27-12-2020, 12:56 AM
(This post was last modified: 27-12-2020, 02:04 AM by babasandy. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
मेरी प्रियंका दीदी के गुलाबी होंठ अजय के होंठों के कब्जे में , और वो जम के चूम चूस रहा था।
उसने मेरी प्रियंका दीदी की चोली खोली और फिर उनकी दोनों बड़े बड़े पर्वत सरीखे कड़े कड़े उभार खुल गए और अजय कस कस के , और कुछ देर बाद उसने न सिर्फ मुह लगाया , बल्कि कचकचा के काट भी लिया।
मेरी दीदी रोकते रोकते सिसक गई..
बड़े जालिम हो तुम.. मर गई मां...
लेकिन उस बेरहम को कुछ फर्क पड़ता था क्या , थोड़ी देर वहीँ पे अपने होंठों का मलहम लगाया ,
फिर पहली बार से भी भी ज्यादा जोर से ,
कचा कच काट लिया मेरी प्रियंका दीदी की चूची पर..
बरसात में बाहर खड़ा खिड़की के पास मै पूरा दृश्य देख रहा था.. मैं भी बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुका था.. मैंने अपनी पैंट की जिप खोली और अपना छोटा सा लौड़ा निकालकर उसे सहलाने लगा...
मेरे घर के पीछे बनी हुई झोपड़ी के अंदर ही मेरी प्रियंका दीदी अपने होने वाले पति के साथ अपने होने वाले सुहागरात की प्रैक्टिस कर रही थी... और मैं झोपड़ी के पीछे बनी हुई खिड़की के पास खड़ा बरसात में मुट्ठ मार रहा था... अपने छोटे से लोड़े को हिला रहा था..
जब उसने मेरी प्रियंका दीदी की चूची की एक निप्पल को दांतो के बीच दबाया ..मेरी दीदी की हलकी चीख निकल ही गयी।
दांत के अच्छे निशान पड़ गए होंगे वहां।
और हाथ कौन कम थे उसके , जोर जोर से निपल पिंच कर रहे थे। मरोड़ रहे थे।
ऊपर की मंजिल पे तो दर्द हो रहा था , लेकिन निचली मंजिल पे ,प्रेम गली में फिसलन चालू हो गयी थी मेरी प्रियंका दीदी के... मुझे इस बात का पूरा अहसास होने लगा था.. मेरा हाथ तेजी से चलने लगा था अपने हथियार पर..
एक झटके में मेरी प्रियंका दीदी फिसल के अजय से दूर हो गई... मेरी बहन की अदाएं जान लेवा हो रही थी..
मेरी प्रियंका दीदी ने अपनी चोली के खुले हुए बंधन को फिर से बंद कर लिया... और लहराते हुए मदहोशी के आलम में नाचने लगी अपने होने वाले पति के सामने.
मेरी प्रियंका दीदी जिस प्रकार का उत्तेजक नृत्य सामने प्रस्तुत कर रही थी अपने होने वाले पति के सामने उसे देखकर तो किसी नामर्द का भी लोड़ा कड़क हो जाए... मेरा तो हो भी चुका था..
मेरी प्रियंका दीदी जिस प्रकार से अपनी चूचियां और गांड हिलाती हुई नाच रही थी मेरे जीजू का बुरा हाल था.. मतलब मेरी होने वाले जीजा जी का... मेरी दीदी ने छोटी सी झोपड़ी में आग लगा रखी थी..
अजय ने एक अदा दारू की बोतल अपने पैंट की जेब से निकाली और सील तोड़ दो-तीन घूंट पी गया... उसकी आंखें नशे और वासना के मारे लाल हो चुकी थी..
मेरी प्रियंका दीदी अभी भी नाच रही थी.... बिना चोली.. कमर के ऊपर उनका पूरा शरीर नंगा हो चुका था... मेरी प्रियंका दीदी अपनी चूचियां उत्तेजक तरीके से उठा उठा के गिरा रही थी अजय के सामने और अजय... वह तो बस पागल ही हो गया था मेरी दीदी के लिए..
मेरी प्रियंका दीदी अपने दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में थाम के अजय के सामने ले गई अपनी पतली कमर बलखाती लचकआती हुई उसके सामने... और अपनी एक चूची उसके चेहरे पर रगड़ के बोली..
बोलना जानू क्या करना चाहते हो मेरे साथ..
" बस यहीं तुम्हे पटक पटक कर चोद दूँ '
' मेरा भी यही मन करता है की , पूरी रात तुमसे , .... हचक हचक कर ,… चुदवाऊँ ,…. जब मेरी प्रियंका दीदी बोली मेरे लोड़े का पानी निकल गया... पर मैं फिर भी वहीं खड़ा हुआ सामने का दृश्य देखता रहा...
अजय ने अपने आप को नंगा कर दिया.. बिल्कुल नंगा... और मेरी प्रियंका दीदी को अपनी बाहों में लेकर सूखे पुआल के ऊपर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया...
और तभी मेरी निगाह नीचे की ओर मुड़ी ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह , मेरी चीख निकलते निकलते बची , …
कम से कम ८ इंच ,लाल गुस्सैल , एकदम तना ,कड़ा गुस्सैल , और मोटा ,
मेरी तो जान सूख गयी , अपने होने वाले जीजा जी का हथियार देखकर..... उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी का लहंगा ऊपर की ओर उठाना शुरू कर दिया था.. मेरी दीदी मस्त हो गई थी अपने साजन के साथ...
