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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#70
मैं उसके पिता के सामने जाकर खड़ा हो गया और उनकी आँखो मे आँखे डाल कर बोला



सर जी, फोजी हूँ घमंड खून मे दौड़ता है, अगर आप की भी ज़िद है तो मेरी भी सुन लीजिए चाहते तो भाग कर भी जा सकते थे पर ये ना मानी क्योंकि इसे आपकी झूठी इज़्ज़त का भान था और रही बात हमारी तो इतना वादा है मेरा कि मिथ्लेश की माँग मे मेरा ही सिंदूर होगा जब प्यार कर लिया है तो निभाना भी जानते है हम ब्याह तो होगा ही राज़ी राज़ी नही तो बेराजी अब आप फ़ैसला बता दो



उसके पिता ने बंदूक उठा ली और मेरे सीने पर तान दी मैने कहा मार दीजिए सदियो से प्यार करने वालो का यही तो अंजाम होते आया है वो गुस्से से बोले छोरे आग से ना खेल इस नयी पीडी की यही तो दिक्कत है सब कुछ करना है खुद अरे जो माँ-बाप थमने पाले पोसे है उनके बारे मे भी सोच लिया करो आज या प्यार कर रही है काल गाँव की कोई और छोरी करेगी परसो कोई और



सदियो से चले आ रही रीतियो को तोड़ के के साबित करना चाहो सो थम मैने कहा ठाकुर साहब काश आप कभी प्यार को समझ पाते कभी आप अपनी बेटी को समझ पाते वो बोले छोरे मैं अंतिम बार कह रहा हूँ मेरे घर से निकल जा कही मे अपनी मर्यादा भूल गया तो ठीक ना रहेगा मिता बोली मनीष तुम अभी चले जाओ यहाँ से तुम्हे मेरी कसम है, तो मैने कहा ठीक है मिता तेरे कहने से जा रहा हूँ पर जल्दी ही आउन्गा बारात लेकर तुझे अपनी बना ने को

मिता का आँसुओ से भीगा हुवा चेहरा मेरी आँखो के सामने था मैने कहा मिता अपना मिलन होगा ज़रूर होगा मैं जल्दी ही आउन्गा तो पीछे से उसके पिता बोले महीने भर मे ही छोरी का ब्याह करवा दूँगा मैने बस चुप चाप सुन लिया पर मैने सोच लिया था कि कुछ भी करके बस मिता को ब्यहना ही है मुझे वैसे ही काफ़ी सीन हो गया था उधर बस शूकर था कि कोई मार पिटाई नही हुई थी




मेरा घर भी तो वहाँ से कुछ किलोमेटेर ही दूर था पर हालत देखो कुछ ऐसे थे कि उधर भी नही जा सकता था हताश सा मैं एक पेड़ के नीचे बैठा हुआ था की मेरे मोबाइल पर कॉल आई बस इतना ही बोला गया कि जहा भी हो तुरंत हेडक्वॉर्टर मे रिपोर्ट करो, सम्तिंग ईज़ अर्जेंट तो मैने देल्ही की बस पकड़ ली और सीधा एजेन्सी ऑफीस मे हाजरी दे दी बॉस ने मुझे कॅबिन मे बुलाया और एक फाइल देते हुवे कहा कि तुम्हारे लिए एक काम है





मैने कहा सर , प्लीज़ मुझे डेस्कजॉब चाहिए कुछ दिनो के लिए माइंड बहुत अपसेट है तो वो बोले ऑफीसर ये एजेन्सी तुम्हारे हिसाब से नही चलती है मुझे भी उपर जवाब देना पड़ता है और फिर शेरशाह क्या थकने लगा है जो उसे डेस्कजॉब चाहिए तुम जानते हो कि मैं कितना भरोसा करता हूँ तुम पर और इस काम के लिए तुमसे बेस्ट कॉन है तुम्हारे जाने की सारी तैयारिया हो गयी है नया पासपोर्ट और टिकेट्स तुम्हारी डेस्क पर तुम्हारे पहुचने से पहले होंगी




अब साली नोकारी भी करनी ज़रूरी , जी तो चाहा कि अप्लाइ कर ही दूं कि वापिस अपने केडर मे डाल दो मुझे पर आर्मी से तो ठीक ही था एक आज़ादी सी थी इधर तो मन मार कर एक चाइ का ऑर्डर दिया और अपनी डेस्क पर आ गया और फाइल को पढ़ने लगा तो मेरा और भी दिमाग़ खराब होने लगा अब बस ज़िंदगी मे ये दिन ही देखना रह गया था मैं ऑफीस से निकला अपना सामान लिया



