06-12-2020, 08:35 AM
पैदल पैदल चलते हुए हम दोनो कोई दस मिनिट बाद हमारे दूसरी तरफ के खेत मे पहुच गये मैने कहा भाभी देख लो चारी अच्छे से और जहाँ से पसंद हो वही से ले लेना सोनू बोली माजी ने कहा है कि हम 15 कूड़े लेंगे मैने कहा हिसाब किताब की बात घरवालो से करना तो वो बोली फिर तुमसे क्या बात करूँ तो मैने भी कह दिया कि मैं तो प्रेम पुजारी हू भाभी
बस प्यार-मोहबत की बातें करता हू काश आप जैसा हसी कोई हमे भी मिल जाए तो कुछ हमारा भी भला हो जाए तो सोनू बोली तुम्हारे कुछ ज़्यादा ही पर निकल आए है काकी जी से तुम्हारी शिकायत करनी पड़ेगी तो मैने कहा लो जी अब तो किसी की खूबसूरती की तारीफ करना भी गुनाह ही हो गया है तो सोनू बोली देवेर जी मुझे तुम्हारे मन मे कुछ काला लगता है
मैने कहा भाभी मैं काला-गोरा नही समझता हू जो दिल मे है वो ही बता ता हू मैं बेशक दुनियादारी नही समझता पर एक दिल है जो कभी कभी गुस्ताख हो जाता है और सच कहूँ तो भाभी आप को देख कर मुझे पता नही क्या हो जाता है मेरे मन मे आपका ही ख़याल आता रहता है भाभी मैं दिल की बात बता रहा हू मुझे आप बड़ी ही अच्छी लगती हो
सोनू पगडंडी पे ही बैठ गयी और बोली कि मुझमे ऐसा क्या देख लिया तुमने मैं दो बच्चों की माँ हू और मान लो मैं तुमसे बोल-बतला भी लू अगर मेरे उनको मालूम हो गया तो तुम्हारा क्या बिगड़ेगा दाँव पर तो मेरी ग्रहिस्ती लगेगी ना तो मैं भी उनके पास बैठ गया और उनके हाथ को पकड़ कर बोला ना भाभी मैं ऐसा कोई काम करूँगा ही नही जिस से आपको कोई तकलीफ़ हो
मैं तो फोजी आदमी हू कभी आउन्गा कभी नही आ पाउन्गा सोचा दो पल आपके साथ हँस बोल लूँगा बाकी आपकी मर्ज़ी मेरी अरदास मानो या ना मानो मेरे मन मे जो बात थी वो मैने आपको बता दी है अब आपकी मर्ज़ी हम करो या ना करो तो सोनू बोली क्यू मुझे मुश्किल मे डालते हो और थोड़े दिन मे तुम्हारे घर वाले तुम्हारा ब्याह तो कर ही रहे है ना
मैने कहा ब्याह अपनी जगह है और आप अपनी जगह हो मैं ज़्यादा घूमफिरा कर बात नही करता मैने आपको बता दिया कि आप मुझे अच्छी लगती हो और मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हू अब आप की जो भी बात हो मुझे जवाब ज़रूर देना मैं आपके जवाब का इंतज़ार करूँगा तो वो बोली मुझ दुविधा मे डाल रहे हो और तुमसे दोस्ती करके मुझे क्या मिलेगा
मैने कहा भाभी दोस्ती करने का कह रहा हू कोई सोदेबाजी नही कर रहा जो नफे-नुकसान की बात करूँ सोनू बोली मुझे कुछ समझ नही आ रहा कि क्या कहूँ तुम्हे तुम मेरे बारे मे ऐसा कैसे सोच सकते हो तो मैने कहा मुझे नही पता भाभी मैं ऐसा कैसे सोचने लगा मैं खुद नही जानता कि कैसे मे आपको पसंद करने लगा सोनू बोली तुम ज़रा बात को समझो
मान लो अगर मैं तुमसे हाँ कर भी लेती हू , और किसी को पता चल गया तो तुम्हारा क्या बिगड़ेगा मारी तो मैं जाउन्गी ना मैने कहा भाभी मैं कॉन सा सात जनम का बंधन बाँध रहा हू तुमसे और फिर मुझे छुट्टी भी कितने दिन की मिलती है ज़रा सोचो मैं कितनी बार तुमसे मिल पाउन्गा मैने कहा आप आज शाम तक मुझे अपनी हाँ या ना बता देना
मैने कहा भाभी छोड़ो इस बात को अब और आओ मैं तुम्हे चारी कटवा देता हू धूप भी पड़ने लगी है फिर साथ साथ ही घर चलेंगे तो मैं उसकी मदद करवाने लगा एक तो उमस ज़्यादा थी और दूसरा हम अंदर की तरफ से चारी काट रहे थे तो जल्दी ही हमारा बदन पसीने से नहा गया सोनू अपने चेहरे पर आए पसीने को साड़ी के पल्लू से पोंछने लगी
तो उसका ब्लाउज मेरी आँखो के सामने आ गया और मेरी आँखे चमक उठी उसकी ठोस गोलाइयाँ ब्लाउज को फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रही थी ब्लाउज से उसकी निप्पल्स सॉफ दिख रही थी मतलब कि उसने अंदर ब्रा नही डाली हुई थी और पसीने की वजह से ब्लाउज सोनू के स्तनो से चिपक गया था और उसकी मस्त चूचियो को नुमाया कर रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरा लंड निक्कर मे टाइट हो गया
जब सोनू ने देखा कि मैं उसके स्तनों को घूर रहा हू तो उसने उनको अपने आँचल से ढक लिया और मेरी ओर देखती हुई बोली कि गर्मी बहुत है मैने कहा हम भाभी और हम फिर से कटाइ करने लगे पर किस्मत भी मुझ पर अपनी मेहरबानी दिखा रही थी तो सोनू थोड़ा झुक कर चारी काट रही थी तभी एक टिड्डा जिसे गाँव मे राम जी की गाय कहते है सोनू के ब्लाउज मे घुस गया
जब उसको ये अहसास हुआ कि उसकी चूचियो पर कुछ रेंगरहा है तो वो एक दम से घबरा गयी मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली कि कुछ घुस गया है मेरे ब्लाउज मे देखती हूँ पर वो टिड्डा अब उसकी पीठ की ओर चला गया जहाँ पर सोनू का हाथ नही पहुच पा रहा था और उसको डर भी लग रहा था कि कही काट ना ले तो मैने कहा भाभी लाओ मैं देखता हू
और उसका जवाब सुने बिना ही उसको अपनी ओर ले लिया और कहा कि भाभी कहाँ है कीड़ा तो वो डरती हुई बोली कि पीठ पर चल रहा है मैने मैने अपना हाथ घुसाने की कोशिश की पर टाइट गले का होने के कारण मेरा हाथ पीठ पर नही गया तो मैं अपने हाथ आगे को ले गया और उसके हुको को खोल दिया और उसकी नरम नरम चूचिया मेरे हाथो मे आ गयी
मैं सोनू से बिल्कुल चिपक कर उसके पीछे खड़ा था और मेरे हाथ उसके बोबो पर थे तो मैने बिना देर किए उसको बोबो को दबा दिया तो सोनू के मुँह से एक सिसकी निकल गयी और उसकी आँखे बंद हो गयी मेरे लिए ये एक दम सही समय था मैं उस से थोड़ा सा और चिपक गया और मेरा लंड उसके चुतड़ों पर अपना दबाव डालने लगा मैं हल्के हल्के से उसकी चूचिया दबाने लगा था
ये सब इतनी जल्दी हो गया था कि सोनू की तो सांस ही अटक गयी थी वो जैसे बुत बन गयी थी उसके उभार मेरी दोनो मुत्ठियों मे फड्फाडा रहे थे तो मैं थोड़ा सा आगे हुआ और उसकी गर्दन से बहते हुए पसीने को अपनी जीभ से चाटने लगा सोनू मेरी इस हरकत से अपने होश खोने लगी कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैं अपना हाथ नीचे की ओर ले गया और साड़ी के उपर से ही उसकी चूत को दबा दिया
तो सोनू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और शरमाती हुई आवाज़ मे बोली नही ऐसा मत करो और मेरी बाहों से बाहर निकल आई और अपने ब्लाउज को बंद करने लगी मैने भी उसको नही रोका क्योंकि मैं चाहता था कि वो खुशी से चुदवाये मुझसे मैने अपने लंड को अड्जस्ट किया सोनू कुछ देर बाद बोली कि बस आज के लिए इतनी चारी ही बहुत रहेगी मैने चारी उसके सर पे रखवाई और हम कुँए की तरफ बढ़ गये
कुँए पर आने के बाद चारी दीवार के सहारे लगाई और मुधे पर बैठ गयी और अपना पसीना पोछने लगी मैने मटके से पानी पिया और उसको भी गिलास भर के दिया फिर मैने कहा भाभी आप दो मिनिट बैठो मैं नहा लेता हूँ फिर घर चलेंगे तो वो बोली ठीक है पर जल्दी करना मुझे घर जाके खाना भी बनाना है मैने कहा बस भाभी अभी नहाया
