18-12-2020, 08:04 PM
सरजू ने सुनील के हाथ से पेंटी लेकर उसे चुत पर लगने वाले हिस्से को फैलाकर सुनील को दिखाया और बोली ,--देखो पूरी भीगी हुई है ये रस से जो इस बात का सबूत है कि बहु पूरी चुदास है और ये हम तीनों का राज किसी को नही बताएगी ।
फिर उसने पेंटी पर लगे चुत रस को सूंघकर सुनील अंकल दे दी तो सुनील अंकल मेरी तरफ देखकर मेरी पेंटी पर लगे चुत रस को चाटने लगे ।
में शरम से अपना चेहरा सरजू की चुचियों में छुपा ली तो सरजू बोली ।
सरजू --क्यों राजा कैसा टेस्ट है मेरी बहु का ।
मेने सरजू को कान में धीरे से कहा मम्मी प्लीज ऐसी बातें मत करो मुझे बहुत शरम आ रही है ।
सरजू ,--चल तेरी शरम को दूर भगाती हूँ मेरी लाडो की, पर तु शरमाने का ढोंग बन्द कर दे क्योंकि तेरी चुत तेरे खिलाफ जा रही है ।
सुनील जरा मेरी भी चुत को चाट लो जिससे अमित निकला है जिससे बहु को समझ आ जाये कि अमित आज बहु का पति है तो इसी चुत की वजह से पैदा हुआ है ।
सुनील ने इतना सुनते ही मुझे हाथ से अलग किया और सरजू की चुत पर जीभ रखकर चाटने लगा ।
सरजू ,--ओह्ह ........अमित के पापा पी लो उसकी मम्मी की चुत का पानी आह.........….
में चुपचाप सुनील अंकल को सरजू के विशाल भोसड़े को चाटते देखने लगी ।लगभग पांच मिनट बाद सरजू बोली ,--बस करो रेखा के पापा में झड़ जाऊंगी ।पहले रेखा को अपनी प्रेम कहानी सुना लेने दो ।
सुनील अंकल सरजू की चुत से जीभ निकाल कर उसका स्वाद लेने लगा और बोला ।
सुनील ,--रजु मुझे तो तुम्हारी चुत और रेखा बहु की चुत का स्वाद अलग लगा ।
सरजू ,--वो तो होगा ही मेने भी जितने लण्ड का पानी पिया है सबका टेस्ट अलग ही लगा था ।
सुनील ,--बहु तुझे पता है रजु और में कॉलेज टाइम से एक दूसरे को पसन्द करते है ।
सरजू ,--क्या राजा बहु को खुलकर बताने दो ,रेखा बेटी सुनील और में शादी से पहले एक ही कॉलेज में पढ़ते थे जहां सुनील ने मुझे सत्तरवें साल में औरत बना दिया था वो भी कॉलेज में और तेरे ससुर जी की मदद से ।
में हैरानी से सरजू का मुंह देखने लगी तो सरजू फिर से बोली ,--सुनील तेरे ससुर का जिगरी यार था और उसकी गाँड मारता था। में तेरे ससुर और सुनिलं दोनों को पसंद करती थी और दोनो में से ही किसी एक से शादी करना चाहती थी पर तेरे ससुर ने मुझे प्रपोज किया और फिर वही मुझे धोखे से बुलाकर लाया और कॉलेज के पीछे सुनील को सौंप दिया जहां सुनील ने मेरी नथ उतारी थी वो भी तेरे ससुर के सामने।
में साड़ी के ऊपर से अपनी चुत को धीरे से मसलते हुए ,--रियली ।
सरजू ,--हां ,बहु तेरे ससुर ने कॉलेज में बहुत बार सुनील को मुझे अपने सामने चोदते देखा है ।और वो भी मेरी चुत लेता था ।
में ,--पर ससुर जी ने फिर आपसे शादी भी कर ली ।
सरजू ,--ये तो कुछ भी नही तेरे ससुर ने शादी के बाद सुनील के कहने पर एक बार पूना भी ले जाकर चुद वाया था।
