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Adultery Diwali Ka Jua
#16
उनके जाते ही दिव्या एक दम से उठ बैठी ..और उसका हाथ सीधा अपनी चूत के ऊपर गया और वो उसे मसलते हुए जोरों से बुदबुदाने लगी …

”अम्म्म्म्म्म ……अह्ह्ह्हह्ह …….उम्म्म्म्म्म्म …..”

और अगले ही पल उसकी चूत से निकले गर्म पानी ने नदी के पानी में मिलकर वहाँ आग सी लगा दी ..

उसके बाद उसने अपने शरीर को पूरी तरह से साफ़ किया और उठकर अपने कपडे पहन लिए .और वापिस अपने घर कि तरफ चल दी .

मनीष गहरी नींद में सो रहा था ..वो चुपचाप जाकर उसकी बगल में सो गयी .आज कि रात उसकी जिंदगी में किसी फेंटेसी कि तरह थी .

अगला दिन काफी रोचक होने वाला था .

अगले दिन जब दिव्या नींद से उठी तो कमरे में हरिया काका सफाई करने में लगे हुए थे ..शायद ये उनका रोज का नियम था ..मनीष बिस्तर पर नहीं था ..उसने टाइम देखा आठ बजने वाले थे ..अभी ज्यादा टाइम भी नहीं हुआ था ..अचानक रात कि बात याद करते हुए उसके शरीर से गर्मी सी निकलने लगी ..उसने साटन का गाउन पहना हुआ था ..और रात को जल्दबाजी के चक्कर में उसने ब्रा पेंटी भी नहीं पहनी थी ..

उसने हरिया काका से भी मजे लेने कि सोची ..क्योंकि कल उसके कमरे के बाहर ”किसी” का वीर्य पड़ा मिला था , उसे पूरा विश्वास था कि वो हरिया काका का ही है ..और आज वो इस बात को कन्फर्म करना चाहती थी ..

उसने अपने शरीर पर पड़ी हुई चादर उतार कर नीचे कर दी .और अपने कूल्हे हरिया काका कि तरफ निकाल कर सो गयी ..

उसकी एक टांग दूसरी टांग के ऊपर चढ़ी हुई थी ..जिसकी वजह से उसकी गांड का एक हिस्सा तराशा हुआ सा बाहर निकल आया था ..और उसकी गांड का चीरा साफ़ दिख रहा था महीन कपडे के नीचे ..

हरिया काका जैसे ही झाड़ू मारते -२ उसकी तरफ पलटे वो वहीँ जम कर रह गए ..उनके हाथों से झाड़ू फिसल कर नीचे गिर गया ..उनके बूढ़े शरीर के अंदर से चिंगारियां सी निकलने लगी ..और बहुरानी कि सपाट गांड के उतार चढ़ाव देखकर उनकी धोती में उठाव आ गया ..और उनका पहलवान खड़ा होने लगा ..

दिव्या का मुंह जिस तरफ था वहाँ ड्रेसिंग टेबल रखा हुआ था इसलिए वो अपनी अधखुली आँखों से पीछे खड़े हुए हरिया काका कि हर हरकत देख पा रही थी ..उनके चेहरे पर आ रहे भाव को पड़ पा रही थी ..

हरिया काका थोड़ी देर तक तो बुत बने हुए खड़े रहे और फिर दरवाजे तक गए और बाहर झाँक कर देखा ..शायद सुनिश्चित करना चाह रहे थे कि मनीष आस पास तो नहीं है ..और फिर उन्होंने गजब कि हिम्मत का प्रदर्शन करते हुए दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और चिटखनी लगा दी ..

दिव्या को उनसे ऐसे बर्ताव कि उम्मीद बिलकुल नहीं थी ..उसका दिल जोर से धड़कने लगा ..

हरिया काका धीरे -२ उसके पास आये और दिव्या को आवाज लगायी : "बहु रानी …ओ बहु रानी ..”

और एक दो आवाजों के बाद उसने दिव्या कि कमर के ऊपर हाथ रखकर उसे हिलाया ..वो तब भी नहीं उठी ..

तब हरिया समझ गया कि वो गहरी नींद में सो रही है ..और शायद ये सब उसने यही जानने के लिए किया था ..

