04-01-2021, 07:58 AM
अपडेट 2
" तुम्हारे साथ भी ऐसा होगा जब तुम्हें एक अच्छी सी गर्लफ्रेंड मिल जायेगी या फिर जब तुम्हारी शादी हो जायेगी. पर तब तक तुम्हें खुद पे संयम रखना होगा. " पायल ने कहा. " और हाँ... दूसरी बात ये कि अभी तूम मेरे बारे में कुछ गलत नहीं सोचते हो और बस मेरी पैंटी या फिर ब्रा या सलवार वगैरा मिल जाये तो उसी में तूम खुश हो... पर आगे चल कर तुम्हारे मन में अपनी सगी दीदी के बारे में गंदा विचार आ सकता है... जो कि बहुत Dangerous चीज़ है और इसी का मुझे डर है. ".
" नहीं दीदी... ऐसा कुछ भी नहीं होगा... आपकी बात का Logic मैं समझ गया... ".
" मुझे पता है ऐसा कुछ भी नहीं होगा... पर हो सकता है जब ऐसा हो तो तुम्हें उस Feeling के बारे में पता ही ना चले. ".
पायल ने वहाँ पड़ी Adult Magazine बिस्तर के किनारे कर दी और फिर पीछे खिसक कर तकिये पर लेट गई.
" इधर आ मनीष... " उसने कहा तो मनीष कि कुछ समझ में नहीं आया और वो चुपचाप अपनी बड़ी बहन के बगल में बैठ गया. " उस Feeling को ही Incest कहते हैं... पता होगा शायद तुझे ! मैं चाहती हूं कि सेक्स तेरे लिये एक आम बात हो जाये... वो बात नहीं जिसके बारे में दिन रात सोच कर तू अभी से अपनी Life बर्बाद कर ले... Okay ??? ".
मनीष कुछ समझ पाता, इससे पहले ही पायल ने उसका बायां हाथ पकड़ कर अपनी नाईटी के ऊपर से अपने बूब्स पर रख दिया. भौचक्का हुए मनीष ने झट से अपना हाथ खींच लिया.
" दीदी ??? !!! ".
पायल को पता था कि कब बात करनी है और कब नहीं... उसने बिना कुछ बोले फिर से मनीष का हाथ पकड़ा और वापस अपने सीने पे रख लिया. इस बार मनीष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई... उसने महसूस किया कि पायल दीदी ने अपनी नाईटी के अंदर ब्रा नहीं पहनी है !!! अपने काँपते हाथ से उसने अभी दीदी कि नरम चूची को ठीक से छुआ भी नहीं था कि पायल ने कहा. " पता नहीं चल रहा ना... एक मिनट. ". और उसके हाथ को पकड़ कर सीधे अपने नाईटी के गले के अंदर डाल दिया. मनीष के हाथ में उसके नंगे गरम मम्मे टच होते ही उसकी सांस रुक गई... पायल दीदी क्या कर रही थी ये ??? उसने तुरंत हाथ बाहर निकाल लिया.
" अच्छा बाबा... ". पायल हँसने लगी. " बाहर से ही छुओ. ". ... और इस बार मनीष के हाथ को लेकर अपने पेट पे ठीक नाभी वाली जगह पे रख दिया.
नाईटी के ऊपर से मनीष ने भांप लिया कि पायल दीदी कि नाभी खुब बड़ी और एकदम गहरी होगी... पर अपनी सगी दीदी का बदन छू कर उसे सेक्स वाली उत्तेजना नहीं आई... Infact ये सब इतनी जल्दी हुआ कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो आखिर कैसे React करे !
मनीष को चुप देख पायल ने आगे पहल कि और उसके हाथ को पकड़ कर अपने पेट से दाई तरफ अपने कमर तक ले गई... फिर नीचे अपने जांघ तक. लड़की का बदन छूने में इतना नरम और मांसल होता है ये मनीष को पता नहीं था. अभी मुश्किल से उसकी सांस वापस आई थी कि उसके हाथ को अपने जिस्म पे घुमाते घुमाते एकबारगी पायल ने अपनी दोनों जांघों के बीच घुसा लिया !!!
