23-12-2020, 06:01 PM
जहाँ देवर भाभी वहां होली ,
और मैंने और कम्मो ने जेठानी जी से वायदा किया उसके चिकने गाल पर पहले वो , आखिर बड़ी हैं उनका पहला हक़ है ,
बाकी देह हम और कम्मो बाँट लेंगी ,...
आँखों आँखों में मैंने और कम्मो ने तय कर लिया ,
हमारा भी देवर है , भले आज हम लोगों ने उस चिकने से होली खेल ली थी , लेकिन देवर भाभी की होली कोई एक दिन की होती है क्या ,
जहाँ देवर भाभी वहां होली ,
अगले दिन तो और जबरदंग ,
आखिर बड़की भौजी का हुकुम था ,
और उससे बढ़कर , उस चिकने ने , मेरे और कम्मो के सामने तीन तिरबाचा भरा था , जब बुलाऊंगी तब आने के लिए ,
पहले दिन तो डेढ़ दो घंटे की रगड़ाई में बच्चू बच गए थे , लेकिन आज तो पूरे तीन घंटे का शो था , उसके बाद खाना फिर सूखे रंग का नंबर , ..
लेकिन आज थोड़ी शराफत , ज्यादा नहीं , लेकिन थोड़ी ,
जेठानी से कुछ कम्मो भी झिझकती थी , थोड़ी मैं भी ,
इसलिए आज कपड़े फटे नहीं देवर जी के मतलब , ...
लेकिन ब्रा चाहे ननद की हो या देवर की वो होली में कहाँ बचती है ,
बनयायिन उस स्साले की दिखा के फाड़ी और छत पर फेंक दी , शर्ट भी उतरी , जीन्स की बेल्ट भी कम्मो ने खोल दी , और कम्मो करती भी क्या , बिना बेल्ट खोले ठीक से न मैं पिछवाड़ा रंग पा रही थी , न वो अगवाड़ा ,
पैंट हालंकि उतरी नहीं घुटने के नीचे तक सरका दी मैंने और कम्मो ने मिलकर
चड्ढी उतरी नहीं एकदम , लेकिन भौजाइयों को चड्ढी में हाथ डालने से कौन मना कर सकता है , ...
उफ़ मैं भी न कहीं से बात शुरू कर देती हूँ , फागुन की फगुनाहट ठीक है लेकिन
हर बार शुरू से हो तो ठीक न , तो चलिए जब बेचारा देवर खुद आया तीन तीन भौजाइयों से रगड़वाने ,
कल की तरह पहुँचते ही नहीं हम लोगों ने उसे धर दबोचा कल की तरह ,
कल तो घर में कोई नहीं था , मेरा और कम्मो का राज था ,
आज सासू जी ने पहुँचते ही मुझे हुकुम सूना दिया
" अरे पहले देवर को कुछ खिलाओ पिलाओ , तुम सब खाली बेचारे को पहुँचते ही तंग करने में जुट गयी , इसीलिए तो घबड़ा रहा था बेचारा ,... "
मान गयी मैं अपनी सास को , उनका इशारा मैं अच्छी तरह समझ गयी ,
बस स्टोर में जा के एक प्लेट गुझिया , दहीबड़ा , ... और ठंडाई ,
और गुझिया जो मैंने और कम्मो ने खासतौर से देवर नंदों के लिए बनायी थी
हर गुझिया में भांग की गोली , वो भी एक नहीं दो , ..और कम्मो थी तो गोली नहीं गोला ,...
वो लाख मुंह बनाता रहा , पर मैं थी न
" अरे कैसे देवर हो जरा सा भी भौजी की बात एकदम नहीं मानते हो , अच्छा देवर राजा बस ज़रा मुंह खाल दो , बस ये देख लूँ मेंरे देवर के दूध के दांत टूटे हैं की नहीं , ... "
और मैंने गाल दबा दिया , ... एकदम मालपूवा
जैसे ही मुंह खुला , ... मैंने एक बार में ही पूरा , पूरी की पूरी गुझिया उसके मुंह के अंदर , ...
वो बेचारा और मैं और ऊपर से , ...
देखो देवर राजा , हम लोग देवर , ननद में कोई भेद नहीं करते , .. दोनों का काम खोलने का है , और हमारा काम डालने का है। "
मैंने उसे छेड़ा ,
तीन तीन भाभियाँ उसे घेरे थीं ,
और कम्मो तो डबल मीनिंग वाले में यकीन नहीं करती थी , ... वो साफ़ साफ़ बोली
" और क्या इनकी बहन आगे वाले में घोंटती हैं , और ये चिकना पीछे वाले में घोंटता है ,... किसी को लम्बा छेद पसंद है तो किसी को गोल "
" तभी तो इनकी बहिनिया कुँवारी कोरी बची है , जो कोई उसके पीछे पड़ता है उसके आगे ये खुद अपना गोल छेद ,... "
मैं भी आज कल कम्मो की जोड़ी की हो रही थी , हम दोनों आखिर बनारस वाली , ...
