06-12-2020, 09:55 AM
मैने कहा आओ ज़रा थोड़ा सा घूम फिर कर आते है तो सोफीया बोली अभी मुझे थोड़ा सा काम है तो शाम को चलते है मैने कहा ठीक है , फिर मैं भी अपनी पॅकिंग करने लग गया उसके बाद मैने सोचा की थोड़ी सी पूछताछ कर लेता हूँ हालाँकि मुझे उस चीज़ का ऑर्डर नही था पर ऐसे ही मेरे मन मे आया तो मैं दूसरे रूम मे गया और कुर्सी पर बैठ गया
मैने कहा हाँ तो भाई , चल अब फटाफट से बता दे कि तूने डिपार्टमेंट से गद्दारी क्यो की और क्या क्या इन्फर्मेशन उन लोगो से शेअर की पर ये जो एजेंट्सद होते है ना ये बड़े ही ढीठ होते है अब जो आसानी से मूह खोल दे वो साला कलंक ही है एजेंट के नाम पर तो मैने कहा ठीक है भाई मत बता पर तुझे भी अब पता तो है ही कि जो तेरे साथ बीतेगी तो भी वो कुछ ना बोला
मेरे मन मे तो आया कि इसकी गान्ड तोड़ दूं पर फिर जाने दिया , तो लंच करके मैं सो गया तो शाम को सोफी ने ही उठाया और कहा कि कितना सोते हो तुम मैने कहा यार आजकल तो नींद ही पूरी नही होती है वो मुझे ड्रिंक देते हुए बोली ये लो और रेडी हो जाओ हम लोग बाहर रहे है तो मैने कहा पर यहाँ इन कमिनो की सेक़ुरिटी तो वो बोली डॉन’ट वरी आइ विल मॅनेज ऑल थिंग्स
तो करीब घंटे भर बाद हम लोग बीच के लिए निकल पड़े शाम हो रही थी बड़ी मस्तानी हवा चल रही थी वाइट टॉप और ब्लू जीन्स मे सोफी बड़ी ही कमाल लग रही थी उसकी मोटी टाँगे जीन्स मे क़ैद बड़ी ही कातिल लग रही थी मैने कहा आज तो बड़ी ही हॉट लग रही हो तो वो ब्लश करने लगी कार ड्राइव करते हुवे मैं उसकी थाइस को रब करने लगा तो वो बोली ड्राइविंग पर ध्यान दो ना
पर मैं पूरे मूड मे था उस से छेड़खानी करने के तो मैने अपनी पॅंट की ज़िप को खोला और अपने टूल को बाहर निकाल लिया और सोफी का हाथ उसपर रख दिया तो वो बोली कही भी शुरू हो जाते हो मैने कहा जब साथ मे इतना हॉट पीस हो तो कंट्रोल करना मुश्किल होता है वो मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबाने लगी उसके गरम हाथो के स्पर्श से लंड मे जान आने लगी तो वो जल्दी ही खड़ा हो गया
मैने कहा सोफी, डार्लिंग, प्लीज़, किस इट, तो वो झुकी और मेरे लंड पर किस करने लगी मज़ा ही आ गया थोड़ी देर तक पूरे लंड पर किस करने के बाद उसने अपना मूह खोला और धीरे धीरे से उसको अपने मूह मे लेने लगी उसकी गरम सांसो से एक अलग ही अनुभूति हो रही थी सोफी ने फिर लंड को अपने दाँतों तले दबा लिया तो मेरे होंठो से सिसकारी निकल गयी
मैं बोला काट कर खाने का इरादा है क्या तो वो बोली तुम बस ड्राइविंग पर ही ध्यान दो ये मेरा पहला केस था जहाँ मैं गाड़ी चलाते हुए किसी को लंड चुस्वा रहा था धीरे धीरे सोफी पूरी मस्ती मे आकर लंड को चूसने लगी थी पूरा लंड उसके थूक मे सन चुका था मेरी जाँघो के बीच झुकी हुवी उस मस्त लेडी के कहने ही क्या थे और कितनी शिद्दत के साथ वो लगी हुवी थी
लंड चूस्टे हुवे सोफी बोली युवर डिक ईज़ सो सो हॉट आंड माइ पुसी इस गोयिंग वेट नाउ उसके होतो की पकड़ इतनी टाइट थी लॅंड पर की मई मस्ती क सागर मे गोते खाने लगा था उसने लंड को जड़ तक अपने गले मे उतार लिया था बराबर उसका मूह उपर नीचे होते हुए मुझे जन्नत का द्वार दिख रहा था मैं तो बुरी तरह से ही पिघल ने लगा था
करीब 15-20 मिनट तक वो ऐसे ही मेरे लंड पर झुकी हुई अपना काम करती रही और फिर मुझे तो झड़ना था ही लंड से सफेद रस की पिचकारी निकली और उसके मूह मे जाने लगी सोफी गटगट मेरे सारे पानी को पी गयी मेरी तो हालत ही पस्त हो गयी फिर उसके कार के डेस्क से टिशू लिया और अपने चेहरे को सॉफ करते हुए बोली युवर क्रीम ईज़ सो टेस्टी बीच भी आने वाला था तो मैने अपने कपड़े ठीक कर लिए
गाड़ी को पार्किंग मे लगा कर हम दोनो टहलने लगे मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ा हुए था बाते करते हुए मैने पूछा तुम इस प्रोफेशन मे कब से हो तो वो बोली हो गये 14-15 साल बस सोच रही हू कि थोड़े दिन मे रिटाइयर्मेंट ले लूँ और शांति से किसी लंड पर ज़िंदगी बिताऊ तो मैं मुस्कुरा दिया . पता नही क्यो आज बीच पर भीड़ कुछ कम लग रही थी
सोफी बोली आओ पानी मे चलते है उसने बॅग से अपने लिए बिकनी निकाली और उसको पहनते हुए बोली तुम भी शॉर्ट्स डाल लो तो मैं भी चेंज करने लगा बिकनी मे उसका भरा हुवा शरीर बड़ा ही हॉट लग रहा था पता ही नही चला की कब मेरा लंड फिर से तन गया मैने उसके होंठो पर एक किस किया और फिर चल पड़े हम समुंदर की लहरो मे कभी हम एक दूसरे के उपर पानी उडेलते तो कभी पानी मे डुबकी लगाते जब लहर तेज़ी से आती तो खरा पानी पल भर मे ही सारॉबार कर जाता
करीब आधे घंटे तक हम लोग पानी मे एक दूसरे से मस्ती करते रहे फिर हम बाहर आ गये मैं दौड़ कर दो बॉटल बियर ले आया तो वही किनारे पर बैठ कर हम चुस्किया लेने लगे थोड़ा थोड़ा सा अंधेरा होने लगा था मैने कहा डियर, आओ ज़रा उधर पेड़ों की तरफ घूमने चलते है तो उसने मुझे एक स्माइल दी और फिर हम दोनो पेड़ो की तरफ आ गये उधर आते ही मैने उसको अपनी बहो मे भर लिया और किस करने लगा उसके होंठो पर कुछ बियर की बूंदे लगी हुई थी जिसे मैं चाट गया
