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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#64
तो करीब 11 बजे मैं एजेन्सी से बाहर निकाला अपना बॅग उठाए और ऑटो पकड़ कर घर आ गया तो देखा की ताला लगा हुआ था चुपके से गेट खोला और फटकार के सो गया शाम करीब 7 बजे डोर बेल की आवाज़ से मेरी आँख खुली मैने गेट खोला तो निशा को देख कर दिल खुश हो गया उसने पूछा तुम कब आए मैने कहा बस दोपहर को आया था



उसने अपना बॅग रखा और बोली कॉफी बनाती हूँ तुम्हारे लिए मैने कहा नही तुम थकि हुई आई हो चेंज कर्लो मैं बना ता हूँ किचन मे गर्मी सी लग रही थी तो मैने शर्ट उतार कर रख दी पर मैं भूल गया था कि निशा से चोट छुपानी है वरना खम्खा चिंता करेगी पर ध्यान नही रहा था जब मैं कॉफी कप्स लेकर बाहर आया तो वो मेरे बाजू पर बँधी पट्टी को देख कर बोली अरे ये क्या हुआ है चोट कैसे लगी तो मैने कहा कुछ नही यार कुछ खरोचे लग गयी है वो बोली क्या करते रहते हो तुम अगर कोई सीरीयस इंजुरी हो जाती तो मैने कहा छोटा –मोटा चलता रहता है डियर उसके आने से इस दो कमरो के घर मे जैसे रोनक सी आ गयी थी बड़े करीने से सज़ा सा दिया था उस मकान को उसने कॉफी पीते पीते



मैं सोचने लगा कि जब मिथ्लेश मेरे जीवन मे आ जाएगी तो कितना अच्छा रहेगा बिल्कुल ऐसे ही वो मेरा ख़याल रखा करेगी, जब मैं शाम को थक कर आउन्गा तो वो मेरा हाल पूछेगी जब मैं बाहर रहूँगा तो मेरा इंतज़ार करेगी मैं इन्ही ख़यालो मे गुम था कि तभी निशा बोली कहाँ खो गये हो जल्दी से बताओ डिन्नर मे क्या खाओगे मैने कहा जो मर्ज़ी हो बना लो



उसके किचन मे जाते ही मैने झट से अपना इंडिया वाला सिमकार्ड फोन मे डाला और मिता को कॉल किया फर्स्ट रिंग मे ही उसने फोन उठा लिया और मुझ पर अपने सवालो की बरसात कर दी वो बोली कमिने कहाँ चला गया था तू पता है कितने दिन हो गये कितना परेशान थी मैं एक एक पल , पता है मेरा मन कितना घबरा रहा था मैने कहा यार ऐसी जगह पोस्टिंग थी


यहाँ नेटवर्क होता ही नही है बड़ी मुश्किल से आज कॉल किया है तब जा कर वो शांत हुई और फिर बोली कब आओगे मिलने के लिए मैने कहा यार अभी मामा के बेटे की शादी है तो 5-7 दिन उधर ही जाना होगा उसके बाद उधर से ही सीधा तेरे पास आता हूँ तो वो बोली ठीक है जब भी आओ बता देना मम्मी भी बोल रही है अजमेर आने को तो मैं उन्हे उसी टाइम बुला लूँगी



फिर तुम भी मिल लेना कुछ भी करके मना लेना सबको अब शादी मे कितनी देर है मैने कहा यार मैं तो खुद जल्दी से अपनी अमानत को अपने घर लाना चाहता हूँ पर क्या करू लाइफ का एक पल का भी पता नही है आज यहा कल कहाँ बस अबकी बार कर ही डालते है तो फिर बाते लंबी खिचती ही चली गयी अब कई दिनो बाद जो फोन किया था तो फिर दिल के अरमान शब्दो के रूप मे बाहर आने ही थे



मिता बोली आज कल तुम पराए पराए से लगने लगे हो पता नही क्यो मैने कहा यार कम से कम तू तो ऐसा ना बोल पता है कितनी मुश्किल भरी रही है मेरे सामने चलने को हाथ मे बुलेट का घाव हुआ पड़ा है तो मिता घबराते हुए बोली ओह! माइ गॉड कैसे लगी चोट तुम्हे और अभी तबीयत कैसी है मैने कहा इतना ओवर्रिक्ट ना कर अभी सब ठीक है इधर ऐसा तो चलता ही रहता है



काफ़ी देर तक बाते होती ही रही फिर मैने फोन कट कर दिया कुछ देर बाद निशा आके बोली तो झूठ क्यो बोला कि मामूली घाव है मैने कहा यार बस तुम चिंता करती इसी लिए नही बताया तो वो मेरे कंधे पर सिर टिकाते हुए बोली अब इतनी पराई भी नही हूँ मैं जो अपना हाले दिल छुपाने लगे हो मैं उसके सर को थपकते हुवे बोला पागल तुझसे कभी कुछ छिपाया है क्या मैने आजतक




तुम और मैं दो नो एक ही तो है मैं तुमसे कहाँ जुदा हूँ तो वो बोली चलो ज़्यादा फिल्मी बाते ना बनाओ और आ जाओ खाना खाते है मैने कहा चलो फिर अगले कुछ दिनो तक बस यही दिनचर्या चलती रही अपने दिन बीत रहे थे निशा साथ थी तो पता ही नही चला कि कब दिन हो कब रात ऐसे ही करके बस भाई की शादी मे करीब 8-9 दिन ही बचे थे तो मैने 15 दिन के लिए छुट्टी ले ली और जाने की तैयारिया करने लगा





