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Incest भाई ने सलवार उतारकर चोदा
#27
सविता की चूत दोबारा मारी


Shyभैया की शादी में मैं सविता से मिला सविता मेरी छोटी बहन ऋचा की दोस्त है वह उसकी काफी अच्छी सहेली है जिस वजह से भैया की शादी के बाद वह हमारे घर पर अक्सर आने लगी थी। मुझे सविता बहुत ही ज्यादा पसंद है लेकिन मेरे शर्मीले स्वभाव की वजह से मैं उसे कुछ भी कभी बोल नहीं पाया था परंतु यह बात मेरी बहन ऋचा को पता चल चुकी थी। एक दिन उसने मुझसे पूछा कि भैया क्या आप सविता को पसंद करने लगे हो तो मैंने ऋचा से कहा कि नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है। वह मुझे कहने लगी कि भैया मुझे मालूम है कि आप सविता को बहुत पसंद करते हो। अब मैं भी ऋचा से झूठ ना बोल सका और मैंने उससे कह दिया कि हां मैं सविता को पसंद करता हूं और उसके साथ मैं अपना जीवन बिताना चाहता हूं। उस दिन मुझे ऋचा ने सविता के बारे में बताया और कहा कि उसके घर की परिस्थितियां कुछ ठीक नहीं है उसके पापा बहुत ज्यादा शराब पीते हैं जिस वजह से उनके घर में काफी ज्यादा झगड़े होते हैं।
सविता की मम्मी ने हीं आज तक उसका हमेशा ही साथ दिया है और उसकी पढ़ाई भी उसकी मम्मी की वजह से ही हो पा रही है। मैंने उस दिन ऋचा से कहा कि मैं सविता से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं तो ऋचा ने भी उसमें मेरी मदद की और जब भी सविता हमारे घर पर आती तो वह मेरी बात सविता से जरूर करवाती थी। एक दिन मैंने भी सविता को अपने प्यार का इजहार कर दिया उस दिन मैंने सविता को अपने प्यार का इजहार किया तो वह भी मेरी बात मान गई और उसे बहुत ही अच्छा लगा जब मैंने उसे अपने दिल की बात कह दी थी। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ में काफी ज्यादा खुश थे क्योंकि सविता को मेरा साथ अच्छा लगने लगा था और मुझे भी उसके साथ बहुत ही अच्छा लगता है। जब भी वह मेरे साथ में होती तो हम दोनों बहुत ही खुश होते। एक दिन सविता और मैं एक दूसरे के साथ में थे उस दिन जब हम दोनों एक दूसरे के साथ में बैठे हुए थे तो उस दिन मुझे सविता ने बताया कि वह कुछ दिनों के लिए अपने मामा जी के घर जा रही है। मैंने सविता को कहा कि सविता तुम्हारे मामा जी कहां रहते हैं सविता ने मुझे बताया कि उसके मामा जी जयपुर में रहते हैं। मैंने सविता को कहा तुम जयपुर कब जा रही हो तो वह मुझे कहने लगी कि हम लोग कल ही जयपुर जा रहे हैं। मैंने सविता को कहा मैं भी कुछ दिनों के बाद जयपुर जाने वाला हूं मेरा वहां पर कोई ऑफिस का टूर है तो सविता कहने लगी यह तो बहुत ही अच्छा है कम से कम इस बहाने हम दोनों वहां पर साथ में समय तो बिता पाएंगे और साथ में घूम भी लेंगे।

मैंने सविता को कहा ठीक है और उस दिन मैंने सविता को उसके घर छोड़ा फिर मैं अपने घर लौट आया। जब मैं अपने घर लौटा तो उस दिन मुझे मेरे ऑफिस का कोई जरूरी काम था और मैं वह काम करने लगा। अगले दिन मुझे ऑफिस जल्दी जाना था और मैं ऑफिस जल्दी चला गया। दोपहर के वक्त मुझे सविता का फोन आया और वह कहने लगी कि हम लोग जयपुर के लिए निकल चुके हैं। सविता और उसकी मां जयपुर जा चुके थे उसकी मम्मी से मेरी बात कभी हो नहीं पाई थी लेकिन जब मैं जयपुर गया तो जयपुर में सविता ने मेरी बात अपनी मम्मी से कारवाई। उसकी मम्मी से बात करके मुझे अच्छा लगा और मुझे सविता से बात कर के भी बहुत ही अच्छा लग रहा था हम लोगों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया था। उसकी मां को भी यह बात पता चल चुकी थी कि मेरे और सविता के बीच में जरूर कुछ ना कुछ चल रहा है।
