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Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
मादरचोद ,बहनचोद 


[Image: Girl-indac4e789f04cd70bbfb771b85c0ca7278.jpg]


मम्मी, इसकी बड़ी ननद को…”




मेरी तो फट  के हाथ में आ गयी। बड़ी ननद को भी, मम्मी ने आज क्या-क्या पता लगाया।

मम्मी ने किर पूछा- “क्यों शादी के पहले चोदी थी, या…”


मम्मी की काट के वो जोर से मुश्कुराते बोले- 

“मैंने कित्ता बोला  बोला वो नहीं मानी बोली- “शादी के बाद भैया, चाहे  जितनी बार ले लो… "

चोदा तो शादी के बाद,  लेकिन उसके पहले  मेरे हथियार की की दीवानी थी वो। 


कॉलेज से हम दोनों साथ आते थे, 

[Image: college-girl-guddi.jpg]

और आते ही कपड़े बाद में बदलते थे, वो मेरी नेकर खोल के, सीधे मुूँह में लेकर जबरदस्त चूसती थी। 



पूरी मलायी गटक लेती थी। 

[Image: BJ-J-tumblr-mdebym36-Cb1rdis15o1-500.jpg]

 मैं भी उसकीस्कर्ट   उठा के चूसता, कम से कम दो बार पानी  निकालता था उसका। 


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सब कुछ करवाती थी। लण्ड चूत पे रगड़वाती थी, गाण्ड पे रगड़वाती थी  लेकिन बस अंदर नहीं घुसेड़ने देती थी , चूत के ऊपर से तो खूब रगड़ता था लंड मैं , बस अंदर नहीं घुसेड़नी देती थी। 


मैं भी उसकी शादी के चार दिन  बाद हमारे यहाँ  भाई चौथी लेकर जाता है बस, मैंने उसी के बिस्तर पे पे पटक के पेल दिया । 

[Image: fucking-doggy-13562557.gif]


फिर तो क्या मायका क्या ससुराल, 

और जीजू का थ्रीसम का मन था 

तो कई बार तो मैंने और जीजू ने मिल के के उसकी सैंडववच बनायी…”



[Image: MMF-DP-14303315.gif]


मैं भी सोच-सोच के मुश्कुरा रही थी। तभी तो ननदोई जी और  ये इतने ज्यादा   खुले हैं। मेरे भाई की दोनों ने  मिल के गाण्ड मारी। और अब  छुटकी का प्लान है, ननदोई जी का तो है भी खूब मोटा, अब बस मैं भी इनके और ननदोईजी के साथ सैंडववच बनूूँगी


 इसी बीच मम्मी ने अगला सवाल पूछ दिया - 

"और इसकी छोटी ननद?"


उन्होंने जो जवाब दिया  उससे मुझे भी पड़ी और उन्हें भी।


मम्मी ने हड़काया- “छोटी, मतलब…”

वो कुछ हिचकिचाते बोले- 

“छुटकी से दो चार महीने छोटी होगी…”

[Image: Girl-caf2d56ed94faa8d9f80b399de4450be.jpg]

मम्मी ने और जोर से हड़काया- “बुद्धू हो तुम। इसका मतलब वो कब की चुदने लायक हो गयी है… तुम क्या सोचते हो तेरी स्साली छुटकी चोदने लायक नहीं हुयी है अभी , ”


 मम्मी का गुस्सा मेरी ओर-

[Image: Mom-b.jpg]

 “छोटी ननदों को फुसलाने ,, पुचकारने, पटाने का कामकिसका   है? भाभी का न। 

तो सारी गलती तेरी है। अपने तो रोज रात,  बिना नागा, उसके भाई का लण्ड गपागप घोंटती हो और चिंता है  है तुम्हें छोटी ननद की, उसके भी तो खुजली मचती होगी।  

बेचारी बैगन, मूली, खीरे से काम चलाती होगी। तेरी  जिम्मेदारी  है उसकी सील तुड़वाने की…”


मैं मम्मी को उनके सामने कैसे बताती की उसकी सील तो ऐन होली के दिन मेरे भाई ने तोड़ दी। 

और उसके बाद उस ख़ुशी में मैंने उसे पाव भर अपनी कुप्पी से सीधे सुनहला शरबत भी पिलाया .