उसकी हसरत है सामने बिठा के देखू

मैं मुखातिब हूँ और तेरा हाल भी पूच्छू

सीने मे छुपि है आग मुलाकात की ख्वाहिशों की

मेहंदी लगे हाथो मे तेरा नाम छुपा के रखूं

तू अश्क़ ही बन के समा जा मेरी आँखो मे

चाहत तो बस इतनी है मैं आईना देखु तो तेरा अक्स ही देखूं

ए इश्क़-ए-मोहब्बत पूच्छू इन्न गूछो सितारो और हवाओ से

तुझसे ही मगर आके कभी तेरा नाम ना पूच्छू

ए मेरे तमन्नाओ के सितारे तू बस यू ही रौशन रहे

तेरे आने तक तो मैं ये जिस्म शब-ए-गम को ना सौपुं

एक तेरी हसरत ही मेरी मुकाम हुई है

पूच्छू खुदा से भी तो तेरे सिवा कुच्छ ना पूच्छू

इश्क़ जालिम है जान पे बन आई है जान के भी

अब जिंदगी-ए-सफ़र को क्या पढ़ु पढ़ु तो बस तेरे ही नाम का कलमा पढ़ु

पता नही क्यो मुझे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था एक बैचैनि सी लग रही थी मुझे,मैं अपना सर निशा की गोद मे रख कर लेट गया तो वो मेरे बालो मे अपनी उंगलिया . हुए बोली क्या बात है कुछ परेशान से लग रहे हो मैने कहा पता नही यार कभी कभी ऐसा हो जाता है कि मन भटकने सा लगता है वो बोली जॉब का प्रेशर है क्या



मैने कहा अरे नही यार बस ऐसे ही , लगता है कि जैसे एक ख़ालीपन सा है मेरे अंदर , लगता है जैसे कुछ छूट रहा है मेरे हाथो मे वो बोली स्ट्रेस हो गया है एक काम करो मैं तेल की मालिश कर देती हूँ सर मे आराम मिलेगा तो मैने मना करते हुए कहा नही बस तुम पास हो तो फिर किसी दवाई, किसी उपचार की ज़रूरत नही है इस दुनिया मे बस एक तुम ही तो हो जो इस कदर समझती हो मुझे



मैने कहा तू भी चल मामा के यहाँ पर बोर हो जाएगी तो उसने कहा नही , मैं कैसे आ सकती हूँ, फिर फॅमिली भी आएगी मैं कोई कॉंट्रोवर्सी नही चाहती और फिर चाह कर भी नही जा सकती बॅंक मे बहुत काम है आजकल देल्ही मे जॉब करना बड़ा ही मुश्किल है और हमारी ब्रांच तो वैसे ही इतनी बिज़ी रहती है मैने कहा यार पर मुझे तेरी चिंता लगी रहेगी तो वो बोली अच्छा जी




जैसे आपसे पहले तो मैं जी ही नही रही थी, भला मुझे क्या होगा तुम जाओ और अच्छे से शादी एंजाय करना और कुछ फोटो भी ले कर आना

हां पक्का लेकर आउन्गा मैने कहा , फिर मैने अशोक भाई को फोन किया और कहा कि मैं कल आ रहा हूँ शाम तक पहुच जाउन्गा तो उसने कहा कि आते ही फोन कर देना आज कल साधन शाम को कम ही चलते है तो मैं सहर आ जाउन्गा पिक करने को मैने कहा ठीक है भाई

अगले दिन मैने निशा को कहा कि मुझे कोई 10-12 दिन तो लग ही जाएँगे आने मे तो वो बोली कोई बात नही मैं इंतज़ार कर लूँगी फिर हम तैयार हुए ब्रेकफास्ट किया फिर हम दोनो अपने अपने रास्ते निकल गये वो बॅंक चली गयी और मैने मेट्रो पकड़ ली धोला कुआँ के लिए ना जाने क्यो मुझे निशा की बड़ी फिकर थी तो मैने सोर्सस का उपयोग करते हुए दो गार्ड्स की ड्यूटी लगा दी उसकी प्रोटेक्षन को



पर इस तरह कि उसे कुछ पता भी ना चले मैं नही चाहता था कि मेरी वजह से उसको कोई भी परेशानी या तकलीफ़ हो आख़िर वो मेरी ज़िम्मेदारी थी फिर मैने अपनी बस पकड़ ली सफ़र लंबा था तो कानो मे हेडफोन लगाए और आँखो को बंद कर लिया मामा के शहर पहुचते पहुचते शाम हो चली थी मैं बस से उतरा मूह धोया फिर भाई को फोन कर दिया तो आधे घंटे मे वो मुझे लेने आ गया




उस से गले मिला दो चार बाते की और फिर चल पड़े मैने कहा तू पीछे बैठ बाइक मैं चलाता हूँ काफ़ी दिनो से मैने बाइक को हाथ भी नही लगाया था , कैसे चलाता थी ही नही मेरे पास बाइक तो , और फिर इतने सालो बाद मामा के घर जाने की खुशी भी थी मन को बड़ा ही अच्छा लग रहा था आख़िर अपने तो अपने ही होते है परिवार मे जो खुशी मिलती है वो हम लाखों करोड़ो रुपयो से भी नही खरीद सकते है