और घर चल पड़ा , निशा घर पर ही थी तो उस से दुआ सलाम हुई पर मेरा मूड बिल्कुल भी ठीक नही था तो मैं बस अपने कमरे मे आ गया और जाने के लिए बाग पॅक करने लगा तो वो बोली अरे ये क्या अभी आए और अभी जा रहे हो मैने कहा यार कुछ ना पूछ अभी टाइम नही है वरना मैं तुम्हे सब बता देता तो वो बोली ठीक है पर इतना तो बता दो कि फिर कब आओगे ताकि मैं इंतज़ार कर सकूँ


तो मैने कहा अब कुछ नही पता इस बार आना होगा या नही तो वो बोली क्यो क्या हो गया है मैने कहा यार प्लीज़ , तो वो मेरे बालो को सहलाते हुवे बोली शांत हो जाओ और बैठो पास मेरे तो फिर मैने उसे पूरी बात बता दी तो उसने कहा कि तुमने ग़लत किया मिथ्लेश को वहाँ पर छोड़ना ही नही चाहिए था पता नही अब उसके फॅमिली वाले उसके साथ कैसा बिहेवियर करेंगे



मैने कहा मजबूर था मैं यार पर जल्दी ही काम ख़तम होते ही कुछ भी करके मैं उसको वहाँ से निकाल लाउन्गा पर तुम्हे मेरा एक काम करना होगा वो बोली बताओ मैने कहा मैं अपना मोबाइल तुम्हे दे कर जा रहा हूँ और अपनी नयी पोस्टिंग पर जातेही मैं वहाँ का कॉंटॅक्ट नंबर तुम्हे दे दूँगा अगर मिथ्लेश का फोन आए तो उसका नंबर मुझे देना वो बोली ये भी कोई कहने की बात है क्या



फिर मैने निशा का माथा चूमा और कहा कि चलता हूँ , तो वो बोली जल्दी काम ख़तम करके आना कही देर ना करदो मैने कहा यूँ गया और यू आया आज मेरा फर्ज़ भी मेरे आड़े आ गया था तो फिर मैं निकल गया एरपोर्ट के लिए वहाँ से अपनी फ्लाइट ली और बोर्ड कर गया शरीर मेरे साथ था पर दिल मे अपना हिन्दुस्तान मे ही छोड़ आया था


पता नही क्यो मेरा दिल बड़ा ही बेचैन हो रहा था ये सफ़र सुहाना नही लग रहा था मेरे लिए दिल मे सनम का ख़याल और दिमाग़ मे अपना फर्ज़ लेकर आख़िर मैं अपनी मंज़िल पर उतर गया , इंटरनॅशनल एरपोर्ट इस्लामाबाद, पाकिस्तान. वैसे मेरी हमेशा से ही हसरत थी कि मैं उस देश को विज़िट करूँ पर इस हालत मे नही पर अब तकदीर के फ़ैसलो को कॉन टाल सकते है फॉरमॅलिटीस पूरी करने के बाद मैं एरपोर्ट से बाहर आया तो




हमारा आदमी पहले से ही मेरा इंतज़ार कर रहा था अपनी तसल्ली के बाद मैं कार मे बैठ गया और गाड़ी अपनी मंज़िल की ओर चल पड़ी रास्ते पे मुझे कुछ देर के लिए नींद आ गयी पता नही क्या वक़्त हो रहा था उस पहर मे हम पर अंधेरा था आसमान मे मैने कहा जनाब कुछ भूक सी लगी है तो कुछ इंतज़ाम होगा क्या वो बोला जी पास मे ही एक मशहूर शॉप है बस थोड़ा सा इंतज़ार कीजिए



क्या बिरयानी खिलाइ उसने मुझे मैं तो फॅन ही हो गया दिल की सारी परेशानियो को उस खाने के स्वाद ने हर लिया था थोड़ी देर के लिए अब मैने बात को बढ़ाते हुए कहा कि कहाँ इंतज़ाम किया है तो बोला सर, कराची की डिफेन्स कॉलोनी मे मैने कहा पर वो तो हाइ प्राइयारिटी वाला एरिया तो वो बोला पर सर अपने जैसो के लिए सेक़ुरटये के क्या मायने और हँसने लगा

