20-03-2019, 11:31 AM
(This post was last modified: 10-02-2024, 02:34 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अब उस बेचारी को क्या पता था कि मनीष उसे क्यों बुला रहा है ..
सीडियों से उतरते हुए उसकी दोनों छातियाँ ऊपर नीचे हो रही थी ..और मनीष के गुस्से के डर से और गाउन के कपडे से रगड़ खाने कि वजह से उसके ब्राउन निप्पल चेरी के दाने जितने बड़े होकर अलग ही चमक रहे थे ..
नीचे खड़े चारों लौंडे उसे ऐसे देख रहे थे मानो पका हुआ फल उनकी झोली में आकर गिरने वाला है ..और नीचे पहुंचकर जैसे ही वो उन सबके सामने पहुंची, उसे अपनी गलती का एहसास हुआ ..पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी ..
चारों कुत्तों कि नजरें उसकी छातियों पर सजे फ्रूट के दानों को देखकर अपनी जीभ से होंठों को गीले कर रहे थे ..दिव्या के बालों से निकल रहा पानी उसके चेहरे और ड्रेस को गीला कर रहा था , और उसकी मोटी जांघे देखकर तो उनकी जीभ ही बाहर आने को हो गयी ..जिसकी वजह से वो और भी सेक्सी लग रही थी ..सभी के लंड एक दम से खड़े होकर अपनी भाभी को नमस्ते बोलने लगे ..
मनीष को तो काटो तो खून नहीं ..ऐसी हालत हो रही थी ..फिर भी वो सहज भाव से मुस्कुराते हुए बोला : "दिव्या …ये मेरे बचपन के दोस्त है …”
और फिर सभी का नाम और उनके घर के बारे में जानकारी देने लगा ..पर दिव्या का ध्यान उनकी तरफ था ही नहीं ..उसकी हालत तो ऐसी थी जैसे बाजार में बिकने वाली गुलाम और सामने खड़े खरीदार उसके शरीर को अपनी आँखों से तोल – मोल कर खरीदने खड़े हैं ..
मनीष : "जाओ …इनके लिए कुछ पीने के लिए ले आओ …”
मनीष के कहने कि देर थी कि दिव्या पलटी और भागकर वापिस ऊपर चली गयी ..
चारों कि नजरें उसकी हिलती हुई गांड पर जम कर रह गयी ..
सभी कि हालत खराब हो चुकी थी, इतनी सेक्सी लड़की देखकर …
आखिर बिल्लू बोल ही पड़ा : ”उफ्फ्फ्फ़ ….क्या चीज है …यार तेरे तो मजे हो गए …दिन रात बजाता होगा इसकी …बोल साले …”
गलती उनकी भी नहीं थी जो वो इस तरह से बोल रहे थे ..मनीष भी ऐसे ही छेड़ता था अपने दोस्तों को ..खासकर बिल्लू को, क्योंकि इन चारों में से सिर्फ उसकी ही शादी हुई थी और वो भी बचपन में ..और इन सभी ने जवान होते हुए देखा था उसकी बीबी को ..और रोज उसके बारे में गन्दी-२ बातें बोलकर बिल्लू को परेशान किया करते थे ..इसलिए शायद आज बिल्लू उन सभी बातों का बदला उतार रहा था ..
राजेश ने उसे इशारे से चुप रहने को कहा ..कहीं उसे गुस्सा आ गया तो ”वो” काम नहीं हो पायेगा, जिसके लिए वो यहाँ आये थे ..
बिल्लू ने आगे कुछ नहीं बोला ..
मनीष सभी को लेकर बैठक में आ गया ..
अंदर बैठने के साथ ही राजेश ने जेब से ताश के पत्तो कि गड्डी निकाली और सेंटर टेबल पर रख दी ..जैसे बता रहा हो कि वो क्या करने आये हैं ..
मनीष कुछ बोलने ही वाला था कि तभी दिव्या वहाँ आ गयी ..
उसने साडी पहन ली थी ..पर्पल कलर की …और वो भी शिफॉन कि ..जो उसके मदमस्त शरीर पर किसी बेल कि भाँती लिपटी हुई थी ..और उसके हर उतार-चढ़ाव को दिखा रही थी .
पर इन सभी कुत्तों कि नजरें अब उसके नंगे पेट पर फिसल रही थी ..एकदम चिकना और सपाट पेट देखकर थापा का तो मन कर रहा था कि उसे वहीँ दबोच ले और उसकी नाभि के अंदर अपनी जीभ डाल दे ..
बिल्लू और हर्षित का भी यही हाल था ..पर कोई कुछ बोल नहीं रहा था ..
तभी बाजी मारते हुए राजेश उठा और उसने दिव्या के हाथों से ट्रे ले ली और बोला : "अरे भाभी …आप और तकलीफ ना करो …मैं दे देता हु सबको …
पर ऐसा करते हुए उस कमीने ने दिव्या के हाथों पर अपने हाथ रख दिए …और जल्द ही हटा भी लिए ..जैसे वो सब गलती से हुआ हो ..
दिव्या ने भी गौर नहीं किया ..और बिना कुछ बोले वहाँ से चली गयी ..
और उसके जाते ही, राजेश ने मनीष कि नजर से बचकर, अपने दोस्तों को देखते हुए, अपनी उँगलियाँ चाट ली ..
ये देखकर बाकी के तीनो दोस्त बुरी तरह से हंसने लगे ..