और ये क्या ??? पायल दीदी ने तो अंदर पैंटी भी नहीं पहनी थी !!!
नाईटी के झीने पतले कपड़े के ऊपर से पायल दीदी कि मोटी गुदेदार बूर मनीष के एकदम हाथ में आ गई !!!
" दीदी !!! ". मनीष के मुँह से निकला... इतनी धीमी आवाज में कि सुनाई भी नहीं दिया... और उसने अपने दूसरे हाथ से अपना पैंट दबा लिया.
मनीष का शरीर सिहर उठा... पायल समझ गई कि क्या हुआ है... उसने उसके हाथ को अपनी चूत पर ही छोड़ दिया और उसे अपने बाहों में भरकर उसके सिर को अपने सीने पे रख लिया. वो उसके बालों को सहलाते हुए उसे शांत करने लगी. करीब एक मिनट तक वैसे ही पड़े रहने के बाद जब मनीष के शरीर का कंपन थोड़ा रुका तो पायल उसे अपने से अलग करके उसे लेकर उठ बैठी और बोली.
" दिखाओ क्या हुआ ... ".
शर्म से पानी पानी हो रहे मनीष ने चुपचाप अपनी पैंट पर से अपना हाथ हटाया तो पायल ने देखा कि उसकी पैंट गीली हो चुकी थी. उसका छोटा भाई पैंट में ही झड़ गया था !!!
" It's Okay मनीष... कोई बात नहीं. " पायल ने उसे ढांढस बंधाया. " पैंट उतार दो... It's Okay. ".
और किसी Situation में मनीष अपनी दीदी के सामने कभी नंगा नहीं होता पर इस वक़्त इतना सब कुछ हो गया था कि उसने बिना कुछ कहे चुपचाप अपना पैंट खोल कर बिस्तर से नीचे फेंक दिया. पायल कि नज़र उसके लण्ड पर पड़ी तो उसे हँसी आ गई.
" कितना छोटा लण्ड है तेरा... ".
दीदी के मुँह से Penis को लण्ड के नाम से पुकारने पर मनीष एकदम सकते में आ गया.
मनीष का लण्ड ढीला पड़ा झूल रहा था... उसका लण्ड बिना खड़ा हुए ही Over Excitement के मारे झड़ गया था... ज़िन्दगी में पहली बार लड़की कि बूर का स्पर्श जो मिला था उसे !!!
" दीदी Sorry... मैं बाथरूम से धो कर आता हूं ! ".
" रुक... मेरी ये पैंटी किस दिन काम आयेगी.
पायल ने मुस्कुराते हुए कहा. उसने मनीष का लण्ड अपने बाये हाथ में पकड़ा तो वीर्य कि एक और मोटी सी धार उसके सुपाड़े से बाहर चू पड़ी. अपने दूसरे हाथ में अपनी पैंटी लेकर वो उसका लौड़ा पोछने लगी. उसका लण्ड साफ करते हुए पायल ने गौर किया कि मनीष के लण्ड का सुपाड़ा खुला हुआ था.
" तू अपने लण्ड का सुपाड़ा हमेशा खोल कर रखता है ? ". पायल ने उसका लण्ड पोछते पोछते पूछा.
" हाँ दीदी... ".
" क्यूँ ? ".
" ऐसे ही दीदी... अच्छा Feel होता है. ".
" अच्छा Feel होता है ??? Okay ! ". पायल मुस्कुराई और लण्ड का सुपाड़ा ऊपर उठा कर मनीष के अंडकोष साफ करने लगी तो मनीष ने अचानक पूछा.
" दीदी... मेरा Penis... I Mean.. लण्ड ज़्यादा छोटा है क्या ? ".
" ठीक ठाक है... Not Bad ! मेरी वो बात बुरी लगी क्या ? ".
" नहीं दीदी... "........
लण्ड कि सफाई पूरी करके पायल ने अपनी गंदी हो चुकी पैंटी बिस्तर पर एक तरफ रख दी और इससे पहले कि मनीष कुछ समझ पाता, उसने झट से अपनी नाईटी खोल दी. मनीष अपनी चोर नज़रों से अभी अभी नंगी हुई अपनी दीदी का गदराया बदन देखने कि कोशिश कर ही रहा था कि पायल ने अपने दोनों हाथों पे पीछे टेक लगाकर उसके सामने अपनी मांसल टांगे खोल दी. पायल दीदी का खुला नंगा बूर अब मनीष के एकदम सामने था !!!