मैने मोटर चलाई और कपड़े उतार कर कुण्डी मे कूद गया मैने फ्रेंची डाली हुई थी वो भी सफेद कलर की तो गीली होते ही मेरे लिंग से वो चिपक गयी और वो सॉफ सॉफ दिखने लगा मैं खड़ा होकर नहा रहा था तभी मैने देखा कि सोनू की निगाह मेरे लंड पर ही जमी हुई है तो मेर बदन मे रोमांच होने लगा और लंड अंगड़ाई लेने लगा और तन गया फ्रेंची मेरे तने हुए लंड को संभाल नही पाई और लंड का सुपाडा उपर की तरह निकल आया
पर मैने भी लंड को ढकने की कोई कोशिश नही की सोनू का चेहरा लाल सुर्ख हो गया था मतलब कि उसकी झान्टो मे भी आग लग गयी थी कुछ देर बाद मैं नहा लिया फिर हम घर को चल पड़े जब सोनू अपने घर जाने लगी तो मैने धीरे से कहा कि भाभी अपना जवाब जल्दी से देना तो उसने मुझ पर के भरपूर नज़र डाली और अपनी गाण्ड को मटकाती हुई चली गयी
अब मुझे चूत की सख़्त दरकार थी मैं घर के अंदर गया तो बुआ का फोन आया हुआ था तो मैं भी बात करने लगा मैने कहा बुआ आप कब आओगी तो वो बोली कि घर मे शादी है मेरा तो आना मुश्किल होगा तू एक काम कर तू आजा शादी के कामो मे हेल्प भी कर दियो और …………………………..तो मैने कहा और क्या बुआ तो वो बोली और मेरी भी और हँसने लगी मैने कहा बुआ दो-चार दिन मे आता हू
पर आपको मेरा ख़याल रखना पड़ेगा तो वो बोली आतो सही फिर देख ना अपनी बुआ की खातिर दारी को फिर मैने फोन चाची को दे दिया और अपने कमरे मे चला गया और बेड पर लेटकर सोनू के बारे मे सोचने लगा मुझे पूरी आशा थी कि सोनू मान ही जाएगी और अपनी चूत का रस मुझे ज़रूर चखाएगी मैं उसकी लेने के लिए बेताब हुए जा रहा था उसके ख़याल से ही मेरे लंड मे तनाव आने लगा
पर मैं मुट्ठी नही मारना चाहता था तो मैं उठा और अनिता भाभी के घर की ओर चल पड़ा अंदर जाते ही मैने देखा कि ताइजी सोई पड़ी है तो मैं सीधा भाभी के कमरे मे पहुच गया पर वो मुझे वहाँ नही मिली कुछ देर इंतज़ार किया पर वो नही आई तो मायूस होकर मैं अपने घर वापिस आ गया और सोफे पर बैठ कर सोचने लगा कि यार अबकी बार पता नही क्या हो गया है चूत कर जुगाड़ हो ही नही रहा हे।
कुछ देर बाद चाची भी आ गयी और मेरे पास बैठ कर बातें करने लगी मैने कहा चाची आपके बिना रहना मुश्किल हो रहा है काश आप सही होती तो मज़ा आ जाता तो वो मेरे बालो पर हाथ फिराते हुए बोली बेटा तडप तो मैं भी रही हू तुमसे प्यार करने को पर मैं मजबूर हू डॉक्टर ने मना किया है वरना अब तक तो तुम को कई बार मज़ा दे चुकी होती मैने पूछा मम्मी कहाँ है तो उन्होने बताया कि वो अनिता के साथ खेतो मे गयी है
मैने कहा तो इसका मतलब घर पर हम दोनो अकेले है वो बोली हम अभी तो बस हम लोग ही है , मैं उठा और मेन डोर को लॉक करके वापिस आ गया मैने कहा चाची आप सेक्स नही कर सकती तो क्या हुआ हाथ से मेरे इसको हिला कर पानी तो निकाल ही सकते हो , तो चाची बोली हाँ अब तेरे लिए इतना तो कर ही दूँगी तो मैने झट से अपनी पॅंट और कच्छे को उतारा और चाची के पास जाकर खड़ा हो गया चाची ने मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया और सहलाते हुए बोली कि ये क्या हमेशा खड़ा ही रहता है
मैं बोला हमेशा तो नही, पर पास मे आप जैसा जबरदस्त माल हो तो फिर तो खड़ा होगा ही ना चाची हँसने लगी और लंड पर अपनी पकड़ को मजबूत कर दी उनकी नाज़ुक उंगलियो का स्पर्श पाकर लंड मे जैसे करेंट दौड़ गया और वो अपनी फुल फोरम मे आ गया चाची अपने हाथ को हौले-हौले आगे पीछे करने लगी तो मुझे अच्छा लगने लगा वो मेरे लंड को हिलाते हुए बोली कि फोज मे तेरा काम कैसे चलता है
तो मैने उन्हे बताया कि आप जैसी ही कुछ दयालु महिलाए मदद कर्देति है तो काम चल जाता है वरना हमारी किस्मत मे कहाँ सेक्स का मज़ा लिखा है तो चाची बोली ज़्यादा ना बन मुझे सब पता है तेरा बस चले तो किसी को भी ना बख़्शे और वैसे भी तू कुछ दिनो मे बाई जी के यहाँ जा रहा है फिर तो उनके साथ ही लगा रहेगा और हँसने लगी मैने कहा आपने तो हाथ उपर कर दिए अब किसी ना किसी का सहारा तो लेना ही पड़ेगा
तो वो ठंडी आह भरते हुए बोली हम अब वैसे भी जब तुम्हे नया नया माल मिलेगा तो फिर तुम मेरे पास क्यो आओगे मैने कहा चाची आपसे टक्कर कोई कर सकती है क्या आप कहो तो अभी चोद दूं आपको तो वो बोली बताया ना तुझे कि मजबूरी है वरना मैं खुद ही कब का तेरी गोद मे आ जाती चाची अब अपना हाथ बड़ी तेज़ी से चलाने लगी थी तो मुझे और भी मज़ा आने लगा था
मैने मस्ती से अपनी आँखे बंद कर ली और चाची के हाथ को अपने लंड पर महसूस करने लगा जब वो अपनी उंगली को मेरे सुपाडे पर रखती तो कसम से ऐसा लगता कि बस अब जान निकली मेरा पानी छूटने को हो रहा था तो मैने कहा चाची कुछ देर इसको अपने मुँह मे लो ना तो उन्होने अपनी नशीली आँखो से मुझे देखा और फिर अपने होंठो को जीभ से गीला करके अपने होठ लंड पर रख दिए
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मुझे लगा कही लंड की चमड़ी उनके होंठो की गर्मी से जल ना जाए फिर उन्होने अपनी लंबी जीभ बाहर निकाली और सुपाडे पर घुमाने लगी मस्ती से मेरा पूरा बदन कांप गया मैने अपने हाथो से उनके सर को पकड़ लिया तो वो अब उन्होने आधे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और उसको गीला करते हुए चूसने लगी मेरी टाँगो मे कंपन होने लगा
तो मैने अपने हाथो को उनके सर पर कस लिया और पूरे लंड को उनके मुँह मे डालने लगा चाची अच्छे से लंड की चुसाइ कर रही थी उनकी लिज़लीज़ी जीभ मेरे पूरे लंड पर घूम रही थी मुझे पता था कि अब मैं ज़्यादा देर नही ठहर नही पाउन्गा तो मैने कहा चाची मैं झड़ने ही वाला हू आप ज़ोर से चूसो तो वो अपने मुँह को तेजिसे उपर-नीचे करने लगी
मेरे लिए अब खड़ा होना मुश्किल हो गया था मस्ती से मेरा रोम-रोम झूमने लगा था और फिर लंड से एक धार निकली और चाची के मुँह मे गिरने लगी मैं झड़ने लगा तो उन्होने अपने मुँह मे लंड को कस लिया और तेज़ी से चुप्पे लगाने लगी कुछ देर तक मेरे लंड से वीर्य निकल कर उनके मुँह मे गिरता रहा जिसे उन्होने अपने गले मे उतार लिया जब सारे पानी को पूरी तरह से उन्होने पी लिया तो मैने अपने लंड को उनके मुँह से बाहर निकाल लिया
और उनके पास ही सोफे पर बैठ गया
चाची ने अपने चेहरे को सॉफ किया और फिर मुझसे कहने लगी कि शादी के लिए खरीदारी भी करनी है तो तू जीजी के साथ बाजार चला जाना मैने कहा नही मैं नही जाउन्गा वो काम मम्मी और भाभी कर लेंगी अपन तो बस मस्ती मारेंगे तो वो बोली तू घरके कामों मे कभी मदद ना करियो बस ऐसे ही घूमता रहियो मैने कहा चाची इतनी ही छुट्टी मिली है तो थोड़ा एंजाय कर रहा हू और क्या
फिर मैने पूछा की चाची मेरे पीछे से निशा का कोई फोन या लेटर आया तो वो बोली नही आया तो मैं उदास हो गया मैने कहा पता नही चाची वो कहाँ चली गयी है कब से ढूँढ रहा हूँ उसकी तलाश मे मुंबई भी गया पर वो वहाँ भी नही मिली करूँ तो क्या करूँ चाची बोली तू उसकी इतनी फिकर क्यो करता है ज़िंदगी मे कई ऐसे मोड़ आते है जब कुछ नये लोग मिलते है और पुराने साथ छोड़ कर चले जाते है
मैने कहा चाची जब उनको जाना ही होता है तो वो फिर आते ही क्यो है निशा तो कही मज़े से रह रही होगी पर मैं उसके लिए तड़प रहा हूँ तो चाची बोली तू क्यो तड़प्ता है और फिर तेरी ज़िदगी मे मिथ्लेश है ना तो उसकी फिकर कर वैसे भी जीवन मे तुझे मिता के साथ आगे बढ़ना है मैने कहा बात तो सही है पर निशा भी मेरी कुछ लगती है तो चाची बोली तेरी बातें तू ही जाने मैं तो चली अपने कमरे मे