सोफी बोली तुम हमेशा ही इतने उतावले रहते हो क्या मैने कहा पहले का तो पता नही पर जब से तुमको देखा है तो बस फिर कुछ याद नही वो बोली बाते अच्छी करते हो तुम , वो बिल्कुल मुझसे सटी हुई थी उसके रसीले होंठो को पीते पीते मैने उसकी पैंटी को नीचे सरका दिया और उसके कुल्हो को अपने हाथो मे थाम लिया सोफी ने भी अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और किस का जवाब देने लगी
अब मैने उसकी ब्रा को भी खोल कर हटा दिया और उसके मोटे मोटे चुचो को दबा ने लगा तो सोफी गरम होने लगी उसकी निप्पल्स 1 इंच के लगभग बाहर को तन गये थे तो मैं उसके बूब्स को लिक्क करने लगा उसकी स्किन बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट थी वो अपना हाथ नीचे की ओर ले गयी और मेरे लंड को हिलाने लगी दो गरम जिस्म उस वातावरण मे भड़क उठे थे
मैं एक हाथ से उसकी चूची को दबा रहा था तो दूसरी को अपने मूह मे भरे हुए था सोफी की धड़कन बहुत ज़्यादा बढ़ गयी थी करीब बीस पचीस मिनट तक हम लोग ऐसे ही एक दूसरे की अगन को भड़काते रहे फिर मैने सोफी को वही नीचे रेत पर पटक दिया और उसकी जाँघो को फैला दिया उसकी गोरी गोरी चूत के फड़कते होंठ मुझे आमंत्रण दे रहे थे
मैं उस पर झुका और उसकी प्यारी सी चूत को अपने मूह मे भर लिया सोफी उस गरम रेत पर तड़प उठी उसके तन बदन मे एक मस्तानी आग भड़क उठी थी उसकी चूत से बहता हुआ नमकीन पानी का स्वाद मेरी जीभ और होंठो पर लग रहा था मैं चटखारे लेते हुए सोफी की चूत को चाटने लगा तभी उसने पास रखी बियर की बॉटल उठाई और अपनी योनि पर बूंदे टपकाने लगी तो कसम से फिर मज़ा ही आगया
वो थोड़ी थोड़ी देर मे कुछ कुछ बूंदे चूत पर गिरते जाती जिन्हे मैं झट से पीए जा रहा था 5-7 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैं वहाँ से हट गया और सोफी को डॉगी स्टाइल मे होने को कहा तो वो झट से ही पोज़िशन मे आ गयी मैने उसके कुल्हो को सहलाया और फिर अपने लंड को उसकी गरम चूत से सटा दिया उस दिन तो काम अधूरा रह गया था पर आज ऐसी कोई बंदिश नही थी
लंड पर गीली चूत के पानी का अहसास होते ही वो फुफ्कार्ने लगा तो मैने भी अब देर ना करते हुए उसको चूत मे उतारने लगा तो सोफी आहे भरने लगी सोफी ने अपनी दोनो जाँघो को आपस मे चिपका लिया तो चूत थोड़ी सी टाइट सी हो गयी और उसकी पंखुड़िया लंड पर दबाव डालने लगी पर वो लंड ही क्या चूत को चीर ना सके तो जैसे ही मैने अगला धक्का लगाया लंड चूत को फैलाता हुआ अंदर प्रविष्ट हो गया
मैने सोफी की कमर को पकड़ लिया और अब हमारी चुदाई स्टार्ट हो गयी सोफी की चूत इतनी गरम हो गयी थी कि मुझे लगा कि कही लंड की खाल आज जल ही ना जाए पर ये तो खाली मेरा वहम ही था काफ़ी देर तक मैं उसको डॉगी स्टाइल मे ही चोदता रहा फिर मैं उसके उपर आ गया और उसको किस करते हुवे रगड़ने लगा सोफी की जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी
और हम दोनो के रगड़ खाते हुए जिस्म एक अलग सा ही घर्षण कर रहे थे दोनो के बदन इस कदर एक दूजे मे समा गये थे कि बस कहना ही क्या आधा घंटा से भी ज़्यादा हम लोग एक दूसरे मे समाए रहे मैने कहा सोफी अंदर ही डिसचार्ज हो जाउ क्या तो वो बोली नो नो उधर नही तो मैने लंड को बाहर खिचा और फिर उसके पेट पर ही अपना पानी छोड़ दिया
मैं भी उसके बगल मे ही लेट गया और अपनी सांसो को संभालने लगा कुछ देर बाद मैने देखा की सोफी अभी भी आँख बंद किए लेटी है तो माब् उठा और अपना शॉर्ट्स पहन ने लगा कुछ देर बाद उसने भी बिकनी को पहन लिया फिर हम चेंजिंग रूम मे जाकर नहाए और तैयार हो कर बाहर आए उसके बाद मैं उसको लेकर वही पास की स्ट्रीट पर डिन्नर के लिए ले कर गया
डिन्नर के बाद हम दोनो बाते कर रहे थे मैने कहा सोफी तुम्हारी बड़ी याद आएगी तो वो बोली अरे हम लोग टच मे रहेंगे और फिर मैं तो 6-7 महीने मे इंडिया आती ही रहती हू तो फिर मिलना भी होता रहेगा और फिर मैने तुम्हारा फ़ेसबुक एकाउंट तो बना ही दिया है तो हम बात करते ही रहेंगे फिर उसने मेरा मूड चियर अप करने के लिए मुझे किस किया
मैने पूछा रिटाइर होने के बाद क्या करोगी तो वो बोली कुछ नही बस पीस से रहूंगी पैसो की तो कोई प्राब्लम है नही मेरे खुद के पास बहुत मनी है और फिर हज़्बेंड प्रोफेसर है तो उनकी भी अच्छी सॅलरी है बस बाकी की ज़िंदगी फॅमिली के साथ ही एंजाय करते हुवे बिताउन्गी इतना ही प्लान है तुम बताओ क्या सीन है मैने कहा कुछ नही बस वापिस जाते ही गर्लफ्रेंड की फॅमिली से बात करूँगा और फिर शादी करनी है
वो बोली गुड आइडिया, रात काफ़ी हो गयी थी और अगली सुबह मुझे निकलना भी था तो फिर हम लोग वापिस आ गये सुबह हुई तो सब लोग अपने अपने बॅग पॅकिंग मे लगे थे आज इस टीम को बिखर जाना था जब तक कि कोई दूसरा मिशन ना हो , तो फिर सब एक दूसरे को अलविदा कहकर अपने अपने रास्ते हो लिए, फ्लाइट का ज़्यादा तर सफ़र सोकर ही कटा और फिर एक थका देने वाले सफ़र के बाद आख़िर मैने मुंबई एरपोर्ट पर लॅंड कर ही लिया
