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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#66
आज ज़िंदगी मे पहली बार उनकी आँखो मे मैने नमी देखी थी , ये ना समझना की पापा नशे मे है तो कुछ भी बोल रहे है मेरे बेटे हाँ पर इतना ज़रूर है कि अगर आज मे नशे मे ना होता तो शायद तुझसे कभी अपने मन की बात बोल भी नही पता वो कहने लगे बेटे – मेरी इन बातों का शायद तेरे लिए कोई मोल ना हो पर जिस दिन तेरी खुद की औलाद होगी ना उस दिन तू समझेगा कि बाप क्या बोलता था ले एक पेग ले ले मुझसे कैसी शरम , दारू अंदर जाएगी तो शायद तेरे अंदर भी हिम्मत हो जाए कि बाप से दो बात कर ले जब से आए है तुझे देखा कि बस दूर दूर बाहर है, अब शायद हमारी परवरिश मे ही कोई कमी कमी रह गयी होगी कि अपनी औलाद अपना खून ही देखो कैसे दूर दूर हो रहा है मेरी आँखो से जो इतने दिनो से गुबार जमा हुआ था मन मे वो सारी फीलिंग्स आँसू बन कर बहने लगी मैं पापा के गले लग गया और फुट फुट कर रोने लगा काफ़ी देर तक बस मैं रोता ही रहा रोता ही रहा अपने पापा की गले लग कर



वो बोले रोता क्यो है , अगर माँ बेटे के बीच कुछ शिकवा था भी तो क्या तू मेरे आने की वेट नही कर सकता था घर ही छोड़ कर चला आया ये तूने अच्छा नही किया मनीष , मेरे बेटे क्या तुझे अपने बाप पर ज़रा सा भी भरोसा नही था आख़िर ऐसा क्या हो गया था जो आपस मे बैठ कर सुलझाया नही जा सकता था तुझे तेरी पसंद की लड़की से शादी करनी थी ना तो कर ले किसने रोका तुझे ना मैने उस दिन मना किया ना आज करता हूँ पर बेटे माँ-बाप को यू रुसवा कर दिया तूने




उनकी कही हर एक बात मेरे कलेजे को चीरे जा रही थी , और सच ही तो था मैं कभी एक अच्छा बेटा बन ही नही पाया था , बस भागता ही तो रहा था मैं अपनी जिंदगी भर , कभी सोचा ही नही था उनके बारे मे बस निकला भी तो क्या मैं एक नालयक , वो बिल्कुल सही थे पर मैं एक कमीना इंसान था हालत ने ये कैसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया था मुझे , महॉल बड़ा ही टेन्स हो गया था तो मामा जी ने मुझे कहा कि बेटे तुम अंदर जाओ और फिर वो पापा को संभालने लगे मैं बैठक से तो बाहर निकल आया पर उस एक पल मे ही सब कुछ बेगाना सा लगने लगा था मैं साला जाउ तो कहाँ जाउ इतनी बड़ी दुनिया मे कही ऐसी जगह नही जहाँ दो पल का सुकून मिल सके




जहा दो पल बैठ कर मैं हँस सकूँ , अपने आप को कह सकूँ कि मैं खुश हूँ इतनी बड़ी दुनिया मे मेरा कही कुछ नही बस मुसाफिर बनकर रह गये थे हालातों के मारे हम करे भी तो क्या अरे आँसू भी अपनी आँख का ही नमक



फिर बस खराब तबीयत का बहाना कर के बिस्तर पर लेट गया और अपने एमोशन्स को कंट्रोल करने की कोशिश करने लगा ध्यान तब टूटा जब नीचे बनवारे के लिए बाजा बजने लगा मैं उठा और दो गिलास पानी पिया मैने सोचा कि अब मेरा यहाँ से चले जाना ही ठीक रहेगा वारना मैं तो दुखी रहूँगा ही मम्मी-पापा भी परेशान होंगे तो जब सारे लोग बनवारे मे नाचते गाते घरे से बाहर गली मे चले गये तो मैने चुपके से अपना बॅग पॅक किया और पिछली गली से बाहर निकल गया

रात के साए मे धुन्ध की चादर ओढ़े मैं गाँव से बाहर निकल आया और हताश कदमो से हाइवे की ओर चले जा रहा था जो की करीब 5 किमी दूर था ,,निकल तो आया था पर पता नही था कि जाना किधर है एक रास्ता जाता था देल्ही की तरफ जहाँ पर थी निशा मेरी प्यारी दोस्त और दूसरा जाता था जयपुर की तरफ जहाँ से मैं अजमेर जा सकता था यही सोचते सोचते मैं हाइवे तक पहुच ही गया



काफ़ी सर्द रात थी वो जॅकेट मे भी जबरदस्त सर्दी लग रही थी , हाइवे पर ही एक ठेका था तो मैने एक विश्की का हाफ ले लिया खीचने लगा मैने ठेके वाल से पूछा कि भाई इधर बस कहाँ मिलेगी तो वो बोला कि इधर तो नही मिलेगी थोड़ी आगे एक होटेल है उधर बस रुका करती हैं तो उधेर देख लो मैं जाके उस होटेल पर ही बैठ गया और इंतज़ार करने लगा


