07-12-2018, 09:33 PM
Upate 3
द्रोण औऱ सोनाक्षी के साथ मेहमान कक्ष में पहुंचा तो माल्या अपनी एक कम उम्र सहायिका के साथ बैठा कुछ बात कर रहा था ।
माल्या 60 साल एक ठरकी व्यापारी था और इस बात के लिए बदनाम था कि लोग जितने कपड़े नही बदलते वो उतनी पत्नियां बदलता है । वो मोटा और स्थूल बदन वाला था । माल्या ने कई साल पहले द्रोण को नरक वासियों से बचाया था तब से वो द्रोण का खास दोस्त था । कई साल पहले वो हीवुड में बस गया था और आज कई सालों बाद द्रोण से मिल रहा था ।
द्रोण की नज़र न चाहते हुए भी माल्या की सहायिका पर कुछ देर के लिए टिक गई । लड़की बेहद कामुक और आकर्षक थी बिल्कुल चीनी गुड़िया जैसी गोरी इतनी की मानो छूने से दाग लग जाए और नाज़ुक ऐसी की पकड़ने भर से टूटने का डर । छोटे लाल-लाल रसभरे होंठ और 32b-22-34 का कातिलाना बदन उसने सफेद रेशमी फ्रॉक पहन रखी थी जिसमें उसकी गोरी, मुलायम और बाल रहित टाँगे घुटनों के ऊपर तक नज़र आ रहीं थीं ।
द्रोण को देखते ही माल्या सोफ़े से उठ गया और गर्म जोशी से द्रोण के गले लग गया ।
माल्या-मेरे खास दोस्त तुम तो बिल्कुल भी नहीं बदले हो ,कहो कैसे हो ।
द्रोण-जैसा पहले था बिल्कुल वैसा ही हूँ ,पर तुम कुछ बूढे हो गए हो , तुम्हें इस बूढ़े कि याद बिना किसी काम के तो आई नहीं होगी तो सुनाओ कैसे आना हुआ । फिर द्रोण ने सोनाक्षी कि तरफ मुड़ते हुए कहा "कुछ खाने का प्रबंध करो ,यह मेहमान काफी दूर से आए होंगे ।
सोनाक्षी-जी गुरु जी ।
माल्या (पीली साड़ी में सोनाक्षी के गदराए बदन को निहारते हुए )-अपने साथ एंजला बेबी को भी लेती जाओ और द्रोण के इस आश्रम का दर्शन करवा दो ।
सोनाक्षी और एंजला बेबी मेहमान कक्ष से बाहर चली जाती हैं तो माल्या द्रोण को आँख मारते हुए कहता है ,काफी गदराई हुई सहायिका रखी है इस बार । "तुम्हारी सहायिका भी काफी कड़क मालूम होती है ,कँहा से हाथ लगा ऐसा माल?" द्रोण अपने लिंग को सहलाते हुए कहता है ।
माल्या -क्यों पसंद आ गयी क्या ?
द्रोण-यार ऐसा कोरा माल सालों बाद देखा ,मन तो कर रहा है अभी पेल दूँ तूने मज़े किये की नहीं ?
माल्या(हँसते हुए)-यार बेटी है मेरी ।
द्रोण(शर्म से लाल होते हुए)-यार मुझे माफ़ कर मैं नहीं जानता था कि तेरी बेटी है वो ।
माल्या-कोई नहीं यार ,मैं समझता हूँ ,फिर जिस लड़की को देखकर लन्ड झटके न मारने लगे वो लड़की ही क्या ।
द्रोण-बात तो तेरी सही है ।
माल्या -तू बता यह सोनाक्षी सिन्हा कौन है ,देखने से तो रानियों जैसी लगती है तेरी सहायिका कैसे बन गयी ?
द्रोण-लम्बी कहानी है यार।
माल्या(एक पुरानी बोतल निकलते हुए)-तो मुझे कौन सा काम है अभी सुना तो इसकी दास्तान । 300 साल पुरानी है खास तेरे लिए लाया हूँ इस शराब को चख भी लेंगे और तेरी इस गर्म लौंडिया की कहानी का मज़ा भी ले लेंगे ।
माल्या ने दो पेग बनाए और एक द्रोण को देते हुए चियर्स कहा । द्रोण ने शानदार शराब की चुस्की लेते हुए कहानी शुरु की -
सोनाक्षी चंपारण के राजा की बेटी है ,राजा ने अपनी बेटी को बड़े नाज़-नखरों से पाला और जवान होने पर उसकी शादी कुरु देश के राजा भाम से कर दी , राजा भाम सोनाक्षी से बेहद प्यार करता था पर क्योंकि उसका लिंग खड़ा होने के बाद भी केवल 5 इंच लम्बा ही हो पाता था वो सोनाक्षी की काम अग्नि को कभी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाया ,परन्तु फिर भी सोनाक्षी ने किसी पर पुरुष की और नज़र उठा कर नहीं देखा ।
कुरु देश की सीमा नरक देश के साथ लगती है और अक्सर नरक वासी चुपके से देश की सीमा में प्रवेश कर लेते हैं। वैसा ही एक घुसपैठिया था बिन्दु नाम का एक छोटा गोबलिन ,वो कोई 2.5 फुट ऊंचा गंदी पिलपिली चदमडी वाला था शकल तो उसकी और गन्दी थी बड़ी बड़ी आँखे ,पिचका हुआ चेहरा और लम्बी नाक पर उसका लिंग कोई 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था ,पर क्योंकि गोबलिन्स में स्त्रियां नहीं होती इसलिए वो अभी तक संभोग न कर पाया था ।