एरपोर्ट से बाहर आया थोड़ा फ्रेश वग़ैरा हुआ फिर बॉस के लिए मेसेज छोड़ा और कहा कि दो चार दिन मुंबई मे ही बिताकर आउन्गा और रिपोर्ट ई-मैल कर दूँगा सुबह के 5 बज रहे थे एक कॉफी पी और फिर एक टॅक्सी हाइयर कर ली पुणे के लिए अब मेरे और निशा के बीच बस कुछ था तो ये थोड़ा सा सफ़र टॅक्सी वाले ने रेडियो पे कुछ रोमॅंटिक सॉंग्स प्ले कर रखे थे तो दिल एक बार फिर से कुमार शानू की आवाज़ मे डूबता चला गया
एक तो इंतज़ार और एक ड्राइवर भी मिला तो ऐसा कि पूछो ही मत जैसे तैसे करके आख़िर मैं पहुच ही गया मैने ड्राइवर से कहा कि किसी गिफ्ट शॉप पे रोकना थोड़ी देर कुछ गिफ्ट्स लेने है तो खरीदारी मे भी थोड़ा सा टाइम लग गया मुझे पल पल भारी हो रहा था दिल मे उमंग , आँखो मे सनम की सूरत लिए आख़िर मैं पहुक ही गया स्टेट बॅंक ऑफ इंडिया की उस आलीशान इमारत के सामने जहाँ पर मेरी सबसे प्यारी दोस्त काम करती थी
तेज तेज कदमो से चलता हुआ मैं अंदर गया ना जाने क्यो मेरी धड़कने कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी थी मैं रिसेप्षन पर गया और वहाँ बैठी लेडी से पूछा की मॅम, लोन ऑफीसर निशा का कॅबिन कॉन सा है तो उसने मेरी ओर देखा और कहा किस डिपार्टमेंट मे, मैने कहा जी लोन ऑफीसर है ना , तो वो बोली सर आइ मीन वो कॉन से डिपार्टमेंट मे है लाइक ऑटोमोबाइल लोन्स, होम लोन्स, एट्सेटरा, मैने कहा वो तो नही पता तो बोली प्लीज़ वेट कीजिए मैं चेक करके बताती हू
4-5 मिनट बाद उसने बताया कि सर इधर निशा मॅम है वो पर्सनल लोन डिपार्टमेंट मे है पर आप अभी उनसे नही मिल सकते शी’ज करंटी इन मीटिंग ना जाने क्यो मुझे कोफ़्त सी होने लगी थी मैने तेज आवाज़ मे कहा तू बस उसका कॅबिन बता कहाँ है मेरी आवाज़ सुनते ही दो सेक्यूरिटी गार्ड्स डोडकर आए और मुझे पकड़ लिया मेरा दिमाग़ खराब होने लगा मैने कहा हाथ छोड़ वरना अगले पल जॉब जाएगी तेरी
गार्ड मुझसे उलझते हवुए बोला कॉन है तू डीसी, है एसपी है नेता है मैने कहा देख भाई एक तो मैं बड़ी दूर से आया हूँ तू दिमाग़ खराब ना कर वरना फिर बाद मे मुझे दोष ना दियो तो वो अकड़ने लगा रिसेप्षनिस्ट बोली इस बंदे को बिल्डिंग से आउट करो , तो मेरा दिमाग़ घूम गया मैने कहा साली तू आउट करेगी मुझे तेरा काम है लोगो की हेल्प करना जिसकी गवरमेंट सॅलरी देती है मैने जेब से अपना आइ कार्ड निकाला और उसके हाथ मे देते हुवे बोला
देख गोर से कि मैं कॉन हूँ , हालाँकि मैं ऐसा कोई सीन उधर क्रियेट नही करना चाहता था पर हो ही गया पल भर मे ही उस लड़की के चेहरे का रंग उड़ गया वो सर सर. करने लगी मैने फिर सेक्यूरिटी वालो को धमकाते हुए कहा सालो आम इंसान को तो कुछ नही समझते हो तो वो भी माफी माँगने लगे मैने कहा बता कहाँ है निशा का कॅबिन
तो उसने कहा सर थर्ड फ्लोर पे रूम 56 , लिफ्ट बाहर राइट साइड से है , मैने उसकी तरफ देखा घूरकर और फिर लिफ्ट की ओर चल पड़ा थर्ड फ्लोर पर पहुचते ही मुझे पीओन मिला शायद रिसेप्षन से उपर बताया गया था उसने मुझे निशा के कॅबिन मे बिठाया और बोला सर मेडम बस दस मिनट मे आती ही होंगी आप प्लीज़ वेट करे मैं आपके लिए कॉफी लेकर आता हूँ तो मैने कहा नही अभी उसकी ज़रूरत नही है तू बस पानी ही पिला दे
2-3 गिलास पानी पिया तो कुछ मूड ठीक हुआ गला जो सूख गया था वो भी तर हो गया कुछ देर बाद कॅबिन का गेट खुला और निशा ने आते ही बोली यस, कहिए क्या हेल्प कर सकती हूँ मैं आपकी , और क्या कारण था कि नीचे इतना हंगामा कर दिया आपने मैं पलटा तो देखा कि ये तो कोई और ही है मैने कहा जी आप कॉन मुझे तो निशा मेडम से मिलना है
तो वो बोली सर मैं उनकी असिस्टेंट हू , निशा. मॅम बहुत ही बिज़ी है आज तो आपका मिलना पासिबल नही हो पाएगा आपका लोन का जो भी काम है आप पेपर्स मुझे दे दीजिए मैं देख लूँगी और कल बॅंक होली डे है और फिर दो चार छुट्टिया भी है तो प्लीज़ आप थर्स्डे को ही क्न्सर्न कीजिएगा मैने कहा होल्ड,होल्ड कीजिए मॅम आप को शायद कुछ ग़लत फ़हमी हुई है
मैं यहा पर किसी लोन के सिलसिले मे नही आया हू मैं निशा का फ्रेंड हूँ बड़ी मुश्किल से ढूँढा है उसे आप प्लीज़ मेरी मुलाकात करवाईए , वो बोली सर आप को वेट करना होगा मीटिंग ख़तम होने तक का मैने कहा और ये कब ख़तम होगी तो नेहा जी ने बताया कि सर कोई एग्ज़ॅक्ट टाइम तो होता नही है अब डीस्कशन कितनी देर चलता है ये तो डिपेंड करता है ना
जबकि मैं तो व्याकुल हो रहा था निशा को देखने को और ये लोग अपने रूल्स अपनी मजबूरियो का रोना रो रहे थे मैने झुंझलाते हुए कहा आप एक काम कीजिए कि जाकर बस उसे इतना मेसेज दे दीजिए कि उसका वो दोस्त आया है उस से मिलने जिसे वो अरसे पहले भूल आई थी उस से जाकर बस इतना कह देना कि नीचे रिसेप्षन पर मनीष इंतज़ार कर रहा है उसका
और मैं फिर वहाँ से निकल कर नीचे आ गया और विज़िटर्स के सोफे पर बैठ गया कुछ ही मिनट बीते होंगे कि मैने देखा निशा , मेरी निशा लगभग दौड़ते हुवे विज़िटर्स हॉल की तरफ आ रही थी मैं सोफे से उठ खड़ा हुआ और उसकी तरफ चलने लगा वो मेरे से बस कुछ ही दूर थी हमारी आँखे आपस मे टकराई और निशा भाग कर मेरे गले लग गई