मैं कुछ देर वहीं बैठा रहा खेत पर घरवाले गये हुए थे तो गीता के पास भी नही जा सकता था हालाँकि अब वो भी मेरी आस थी जो मेरे लंड की गर्मी को अपनी चूत से शांत कर सकती थी तो सोचा कि शाम को पक्का जाना ही है गीता के दीदार करने कुछ भी करके मैने फ्रिड्ज से एक बियर का कॅन निकाला और सीप करने लगा और सोचने लगा मुझे बुआ के यहाँ भी जाना था , कुछ दिन मिता के पास भी रहना था और घर पे भी टाइम देना था
साला फोजी आदमी को खुशी के पल भी गिनकर ही मिलते है बस टुकड़ो टुकड़ो मे ही जीना पड़ता है पर फिलहाल तो मैं सोच रहा था कि किसी ना किसी की चूत मारने का अब दोपहर हो चली थी सोनू का दीदार होना तो मुश्किल था और वैसे भी सीधा उसके घर नही जा सकता था तो मैने सोचा की चलो प्लॉट मे ही चक्कर लगा आऊ मैने बियर को ख़तम किया और घर से बाहर निकल पड़ा
मैं प्लाट मे जा ही रहा था कि रास्ते मे मुझे प्रीतम की माँ मिल गयी तो मैने उनको नमस्ते किया उन्होने कहा बेटा कब आए तो मैने कहा कि दो दिन हुए है कुछ देर बात की फिर वो मुझे अपने घर ले गयी मैने मना किया पर वो ले ही गयी उन्होने कहा और बेटा कहाँ है तेरी ड्यूटी तो मैने कहा जी श्रीनगर मे वो बोली उधर तो खूब ख़तरा होता होगा
मैने कहा क्या करूँ माजी अब ड्यूटी भी तो करनी पड़ती है तभी प्रीतम की भाभी चाइ-नाश्ता ले आई काफ़ी दिन पहले देखा था उसको तो ठीक से याद नही आया पर अभी काफ़ी मस्त फिगर वाली हो गयी थी तो नज़रे बचाकर उसके हुस्न को स्कॅन कर ही लिया फिर मैने प्रीतम के भाई के बारे मे पूछा कि वो कब आया तो माजी बोली कि बेटा वो भी बस थोड़े दिन मे छुट्टी आने ही वाला है
मैने कहा चलो अच्छा ही है उस से भी मिल लूँगा काफ़ी दिन हो गये है उस से मिले हुए फिर मैने बातों का रुख़ प्रीतम की ओर मोड़ दिया और कहा कि प्रीतम तो आती रहती होगी तो उसकी माँ बोली कहाँ बेटा बस गर्मियो मे आती है 10-15 दिन अब वो अपनी ग्रहस्थी मे रम गयी है मयके का ख़याल कहाँ उसको अब कल ही फोन किया था तो कह रही थी कि कुछ दिनो मे जवाई बाबू के साथ आएगी
मैने कहा ये तो अच्छी बात है इसी बहाने उनसे भी मिलना हो जाएगा वो बोली हाँ बेटा फिर कुछ देर बैठने के बाद मैं वहाँ से निकल लिया और प्लाट मे पहुच गया मैं सोचरहा था कि इतने दिनो बाद प्रीतम से मिलना होगा पर क्या वो पहले वाली ही होगी क्योंकि अक्सर शादी के बाद लड़किया पुराने रिश्तो की तरफ देखती ही नहीं है पर दिल से किसी कोने से आवाज़ आई कि प्रीतम तो अपनी ही थी
प्लॉट मे काफ़ी सुखी घास इकट्ठा हो गयी थी तो मैने उसको इकट्ठा किया और जला दिया काफ़ी कचरा भी था तो मैने सोचा कि आज प्लॉट की सफाई ही कर देता हू इन सब कामो मे काफ़ी टाइम लग गया था और मैं थक भी काफ़ी गया था पहले तो पशु थे तो इधर कोई ना कोई आता जाता रहता था पर आजकल इधर बस ताला ही लगा रहता था प्लॉट के काम करते करते शाम हो गयी थी
मैने मोबाइल मे टाइम देखा तो शाम के साढ़े 5 हो रहे थे मैने जल्दी से अपने हाथ-मुँह धोए और घर जाने के लिए निकला ही था कि दूर से मुझे सोनू आती दिखी तो मैं वही रुक गया और उसके पास आने पर पूछा कि भाभी इस समय कहाँ जा रही हो तो वो बोली कि तुम्हारे भाई एक भैंस और ले आए है आज तो अब दो टाइम चारी लाया करूँगी
तो बस तुम्हारे खेत पर ही जा रही थी मैने कहा मैं भी उधर ही जा रहा था चल साथ साथ चलते है वो बोली ठीक है उसने कहा आज मोटर-साइकल नही है मैने कहा भाभी प्लॉट मे सफाई करने आया था तो पैदल ही आ गया मैने कहा तुम्हारी बहन भी तो है ना वो ना करती बाहर का काम तुम ही पिलती रहती हो तो वो बोली कि अरे ऐसा नही है वो घर का काम करलेगी
और मैं पशुओ का तो काम टाइम से निपट जाएगा हम बाते करते करते गाँव से बाहर की ओर आ गये थे और कच्चे रास्ते पर चल रहे थे वो बोली तेज तेज चलो मुझे वापिस घर भी तो जाना है और वैसे भी इतनी दूर खेत है तुम्हारे मैने कहा कहाँ दूर है भाभी बस अभी पहुच जाएँगे और लेट हो जाओगी तो अच्छा ही है मुझे आपके साथ रहने का थोड़ा टाइम और मिल जाएगा
तो सोनू अपनी आखें ततेरते हुए बोली कि आज कल कुछ ज़्यादा ही हवा मे उड़ने लगे हो तुम मैने कहा ये हवा भी आपकी वजह से ही लगी है मुझे तो वो बस मुस्कुरा कर ही रह गयी ऐसे ही उनके साथ मज़ाक-मस्ती करते हुए हम कुँए पर आ गये मैने देखा कि कमरे पर ताला लगा हुआ है इसका मतलब मम्मी और भाभी जा चुकी थी घर पर
सोनू चारी काटने को आगे की ओर चल दी तो मैं भी पीछे पीछे चल पड़ा वो बोली मेरा पीछा कर रहे हो मैने कहा नही भाभी सोचा कि आपकी चारी काटने मे हेल्प करवा दूं वो बोली आजकल बड़ी हेल्प कर रहे हो मेरी मैने कहा क्या करे भाभी सेवा करूँगा तभी तो मेवा खाने को मिलेगा ना तो वो बोली मेवा के चक्कर मे कहीं लेने के देने ना पड़ जाएँ ये भी देख लेना
मैने कहा आपके लिए तो मैं जान दे दूं आप कहो तो सही एक बार तो वो कहने लगी कि ज़्यादा बाते ना बनाओ और चारी काटने मे मेरी मदद करो काट ते काट ते मैने कहा कि भाभी आपने मेरी बात का जवाब नही दिया वो बोली कोन्सि बात तो मैने कहा कल मैने आपसे कुछ कहा था तो वो बोली क्यो मुझे संकट मे डालते हो आख़िर मुझमें ऐसा क्या दिख गया जो तुम मेरे पीछे पड़ गये हो
मैने कहा वो सब मुझे नही पता आप बस हाँ या ना बता दो अपनी सोनू ने एक गहरी सांस ली और बोली क्यो मुझे मरवाने पर तुले हो अगर कुछ उन्च-नीच हो गयी तो तुम तो निकल जाओगे फोज मे मुझे तो सदा ही यही रहना है मैने अब सोनू की कलाई पकड़ ली और कहा भाभी वादा करता हू आप पर कभी आँच नही आने दूँगा बस आप एक बार हाँ कह दो
मैने उसको अपनी ओर खीचा और अपने आगोश मे ले लिया वो बोली क्या करते हो छोड़ो मुझे कोई देख लेगा मैने कहा कोई नही है इधर हमारे अलावा सोनू बोली मुझे घबराहट हो रही है मैने कहा घबराना किसलिए मैं अपने एक हाथ से सोनू की कमर को सहलाने लगा मैने उसकी नशीली आँखो मे एक पल देखा और दूसरे ही पल अपने प्यासे होंठो को सोनू के काँपते होंठों से छुआ दिया
जैसे ही उसके होंठो से मैने अपने लबों को छुआ मेरे तन-बदन मे एक आग सी लग गयी मैने अपने दोनो हाथों से उसकी बलखाती हुई कमर को थाम लिया और उसको किस करने लगा उसके क्रीमी होठ एक चिंगारी पैदा कर रहे थे उसको चूमते चूमते मैं अपने हाथो को थोड़ा सा नीचे की ओर ले गया और उसके कुल्हो को मसल्ने लगा तो सोनू ने मुझे धक्का दिया और अपने से दूर कर दिया
मैने कहा क्या हुआ वो बोली कमिने कही के मैने दुबारा से उसका हाथ पकड़ लिया ऐसे कोई करता है क्या तो मैने कहा भाभी अब मेरा रुकना मुश्किल है अपने प्यार की थोड़ी सी बरसात मुझ ग़रीब पर भी कर दो ना सोनू अपने कपड़ो को सही करते हुए बोली कि ठीक है पर बस एक बार ही करने दूँगी मैने कहा ठीक है भाभी पर यहाँ नही मैने कहा तो कहाँ वो बोली मैं तुम्हे बता दूँगी पर तुम ये वादा करो कि किसी को भी लीक नही करोगे
