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Adultery Diwali Ka Jua
#14
मनीष भी चुपचाप वहाँ बैठ गया ..और उनका खेल देखने लगा ..वो बाजी राहुल जीत गया ..

अब खेलने वाले 6 लोग थे . पत्ते बाँटने शुरू हुए ..

इस बार सबसे पहले हर्षित ने अपने पत्ते उठा कर देखे ..उसके पास इक्का और बादशाह थे ..साथ में पंजी ..उसने रिस्क लेते हुए चाल चल दी .

सामने से किसी ने भी चाल नहीं चली ..बल्कि राहुल ने तो ब्लाइंड भी डबल करते हुए एक हजार कर दी ..इसलिए अगली बार कि चाल राजेश के लिए दो हजार कि हो गयी ..उसने दो हजार कि चाल चल दी ..ये देखते हुए बिल्लू ने भी अपने पत्ते उठा ही लिए , उसे लगा कि शायद राजेश के पास अच्छे पत्ते आ गए हैं इसलिए वो चाल पर चाल चल रहा है ..उसके पास एक बेगम और दो छोटे पत्ते थे ..उसने झट से पेक कर दिया .उसकी देखा देखि राजेश ने भी पेक कर दिया ..

हर्षित ये देखकर खुश हो गया कि चलो अच्छा हुआ , दो बन्दे गए बीच में से .

अब मनीष, थापा और राहुल को भी लगा कि ब्लाइंड चलने का कोई फायेदा नहीं है ..क्या पता हर्षित के पास ट्रेल आ गयी हो किसी कि …ये सोचते हुए उन्होंने भी अपने-२ पत्ते उठा लिए .

थापा के पास मुफलिस पत्ते आये थे ..दो, चार और पांच ..उसने अपना माथा पीटते हुए पत्ते नीचे फेंक दिए और बोला : "अपुन का तो बेड लक ही खराब है आज ..काश मेरे पास भी कोई गुड लक होता ..”

उसका इशारा दिव्या कि तरफ था ..पर किसी ने भी उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया ..

अब बचे थे राहुल , मनीष और हर्षित ..

राहुल ने अपने पत्ते उठाये ..उसके पास इक्का था और दो छोटे पत्ते …फिर भी उसने ब्लफ मारते हुए चाल चल दी ..

उसके पीछे उसकी बीबी रिया खड़ी थी ..और जैसे ही राहुल ने पत्ते उठाये थे उसने इशारे से बुरा सा मुंह बनाते हुए मनीष को बता दिया कि उसके पत्ते बेकार हैं ..

मनीष ने अपने पत्ते देखे, उसके पास इक्का, बादशाह और दुक्की था ..यानि हर्षित के पत्तों के मुकाबले वो हार ही जाता ..पर उसे क्या पता था कि हर्षित के पास क्या है ..इसलिए उसने हिम्मत करते हुए चाल चल दी ..

बड़ा ही अजीब मंजर था ..किसी के पास भी ढंग के पत्ते नहीं थे ..फिर भी सभी ने चाल चल दी थी ..

हर्षित ने रिया को मनीष कि तरफ इशारा करते हुए देख लिया था ..और वो समझ भी गया था कि राहुल ब्लफ खेल रहा है ..उसने दिव्या कि तरफ देखा जो कि मनीष के पीछे खड़ी थी ..वो एकटक उसकी आँखों में देखता रहा ..जैसे मनीष के पत्तों के बारे में पूछ रहा हो ..पहले तो दिव्या घबरा गयी ..पर फिर ना जाने क्या सोचकर उसने भी इशारे से उसे समझा दिया कि मनीष के पत्ते भी बेकार है ..

बस इतना काफी था हर्षित के लिए, उसने पांच हजार कि चाल चल दी ..

अब तो राहुल कि भी फट गयी ..उसने हिम्मत करते हुए पैसे बीच में फेंके और राजेश से साइड शो मांग ली ..और जैसा वो सोच रहा था वो हार भी गया ..

अब मनीष और हर्षित थे बीच में .मनीष को तो विशवास हो चला था कि वो जीत ही जाएगा ..

पर दो चाल के बाद ही जब उसे लगने लगा कि अब और नहीं तो उसने आखिरकार शो मान ही ली ..

