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Adultery सोलवां सावन
बसंती 


[Image: sixteen-48927aee11015c7dc5977ccdb3991007.jpg]




थोड़ी देर बार जब मैं नाश्ते के लिये रसोई में पहुँची तो वहां बसंती, चम्पा भाभी और मेरी भाभी सभी थीं। 




बसंती ने मुझे खूब मलाई पड़ा हुआ, दूध का बड़ा गिलास दिया। दूध, घी, मक्खन खा-खाकर मेरा वजन खास कर कुछ “खास जगहों” पर ज्यादा बढ़ गया था 

और मेरे सारे कपड़े तंग हो गये थे। 




[Image: Girl-d7e319cbfaa7c8229c57fb97d9353456.jpg]



मैंने नखड़ा दिखाया- “नहीं भाभी, दूध पी-पीकर मैं एकदम पहलवान बन जाऊँगी…” 



“तो ठीक तो है, वहां चलकर मेरे देवर से कुश्ती लड़ना…” 

भाभी ने मुझे चिढ़ाया और मुझे पूरा ग्लास डकारना पड़ा। 

[Image: sixteen-47255b6ae1833abe8b6dc27abfd8dc94.jpg]
तब तक बसंती खूब ढेर सारा मक्खन लगी हुई, रोटियां ले गयी और छेड़ते हुये बोली- 


“अरे मक्खन खा लो खूब चिकनी भी हो जाओगी और नमकीन भी…” 


[Image: Geeta-Sana-Khan-Spicy-in-Half-Saree.jpg]


मेरे चिकने गाल सहलाते हुये भाभी ने फिर छेड़ा- 


“अरे मेरा देवर खूब स्वाद ले-लेकर तुम्हारे इन चिकने गालों को चाटेगा…” 


चम्पा भाभी क्यों चुप रहती-

“अरे सिर्फ गालों को ही क्यों, इसकी तो हर जगह मक्खन मलाई है, सब जगह रस ले-लेकर चाटेगा। और नमकीन तो ये इतनी हो जायेगी की पूरे शहर में इसी का जलवा होगा, लौंडिया नंबर वन…”


तब तक दूध उबलने लगा था और भाभी उधर चली गयीं। 


बसंती मुझे घूरते हुये बोली-


“अरे ननद रानी तुम्हें अगर सच में नमकीन बनना है ना तो सबसे सही है की तुम… 

खारा नमकीन शरबत पी लो, इतना नमक हो जायेगा ना कि फिर…” 

मैंने देखा कि चम्पा भाभी उसे आँखों सें चुप रहने का इशारा कर रही हैं।

[Image: jethani-without-saree-17.jpg]


पर मैं बोल पड़ी- “बसंती भाभी, कहां मिलेगा वह शरबत…” 


बसंती ने मेरे मस्त गालों को सहलाते हुये कहा- 

“अरे मैं पिलाऊँगी अपनी प्यारी ननद को, दोनों टाइम सुबह शाम। सबसे नमकीन माल हो जाओगी…” 


मैंने देखा कि चम्पा भाभी मंद-मंद मुश्कुरा रही थीं- 

“पियोगी ना… और अगर तुमने एक बार हां कह दिया और फिर मना किया ना तो हाथ पैर बांध कर जबरन पिलाऊँगी…” 


बिना समझे मैंने हामी भरते हुए धीरे से सर हिला दिया। 


मैं भी अब मस्ती में आगयी थी , बड़ी अदा से , अपनी बड़ी बड़ी आँखे मटकाते मैं भाभियों को छेड़ते बोली ,

" ठीक है अगर मै मुकर जाऊं तो , "

बसंती ने चंपा भाभी से मुस्कराकर पूछा ," क्यों बता दूँ इसको क्या करुँगी मैं। "

एकदम चंपा भाभी ने उसी तरह जवाब दिया। 

एक हाथ से मेरे मुलायम मुलायम गालों पर ठीक मेरे गहरे डिम्पल को दबा के दूसरे हाथ को नाक पे रखा और अपना इरादा जाहिर किया ,

" एक हाथ से तेरी नाक दबाउंगी और दूसरे से ई कचौड़ी अस गाल , फच से मुंह खोल दोगी न , फिर तो सीधे कुप्पी से , घलघल घलघल, आपन सुनहरा शरबत , "

[Image: Geeata-Antra-f6df22bd18f5f9a5fbc0a60a48e...ctress.jpg]


" थोड़ा तो बहुत स्वाद तो कल चखी लिया होगा कल शाम को तूने तो अब काहें बिदक रही है " 


चंपा भाभी मुझसे बोलीं। 


और तब मुझे याद आया कल शाम , जब मैंने और चम्पा भाभी ने साथ साथ आँगन में ,नाली पर ,... 

