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चचेरी बहन की रजाई
#36
उसकी हालत देख कर मैंने भी अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसे चूसने के लिए कहा. उसने झट से उसे मुंह में लिया चूसने लगी. करीब 5 मिनट लंड चूसने के बाद वो बोलने लगी कि प्लीज अब चोदो मुझे, मैं और नहीं रुक सकती…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम हनी है और मैं दिल्ली में व्यापार के लिए प्रसिद्ध तिलक नगर का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 21 साल है और मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच तथा मोटाई 3 इंच है. आज मैं आप सब के सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूं अपनी एक सच्ची दास्तान है, जो आप सभी को अपना लंड हिलाने के लिए मजबूर कर देगी.

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं. ये बात उस समय का है जब मैं अपना मामा के यहां गर्मी की छुट्टी बिताने आया था. मेरे मामा के घर में उनका पूरा परिवार रहता था, जिसमें उनकी 2 बेटियां भी थीं. मेरे मामा की छोटी बेटी का नाम चीकू है और देखने में बहुत सेक्सी और जबरदस्त माल है. उसकी उम्र 19 साल है लेकिन वो 21 से कम की नहीं लगती. उसके उभरे हुए 32 की साइज के मम्मे देख कर तो बूढ़े भी मुठ मारने लगते हैं. दोस्तों, उसकी कमर 30 और नीचे का साइज 34 है.

एक दिन चीकू, उसकी बड़ी दीदी और उसकी दादी (मेरी नानी) हम सब एक कमरे में सोये हुए थे. तभी अचानक रात में मुझे टॉयलेट लगी और मेरी नींद खुल गई. मैं टॉयलेट जाने के लिए उठा तो देखा कि चीकू अपने बिस्तर पर लेटी धीरे – धीरे किसी से बात कर रही थी. यह देख मैंने उससे पूछा कि किससे बात कर रही हो तो वो बोली कि अपने किसी दोस्त से कर रही हूं. इस पर मैं कुछ नहीं बोला और टॉयलेट चला गया. फिर वापस आकर सो गया.

ये सिलसिला हर रोज रात को चलता रहा. वह बहुत देर तक बातें करती रहती. मैं रोज देखता, मुझे शक भी होता लेकिन मैं बिना कुछ बोले आकर सो जाता. लेकिन मेरा दिल नहीं मान रहा था तो एक रात सबके सोने के बाद मैं चीकू के पास गया और पूछा कि वो रोज रात को इतनी देर तक किससे बात करती रहती है.

पहले तो उसने इधर – उधर करके बात टालने की कोशिश की लेकिन मुझे तो जानना ही था. मैं अड़ा रहा. आख़िर उसे बताना ही पड़ा. उसने मुझे बताया कि दिन में मौका नहीं मिल पाता तो सबके सोने के बाद रोज रात को वह अपने बॉयफ्रेंड से बात करती है. यह सुन कर मैंने कुछ नहीं कहा और वहां से आकर अपने बिस्तर पर लेटा और सो गया.

अगले दिन करीब 10 बजे अचानक मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि वह अभी – अभी नहा कर आई थी. उसके बाल खुल हुए थे और उसने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहन रखा था. इन कपड़ों में वह बहुत सेक्सी लग रही थी. उसको इस हालत में देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और लोहे की तरह कठोर हो गया. मैं लगातार उसको देखता रहा. फिर जब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ तो मैं बाथरूम में गया और उसके नाम की मुठ मार कर खुद को शांत किया.

फिर पूरा दिन इधर – उधर के कामों में निकल गया. रात हुई. जब सब सो गये तो मैं उसके पास गया और हिम्मत कर के उससे बोला कि आज सुबह तुम बहुत सेक्सी लग रही थी. मेरी मुंह से ये बातें सुन कर वो मुस्कुराते हुए बोली, “अच्छा, ऐसा था क्या?” मैंने कहा, “हां”. तब उसने मुझे थैंक्स कहा और फिर मैं अपने बिस्तर पर आ कर सो गया.

अगली सुबह फिर उसको उसी हालत में देखने के लिए मैं जल्दी उठ गया और बिस्तर पर पड़ा सोने का नाटक करता रहा. उस दिन भी नहाने के बाद वो वैसे ही कपड़ों में मेरे सामने आई और बड़ी देर तक इधर – उधर घूम कर मुझे अपने हुस्न का दीदार कराती रही. दोस्तों, उस दिन भी मैंने टॉयलेट में जाकर उसके नाम की मुठ मारी.

अगले दिन घर में मेहमान आए हुए थे तो रात को वो मेरे बगल में आकर सो गई. मुझे यह मालूम नहीं था क्योंकि मैं उसके आने के पहले ही सो गया था. फिर रात को जब मेरी नींद खुली तो देखा कि वो मेरे बगल में सोई है. उसको अपने बगल में देख कर मेरी तो खुशी का ठिकाना ही न रहा और धीरे – धीरे फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया. वो मुझसे थोड़ा चिपक लर लेटी थी इस कारण मेरा खड़ा लंड उसके गाड़ के लकीर को टच कर रहा था.

