06-12-2020, 09:10 AM
वो रात बस हँसते गाते खुशी के महॉल मे कट गयी पर ना जाने क्यो मुझे ऐसा लगा कि उर्वशी मेरे थोड़े और करीब आ गयी है सुबह के 3 बजे हम दोनो चॉबारे की छत पर लेटे हुवे बाते कर रहे थे वो बोली ****** मिता से ब्याह कब कर रहा है मैने कहा बस जल्दीही वो बोली पर वो तो अपनी जात की भी ना है उसके माँ बाप राज़ी होंगे क्या मैने कहा यार देखते है
उर्वशी बोली तू चिंता ना कर और वैसे भी अगर तेरी शादी उसके साथ ना हो सके तो मैं तो हूँ ही तेरे लिए मैने कहा यार क्यो बद्दुआ दे रही है शुभ शुभ बोल तो वो हँसते हुवे बोली भाग तो मेरे खराब है जो मुझसे पहले वो तेरी ज़िंदगी मे आ गयी पर जाने दे सब तकदीर के लेख है मैने कहा यार तू सेनटी क्यो होती है तुझे तो मुझसे लाख गुना अच्छा पति मिलेगा तो वो बोली पर तू तो नही मिलेगा ना फोजी
उर्वही मेरे सीने पर अपना सर रख कर लेट गयी और बोली फोजी साची साची बताना तुझे कश्मीर जाके मेरी याद आई मैने कहा यार तेरी कसम खा कर कहता हूँ हर पल तुझे याद किया पर तुझे बताया ना कि क्या हालत हो गए थे मेरे पर अब मैं वादा करता हू कि कही भी रहूं रोज़ तुझे पक्का फोन किया करूँगा पर तू तो जानती ही है ना कि एक फोजी की ज़िंदगी क्या होती है
तू तो अच्छे से समझती है कि वहाँ के क्या हाल हालात है और अबकी बार छुट्टी से जाते ही मुझे रॅपिड टास्क फोर्स मे ड्रेस सेक्टर मे भेज दिया जाएगा वहाँ के बारे मे तो तू जानती ही है ना ना जाने कॉन सी गोली बुलावा लेकर आ जाए तो उर्वशी ने मेरे मूह पर अपना हाथ रखा और बोली भगवान के लिए ऐसे ना बोलो मेरा दिल घबराता है मैने कहा यार अब पोस्टिंग ही ऐसी बटालियन मे मिली है क्या करूँ
वो कहने लगी चल छोड़ इनबातो को और अभी खुश हो जा तो मैं मुस्कुरा दिया उर्वशी बोली फोजी जब भी तेरे पास होती हू तो दिल कुछ शरारत करने को होता है मैने कहा खुद पे कोंटोल रख और वैसे भी मैं बड़ा थक गया हू तो चल थोड़ी देर सो जाते है मैने मोबाइल मे साढ़े पाँच का अलार्म लगाया और फिर हम सो गये मैं जब उठा तो वो वहाँ पर नही थी मैं भी आँखो को मसल्ते हुए नीचे आ या
आज सबसे पहले मुझे दीप्ति के दर्शन हुए उसने मुझे देखते ही अपना सवाल दाग दिया बोली क्या खिचड़ी पकाई तूने उर्वशी के साथ मैने कहा कुछ नही तुझे कॉन बोला तो वो बोली कल मामी कह रही थी कि तेरी और उर्वशी की जोड़ी अच्छी लगेगी मैने कहा अरे मम्मी तो कुछ भी बोलती रहती है और वो तो बस दोस्त है मेरे पिछली कुछ टाइम से जानता हू उसको बस इतनी सी बात हाँ वो बोली देख ले कही मेरे मंडप मे ही तुम्हारे फेरे ना हो जाए
मैने कहाँ यार सब घरवालों को पता नही क्या हो गया है सब हाथ धोकर पीछे पड़ गये है और सबको पता भी है कि मैं लव मॅरेज करूँगा फिर भी सब कैसे बिहेव कर रहे है दीप्ति चुटकी लेते हुए बोली ओये होये लव मॅरेज बताओ ज़रा कॉन है वो जिसने हमारे भाई का दिल चुरा लिया मैने कहा जब वो दुल्हन बनकर आएगी तो मिल लेना
फिर मैने एक चाइ पी एयेए शादी थी तो दिन बड़ा ही व्यस्त होने वाला था तो बस काम काम बस काम ही चलता रहा शाम तक सब तैयारिया हो गयी थी अब शादी थी तो रोनक तो होनी ही थी जब मेरी नज़र जाटनी पर पड़ी तो कसम से मैं तो बिन पिए ही झूम गया सुनहरी साड़ी मे क्या मस्त लग रही थी और उपर से क्या गजब का मेक अप मैने उसे इशारे से बताया कि बड़ी कॅटटो लग रही हो वो मेरे पास आई और बोली इतनी अच्छी लग रही हूँ तो कर लेना शादी घरवालो का खर्चा भी बच जाएगा
उसका ये बोल्ड अंदाज मुझे बड़ा भाता था खैर मैं कुछ बातों का ज़िक्र नही करूँगा वरना आप लोग कहोगे कि बोर करता है तो मैं सीधा फेरो पर आता हू फेरे चल रहे थे हम लोग मंडप के पास ही बैठे थे उर्वशी ने मुझे मेसेज किया और बोली पिछली गली मे आना थोड़ी देर मे तो मैने कहा ओके और फिर 15 मिनिट बाद हम दोनो वहाँ पर थे
वो मेरे सीने से लग गयी और बोली काश एक दिन मैं तेरी दुल्हनिया बनती मैने कहा जो हो नही सकता उसके बारे मे सोचना क्या उसने दो पल मेरी आँखो मे देखा और फिर अपने चेहरे को थोड़ा आगे करते हुए मेरे और करीब आई और फिर उसके थरथराते होठ मेरे लबों से छू गये कुछ पलों के लिए फिर कुछ ना याद रहा जब हम अलग हुए तो साँसे बुरी तरह से चरमरा गयी थी और कुछ ज़ज्बात उमड़ गये थे
मैने कहा यार तू इसतरह से ना चिपका कर डर लगता है कि कही मैं अपना कंट्रोल ना खो दूं वो बोली तो आना रोका किसने है मैने कहा सही समय आने पर दूँगा इस बात का जवाब तो वो बोली और वो सही समय कब आएगा मैने कहा कभी ना कभी तो आएगा ही वो मुझसे चिपकी खड़ी थी थोड़ी देर बाद उसने फिर से किस करना शुरू कर दिया अब मना भी तो नही कर सकता था उसको खैर, तो दीप्ति की विदाई हो गयी माहौल थोड़ा सा गमगीन सा हो गया था मैने वही टेंट मे दो टेबल जोड़ी और अपना बिस्तर वही पर लगा दिया सोचा कि थोड़ी देर सो ही लूँ तो ठीक रहेगा पर अपनी ऐसी तकदीर कहाँ थी बस लेटा ही था कि प्रिया जी आ टपकी और बोली आज कल कुछ ज़्यादा ही उड़ रहे हो भाई मैने कहा यार सोने दे ना क्यो मेरा दिमाग़ खराब कर रही है उसने मुझे कॉफी का मग पकड़ाया और पास रखी कुर्सी पर बैठ गयी और बोली कि उर्वशी सबसे कहती फिर रही है कि वो आपकी गर्लफ्रेंड है मैने कहा है तो उसमे क्या है
वो बोली भाई कब से चला आपका चक्कर मैने कहा एक मिनिट तू क्या सोच रही है डियर, ऐसा कुछ नही है बस दोस्त है तुझे बताया तो था ना वो बोली ना मैं ना मानती मैने कहा अच्छा ज़रा एक मिनिट रुक मैने उर्वशी को बुलाया अब वहाँ पर हम तीन लोग थे मैने उसका कान पकड़ा और कहा कि कमिनि तू क्या कह रही है सबको वो मुझे टीज़ करते हुवे बोली तो क्या ग़लत कहा मैने
मैं बोला ना रे इतनी बड़ी दुनिया मे तू ही है एक जो बस सच बोलती है तेरा मेरा चक्कर कब चला तो वो बोली फोजी अब तू मुकरे तो मुकर जा मैं तो झूठ ना बोलू और तू जो कहे तो प्रिया नै देहरादून की हर एक बात विस्तार से बता दयू मैने कहा प्रिया तू इसकी किसी भी बात पर विश्वास ना करियो ये एक नंबर की झूठी है तभी उर्वशी को उसकी मम्मी ने बुलाया तो वो चली गयी
मैनेकहा जान छूटी, पर प्रिया अपनी आँखो को गोल गोल घूमाते हुए मेरा मूह ताक रही थी मैने कहा क्या तो वो बोली कुछ नही मैने कहा तो जाना और मुझे सोने दे कुछ बडबडाते हुए वो भी चली गयी और मैने आँखे मींच ली आँख खुली तो देखा कि दिन चढ़ आया था टेंट वाला लड़का बोला भैया कब से आपको जगा रहे है आप उठ ही नही रहे हमें टेबल ले जानी है मैने कहा ले जा भाई
रगड़ रगड़ कर नहाने के बाद भी खुमारी नही उतरी थी हॅंगओवर सा लग रहा था मैने फिर कुछ गिलास लस्सी पी तो जी शांति मे आया तभी बुआ के दीदार हुवे उन्होने पूछा कि खाना खाया मैने कहा नही अभी तक नही खाया वो दो तीन दिन से ज़्यादा मसाले का खाना खा रहा हू तो मन सा भर गया है कुछ सिंपल सी दाल मिल जाती तो ठीक रहता तभी उर्वशी चुटकी लेते हुए बोली हाँ अब फोजी तो बेचारा उधर दाल ही
ख़ाता है तो इसको दाल ही भायगी मैं बस मुस्कुरा कर ही रह गया