मैं ,--फिर भी आपने ससुर जी से शादी कर ली ।
सरजू ,--में तो शादी सुनील से करना चाहती थी।क्योंकि मुझे इसका लोडा पसंद था। पर जात पात के चक्कर मे सुनील से शादी नही हो पाई इसलिये सुनील के कहने पर तेरे ससुर जी से शादी करनी पड़ी ।
सुनील अंकल ने सरजू को चूमते हुए ,--अरे तेरा ससुर सिर्फ नाम का पति है अमित और रीता मेरे ही लण्ड से पैदा किये हुए बच्चे है ।
में ,--फिर आपने मम्मी को दूसरों के पास क्यों भेजा ।
सुनील ,--गांव में राजनीति करने के लिए समझौते करने पड़ते है और फिर रजु है तो मेरी रखेल ही इसको भी नए स्वाद अच्छे लगते हैं ।
सरजू ,--अब तुमको समझ मे आ गया या कुछ और बोलना है ।
में ,--समझ गयी ।
सरजू ,--अब तो शरम नही आ रही अपनी सास के बारे में सबकुछ जानने के बाद ।
सुनील ,--अब क्या बाकी रह गया ये पढ़ी लिखी है बस बहु तू समझ ले तेरी सास एक रण्डी है और अमित रण्डी का बेटा इसलिए इतना समझ ले अमित के भरोसे अपनी जवानी के अरमान दबाके मत रखना और रजु की तरह खुल कर मज़े कर ।
में ,--पर मुझसे आप लोगों की तरह ये सब नही हो पायेगा ।
सुनील ,--अरे उसके लिए हम हैं ना चल रजु रेखा बहु की आंखों में देख और बहु तू रजु की ठुडी को पकडकर इसकी आंखों में देख ।
मेने सरजू की ठुडी को पकड़कर उसकी आँखों मे देखने लगी तो सुनील बोला ।
सुनील ,--अब बहु तू इसको बोल रजु रण्डी ।
में चुपचाप सरजू की आंखों में देखती रही तो सरजू बोली ,--बहु तेरे ससुर जी कुछ बोलने को कहे हैं बोल ना प्लीज ।
में ,--र...जु ....र.....न.....डी ।
सरजू ने इतना सुनते ही अपनी चुत का मसलते हुए सुनील से कहा ।
सरजू ,--अमित के पापा अब तो बहु ने भी मुझे रण्डी बोल दिया अब इस रण्डी की चुत को ठंडा कर दी ना।
सुनील ,--पर मेरी बहु बोलेगी तब ।
सरजू ,--भड़वे तुझे अब बहु की चुत प्यारी लगने लगी और में कुछ नही ।
सुनील चाचा ने अचानक अपत्यशित हरकत की और मेरी क्लीवेज पर किश करके कहा ,--जब बहु जैसी हसीन लौंडिया सामने हो तो फिर तेरी घिसी घिसाई चुत को क्यों चोदू।
सरजू ,--बहु प्लीज् आज मेरी सालगिरह पर जो तेरे ससुर चाहते हैं वो बोल दे मेरी चुत पिछले दो घंटे से जल रही है प्लीज ।
में ,--प्लीज ससुर जी मेरी सासु मां को और मत तड़पाइये ।
सुनील ,--नही बहु इस कुतिया को इतनी इज्जत से नही गाली देकर बोल तभी चोदूंगा ।
में कुछ क्षण चुप रही तो सरजु बोली ,--बहु बोल दे मुझे गाली से कोई फर्क नही पड़ता ।
सुनील ,--बहु इसको रण्डी को ऐसी गाली दे कि ये भी याद रखे ।
में भी अब पूरे मूड में थी इसलिए सुनील चाचा के होठो को चूमकर बोली ,--ससुर जी इस हरामजादी कुतिया को आज इतना रगड़कर चोदिए कि ये एकबार फिर से एक नाजायज बच्चा पैदा करे ।