और मैने भी उसको अपनी बाहों मे समेट लिया कुछ देर तक वो मेरे सीने से लगी रही उसकी धड़कनो को सॉफ सॉफ सुन पा रहा था मैं फिर उसने इधर उधर देखा तो झट से मुझसे दूर हो गयी , वो बोली मनीष तुम , तुम अचानक यहाँ कैसे तो मैने एक तमाचा उसके गालो पर जड़ दिया और फुट फुट कर रोने लगा मैं रोते हुवे बोला कमिनि कहाँ चली गयी थी मुझे अकेला छोड़ कर
जानती है कितना तडपा हूँ मैं तेरे लिए हर पल तिल तिल करके जिया हूँ मैं तेरे लिए कहाँ कहाँ नही ढूँढा मैने तुझे , कोई मंदिर मस्जिद नही जहाँ तेरे मिलने की दुआ नही की हो मैने और तू यहाँ ऐश से रह रही है तेरे घर, मुंबई कहाँ कहाँ भटकता रहा मैं हर एक सांस मे बस तुझे ही याद किया और तुझे एक पल भी अपने दोस्त की ज़रा सी भी याद ना आई
निशा की आँखो से भी आँसू छल छला आए थे पर वो मेरे आँसू पोंछते हुए बोली बस मनीष बस तुम यूँ ना रोओ मुझे तकलीफ़ होती है , मैने कहा अगर इतनी ही तकलीफ़ होती है तो फिर मुझे छोड़कर गयी ही क्यो थी वो बोली मैं सब बता दूँगी तुम दो पल इधर ही बैठो मैं अभी छुट्टी लिख कर आती हू घर चलती हूँ निशा ने मेरे आँसू पोंछे और फिर बोली बस मैं दो मिनट मे आ रही हू
निशा
बिल्कुल भी तो नही बदली थी वो जैसा पहले हुआ करती थी वैसे ही आज भी थी बिल्कुल सीधी-सादी सिंपल सी लड़की हाँ वजन कुछ बढ़ गया था पर बाकी पूरी तरह से सादगी से भरी हुई नेवी ब्लू कलर की साड़ी दोनो हाथो मे बस एक एक चूड़ी और होंठो पर हल्की सी लिपीसटिक बस यही था सजने के नाम पर उसके पास वो कहते है ना कि समय की आँधी मे भी कुछ लोग अपने आप को मजबूती से थामे रखते है कुछ ऐसी ही तो थी निशा,
आते ही उसने मेरा हाथ थामा और पार्किंग की तरफ चल पड़ी वहाँ उसने अपनी कार को स्टार्ट किया और फिर हम दोनो उसके घर की ओर चल पड़े मैने कहा अच्छी कार है तो उसने बता या कि कुछ दिन पहले ही ली है मेरी निगाह तो एक पल के लिए भी उस के चेहरे से हट ही नही रही थी आज बड़ी ही खुशी का दिन था मेरी जिंदगी मे , मुझे आख़िर मेरी दोस्त का दीदार हो ही गया था
वो बड़े प्यार से मुझे देखते हुए बोली , ऐसे क्या देख रहे हो मैने कहा बस तुम्हे ही देख रहा हूँ बिल्कुल भी नही बदली पहले जैसी ही छुई मुई सी हो वो बोली तुम भी कहाँ बदले हो एक नज़र मे ही पहचान गयी मैं तो मैने कहा तू बहुत ज़ालिम निकली ऐसा भी कोई किसी के साथ करता है क्या तो वो बोली अब माफ़ भी करदो ना तुम गुस्से मे बिल्कुल भी अच्छे नही लगते हो
तो मैं उसके सर पर चपत लगाते हुए बोला ये गुस्सा भी बस तुम्हारी वजह से ही है ना तुम ऐसे रूठ कर जाती ना मैं गुस्सा होता तो वो बोली मनीष अब तुमसे मेरी ज़िंदगी का कुछ भी तो छुपा नही है ये तो भगवान का शूकर है कि टाइम पर नोकरी मिल गयी तो बस गुज़ारा हो रहा है ज़िंदगी की उलझनों मे कुछ ऐसे उलझी की बस पता ही नही चला की वक़्त कैसे गुजर गया पर मैं वही खड़ी रह गयी
पर अभी इन सब बातों का टाइम नही है अभी तुम मेरे पास हो तो मैं अपने मूड को बिगाड़ना नही चाहती हूँ , वैसे भी मुझे पता है कि तुम्हे भूख लगी होगी तो चलो रेस्टोरेंट चलते है कुछ खा पी लेते है मैने कहा आज अपने हाथो का बना खाना नही खिलाओगी या अब हम इतने पराए हो गये है की बाहर से ही टरकाना चाहती हो तो निशा मेरे होंठो पर उंगली रखती हुवे बोली मनीष , खबरदार जो तुमने दुबारा ऐसा कहा तो
तुम मेरे लिए कभी भी पराए नही हो सकते हो , तुम भी ये अच्छी तरह से जानते हो ये बोलते बोलते निशा एमोशनल हो गयी तो मैने कहा निशा, अब फिर से रुलाओगी क्या तो फिर वो कार चलाने लगी और कुछ हल्की फुल्की बाते करते हुवे हम उसके फ्लॅट मे आ गये 12थ फ्लोर पर उसका दो बेडरूम का सेट था अंदर आते ही दिल को ऐसा सुकून सा मिला की जैसे मैं किसी मंदिर मे आ गया हू
उसने मेरा बॅग अंदर रखा और बोली मैं चेंज करके आती हूँ तब तक तुम भी फ्रेश हो जाओ काफ़ी थके थके से लग रहे हो मैने कहा हाँ बातरूम कॉन सी साइड है तो उसने मुझे बताया थकान तो हो रही थी पर निशा के साथ होने का अहसास भी तो था मैने अपने कपड़े उतारे और नहाने लगा मैने शवर चालू किया और खुद को भिगोने लगा ठंडा पानी जैसे बदन को चीरता ही चला गया पर अपने को क्या फरक पड़े
मैने लगाने के लिए साबुन उठाया तो मेरे होंठो पर एक मुस्कान आ गयी थी उफफफफफफफफ्फ़ ये लड़की भी ना आज भी ये मार्गो साबुन यूज़ करती है बस यही तो उसकी सादगी थी जो उसे औरो से जुदा करती थी ,25-30 मिनट तक अच्छे से रगड़ रगड़ कर नाहया तब जाके शरीर थोड़ा सा रिलॅक्स हुआ मेरा मैं बाहर आया तो देखा कि निशा ने भी ड्रेस चेंज कर ली थी और एक टीशर्ट और पयज़ामा डाल दिया था
उसने जूस का गिलास मुझे पकड़ाया और बोली तो बताओ आर्मी ऑफीसर क्या चल रहा है लाइफ मे और तुमने मुझे आख़िर ढूँढा कैसे , तो मैने कहा बात ये है कि आजकल मैं आर्मी मे नही हूँ तो शॉक्ड होते हुए बोली तुमने जॉब छोड़ दी मैने कहा अरे नही तुम पूरी बात तो सुनो , दरअसल आज कल मैं इंडियन इंटेलिजेन्स मे हूँ डेप्युटेशन पर तो बस उसी मे ही काम कर रहा हू तो वो मुस्कुराते हुवे बोली अच्छा जी तो आपने मेरी जासूसी कर ली