बुआ बोली ठीक है मैं तेरे लिए दाल ही बना देती हू तो उर्वशी बोली आप रहने दो मैं बना देती हू वैसे भी मेरे हाथो का खाना ये उंगलिया चाट चाट कर ख़ाता है तो बुआ हंस पड़ी और बोली हाँ अब आगे आगे इसे तेरे हाथ का खाना ही तो खाना है मैने कहा क्या बोली बुआ आप तो बुआ बोली कुछ नही पगले और चली गयी तभी मम्मी आ गई और बोली अरे कहाँ है तू
कब से खोज रही हूँ तुझे मैने कहा जी कहिए तो वो बोली क्या कहिए तुझे तो अपनी मम्मी की कोई चिंता ही नही है मैने कहा ऐसा क्यो कहती हो वो बोली जिस माँ का जवान बेटा हो उसको तो फिकर ही होगी ना देख मैं सीधे सीधे तुझसे बात करती हूँ मुझे वो क्या नाम है उसका हम उर्वाहसीईईईई बहुत अच्छी लगी और पता चला है कि तू उसको पहले से ही जानता है तो तू कहे तो उस से तेरे रिश्ते की बाद चलाऊ
मैने कहा मम्मी कम से कम यहाँ पर तो मेरा तमाशा ना बनाओ आप सब जानती हो फिर भी आप कही भी मेरी नुमाइश करने को तैयार हो जाती हो मैने कहा चाची आप ज़रा समझाओ ना मम्मी को तो वो बोली मैं तुम दोनो मा-बेटो के बीच मे क्यो खराब होउ तुम देखलो जो भी है और वैसे उर्वशी अच्छी लड़की है खिली खिली रहती है अपने घर आएगी तो अच्छा रहेगा
मैने कहा पता नही इस ने क्या जादू कर दिया है सब पर आप लोगो को जो करना है करो पर मुझे माफ़ करो तो मैं वहाँ से उठ कर आ गया ना जाने क्यो मुझे कोफ़्त सी होने लगी थी मैने रवि से कहा कि कुछ पड़ा है तो दे यार वो बोला भाई इस टाइम तो कुछ नही है थोड़ी देर रुक भेजता हू किसी को मैने कहा नही रहने दे बाद मे देखेंगे तभी उर्वशी मेरे लिए खाना ले आई और बोली रोटी खा लो मैने कहा भूख नही है
वो बोली अले ले मेला बाबू नाराज़ हो गया लगता है और मेरे पास ही बैठ गयी मैने कहा प्लीज़ यार मूड ऑफ सा हो रहा है वो बोली क्या बात हुई मैने कहा यार मम्मी भी ना जहाँ देखो मेरी नुमाइश करने लग जाती है वो बोली वो मम्मी है उनका हक़ है तुम पर मैने कहा है पर यार अच्छा नही लगता वो बोली चल जाने दे जल्दी से खाना खा ले और फिर कही घूमने चलते है
मैने कहा कहाँ पर ? वो बोली कहीं पर भी चलते है थोड़ा टाइम तेरे साथ स्पेंट करना चाहती हू मैने कहा ठीक है फिर खाना भी कही बाहर ही खाएँगे तभी एंट्री हुई प्रिया मेम्साब की वो बोली कहाँ जाने की प्लॅनिंग हो रही है मैने कहा हम घूमने जा रहे है वो मूरख बोली भाई मैं भी चलूं मैने कहा ना पर उर्वशी बोली चल तू भी फटा फट आजा तैयार होके
मैने कहा यार इसको यही रहने दे तो वो कहने लगी छोटी बहन है तुम्हारी उसको भी घूमाओ कुछ गिफ्ट दिला देना खुश हो जाएगी मैने कहा ठीक है पर बाइक पे तीन लोग कैसे तो वो बोली हम हमारी कार से चलेंगे और मुस्कुराने लगी जाटनी की स्माइल इतनी प्यारी थी कि बस मैं तो पिघल ही गया आधे घंटे बाद हम चल पड़े सिटी की ओर
कार वो ही ड्राइव कर रही थी और मैं उसके पास बैठा था प्रिया पीछे वाली सीट पर थी तो हम सहर पहुचे मैने उर्वशी को कहा कि एटीम के पास रोकना ज़रा और फिर कुछ पैसे निकाल लिए मैने सोचा पहले प्रिया को ही कपड़े दिलवा देता हू तो हम एक अच्छी सी शॉप पर गये और उसको कुछ ड्रेस दिलवाई फिर मैने कहा उर्वशी तू भी ले ले कुछ और उसको भी एक मस्त सूट दिलवाया
मैने अपने लिए भी एक टाई खरीदी फिर सबने आइस-क्रीम खाई और थोड़ी शॉपिंग की दिन कैसे गुजर गया पता ही नही चला शाम हो गयी थी हम लोग अभी भी सहर मे ही थे तो प्रिया बोली भाई अब घर चलना चाहिए मैने कहा हाँ चलते है अब की बार ड्राइव मैं कर रहा था अंधेरा घिरने लगा था तो रास्ते मे मैने कार हाइवे पे एक ढाबे पे रोकी और कहा कि डिन्नर यही करके चलेंगे तो घर पहुचते पहुचते हमे दस के करीब हो गये थे
हम घर पहुचे तो मैने देखा कि माहौल कुछ अजीब सा लगा है मैने अपने हाथ-मूह धोए और कपड़े चेंज करके आ गया तो उर्वशी के पापा बोले ऑफीसर तुम्हारी यूनिट कॉन सी है मैने कहा सर 45 आर/आर वो बोले बेटा ज़रा मेरे साथ आना मैं उनके पीछे पीछे चला आया बैठक मे पापा,चाचा, फूफा जी और भी कई लोग थे उन्होने टीवी चला दिया और न्यूज़ लगा दी
न्यूज़ देखते ही मेरे हाथों मे जो पानी की बॉटल थी वो हाथो से गिर गयी
न्यूज़ ही कुछ ऐसी थी कि मैं क्या बताऊ ड्रेस सेक्टर मे मेरी बटालियन की अड्वान्स पार्टी पर घात लगा कर उग्रवादियों ने हमला कर दिया था कई सैनिक शहीद हो गये थे और कॅषुयल्टीस भी बहुत थी ये एक बहुत ही बड़ी घटना थी उन दिनो क्यों कि लगने ही लगा था कि कश्मीर मे अमन चैन फिर से वापिस आने ही लगा है लगभग हर न्यूज़ चॅनेल पर यही घटना दिखाई जा रही थी
मैं तो एक दम शॉक ही हो गया घुटने काँप गये समझ ही नही आया कि कैसे रिएक्ट करू मैं दिमाग़ खराब सा हो गया था मेरा मैं वहाँ से उठा और आकर आँगन मे अपना माथा पकड़ कर बैठ गया फिर कुछ देर बाद मेरा फोन बजा नंबर देखते ही मैं समझ गया कि ये फोन क्यो आया है मैने फोन उठाया और बात की बस हाँ हूँ ही हुई
शॉर्ट मे एक संदेसा था मेरे लिए कुछ देर पहले मैं हसी ख़ुसी मस्ती मे घूम कर आया था मेरे कुछ प्लॅन्स थे जो मुझे इन 40 दिन की छुट्टियो मे पूरा करने थे पर हाई रे किस्मत तो सबर का घुट पिया और अंदर जाकर अपना सामान पॅक करने लगा कपड़ो की तह कर ही रहा था कि प्रिया आ गयी और बोली भाई क्या हुआ पॅकिंग क्यो कर रहे हो
अभी तो कुछ दिन और आपको यहाँ पर रुकना है मैने कहा हाँ पक्का रुकुंगा पर फिर कभी वो बोली भाई क्या हुआ कुछ उदास लग रहे हो सब ठीक तो है ना मैने कहा हाँ पगली सब ठीक है अभी तू जा और मुझे थोड़ा सा काम करने दे वो बोली भाई कुछ प्राब्लम है तो शेअर् कर सकते हो मुझे पता नही क्यो गुस्सा आ गया मैं उसको डाँट ते हुए बोला कहा ना कुछ नही है एक बार कहने से कुछ समझ नही आता क्या तो वो अपनी आँखो मे आँसू लिए वहाँ से चली गयी
मुझे फील हुआ कि उसको ऐसे नही डांटना चाहिए था पर मैं क्या करता मैं भी मजबूर था बॅग की चैन बंद ही कर रहा था कि उर्वशी आ धमकी बोली क्या हुआ मैने कहा देख अभी दिमाग़ काम नही कर रहा तो परेशान ना कर , वो बोली यार गुस्सा ना कर और बता भी दे क्या हुआ है मैने कहा यार जाना पड़ेगा वो बोली कहाँ जाएगा रात को तू
मैने कहा रात को तो नही पर सुबह होते ही निकलना पड़ेगा वो कहने लगी पर मैं तो अभी दो दिन और हूँ यहाँ पर तू मुझे छोड़ कर नही जाएगा मैने कहा मैं मजबूर हूँ यूनिट से फोन आया था सभी की छुट्टी कॅन्सल कर दी गयी है 72 घंटे मे मुझे रिपोर्ट करनी है वो घबराते हुए बोली कि क्या हुआ मैने फिर उसको विस्तार से पूरी बात बताई उर्वशी भावुक हो गयी
और मेरे सीने से लग के रो ने लगी दिल तो मेरा भी टूट गया था पर मैं ठहरा फोजी अपना दुख बता भी तो नही सकता था किसी को तो बस इतना ही कह पाया कि हँस के विदा करना अपने दोस्त को तो वो बस इतना ही बोली तू आया ही क्यो मेरी ज़िंदगी मे और उसके सवाल का कोई जवाब नही था मेरे पास तो बस उसको अपनी बाहों मे भर लिया बड़ा अच्छा सा लगा तो थोड़ी देर उसके आगोश मे ही रहा