शादी मे अभी हफ़्ता भर था तो अभी इतने मेहमानो का आना शुरू नही हुआ था मैं नीम के नीचे बाइक को पार्क कर ही रहा था कि इतने मे लिली के दर्शन हो गये वो लपक कर मेरे पास आई और बोली अरे मनीष तुम इतने दिनो बाद मिलना हो रहा है कहाँ रहते हो तुम इधर का तो जैसे रास्ता ही भूल गये हो मैने कहा अब क्या करू फोजी आदमी हूँ छुट्टिया गिनती की ही मिलती है क्या कर सकते है



तुम बताओ कैसी हो तो वो बोली मैं तो मस्त हूँ , एकदम, शादी हो गयी है अशोक की शादी मे आई हूँ मैने कहा अरे वाह ब्याह कर लिया और बताया भी नही तो वो बात बदलते हुवे बोली तुमने शादी की क्या मैने कहा अरे कहाँ कोई अच्छी लड़की मिल ही नही रही जो भी अच्छी वाली थी वो तो सब ब्याह करके फुर्रर हो गयी तो लिली हँसते हुए बोली सुधरे नही हो तुम अभी तक




मैने कहा अब सुधर के करना भी क्या है तो वो बोली चलो मैं चलती हूँ बाद मे मिलूंगी ज़रा दुकान तक जाना है मैने कहा ठीक है फिर मैं भी अंदर चला गया सब लोग मुझे देखते ही खुश हो गये नानी के पाँव छुए मामी से गले मिला तो फिर कुछ आधा घंटा मिलने मिलाने की ओपचारिकताओ मे चला गया चाइ-नाश्ते के बाद मैने अपने कपड़े चेंज किए और मामा से बात करने लगा



वो पूछने लगे कि आजकल कहाँ पोस्टिंग है तो मैने झूट बोलते हुए कहा कि आजकल तो मैं ग्लसियार मे पड़ा हूँ कुछ देर उनसे बाते होती रही फिर छोटे भाई बहनो ने पकड़ लिया बोले भाई हमारे लिए क्या गिफ्ट लेकर आए हो अरे तेरी उनका तो ख़याल ही मेरे माइंड से निकल गया था मैने कहा अभी माफी दो भाई लोगो कल सुबह ही सहर तुम सबको सहर ले जाकर शॉपिंग करवाता हूँ तब जाकर वो माने



काफ़ी दिनो बाद परिवार का साथ मिला था तो मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था रात के खाने के बाद मैं और अशोक भाई छत पर बैठे थे मैने कहा यार लिली तो पहले से भी मस्त पटाखा हो गयी है वो बोले हाँ यार पर अब मुझसे बात नही करती वो मैने कहा क्यो महाराज तो पता चला कि भाई और उसका किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था और फिर उपर से उसकी शादी भी हो गयी थी



भाई बोला तू ट्राइ कर ले तेरी तरफ देख भी रही थी मैने कहा अरे ना भाई अपने बस का कहाँ खुद देगी तो ही मैं ले सकु सूं वरना जाए तो जाए भाई बोले मैने तो बता दिया है आगे तू देख लिए थोड़ी देर बाद हम नीचे आ गये सर्दियो के दिन , जनवरी का महीना और फिर गाँव की सर्दी का तो आप सबको पता ही है मैं नीम के नीचे लकड़िया जलाकर बैठा हुआ था टाइम कुछ ज़्यादा तो नही था करीब साढ़े आठ हो रहे थे पर



ब्याह का घर था तो चहल पहल सी थी , और फिर मोहल्ले की औरते गीत गाने आती थी तो वो ही सब चल रहा था तभी लिली आकर मेरे पास बैठ गयी और बोली अकेले अकेले आग ताप रहे हो मैने कहा अब क्या करे आप तो खफा खफा सी लग रही है मैं बोला अब तो आदत सी हो गयी है अकेले रहने की वो बोली ऐसा क्यो भला मैने कहा अब आप तो घास डालती नही हो आपके घर आए है



मेहमान है आपके अब खातिरदारी ना करोगी तो शिकायत तो करूँगा ही तो वो बोली तो बताओ किसी तरह की खातिर दारी कारवाओगे मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा ये तो आप ही जाने तभी कुछ आहट सी हुई और फिर वो भागकर अंदर चली गयी कुछ देर बाद जब ठंड ज़्यादा लगने लगी तो मैं भी रज़ाई की शरण मे चला गया


अगली सुबह का आगाज़ कोशल्या मामी के हाथो की गरम चाइ की प्याली से हुआ मामी बोली बड़े दिन लगाए इधर आने मे अब तो लगता है कि हमें तो तुम भूल ही गये हो मैने उनका हाथ पकड़ कर खाट पा बिठाते हुए कहा अरे मेरी प्यारी मामी आपको भूल कर कहाँ जाएँगे पर अब कुछ मजबूरियाँ हो जाती है तो क्या कर सकते है वो बोली कभी कभी फोन तो कर ही सकते हो या नही मैने कहा जी अब से ज़रूर करूँगा और आपको शिकायत का कोई मोका नही दूँगा