मैने कहा कब से हो इधर तो बोला सर 9 साल हो गये है शादी भी इधर ही करली और अब इधर ही रहेंगे मैने कहा वतन की याद नही आती तो बोला अरे सर आप भी कैसी बाते ले कर बैठे हो अपने जैसो का कहाँ कोई देश होता है बस अपना काम करो और बात ख़तम अब परिवार इधर तो अपना जीना मारना भी इधर और फिर अगर कोई प्राब्लम हुई भी तो एजेन्सी है ही



मैने कहा वो तो है पर यार इधर के हालत तो काफ़ी खराब बताए जाते है वो बोला आदत है अपने को तो और फिर लोग इतने बुरे भी नही है पर ये जो पॉलिटिक्स है उसका हाल तो आप जानते ही हो, बस बाकी सब ठीक है फिर वो मुझे एक फ्लॅट मे ले गया और कहा आज आप आराम करे कल कराची के लिए सफ़र करना है मैने कहा ठीक है अगले दिन



मेरा सफ़र फिर से शुरू हो गया दिन का उजाला था तो चारो तरफ चहल पहल थी ये देश भी मेरे देश जैसा ही था पर थोड़ा सा अलग भी था पर फिर भी अपना सा ही लगा मुझे तो लोग भी जिंदादिल से थे और जी रहे थे अपनी अपनी जिंदगियो को पर मैं कोई टूरिस्ट तो था नही मैं तो एक किराए का कातिल था जो अपना काम करने आया था और फिर खिसक लेना था

कराची पहुचते ही मुझे पाकिस्तानी आइडी मिल गयी और सेलफोन भी सबसे पहले मैने निशा को फोन करके अपना नंबर बताया और कहा कि अगर मिता की मिस्स्कल्ल मेसेज कुछ भी आता है तो तुरंत इनफॉर्म करना और हाँ तुम फोन स्ट्ड से करना वहाँ मुझे साजिद मिला मैने कहा टीम कब तक आएगी तो उसने कहा जनाब हाइकमान का ऑर्डर है कि मिशन आपको अकेले ही पूरा करना है


मैने कहा पागल हुए हो क्या अकेले कैसे होगा सब तो वो बोला सर मुझे उसके बारे मे कुछ नही पता , मेरा काम तो आप तक बस ज़रूरत का सामान पहुचाना है आप बता दीजिए कि क्या क्या चाहिए मैं अरेंज करता हूँ मैने उसको देखा और कहा एक बॉटल बियर ले आ मैने बॉस को कॉंटॅक्ट किया और कहा तो वो बोले शेरशाह तुम तो वैसे भी एक्सपर्ट हो और



फिर पाकिस्तान मे टीम वर्क करेंगे तो नज़रो मे आ जाएँगे उपर से गँवरमेंट. का इतना प्रेशर है और फिर तुम्हारा कोई रेकॉर्ड है ही नही एक दम क्लीन हो तुम मैने कहा सर आपको एक बात कहनी थी वो बोले श्योर, मैने कहा सर एक आइएसआइ एजेंट मुझे जानती है पर्सनली तो सर बोले और तुम मुझे अभी बता रहे हो तुम अभी निकलो उधर से दो घंटे मे लंडन की फ्लाइट मे तुम्हारा टिकेट बुक होगा



मैने कहा सर , अब आया हूँ तो काम निपटा ही दूँगा बस आप मेरे एग्ज़िट का ध्यान रखना तो वो बोले हवा, पानी या बाइ रोड हर रास्ते पर तुम्हारे लिए मदद मिलेगी बस तुम जिंदा रहना और भूल कर भी पकड़ मे नही आना वरना इंटरनॅशनल स्तर पर हमारी वॉट लग जाएगी मैने कहा सर अब मुझे अपने हिसाब से प्लान बना ना होगा और एक सेफ जगह भी चाहिए जहाँ मैं शांति से सोच सकूँ



