07-12-2020, 06:46 AM
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ठीक है, अब आप लोग राजकुमारी के सारे वस्त्र उतार कर, उन्हें नग्न कर दें और उनको चोदने के सिवा जो करना चाहें, वो आप उनके साथ कर सकते हैं… !!
यह सुन, गुप्तचर और डाकू चौंक गये..
तब गुप्तचर ने कहा – महाराज, आप यह क्या कह रहे हैं… !! यह तो, हमारी होने वाली महारानी हैं और हम कैसे इन्हें नग्न कर सकते हैं… !!
तब राजा ने, नाराज़ होते हुए कहा – गुप्तचर, आप से जितना कहा है, उतना करें… !! बस, ध्यान रहे की आप में से कोई उन्हें चोदेगा नहीं, समझे की नहीं… !!
बिचारा गुप्तचर क्या करता, उसने हाँ में सिर हिलाते हुए कहा – जैसी आपकी आज्ञा, महाराज… !!
Ab aage
डाकू तो बहुत खुश हो गये की उन्हें अब एक कुँवारी लड़की का बदन छूने को मिलेगा और फिर राजा एक अंधेरे कोने में जाकर, बैठ गया की कोई उसे देख ना पाए और डाकुओं ने राजकुमारी के वस्त्र खोलने शुरू कर दिए।
शरीर पर अनजान स्पर्श पाकर, राजकुमारी भी होश में आने लगी और उसे महसूस हुआ की कोई उसकी चोली को खोल रहा है.. ..
इस स्पर्श को पाकर, उसने अपने हाथ से उसके हाथ हटाने का प्रयास किया.. मगर, उसके हाथ बँधे होने के कारण, वो हाथ हिला ना पाई।
राजकुमारी ने जैसे ही सामने देखा तो चार नकाब पहने, आदमी उसके बदन से वस्त्र खोलने में लगे थे और उसे तब पता चला की उसका अपरहण हो गया है और वो चिल्ला उठी – बचाओ… !! बचाओ… !!
मगर, उस अंधेरी गुफा मे कौन उसकी चीख सुनता और इतने में पहले डाकू ने उसकी चोली खोल, उसके चूचे निर्वस्त्र कर दिए।
उसके गोरे गोरे, गोल गोल और बड़े बड़े चूचे देख, सब स्तब्ध रह गये।
फिर दो डाकू, उसकी दोनों चुचियों को पकड़ उन्हें दबाने लगे और उसके घाघरे के नाडे को खोलने लगे और जैसे ही नाडा खुला घागरा सरकता हुआ, राजकुमारी के पंजों तक उतर गया और उसकी चूत भी नंगी हो चली और डाकुओं ने उसे राजा की और मोड़ा और उसकी चूत दिखाई..
वो बड़ी छोटी और चिकनी थी, उसकी चूत के होंठ गुलाबी थे और फिर डाकुओं ने उसे उल्टा कर उसके गोल गोल और गोरे गोरे चुत्तड़ राजा को दिखाए..
यह देख, राजा भी उतेज़ित हो गया और उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया।
अब वक्षकुमारी बिलकुल नग्न हो चुकी थी और तीनों डाकू और गुप्तचर उसके बदन के हर अंग को छू रहे थे और राजकुमारी बस चिल्ला रही थी, अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए।
उसका चिल्लाना, राजा को और उत्तेजित कर रहा था और राजा अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा।
फिर, एक डाकू ने राजकुमारी की सुडोल चुत्तडों को चूमना शुरू कर दिया और एक उसकी चूत चूसने लगा तो बाकी उसकी चूचों को दबाने और चूचियाँ चूसने लगे।
राजकुमारी भी चिल्ला चिल्ला के हार चुकी थी और उसे पता चल गया था की उसे इधर, कोई बचाने नहीं आएगा।
राजकुमारी की चूत में, जब भी डाकू अपनी जीभ डालता तो वो पूरी कांप उठती और उसके मुंह से – उन्ह म्ह आ न्ह आ आ आ ह ह या न्ह इ स्स म्ह्ह्ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… !! की सिसकारियाँ निकल पड़ती।
इधर, दूसरा डाकू उसकी गाण्ड को अब अपनी उंगली से टटोलने लगा और गाण्ड पर जैसे उसकी उंगली टकराई तो राजकुमारी एक दम सरसारा उठी और अपनी गाण्ड आगे कर डाकू की उंगली से दूर की तो उसकी चूत में दूसरे डाकू की उंगली थोड़े अंदर तक चली गई और उसकी कुँवारी चूत को जब उंगली का स्पर्श पता चला तो उसने अपनी चूत पीछे खींची तो फिर उसकी गाण्ड में पीछे खड़े डाकू की उंगली हल्की घुस गई और फिर राजकुमारी को गाण्ड में उंगली महसूस हुई तो फिर उसने अपनी गाण्ड आगे कर दी और फिर उसकी चूत में आगे खड़े डाकू की उंगली घुस गई..