सोनाक्षी की शादी के कुछ दिनों बाद बिन्दु कुरु देश में घुसा उस दिन सोनाक्षी अपने महल के बाहर खड़ी गरीबों में कपड़े बांट रही थी , बिन्दु की नज़र सोनाक्षी पर पड़ी और वो सोनाक्षी को चोदने के सपने देखने लगा , अपने सपनों में वो सोनाक्षी को अपना मोटा लन्ड चूसवाता ,उसके मोटे नरम मम्में दबाता और सोनाक्षी की चुचियाँ चूसता और अगल -अगल आसनों में सोनाक्षी को चोदता । पर सोनाक्षी एक रानी थी और वो एक गन्दा भद्दा गोबलिन इसलिए वो सोनाक्षी को दूर से ही देखकर अपना लन्ड हिलाकर अपने मन को समझा देता । यह सिलसिला एक साल तक चलता रहा पर चोदना तो दूर वो सोनाक्षी के महल में भी दाखिल नहीं हो पाया ।
एक बार सोनाक्षी पूजा के लिए जंगल के बीचोबीच बने एक प्रचीन मंदिर में पूजा कर वापिस आ रही थी कि उसके काफिले पर डाकुओं ने हमला कर दिया और उसके सभी सैनिकों को कत्ल कर दिया । डाकू सोनाक्षी की डोली की तरफ बढ़ ही रहे थे कि सोनाक्षी को बचाने के लिए सोनाक्षी की एक नोकरानी ने सोनाक्षी के कपडे पहन लिए और अपने कपडे सोनाक्षी को पहना जंगल में भगा दिया ।
सोनाक्षी जो काफी डर गई थी जंगल में बिना किसी दिशा को जाने समझे अपनी नाक की सीध में तब तक भागती रही जबतक की वो थककर बेहोश नहीं हो गयी ।
उसे कई घंटों के बाद होश आया तो उसने खुद को एक घने जंगल में अकेला पाया । वो सोचने लगी कि अगर किसी ने पहचान लिया कि मैं रानी हूँ तो राजा की क्या इज़्ज़त रह जायेगी । पर अपने बदन नोकरानी का लबादा देख उसे कुछ राहत हुई कि कमसेकम इन कपड़ों में उसे कोई पहचाने गा नहीं । ठीक इसी वक्त बिन्दु की नज़र सोनाक्षी पर पड़ी उसका तो जैसे सौभाग्य खुल गया रानी सोनाक्षी सिन्हा उससे कुछ कदमों की दूरी पर थी और रो रही थी और नोकरानी के झीने से लबादे में रानी का अंग-2 नज़र आ रहा था । बिंदु को समझने में देर न लगी कि क्या हुआ होगा ।पहले तो उसने सोचा क्यों न वो अपने जादू से सोनाक्षी पर काबू कर ले और उसे चोद डाले पर फिर उसे ख्याल आया कि सोनाक्षी कोई आम इंसान तो है नहीं क्या पता राजा के गुरुओं ने सोनाक्षी को भी जादू सिखा दिया हो और राजा के गुरुओं के बारे उसने सुन रखा था कि राजा के गुरु बड़े शक्तिशाली हैं नरक वासियों को देखते ही भस्म कर देते है । काफी देर सोचने के बाद उसने सोनाक्षी को सहानुभूति के जरिये पाने का निष्चय किया । बिंदु ने पेड़ की पतली पतली टहनियों को तोड़ा और एक टोकरी बानाई फिर वो जंगल से मीठे -2 फल थोड़ लाया , नारियल के खोल में उसने पानी भर लिया और बोरी जैसे एक फटे पुराने लबादे को पहन वो सोनाक्षी के पास पहुंचा ।
बिन्दु(झुकते हुए)-महारानी को बिंदु का नमस्कार ।
सोनाक्षी(उसे देखकर डर जाती है)- कौन हो तुम ।
बिंदु-महारानी मैं नरक वासी हूँ एक गोबलिन लेकिन मैंने नरक छोड़ दिया है क्योंकि वँहा का समाज मुझे पसंद नहीं मैं इंसानों के जैसे रहना रहना चाहता हूं।मैं यँहा के राजा को ही अपना राजा मानता हूं और आपको रानी , रानी जी मैं आपके लिए कुछ फल और पानी लाया हूँ ।
सोनाक्षी सोचती है कि कितना मरियल सा है बेचारा पर बदलना चाहता है तभी अपना घर परिवार छोड़कर जंगल में रह रहा है और देखो तो मेरे लिए कितनी चीज़े लाया है । यही सोचकर वो उसका विश्वास कर लेती है । और उसकी दिए हुए फल खा लेती है और पानी पी लेती है । खाने के बाद उसके बदन में फिर जान आ जाती है वो जल्दी से जल्दी महल वापिस पहुँचने की सोचती है ।
सोनाक्षी-तुम्हारा शुक्रिया ,तुम्हारा नाम क्या है छोटे दोस्त ?
बिन्दु- आप क्यों शुक्रिया करती हैं मैं तो आपका सेवक हूँ , मेरा नाम बिंदु है रानी जी ।
सोनाक्षी-यँहा से महल कितनी दूरी पर है ?
बिंदु(सोनाक्षी के उभरते हुए निप्पल घूरते हुए)-दो दिन की दूरी पर वो झूठ बोलता है ।
सोनाक्षी-पर अभी सुबह ही मैं मंदिर आई थी ।
बिंदु-नहीं रानी जी आप लगातार दो दिन भागती रही हैं । आप बहुत डर गईं थीं इसलिए आपको दिन रात की कोई सुध ही नहीं थी ,पूरे दो दिन से आपके साथ था ताकि आपकी रक्षा कर सकूँ ।
सोनाक्षी-अच्छा ,तुम बहुत अच्छे हो यह बताओ बिन्दु क्या तुम शहर का रास्ता जानते हो ?