और हर्षित के पत्ते देखकर सभी ने उसकी किस्मत कि तारीफ कि ..और मन ही मन सुलग भी गए ..

हर्षित पूरे अस्सी हजार जीता था एक ही बार में ..

मनीष का बुरा हाल था ..अगली दो बाजियां भी वो नहीं जीत पाया , उसकी झुंझुलाहट बढ़ती जा रही थी ..उसे पता चल गया कि अब वो आगे नहीं जीत पायेगा ..इसलिए उसने बोला कि ‘आज के लिए इतना ही काफी है ‘

सभी ने मन मारते हुए उसकी बात मान ली ..और अगले दिन का वादा करके सभी अपने-२ घर चले गए .

मनीष आज करीब दो लाख रूपए हार चूका था . वो अपने कमरे में जाकर सो गया ..शाम का अँधेरा फ़ैल चूका था ..दिव्या को नींद नहीं आ रही थी .इसलिए उसने एक शाल पहनी और बाहर निकल गयी ..

बाहर निकलकर वो गाँव के बाहर बनी नदी कि तरफ चल दी ..क्योंकि उनके घर से उस नदी का पानी दूर से काफी सुन्दर दिख रहा था ..

चारों तरफ घना अँधेरा फेला था ..बस आकाश से चाँद कि हलकी रौशनी पड़ रही थी ..

उसके मन में अचानक एक इंग्लिश मूवी का सीन आ गया जिसमे हिरोइन समुंदर में नंगी नहा रही थी ..और ये सोचते ही उसके अंदर छुपी एक विकृत इच्छा बाहर निकल आयी और उसने अपनी शाल निकाल कर एक पेड़ के नीचे रख दी ..

चारों तरफ एक बार फिर से देखने के बाद उसने अपनी टी शर्ट और जींस भी उतार दी ..हलकी ठंडी हवा चल रही थी उसके पुरे बदन में एक सिहरन सी दौड़ गयी ..अब वो सिर्फ ब्लेक पेंटी और ब्रा में थी ..और नीचे हील वाले सेंडिल .
[Image: 63352070_001_1372.jpg]

वो थोड़ी देर तक तो उन बचे हुए कपड़ों के नदी के किनारे टहलती रही ..और जब थोड़ी गर्मी आ गयी बदन में तो उसने हिम्मत करते हुए अपने बाकी के दोनों वस्त्र भी उतार कर वहाँ रख दिए ..

और तभी आकाश में से बादल तितर बितर हो गए और चाँद कि पूरी रौशनी में नहाकर दिव्या का दूध जैसा बदन चमक कर लश्कारे मारने लगा ..उसने एक मादक सी अंगड़ाई ली और चाँद कि रौशनी में अपने हुस्न को निहारने लगी ..
[Image: 68242097_039_be2d.jpg]

तभी उसे कुछ लोगो कि बात करने कि आवाज सुनायी दी ..जो शायद नदी कि तरफ ही आ रहे थे ..उसे समझ नहीं आया कि क्या करे , क्योंकि उसके कपडे जहाँ पड़े थे आवाज वहीँ से आ रही थी ..वो घूमी और जल्दी से नदी के अंदर घुस गयी ..

[Image: 68242097_011_1a77.jpg]

और बीच में एक चट्टान के पीछे जाकर चुप गयी ..पूरी नंगी .

वो आदमी बातें करते-२ वहाँ आ पहुंचे और आते ही नदी के किनारे आकर बैठ गए ..उनके हाथ में एक बीयर कि बोतल कि पेटी थी ..

दिव्या उन्हें छुप कर देख रही थी ..और जैसे ही उनके चेहरे देखे तो उसके पुरे शरीर में करंट सा दौड़ गया ..

वो हर्षित , थापा और राजेश थे ..

राहुल और रिया तो घर चले गए थे ..और चूँकि हर्षित आज काफी माल जीता था इसलिए वो अपने दोस्तों को पार्टी दे रहा था ..

हर्षित : " चियर्स भाई लोगो …..आज जितनी पीनी है पी लो …मेरी तरफ से फुल नाईट पार्टी ….हा हा ..”