सुनील ,--वाह बहु मज़ा आ गया में अब देख इस बेशर्म औरत को कैसे तेरे सामने कुतिया बनाकर गाँड फाड़ता हूँ ।तू जल्दी से मुझे नंगा कर के मेरा फौलादी लण्ड आज़ाद कर दे बहु ।
मेने आगे बढ़कर सुनील चाचा का कुर्ता और पजामा निकाल दिया फिर बनियान निकालकर जैसे ही चड्डी उतारी तो उनका लण्ड स्प्रिंग की तरह झटके के साथ खड़ा हो गया ।
सुनील चाचा ने सरजू को सुलाया और एक करारा शॉट सरजू की चुत में मारा जिससे सरजू की चीख निकल गयी और वो दर्द भरे स्वर में बोली ,--अमित के पापा प्लीज धीरे करो दर्द हो रहा है ।
सुनील ,--बहु तू इस हरामजादी की चुचियाँ मसल ये साली बरसों से इस लण्ड से चुद रही है फिर भी नाटक कर रही है ।
मेने सरजू की चुचियों को हाथ मे पकड़कर मसलना चालू किया और सुनिलं अंकल को बोली ,--पापा जी चोदे कस कर इस घोडी को आज सालगिरह पर इसको दिन में तारे नज़र आने चाहिए ।
सुनिलं अंकल अपनी स्पीड बढ़ाते हुए ,--अहह ....बहु इस छिनाल ने पता नही कितने लण्ड खाएं है देख इसकी चुत पूरी भोसड़ा हो चुकी है ।
सरजू सिसकते हुए ,--आह ...बहनचोद तूने ही इस चुत का भोसड़ा करवाया है अपने यारों और नेताओं से चुदवा चुदवा कर साले हरामी ।
सुनिलं ,--ओह्ह......साली तेरी भोसडी में इतनी गर्मी है उसको शांत करवाना था इसलिए मेने तुझे नेताओ के साथ भेजा था मुझे तेरी सौतन को भी चोद कर शांत करना पड़ता है .
सरजू ,--अहह...साले दलाल धीरे मार धक्के तूने तो मुझे उन नेताओं से चुदवा कर दलाली खाई है इस चुत की समझे ।
सुनिलं ,--ओह्ह ....तो तू क्या अपनी माँ चुदवाने गयी थी मना कर देती उनको कुतिया ।
सरजू ,--आह ....साले धीरे कर तुझे सामने बैठी बहु के नंगे बोबे दिख रहे है तभी तू मेरी चुत को फाड़ने में लगा हुआ है ।
मेने ये सुना तो सरजू के पास से हटकर बेड के कोने पर चली गयी जहां से दोनों मुझे देख सके और फिर साड़ी का पल्लू हटाकर अपने ब्लाउज़ के बटन खोले और ब्रा को ऊपर करके अपने बोबे मसलते हुए बोली ,--ससुर जी पेलिये कस कर इस छिनाल को आज रात को आपकी बहु इन बूब्स का दूध पिलाएगी जिस पर आपके बेटे का हक है ।
सरजू ,--आह....कुतिया क्यों इस सांड को लाल कपड़ा दिखा रही है ये मेरी चुत का कबाड़ा कर देगा ।
सुनिलं ,--वाह.... बहु मज़ा आ गया तेरे शानदार बूब्स देखकर ।
में ,--ससुर जी आप इस हरामजादी पर रहम मत कीजिये देखिये ये चुत भी आपके लण्ड का इंतजार कर रही है ।मेने अपनी साड़ी और पेटोकोट को ऊंचा करके अपनी रस से भरी चुत दोनों को दिखाई ।
सरजू ,--आह ...बहु इस भड़वे को ज्यादा मत उकसा इसका लण्ड मेरी चुत में ज्यादा मोटा हो गया है ।
सुनिलं हांपते हुए ,--ओह...........बहु ऐसे ही गन्दी गालियां दे इस को आज इसकी चुत और गाँड को फाड़ दूंगा ।