बिन्दु-जी रानी जी ।
सोनाक्षी-तो मुझे जल्दी वँहा ले चलो , राजा परेशान हो रहे होंगे ।
बिन्दु सोनाक्षी को महल की तरफ ले जाने की जगह जंगल के और अंदर ले जाता है । चार-पाँच घंटो तक चलने के बाद जब उसे यकीन हो जाता है कि यहाँ राजा के सिपाही नहीं पहुँच सकते तो वो अपनी अगली चाल चलता है ।
वो चलते एक जोरदार चीख के साथ चक्कर आने का नाटक करते हुए ज़मीन पर गिर पड़ता है और बेहोश होने का नाटक करने लगता है । सोनाक्षी अपने मुलायम गोरे-2 हाथों से उसे उठाने की कोशिश करती है तो उसके बदन में करंट सा दौड़ जाता है ऐसा कोमल स्पर्श आज तक बिन्दु को नहीं मिला था । लेकिन वो अपना नाटक जारी रखता है उसका तीर सही निशाने पर लगा था ।
यह सोचकर कि बेचारे बिन्दु को कुछ न हो जाए सोनाक्षी पानी खोजने लगती है बड़ी खोजबीन करने पर पसीने से तरबतर होकर कुछ पानी ला पाती है और बिन्दु के मुँह में बूँद कर डालती है ।
बिन्दु अपना सिर मलता हुआ होश में आने का नाटक करता है और अपनी आंखें खोलता है ।
सोनाक्षी-भगवान का लाख लाख शुक्र है कि तुम्हे कुछ नहीं हुआ ।
बिन्दु-जब तक आपको महल न पहुंचा दूँ मैं मरूँगा नहीं रानी जी ।
सोनाक्षी-ओह तुम कितने अच्छे हो ,पर तुम्हें यह क्या हो गया था ?
बिन्दु-बस भूख के कारण चक्कर आ गया था....
सोनाक्षी-तुम यँहा आराम करो मैं तुम्हारे लिए कुछ फल तोड़ लाती हूँ ।
बिन्दु-नहीं रानी जी उसकी जरूरत नहीं ,हम गोबलिन फल और सब्जी नही खाते ।
सोनाक्षी-माँस ? मैं किसी छोटे जानवर का शिकार करने कोशिश करती हूँ।
बिंदु-नहीं महारानी जी उसकी भी ज़रूरत नहीं मैं बिल्कुल ठीक हूँ ।
सोनाक्षी-तुम्हें मेरी कसम सच सच बताओ तुम्हारा भोजन क्या है ?
बिन्दु-दुध।
सोनाक्षी- मैं दूध लाने की कोशिश करती हूँ ,तुम यहीं आराम करना ।
बिन्दु अच्छे से जनता था कि इतने घने जंगल में दूध नहीं मिल सकता इसलिए वो सोने का नाटक करने लगता है । काफी समय बाद जब वो सोनाक्षी को थकाहारा और खाली हाथ वापिस आता देखता है तो उसका दिल यह सोचकर ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगता है कि आज तो वो सोनाक्षी के स्तनों का दूध जमकर पियेगा । उसे करीब आता देख वो अपने हाथ पैर जमीन पर मार-मारकर तड़पने का ढोंग शुरू कर देता है ।
सोनाक्षी की आँखों में आँसू आ जाते हैं कि एक जीव उसके कारण उसकी आँखों के सामने मर रहा है और कुछ नही कर सकती । फिर यह सोचकर कि वो भी तो स्त्री है भगवान ने उसे भी स्तन दिए हैं वो प्रसन्न हो जाती है और बिन्दु के चेहरे को दोनों हाथों से थामते हुए कहती है" बिन्दु तुम मेरा दूध पी लो"
बिन्दु(अपनी खुशी छिपाते हुए)-नहीं रानी जी यह अपराध मुझसे न करवाइए ।
सोनाक्षी-तुम्हें मेरी कसम बिन्दु । यह कह कर वो अपना लबादा उतार देती है और उसके गुबारों से फूले हुए स्तन नंगे हो जाते हैं और क्योंकि सोनाक्षी ने लबादे के अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था इसलिए वो पूरी की पूरी नंगी हो जाती है। "यँहा तो दूध के साथ चूत फ्री मिल रही है" बिन्दु ने मन में सोचा ।
सोनाक्षी बिन्दु की बगल में कंधे के बल लेट जाती है और उसका चेहरा सहलाते हुए कहती है "बिन्दु पीओ ...शर्माओ मत" ।
बिन्दु चालाकी से अपना लबादा ऊपर खींच लेता है और सोनाक्षी की तरफ पलटी खाते हुए अपना गंदा मुँह सोनाक्षी गुलाबी-गुलाबी चूची पर लगा देता है और चूसने लगता है ।"आह...आह" सोनाक्षी सिसक उठती है ।नीचे बिन्दु का लन्ड पूरा अकड़ जाता है और सोनाक्षी की योनि से रगड़ खाने लगता है । अपने स्तंनो पर बिन्दु का सिर लगा होने के कारण सोनाक्षी को नीचे का कुछ नज़र नहीं आता वो सोचती है कि बिन्दु का लिंग अनजाने में उसकि चूत से रगड़ खा रहा है ।
बिन्दु बड़ी चालाकी एक तरफ सोनाक्षी का स्तन पान करता रहता है तो दूसरी तरफ अपने लौड़े के टोपे को उसकी चूत के दाने से रगड़ने लगता है । सोनाक्षी को धीरे-2 मज़ा आने लगता है और वो आँखे बंद कर "आह आह" करते हुए क्रिया का मज़ा लेने लगती है । इसी मौके की तलाश तो बिन्दु कर रहा था वो एक जोरदार झटके के साथ अपना 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लौड़ा सोनाक्षी की राजसी चूत में आधा घुसा देता है ।
"आह....बीईई...नन..दु यह क्या किया " सोनाक्षी आँखें खोलते हुए कहती है ।
बिन्दु(सोनाक्षी के निप्पल को मुँह से निकालते हुए)-गलती से चला गया रानी जी आप कहती हैं तो निकाल लूँ ?
सोनाक्षी(अब इतनी गर्म हो चुकी थी कि न कहना उसके बस में नहीं था )-आह..अब डाल दिया है तो करले बस जल्दी करियो ।
बिन्दु(नादान बनते हुए)-क्या कर लूँ रानी जी ?
