22-12-2020, 11:22 AM
सुपर मार्केट पहुंचकर पहले एक केक ऑर्डर किया जिस पर हैप्पी बर्थ डे सुनिलं लिखने को दी और फिर पास में मॉल में जाकर उसी ब्रा पेंटी सेक्शन में पहुंची जहां पर संयोग से एक ही कस्टमर था और वो लड़का खाली था ।
मेने लड़के को दूसरे काउंटर पर बुलाया और उसको अपने ब्लाउज का बटन खोलकर चूची के ऊपरी हिस्से के दर्शन करवाये ।
लड़का ,--अरे आप तो वही है जिसने उस दिन डिल्डो खरीदा था ।
में ,--तुम्हारी याददाश्त कमजोर है उस दिन टॉयलेट में तुम्हारी मुठ मारी थी ।
लड़का ,--अरे भाभी उस दिन के बाद से रोज इंतजार रहता है आपका ।पर उस दिन तो आप बिलकुल अलग दिख रही थी ।
में ,--तो क्या हुआ, तुझे आज भी मुठ मरवानी है क्या ।
लड़का ,--भाभी आज तो आप उस दिन से बिलकुल मूड में लग रही है ।बोलिये आज क्या सेवा करूँ ।
में ,--मुझे फीमेल वियाग्रा टेबलेट चाहिए ।
लड़का ,--देता हूँ पर आज आप गलत समय पर आई हैं इस समय ग्राहक रहते हैं ।
में ,--ठीक है मुझे पांच देबलेट दे दो कभी दिन में आकर तुमको एन्जॉय करवा दूँगी ।
लड़का ,--पर ये बहुत महंगी है फॉरेन से आती है ।
में,--अरे तुमको में इसकी कीमत से ज्यादा मज़ा करवा दूँगी ।
इसके साथ ही मेने ब्लाउज को पूरा नीचे करके उसको अपनी निप्पल दिखाई तो लड़के ने सामने की तरफ देखा कि कोई देख तो नही रहा फिर चुपके से मुझे पांच टैबलेट पकड़ाई जिसे मेने अपने ब्लाउज में छुपाया और इधर उधर सेल्फ में रखे सामान को देखते हुए बाहर आ गयी ।
फिर सुपर मार्केट से केक लिया और मेडिकल स्टोर से नींद की टेबलेट लेकर जल्दी से फ्लेट पहुंची और फ्लेट का ताला खोलकर केक को फ्रिज में रखा और खाना बनाने में लग गयी ।
थॉडी देर में अमित आया तो दोनों ने एक साथ बेठकर खाना खाया और फिर अमित रूम में जाकर कंप्यूटर में वही कुकहोल्ड वाला स्टोरी पढ़ने बैठ गया और में किचन में बर्तन बगैरह धोकर दूध में टेबलेट मिलाकर लायी तो अमित पेंट को नीचे करके लण्ड को मुठिया रहा था मेने देखा तो उसको कहा ,--आज तो खुद ही चालू हो गए ऐसा क्या पढ़ रहे हो ।
अमित ,--यार गजब की कहानी है इसमें पति अपनी बीबी को डेट पर लेकर जाता है और फिर डेट पर लेजाकर खुद अपनी बीबी को उसके बॉयफ्रेंड से चुदने के लिए तैयार करता है ।
में ,--और तू कुक इसे पढ़कर अपना हिला रहा है ।
अमित ,--आह...मज़ा आ गया ।
इसके साथ ही अमित के लण्ड से वीर्य की धार निकली और वो ठंडा हो गया ।
मेने उसको दूध की ग्लास पकड़ाया और बोली ,--लो दूध पियो फिर वापस एनर्जी आएगी ।
अमित ने दूध का गिलास लिया तो मेंने बाहर आकर सीमा के फ्लैट की चाबी ली और नीचे आकर उसका फ्लेट खोला फिर सीमा का बेड पर नई बेडशीट बिछा कर फ्लेट का गेट खुला छोड़कर वापस ऊपर आयी तो देखा अमित सो चुका था ।
