27-12-2020, 11:37 PM
(This post was last modified: 28-12-2020, 01:19 AM by babasandy. Edited 4 times in total. Edited 4 times in total.)
बूंदो की आवाज तेज हो चुकी थी ,उस हिस्से में कमरों और बरामदे की छतें खपड़ैल की थीं ,और उन पर गिर रही बूंदो की आवाज , और वहां से ढरक कर आँगन में गिर रही तेज मोटी पानी की धार एक अलग आवाज पैदा कर रही थी।
बादलों की गरज तेज हो गयी थी ,एक बार फिर तेजी से बिजली चमकी , मेरी प्रियंका दीदी डर के मारे अजय के साथ चिपक गई..
मैं झोपड़ी के बाहर खड़ा खिड़की के पास बारिश में भीगता हुआ अंदर की रासलीला देख रहा था.. अपने झड़े हुए मुरझाए लोड़े को हाथ में पकड़ के...
उस झोपड़ी के अंदर गनीमत थी वहां ताखे में रखी ढिबरी अभी भी जल रही थी और उस की रोशनी उस कमरे के लिए काफी थी।
लेकिन उसकी रोशनी में सबसे पहली नजर में जिस चीज पे पड़ी , उसी ताखे में रखी,
एक बड़ी सी शीशी ,
कड़ुआ तेल ( सरसों के तेल ) की , जो मेरी प्रियंका दीदी खुद लेकर आई थी... चोदन कार्यक्रम के लिए अपने होने वाले पति के साथ ...
मेरे होने वाले जीजा जी अजय दिखने में जितने भी सीधे लगे,उसके हाथ और होंठ दोनों ही जबरदस्त बदमाश थे..
वह तो खुद पूरी तरह नंगे हो चुके थे और मेरी प्रियंका दीदी को सुखी पुआल के ऊपर पटक के मेरी दीदी के ऊपर चढ़ .. उनके होंठों को चूस रहे थे... एक हाथ से मेरी दीदी की चूची को पकड़कर चोली के ऊपर स ही मसल रहे थे.. और दूसरे हाथ से मेरी दीदी कर लहंगा ऊपर उठाने की कोशिश कर रहे थे.. मेरी प्रियंका दीदी भी मस्ती में पागल होकर होठों को खाने का प्रयास कर रही है अजय के..
शुरू में तो अच्छे बच्चो की तरह उसने हलके हलके मेरी बहना के होठों को को ,गालो को चूमा लेकिन अँधेरा देख और अकेली लड़की पा के वो अपने असली रंग में उतर आये।
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के दोनों रस से भरे गुलाबी होंठों को हलके से अपने होंठों के बीच दबाया ,कुछ देर तक वो बेशरम उन्हें चूसता रहा, चूसता रहा जैसे सारा रस अभी पी लेगा ,और फिर पूरी ताकत से कचकचा के ,इतने जोर से काटा की आँखों में दर्द से आंसू छलक पड़े , मेरी मासूम कमसिन दीदी के... मेरी दीदी की आंखों में आंसू थे पर वह अजय ने फिर मेरी दीदी के होठों को अपने होठों से उस जगह दो चार मिनट सहलाया और फिर पहले से भी दुगुने जोर से और खूब देर तक… पक्का दांत के निशान पड़ गए होंगे।
मेरी बहना भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी..
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के गाल पर भी पहले तो थोड़ी देर अपने लालची होंठ रगड़े ,और फिर कचकचा के , पहले थोड़ी देर चूस के दो दांत जोर से लगा देता , मेरी छम्मक छल्लो बहना सुखी पुआल के ऊपर छटपटाती ,चीखती अपने चूतड़ पटकती ,फिर वो वहीँ थोड़ी देर तक होंठों से सहलाने के बाद दुगुनी ताकत से , .... दोनों गालों पर।
मुझे मालूम था दाँतो के निशान गुलाब की पंखुड़ियों से गालों पर अच्छे खासे पड़ जाएंगे ,
पर आज मैंने तय कर लिया था...... पूरी रासलीला देखकर ही जाऊंगा.. चाहे मेरी बहना को कितना भी दर्द दे मेरा होने वाला जीजा मेरी दीदी उनकी ही अमानत है ना... जैसे मर्जी चूसे चाटे काटे या फिर पटक पटक के चोद डालें.
