Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
चचेरी बहन की रजाई
#48
दर्द और जलन के साथ – साथ मेरी चूत में सुरसुरी सी होने लगी थी और मैं वासना में पूरी तरह डूब चुकी थी. अब मैंने सोने का बहाना करना छोड़ दिया और खुल के मज़े लेने लगी. तभी भाई ने फिर से एक धक्का लगाया और पूरा लंड मेरी बुर को फाड़ता हुआ अंदर चला गया.

पूरा लन्ड अंदर जाने के बाद फिर वो धक्के पर धक्का लगाने लगा. दूसरी तरफ मैं भी अपनी गांड को उससे सटाये जा रही थी ताकि लन्ड और अंदर तक घुस सके. वो मुझे मज़े से चोद रहा था और मैं मस्त होकर चुदवा रही थी.

फिर वो उठा और मुझे खींच कर पीठ के बल लिटा दिया और फिर मेरे ऊपर चढ़ गया. फिर उसने मेरी दोनों टांगों को फैलाया और तेजी के साथ धक्के मारने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं निहाल हुई जा रही थी. फिर मैंने भी उसको अपनी बाहों में भर लिया और किस करने लगी.

अब उसकी स्पीड और बढ़ गई थी. वो अपनी बहन को चोदे जा रहा था. मेरी चूत में धक्के पर धक्का मार रहा था. वो जब भी धक्का लगाता तो लन्ड और अंदर तक लेने की कोशिश में मैं करीब 6 इंच ऊपर उठ जाती फिर नीचे आ जाती.

वह भी मज़े लेकर मुझे चोद रहा था. उसने मेरे चूचों में हाथ में ले रखा था. कभी वह उन्हें मसल देता तो कभी मुंह में लेकर चूसने लगता. करीब 20 मिनट बाद वो झड़ गया. तन तक मैं तो तीन बार झड़ चुकी थी. फिर दोनों ने अपने कपड़े पहने और मेरे ही बेड पर एक – दूसरे को पकड़ के सो गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: चचेरी बहन की रजाई - by neerathemall - 08-01-2021, 12:49 PM



Users browsing this thread: 11 Guest(s)