फिर दरवाजे पर दस्तक हुई तो मैं उस से अलग हुआ ना चाहते हुए भी मेरी आँखे भी डबडबा आई थी मैने देखा तो बुआ थी वो बोली क्या चल रहा है तुम्हारा मैने कहा कुछ नही बुआ बस कल जाना है तो अपना बॅग देख रहा था वो बोली ऐसे नही जाने दूँगी कितने दिनो बाद तो आया है थोड़े दिन रह इधर ही मैने कहा जाना पड़ेगा बुआ मुझे लगा कि कही मैं रो ना पडू तो मैं कमरे से बाहर निकल गया
वो पीछे आवाज़ देते ही रह गयी मैं सबसे पहले पापा के पास गया और उनको सारी बात बताई और कहा कि मैं सुबह ही निकल जाउन्गा आप मम्मी को ना बताना वरना टेन्षन कर लेगी और पूरी कोशिश करूँगा कि जल्दी ही वापिस आने की पर मैं अंदर ही अंदर जानता था की ना जाने कितना समय लगेगा वापिस मूड कर आने मे पापा के माथे पर चिंता की लकीरे आ गयी थी
पर एक वो ही तो थे जो मेरी हालत को समझते थे रात आधी से ज़्यादा बीत गयी थी मैं छत पर अकेला बैठा हुआ था नींद कहीं जैसे खो ही गयी थी पहली बार मुझे लगा कि आर्मी मे आके कोई बड़ी ग़लती कर दी मैने तभी उर्वशी हाथो मे दो मग कॉफी के ले आई और मुझे पकड़ते हुए बोली सोए नही अभी तक मैने कहा नींद नही आ रही
उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली तुम सोल्जर हो और ये लम्हे तो एक सोल्जर की लाइफ मे आते ही रहते है मैने कहा यार वो बात नही है मैं इसलिए दुखी नही हूँ कि छुट्टी रद्द हो गई बल्कि इसलिए दुखी हूँ कि कहीं मेरे किसी दोस्त को कुछ ना हो गया हो और तुम्हे तो पता ही है कि छुट्टी से जाते ही मैं खुद उधर ही जाने वाला था अब पता नही क्या हालत होंगे वहाँ के
हम लोग बाते कर ही रहे थे कि अनिता भाभी आ गया वो बोली अरे तुम लोग सोए नही अभी तक मैने कहा आओ भाभी बैठो ज़रा अनिता भी अपनी दोस्त थी तो उसके आग भी अपना दुखड़ा रोया वो बोली कल मैं भी तुम्हारे साथ ही घर चलूंगी मैने कहा आप आ जाना आराम से पर अब वो कहाँ मान ने वाली थी तो बस फिर सुबह तक हम तीनो बस बाते ही करते रहे
दिल के किसी कोने से आवाज़ आई कि इस रात की सुबह ही ना हो पर अपने चाहने या ना चाहने से क्या होता है तो सुबह होते ही मैने सबसे विदा ली उर्वशी एमोशनल हो रही थी मैने कहा यार तू नाराज़ ना होना टाइम मिलते ही पक्का फोन करूँगा तुझे और फिर भाभी को लिया और चल पड़ा गाँव की ओर घर आया और अपना सामान जो ले जाना था वो पॅक करने लगा
भाभी बोली कब आओगे मैने कहा कुछ पता नही वो बोली अभी तो आए थे और इतनी जल्दी जा रहे हो मैने कहा जाना पड़ेगा वो बोली कुछ बना दूं तुम्हारे लिए मैने कहा नही रहने दो क्यो तकलीफ़ करती हो मेरा मन नही है पता नही मुझे क्या हुआ मैं भाभी से लिपट कर रोने लगा मेरे सारे प्लॅन्स फैल हो गये थे तो बस फिर अपना सामान लिया और उनको अलविदा कहकर शाम को घर से निकल पड़ा
मेरे सहर के रेलवे स्टेशन ट्रेन आने मे थोड़ी देर थी मैने अपना सामान रखा और एक बेंच पर बैठ गया दिल बड़ा ही मनहूस था सोचा नही था कि ऐसे वापिस जाना पड़ेगा पर सब तकदीर के लेख है और अपना तो कहाँ बस चलता है तकदीर पर तो भाई पानी की बॉटल से कुछ बूंदे उडेली और अपने सुख़्ते हुए गले को तर किया और आँखो को बंद कर लिया
कुछ देर बाद फोन की घंटी बजी तो देखा बुआजी का कॉल था तो बेमन से फोन उठाया वो बोली कहाँ है मैने बताया कि वापिस ड्यूटी जा रहा हू तो वो बोली बेटा अपना ख़याल रखना और अच्छे से रहना पहले की तरह कोई चोट ना लगवा लेना मैने कहा जी ख़याल रखूँगा फिर उन्होने बताया कि उर्वशी भी मुरझा सी गयी है हो सके तो एक बार उस से बात कर लेना मैने कहा जी कर लूँगा
बुआ बोली अच्छा रहता कुछ दिन तू इधर ही रहता तो पर बेटा ड्यूटी भी ज़रूरी है बस तू अपना ख़याल रखना और जल्दी से वापिस आना मैने कहा जी कोशिश करूँगा फिर मैने फोन रख दिया और ट्रेन का इंतज़ार करने लगा रेल आई और मुसाफिर तैयार हो गया सफ़र के लिए ट्रेन चल पड़ी थी पर लगा कि जैसे पीछे मेरा कुछ छूट गया डेढ़ दिन का सफ़र करके मैं जम्मू ट्रांज़िट कॅंप पहुच ही गया
कॅंप मे नहाया धोया थोड़ी देर आराम किया पर मंज़िल दूर थी तो फिर सफ़र शुरू हो गया और ऐसे ही नॅशनल हाइवे वन पर धक्के खाते खाते आख़िर मैं बटालियन बेस कॅंप पहुच ही गया जाते ही रिपोर्टिंग करने गया तो पता चला कि सीओ साहिब तो थे नही तो मेजर को ही बताया और लाइन मे आकर बैठ गया पर अपने नसीब मे आराम कहाँ था
जल्दी ही ऑर्डर आ गया कि मैं एक टीम के साथ ड्रेस सेक्टर मे अड्वान्स पार्टी के रूप मे जाउ ये मेरी लाइफ का एक बेहद ही कड़ा इम्तिहान था जिसे मुझे लीड करना था और नो कैजूअल्टी के साथ ल्त.कर्नल सर के साथ एक लंबी मीटिंग चली टीम की और हमें एक अलग तरह का ही काम दिया गया था टास्क सेक्टर की पूरी गंदगी को सॉफ करने की
तो अड्वान्स पार्टी चल पड़ी एक नये मिशन पर ना जाने को मैने अपने फोन को स्विचऑफ किया और संदूक मे पटक दिया अगले दो दिन बड़े ही व्यस्त रहे वहाँ जाकर चार्ज लिया माहौल को चेक किया कुछ मॅप रीडिंग की और फिर लग गये स्ट्राइक मे मुझे खुद की तो कभी फिकर थी ही नही बस चिंता थी कि टीम लीडर मे था तो मैं कोई कैजूअल्टी नही चाहता था
पर गोली नाम लेकर थोड़ी ना आती है वो तो बस लग जाती है पता भी और फिर बाद मे ही चलता है कि लग गयी हालत भी तो हमारे अनुकूल नही रहते थे पर मिशन था तो बस पूरा करना ही था दाढ़ी बढ़ गयी थी पर शेव करने का टाइम नही था बल्कि यूँ कहूँ कि फेसिलिटीस ही नही थी इतनी मेरी टीम के पास कभी कभी तो राशन भी नही रहता था पर अम्मो पूरा था
अगले 3 महीने बड़े ही मुश्किल गुज़रे हमारे लिए कुछ साथी घायल हुए उनकी जगह दूसरे आते गये कारवा चलता गया कई बार मुझे भी चोट लगी पर हर ज़ख़्म से लिया हँस कर दिल मे एक जुनून सा था कि इन कमीनो की वजह से मेरी छुट्टी कॅन्सल हुई तो मैने और मेरी पूरी टीम ने अपनी पूरी ताक़त लगा रखी थी हर एक सिंगल इन्फर्मेशन चाहे वो सही हो या ग़लत हो हम काउंटर ज़रूर करते
आज भी वो दिन याद है मुझे हम जंगल मे सर्चिंग ऑपरेशन चलाए हुए थे बॅक टीम से हम कोई 25-30 किमी आगे थे मुझे बड़ी प्यास लगी थी तो मैं एक नाले मे पानी पीने के लिए उतर गया पानी पी ही रहा था कि तभी मुझे कुछ अलग टाइप की आवाज़ सुनाई दी तो मैने दूरबीन से देखा तो पता चला कि थोड़ी दूरी पर एक बड़ा सा लकड़ियो का घर बना हुवा है
मेरा माथा ठनका जंगल मे इतनी अंदर इतनी घनी लोकेशन पर कॉन रहेगा कहीं ये मिलाइटंट्स का अड्डा तो नही मैने तुरंत अपने साथियो को अलर्ट रहने का ऑर्डर दिया और हम छुपते छुपाते उस ओर बढ़ने लगे हमने तुरंत एक रण नीति बनाई कि हम टीन लोग जाकर देखते है कि क्या माजरा है और आप सब हमे बॅकप दोगे अब मैं था लीडर तो चलनी मेरी ही थी
तो भाई लोगो रेकी की तो पता चला कि अंदर कम से कम 15-20 लोग तो होंगे ही होंगे तो मैने कहा हम सब रात होने का इंतज़ार करेंगे और फिर सीधा अंबुश कर देंगे देख लेंगे जो होगा और करने लगे रात का इंतज़ार कोई सात घंटे का इंतज़ार करने के बाद आख़िर अंधेरा हो ही गया और हम लोग ऐक्शन के लिए तैयार थे एक छोटी मगर जोश से भरी स्पीच दी और बस अब इंतज़ार ख़तम