उसके होंठ मेरी प्रियंका दीदी के होठों गालों के साथ जो हरकत कर रहे थे वही हरकत उसके दोनों हाथ मेरे प्रियंका दीदी के 24 साल की मस्त गदर आए हुए जोबन के साथ कर रहे थे.. बड़े-बड़े अनारो से भी मस्त मेरी दीदी की चूचियां एकदम टाइट चोली के अंदर अजय के रहमों करम पर थी..
और क्या कस कस के ,रगड़ रगड़ के मसल रहा था वो।
एक झटके में अजय ने मेरी दीदी की चोली को उनके सीने से अलग कर दिया...
अब तो अजय ने मेरी दीदी की चुचियों को सिर्फ अपने हाथों से ही नहीं बल्कि अपने दुष्ट पापी होठों से भी चूसना चाटना शुरू कर दिया.. बरसात बहुत तेज होने लगी थी...
गाल और होंठों का रस लूट चुके ,अजय के होंठ अब बहुत गुस्ताख़ हो चुके थे , सीधे उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी के खड़े निपल पर निशाना लगाया और साथ में अजय की एक्सपर्ट जीभ भी ...
मेरी प्रियंका दीदी- (चुसवाने के मजे मे बोलती) आ..आह आज तो कुछ ज्यादा ही जोश मे लग रहे है क्या बात है...।
अजय की जीभ ने मेरी प्रियंका दीदी के कड़े खड़े , कंचे की तरह कड़े निपल को पहले तो फ्लिक किया ,देर तक और फिर दोनों होंठों ने एक साथ गपुच लिया और देर तक चुभलाते रहे चूसते रहे , जैसे किसी बच्चे को उसका पसंदीदी चॉकलेट मिल जाए और वो खूब रस ले ले के धीमे धीमे चूसे , बस उसी तरह चूस रहा था वो।
और दूसरा निपल बिचारा कैसे आजाद बचता ,उसे दूसरे हाथ के अंगूठे और तरजनी ने पकड़ रखा था और धीमे धीमे रोल कर रहे थे ,
मेरी प्रियंका दीदी चुपचाप लेटी हुई मजे से सिसक रही थी तड़प रही थी और जब अजय ने उनकी चूची पर अपने दांत गड़ा दिए तब चीखने लगी ..
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी को बिल्कुल नंगा कर दिया.
थोड़ी देर में मेरी दीदी की हालत और भी खराब हो गई ,उसका जो हाथ खाली हुआ उससे ,अजय ने मेरी दीदी कि सुरंग में सेंध लगा दी थी... मेरी बहना तड़प उठी थी.. अपनी गांड उठा उठा कर पटकने लगी मेरी दीदी... मेरे होने वाले जीजू तो पूरे खिलाड़ी थे..
मेरी प्रियंका दीदी की जांघों के बीच की प्यासी चिकनी चमेली तो पहले से ही गीली हो चुकी थी,और ऊपर से उसने अपनी शैतान गदोरी से जोर जोर से मसला रगड़ा.... मेरी दीदी ने खुद ही अपनी टांगें चौड़ी कर दी फिर अजय को मौका मिल चुका था..जोर से पूरी ताकत लगा के घचाक से एक उंगली दो पोर तक मेरी दीदी की बुर में पेलने का..
उईई इइइइइइइ.... मां... मेरी दीदी चीखने लगी..
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के चीखने की कोई भी परवाह नहीं की बल्कि वह अपनी उंगली गोल-गोल मेरी दीदी की बुर में घुमा रहा था ,
मेरी छम्मक छल्लो प्रियंका दीदी सिसक रही थी चूतड़ पटक रही थी वासना की अग्नि में जल रही थी..