" देखो... डरो मत ! पसंद आई ? ". पायल ने पूछा.
मनीष कि नज़रें बड़ी हो गई पायल दीदी कि चिकनी जांघो के बीच स्थित उसकी फुली हुई सांवली सी बिना झांट वाली चूत के दर्शन करके.
" क्या हुआ... अच्छी नहीं लगी ? ". पायल ने फिर पूछा.
" हाँ दीदी... अच्छी है. पर वो Porn वाली लड़कियों और Magazine कि Models का... " . मनीष चूत पे अपनी आँखे गड़ाये हुए बोलने लगा तो पायल ने उसकी बात बीच में ही काट दी और कहा.
" देसी चूत ऐसी ही होती है मेरे भोले भाई राजा ! अच्छा... अब सूंघ कर देखो... ".
मनीष नीचे झुककर अपना मुँह अपनी दीदी कि चूत के करीब ले गया और एक लम्बी गहरी साँस ली.
" गंध कैसी है ??? " . पायल ने पूछा.
" दीदी... वो... Sorry... मगर वैसी कुछ खास नहीं... I Mean मुझे अच्छी नहीं लगी. ". मनीष ने थोड़ा संकोच करते हुए कहा.
" It 's Okay... सबको चूत कि गंध पसंद नहीं आती. ". पायल ने ऐसे कहा जैसे उसने मनीष कि बात का बुरा नहीं माना हो.
" आजा मेरे ऊपर... ". कह कर पायल बिस्तर पर लेट गई. नंगा मनीष मंत्रमुगध सा अपनी नंगी दीदी के ऊपर चढ़ कर उसके बदन पर लेट गया. उसका झड़ा हुआ लण्ड ठीक पायल कि चूत पर टिका हुआ था. पायल ने अपने दोनों हाथों से मनीष का गांड़ पकड़ कर अपनी और खींचते हुए कहा. " करो... जैसे बिस्तर पे मेरी पैंटी पर लेट कर करते हो. "
" चोद कर देखोगे एक बार... कैसा लगता है ??? ". पायल ने मनीष कि पीठ सहलाते हुए पूछा.
मनीष कुछ ना बोला... बस अपनी कमर धीरे धीरे हिलाता रहा... उसका लण्ड पायल दीदी कि चूत पे रगड़ खा रहा था. फिर अचानक से खुद ही पूछ बैठा.
" लेकिन Condom तो नहीं है दीदी... ".
" तो क्या हुआ ? ".
" आप Pregnant हो गई तो ??? ".
" धत्त बेवकूफ़ ! ऐसे ही कैसे Pregnant हो जाउंगी ?. ". पायल को हंसी आ गई. मनीष चुप रहा तो वो समझ गई कि वो Confused है... उसकी उम्र के लड़कों का ये सोचना स्वाभाविक ही था कि सेक्स करने से ही लड़की Pregnant हो जाती है. उसकी ये गलत धारना दूर करनी ज़रूरी थी... सो पायल ने उसे आगे बताना शुरू किया.
" Science नहीं पढा क्या ? सिर्फ गंदी किताबे पढ़ने से होगा ! Menstruation समझते हो ??? ".
" हाँ दीदी... वो लड़कियों को हर महीने होता है. ".
" Good ! तो ऐसा है कि Menstruation आने के 12 - 14 दिन के Cycle में लड़की Ovulate करती है और तब Pregnancy के Chances ज़्यादा होते हैं... ".
मनीष अपनी दीदी कि बातें सुनते हुए उसकी चूत पर अपना लौड़ा घिसता रहा.
" और मेरा Periods कल ही खत्म हुआ है... मतलब अभी मैं Free हूं... समझे बुद्धू ??? ". पायल ने मुस्कुराते हुए अपने छोटे भाई कि गाल पर एक हल्का सा प्यार भरा थप्पड़ मारा.