पर तभी उस घर से दो लोग निकले और दूसरी तरफ जाने लगे मैने अपने साथ दो और बन्दो को लिया और उनके पीछे हो लिया थोड़ी दूर जाने पर पता चला कि ये लोग तो साले टट्टी होने आए है मेरा साथी जवान बोला सर इनको ऐसी हालत मे ही शूट कर देते है मैने कहा नही रे गन की आवाज़ से बात बिगड़ जाएगी इनको तो वैसे ही धर लेते है तो भाई
तो रेंगते रेंगते उनकी रेंज मे गये और सीधा चाकू चला दिया बेचारे चीख भी ना सके और अपने खुदा को प्यारे हो गये मैने कहा यार तलाशी ले इनकी पर बदनसीबी से कुछ ना मिला तो हम लोग अब दौड़ते हुए वापिस आए और यल्गार कर दिया पहली गोली मैने चलाई जो ना जाने कहाँ जाकर लगी पर मैने अपने इरादे बता दिए थे उनको
पर बाद मे मुझे ख़याल आया कि क्या पता उनके पास ग्रनेड या लॉंचर भी हो सकते थे फिर मेरी गान्ड फट गयी क्योंकि इस से मेरी टीम ख़तरे मे फस सकती थी मैने फिर बाबा का नाम लिया और सोचा जो होगा देखा जाएगा रात अपनी गति से बढ़ रही थी और हम लोग लगे हुए थे उस मुठभेड़ मे ये एक ऐसा संघर्ष था जो किसी भी कीमत पर मुझे जीतना ही था
तो सुबह के उजाले तक फाइरिंग बिना रुके चलती ही रही कुछ मारे गये कुछ को हमने पकड़ लिया मिशन पूरा हो गया था फिर हम ने मकान की तलाशी लेनी शुरू की तो एक कमरे मे दबा कर रखा गया बड़ी मात्रा मे अमू मिला हमें ये एक बड़ी सफलता थी मैने तुरंत रेडियो पे अपने कमॅंडिंग ऑफीसर को सूचना दी और लोकेशन बताई शाम होते होते कुछ बड़े ऑफिसर्स आ पहुचे
फिर सीओ साहब ने कहा कि ऑफीसर तुम्हारी टीम ने पिछले कुछ दिनो मे अच्छा काम किया है पर अब मुझे लगता है कि तुम्हे रेस्ट करना चाहिए टीम अब यूनिट मे जाएगी और नये लोग तुम्हारी जगह ले लेंगे इस टाइम तुम्हे रिलीव किया जाता है मैने ऑर्डर बजाया और सल्यूट किया तीन दिन बाद मैं यूनिट मे था
यूनिट मे आने के बाद बस रेस्ट चल रही थी सुबह शाम बस वोलीबॉल्ल खेल कर ही टाइम पास हो रहा था कुछ छोटी-मोटी चोट लगी हुई थी तो वो भी ठीक हो रही थी ले देकर बस ज़िंदगी कट रही थी अपनी ही तरह से अब इधर ऐसे ही था सब कुछ एक शाम में कोर्ट मे प्रेक्टिस कर रहा था कि एक अरदली आया और बताया कि साहब आपको अभी सीओ साहिब ने बुलवाया है
मैने कहा ठीक है आता हूँ , हाथ मूह धोए वापिस आया ड्रेस पहनी और पहुच गये सलामी देने साहब को उन्होने कहा ऑफीसर ये लेटर तुम्हारे लिए देल्ही से आया है मिनिस्ट्री की तरफ से खोल कर देख लो मैने सोचा अब मिनिस्ट्री को मुझसे क्या काम खैर, लेटर खोला और पढ़ने लगा मुझे तो समझ ही नही आया कि मेरी रेकमेंडेशन
पर कैसे , मैने कहा सर ये कब कैसे तो वो बोले ऑफीसर पिछले कुछ महीनो मे हर टास्क को उम्मीद से बढ़कर तुमने पूरा किया है तो फिर मिनिस्ट्री की नज़रों मे तो आना ही था अब फ़ैसला तुम्हारा है यस या नो , मैने कहा पर सर यूनिट छोड़कर कैसे? सीओ साहिब बोले देखो बात ये है कि इस जॉब के लिए लाखो सोल्जर्स मे से बस कुछ किस्मत वालो को ही सेलेक्ट किया जाता है
और तुम्हे तो खुश होना चाहिए कि तुम्हे तो खुद बुलाया गया है और फिर वैसे भी आजकल तो तुम यूनिट के बेस्ट कमॅंडोस मे से ही हो यूनिट के हीरो हो , मैने कहा सर मैं तो अपना काम ही करता हूँ बस तो वो बोले तो फिर ठीक है ना वहाँ जाकर भी तो बस तुम्हे अपना काम ही करना है नेशन को सर्व यहाँ भी करते हो उधर भी जाकर यही काम करना है बस उधर ये ड्रेस नही होगी तुम्हारे पास
पर तुम्हे मिलेगा भी बहुत कुछ सर बोले कल मॉर्निंग मे मुझे तुम्हारा जवाब चाहिए ताकि मैं कुछ फॉरमॅलिटीस कर सकूँ मैने कहा जी सर फिर सल्यूट बजा कर वहाँ से निकल आया लेटर मेरी जेब मे था आप सोच रहे होंगे कि उस लेटर मे क्या था चलो बता ही देता हू , आक्च्युयली वो लेटर इंडियन इंटेलिजेन्स की तरफ से था उन्होने डिमॅंड की थी कि उनको मैं चाहिए था डेप्युटेशन पे
मैं सोचने लगा कि पता नही कितने लोगो को ये गोल्डन ऑपर्चुनिटी मिलती है और फिर घूमने-फिरने को भी मिलेगा और थोड़े दिन फोज की ज़िंदगी से भी रिलॅक्स मिल जाएगा तो मैने फ़ैसला ले लिया और अगली सुबह को साहिब को बता दिया कि मैं डेप्युटेशन पर जाने को तैयार हूँ तो बस फिर कुछ अफीशियल पेपर वर्क करने के बाद मैं चल पड़ा देल्ही की ओर
देल्ही आया एक दिन दोस्त के घर पर आराम किया और अगले दिन पहुच गया पीएमओ ज़िंदगी मे पहली बार आज मैने दर्शन किए थे वारना कहाँ मोका मिला करता है वहाँ पर एक खास व्यक्ति से मिला और फिर कोई घंटे भर बाद मैं एजेन्सी के ऑफीस मे था जो उसी बिल्डिंग मे किसी फ्लोर पर था पहला दिन तो बस यू ही गुजर गया शाम होते होते मुझे मेरे सर्विस क्वॉर्टर की चाबी भी मिल गयी
एक नये घर मे था मैं तो अजीब अजीब सा लग रहा था अब मिलिटरी बॅकग्राउंड का था तो एजंसी के काम काज को समझने मे कुछ ज़्यादा टाइम नही लगा और कुछ दिन यूँ ही गुजर गये फिलहाल तो बस डेस्क-जॉब ही चल रही थी सुबह जाता रात को आते आते आधी रात हो जाती थी बस फिर पड़ते ही सो जाना ज़िंदगी बस जी रहा था मैं किसी तरह से
दिन गुजर रहे थे इधर आए हुए भी दो महीने से ज़्यादा हो गये थे दीवाली भी चली गयी थी ठंड का मोसम आ गया था तो मैने एक दिन अपने बॉस को कहा कि सर मैं कुछ दिन के लिए घर जाना चाहता हूँ तो वो बोले ठीक है कुछ दिनो के लिए चले जाओ और 1 महीने की छुट्टी का जुगाड़ हो गया मैने सोचा कि सबसे पहले मिता के दर्शन ही करता हू
आज रात मैने संदूक से फोन निकाला ऑन किया तो साला चला ही नही रात को ही नया फोन खरीदा नंबर मिलाने ही वाला था कि फिर सोचा कि उसको सर्प्राइज़ देना चाहिए और फिर रात को ही मैने अजमेर की ट्रेन पकड़ ली तो अब बस मिता का दीदार ही करना था स्टेशन पर उतरते ही ऑटो वाले का कहा कि भाई जल्दी से मोड़ दे इसको गवरमेंट. हॉस्पिटल की तरफ ……………
उसके सहर मे आ गया था अब रांझे को बस हीर से मिलना ही था तो हॉस्पिटल पहुच कर पता किया तो पता चला कि मेडम आजकल सर्जिकल वॉर्ड मे है तो किसी से पूछ कर उधर ही हो लिए मिता किसी को इंजेक्षन लगा रही थी उसकी पीठ मेरी ओर थी तो मैने कहा जी क्या हमें भी दवाई मिलेगी बड़े परेशान है हम भी
उसने कहा अभी आती हू और जैसे ही पलटी मुझे देखकर उसको तो कुछ समझ ही नही आया मैने कहा रे पगली मैं ही हूँ वो चल कर मेरे पास आई और एमोशनल होते हुए बोली बड़ी देर लगा दी मेहर्बा आते आते आपके इंतज़ार मे मे तो आधी ही हो गयी मैने कहा यार आ तो गया हू ना किसी ना किसी तरह से
वो बोली तू बैठ मैं आती हू थोड़ी देर मे तो मैं उसका वेट करने लगा आधे घंटे बाद वो आई और बोली आजा घर चलते है मैने कहा ड्यूटी नही करेगी वो हँसते हुए बोली छुट्टी लिख दी है चल आजा फिर हम उसके घर पर आ गये मिता बोली क्या पीओगे चाइ- या कॉफी मैने कहा कुछ नही तुम बस ज़रा देर मेरी आँखो के सामने रहो मैं दीदार करना चाहता हू अपनी दिलरुबा का