मेरी दीदी ने अपनी दोनों टांगे उठा कर अजय की कमर में लपेट उसको अपनी सवारी करने का न्योता देने लगी...
बादलों की गरज तेज हो गयी थी ,एक बार फिर तेजी से बिजली चमकी , मेरी प्रियंका दीदी डर के मारे अजय के साथ चिपक गई..
मैं झोपड़ी के बाहर खड़ा खिड़की के पास बारिश में भीगता हुआ अंदर की रासलीला देख रहा था.. अपने झड़े हुए मुरझाए लोड़े को हाथ में पकड़ के...
उस झोपड़ी के अंदर गनीमत थी वहां ताखे में रखी ढिबरी अभी भी जल रही थी और उस की रोशनी उस कमरे के लिए काफी थी।
लेकिन उसकी रोशनी में सबसे पहली नजर में जिस चीज पे पड़ी , उसी ताखे में रखी,
एक बड़ी सी शीशी ,
कड़ुआ तेल ( सरसों के तेल ) की , जो मेरी प्रियंका दीदी खुद लेकर आई थी... चोदन कार्यक्रम के लिए अपने होने वाले पति के साथ ...
मेरे होने वाले जीजा जी अजय दिखने में जितने भी सीधे लगे,उसके हाथ और होंठ दोनों ही जबरदस्त बदमाश थे..
वह तो खुद पूरी तरह नंगे हो चुके थे और मेरी प्रियंका दीदी को सुखी पुआल के ऊपर पटक के मेरी दीदी के ऊपर चढ़ .. उनके होंठों को चूस रहे थे... एक हाथ से मेरी दीदी की चूची को पकड़कर चोली के ऊपर स ही मसल रहे थे.. और दूसरे हाथ से मेरी दीदी कर लहंगा ऊपर उठाने की कोशिश कर रहे थे.. मेरी प्रियंका दीदी भी मस्ती में पागल होकर होठों को खाने का प्रयास कर रही है अजय के..
शुरू में तो अच्छे बच्चो की तरह उसने हलके हलके मेरी बहना के होठों को को ,गालो को चूमा लेकिन अँधेरा देख और अकेली लड़की पा के वो अपने असली रंग में उतर आये।
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के दोनों रस से भरे गुलाबी होंठों को हलके से अपने होंठों के बीच दबाया ,कुछ देर तक वो बेशरम उन्हें चूसता रहा, चूसता रहा जैसे सारा रस अभी पी लेगा ,और फिर पूरी ताकत से कचकचा के ,इतने जोर से काटा की आँखों में दर्द से आंसू छलक पड़े , मेरी मासूम कमसिन दीदी के... मेरी दीदी की आंखों में आंसू थे पर वह अजय ने फिर मेरी दीदी के होठों को अपने होठों से उस जगह दो चार मिनट सहलाया और फिर पहले से भी दुगुने जोर से और खूब देर तक… पक्का दांत के निशान पड़ गए होंगे।
मेरी बहना भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी..
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के गाल पर भी पहले तो थोड़ी देर अपने लालची होंठ रगड़े ,और फिर कचकचा के , पहले थोड़ी देर चूस के दो दांत जोर से लगा देता , मेरी छम्मक छल्लो बहना सुखी पुआल के ऊपर छटपटाती ,चीखती अपने चूतड़ पटकती ,फिर वो वहीँ थोड़ी देर तक होंठों से सहलाने के बाद दुगुनी ताकत से , .... दोनों गालों पर।
मुझे मालूम था दाँतो के निशान गुलाब की पंखुड़ियों से गालों पर अच्छे खासे पड़ जाएंगे ,
पर आज मैंने तय कर लिया था...... पूरी रासलीला देखकर ही जाऊंगा.. चाहे मेरी बहना को कितना भी दर्द दे मेरा होने वाला जीजा मेरी दीदी उनकी ही अमानत है ना... जैसे मर्जी चूसे चाटे काटे या फिर पटक पटक के चोद डालें.