मेने घड़ी देखी तो साढ़े दस बज चुके थे इसलिए जल्दी से कपड़े खोले और नंगी होकर नहाने चली गयी ।
बाथरूम में अच्छे से स्नान किया अपने सारे अंगो को अच्छे से साफ किया और बाहर आकर एक सेक्सी सा ब्रा पेंटी पहना और साड़ी पहनकर खुद को तैयार किया और फिर चौड़ी सी मांग भरी ताकि ससुर जी को लगे कि में उनकी संस्कारी बहू हूँ मुझे तैयार होने में आधा घंटा लग चुका था ।
तभी मेरा फोन बजा तो देखा सरजू देवी थी उसने बताया कि वो नीचे आ चुकि है मेने उनको फोन से पूरे फ्लेट में कहा क्या है वो बताया औऱ एक बार फिर से ना आने की नोटँकी की जिसपर सरजू ने फिर ऊंच नीच समझा कर मुझे समझाया तो मेने दस मिनट बाद आने का बोलकर फोन रख दिया ।
फिर दस मिनट बाद फ्रिज से केक निकाला और फ्लेट को लॉक करके नीचे आयी और सीमा के फ्लैट का गेट खोलकर अंदर आयी तो सरजू देवी हाल में बैठी मेरा इंतजार कर रही थी ।मेने केक टेबल पर रखा औऱ सरजू देवी के पैरों में झुककर प्रणाम किया ।
सरजू देवी ने पहले पुत्रवति होने का आशीर्वाद दिया और मेरे ललाट पर किश करके अपने पास सोफ़े पर बिठा लिया।
मैं ,--मम्मी मुझे अभी भी ये सब अच्छा नही लग रहा ।
सरजू ,--एक बार तुझे सुनिलं ने मसल दिया ना तो फिर देखना तू तो खुद मुझे कहेगी ।
में ,-अभी दिन में आप को देखा था कितना चिल्ला रही थी मुझे तो डर लग रहा है ।
सरजू ,--पागल वो ही मज़ा था जब मर्द रगड़ कर चीखें निकलवा दे उसी में औरत को चुदाई का असली मज़ा आता है ,आज दिन में बहुत दिनों के बाद ऐसा मज़ा मिला है वो भी तेरी वजह से ।
में ,--मेरी वजह से कैसे ।
सरजू ,--सुनिलं चोद मुझे रहा था पर उसकी कल्पना में तुम थी इसलिए वो तुमको सोचकर मेरी मार रहा था ।
मैं ,--पर आपको दर्द नही हुआ उसके बाद ।
सरजू ,--नही रे बस हल्का दर्द है जो सुबह तक ठीक हो जाएगा ।
में ,--रुकिए में आपको टेबलेट देती हूँ किचन में रखती है सीमा ।
फिर में किचन में गयी और ब्लाउज में रखी एक फीमेल वियाग्रा खुद खाई और दुसरीं का रैपर डस्टबिन में डालकर पानी का गिलास लेकर सरजु के पास आई और उसके मुंह मे टेबलेट रखकर पानी पिला दिया ।
सरजू ,--बहु तुझे एक बोलू क्या अगर तू माने तो ।
में ,--आप मेरी सासु मां है फिर मम्मी भी तो आपकी बात क्यों नही मानूँगी।
सरजू ,--फिलहाल तो तू मुझे सहेली या दीदी समझ कर ही बात मान ले ।
मैं ,--पर आप बोलेंगी तब ना ।
सरजू ,--आज दिन में मुझे बहुत अच्छा लगा था जब तुमने मुझे सुनिलं के कहने पर गन्दी गालियों दी थी ।
में ,--पर मेने तो सोचा था आप नाराज हो जाएगी ।
सरजू ,--मुझे चुदवाते समय गाली सुनकर मज़ा आता है और गाली देने में भी ।
में ,--पर आप ने दी तो नही ।
सरजू ,--मुझे डर था तुम पढ़ी लिखी हो कहीं नाराज नही हो जाओ पर में अब चाहती हूं कि जैसे तुमने मुझे गाली दी थी वैसे ही में भी तुमको चुदबाटे समय गन्दी गाली दूं।