मैने कहा हाँ तो भाई , चल अब फटाफट से बता दे कि तूने डिपार्टमेंट से गद्दारी क्यो की और क्या क्या इन्फर्मेशन उन लोगो से शेअर की पर ये जो एजेंट्सद होते है ना ये बड़े ही ढीठ होते है अब जो आसानी से मूह खोल दे वो साला कलंक ही है एजेंट के नाम पर तो मैने कहा ठीक है भाई मत बता पर तुझे भी अब पता तो है ही कि जो तेरे साथ बीतेगी तो भी वो कुछ ना बोला
मेरे मन मे तो आया कि इसकी गान्ड तोड़ दूं पर फिर जाने दिया , तो लंच करके मैं सो गया तो शाम को सोफी ने ही उठाया और कहा कि कितना सोते हो तुम मैने कहा यार आजकल तो नींद ही पूरी नही होती है वो मुझे ड्रिंक देते हुए बोली ये लो और रेडी हो जाओ हम लोग बाहर रहे है तो मैने कहा पर यहाँ इन कमिनो की सेक़ुरिटी तो वो बोली डॉन’ट वरी आइ विल मॅनेज ऑल थिंग्स
तो करीब घंटे भर बाद हम लोग बीच के लिए निकल पड़े शाम हो रही थी बड़ी मस्तानी हवा चल रही थी वाइट टॉप और ब्लू जीन्स मे सोफी बड़ी ही कमाल लग रही थी उसकी मोटी टाँगे जीन्स मे क़ैद बड़ी ही कातिल लग रही थी मैने कहा आज तो बड़ी ही हॉट लग रही हो तो वो ब्लश करने लगी कार ड्राइव करते हुवे मैं उसकी थाइस को रब करने लगा तो वो बोली ड्राइविंग पर ध्यान दो ना
पर मैं पूरे मूड मे था उस से छेड़खानी करने के तो मैने अपनी पॅंट की ज़िप को खोला और अपने टूल को बाहर निकाल लिया और सोफी का हाथ उसपर रख दिया तो वो बोली कही भी शुरू हो जाते हो मैने कहा जब साथ मे इतना हॉट पीस हो तो कंट्रोल करना मुश्किल होता है वो मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबाने लगी उसके गरम हाथो के स्पर्श से लंड मे जान आने लगी तो वो जल्दी ही खड़ा हो गया
मैने कहा सोफी, डार्लिंग, प्लीज़, किस इट, तो वो झुकी और मेरे लंड पर किस करने लगी मज़ा ही आ गया थोड़ी देर तक पूरे लंड पर किस करने के बाद उसने अपना मूह खोला और धीरे धीरे से उसको अपने मूह मे लेने लगी उसकी गरम सांसो से एक अलग ही अनुभूति हो रही थी सोफी ने फिर लंड को अपने दाँतों तले दबा लिया तो मेरे होंठो से सिसकारी निकल गयी
मैं बोला काट कर खाने का इरादा है क्या तो वो बोली तुम बस ड्राइविंग पर ही ध्यान दो ये मेरा पहला केस था जहाँ मैं गाड़ी चलाते हुए किसी को लंड चुस्वा रहा था धीरे धीरे सोफी पूरी मस्ती मे आकर लंड को चूसने लगी थी पूरा लंड उसके थूक मे सन चुका था मेरी जाँघो के बीच झुकी हुवी उस मस्त लेडी के कहने ही क्या थे और कितनी शिद्दत के साथ वो लगी हुवी थी
लंड चूस्टे हुवे सोफी बोली युवर डिक ईज़ सो सो हॉट आंड माइ पुसी इस गोयिंग वेट नाउ उसके होतो की पकड़ इतनी टाइट थी लॅंड पर की मई मस्ती क सागर मे गोते खाने लगा था उसने लंड को जड़ तक अपने गले मे उतार लिया था बराबर उसका मूह उपर नीचे होते हुए मुझे जन्नत का द्वार दिख रहा था मैं तो बुरी तरह से ही पिघल ने लगा था
करीब 15-20 मिनट तक वो ऐसे ही मेरे लंड पर झुकी हुई अपना काम करती रही और फिर मुझे तो झड़ना था ही लंड से सफेद रस की पिचकारी निकली और उसके मूह मे जाने लगी सोफी गटगट मेरे सारे पानी को पी गयी मेरी तो हालत ही पस्त हो गयी फिर उसके कार के डेस्क से टिशू लिया और अपने चेहरे को सॉफ करते हुए बोली युवर क्रीम ईज़ सो टेस्टी बीच भी आने वाला था तो मैने अपने कपड़े ठीक कर लिए
गाड़ी को पार्किंग मे लगा कर हम दोनो टहलने लगे मैने उसका हाथ अपने हाथ मे पकड़ा हुए था बाते करते हुए मैने पूछा तुम इस प्रोफेशन मे कब से हो तो वो बोली हो गये 14-15 साल बस सोच रही हू कि थोड़े दिन मे रिटाइयर्मेंट ले लूँ और शांति से किसी लंड पर ज़िंदगी बिताऊ तो मैं मुस्कुरा दिया . पता नही क्यो आज बीच पर भीड़ कुछ कम लग रही थी
सोफी बोली आओ पानी मे चलते है उसने बॅग से अपने लिए बिकनी निकाली और उसको पहनते हुए बोली तुम भी शॉर्ट्स डाल लो तो मैं भी चेंज करने लगा बिकनी मे उसका भरा हुवा शरीर बड़ा ही हॉट लग रहा था पता ही नही चला की कब मेरा लंड फिर से तन गया मैने उसके होंठो पर एक किस किया और फिर चल पड़े हम समुंदर की लहरो मे कभी हम एक दूसरे के उपर पानी उडेलते तो कभी पानी मे डुबकी लगाते जब लहर तेज़ी से आती तो खरा पानी पल भर मे ही सारॉबार कर जाता
करीब आधे घंटे तक हम लोग पानी मे एक दूसरे से मस्ती करते रहे फिर हम बाहर आ गये मैं दौड़ कर दो बॉटल बियर ले आया तो वही किनारे पर बैठ कर हम चुस्किया लेने लगे थोड़ा थोड़ा सा अंधेरा होने लगा था मैने कहा डियर, आओ ज़रा उधर पेड़ों की तरफ घूमने चलते है तो उसने मुझे एक स्माइल दी और फिर हम दोनो पेड़ो की तरफ आ गये उधर आते ही मैने उसको अपनी बहो मे भर लिया और किस करने लगा उसके होंठो पर कुछ बियर की बूंदे लगी हुई थी जिसे मैं चाट गया