सोनाक्षी- झटके मार न बुद्धू ।
बिन्दु-जैसा आप कहें रानी जी , आपकी चूत तो बड़ी टाइट है राजा जी लगता है अच्छे नहीं चोदते आपको ।कहते हुए बिन्दु एक ही झटके में बाकी का लन्ड भी सोनाक्षी की चूत में डाल देता है ।
सोनाक्षी- हाय... मर गयी रे ...निकाल बाहर बिन्दु ...तेरे लन्ड ने तो मेरी फाड़ डाली रे .....। सोनाक्षी दर्द से तड़प उठी ।
बिन्दु(वो लन्ड को चूत में ही रहने देता और सोनाक्षी के मम्में दबाते हुए बोलता)-रानी जी इसमें मेरे लन्ड की नहीं राजा जी के लन्ड की गलती है ।
सोनाक्षी(दर्द से बिलबिलाते हुए)-इसमें उनके लन्ड की क्या गलती है ,मुझे पता होता इतने छोटे से गोबलिन का इतना बड़ा लन्ड होगा तो मैं तुझे झटका मारने को न कहती ।
बिन्दु(पूरे लन्ड को बाहर निकाल कर फिर एक ही झटके में पूरा लन्ड जड़ तक सोनाक्षी की चूत में डालते हुए)-मेरी बीवी आप जैसी चुदास होती तो रोज़ ऐसा चोदता की चूत का भोसड़ा बन जाता ।
बिंदु से अब और नहीं रुका जा रहा था उसका लन्ड लावा उगलने के लिए उतावला हो रहा । वो सोनाक्षी को पीठ के बल पलटते हुए तेज़ी से झटके देना शुरू कर देता है । "आह ....सोना मेरी राँड़ क्या चूत है तेरी जैसे मखन... तेरा पति पक्का छक्का है....बोल सोना किसा लन्ड पसंद आया तुझे" । सोनाक्षी को ज़िन्दगी में पहली बार ऐसी चुदाई का आनंद मिल रहा था वो भूल चुकी थी वो एक रानी है और एक गन्दे गोबलिन का लन्ड उसकी चूत में घुसा हुआ है और वो उसे किसी बाजारू रंडी की तरह चोद रहा है । "आह...आह....बिन्दु तेरा लन्ड तो मस्त है ....मेरे पति का तो तेरे से आधा भी नहीं है चोद और दम लगा के चोद ओह ....इस चूत को मसल फाड़ दे अपने मोटे लौड़े से "
बिन्दु उसके साथ फिर चिपक गया और उसके मोटे स्तनों के बीच उसने अपना मुँह गाड़ दिया स्तंनो को अपने हाथों से उन्हें अपने चेहरे पर दबाते हुए हुए वो सोनाक्षी की चूत को अपने तेज़ झटकों से पेलने लगा । वो उसके स्तंनो में मुँह गड़ाए कमर हिला हिलाकर झटके मार रहा था सोनाक्षी की चूत में बिन्दु का लिंग तूफान मचा रहा था सोनाक्षी की चूत रह रह कर पानी छोड़ रही थी ।
सोनाक्षी और बिन्दु चुदाई में इतना खोए हुए थे कि उन्हें पता भी न चला कि एक 12 फुट ऊंचा दैत्य उनकी तरफ बढ़ता चला आ रहा है जिसका लन्ड मुरझाई अवस्था में भी 10इंच लम्बा है और लटकते हुए साँप जैसा लग रहा था ।
दैत्य बिन्दु और सोनाक्षी के पास पहुँचा और उन्हें गौर से देखने लगा कि आखिर एक गोबलिन एक इंसानी महिला के ऊपर लेता कर क्या रहा । बिन्दु को झटके मरता देख उसका लन्ड भी तन कर 15इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लोहे का डंडा बन गया । उसने बिन्दु को गर्दन से पकड़कर पीछे खींचा तो पक की आवाज़ के बिंदु का लन्ड सोनाक्षी की चूत से बाहर आगया । फिर दैत्य ने बिन्दु को दूर फेंक दिया और सोनाक्षी की टाँगे दोहरी करते हुए उसके ऊपर चढ़ गया ।
इस अचानक हुए हमले से सोनाक्षी की सारी गर्मी उतर गई "नहीं मत करो" वो चिल्लाई । पर दैत्य ने उसके मुँह इतने ज़ोर से थपड़ मारा की सोनाक्षी की आँखों में आँसू आ गए । और वो दैत्य से कुछ दूर जा गिरी । उसका केवल बदन ही नहीं दिल भी दुख रहा था क्यूँकि जिस सोनाक्षी ने आजतक किसी की ऊंची आवाज भी न सुनी थी उसे कोई इस तरह मार भी सकता है यह उसने सपने में भी न सोचा था ।उसने दैत्य से दूर जाने के लिए भागने की कोशिश की पर वो अपनी जगह से उठ भी नहीं सकी लेकिन फिर भी किसी तरह वो पीछे की और घिसटने लगी । लेकिन दैत्य ने दो-तीन कदम लिए और उसके पास पहुँच गया । दैत्य ने उसे उसकी बाहों से पकड़ कर इतनी आसानी से उठा लिया मानो किसी खिलौने को उठा रहा हो सोनाक्षी हवा में झूलने लगी ।
दैत्य सोनाक्षी को उठा कर पास गिरे हुए पेड़ तक ले गया फिर उसने सोनाक्षी को उसकी कमर से पकड़कर उठा लिया और उसको ऊपर नीचे करता हुआ अपने लन्ड का निशाना उसकी चूत पर सेट करने लगा तीन-चार बार ऐसा करने के बाद उसने सोनाक्षी को हवा में काफी ऊपर तक उठाया और नीचे लाते हुए सीधे उसकि चूत को अपने लन्ड से भिड़ा दिया उसने यह इतनी ताकत से किया था कि उसका लन्ड सोनाक्षी के गर्भाशय से इतनी जोर से टकराया की सोनाक्षी कुछ देर के लिए होश खो बैठी पर दैत्य को उस पर कोई तरस नहीं आया और वो उसे कमर से पकड़ कर अपने लन्ड पर ऊपर नीचे करता रहा जब तक कि वो थक नहीं गया और आखिर में वहीं उसे अधमरी हालत में छोड़कर चला गया वो तो भगवान की कृपा थी उसपर जो वो मुझे मिल गयी औऱ मैंने कई दिन तक दुर्लभ जड़ीबूटियों और तंत्र - कि मदद से उसका इलाज किया ।
