15-12-2020, 11:38 PM
शालिनी भाभी की रसीली जीभ मधु के जीभ से लिपट लिपट घूमते देख मेरी लुल्ली सनसन करने लगी थी और बेचारे शर्मा जी की आँखे फटी पड़ी थी और मैंने उनके लुल्ली को पकड़ के सहलाया और वो मेरी तरफ देख के झेप से गए और मधु संग भाभी का चुम्बन गहराता चला गया और दो तगड़े मज़दूरों के मसुल लौड़े दो प्यासी चुतो को कमर पकड़े चोदे जा रहे थे । मर्दों के ताबड़तोड़ चुदाई से दोनों सम्पूर्ण रूप से भावविभोर हो हवस की आंधी मे उड़ने लगी थी और इधर मेरा छोटा लुल्ली तन कर खड़ा होने लगा था और शर्मा जी भी मधु के मादक सिसकिया सुन अपने छोटे लुल्ली को ज्यादा देर सुलाए न रख पाए और वो भी कड़क अवस्था को प्राप्त हो ही गया और अनायास मेरा लार टपकता मुँह शर्मा जी के लुल्ली पर जा मिला और वो भोचके रह गए और मैं उनका मूंगफली सा लिंग चूसने लगा और वो मधु के झूलते चुचे को देख फनफनाने लगे । अजीब कसमकस मे शर्मा जी अपने ज़ज़्बात छुपा न पाए और मेरी तिरछी नज़र मधु के नज़र से टकराई और वो सिसकी लेते बोली आप भाईसाहब का लुल्ली अच्छी तरह चूस के निकाल दीजेए फिर इनकी गांड मरवाऊंगी मैं इन मर्दों के लौड़े से और बिरजू के चटाक से मदमस्त गण्ड लहरा उठी और उधर भाभी के गांड पर चटाक की आवाज़ से दोनों प्यासी औरतें चित्कारती अहह भर्ती बोली ज़ोर से चोदो राजा लाल कर दो मेरी गांड अहह ये सुनते शर्मा जी की लुल्ली चर्म पर जा पहुँची और वो मेरे मुँह मैं दो बूंद रस गिरा हाँफने लगे और मैंने उनका माल मुँह मैं लिए उठ मधु के पास जा उसके होठों को चूम शर्मा जी के वीर्य को देते बोला देखों भाग्यवान तेरी जवानी देख शर्मा जी निढाल पड़ गए और मधु सारा थूक गटक के बोली भाईसाहब ज़रा मेरे पति का रस निकाल के अपनी पत्नी को पिला भी दीजेए तब न हिसाब बराबर होगा ।मधु की बात सुन शर्मा जी ने मेरी लुल्ली को लॉलीपॉप समझ चूसना जैसे है शुरू किया शालिनी भाभी ने बोला वाह देवर जी तुमने मेरे गांडू पति को सच मे अपनी तरह बना ही दिया और वो कालू से बोली थोड़ा ज़ोर लगाओ मेरी चूत त्यार है एक धार के लिए और कालू ने भाभी के केसों को हाथों से खींच एक थपड़ गांड पर मार बोला ले मालकिन नहला दे अपने नौकर के लड़ को अपने जवानी के रस से कहते कालू की ताबड़तोड़ झटके गूँजने लगे और इधर मेरी अर्धाग्नि कामुक होती बोली बिरजू क्या तू मुझे वही मज़ा नही देगा जो कालू मेरी दीदी को दे रहा ,ये सुनते बिरजू बोला मालकिन आपके इस मदमस्त चूत को वो मज़ा दूँगा की आप बिरजू को भुला न पाओगी कहते उसने मधु के गर्दन को दबोच कर दबाया और गहराई तक लड़ पेल कर बोला मालकिन ये दोनों भड़वे गांडू किसी काम के नहीं आपको तो मेरे जैसे लौड़े ही खुशी देगी वैसे भी अपने मौका दिया है इसलिए आज बिरजू आपको ऐसा सुख देगा कि बस बिरजू नाम सुनते आपकी चूत रसदार हो जाएगी कहते बिरजू ने लड़ खिंच झटके से डाला और मधु आह बिरजू करती करहाने लगी ।