सोफी बोली तुम हमेशा ही इतने उतावले रहते हो क्या मैने कहा पहले का तो पता नही पर जब से तुमको देखा है तो बस फिर कुछ याद नही वो बोली बाते अच्छी करते हो तुम , वो बिल्कुल मुझसे सटी हुई थी उसके रसीले होंठो को पीते पीते मैने उसकी पैंटी को नीचे सरका दिया और उसके कुल्हो को अपने हाथो मे थाम लिया सोफी ने भी अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और किस का जवाब देने लगी
अब मैने उसकी ब्रा को भी खोल कर हटा दिया और उसके मोटे मोटे चुचो को दबा ने लगा तो सोफी गरम होने लगी उसकी निप्पल्स 1 इंच के लगभग बाहर को तन गये थे तो मैं उसके बूब्स को लिक्क करने लगा उसकी स्किन बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट थी वो अपना हाथ नीचे की ओर ले गयी और मेरे लंड को हिलाने लगी दो गरम जिस्म उस वातावरण मे भड़क उठे थे
मैं एक हाथ से उसकी चूची को दबा रहा था तो दूसरी को अपने मूह मे भरे हुए था सोफी की धड़कन बहुत ज़्यादा बढ़ गयी थी करीब बीस पचीस मिनट तक हम लोग ऐसे ही एक दूसरे की अगन को भड़काते रहे फिर मैने सोफी को वही नीचे रेत पर पटक दिया और उसकी जाँघो को फैला दिया उसकी गोरी गोरी चूत के फड़कते होंठ मुझे आमंत्रण दे रहे थे
मैं उस पर झुका और उसकी प्यारी सी चूत को अपने मूह मे भर लिया सोफी उस गरम रेत पर तड़प उठी उसके तन बदन मे एक मस्तानी आग भड़क उठी थी उसकी चूत से बहता हुआ नमकीन पानी का स्वाद मेरी जीभ और होंठो पर लग रहा था मैं चटखारे लेते हुए सोफी की चूत को चाटने लगा तभी उसने पास रखी बियर की बॉटल उठाई और अपनी योनि पर बूंदे टपकाने लगी तो कसम से फिर मज़ा ही आगया
वो थोड़ी थोड़ी देर मे कुछ कुछ बूंदे चूत पर गिरते जाती जिन्हे मैं झट से पीए जा रहा था 5-7 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैं वहाँ से हट गया और सोफी को डॉगी स्टाइल मे होने को कहा तो वो झट से ही पोज़िशन मे आ गयी मैने उसके कुल्हो को सहलाया और फिर अपने लंड को उसकी गरम चूत से सटा दिया उस दिन तो काम अधूरा रह गया था पर आज ऐसी कोई बंदिश नही थी
लंड पर गीली चूत के पानी का अहसास होते ही वो फुफ्कार्ने लगा तो मैने भी अब देर ना करते हुए उसको चूत मे उतारने लगा तो सोफी आहे भरने लगी सोफी ने अपनी दोनो जाँघो को आपस मे चिपका लिया तो चूत थोड़ी सी टाइट सी हो गयी और उसकी पंखुड़िया लंड पर दबाव डालने लगी पर वो लंड ही क्या चूत को चीर ना सके तो जैसे ही मैने अगला धक्का लगाया लंड चूत को फैलाता हुआ अंदर प्रविष्ट हो गया
मैने सोफी की कमर को पकड़ लिया और अब हमारी चुदाई स्टार्ट हो गयी सोफी की चूत इतनी गरम हो गयी थी कि मुझे लगा कि कही लंड की खाल आज जल ही ना जाए पर ये तो खाली मेरा वहम ही था काफ़ी देर तक मैं उसको डॉगी स्टाइल मे ही चोदता रहा फिर मैं उसके उपर आ गया और उसको किस करते हुवे रगड़ने लगा सोफी की जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी
और हम दोनो के रगड़ खाते हुए जिस्म एक अलग सा ही घर्षण कर रहे थे दोनो के बदन इस कदर एक दूजे मे समा गये थे कि बस कहना ही क्या आधा घंटा से भी ज़्यादा हम लोग एक दूसरे मे समाए रहे मैने कहा सोफी अंदर ही डिसचार्ज हो जाउ क्या तो वो बोली नो नो उधर नही तो मैने लंड को बाहर खिचा और फिर उसके पेट पर ही अपना पानी छोड़ दिया
मैं भी उसके बगल मे ही लेट गया और अपनी सांसो को संभालने लगा कुछ देर बाद मैने देखा की सोफी अभी भी आँख बंद किए लेटी है तो माब् उठा और अपना शॉर्ट्स पहन ने लगा कुछ देर बाद उसने भी बिकनी को पहन लिया फिर हम चेंजिंग रूम मे जाकर नहाए और तैयार हो कर बाहर आए उसके बाद मैं उसको लेकर वही पास की स्ट्रीट पर डिन्नर के लिए ले कर गया
डिन्नर के बाद हम दोनो बाते कर रहे थे मैने कहा सोफी तुम्हारी बड़ी याद आएगी तो वो बोली अरे हम लोग टच मे रहेंगे और फिर मैं तो 6-7 महीने मे इंडिया आती ही रहती हू तो फिर मिलना भी होता रहेगा और फिर मैने तुम्हारा फ़ेसबुक एकाउंट तो बना ही दिया है तो हम बात करते ही रहेंगे फिर उसने मेरा मूड चियर अप करने के लिए मुझे किस किया
मैने पूछा रिटाइर होने के बाद क्या करोगी तो वो बोली कुछ नही बस पीस से रहूंगी पैसो की तो कोई प्राब्लम है नही मेरे खुद के पास बहुत मनी है और फिर हज़्बेंड प्रोफेसर है तो उनकी भी अच्छी सॅलरी है बस बाकी की ज़िंदगी फॅमिली के साथ ही एंजाय करते हुवे बिताउन्गी इतना ही प्लान है तुम बताओ क्या सीन है मैने कहा कुछ नही बस वापिस जाते ही गर्लफ्रेंड की फॅमिली से बात करूँगा और फिर शादी करनी है
वो बोली गुड आइडिया, रात काफ़ी हो गयी थी और अगली सुबह मुझे निकलना भी था तो फिर हम लोग वापिस आ गये सुबह हुई तो सब लोग अपने अपने बॅग पॅकिंग मे लगे थे आज इस टीम को बिखर जाना था जब तक कि कोई दूसरा मिशन ना हो , तो फिर सब एक दूसरे को अलविदा कहकर अपने अपने रास्ते हो लिए, फ्लाइट का ज़्यादा तर सफ़र सोकर ही कटा और फिर एक थका देने वाले सफ़र के बाद आख़िर मैने मुंबई एरपोर्ट पर लॅंड कर ही लिया