द्रोण औऱ सोनाक्षी के साथ मेहमान कक्ष में पहुंचा तो माल्या अपनी एक कम उम्र सहायिका के साथ बैठा कुछ बात कर रहा था ।
माल्या 60 साल एक ठरकी व्यापारी था और इस बात के लिए बदनाम था कि लोग जितने कपड़े नही बदलते वो उतनी पत्नियां बदलता है । वो मोटा और स्थूल बदन वाला था । माल्या ने कई साल पहले द्रोण को नरक वासियों से बचाया था तब से वो द्रोण का खास दोस्त था । कई साल पहले वो हीवुड में बस गया था और आज कई सालों बाद द्रोण से मिल रहा था ।
द्रोण की नज़र न चाहते हुए भी माल्या की सहायिका पर कुछ देर के लिए टिक गई । लड़की बेहद कामुक और आकर्षक थी बिल्कुल चीनी गुड़िया जैसी गोरी इतनी की मानो छूने से दाग लग जाए और नाज़ुक ऐसी की पकड़ने भर से टूटने का डर । छोटे लाल-लाल रसभरे होंठ और 32b-22-34 का कातिलाना बदन उसने सफेद रेशमी फ्रॉक पहन रखी थी जिसमें उसकी गोरी, मुलायम और बाल रहित टाँगे घुटनों के ऊपर तक नज़र आ रहीं थीं ।
द्रोण को देखते ही माल्या सोफ़े से उठ गया और गर्म जोशी से द्रोण के गले लग गया ।
माल्या-मेरे खास दोस्त तुम तो बिल्कुल भी नहीं बदले हो ,कहो कैसे हो ।
द्रोण-जैसा पहले था बिल्कुल वैसा ही हूँ ,पर तुम कुछ बूढे हो गए हो , तुम्हें इस बूढ़े कि याद बिना किसी काम के तो आई नहीं होगी तो सुनाओ कैसे आना हुआ । फिर द्रोण ने सोनाक्षी कि तरफ मुड़ते हुए कहा "कुछ खाने का प्रबंध करो ,यह मेहमान काफी दूर से आए होंगे ।
सोनाक्षी-जी गुरु जी ।
माल्या (पीली साड़ी में सोनाक्षी के गदराए बदन को निहारते हुए )-अपने साथ एंजला बेबी को भी लेती जाओ और द्रोण के इस आश्रम का दर्शन करवा दो ।
सोनाक्षी और एंजला बेबी मेहमान कक्ष से बाहर चली जाती हैं तो माल्या द्रोण को आँख मारते हुए कहता है ,काफी गदराई हुई सहायिका रखी है इस बार । "तुम्हारी सहायिका भी काफी कड़क मालूम होती है ,कँहा से हाथ लगा ऐसा माल?" द्रोण अपने लिंग को सहलाते हुए कहता है ।
माल्या -क्यों पसंद आ गयी क्या ?
द्रोण-यार ऐसा कोरा माल सालों बाद देखा ,मन तो कर रहा है अभी पेल दूँ तूने मज़े किये की नहीं ?
माल्या(हँसते हुए)-यार बेटी है मेरी ।
द्रोण(शर्म से लाल होते हुए)-यार मुझे माफ़ कर मैं नहीं जानता था कि तेरी बेटी है वो ।
माल्या-कोई नहीं यार ,मैं समझता हूँ ,फिर जिस लड़की को देखकर लन्ड झटके न मारने लगे वो लड़की ही क्या ।
द्रोण-बात तो तेरी सही है ।
माल्या -तू बता यह सोनाक्षी सिन्हा कौन है ,देखने से तो रानियों जैसी लगती है तेरी सहायिका कैसे बन गयी ?
द्रोण-लम्बी कहानी है यार।
माल्या(एक पुरानी बोतल निकलते हुए)-तो मुझे कौन सा काम है अभी सुना तो इसकी दास्तान । 300 साल पुरानी है खास तेरे लिए लाया हूँ इस शराब को चख भी लेंगे और तेरी इस गर्म लौंडिया की कहानी का मज़ा भी ले लेंगे ।
माल्या ने दो पेग बनाए और एक द्रोण को देते हुए चियर्स कहा । द्रोण ने शानदार शराब की चुस्की लेते हुए कहानी शुरु की -
सोनाक्षी चंपारण के राजा की बेटी है ,राजा ने अपनी बेटी को बड़े नाज़-नखरों से पाला और जवान होने पर उसकी शादी कुरु देश के राजा भाम से कर दी , राजा भाम सोनाक्षी से बेहद प्यार करता था पर क्योंकि उसका लिंग खड़ा होने के बाद भी केवल 5 इंच लम्बा ही हो पाता था वो सोनाक्षी की काम अग्नि को कभी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाया ,परन्तु फिर भी सोनाक्षी ने किसी पर पुरुष की और नज़र उठा कर नहीं देखा ।
कुरु देश की सीमा नरक देश के साथ लगती है और अक्सर नरक वासी चुपके से देश की सीमा में प्रवेश कर लेते हैं। वैसा ही एक घुसपैठिया था बिन्दु नाम का एक छोटा गोबलिन ,वो कोई 2.5 फुट ऊंचा गंदी पिलपिली चदमडी वाला था शकल तो उसकी और गन्दी थी बड़ी बड़ी आँखे ,पिचका हुआ चेहरा और लम्बी नाक पर उसका लिंग कोई 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था ,पर क्योंकि गोबलिन्स में स्त्रियां नहीं होती इसलिए वो अभी तक संभोग न कर पाया था ।