थापा बोला : "भाई ..मानना पड़ेगा …तेरी किस्मत को …आज तो तूने इतना माल लूटा है कि जलन हो रही है मुझे …”

हर्षित : "साले …जब तू जीतता है तो मुझे क्या ख़ुशी होती है …हाँ …बोल …”

थापा कुछ न बोला …

राजेश : "वैसे ये सिर्फ पैसे जीतने कि ख़ुशी नहीं है …और भी कुछ ख़ास है …”

उसकी बात सुनकर हर्षित और थापा उसके चेहरे कि तरफ देखने लगे ..

हर्षित का चेहरा ऐसा हो गया जैसे उसकी कोई चोरी पकड़ी गयी हो ..

और राजेश कि बात सुनकर नदी के अंदर छुपी हुई दिव्या भी घबरा गयी ..

राजेश बोला : "भाई …देख रहा था मैं वो सब …कैसे तुम और भाभी जी ..एक दूसरे को देख रहे थे ..कैसे एक साथ गायब हुए ..”

थापा बोला : "अच्छा जी ….मैंने तो नोट ही नहीं किया ये सब …पैसे हारते हुए दिमाग जो खराब हो गया था मेरा …अच्छा बता न हर्षित भाई …क्या किया भाभी के साथ …बोल न …साले ..”

अब हर्षित को पता चल चूका था कि उसके कमीने दोस्तों से सब छुपाना मुश्किल होगा ..इसलिए वो रहस्यमयी हंसी के साथ बोला : "यार …बस ये समझ लो कि तुम्हारे भाई कि लॉटरी लग गयी है ..”

थापा : "सच बोल साले …क्या – क्या किया …जल्दी बोल …”

और फिर हर्षित ने नमक मिर्च लगा कर एक – एक बात अपने दोस्तों को बता दी ..

और पानी में खड़ी हुई दिव्या शर्म से पानी हुई जा रही थी ..
[Image: 86650504_012_b9ae.jpg]

तभी राजेश खड़ा हुआ और मूतने के लिए पेड़ कि तरफ जाने लगा , उसे देखकर थापा बोला : "भाई ..मूतने ही जा रहा है या भाभी के नाम कि मुठ मारने ..”

राजेश बोला : "यार …हमारी किस्मत तो ऐसी नहीं है कि वो परी हमारा लंड चूसे ..अब उसके नाम कि मुठ मारकर ही गुजारा करना पड़ेगा ..हा हा "

उसकी बात सुनकर सभी हंसने लगे ..

पर वो राजेश उसी पेड़ के नीचे जा पहुंचा जहाँ दिव्या के कपडे पड़े हुए थे ..

जैसे ही उसने मूतने के लिए अपना लंड निकाला उसे दिव्या कि ब्रा पड़ी हुई दिखायी दी ..उसने आँखे मलते हुए वो उठा ली ..और फिर एक – २ करते हुए सारे कपडे उठा -२ कर देखने लगा ..

और चिल्ला कर वो हर्षित से बोला : "अरे हर्षित भाई …ये देखो ..क्या मिला मुझे यहाँ ..”

और अपने हाथों में पूरा पिटारा उठा कर वो वहीं पर ले आया जहाँ वो दोनों बैठे थे ..

और उसके हाथ में अपने कपडे देखकर दिव्या कि हालत खराब हो गयी .

थापा : "ओह तेरी बहन कि चूत ….ये किसके कपडे है साले …कहाँ से मिले ??"

राजेश ने पेड़ कि तरफ इशारा किया ..

अचानक हर्षित ने दिव्या का टॉप उठा कर देखा …और फिर ब्रा को गौर से देखने के बाद चिल्ला पड़ा : "अरे साले …ये तो दिव्या भाभी के कपडे हैं …”

उसने सुबह से वही कपडे पहने हुए थे और हर्षित से ज्यादा अच्छी तरह कौन जान सकता था वो ..

सभी ने अपने दिमाग पर जोर दिया तो उन्हें भी याद आ गया कि ये टॉप और जींस तो दिव्या ने पहना हुआ था ..

हर्षित : "पर ये यहाँ आये कैसे …अभी आधा घंटा पहले तक तो भाभी ने पहने हुए थे ..”