यह देख, सब ज़ोर ज़ोर से हंस पड़े.. मगर, राजकुमारी की आँखों से तो आँसू टपक रहे थे और वो उन लोगों से बोली – कृपया कर, हमारे साथ यह सब ना करें… !! हमारे पिताजी, आपको मुंह माँगा धन देंगे… !!
तब उनमें से, एक डाकू बोला – हमने धन तो बहुत कमाया है.. मगर, ऐसा बदन कहाँ मिलेगा… !! और फिर उस डाकू ने राजकुमारी की चूचियाँ चूसना शुरू कर दिया..
अब राजकुमारी समझ गई की आज उसकी इज़्ज़त नहीं बचेगी, इन डाकुओं से।
तभी राजा झड़ गया और फिर उसने गुप्तचर को इशारा कर बुलाया।
बेचारे का मन नहीं था की राजकुमारी की चूचियाँ छोड़े.. मगर, राजा का आदेश था तो छोड़ राजा के पास आया और बोला – कहिए महाराज… !! अब क्या आज्ञा है… !!
राजा बोला – अब आप पता करने जाइए की क्या, कोई संदेश आया योनपुर से… !! ??
गुप्तचर, तुरंत गुफा से निकल पता करने गया की कोई संदेश आया की नहीं और कुछ ही देर में, सूचना लेकर आया की योनपुर के राजा ने कामपुर से भी मदद माँगी है..
यह सुन, राजा ने खुशी जताई और बोला की आप इन डाकुओं को यही छोड़ हमारे साथ आएँ… !!
फिर राजा ने गुप्तचर को बताया की अगर, उन्हें अपनी योजना को पूरा करना है तो इन डाकुओं को मारना होगा… !!
जल्द ही, इस कहानी का अंतिम भाग..
ठीक है, अब आप लोग राजकुमारी के सारे वस्त्र उतार कर, उन्हें नग्न कर दें और उनको चोदने के सिवा जो करना चाहें, वो आप उनके साथ कर सकते हैं… !!
यह सुन, गुप्तचर और डाकू चौंक गये..
तब गुप्तचर ने कहा – महाराज, आप यह क्या कह रहे हैं… !! यह तो, हमारी होने वाली महारानी हैं और हम कैसे इन्हें नग्न कर सकते हैं… !!
तब राजा ने, नाराज़ होते हुए कहा – गुप्तचर, आप से जितना कहा है, उतना करें… !! बस, ध्यान रहे की आप में से कोई उन्हें चोदेगा नहीं, समझे की नहीं… !!
बिचारा गुप्तचर क्या करता, उसने हाँ में सिर हिलाते हुए कहा – जैसी आपकी आज्ञा, महाराज… !!
Ab aage
डाकू तो बहुत खुश हो गये की उन्हें अब एक कुँवारी लड़की का बदन छूने को मिलेगा और फिर राजा एक अंधेरे कोने में जाकर, बैठ गया की कोई उसे देख ना पाए और डाकुओं ने राजकुमारी के वस्त्र खोलने शुरू कर दिए।
शरीर पर अनजान स्पर्श पाकर, राजकुमारी भी होश में आने लगी और उसे महसूस हुआ की कोई उसकी चोली को खोल रहा है.. ..
इस स्पर्श को पाकर, उसने अपने हाथ से उसके हाथ हटाने का प्रयास किया.. मगर, उसके हाथ बँधे होने के कारण, वो हाथ हिला ना पाई।
राजकुमारी ने जैसे ही सामने देखा तो चार नकाब पहने, आदमी उसके बदन से वस्त्र खोलने में लगे थे और उसे तब पता चला की उसका अपरहण हो गया है और वो चिल्ला उठी – बचाओ… !! बचाओ… !!