मैने कहा भाभी आपकी कसम खा कर कहता हू कि ये बात हम दोनो के अलावा किसी और को सपने मे भी पता नही चलेगी तो उसने कहा कि ठीक है मैं तुम अपना फोन नंबर मुझे दे दो मैं तुम्हे फोन करके बता दूँगी मिलने के बारे मे तो मैने अपना नंबर उसको दे दिया मैं उसको और किस करना और भीचना चाहता था पर उसने मना कर दिया
वो बोली मुझे देर हो रही है जल्दी से चारी कटवा दो फिर मैं जाती हू तो मैने उसको चारी कटवा दी वो जब चलने को हुई तो बोली कि तुम भी चलो घर तो मैने कहा भाभी आप जाओ मैं बाद मे आउन्गा और हाँ घर पे कह देना कि वो अपने दोस्त से मिलने गया है आते आते देर हो जाएगी तो सोनू चली गयी मैने खेली पर हाथ-मुँह धोए और गीता के घर की तरफ कदम बढ़ा दिए
शाम भी ढल ही गयी थी जब मैं उसके घर पहुचा तो गीता बैठी थी मुझे देख कर वो बड़ी खुश हो गयी और मेरे गले आ लगी मैने उसकी गान्ड को हल्का सा मसल दिया तो वो बोली आते ही शुरू हो गये मैने कहा डार्लिंग मैं तो कब्से तड़प रहा हू तुम्हारे हुस्न को देखने के लिए पर तुम दर्शन ही नही कर वा रही हो गीता कहने लगी अब कहाँ हुस्न बचा है सर के बाल देखो आधे से ज़्यादा सफेद हो गये है
अब तो बूढ़ी हो गयी हू मैं तो मैं उसकी गान्ड को सहलाते हुए बोला अरे अभी कहाँ डार्लिंग ये तुम्हारी गान्ड तो और भी फूल कर कितनी मोटी हो गयी है मैने कहा गीता मैं बहुत प्यासा हू आज मेरी प्यास बुझा दो तो वो मेरी बाहों मे सिमट ती हुई बोली मैं भी तो प्यासी हू कितने दिनो से पर अभी कोई आ ना निकले मैने कहा कोई नही आएगा वैसे भी शाम हो गयी है
तो वो बोली ठीक है वैसे भी मैं तुमको तो कभी इस चीज़ के लिए मना कर ही नही सकती हू बस एक मिनिट रूको गीता गयी और दरवाजे को बंद कर के आ गयी और मैने उसको अपनी बाहों मे दबोच लिया मैं तो सुलग रहा था चूत के लिए मैने एक झटके मे उसके घाघरे के नाडे को खोल दिया और घाघरे को उतार दिया उसने अंदर कच्छि नही डाली हुई थी
गीता की चूत पर काफ़ी बाल उगे हुए थे मैं अपनी उंगली उन पर फिराते हुए बोला काफ़ी फसल उगा रखी है कटाई क्यो नही करती हो तो वो बोली अब तुम आ गये हो ना कल ही सॉफ कर लूँगी तो मैने कहा नही रहने देना अच्छे लगते ये रेशमी बाल यहाँ और अपनी उंगलिया उसकी झान्टो मे घुमाने लगा गीता की साँसे मचलने लगी वो बोली क्यो इतने दिन लगा ते हो तुम मेरा यहाँ बुरा हाल हो जाता है
मैने कहा मैं भी तुम्हारे लिए बड़ा तरसता हूँ पर क्या करूँ अब नोकरी ही ऐसी है कि छुट्टी बहुत मुस्किल से मिलती है गीता अधिरता से बोली कि अब बातो मे टाइम खराब ना करो तुम्हे देखते ही मेरी चूत मे आग लग गयी है आओ और इस आग को जल्दी से बुझा दो मैने अपने कपड़े उतारते हुए कहा कि मेरी जान अब मैं आ गया हू ना बस अब मज़ा ही मज़ा है गीता ने भी अपनी चोली उतार दी और पूरी नंगी हो गयी
मैं उसके नंगे बदन को देखते हुए अपने लंड को सहलाने लगा तो गीता की आँखे भी चमकने लगी वो आकर मेरे सीने से लग गयी मैने बिना देर किए उसके होंठों से अपने होंठों को जोड़ दिया और उसके मोटे-मोटे चुतड़ों को बड़े प्यार से सहलाते हुए उसको किस करने लगा गीता की उमर बेशक थोड़ी बढ़ गयी थी पर उसके बदन की गर्मी वैसे ही बरकरार थी
और फिर मेरे सिवा उसकी चूत का कोई और हकदार भी तो नही था मैंन एक उंगली से उसकी गान्ड की दरार को छेड़ने लगा तो गीता और भी मस्त होकर किस करने लगी 8-10 मिनिट तक बस मैं उसको चूमता ही रहा फिर मैं अपने हाथ उसके गुब्बारों पर ले गया और उनको बेदर्दी से मसल्ने लगा गीता की उत्तेजक आहें निकलने लगी वो बोली आहह दबाओ इन्हे भीचो इन्हे ज़ोर ज़ोर से बड़ा अच्छा लग रहा है
कुछ देर दोनो बोबो को दबाने के बाद मैं बारी बारी से उनको चूसने लगा गीता लेट गयी तो मैं उसके उपर आकर उसकी चूचिओ का रस्पान करने लगा मेरा लंड किसी गरम रोड की तरह से दहकने लगा था गीता ने लंड को अपने हाथ मे लिया और अपनी चूत की दरार पर रगड़ने लगी कसम से मेरा मज़ा पता नही कितने गुना बढ़ गया उसकी करारी चूत के रस भरे होठ मेरे लंड को बुलावा दे रहे थे
मैं भी चूत मारने को आतुर ही था कुछ ही देर मे मेरे लंड का सूपड़ा गीता की चूत से बहते हुए रस से पूरा गीला हो गया गीता आह भरते हुए बोली कि अब मत तडपाओ मुझे जल्दी से इसको मेरी चूत मे डाल दो ना तो मैने अपनी कमर को उचकाया और मेरा सुपाडा उसकी चूत की फांको को चीरता हुवा चूत मे घुस गया गीता के मुँह से एक तेज आह निकली
वो सिसकी ओह म्म्म्मतमममममममाआआआआआआआ धीरे से डालो ना काफ़ी दिनो बाद लंड अंदर ले रही हू थोड़ा आराम से करो गीता की चूत बड़ी ही टाइट थी और लंड को पूरी तरह अपने आगोश मे ले चुकी थी गीता अया अया उफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफ्फ़ करते हुए अपनी गान्ड को बिस्तर पर मटकाने लगी मैने कहा बस चला ही गया और एक धक्का और लगाते हुए पूरे लंड को चूत के अंदर डाल दिया
गीता ने अपनी टाँगो को अच्छे से फैला लिया ताकि मैं उसकी चूत अच्छे से मार सकूँ मैने उसको किस करना शुरू किया और हल्के हल्के धक्के लगाने लगा गीता की चूत तो पहले से ही काफ़ी पानी बहा रही थी तो पुच-पुच की आवाज़ आने लगी थी मेरे मन मे आ रहा था कि बस गीता को ऐसे ही चोदता राहु धीरे-धीरे मैं अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ाता गया और गीता भी मस्ती से आहे भरते हुए चुदने लगी
थोड़ी देर बाद गीता घोड़ी बन गयी उफ्फ उसके कूल्हे जो अब पहले से भी ज़्यादा मस्त हो गये थे उस पोज़िशन मे मुझे और भी उत्तेजित करने लगे मैने उसकी चूत पर लंड को सेट किया और उसकी कमर को थाम कर उसको चोदने लगा गीता ने अपने चुतड़ों को और भी उपर उठा लिया ताकि मैं अच्छे से उसको चोद सकूँ और अब वो धीमे –धीमे सिसकारिया भर रही थी
मैने अपनी उगली पर थूक लगाया और उसको गीता की गान्ड मे डाल दी गीता दर्द से कराहती हुई बोली की आहह ईईई क्य्ाआआआआअ किया दर्द होता है मैने कहा डार्लिंग देख रहा था कि तुम्हारी गान्ड के क्या हाल है आख़िर उसे भी तो मारनी है ना तो गीता दर्द भरे स्वर मे बोली कि मेरा सब कुछ तो तुम्हारा ही है जब चाहे ले लेना पर अभी उंगली निकाल लो बाद मे पूरा लंड डाल देना मना नही करूँगी पर बस मैं झड़ने ही वाली हू तो थोड़ा मुझ पर ध्यान दो
मैने आगे हाथ बढ़ा कर उसके बोबो को थाम लिया और उनको दबातें हुए गीता की चूत मारने लगा मैं पूरी ताक़त से शॉट पे शॉट लगाए जा रहा था गीता भी अपनी गान्ड को पीछे कर कर के चुदाई का मज़ा ले रही थी उसकी टाँगो की कंपन बढ़ती ही जा रही थी और फिर कुछ धक्के और उसके बाद गीता की चूत से काम रस की धारा बह चली और वो तेज आवाज़ करते हुए झड़ने लगी
कई दिनो बाद चुदि थी वो तो चूत से काफ़ी पानी निकल रहा था अब मैने उसको सीधा लिटाया और तेज़ी से चुदाई करने लगा गीता का बदन बुरी तरह से कांप रहा था मैं भी बस मंज़िल पे लगभग पहुच ही गया था गीता बोली जल्दी से कर लो ज़्यादा देर नही झेल पाउन्गी तो मैं बोला बस होने ही वाला है और दे दनादन उसको चोदने लगा और 20-25 तेज तेज धक्कों के बाद मैने जब मैं झड़ने ही वाला था तो मैने अपने लंड को चूत से निकाला और उसके पेट पर अपना वीर्य गिराने लगा गीता को चोद के काफ़ी अच्छा लग रहा था
