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चचेरी बहन की रजाई
#23
बात पिछले साल के मई के महीने की है. दोस्तों, जैसा कि आप जानते ही हैं कि मई के महीने में कितनी गर्मी होती है और हमारे यहां बिजली की बहुत समस्या है तो शाम को हम सब अपने घर की छत पर घूमते हैं. मेरे चाचा मेरे घर से दूसरी गली में रहते हैं और चाचा के घर के सामने एक घर है जिसमें चार बहनें रहती हैं. दोस्तों, वो चारों बहनें बहुत ही खूबसूरत हैं. कोई भी उन्हें देख ले तो उनका दीवाना हो जाए.

उसके घर की छत मेरे घर से साफ़ – साफ दिखती है और उनमें से जो सबसे बड़ी बहन है उससे मेरी दोस्ती है. दोस्तों, हमारे बीच सिर्फ दोस्ती ही है. उसका नाम अनुजा है और वो लगभग 28 साल की है. लेकिन दोस्तों, अभी तक उसकी शादी नहीं हुई. जब भी मैं चाचा के घर जाता हूँ तो उसके साथ बात जरूर करता हूँ.

एक दिन बिजली गयी हुई थी इसलिए मैं जाकर चाचा के घर पर बैठ गया. हम सब बाहर बैठे हुए थे और अनुजा भी गर्मी की वजह से बाहर बैठी हुई थी तो हम सब आपस मे बातें करने लगे. इसी बीच बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके घर पर कोई नहीं है. ये बात सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और मन ही मन उसको चोदने के सपने देखने लगा लेकिन तभी बिजली आ गयी और हमारे तरफ के सब लोग अंदर चले गए और फिर वो भी अंदर चली गयी.

अब मैं सोचने लगा कि लाइट ने मेरा सारा काम ख़राब कर दिया पर मुझे क्या पता था कि लाइट की ही वजह से मेरा काम बनने वाला है. फिर मैं उठ कर अपने घर आने लगा. तभी उसने मुझे पीछे से आवाज लगा कर कहा – प्लीज मेरी हेल्प करोगे? मुझसे पानी की बाल्टी नहीं उठ रही है. प्लीज, उठा कर कर बाल्टी बाथरूम में रख दो न, मुझे नहाना है.

ये बात सुन कर मैं थोड़ा हैरान सा रह गया पर फिर मैंने कुछ नहीं कहा और जा कर उसकी बाल्टी बाथरूम में रख दी. उसका बाथरूम बहुत बड़ा था, मेरा तो मन कर रहा था कि बस अभी उसको पकड़ कर चोद दूं. दोस्तों, जब सामने इतनी खूबसूरत लड़की खड़ी हो तो मैं खुद को कैसे रोक सकता हूँ. खैर, किसी तरह मैंने खुद पर कंट्रोल किया और वापस घर आने लगा.

तभी उसने कहा, “तुम यहीं रहो न, घर में कोई है नहीं इसलिए अकेले मैं बोर हो जाऊंगी.” फिर जब मैंने अपनी सहमति दे दी तो उसने कहा, “मैं नहा कर तुरन्त आती हूँ, तब तक तुम यहां थोड़ी देर बैठो”. इतना बोल कर वह नहाने चली गई.

फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे आवाज लगा कर कहा कि मैं अपनी ड्रेस बाहर भूल गयी हूँ, प्लीज़ दे दो. तो मैंने उसे उसकी दे दी और फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे बुलाया कर कहा, “तुम मेरी कमर मसल दो न, मेरा हाथ वहां नहीं पहुंच रहा है”.

ये सुन कर मेरा लंड फिर से टाइट हो गया और मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ. फिर मैंने कहा, “ठीक है, कर दूंगा.” अब वो बोली कि बाथरूम का दरवाजा खुला है अंदर आ जाओ. जब मैं अंदर गया तो मेरे सामने एक अद्भुत नजारा था. वो दूसरे तरफ मुंह करके नंगी बैठी हुई थी और उसके चूतड़ की लकीर मुझे साफ़ दिख रही थी. यह देख कर मैं पागल हो रहा था.

तभी उसने कहा, “साबुन लो और मेरी कमर पर लगा दो”. तो मैंने साबुन उठा कऱ उसकी कमर पर लगाना शुरू किया. मैं साबुन लगा रहा था तो उसने कहा कि अच्छी तरह गले से लेकर नीचे तक लगाओ. मैं भी साबुन लगाने के बहाने उसके चूतड़ों पर हाथ फेर देता था.

अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैंने अपने आप को रोकने की भरसक कोशिश की पर मैं सफल नहीं हो सका और मैंने उसका एक बोबे को दबा दिया. ये देख कर वो खड़ी हो गयी तो मैं घबरा गया और माफ़ी मांगने लगा लेकिन उसने कहा, “बस, अब कुछ मत कहो, तुम्हें नहीं पता कि मैं कितनी प्यासी हूँ. अब बस मेरी प्यास बुझा दो, बस आज मुझे चोद दो. अब मैं और नहीं रह सकती.”

मुझे तो बस उसका इशारा मिलने की देर थी, मैं शुरू हो गया. अब मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया तो वो भी मस्त होकर मेरा साथ देने लगी थी. नंगी तो वो पहले से ही थी. अब मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा था. फिर करीब पांच मिनट तक हम एक – दूसरे को चूमते रहे.

फिर मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और बेडरूम तक ले गया. वहां बेड पर लेटाकर मैं उसकी चूत चाटने लगा. दोस्तों, उसकी चूत एक दम साफ़ थी और उस पर एक भी बाल नहीं थे. अब वो पागल हुई जा रही थी और मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थी.

फिर वो खड़ी हुई और उसने मेरी टीशर्ट निकल दी और मेरे निप्पल्स को चूमने लगी. एक तरफ वो मेरे निप्पल्स चूस रही थी और दूसरी तरफ मेरे लंड को पजामे के ऊपर से ही सहला रही थी. फिर उसने अपना हाथ मेरे पजामे के अंदर घुसा दिया और मेरे लन्ड को सहलाने लगी. अब कभी वो मेरी छाती को चूम रही थी तो कभी मेरे होंठ को.

फिर उसने मेरा पजामा नीचे किया और मेरे लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी. फिर उसने मुझसे कहा, “तुम अपनी झांटें साफ़ नहीं करते हो क्या? इतने बाल हैं तुम्हारे लंड पर.”

तो मैंने हंसते हुए कहा अब अगली बार से साफ रखूँगा. तो वो हंस कर मेरा लंड चूसने लगी. अब तो मैं स्वर्ग में था और वो लंड को हिला – हिला कर चूस रही थी. मेरा लंड उसके थूक से बिलकुल गीला हो चुका था और वो उसे जोर – जोर से हिला रही थी. जिससे मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली जो सीधे उसके चेहरे पर जा गिरी.

फिर उसने मेरे पजामे और कच्छे को उतरा और फिर से लंड को चूसने लगी. जिससे थोड़ी देर में ही मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया. अब वो बोली – बस, अब और नहीं रहा जाता. अब बुझा दो मेरी प्यास, मेरे राजा, अब डाल दो मेरी चूत में अपना लन्ड.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चचेरी बहन की रजाई - by neerathemall - 08-01-2021, 12:32 PM



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