उसने मेरी प्रियंका दीदी की चोली खोली और फिर उनकी दोनों बड़े बड़े पर्वत सरीखे कड़े कड़े उभार खुल गए और अजय कस कस के , और कुछ देर बाद उसने न सिर्फ मुह लगाया , बल्कि कचकचा के काट भी लिया।
मेरी दीदी रोकते रोकते सिसक गई..
बड़े जालिम हो तुम.. मर गई मां...
लेकिन उस बेरहम को कुछ फर्क पड़ता था क्या , थोड़ी देर वहीँ पे अपने होंठों का मलहम लगाया ,
फिर पहली बार से भी भी ज्यादा जोर से ,
कचा कच काट लिया मेरी प्रियंका दीदी की चूची पर..
बरसात में बाहर खड़ा खिड़की के पास मै पूरा दृश्य देख रहा था.. मैं भी बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुका था.. मैंने अपनी पैंट की जिप खोली और अपना छोटा सा लौड़ा निकालकर उसे सहलाने लगा...
मेरे घर के पीछे बनी हुई झोपड़ी के अंदर ही मेरी प्रियंका दीदी अपने होने वाले पति के साथ अपने होने वाले सुहागरात की प्रैक्टिस कर रही थी... और मैं झोपड़ी के पीछे बनी हुई खिड़की के पास खड़ा बरसात में मुट्ठ मार रहा था... अपने छोटे से लोड़े को हिला रहा था..
जब उसने मेरी प्रियंका दीदी की चूची की एक निप्पल को दांतो के बीच दबाया ..मेरी दीदी की हलकी चीख निकल ही गयी।
दांत के अच्छे निशान पड़ गए होंगे वहां।
और हाथ कौन कम थे उसके , जोर जोर से निपल पिंच कर रहे थे। मरोड़ रहे थे।
ऊपर की मंजिल पे तो दर्द हो रहा था , लेकिन निचली मंजिल पे ,प्रेम गली में फिसलन चालू हो गयी थी मेरी प्रियंका दीदी के... मुझे इस बात का पूरा अहसास होने लगा था.. मेरा हाथ तेजी से चलने लगा था अपने हथियार पर..
एक झटके में मेरी प्रियंका दीदी फिसल के अजय से दूर हो गई... मेरी बहन की अदाएं जान लेवा हो रही थी..
मेरी प्रियंका दीदी ने अपनी चोली के खुले हुए बंधन को फिर से बंद कर लिया... और लहराते हुए मदहोशी के आलम में नाचने लगी अपने होने वाले पति के सामने.
मेरी प्रियंका दीदी जिस प्रकार का उत्तेजक नृत्य सामने प्रस्तुत कर रही थी अपने होने वाले पति के सामने उसे देखकर तो किसी नामर्द का भी लोड़ा कड़क हो जाए... मेरा तो हो भी चुका था..
मेरी प्रियंका दीदी जिस प्रकार से अपनी चूचियां और गांड हिलाती हुई नाच रही थी मेरे जीजू का बुरा हाल था.. मतलब मेरी होने वाले जीजा जी का... मेरी दीदी ने छोटी सी झोपड़ी में आग लगा रखी थी..
अजय ने एक अदा दारू की बोतल अपने पैंट की जेब से निकाली और सील तोड़ दो-तीन घूंट पी गया... उसकी आंखें नशे और वासना के मारे लाल हो चुकी थी..
मेरी प्रियंका दीदी अभी भी नाच रही थी.... बिना चोली.. कमर के ऊपर उनका पूरा शरीर नंगा हो चुका था... मेरी प्रियंका दीदी अपनी चूचियां उत्तेजक तरीके से उठा उठा के गिरा रही थी अजय के सामने और अजय... वह तो बस पागल ही हो गया था मेरी दीदी के लिए..
मेरी प्रियंका दीदी अपने दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में थाम के अजय के सामने ले गई अपनी पतली कमर बलखाती लचकआती हुई उसके सामने... और अपनी एक चूची उसके चेहरे पर रगड़ के बोली..
बोलना जानू क्या करना चाहते हो मेरे साथ..
" बस यहीं तुम्हे पटक पटक कर चोद दूँ '
' मेरा भी यही मन करता है की , पूरी रात तुमसे , .... हचक हचक कर ,… चुदवाऊँ ,…. जब मेरी प्रियंका दीदी बोली मेरे लोड़े का पानी निकल गया... पर मैं फिर भी वहीं खड़ा हुआ सामने का दृश्य देखता रहा...
अजय ने अपने आप को नंगा कर दिया.. बिल्कुल नंगा... और मेरी प्रियंका दीदी को अपनी बाहों में लेकर सूखे पुआल के ऊपर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया...
और तभी मेरी निगाह नीचे की ओर मुड़ी ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह , मेरी चीख निकलते निकलते बची , …
कम से कम ८ इंच ,लाल गुस्सैल , एकदम तना ,कड़ा गुस्सैल , और मोटा ,
मेरी तो जान सूख गयी , अपने होने वाले जीजा जी का हथियार देखकर..... उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी का लहंगा ऊपर की ओर उठाना शुरू कर दिया था.. मेरी दीदी मस्त हो गई थी अपने साजन के साथ...