाउस की सिलाई खोल लेती थी और फिर से सिल लेती थी ढीला करके। पर ब्रा तो नई लाता था मैं बड़े साइज़ की, हा हा।
शशी उसको देखते हुए फुसफुसाई : बहुत कमीने साहब हो आप।
रश्मि: आप भी ना कुछ भी बोले जा रहे हैं। मैं समझ गयी कि मुझे क्या करना है। अच्छा अब रखती हूँ, बाई।
राज : ठीक है मिलते हैं। बाई।
अब फ़ोन काटकर वह शशी को बोला: आज रश्मि आ रही है क़रीब १२ बजे। मैं चाहता हूँ कि तुम अपना काम करके खाना लगा कर ११:३० बजे तक चले जाना।
शशी: तो आज समधन की चुदाई का प्लान है, है ना?
राज: सही सोचा तुमने, कोशिश तो करूँगा ही। अब चुदाई होगी या नहीं यह तो रश्मि पर निर्भर है।
शशी: ठीक है मैं जल्दी चली जाऊँगी आप मज़े करना। वह यह कहकर उसकी गोद से उठी और किचन में जाने लगी।
राज: शशी आज तुमको नहीं चोदूंग़ा । मैं चाहता हूँ कि अपना माल बचा कर रखूँ रश्मि के लिए।
शशी हंस कर बोली: कहीं उसको भी प्रेगनेंट मत कर देना?
राज: हा हा नहीं अब इस उम्र में क्या होगा उसका?
फिर वह नहाने चला गया। थोड़ी देर बाद जय भी उठकर आया और शशी ने उसे भी चाय दी।
राज: आज तुम्हारी सास आ रही है।
जय: हाँ डॉली का SMS आया है अभी। क्यों आ रहीं हैं?
राज: सगाई के बारे में कुछ बात करनी है उसने।
जय: ओह तो क्या मेरा होना भी ज़रूरी है?
राज: अरे नहीं बेटा तुम उसमें क्या करोगे? वैसे मैं उनको तुमसे मिलवाने दुकान में ले आऊँगा ।
जय: ठीक है पापा अब मैं नहा लेता हूँ।
फिर बाद में दोनों नाश्ता किया और जय दुकान चला गया। शशी भी खाना बनाने लगी।
राज ने अपने बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया और तिजोरी से हीरे के तीन सेट निकाले और कुछ सोने के भी निकाले । फिर वह उनको देखकर सोचने लगा कि रश्मि पर कौन सा ear ring अच्छा लगेगा। फिर उसने एक हीरे का कान का झुमका पसंद किया। अब वह तैयार था रश्मि का दिल जीतने के लिए।
राज ने आज एक बढ़िया टी शर्ट और जींस पहनी और सेंट लगाकर स्पोर्ट्स शू पहने। आज वह रश्मि को पटाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ना चाहता था।
शशी जा चुकी थी और वह अब तैयार था तभी रश्मि का फ़ोन आया : मैं बस अड्डे पहुँचनी वाली हूँ।
राज: बस मैं अभी दस मिनट मे पहुँच रहा हूँ।
राज की कार जब बस अड्डे पहुँची तो बस अभी आइ नहीं थी।
वह इंतज़ार कर रहा था तभी बस आयी और फिर उसमें से रश्मि उतरी काली साड़ी में। आह क्या जँच रही थी। उसका गोरा दूधिया बदन मस्त दिख रहा था काली साड़ी में। कसी साड़ी में छातियों का उभार पहाड़ सा दिख रहा था। जब वह पास आइ तो पारदर्शी साड़ी से उसका गोरा पेट और गहरी नाभि देखकर राज का लौड़ा झटके मार उठा।
तभी एक स्कूटर उसके पास आकर हॉर्न बजाया और वह पलटी उससे दूर होने के लिए और राज की तो जैसे साँस ही रुक गयी। क्या मस्त बड़े बड़े गोल गोल चूतड़ थे। बहुत ही आकर्षक दिख रहे थे।टाइट पहनी साड़ी से पैंटी की लकीरें भी साफ़ दिख रही थीं। अब तो उसको अपना लौड़ा पैंट में अजस्ट करना ही पड़ा।
जब वह पास आइ तो उसने हाथ जोड़कर उसे नमस्ते की और उसने भी उसके हाथ को पकड़कर कहा: नमस्ते। सफ़र में कोई परेशानी तो नहीं हुई?
रश्मि: दो घंटे में क्या परेशानी होगी?
राज: अरे इतनी हॉट दिख रही हो किसी ने रास्ते में तंग तो नहीं किया?
रश्मि: आप भी ना ,मेरे साथ एक महिला ही बैठी थी ।
राज : चलो तब ठीक है, अगर कोई आदमी होता तो तुमको तंग कर डालता।
रश्मि: अब चलिए यहाँ से पता नहीं क्या क्या बोले जा रहे हैं।
राज: चलो,कार वहाँ है।
फिर राज ने कार चालू की और बातें करने लगा।
राज: तो काली साड़ी पहन ही ली। थैंक्स मेरी बात रखने के लिए।
रश्मि: अब आप इतनी बार बोले थे तो आपकी बात तो रखनी ही थी।
राज उसकी ब्लाउस को देखते हुए बोला: पर वो ब्लाउस का हल कैसे निकला?
रश्मि हँसकर: वैसे ही जैसे आपने कहा था। साइड से थोड़ा ढीला करी हूँ।
राज: और ब्रा का ? अब तुम काले ब्लाउस के नीचे सफ़ेद ब्रा तो पहन नहीं सकती ना?
रश्मि शर्माकर: आप भी ना, कोई महिला से ऐसा सवाल करता है भला?
राज: फिर भी बताओ ना ?
रश्मि: डॉली के पास काली ब्रा थी वही पहनी हूँ।
राज चौंक कर: डॉली बेटी की? पर उसके तो तुमसे काफ़ी छोटे हैं ना ? उसकी ब्रा तुमको कैसे आएगी?
