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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
भाई बहन का सेक्सी गेम
मैं तब दसवी कक्षा मैं पढ़ता था और मरी बड़ी बाहेंन बारावी कक्षा में.बात उन दिनोकी है जब मैंने अपने दसवी के एक्जाम दिया था और छुटियों मई हम लोग बहार सोये थे .अचानक मेरा हाथ उसके पीठ पे फेरने लगा ऐसा कु हुआ यह बात मरी समाज में नहीं ई पर में बहोत गरम हो गया था.थोड़ी देर बाद हमें अन्दर जाना पड़ा कुंकी बहार बहोत मुच्च्हर कट रहे थे.घर में जाके मैंने फिरसे उसे किस किया और उसके मुम्म्ये दबाये उसने कुछ नहीं किया .ऐसा बहोत दिनों तक चलता रहा की में उसको कभी रातमें सोने के बाद किस करता या फिर उसके मुम्म्ये दबाता.कभी कभी ओह घुसा कराती पर कभी कभी साथ देती लेकिन ऐसा ढोंग करती थी जैसे वोह गहरी नींद में हो और उसको मालूम ही नहीं की में उसको किस कर रहा हु और उसके मुम्म्ये दबा रहा हु.
एक दिन हम शहर जा रहे थे और बस में हमें बहोत ही छोटी जगह मिली तो वोह मुजसे काफी चिपक के बैठी थी सफ़र तक़रीबन डेड घंटे का था.में बहोत खुश था के अब में उसको गरम कर सकता हु और हुआ भी ऐसे ही जब गाड़ी chalne लगे तब मैंने धेरे धेरे उसे अपने हाथ से तौच करना चालू किया पहेले वोह मुजे ताल रही थे पर जब उसे लगा की में मानने वाला नहीं हु तो वोह धेरे धेरे मेरा साथ देने लगे और मुजे उसके मुम्म्ये दबाने के लिए हाथ आगे के सिट पे रख दिया अब में उसके मुम्मय धेरे धेरे एक हाथ से दबाने लगा और वोह गरम हो चुकी थे .लेकिन गाड़ी में सोने का नाटक कर रही थे.पर हम कुछ कर नहीं पाए.ऐसा के बार हुआ पर मरी हिम्मत नहीं होती थी उसको सधे सधे बात करने की.
एक दिन हमको परीक्षा के बहाने एक शहर में किराये के रूम में रहेना पड़ा तब हम दोनों अकेले थे.पढ़े के बाद हम सोने का नाटक कर रहे थे.रूम की बिजली बंद करके में (और वोह भी) अँधेरे में एक दुसरे को प्यासी निगाहों से देख रहे थे पर दोनों की हिम्मत नहीं हो रही थी कुछ कहेने की.तो मैंने सोचा की अभी परीक्षा है तो वोह मुजे कुछ करने नहीं देगी फिर में जाके टोइलेट में मुतके मुठ मरने लगा(टोइलेट को दरवाज़ा नहीं था) तब रूम में अँधेरा था तो वोह अचानक मेरी टोइलेट के बहार आके दरवाजे पर रुक गए मैंने उसे देखा लेकिन मुठ मारनी बंद नहीं किया और वोह मुजे देखती गए पर मरी हिम्मत नहीं हुए के उसे पकडू और चोदु.कुछ देर बाद में वापिस आया और वोह अन्दर चली गए तो में टोइलेट के बहार जाके खड़ा हुआ फिर उसने ऊँगली करना चालू किया था उसने भी मुजे देखा और ऊँगली करना बंद नहीं किया.फिरभी मेरी हिम्मत नहीं हुए की में उसे पकडू और चोदु.