उसकी मां ने जब सविता से इस बारे में पूछा तो सविता भी अपनी मां से कुछ छुपा ना सकी और उसने मेरे और अपने रिलेशन के बारे में अपनी मम्मी को सब कुछ बता दिया और अब उसकी मम्मी मुझसे मिलना चाहती थी। एक दिन जब मैं सविता की मम्मी को मिलने के लिए उनके घर पर गया तो उन्होंने मुझे उस दिन पूरी बात बताई और कहने लगी कि देखो राजीव बेटा मुझे तुमसे कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन तुम सविता के पापा को जानते नही हो वह बहुत ज्यादा शराब पीते हैं जिस वजह से कई बार मेरे और सविता के पापा के बीच में झगड़े भी हो जाते हैं, जब भी हम दोनों के बीच में झगड़े होते हैं तो मुझे हमेशा ही लगता है कि कहीं इसका सविता पर कोई असर ना पड़े, मैंने सविता को कभी भी कोई कमी नहीं महसूस होने दी है और उसकी हर एक चीज को हमेशा मैंने पूरा किया है।
मैं सविता की मां की भावनाओं को समझ सकता था और उन्होंने सविता के लिए काफी कुछ किया था लेकिन अब मैं सविता से शादी करना चाहता था और उसकी मां को इस बात से कोई एतराज भी नहीं था लेकिन वह लोग चाहते थे कि हम दोनों एक दूसरे को थोड़ा और समय दे। हम दोनों एक दूसरे से मिला करते जब भी हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हम लोगों को बहुत ही अच्छा लगता है। साथ में समय बिता कर हम दोनों बहुत ही खुश थे जब भी सविता और मैं साथ में होते तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता। हम दोनों साथ में काफी अच्छा समय बिताया करते हैं जिससे कि मैं और सविता काफी खुश रहते थे। एक दिन सविता ने मुझे अपने घर पर बुलाया। जब उस दिन हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था। हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे। मैं सविता से बातें कर रहा था और वह मुझसे बातें कर रही थी लेकिन उस दिन सविता के घर पर कोई भी नहीं था मुझे नहीं मालूम था मैं सविता के सामने अपनी फीलिंग को बिल्कुल भी रोक नहीं पाऊंगा और जब उस दिन हम दोनों के बीच में किस हो गया तो मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था और ना ही सविता अपने आपको रोक पा रहा थी।
मैंने सविता के स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था मै सविता के स्तनों को दबाने लगा था मुझे मजा आने लगा और उसे भी बड़ा आनंद आने लगा था। वह उत्तेजित होती जा रही थी वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है। अब हम दोनों बहुत ही ज्यादा गर्म होने लगे थे। मैंने सविता की जांघों को सहलाना शुरु कर दिया था। मै जब उसकी जांघों को सहला रहा था तो हम दोनों को ही मजा आने लगा था और हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने उसके कपड़ों को उतार दिया।
मैंने उसके बदन से उसके कपडो को उतारा तो वह मेरे सामने नंगी थी और हम दोनों सोफे में लेटे हुए थे। मै उसके स्तनों को देखकर अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सका और मैंने उसके सामने अपने लंड को किया। जब मैंने उसके सामने अपने लंड को किया तो सविता ने उसे अपने हाथों में ले लिया और वह उसे सहलाने लगी। जब वह मेरे लंड को सहलाती तो मुझे अच्छा लग रहा था और सविता को भी मजा आ रहा था। सविता ने बहुत देर तक मेरे मोटे लंड को अपने हाथों से सहलाया मुझे मजा आ रहा था जब वह मेरे लंड को चूसे जा रही थी वह गरम होती जा रही थी और मुझे भी गर्मी का एहसास हो रहा था। सविता ने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया और वह उसे अच्छे से चूसने लगी। जब वह ऐसा कर रही थी तो मुझे मजा आने लगा था और सविता को भी मजा आने लगा था। मैं और सविता एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे।