रश्मि: वह कोई बच्ची नहीं है २२ साल की लड़की है। मेरा और उसके साइज़ में दो नम्बर का ही अंतर है।इसलिए उसकी मुझे थोड़ी टाइट है पर काम चला ली हूँ। राज बेशर्मी से उसकी छाती को देखकर बोला: तुम्हें तो ४० की आती होगी?
रश्मि: आप भी ना, कोई ४० का साइज़ नहीं है।
राज: तो ३८ तो होगा ही, मेरी बीवी का भी यही साइज़ था।
रश्मि: अब आप सही बोल रहे हैं।
राज : इसका मतलब डॉली का भी ३६ के आसपास होगा। हालाँकि लगता नहीं उसका इतना बड़ा । तो डॉली की ब्रा भी तुमको तंग तो होगी ही ना।
रश्मि: पर मेरी पुशशी ३४ वाली से तो बेटर है।
राज: हाँ वो तो है।
रश्मि: आप डॉली की ब्रा का साइज़ भी भाँप रहे थे क्या? ये तो बड़ी ख़राब बात है।
राज: अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है। पर तुम्हारे और उसके साइज़ की तुलना की बात कर रहा था।
रश्मि: चलिए अब इस बात को ख़त्म कीजिए।
राज: मैं तुम्हें घर जाकर सरिता की ब्रा दे दूँगा वो तुमको बिलकुल फ़िट आ जाएगी। हाँ कप साइज़ थोड़ा तुम्हारा बड़ा लगता है। चलो अभी के लिए चला लेना।
और सुनाओ सगाई की तैयारियाँ कैसी चल रही है?
रश्मि: ठीक ही चल रही है। बस अमित भाई सांब काफ़ी मदद कर रहे हैं।
राज: अमित भी तुम्हारी बड़ी तारीफ़ कर रहा था।
रश्मि चौंक कर: कैसी तारीफ़?
राज: अरे ऐसे ही जैसे तुम बहुत समझदार और शांत हो वगेरह वगेरह।
रश्मि : ओह , वो भी तो बहुत अच्छे हैं।
राज: वो तो है। पर बिचारा पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत दुखी रहता है। पता नहीं उसका विवाहित जीवन कैसा होगा? उसकी बीवी को देखकर तो लगता है कि वो पता नहीं बिस्तर पर उसका साथ भी दे पाती होगी कि नहीं?
रश्मि थोड़ी सी परेशान हो गयी, वो बोली: चलिए छोड़िए ना कोई और बात करिए ना।
राज: तुम्हें तो ऐसा नहीं कहना चाहिए, क्योंकि हम तीनों की एक जैसी हालत है। तुम्हारे पति नहीं है , मेरी पत्नी नहीं रही और अमित की पत्नी होकर भी ना होने के बराबर है। सही कह रहा हूँ ना?
रश्मि: हाँ ये तो है।
राज: मुझे तो बहुत परेशानी होती है अकेले रहने में। मुझे तो औरत की कमी बहुत खलती है। पता नहीं तुम्हारा और अमित की क्या हालत है।
रश्मि: देखिए सभी को अकेलापन बुरा लगता है, पर किया क्या जाए?
राज: करने को तो बहुत कुछ किया जा सकता है, पर थोड़ी हिम्मत करनी पड़ती है।क्यों ठीक कहा ना?
रश्मि: मैं क्या कह सकती हूँ।
घर पहुँचकर राज उसे सोफ़े पर बिठाकर उसे पानी पिलाता है। फिर रश्मि: आपकी मेड शशी नहीं दिख रही है?
राज: आज उसे कुछ काम था इसलिए वो खाना बनाके जल्दी चली गयी है।
रश्मि: मैं आपके लिए चाय बना दूँ?
राज : अरे आप क्यूँ बनाएँगी? मैं आपके लिए बना देता हूँ।
रश्मि उठी और किचन की ओर जाते हुए बोली: आप बैठिए मैं बनाती हूँ। वह जब उठ कर जाने लगी तो उसकी चौड़ी मटकती गाँड़ देखकर वह पागल सा हो गया और उसके चूतरों में थोड़ी सी साड़ी भी फँस गयी थी। वह अपना लौड़ा मसलने लगा।
तभी किचन से आवाज़ आइ: भाई सांब थोड़ा आइए ना।
राज अपना लौड़ा अजस्ट करते हुए किचन में गया।
रश्मि एक चाय के डिब्बे को निकालने की कोशिश कर रही थी जो की काफ़ी ऊपर रखा था। राज उसके पीछे आकर उसके चूतरों में अपना लौड़ा सटाते हुए उस डिब्बे को निकाला और उसके बदन से आ रही मस्त गंध को सूंघकर जैसे मस्त हो गया। रश्मि ने भी उसके डंडे का अहसास किया और काँप उठी।
फिर वह चाय बना कर लाई। राज कमरे में नहीं था।
तभी वह बेडरूम से बाहर आया और उसके हाथ में एक काली ब्रा थी। वो बोला: देखो, ये ट्राई कर लो , इसमें तुम्हें आराम मिलेगा।
रश्मि लाल होकर: ओह आप भी , मुझे बड़ी शर्म आती है। ठीक है बाद में पहन लूँगी।
राज: अरे जाओ अभी बदल लो। इसने शर्म की क्या बात है।
रश्मि उठी और उसके बेडरूम में जाकर ब्रा बदल कर वापस बाहर आइ तो वह बेशर्मी से उसकी छाती को घूरते हुए बोला: हाँ अभी ठीक है। आराम मिला ना? डॉली के इतने बड़े थोड़ी है, इसी लिए उसमें तुम्हारी साँस रूकती होगी। सरिता और तुम्हारा एक साइज़ है तो आराम मिल रहा होगा। हैं ना?