उसके होंठ मेरी प्रियंका दीदी के होठों गालों के साथ जो हरकत कर रहे थे वही हरकत उसके दोनों हाथ मेरे प्रियंका दीदी के 24 साल की मस्त गदर आए हुए जोबन के साथ कर रहे थे.. बड़े-बड़े अनारो से भी मस्त मेरी दीदी की चूचियां एकदम टाइट चोली के अंदर अजय के रहमों करम पर थी..
और क्या कस कस के ,रगड़ रगड़ के मसल रहा था वो।
एक झटके में अजय ने मेरी दीदी की चोली को उनके सीने से अलग कर दिया...
अब तो अजय ने मेरी दीदी की चुचियों को सिर्फ अपने हाथों से ही नहीं बल्कि अपने दुष्ट पापी होठों से भी चूसना चाटना शुरू कर दिया.. बरसात बहुत तेज होने लगी थी...
गाल और होंठों का रस लूट चुके ,अजय के होंठ अब बहुत गुस्ताख़ हो चुके थे , सीधे उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी के खड़े निपल पर निशाना लगाया और साथ में अजय की एक्सपर्ट जीभ भी ...
मेरी प्रियंका दीदी- (चुसवाने के मजे मे बोलती) आ..आह आज तो कुछ ज्यादा ही जोश मे लग रहे है क्या बात है...।
अजय की जीभ ने मेरी प्रियंका दीदी के कड़े खड़े , कंचे की तरह कड़े निपल को पहले तो फ्लिक किया ,देर तक और फिर दोनों होंठों ने एक साथ गपुच लिया और देर तक चुभलाते रहे चूसते रहे , जैसे किसी बच्चे को उसका पसंदीदी चॉकलेट मिल जाए और वो खूब रस ले ले के धीमे धीमे चूसे , बस उसी तरह चूस रहा था वो।
और दूसरा निपल बिचारा कैसे आजाद बचता ,उसे दूसरे हाथ के अंगूठे और तरजनी ने पकड़ रखा था और धीमे धीमे रोल कर रहे थे ,
मेरी प्रियंका दीदी चुपचाप लेटी हुई मजे से सिसक रही थी तड़प रही थी और जब अजय ने उनकी चूची पर अपने दांत गड़ा दिए तब चीखने लगी ..
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी को बिल्कुल नंगा कर दिया.
थोड़ी देर में मेरी दीदी की हालत और भी खराब हो गई ,उसका जो हाथ खाली हुआ उससे ,अजय ने मेरी दीदी कि सुरंग में सेंध लगा दी थी... मेरी बहना तड़प उठी थी.. अपनी गांड उठा उठा कर पटकने लगी मेरी दीदी... मेरे होने वाले जीजू तो पूरे खिलाड़ी थे..
मेरी प्रियंका दीदी की जांघों के बीच की प्यासी चिकनी चमेली तो पहले से ही गीली हो चुकी थी,और ऊपर से उसने अपनी शैतान गदोरी से जोर जोर से मसला रगड़ा.... मेरी दीदी ने खुद ही अपनी टांगें चौड़ी कर दी फिर अजय को मौका मिल चुका था..जोर से पूरी ताकत लगा के घचाक से एक उंगली दो पोर तक मेरी दीदी की बुर में पेलने का..
उईई इइइइइइइ.... मां... मेरी दीदी चीखने लगी..
अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के चीखने की कोई भी परवाह नहीं की बल्कि वह अपनी उंगली गोल-गोल मेरी दीदी की बुर में घुमा रहा था ,
मेरी छम्मक छल्लो प्रियंका दीदी सिसक रही थी चूतड़ पटक रही थी वासना की अग्नि में जल रही थी..
मेरी दीदी ने अपनी दोनों टांगे उठा कर अजय की कमर में लपेट उसको अपनी सवारी करने का न्योता देने लगी...