मेने भी पूरा मज़ा लेने की ठान ली थी इसलिए अपने पेटोकोट और साड़ी पर से चुत को जोर जोर से मसलने लगी और दोनों का ध्यान खींचते हुए बोली ,--मारिये ससुर जी इसकी फटी हुई भोसडी को फिर आपको मेरी कम चुदी हुई प्यासी चुत को भी चोदना है ।
सरजू की चुत मेरी गालियों और सुनिलं चाचा के जोरदार प्रहार से झड़ चुकी थी तो ससुर जी ने उसको घोडी बना दिया और बोले ,--बहु पास में आ देख इसको मेने कुतिया बना दिया आजा तेरी सासु जी की गाँड में मैं अपना लोडा कैसे पेलता हूँ तुझे पास से दिखाता हूँ ।
में उठकर सरजू की गाँड के पास गई और उनके विशाल कूल्हों के बीच गाँड के सुराख को देखकर बोली ,--पापा जी मम्मी जी की गाँड तो बहुत बड़ी है ।
सरजू ,--ये तेरे पापा ने ही कि है ठोक ठोक कर अपने फौलादी लण्ड से ।
सुनिलं अंकल ने अपना लोडा सरजू की गाँड में धीरे धीरे डालते हुए मेरे कान में फुसफुसा कर कहा ,--बहु अमित तेरी गाँड मारता है कि नही ।
मैंने भी उसी तरह फुसफुसा कर सुनिलं अंकल के कान में ,--ससुर जी आपके बेटे में दम होता तो में आपके पास होती क्या ।
सुनिलं सरजू की गाँड मारते हुए ,--मतलब गाँड कुंवारी है अभी तक तेरी ।
में ,--उसकी नूनी से क्या होने वाला है एक दो बार किया है पर आप समझ लीजिए कुंवारी जैसी ही है ।
सुनिलं अंकल ने इतना सुनते ही सरजू की गाँड को फुल स्पीड में चोदना चालू कर दिया ।
सरजू ,--ओह ...साले तुम दोनों ससुर बहु ऐसे क्या कान में बात कर रहे हो ।बहु तू ससुर को ऐसा क्या बोल दी जो ये सांड बिदक कर मेरी गाँड को फाड़ रहा है ।ओए बहनचोद तू इस बहु की बातों में आकर क्या दुश्मनी निकाल रहा है ,आह.........
सुनिलं ,--साली आज तेरी सारी गर्मी शांत कर दूंगा फिर तू मुझे किसी और से चुद वाने का नही बोलेगी ।
लगभग आधे घंटे तक गाँड मारने के बाद सरजू रोने लगी और बिस्तर पर गिर गयी जिससे सुनिलं अंकल का लण्ड बाहर निकल गया ।
सुनिलं ,--रण्डी मेरा पानी तो निकलने दे ।
सरजू ,--तू अपना पानी बहु की चुत में डाल देना रात में उसको पानी की जरूरत है ।
मैं सुनिलं अंकल के पास से उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी उनकी गर्म चुदाई का शो देखकर मेरी चुतभी ठंडी हो चुकी थी ।
मेने घड़ी में देखा साढ़े सात बजे चुके थे और अमित को आने में आधा घण्टा बचा था ।
सरजू ,--बहु तू रात में दस बजे बाद आ जाना ।
में ,--मम्मी में नही आऊंगी आप लोग मेरे नीचे वाले फ्लेट में खाना खाकर ग्यारह बजे तक आ जाना फ्लेट का ताला खुला मिलेगा । में जाकर ससुर जी के बर्थ डे के लिए केक की व्यवस्था करती हूँ ।
सुनिलं अंकल खड़े हुए और मेरे होठों को चूमकर बोले ,--रजु ने सही कहा था तुम बहुत बुद्धिमान हो ।
ससुर जी से अपनी तारीफ सुनकर में गदगद हो गयी और फिर दोनों के चरण स्पर्श करके होटल से निकलकर सुपर मार्केट की तरफ चल दी ।
To be continued..........