बस प्यार-मोहबत की बातें करता हू काश आप जैसा हसी कोई हमे भी मिल जाए तो कुछ हमारा भी भला हो जाए तो सोनू बोली तुम्हारे कुछ ज़्यादा ही पर निकल आए है काकी जी से तुम्हारी शिकायत करनी पड़ेगी तो मैने कहा लो जी अब तो किसी की खूबसूरती की तारीफ करना भी गुनाह ही हो गया है तो सोनू बोली देवेर जी मुझे तुम्हारे मन मे कुछ काला लगता है
मैने कहा भाभी मैं काला-गोरा नही समझता हू जो दिल मे है वो ही बता ता हू मैं बेशक दुनियादारी नही समझता पर एक दिल है जो कभी कभी गुस्ताख हो जाता है और सच कहूँ तो भाभी आप को देख कर मुझे पता नही क्या हो जाता है मेरे मन मे आपका ही ख़याल आता रहता है भाभी मैं दिल की बात बता रहा हू मुझे आप बड़ी ही अच्छी लगती हो
सोनू पगडंडी पे ही बैठ गयी और बोली कि मुझमे ऐसा क्या देख लिया तुमने मैं दो बच्चों की माँ हू और मान लो मैं तुमसे बोल-बतला भी लू अगर मेरे उनको मालूम हो गया तो तुम्हारा क्या बिगड़ेगा दाँव पर तो मेरी ग्रहिस्ती लगेगी ना तो मैं भी उनके पास बैठ गया और उनके हाथ को पकड़ कर बोला ना भाभी मैं ऐसा कोई काम करूँगा ही नही जिस से आपको कोई तकलीफ़ हो
मैं तो फोजी आदमी हू कभी आउन्गा कभी नही आ पाउन्गा सोचा दो पल आपके साथ हँस बोल लूँगा बाकी आपकी मर्ज़ी मेरी अरदास मानो या ना मानो मेरे मन मे जो बात थी वो मैने आपको बता दी है अब आपकी मर्ज़ी हम करो या ना करो तो सोनू बोली क्यू मुझे मुश्किल मे डालते हो और थोड़े दिन मे तुम्हारे घर वाले तुम्हारा ब्याह तो कर ही रहे है ना
मैने कहा ब्याह अपनी जगह है और आप अपनी जगह हो मैं ज़्यादा घूमफिरा कर बात नही करता मैने आपको बता दिया कि आप मुझे अच्छी लगती हो और मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हू अब आप की जो भी बात हो मुझे जवाब ज़रूर देना मैं आपके जवाब का इंतज़ार करूँगा तो वो बोली मुझ दुविधा मे डाल रहे हो और तुमसे दोस्ती करके मुझे क्या मिलेगा
मैने कहा भाभी दोस्ती करने का कह रहा हू कोई सोदेबाजी नही कर रहा जो नफे-नुकसान की बात करूँ सोनू बोली मुझे कुछ समझ नही आ रहा कि क्या कहूँ तुम्हे तुम मेरे बारे मे ऐसा कैसे सोच सकते हो तो मैने कहा मुझे नही पता भाभी मैं ऐसा कैसे सोचने लगा मैं खुद नही जानता कि कैसे मे आपको पसंद करने लगा सोनू बोली तुम ज़रा बात को समझो
मान लो अगर मैं तुमसे हाँ कर भी लेती हू , और किसी को पता चल गया तो तुम्हारा क्या बिगड़ेगा मारी तो मैं जाउन्गी ना मैने कहा भाभी मैं कॉन सा सात जनम का बंधन बाँध रहा हू तुमसे और फिर मुझे छुट्टी भी कितने दिन की मिलती है ज़रा सोचो मैं कितनी बार तुमसे मिल पाउन्गा मैने कहा आप आज शाम तक मुझे अपनी हाँ या ना बता देना
मैने कहा भाभी छोड़ो इस बात को अब और आओ मैं तुम्हे चारी कटवा देता हू धूप भी पड़ने लगी है फिर साथ साथ ही घर चलेंगे तो मैं उसकी मदद करवाने लगा एक तो उमस ज़्यादा थी और दूसरा हम अंदर की तरफ से चारी काट रहे थे तो जल्दी ही हमारा बदन पसीने से नहा गया सोनू अपने चेहरे पर आए पसीने को साड़ी के पल्लू से पोंछने लगी
तो उसका ब्लाउज मेरी आँखो के सामने आ गया और मेरी आँखे चमक उठी उसकी ठोस गोलाइयाँ ब्लाउज को फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रही थी ब्लाउज से उसकी निप्पल्स सॉफ दिख रही थी मतलब कि उसने अंदर ब्रा नही डाली हुई थी और पसीने की वजह से ब्लाउज सोनू के स्तनो से चिपक गया था और उसकी मस्त चूचियो को नुमाया कर रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरा लंड निक्कर मे टाइट हो गया
जब सोनू ने देखा कि मैं उसके स्तनों को घूर रहा हू तो उसने उनको अपने आँचल से ढक लिया और मेरी ओर देखती हुई बोली कि गर्मी बहुत है मैने कहा हम भाभी और हम फिर से कटाइ करने लगे पर किस्मत भी मुझ पर अपनी मेहरबानी दिखा रही थी तो सोनू थोड़ा झुक कर चारी काट रही थी तभी एक टिड्डा जिसे गाँव मे राम जी की गाय कहते है सोनू के ब्लाउज मे घुस गया
जब उसको ये अहसास हुआ कि उसकी चूचियो पर कुछ रेंगरहा है तो वो एक दम से घबरा गयी मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली कि कुछ घुस गया है मेरे ब्लाउज मे देखती हूँ पर वो टिड्डा अब उसकी पीठ की ओर चला गया जहाँ पर सोनू का हाथ नही पहुच पा रहा था और उसको डर भी लग रहा था कि कही काट ना ले तो मैने कहा भाभी लाओ मैं देखता हू
और उसका जवाब सुने बिना ही उसको अपनी ओर ले लिया और कहा कि भाभी कहाँ है कीड़ा तो वो डरती हुई बोली कि पीठ पर चल रहा है मैने मैने अपना हाथ घुसाने की कोशिश की पर टाइट गले का होने के कारण मेरा हाथ पीठ पर नही गया तो मैं अपने हाथ आगे को ले गया और उसके हुको को खोल दिया और उसकी नरम नरम चूचिया मेरे हाथो मे आ गयी
मैं सोनू से बिल्कुल चिपक कर उसके पीछे खड़ा था और मेरे हाथ उसके बोबो पर थे तो मैने बिना देर किए उसको बोबो को दबा दिया तो सोनू के मुँह से एक सिसकी निकल गयी और उसकी आँखे बंद हो गयी मेरे लिए ये एक दम सही समय था मैं उस से थोड़ा सा और चिपक गया और मेरा लंड उसके चुतड़ों पर अपना दबाव डालने लगा मैं हल्के हल्के से उसकी चूचिया दबाने लगा था
ये सब इतनी जल्दी हो गया था कि सोनू की तो सांस ही अटक गयी थी वो जैसे बुत बन गयी थी उसके उभार मेरी दोनो मुत्ठियों मे फड्फाडा रहे थे तो मैं थोड़ा सा आगे हुआ और उसकी गर्दन से बहते हुए पसीने को अपनी जीभ से चाटने लगा सोनू मेरी इस हरकत से अपने होश खोने लगी कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैं अपना हाथ नीचे की ओर ले गया और साड़ी के उपर से ही उसकी चूत को दबा दिया
तो सोनू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और शरमाती हुई आवाज़ मे बोली नही ऐसा मत करो और मेरी बाहों से बाहर निकल आई और अपने ब्लाउज को बंद करने लगी मैने भी उसको नही रोका क्योंकि मैं चाहता था कि वो खुशी से चुदवाये मुझसे मैने अपने लंड को अड्जस्ट किया सोनू कुछ देर बाद बोली कि बस आज के लिए इतनी चारी ही बहुत रहेगी मैने चारी उसके सर पे रखवाई और हम कुँए की तरफ बढ़ गये
कुँए पर आने के बाद चारी दीवार के सहारे लगाई और मुधे पर बैठ गयी और अपना पसीना पोछने लगी मैने मटके से पानी पिया और उसको भी गिलास भर के दिया फिर मैने कहा भाभी आप दो मिनिट बैठो मैं नहा लेता हूँ फिर घर चलेंगे तो वो बोली ठीक है पर जल्दी करना मुझे घर जाके खाना भी बनाना है मैने कहा बस भाभी अभी नहाया
मैने मोटर चलाई और कपड़े उतार कर कुण्डी मे कूद गया मैने फ्रेंची डाली हुई थी वो भी सफेद कलर की तो गीली होते ही मेरे लिंग से वो चिपक गयी और वो सॉफ सॉफ दिखने लगा मैं खड़ा होकर नहा रहा था तभी मैने देखा कि सोनू की निगाह मेरे लंड पर ही जमी हुई है तो मेर बदन मे रोमांच होने लगा और लंड अंगड़ाई लेने लगा और तन गया फ्रेंची मेरे तने हुए लंड को संभाल नही पाई और लंड का सुपाडा उपर की तरह निकल आया