ये योन सुख और कामुक्ता की प्रकाष्ठा वाला पल था जब दो मदमस्त नग्न जिस्म दो दमदार मर्दों के वार से चर्मसुख की ओर अग्रसर थी ओर उन दोनों कामुक औरतों के नामर्द पति बेबस अपने लुल्ली को चर्म पर पहुँचा रहे थे । मधु की योन अवस्था शालिनी भाभी की भांति अभी सुदृढ़ नहीं हो पाई थी क्योंकि मधु बस आज दूसरी रात्रि ही मर्द के स्पर्श को महसूस की थी जिस वजह से मधु का योवन तृप्ति के लिए उतावला था ओर इस वजह से बिरजू के गले को भिंच कर ताबड़तोड़ झटकों के फलस्वरूप मधु की चूत की दीवारें लड़ के घर्षण की गर्मी को ज़्यादा देर झेल अपने मर्द को लाचार ना कर पाई और अंततः अपने कामुक उतेजित चूत से एक रस भरी योवन के रस को छलकाती बिरजू के लड़ को भिगोती निढाल सी फर्श पर अपने हाँफते जिस्म को रखती तेज़ सासों से खुद को सम्हालने की व्यर्थ कोशिश करने लगी और उधर बिरजू ने मधु मालकिन को निढाल कर अपने पुरुसार्थ को सिद्ध करता गर्व से कमर को पकड़ अपने लड़ को धीरे धीरे घिसते बोला मालकिन तेरी चूत का रस लड़ से मिलने पर ही मेरा जोश बढ़ चला है अब रुका ना जाएगा मुझसे उठ जाओ मालकिन मुझे चोदना है ओर मधु के तृप्त हाँफते योवन को देख मेरा वीर्य शर्मा जी के मुख मे बहने लगा और वो झट से हटने को तत्पर हुए पर मैंने उनके सर को दबाते बोला अच्छे तरह से सारा वीर्य लिजेए और जब फौरन उन्होंने ऐसा किया मैंने उठ कर मधु को फर्श से उठा शर्मा जी के गोद पर लेटा दिया और बोला सम्हालिये मेरी मधु को पुचकरिये देखिए कैसे निढाल हुई पड़ी है ओर बिरजू से बोला तुम मत रुको जब तक मेरी अर्धाग्नि और एक चर्मसुख की अनुभूति न पा ले ।
बिरजू ने वापस अपने लड़ को गति प्रदान किया और मधु के मुरझाए तृप्त योवन को शर्मा जी बड़े चाव से सहलाते गदगद होने लगे और कालू ने शालिनी भाभी के केसों और ज़ोर से खिंचते झटकेदार तरीके से चोदते बोला मालकिन आपकी चूत की दीवारें भी कालू के लड़ को नहाने को मचलने लगी है और भाभी बोली बस कालू तेरे ही झटकों मैं कुछ कमी है नही तोह मैं भी मधु की तरह हाफ ही जाती ये सुनते कालू को थोड़ा गुस्सा सा लगा और वो दोनों हाथों को भाभी के गर्दन पर डाल चीखते बोला मालकिन मुझे क्या इन दोनों की तरह नामर्द समझ रखी हो जो ये बोल रही कहते वो गण्ड उठा उठा कर इतने तेज़ अवस्था मै योन क्रिया करने लगा कि भाभी उग्र रूप से चीखने लगी और कुछ मिनटों मैं ही वो हाँफते अपना आपा खोती चर्मसुख प्राप्त कर कालू के लड़ को भिगो कर पसीने से तरबतर हो बोली कालू तूने मुझे आज फिर सुख दे दिया रे ।
भाभी को पूर्ण सुख दे कालू ने लड़ को भाभी के चुत से निकालते बोला मालकिन अब ज़रा मधु मालकिन को हम दोनों मिल कर एक दो बार झाड़वाते है फिर आपको करेंगे आप तो कालू से न जाने कितने सेवा ले चुकी हैं पर मधु मालकिन की आज शुरुआत है कहते वो बिरजू को बोला इधर कर मालकिन को क्या करेंगी वो गांडू के गोद मे कहते बिरजू ने मधु को वापस घोड़ी बना दिया और कालू का शालिनी भाभी से गीला लड़ मुँह मैं डालते बोला चूस मालकिन आज रात आपकी गुलामी करने दो मर्द आये है और मधु वापस आँखों मे अँगारे भर्ती कालू के लड़ को चूसने लगी और बिरजू के धकों से चुदने लगी ।
शालिनी भाभी उठकर दो नामर्दो के बीच आ बैठी और अपने शर्मा जी से बोली मेरे देवर का पानी पी लिए या मुँह मे रखे हुए है और शर्मा जी ने भाभी को चूमते मेरा वीर्य उनके मुँह मैं थूक कर बोले तेरे देवर का रस तुम्हारे लिए था मैं कैसे पिता और भाभी हँसते हुए शर्मा जी से बोली चलिए नीचे जा के ज़रा मेरी चुत का रस चाट लिजेए देखिये कैसे मर्द की ज़रूरत होती है औरतों को और खुद बिचार किजेए क्यों मैं पराये मर्दों को अपना जिस्म नोंचने देती थी ।
