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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#50
वो पूरे जोश से मेरी गोद मे बैठी हुवी अपनी गान्ड को मटका मटका कर चुदाई का सुख ले रही थी और मैं उसके शराबी होंठो को पीए जा रहा था महक की हर सांस मेरे अंदर घुले जा रही थी वो अब मंझधार तक पहुच गयी ती तो मैने उसको अपने उपर से उतार दिया और उसकी टाँगो को फैलाते हुवे अपने मूह को चूत पर लगा दिया महक इस हरकत से पागल हो गयी



उसकी चूत का दाना फूल गया था तो मैने उसको अपने दाँतों मे दबा लिया तो महक किसी पागल हिरनी की तरह बेड पर मचलने लगी कभी वो अपने बोबो को दबाए कभी मेरे सर को अपनी चूत पर दबाए कभी अपने बालो को नोचे सेक्स आज उसके सर चढ़ कर बोल रहा था जब उसका बस ना चला तो उसने अपनी जाँघो को मेरे मूह पर कस कर लपेट दिया और मस्त मस्त आहे भरने लगी



उसकी चूत से निरंतर खारा पानी बहे जा रहा था महक मस्ती के सागर मे आज डूब ही गयी थी अब मैने दाने को छोड़ा और चूत मे अपनी जीभ को सरका दिया महक की आँखे वासना से लाल सुर्ख हो गयी थी उसका बुरा हाल हो गया था वो एक ऐसी आग मे जले जा रही थी जिसमे जलने को हर कोई बेकरार रहता है महक की चूत का सारा पानी मैं चाट चाट कर सॉफ करने लगा




महक बोली रहम करो मुझ पर मैं बस फ़ना होने ही वाली हू आप मुझे यू ना तडपाइये और मेरी इस प्यास का कुछ इलाज कीजिए तो मैं खड़ा हुआ और उसकी टाँगो को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और उसको चोदने लगा महक हर पल पागल होती जा रही थी उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईई हिय्ाआआईयईईईईईईईईईईईईईईई करती हुई वो मेरे शक्तिशाली प्रहारो को झेल रही थी मैं लंड को सुपाडे तक बाहर खीचता और फिर झट से अंदर डालता तो उसकी चूत का छेद फैल जाता



जिस से उसको दुगना मज़ा मिला रहा था महक मेरा जोश बढ़ाते हुवे बोल रही थी कि ऐसे ही कीजिए ऐसे ही कीजिए मैने कहा मेरी जान तुम फिकर ना करो बस मेर साथ बनी रहो महक की शानदार चुदाई चल रही थी मैं हर धक्के पर उसको पूरा मज़ा दे रहा था आलम ये था कि अब ऐसा लम्हा आ गया था कि हम दोनो ही पागल हो गये थे मेरे लंड की नस नस अकड़ गयी थी



तो बस अब हम दोनो टूट कर बिखरने ही वाले थे चुदाई तो मैने बहुत की थी पर इस कश्मीर की कली की बात थोड़ी जुदा जुदा सी थी उसने ऐसा मज़ा दिया था कि फिर बाकी सब बेकार सा लगने लगा था अब मेरा पानी निकलने को ही था तो मैं अब उसके उपर छा गया और तेज तेज धक्के लगाने लगा महक भी लास्ट मोमेंट पर आ गयी थी फिर कुछ देर बाद हम दोनो ने एक मज़े से भरपूर आह भरी और साथ साथ ही झड़ने लगे

कुछ देर मैं उस से चिपका पड़ा रहा फिर जब हवस की खुमारी उतरी तो मैं महक से अलग हुआ महक ने चादर से अपने नंगे जिस्म को धक लिया तभी मुझे ध्यान आया कि मुझे तो पोस्ट पर होना चाहिए था तो मैने जल्दी से अपने कपड़े पहने और महक को एक किस करके कहा कि अभी मैं चलता हू तो वो लेटे लेटे ही बोली कि फिर कब आओगे तो मैने कहा जल्दी ही और वहाँ से निकल गया



इस घनघोर चुदाई ने जिस्म से ताक़त का कतरा कतरा निचोड़ डाला था तो थकान महसूस लगी थी मैं पोस्ट पर पहुचा तो साथियो ने कहा कि सर आप कहाँ लापता थे थोड़ी देर का बोल कर गये थे और अब आ रहे हो तो मैने कहा यार कुछ अर्जेंट काम हो गया था वो बोले सर शूकर है कि चेकिंग नही आई वरना प्राब्लम हो जाती मैने थोड़ा पानी पिया



कुछ गहरी सांस ली और कहा कि यारो मैं बहुत तक गया हू अगर आप कहो तो मैं थोड़ी देर सो जाउ मैं कल डबल ड्यूटी कर दूँगा तो वो बोले अरे सर इसमे डबल ड्यूटी की क्या बात है आप आराम करे तो मैं सो गया अगले दिन मुझे बेस कॅंप जाना पड़ा कुछ काम से तो मैने सीओ से फिर पूछा कि सर छुट्टी का अड्जस्टमेंट करवा दो तो वो बोले कि शाम तक तेरी पर्मिशन सॅंक्षन हो जाएगी



तू जाकर अपनी पॅकिंग वग़ैरा कर ले और घर जाने की तैयारी कर ये सुनके मैं खुश हो गया समान के नाम पे तो अपने को बस एक बॅग ही ले जाना था दोपहर तक ही मुझे पर्मिशन मिल गयी और कुछ ज़रूरी प्रोटकोल्स के बाद उसी शाम मैं बेस कॅंप से घर के लिए निकल पड़ा दिल मे बड़ी खुशी थी इतने दिनो के बाद घर जाने की रिज़र्वेशन था नही