फिर उसने पेंटी पर लगे चुत रस को सूंघकर सुनील अंकल दे दी तो सुनील अंकल मेरी तरफ देखकर मेरी पेंटी पर लगे चुत रस को चाटने लगे ।
में शरम से अपना चेहरा सरजू की चुचियों में छुपा ली तो सरजू बोली ।
सरजू --क्यों राजा कैसा टेस्ट है मेरी बहु का ।
मेने सरजू को कान में धीरे से कहा मम्मी प्लीज ऐसी बातें मत करो मुझे बहुत शरम आ रही है ।
सरजू ,--चल तेरी शरम को दूर भगाती हूँ मेरी लाडो की, पर तु शरमाने का ढोंग बन्द कर दे क्योंकि तेरी चुत तेरे खिलाफ जा रही है ।
सुनील जरा मेरी भी चुत को चाट लो जिससे अमित निकला है जिससे बहु को समझ आ जाये कि अमित आज बहु का पति है तो इसी चुत की वजह से पैदा हुआ है ।
सुनील ने इतना सुनते ही मुझे हाथ से अलग किया और सरजू की चुत पर जीभ रखकर चाटने लगा ।
सरजू ,--ओह्ह ........अमित के पापा पी लो उसकी मम्मी की चुत का पानी आह.........….
में चुपचाप सुनील अंकल को सरजू के विशाल भोसड़े को चाटते देखने लगी ।लगभग पांच मिनट बाद सरजू बोली ,--बस करो रेखा के पापा में झड़ जाऊंगी ।पहले रेखा को अपनी प्रेम कहानी सुना लेने दो ।
सुनील अंकल सरजू की चुत से जीभ निकाल कर उसका स्वाद लेने लगा और बोला ।
सुनील ,--रजु मुझे तो तुम्हारी चुत और रेखा बहु की चुत का स्वाद अलग लगा ।
सरजू ,--वो तो होगा ही मेने भी जितने लण्ड का पानी पिया है सबका टेस्ट अलग ही लगा था ।
सुनील ,--बहु तुझे पता है रजु और में कॉलेज टाइम से एक दूसरे को पसन्द करते है ।
सरजू ,--क्या राजा बहु को खुलकर बताने दो ,रेखा बेटी सुनील और में शादी से पहले एक ही कॉलेज में पढ़ते थे जहां सुनील ने मुझे सत्तरवें साल में औरत बना दिया था वो भी कॉलेज में और तेरे ससुर जी की मदद से ।
में हैरानी से सरजू का मुंह देखने लगी तो सरजू फिर से बोली ,--सुनील तेरे ससुर का जिगरी यार था और उसकी गाँड मारता था। में तेरे ससुर और सुनिलं दोनों को पसंद करती थी और दोनो में से ही किसी एक से शादी करना चाहती थी पर तेरे ससुर ने मुझे प्रपोज किया और फिर वही मुझे धोखे से बुलाकर लाया और कॉलेज के पीछे सुनील को सौंप दिया जहां सुनील ने मेरी नथ उतारी थी वो भी तेरे ससुर के सामने।
में साड़ी के ऊपर से अपनी चुत को धीरे से मसलते हुए ,--रियली ।
सरजू ,--हां ,बहु तेरे ससुर ने कॉलेज में बहुत बार सुनील को मुझे अपने सामने चोदते देखा है ।और वो भी मेरी चुत लेता था ।
में ,--पर ससुर जी ने फिर आपसे शादी भी कर ली ।
सरजू ,--ये तो कुछ भी नही तेरे ससुर ने शादी के बाद सुनील के कहने पर एक बार पूना भी ले जाकर चुद वाया था।
मैं ,--फिर भी आपने ससुर जी से शादी कर ली ।