बॉस बोले मेरे बाप जो करना है कर पर ध्यान रखना अगर गड़बड़ हुई तो रॉ आगे है ना पीछे, मैने कहा वो तो आपका पहला काम है वो बोले बेटे कोई नादानी नही करना अब तक तो पाकिस्तान की इंटेलिजेन्स को पता चल ही गया होगा कि इंडियन रॉ का एजेंट उनके मुल्क मे लॅंड किया है मैने कहा नही सर ऐसा कैसे हो सकता है तो वो बोले होते है कुछ राज पर जल्दी ही तुम मुझे वापिस चाहिए वो भी वन पीस मे



आज से पहले कभी अकेले काम किया नही था तो कुछ घबराहट सी हो रही थी पर चलो ये ही सही मैने कहा साजिद मुझे 20000 पाकिस्तानी रुपये चाहिए और सभी अलग अलग सीरियल मे होने चाहिए और रहने के लिए ऐसी जगह जहाँ कुछ टाइम मिल सके तो वो बोला पर जनाब आपका इंतज़ाम तो डिफेन्स कॉलोनी मे कर दिया गया है मैने कहा जो कहता हूँ वो करो वो बोला बस कुछ देर मे इंतज़ाम हो जाएगा


कराची, की बदनाम गलियाँ जैसे अपने यहाँ देल्ही मे जीबी रोड फेमस है कदम रखते ही मैने कहा भाई जान इस से बेहतर कुछ नही मिला क्या तो वो बोला जनाब आप आइए तो सही फिर कुछ सन्करि गलियो से गुज़रते हुए हम लोग एक ख़स्ता हाल सी इमारत मे घुस गये वो बोला सारा इंतज़ाम इधर ही है आपके लिए पर्सनल रूम वित हाई स्पीड इंटरनेट और ये लीजिए आपके पैसे



वो बोला अगर और कुछ मदद चाहिए तो सलमा से कह देना मैने कहा ठीक है मैं अपने प्लान का डेमो तैयार करने लगा पर मेरा दिल बारबार मिथ्लेश की तरफ भाग रहा था वैसे मैं अपने फर्ज़ और पर्सनल लाइफ को हमेशा अलग रखता था पर आज ये साला दिल कुछ ज़्यादा ही खिलाफत कर रहा था मैने लॅपटॉप ऑन किया ही था कि तभी कुण्डी खड खड़ाई



मैने दरवाजा खोला तो बाहर सलमा खड़ी थी पेशे से वो तवायफ़ थी पर बला की हसीन थी वो बोली जी आपके लिए चाइ लेकर आई हूँ मैने कहा अंदर आइए तो वो मेरे लिए चाइ कप मे डालने लगी चाइ पीते पीते बात करने लगी उसने पूछा हिन्दुस्तानी हो मैने कहा जी वो बोली सुना है हिन्दुस्तानी लोगो के दिल बहुत बड़े होते है मैने कहा कोई शक़ है क्या



तो वो बोली पर हम पाकिस्तानी भी बेहतरीन मेहमान नवाज़ी करते है मैने कहा बेशक, अब आपके मेहमान है तो आपकी मेहमान नवाज़ी भी देख लेंगे वो बोली करम हमारा हम बाते कर ही रहे थे कि बाहर से कुछ आवाज़े आई तो सलमा बाहर चली गयी मैं भी उसके पीछे पीछे आ गया तो देखा कि एक आवारा सा दिखने वाला इंसान दारू के नशे मे चूर कुछ लड़कियो से बदतमीज़ी कर रहा था



पर मैं इस मामले मे कुछ नही कर सकता था थोड़ी देर बाद सलमा फिर से वापिस आई और बोली ये मुल्ला बिन क़ासिम का भतीजा है शहर पर इनकी ही हाक़ूमत है सरकार भी कुछ नही बोलती जीना हराम किया हुआ है बिन क़ासिम ये नाम मुझे कुछ सुना सुना हुवा सा लगा तो फिर सलमा के जाने के बाद मैने बिन क़ासिम की डीटेल्स देखी कहने को तो बिज्नीस मॅन था पर सारे दो नंबर के काम थे हथियारो की स्मगलिंग, गोल्ड और नशे का कारोबार करता था



अच्छा रशुख था सहर मे उसका , तो मैने एक आइडिया सोचा और फिर मैने सलमा से कहा कि मैं ज़रा सहर घूम कर आता हूँ यहाँ की आबो हवा से वाकिफ़ हो लूँ वो तो मना कर रही थी पर मैं उधर से निकल आया और उसके भतीजे का इंतज़ार करने लगा जैसे ही वो कोठे से निकला और अपनी कर की तरफ बढ़ा मैने उसका पीछा शुरू कर दिया उस सुनसान गली मे खड़ी एक कार को मैने चुराया