एरपोर्ट से बाहर आया थोड़ा फ्रेश वग़ैरा हुआ फिर बॉस के लिए मेसेज छोड़ा और कहा कि दो चार दिन मुंबई मे ही बिताकर आउन्गा और रिपोर्ट ई-मैल कर दूँगा सुबह के 5 बज रहे थे एक कॉफी पी और फिर एक टॅक्सी हाइयर कर ली पुणे के लिए अब मेरे और निशा के बीच बस कुछ था तो ये थोड़ा सा सफ़र टॅक्सी वाले ने रेडियो पे कुछ रोमॅंटिक सॉंग्स प्ले कर रखे थे तो दिल एक बार फिर से कुमार शानू की आवाज़ मे डूबता चला गया
एक तो इंतज़ार और एक ड्राइवर भी मिला तो ऐसा कि पूछो ही मत जैसे तैसे करके आख़िर मैं पहुच ही गया मैने ड्राइवर से कहा कि किसी गिफ्ट शॉप पे रोकना थोड़ी देर कुछ गिफ्ट्स लेने है तो खरीदारी मे भी थोड़ा सा टाइम लग गया मुझे पल पल भारी हो रहा था दिल मे उमंग , आँखो मे सनम की सूरत लिए आख़िर मैं पहुक ही गया स्टेट बॅंक ऑफ इंडिया की उस आलीशान इमारत के सामने जहाँ पर मेरी सबसे प्यारी दोस्त काम करती थी
तेज तेज कदमो से चलता हुआ मैं अंदर गया ना जाने क्यो मेरी धड़कने कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी थी मैं रिसेप्षन पर गया और वहाँ बैठी लेडी से पूछा की मॅम, लोन ऑफीसर निशा का कॅबिन कॉन सा है तो उसने मेरी ओर देखा और कहा किस डिपार्टमेंट मे, मैने कहा जी लोन ऑफीसर है ना , तो वो बोली सर आइ मीन वो कॉन से डिपार्टमेंट मे है लाइक ऑटोमोबाइल लोन्स, होम लोन्स, एट्सेटरा, मैने कहा वो तो नही पता तो बोली प्लीज़ वेट कीजिए मैं चेक करके बताती हू
4-5 मिनट बाद उसने बताया कि सर इधर निशा मॅम है वो पर्सनल लोन डिपार्टमेंट मे है पर आप अभी उनसे नही मिल सकते शी’ज करंटी इन मीटिंग ना जाने क्यो मुझे कोफ़्त सी होने लगी थी मैने तेज आवाज़ मे कहा तू बस उसका कॅबिन बता कहाँ है मेरी आवाज़ सुनते ही दो सेक्यूरिटी गार्ड्स डोडकर आए और मुझे पकड़ लिया मेरा दिमाग़ खराब होने लगा मैने कहा हाथ छोड़ वरना अगले पल जॉब जाएगी तेरी
गार्ड मुझसे उलझते हवुए बोला कॉन है तू डीसी, है एसपी है नेता है मैने कहा देख भाई एक तो मैं बड़ी दूर से आया हूँ तू दिमाग़ खराब ना कर वरना फिर बाद मे मुझे दोष ना दियो तो वो अकड़ने लगा रिसेप्षनिस्ट बोली इस बंदे को बिल्डिंग से आउट करो , तो मेरा दिमाग़ घूम गया मैने कहा साली तू आउट करेगी मुझे तेरा काम है लोगो की हेल्प करना जिसकी गवरमेंट सॅलरी देती है मैने जेब से अपना आइ कार्ड निकाला और उसके हाथ मे देते हुवे बोला
देख गोर से कि मैं कॉन हूँ , हालाँकि मैं ऐसा कोई सीन उधर क्रियेट नही करना चाहता था पर हो ही गया पल भर मे ही उस लड़की के चेहरे का रंग उड़ गया वो सर सर. करने लगी मैने फिर सेक्यूरिटी वालो को धमकाते हुए कहा सालो आम इंसान को तो कुछ नही समझते हो तो वो भी माफी माँगने लगे मैने कहा बता कहाँ है निशा का कॅबिन
तो उसने कहा सर थर्ड फ्लोर पे रूम 56 , लिफ्ट बाहर राइट साइड से है , मैने उसकी तरफ देखा घूरकर और फिर लिफ्ट की ओर चल पड़ा थर्ड फ्लोर पर पहुचते ही मुझे पीओन मिला शायद रिसेप्षन से उपर बताया गया था उसने मुझे निशा के कॅबिन मे बिठाया और बोला सर मेडम बस दस मिनट मे आती ही होंगी आप प्लीज़ वेट करे मैं आपके लिए कॉफी लेकर आता हूँ तो मैने कहा नही अभी उसकी ज़रूरत नही है तू बस पानी ही पिला दे
2-3 गिलास पानी पिया तो कुछ मूड ठीक हुआ गला जो सूख गया था वो भी तर हो गया कुछ देर बाद कॅबिन का गेट खुला और निशा ने आते ही बोली यस, कहिए क्या हेल्प कर सकती हूँ मैं आपकी , और क्या कारण था कि नीचे इतना हंगामा कर दिया आपने मैं पलटा तो देखा कि ये तो कोई और ही है मैने कहा जी आप कॉन मुझे तो निशा मेडम से मिलना है
तो वो बोली सर मैं उनकी असिस्टेंट हू , निशा. मॅम बहुत ही बिज़ी है आज तो आपका मिलना पासिबल नही हो पाएगा आपका लोन का जो भी काम है आप पेपर्स मुझे दे दीजिए मैं देख लूँगी और कल बॅंक होली डे है और फिर दो चार छुट्टिया भी है तो प्लीज़ आप थर्स्डे को ही क्न्सर्न कीजिएगा मैने कहा होल्ड,होल्ड कीजिए मॅम आप को शायद कुछ ग़लत फ़हमी हुई है
मैं यहा पर किसी लोन के सिलसिले मे नही आया हू मैं निशा का फ्रेंड हूँ बड़ी मुश्किल से ढूँढा है उसे आप प्लीज़ मेरी मुलाकात करवाईए , वो बोली सर आप को वेट करना होगा मीटिंग ख़तम होने तक का मैने कहा और ये कब ख़तम होगी तो नेहा जी ने बताया कि सर कोई एग्ज़ॅक्ट टाइम तो होता नही है अब डीस्कशन कितनी देर चलता है ये तो डिपेंड करता है ना
जबकि मैं तो व्याकुल हो रहा था निशा को देखने को और ये लोग अपने रूल्स अपनी मजबूरियो का रोना रो रहे थे मैने झुंझलाते हुए कहा आप एक काम कीजिए कि जाकर बस उसे इतना मेसेज दे दीजिए कि उसका वो दोस्त आया है उस से मिलने जिसे वो अरसे पहले भूल आई थी उस से जाकर बस इतना कह देना कि नीचे रिसेप्षन पर मनीष इंतज़ार कर रहा है उसका
और मैं फिर वहाँ से निकल कर नीचे आ गया और विज़िटर्स के सोफे पर बैठ गया कुछ ही मिनट बीते होंगे कि मैने देखा निशा , मेरी निशा लगभग दौड़ते हुवे विज़िटर्स हॉल की तरफ आ रही थी मैं सोफे से उठ खड़ा हुआ और उसकी तरफ चलने लगा वो मेरे से बस कुछ ही दूर थी हमारी आँखे आपस मे टकराई और निशा भाग कर मेरे गले लग गई