रश्मि सिर झुका कर: हाँ ये ठीक है।
अब दोनों चाय पीने लगे।
रश्मि जय और उसके बिज़नेस का पूछने लगी। वो बातें करते रहे। राज को नज़र बार बार उसके उभरे हुए पेट और नाभि पर जाती थी।
राज: चलो अब तुम्हें गहने दिखाता हूँ।
वह बेडरूम की ओर चला। रश्मि थोड़ा हिचकते हुए उसके पीछे वहाँ पहुँची।
राज ने उसे बेड पर बैठने का इशारा किया और वह सेफ़ खोला और उसमें से ज़ेवर के डिब्बे निकाल कर लाया। फिर उसने सब डिब्बे खोकर बिस्तर पर फैला दिए । रश्मि की आँखें फट गयीं इतने ज़ेवर देख कर।
रश्मि: भाई सांब ये तो एक से एक बढ़िया हैं।
राज : इनमे से कौन सा डॉली बिटिया पर जँचेगा बोलो।
रश्मि: ये बहुत बढ़िया है। देखिए ।
राज: हाँ सच कह रही हो। और ये वाला तुमपर जचेंगा । ये कहते हुए उसने एक सेट उसको दिखाया।
रश्मि: मुझे कुछ नहीं चाहिए। आप मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान कर रहे हो डॉली को सेट देकर। अब मैं आपसे ये कैसे ले सकती हूँ।
राज: चलो छोड़ो ये ear rings देखो । ये तुम्हारे कान में बहुत जचेंगा।
रश्मि: मैं नहीं ले सकती।
राज: चलो मैं ही पहना देता हूँ।
यह कहकर वो उसके कान के पास आकर उसे ख़ुद पहनाने लगा। वह अब मना नहीं कर रही थी। उसकी साँसे रश्मि की साँस से टकरा रही थीं। उसकी नज़दीकियाँ उसे गरम कर रही थीं। उसका लौड़ा अब कड़ा होने लगा था। रश्मि भी गरम हो रही थी। उसकी छाती भी अब उठने बैठने लगी थी। राज को उसके बदन की मादक गंध जैसे मदहोश कर रही थी।
राज उसे रिंग्स पहना कर बोला: देखो कितनी सुंदर लग रही है तुमपर।
रश्मि ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखकर बोली: सच ने बहुत सुंदर है।
राज उसके पास आकर उसका हाथ पकड़ा और बोला: पर तुमसे ज़्यादा सुंदर नहीं है। यह मेरे तरफ़ से तुमको सगाई का गिफ़्ट है। मना मत करना।
रश्मि: पर ये तो बहुत महँगा होगा।
राज: अरे तुम्हारे सामने इसकी क्या हैसियत है।
यह कहकर उसने रश्मि को अपनी बाँहों में खिंचा और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए। रश्मि एक मिनट जे लिए चौकी पर फिर चुपचाप उसके चुम्बन को स्वीकार करने लगी। कमरा गरम हो उठा था।
शशी की चीख़ें निकलने लगी और वह आऽऽऽऽहहह मरीइइइइइइओइ उइइइइइइइ कहकर मज़े से चुदवाने लगी। जल्दी ही शशी झड़ने लगी। अब उसने रस से सना अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसने उसपर थूक लगाया और ऊँगली में ढेर सारा थूक लेकर उसकी गाँड़ में दो ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा। शशी चीख़ी :आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जलन हो रही है।
पर आज तो राज कुछ भी सुनने को जैसे तैयार नहीं था । वह सामने पड़ी क्रीम की शीशी से क्रीम निकाला और शशी की गाँड़ में लगाया और अपने लौड़े पर भी मला और फिर उसकी गाँड़ में अपने लौड़े का सुपाड़ा अंदर करने लगा।
शशी चिल्लाई: आऽऽऽऽंह दर्द हो रहा है।
पर राज आज कुछ अलग ही मूड में था। उसने आधा लौड़ा एक धक्के में ही अंदर कर दिया। और अगले धक्के में पूरा लौड़ा आँड तक पेल दिया।
अब वह शशी की गाँड़ को ज़बरदस्त तरीक़े से चोदने लगा। कमरा ठप ठप की आवाज़ों से और शशी की हाय्य्यय उइइओओइओओ मरीइइइइइइइ गूँजने लगा।
जल्दी ही शशी भी मज़े में आ गयी और अपने चूतरों को पीछे दबाके पूरा मज़ा लेने लगी। अब राज ने अपनी चुदाई की गति बढ़ाई और वह आऽऽहहहह ह्म्म्म्म्म्म करके झड़ने लगा। उसने नीचे हाथ बढ़ाकर शशी की बुर में भी तीन ऊँगली डाली और उसकी clit को भी रगड़ा। शशी भी उइइइइइइइओ माँआऽऽऽऽऽऽ कहकर झड़ गयी। अब राज उसके अंदर से अपना लौड़ा निकाला और बाथरूम में जाकर सफ़ाई करके बाहर आकर नंगा ही सोफ़े पर बैठा। शशी भी बाथरूम से आयी और उसंके पास बैठ गयी।
इतनी बुरी तरह से चोद रहे थे
शशी: आज आपको क्या हो गया था? इतनी बुरी तरह से चोद रहे थे?
राज: बस ऐसे ही , सुबह से रश्मि ने बहुत गरम कर दिया था। वैसे तुम्हारी गाँड़ बहुत मस्त है। दुःख रही होगी ना?
शशी: नहीं दुखेगी? पूरी फाड़ दी है आपने। ख़ून भी आ गया है।
राज: क्या करूँ? इतनी सुंदर दिख रही थी कि रहा नहीं गया और पेल दिया। पर बहुत मज़ा आया । और हाँ मज़ा तो तुमको भी आया क्योंकि चूतड़ दबाकर पूरा लौड़ा निगल रही थी तुम भी।
शशी: जी मज़ा तो आया पर अब दुःख रही है।
राज उठा और एक मलहम लेकर आया और बोला: चलो साड़ी उठाओ मैं ये मलहम लग देता हूँ। जब मैं पायल याने अपनी बीवी की गाँड़ मारता था तब भी ये क्रीम लगा देता था।
शशी उठी और अपनी साड़ी उठायी और अपने चूतरों को उसके सामने करके आगे को झुकी और अपने चूतरों को फैला दी। उसकी बुरी तरह से लाल गाँड़ का छेद उसके सामने था । उसने छेद को फैलाकर उसकी गाँड़ में उँगली से क्रीम डाली और बाद में उसके छेद के ऊपर भी क्रीम लगा दिया। शशी: आह अब आराम मिल रहा है। ये कहकर उसने अपनी साड़ी नीचे गिरा दी।
अब वह बाथरूम जाकर हाथ धोया और फिर जाकर लेट गया और रश्मि के बदन की ख़ुशबू को याद करते हुए सो गया।
शाम को उसने रश्मि को sms किया: हाई , क्या हो रहा है?