लड़कियों के जिस्म कि इन अंदरुनी बातों को अपनी दीदी के मुँह से सुनकर मनीष को एक अजीब सी उत्तेजना महसूस होने लगी... उसके लण्ड में तनाव आने लगा था ! इधर पायल ने अपनी बात जारी रखी...
" इसी के साथ मेरा डिंब यानि अंडाणू कल निकल गया...मतलब कि अब अगर कुछ दिनों तक मेरे अंदर कोई लड़का अपना शुक्राणू गिरा भी दे तो मैं माँ नहीं बन सकती. "
पायल ने अपनी नंगी चूत पर हल्का सा दबाव महसूस किया तो उसने अपना हाथ नीचे सरका कर मनीष का लण्ड छुआ... उसका लण्ड तन कर खड़ा हो चुका था !
" चोदना है ? ". पायल ने धीरे से पूछा.
" ऐसे ही मज़ा आ रहा है दीदी... ". मनीष ने अपना खड़ा लण्ड अपनी दीदी कि चूत पर रगड़ते हुए कहा.
" वो इसलिए क्यूंकि तुझे बिस्तर पर लण्ड घिसने और मूठ मारने कि आदत पड़ी है... ". पायल ने कहा और अपने हाथों से मनीष के बदन को ठेल कर उठने का संकेत दिया. मनीष जैसे ही उठा, पायल ने अपनी टांगे फैला कर चौड़ी कर ली और अपना सिर उठा कर नीचे कि ओर देखा कि मनीष के लौड़े कि क्या हालत है... उसका 6 इंच का लण्ड टाईट तन कर ऊपर उठ कर उसके पेट में सट रहा था !
" हमारे सेक्स करने से भी मैं हमेशा तुम्हारी बड़ी बहन ही रहूंगी... हमारे रिश्ते में कोई फर्क थोड़े ही पड़ेगा ! ". पायल बोली. " चलो... डालो... ".
पायल ने देखा कि मनीष समझ नहीं पा रहा था कि कैसे शुरू करे तो उसने अपने दाये हाथ में उसका लण्ड पकड़ा और उसके लाल सुपाड़े को अपनी चूत कि दरार पे टिका कर धीरे धीरे घिस कर छेद में जगह बनाने लगी.
" दीदी... मेरा माल गिरने के बाद भी लण्ड कैसे खड़ा हो गया ??? मूठ निकालने के बाद तो मैं थक कर सो जाता हूं... ". मनीष ने अचानक पूछा.
" वो इसलिए क्यूंकि मूठ मारने और असल कि लड़की के साथ ये सब करने में ज़मीन आसमान का फर्क है. " पायल ने समझाया. " चल पेल... ".
मनीष ने आगे कि ओर हल्का सा ज़ोर लगाया तो उसके लण्ड का सुपाड़ा पायल दीदी कि चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया. मनीष को थोड़ा आश्चर्य हुआ तो उसने पूछ ही लिया. " दीदी... आपकी कुंवारी बूर खुली हुई कैसे है ??? ".
" क्यूं ??? सिर्फ लड़के ही मूठ मारते हैं क्या ! ". पायल Naughty तरीके से मुस्कुराई.
" दीदी आप भी ??? कैसे करती हो दीदी ? ".
" इतना मत जान मेरे बारे में बदमाश ! ". मुस्कुरा कर कहते हुए पायल ने मनीष कि गांड़ पर एक थप्पड़ जड़ दिया.
" मान गया दीदी... ". मनीष पहली बार थोड़ा सा हँसते हुए बोला और अपना लण्ड दीदी कि योनि के अंदर और थोड़ा सा ठेल दिया... आधा के करीब लण्ड अंदर डाल कर अचानक वो रुका और बोला.
" दीदी... आपकी चूत के अंदर कुछ है... मेरा सुपाड़ा वहाँ ठोकर खाकर रुक रहा है... आगे नहीं घुस रहा. ".
" Hymen है... " . पायल ने ऐसे कहा मानो वो इस प्रश्न के लिये तैयार बैठी थी. " मेरी चूत कि झिल्ली ! इसे सिर्फ अपने पति से फड़वाना चाहिये. तू एक काम कर... जितना लण्ड अंदर घुसा है उतने में ही अंदर बाहर करके चोद... Okay ??? ".