सोनाक्षी की शादी के कुछ दिनों बाद बिन्दु कुरु देश में घुसा उस दिन सोनाक्षी अपने महल के बाहर खड़ी गरीबों में कपड़े बांट रही थी , बिन्दु की नज़र सोनाक्षी पर पड़ी और वो सोनाक्षी को चोदने के सपने देखने लगा , अपने सपनों में वो सोनाक्षी को अपना मोटा लन्ड चूसवाता ,उसके मोटे नरम मम्में दबाता और सोनाक्षी की चुचियाँ चूसता और अगल -अगल आसनों में सोनाक्षी को चोदता । पर सोनाक्षी एक रानी थी और वो एक गन्दा भद्दा गोबलिन इसलिए वो सोनाक्षी को दूर से ही देखकर अपना लन्ड हिलाकर अपने मन को समझा देता । यह सिलसिला एक साल तक चलता रहा पर चोदना तो दूर वो सोनाक्षी के महल में भी दाखिल नहीं हो पाया ।
एक बार सोनाक्षी पूजा के लिए जंगल के बीचोबीच बने एक प्रचीन मंदिर में पूजा कर वापिस आ रही थी कि उसके काफिले पर डाकुओं ने हमला कर दिया और उसके सभी सैनिकों को कत्ल कर दिया । डाकू सोनाक्षी की डोली की तरफ बढ़ ही रहे थे कि सोनाक्षी को बचाने के लिए सोनाक्षी की एक नोकरानी ने सोनाक्षी के कपडे पहन लिए और अपने कपडे सोनाक्षी को पहना जंगल में भगा दिया ।
सोनाक्षी जो काफी डर गई थी जंगल में बिना किसी दिशा को जाने समझे अपनी नाक की सीध में तब तक भागती रही जबतक की वो थककर बेहोश नहीं हो गयी ।
उसे कई घंटों के बाद होश आया तो उसने खुद को एक घने जंगल में अकेला पाया । वो सोचने लगी कि अगर किसी ने पहचान लिया कि मैं रानी हूँ तो राजा की क्या इज़्ज़त रह जायेगी । पर अपने बदन नोकरानी का लबादा देख उसे कुछ राहत हुई कि कमसेकम इन कपड़ों में उसे कोई पहचाने गा नहीं । ठीक इसी वक्त बिन्दु की नज़र सोनाक्षी पर पड़ी उसका तो जैसे सौभाग्य खुल गया रानी सोनाक्षी सिन्हा उससे कुछ कदमों की दूरी पर थी और रो रही थी और नोकरानी के झीने से लबादे में रानी का अंग-2 नज़र आ रहा था । बिंदु को समझने में देर न लगी कि क्या हुआ होगा ।पहले तो उसने सोचा क्यों न वो अपने जादू से सोनाक्षी पर काबू कर ले और उसे चोद डाले पर फिर उसे ख्याल आया कि सोनाक्षी कोई आम इंसान तो है नहीं क्या पता राजा के गुरुओं ने सोनाक्षी को भी जादू सिखा दिया हो और राजा के गुरुओं के बारे उसने सुन रखा था कि राजा के गुरु बड़े शक्तिशाली हैं नरक वासियों को देखते ही भस्म कर देते है । काफी देर सोचने के बाद उसने सोनाक्षी को सहानुभूति के जरिये पाने का निष्चय किया । बिंदु ने पेड़ की पतली पतली टहनियों को तोड़ा और एक टोकरी बानाई फिर वो जंगल से मीठे -2 फल थोड़ लाया , नारियल के खोल में उसने पानी भर लिया और बोरी जैसे एक फटे पुराने लबादे को पहन वो सोनाक्षी के पास पहुंचा ।
बिन्दु(झुकते हुए)-महारानी को बिंदु का नमस्कार ।
सोनाक्षी(उसे देखकर डर जाती है)- कौन हो तुम ।
बिंदु-महारानी मैं नरक वासी हूँ एक गोबलिन लेकिन मैंने नरक छोड़ दिया है क्योंकि वँहा का समाज मुझे पसंद नहीं मैं इंसानों के जैसे रहना रहना चाहता हूं।मैं यँहा के राजा को ही अपना राजा मानता हूं और आपको रानी , रानी जी मैं आपके लिए कुछ फल और पानी लाया हूँ ।
सोनाक्षी सोचती है कि कितना मरियल सा है बेचारा पर बदलना चाहता है तभी अपना घर परिवार छोड़कर जंगल में रह रहा है और देखो तो मेरे लिए कितनी चीज़े लाया है । यही सोचकर वो उसका विश्वास कर लेती है । और उसकी दिए हुए फल खा लेती है और पानी पी लेती है । खाने के बाद उसके बदन में फिर जान आ जाती है वो जल्दी से जल्दी महल वापिस पहुँचने की सोचती है ।
सोनाक्षी-तुम्हारा शुक्रिया ,तुम्हारा नाम क्या है छोटे दोस्त ?
बिन्दु- आप क्यों शुक्रिया करती हैं मैं तो आपका सेवक हूँ , मेरा नाम बिंदु है रानी जी ।
सोनाक्षी-यँहा से महल कितनी दूरी पर है ?
बिंदु(सोनाक्षी के उभरते हुए निप्पल घूरते हुए)-दो दिन की दूरी पर वो झूठ बोलता है ।
सोनाक्षी-पर अभी सुबह ही मैं मंदिर आई थी ।
बिंदु-नहीं रानी जी आप लगातार दो दिन भागती रही हैं । आप बहुत डर गईं थीं इसलिए आपको दिन रात की कोई सुध ही नहीं थी ,पूरे दो दिन से आपके साथ था ताकि आपकी रक्षा कर सकूँ ।
सोनाक्षी-अच्छा ,तुम बहुत अच्छे हो यह बताओ बिन्दु क्या तुम शहर का रास्ता जानते हो ?
