07-01-2021, 04:39 PM
दादी को दवा देकर सुलाने के बाद हम लोग लैपटॉप पर मूवी देखने बैठे, ठंड थी तो एक ही रजाई में हम दोनों मूवी देख रहे थे।
तभी मैंने बातों ही बातों में उससे उसके कॉलेज लाइफ के बारे में जानना चाहा. वो भी कुछ देर बाद मूवी से ध्यान हटा कर मुझसे अच्छे से बात करने लगी. बातों में पता चला कि उसका वहां एक बॉयफ्रेंड भी है, मुझे उस वक़्त लगा कि गई भैंस पानी में।
पर मैंने सोचा प्रयास करने में क्या हर्ज है मुझे कौन सा प्रेम के पींगें बढ़ानी हैं इसके साथ … बातों बातों में मैंने पूछ लिया- क्या तुम अपने ब्वॉयफरेंड के साथ सब कर चुकी हो?
तब वो चुप हो गई.
मुझे लगा कि मैंने जल्दबाजी कर डाली.
लेकिन उसने जवाब दिया- नहीं, अभी तक कुछ वैसा नहीं किया जैसा तुम सोच रहे हो।
मैं समझ गया कि अब लोहा गर्म हो रहा है, मैं अब माहौल बनाने में लग गया।
तकरीबन बारह बजे इधर उधर की बात करते करते मैंने कहा- चलो चाय बनाते हैं.
उसने हामी भरी और हम रसोई में चले गए.
चाय बनाते वक़्त मैंने उससे कहा- तुम जबसे दिल्ली गई हो, बहुत खूबसूरत हो गई हो.
तो वो हंसने लगी और शुक्रिया कहा.
फिर उसने कहा- तुम भी हैंडसम बन गए हो, कोई मिल गई क्या?
मैंने भी कहा- नहीं मिली तो नहीं … पर लग रहा है जल्दी मिल जाएगी.
शायद इशारों में कहीं बात उसने पकड़ ली थी।
तभी मैंने बातों ही बातों में उससे उसके कॉलेज लाइफ के बारे में जानना चाहा. वो भी कुछ देर बाद मूवी से ध्यान हटा कर मुझसे अच्छे से बात करने लगी. बातों में पता चला कि उसका वहां एक बॉयफ्रेंड भी है, मुझे उस वक़्त लगा कि गई भैंस पानी में।
पर मैंने सोचा प्रयास करने में क्या हर्ज है मुझे कौन सा प्रेम के पींगें बढ़ानी हैं इसके साथ … बातों बातों में मैंने पूछ लिया- क्या तुम अपने ब्वॉयफरेंड के साथ सब कर चुकी हो?
तब वो चुप हो गई.
मुझे लगा कि मैंने जल्दबाजी कर डाली.
लेकिन उसने जवाब दिया- नहीं, अभी तक कुछ वैसा नहीं किया जैसा तुम सोच रहे हो।
मैं समझ गया कि अब लोहा गर्म हो रहा है, मैं अब माहौल बनाने में लग गया।
तकरीबन बारह बजे इधर उधर की बात करते करते मैंने कहा- चलो चाय बनाते हैं.
उसने हामी भरी और हम रसोई में चले गए.
चाय बनाते वक़्त मैंने उससे कहा- तुम जबसे दिल्ली गई हो, बहुत खूबसूरत हो गई हो.
तो वो हंसने लगी और शुक्रिया कहा.
फिर उसने कहा- तुम भी हैंडसम बन गए हो, कोई मिल गई क्या?
मैंने भी कहा- नहीं मिली तो नहीं … पर लग रहा है जल्दी मिल जाएगी.
शायद इशारों में कहीं बात उसने पकड़ ली थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.