" तुम्हारे साथ भी ऐसा होगा जब तुम्हें एक अच्छी सी गर्लफ्रेंड मिल जायेगी या फिर जब तुम्हारी शादी हो जायेगी. पर तब तक तुम्हें खुद पे संयम रखना होगा. " पायल ने कहा. " और हाँ... दूसरी बात ये कि अभी तूम मेरे बारे में कुछ गलत नहीं सोचते हो और बस मेरी पैंटी या फिर ब्रा या सलवार वगैरा मिल जाये तो उसी में तूम खुश हो... पर आगे चल कर तुम्हारे मन में अपनी सगी दीदी के बारे में गंदा विचार आ सकता है... जो कि बहुत Dangerous चीज़ है और इसी का मुझे डर है. ".
" नहीं दीदी... ऐसा कुछ भी नहीं होगा... आपकी बात का Logic मैं समझ गया... ".
" मुझे पता है ऐसा कुछ भी नहीं होगा... पर हो सकता है जब ऐसा हो तो तुम्हें उस Feeling के बारे में पता ही ना चले. ".
पायल ने वहाँ पड़ी Adult Magazine बिस्तर के किनारे कर दी और फिर पीछे खिसक कर तकिये पर लेट गई.
" इधर आ मनीष... " उसने कहा तो मनीष कि कुछ समझ में नहीं आया और वो चुपचाप अपनी बड़ी बहन के बगल में बैठ गया. " उस Feeling को ही Incest कहते हैं... पता होगा शायद तुझे ! मैं चाहती हूं कि सेक्स तेरे लिये एक आम बात हो जाये... वो बात नहीं जिसके बारे में दिन रात सोच कर तू अभी से अपनी Life बर्बाद कर ले... Okay ??? ".
मनीष कुछ समझ पाता, इससे पहले ही पायल ने उसका बायां हाथ पकड़ कर अपनी नाईटी के ऊपर से अपने बूब्स पर रख दिया. भौचक्का हुए मनीष ने झट से अपना हाथ खींच लिया.
" दीदी ??? !!! ".
पायल को पता था कि कब बात करनी है और कब नहीं... उसने बिना कुछ बोले फिर से मनीष का हाथ पकड़ा और वापस अपने सीने पे रख लिया. इस बार मनीष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई... उसने महसूस किया कि पायल दीदी ने अपनी नाईटी के अंदर ब्रा नहीं पहनी है !!! अपने काँपते हाथ से उसने अभी दीदी कि नरम चूची को ठीक से छुआ भी नहीं था कि पायल ने कहा. " पता नहीं चल रहा ना... एक मिनट. ". और उसके हाथ को पकड़ कर सीधे अपने नाईटी के गले के अंदर डाल दिया. मनीष के हाथ में उसके नंगे गरम मम्मे टच होते ही उसकी सांस रुक गई... पायल दीदी क्या कर रही थी ये ??? उसने तुरंत हाथ बाहर निकाल लिया.
" अच्छा बाबा... ". पायल हँसने लगी. " बाहर से ही छुओ. ". ... और इस बार मनीष के हाथ को लेकर अपने पेट पे ठीक नाभी वाली जगह पे रख दिया.
नाईटी के ऊपर से मनीष ने भांप लिया कि पायल दीदी कि नाभी खुब बड़ी और एकदम गहरी होगी... पर अपनी सगी दीदी का बदन छू कर उसे सेक्स वाली उत्तेजना नहीं आई... Infact ये सब इतनी जल्दी हुआ कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो आखिर कैसे React करे !
मनीष को चुप देख पायल ने आगे पहल कि और उसके हाथ को पकड़ कर अपने पेट से दाई तरफ अपने कमर तक ले गई... फिर नीचे अपने जांघ तक. लड़की का बदन छूने में इतना नरम और मांसल होता है ये मनीष को पता नहीं था. अभी मुश्किल से उसकी सांस वापस आई थी कि उसके हाथ को अपने जिस्म पे घुमाते घुमाते एकबारगी पायल ने अपनी दोनों जांघों के बीच घुसा लिया !!!
और ये क्या ??? पायल दीदी ने तो अंदर पैंटी भी नहीं पहनी थी !!!