सरजू ,--में तो शादी सुनील से करना चाहती थी।क्योंकि मुझे इसका लोडा पसंद था। पर जात पात के चक्कर मे सुनील से शादी नही हो पाई इसलिये सुनील के कहने पर तेरे ससुर जी से शादी करनी पड़ी ।
सुनील अंकल ने सरजू को चूमते हुए ,--अरे तेरा ससुर सिर्फ नाम का पति है अमित और रीता मेरे ही लण्ड से पैदा किये हुए बच्चे है ।
में ,--फिर आपने मम्मी को दूसरों के पास क्यों भेजा ।
सुनील ,--गांव में राजनीति करने के लिए समझौते करने पड़ते है और फिर रजु है तो मेरी रखेल ही इसको भी नए स्वाद अच्छे लगते हैं ।
सरजू ,--अब तुमको समझ मे आ गया या कुछ और बोलना है ।
में ,--समझ गयी ।
सरजू ,--अब तो शरम नही आ रही अपनी सास के बारे में सबकुछ जानने के बाद ।
सुनील ,--अब क्या बाकी रह गया ये पढ़ी लिखी है बस बहु तू समझ ले तेरी सास एक रण्डी है और अमित रण्डी का बेटा इसलिए इतना समझ ले अमित के भरोसे अपनी जवानी के अरमान दबाके मत रखना और रजु की तरह खुल कर मज़े कर ।
में ,--पर मुझसे आप लोगों की तरह ये सब नही हो पायेगा ।
सुनील ,--अरे उसके लिए हम हैं ना चल रजु रेखा बहु की आंखों में देख और बहु तू रजु की ठुडी को पकडकर इसकी आंखों में देख ।
मेने सरजू की ठुडी को पकड़कर उसकी आँखों मे देखने लगी तो सुनील बोला ।
सुनील ,--अब बहु तू इसको बोल रजु रण्डी ।
में चुपचाप सरजू की आंखों में देखती रही तो सरजू बोली ,--बहु तेरे ससुर जी कुछ बोलने को कहे हैं बोल ना प्लीज ।
में ,--र...जु ....र.....न.....डी ।
सरजू ने इतना सुनते ही अपनी चुत का मसलते हुए सुनील से कहा ।
सरजू ,--अमित के पापा अब तो बहु ने भी मुझे रण्डी बोल दिया अब इस रण्डी की चुत को ठंडा कर दी ना।
सुनील ,--पर मेरी बहु बोलेगी तब ।
सरजू ,--भड़वे तुझे अब बहु की चुत प्यारी लगने लगी और में कुछ नही ।
सुनील चाचा ने अचानक अपत्यशित हरकत की और मेरी क्लीवेज पर किश करके कहा ,--जब बहु जैसी हसीन लौंडिया सामने हो तो फिर तेरी घिसी घिसाई चुत को क्यों चोदू।
सरजू ,--बहु प्लीज् आज मेरी सालगिरह पर जो तेरे ससुर चाहते हैं वो बोल दे मेरी चुत पिछले दो घंटे से जल रही है प्लीज ।
में ,--प्लीज ससुर जी मेरी सासु मां को और मत तड़पाइये ।
सुनील ,--नही बहु इस कुतिया को इतनी इज्जत से नही गाली देकर बोल तभी चोदूंगा ।
में कुछ क्षण चुप रही तो सरजु बोली ,--बहु बोल दे मुझे गाली से कोई फर्क नही पड़ता ।
सुनील ,--बहु इसको रण्डी को ऐसी गाली दे कि ये भी याद रखे ।
में भी अब पूरे मूड में थी इसलिए सुनील चाचा के होठो को चूमकर बोली ,--ससुर जी इस हरामजादी कुतिया को आज इतना रगड़कर चोदिए कि ये एकबार फिर से एक नाजायज बच्चा पैदा करे ।
सुनील ,--वाह बहु मज़ा आ गया में अब देख इस बेशर्म औरत को कैसे तेरे सामने कुतिया बनाकर गाँड फाड़ता हूँ ।तू जल्दी से मुझे नंगा कर के मेरा फौलादी लण्ड आज़ाद कर दे बहु ।