शर्मा जी घुटनों के बल बैठ भाभी के गीले चुत को चाटने लगे और भाभी ने मेरे कंधे पर हाथ रखते बोली वह देवर जी मज़ा आ गया अपने मर्द के सामने कालू से चुदवा कर इतना मज़ा पहले नही आता था जितना इनके सामने आया उफ्फ और वो मेरे होठो को चूमती मेरे मुँह को अपने दूध पर रखती बोली चुसो देवर जी अपने भाभी के कड़क निप्पल को और मैं भाभी के चुचियों को दबाते दूध चूसने लगा ।
कालू ने मधु के मुख से लड़ निकाल बोला बिरजू मालकिन को दोनों मिल कर गण्ड चुत चोदते है तब जा के सही से झड़ेंगी कहते बिरजू फर्श पर लेट गया और मधु उठ कर अपने मदमस्त गांड के छेद को बिरजू के लड़ के ऊपर रख कर घिसती हल्की आहे भर्ती पूर्ण रूप से अपने अंदर ले कर खुद रंडी की तरह बिरजू पर लेट गई और कालू ऊपर चढ़ कर अपना लड़ मधु के चुत के मुहाने रखते झटका मार डालते बोला बहुत मस्त झड़ी है मालकिन तो और उधर मधु के जिस्म पर कालू सवार होते होठों को चूम बोला मालकिन आप भी कालू के लड़ को नहला दीजेए न और मधु बाहों मैं कालू को भरते बोली जितना तेज़ चोदोगे उतना जल्दी तेरे लड़ को नहलाऊंगी मेरे राजा और कालू गण्ड उठा उठा कर मधु के चुत को चोदने लगा और बिरजू हल्का ज़ोर लगा किसी तरह गण्ड का सुख भी लेने लगा ।
ये योन सुख और कामुक्ता की प्रकाष्ठा वाला पल था जब दो मदमस्त नग्न जिस्म दो दमदार मर्दों के वार से चर्मसुख की ओर अग्रसर थी ओर उन दोनों कामुक औरतों के नामर्द पति बेबस अपने लुल्ली को चर्म पर पहुँचा रहे थे । मधु की योन अवस्था शालिनी भाभी की भांति अभी सुदृढ़ नहीं हो पाई थी क्योंकि मधु बस आज दूसरी रात्रि ही मर्द के स्पर्श को महसूस की थी जिस वजह से मधु का योवन तृप्ति के लिए उतावला था ओर इस वजह से बिरजू के गले को भिंच कर ताबड़तोड़ झटकों के फलस्वरूप मधु की चूत की दीवारें लड़ के घर्षण की गर्मी को ज़्यादा देर झेल अपने मर्द को लाचार ना कर पाई और अंततः अपने कामुक उतेजित चूत से एक रस भरी योवन के रस को छलकाती बिरजू के लड़ को भिगोती निढाल सी फर्श पर अपने हाँफते जिस्म को रखती तेज़ सासों से खुद को सम्हालने की व्यर्थ कोशिश करने लगी और उधर बिरजू ने मधु मालकिन को निढाल कर अपने पुरुसार्थ को सिद्ध करता गर्व से कमर को पकड़ अपने लड़ को धीरे धीरे घिसते बोला मालकिन तेरी चूत का रस लड़ से मिलने पर ही मेरा जोश बढ़ चला है अब रुका ना जाएगा मुझसे उठ जाओ मालकिन मुझे चोदना है ओर मधु के तृप्त हाँफते योवन को देख मेरा वीर्य शर्मा जी के मुख मे बहने लगा और वो झट से हटने को तत्पर हुए पर मैंने उनके सर को दबाते बोला अच्छे तरह से सारा वीर्य लिजेए और जब फौरन उन्होंने ऐसा किया मैंने उठ कर मधु को फर्श से उठा शर्मा जी के गोद पर लेटा दिया और बोला सम्हालिये मेरी मधु को पुचकरिये देखिए कैसे निढाल हुई पड़ी है ओर बिरजू से बोला तुम मत रुको जब तक मेरी अर्धाग्नि और एक चर्मसुख की अनुभूति न पा ले ।