पर जेठानी जी हम दोनों को जोर से डांटा , ...
" तुम सब न , बेचारे को ठीक से खाने भी नहीं देती क्यों देवर जी गुझिया अच्छी है न ,... "
और वो ख़तम भी न हुयी थी की , जेठानी जी दूसरी गुझिया लेकर हाथ में तैयार
और सच में बहुत सी बातें मैं उनसे अभी भी सीख सकती थी , क्या जबरदस्त इमोशनल ब्लैकमेल किया उन्होंने उस लौंडे को ,
और ऊपर से जबरदस्त एक्टिंग , ... टीवी सीरियल की ऐक्ट्रेस फेल , ... सीरियस होकर मुंह बना के बोली
" देवर जी , मैं सब समझती हूँ , .. नयकी को देख कर पुरनकी को भूल गए न , ... "
" नहीं नहीं , भाभी ऐसा कुछ नहीं , ... "
घबड़ा के वो बोला और मुश्किल से मैंने अपनी मुस्कान दबायी।
" तो कोमल के हाथ की गुझिया तो उसके हाथ से ले के खा गए और मैं दे रही हूँ , इतने प्यार से , तो अगर तुम मुझे अपनी भाभी मानते होंगे न तो मना नहीं करोगे , "
और जेठानी के हाथ से एक गुझिया देवर जी के मुंह में ,...
और उसके बाद तीसरी भौजी , कम्मो हाथ में गुझिया ले के तैयार , ....
और टिपिकल कम्मो स्टाइल ,
" हे गुड्डी के यार , सीधे से ऊपर वाले मुंह से खा लो , वरना यही पटक के तोहरी गांडियो में पेल के एक नहीं दस गुझिया ,... "
" और क्या जाएगा तो पेट में ही , इधर से नहीं तो उधर से ,... "
मैं बड़ी सीरियसली बोली
और कम्मो ने जबरदस्ती , ... तीसरी गुझिया उनके पेट में ,
मैं काउंट कर रही थी , दो गोलियां , हर गुझिया में तो ये छह गोली ,
कुछ देर में ही इस स्साले की सारी सरम झिझक इसके पिछवाड़े घुस जायेगी
और मैंने और कम्मो ने जेठानी जी से वायदा किया उसके चिकने गाल पर पहले वो , आखिर बड़ी हैं उनका पहला हक़ है ,
बाकी देह हम और कम्मो बाँट लेंगी ,...
आँखों आँखों में मैंने और कम्मो ने तय कर लिया ,
हमारा भी देवर है , भले आज हम लोगों ने उस चिकने से होली खेल ली थी , लेकिन देवर भाभी की होली कोई एक दिन की होती है क्या ,
जहाँ देवर भाभी वहां होली ,
अगले दिन तो और जबरदंग ,
आखिर बड़की भौजी का हुकुम था ,
और उससे बढ़कर , उस चिकने ने , मेरे और कम्मो के सामने तीन तिरबाचा भरा था , जब बुलाऊंगी तब आने के लिए ,
पहले दिन तो डेढ़ दो घंटे की रगड़ाई में बच्चू बच गए थे , लेकिन आज तो पूरे तीन घंटे का शो था , उसके बाद खाना फिर सूखे रंग का नंबर , ..
लेकिन आज थोड़ी शराफत , ज्यादा नहीं , लेकिन थोड़ी ,
जेठानी से कुछ कम्मो भी झिझकती थी , थोड़ी मैं भी ,
इसलिए आज कपड़े फटे नहीं देवर जी के मतलब , ...
लेकिन ब्रा चाहे ननद की हो या देवर की वो होली में कहाँ बचती है ,
बनयायिन उस स्साले की दिखा के फाड़ी और छत पर फेंक दी , शर्ट भी उतरी , जीन्स की बेल्ट भी कम्मो ने खोल दी , और कम्मो करती भी क्या , बिना बेल्ट खोले ठीक से न मैं पिछवाड़ा रंग पा रही थी , न वो अगवाड़ा ,
पैंट हालंकि उतरी नहीं घुटने के नीचे तक सरका दी मैंने और कम्मो ने मिलकर
चड्ढी उतरी नहीं एकदम , लेकिन भौजाइयों को चड्ढी में हाथ डालने से कौन मना कर सकता है , ...