और मैने भी उसको अपनी बाहों मे समेट लिया कुछ देर तक वो मेरे सीने से लगी रही उसकी धड़कनो को सॉफ सॉफ सुन पा रहा था मैं फिर उसने इधर उधर देखा तो झट से मुझसे दूर हो गयी , वो बोली मनीष तुम , तुम अचानक यहाँ कैसे तो मैने एक तमाचा उसके गालो पर जड़ दिया और फुट फुट कर रोने लगा मैं रोते हुवे बोला कमिनि कहाँ चली गयी थी मुझे अकेला छोड़ कर
जानती है कितना तडपा हूँ मैं तेरे लिए हर पल तिल तिल करके जिया हूँ मैं तेरे लिए कहाँ कहाँ नही ढूँढा मैने तुझे , कोई मंदिर मस्जिद नही जहाँ तेरे मिलने की दुआ नही की हो मैने और तू यहाँ ऐश से रह रही है तेरे घर, मुंबई कहाँ कहाँ भटकता रहा मैं हर एक सांस मे बस तुझे ही याद किया और तुझे एक पल भी अपने दोस्त की ज़रा सी भी याद ना आई
निशा की आँखो से भी आँसू छल छला आए थे पर वो मेरे आँसू पोंछते हुए बोली बस मनीष बस तुम यूँ ना रोओ मुझे तकलीफ़ होती है , मैने कहा अगर इतनी ही तकलीफ़ होती है तो फिर मुझे छोड़कर गयी ही क्यो थी वो बोली मैं सब बता दूँगी तुम दो पल इधर ही बैठो मैं अभी छुट्टी लिख कर आती हू घर चलती हूँ निशा ने मेरे आँसू पोंछे और फिर बोली बस मैं दो मिनट मे आ रही हू
निशा
बिल्कुल भी तो नही बदली थी वो जैसा पहले हुआ करती थी वैसे ही आज भी थी बिल्कुल सीधी-सादी सिंपल सी लड़की हाँ वजन कुछ बढ़ गया था पर बाकी पूरी तरह से सादगी से भरी हुई नेवी ब्लू कलर की साड़ी दोनो हाथो मे बस एक एक चूड़ी और होंठो पर हल्की सी लिपीसटिक बस यही था सजने के नाम पर उसके पास वो कहते है ना कि समय की आँधी मे भी कुछ लोग अपने आप को मजबूती से थामे रखते है कुछ ऐसी ही तो थी निशा,
आते ही उसने मेरा हाथ थामा और पार्किंग की तरफ चल पड़ी वहाँ उसने अपनी कार को स्टार्ट किया और फिर हम दोनो उसके घर की ओर चल पड़े मैने कहा अच्छी कार है तो उसने बता या कि कुछ दिन पहले ही ली है मेरी निगाह तो एक पल के लिए भी उस के चेहरे से हट ही नही रही थी आज बड़ी ही खुशी का दिन था मेरी जिंदगी मे , मुझे आख़िर मेरी दोस्त का दीदार हो ही गया था
वो बड़े प्यार से मुझे देखते हुए बोली , ऐसे क्या देख रहे हो मैने कहा बस तुम्हे ही देख रहा हूँ बिल्कुल भी नही बदली पहले जैसी ही छुई मुई सी हो वो बोली तुम भी कहाँ बदले हो एक नज़र मे ही पहचान गयी मैं तो मैने कहा तू बहुत ज़ालिम निकली ऐसा भी कोई किसी के साथ करता है क्या तो वो बोली अब माफ़ भी करदो ना तुम गुस्से मे बिल्कुल भी अच्छे नही लगते हो
तो मैं उसके सर पर चपत लगाते हुए बोला ये गुस्सा भी बस तुम्हारी वजह से ही है ना तुम ऐसे रूठ कर जाती ना मैं गुस्सा होता तो वो बोली मनीष अब तुमसे मेरी ज़िंदगी का कुछ भी तो छुपा नही है ये तो भगवान का शूकर है कि टाइम पर नोकरी मिल गयी तो बस गुज़ारा हो रहा है ज़िंदगी की उलझनों मे कुछ ऐसे उलझी की बस पता ही नही चला की वक़्त कैसे गुजर गया पर मैं वही खड़ी रह गयी
पर अभी इन सब बातों का टाइम नही है अभी तुम मेरे पास हो तो मैं अपने मूड को बिगाड़ना नही चाहती हूँ , वैसे भी मुझे पता है कि तुम्हे भूख लगी होगी तो चलो रेस्टोरेंट चलते है कुछ खा पी लेते है मैने कहा आज अपने हाथो का बना खाना नही खिलाओगी या अब हम इतने पराए हो गये है की बाहर से ही टरकाना चाहती हो तो निशा मेरे होंठो पर उंगली रखती हुवे बोली मनीष , खबरदार जो तुमने दुबारा ऐसा कहा तो
तुम मेरे लिए कभी भी पराए नही हो सकते हो , तुम भी ये अच्छी तरह से जानते हो ये बोलते बोलते निशा एमोशनल हो गयी तो मैने कहा निशा, अब फिर से रुलाओगी क्या तो फिर वो कार चलाने लगी और कुछ हल्की फुल्की बाते करते हुवे हम उसके फ्लॅट मे आ गये 12थ फ्लोर पर उसका दो बेडरूम का सेट था अंदर आते ही दिल को ऐसा सुकून सा मिला की जैसे मैं किसी मंदिर मे आ गया हू
उसने मेरा बॅग अंदर रखा और बोली मैं चेंज करके आती हूँ तब तक तुम भी फ्रेश हो जाओ काफ़ी थके थके से लग रहे हो मैने कहा हाँ बातरूम कॉन सी साइड है तो उसने मुझे बताया थकान तो हो रही थी पर निशा के साथ होने का अहसास भी तो था मैने अपने कपड़े उतारे और नहाने लगा मैने शवर चालू किया और खुद को भिगोने लगा ठंडा पानी जैसे बदन को चीरता ही चला गया पर अपने को क्या फरक पड़े
मैने लगाने के लिए साबुन उठाया तो मेरे होंठो पर एक मुस्कान आ गयी थी उफफफफफफफफ्फ़ ये लड़की भी ना आज भी ये मार्गो साबुन यूज़ करती है बस यही तो उसकी सादगी थी जो उसे औरो से जुदा करती थी ,25-30 मिनट तक अच्छे से रगड़ रगड़ कर नाहया तब जाके शरीर थोड़ा सा रिलॅक्स हुआ मेरा मैं बाहर आया तो देखा कि निशा ने भी ड्रेस चेंज कर ली थी और एक टीशर्ट और पयज़ामा डाल दिया था
उसने जूस का गिलास मुझे पकड़ाया और बोली तो बताओ आर्मी ऑफीसर क्या चल रहा है लाइफ मे और तुमने मुझे आख़िर ढूँढा कैसे , तो मैने कहा बात ये है कि आजकल मैं आर्मी मे नही हूँ तो शॉक्ड होते हुए बोली तुमने जॉब छोड़ दी मैने कहा अरे नही तुम पूरी बात तो सुनो , दरअसल आज कल मैं इंडियन इंटेलिजेन्स मे हूँ डेप्युटेशन पर तो बस उसी मे ही काम कर रहा हू तो वो मुस्कुराते हुवे बोली अच्छा जी तो आपने मेरी जासूसी कर ली