और उसकी गाड़ी के पीछे लगा दिया , मज़ारे शरीफ इलाक़ा यहाँ पर वो पान खा रहा था चारो तरफ भीड़ की गहमा घहमी थी मेरी नज़र बराबर से उसके उपर लगी हुई थी कुछ तो था मेरे मन मे फिर वो अचानक से पब्लिक टाय्लेट की तरफ बढ़ा और मैं भी उधर ही लपक लिया उन बीस तीस सेकेंड्स मे ही मैने अपना काम कर दिया था अगले रोज अख़बार मे सुर्खिया थी एक मर्डर की एक हाइ प्रोफाइल मर्डर की

असल मे मेरा मकसद था कि मैं सबका ध्यान इस ओर मोड़ कर अपना काम आराम से कर सकूँ पर क्या ये सब इतना आसान था शहर जैसे ठप्प हो गया था पर इन दो दिनो मे मैने उस खास एरिया की रेकी कर के जानकारी निकाल ली थी साजिद की आख़िरी मदद ये थी कि उसने बिल्डिंग का ब्लूप्रिंट निकाल दिया था अब मेरे पास बहुत ही कम टाइम था मुझे जल्दी से जल्दी वापिस हिन्दुस्तान निकलना था



जहाँ मेरी मोहब्बत आँखे बिछाए मेरा इंतज़ार कर रही थी कैसी ये जंग सी छिड़ गयी थी मेरे फर्ज़ और मेरी मोहब्बत के बीच दोनो ही मेरे लिए अज़ीज थे और दोनो ही मुझसे कुर्बानी माँग रहे थे मैं अपने काम मे माहिर एक किराए का कातिल था पर इस बार मेरे पास बॅकप नही था मेरे पास कोई टीम नही थी जो करना था अकेले को करना था



पाकिस्तान आर्मी का ख़ुफ़िया प्रिज़न सेल था वो , पर चूँकि पब्लिक एरिया मे था तो सेक्यूरिटी इतनी हाइटीक नही थी पर फिर भी टाइट तो थी ही उस दिन इतनी घबराहट मुझे पहले कभी नही हुई थी उस सुबह से ही मेरा दिल बड़ा घबरा रहा था आख़िर क्या मुझे डर लग रहा था बदन से बार बार पसीना बह रहा था ड्रेनिंग लाइन के रास्ते से मैं बिल्डिंग के सीवरेज टॅंक तक आ गया



पूरा प्लान मेरे हिसाब से सेट कर रखा था मैने वहाँ से किसी तरह मैं एर कंडीशनिंग डक्ट मे घुस गया और फिर आहिस्ता आहिस्ता रेंगते हुए मैं ब्लॉक 57 मे आ गया डक्ट की झिर्रियो से देखा तो उस कमरे का नज़ारा मेरा दिल दहल गया उफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या हालत कर दी थी कमिनो ने , ये थी मेरी वजह यहाँ पर आने की हमारी कोर एजेंट राधा
जिसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने बॉर्डर एरिया मे धर लिया था इसी को निकालना था मुझे यहाँ से पर शायद उस दिन किस्मत मेरे साथ नही थी मैने अपनी तरफ से सब कुछ तय कर लिया था एंट्री तक सब पर्फेक्ट था पर जिस चीज़ पर मैने गोर नही किया था वो थी सीसीटीवी कॅमरा और मोशन सेंसर दरअसल इन सब चीज़ो की ज़िमेदारी हमारे कंप्यूटर एक्सपर्ट की होती थी पर यही पर मुझ से गड़बड़ हो गयी