नाईटी के झीने पतले कपड़े के ऊपर से पायल दीदी कि मोटी गुदेदार बूर मनीष के एकदम हाथ में आ गई !!!
" दीदी !!! ". मनीष के मुँह से निकला... इतनी धीमी आवाज में कि सुनाई भी नहीं दिया... और उसने अपने दूसरे हाथ से अपना पैंट दबा लिया.
मनीष का शरीर सिहर उठा... पायल समझ गई कि क्या हुआ है... उसने उसके हाथ को अपनी चूत पर ही छोड़ दिया और उसे अपने बाहों में भरकर उसके सिर को अपने सीने पे रख लिया. वो उसके बालों को सहलाते हुए उसे शांत करने लगी. करीब एक मिनट तक वैसे ही पड़े रहने के बाद जब मनीष के शरीर का कंपन थोड़ा रुका तो पायल उसे अपने से अलग करके उसे लेकर उठ बैठी और बोली.
" दिखाओ क्या हुआ ... ".
शर्म से पानी पानी हो रहे मनीष ने चुपचाप अपनी पैंट पर से अपना हाथ हटाया तो पायल ने देखा कि उसकी पैंट गीली हो चुकी थी. उसका छोटा भाई पैंट में ही झड़ गया था !!!
" It's Okay मनीष... कोई बात नहीं. " पायल ने उसे ढांढस बंधाया. " पैंट उतार दो... It's Okay. ".
और किसी Situation में मनीष अपनी दीदी के सामने कभी नंगा नहीं होता पर इस वक़्त इतना सब कुछ हो गया था कि उसने बिना कुछ कहे चुपचाप अपना पैंट खोल कर बिस्तर से नीचे फेंक दिया. पायल कि नज़र उसके लण्ड पर पड़ी तो उसे हँसी आ गई.
" कितना छोटा लण्ड है तेरा... ".
दीदी के मुँह से Penis को लण्ड के नाम से पुकारने पर मनीष एकदम सकते में आ गया.
मनीष का लण्ड ढीला पड़ा झूल रहा था... उसका लण्ड बिना खड़ा हुए ही Over Excitement के मारे झड़ गया था... ज़िन्दगी में पहली बार लड़की कि बूर का स्पर्श जो मिला था उसे !!!
" दीदी Sorry... मैं बाथरूम से धो कर आता हूं ! ".
" रुक... मेरी ये पैंटी किस दिन काम आयेगी.
पायल ने मुस्कुराते हुए कहा. उसने मनीष का लण्ड अपने बाये हाथ में पकड़ा तो वीर्य कि एक और मोटी सी धार उसके सुपाड़े से बाहर चू पड़ी. अपने दूसरे हाथ में अपनी पैंटी लेकर वो उसका लौड़ा पोछने लगी. उसका लण्ड साफ करते हुए पायल ने गौर किया कि मनीष के लण्ड का सुपाड़ा खुला हुआ था.
" तू अपने लण्ड का सुपाड़ा हमेशा खोल कर रखता है ? ". पायल ने उसका लण्ड पोछते पोछते पूछा.
" हाँ दीदी... ".
" क्यूँ ? ".
" ऐसे ही दीदी... अच्छा Feel होता है. ".
" अच्छा Feel होता है ??? Okay ! ". पायल मुस्कुराई और लण्ड का सुपाड़ा ऊपर उठा कर मनीष के अंडकोष साफ करने लगी तो मनीष ने अचानक पूछा.
" दीदी... मेरा Penis... I Mean.. लण्ड ज़्यादा छोटा है क्या ? ".
" ठीक ठाक है... Not Bad ! मेरी वो बात बुरी लगी क्या ? ".
" नहीं दीदी... "........
लण्ड कि सफाई पूरी करके पायल ने अपनी गंदी हो चुकी पैंटी बिस्तर पर एक तरफ रख दी और इससे पहले कि मनीष कुछ समझ पाता, उसने झट से अपनी नाईटी खोल दी. मनीष अपनी चोर नज़रों से अभी अभी नंगी हुई अपनी दीदी का गदराया बदन देखने कि कोशिश कर ही रहा था कि पायल ने अपने दोनों हाथों पे पीछे टेक लगाकर उसके सामने अपनी मांसल टांगे खोल दी. पायल दीदी का खुला नंगा बूर अब मनीष के एकदम सामने था !!!