उफ़ मैं भी न कहीं से बात शुरू कर देती हूँ , फागुन की फगुनाहट ठीक है लेकिन
हर बार शुरू से हो तो ठीक न , तो चलिए जब बेचारा देवर खुद आया तीन तीन भौजाइयों से रगड़वाने ,
कल की तरह पहुँचते ही नहीं हम लोगों ने उसे धर दबोचा कल की तरह ,
कल तो घर में कोई नहीं था , मेरा और कम्मो का राज था ,
आज सासू जी ने पहुँचते ही मुझे हुकुम सूना दिया
" अरे पहले देवर को कुछ खिलाओ पिलाओ , तुम सब खाली बेचारे को पहुँचते ही तंग करने में जुट गयी , इसीलिए तो घबड़ा रहा था बेचारा ,... "
मान गयी मैं अपनी सास को , उनका इशारा मैं अच्छी तरह समझ गयी ,
बस स्टोर में जा के एक प्लेट गुझिया , दहीबड़ा , ... और ठंडाई ,
और गुझिया जो मैंने और कम्मो ने खासतौर से देवर नंदों के लिए बनायी थी
हर गुझिया में भांग की गोली , वो भी एक नहीं दो , ..और कम्मो थी तो गोली नहीं गोला ,...
वो लाख मुंह बनाता रहा , पर मैं थी न
" अरे कैसे देवर हो जरा सा भी भौजी की बात एकदम नहीं मानते हो , अच्छा देवर राजा बस ज़रा मुंह खाल दो , बस ये देख लूँ मेंरे देवर के दूध के दांत टूटे हैं की नहीं , ... "
और मैंने गाल दबा दिया , ... एकदम मालपूवा
जैसे ही मुंह खुला , ... मैंने एक बार में ही पूरा , पूरी की पूरी गुझिया उसके मुंह के अंदर , ...
वो बेचारा और मैं और ऊपर से , ...
देखो देवर राजा , हम लोग देवर , ननद में कोई भेद नहीं करते , .. दोनों का काम खोलने का है , और हमारा काम डालने का है। "
मैंने उसे छेड़ा ,
तीन तीन भाभियाँ उसे घेरे थीं ,
और कम्मो तो डबल मीनिंग वाले में यकीन नहीं करती थी , ... वो साफ़ साफ़ बोली
" और क्या इनकी बहन आगे वाले में घोंटती हैं , और ये चिकना पीछे वाले में घोंटता है ,... किसी को लम्बा छेद पसंद है तो किसी को गोल "
" तभी तो इनकी बहिनिया कुँवारी कोरी बची है , जो कोई उसके पीछे पड़ता है उसके आगे ये खुद अपना गोल छेद ,... "
मैं भी आज कल कम्मो की जोड़ी की हो रही थी , हम दोनों आखिर बनारस वाली , ...
पर जेठानी जी हम दोनों को जोर से डांटा , ...
" तुम सब न , बेचारे को ठीक से खाने भी नहीं देती क्यों देवर जी गुझिया अच्छी है न ,... "
और वो ख़तम भी न हुयी थी की , जेठानी जी दूसरी गुझिया लेकर हाथ में तैयार
और सच में बहुत सी बातें मैं उनसे अभी भी सीख सकती थी , क्या जबरदस्त इमोशनल ब्लैकमेल किया उन्होंने उस लौंडे को ,
और ऊपर से जबरदस्त एक्टिंग , ... टीवी सीरियल की ऐक्ट्रेस फेल , ... सीरियस होकर मुंह बना के बोली
" देवर जी , मैं सब समझती हूँ , .. नयकी को देख कर पुरनकी को भूल गए न , ... "
" नहीं नहीं , भाभी ऐसा कुछ नहीं , ... "
घबड़ा के वो बोला और मुश्किल से मैंने अपनी मुस्कान दबायी।
" तो कोमल के हाथ की गुझिया तो उसके हाथ से ले के खा गए और मैं दे रही हूँ , इतने प्यार से , तो अगर तुम मुझे अपनी भाभी मानते होंगे न तो मना नहीं करोगे , "
और जेठानी के हाथ से एक गुझिया देवर जी के मुंह में ,...
और उसके बाद तीसरी भौजी , कम्मो हाथ में गुझिया ले के तैयार , ....
और टिपिकल कम्मो स्टाइल ,
" हे गुड्डी के यार , सीधे से ऊपर वाले मुंह से खा लो , वरना यही पटक के तोहरी गांडियो में पेल के एक नहीं दस गुझिया ,... "
" और क्या जाएगा तो पेट में ही , इधर से नहीं तो उधर से ,... "
मैं बड़ी सीरियसली बोली
और कम्मो ने जबरदस्ती , ... तीसरी गुझिया उनके पेट में ,
मैं काउंट कर रही थी , दो गोलियां , हर गुझिया में तो ये छह गोली ,
कुछ देर में ही इस स्साले की सारी सरम झिझक इसके पिछवाड़े घुस जायेगी