तभी फोन बज उठा,ये साला फोन भी अजीब चीज़ होता है कही भी बज जाता है तो मैने देखा कि अशोक भाई का फोन था वो बोले कहाँ है तू मैने कहा बस इधर ही हूँ वो बोले जल्दी से मेरे पास आ तो मैने कहा नही यार अब नही आ सकता मैं वापिस जा रहा हूँ तो वो बोले कहाँ जा रहा है तू , तू कही नही जाएगा अभी के अभी वापिस आ मैने कहा अब ना रोक भाई , जाने दे मुझे हम जैसों का कहाँ कोई घर हुआ करता है भाई




तू इस मुसाफिर को अब जाने दे , तो वो बोला यार ऐसा क्यो बोलता है क्या मेरा घर तेरा नही है और फिर जब भाई ही यूँ चला जाएगा तो फिर कैसी शादी होगी कब्से तो इतना चाव कर रहा था तू शादी का और अब तू ऐसे मूह छिपा कर जा रहा है मैने कहा भाई यार तू एमोशनल ना कर अभी तो वो बोला देख तुझे कसम है मेरी अगर तू गया तो चुपचाप घर आजा और सो जाना किसी को पता ही नही चलेगा


मैने कहा यार तू ज़िद ना कर तो वो बोला तू पहले बता है कहाँ पर तो मैने कहा शिवानी होटेल पर हूँ भाई बोला तू उधर ही रुक मैं बस दस मिनिट मे आता हूँ तो फिर मैने कहा यार तू कहाँ आ रहा है पर वो बोला , बोल दिया ना उधर ही रुक मैं आ रहा हूँ करीब पंद्रह मिनिट बाद वो आ गया आते ही उसने एक खीच कर चान्टा जचा दिया तो मैं कुर्सी से गिर गया



वो बोला साले , भाई को छोड़ कर जा रहा है शरम नाम की कोई चीज़ है या नही है मैं बोला मारा क्यो तो उसने एक और रख दिया और बोला तेरी सारी उतार दूँगा बना फिर रहा है देवदास की औलाद , मैने कहा भाई मेरे भाई फिर उसने मुझे अपने गले लगा लिया और बोला यार छोटे तेरे सिवा मेरा है ही कॉन और तू इस तरह छुप कर जा रहा है तो गुस्सा आयगा ही ना



मैं रोते हुए बोला यार भूक लगी है बहुत तेज तो बोला चल आजा , बोल क्या खाएगा तो फिर उसने खाने का ऑर्डर दिया और बोला चल मूह धोले कैसी रोनी सी शकल बना रखी है कल को तेरी भाभी आएगी तो क्या सोचेगी कि रोट्लु देवर है तो मैं मूह धोने चला गया फिर वो मुझे अपने हाथो से खाना खिलाते हुए बोला यार तू भी कमाल करता है एक फोजी होकर एमोशनल हो जाता है मैने कहा यार फोजी भी तो इंसान ही होते है क्या दिल नही धड़कता उनके सीने मे

तो वो बोला देख तुझे एक राज़ की बात बता ता हूँ जो फोजी होता है ना वो देखा जाए तो एक सरकारी कुली से ज़्यादा कुछ नही होता , और फिर कदर करता ही कॉन है फोजी की आधी उमर तो पोस्टिंग्स मे बोरिया-बिस्तर लेकर घूमते हुए कट जाती है जो बची वो दारू के नशे मे कट जाती है , तूने कभी गौर किया कि हम फोजी जो होते है कभी ड्यूटी पे पीते है क्या पर जब घर आते है तो खूब पीते है




मैने कहा क्यो भाई वो बोला वो इसलिए छोटे क्योंकि इस दुनिया मे फोजी की कोई इज़्ज़त होती ही नही है फोज मे अफसरो की गालियाँ खाओ, घर आओ तो कोई ये नही पूछता कि बेटा ठीक है, भाई कैसा है कैसे रहते हो उधर , तबीयत कैसी है किस हाल मे हो पूछता है क्या कोई मैने कहा नही भाई, बोला आते ही सब पूछते है क्या लाया क्या लाया माँ बाप पूछेंगे कि कितना पैसा लाया कितना जोड़ लिया



मैने कहा वो तो है बोला यार अपने दोस्त भी पीठ पीछे फोजी मेंटल मेंटल करते है एक सिक्युरिटीी की इज़्ज़त है पर अपनी नही फोजी के बच्चे, उसकी वाइफ वो फोजी को थोड़ी चाहते है वो तो बस देखते है कि कितना पैसा लाया है 6 महीने मे जो आया है बच्चों को पता चलता है कि बाप आ गया तो ये नही पूछेंगे कि पापा कितने दिन रहोगे हमारे साथ बल्कि ये पूछेंगे कि पापा कब जाओगे