बिन्दु-जी रानी जी ।
सोनाक्षी-तो मुझे जल्दी वँहा ले चलो , राजा परेशान हो रहे होंगे ।
बिन्दु सोनाक्षी को महल की तरफ ले जाने की जगह जंगल के और अंदर ले जाता है । चार-पाँच घंटो तक चलने के बाद जब उसे यकीन हो जाता है कि यहाँ राजा के सिपाही नहीं पहुँच सकते तो वो अपनी अगली चाल चलता है ।
वो चलते एक जोरदार चीख के साथ चक्कर आने का नाटक करते हुए ज़मीन पर गिर पड़ता है और बेहोश होने का नाटक करने लगता है । सोनाक्षी अपने मुलायम गोरे-2 हाथों से उसे उठाने की कोशिश करती है तो उसके बदन में करंट सा दौड़ जाता है ऐसा कोमल स्पर्श आज तक बिन्दु को नहीं मिला था । लेकिन वो अपना नाटक जारी रखता है उसका तीर सही निशाने पर लगा था ।
यह सोचकर कि बेचारे बिन्दु को कुछ न हो जाए सोनाक्षी पानी खोजने लगती है बड़ी खोजबीन करने पर पसीने से तरबतर होकर कुछ पानी ला पाती है और बिन्दु के मुँह में बूँद कर डालती है ।
बिन्दु अपना सिर मलता हुआ होश में आने का नाटक करता है और अपनी आंखें खोलता है ।
सोनाक्षी-भगवान का लाख लाख शुक्र है कि तुम्हे कुछ नहीं हुआ ।
बिन्दु-जब तक आपको महल न पहुंचा दूँ मैं मरूँगा नहीं रानी जी ।
सोनाक्षी-ओह तुम कितने अच्छे हो ,पर तुम्हें यह क्या हो गया था ?
बिन्दु-बस भूख के कारण चक्कर आ गया था....
सोनाक्षी-तुम यँहा आराम करो मैं तुम्हारे लिए कुछ फल तोड़ लाती हूँ ।
बिन्दु-नहीं रानी जी उसकी जरूरत नहीं ,हम गोबलिन फल और सब्जी नही खाते ।
सोनाक्षी-माँस ? मैं किसी छोटे जानवर का शिकार करने कोशिश करती हूँ।
बिंदु-नहीं महारानी जी उसकी भी ज़रूरत नहीं मैं बिल्कुल ठीक हूँ ।
सोनाक्षी-तुम्हें मेरी कसम सच सच बताओ तुम्हारा भोजन क्या है ?
बिन्दु-दुध।
सोनाक्षी- मैं दूध लाने की कोशिश करती हूँ ,तुम यहीं आराम करना ।
बिन्दु अच्छे से जनता था कि इतने घने जंगल में दूध नहीं मिल सकता इसलिए वो सोने का नाटक करने लगता है । काफी समय बाद जब वो सोनाक्षी को थकाहारा और खाली हाथ वापिस आता देखता है तो उसका दिल यह सोचकर ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगता है कि आज तो वो सोनाक्षी के स्तनों का दूध जमकर पियेगा । उसे करीब आता देख वो अपने हाथ पैर जमीन पर मार-मारकर तड़पने का ढोंग शुरू कर देता है ।
सोनाक्षी की आँखों में आँसू आ जाते हैं कि एक जीव उसके कारण उसकी आँखों के सामने मर रहा है और कुछ नही कर सकती । फिर यह सोचकर कि वो भी तो स्त्री है भगवान ने उसे भी स्तन दिए हैं वो प्रसन्न हो जाती है और बिन्दु के चेहरे को दोनों हाथों से थामते हुए कहती है" बिन्दु तुम मेरा दूध पी लो"
बिन्दु(अपनी खुशी छिपाते हुए)-नहीं रानी जी यह अपराध मुझसे न करवाइए ।
सोनाक्षी-तुम्हें मेरी कसम बिन्दु । यह कह कर वो अपना लबादा उतार देती है और उसके गुबारों से फूले हुए स्तन नंगे हो जाते हैं और क्योंकि सोनाक्षी ने लबादे के अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था इसलिए वो पूरी की पूरी नंगी हो जाती है। "यँहा तो दूध के साथ चूत फ्री मिल रही है" बिन्दु ने मन में सोचा ।
सोनाक्षी बिन्दु की बगल में कंधे के बल लेट जाती है और उसका चेहरा सहलाते हुए कहती है "बिन्दु पीओ ...शर्माओ मत" ।
बिन्दु चालाकी से अपना लबादा ऊपर खींच लेता है और सोनाक्षी की तरफ पलटी खाते हुए अपना गंदा मुँह सोनाक्षी गुलाबी-गुलाबी चूची पर लगा देता है और चूसने लगता है ।"आह...आह" सोनाक्षी सिसक उठती है ।नीचे बिन्दु का लन्ड पूरा अकड़ जाता है और सोनाक्षी की योनि से रगड़ खाने लगता है । अपने स्तंनो पर बिन्दु का सिर लगा होने के कारण सोनाक्षी को नीचे का कुछ नज़र नहीं आता वो सोचती है कि बिन्दु का लिंग अनजाने में उसकि चूत से रगड़ खा रहा है ।
बिन्दु बड़ी चालाकी एक तरफ सोनाक्षी का स्तन पान करता रहता है तो दूसरी तरफ अपने लौड़े के टोपे को उसकी चूत के दाने से रगड़ने लगता है । सोनाक्षी को धीरे-2 मज़ा आने लगता है और वो आँखे बंद कर "आह आह" करते हुए क्रिया का मज़ा लेने लगती है । इसी मौके की तलाश तो बिन्दु कर रहा था वो एक जोरदार झटके के साथ अपना 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लौड़ा सोनाक्षी की राजसी चूत में आधा घुसा देता है ।
"आह....बीईई...नन..दु यह क्या किया " सोनाक्षी आँखें खोलते हुए कहती है ।
बिन्दु(सोनाक्षी के निप्पल को मुँह से निकालते हुए)-गलती से चला गया रानी जी आप कहती हैं तो निकाल लूँ ?
सोनाक्षी(अब इतनी गर्म हो चुकी थी कि न कहना उसके बस में नहीं था )-आह..अब डाल दिया है तो करले बस जल्दी करियो ।
बिन्दु(नादान बनते हुए)-क्या कर लूँ रानी जी ?