उसको भी इस बात का पता चल गया था कि कुछ कठोर सी चीज उसकी गांड को टच कर रही है. फिर उसने हाथ पीछे करके देखा, जब उसे पता चला कि वो तो मेरा लौड़ा है तो फिर वो बिना कुछ बोले वापस सो गई और मजा लेने लगी. यह देख कर मैं समझ गया कि ये भी मेरा लंड लेने के लिए तैयार है.

अगले दिन जब सुबह मैं उठा उस दिन भी वो नहा कर निकली थी. मुझे जागा देख मेरे पास आई और बोली, “रात को क्या कर रहे थे?” उसके इस सवाल से मैं डर गया और मेरे मुंह से कोई आवाज ही नहीं निकली. फिर वो वहां से चली गई.

उसी दिन घर के सब लोग बाहर जाने वाले थे. घर पर सिर्फ मुझे, चीकू को और उसकी दीदी को ही रुकना था. रात हुई. हम तीनों ने खाना खाया और फिर सोने की तैयारियां करने लगे. तभी चीकू बोली कि मैं और हनी भैया एक साथ सो जाते है ऊपर वाले कमरे में. यह सुन कर मैं मन ही मन खुश हो गया. नानी ने भी हां कर दी. फिर हम सोने के लिए ऊपर वाले कमरे में चले गए और सोने की तैयारी करने लगे.

तभी वो मेरे पास आई और बोली कि आप की कोई गर्लफ्रैंड है तो मैंने कहा “नहीं”. फिर खुद अपने बॉयफ्रेंड की सारी कहानी मुझसे बताने लगी. इस तरह बात करते – करते रात के 12 बज गए तो मैंने उससे कहा कि चलो सोते हैं.

इतना कह कर मैं लेटने लगा तभी वो अचानक मेरे और करीब आई और आकर मुझे पकड़ लिया. इसके बाद वह लोवर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी. उसका हाथ लगते ही मेरा लंड लोहे की रॉड जैसा कठोर हो गया. फिर वो उसे पकड़ कर हिलाने लगी.

अब वो धीरे – धीरे गरम होने लगी थी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके चड्ढी के अंदर डाल दिया. जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत के ऊपर गया मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैंने अपना हाथ किसी आग कि भठ्ठी में डाल डाल दिया हो.

उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी. फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और अंदर – बाहर करने लगा. चूत में उंगली करने से वो और गर्म हो और मेरा हाथ पकड़ने लगी. अब उसके मुंह से मादक आवाजें भी निकल रही थीं, जो मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं.

फिर मैंने उसे चूमना स्टार्ट किया और और धीरे – धीरे करके उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. अन्दर उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी, जिसको देख कर मैं जोश में आ गया और फिर मैंने उसकी ब्रा को फाड़ कर फेंक दिया. ब्रा फटते ही उसके मम्मे आजाद हो गए. उन्हें देख कर मुझसे कंट्रोल न हुआ और मैं उन्हें चूसने लगा.

फिर धीरे – धीरे करके मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए. अब वो मेरे सामने बिना कपड़े के लेटी हुई थी. उसकी गुलाबी चूत से काम रस टपक रहा था. जिसे देख कर मैं नीचे गया और उसकी चूत को चाटने लगा. मेरे ऐसा करने से वो और गर्म होने लगी. दोस्तों, उसका बॉयफ्रेंड तो था लेकिन ये उसकी पहली चुदाई थी इसलिए वो चुदने के लिए और भी ज्यादा उतावली होकर बार – बार लंड अन्दर डालने के लिए कह रही थी.

उसकी हालत देख कर मैंने भी अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसे चूसने के लिए कहा. उसने झट से उसे मुंह में लिया चूसने लगी. करीब 5 मिनट लंड चूसने के बाद वो बोलने लगी कि प्लीज अब चोदो मुझे, मैं और नहीं रुक सकती.

उसकी ये बातें सुन कर मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह से बाहर निकाला और पोजीशन में आकर उसकी चूत में सटा कर धीरे से धक्का लगाया तो मेरे लंड का सुपड़ा उसकी चूत में आधा घुस गया. इससे उसे बहुत तेज दर्द हुआ और वो चिल्लाने लगी.

यह देख मैंने अपना एक हाथ उसके मुंह पर रख दिया ताकि आवाज बाहर न जाने पाए. हाथ रखने के बाद फिर मैंने एक झटका दिया और पूरा लंड अंदर कर दिया. उसकी सील टूट चुकी थी और दर्द के कारण वह तिलमिलाने लगी थी. यह देख मैं कुछ देर के लिए रुक गया और उसके मम्मों को हाथ में लेकर दबाने लगा.

फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिया. उसे अभी भी दर्द हो रहा था लेकिन अब मैं रुकने वाला नहीं था. धक्के पर धक्के लगाता रहा. मैंने अलग – अलग तरीके से करीब आधे घंटे तक उसे चोदा. इसके बाद दोनों एक साथ झड़ गए. ये उसका तीसरा ऑर्गेज्म था. फिर उस रात मैंने उसको कुल 3 बार चोदा और हर बार उसकी चूत में ही अपना माल निकाला. फिर कुछ दिन बाद मेरी छुट्टी खत्म हो गई और मैं घर वापस आ गया.































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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चचेरी बहन की रजाई - by neerathemall - 08-01-2021, 12:44 PM



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