" देखो... डरो मत ! पसंद आई ? ". पायल ने पूछा.
मनीष कि नज़रें बड़ी हो गई पायल दीदी कि चिकनी जांघो के बीच स्थित उसकी फुली हुई सांवली सी बिना झांट वाली चूत के दर्शन करके.
" क्या हुआ... अच्छी नहीं लगी ? ". पायल ने फिर पूछा.
" हाँ दीदी... अच्छी है. पर वो Porn वाली लड़कियों और Magazine कि Models का... " . मनीष चूत पे अपनी आँखे गड़ाये हुए बोलने लगा तो पायल ने उसकी बात बीच में ही काट दी और कहा.
" देसी चूत ऐसी ही होती है मेरे भोले भाई राजा ! अच्छा... अब सूंघ कर देखो... ".
मनीष नीचे झुककर अपना मुँह अपनी दीदी कि चूत के करीब ले गया और एक लम्बी गहरी साँस ली.
" गंध कैसी है ??? " . पायल ने पूछा.
" दीदी... वो... Sorry... मगर वैसी कुछ खास नहीं... I Mean मुझे अच्छी नहीं लगी. ". मनीष ने थोड़ा संकोच करते हुए कहा.
" It 's Okay... सबको चूत कि गंध पसंद नहीं आती. ". पायल ने ऐसे कहा जैसे उसने मनीष कि बात का बुरा नहीं माना हो.
" आजा मेरे ऊपर... ". कह कर पायल बिस्तर पर लेट गई. नंगा मनीष मंत्रमुगध सा अपनी नंगी दीदी के ऊपर चढ़ कर उसके बदन पर लेट गया. उसका झड़ा हुआ लण्ड ठीक पायल कि चूत पर टिका हुआ था. पायल ने अपने दोनों हाथों से मनीष का गांड़ पकड़ कर अपनी और खींचते हुए कहा. " करो... जैसे बिस्तर पे मेरी पैंटी पर लेट कर करते हो. "
" चोद कर देखोगे एक बार... कैसा लगता है ??? ". पायल ने मनीष कि पीठ सहलाते हुए पूछा.
मनीष कुछ ना बोला... बस अपनी कमर धीरे धीरे हिलाता रहा... उसका लण्ड पायल दीदी कि चूत पे रगड़ खा रहा था. फिर अचानक से खुद ही पूछ बैठा.
" लेकिन Condom तो नहीं है दीदी... ".
" तो क्या हुआ ? ".
" आप Pregnant हो गई तो ??? ".
" धत्त बेवकूफ़ ! ऐसे ही कैसे Pregnant हो जाउंगी ?. ". पायल को हंसी आ गई. मनीष चुप रहा तो वो समझ गई कि वो Confused है... उसकी उम्र के लड़कों का ये सोचना स्वाभाविक ही था कि सेक्स करने से ही लड़की Pregnant हो जाती है. उसकी ये गलत धारना दूर करनी ज़रूरी थी... सो पायल ने उसे आगे बताना शुरू किया.
" Science नहीं पढा क्या ? सिर्फ गंदी किताबे पढ़ने से होगा ! Menstruation समझते हो ??? ".
" हाँ दीदी... वो लड़कियों को हर महीने होता है. ".
" Good ! तो ऐसा है कि Menstruation आने के 12 - 14 दिन के Cycle में लड़की Ovulate करती है और तब Pregnancy के Chances ज़्यादा होते हैं... ".
मनीष अपनी दीदी कि बातें सुनते हुए उसकी चूत पर अपना लौड़ा घिसता रहा.
" और मेरा Periods कल ही खत्म हुआ है... मतलब अभी मैं Free हूं... समझे बुद्धू ??? ". पायल ने मुस्कुराते हुए अपने छोटे भाई कि गाल पर एक हल्का सा प्यार भरा थप्पड़ मारा.