और फिर अपन लोगो की ज़िंदगी होती ही कितनी है ना जाने कॉन सी गोली बुलावा लेकर आ जाए तो भाई मेरे जितने भी दिन है राज़ी खुशी रह ले ये रो कर नाराज़ होकर क्या करेगा भाई की बात एक दम सही थी भाई तो बड़ी घुटि हुई चीज़ थी मैने कहा पर भाई प्यार ,मोहब्बत भी कोई चीज़ होती है तो भाई बोला रे बावले सच मे तरस आता है तेरे पे तुझे ऑफीसर बना किस ने दिया




प्यार व्यार कुछ ना होवे, मुझे देख कितनी छोरी चोद ली सब गयी ब्याह करवा के रह रही है के ना अपने आदमियो के साथ अब गली मे भी मिल जावे तो देखे ना और उन दिनो लेटर लिखा करती थी कि तेरे बिना जी ना सकूँ तो भाई ये औरत की जात ही ऐसी होती है इनकी क्या टेन्षन और वैसे भी कपड़े उतारने के बाद सारी औरते एक जैसी होती है सोडा तो एक ही होवे सै



बाते करते करते काफ़ी देर हो गयी थी भाई बोला चल इब घर चाल घनी देर हो गी सै काल फिर लगन भी आवेगा तो दूल्हे ने फ्रेश दिखना चाहिए तो मैने कहा तू पीछे बैठ मोटरसाइकल मैं चलूँगा तो फिर बात करते करते हम लोग घर पर आ गये

अगली सुबह बुग्गी ने मुझे उठाया और चाइ का कप पकड़ाते हुए बोली कितना सोते हो तुम अब जल्दी से उठ जाओ आज लगन है तो काफ़ी कम पड़े है और तुम यहाँ पर पड़े हो मैने कहा तुम तो ऐसे कह रही हो कि जैसे मेरा लगन आ रहा है धनी को चिंता करनी चाहिए मुझे नही मैने कहा यार मुझे सुबह सुबह चाइ पीना पसंद नही है तो वो बोली फिर क्या पसंद है



तो मैने उसे अपनी ओर खीचा और उसके होंठो को चूम लिया तो वो शरमाते हुए वहाँ से भाग गयी और मैं भी अपने कपड़े पहन कर नीचे आ गया तो देखा कि टॅंट वाले आ चुके थे और प्लाट मे टॅंट लगा रहे थे कल से कढ़ावा तो चल ही रहा था पता चला कि पापा मामा के साथ कुछ खरीददारी करने बाजार गये हुए थे मैं दातुन करते हुए इधर उधर घूम रहा था




तो अशोक भाई ने कहा छोटू आजा , चल ज़रा नाई की दुकान तक चलते है थोड़ा शेविंग करवा आते है शाम को तो टाइम मिलेगा ही नही मैने कहा भाई तू जा तू दूल्हा है अपने को क्या अपन तो इधर ही दाढ़ी को रगड़ लेंगे कोण सा तेरी साली अपने को पसंद कर लेगी तो वो बोला चल ठीक है तू इधर ही काम देखलियो मैं आता हू भाई के जाने के बाद मै इधर उधर घूमने लगा फिर से




जिसे देखो सुबह से ही बना सँवरा घूम रहा था आख़िर भाई आज पार्टी तो थी तो अपने लिए करने को कुछ खास था नही बस मैं खाट पर बैठा देख रहा था कभी मिठाई चख ली तो कभी सब्ज़ी वग़ैरा बस मैं भी थोड़ा सा बोर सा होने लगा था ऐसे ही दोपहर हो गयी थी मेहमान और यार-दोस्तो का आना शुरू हो गया था मैने सोचा भाई फोजी अब तू भी ज़रा चमक जा



तो मैं शेविंग कर ही रहा था कि तभी रुक्मणी आई और बोली कि मनीष मुझे थोडा सा काम है हेल्प करोगे क्या मैने कहा बोलो डियर तुम्हारे लिए ही तो है वो बोली कि मैं अपनी मेकप किट भूल आई हूँ तो ब्यूटी पार्लर जाना है तो सहर तक चलो मैने कहा यार कमाल करती हो अब कोई टाइम है क्या तो वो बोली चलो ना प्लीज़ तो मैने कहा ठीक है अब तुम कह रही हो तो



मैने कहा मैं बाइक लाता हूँ तुम गली के कोने पर आओ फिर मैं बुग्गी को लेकर सहर की तरफ उड़ चला गाँव की हद से बाहर होते ही उसने मेरी कमर मे हाथ डाला और कस कर मुझसे चिपक कर बैठ गयी उसकी मस्त चूचिया मेरी पीठ मे दबाव डालने लगी थी ऐसे ही मज़े लेते हुए हम सहर आ गये वहाँ पर काफ़ी देर लग गयी भाई के फोन पर फोन आ रहे थे