डक्ट तोड़ कर कमरे मे एंटर होते ही मुझे पता चल गया कि पंगा खड़ा हो गया है मेरे उतरते ही मोशन अलार्म बज उठा और बिल्डिंग मे हलचल मच गयी शेरशाह की सारी होशियारी धरी गयी राधा की हालत भी ठीक नही थी पर अब तुरंत फुरंत का काम था और मुझे कोई भी शौक नही था कि राधा के साथ मैं भी क़ैद हो जाउ तो मैने गन निकाल ली और सीधा मेन गेट पर फाइयर किया लॉक टूट ते ही बाहर के दो गार्ड्स को सल्टाता हुआ मैं राधा को घसीट ते हुए भागा , पर इतना आसान नही था एग्ज़िट करना मुझे पता था कि 5 मिनिट मे ही पाकिस्तानी आर्मी चारो और से कवर कर लेगी और मैं एंट्रेन्स से ब्लॉक 57 की दूरी 300-400 मीटर तो थी ही मैने फाइरिंग करते हुए कहा कि राधा तुम होसला रखना मैं कुछ नही होने दूँगा तुम्हे सुरक्षित ले जाउन्गा मैं तुम्हे उसने मेरी ओर उम्मीद से देखा



दो मिनिट के अंदर ही मैं 10-12 गार्ड्स को ढेर कर चुका था पर थे हम अभी भी कॅंपस मे ही तभी मेरी नज़र आर्मी की गाड़ी पर गयी मैं और राधा दौड़ते हुए उधर गये मैने गेट खोला और उसको अंदर धकेला और खुद बैठ ही रहा था कि तभी वो हो गया जो बिल्कुल ही नही होना चाहिए था मेरी आँखे जैसे बाहर को ही आ गयी मैं हाथ नीचे ले गया तो देखा कि खून निकल रहा था



बुलेट हिट कर गयी थी कमर के निचले हिस्से पर सर घूम गया मेरा तो पर फिर खुद को संभालते हुए मैने गाड़ी स्टार्ट की हालत को समझते हुए राधा ने कवर फाइरिंग स्टार्ट कर दी और फिर मैं गेट से निकल गया और गाड़ी आर्मी एरिया की सड़को पर दौड़ ने लगी पास से ही एक शॉर्टकट था जो कि सिविल लाइन्स की तरफ जाता था तो मैने गाड़ी उधर ही दौड़ा दी आँखो से आँसू बह चले थे



दर्द बुरी तरह से बह रहा था राधा ने खून को रोकने के लिए मेरी शर्ट को फाड़कर पट्टी की तरह से लपेट दिया था पर मेरी हिम्मत जवाब देती जा र्है थी पीछे आर्मी की गाडिया लगी थी सिविल लाइन्स मे पोलीस को इत्तिला हो गयी थी तो उधर भी ब्लोकॅज हो रहा था पर दाद देनी होगी पाकिस्तानी आर्मी को गाड़ियाँ बहुत लाजवाब रखते थे तो बारैकेड को तोड़ते हुवे आख़िर मैने वो इलाक़ा भी पार कर लिया




मेरी आँखे बंद होने के कगार पर आ गयी थी बस किस्मत का ही सहारा था और उस उपरवाले ने भी ठीक उसी पल अपना जलवा दिखाया पास मे ही किसी पीर साहब की सवारी जा रही थी तो खूब भीड़ थी उस चौराहे पर तो मैं और राधा किसी तरह से उस भीड़ मे शामिल होगये और फिर कराची बकरी के पास वाली गली से होते हुवे बदनाम मोहल्ले मे घुस गये


जाते ही मैं तो बेड पर पड़ गया अब मोर्चा सलमा ने संभाला उसने फॉरन ही हमे एक तहख़ाने टाइप कमरे मे पहुचा दिया और आधे घंटे से भी कम समय मे डॉक्टर का इंतज़ाम कर दिया साजिद भी वहाँ पर आ गया था राधा के घाव की ड्रेसिंग कर दी गयी और मेरी गोली भी निकाल दी गयी थी डॉक्टर बोला हालत मे सुधार होने तक आपको आराम ही करना होगा



मैने कहा साजिद साले कैसी जॅकेट लाया था गोली तो पार कर गयी वो बोला भाईजान माफी दे दे वो क्या है ना इधर ज़्यादातर माल चाइना से आता है तो ग़लती हो गयी मैने कहा नालयक मुझे तो परेशानी होगयि ना दवाइयों के नशे मे नींद आ गयी होश आया तो दिन निकला हुआ था पता चला कि 18 घंटे बाद उठा था मैं राधा ने मुझे बहुत ही शुक्रिया कहा मैने कहा किसने एजेंट बना दिया जो फँस गयी तो वो कुछ ना बोली साजिद ने बताया कि भाईजान मीडीया मे बात लीक हो गयी है कि कोई हिन्दुस्तानी जासूस घुस आया है उन्होने ये तो नही कहा कि किसी को भगाकर ले गया है पर अब तक तो आइएसआइ भी इन्वॉल्व हो गयी होगी मैने कहा हाँ मुझे पता है उधर सीसीटीवी मे मेरी शकल भी गयी होगी भाई वो बोला कि बॉर्डर एरिया की तरफ जाने वाला हर रास्ता सील कर दिया गया होगा , हर एरपोर्ट, बस स्टेशन, रेल सब जगह सेक्यूरिटी होगी चेकिंग चालू होगी