अब ज़िंदगी ही कुछ ऐसी हो गयी थी कि बस चलते ही जा रहा था पर ना कोई मंज़िल थी ना कोई रास्ता मैं मामी की जाँघो को सहलाते हुए उनसे बाते कर रहा था कि तभी रॉकी आ गया तो मामी जल्दी से उठ कर बाहर चली गयी रॉकी बोला भाई आज आपने प्रॉमिस किया था कि बाज़ार चलना है मैने कहा हम भाई चलते है पर ज़रा नहा-धो तो लेने दे या फिर ऐसे ही लेकर चलेगा तो वो बोला आप जल्दी से तैयार हो जाओ मुझे काफ़ी सारी शॉपिंग करनी है



मैने कहा ठीक है भाई और फिर करीब 9 बजे सारे छोटे भाई-बहनो को लेकर मैं सहर चला गया एक शॉप से दूसरी शॉप वो लोग घूमते ही रहे पर उनकी खुशी मे ही मेरी खुशी भी तो कही छुपी हुई थी उनको शॉपिंग करवाते करवाते दोपहर से कुछ ज़्यादा ही हो गया था तो फिर हम सब हाइवे पर एक ढाबे मे लंच के लिए गये लंच कर ही रहे थे कि तभी अशोक का कॉल आ गया कि यार रुक्मणी(बग्गी) आने वाली है उसके पास काफ़ी सामान भी है



तो तू उसे पिक कर ही लियो मैने तेरा सेल नंबर उसे दिया है वो तुझे पहुचते ही कॉल करेगी मैने कहा ठीक है मैं ले आउन्गा उसे, बुग्गी दरअसल मेरी नानी की भतीजी थी जो कि हम से कुछ साल ही बड़ी थी पर उस से भी पुरानी दोस्ती सी थी आक्च्युयली वो हमारे ग्रूप का एक हिस्सा थी बचपन मे बड़ी शराराते की थी हम सबने मिल कर तो करीब 3 बजे बुग्गी की कॉल आई तो मैने उसकी लोकेशन पूछी और उसे पिक करने के लिए चला गया मैने रॉकी से कहा कि ये पैसे ले और जो खरीदना है खरीद लेना और फिर जीप के स्टॅंड पर अजाना




तब तक मैं बुग्गी को ले आता हूँ, इतने दिन बाद मिलने जा रहा था तो पहचान करना मुस्किल ही था मैने उसे कहा कि मैं सरस की डेरी के पास हूँ तुम आ जाओ तो वो बोली मैं आती हू जब मैने उसे देखा तो देखता ही रह गया बीते दिनो मे कितना कुछ बदल गयी थी मतलब की थर्कि की नज़रो से कहूँ तो एक दम टंच माल हो गयी थी आँखो पर मोटा सा चश्मा रखा था और पेट भी कुछ बाहर सा निकल आया था मैने उसे गले लगाया तो वो बोली कैसे हो



मैने कहा पहले तो ठीक था पर आपको देखा तो पता नही क्या हो गया वो बोली फ्लर्ट कर रहे हो मैने कहा जो चाहे समझ लीजिए तो वो बोली सफ़र से थक गयी हूँ मैने उसका सामान लिया और कहा आओ चलते है पास ही एक चाइ की दुकान थी तो मैने उसे वहाँ पर बिठाया और एक कोल्ड ड्रिंक उसको दी वो पीते हुए बोली कहा छुमन्तर हो गये हो तुम जब से जॉब लगी है तब से ना कोई खबर,ना कोई फोनकॉल कभी याद नही आई क्या अब मैं क्या कहता बस अपना वो ही घिसा पिता बहाना जिस पर कोई विश्वास करता नही था



तो मैने बात बदलते हुए कहा अब सारी बाते इधर ही कर लोगि या घर भी चलोगि साढ़े चार बजे लास्ट जीप जाएगी फिर धक्के खाते रहना तो फिर हम जीप स्टॅंड तक आ गये रॉकी और भाई बहन उधर बैठे थे तो फिर बुग्गी उनसे बात चीत करने लगी तभी मुझे कुछ ध्यान आया तो मैने कहा मैं अभी आता हूँ और मैं वाइन शॉप से दो बॉटल वोडका ले आया अब दो चार पेग तो लगाना बनता ही था तो फिर हम सब बाते करते हसी मज़ाक करते घर पर आ गये



मामी बोली क्या ज़रूरत थी इनपर इतने पैसे खर्च करने की मैने कहा कोई ना मामी इन्सब के लिए ही तो कमा रहे है इनपर नही करेंगे तो क्या फ़ायदा सॅलरी का मैने कहा बुग्गी आई है आप मिल लो मैं ज़रा हाथ-मूह धोकर आता हूँ तो फिर मैं बाथरूम मे घुस गया मैं सोचने लगा कि यार कितना अच्छा होता है उन लोगो का जीवन जो सिविल जॉब करते है ड्यूटी की और घर पर और एक हम है जो होकर भी नही है तो फिर मैं बाहर आया चाइ बन चुकी थी तो चुस्किया लेते लेते बाते करने लगे सच मे कुछ पुरानी यादे ताज़ा हो गयी थी


फिर सब अपने अपने काम धंधो मे लग गये थे कल भाई को बान बैठना था एक रसम होती है शादी की , तो कुछ छोटी-मोटी तैयारिया करनी थी तो उसी मे लगे हुए थे मैं नानी के पास जाकर बैठ गया और बाते करने लगा तो बुग्गी भी उधर आ गयी और बाते करने लगी पर कुछ देर बाद ही नानी अंदर चली गयी तो बस हम दोनो ही बचे उसने पूछा मनीष , क्या चल रहा है मैने कहा कुछ भी नही तुम्हे तो पता ही है कि कैसिजॉब है तो ना ही पूछो तो अच्छा है