कहाँ है तू वो सोच रहा था कि भाई कही फिर से भाग तो नही गया मैने कहा यार ये बुग्गी ब्यूटी पार्लर आई है तो उसके साथ ही हूँ वो बोला 4 बज गये है भाई जल्दी से आजा सासरे वाले आने ही वाले होंगे मैने कहा भाई बस आही रहा हू , जब बुग्गी बाहर आई तो मैं उसे देखते ही रह गया एक दम पटाखा लग रही थी टाइट जीन्स मे भी लंड तन गया मैने कहा चॅप्रेट लग रही हो आज तो ये बिजलिया किस्पर गिराने का इरादा है




तो वो हँसते हुए बोली क्या कुछ भी बोलते रहते हो अब चलो घर देर हो रही है तो हम वापिस घर आ गये घर आज बड़ी ही अच्छी तरह से सज़ा हुआ था क्या कमाल की डेकोरेशन थी तो करीब सात बजे लगन की रस्मे शुरू हो गयी जो करीब 9 बजे तक चलती रही इस बीच मैं रिश्तेदारो जैसे, मोसा जी , जीजा जी और भी जो जान पहचान वाले थे सब से मिलता रहा



बड़ा ही मज़ा आ रहा था सुनहरी लहनगा-चुन्नि मे बुग्गी तो सबके बीच चमक रही थी तो अपना मन भी नॉटी नॉटी होने लगा था पर करे भी तो क्या पर फिर सोच लिया कि आज की रात तो बुग्गी को चोदना ही है वरना मन नही लगेगा तो मैने टेंट के आए हुए बिस्तरो मे से दो जोड़ी बिस्तर उठाए और आँख बचा कर जो छप्पर था नीम के पास उसमे सेट कर दिए




यारो की महफ़िल चल रही थी बॉटल पे बॉटल खुल रही थी दारू पानी की तरह बह रही थी तो यारी दोस्ती मे एक एक करके अपना डॉटा भी ओवर होने ही जा रहा था पर अब किसी को मना भी नही कर सकते थे भाई की मेल थी आज तो जशन तो होना ही था तो फिर मैं पहुच गया सीधा ड्ज फ्लोर पर और फिर उधर ही डॅन्स बाजी होने लगी जब दारू लगा रखी हो तो फिर खाने का कहाँ ध्यान रहता है ऐसे ही रात का 1 बज गया था




टॅंट ऑलमोस्ट खाली सा ही पड़ा था मैं सोफे पर बैठा था कि बुग्गी मेरे पास आई और बोली खाना खाया मैने कहा नही रे अभी जा रहा हूँ खाने को तो उसने रॉकी को कहा कि दो प्लेट खाना लाओ तो रॉकी बोला आप रूको मैं अभी टेबल अरेंज करता हूँ तो फिर करीब दस मिनिट बाद हम दो चार लोग ही बचे थे उधर मैं और बुग्गी साथ साथ ही डिन्नर करने लगे थे



रॉकी बोला भाई मेरे कुछ फ्रेंड्स है तो मैं उन्हे छोड़ कर आता हूँ आप एंजाय करो मैने कहा ठीक है भाई , बुग्गी बोली काफ़ी ज़्यादा ड्रिंक कर ली है तुमने मैने कहा यार वो हो गयी अब सब दोस्त थे तो बस हो ही गयी वो बोली हॅंगओवर को उतारने के लिए नींबू लाउ मैने कहा नही रे इतनी तो हम हॅंडल कर ही लेते है बाकी जो नशा आज तुम्हारे रूप ने किया है वो तो उतरने से रहा



कुछ बाते चल रही थी इधर उधर की डिन्नर के बाद उस सर्द रात मे ठंडी हवा मे बस हम दोनो ही बचे थे कॉफी की चुस्कियाँ लेते हुए मैने कहा सोना नही है क्या तो वो बोली तुमसे बात करनी है मैने कहा बता क्या मदद करूँ तुम्हारी वो बोली कुछ नही ,तो बैठे बैठे दो बज गये थे लाइट ऑफ हो गयी थी मैं उठा और कहा आजा हम भी चलते है वो बोली कहाँ मैने कहा तू चल तो सही सवाल बहुत करती हो तुम तो फिर मैं उसे अपने साथ छप्पर पर ले आया

मैने अपनी उंगली उसके होंठो पर रखी और कहा तुम बस चुप रहो थोड़ा टाइम मेरे साथ बीताओ इस लिए ही हम इधर आए है वो बोली पर ये भी कोई जगह हुई मैने कहा यार आज इसे ही बेडरूम समझ ले मेरे लिए मैने उसके गालो पर उंगलिया फिराते हुए कहा रुक्मणी आख़िर क्यो मेरे इतने करीब आ गई हो तुम तो वो बोली करीब क्यो ना आउ आख़िर हम दोस्त है ना



फिर हम दोनो लेट गये मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और अपने सीने पर रख दिया रुक्मणी बोली क्या बात है बड़े सेनटी हो रहे हो मैने कहा सेनटी नही यार देख झूठ नही बोलूँगा आज तुम्हारा रूप देख कर दिल कर रहा है कि बस तुम्हे प्यार करू तो क्या तुम इजाज़त दोगि मैने उसकी हथेली को अपनी मे लेकर दबा दिया कुछ पल हमारे बीच कोई बात नही हुई पर हमारी धड़कनो को सॉफ सॉफ सुना जा सकता था