बिरजू ने वापस अपने लड़ को गति प्रदान किया और मधु के मुरझाए तृप्त योवन को शर्मा जी बड़े चाव से सहलाते गदगद होने लगे और कालू ने शालिनी भाभी के केसों और ज़ोर से खिंचते झटकेदार तरीके से चोदते बोला मालकिन आपकी चूत की दीवारें भी कालू के लड़ को नहाने को मचलने लगी है और भाभी बोली बस कालू तेरे ही झटकों मैं कुछ कमी है नही तोह मैं भी मधु की तरह हाफ ही जाती ये सुनते कालू को थोड़ा गुस्सा सा लगा और वो दोनों हाथों को भाभी के गर्दन पर डाल चीखते बोला मालकिन मुझे क्या इन दोनों की तरह नामर्द समझ रखी हो जो ये बोल रही कहते वो गण्ड उठा उठा कर इतने तेज़ अवस्था मै योन क्रिया करने लगा कि भाभी उग्र रूप से चीखने लगी और कुछ मिनटों मैं ही वो हाँफते अपना आपा खोती चर्मसुख प्राप्त कर कालू के लड़ को भिगो कर पसीने से तरबतर हो बोली कालू तूने मुझे आज फिर सुख दे दिया रे ।
भाभी को पूर्ण सुख दे कालू ने लड़ को भाभी के चुत से निकालते बोला मालकिन अब ज़रा मधु मालकिन को हम दोनों मिल कर एक दो बार झाड़वाते है फिर आपको करेंगे आप तो कालू से न जाने कितने सेवा ले चुकी हैं पर मधु मालकिन की आज शुरुआत है कहते वो बिरजू को बोला इधर कर मालकिन को क्या करेंगी वो गांडू के गोद मे कहते बिरजू ने मधु को वापस घोड़ी बना दिया और कालू का शालिनी भाभी से गीला लड़ मुँह मैं डालते बोला चूस मालकिन आज रात आपकी गुलामी करने दो मर्द आये है और मधु वापस आँखों मे अँगारे भर्ती कालू के लड़ को चूसने लगी और बिरजू के धकों से चुदने लगी ।
शालिनी भाभी उठकर दो नामर्दो के बीच आ बैठी और अपने शर्मा जी से बोली मेरे देवर का पानी पी लिए या मुँह मे रखे हुए है और शर्मा जी ने भाभी को चूमते मेरा वीर्य उनके मुँह मैं थूक कर बोले तेरे देवर का रस तुम्हारे लिए था मैं कैसे पिता और भाभी हँसते हुए शर्मा जी से बोली चलिए नीचे जा के ज़रा मेरी चुत का रस चाट लिजेए देखिये कैसे मर्द की ज़रूरत होती है औरतों को और खुद बिचार किजेए क्यों मैं पराये मर्दों को अपना जिस्म नोंचने देती थी ।
शर्मा जी घुटनों के बल बैठ भाभी के गीले चुत को चाटने लगे और भाभी ने मेरे कंधे पर हाथ रखते बोली वह देवर जी मज़ा आ गया अपने मर्द के सामने कालू से चुदवा कर इतना मज़ा पहले नही आता था जितना इनके सामने आया उफ्फ और वो मेरे होठो को चूमती मेरे मुँह को अपने दूध पर रखती बोली चुसो देवर जी अपने भाभी के कड़क निप्पल को और मैं भाभी के चुचियों को दबाते दूध चूसने लगा ।
कालू ने मधु के मुख से लड़ निकाल बोला बिरजू मालकिन को दोनों मिल कर गण्ड चुत चोदते है तब जा के सही से झड़ेंगी कहते बिरजू फर्श पर लेट गया और मधु उठ कर अपने मदमस्त गांड के छेद को बिरजू के लड़ के ऊपर रख कर घिसती हल्की आहे भर्ती पूर्ण रूप से अपने अंदर ले कर खुद रंडी की तरह बिरजू पर लेट गई और कालू ऊपर चढ़ कर अपना लड़ मधु के चुत के मुहाने रखते झटका मार डालते बोला बहुत मस्त झड़ी है मालकिन तो और उधर मधु के जिस्म पर कालू सवार होते होठों को चूम बोला मालकिन आप भी कालू के लड़ को नहला दीजेए न और मधु बाहों मैं कालू को भरते बोली जितना तेज़ चोदोगे उतना जल्दी तेरे लड़ को नहलाऊंगी मेरे राजा और कालू गण्ड उठा उठा कर मधु के चुत को चोदने लगा और बिरजू हल्का ज़ोर लगा किसी तरह गण्ड का सुख भी लेने लगा ।