मगर, उस अंधेरी गुफा मे कौन उसकी चीख सुनता और इतने में पहले डाकू ने उसकी चोली खोल, उसके चूचे निर्वस्त्र कर दिए।
उसके गोरे गोरे, गोल गोल और बड़े बड़े चूचे देख, सब स्तब्ध रह गये।
फिर दो डाकू, उसकी दोनों चुचियों को पकड़ उन्हें दबाने लगे और उसके घाघरे के नाडे को खोलने लगे और जैसे ही नाडा खुला घागरा सरकता हुआ, राजकुमारी के पंजों तक उतर गया और उसकी चूत भी नंगी हो चली और डाकुओं ने उसे राजा की और मोड़ा और उसकी चूत दिखाई..
वो बड़ी छोटी और चिकनी थी, उसकी चूत के होंठ गुलाबी थे और फिर डाकुओं ने उसे उल्टा कर उसके गोल गोल और गोरे गोरे चुत्तड़ राजा को दिखाए..
यह देख, राजा भी उतेज़ित हो गया और उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया।
अब वक्षकुमारी बिलकुल नग्न हो चुकी थी और तीनों डाकू और गुप्तचर उसके बदन के हर अंग को छू रहे थे और राजकुमारी बस चिल्ला रही थी, अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए।
उसका चिल्लाना, राजा को और उत्तेजित कर रहा था और राजा अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा।
फिर, एक डाकू ने राजकुमारी की सुडोल चुत्तडों को चूमना शुरू कर दिया और एक उसकी चूत चूसने लगा तो बाकी उसकी चूचों को दबाने और चूचियाँ चूसने लगे।
राजकुमारी भी चिल्ला चिल्ला के हार चुकी थी और उसे पता चल गया था की उसे इधर, कोई बचाने नहीं आएगा।
राजकुमारी की चूत में, जब भी डाकू अपनी जीभ डालता तो वो पूरी कांप उठती और उसके मुंह से – उन्ह म्ह आ न्ह आ आ आ ह ह या न्ह इ स्स म्ह्ह्ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… !! की सिसकारियाँ निकल पड़ती।
इधर, दूसरा डाकू उसकी गाण्ड को अब अपनी उंगली से टटोलने लगा और गाण्ड पर जैसे उसकी उंगली टकराई तो राजकुमारी एक दम सरसारा उठी और अपनी गाण्ड आगे कर डाकू की उंगली से दूर की तो उसकी चूत में दूसरे डाकू की उंगली थोड़े अंदर तक चली गई और उसकी कुँवारी चूत को जब उंगली का स्पर्श पता चला तो उसने अपनी चूत पीछे खींची तो फिर उसकी गाण्ड में पीछे खड़े डाकू की उंगली हल्की घुस गई और फिर राजकुमारी को गाण्ड में उंगली महसूस हुई तो फिर उसने अपनी गाण्ड आगे कर दी और फिर उसकी चूत में आगे खड़े डाकू की उंगली घुस गई..
यह देख, सब ज़ोर ज़ोर से हंस पड़े.. मगर, राजकुमारी की आँखों से तो आँसू टपक रहे थे और वो उन लोगों से बोली – कृपया कर, हमारे साथ यह सब ना करें… !! हमारे पिताजी, आपको मुंह माँगा धन देंगे… !!
तब उनमें से, एक डाकू बोला – हमने धन तो बहुत कमाया है.. मगर, ऐसा बदन कहाँ मिलेगा… !! और फिर उस डाकू ने राजकुमारी की चूचियाँ चूसना शुरू कर दिया..
अब राजकुमारी समझ गई की आज उसकी इज़्ज़त नहीं बचेगी, इन डाकुओं से।
तभी राजा झड़ गया और फिर उसने गुप्तचर को इशारा कर बुलाया।
बेचारे का मन नहीं था की राजकुमारी की चूचियाँ छोड़े.. मगर, राजा का आदेश था तो छोड़ राजा के पास आया और बोला – कहिए महाराज… !! अब क्या आज्ञा है… !!
राजा बोला – अब आप पता करने जाइए की क्या, कोई संदेश आया योनपुर से… !! ??
गुप्तचर, तुरंत गुफा से निकल पता करने गया की कोई संदेश आया की नहीं और कुछ ही देर में, सूचना लेकर आया की योनपुर के राजा ने कामपुर से भी मदद माँगी है..
यह सुन, राजा ने खुशी जताई और बोला की आप इन डाकुओं को यही छोड़ हमारे साथ आएँ… !!
फिर राजा ने गुप्तचर को बताया की अगर, उन्हें अपनी योजना को पूरा करना है तो इन डाकुओं को मारना होगा… !!
जल्द ही, इस कहानी का अंतिम भाग..