वो मुझे चिढ़ाते हुवे बोली कि दिलरुबा ……………………. अपनी समझते तो फोन ना करते जब देखो वो डिब्बा बंद ही पड़ा रहता है मैने कहा डार्लिंग अभी इन फ़िज़ूल बातों का जिकर ना कर और ज़रा मुझे ठीक से देखने दे अपनी प्यारी मिता को कितने दिन हो गये ज़रा आँखो की प्यास बुझने दे…
उर्वशी बोली तू चिंता ना कर और वैसे भी अगर तेरी शादी उसके साथ ना हो सके तो मैं तो हूँ ही तेरे लिए मैने कहा यार क्यो बद्दुआ दे रही है शुभ शुभ बोल तो वो हँसते हुवे बोली भाग तो मेरे खराब है जो मुझसे पहले वो तेरी ज़िंदगी मे आ गयी पर जाने दे सब तकदीर के लेख है मैने कहा यार तू सेनटी क्यो होती है तुझे तो मुझसे लाख गुना अच्छा पति मिलेगा तो वो बोली पर तू तो नही मिलेगा ना फोजी
उर्वही मेरे सीने पर अपना सर रख कर लेट गयी और बोली फोजी साची साची बताना तुझे कश्मीर जाके मेरी याद आई मैने कहा यार तेरी कसम खा कर कहता हूँ हर पल तुझे याद किया पर तुझे बताया ना कि क्या हालत हो गए थे मेरे पर अब मैं वादा करता हू कि कही भी रहूं रोज़ तुझे पक्का फोन किया करूँगा पर तू तो जानती ही है ना कि एक फोजी की ज़िंदगी क्या होती है
तू तो अच्छे से समझती है कि वहाँ के क्या हाल हालात है और अबकी बार छुट्टी से जाते ही मुझे रॅपिड टास्क फोर्स मे ड्रेस सेक्टर मे भेज दिया जाएगा वहाँ के बारे मे तो तू जानती ही है ना ना जाने कॉन सी गोली बुलावा लेकर आ जाए तो उर्वशी ने मेरे मूह पर अपना हाथ रखा और बोली भगवान के लिए ऐसे ना बोलो मेरा दिल घबराता है मैने कहा यार अब पोस्टिंग ही ऐसी बटालियन मे मिली है क्या करूँ
वो कहने लगी चल छोड़ इनबातो को और अभी खुश हो जा तो मैं मुस्कुरा दिया उर्वशी बोली फोजी जब भी तेरे पास होती हू तो दिल कुछ शरारत करने को होता है मैने कहा खुद पे कोंटोल रख और वैसे भी मैं बड़ा थक गया हू तो चल थोड़ी देर सो जाते है मैने मोबाइल मे साढ़े पाँच का अलार्म लगाया और फिर हम सो गये मैं जब उठा तो वो वहाँ पर नही थी मैं भी आँखो को मसल्ते हुए नीचे आ या
आज सबसे पहले मुझे दीप्ति के दर्शन हुए उसने मुझे देखते ही अपना सवाल दाग दिया बोली क्या खिचड़ी पकाई तूने उर्वशी के साथ मैने कहा कुछ नही तुझे कॉन बोला तो वो बोली कल मामी कह रही थी कि तेरी और उर्वशी की जोड़ी अच्छी लगेगी मैने कहा अरे मम्मी तो कुछ भी बोलती रहती है और वो तो बस दोस्त है मेरे पिछली कुछ टाइम से जानता हू उसको बस इतनी सी बात हाँ वो बोली देख ले कही मेरे मंडप मे ही तुम्हारे फेरे ना हो जाए
मैने कहाँ यार सब घरवालों को पता नही क्या हो गया है सब हाथ धोकर पीछे पड़ गये है और सबको पता भी है कि मैं लव मॅरेज करूँगा फिर भी सब कैसे बिहेव कर रहे है दीप्ति चुटकी लेते हुए बोली ओये होये लव मॅरेज बताओ ज़रा कॉन है वो जिसने हमारे भाई का दिल चुरा लिया मैने कहा जब वो दुल्हन बनकर आएगी तो मिल लेना
फिर मैने एक चाइ पी एयेए शादी थी तो दिन बड़ा ही व्यस्त होने वाला था तो बस काम काम बस काम ही चलता रहा शाम तक सब तैयारिया हो गयी थी अब शादी थी तो रोनक तो होनी ही थी जब मेरी नज़र जाटनी पर पड़ी तो कसम से मैं तो बिन पिए ही झूम गया सुनहरी साड़ी मे क्या मस्त लग रही थी और उपर से क्या गजब का मेक अप मैने उसे इशारे से बताया कि बड़ी कॅटटो लग रही हो वो मेरे पास आई और बोली इतनी अच्छी लग रही हूँ तो कर लेना शादी घरवालो का खर्चा भी बच जाएगा
उसका ये बोल्ड अंदाज मुझे बड़ा भाता था खैर मैं कुछ बातों का ज़िक्र नही करूँगा वरना आप लोग कहोगे कि बोर करता है तो मैं सीधा फेरो पर आता हू फेरे चल रहे थे हम लोग मंडप के पास ही बैठे थे उर्वशी ने मुझे मेसेज किया और बोली पिछली गली मे आना थोड़ी देर मे तो मैने कहा ओके और फिर 15 मिनिट बाद हम दोनो वहाँ पर थे
वो मेरे सीने से लग गयी और बोली काश एक दिन मैं तेरी दुल्हनिया बनती मैने कहा जो हो नही सकता उसके बारे मे सोचना क्या उसने दो पल मेरी आँखो मे देखा और फिर अपने चेहरे को थोड़ा आगे करते हुए मेरे और करीब आई और फिर उसके थरथराते होठ मेरे लबों से छू गये कुछ पलों के लिए फिर कुछ ना याद रहा जब हम अलग हुए तो साँसे बुरी तरह से चरमरा गयी थी और कुछ ज़ज्बात उमड़ गये थे
मैने कहा यार तू इसतरह से ना चिपका कर डर लगता है कि कही मैं अपना कंट्रोल ना खो दूं वो बोली तो आना रोका किसने है मैने कहा सही समय आने पर दूँगा इस बात का जवाब तो वो बोली और वो सही समय कब आएगा मैने कहा कभी ना कभी तो आएगा ही वो मुझसे चिपकी खड़ी थी थोड़ी देर बाद उसने फिर से किस करना शुरू कर दिया अब मना भी तो नही कर सकता था उसको खैर, तो दीप्ति की विदाई हो गयी माहौल थोड़ा सा गमगीन सा हो गया था मैने वही टेंट मे दो टेबल जोड़ी और अपना बिस्तर वही पर लगा दिया सोचा कि थोड़ी देर सो ही लूँ तो ठीक रहेगा पर अपनी ऐसी तकदीर कहाँ थी बस लेटा ही था कि प्रिया जी आ टपकी और बोली आज कल कुछ ज़्यादा ही उड़ रहे हो भाई मैने कहा यार सोने दे ना क्यो मेरा दिमाग़ खराब कर रही है उसने मुझे कॉफी का मग पकड़ाया और पास रखी कुर्सी पर बैठ गयी और बोली कि उर्वशी सबसे कहती फिर रही है कि वो आपकी गर्लफ्रेंड है मैने कहा है तो उसमे क्या है
वो बोली भाई कब से चला आपका चक्कर मैने कहा एक मिनिट तू क्या सोच रही है डियर, ऐसा कुछ नही है बस दोस्त है तुझे बताया तो था ना वो बोली ना मैं ना मानती मैने कहा अच्छा ज़रा एक मिनिट रुक मैने उर्वशी को बुलाया अब वहाँ पर हम तीन लोग थे मैने उसका कान पकड़ा और कहा कि कमिनि तू क्या कह रही है सबको वो मुझे टीज़ करते हुवे बोली तो क्या ग़लत कहा मैने
मैं बोला ना रे इतनी बड़ी दुनिया मे तू ही है एक जो बस सच बोलती है तेरा मेरा चक्कर कब चला तो वो बोली फोजी अब तू मुकरे तो मुकर जा मैं तो झूठ ना बोलू और तू जो कहे तो प्रिया नै देहरादून की हर एक बात विस्तार से बता दयू मैने कहा प्रिया तू इसकी किसी भी बात पर विश्वास ना करियो ये एक नंबर की झूठी है तभी उर्वशी को उसकी मम्मी ने बुलाया तो वो चली गयी
मैनेकहा जान छूटी, पर प्रिया अपनी आँखो को गोल गोल घूमाते हुए मेरा मूह ताक रही थी मैने कहा क्या तो वो बोली कुछ नही मैने कहा तो जाना और मुझे सोने दे कुछ बडबडाते हुए वो भी चली गयी और मैने आँखे मींच ली आँख खुली तो देखा कि दिन चढ़ आया था टेंट वाला लड़का बोला भैया कब से आपको जगा रहे है आप उठ ही नही रहे हमें टेबल ले जानी है मैने कहा ले जा भाई
रगड़ रगड़ कर नहाने के बाद भी खुमारी नही उतरी थी हॅंगओवर सा लग रहा था मैने फिर कुछ गिलास लस्सी पी तो जी शांति मे आया तभी बुआ के दीदार हुवे उन्होने पूछा कि खाना खाया मैने कहा नही अभी तक नही खाया वो दो तीन दिन से ज़्यादा मसाले का खाना खा रहा हू तो मन सा भर गया है कुछ सिंपल सी दाल मिल जाती तो ठीक रहता तभी उर्वशी चुटकी लेते हुए बोली हाँ अब फोजी तो बेचारा उधर दाल ही
ख़ाता है तो इसको दाल ही भायगी मैं बस मुस्कुरा कर ही रह गया