प्राब्लम ये थी कि मुझे हर हाल मे निकलना था वैसे ही दस दिन खराब हो गये थे इधर और मिता के पिताजीने कहा था कि वो महीने भीतर ही उसकी शादी कर देगा हर पल मुझे उधर की चिंता थी और मैं इधर फसा हुआ था और घायल था वो अलग से मैने बॉस से कहा कि सर कुछ भी करके निकालिए इधर से मेरा कहीं पहुचना बहुत ही ज़रूरी है बॉस ने कहा कि केस सेनस्टिव हो गया है



पाकिस्तान ने हम पर आरोप लगाया है तुम्हे तो पता ही है कि वो हमेशा राग अलपता रहता है कि रॉ की इनवोलव्मेंट है तुम किसी भी तरह से किसी भी बॉर्डर साइड पर आ जाओ मैं वादा करता हूँ कि निकल लूँगा उधर से तुमको पर तुम्हारी हालत भी ठीक नही है तुम कुछ दिन आराम करो उधर ही छुपे रहो अपने एजेंट्स मदद करेंगे तुम्हारी और मामला थोड़ा सा ठंडा होते ही तुम आ जाना मैने कहा सर आप समझ नही रहे है , मेरा इंडिया आना बहुत ही ज़रूरी है तो बॉस बोले बॉर्डर तक तो आओ गुरुजी मैने गुस्से से फोन काट दिया अब साला इतनी टाइट सेक्यूरिटी मे कॉन हेल्प करे मेरी मेरा एक एक दिन भारी हो रहा था मुझ पर 5-6 दिन इसी तरह से कट गये और पल पल मेरी जान निकली जाए पर कोई रास्ता ना सुझे तो आख़िर मैने उस दिन साजिद से मेकप करवा के अपना हुलिया बदलवाया और लंगड़ाते हुए वहाँ से बाहर निकल आया




हिम्मत करके किसी तरह से एक पीसीओ तक पहुचा आख़िर मजबूर होकर मैने वो नंबर डाइयल कर ही दिया जो एक दो धारी तलवार साबित हो सकती थी मेरे लिए हो सकता था कि फिर सारी ज़िंदगी याहान की किसी अंधेरी कोठरी मे गुज़रे पर मेरी हालत ऐसी ही थी कि बस अब एक ही दरवाजा था जहाँ पर मुझे मदद मिल सकती थी घंटी गयी पर कोई रेस्पॉन्स नही फिर घंटी गयी पर फिर कोई रेस्पॉन्स नही




10-12 बार मैने वो नंबर लगाया पर सेम रिज़ल्ट और फिर जैसे ही मैं हताश होकर पीसीओ से बाहर निकला ही था कि पीसीओ वाले फोन की रिंग बजी तो मैने लपक कर उठाया मैने बस इतना ही कहा कि तुम्हारा हिन्दुस्तानी दोस्त जल्दी से मुझे कराची बकरी के पास मिलो और फोन रख दिया मुझे पता था कि वो ज़रूर आएगी ये मैने एक बहुत बड़ा रिस्क लिया था



पर अब वो ही थी जो मेरी मदद कर सकती थी रिक्शा लिया और मैं उधर पहुच गया और बीस पचीस मिनिट बाद वो भी उधर आ गई मैं धीमे से चलते हुए उसके पास गया और कहा कि मेरे पीछे आओ मुझे ये भी नही पता था कि वो अकेली है या किसी के साथ है पर फिर हम दोनो पास मे एक जूस की दुकान मे बैठ गये महक बोली तो तुम हो शेरशाह