मेने आगे बढ़कर सुनील चाचा का कुर्ता और पजामा निकाल दिया फिर बनियान निकालकर जैसे ही चड्डी उतारी तो उनका लण्ड स्प्रिंग की तरह झटके के साथ खड़ा हो गया ।
सुनील चाचा ने सरजू को सुलाया और एक करारा शॉट सरजू की चुत में मारा जिससे सरजू की चीख निकल गयी और वो दर्द भरे स्वर में बोली ,--अमित के पापा प्लीज धीरे करो दर्द हो रहा है ।
सुनील ,--बहु तू इस हरामजादी की चुचियाँ मसल ये साली बरसों से इस लण्ड से चुद रही है फिर भी नाटक कर रही है ।
मेने सरजू की चुचियों को हाथ मे पकड़कर मसलना चालू किया और सुनिलं अंकल को बोली ,--पापा जी चोदे कस कर इस घोडी को आज सालगिरह पर इसको दिन में तारे नज़र आने चाहिए ।
सुनिलं अंकल अपनी स्पीड बढ़ाते हुए ,--अहह ....बहु इस छिनाल ने पता नही कितने लण्ड खाएं है देख इसकी चुत पूरी भोसड़ा हो चुकी है ।
सरजू सिसकते हुए ,--आह ...बहनचोद तूने ही इस चुत का भोसड़ा करवाया है अपने यारों और नेताओं से चुदवा चुदवा कर साले हरामी ।
सुनिलं ,--ओह्ह......साली तेरी भोसडी में इतनी गर्मी है उसको शांत करवाना था इसलिए मेने तुझे नेताओ के साथ भेजा था मुझे तेरी सौतन को भी चोद कर शांत करना पड़ता है .
सरजू ,--अहह...साले दलाल धीरे मार धक्के तूने तो मुझे उन नेताओं से चुदवा कर दलाली खाई है इस चुत की समझे ।
सुनिलं ,--ओह्ह ....तो तू क्या अपनी माँ चुदवाने गयी थी मना कर देती उनको कुतिया ।
सरजू ,--आह ....साले धीरे कर तुझे सामने बैठी बहु के नंगे बोबे दिख रहे है तभी तू मेरी चुत को फाड़ने में लगा हुआ है ।
मेने ये सुना तो सरजू के पास से हटकर बेड के कोने पर चली गयी जहां से दोनों मुझे देख सके और फिर साड़ी का पल्लू हटाकर अपने ब्लाउज़ के बटन खोले और ब्रा को ऊपर करके अपने बोबे मसलते हुए बोली ,--ससुर जी पेलिये कस कर इस छिनाल को आज रात को आपकी बहु इन बूब्स का दूध पिलाएगी जिस पर आपके बेटे का हक है ।
सरजू ,--आह....कुतिया क्यों इस सांड को लाल कपड़ा दिखा रही है ये मेरी चुत का कबाड़ा कर देगा ।
सुनिलं ,--वाह.... बहु मज़ा आ गया तेरे शानदार बूब्स देखकर ।
में ,--ससुर जी आप इस हरामजादी पर रहम मत कीजिये देखिये ये चुत भी आपके लण्ड का इंतजार कर रही है ।मेने अपनी साड़ी और पेटोकोट को ऊंचा करके अपनी रस से भरी चुत दोनों को दिखाई ।
सरजू ,--आह ...बहु इस भड़वे को ज्यादा मत उकसा इसका लण्ड मेरी चुत में ज्यादा मोटा हो गया है ।
सुनिलं हांपते हुए ,--ओह...........बहु ऐसे ही गन्दी गालियां दे इस को आज इसकी चुत और गाँड को फाड़ दूंगा ।
मेने भी पूरा मज़ा लेने की ठान ली थी इसलिए अपने पेटोकोट और साड़ी पर से चुत को जोर जोर से मसलने लगी और दोनों का ध्यान खींचते हुए बोली ,--मारिये ससुर जी इसकी फटी हुई भोसडी को फिर आपको मेरी कम चुदी हुई प्यासी चुत को भी चोदना है ।