में ,--पर दीदी आप को पता है उन गलियों का मतलब क्या होता है।
सरजू,--रेखा तू आज रात मुझे सरजू बोल कर ही बुला और सब गालियों का मतलब मुझे पता है पर चुदने के समय सब अच्छा लगता है ।
मैं ,--पर आप मुझे रण्डी बोलेगी तो आपको क्या अच्छा लगेगा ।
सरजू ,--यही की मेरी बहु भी मेरे जैसी रण्डी बन गयी जो मेरी तरह अपने पति से संतुष्ट नही है ओर अपनी प्यास बुझाने के लिए किसी पराए मर्द का बिस्तर गर्म कर रही है और जो औरत अपने मर्द के अलावा किसी और से चुत मरवाये वो रण्डी से कम नही होती ।
मैं ,--और बाकी गाली ।
सरजू ,--अब मान भी जा ना ।
में ,--ठीक है रजु , तू भी क्या याद करेगी ।
सरजू मुझे गले लगाकर ,--तूने इतनी चौड़ी मांग क्यों भरी है आज ।
मैं ,--ताकि तेरे यार को लगे कि वो अपनी ब्याहता बहु के साथ हमबिस्तर हो रहा है ।
सरजू ,--तुझे भी इन चीजों का बहुत ध्यान रहता है अब तुझे इसका दूसरा मतलब बताती हूँ कुछ जगह चुत को मांग भी बोलते हैं और तेरी ऊपर की चौड़ी मांग का मतलब है कि ऊपर की तरह नीचे की मांग भी चौड़ी कर दो ।
में ,--अब आप ने ठान ली है चौड़ी करवाने की तो में क्या कर सकती हूँ।
सरजू ,---तो फिर तू तैयार है मेरे कहे अनुसार करने को।
में सरजू के कान में ,--हां सरजू मेरी रण्डी सासु तेरी बहु भी आज से तेरे जैसे बेशरम और बाज़ारू औरत बन कर तेरी तरह जियेगी ।
सरजू ,--तो फिर चलें तेरे आशिक के पास।
में ,--नही बारह बजने वाले है पहले तेरे यार का बर्थडे मनाते है उसके लिए केक लायी हूँ वो कटवा लेते हैं यही हॉल में ।
सरजू ,--आज से सुनिलं तेरा भी यार है और तू उसको जब तक हम तीनों के अलावा कोई पास ना हो सुनिलं ही बुलाना।
मेने डिब्बे में से केक बाहर निकाला और उसे टेबल पर रख दिया ।सरजू केक देखकर बहुत खुश हुई और सुनिलं अंकल को आवाज लगाई ।
अंदर से सुनिलं बाहर आया उसने पेंट शर्त पहन रखी थी और बहुत ही हैंडसम लग रहे थे ।में आगे बढ़कर उनके पैरों में झुकी तो सरजू भी मेरे साथ सुनिलं अंकल के पैरों में झुक गयी ।
सुनिलं अंकल ने दोनों के सर पर हाथ रखा और बोले ,--खुश रहो मेरी राण्डों ।
औऱ दोनों को अपनी दोनों बाजुओं मेभरकर बारी बारी से गाल पर किश किया ।
में ,--अंकल केक काटिये ।
सरजू ,--रेखा आज रात ये भड़वा तेरा अंकल नही तेरा ग्राहक है और ग्राहक को उसके नामसे बुलाते है क्यों बे भोसडी वाले ।
सुनिलं ,--रेखा तुम जैसा रजु बोलती है वही करो मुझे अच्छा लगेगा ।
में मनमे सोचने लगी कि अपने बाप से भी बड़ी उम्र के आदमी को उसके नाम से कैसे बुलाऊँ पर फिर सोचा इन दोनों को जवान बने रहना है शायद, पर मुझे क्या ।
मैं ,--सु...नील चल बारह बज गए अब केक काटकर हमारा मुँह मिठा करवा दे ।
सुनिलं टेबल के पास चलकर आया और चाकू ढूंढने लगा ।
सुनिलं ,--चाकू कहा है चाकू तो लाओ ।