पर मैने भी लंड को ढकने की कोई कोशिश नही की सोनू का चेहरा लाल सुर्ख हो गया था मतलब कि उसकी झान्टो मे भी आग लग गयी थी कुछ देर बाद मैं नहा लिया फिर हम घर को चल पड़े जब सोनू अपने घर जाने लगी तो मैने धीरे से कहा कि भाभी अपना जवाब जल्दी से देना तो उसने मुझ पर के भरपूर नज़र डाली और अपनी गाण्ड को मटकाती हुई चली गयी
अब मुझे चूत की सख़्त दरकार थी मैं घर के अंदर गया तो बुआ का फोन आया हुआ था तो मैं भी बात करने लगा मैने कहा बुआ आप कब आओगी तो वो बोली कि घर मे शादी है मेरा तो आना मुश्किल होगा तू एक काम कर तू आजा शादी के कामो मे हेल्प भी कर दियो और …………………………..तो मैने कहा और क्या बुआ तो वो बोली और मेरी भी और हँसने लगी मैने कहा बुआ दो-चार दिन मे आता हू
पर आपको मेरा ख़याल रखना पड़ेगा तो वो बोली आतो सही फिर देख ना अपनी बुआ की खातिर दारी को फिर मैने फोन चाची को दे दिया और अपने कमरे मे चला गया और बेड पर लेटकर सोनू के बारे मे सोचने लगा मुझे पूरी आशा थी कि सोनू मान ही जाएगी और अपनी चूत का रस मुझे ज़रूर चखाएगी मैं उसकी लेने के लिए बेताब हुए जा रहा था उसके ख़याल से ही मेरे लंड मे तनाव आने लगा
पर मैं मुट्ठी नही मारना चाहता था तो मैं उठा और अनिता भाभी के घर की ओर चल पड़ा अंदर जाते ही मैने देखा कि ताइजी सोई पड़ी है तो मैं सीधा भाभी के कमरे मे पहुच गया पर वो मुझे वहाँ नही मिली कुछ देर इंतज़ार किया पर वो नही आई तो मायूस होकर मैं अपने घर वापिस आ गया और सोफे पर बैठ कर सोचने लगा कि यार अबकी बार पता नही क्या हो गया है चूत कर जुगाड़ हो ही नही रहा हे।
कुछ देर बाद चाची भी आ गयी और मेरे पास बैठ कर बातें करने लगी मैने कहा चाची आपके बिना रहना मुश्किल हो रहा है काश आप सही होती तो मज़ा आ जाता तो वो मेरे बालो पर हाथ फिराते हुए बोली बेटा तडप तो मैं भी रही हू तुमसे प्यार करने को पर मैं मजबूर हू डॉक्टर ने मना किया है वरना अब तक तो तुम को कई बार मज़ा दे चुकी होती मैने पूछा मम्मी कहाँ है तो उन्होने बताया कि वो अनिता के साथ खेतो मे गयी है
मैने कहा तो इसका मतलब घर पर हम दोनो अकेले है वो बोली हम अभी तो बस हम लोग ही है , मैं उठा और मेन डोर को लॉक करके वापिस आ गया मैने कहा चाची आप सेक्स नही कर सकती तो क्या हुआ हाथ से मेरे इसको हिला कर पानी तो निकाल ही सकते हो , तो चाची बोली हाँ अब तेरे लिए इतना तो कर ही दूँगी तो मैने झट से अपनी पॅंट और कच्छे को उतारा और चाची के पास जाकर खड़ा हो गया चाची ने मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया और सहलाते हुए बोली कि ये क्या हमेशा खड़ा ही रहता है
मैं बोला हमेशा तो नही, पर पास मे आप जैसा जबरदस्त माल हो तो फिर तो खड़ा होगा ही ना चाची हँसने लगी और लंड पर अपनी पकड़ को मजबूत कर दी उनकी नाज़ुक उंगलियो का स्पर्श पाकर लंड मे जैसे करेंट दौड़ गया और वो अपनी फुल फोरम मे आ गया चाची अपने हाथ को हौले-हौले आगे पीछे करने लगी तो मुझे अच्छा लगने लगा वो मेरे लंड को हिलाते हुए बोली कि फोज मे तेरा काम कैसे चलता है
तो मैने उन्हे बताया कि आप जैसी ही कुछ दयालु महिलाए मदद कर्देति है तो काम चल जाता है वरना हमारी किस्मत मे कहाँ सेक्स का मज़ा लिखा है तो चाची बोली ज़्यादा ना बन मुझे सब पता है तेरा बस चले तो किसी को भी ना बख़्शे और वैसे भी तू कुछ दिनो मे बाई जी के यहाँ जा रहा है फिर तो उनके साथ ही लगा रहेगा और हँसने लगी मैने कहा आपने तो हाथ उपर कर दिए अब किसी ना किसी का सहारा तो लेना ही पड़ेगा
तो वो ठंडी आह भरते हुए बोली हम अब वैसे भी जब तुम्हे नया नया माल मिलेगा तो फिर तुम मेरे पास क्यो आओगे मैने कहा चाची आपसे टक्कर कोई कर सकती है क्या आप कहो तो अभी चोद दूं आपको तो वो बोली बताया ना तुझे कि मजबूरी है वरना मैं खुद ही कब का तेरी गोद मे आ जाती चाची अब अपना हाथ बड़ी तेज़ी से चलाने लगी थी तो मुझे और भी मज़ा आने लगा था
मैने मस्ती से अपनी आँखे बंद कर ली और चाची के हाथ को अपने लंड पर महसूस करने लगा जब वो अपनी उंगली को मेरे सुपाडे पर रखती तो कसम से ऐसा लगता कि बस अब जान निकली मेरा पानी छूटने को हो रहा था तो मैने कहा चाची कुछ देर इसको अपने मुँह मे लो ना तो उन्होने अपनी नशीली आँखो से मुझे देखा और फिर अपने होंठो को जीभ से गीला करके अपने होठ लंड पर रख दिए
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ मुझे लगा कही लंड की चमड़ी उनके होंठो की गर्मी से जल ना जाए फिर उन्होने अपनी लंबी जीभ बाहर निकाली और सुपाडे पर घुमाने लगी मस्ती से मेरा पूरा बदन कांप गया मैने अपने हाथो से उनके सर को पकड़ लिया तो वो अब उन्होने आधे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और उसको गीला करते हुए चूसने लगी मेरी टाँगो मे कंपन होने लगा
तो मैने अपने हाथो को उनके सर पर कस लिया और पूरे लंड को उनके मुँह मे डालने लगा चाची अच्छे से लंड की चुसाइ कर रही थी उनकी लिज़लीज़ी जीभ मेरे पूरे लंड पर घूम रही थी मुझे पता था कि अब मैं ज़्यादा देर नही ठहर नही पाउन्गा तो मैने कहा चाची मैं झड़ने ही वाला हू आप ज़ोर से चूसो तो वो अपने मुँह को तेजिसे उपर-नीचे करने लगी
मेरे लिए अब खड़ा होना मुश्किल हो गया था मस्ती से मेरा रोम-रोम झूमने लगा था और फिर लंड से एक धार निकली और चाची के मुँह मे गिरने लगी मैं झड़ने लगा तो उन्होने अपने मुँह मे लंड को कस लिया और तेज़ी से चुप्पे लगाने लगी कुछ देर तक मेरे लंड से वीर्य निकल कर उनके मुँह मे गिरता रहा जिसे उन्होने अपने गले मे उतार लिया जब सारे पानी को पूरी तरह से उन्होने पी लिया तो मैने अपने लंड को उनके मुँह से बाहर निकाल लिया
और उनके पास ही सोफे पर बैठ गया
चाची ने अपने चेहरे को सॉफ किया और फिर मुझसे कहने लगी कि शादी के लिए खरीदारी भी करनी है तो तू जीजी के साथ बाजार चला जाना मैने कहा नही मैं नही जाउन्गा वो काम मम्मी और भाभी कर लेंगी अपन तो बस मस्ती मारेंगे तो वो बोली तू घरके कामों मे कभी मदद ना करियो बस ऐसे ही घूमता रहियो मैने कहा चाची इतनी ही छुट्टी मिली है तो थोड़ा एंजाय कर रहा हू और क्या
फिर मैने पूछा की चाची मेरे पीछे से निशा का कोई फोन या लेटर आया तो वो बोली नही आया तो मैं उदास हो गया मैने कहा पता नही चाची वो कहाँ चली गयी है कब से ढूँढ रहा हूँ उसकी तलाश मे मुंबई भी गया पर वो वहाँ भी नही मिली करूँ तो क्या करूँ चाची बोली तू उसकी इतनी फिकर क्यो करता है ज़िंदगी मे कई ऐसे मोड़ आते है जब कुछ नये लोग मिलते है और पुराने साथ छोड़ कर चले जाते है
मैने कहा चाची जब उनको जाना ही होता है तो वो फिर आते ही क्यो है निशा तो कही मज़े से रह रही होगी पर मैं उसके लिए तड़प रहा हूँ तो चाची बोली तू क्यो तड़प्ता है और फिर तेरी ज़िदगी मे मिथ्लेश है ना तो उसकी फिकर कर वैसे भी जीवन मे तुझे मिता के साथ आगे बढ़ना है मैने कहा बात तो सही है पर निशा भी मेरी कुछ लगती है तो चाची बोली तेरी बातें तू ही जाने मैं तो चली अपने कमरे मे