और उसके ठीक बाद चम्पा भाभी ने जबरन मेरे होंठ अपनी जाँघों के बच सीधे वहीँ, एक तेज भभक मेरी नाक में लेकिन , ...और मुझे चटवा के मानी , थोड़ा खारा कसैला , ,... 
कहीं बसंती। .. 

और बसंती ने अपनी बात पूरी की, 


" अरे एकदम भिन्सारे निहारे मुंह ,आपन झाँटन क छन्ने से छान के , सुनहरा , 

और एक बूँद भी बर्बाद किया न तुमने के बाहर बताउंगी तुमको ."

" अरे काहें बर्बाद करेगी ,एक दो बार पिला दो फिर तो खुदै , अरे दो चार दिन पी लेगी

 तो जोबन एकदम गददर, लौंडों की मुट्ठी में नहीं आपायेगा , और उ मस्ती छायेगी न की 

पूरे शहर के लौंडे , बस तोहरे दीवाने , बसंती अरे हमारी ननद हमारे देवरों को नहीं मना करती तो अपनी प्यारी प्यारी भौजी को काहें मना करेगी। "

चम्पा भाभी ने और घी डाला आग में.

" अरे ई मना भी करेगी तो हम कौन माने वाले हैं , सीधे अपन जांघंन के बीच दबाय के अपनी कुप्पी से ऐनकर मुंह सटाय के , देखत जा , " 

बंसती हंस के बोली।


और फिर जोड़ा , " इसके जोबन तो अबहियें अस गदराये हैं की कुल गाँव क लौंडन बउरा गए हैं। "

[Image: Geeta-antra-506354b47576b4ccd5c5897ae7c7b5c3.jpg]


 कहने की जरूरत नहीं है की यह कहते हुए बसंती के हाथ सीधे मेरे उभारों पे थे।

तब तक मेरी भाभी आ आयीं और पूछने लगीं- “ये आप दोनों लोग मिलकर मेरी ननद के साथ क्या कर रही हैं…” 


[Image: sixteen-lolita4.jpg]


“हम लोग इसे अपने शहर की सबसे नमकीन लौंडिया बनाने की बात कर रहे थे…” चम्पा भाभी हँसकर बोलीं।


“एकदम भाभी, मेरी ओर से पूरी छूट है, और अगर ये कुछ ना नुकुर करे ना तो आप दोनों जबर्दस्ती भी कर सकती हैं…” 


“तो बसंती ठीक है, चालू हो जाओ, और जब ये लौट कर जायेगी ना तो फिर इसके शहर के जितने लड़के हैं सब मुट्ठ मारें 


तो गुड्डी का नाम लेकर और रात में झडें तो सपने में इसी छिनार को देखकर और तेरे देवर को तो ये बहनचोद बना ही देगी…” 


चम्पा भाभी अब पूरे मूड में थीं। 


भाभी ने हामी भरी। बसंती भी आज मेरे साथ खुलकर रस ले रही थी, वह बोली-

“अरे तुम्हारा देवर रवींद्र सिर्फ बहनचोद थोड़ी ही है…” 


“फिर… और… क्या-क्या है…” मजा लेते हुए भाभी ने बसंती से पूछा। 


“अरे गंडुआ तो शकल से ही और बचपन से ही है, जब शादी में आया था तभी लगा रहा था 


और अब अपनी इस ननद रानी के चक्कर में… भंड़ुआ भी हो जायेगा… जब ये रंडी बनकर कालीनगंज में पेठे पे बैठेगी तो… मोल भाव तो वही करेगा…” 


और सब लोग खुलकर हँसने लगी। 
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सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 22-03-2019, 10:25 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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