बल्कि तुम बताओ कि क्या कर रही हो वो बोली कुछ नही होटेल मॅनेज्मेंट करके जयपुर ले मरिडियन मे काम कर रही हूँ मैने कहा यार मस्त जॉब है तेरी , वो बोली क्या मस्त है 14-14 घंटे काम करना पड़ता है मैने कहा मैं भी तो 24 घंटे ड्यूटी करता हूँ काम तो काम है वो बोली वो सब छोड़ो और ये बताओ कि हमारे घर क्यो नही आते मैने कहा यार बताया ना कि बहुत प्राब्लम होती है छुट्टियो की ओर फिर घर आ गये तो फिर पता ही नही चलता कि अब दिन बीत गये पर अब कुछ दिन इधर हूँ तो साथ ही रहेंगे मज़ा आएगा पुराने दिनो को ताज़ा करेंगे




वो बोली हाँ वो तो है अब सब लोग काफ़ी दिनो बाद मिल रहे है तो अच्छा रे-यूनियन हो जाएगा फुल धमाल होगा मैने कहा बिल्कुल फिर वो भी अंदर चली गयी मैं भी फिर बाहर खेतो की ओर घूमने चल दिया थोड़ा सा आगे की ओर निकल गया था तो देखा की दूर से लिली चली आ रही थी , तो मैं तेज तेज चलते हुए उसके पास गया और बोला सवारी कहाँ से आ रही है मालिको तो वो अपनी चोटी को घूमाते हुए बोली तुमसे मतलब कही भी जाउ मैने कहा तेवेर तो देखिए हुजूर के उफ़फ्फ़ ये गुस्सा अच्छा नही लगता आपके इस हसीन चेहरे पर



तो वो तुनक कर बोली आज कहाँ गये थे दोपहर मे आई थी तुम्हे बुलाने को मैने कहा यार वो ज़रा सहर तक जाना पड़ गया था शाम का मोसम था ठंडी हवा चल रही थी मोका भी था दस्तूर भी था अचानक से ही मैने लिली का हाथ पकड़ा और उसे पास के सरसो के खेत मे खीच लिया और उस के बोलने से पहले ही उसके होटो को चूम लिया ……………………….. …………………………….. ……………………….. …………………………….. ……………..




मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था और होठ उसके लबो पर सजे हुए थे तो उसने जल्दी से खुद को मेरी पकड़ से आज़ाद करवाया और थोड़ा घबराते हुए बोली क्या कर रहे हो , मरवाओगे क्या मैने कहा इधर कॉन आने वाला है तो वो बोली अभी शाम का टाइम है खेत मे कोई भी आ सकता है कही किसी ने देख लिया तो मुसीबत ना खड़ी हो जाए मैने कहा तो फिर कब मिलोगि लिली बोली तुम सदा ही इतने उतावले क्यो रहते हो मैने कहा यार पहले भी तुमने मना कर दिया था अबकी बार तो गाड़ी पार लगा दो



वो बोली मैं चॉबारे मे सोती हूँ, तुम 11:30 के बाद दीवार कूद कर आ जाना मैं किवाड़ खुला ही रखूँगी मैने कहा ठीक है फिर एक किस किया और हम अपने अपने रास्ते हो लिए लंड तो खड़ा हो ही गया था तो जैसे तैसे करके उसको शांत किया पर अब मुझे कहाँ चैन पड़ने वाला था घर पे कोशल्या मामी भी किसी ना किसी बहाने से बड़े लटके झटके दिखा कर मुझे पागल कर रही थी पर उन्हे क्या पता था कि मेरी मंज़िल आज कहीं ऑर है



खाने के बाद मैं उसी नीम के पेड़ के पास आग जलाकर बैठा था कि तभी बुग्गी दूध का गिलास लेकर आई और बोली लो भाभी ने दिया है तुम्हारे लिए जैसे ही वो जाने के लिए मूडी मैने कहा कहाँ जा रही हो आओ ज़रा बाते करते है तो वो भी मेरे पास बैठ गयी मैने कहा गुलाबी शॉल खिलता है तुम पर तो वो बोली ये तो बस ऐसे ही ओढ़ लिया मैने कहा पर अच्छी लग रही हो तो वो बोली अच्छी लगती तो टच मे रहते तुम मैने कहा यार



अब तुमसे क्या छिपाऊ, मेरी ज़िंदगी ना जाने किस ढर्रे पर चल रही है कुछ पता ही नही है बस जी रहा हूँ इतना ही कह सकता हूँ तो वो बोली और क्या लोग आर्मी मे नही है जो प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बॅलेन्स करके चलते है मैने कहा देख यार अब मैं इतना उलझा हुआ हूँ कि पता नही कि कहाँ पर इन सब का छोर है पर मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हूँ पर मेरी हर कोशिश नाकाम होज़ा ती है दिल तो बहुत करता है कि मैं भी अपनो के साथ रहूं , खुशी मे खुश रहूं दुख मे दुखी पर अब ये सब पासिबल नही है लाइफ थोड़ी अलग हो गयी है वो बोली ये सब डिपेंड करता है कि तुम कितने फ्लेक्सिबल हो



मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे लिया और उसकी मुलायम हथेली को सहलाते हुए बोला बात दरअसल ये है कि बस ये समझ लो कि इस ज़िंदगी को भारत सरकार ने गिरवी रख लिया है जिसके बदले मे हर महीने एक मोटी तनख़्वाह का भुगतान करती है काश मैं तुम्हे बता सकता कि मैं आज भी वो ही हूँ जो बचपन मे हुआ करता था पर मेरे हालात बदल गये है मेरी वो मासूमियत कही खो सी गयी है कुछ तो बदल गया है काश मैं तुम्हे वो सब बता पाता पर यू समझ लो कि मैं हरपल साथ होकर भी अकेला ही हूँ

पर जैसा की मैने तुमसे वादा किया है हम जब तक यहाँ है हर पल को जियेंगे ताकि अपने आने वाले समय के लिए कुछ यादे जमा कर सके वो मुस्कुराते हुए बोली हाँ वो तो है वो बोली दूध पी लिया है तो गिलास दे दो मैं जाती हूँ फिर मैने कहा क्या करोगी उधर जाकर बैठो ना इधर पास मेरे वो बोली मुझे कई काम है और फिर गीत गाये जा रहे है तो क्या पता एक दो ठुमके मैं भी लगा लूँ तुम्हे तो पता ही है मुझे नाचने का कितना शोक है मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी तो फिर वो अंदर चली गयी और मैं दो पल उसे जाते हुए देखता रहा




मैने मोबाइल लिया और मिता को कॉल लगा दी , तो पता चला कि आजकल मेम्साब की नाइट ड्यूटी लगी हुई है मैने कहा कोई ना तुम ड्यूटी करो बाद मे बात करलेंगे तो वो बोली ऐसा भी इधर कोई एमर्जेन्सी नही चल रहा जो मैं तुमसे बात ना कर सकूँ मैने कहा कैसी हो तुम, वो बोली तुम्हे क्या पड़ी है मेरी अगर कुछ चिंता होती तो इतनी देर ना लगाते कब का आ जाते मुझसे मिलने को मैने कहा यार पता नही क्या बात है जी भर कर तुम्हारे साथ टाइम बिता ही नही पाता हूँ



बस तुम जल्दी से दुल्हन बन कर मेरे पास आ जाओ ताकि मैं फिर अपनी हर साँस को तुम्हारे साथ जी सकूँ अब मुझसे बर्दाश्त नही होता है सच कहूँ तो मैं अब थक सा गया हूँ मुझे एक सहारे की ज़रूरत है, मैं बस गिरने ही वाला हूँ तो तुम मेरे पास रहो मुझे थामने के लिए मिता बोली- आज क्या फोजी ने पेग लगा लिए है जो बड़ी बहकी बहकी बाते कर रहा है मैने कहा यार अब अपने दिल की बात तुम्हे बता ने के लिए मुझे शराब के सहारे की ज़रूरत नही है


वो कहने लगी मैं मज़ाक कर रही थी मुझे पता है कि तुम अपने दिल की बात अगर मुझसे शेर नही करोगे तो फिर किस से करोगे मैं बस इतना चाहती हूँ कि तुम जल्दी से जल्दी मेरे पास आ जाओ मेरी नज़रे तरस गयी है तुम्हारा दीदार करने को मैने कहा बस शादी ख़तम होते ही आता हूँ तुमहरे पास फिर कम से कम एक हफ़्ता तो तुम्हारे नाम है वो बोली तुम वादे ना किया करो अक्सर तुम भूल जाते हो उनको निभाना मैने कहा अबकी बार नही भूलूंगा



वो बोली-कैसा चल रहा है उधर मैने कहा कुछ खास नही कल से भाई बान बैठेगा फिर शुरू होगा शादी का महॉल उसने विश दी , मैने कहा काश तुम होती इधर वो बोली जल्दी से ब्याह कर्लो मेरे साथ फिर आने वाली सारी शादियो मे जमकर धमाल करना है मैने कहा वो तो है बस इस शादी के बाद अपनी सहनाई ही बजनी है मैं तो कब से घोड़ी चढ़ने के लिए बेताब हूँ बस तुम दुल्हन का जोड़ा पहन ने मे देर कर रही हो वो बोली काश अगर मेरा दिल बोल पाता तो मैं उसकी आवाज़ तुम्हे बता पाती की कितना बैचैन है वो इस समय




पर कभी कभी डर सा भी लगता है कि कही घरवाले ना माने तो मैने कहा बस इतना समझ लो मिथ्लेश बस मनीष की ही है इस ज़माने से लड़ जाउन्गा मई तुम्हारे लिए मुझे मरना मंजूर है पर ये तेरे दीवाने का वादा है कि तेरी माँग मे बस मेरे नाम का ही सिंदूर होगा और बस कुछ दिनो की बात तो है ही जल्दी ही तुम मेरी बाहों मे होगी मिता बोली हर पल भगवान से बस यही दुआ मांगती हूँ , देखो कब तक क़ुबूल होती है मैने कहा होगी वो सबकी सुनता है हमारी भी सुनेगा




उस से बाते करने के बाद अक्सर मेरे दिल पर बोझ कुछ ज़्यादा बढ़ जाया करता था पर अपने हर मर्ज़ की दवा भी तो वो ही थी मैने फिर अशोक भाई को सब बता दिया था कि यार लिली को रगड़ने जा रहा हूँ तो थोड़ा संभाल लेना वो बोले ठीक है भाई तू फुल एंजाय कर मैं देखता हूँ वो बोले मैं तो उपर ही सोता हूँ तेरा बिस्तर भी उधर ही लगा देता हूँ तो सब को लगेगा कि तू उपर ही है तू अपना काम करके आ जाना मैने कहा ठीक है भाई तो अपना टाइम होते ही मैं दीवार कूद कर लिली के चॉबारे मे दाखिल हो गया