सविता को मजा आ रहा था लेकिन अब उसने मेरे लंड को दबाना शुरू कर दिया था। वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी उसने जब मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा मजा आने लगा था और मुझे भी बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे। हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने सविता को कहा मैं बहुत ही ज्यादा गरम हो चुका हूं मैं सविता के बदन से कपड़े उतार रहा था। उसके बदन से कपड़े उतार कर मैं उसकी चूत को चाटने लगा था। उसकी चूत को चाटने लगा था उसे मजा आ रहा था।
सविता और मैं एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहे थे। मैंने सविता को कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है उसने अपने पैरों को खोल था। उसने मुझे कहा तुम मेरी चूत में अपने लंड को घुसा दो। मेरा मोटा लंड जब उसकी चूत मे घुसा तो वह बहुत जोर से चिल्लाने लगी। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत में दर्द हो रहा है। मैं उसे तेजी से धक्के मार रहा था। मैं उसके स्तनों को दबाए जा रहा था जब मैं उसके स्तनों को दबाता तो उसे मज़ा आ रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। सविता और मै एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ रही थी।
अब सविता और मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था। मैंने सविता की चूत को अच्छे से मारना शुरू कर दिया था और जब मेरा माल सविता की चूत में गिरा तो वह मुझे कहने लगी आज मुझे अच्छा लग रहा है। सविता की चूत आज भी उतनी ही टाइट है जितनी कि पहले थी। सविता की सील पैक चूत को मैंने ही तोडा था। सविता को मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था जब हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को दोबारा से बढ़ाने लगे थे। मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली को लगाकर सविता की गर्मी को दोबारा से बढ़ा दिया। मैंने अब सविता की योनि के अंदर दोबारा से लंड को घुसा दिया था। मेरा लंड सविता की चूत में जा चुका था और मैं सविता को बड़े ही अच्छे से चोदे जा रहा था।
वह मेरा साथ अच्छे से देती जा रही थी। मुझे मजा आ रहा था मैंने उसके दोनों पैरों को खोल लिया था जिसके बाद वह बहुत जोर से सिसकारियां लेने लगी थी और जिस तरीके से वह सिसकारियां ले रही थी उससे मुझे अच्छा लग रहा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। हम दोनों ने साथ में काफी देर तक शारीरिक सुख का मजा लिया और मैंने उसकी चूत मे अपने माल को गिरा कर अपनी इच्छा को पूरा कर लिया था। मैंने सविता की चूत में अपने माल को गिरा दिया था और वह मेरे लंड को दोबारा से चूसने लगी। उसने मेरे लंड पर लगे वीर्य को साफ कर दिया और मुझे कहने लगी राहुल आज मुझे बहुत ही अच्छा लगा जिस प्रकार से मैंने तुम्हारे साथ शारीरिक सुख का मजा लिया। हम दोनों साथ में लेटे हुए थे और मैं सविता की चूत में उंगली को घुसाई जा रहा था वह मुझे  कहने लगी आप मेरी चूत एक बार और मार लीजिए। मैंने उसकी चूत दोबारा से मारी काफी देर तक मैंने उसकी चूत का मजा लिया था तब जाकर उसकी इच्छा पूरी हो गई और बहुत बड़ी खुश हो गई थी जिस तरीके से मैने उसके साथ सेक्स संबंध बनाए थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भाई ने सलवार उतारकर चोदा - by neerathemall - 08-01-2021, 01:15 PM



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