07-12-2020, 08:47 PM
अपडेट - 32
चंचल : हाँ मैं गर्दन हिला कर अपनी सहमति कोमल को दे देती है... और साथ ही फ़ोन पर डॉक्टर से बात करके फोन कोमल को दे देती है...
कोमल : हेलो , जी मैंने आपसे बात की थी......
अब आगे...
नैनसी : हाँ कोमल बोलो....
कोमल :मैंने उसे आप तक पहुँचा दिया है बाकी आप देख लेना...
नैनसी : तुम चिंता मत करो बस मुझे 4 घंटे का समय लगेगा...
कोमल : सुबह चंचल उसकी बहन और श्रेया दोनों आपके पास आएंगे। आप उनसे पेपर साइन करवा लेना और राज जीजू को भेज देना।
नैनसी : एक्सीलेंट , तब तो कोई फिक्र की बात ही नहीं है। बस एक आखिरी सवाल है...
कोमल : क्या ?
नैनसी : रंग पक्का चढ़ाऊँ या टेम्पररी....
कोमल : होली में रंग पक्का ना चढ़े तो मज़ा नहीं आता... तो आप पक्का रंग ही चढ़ा दीजिये...
डॉक्टर और कोमल दोनो हसने लगती है...
उधर जब कोमल डॉक्टर से बात कर रही होती है तभी चंचल प्रिया को इशारे से बुलाकर राज़ को वो जूस पिलाने के लिए भेज देती है..कोमल को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था...
और वही दूसरी और राज के कमरे में गहरे नील रंग की रोशनी बहुत जोरों से चमक रही थी। राज के कमरे की खिड़कियों और दरवाजे के नीचे से बहुत दूर तक वो रोशनी फैली हुई थी। जिसे देख कर राज़ की माँ डर जाती है...वो धीरे धीरे राज़ के कमरे की तरफ बढ़ती है...
सरिता : मन ही मन सोचती है (ये रोशनी तो बरसों पहले बाबा के कमरे में देखी थी मैंने.. नहीं ये नहीं हो सकता....
सरिता भाग कर दरवाजा खोलती है कि सरिता तकरीबन 5 फिट दूर जाकर गिरती है और बेहोश हो जाती है... उसे आखिरी झलक एक अजीब सी औरत की दिखती है...
वही पार्टी में प्रिया राज़ से मिन्नतें कर राज़ को वियाग्रा मिला जूस पिला देती है...
चंचल और प्रिया एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कुरा रहे थे... तभी कोमल भी फ़ोन काट कर घूमती है तो राज़ की जूस पीते हुए देखती है... कोमल भाग कर राज़ को रोकने आती है लेकिन तब तक राज़ पूरा गिलास खत्म कर चुका था। तभी अचानक से समय रुक जाता है.... चंचल प्रिया और सब एक जगह रुक जाते है लेकिन कोमल और राज बिल्कुल समय के साथ थे उन पर समय का कोई असर नहीं था.... तभी राज़ के शरीर से भी हल्की हल्की नीली रोशनी निकलने लगती है।
ये नीलांकर था जो राज़ के शरीर में अब तीव्र हो चुका था... राज़ अभी कुछ समझ ने की कोशिश कर रही रहा था कि...
कोमल :- (घबराते हुए ) चंचल ? प्रिया? क्या हुआ तुम लोग कुछ बोल क्यों नहीं रही और यूँ स्टेचू बनकर क्यों खड़ी हो और ये म्यूजिक भी नही चल रहा
कोमल चंचल को छू ती है , जैसे ही कोमल का हाथ चंचल से लगता है एक बिजली जैसा झटका कोमल को लगता है...
कोमल 2 - 3 कसम पीछे को हटती है..
तभी राज़ को कुछ याद आता है.. और राज सदमे से हल्के से बोल पड़ता है...
राज़ : राजकुमारी नैना..