में ,--चाकू तेरी पेंट में है सुनिलं पेंट खोलकर निकाल लो।
सरजू ने जब ये सुना तो वो समझ गयी में कोन से चाकू की बात कर रही हूं इसलिए वो सुनिल के सामने गयी और उसकी पेंट की बेल्ट खोलकर उसके पेंट को नीचे सरका दिया औऱ फिर उसकी लंगोट को भी खोल कर पैरों में से निकाल दिया ।
अंकल का लण्ड पूरा अकड़ा हुआ था और टेबल से थोड़ा नीचे था तो मेने पास में पड़ा लकड़ी का पीढ़ा रख दिया जिस पर अंकल खड़े होगये और मेने केक को टेबल के बीच से अंकल के लण्ड के नीचे कर दिया ।जिससे केक के ठीक नीचे केक था ।
रजु ,--सुनिलं अब अपने इस बड़े चाकू से काट दो ।
अंकल ने अपना लण्ड हाथ से पकड़कर नीचे किया तो हम दोनों ने हैप्पी बर्थ डे सुनिलं बोला और अंकल ने अपना लण्ड केक में घुसा कर निकाल लिया उनके लण्ड पर पूरा केक लग चुका था जिसे वो घूमकर सरजू की तरफ हो गए ।
सरजू ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे भी अपने साथ झुका लिया और लण्ड से केक चाटने का इशारा किया ।
दोनों सास बहू ने एक साथ जीभ निकाली और सुनिलं अंकल के लण्ड पर लगे केक को दोनों तरफ से चाटने लगी ।दोनों ने पूरा केक चाट लिया तो सुनिलं अंकल ने एक बार फिर से लण्ड को केक मे घुसाया और दोनों को केक खिलाया। दोनों ने पूरा लण्ड चाट चाट कर साफकर दिया जिसमे सुनिलं अंकल का प्रीकम भी मिक्स हो गया और सुनिलं अंकल के लण्ड को लोहे की तरह शख्त बना दिया।
सुनिलं ,--अब मुझे भी केक खाना है ।
मैं ,--अरे राजा तुझे भी खिलाएंगे पर हाथ से नही दूध मिक्स करके और तुमको भी सीधे मुंह से खाना पड़ेगा क्यों रजु रानी ।पहले आप खिलाओ फिर में क्यों ।
इसके साथ ही मेने सरजू की साड़ी पिन खोली और उसके ब्लाउज को निकालकर फेंक दिया और ब्रा को खोलकर टॉपलेस कर दिया और सरजू के बूब्स को केक पर झुका कर उसके बूब्स को केक लगा दिया ।
में ,--सुनिलं तेरी रानी आज तुझे बर्थडे पर अपने बूब्स से केक खिलाएगी ले राजा खा लो ।
सुनिलं सरजू के बूब्स पर झुक गया और अपनी जीभ से दोनों चूची को चाटने लगा ।
सरजू लंबी सिसकियां लेते हुए एक हाथ चुत मसलते हुए ,--आह ....खा ले राजा मेरी पढ़ी लिखी बहु ने क्या गजब का बर्थडे मनाया है तेरा राजा मज़ा आ गया ।
सुनिलं अंकल ने ये सुनते ही मेरे हाथों को चूम कर ,--आखिर बहु किसकी है जैसी सास वैसी बहु ।
सुनिलं ने पूरा केक चाट लिया तो सरजू बोली ,--रेखा तू भी अपने यार को केक खिला दे ।
में ,--क्यों नही आखिर अंकल का बर्थडे स्पेशल जो बनाना है ।
और फिर मेने अपनी साड़ी और ब्लाउज ब्रा को खोलकर अपनी पूरी छाती को केक पर रखकर केक लगाया और सुनिलं अंकल के सामने खड़ी हो गयी ।सुनिलं अंकल ने बड़े ही सेंसिटिव तरीके से केक को चाटना शुरू कर दिया जिससे मेरी सिसकी रोकना मुश्किल हो गया।
जारी रहेगी..............