मैं कुछ देर वहीं बैठा रहा खेत पर घरवाले गये हुए थे तो गीता के पास भी नही जा सकता था हालाँकि अब वो भी मेरी आस थी जो मेरे लंड की गर्मी को अपनी चूत से शांत कर सकती थी तो सोचा कि शाम को पक्का जाना ही है गीता के दीदार करने कुछ भी करके मैने फ्रिड्ज से एक बियर का कॅन निकाला और सीप करने लगा और सोचने लगा मुझे बुआ के यहाँ भी जाना था , कुछ दिन मिता के पास भी रहना था और घर पे भी टाइम देना था
साला फोजी आदमी को खुशी के पल भी गिनकर ही मिलते है बस टुकड़ो टुकड़ो मे ही जीना पड़ता है पर फिलहाल तो मैं सोच रहा था कि किसी ना किसी की चूत मारने का अब दोपहर हो चली थी सोनू का दीदार होना तो मुश्किल था और वैसे भी सीधा उसके घर नही जा सकता था तो मैने सोचा की चलो प्लॉट मे ही चक्कर लगा आऊ मैने बियर को ख़तम किया और घर से बाहर निकल पड़ा
मैं प्लाट मे जा ही रहा था कि रास्ते मे मुझे प्रीतम की माँ मिल गयी तो मैने उनको नमस्ते किया उन्होने कहा बेटा कब आए तो मैने कहा कि दो दिन हुए है कुछ देर बात की फिर वो मुझे अपने घर ले गयी मैने मना किया पर वो ले ही गयी उन्होने कहा और बेटा कहाँ है तेरी ड्यूटी तो मैने कहा जी श्रीनगर मे वो बोली उधर तो खूब ख़तरा होता होगा
मैने कहा क्या करूँ माजी अब ड्यूटी भी तो करनी पड़ती है तभी प्रीतम की भाभी चाइ-नाश्ता ले आई काफ़ी दिन पहले देखा था उसको तो ठीक से याद नही आया पर अभी काफ़ी मस्त फिगर वाली हो गयी थी तो नज़रे बचाकर उसके हुस्न को स्कॅन कर ही लिया फिर मैने प्रीतम के भाई के बारे मे पूछा कि वो कब आया तो माजी बोली कि बेटा वो भी बस थोड़े दिन मे छुट्टी आने ही वाला है
मैने कहा चलो अच्छा ही है उस से भी मिल लूँगा काफ़ी दिन हो गये है उस से मिले हुए फिर मैने बातों का रुख़ प्रीतम की ओर मोड़ दिया और कहा कि प्रीतम तो आती रहती होगी तो उसकी माँ बोली कहाँ बेटा बस गर्मियो मे आती है 10-15 दिन अब वो अपनी ग्रहस्थी मे रम गयी है मयके का ख़याल कहाँ उसको अब कल ही फोन किया था तो कह रही थी कि कुछ दिनो मे जवाई बाबू के साथ आएगी
मैने कहा ये तो अच्छी बात है इसी बहाने उनसे भी मिलना हो जाएगा वो बोली हाँ बेटा फिर कुछ देर बैठने के बाद मैं वहाँ से निकल लिया और प्लाट मे पहुच गया मैं सोचरहा था कि इतने दिनो बाद प्रीतम से मिलना होगा पर क्या वो पहले वाली ही होगी क्योंकि अक्सर शादी के बाद लड़किया पुराने रिश्तो की तरफ देखती ही नहीं है पर दिल से किसी कोने से आवाज़ आई कि प्रीतम तो अपनी ही थी
प्लॉट मे काफ़ी सुखी घास इकट्ठा हो गयी थी तो मैने उसको इकट्ठा किया और जला दिया काफ़ी कचरा भी था तो मैने सोचा कि आज प्लॉट की सफाई ही कर देता हू इन सब कामो मे काफ़ी टाइम लग गया था और मैं थक भी काफ़ी गया था पहले तो पशु थे तो इधर कोई ना कोई आता जाता रहता था पर आजकल इधर बस ताला ही लगा रहता था प्लॉट के काम करते करते शाम हो गयी थी
मैने मोबाइल मे टाइम देखा तो शाम के साढ़े 5 हो रहे थे मैने जल्दी से अपने हाथ-मुँह धोए और घर जाने के लिए निकला ही था कि दूर से मुझे सोनू आती दिखी तो मैं वही रुक गया और उसके पास आने पर पूछा कि भाभी इस समय कहाँ जा रही हो तो वो बोली कि तुम्हारे भाई एक भैंस और ले आए है आज तो अब दो टाइम चारी लाया करूँगी
तो बस तुम्हारे खेत पर ही जा रही थी मैने कहा मैं भी उधर ही जा रहा था चल साथ साथ चलते है वो बोली ठीक है उसने कहा आज मोटर-साइकल नही है मैने कहा भाभी प्लॉट मे सफाई करने आया था तो पैदल ही आ गया मैने कहा तुम्हारी बहन भी तो है ना वो ना करती बाहर का काम तुम ही पिलती रहती हो तो वो बोली कि अरे ऐसा नही है वो घर का काम करलेगी
और मैं पशुओ का तो काम टाइम से निपट जाएगा हम बाते करते करते गाँव से बाहर की ओर आ गये थे और कच्चे रास्ते पर चल रहे थे वो बोली तेज तेज चलो मुझे वापिस घर भी तो जाना है और वैसे भी इतनी दूर खेत है तुम्हारे मैने कहा कहाँ दूर है भाभी बस अभी पहुच जाएँगे और लेट हो जाओगी तो अच्छा ही है मुझे आपके साथ रहने का थोड़ा टाइम और मिल जाएगा
तो सोनू अपनी आखें ततेरते हुए बोली कि आज कल कुछ ज़्यादा ही हवा मे उड़ने लगे हो तुम मैने कहा ये हवा भी आपकी वजह से ही लगी है मुझे तो वो बस मुस्कुरा कर ही रह गयी ऐसे ही उनके साथ मज़ाक-मस्ती करते हुए हम कुँए पर आ गये मैने देखा कि कमरे पर ताला लगा हुआ है इसका मतलब मम्मी और भाभी जा चुकी थी घर पर
सोनू चारी काटने को आगे की ओर चल दी तो मैं भी पीछे पीछे चल पड़ा वो बोली मेरा पीछा कर रहे हो मैने कहा नही भाभी सोचा कि आपकी चारी काटने मे हेल्प करवा दूं वो बोली आजकल बड़ी हेल्प कर रहे हो मेरी मैने कहा क्या करे भाभी सेवा करूँगा तभी तो मेवा खाने को मिलेगा ना तो वो बोली मेवा के चक्कर मे कहीं लेने के देने ना पड़ जाएँ ये भी देख लेना
मैने कहा आपके लिए तो मैं जान दे दूं आप कहो तो सही एक बार तो वो कहने लगी कि ज़्यादा बाते ना बनाओ और चारी काटने मे मेरी मदद करो काट ते काट ते मैने कहा कि भाभी आपने मेरी बात का जवाब नही दिया वो बोली कोन्सि बात तो मैने कहा कल मैने आपसे कुछ कहा था तो वो बोली क्यो मुझे संकट मे डालते हो आख़िर मुझमें ऐसा क्या दिख गया जो तुम मेरे पीछे पड़ गये हो
मैने कहा वो सब मुझे नही पता आप बस हाँ या ना बता दो अपनी सोनू ने एक गहरी सांस ली और बोली क्यो मुझे मरवाने पर तुले हो अगर कुछ उन्च-नीच हो गयी तो तुम तो निकल जाओगे फोज मे मुझे तो सदा ही यही रहना है मैने अब सोनू की कलाई पकड़ ली और कहा भाभी वादा करता हू आप पर कभी आँच नही आने दूँगा बस आप एक बार हाँ कह दो
मैने उसको अपनी ओर खीचा और अपने आगोश मे ले लिया वो बोली क्या करते हो छोड़ो मुझे कोई देख लेगा मैने कहा कोई नही है इधर हमारे अलावा सोनू बोली मुझे घबराहट हो रही है मैने कहा घबराना किसलिए मैं अपने एक हाथ से सोनू की कमर को सहलाने लगा मैने उसकी नशीली आँखो मे एक पल देखा और दूसरे ही पल अपने प्यासे होंठो को सोनू के काँपते होंठों से छुआ दिया
जैसे ही उसके होंठो से मैने अपने लबों को छुआ मेरे तन-बदन मे एक आग सी लग गयी मैने अपने दोनो हाथों से उसकी बलखाती हुई कमर को थाम लिया और उसको किस करने लगा उसके क्रीमी होठ एक चिंगारी पैदा कर रहे थे उसको चूमते चूमते मैं अपने हाथो को थोड़ा सा नीचे की ओर ले गया और उसके कुल्हो को मसल्ने लगा तो सोनू ने मुझे धक्का दिया और अपने से दूर कर दिया
मैने कहा क्या हुआ वो बोली कमिने कही के मैने दुबारा से उसका हाथ पकड़ लिया ऐसे कोई करता है क्या तो मैने कहा भाभी अब मेरा रुकना मुश्किल है अपने प्यार की थोड़ी सी बरसात मुझ ग़रीब पर भी कर दो ना सोनू अपने कपड़ो को सही करते हुए बोली कि ठीक है पर बस एक बार ही करने दूँगी मैने कहा ठीक है भाभी पर यहाँ नही मैने कहा तो कहाँ वो बोली मैं तुम्हे बता दूँगी पर तुम ये वादा करो कि किसी को भी लीक नही करोगे