बुआ बोली ठीक है मैं तेरे लिए दाल ही बना देती हू तो उर्वशी बोली आप रहने दो मैं बना देती हू वैसे भी मेरे हाथो का खाना ये उंगलिया चाट चाट कर ख़ाता है तो बुआ हंस पड़ी और बोली हाँ अब आगे आगे इसे तेरे हाथ का खाना ही तो खाना है मैने कहा क्या बोली बुआ आप तो बुआ बोली कुछ नही पगले और चली गयी तभी मम्मी आ गई और बोली अरे कहाँ है तू
कब से खोज रही हूँ तुझे मैने कहा जी कहिए तो वो बोली क्या कहिए तुझे तो अपनी मम्मी की कोई चिंता ही नही है मैने कहा ऐसा क्यो कहती हो वो बोली जिस माँ का जवान बेटा हो उसको तो फिकर ही होगी ना देख मैं सीधे सीधे तुझसे बात करती हूँ मुझे वो क्या नाम है उसका हम उर्वाहसीईईईई बहुत अच्छी लगी और पता चला है कि तू उसको पहले से ही जानता है तो तू कहे तो उस से तेरे रिश्ते की बाद चलाऊ
मैने कहा मम्मी कम से कम यहाँ पर तो मेरा तमाशा ना बनाओ आप सब जानती हो फिर भी आप कही भी मेरी नुमाइश करने को तैयार हो जाती हो मैने कहा चाची आप ज़रा समझाओ ना मम्मी को तो वो बोली मैं तुम दोनो मा-बेटो के बीच मे क्यो खराब होउ तुम देखलो जो भी है और वैसे उर्वशी अच्छी लड़की है खिली खिली रहती है अपने घर आएगी तो अच्छा रहेगा
मैने कहा पता नही इस ने क्या जादू कर दिया है सब पर आप लोगो को जो करना है करो पर मुझे माफ़ करो तो मैं वहाँ से उठ कर आ गया ना जाने क्यो मुझे कोफ़्त सी होने लगी थी मैने रवि से कहा कि कुछ पड़ा है तो दे यार वो बोला भाई इस टाइम तो कुछ नही है थोड़ी देर रुक भेजता हू किसी को मैने कहा नही रहने दे बाद मे देखेंगे तभी उर्वशी मेरे लिए खाना ले आई और बोली रोटी खा लो मैने कहा भूख नही है
वो बोली अले ले मेला बाबू नाराज़ हो गया लगता है और मेरे पास ही बैठ गयी मैने कहा प्लीज़ यार मूड ऑफ सा हो रहा है वो बोली क्या बात हुई मैने कहा यार मम्मी भी ना जहाँ देखो मेरी नुमाइश करने लग जाती है वो बोली वो मम्मी है उनका हक़ है तुम पर मैने कहा है पर यार अच्छा नही लगता वो बोली चल जाने दे जल्दी से खाना खा ले और फिर कही घूमने चलते है
मैने कहा कहाँ पर ? वो बोली कहीं पर भी चलते है थोड़ा टाइम तेरे साथ स्पेंट करना चाहती हू मैने कहा ठीक है फिर खाना भी कही बाहर ही खाएँगे तभी एंट्री हुई प्रिया मेम्साब की वो बोली कहाँ जाने की प्लॅनिंग हो रही है मैने कहा हम घूमने जा रहे है वो मूरख बोली भाई मैं भी चलूं मैने कहा ना पर उर्वशी बोली चल तू भी फटा फट आजा तैयार होके
मैने कहा यार इसको यही रहने दे तो वो कहने लगी छोटी बहन है तुम्हारी उसको भी घूमाओ कुछ गिफ्ट दिला देना खुश हो जाएगी मैने कहा ठीक है पर बाइक पे तीन लोग कैसे तो वो बोली हम हमारी कार से चलेंगे और मुस्कुराने लगी जाटनी की स्माइल इतनी प्यारी थी कि बस मैं तो पिघल ही गया आधे घंटे बाद हम चल पड़े सिटी की ओर
कार वो ही ड्राइव कर रही थी और मैं उसके पास बैठा था प्रिया पीछे वाली सीट पर थी तो हम सहर पहुचे मैने उर्वशी को कहा कि एटीम के पास रोकना ज़रा और फिर कुछ पैसे निकाल लिए मैने सोचा पहले प्रिया को ही कपड़े दिलवा देता हू तो हम एक अच्छी सी शॉप पर गये और उसको कुछ ड्रेस दिलवाई फिर मैने कहा उर्वशी तू भी ले ले कुछ और उसको भी एक मस्त सूट दिलवाया
मैने अपने लिए भी एक टाई खरीदी फिर सबने आइस-क्रीम खाई और थोड़ी शॉपिंग की दिन कैसे गुजर गया पता ही नही चला शाम हो गयी थी हम लोग अभी भी सहर मे ही थे तो प्रिया बोली भाई अब घर चलना चाहिए मैने कहा हाँ चलते है अब की बार ड्राइव मैं कर रहा था अंधेरा घिरने लगा था तो रास्ते मे मैने कार हाइवे पे एक ढाबे पे रोकी और कहा कि डिन्नर यही करके चलेंगे तो घर पहुचते पहुचते हमे दस के करीब हो गये थे
हम घर पहुचे तो मैने देखा कि माहौल कुछ अजीब सा लगा है मैने अपने हाथ-मूह धोए और कपड़े चेंज करके आ गया तो उर्वशी के पापा बोले ऑफीसर तुम्हारी यूनिट कॉन सी है मैने कहा सर 45 आर/आर वो बोले बेटा ज़रा मेरे साथ आना मैं उनके पीछे पीछे चला आया बैठक मे पापा,चाचा, फूफा जी और भी कई लोग थे उन्होने टीवी चला दिया और न्यूज़ लगा दी
न्यूज़ देखते ही मेरे हाथों मे जो पानी की बॉटल थी वो हाथो से गिर गयी
न्यूज़ ही कुछ ऐसी थी कि मैं क्या बताऊ ड्रेस सेक्टर मे मेरी बटालियन की अड्वान्स पार्टी पर घात लगा कर उग्रवादियों ने हमला कर दिया था कई सैनिक शहीद हो गये थे और कॅषुयल्टीस भी बहुत थी ये एक बहुत ही बड़ी घटना थी उन दिनो क्यों कि लगने ही लगा था कि कश्मीर मे अमन चैन फिर से वापिस आने ही लगा है लगभग हर न्यूज़ चॅनेल पर यही घटना दिखाई जा रही थी
मैं तो एक दम शॉक ही हो गया घुटने काँप गये समझ ही नही आया कि कैसे रिएक्ट करू मैं दिमाग़ खराब सा हो गया था मेरा मैं वहाँ से उठा और आकर आँगन मे अपना माथा पकड़ कर बैठ गया फिर कुछ देर बाद मेरा फोन बजा नंबर देखते ही मैं समझ गया कि ये फोन क्यो आया है मैने फोन उठाया और बात की बस हाँ हूँ ही हुई
शॉर्ट मे एक संदेसा था मेरे लिए कुछ देर पहले मैं हसी ख़ुसी मस्ती मे घूम कर आया था मेरे कुछ प्लॅन्स थे जो मुझे इन 40 दिन की छुट्टियो मे पूरा करने थे पर हाई रे किस्मत तो सबर का घुट पिया और अंदर जाकर अपना सामान पॅक करने लगा कपड़ो की तह कर ही रहा था कि प्रिया आ गयी और बोली भाई क्या हुआ पॅकिंग क्यो कर रहे हो
अभी तो कुछ दिन और आपको यहाँ पर रुकना है मैने कहा हाँ पक्का रुकुंगा पर फिर कभी वो बोली भाई क्या हुआ कुछ उदास लग रहे हो सब ठीक तो है ना मैने कहा हाँ पगली सब ठीक है अभी तू जा और मुझे थोड़ा सा काम करने दे वो बोली भाई कुछ प्राब्लम है तो शेअर् कर सकते हो मुझे पता नही क्यो गुस्सा आ गया मैं उसको डाँट ते हुए बोला कहा ना कुछ नही है एक बार कहने से कुछ समझ नही आता क्या तो वो अपनी आँखो मे आँसू लिए वहाँ से चली गयी
मुझे फील हुआ कि उसको ऐसे नही डांटना चाहिए था पर मैं क्या करता मैं भी मजबूर था बॅग की चैन बंद ही कर रहा था कि उर्वशी आ धमकी बोली क्या हुआ मैने कहा देख अभी दिमाग़ काम नही कर रहा तो परेशान ना कर , वो बोली यार गुस्सा ना कर और बता भी दे क्या हुआ है मैने कहा यार जाना पड़ेगा वो बोली कहाँ जाएगा रात को तू
मैने कहा रात को तो नही पर सुबह होते ही निकलना पड़ेगा वो कहने लगी पर मैं तो अभी दो दिन और हूँ यहाँ पर तू मुझे छोड़ कर नही जाएगा मैने कहा मैं मजबूर हूँ यूनिट से फोन आया था सभी की छुट्टी कॅन्सल कर दी गयी है 72 घंटे मे मुझे रिपोर्ट करनी है वो घबराते हुए बोली कि क्या हुआ मैने फिर उसको विस्तार से पूरी बात बताई उर्वशी भावुक हो गयी
और मेरे सीने से लग के रो ने लगी दिल तो मेरा भी टूट गया था पर मैं ठहरा फोजी अपना दुख बता भी तो नही सकता था किसी को तो बस इतना ही कह पाया कि हँस के विदा करना अपने दोस्त को तो वो बस इतना ही बोली तू आया ही क्यो मेरी ज़िंदगी मे और उसके सवाल का कोई जवाब नही था मेरे पास तो बस उसको अपनी बाहों मे भर लिया बड़ा अच्छा सा लगा तो थोड़ी देर उसके आगोश मे ही रहा
फिर दरवाजे पर दस्तक हुई तो मैं उस से अलग हुआ ना चाहते हुए भी मेरी आँखे भी डबडबा आई थी मैने देखा तो बुआ थी वो बोली क्या चल रहा है तुम्हारा मैने कहा कुछ नही बुआ बस कल जाना है तो अपना बॅग देख रहा था वो बोली ऐसे नही जाने दूँगी कितने दिनो बाद तो आया है थोड़े दिन रह इधर ही मैने कहा जाना पड़ेगा बुआ मुझे लगा कि कही मैं रो ना पडू तो मैं कमरे से बाहर निकल गया