मैने बुग्गी को थोड़ा सा टेढ़ा करते हुए अपने उपर सा कर लिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा दारू का नशा अब मेरी नसों मे दौड़ते हुए वासना के नशे मे मिलने लगा था उसकी साँसे मेरी गर्दन पर पड़ कर मुझे मदहोश करने लगी थी मैने उसके ब्लाउज की चैन खोल दी तो ब्लाउज बाहों मे आ गया और मैं पीठ पर उसकी ब्रा की स्ट्रेप्स से खेलने लगा



मैने कहा तुझे किस करूँ क्या तो उसने हौले से हूँ कहा तोमैने अपने होठ उसके लबों से लगा दिए और उसके लिपीसटिक से सने होंठो को चूमने लगा तो उसने अपने आप को मेरी बाहों मे सुपुर्द कर दिया और मेरे उपर चढ़ गयी किस करते टाइम मुझ से ज़्यादा जोश उसके होटो मे था मैने उसके घाघरे का नाडा भी सरका दिया था जो उसकी टाँगो से होते हुए नीचे को गिर गया था



मेरे हाथ उसकी चिकनी पीठ , सुतवा टाँगो और मांसल जाँघो पर रेंग रहे थे बड़ा ही सॉफ्ट सॉफ्ट सा जिस्म था उसका तो करीब 5-7 मिनिट तक एक दूजे के होटो को खाने के बाद मैने उसे हटाया और फटा फट से अपने कपड़े उतार फेके और अपने लंड पर उसका हाथ रख दिया तो वो उस से खेलने लगी मैने उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार फेकि और एक दूसरे के जिस्म का मुआयना करने लगे




जैसे ही मैने उसकी गोलाईयों को दबाया तो बुग्गी के मूह से सिसकी निकल गयी और वो बोली दर्द होता है तोमैने फिर से चूची को दबा दिया थोड़ी देर तक ऐसे ही शरीर को आपस मे रगड़ ने के बाद मैने उसे 69 मे कर दिया और अपना मूह उसकी टाँगो के बीच दे दिया उसकी बिना बालो की चूत जो कि मुझे पक्का यकीन था कि उसने आज ही शेविंग की होगी तो मैने बिना कुछ सोचे समझे अपना मूह उसकी चूत पर लगा दिया तो उसके बदन मे कंपकंपी आ गयी और उसने अपनी चिकनी टाँगो को मेरे चेहरे पर कस दिया और खुद आगे को झुक कर अपने मूह मे लंड को भर लिया तो अब हम दोनो एक दोनो के गुप्तांगो को बारी बारी से चाटने लगे थे जब मैं अपने दाँतों को उसकी चूत पर गढ़ा ता तो वो भी मेरे लंड पर काट लेती थी तो बड़ा ही मज़ा आरहा था मैं गोल गोल अपनी जीभ को घूमाते हुए उसकी चूत को चाट रहा था और वो बारी बारी से मेरे लंड और अंडकोष दोनो को चूस कर मुझे जन्नत का मज़ा दे रही थी करारी चूत का पानी पीकर मैं मस्त हो चुका था तो मैने अब पलटी खाकर उसे अपने नीचे ले लिया और उसकी जाँघो को फैलाते हुए गीली चूत पर लंड को सटा दिया और बिना देर किए लंड को चूत के छेद से सटा दिया




बुग्गी की मादक सिसकी मेरे कान मे पड़ते ही मुझे बड़ा जोश चढ़ा और मैने एक तेज का शॉट मारते हुए अपने लंड को चूत मे घुसाने लगा तो बुग्गी का शरीर अकड़ने लगा तो मैने फिर से एक और शॉट मारा तो काफ़ी लंड अंदर चला गया वो बोली दर्द हो रहा है आराम से करो तो फिर धीरे से मैने लंड को चूत मे डाल दिया बुग्गी ने अपनी उंगलिया मेरी उंगलियो मे उलझा ली और फिर मैने हल्के हल्के से उसकी चूत पर धक्के लगाने शुरू कर दिए थे बुग्गी काँपति हुई आवाज़ मे बोली बहुत मोटा है तुम्हारा मेरी तो फट गयी लगती है , मैने कहा घुस तो गया है तो अब बस मज़ा ही मज़ा है मेरी जान और उसके गालो को अपने दाँतों मे दबा लिया और एक खीच कर शॉट मारा तो वो बिलबिला उठी पर जल्दी ही चूत लंड के हिसाब से सेट हो गयी थी तो बुग्गी भी अब मज़ा लेने लगी थी उसके होटो पे लगी हुई लार मैं चूसे जेया रहा था तो बुग्गी भी अब रंग मे आने लगी थी