रश्मि का जवाब थोड़ी देर से आया: बस सगाई की प्लानिंग।
राज: हम्म और मुझे मिस कर रही हो?
रश्मि: आप मिस कर रहे हैं क्या?
राज: बहुत ज़्यादा मिस कर रहा हूँ।
रश्मि: मैं भी मिस कर रही हूँ।
राज: अच्छा मैं तुमको कैसा लगता हूँ?
रश्मि: अच्छे लगते हैं।
राज: मेरा क्या अच्छा लगता है?
रश्मि: आपकी बातें और आपका अपनापन दिखाना।
राज: बस और कुछ नहीं?
रश्मि: और अभी देखा ही क्या है अभी तक?
राज: तुम मौक़ा तो दो, और सब भी दिखा देंगे।
रश्मि: छी , कैसी बातें कर रहे हैं? कुछ तो उम्र का लिहाज़ कीजिए।
राज: उम्र का क्या हुआ? ना मैं अभी बूढ़ा हुआ हूँ और तुम तो अभी बिलकुल जवान ही धरी हो।
रश्मि: मेरी बेटी जवान हो गयी है और आपका बेटा भी जवान हो गया है और आप मुझे जवान कह रहे हैं?
राज: ज़रा शीशे में देखो क्या मस्त जवान हो तुम। तुम्हारे सामने तो आज की जवान लड़कियाँ भी पानी भरेंगी।
रश्मि: आप भी मुझे शर्मिंदा करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते।
राज: मैं सही कह रहा हूँ। तुम्हारे सामने तो अब क्या बोलूँ? तुम बुरा मान जाओगी।
रश्मि: नहीं मानूँगी, बोलिए क्या बोलना है?
राज: तुम डॉली से भी ज़्यादा हसीन हो जानेमन। रश्मि इस सम्बोधन से चौंकी और लिखी: अच्छा अब रखती हूँ।
राज: नाराज़ हो गयी क्या?
रश्मि: अब आप माँ बेटी में तुलना कर रहे हो, तो क्या कहूँ?
राज: अच्छा चलो जाने दो, ये बताओ अब कब मिलना होगा?
रश्मि: अभी तो कुछ पक्का नहीं है। देखिए कब भाग्य मिलाता है हमें।
राज: ठीक है , इंतज़ार रहेगा। बाई ।
रश्मि: बाई।
राज ने सोचा कि गाड़ी सही लाइन पर है।
अगले कुछ दिन राज ने पूरा दिन सगाई की प्लानिंग में लगाया। वह चाहता था कि पूरा फ़ंक्शन बढ़िया से हो। रश्मि से वह sms के द्वारा बात करते रहता था। तभी अमित का एक दिन फ़ोन आया कि वह राज के शहर आ रहा है ताकि सारी बातें सगाई की अच्छी तरह से हो जाएँ। रश्मि नहीं आ रही है ये जान कर वह काफ़ी निराश हुआ।
अगले दिन अमित आया और दिन भर दोनों सगाई की तैयारीयों का जायज़ा लिया और फिर दोपहर को खाना एक रेस्तराँ में खाया। राज ने बीयर ऑर्डर की तो अमित बोला किमैं तो जिन पियूँगा। राज बीयर और अमित जिन पीने लगा। जल्दी ही अमित को चढ़ गयी।
राज ने सोचा कि इससे नशे की हालत में रश्मि की कुछ बातें की जाएँ।
राज: अमित भाई ये तो बताओ कि रश्मि इस उम्र में भी इतनी सुंदर कैसे है?
अमित थोड़े से सरूर में आकर: पता नहीं यार, मगर भगवान उसपर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान हैं। देखो ना इस उम्र में भी क्या क़यामत लगती है।
राज: वही तो देखा जाए तो इस उम्र में औरतें मोटी और बेडौल हो जाती हैं, पर वह तो अभी भी मस्त फ़िगर मेंटेंन की है।
अमित: हाँ भाई सच है अभी भी मस्ती से भरी हुई लगती है।
राज: एक बात पूँछुँ बुरा तो नहीं मानोगे?
अमित नशे में : पूछो यार अब तो हम दोस्त हो गए।
राज: वो विधवा है और तुम दोनों एक ही घर में रहते हो। तुम्हारा ईमान नहीं डोलता ?
वह जान बूझकर पूछा हालाँकि उसको तो पता था कि वो रश्मि की चुदाई करता रहता है।
अमित झूमते हुए : अब यार तुमसे क्या छपाऊँ, सच तो ये है जब मेरा भाई इसको ब्याह के लाया था तभी से मैं उसका दीवाना हो गया था।
राज: ओह तो क्या तुम उसकी इसके पति के जीते जी ही पटा चुके थे।
अमित: हाँ यार , मेरी बीवी बीमार रहती थी और जवानी का मज़ा नहीं देती थी। और मेरा छोटा भाई भी इसे ज़्यादा सुख नहीं दे पाता था। सो ये मुझसे जल्दी ही आसानी से पट गयी। सच तो ये है कि डॉली मेरी ही बेटी है।
राज उसका मुँह देखता रह गया।
राज: ओह ये बात है। तो क्या अभी भी तुम उसको चो- मतलब करते हो?
अमित: हाँ यार पर सबसे छुपाकर। मगर मुझे शक है कि घर में सबको पता है और सब चुप रहते हैं। पर हम अभी भी खूल्लम ख़ूल्ला कभी नहीं करते।
राज: यार तुम तो बहुत लकी हो ।
अमित: लगता है कि तुमको भी पसंद है वो। है ना? मैंने तुमको उसे कई बार घूरते देखा है।
राज: हाँ यार सच में बोम्ब है वो, मेरी नींद ही उड़ा दी है उसने।
अमित: तुम चाहो तो उसे पटा सकते हो?