सरजू की चुत मेरी गालियों और सुनिलं चाचा के जोरदार प्रहार से झड़ चुकी थी तो ससुर जी ने उसको घोडी बना दिया और बोले ,--बहु पास में आ देख इसको मेने कुतिया बना दिया आजा तेरी सासु जी की गाँड में मैं अपना लोडा कैसे पेलता हूँ तुझे पास से दिखाता हूँ ।
में उठकर सरजू की गाँड के पास गई और उनके विशाल कूल्हों के बीच गाँड के सुराख को देखकर बोली ,--पापा जी मम्मी जी की गाँड तो बहुत बड़ी है ।
सरजू ,--ये तेरे पापा ने ही कि है ठोक ठोक कर अपने फौलादी लण्ड से ।
सुनिलं अंकल ने अपना लोडा सरजू की गाँड में धीरे धीरे डालते हुए मेरे कान में फुसफुसा कर कहा ,--बहु अमित तेरी गाँड मारता है कि नही ।
मैंने भी उसी तरह फुसफुसा कर सुनिलं अंकल के कान में ,--ससुर जी आपके बेटे में दम होता तो में आपके पास होती क्या ।
सुनिलं सरजू की गाँड मारते हुए ,--मतलब गाँड कुंवारी है अभी तक तेरी ।
में ,--उसकी नूनी से क्या होने वाला है एक दो बार किया है पर आप समझ लीजिए कुंवारी जैसी ही है ।
सुनिलं अंकल ने इतना सुनते ही सरजू की गाँड को फुल स्पीड में चोदना चालू कर दिया ।
सरजू ,--ओह ...साले तुम दोनों ससुर बहु ऐसे क्या कान में बात कर रहे हो ।बहु तू ससुर को ऐसा क्या बोल दी जो ये सांड बिदक कर मेरी गाँड को फाड़ रहा है ।ओए बहनचोद तू इस बहु की बातों में आकर क्या दुश्मनी निकाल रहा है ,आह.........
सुनिलं ,--साली आज तेरी सारी गर्मी शांत कर दूंगा फिर तू मुझे किसी और से चुद वाने का नही बोलेगी ।
लगभग आधे घंटे तक गाँड मारने के बाद सरजू रोने लगी और बिस्तर पर गिर गयी जिससे सुनिलं अंकल का लण्ड बाहर निकल गया ।
सुनिलं ,--रण्डी मेरा पानी तो निकलने दे ।
सरजू ,--तू अपना पानी बहु की चुत में डाल देना रात में उसको पानी की जरूरत है ।
मैं सुनिलं अंकल के पास से उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी उनकी गर्म चुदाई का शो देखकर मेरी चुतभी ठंडी हो चुकी थी ।
मेने घड़ी में देखा साढ़े सात बजे चुके थे और अमित को आने में आधा घण्टा बचा था ।
सरजू ,--बहु तू रात में दस बजे बाद आ जाना ।
में ,--मम्मी में नही आऊंगी आप लोग मेरे नीचे वाले फ्लेट में खाना खाकर ग्यारह बजे तक आ जाना फ्लेट का ताला खुला मिलेगा । में जाकर ससुर जी के बर्थ डे के लिए केक की व्यवस्था करती हूँ ।
सुनिलं अंकल खड़े हुए और मेरे होठों को चूमकर बोले ,--रजु ने सही कहा था तुम बहुत बुद्धिमान हो ।
ससुर जी से अपनी तारीफ सुनकर में गदगद हो गयी और फिर दोनों के चरण स्पर्श करके होटल से निकलकर सुपर मार्केट की तरफ चल दी ।
To be continued..........