मेने लड़के को दूसरे काउंटर पर बुलाया और उसको अपने ब्लाउज का बटन खोलकर चूची के ऊपरी हिस्से के दर्शन करवाये ।
लड़का ,--अरे आप तो वही है जिसने उस दिन डिल्डो खरीदा था ।
में ,--तुम्हारी याददाश्त कमजोर है उस दिन टॉयलेट में तुम्हारी मुठ मारी थी ।
लड़का ,--अरे भाभी उस दिन के बाद से रोज इंतजार रहता है आपका ।पर उस दिन तो आप बिलकुल अलग दिख रही थी ।
में ,--तो क्या हुआ, तुझे आज भी मुठ मरवानी है क्या ।
लड़का ,--भाभी आज तो आप उस दिन से बिलकुल मूड में लग रही है ।बोलिये आज क्या सेवा करूँ ।
में ,--मुझे फीमेल वियाग्रा टेबलेट चाहिए ।
लड़का ,--देता हूँ पर आज आप गलत समय पर आई हैं इस समय ग्राहक रहते हैं ।
में ,--ठीक है मुझे पांच देबलेट दे दो कभी दिन में आकर तुमको एन्जॉय करवा दूँगी ।
लड़का ,--पर ये बहुत महंगी है फॉरेन से आती है ।
में,--अरे तुमको में इसकी कीमत से ज्यादा मज़ा करवा दूँगी ।
इसके साथ ही मेने ब्लाउज को पूरा नीचे करके उसको अपनी निप्पल दिखाई तो लड़के ने सामने की तरफ देखा कि कोई देख तो नही रहा फिर चुपके से मुझे पांच टैबलेट पकड़ाई जिसे मेने अपने ब्लाउज में छुपाया और इधर उधर सेल्फ में रखे सामान को देखते हुए बाहर आ गयी ।
फिर सुपर मार्केट से केक लिया और मेडिकल स्टोर से नींद की टेबलेट लेकर जल्दी से फ्लेट पहुंची और फ्लेट का ताला खोलकर केक को फ्रिज में रखा और खाना बनाने में लग गयी ।
थॉडी देर में अमित आया तो दोनों ने एक साथ बेठकर खाना खाया और फिर अमित रूम में जाकर कंप्यूटर में वही कुकहोल्ड वाला स्टोरी पढ़ने बैठ गया और में किचन में बर्तन बगैरह धोकर दूध में टेबलेट मिलाकर लायी तो अमित पेंट को नीचे करके लण्ड को मुठिया रहा था मेने देखा तो उसको कहा ,--आज तो खुद ही चालू हो गए ऐसा क्या पढ़ रहे हो ।
अमित ,--यार गजब की कहानी है इसमें पति अपनी बीबी को डेट पर लेकर जाता है और फिर डेट पर लेजाकर खुद अपनी बीबी को उसके बॉयफ्रेंड से चुदने के लिए तैयार करता है ।
में ,--और तू कुक इसे पढ़कर अपना हिला रहा है ।
अमित ,--आह...मज़ा आ गया ।
इसके साथ ही अमित के लण्ड से वीर्य की धार निकली और वो ठंडा हो गया ।
मेने उसको दूध की ग्लास पकड़ाया और बोली ,--लो दूध पियो फिर वापस एनर्जी आएगी ।
अमित ने दूध का गिलास लिया तो मेंने बाहर आकर सीमा के फ्लैट की चाबी ली और नीचे आकर उसका फ्लेट खोला फिर सीमा का बेड पर नई बेडशीट बिछा कर फ्लेट का गेट खुला छोड़कर वापस ऊपर आयी तो देखा अमित सो चुका था ।
मेने घड़ी देखी तो साढ़े दस बज चुके थे इसलिए जल्दी से कपड़े खोले और नंगी होकर नहाने चली गयी ।