सोनाक्षी- झटके मार न बुद्धू ।
बिन्दु-जैसा आप कहें रानी जी , आपकी चूत तो बड़ी टाइट है राजा जी लगता है अच्छे नहीं चोदते आपको ।कहते हुए बिन्दु एक ही झटके में बाकी का लन्ड भी सोनाक्षी की चूत में डाल देता है ।
सोनाक्षी- हाय... मर गयी रे ...निकाल बाहर बिन्दु ...तेरे लन्ड ने तो मेरी फाड़ डाली रे .....। सोनाक्षी दर्द से तड़प उठी ।
बिन्दु(वो लन्ड को चूत में ही रहने देता और सोनाक्षी के मम्में दबाते हुए बोलता)-रानी जी इसमें मेरे लन्ड की नहीं राजा जी के लन्ड की गलती है ।
सोनाक्षी(दर्द से बिलबिलाते हुए)-इसमें उनके लन्ड की क्या गलती है ,मुझे पता होता इतने छोटे से गोबलिन का इतना बड़ा लन्ड होगा तो मैं तुझे झटका मारने को न कहती ।
बिन्दु(पूरे लन्ड को बाहर निकाल कर फिर एक ही झटके में पूरा लन्ड जड़ तक सोनाक्षी की चूत में डालते हुए)-मेरी बीवी आप जैसी चुदास होती तो रोज़ ऐसा चोदता की चूत का भोसड़ा बन जाता ।
बिंदु से अब और नहीं रुका जा रहा था उसका लन्ड लावा उगलने के लिए उतावला हो रहा । वो सोनाक्षी को पीठ के बल पलटते हुए तेज़ी से झटके देना शुरू कर देता है । "आह ....सोना मेरी राँड़ क्या चूत है तेरी जैसे मखन... तेरा पति पक्का छक्का है....बोल सोना किसा लन्ड पसंद आया तुझे" । सोनाक्षी को ज़िन्दगी में पहली बार ऐसी चुदाई का आनंद मिल रहा था वो भूल चुकी थी वो एक रानी है और एक गन्दे गोबलिन का लन्ड उसकी चूत में घुसा हुआ है और वो उसे किसी बाजारू रंडी की तरह चोद रहा है । "आह...आह....बिन्दु तेरा लन्ड तो मस्त है ....मेरे पति का तो तेरे से आधा भी नहीं है चोद और दम लगा के चोद ओह ....इस चूत को मसल फाड़ दे अपने मोटे लौड़े से "
बिन्दु उसके साथ फिर चिपक गया और उसके मोटे स्तनों के बीच उसने अपना मुँह गाड़ दिया स्तंनो को अपने हाथों से उन्हें अपने चेहरे पर दबाते हुए हुए वो सोनाक्षी की चूत को अपने तेज़ झटकों से पेलने लगा । वो उसके स्तंनो में मुँह गड़ाए कमर हिला हिलाकर झटके मार रहा था सोनाक्षी की चूत में बिन्दु का लिंग तूफान मचा रहा था सोनाक्षी की चूत रह रह कर पानी छोड़ रही थी ।
सोनाक्षी और बिन्दु चुदाई में इतना खोए हुए थे कि उन्हें पता भी न चला कि एक 12 फुट ऊंचा दैत्य उनकी तरफ बढ़ता चला आ रहा है जिसका लन्ड मुरझाई अवस्था में भी 10इंच लम्बा है और लटकते हुए साँप जैसा लग रहा था ।
दैत्य बिन्दु और सोनाक्षी के पास पहुँचा और उन्हें गौर से देखने लगा कि आखिर एक गोबलिन एक इंसानी महिला के ऊपर लेता कर क्या रहा । बिन्दु को झटके मरता देख उसका लन्ड भी तन कर 15इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लोहे का डंडा बन गया । उसने बिन्दु को गर्दन से पकड़कर पीछे खींचा तो पक की आवाज़ के बिंदु का लन्ड सोनाक्षी की चूत से बाहर आगया । फिर दैत्य ने बिन्दु को दूर फेंक दिया और सोनाक्षी की टाँगे दोहरी करते हुए उसके ऊपर चढ़ गया ।
इस अचानक हुए हमले से सोनाक्षी की सारी गर्मी उतर गई "नहीं मत करो" वो चिल्लाई । पर दैत्य ने उसके मुँह इतने ज़ोर से थपड़ मारा की सोनाक्षी की आँखों में आँसू आ गए । और वो दैत्य से कुछ दूर जा गिरी । उसका केवल बदन ही नहीं दिल भी दुख रहा था क्यूँकि जिस सोनाक्षी ने आजतक किसी की ऊंची आवाज भी न सुनी थी उसे कोई इस तरह मार भी सकता है यह उसने सपने में भी न सोचा था ।उसने दैत्य से दूर जाने के लिए भागने की कोशिश की पर वो अपनी जगह से उठ भी नहीं सकी लेकिन फिर भी किसी तरह वो पीछे की और घिसटने लगी । लेकिन दैत्य ने दो-तीन कदम लिए और उसके पास पहुँच गया । दैत्य ने उसे उसकी बाहों से पकड़ कर इतनी आसानी से उठा लिया मानो किसी खिलौने को उठा रहा हो सोनाक्षी हवा में झूलने लगी ।
दैत्य सोनाक्षी को उठा कर पास गिरे हुए पेड़ तक ले गया फिर उसने सोनाक्षी को उसकी कमर से पकड़कर उठा लिया और उसको ऊपर नीचे करता हुआ अपने लन्ड का निशाना उसकी चूत पर सेट करने लगा तीन-चार बार ऐसा करने के बाद उसने सोनाक्षी को हवा में काफी ऊपर तक उठाया और नीचे लाते हुए सीधे उसकि चूत को अपने लन्ड से भिड़ा दिया उसने यह इतनी ताकत से किया था कि उसका लन्ड सोनाक्षी के गर्भाशय से इतनी जोर से टकराया की सोनाक्षी कुछ देर के लिए होश खो बैठी पर दैत्य को उस पर कोई तरस नहीं आया और वो उसे कमर से पकड़ कर अपने लन्ड पर ऊपर नीचे करता रहा जब तक कि वो थक नहीं गया और आखिर में वहीं उसे अधमरी हालत में छोड़कर चला गया वो तो भगवान की कृपा थी उसपर जो वो मुझे मिल गयी औऱ मैंने कई दिन तक दुर्लभ जड़ीबूटियों और तंत्र - कि मदद से उसका इलाज किया ।
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