मैने कहा भाभी आपकी कसम खा कर कहता हू कि ये बात हम दोनो के अलावा किसी और को सपने मे भी पता नही चलेगी तो उसने कहा कि ठीक है मैं तुम अपना फोन नंबर मुझे दे दो मैं तुम्हे फोन करके बता दूँगी मिलने के बारे मे तो मैने अपना नंबर उसको दे दिया मैं उसको और किस करना और भीचना चाहता था पर उसने मना कर दिया
वो बोली मुझे देर हो रही है जल्दी से चारी कटवा दो फिर मैं जाती हू तो मैने उसको चारी कटवा दी वो जब चलने को हुई तो बोली कि तुम भी चलो घर तो मैने कहा भाभी आप जाओ मैं बाद मे आउन्गा और हाँ घर पे कह देना कि वो अपने दोस्त से मिलने गया है आते आते देर हो जाएगी तो सोनू चली गयी मैने खेली पर हाथ-मुँह धोए और गीता के घर की तरफ कदम बढ़ा दिए
शाम भी ढल ही गयी थी जब मैं उसके घर पहुचा तो गीता बैठी थी मुझे देख कर वो बड़ी खुश हो गयी और मेरे गले आ लगी मैने उसकी गान्ड को हल्का सा मसल दिया तो वो बोली आते ही शुरू हो गये मैने कहा डार्लिंग मैं तो कब्से तड़प रहा हू तुम्हारे हुस्न को देखने के लिए पर तुम दर्शन ही नही कर वा रही हो गीता कहने लगी अब कहाँ हुस्न बचा है सर के बाल देखो आधे से ज़्यादा सफेद हो गये है
अब तो बूढ़ी हो गयी हू मैं तो मैं उसकी गान्ड को सहलाते हुए बोला अरे अभी कहाँ डार्लिंग ये तुम्हारी गान्ड तो और भी फूल कर कितनी मोटी हो गयी है मैने कहा गीता मैं बहुत प्यासा हू आज मेरी प्यास बुझा दो तो वो मेरी बाहों मे सिमट ती हुई बोली मैं भी तो प्यासी हू कितने दिनो से पर अभी कोई आ ना निकले मैने कहा कोई नही आएगा वैसे भी शाम हो गयी है
तो वो बोली ठीक है वैसे भी मैं तुमको तो कभी इस चीज़ के लिए मना कर ही नही सकती हू बस एक मिनिट रूको गीता गयी और दरवाजे को बंद कर के आ गयी और मैने उसको अपनी बाहों मे दबोच लिया मैं तो सुलग रहा था चूत के लिए मैने एक झटके मे उसके घाघरे के नाडे को खोल दिया और घाघरे को उतार दिया उसने अंदर कच्छि नही डाली हुई थी
गीता की चूत पर काफ़ी बाल उगे हुए थे मैं अपनी उंगली उन पर फिराते हुए बोला काफ़ी फसल उगा रखी है कटाई क्यो नही करती हो तो वो बोली अब तुम आ गये हो ना कल ही सॉफ कर लूँगी तो मैने कहा नही रहने देना अच्छे लगते ये रेशमी बाल यहाँ और अपनी उंगलिया उसकी झान्टो मे घुमाने लगा गीता की साँसे मचलने लगी वो बोली क्यो इतने दिन लगा ते हो तुम मेरा यहाँ बुरा हाल हो जाता है
मैने कहा मैं भी तुम्हारे लिए बड़ा तरसता हूँ पर क्या करूँ अब नोकरी ही ऐसी है कि छुट्टी बहुत मुस्किल से मिलती है गीता अधिरता से बोली कि अब बातो मे टाइम खराब ना करो तुम्हे देखते ही मेरी चूत मे आग लग गयी है आओ और इस आग को जल्दी से बुझा दो मैने अपने कपड़े उतारते हुए कहा कि मेरी जान अब मैं आ गया हू ना बस अब मज़ा ही मज़ा है गीता ने भी अपनी चोली उतार दी और पूरी नंगी हो गयी
मैं उसके नंगे बदन को देखते हुए अपने लंड को सहलाने लगा तो गीता की आँखे भी चमकने लगी वो आकर मेरे सीने से लग गयी मैने बिना देर किए उसके होंठों से अपने होंठों को जोड़ दिया और उसके मोटे-मोटे चुतड़ों को बड़े प्यार से सहलाते हुए उसको किस करने लगा गीता की उमर बेशक थोड़ी बढ़ गयी थी पर उसके बदन की गर्मी वैसे ही बरकरार थी
और फिर मेरे सिवा उसकी चूत का कोई और हकदार भी तो नही था मैंन एक उंगली से उसकी गान्ड की दरार को छेड़ने लगा तो गीता और भी मस्त होकर किस करने लगी 8-10 मिनिट तक बस मैं उसको चूमता ही रहा फिर मैं अपने हाथ उसके गुब्बारों पर ले गया और उनको बेदर्दी से मसल्ने लगा गीता की उत्तेजक आहें निकलने लगी वो बोली आहह दबाओ इन्हे भीचो इन्हे ज़ोर ज़ोर से बड़ा अच्छा लग रहा है
कुछ देर दोनो बोबो को दबाने के बाद मैं बारी बारी से उनको चूसने लगा गीता लेट गयी तो मैं उसके उपर आकर उसकी चूचिओ का रस्पान करने लगा मेरा लंड किसी गरम रोड की तरह से दहकने लगा था गीता ने लंड को अपने हाथ मे लिया और अपनी चूत की दरार पर रगड़ने लगी कसम से मेरा मज़ा पता नही कितने गुना बढ़ गया उसकी करारी चूत के रस भरे होठ मेरे लंड को बुलावा दे रहे थे
मैं भी चूत मारने को आतुर ही था कुछ ही देर मे मेरे लंड का सूपड़ा गीता की चूत से बहते हुए रस से पूरा गीला हो गया गीता आह भरते हुए बोली कि अब मत तडपाओ मुझे जल्दी से इसको मेरी चूत मे डाल दो ना तो मैने अपनी कमर को उचकाया और मेरा सुपाडा उसकी चूत की फांको को चीरता हुवा चूत मे घुस गया गीता के मुँह से एक तेज आह निकली
वो सिसकी ओह म्म्म्मतमममममममाआआआआआआआ धीरे से डालो ना काफ़ी दिनो बाद लंड अंदर ले रही हू थोड़ा आराम से करो गीता की चूत बड़ी ही टाइट थी और लंड को पूरी तरह अपने आगोश मे ले चुकी थी गीता अया अया उफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफ्फ़ करते हुए अपनी गान्ड को बिस्तर पर मटकाने लगी मैने कहा बस चला ही गया और एक धक्का और लगाते हुए पूरे लंड को चूत के अंदर डाल दिया
गीता ने अपनी टाँगो को अच्छे से फैला लिया ताकि मैं उसकी चूत अच्छे से मार सकूँ मैने उसको किस करना शुरू किया और हल्के हल्के धक्के लगाने लगा गीता की चूत तो पहले से ही काफ़ी पानी बहा रही थी तो पुच-पुच की आवाज़ आने लगी थी मेरे मन मे आ रहा था कि बस गीता को ऐसे ही चोदता राहु धीरे-धीरे मैं अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ाता गया और गीता भी मस्ती से आहे भरते हुए चुदने लगी
थोड़ी देर बाद गीता घोड़ी बन गयी उफ्फ उसके कूल्हे जो अब पहले से भी ज़्यादा मस्त हो गये थे उस पोज़िशन मे मुझे और भी उत्तेजित करने लगे मैने उसकी चूत पर लंड को सेट किया और उसकी कमर को थाम कर उसको चोदने लगा गीता ने अपने चुतड़ों को और भी उपर उठा लिया ताकि मैं अच्छे से उसको चोद सकूँ और अब वो धीमे –धीमे सिसकारिया भर रही थी
मैने अपनी उगली पर थूक लगाया और उसको गीता की गान्ड मे डाल दी गीता दर्द से कराहती हुई बोली की आहह ईईई क्य्ाआआआआअ किया दर्द होता है मैने कहा डार्लिंग देख रहा था कि तुम्हारी गान्ड के क्या हाल है आख़िर उसे भी तो मारनी है ना तो गीता दर्द भरे स्वर मे बोली कि मेरा सब कुछ तो तुम्हारा ही है जब चाहे ले लेना पर अभी उंगली निकाल लो बाद मे पूरा लंड डाल देना मना नही करूँगी पर बस मैं झड़ने ही वाली हू तो थोड़ा मुझ पर ध्यान दो
मैने आगे हाथ बढ़ा कर उसके बोबो को थाम लिया और उनको दबातें हुए गीता की चूत मारने लगा मैं पूरी ताक़त से शॉट पे शॉट लगाए जा रहा था गीता भी अपनी गान्ड को पीछे कर कर के चुदाई का मज़ा ले रही थी उसकी टाँगो की कंपन बढ़ती ही जा रही थी और फिर कुछ धक्के और उसके बाद गीता की चूत से काम रस की धारा बह चली और वो तेज आवाज़ करते हुए झड़ने लगी
कई दिनो बाद चुदि थी वो तो चूत से काफ़ी पानी निकल रहा था अब मैने उसको सीधा लिटाया और तेज़ी से चुदाई करने लगा गीता का बदन बुरी तरह से कांप रहा था मैं भी बस मंज़िल पे लगभग पहुच ही गया था गीता बोली जल्दी से कर लो ज़्यादा देर नही झेल पाउन्गी तो मैं बोला बस होने ही वाला है और दे दनादन उसको चोदने लगा और 20-25 तेज तेज धक्कों के बाद मैने जब मैं झड़ने ही वाला था तो मैने अपने लंड को चूत से निकाला और उसके पेट पर अपना वीर्य गिराने लगा गीता को चोद के काफ़ी अच्छा लग रहा था