राज़ तुरन्त पार्टी के हॉल से बाहर निकलता है , बाहर निकलकर राज़ देखता है कि बाहर सभी गाड़ियां , हवा , सब जैसे ठहर गए हों, आवाज के नाम पर तो जैसे कोई बहुत बड़ी खामोशी रह गयी थी।
राज़ अभी अपने घर की तरफ भाग कर जाने ही वाला था कि राज़ को पीछे से किसी ने पकड़ लिया। राज़ पीछे पलट कर देखता है तो वो कोमल थी।
कोमल: राज़ ये क्या हो रहा है?
राज़: यही तो मुझे भी समझ नहीं आ रहा।
कोमल : देखो चारों तरफ ऐसा लगता है जैसे समय थम से गया हो।
राज़ : हैं ऐसे में दीदी... (राज़ घबराते हुए कोमल की तरफ देखता है) कोमल मेरी बहनें कहाँ है?
कोमल राज़ के इस सवाल का जवाब देती उससे पहले रानी और सोनिया दोनों दौड़ते हुए आती दिखी।
कोमल राज़ को एक तरफ करके रानी और सोनिया की तरफ दौड़ती है।
रानी : और क्या करें हमारी गाड़ी जैसे थम सी गयी हो हम लोग आगे नहीं बढ़ पा रहे थे और तो और हमारे आस पास के लोग भी जैसे स्टेचू बन गए हो ऐसा लग रहा था।
राज़ : (मन में) इसका मतलब केवल मैं ,कोमल, रानी और सोनिया , केवल हम ही है जो समय के परे है।लेकिन कैसे ?
तभी राज़ को एक आवाज सुनाई देती है।।।
आवाज--- राज़ अपने कमरे में आओ तुम्हे यही तुम्हारे सवालों के जवाब मिल सकते है और कहीं नहीं।
राज़: ये तो किसी औरत या लड़की की आवाज है???? कहीं ये राजकुमारी नैना तो नहीं। राज़ तुरंत घर की तरफ दौड़ लगा देता है। वही कोमल और राज की बहन राज़ को दौड़ता देख वो भी राज़ को रोकते हुए उसके पिछे पीछे भागने लगते है।
चंचल : हाँ मैं गर्दन हिला कर अपनी सहमति कोमल को दे देती है... और साथ ही फ़ोन पर डॉक्टर से बात करके फोन कोमल को दे देती है...
कोमल : हेलो , जी मैंने आपसे बात की थी......
अब आगे...
नैनसी : हाँ कोमल बोलो....
कोमल :मैंने उसे आप तक पहुँचा दिया है बाकी आप देख लेना...
नैनसी : तुम चिंता मत करो बस मुझे 4 घंटे का समय लगेगा...
कोमल : सुबह चंचल उसकी बहन और श्रेया दोनों आपके पास आएंगे। आप उनसे पेपर साइन करवा लेना और राज जीजू को भेज देना।
नैनसी : एक्सीलेंट , तब तो कोई फिक्र की बात ही नहीं है। बस एक आखिरी सवाल है...
कोमल : क्या ?
नैनसी : रंग पक्का चढ़ाऊँ या टेम्पररी....
कोमल : होली में रंग पक्का ना चढ़े तो मज़ा नहीं आता... तो आप पक्का रंग ही चढ़ा दीजिये...
डॉक्टर और कोमल दोनो हसने लगती है...
उधर जब कोमल डॉक्टर से बात कर रही होती है तभी चंचल प्रिया को इशारे से बुलाकर राज़ को वो जूस पिलाने के लिए भेज देती है..कोमल को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था...
और वही दूसरी और राज के कमरे में गहरे नील रंग की रोशनी बहुत जोरों से चमक रही थी। राज के कमरे की खिड़कियों और दरवाजे के नीचे से बहुत दूर तक वो रोशनी फैली हुई थी। जिसे देख कर राज़ की माँ डर जाती है...वो धीरे धीरे राज़ के कमरे की तरफ बढ़ती है...
सरिता : मन ही मन सोचती है (ये रोशनी तो बरसों पहले बाबा के कमरे में देखी थी मैंने.. नहीं ये नहीं हो सकता....
