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चचेरी बहन की रजाई
#41
पैंट नीचे होते ही उनका राजा एक दम से उछल कर बाहर आ गया. बहुत बड़ा हो गया था वो. जिसे देख मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं और मैं एकटक उसे देखती ही रह गई.

फिर जब भाई ने दोबारा मेरे सीने पर हाथ रखा तो मेरी तंद्रा टूटी और मैंने नीचे जाकर भाई का लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे भी और मेरे भाई को भी.

थोड़ी देर तक लंड चूसने के बाद भाई के लंड ने अपना पानी छोड़ दिया. मैं उनका गर्मागर्म पूरा पानी पी गई. फिर भाई भी निढाल होकर पड़ गए. तब मैं जाकर उनके ऊपर लेट गई. फिर उन्होंने मुझे थोड़ा ऊपर खींचा और मेरे मम्मे को अपने मुंह की सीध में किया. इसके बाद उन्होंने मेरी टी-शर्ट को साइड में करके मेरे मम्मों को बाहर निकाल लिया और मुंह में लेकर चूसने लगे.

फिर थोड़ी देर बाद भाई ने कहा, “मज़ा आ गया नेहा! बस अब मुझे मेरी बहन की चूत चोदने को मिल जाए तो फिर बात ही क्या!” तब मैंने भाई से कहा कि ये गाड़ी है औए यहां पर ये सब करना ठीक नहीं है, हम पहुंचने के बाद सीधा तुम्हारे फ्लैट पर चलेंगे और वहां पर तुम मज़े से पूरा मजा लेकर मेरी चुदाई करना.

चूंकि मुझे होस्टल में रहना था तो वहां पर कुछ करना पॉसिबल ही न था. भाई भी मेरी बात को समझ गया और फिर मुझे किस करके बोला ठीक है. इसके बाद हम सोने की कोशिश करने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चचेरी बहन की रजाई - by neerathemall - 08-01-2021, 12:46 PM



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