गेट तो खुला ही हुआ था पर कमरे मे अंधेरा था तो मैने अंदाज़े से ही पलंग को ढूँढा तो रज़ाई ओढ़े हुए कोई लेटा हुआ था मैने सोचा लिली है तो मैं जोश मे आकर सीधा उसके उपर ही कूद गया जैसे ही मेरा बोझ उधर पड़ा तो जो भी उधर सो या तो वो चोर चोर करके चिल्लाते हुए उठ गया मेरी तो गान्ड ही फट गयी थी साली लिली ने मज़ाक कर दिया मेरे साथ अंधेरे का फ़ायदा उठा कर मैं तुरंत भागा और सीधा अपने बिस्तर पर आकर ही दम लिया फिर मैं ऐसा सोया कि सुबह ही आँख खुली रात वाली बात को सोच कर मेरा तो दिमाग़ खराब हुआ पड़ा था




मैने सोचा आज साली दिख जाए आज इसकी खबर लेता हूँ आज तो इसकी चूत मार कर ही रहूँगा फिर चाहे बलात्कार का केस ही क्यो ना लग जाए मैं बाहर वाली बैठक मे अपनी शर्ट प्रेस कर रहा था कि तभी वो उधर से गुजरती हुई मुझे दिखी मैने आवाज़ देकर उसे बुलाया तो वो झट से आ गयी मैने उसकी बाँह मरोड़ते हुए कहा कमिनि कल तो मुझे मरवाने का पूरा इंतज़ाम कर दिया था वो बोली यार क्या बताऊ कल शाम को जब मैं तुझ से मिलके गयी तो उसके थोड़ी देर बाद ही मेरा भाई आ गया



तो मेरी जगह वो सो गया और मैं तुम्हे बता नही पाई मैने कहा वो सब मुझे नही पता मैने सोच लिया है अभी इसी वक़्त तेरी लूँगा वो बोली पागल हुए हो क्या जगह तो देख लो , कोई भी आ सकता है मैने कहा माँ चुदाये दुनिया दारी अब और अभी लूँगा कह दिया तो कह दिया वो अपनी बाह छुड़ाने के चक्कर मे थी पर मेरी पकड़ का अंदाज़ा था नही उसको मैने फुर्ती से उसकी सलवार का नाडा खोल दिया तो सलवार उसके पैरो मे आ गिरी वो रोने की सी शकल बना ने लगी बोली छोड़ दे मुझे खुद तो मरेगा मुझ भी बदनाम करवाओगे क्या



मैने कहा मुझे कुछ नही पता अब ना बख्सुन्गा तुझे रात से मेरा बुरा हाल कर रखा है तुमने और मैं उसकी कच्छि के उपर से ही उसकी चूत को मसल्ने लगा तो उसकी हालत टाइट हो गयी एक तरफ चूत की गर्मी और दूसरी तरफ किसी के आने का डर लिली की सिचुयेशन बड़ी खराब हो चली थी वो बोली तेरे हाथ जोड़ती हूँ अभी मुझे जाने दे जैसे ही मोका लगता है मैं पक्का तुझे दे दूँगी मैने कहा ना मैं ना करूँ तेरा विश्वास तो उसने मेरे सर पर हाथ रखा और कहा कि मनीष तेरी कसम खाती हूँ कुछ भी करके आज के आज ही पक्का तुझे दे दूँगी पर अभी ज़िद ना कर



तो मैने कहा ठीक है जा उसने फॉरन अपना नाडा बँधा और खिशक गयी मैं वापिस कपड़े प्रेस करने लगा पर ध्यान तो उसकी तरफ ही था करीब घंटे भर बाद की बात है मैं नीम के नीचे बैठ कर अपने जूते पोलिश कर रहा था तभी लिली ने मुझे इशारे से कहा कि छप्पर मे आ जाओ तो मैने इधर उधर देखा और फिर झट से छप्पर मे घुस गया अंदर बस पशुओ को खिलाने वाली घास थी जिसे
सुखा कर रखा गया था और एक साइड मे उपले का ढेर लगा हुआ था

लिली ने फटा फट अपनी सलवार और कच्छि को उतारा और साइड मे रख दिया और बोली ले जल्दी से करले और मेरा पीछा छोड़ मुझे बहुत काम है मैने कहा जल्दी है तो जा मैं तो आराम से ही करूँगा देनी है तो प्यार से दे वरना पकड़ ले अपना रास्ता तो वो बोली ओह मेरे बाप तुझे जैसे करना है तू कर ले पर कर ले अब बाते ना बना मैं ने कहा ये हुई ना बात चल अब आजा मैने अपना पयज़ामा और कच्चा उतार दिया और अपना लंड उसकी हाथ मे दे दिया वो उसे अपनी मुट्ठी मे भरते हुए बोली कितना गरम है ये और कितना मोटा भी