वो पीछे आवाज़ देते ही रह गयी मैं सबसे पहले पापा के पास गया और उनको सारी बात बताई और कहा कि मैं सुबह ही निकल जाउन्गा आप मम्मी को ना बताना वरना टेन्षन कर लेगी और पूरी कोशिश करूँगा कि जल्दी ही वापिस आने की पर मैं अंदर ही अंदर जानता था की ना जाने कितना समय लगेगा वापिस मूड कर आने मे पापा के माथे पर चिंता की लकीरे आ गयी थी
पर एक वो ही तो थे जो मेरी हालत को समझते थे रात आधी से ज़्यादा बीत गयी थी मैं छत पर अकेला बैठा हुआ था नींद कहीं जैसे खो ही गयी थी पहली बार मुझे लगा कि आर्मी मे आके कोई बड़ी ग़लती कर दी मैने तभी उर्वशी हाथो मे दो मग कॉफी के ले आई और मुझे पकड़ते हुए बोली सोए नही अभी तक मैने कहा नींद नही आ रही
उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोली तुम सोल्जर हो और ये लम्हे तो एक सोल्जर की लाइफ मे आते ही रहते है मैने कहा यार वो बात नही है मैं इसलिए दुखी नही हूँ कि छुट्टी रद्द हो गई बल्कि इसलिए दुखी हूँ कि कहीं मेरे किसी दोस्त को कुछ ना हो गया हो और तुम्हे तो पता ही है कि छुट्टी से जाते ही मैं खुद उधर ही जाने वाला था अब पता नही क्या हालत होंगे वहाँ के
हम लोग बाते कर ही रहे थे कि अनिता भाभी आ गया वो बोली अरे तुम लोग सोए नही अभी तक मैने कहा आओ भाभी बैठो ज़रा अनिता भी अपनी दोस्त थी तो उसके आग भी अपना दुखड़ा रोया वो बोली कल मैं भी तुम्हारे साथ ही घर चलूंगी मैने कहा आप आ जाना आराम से पर अब वो कहाँ मान ने वाली थी तो बस फिर सुबह तक हम तीनो बस बाते ही करते रहे
दिल के किसी कोने से आवाज़ आई कि इस रात की सुबह ही ना हो पर अपने चाहने या ना चाहने से क्या होता है तो सुबह होते ही मैने सबसे विदा ली उर्वशी एमोशनल हो रही थी मैने कहा यार तू नाराज़ ना होना टाइम मिलते ही पक्का फोन करूँगा तुझे और फिर भाभी को लिया और चल पड़ा गाँव की ओर घर आया और अपना सामान जो ले जाना था वो पॅक करने लगा
भाभी बोली कब आओगे मैने कहा कुछ पता नही वो बोली अभी तो आए थे और इतनी जल्दी जा रहे हो मैने कहा जाना पड़ेगा वो बोली कुछ बना दूं तुम्हारे लिए मैने कहा नही रहने दो क्यो तकलीफ़ करती हो मेरा मन नही है पता नही मुझे क्या हुआ मैं भाभी से लिपट कर रोने लगा मेरे सारे प्लॅन्स फैल हो गये थे तो बस फिर अपना सामान लिया और उनको अलविदा कहकर शाम को घर से निकल पड़ा
मेरे सहर के रेलवे स्टेशन ट्रेन आने मे थोड़ी देर थी मैने अपना सामान रखा और एक बेंच पर बैठ गया दिल बड़ा ही मनहूस था सोचा नही था कि ऐसे वापिस जाना पड़ेगा पर सब तकदीर के लेख है और अपना तो कहाँ बस चलता है तकदीर पर तो भाई पानी की बॉटल से कुछ बूंदे उडेली और अपने सुख़्ते हुए गले को तर किया और आँखो को बंद कर लिया
कुछ देर बाद फोन की घंटी बजी तो देखा बुआजी का कॉल था तो बेमन से फोन उठाया वो बोली कहाँ है मैने बताया कि वापिस ड्यूटी जा रहा हू तो वो बोली बेटा अपना ख़याल रखना और अच्छे से रहना पहले की तरह कोई चोट ना लगवा लेना मैने कहा जी ख़याल रखूँगा फिर उन्होने बताया कि उर्वशी भी मुरझा सी गयी है हो सके तो एक बार उस से बात कर लेना मैने कहा जी कर लूँगा
बुआ बोली अच्छा रहता कुछ दिन तू इधर ही रहता तो पर बेटा ड्यूटी भी ज़रूरी है बस तू अपना ख़याल रखना और जल्दी से वापिस आना मैने कहा जी कोशिश करूँगा फिर मैने फोन रख दिया और ट्रेन का इंतज़ार करने लगा रेल आई और मुसाफिर तैयार हो गया सफ़र के लिए ट्रेन चल पड़ी थी पर लगा कि जैसे पीछे मेरा कुछ छूट गया डेढ़ दिन का सफ़र करके मैं जम्मू ट्रांज़िट कॅंप पहुच ही गया
कॅंप मे नहाया धोया थोड़ी देर आराम किया पर मंज़िल दूर थी तो फिर सफ़र शुरू हो गया और ऐसे ही नॅशनल हाइवे वन पर धक्के खाते खाते आख़िर मैं बटालियन बेस कॅंप पहुच ही गया जाते ही रिपोर्टिंग करने गया तो पता चला कि सीओ साहिब तो थे नही तो मेजर को ही बताया और लाइन मे आकर बैठ गया पर अपने नसीब मे आराम कहाँ था
जल्दी ही ऑर्डर आ गया कि मैं एक टीम के साथ ड्रेस सेक्टर मे अड्वान्स पार्टी के रूप मे जाउ ये मेरी लाइफ का एक बेहद ही कड़ा इम्तिहान था जिसे मुझे लीड करना था और नो कैजूअल्टी के साथ ल्त.कर्नल सर के साथ एक लंबी मीटिंग चली टीम की और हमें एक अलग तरह का ही काम दिया गया था टास्क सेक्टर की पूरी गंदगी को सॉफ करने की
तो अड्वान्स पार्टी चल पड़ी एक नये मिशन पर ना जाने को मैने अपने फोन को स्विचऑफ किया और संदूक मे पटक दिया अगले दो दिन बड़े ही व्यस्त रहे वहाँ जाकर चार्ज लिया माहौल को चेक किया कुछ मॅप रीडिंग की और फिर लग गये स्ट्राइक मे मुझे खुद की तो कभी फिकर थी ही नही बस चिंता थी कि टीम लीडर मे था तो मैं कोई कैजूअल्टी नही चाहता था
पर गोली नाम लेकर थोड़ी ना आती है वो तो बस लग जाती है पता भी और फिर बाद मे ही चलता है कि लग गयी हालत भी तो हमारे अनुकूल नही रहते थे पर मिशन था तो बस पूरा करना ही था दाढ़ी बढ़ गयी थी पर शेव करने का टाइम नही था बल्कि यूँ कहूँ कि फेसिलिटीस ही नही थी इतनी मेरी टीम के पास कभी कभी तो राशन भी नही रहता था पर अम्मो पूरा था
अगले 3 महीने बड़े ही मुश्किल गुज़रे हमारे लिए कुछ साथी घायल हुए उनकी जगह दूसरे आते गये कारवा चलता गया कई बार मुझे भी चोट लगी पर हर ज़ख़्म से लिया हँस कर दिल मे एक जुनून सा था कि इन कमीनो की वजह से मेरी छुट्टी कॅन्सल हुई तो मैने और मेरी पूरी टीम ने अपनी पूरी ताक़त लगा रखी थी हर एक सिंगल इन्फर्मेशन चाहे वो सही हो या ग़लत हो हम काउंटर ज़रूर करते
आज भी वो दिन याद है मुझे हम जंगल मे सर्चिंग ऑपरेशन चलाए हुए थे बॅक टीम से हम कोई 25-30 किमी आगे थे मुझे बड़ी प्यास लगी थी तो मैं एक नाले मे पानी पीने के लिए उतर गया पानी पी ही रहा था कि तभी मुझे कुछ अलग टाइप की आवाज़ सुनाई दी तो मैने दूरबीन से देखा तो पता चला कि थोड़ी दूरी पर एक बड़ा सा लकड़ियो का घर बना हुवा है
मेरा माथा ठनका जंगल मे इतनी अंदर इतनी घनी लोकेशन पर कॉन रहेगा कहीं ये मिलाइटंट्स का अड्डा तो नही मैने तुरंत अपने साथियो को अलर्ट रहने का ऑर्डर दिया और हम छुपते छुपाते उस ओर बढ़ने लगे हमने तुरंत एक रण नीति बनाई कि हम टीन लोग जाकर देखते है कि क्या माजरा है और आप सब हमे बॅकप दोगे अब मैं था लीडर तो चलनी मेरी ही थी
तो भाई लोगो रेकी की तो पता चला कि अंदर कम से कम 15-20 लोग तो होंगे ही होंगे तो मैने कहा हम सब रात होने का इंतज़ार करेंगे और फिर सीधा अंबुश कर देंगे देख लेंगे जो होगा और करने लगे रात का इंतज़ार कोई सात घंटे का इंतज़ार करने के बाद आख़िर अंधेरा हो ही गया और हम लोग ऐक्शन के लिए तैयार थे एक छोटी मगर जोश से भरी स्पीच दी और बस अब इंतज़ार ख़तम