दिव्या सोच ही रही थी कि ना जाने वो अब क्या करेगा, तभी हरिया का हाथ सीधा उसकी मखमली गांड के ऊपर आ लगा ..उसके दिल कि धड़कने और तेज हो गयी ..और फिर हरिया काका कि बूढ़ी उँगलियों कि ताकत जब उसे अपने मांसल कूल्हों पर महसूस हुई तो उसके शरीर में जल तरंग सी बजने लगे ..वो बहुत धीरे-२ अपनी उँगलियों के आगे वाले हिस्से को उसकी गांड कि चर्बी में दबा रहा था ..दिव्या को ऐसा लग रहा था जैसे उसके कूल्हों कि मसाज कर रहा है वो ..जो भी था, उसे ये सब महसूस करते हुए बहुत मजा आ रहा था ..
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और फिर दिव्या को उनका दूसरा हाथ भी महसूस हुआ … पहले कमर पर और फिर धीरे-२ खिसकता हुआ वो ऊपर आने लगा और पीठ पर फिसलने लगा ..शायद वो देखना चाह रहे थे कि दिव्या ने ब्रा पहनी हुई है या नहीं ..और ब्रा के स्ट्रेप का अवरोध ना मिलने पर उनके हाथ धीरे-२ खिसक कर आगे कि तरफ आने लगे ..

अपने शरीर के साथ ऐसा मादक एहसास तो उसे रात को भी महसूस नहीं हुआ था जब वो तीनो दोस्त उसे बेहोश समझ कर मजा ले रहे थे ..

हरिया काका के अनुभवी हाथों का सुखद एहसास हो रहा था दिव्या को ..

दिव्या सांस रोके उनके दूसरे हाथ को अपनी छातियों कि तरफ बढ़ता हुआ महसूस कर रही थी ..और वहाँ पहुँचते ही हरिया काका ने अपना पूरा पंजा उसकी ऊपर वाली लटकी हुई ब्रेस्ट के नीचे फंसा कर उसे ऊपर उठा लिया ..

दिव्या का पूरा शरीर जल सा उठा ..उसमे से आग सी निकलने लगी ..

और हरिया काका तो जैसे उसके मुम्मे का वजन नाप रहे थे ..या शायद उसका नरमपन ..
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और जब उन्होंने अपनी हथेलियों को भींचा तो उसकी बड़ी सी ब्रेस्ट भी उनकी लम्बी उँगलियों के बीच फंस कर छोटी प्रतीत हुई ..उनकी उँगलियों ने उसकी वाटर बेलून जैसी ब्रेस्ट को चारों तरफ से जकड लिया ..और उनकी हथेली के बीचो बीच उसका खड़ा हुआ गर्म निप्पल आ लगा ..और एक पल के लिए तो हरिया को लगा कि दिव्या का वो खड़ा हुआ निप्पल उनकी हथेली में छेद कर देगा ..उन्होंने उसकी ब्रेस्ट पर अपनी पकड़ कम कर दी और अपनी उँगलियों से उसकी नरम खाल को महसूस करते हुए धीरे-२ सिकोड़ कर उसके निप्पल पर ले आये और एक साथ अपनी पांचो उँगलियों से उसके करोंदे जितने बड़े निप्पल को पकड़ लिया ..और जोर से खींच कर बाहर कि तरफ उभारा …

दिव्या के मुंह से चीख निकलते -२ बची …

और फिर उन्होंने और हिम्मत का प्रदर्शन करते हुए दिव्या के गाउन में आगे कि तरफ लगी हुई चैन खोल दी ..और चैन के खुलते ही उसका बड़ा सा मुम्मा फिसल कर बाहर आ निकला ..

और साथ ही हरिया काका के हाथ लगा उसका नंगा निप्पल …जिसे वो नीम्बू कि तरह निचोड़ कर उसका रस निकालने लगे …मगर बहुत प्यार से ..

दिव्या तो हरिया काका के हुनर कि कायल होती जा रही थी ..

इंसान चाहे जितना बूड़ा हो जाए , जवान जिस्म को अपने सामने देखकर वो नए-२ तरीके अपनाता है, जो शायद आजकल के नौजवान भी नहीं कर पाएं ..

और शायद इसी वजह से दिव्या के पुरे शरीर पर चींटियाँ सी रेंग रही थी ..ऐसा एहसास तो आज तक उसे किसी ने नहीं दिया था ..उसका तो मन कर रहा था कि अपना गाउन उतार फेंके और बोले हरिया काका से ‘आओ काका …….और मत तरसाओ मुझे …’

पर अपना ओहदा और दूसरी कई चीजों का ख़याल करते हुए उसने वो विचार त्याग दिया ..

वो बस ये देखना चाहती थी कि आज हरिया काका किस हद तक जाते हैं ..वो जहाँ तक भी जाएँ , उसे तो मजे ही आ रहे थे ..

अचानक हरिया काका ने उसकी ब्रेस्ट के ऊपर से अपना हाथ हटा लिया …एक अजीब सा खालीपन महसूस हुआ दिव्या को ..पर उसकी गांड के ऊपर उनकी उँगलियाँ चलती रही ..

दिव्या ने धीरे से आँखे खोलकर शीशे में से हरिया काका कि तरफ देखा ..तो वो दंग रह गयी ..उन्होंने अपनी धोती में से अपना लंड बाहर निकाल लिया था और आँखे बंद करे हुए वो एक हाथ से दिव्या कि गांड मसल रहे थे और दूसरे से अपना लंड ..