एकदिन वोह कुछ कम के बहाने शहर गए हुए थे तो रस्ते में आते समय एक आदमी ने उसे बहोटी ही गरम किया.कभी वोह आदमी उसके मुम्म्ये सहेलाता तो कभी पेट पये हाथ फिरता कभी पूछी पे हाथ फेरता(यह सब उसने मुजे बाद में बताया)किसी आदमी ने उसे उसे चुने का यह पहेला अनुभव था,तो उस दिन रत को वोह बहोत ही गरम हो गए थी.हम सब बहार सो रहे थे मुजे नींद नहीं आ रही थे तो में करीब ११ बजे अन्दर जाके टी. वि देखने लगा.वोह मेरा लेने के लिए तैयार है इसका मुजे कुछ पता नहीं था और में सेक्सी गाने का चैनल लगाके देख रहा था.कुछ देर बाद वोह अन्दर ऐ बाकि लोग बहार सो रहे थे.जब वोह अन्दर ऐ तो उसने निचे जमीं पर चादर डाली और वही सोने का नाटक करने लगी और टी वि भे देखने लगी अब वोह बहोत ही गरम हो चुकी थी उस आदमी ने शायद बहोत ही गरम किया था(में उस आदमी का बहोत शुकर गुज़र हु के उसके कारन मुजे अपनी बड़ी बाहें को चड़ने का आनंद अज तक मिल रहा है)फिर तक़रीबन आड़े घंटे बाद वोह उठी और मेरे पास एके सो गए और मुजे टी व् बंद करने को बोलसा जिससे की रूम में अँधेरा हो तो मैंने वैसे किया.कुछ देर बाद में भी गरम हो गया और सोचने लगा की क्या किया जाये.अँधेरे में हम एक दुसरे को प्यासी नजरोसे घुर रहे थे.
पर किसीकी हिम्मत नहीं हो रही थे.तब उसने पहेला स्टेप लिया और मुजे कण में पुचा के कही कुछ होगा तो नहीं? में समाज गया की इसका मतलब क्या है तो मैंने भे उसे कहा कुछ नहीं होगा अगर हम सावधानी से कम लए .फिर उसने मुजसे लिपट गए यह मेरा पहेला अनुभव था के कोए लड़की लिपटे.उस वोक्त मैंने तम्बाखू खी थी इसलिए में उसको बोला के तुम रुको में बहार जाके देख के आता हु के सब सोये हुआ हैं या नहीं फिर में बहार जाके सबको देखके ए तो सब सो रहे थे और हम दोनों अन्दर अकेले अँधेरे में थे.में तम्बाखू ठुन्काके आया तो वोह बोली प्लेअसे जल्दी करो तो में उसके पास जाके उसको लिपट गया.कुछ देर बाद ऐसे ही पड़े रहेने से मेरा ६ इंच का लैंड काफी बड़ा हो गया.और में धेरे धेरे उसके मुम्म्ये सहलाने लगा.कभी उसके पीठ पे हाथ प्फेरता तो कभी गंद पे.वोह बहोत गरम हो चुकी थी तो उसने बिना कुछ बोले अपना निघत गौण निकल दिया.फिर वोह सिर्फ ब्रा और पंटी में थी.फिर मैंने उसे भी उतर दिया अब वोह बिलकुल नंगी मेरे सामने पड़ी थे.फिर मैंने अपने कपडे भे उतारे और नंगा हो गया.
कभी में उसके मुम्म्ये दबाता तो कभे गंद पे हाथ फिरता वोह काफी अवजे निकल रही थी जसे ऊऊउह आआअह्ह्ह प्ल्ज़ कुछ करो जल्दी वरना में मर जाउंगी प्लेअसे करो फिर मैंने अपने ६ इंच कलंद उसकी छुट में डाला तो वोह कुछ धेरे से चींख पड़ी तो मैंने उसे कहा की आवाज़ मत करो तो वोह बोली ठीक हैं.तो में उसे जोर जोर से छोड़ने लगा लेकिन उसकी अवजे बंद नहीं ही में फिर से उसे बोला की आवाज़ नहीं निकलना लेकिन वोह बोली अवजे अपने अप अ रही है में कोशिश कर रही हूँ के aavaz न आए पर मेरे धक्के देने से अपने अप्प ही उसके मुह से आवाज़े आ रही थी Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 08-01-2021, 02:25 PM



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