बड़ी ही खामोशी से उस टॅंट के गद्दे पर हम दोनो अपनी प्रेम लीला शुरू किए जा रहे थे बुग्गी की रस से भीगी हुई चूत मे मेरा लंड अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा था तो मस्ती के मारे उसकी टाँगे अब हवा मे उठने लगी थी उसके लंबे नाख़ून मेरी पीठ पर रगडे जा रहे थे उसने अपनी टाँगो की कैंची बना कर मेरी कमर मे डाल दी और अपनी जीभ को मेरी गर्दन पर फिराने लगी थी

बुग्गी का जिस्म मेरे हर झटके को सहता हुआ उसे और मुझे दोनो को मस्ती के सागर मे लहरो को सवारी करवाए जा रहा था अब मैं उस के उपर से उतर गया और उसको घोड़ी बना दिया और उसके चुतड़ों पर किस करने लगा तो बुग्गी और भी मस्त होने लगी दो चार मिनिट तक उसके कुल्हो को क़िस्स्करने के बाद मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और अपने लंड को फिर से चूत की गहराइयो मे उतार दिया




तो फिर बारी बारी से उसकी गान्ड आगे पीछे होने लगी थी बुग्गी की हवा मे झूलती हुई चूचिया अपनी खनक्क फैला रही थी पता नही कितनी देर से हम दोनो चुदाई का आनंद ले रहे थे पर फिर बुग्गी की पकड़ कुछ ढीली होती चली गयी और वो हान्फते हुए झड़ने लगी तो उसकी चूत ने लंड को बुरी तरह से कस लिया तो चूत के दबाव से लंड की नसें भी अकड़ने लगी थी




और फिर कुछ देर बाद मैं भी झड़ने के कगार पर पहुच गया तो मैने फॉरन लंड को चूत से बाहर खीचा और उसके चुतड़ों पर अपने वीर्य की धार छोड़ दी और झड़ने के बाद मैं उसे अपनी बाहों मे लेकर बिस्तर पर पड़ गया

अगला दिन शादी का दिन था सुबह से ही घर मे चहल-पहल हो रही थी घर मे, सब अपनी तैयारियो मे लगे हुए थे और मैं बस एक कुर्सी पर बैठ कर माहौल को देख रहा था आज भाई भी शादीशुदा हो जाएगा , मैं सोचने लगा कि जल्दी ही मेरा भी घर बस जाएगा पर क्या ये खुशिया मुझे मिल पाएँगी क्योंकि मम्मी तो अपनी ज़िद पर अडी हुई थी और मैं भी अपनी मोहब्बत के आगे मजबूर था




ये साला दिल भी बड़ा हराम खोर होता है इसका कोई भरोसा नही था अब देखो ने सारे घर मे सभी लोग हसी खुशी बारात की तैयारियो मे लगे हुए थे गीत गाये जा रहे थे कुछ रस्मे चल रही थी और एक हम थे और हमारा रोट्डू दिल था जिस पर ना जाने कैसा बोझ था कुछ समझ ही नही आता था मैं वहाँ से उठ कर प्लॉट की ओर चल पड़ा




पर वहाँ भी चैन नही मिल रहा था मैने निशा को फोन लगाया तो वो बोली कि मैं अभी थोड़ी सी बिज़ी हूँ फ्री होते ही बात करती हूँ तो फिर जी और भी खट्टा हो गया तो मैं वहाँ से ठेके की तरफ निकल गया कुछ तो खलिश थी मेरे अंदर जो मैं समझ नही पा रहा था एक बियर ले तो ली पर गले से नीचे ना उतरी तो अब हम करे क्या तभी भाई को फोन आया और बोला कि यार कुछ समान लाना है सहर से तो हो आ तो मैने गाड़ी को सहर की तरफ मोड़ दिया




फिर दोपहर तक ही घर आना हुआ, निकासी की तैयारी हो रही थी बुग्गी बोली कहाँ गायब हो गये थे तुम तो मैने कहा कुछ काम से सहर गया था तो वो बोली मुझे नही साथ ले जा सकते थे मुझे भी चलना था मैने कहा यार अभी तू मेरा पीछा छोड़ मैं थोड़ा सा डिस्टर्ब हूँ तो वो बोली यार तेरे मूड का भी कोई भरोसा नही पता ही नही चलता कि कब अच्छा है और कब सॅड है




मैने कहा या ऐसी बात नही है बस कुछ अजीब सा लग रहा है तो वो बोली अपने आप को सम्भालो मनीष ऐसा कब तक चलेगा मेच्यूर हो जाओ ये बच्चों वाली हरकते ना किया करो थोड़े से ज़िम्मेदार बनो मैने कहा यार प्लीज़ अभी रहने दे तो वो मूह फूला कर चली गयी भाई रस्मे निभा रहा था तो मैने भी सोचा कि यार मूह क्यो सुजाए खंखा आल्बम मे फोटो खराब आएगी



बस अब थोड़ी बहुत देर मे भाई घोड़ी चढ़ने वाला था तो मैने भी अपने बारात वाले कपड़े पहन ने का सोचा मैं कपड़े चेंज कर ही रहा था कि पापा आ गये वो मुझे 100-100 के नोटो की गॅडी देते हुए बोले ले निकासी के लिए मैने कहा पापा है ना मेरे पास तो वो बोले रख ले और जल्दी तैयार होकर आजा मैने कहा पापा आज तो काफ़ी यंग लग रहे हो आप तो वो बस मुस्कुरा दिए