लड़कियों के जिस्म कि इन अंदरुनी बातों को अपनी दीदी के मुँह से सुनकर मनीष को एक अजीब सी उत्तेजना महसूस होने लगी... उसके लण्ड में तनाव आने लगा था ! इधर पायल ने अपनी बात जारी रखी...
" इसी के साथ मेरा डिंब यानि अंडाणू कल निकल गया...मतलब कि अब अगर कुछ दिनों तक मेरे अंदर कोई लड़का अपना शुक्राणू गिरा भी दे तो मैं माँ नहीं बन सकती. "
पायल ने अपनी नंगी चूत पर हल्का सा दबाव महसूस किया तो उसने अपना हाथ नीचे सरका कर मनीष का लण्ड छुआ... उसका लण्ड तन कर खड़ा हो चुका था !
" चोदना है ? ". पायल ने धीरे से पूछा.
" ऐसे ही मज़ा आ रहा है दीदी... ". मनीष ने अपना खड़ा लण्ड अपनी दीदी कि चूत पर रगड़ते हुए कहा.
" वो इसलिए क्यूंकि तुझे बिस्तर पर लण्ड घिसने और मूठ मारने कि आदत पड़ी है... ". पायल ने कहा और अपने हाथों से मनीष के बदन को ठेल कर उठने का संकेत दिया. मनीष जैसे ही उठा, पायल ने अपनी टांगे फैला कर चौड़ी कर ली और अपना सिर उठा कर नीचे कि ओर देखा कि मनीष के लौड़े कि क्या हालत है... उसका 6 इंच का लण्ड टाईट तन कर ऊपर उठ कर उसके पेट में सट रहा था !
" हमारे सेक्स करने से भी मैं हमेशा तुम्हारी बड़ी बहन ही रहूंगी... हमारे रिश्ते में कोई फर्क थोड़े ही पड़ेगा ! ". पायल बोली. " चलो... डालो... ".
पायल ने देखा कि मनीष समझ नहीं पा रहा था कि कैसे शुरू करे तो उसने अपने दाये हाथ में उसका लण्ड पकड़ा और उसके लाल सुपाड़े को अपनी चूत कि दरार पे टिका कर धीरे धीरे घिस कर छेद में जगह बनाने लगी.
" दीदी... मेरा माल गिरने के बाद भी लण्ड कैसे खड़ा हो गया ??? मूठ निकालने के बाद तो मैं थक कर सो जाता हूं... ". मनीष ने अचानक पूछा.
" वो इसलिए क्यूंकि मूठ मारने और असल कि लड़की के साथ ये सब करने में ज़मीन आसमान का फर्क है. " पायल ने समझाया. " चल पेल... ".
मनीष ने आगे कि ओर हल्का सा ज़ोर लगाया तो उसके लण्ड का सुपाड़ा पायल दीदी कि चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया. मनीष को थोड़ा आश्चर्य हुआ तो उसने पूछ ही लिया. " दीदी... आपकी कुंवारी बूर खुली हुई कैसे है ??? ".
" क्यूं ??? सिर्फ लड़के ही मूठ मारते हैं क्या ! ". पायल Naughty तरीके से मुस्कुराई.
" दीदी आप भी ??? कैसे करती हो दीदी ? ".
" इतना मत जान मेरे बारे में बदमाश ! ". मुस्कुरा कर कहते हुए पायल ने मनीष कि गांड़ पर एक थप्पड़ जड़ दिया.
" मान गया दीदी... ". मनीष पहली बार थोड़ा सा हँसते हुए बोला और अपना लण्ड दीदी कि योनि के अंदर और थोड़ा सा ठेल दिया... आधा के करीब लण्ड अंदर डाल कर अचानक वो रुका और बोला.
" दीदी... आपकी चूत के अंदर कुछ है... मेरा सुपाड़ा वहाँ ठोकर खाकर रुक रहा है... आगे नहीं घुस रहा. ".
" Hymen है... " . पायल ने ऐसे कहा मानो वो इस प्रश्न के लिये तैयार बैठी थी. " मेरी चूत कि झिल्ली ! इसे सिर्फ अपने पति से फड़वाना चाहिये. तू एक काम कर... जितना लण्ड अंदर घुसा है उतने में ही अंदर बाहर करके चोद... Okay ??? ".