उनकी आँखे बंद थी ..इसलिए दिव्या ने अपनी पूरी आँखे खोल कर उनके लंड को पूरी तरह से देखा …

‘ओह …माय गॉड …..ये क्या है …..इतना लम्बा ….उम्म्म्म्म्म्म ….’

मनीष और उसके तीनों दोस्तों के सामने हरिया काका का पहलवान लंड सबसे बड़ा था ..जब शीशे में देखने से इतना बड़ा लग रहा है तो सामने देखने में या फिर अंदर लेने में कैसा होगा …

बस इतना सोचते ही उसकी चूत अपने ही पानी से तर-बतर हो गयी …
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अब तक दिव्या का बुरा हाल हो रहा था , उसे भी हरिया काका के द्वारा किया जा रहा उसके शरीर का मर्दन अच्छा लग रहा था ..उसने थोडा और मजा लेने कि सोची …और नींद में करवट बदलने का बहाना करते हुए अपनी पीठ के बल लेट गयी ..

हरिया काका एकदम से घबरा गए ..और उन्होंने अपना हाथ पीछे खींच लिया ..और अपनी धोती से लंड को ढक लिया ..उनका चेहरा देखने वाला था ..पर दिव्या के नींद से ना जागने कि वजह से उन्होंने फिर से राहत कि सांस ली ..

पर राहत कि सांस लेने कि उन्हें फुर्सत ही कहाँ थी ..सामने आ जाने कि वजह से दिव्या कि उघड़ी हुई छातियाँ उनके सामने थी ..जैसे किसी ने थाली में परोस कर रखी हो ..एक ब्रेस्ट तो पूरी तरह से बाहर थी ..और दूसरी आधी से ज्यादा ..

और पलटते हुए उसने अपनी टांग को भी ऊपर करा था जिसकी वजह से उसकी मखमली त्वचा से फिसलकर उसका गाउन घुटनों से थोडा ऊपर आ चुका था ..

इतना गुदाज माल अपने सामने देखकर एक पल के लिए तो हरिया को लगा कि उन्हें हार्ट अटैक आने वाला है ..पर बड़ी मुश्किल से अपनी साँसों पर काबू करते हुए उन्होंने फिर से अपना हाथ उसकी ब्रैस्ट के ऊपर रख दिया …

अब तो दिव्या का मन भी अंदर से चीख -२ कर केह रहा था कि उठ जा दिव्या …उठ जा ..पर ना जाने किस चीज ने उसे अब तक रोका हुआ था ..

खेर …वो अभी ये सब सोच ही रही थी कि अचानक उसे अपने निप्पल पर गर्माहट का एहसास हुआ ..वो और कुछ नहीं, हरिया काका के मुंह से निकल रही गर्म साँसे थी ..वो कुछ कर पाती इससे पहले ही उन्होंने अपना मुंह खोला और खड़े हुए लाल रंग के निप्पल को अपने मुंह के अंदर निगल लिया …और चैरी कि तरह उसे चुभलाने लगे ..
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दिव्या के तो होंठ कांपने से लग गए ..वो थरथराने लगे ..और रही सही कसर हरिया काका ने पूरी कर दी ..उन्होंने अपना हाथ सीधा उसके गाउन के अंदर डाल दिया और अपनी पाँचों उँगलियों से उसकी भभक रही चूत को पकड़ लिया ..

अब सोने कि एक्टिंग करनी बेकार थी ..उसके शरीर ने उसका साथ छोड़ कर हरिया काका का दामन पकड़ लिया ..

उसके हाथ सीधा ऊपर आये और उसने हरिया काका के सर के पीछे हाथ लगा कर उन्हें अपनी छाती पर भींच लिया ..और चीख पड़ी

”अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह …….ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ……हरिया ……काका …….उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म …….सक्क्क्क्क्क ….मीईईए …..अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ….”

और अनुभवी हरिया काका को समझते हुए देर नहीं लगी कि बहु जाग चुकी थी और उनकी हरकतों कि वजह से पूरी तरह से गर्म ही हो चुकी थी ..

उन्होंने भी शरम का अवरोध गिराते हुए पूरी तरह से मजे लेने शुरू कर दिये और अपना पूरा मुंह खोलकर दिव्या का आधे से ज्यादा मुम्मा निगल लिया ..और उसे जोर -२ से चूसने लगे ..
”अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह … …..बाईट इट ……….कट इट ………स्स्स्स्स्स्स्स्स्स ……उम्म्म्म्म्म्म्म …. …..खा जाओ ……काका ……अह्ह्ह्हह्ह्ह …..”
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अब इतनी इंग्लिश तो उन्हें भी आती थी ..उन्होंने उसका गुलाबी मुम्मा बाहर निकाला और बड़े ही प्यार से उसके निप्पल को अपने दांतों के बीच फंसा कर ऊपर कि तरफ खींचा ..और उसकी आँखों में देखते हुए उन्होंने अपने दांतों कि पकड़ और बड़ा दी ..