मनीष को कुछ समझ नहीं आया ..पर उसे पता चल गया कि उसकी बीबी से सम्बंधित ही होगा कुछ ..
सीडियों से उतरते हुए उसकी दोनों छातियाँ ऊपर नीचे हो रही थी ..और मनीष के गुस्से के डर से और गाउन के कपडे से रगड़ खाने कि वजह से उसके ब्राउन निप्पल चेरी के दाने जितने बड़े होकर अलग ही चमक रहे थे ..
नीचे खड़े चारों लौंडे उसे ऐसे देख रहे थे मानो पका हुआ फल उनकी झोली में आकर गिरने वाला है ..और नीचे पहुंचकर जैसे ही वो उन सबके सामने पहुंची, उसे अपनी गलती का एहसास हुआ ..पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी ..
चारों कुत्तों कि नजरें उसकी छातियों पर सजे फ्रूट के दानों को देखकर अपनी जीभ से होंठों को गीले कर रहे थे ..दिव्या के बालों से निकल रहा पानी उसके चेहरे और ड्रेस को गीला कर रहा था , और उसकी मोटी जांघे देखकर तो उनकी जीभ ही बाहर आने को हो गयी ..जिसकी वजह से वो और भी सेक्सी लग रही थी ..सभी के लंड एक दम से खड़े होकर अपनी भाभी को नमस्ते बोलने लगे ..
मनीष को तो काटो तो खून नहीं ..ऐसी हालत हो रही थी ..फिर भी वो सहज भाव से मुस्कुराते हुए बोला : "दिव्या …ये मेरे बचपन के दोस्त है …”
और फिर सभी का नाम और उनके घर के बारे में जानकारी देने लगा ..पर दिव्या का ध्यान उनकी तरफ था ही नहीं ..उसकी हालत तो ऐसी थी जैसे बाजार में बिकने वाली गुलाम और सामने खड़े खरीदार उसके शरीर को अपनी आँखों से तोल – मोल कर खरीदने खड़े हैं ..
मनीष : "जाओ …इनके लिए कुछ पीने के लिए ले आओ …”
मनीष के कहने कि देर थी कि दिव्या पलटी और भागकर वापिस ऊपर चली गयी ..
चारों कि नजरें उसकी हिलती हुई गांड पर जम कर रह गयी ..
सभी कि हालत खराब हो चुकी थी, इतनी सेक्सी लड़की देखकर …
आखिर बिल्लू बोल ही पड़ा : ”उफ्फ्फ्फ़ ….क्या चीज है …यार तेरे तो मजे हो गए …दिन रात बजाता होगा इसकी …बोल साले …”
गलती उनकी भी नहीं थी जो वो इस तरह से बोल रहे थे ..मनीष भी ऐसे ही छेड़ता था अपने दोस्तों को ..खासकर बिल्लू को, क्योंकि इन चारों में से सिर्फ उसकी ही शादी हुई थी और वो भी बचपन में ..और इन सभी ने जवान होते हुए देखा था उसकी बीबी को ..और रोज उसके बारे में गन्दी-२ बातें बोलकर बिल्लू को परेशान किया करते थे ..इसलिए शायद आज बिल्लू उन सभी बातों का बदला उतार रहा था ..
राजेश ने उसे इशारे से चुप रहने को कहा ..कहीं उसे गुस्सा आ गया तो ”वो” काम नहीं हो पायेगा, जिसके लिए वो यहाँ आये थे ..
बिल्लू ने आगे कुछ नहीं बोला ..
मनीष सभी को लेकर बैठक में आ गया ..
अंदर बैठने के साथ ही राजेश ने जेब से ताश के पत्तो कि गड्डी निकाली और सेंटर टेबल पर रख दी ..जैसे बता रहा हो कि वो क्या करने आये हैं ..
मनीष कुछ बोलने ही वाला था कि तभी दिव्या वहाँ आ गयी ..
उसने साडी पहन ली थी ..पर्पल कलर की …और वो भी शिफॉन कि ..जो उसके मदमस्त शरीर पर किसी बेल कि भाँती लिपटी हुई थी ..और उसके हर उतार-चढ़ाव को दिखा रही थी .
पर इन सभी कुत्तों कि नजरें अब उसके नंगे पेट पर फिसल रही थी ..एकदम चिकना और सपाट पेट देखकर थापा का तो मन कर रहा था कि उसे वहीँ दबोच ले और उसकी नाभि के अंदर अपनी जीभ डाल दे ..
बिल्लू और हर्षित का भी यही हाल था ..पर कोई कुछ बोल नहीं रहा था ..
तभी बाजी मारते हुए राजेश उठा और उसने दिव्या के हाथों से ट्रे ले ली और बोला : "अरे भाभी …आप और तकलीफ ना करो …मैं दे देता हु सबको …
पर ऐसा करते हुए उस कमीने ने दिव्या के हाथों पर अपने हाथ रख दिए …और जल्द ही हटा भी लिए ..जैसे वो सब गलती से हुआ हो ..
दिव्या ने भी गौर नहीं किया ..और बिना कुछ बोले वहाँ से चली गयी ..
और उसके जाते ही, राजेश ने मनीष कि नजर से बचकर, अपने दोस्तों को देखते हुए, अपनी उँगलियाँ चाट ली ..
ये देखकर बाकी के तीनो दोस्त बुरी तरह से हंसने लगे ..
मनीष को कुछ समझ नहीं आया ..पर उसे पता चल गया कि उसकी बीबी से सम्बंधित ही होगा कुछ ..