सभी सोचने लगे …

हर्षित : "यानि भाभी यहाँ आयी थी …और अपने कपडे उतार कर ..वो …वो …पानी के अंदर …”

और सभी घबरा कर पानी कि तरफ देखने लगे ..उन्हें लगा कि दिव्या पानी में डूब गयी है ..

हर्षित ने आनन् फानन में अपने कपडे उतारे और पानी के अंदर कूद गया , दिव्या को ढूंढने के लिए ..

थापा पीछे जंगल कि तरफ भागा , उसे लगा कि कहीं वो वहाँ कि तरफ न चली गयी हो ..और राजेश अपना सर पकड़ कर इधर उधर देखते हुए बड़बड़ाने लगा : "साला …सारा नशा उतर गया …”

पानी के अंदर इधर उधर ढूंढने के बाद जैसे ही हर्षित उस चट्टान कि तरफ जाने लगा तो दिव्या को लगा कि अब बचना बेकार है ..पर तभी उसके दिमाग के अंदर एक आईडिया आया और वो चट्टान के ऊपर उलटी लेट गयी ..और बेहोशी का नाटक करने लगी ..
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जैसे ही हर्षित तैरता हुआ वहाँ पहुंचा वो जोर से चिल्लाया : "मिल गयी ….यहाँ है दिव्या .."

और जैसे ही राजेश ने ये सुना वो भागता हुआ आया और पानी के अंदर कूद गया वो भी ..और वहाँ पहुंचकर उसकी हालत खराब हो गयी ..दिव्या पूरी नंगी पड़ी हुई थी वहाँ ..

उसने होश सम्भालते हुए हर्षित कि मदद कि और दोनों ने दिव्या के नंगे जिस्म को पकड़कर तैरते हुए बाहर निकाल लिया …

तब तक थापा भी वापिस आ गया …और आते ही उसने देखा कि दिव्या का नंगा जिस्म दोनों के बीच में पड़ा हुआ है ..

थापा : "ओह …तेरी माँ कि …चूत साले ….ये तो सच में दिव्या भाभी है …और वो भी पूरी नंगी …”

इतना कहते हुए उसने अपना हाथ आगे किया और उसकी ब्रैस्ट को पकड़ कर हिला दिया ..

हर्षित ने उसके हाथ को झटका : "साले …क्या कर रहा है …कोई गलत हरकत मत कर …समझा …लगता है तैरना नहीं आता था ..बेहोश हो गयी है ..”

वो तीनो उसके नंगे जिस्म को ऊपर से नीचे तक घूर – २ कर देख रहे थे ..पर उनके संस्कार कुछ भी करने कि इजाजत नहीं दे रहे थे . एक तो वो उनके दोस्त कि बीबी और ऊपर से बेहोश भी थी ..इसलिए वो उसका गलत फायेदा नहीं उठाना चाहते थे ..

पर लंड के पास दिमाग नहीं होता ..वो ये सब नहीं सोचता ..

दिव्या का नंगा बदन देखकर तीनों का लंड पूरी तरह से टन्ना चूका था ..

तीनों को दिव्या बेहोशी कि हालत में एक नहीं तीन दिख रही थी ..हर एक लिए एक दिव्या ..

थापा ने हर्षित कि तरफ देखा और बोला : "भाई …अब क्या करे …मेरे से तो सब्र नहीं हो रहा ये सब देखकर …ये देख ..”

उसने अपने लंड कि तरफ इशारा किया ..सभी वहाँ देखने लगे ..और दिव्या ने भी थोड़ी सी आँख खोलकर वहाँ देखा ..सच में बुरी तरह से हिनहिना रहा था सभी का घोडा ..

और ये सब देखकर उसकी चूत के अंदर से भी एक गर्म पानी कि धार बाहर निकल पड़ी ..

हर्षित अब तक समझ नहीं पा रहा था कि करे तो क्या करे ..क्योंकि मन तो उसका भी कर रहा था ..फिर वो सभी को आदेश देता हुआ बोला : "देखो भाई …इस वक़्त भाभी का फायेदा उठाना तो बुरी बात है ..पर जब ये इतना खुल कर नहाने के लिए यहाँ नंगी जा सकती है तो थोडा बहुत तो हम लोग भी कर सकते हैं …पर ज्यादा कुछ करने कि मत सोचना …ठीक है ..”