राज: वो कैसे?
अमित: देखो अभी हमें पैसों की बहुत ज़रूरत है अगर तुम इस समय उसकी मदद कर दोगे तो वह तुम्हारे सामने समर्पण कर देगी।
राज: ओह ऐसा क्या?
अमित: वो इस समय ज़ेवरों को लेकर बहुत चिंतित है। तुम इसमे उसकी मदद कर सकते हो।
राज: अरे ये तो बहुत ही सिम्पल सी बात है। मैं अपनी बीवी के ज़ेवर पोलिश करवा के उसे दे दूँगा और वो उसे मेरी बहु को दे देगी। इस तरह घर का माल घर में वापस आ जाएगा। और सबकी इज़्ज़त भी रह जाएगी।
अमित: वाह क्या सुझाव है। वो तो तुम्हारे अहसान तले दब ही जाएगी। तुम उससे मज़े कर लेना।
राज: तुमको बुरा तो नहीं लगेगा।
अमित: यार इसमें बुरा लगने की क्या बात है? यार औरत होती है चुदाई के लिए। तुमसे भी चूद जाएगी तो क्या उसकी बुर घिस जाएगी?
राज: आऽऽह यार तुमने तो मस्त कर दिया। अभी उसे फ़ोन लगाऊँ क्या?
अमित: लगाओ इसमे क्या प्रॉब्लम है।
राज रश्मि को फ़ोन लगाया।
रश्मि: हाय ।
राज: हाय कैसी हो?
रश्मि: ठीक हूँ।
अमित ने इशारा किया कि स्पीकर मोड में डालो और मेरे बारे में यहाँ होने की बात ना करो। ये कहते हुए उसने आँख मारी।
राज: क्या कर रही हो? अमित बोल रहा था कि तुम सगाई की तैयारी में लगी हो।
रश्मि: हाँ बहुत काम है अभी। अमित भाई सांब चले गए क्या वापस?
राज ने आँख मारते हुए कहा: हाँ वो वापस चले गए। वो बता रहे थे कि तुम ज़ेवरों के लिए बहुत परेशान हो?
रश्मि: वो क्या है ना मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि बहुत महँगे ज़ेवर ख़रीद सकूँ तो थोड़ी सी परेशान हूँ।
राज: अरे इसमे परेशानी की क्या बात है। तुम ऐसा करो कि कल यहाँ आ जाओ और मेरी बीवी के ज़ेवर पसंद कर लो। तुम उनको ही अपनी बेटी को दे देना। वह आख़िर मेरे घर में वापस आ जाएँगे। मुझे पैसे का कोई लालच नहीं है। मुझे तो बस अपने बेटे की ख़ुशी के लिए डॉली जैसी प्यारी बहु चाहिए।
रश्मि: ये क्या कह रहे हैं आप । क्या आप सच में ऐसा करेंगे? मेरी तो सारी परेशानी ही दूर हो जाएगी।
राज: अरे मैं यही तो चाहता हूँ कि तुम्हारी सारी परेशानी दूर हो जाए। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। और तुमको परेशान नहीं देख सकता।
अमित मुस्कुराया और आँख मारी।
रश्मि: तो मैं कब आऊँ?
राज : अरे कल ही आ जाओ और ज़ेवर पसंद कर लो तो मैं उनको पोलिश करवा दूँगा।
रश्मि: ठीक है मैं कल अमित भाई सांब के साथ आ जाऊँगी।
राज : अरे वो तो अभी वापस गया है क्या फिर से कल वापस आ पाएगा?
रश्मि: ओह हाँ देखिए मैं उनको बोलूँगी आ सके तो बढ़िया वरना अकेली ही आ जाऊँगी।
राज: तुम मुझे बता देना तो मैं तुमको लेने बस अड्डे आ जाऊँगा। बस एक रिक्वेस्ट है।
रश्मि: बोलिए ना ?
राज: कल आप काली साड़ी और स्लीव्लेस ब्लाउस में आओगी।
रश्मि: आप भी ना , मुझे हमेशा हेरोयन की तरह सजने को कहते रहते हैं।
राज: क्या करूँ? दिल से मजबूर हूँ ना। आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
रश्मि: भाई सांब आप भी ना ।
राज: एक बात बोलूँ अमित बहुत लकी है जो हमेशा तुम्हारे साथ रहता है। मुझे तो उससे जलन हो रही है।
रश्मि हड़बड़ाकर : उन्होंने ऐसा कुछ कहा क्या?
राज: क्या कहा? किस बारे में पूछ रही हो?
रश्मि: वो कुछ नहीं।
अमित मुस्कुराया और फिर आँख मारी।
राज: एक बात पूछूँ ? बुरा ना मानो तो?
रश्मि: पूछिए।
राज: देखो तुम्हारे पति के जाने के बाद अमित तुम्हारा बहुत ख़याल रखता है । वह तुमको बहुत घूरता भी है। तुम दोनों में कुछ चल रहा है क्या?
रश्मि: क्या भाई सांब , आप भी, ऐसा कुछ नहीं है। वो मेरे जेठ जी हैं।
अमित फिर से मुस्कुराया।
राज: अच्छा चलो छोड़ो ये सब ,कल मिलते है। हाँ काली साड़ी याद रखना।
रश्मि हँसते हुए : ठीक है काली साड़ी ही पहनूँगी। बाई।
राज: बाई ड़ीयर । उसने फ़ोन काट दिया।
अमित: अरे अपने मुँह से थोड़े मानेगी। वह बहुत तेज़ औरत है।
राज: चुदाई में मज़ा देती है?
अमित: अरे बहुत मज़ा देती है। वह बहुत प्यासी औरत है। पटा लो और ठोको।
राज: देखो कल क्या होता है? वैसे तुम वापस आओगे क्या उसके साथ?
अमित: अरे नहीं। तुम मज़े लो। मैं आऊँगा तो तुम्हारा काम बिगड़ जाएगा।
राज : थैंक्स यार।
अमित: अब वापस जाता हूँ।
राज: चलो तुमको बस अड्डे छोड़ देता हूँ।
राज उसे छोड़कर घर जाते हुए सोचने लगा कि कल देखो रश्मि का बैंड बजता है कि नहीं।
सुबह शशी के हाथ की चाय पीते हुए राज पूछा: शशी तुम्हारा पिरीयड कब आता है?