बाथरूम में अच्छे से स्नान किया अपने सारे अंगो को अच्छे से साफ किया और बाहर आकर एक सेक्सी सा ब्रा पेंटी पहना और साड़ी पहनकर खुद को तैयार किया और फिर चौड़ी सी मांग भरी ताकि ससुर जी को लगे कि में उनकी संस्कारी बहू हूँ मुझे तैयार होने में आधा घंटा लग चुका था ।
तभी मेरा फोन बजा तो देखा सरजू देवी थी उसने बताया कि वो नीचे आ चुकि है मेने उनको फोन से पूरे फ्लेट में कहा क्या है वो बताया औऱ एक बार फिर से ना आने की नोटँकी की जिसपर सरजू ने फिर ऊंच नीच समझा कर मुझे समझाया तो मेने दस मिनट बाद आने का बोलकर फोन रख दिया ।
फिर दस मिनट बाद फ्रिज से केक निकाला और फ्लेट को लॉक करके नीचे आयी और सीमा के फ्लैट का गेट खोलकर अंदर आयी तो सरजू देवी हाल में बैठी मेरा इंतजार कर रही थी ।मेने केक टेबल पर रखा औऱ सरजू देवी के पैरों में झुककर प्रणाम किया ।
सरजू देवी ने पहले पुत्रवति होने का आशीर्वाद दिया और मेरे ललाट पर किश करके अपने पास सोफ़े पर बिठा लिया।
मैं ,--मम्मी मुझे अभी भी ये सब अच्छा नही लग रहा ।
सरजू ,--एक बार तुझे सुनिलं ने मसल दिया ना तो फिर देखना तू तो खुद मुझे कहेगी ।
में ,-अभी दिन में आप को देखा था कितना चिल्ला रही थी मुझे तो डर लग रहा है ।
सरजू ,--पागल वो ही मज़ा था जब मर्द रगड़ कर चीखें निकलवा दे उसी में औरत को चुदाई का असली मज़ा आता है ,आज दिन में बहुत दिनों के बाद ऐसा मज़ा मिला है वो भी तेरी वजह से ।
में ,--मेरी वजह से कैसे ।
सरजू ,--सुनिलं चोद मुझे रहा था पर उसकी कल्पना में तुम थी इसलिए वो तुमको सोचकर मेरी मार रहा था ।
मैं ,--पर आपको दर्द नही हुआ उसके बाद ।
सरजू ,--नही रे बस हल्का दर्द है जो सुबह तक ठीक हो जाएगा ।
में ,--रुकिए में आपको टेबलेट देती हूँ किचन में रखती है सीमा ।
फिर में किचन में गयी और ब्लाउज में रखी एक फीमेल वियाग्रा खुद खाई और दुसरीं का रैपर डस्टबिन में डालकर पानी का गिलास लेकर सरजु के पास आई और उसके मुंह मे टेबलेट रखकर पानी पिला दिया ।
सरजू ,--बहु तुझे एक बोलू क्या अगर तू माने तो ।
में ,--आप मेरी सासु मां है फिर मम्मी भी तो आपकी बात क्यों नही मानूँगी।
सरजू ,--फिलहाल तो तू मुझे सहेली या दीदी समझ कर ही बात मान ले ।
मैं ,--पर आप बोलेंगी तब ना ।
सरजू ,--आज दिन में मुझे बहुत अच्छा लगा था जब तुमने मुझे सुनिलं के कहने पर गन्दी गालियों दी थी ।
में ,--पर मेने तो सोचा था आप नाराज हो जाएगी ।
सरजू ,--मुझे चुदवाते समय गाली सुनकर मज़ा आता है और गाली देने में भी ।
में ,--पर आप ने दी तो नही ।
सरजू ,--मुझे डर था तुम पढ़ी लिखी हो कहीं नाराज नही हो जाओ पर में अब चाहती हूं कि जैसे तुमने मुझे गाली दी थी वैसे ही में भी तुमको चुदबाटे समय गन्दी गाली दूं।
में ,--पर दीदी आप को पता है उन गलियों का मतलब क्या होता है।