सच मे पापा से बढ़ कर वो मेरे दोस्त ही थे और वैसे भी जब बेटे के पाँव मे बाप की जूतिया आने लगे तो रिश्ता भी कुछ दोस्ताना सा हो ही जाता है तो फिर जैसे ही बंद वाले ने पुँगी बजाई तो फिर मैं भी जल्दी से नीचे उतर आया , भाई क्या खूब सज रहा था तो फिर नाच-गाना शुरू हो गया ये भी कैसा महॉल था चारो तरफ खुशिया फैली हुवी थी


तो अपन कहा पीछे रहने वाले थे अपन ने भी डॅन्स शुरू कर दिया आख़िर भाई की शादी थी तो फिर जो भी दिखा उसे ही खीच लिया ठुमके लगाने को जीजाजी,दीदी, पापा , भाई बहन और बुग्गी भी तो फिर करीब दो है घंटे जम कर उत्पात मचाया और जो ममाजी ने रुमाल की बीन बना कर नागिन डॅन्स किया तो उसके कहने ही क्या तो आख़िर भाई जी चल ही पड़े भाभी को ब्याहने के लिए



मैने भी कही ना कही सोचा कि यार ब्याह तो करवाना सर्दी मे ही चाहिए क्या मस्त मोसम होता है करीब डेढ़ घंटे के सफ़र के बाद हम भाभी के गाँव पहुच ही गये तो बारात का काफ़ी अच्छा स्वागत किया गया कुछ रस्मो के बाद फिर से नाचते गाते हुए हम लोग उनके घर की तरफ बढ़ने लगे अब बारात है तो लेट शेट तो चलता ही रहता है




फिर स्टेज का प्रोग्राम अतटनेंड करने के बाद भाई फेरो पर बैठ गया और मैं खाने के लिए टॅंट मे पहुच गया तो कोशल्या मामी से टकरा गया मैने कहा अकेले अकेले खाना खा रहे हो तो वो बोली तुम भी आ जाओ तो मैं मामी के साथ ही खाना खाने लगा खाते खाते मैने कहा मामी आज तो बड़ी चॅप्रेट लग रही हो दिल तो कर रहा है कि यही पर गिरा कर चोद दूं तो वो बोली क्या कुछ भी बोलते हो




मैने कहा मामी देखो आपको देख कर लंड कितना तन गया है पॅंट मे इसका कुछ जुगाड़ करना ही पड़ेगा आपको तो वो बोली कुछ तो देख लिया करो हम बारात मे आए हुए है मैने कहा मामी जब वापिस चलेंगे तो आप मेरी वाली गाड़ी मे आ जाना वैसे भी खाली ही है तो कुछ मेरा भला भी हो जाएगा तो वो मुस्कुराती हुई बोली पहले से ही प्लान बना रखा है क्या




मैने कहा अब क्या करे आप तो चान्स दे नही रही हो तो फिर कुछ ना कुछ जुगाड़ करना ही है वो बोली पर तुम्हारे मामा का क्या तो मैने कहा वो तो विदाई तक इधर ही रुकेंगे तो अपने को भी मोका मिल जाएगा तो फिर वो बोली ठीक है वैसे मैं भी तुम्हारे साथ थोड़ा टाइम बिताने का सोच रही थी तो मैने कहा तो फिर पक्का रहा बारात तो खाना खाकर निकल चुकी थी बस हम फॅमिली वाले ही रह गये थे




दो टुक एक के साथ दो किसी और के साथ खा कर अपन ने पेट भर लिया जीजाजी तो भाई के पास ही फेरो पर बैठे थे मामा और पापा और कुछ बुजुर्ग लोग भी अपनी पार्टी मे मगन थे करीब आधे घंटे बाद कोशल्या मामी ने तबीयत खराब होने का बहाना कर लिया तो मैने मामा से कहा कि मामी की तबीयत थोड़ी खराब हो गयी है तो हम लोग घर के लिए निकल रहे है वैसे भी इधर कोई काम नही है तो वो बोले ठीक है रात का टाइम है तो थोड़ा सा आराम से जाना

मैने कहा जी ठीक है तो फिर मैने मामी को लिया और कार स्टार्ट कर के वहाँ से निकल लिया , मामी मेरे साथ फ्रंट सीट पर थी वो बोली तो मोका निकाल ही लिया तुमने मैने कहा डार्लिंग अब तुम तो दूर दूर भाग रही थी तो क्या करता तो वो बोली मैं भी तो तरस रही थी तुमसे चुदने को पर क्या करू सारा घर मेहमानो से भरा हुआ है तो कही भी कोई देख ले तो प्राब्लम हो सकती थी तो क्या करती