शशी: जी अगले चार पाँच दिन में आ जाना चाहिए।
राज मुस्कुराया: इस बार नहीं आएगा। मुझे पक्का विश्वास है कि तुम गर्भ से हो जाओगी।
शशी ख़ुशी से उसकी गोद में बैठ कर उसको चूम ली और बोली: बस राजा आपकी बात सच हो जाए तो मेरा जीवन ही सँवर जाएगा।
राज: उसकी चूचि दबाते हुए बोला: अच्छा अपने पति से भी चुदवाती रहती हो कि नहीं?
शशी मुँह बना कर: हाँ वह भी तीन चार दिन में एक बार कर ही लेता है पर पाँच मिनट में आहह्ह करके साला खलास हो जाता है।
राज: चलो ना मैं तो तुमको एक एक घंटे रगड़ता ही हूँ ना। वो चोदे या ना चोदे क्या फ़र्क़ पड़ता है।
तभी रश्मि का sms आया: अभी बात कर सकती हूँ?
राज ने शशी की बुर को सलवार के ऊपर से दबाकर आँख मारकर कहा: समधन से बात करूँगा।
शशी: हमको भी सुनना है प्लीज़।
राज ने फ़ोन लगाया और स्पीकर मोड में डाल दिया। शशी की सलवार का नाड़ा खोला और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी बुर को सहलाते हुए बोला: हाय रश्मि कैसी हो?
रश्मि : मैं ठीक हूँ, आपको ये बताना था कि अमित भाई सांब तो मना कर दिए आने के लिए। अब मैं अकेली ही आऊँगी ।
राज ने शशी की बुर में दो ऊँगली डाली और बोला: कितने बजे तक आ जाओगी?
रश्मि: मैं क़रीब ११ बजे तक तो आ ही जाऊँगी। मैं आपको फ़ोन कर दूँगी बस अड्डे से।
राज: नहीं, तुम मुझे पहले फ़ोन कर देना, ताकि तुम्हें बस अड्डे पर इंतज़ार ना करना पड़े।
फिर राज ने उसके बुर से उँगलियाँ निकाली और उनको चाट लिया। शशी ने उसके हाथ में हाथ मारा और कान में कहा: छी क्या गंदे आदमी हो।
रश्मि: ठीक है भाई सांब।
शशी की चूचि दबाते हुए राज बोला: वो काली साड़ी याद है ना और स्लीव्लेस ब्लाउस भी। तुम्हें इस रूप में देखने की बहुत इच्छा है।
रश्मि: अब मैं आपको क्या बोलूँ, साड़ी तो है पर ब्लाउस चार साल पुराना है छोटा हो गया है। उसमें साँस रुक रही है। समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूँ।
राज: अरे ये समस्या तो सरिता को भी आती थी, हर दो साल में उसका बदन भर जाता था और ब्लाउस यहाँ तक की ब्रा भी छोटी हो जाती थी। वो इसका दोष मुझे देती थी हा हा कहती थी कि मैंने दबा दबा कर बड़ा कर दिया, हा हा । बहुत मज़ाक़िया थी वो।
बातों बातों में राज कमीनेपन पर उतर आया था।
रश्मि: क्या भाई सांब कैसी बातें कर रहे हैं वह भी स्वर्गीय भाभी जी के बारे में।
राज: अरे वही तो, फिर वह ब्लाउस की सिलाई खोल लेती थी और फिर से सिल लेती थी ढीला करके। पर ब्रा तो नई लाता था मैं बड़े साइज़ की, हा हा।
शशी उसको देखते हुए फुसफुसाई : बहुत कमीने साहब हो आप।
रश्मि: आप भी ना कुछ भी बोले जा रहे हैं। मैं समझ गयी कि मुझे क्या करना है। अच्छा अब रखती हूँ, बाई।
राज : ठीक है मिलते हैं। बाई।
अब फ़ोन काटकर वह शशी को बोला: आज रश्मि आ रही है क़रीब १२ बजे। मैं चाहता हूँ कि तुम अपना काम करके खाना लगा कर ११:३० बजे तक चले जाना।
शशी: तो आज समधन की चुदाई का प्लान है, है ना?
राज: सही सोचा तुमने, कोशिश तो करूँगा ही। अब चुदाई होगी या नहीं यह तो रश्मि पर निर्भर है।
शशी: ठीक है मैं जल्दी चली जाऊँगी आप मज़े करना। वह यह कहकर उसकी गोद से उठी और किचन में जाने लगी।
राज: शशी आज तुमको नहीं चोदूंग़ा । मैं चाहता हूँ कि अपना माल बचा कर रखूँ रश्मि के लिए।
शशी हंस कर बोली: कहीं उसको भी प्रेगनेंट मत कर देना?
राज: हा हा नहीं अब इस उम्र में क्या होगा उसका?
फिर वह नहाने चला गया। थोड़ी देर बाद जय भी उठकर आया और शशी ने उसे भी चाय दी।
राज: आज तुम्हारी सास आ रही है।
जय: हाँ डॉली का SMS आया है अभी। क्यों आ रहीं हैं?
राज: सगाई के बारे में कुछ बात करनी है उसने।
जय: ओह तो क्या मेरा होना भी ज़रूरी है?