सरिता भाग कर दरवाजा खोलती है कि सरिता तकरीबन 5 फिट दूर जाकर गिरती है और बेहोश हो जाती है... उसे आखिरी झलक एक अजीब सी औरत की दिखती है...
वही पार्टी में प्रिया राज़ से मिन्नतें कर राज़ को वियाग्रा मिला जूस पिला देती है...
चंचल और प्रिया एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कुरा रहे थे... तभी कोमल भी फ़ोन काट कर घूमती है तो राज़ की जूस पीते हुए देखती है... कोमल भाग कर राज़ को रोकने आती है लेकिन तब तक राज़ पूरा गिलास खत्म कर चुका था। तभी अचानक से समय रुक जाता है.... चंचल प्रिया और सब एक जगह रुक जाते है लेकिन कोमल और राज बिल्कुल समय के साथ थे उन पर समय का कोई असर नहीं था.... तभी राज़ के शरीर से भी हल्की हल्की नीली रोशनी निकलने लगती है।
ये नीलांकर था जो राज़ के शरीर में अब तीव्र हो चुका था... राज़ अभी कुछ समझ ने की कोशिश कर रही रहा था कि...
कोमल :- (घबराते हुए ) चंचल ? प्रिया? क्या हुआ तुम लोग कुछ बोल क्यों नहीं रही और यूँ स्टेचू बनकर क्यों खड़ी हो और ये म्यूजिक भी नही चल रहा
कोमल चंचल को छू ती है , जैसे ही कोमल का हाथ चंचल से लगता है एक बिजली जैसा झटका कोमल को लगता है...
कोमल 2 - 3 कसम पीछे को हटती है..
तभी राज़ को कुछ याद आता है.. और राज सदमे से हल्के से बोल पड़ता है...
राज़ : राजकुमारी नैना..
राज़ तुरन्त पार्टी के हॉल से बाहर निकलता है , बाहर निकलकर राज़ देखता है कि बाहर सभी गाड़ियां , हवा , सब जैसे ठहर गए हों, आवाज के नाम पर तो जैसे कोई बहुत बड़ी खामोशी रह गयी थी।
राज़ अभी अपने घर की तरफ भाग कर जाने ही वाला था कि राज़ को पीछे से किसी ने पकड़ लिया। राज़ पीछे पलट कर देखता है तो वो कोमल थी।
कोमल: राज़ ये क्या हो रहा है?
राज़: यही तो मुझे भी समझ नहीं आ रहा।
कोमल : देखो चारों तरफ ऐसा लगता है जैसे समय थम से गया हो।
राज़ : हैं ऐसे में दीदी... (राज़ घबराते हुए कोमल की तरफ देखता है) कोमल मेरी बहनें कहाँ है?
कोमल राज़ के इस सवाल का जवाब देती उससे पहले रानी और सोनिया दोनों दौड़ते हुए आती दिखी।
कोमल राज़ को एक तरफ करके रानी और सोनिया की तरफ दौड़ती है।
रानी : और क्या करें हमारी गाड़ी जैसे थम सी गयी हो हम लोग आगे नहीं बढ़ पा रहे थे और तो और हमारे आस पास के लोग भी जैसे स्टेचू बन गए हो ऐसा लग रहा था।
राज़ : (मन में) इसका मतलब केवल मैं ,कोमल, रानी और सोनिया , केवल हम ही है जो समय के परे है।लेकिन कैसे ?
तभी राज़ को एक आवाज सुनाई देती है।।।
आवाज--- राज़ अपने कमरे में आओ तुम्हे यही तुम्हारे सवालों के जवाब मिल सकते है और कहीं नहीं।
राज़: ये तो किसी औरत या लड़की की आवाज है???? कहीं ये राजकुमारी नैना तो नहीं। राज़ तुरंत घर की तरफ दौड़ लगा देता है। वही कोमल और राज की बहन राज़ को दौड़ता देख वो भी राज़ को रोकते हुए उसके पिछे पीछे भागने लगते है।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
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[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
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