08-01-2021, 12:45 PM
मुझे अपने भाई के साथ बस का सफर करना था. रात का सफर था और बस में हमने स्लीपर सीट बुक कर रखी थी. हम दोनों भाई – बहन की सीट अगल – बगल थी. रात में जब मैं सो गई तो भाई ने मुझे यहां – वहां टच करने लगे. इसके बाद किस तरह मेरा सफर रंगीन हुआ ये कहानी में पढ़िए…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम नेहा और आज मैं अपनी एक नई कहानी लेकर आप लोगों के सामने हाजिर हूं. यह कहानी मेरी और मेरे भाई के बीच एक यात्रा के दौरान हुई सेक्स घटनाओं पर आधारित सच्ची कहानी है. उम्मीद करती हूं मेरी यह कहानी आप लोगों को पसंद आएगी.
कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको मेरे भाई के बारे में बता देना चाहती हूं. उसका नाम विनीत है और वह दिखने भी ठीक-ठाक है. उसकी बॉडी भी स्लिम है और उसका रंग गोरा है.
अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं. 12वीं पास करने के बाद हमें अपनी आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना था. इस टाइम मेरी उम्र 20 और भाई की 22 साल थी. हम दोनों का शहर के एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन हो गया था और मुझे रहने के लिए होस्टल भी मिल गया था. लेकिन भाई के लिए पापा ने वहीं थोड़ी दूर पर एक फ्लैट किराए पर ले दिया था.
खैर, हमारा सफर शुरू हो गया. मेरे मम्मी पापा को भाई पर कुछ ज्यादा ही भरोसा था इसलिए उन्होंने मुझे भाई के साथ अकेला ही भेजा.
हेलो दोस्तों, मेरा नाम नेहा और आज मैं अपनी एक नई कहानी लेकर आप लोगों के सामने हाजिर हूं. यह कहानी मेरी और मेरे भाई के बीच एक यात्रा के दौरान हुई सेक्स घटनाओं पर आधारित सच्ची कहानी है. उम्मीद करती हूं मेरी यह कहानी आप लोगों को पसंद आएगी.
कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको मेरे भाई के बारे में बता देना चाहती हूं. उसका नाम विनीत है और वह दिखने भी ठीक-ठाक है. उसकी बॉडी भी स्लिम है और उसका रंग गोरा है.
अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं. 12वीं पास करने के बाद हमें अपनी आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना था. इस टाइम मेरी उम्र 20 और भाई की 22 साल थी. हम दोनों का शहर के एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन हो गया था और मुझे रहने के लिए होस्टल भी मिल गया था. लेकिन भाई के लिए पापा ने वहीं थोड़ी दूर पर एक फ्लैट किराए पर ले दिया था.
खैर, हमारा सफर शुरू हो गया. मेरे मम्मी पापा को भाई पर कुछ ज्यादा ही भरोसा था इसलिए उन्होंने मुझे भाई के साथ अकेला ही भेजा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.