राज: अरे नहीं बेटा तुम उसमें क्या करोगे? वैसे मैं उनको तुमसे मिलवाने दुकान में ले आऊँगा ।
जय: ठीक है पापा अब मैं नहा लेता हूँ।
फिर बाद में दोनों नाश्ता किया और जय दुकान चला गया। शशी भी खाना बनाने लगी।
राज ने अपने बेडरूम का दरवाज़ा बंद किया और तिजोरी से हीरे के तीन सेट निकाले और कुछ सोने के भी निकाले । फिर वह उनको देखकर सोचने लगा कि रश्मि पर कौन सा ear ring अच्छा लगेगा। फिर उसने एक हीरे का कान का झुमका पसंद किया। अब वह तैयार था रश्मि का दिल जीतने के लिए।
राज ने आज एक बढ़िया टी शर्ट और जींस पहनी और सेंट लगाकर स्पोर्ट्स शू पहने। आज वह रश्मि को पटाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ना चाहता था।
शशी जा चुकी थी और वह अब तैयार था तभी रश्मि का फ़ोन आया : मैं बस अड्डे पहुँचनी वाली हूँ।
राज: बस मैं अभी दस मिनट मे पहुँच रहा हूँ।
राज की कार जब बस अड्डे पहुँची तो बस अभी आइ नहीं थी।
वह इंतज़ार कर रहा था तभी बस आयी और फिर उसमें से रश्मि उतरी काली साड़ी में। आह क्या जँच रही थी। उसका गोरा दूधिया बदन मस्त दिख रहा था काली साड़ी में। कसी साड़ी में छातियों का उभार पहाड़ सा दिख रहा था। जब वह पास आइ तो पारदर्शी साड़ी से उसका गोरा पेट और गहरी नाभि देखकर राज का लौड़ा झटके मार उठा।
तभी एक स्कूटर उसके पास आकर हॉर्न बजाया और वह पलटी उससे दूर होने के लिए और राज की तो जैसे साँस ही रुक गयी। क्या मस्त बड़े बड़े गोल गोल चूतड़ थे। बहुत ही आकर्षक दिख रहे थे।टाइट पहनी साड़ी से पैंटी की लकीरें भी साफ़ दिख रही थीं। अब तो उसको अपना लौड़ा पैंट में अजस्ट करना ही पड़ा।
जब वह पास आइ तो उसने हाथ जोड़कर उसे नमस्ते की और उसने भी उसके हाथ को पकड़कर कहा: नमस्ते। सफ़र में कोई परेशानी तो नहीं हुई?
रश्मि: दो घंटे में क्या परेशानी होगी?
राज: अरे इतनी हॉट दिख रही हो किसी ने रास्ते में तंग तो नहीं किया?
रश्मि: आप भी ना ,मेरे साथ एक महिला ही बैठी थी ।
राज : चलो तब ठीक है, अगर कोई आदमी होता तो तुमको तंग कर डालता।
रश्मि: अब चलिए यहाँ से पता नहीं क्या क्या बोले जा रहे हैं।
राज: चलो,कार वहाँ है।
फिर राज ने कार चालू की और बातें करने लगा।
राज: तो काली साड़ी पहन ही ली। थैंक्स मेरी बात रखने के लिए।
रश्मि: अब आप इतनी बार बोले थे तो आपकी बात तो रखनी ही थी।
राज उसकी ब्लाउस को देखते हुए बोला: पर वो ब्लाउस का हल कैसे निकला?
रश्मि हँसकर: वैसे ही जैसे आपने कहा था। साइड से थोड़ा ढीला करी हूँ।
राज: और ब्रा का ? अब तुम काले ब्लाउस के नीचे सफ़ेद ब्रा तो पहन नहीं सकती ना?
रश्मि शर्माकर: आप भी ना, कोई महिला से ऐसा सवाल करता है भला?
राज: फिर भी बताओ ना ?
रश्मि: डॉली के पास काली ब्रा थी वही पहनी हूँ।
राज चौंक कर: डॉली बेटी की? पर उसके तो तुमसे काफ़ी छोटे हैं ना ? उसकी ब्रा तुमको कैसे आएगी?
रश्मि: वह कोई बच्ची नहीं है २२ साल की लड़की है। मेरा और उसके साइज़ में दो नम्बर का ही अंतर है।इसलिए उसकी मुझे थोड़ी टाइट है पर काम चला ली हूँ। राज बेशर्मी से उसकी छाती को देखकर बोला: तुम्हें तो ४० की आती होगी?
रश्मि: आप भी ना, कोई ४० का साइज़ नहीं है।
राज: तो ३८ तो होगा ही, मेरी बीवी का भी यही साइज़ था।
रश्मि: अब आप सही बोल रहे हैं।
राज : इसका मतलब डॉली का भी ३६ के आसपास होगा। हालाँकि लगता नहीं उसका इतना बड़ा । तो डॉली की ब्रा भी तुमको तंग तो होगी ही ना।
रश्मि: पर मेरी पुशशी ३४ वाली से तो बेटर है।
राज: हाँ वो तो है।
रश्मि: आप डॉली की ब्रा का साइज़ भी भाँप रहे थे क्या? ये तो बड़ी ख़राब बात है।
राज: अरे नहीं ऐसा कुछ नहीं है। पर तुम्हारे और उसके साइज़ की तुलना की बात कर रहा था।
रश्मि: चलिए अब इस बात को ख़त्म कीजिए।
राज: मैं तुम्हें घर जाकर सरिता की ब्रा दे दूँगा वो तुमको बिलकुल फ़िट आ जाएगी। हाँ कप साइज़ थोड़ा तुम्हारा बड़ा लगता है। चलो अभी के लिए चला लेना।
और सुनाओ सगाई की तैयारियाँ कैसी चल रही है?
रश्मि: ठीक ही चल रही है। बस अमित भाई सांब काफ़ी मदद कर रहे हैं।
राज: अमित भी तुम्हारी बड़ी तारीफ़ कर रहा था।
रश्मि चौंक कर: कैसी तारीफ़?
राज: अरे ऐसे ही जैसे तुम बहुत समझदार और शांत हो वगेरह वगेरह।
रश्मि : ओह , वो भी तो बहुत अच्छे हैं।
राज: वो तो है। पर बिचारा पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत दुखी रहता है। पता नहीं उसका विवाहित जीवन कैसा होगा? उसकी बीवी को देखकर तो लगता है कि वो पता नहीं बिस्तर पर उसका साथ भी दे पाती होगी कि नहीं?
रश्मि थोड़ी सी परेशान हो गयी, वो बोली: चलिए छोड़िए ना कोई और बात करिए ना।
राज: तुम्हें तो ऐसा नहीं कहना चाहिए, क्योंकि हम तीनों की एक जैसी हालत है। तुम्हारे पति नहीं है , मेरी पत्नी नहीं रही और अमित की पत्नी होकर भी ना होने के बराबर है। सही कह रहा हूँ ना?
