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Romance लला… फिर खेलन आइयो होरी
#14
जब आंख खुली तो देर हो चुकी थी। धूप दीवाल पे चढ़ आयी थी। बाहर आंगन में उसके हँसने खिलखिलाने की आवाज सुनाई दे रही थी।

 
अलसाया सा मैं उठा और बाहर आंगन में पहुंचा मुँह हाथ धोने। 


मुझे देख के ही सब औरतें लड़कियां कस-कस के हँसने लगीं। मेरी कुछ समझ में नहीं आया। सबसे तेज खनखनाती आवाज उसी की सुनाई दे रही थी। 


[Image: 37bf04b7adac8bb1376daba0555994b9.jpg]


जब मैंने मुँह धोने के लिये शीशे में देखा तो माजरा साफ हुआ। 




मेरे माथे पे बड़ी सी बिंदी, आँखों में काजल, होंठों पे गाढ़ी सी लिपस्टीक 

मैं समझ गया किसकी शरारत थी।
 
तब तक उसकी आवाज सुनायी पड़ी, वो भाभी से कह रही थी


देखिये दीदी मैं आपसे कह रही थी ना की ये इतना शरमाते हैं जरूर कहीं कोई गड़बड़ है? ये देवर नहीं ननद लगते हैं मुझे तो। देखिये रात में असली शकल सामने गई…”
 
मैंने उसे तरेर कर देखा।
 
तिरछी कटीली आँखों से उस मृगनयनी ने मुझे मुश्कुरा के देखा और अपनी सहेलियों से बोली


[Image: K-tumblr-p5dv13u7-Vm1vz94vwo5-540.jpg]


लेकिन देखो ना सिंगार के बाद कितना अच्छा रूप निखर आया है…”
 
अरे तुझे इतना शक है तो खोल के चेक क्यों नहीं कर लेती…”


चंपा भाभी ने उसे छेड़ा।


[Image: Teej-Chithra-16.jpg]
 
अरे भाभी खोलूंगी भी चेक भी करुंगी…” 

घंटियों की तरह उसकी हँसी गूंज गई।
 
रगड़-रगड़ के मुँह अच्छी तरह मैंने साफ किया। मैं अंदर जाने लगा की चंपा भाभी (भाभी की भाभी) ने टोका-

अरे लाला रुक जाओ, नाश्ता करके जाओ ना तुम्हारी इज्जत पे कोई खतरा नहीं है…”
 
खाने के साथा गाना और फिर होली के गाने चालू हो गये। किसी ने भाभी से कहा-


मैंने सुना है की बिन्नो तेरा देवर बड़ा अच्छा गाता है…”
 
कोई कुछ बोले की मेरे मुँह से निकल गया की पहले उर्मी सुनाये।
 
और फिर भाभी बोल पड़ीं की आज सुबह से बहुत सवाल जवाब हो रहा है? तुम दोनों के बीच क्या बात है

फिर तो जो ठहाके गूंजे हम दोनों के मुँह पे जैसे किसी ने एक साथ इंगुर पोत दिया हो। 


किसी ने होरी की तान छेड़ी, फिर चौताल लेकिन मेरे कान तो बस उसकी आवाज के प्यासे थे।
 
आँखें बार-बार उसके पास जाके इसरार कर रही थीं, आखिर उसने भी ढोलक उठायी और फिर तो वो रंग बरसे-
 
 मत मारो लला पिचकारी, भीजे तन सारी।
 पहली पिचकारी मोरे, मोरे मथवा पे मारी,
 मोरे बिंदी के रंग बिगारी भीजे तन सारी।
 दूसरी पिचकारी मोरी चूनरी पे मारी,
 मोरी चूनरी के रंग बिगारी, भीजै तन सारी।
 तीजी पिचकारी मोरी अंगिया पे मारी,
 मोरी चोली के रंग बिगारी, भीजै तन सारी।
 
जब वो अपनी बड़ी बड़ी आँखें उठा के बांकी चितवन से देखती तो लगता था उसने पिचकारी में रंग भर के कस के उसे खींच लिया है। 
[Image: K-rakul-preet-singh.jpg]

और जब गाने के लाइन पूरी करके वो हल्के से तिरछी मुश्कान भरती तो लगता था की बस

छरछरा के पिचकारी के रंग से तन बदन भीग गया है और मैं खड़ा खड़ा सिहर रहा हूं।
 
गाने से कैसे होली शुरू हो गई पता नहीं, भाभी, उनकी बहनों, सहेलियों, भाभियों सबने मुझे घेर लिया। 

लेकिन मैं भी अकेले 

[Image: holi-1111maxresdefault.jpg]

मैं एक के गाल पे रंग मलता तो तो दो मुझे पकड़ के रगड़ती 


लेकिन मैं जिससे होली खेलना चाहता था तो वो तो दूर सूखी बैठी थी, मंद-मंद मुश्कुराती।
 
सबने उसे उकसाया, सहेलियों ने उसकी भाभियों ने 


आखीर में भाभी ने मेरे कान में कहा और 

होली खेलते खेलते उसके पास में जाके बाल्टी में भरा गाढ़ा लाल उठा के सीधे उसके ऊपर।


[Image: poonam-pandey-hot-celebrating-holi-2011-...dreamz.jpg]
 
वो कुछ मुश्कुरा के कुछ गुस्से में कुछ बन के बोली- ये ये देखिये मैंने गाना सुनाया और आपने…”
 
अरे ये बात हो तो मैं रंग लगाने के साथ गाना भी सुना देता हूँ लेकिन गाना कुछ ऐसा वैसा हो तो बुरा मत मानना
 
मंजूर…”
 
और मैं जैसा गाना गाऊँगा वैसे ही रंग भी लगाऊँगा…”
 
मंजूर…” उसकी आवाज सबके शोर में दब गई थी।
 
मैं उसे खींच के आंगन में ले आया था।
 
 लली आज होली चोली मलेंगे,
 गाल पे गुलाल छातीयां धर डालेंगे,
 लली आज होली में जोबन।
 
गाने के साथ मेरे हाथ भी गाल से उसके चोली पे पहले ऊपर से फिर अंदर।
 
भाभी ने जो गुझिया खिलायीं उनमें लगता है जबर्दस्त भांग थी। 


हम दोनों बेशरम हो गये थे सबके सामने।

[Image: hot-holi-celebration-photos-of-celebrities-2.jpg]
अब वो कस-कस के रंग लगा रही थी, मुझे रगड़ रही थी। रंग तो कितने हाथ मेरे चेहरे पे लगा रहे थे 

लेकिन महसूस मुझे सिर्फ उसी का हाथ हो रहा था। मैंने उसे दबोच लिया, आंचल उसका ढलक गया था। 

पहले तो चोली के ऊपर से फिर चोली के अंदर, और वो भी ना ना करते खुल के हँस-हँसकर दबवा, मलवा रही थी। 


लेकिन कुछ देर में उसने अपनी सहेलियों को ललकारा और भाभी की सहेलियां, बहनें, भाभियां 


फिर तो कुर्ता फाड़ होली चालू हो गई। एक ने कुर्ते की एक बांह पकड़ी और दूसरे ने दूसरी।
 
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RE: लला… फिर खेलन आइयो होरी - by komaalrani - 21-03-2019, 09:10 AM



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