सरजू,--रेखा तू आज रात मुझे सरजू बोल कर ही बुला और सब गालियों का मतलब मुझे पता है पर चुदने के समय सब अच्छा लगता है ।
मैं ,--पर आप मुझे रण्डी बोलेगी तो आपको क्या अच्छा लगेगा ।
सरजू ,--यही की मेरी बहु भी मेरे जैसी रण्डी बन गयी जो मेरी तरह अपने पति से संतुष्ट नही है ओर अपनी प्यास बुझाने के लिए किसी पराए मर्द का बिस्तर गर्म कर रही है और जो औरत अपने मर्द के अलावा किसी और से चुत मरवाये वो रण्डी से कम नही होती ।
मैं ,--और बाकी गाली ।
सरजू ,--अब मान भी जा ना ।
में ,--ठीक है रजु , तू भी क्या याद करेगी ।
सरजू मुझे गले लगाकर ,--तूने इतनी चौड़ी मांग क्यों भरी है आज ।
मैं ,--ताकि तेरे यार को लगे कि वो अपनी ब्याहता बहु के साथ हमबिस्तर हो रहा है ।
सरजू ,--तुझे भी इन चीजों का बहुत ध्यान रहता है अब तुझे इसका दूसरा मतलब बताती हूँ कुछ जगह चुत को मांग भी बोलते हैं और तेरी ऊपर की चौड़ी मांग का मतलब है कि ऊपर की तरह नीचे की मांग भी चौड़ी कर दो ।
में ,--अब आप ने ठान ली है चौड़ी करवाने की तो में क्या कर सकती हूँ।
सरजू ,---तो फिर तू तैयार है मेरे कहे अनुसार करने को।
में सरजू के कान में ,--हां सरजू मेरी रण्डी सासु तेरी बहु भी आज से तेरे जैसे बेशरम और बाज़ारू औरत बन कर तेरी तरह जियेगी ।
सरजू ,--तो फिर चलें तेरे आशिक के पास।
में ,--नही बारह बजने वाले है पहले तेरे यार का बर्थडे मनाते है उसके लिए केक लायी हूँ वो कटवा लेते हैं यही हॉल में ।
सरजू ,--आज से सुनिलं तेरा भी यार है और तू उसको जब तक हम तीनों के अलावा कोई पास ना हो सुनिलं ही बुलाना।
मेने डिब्बे में से केक बाहर निकाला और उसे टेबल पर रख दिया ।सरजू केक देखकर बहुत खुश हुई और सुनिलं अंकल को आवाज लगाई ।
अंदर से सुनिलं बाहर आया उसने पेंट शर्त पहन रखी थी और बहुत ही हैंडसम लग रहे थे ।में आगे बढ़कर उनके पैरों में झुकी तो सरजू भी मेरे साथ सुनिलं अंकल के पैरों में झुक गयी ।
सुनिलं अंकल ने दोनों के सर पर हाथ रखा और बोले ,--खुश रहो मेरी राण्डों ।
औऱ दोनों को अपनी दोनों बाजुओं मेभरकर बारी बारी से गाल पर किश किया ।
में ,--अंकल केक काटिये ।
सरजू ,--रेखा आज रात ये भड़वा तेरा अंकल नही तेरा ग्राहक है और ग्राहक को उसके नामसे बुलाते है क्यों बे भोसडी वाले ।
सुनिलं ,--रेखा तुम जैसा रजु बोलती है वही करो मुझे अच्छा लगेगा ।
में मनमे सोचने लगी कि अपने बाप से भी बड़ी उम्र के आदमी को उसके नाम से कैसे बुलाऊँ पर फिर सोचा इन दोनों को जवान बने रहना है शायद, पर मुझे क्या ।
मैं ,--सु...नील चल बारह बज गए अब केक काटकर हमारा मुँह मिठा करवा दे ।
सुनिलं टेबल के पास चलकर आया और चाकू ढूंढने लगा ।
सुनिलं ,--चाकू कहा है चाकू तो लाओ ।
में ,--चाकू तेरी पेंट में है सुनिलं पेंट खोलकर निकाल लो।