और अब पहली बार दोनों कि नजरें मिली ..और वो भी इतने करीब से ..

दिव्या का पूरा मुंह खुल गया …और उसकी लाल जीभ के पीछे तक के टॉन्सिल्स दिख गए हरिया काका को ..क्योंकि उन्होंने काटा ही इतना तेज था उसके दानों को ..

दिव्या के गुलाबी होंठों को अपने सामने फेला हुआ पाकर हरिया काका से सब्र नहीं हुआ और उन्होंने दिव्या के निप्पल को अपने मुंह से निकालकर उसके होंठों को अपनी गिरफ्त में ले लिया ..और उतनी ही तेजी और लगाव से चूसने लगे जितने प्यार से उन्होंने उसकी ब्रेस्ट चूसी थी ..

हरिया काका के बूढ़े होंठों कि ताकत अपने मुंह पर महसूस करके दिव्या तो हवा में उड़ने लगी ..

अब उससे सब्र नहीं हो रहा था …उसने अपनी पूरी ताकत का प्रयोग करते हुए हरिया काका को ऊपर खींचा और उनकी धोती उतार कर नीचे फेंक दी …और उनके लंड को पकड़ कर जोर-२ से हिलाने लगी ..
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उसे तो ऐसा लगा कि उसने कोई जलती हुई रोड पकड़ ली है ..उसने अपनी टाँगे फैलायी, उसने एक ही झटके में अपना गाउन उतार फेंका ..और अपनी नंगी चूत के अंदर फंसा कर उनके लंड को अपनी चूत के अंदर निगल गयी …

”अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ……उम्म्म्म्म्माआह्हह्ह ………ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ……..”
अभी एक दो झटके ही मारे थे हरिया काका ने कि बाहर से मनीष कि आवाजें आने लगी …

”दिव्यआ ………..ओ दिव्या …….”

दोनों के चेहरे पीले पड़ गए …

चूत के अंदर लंड था ..और बाहर पति …आखिर करे तो क्या करे …

दिव्या ने कहा , जो होगा देखा जाएगा …और हरिया काका कि कमर पर पैरों को बांधकर उन्हें और अंदर घुसा लिया …

बाहर से आवाजें आती रही …दिव्या …ओ दिव्या …
और अंदर वो अपना मुंह खोले चुदती रही …

अचानक एक छपाक कि आवाज के साथ उसका पूरा चेहरा भीग गया …और वो चोंक कर उठ बैठी ..

सामने मनीष खड़ा था …हाथ में पानी का गिलास लिए ..

वो हँसते हुए बोला : "कब से उठा रहा हु …पर लगता है कोई सपना देख रही थी …देखो तो जरा अपना चेहरा …पुरे पसीने से भीगा हुआ है …”

उसने अपनी हालत देखि …उसके कपडे तो वैसे के वैसे ही थे …और हरिया काका भी नहीं थे वहाँ ..टाइम देखा तो पुरे आठ बज रहे थे ..

यानि वो इतनी देर से सपना देख रही थी …ये सोचते ही उसके होंठों पर एक हलकी सी मुस्कान उभर आयी ..

वो एक टावल लेकर अपने चेहरे को साफ़ करने लगी …वैसे साफ़ तो उसे अपनी चूत को भी करना था ..क्योंकि वो चेहरे से ज्यादा भीगी चुकी थी .

मनीष बोला : "चलो अब उठ जाओ …नाश्ता करने के बाद मुझे घर कि सफाई का काम पूरा करवाना है ..और फिर दोपहर को वो सब भी आ जायेंगे …”

इतना कहकर वो चला गया ..

और दिव्या अपनी गीली चूत लेकर बाथरूम कि तरफ चल दी ..नहाने के लिए ..

नहाते हुए उसने हरिया काका के नाम कि मुठ भी मारी ..
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Messages In This Thread
Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 16-03-2019, 12:26 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 10:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:19 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:35 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:47 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 06:54 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 10:58 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:10 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:20 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:31 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:56 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 09:59 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 11:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 12:11 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 10:33 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:08 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:17 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:10 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:24 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:47 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 28-03-2019, 11:28 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 28-03-2019, 11:54 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 30-03-2019, 12:09 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 31-03-2019, 11:28 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 31-03-2019, 11:53 AM
RE: Diwali Ka Jua - by Unknown - 31-03-2019, 03:20 PM
RE: Diwali Ka Jua - by Curiousbull - 02-05-2019, 01:42 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 11-05-2019, 11:37 AM
RE: Diwali Ka Jua - by shivangi pachauri - 11-11-2021, 12:46 AM



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