मैने कहा तो अब तो तुम मेरे पास हो और हम अकेले भी है तो फिर हो जाए वो बोली पहले घर तो चलो मैने कहा घर की क्या ज़रूरत है गाड़ी मे ही कर लेते है एक बात तो तो वो मना करने लगी पर मैने अपनी पॅंट की ज़िप खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मामी से कहा कि देखो कितना तड़प रहा है आपके लिए अब जल्दी से इसे किस करके इसे भी थोड़ी राहत पहुचा दो



तो मामी ने एक बड़ी ही सेक्सी अदा से अपनी ज़ुल्फो को सहलाते हुए मेरी ओर देखा और फिर अपने चेहरे को मेरे लंड पर झुका लिया मामी के नाज़ुक होठ लंड पर पड़ते ही मेरा पूरा बदन मस्ती से भीग उठा मैने कहा उफफफफफफफ्फ़ डार्लिंग क्या जुलम कर दिया तुमने जान ही निकाल ली है तुमने तो मेरी मामी ने अपने रसीले होठ लंड के चारो ओर कस दिए और धीरे धीरे से बड़े ही प्यार से उसे किस करने लगी मैं तो जैसे गाड़ी चलाना ही भूल गया था




मैने स्टीरिंग छोड़ा और मामी के सर को सहलाते हुए बोला मामी क्या जादू है आपके होटो मे कसम से आपके इसी स्पर्श के लिए ही तो मैं तड़प रहा था तो मामी ने अपने थूक से लंड को गीला करना शुरू कर दिया मैं धीरे धीरे से गाड़ी को चलाने लगा मामी अपने होटो का जादू मेरे लंड पर दिखाने लगी थी किसी आइस्क्रीम की तरह अब वो मेरे लंड को चूसने लगी थी



मैं अपना हाल इधर क्या लिखू बस बता ही नही सकता कि कितना अच्छा लग रहा था मुझे मैने गाड़ी को हाइवे से उतार कर कच्चे रास्ते पर डाल दिया और कुछ आगे चलने के बाद सुनसान खेतो की साइड पर गाड़ी को खड़ा कर दिया और लाइट बंद कर दी मामी बोली गाड़ी इधर क्यो रोक दी मैने उन्हे अपनी बाहों मे भरते हुए कहा डार्लिंग अब रुका नही जाता इधर ही कर लेते है



तो वो बोली नही कहा खुले मे गाड़ी लगा दी है अगर कोई आ गया तो मैने कहा टाइम तो देखो और फिर धुन्ध कितनी है और खेतों का इलाक़ा है पूरी तरह से सुनसान एक बार तो इधर ही दे दो अब रहा नही जा रहा है फिर घर चल कर दुबारा चुदाई कर लेंगे तो मामी बोली ठीक है पर जल्दी ही सॅल्टा देना मैने उनके गालो को चूमते हुए कहा डार्लिंग बस अब रहा नही जाता है



गालो को चूमने के बाद मैने कोशल्या मामी के रसीले होटो को अपने होंठो से जोड़ लिया कितने ही मुलायम क्रीमी होठ थे मेरे मूह से निकल ही गया कि मामी काश आप मेरी पत्नी होती तो सारी उमर आपको लंड पर ही बिठाए रहता कसम से आप जितनी मस्त औरत आज तक नही देखी है क्या खूब हो आप आप इतनी सेक्सी कैसे हो तो वो बोली अब मैं बुद्धी हो गयी हूँ 40 पार कर लिए है अब कहाँ पहले जैसी बात है मैने कहा डार्लिंग




आप तो बस आप ही हो ना कोई आप से पहले और ना कोई आपके बाद मैने उनकी साड़ी के पल्ले को हटाया और मामी के ब्लाउज के हुको को खोलने लगा तो वो बोली इधर कपड़े ना उतारो कही कोई मुसीबत ना हो जाए मैने कहा आप घबराओ मत मैं हूँ ना कब से तरस रहा हूँ अब आप अपने इस बदन का दीदार करवा दो जल्दी से तो फिर उन्होने कोई विरोध नही किया और 5 मिनिट बाद मामी कार मे पूरी नंगी बैठी थी



मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और कार की बॅक सीट को फोल्ड कर मिनी बेड के जैसे अड्जस्ट कर लिया और हम पीछे आ गये मामी की 34 इंची सुडोल छातियो को मसल्ते हुए मैं बोला डार्लिंग कितनी हॉट हो तुम तो वो मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली कितनी झूठी तारीफ करते हो तुम मैने कहा आप बेशक झूट मानो पर मैं तो सच ही कह रहा हूँ उनकी मोरनी सी गर्दन को को अपनी जीभ से चाटने लगा तो मामी की पकड़ मेरे लंड पर कस्ति चली गयी बड़े ही प्यार से मैं अपनी जीभ को उनके शरीर पर फेर रहा था फिर मैं उनके सीने पर आया और मामी की एक चूची को पीने लगा और दूसरी को दबाने लगा तो मामी के बदन मे भी बिजलिया रेंगने लगी थी मामी अपना आपा खोने लगी थी दस मिनिट तक दोनो चूचियो को पी पी कर मैने लाल कर दिया था
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 06-12-2020, 10:34 AM



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