सरजू ने जब ये सुना तो वो समझ गयी में कोन से चाकू की बात कर रही हूं इसलिए वो सुनिल के सामने गयी और उसकी पेंट की बेल्ट खोलकर उसके पेंट को नीचे सरका दिया औऱ फिर उसकी लंगोट को भी खोल कर पैरों में से निकाल दिया ।
अंकल का लण्ड पूरा अकड़ा हुआ था और टेबल से थोड़ा नीचे था तो मेने पास में पड़ा लकड़ी का पीढ़ा रख दिया जिस पर अंकल खड़े होगये और मेने केक को टेबल के बीच से अंकल के लण्ड के नीचे कर दिया ।जिससे केक के ठीक नीचे केक था ।
रजु ,--सुनिलं अब अपने इस बड़े चाकू से काट दो ।
अंकल ने अपना लण्ड हाथ से पकड़कर नीचे किया तो हम दोनों ने हैप्पी बर्थ डे सुनिलं बोला और अंकल ने अपना लण्ड केक में घुसा कर निकाल लिया उनके लण्ड पर पूरा केक लग चुका था जिसे वो घूमकर सरजू की तरफ हो गए ।
सरजू ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे भी अपने साथ झुका लिया और लण्ड से केक चाटने का इशारा किया ।
दोनों सास बहू ने एक साथ जीभ निकाली और सुनिलं अंकल के लण्ड पर लगे केक को दोनों तरफ से चाटने लगी ।दोनों ने पूरा केक चाट लिया तो सुनिलं अंकल ने एक बार फिर से लण्ड को केक मे घुसाया और दोनों को केक खिलाया। दोनों ने पूरा लण्ड चाट चाट कर साफकर दिया जिसमे सुनिलं अंकल का प्रीकम भी मिक्स हो गया और सुनिलं अंकल के लण्ड को लोहे की तरह शख्त बना दिया।
सुनिलं ,--अब मुझे भी केक खाना है ।
मैं ,--अरे राजा तुझे भी खिलाएंगे पर हाथ से नही दूध मिक्स करके और तुमको भी सीधे मुंह से खाना पड़ेगा क्यों रजु रानी ।पहले आप खिलाओ फिर में क्यों ।
इसके साथ ही मेने सरजू की साड़ी पिन खोली और उसके ब्लाउज को निकालकर फेंक दिया और ब्रा को खोलकर टॉपलेस कर दिया और सरजू के बूब्स को केक पर झुका कर उसके बूब्स को केक लगा दिया ।
में ,--सुनिलं तेरी रानी आज तुझे बर्थडे पर अपने बूब्स से केक खिलाएगी ले राजा खा लो ।
सुनिलं सरजू के बूब्स पर झुक गया और अपनी जीभ से दोनों चूची को चाटने लगा ।
सरजू लंबी सिसकियां लेते हुए एक हाथ चुत मसलते हुए ,--आह ....खा ले राजा मेरी पढ़ी लिखी बहु ने क्या गजब का बर्थडे मनाया है तेरा राजा मज़ा आ गया ।
सुनिलं अंकल ने ये सुनते ही मेरे हाथों को चूम कर ,--आखिर बहु किसकी है जैसी सास वैसी बहु ।
सुनिलं ने पूरा केक चाट लिया तो सरजू बोली ,--रेखा तू भी अपने यार को केक खिला दे ।
में ,--क्यों नही आखिर अंकल का बर्थडे स्पेशल जो बनाना है ।
और फिर मेने अपनी साड़ी और ब्लाउज ब्रा को खोलकर अपनी पूरी छाती को केक पर रखकर केक लगाया और सुनिलं अंकल के सामने खड़ी हो गयी ।सुनिलं अंकल ने बड़े ही सेंसिटिव तरीके से केक को चाटना शुरू कर दिया जिससे मेरी सिसकी रोकना मुश्किल हो गया।
जारी रहेगी..............