पर तभी उस घर से दो लोग निकले और दूसरी तरफ जाने लगे मैने अपने साथ दो और बन्दो को लिया और उनके पीछे हो लिया थोड़ी दूर जाने पर पता चला कि ये लोग तो साले टट्टी होने आए है मेरा साथी जवान बोला सर इनको ऐसी हालत मे ही शूट कर देते है मैने कहा नही रे गन की आवाज़ से बात बिगड़ जाएगी इनको तो वैसे ही धर लेते है तो भाई
तो रेंगते रेंगते उनकी रेंज मे गये और सीधा चाकू चला दिया बेचारे चीख भी ना सके और अपने खुदा को प्यारे हो गये मैने कहा यार तलाशी ले इनकी पर बदनसीबी से कुछ ना मिला तो हम लोग अब दौड़ते हुए वापिस आए और यल्गार कर दिया पहली गोली मैने चलाई जो ना जाने कहाँ जाकर लगी पर मैने अपने इरादे बता दिए थे उनको
पर बाद मे मुझे ख़याल आया कि क्या पता उनके पास ग्रनेड या लॉंचर भी हो सकते थे फिर मेरी गान्ड फट गयी क्योंकि इस से मेरी टीम ख़तरे मे फस सकती थी मैने फिर बाबा का नाम लिया और सोचा जो होगा देखा जाएगा रात अपनी गति से बढ़ रही थी और हम लोग लगे हुए थे उस मुठभेड़ मे ये एक ऐसा संघर्ष था जो किसी भी कीमत पर मुझे जीतना ही था
तो सुबह के उजाले तक फाइरिंग बिना रुके चलती ही रही कुछ मारे गये कुछ को हमने पकड़ लिया मिशन पूरा हो गया था फिर हम ने मकान की तलाशी लेनी शुरू की तो एक कमरे मे दबा कर रखा गया बड़ी मात्रा मे अमू मिला हमें ये एक बड़ी सफलता थी मैने तुरंत रेडियो पे अपने कमॅंडिंग ऑफीसर को सूचना दी और लोकेशन बताई शाम होते होते कुछ बड़े ऑफिसर्स आ पहुचे
फिर सीओ साहब ने कहा कि ऑफीसर तुम्हारी टीम ने पिछले कुछ दिनो मे अच्छा काम किया है पर अब मुझे लगता है कि तुम्हे रेस्ट करना चाहिए टीम अब यूनिट मे जाएगी और नये लोग तुम्हारी जगह ले लेंगे इस टाइम तुम्हे रिलीव किया जाता है मैने ऑर्डर बजाया और सल्यूट किया तीन दिन बाद मैं यूनिट मे था
यूनिट मे आने के बाद बस रेस्ट चल रही थी सुबह शाम बस वोलीबॉल्ल खेल कर ही टाइम पास हो रहा था कुछ छोटी-मोटी चोट लगी हुई थी तो वो भी ठीक हो रही थी ले देकर बस ज़िंदगी कट रही थी अपनी ही तरह से अब इधर ऐसे ही था सब कुछ एक शाम में कोर्ट मे प्रेक्टिस कर रहा था कि एक अरदली आया और बताया कि साहब आपको अभी सीओ साहिब ने बुलवाया है
मैने कहा ठीक है आता हूँ , हाथ मूह धोए वापिस आया ड्रेस पहनी और पहुच गये सलामी देने साहब को उन्होने कहा ऑफीसर ये लेटर तुम्हारे लिए देल्ही से आया है मिनिस्ट्री की तरफ से खोल कर देख लो मैने सोचा अब मिनिस्ट्री को मुझसे क्या काम खैर, लेटर खोला और पढ़ने लगा मुझे तो समझ ही नही आया कि मेरी रेकमेंडेशन
पर कैसे , मैने कहा सर ये कब कैसे तो वो बोले ऑफीसर पिछले कुछ महीनो मे हर टास्क को उम्मीद से बढ़कर तुमने पूरा किया है तो फिर मिनिस्ट्री की नज़रों मे तो आना ही था अब फ़ैसला तुम्हारा है यस या नो , मैने कहा पर सर यूनिट छोड़कर कैसे? सीओ साहिब बोले देखो बात ये है कि इस जॉब के लिए लाखो सोल्जर्स मे से बस कुछ किस्मत वालो को ही सेलेक्ट किया जाता है
और तुम्हे तो खुश होना चाहिए कि तुम्हे तो खुद बुलाया गया है और फिर वैसे भी आजकल तो तुम यूनिट के बेस्ट कमॅंडोस मे से ही हो यूनिट के हीरो हो , मैने कहा सर मैं तो अपना काम ही करता हूँ बस तो वो बोले तो फिर ठीक है ना वहाँ जाकर भी तो बस तुम्हे अपना काम ही करना है नेशन को सर्व यहाँ भी करते हो उधर भी जाकर यही काम करना है बस उधर ये ड्रेस नही होगी तुम्हारे पास
पर तुम्हे मिलेगा भी बहुत कुछ सर बोले कल मॉर्निंग मे मुझे तुम्हारा जवाब चाहिए ताकि मैं कुछ फॉरमॅलिटीस कर सकूँ मैने कहा जी सर फिर सल्यूट बजा कर वहाँ से निकल आया लेटर मेरी जेब मे था आप सोच रहे होंगे कि उस लेटर मे क्या था चलो बता ही देता हू , आक्च्युयली वो लेटर इंडियन इंटेलिजेन्स की तरफ से था उन्होने डिमॅंड की थी कि उनको मैं चाहिए था डेप्युटेशन पे
मैं सोचने लगा कि पता नही कितने लोगो को ये गोल्डन ऑपर्चुनिटी मिलती है और फिर घूमने-फिरने को भी मिलेगा और थोड़े दिन फोज की ज़िंदगी से भी रिलॅक्स मिल जाएगा तो मैने फ़ैसला ले लिया और अगली सुबह को साहिब को बता दिया कि मैं डेप्युटेशन पर जाने को तैयार हूँ तो बस फिर कुछ अफीशियल पेपर वर्क करने के बाद मैं चल पड़ा देल्ही की ओर
देल्ही आया एक दिन दोस्त के घर पर आराम किया और अगले दिन पहुच गया पीएमओ ज़िंदगी मे पहली बार आज मैने दर्शन किए थे वारना कहाँ मोका मिला करता है वहाँ पर एक खास व्यक्ति से मिला और फिर कोई घंटे भर बाद मैं एजेन्सी के ऑफीस मे था जो उसी बिल्डिंग मे किसी फ्लोर पर था पहला दिन तो बस यू ही गुजर गया शाम होते होते मुझे मेरे सर्विस क्वॉर्टर की चाबी भी मिल गयी
एक नये घर मे था मैं तो अजीब अजीब सा लग रहा था अब मिलिटरी बॅकग्राउंड का था तो एजंसी के काम काज को समझने मे कुछ ज़्यादा टाइम नही लगा और कुछ दिन यूँ ही गुजर गये फिलहाल तो बस डेस्क-जॉब ही चल रही थी सुबह जाता रात को आते आते आधी रात हो जाती थी बस फिर पड़ते ही सो जाना ज़िंदगी बस जी रहा था मैं किसी तरह से
दिन गुजर रहे थे इधर आए हुए भी दो महीने से ज़्यादा हो गये थे दीवाली भी चली गयी थी ठंड का मोसम आ गया था तो मैने एक दिन अपने बॉस को कहा कि सर मैं कुछ दिन के लिए घर जाना चाहता हूँ तो वो बोले ठीक है कुछ दिनो के लिए चले जाओ और 1 महीने की छुट्टी का जुगाड़ हो गया मैने सोचा कि सबसे पहले मिता के दर्शन ही करता हू
आज रात मैने संदूक से फोन निकाला ऑन किया तो साला चला ही नही रात को ही नया फोन खरीदा नंबर मिलाने ही वाला था कि फिर सोचा कि उसको सर्प्राइज़ देना चाहिए और फिर रात को ही मैने अजमेर की ट्रेन पकड़ ली तो अब बस मिता का दीदार ही करना था स्टेशन पर उतरते ही ऑटो वाले का कहा कि भाई जल्दी से मोड़ दे इसको गवरमेंट. हॉस्पिटल की तरफ ……………
उसके सहर मे आ गया था अब रांझे को बस हीर से मिलना ही था तो हॉस्पिटल पहुच कर पता किया तो पता चला कि मेडम आजकल सर्जिकल वॉर्ड मे है तो किसी से पूछ कर उधर ही हो लिए मिता किसी को इंजेक्षन लगा रही थी उसकी पीठ मेरी ओर थी तो मैने कहा जी क्या हमें भी दवाई मिलेगी बड़े परेशान है हम भी
उसने कहा अभी आती हू और जैसे ही पलटी मुझे देखकर उसको तो कुछ समझ ही नही आया मैने कहा रे पगली मैं ही हूँ वो चल कर मेरे पास आई और एमोशनल होते हुए बोली बड़ी देर लगा दी मेहर्बा आते आते आपके इंतज़ार मे मे तो आधी ही हो गयी मैने कहा यार आ तो गया हू ना किसी ना किसी तरह से
वो बोली तू बैठ मैं आती हू थोड़ी देर मे तो मैं उसका वेट करने लगा आधे घंटे बाद वो आई और बोली आजा घर चलते है मैने कहा ड्यूटी नही करेगी वो हँसते हुए बोली छुट्टी लिख दी है चल आजा फिर हम उसके घर पर आ गये मिता बोली क्या पीओगे चाइ- या कॉफी मैने कहा कुछ नही तुम बस ज़रा देर मेरी आँखो के सामने रहो मैं दीदार करना चाहता हू अपनी दिलरुबा का
वो मुझे चिढ़ाते हुवे बोली कि दिलरुबा ……………………. अपनी समझते तो फोन ना करते जब देखो वो डिब्बा बंद ही पड़ा रहता है मैने कहा डार्लिंग अभी इन फ़िज़ूल बातों का जिकर ना कर और ज़रा मुझे ठीक से देखने दे अपनी प्यारी मिता को कितने दिन हो गये ज़रा आँखो की प्यास बुझने दे…