मम्मी किर चालू हो  गयीं 

“सुन भाभी का फर्ज है की  अपनी ननद की कच्ची चूत में से अपने सैंया का , उसके भइया  का लण्ड, अपने हाथ से पकड़ के डलवाये। ननद को पुचकारे, समझाए, थोड़ा जोर जबरदस्ती करे। अरे कच्ची कली है, नया माल है तो थोड़ा, पटाना,फुसलाना , मनाना , बहलाना  … यही तो काम है भाभी का। सुन, ससुराल पहुूँच के  रंगपंचमी के पहले, दामाद जी का अपनी छोटी ननद के , एक दो बार तू चुदवा देगी उसके बाद तो खुद ही उसकी चूत में चींटे काटेंगे…”


“एकदम मम्मी…” मैंने तुरंत  हामी भरी।


और अब मम्मी का रुख उनकी ओर मुड़ गया- 

“ये तो बेवकूफ है, लेकिन देखो इसीलिए  तुम्हारे सामने बोल रही हूूँ। अगर ये जरा भी गड़बड़ करे न तो मुझे बताना। अब तुम सोचो न, तुम दोनों का  फायदा  है। तुम्हारी बड़ी बहन तो कुछ  दिन बाद ससुराल चली ही जायेगी। और इसके भी महीने मेंपांच  दिन   तो छुट्टी के, तो क्या करोगे उन  पांच  दिन में, जवान हो, हथियार भी जबरदंग है , मस्त टनाटन है तो, वो इसकी छोटी ननद पटी रहेगी तो काम चलेगा न।



 उन  पांच दिनों में में उसका बाजा बजाना। मैं तो कहती हूूँ कुछ दिन उसे  उसे अपने पास, सुला… 

सब खेल तमाशे सीख जायेगी…”


और इसी के साथ मम्मी की चूत जो खेल तमासे कर रही थी वो मैंने  पढ़ा, सुना था, लेकन देखा नहीीं था। 

नट क्रैकर, जी बस काम सूत्र में पढ़ा था। इसमें औरत लिंग  को पूरी तरह अन्दर लेने के बाद, बजाय धक्के लगाने के अपनी चूत की मसल्स सकोड़ती हैं, वो भी इस तरह की सबसे पहले, चूत के सबसे बाहरीभाग  की मसल्स सिकुड़ेगी कस के , निचोड़ते हुए । जिससे  लण्ड के बेस पे दबाव पड़ेगा और किर धीरे-धीरे, और ऊपर की ओर… दस सेकेन्ड के अन्दर वो पूरे लण्ड को नचोड़ के रख देगी। 




[Image: Joru-K-wot-jjj.gif]
और  दुबारा लण्ड के बेस से सुपाड़े तक, एक लहर की तरह।



मुझे मम्मी की चूत की मसल्स की स्ट्रेन्थ अच्छी तरह मालूम है। एक बार उनकी चूत में मैंने ऊूँगली की थी, पूरी । और उन्होंने जरा सा यही कया और मुझे लगा की मेरी ऊूँगली की हड्डी टूट जायेगी। कोई नारमल मर्द  होता तो दो तीन लमनट में पानी फ़ेंक देता, ये तो ‘ये’ थे जो बिना रुके , पूरी रफ़्तार से ,  आधे घंटे  तक पूरी स्पीड से चोद सकते थे।


पतानहीं  ‘नट क्रैकर’ का कमाल था या जिस तरह मम्मी मेरी छोटी ननद के बारे में बातें कर रही थीीं, उससे उनको जो जोश चढ़ा था। बाजी पलट गयी।


अब वो ऊपर और मम्मी नीचे।

लेकन ये पोज थोड़ी देर रहा, फिर तो उनका  फेवरिट  पोज, डागी स्टाइल, 


मम्मी को कुतिया बना के उन्होंने एक बार में  भर अपना,बित्ते  से भी लम्बा  मेरी कलाई से भी मोटा लण्ड, ठूंस दिया  जड़ तक। फिर तो क्या कुत्ते कुतिया चुदाई  चुदाई करते होंगे। हचक-हचक के।


[Image: fucking-doggy-17597749.gif]




और जब वो रुक जाते तो मम्मी, उनसे दूने जोर से, अपने मोटे-मोटे चूतड़ से पीछे की ओर धक्के मारतीीं। चोदते समय भी उनकी निगाहें  मम्मी के चूतड़ों से चिपकी थीं  , सहलाती ललचाती।
मैं देख-देख के झड़ गयी।


लेकन जब वो झड़े, तो एक बार फिर  मम्मी उनके नीचे दबी हुई । 

मम्मी और वो साथ-साथ झड़े। 
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RE: मजा पहली होली का ससुराल में , - by komaalrani - 22-03-2019, 03:06 PM



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