मैने कहा कोई शक़ वो बोली जिसे पूरे पाकिस्तान की पोलीस, इंटेलिजेन्स शिद्दत से चप्पे चप्पे पर ढूँढ रही है वो खुद मरने को आ गया मैने कहा महक देखो फालतू बातो का टाइम नही है मेरे पास मेरी मोहब्बत मेरा इंतज़ार कर रही है हिन्दुस्तान मे मेरा पहुचना बहुत ही ज़रूरी है वरना मोहब्बत रुसवा हो जाएगी और मैं बेवफा वो बोली तो मैं क्या कर सकती हूँ, मैने कहा इस टाइम मैं तुम पर ही भरोसा कर सकता हूँ प्लीज़ कुछ भी करके मुझे बॉर्डर पार करवा दो तो वो बोली वाह जनाब आप भी ना , आपकी इन्ही अदाओं पर तो हम फिदा है दुश्मनो पर भी आप इतना भरोसा करते है कसम से खुदा ने खूब सोच कर आपको बनाया है जानते है अगर मैं अभी आपको पकड़ लूँ तो मुझे कितना इनाम मिलेगा और प्रमोशन अलग से



मैने कहा महक तुम ये बताओ कि मेरी हेल्प करोगी या नही मैं वादा करता हूँ कि जब भी तुम्हे मेरी हेल्प चाहिए होगी मैं दौड़ा चला आउन्गा तो वो बोली जनाब पर आपकी मदद करके मुझे गद्दार समझा जाएगा मैने उस दिन भी कहा था कि हमारे रास्ते अलग अलग है और बेहतर होगा कि आप फिर कभी ना मिलना मैने कहा अब रिश्ता ही तुमसे ऐसा है तो करे भी क्या



जान तुम्हारे हाथ मे रख दी है चाहे ले लो पर कुछ भी करके हिन्दुस्तान पहुचा दो वरना कही मोहब्बत रुसवा हो गयी तो लोगो का प्यार पर से ऐतबार उठ जाएगा महक अपनी आँखो पर चश्मा पहनते हुए बोली कुछ तो क़र्ज़ है ही आपका मुझे पर शेरशाह जी अब आपकी मदद ना करी तो जन्नत नसीब ना होगी उसने कहा अपना सेल नंबर दो मुझे



और थोड़ा सा टाइम ताकि मैं जुगाड़ कर सकूँ मैने उसका हाथ चूम लिया और कहा तेरी मेरी दोस्ती सरहदों मे कभी नही बटेगी बेशक हम अलग-अलग वतन के सिपाही है पर मेरा वादा है कि मेरी अंतिम सांस तक तू जब भी बुलाएगी तेरे लिए दौड़ा चला आउन्गा महक बोली अभी जाती हूँ तो उसी रात मैने बॉस को फोन किया और कहा कि मैं बॉर्डर पर आ रहा हूँ बीएसएफ से बात कर लेना और एक हेलिकॉप्टर भी चाहिएगा जो मुझे तुरंत ही मेरी मंज़िल पर पहुचा दे वो बोले डॉन’ट वरी हो जाएगा, कुछ अपने करम थे ऐसे कुछ तो बात थी उस महक मे जो मेरी दोस्ती के लिए अपने फर्ज़ से गद्दारी कर गयी थी गद्दार होना मंजूर कर लिया था उसने , अपने सोर्सस के बल पर उसने हमे गुजरात बॉर्डर पार करवा दिया मैने उसका माथा चूमा और कहा तुम्हारा अहसान रहगा हमेशा तो वो आँखो मे आए हुए पानी को बहने ने रोकती हुई बोली



बस इतनी गुज़ारिश है कि आज के बाद मुझे मत मिलना बीएसएफ से सेट्टिंग हो ही चुकी थी तो आख़िर अपनी सरहद मे आ ही गये बीएसएफ कॅंप मे बॉस के वादे के अनुसार हेलिकॉप्टर तैयार खड़ा था मैने उसे कहा कि पहले देल्ही नही चलना है बल्कि मेरे शहर चल तो उसने कहा कि सर ऑर्डर नही है मैने कहा माँ चुदाये ऑर्डर जैसा कह रहा हूँ वैसा ही करो मेरी लाइफ का सवाल है



तो करीब 3 घंटे बाद हम मेरे सहर मे थे मैं तुरंत ही पोलीस के एसपी के पास गया उसको आइडी दिखाई और पूरी बात बताई और फोर्स लेकर मिता के घर पर चल दिया
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 06-12-2020, 10:57 AM



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