मैने कहा अब जैसा भी है तेरी चूत का तो अभी के लिए ये ही साथी है मैं आगे को होते हुए उसके लबों को चूसने लगा तो उसकी पकड़ लन्द पर और भी कस गयी दो चार मिनिट तक अच्छे से उसके होटो का स्वाद लिया फिर एक उंगली उसकी चूत मे सरका दी तो उसने अपनी टाँगो को भीच लिया और सिसकी लेने लगी मैने कहा डार्लिंग आज अच्छे से चोदुन्गा तुझे मैं अपनी उंगली ज़ोर ज़ोर से चूत के अंदर बाहर करने लगा तो लिली की टाँगे काँपने लगी मैने फिर उसका सूट भी उतार दिया अब वो बिल्कुल नंगी खड़ी थी मैने कहा लंड चुसेगी क्या तो वो घुटनो के बल बैठ गई और लंड को अपने मूह मे डाल लिया गपा गॅप करके वो अपना मूह लंड पर चलाने लगी उसके मूह की गर्मी से लंड मस्ताने लगा था 5 मिनिट तक वो लंड को चूस्ति रही फिर मैने उसको पंजो के बल झुकाया और उसकी कमर मे हाथ डालते हुए अपने थूक से भीगे हुए लंड को लिली की चूत पर लगा दिया मैने कहा करूँ तो वो बोली ना आरती करले तू अब क्या हुआ तुझे तो मैने एक धक्का लगाया तो लंड थोड़ा सा चूत की दीवारो मे घुस गया



लिली थोड़ा सा आगे को सरक गयी पर मेरे हाथ उसकी कमर पर थे तो फॉरन से ही मैने उसे पीछे की ओर खीच लिया और अगले ही शॉट मे आधा लंड उसकी चूत मे घुस गया उसकी चूत का छल्ला फैलने लगा तो वो आह भरने लगी और मैने एक कस कर और झटका लगाया तो पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत मे घुस गया और मेरे अंडकोष उसके चुतड़ों से सॅट गये वो बोली है रे मार दी रे इतनी ज़ोर से घुसा के फाड़ेगा क्या मेरी चूत को



मैने कहा चुप कर साली , फटी हुई को और क्या फाड़ुँगा कितने लंड तो ले चुकी है अब मेरे लंड के लिए नखरे दिखा रही है वो बोली कमिने ज़्यादा बाते मत कर कोई सुन लेगा तो परेशानी हो जाएगी मैने कहा तो चुप रह तू और करने दे मुझे मैं अब उसके मस्त बोबो को दबाने लगा काफ़ी कड़े निप्पल्स थे उसके तो मज़ा आ रहा था वैसे भी किसी भी औरत के बोबो को दबाओ तो वो और भी गरम होने लगती है तो मैं उसकी मीडियम साइज़ वाली चूचियो को मज़े से दबाते हुए



उसकी चूत मे लंड को अंदर बाहर करने लगा धीरे धीरे लिली भी अपने कुल्हो को पीछे को पटाकने लगी थी मस्ती अब बढ़ने लगी थी जाड़े के मोसम मे चूत मारने का अपना ही मज़ा होता है ये मुझसे बेहतर कॉन जानता था उस टाइम मे थोड़ी देर बाद वो बोली पाँव दुखने लगे है मैने कहा घास पर लेट जा वो बोली ना रे ना फिर बदन मे खुजली हो जाएगी मैने कहा तो ऐसे ही चुद पर वो ना मानी तो मैने उसे अपनी गोद मे उठा लिया और अपनी बाहों मे झूलने लगा



फॅक-फॅक करता हुआ मेरा लंड उसकी चूत मे उपर नीचे हो रहा था जोश मे आकर मैं उसके गालो को अपने दाँतों से खाने लगा तो वो बोली काट मत निशान लग जाएगा तो जवाब देना मुश्किल हो जाएगा होठ पी ले ना तो मैने उसके होटो पर अपने दाँत लगाने लगा उसने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और चुदाई का मज़ा लने लगी मैं अपने हाथो मे उसके कूल्हे थामे लगातार उसको चोदे जा रहा था बड़ा ही मज़ा आ रहा था फिर वो बोली मेरा होने वाला है थोड़ा और तेज तेज करो तो मैने फिर से उसको झुका दिया और पूरी रफ़्तार से चोदने लगा



तो उसने अपनी जाँघो को भीच लिया और मेरे लंड पर अपनी चूत का रस छोड़ते हुए झड़ने लगी मैं भी बिल्कुल किनारे पर ही आ गया था तो मैने अब अपने धक्को की रफ़्तार हद से ज़्यादा बढ़ा दी और फिर उसको अपनी बाहों मे बुरी तरह से भीचते हुए अपना पानी चूत मे गिरने लगा दो मिनिट तक मैं उस से ऐसे ही चिपका रहा फिर वो मुझसे अलग हुई और अपनी कच्छि से चूत को सॉफ करते हुए बोली अंदर ही क्यो छोड़ दिया मैने कहा अब माँ ना बनाऊ क्या तुझे तो वो बोली एक नंबर के कमिने हो तुम



उसने फटा फट अपनी सलवार पहनी और अपने बालों को सही करते हुए बोली हद तोड़ दिए तुमने तो मेरे मैने कहा पर मज़ा तो बड़ा ले रही थी तुम वो बोली मज़े की सज़ा भी मिलती है मैने कहा अब कब देगी तो बोली ले मेरे फोन मे अपना नंबर फीड कर्दे मोका होगा तो फोन कर दूँगी तो मैने अपना नंबर उसे दे दिया कुछ देर बाद वो निकल कर अपने घर चली गयी और मैं वापिस आकर अपने काम मे लग गया
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 06-12-2020, 10:21 AM



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