सभी ने हाँ में सर हिला कर उसकी बात मान ली …थापा ने मन ही मन कहा कुछ ना होने से कुछ होना बेहतर है ..’

दिव्या के पुरे शरीर में चींटियाँ सी रेंग रही थी ..हलकी हवा चलने से उसका शरीर भी कांप रहा था ..जिसे देखकर थापा बोला : "यार …लगता है भाभी को ठण्ड लग गयी है ..देखो तो कैसे कांप रहा है इनका शरीर ..”

और ये कहते -२ उसने अपने दोनों हाथों को उसके पेट पर रख दिया और ऐसे घिसने लगा जैसे जिन्न निकालने के लिए चिराग को घिस रहा हो ..और घिसाई करते – २ उसके हाथ ऊपर खिसक आये और उसने बड़े – २ हाथों से उसकी पहाड़ी चोटियों कि बर्फ अपने हाथों से तराशनी शुरू कर दी ..

सभी अपने मुंह से लार टपकाए ये सब देख रहे थे ..

और फिर धीरे – २ राजेश के हाथ भी सरकते हुए उसकी जाँघों पर आये और वो उन्हें दबाने लगा ..अब बेचारा हर्षित भी क्या करता ..उसने भी अपने हाथों से उसकी छातियों कि मालिश शुरू कर दी ..

अब दिव्या के पुरे शरीर पर 6 हाथ और तीस उँगलियाँ फिसल रही थी ..जो उसे मसल रही थी ..कचोट रही थी ..नोच रही थी ..और उसके शरीर को गरमी प्रदान कर रहे थे .उनके हिसाब से तो दिव्या बेहोश थी ..पर वो शायद ये नहीं जानते थे कि औरत चाहे जितनी मर्जी गहरी नींद या बेहोशी में हो, उसके शरीर के साथ क्या हो रहा है वो सब उसे पता रहता है .

दिव्या तो वैसे खुद ही यही चाहती थी ..पर बेहोशी का नाटक करते हुए वो सोच रही थी कि उसकी मर्यादा अभी तक बची हुई है क्योंकि वो अपनी तरफ से तो ये सब नहीं कर रही ..

और यही सोचकर वो बस मजे लेने के लिए बेहोशी का नाटक करती रही ताकि जितना हो सके उसका फल मिल सके . वैसे उसके शरीर के साथ इतना खिलवाड़ हो रहा था जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी ..पर वो कुछ कर भी नहीं सकती थी .

काफी देर तक उसके शरीर का आटा गूंथने के बाद सभी कि हालत बिगड़ सी गयी ..उनका वो हिसाब हो गया कि ‘ये दिल मांगे मोर ..’

इसलिए सबसे पहले राजेश ने अपना लंड बाहर निकाला और एक हाथ से दिव्या का मुम्मा मसलते हुए अपने लंड को भी मसलने लगा ..

और उसकी देखा देखि थापा और हर्षित ने भी अपने-२ लंड बाहर निकाल लिए और उन्हें मसलने लगे ..

दिव्या ने कनखियों से देखा कि किस तरह सभी के घोड़े अस्तबल से बाहर निकल आये हैं और दौड़ने कि तैयारी कर रहे हैं ..इतने सारे लंड एक साथ उसने पहली बार देखे थे ..
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Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 16-03-2019, 12:26 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 10:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:19 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:35 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 11:47 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 19-03-2019, 06:54 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 10:58 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:10 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:20 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:31 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 20-03-2019, 11:56 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 09:59 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 11:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 22-03-2019, 12:11 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 10:33 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:08 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:17 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 23-03-2019, 11:44 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:10 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:24 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 24-03-2019, 11:47 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 28-03-2019, 11:28 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 28-03-2019, 11:54 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 30-03-2019, 12:09 PM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 31-03-2019, 11:28 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 31-03-2019, 11:53 AM
RE: Diwali Ka Jua - by Unknown - 31-03-2019, 03:20 PM
RE: Diwali Ka Jua - by Curiousbull - 02-05-2019, 01:42 AM
RE: Diwali Ka Jua - by badmaster122 - 11-05-2019, 11:37 AM
RE: Diwali Ka Jua - by shivangi pachauri - 11-11-2021, 12:46 AM



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