07-01-2021, 04:38 PM
चूचियां तो बड़ी बड़ी नहीं पर हां संतरे के करीब का था पर गोल गोल और टाइट था। मैं सकपकाता हुआ धीरे धीरे चूची को छूने लगा। मेरी बहन मेरी लंड सहला रही थी और मैं बूब्स। दोनों की साँसे तेज तेज चल रही थी। फिर मेरी बहन ऊपर तक सहलाते हुए आई और मेरे होठ को छूने लगी।
मेरे मुंह में अपनी ऊँगली डालने लगी। फिर एक दम से उसने मेरी पेंट में हाथ डाल दिया और मेरा लंड पकड़ ली। उसके बाद मेरे करीब आकर मेरे होठ पर अपना होठ रख दी और हौले हौले से चूसने लगी। हम दोनों ही चुपचाप होकर एक दूसरे को चुम रहे थे। किस कर रहे थे।
उसमे बाद उसने अपना नाडा खोल दी। और मेरा बात अपनी सलवार के अंदर डाल दी। अंदर पेंटी पहनी थी पर सलवार का नाडा खोल दी थी। मैं पहले पेंटी के ऊपर से भी अपनी बहन की चुत को सहलाने लगा। पर मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपना हाथ पेंटी के अंदर डाल दिया। मेरी बहन की चुत काफी गीली हो गयी थी चूत पर बाल नहीं थे। मैं चूत की छेद को मसहूस करने की कोशिश करने लगा।
मेरी बहन टाँगे अलग अलग कर दी। और फिर अपना सल्वार और पेंटी उतार दी। मुझे खींच पर अपने ऊपर चढ़ा ली। और फिर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सेट की और निचे से गोल गोल घुमाने लगी अपनी गांड को। मैं भी हौले हौले से अपने लंड को बहन की चूत में घुसा दिया।
अब वो अपनी चूचियां भी निकाल ली और मुझे पिलाने लगी। मैं चूचियां पीते हुए उसने चूत में लंड घुसाने लगा। वो अपनी गांड गोल गोल घुमा रही थी और निचे से धक्के दे रही थी।
मेरे मुंह में अपनी ऊँगली डालने लगी। फिर एक दम से उसने मेरी पेंट में हाथ डाल दिया और मेरा लंड पकड़ ली। उसके बाद मेरे करीब आकर मेरे होठ पर अपना होठ रख दी और हौले हौले से चूसने लगी। हम दोनों ही चुपचाप होकर एक दूसरे को चुम रहे थे। किस कर रहे थे।
उसमे बाद उसने अपना नाडा खोल दी। और मेरा बात अपनी सलवार के अंदर डाल दी। अंदर पेंटी पहनी थी पर सलवार का नाडा खोल दी थी। मैं पहले पेंटी के ऊपर से भी अपनी बहन की चुत को सहलाने लगा। पर मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपना हाथ पेंटी के अंदर डाल दिया। मेरी बहन की चुत काफी गीली हो गयी थी चूत पर बाल नहीं थे। मैं चूत की छेद को मसहूस करने की कोशिश करने लगा।
मेरी बहन टाँगे अलग अलग कर दी। और फिर अपना सल्वार और पेंटी उतार दी। मुझे खींच पर अपने ऊपर चढ़ा ली। और फिर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सेट की और निचे से गोल गोल घुमाने लगी अपनी गांड को। मैं भी हौले हौले से अपने लंड को बहन की चूत में घुसा दिया।
अब वो अपनी चूचियां भी निकाल ली और मुझे पिलाने लगी। मैं चूचियां पीते हुए उसने चूत में लंड घुसाने लगा। वो अपनी गांड गोल गोल घुमा रही थी और निचे से धक्के दे रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.