रश्मि: हाँ ये तो है।
राज: मुझे तो बहुत परेशानी होती है अकेले रहने में। मुझे तो औरत की कमी बहुत खलती है। पता नहीं तुम्हारा और अमित की क्या हालत है।
रश्मि: देखिए सभी को अकेलापन बुरा लगता है, पर किया क्या जाए?
राज: करने को तो बहुत कुछ किया जा सकता है, पर थोड़ी हिम्मत करनी पड़ती है।क्यों ठीक कहा ना?
रश्मि: मैं क्या कह सकती हूँ।
घर पहुँचकर राज उसे सोफ़े पर बिठाकर उसे पानी पिलाता है। फिर रश्मि: आपकी मेड शशी नहीं दिख रही है?
राज: आज उसे कुछ काम था इसलिए वो खाना बनाके जल्दी चली गयी है।
रश्मि: मैं आपके लिए चाय बना दूँ?
राज : अरे आप क्यूँ बनाएँगी? मैं आपके लिए बना देता हूँ।
रश्मि उठी और किचन की ओर जाते हुए बोली: आप बैठिए मैं बनाती हूँ। वह जब उठ कर जाने लगी तो उसकी चौड़ी मटकती गाँड़ देखकर वह पागल सा हो गया और उसके चूतरों में थोड़ी सी साड़ी भी फँस गयी थी। वह अपना लौड़ा मसलने लगा।
तभी किचन से आवाज़ आइ: भाई सांब थोड़ा आइए ना।
राज अपना लौड़ा अजस्ट करते हुए किचन में गया।
रश्मि एक चाय के डिब्बे को निकालने की कोशिश कर रही थी जो की काफ़ी ऊपर रखा था। राज उसके पीछे आकर उसके चूतरों में अपना लौड़ा सटाते हुए उस डिब्बे को निकाला और उसके बदन से आ रही मस्त गंध को सूंघकर जैसे मस्त हो गया। रश्मि ने भी उसके डंडे का अहसास किया और काँप उठी।
फिर वह चाय बना कर लाई। राज कमरे में नहीं था।
तभी वह बेडरूम से बाहर आया और उसके हाथ में एक काली ब्रा थी। वो बोला: देखो, ये ट्राई कर लो , इसमें तुम्हें आराम मिलेगा।
रश्मि लाल होकर: ओह आप भी , मुझे बड़ी शर्म आती है। ठीक है बाद में पहन लूँगी।
राज: अरे जाओ अभी बदल लो। इसने शर्म की क्या बात है।
रश्मि उठी और उसके बेडरूम में जाकर ब्रा बदल कर वापस बाहर आइ तो वह बेशर्मी से उसकी छाती को घूरते हुए बोला: हाँ अभी ठीक है। आराम मिला ना? डॉली के इतने बड़े थोड़ी है, इसी लिए उसमें तुम्हारी साँस रूकती होगी। सरिता और तुम्हारा एक साइज़ है तो आराम मिल रहा होगा। हैं ना?
रश्मि सिर झुका कर: हाँ ये ठीक है।
अब दोनों चाय पीने लगे।
रश्मि जय और उसके बिज़नेस का पूछने लगी। वो बातें करते रहे। राज को नज़र बार बार उसके उभरे हुए पेट और नाभि पर जाती थी।
राज: चलो अब तुम्हें गहने दिखाता हूँ।
वह बेडरूम की ओर चला। रश्मि थोड़ा हिचकते हुए उसके पीछे वहाँ पहुँची।
राज ने उसे बेड पर बैठने का इशारा किया और वह सेफ़ खोला और उसमें से ज़ेवर के डिब्बे निकाल कर लाया। फिर उसने सब डिब्बे खोकर बिस्तर पर फैला दिए । रश्मि की आँखें फट गयीं इतने ज़ेवर देख कर।
रश्मि: भाई सांब ये तो एक से एक बढ़िया हैं।
राज : इनमे से कौन सा डॉली बिटिया पर जँचेगा बोलो।
रश्मि: ये बहुत बढ़िया है। देखिए ।
राज: हाँ सच कह रही हो। और ये वाला तुमपर जचेंगा । ये कहते हुए उसने एक सेट उसको दिखाया।
रश्मि: मुझे कुछ नहीं चाहिए। आप मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान कर रहे हो डॉली को सेट देकर। अब मैं आपसे ये कैसे ले सकती हूँ।
राज: चलो छोड़ो ये ear rings देखो । ये तुम्हारे कान में बहुत जचेंगा।
रश्मि: मैं नहीं ले सकती।
राज: चलो मैं ही पहना देता हूँ।
यह कहकर वो उसके कान के पास आकर उसे ख़ुद पहनाने लगा। वह अब मना नहीं कर रही थी। उसकी साँसे रश्मि की साँस से टकरा रही थीं। उसकी नज़दीकियाँ उसे गरम कर रही थीं। उसका लौड़ा अब कड़ा होने लगा था। रश्मि भी गरम हो रही थी। उसकी छाती भी अब उठने बैठने लगी थी। राज को उसके बदन की मादक गंध जैसे मदहोश कर रही थी।
राज उसे रिंग्स पहना कर बोला: देखो कितनी सुंदर लग रही है तुमपर।
रश्मि ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखकर बोली: सच ने बहुत सुंदर है।
राज उसके पास आकर उसका हाथ पकड़ा और बोला: पर तुमसे ज़्यादा सुंदर नहीं है। यह मेरे तरफ़ से तुमको सगाई का गिफ़्ट है। मना मत करना।
रश्मि: पर ये तो बहुत महँगा होगा।
राज: अरे तुम्हारे सामने इसकी क्या हैसियत है।
यह कहकर उसने रश्मि को अपनी बाँहों में खिंचा और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए। रश्मि एक मिनट जे लिए चौकी पर फिर चुपचाप उसके चुम्बन को स्वीकार करने लगी। कमरा गरम हो उठा था।