तो ट्रेन के जनरल बोगी मे ही धक्के खाते खाते अपने शहर को पहुच ही गये जब मैं स्टेशन पर उतरा तो रात के 2 बज रहे थे इस टाइम गाँव के लिए कोई साधन मिलना मुश्किल था तो अपने बॅग को कंधे पर लट काया और मैं पैदल पैदल ही गाँव की ओर चल पड़ा रास्ता जाना पहचाना और फिर दिल मे जल्दी से घर पहुचने की उमंग तो आधे पोने घंटे बाद मैं आख़िर गाँव की हद मे आ ही गया



अब रुकना मुश्किल हो रहा था तो मैं तेज तेज चलते हुवे गलियों को पार करते हुए अपने घर के दरवाजे तक आ गया दिल कुछ अजीब सा हो गया था मैने कुण्डी खड़काई दो-तीन बार पर अंदर से कोई नही आया तो मैने घड़ी मे टाइम देखा तीन का टाइम हो रहा था लगभग तो मैने सोचा अभी सभी गहरी नींद मे सो रहे होंगे शायद मैं भी थका हुआ तो था ही तो मैं घर के बाहर बने चबूतरे पर सो गया



कुछ ही देर सोया था कि तभी किसी ने जगा दिया मैने आँखे मलते हुए देखा कि शीला थी जो दूध लेने जा रही थी मैने कहा क्या भाभी सोने भी नही दिया बड़ी नींद आ रही थी तो वो बोली देवर जी आप कब आए तो मैने कहा रात3 बजे वो बोले घर के अंदर नही गये तो मैने कहा किसी ने दरवाजा ही नही खोला वो बोली सुबह हो गयी है अब जागने ही वाले होंगे


मैने घड़ी देखी तो सवा पाँच हो रहे थे गाँव मे आज भी लोग अक्सर जल्दी ही उठ जाया करते थे तो मैं लगा फिर से दरवाजा पीटने तो थोड़ी देर बाद पापा आए और दरवाजा खोला मुझे खड़ा देख कर उनकी नींद एक दम से गायब सी हो गयी मैने उनके पैर छुए और घर के अंदर चला गया और जाते ही सबको जगा दिया हम जगन और तुम मज़े से सोओ



मम्मी बोली आ गयी तुझे हमारी याद कितने दिनो बाद आया है तू मैने कहा मम्मी अब आप अपना नाटक चालू मत करो पहले कुछ चाइ-पानी तो दो कल से कुछ नही खाया है तो वो उन्होने चाची को आवाज़ लगाई और नाश्ता तैयार करने को कहा कुछ देर बात चित करने के बाद मैं बाथरूम मे घुस गया और फिर नाश्ता करके सीधा सोने के लिए अपने कमरे मे चला गया



जैसे ही कमरे का दरवाजा खोल कर मैं अंदर हुआ मेरी नज़र दीवार पर बनी निशा की तस्वीर पर गयी तो दिल साला तड़प सा गया ना चाहते हुए भी मैं थोड़ा सा दुखी सा हो गया घर आते ही उसकी यादो ने आ घेरा बड़ी मुश्किल से उसको कुछ टाइम के लिए भूला था पर फिर से आज उसकी याद आ गयी थी मुझे उसपर बड़ा गुस्सा आता था ना जाने कहाँ गायब हो गयी थी वो मुझे कैसे भूल गयी थी वो



दिमाग़ बोझिल सा होने लगा तो मैं वापिस नीचे आ गया और बैठक मे ही सो गया एक बार आँख लगी तो फिर मैं घोड़े बेच कर ही सोया होश जब आया जब शाम को अनिता भाभी ने मुझे उठाया वो मुझे झींझोड़ते हुए बोली उठो भी अब शाम होने को आई है कितना सोओगे अधखुली आँखो से मैने भाभी को देखा और अपनी ओर खीच लिया तो वो बोली क्या करते हो जल्दी से उठो



मैने कहा भाभी थोड़ा सा पानी पिलाना तो वो बोली अभी लाती हूँ पर तुम जल्दी से उठ जाओ मैने पानी पिया और फिर भाभी के साथ हॉल मे आ गया तो सारे घर वाले उधर ही थे मैने साक्षी को अपनी गोदी मे लिया और खिलाने लगा कुछ देर उसको खिलाने के बाद मैने चाची के बेटे को भी गोद मे लिया मैने कहा चाची ये तो बिल्कुल आप पर ही गया है



तो बस हँस पड़ी भाभी ने चाइ पकड़ा दी तो उसकी चुस्किया लेने लगा फिर मैने कहा कि मम्मी मैं ज़रा घूम फिर के आता हू और अपनी बाइक को बाहर निकाल कर धूल सॉफ करने लगा तो मम्मी बोली कि घूमने बाद मे जाना पहले तू तेरी भाभी के साथ ज़रा खेतों की तरफ हो आ दो दिन हो गये है उधर जाना ही नही हो पाया है मेरा बिल्कुल मूड नही था पर भाभी साथ जा रही थी तो मैने हाँ कर दी

मैने बाइक स्टार्ट की और भाभी को लेकर चल पड़ा खेतो की ओर गाँव की हद से बाहर निकलते ही भाभी मुझसे चिपक कर बैठ गयी उनकी चूचियाँ जो अब पहले से कही ज़्यादा बड़ी हो चुकी थी मेरी पीठ मे चुभने लगी कच्चे रास्ते पर जब मैं ब्रेक लगाता तो भाभी पूरी तरह से अपना पूरा बोझ मेरी पीठ पर डाल रही थी वो भी मुझसे चुहलबाजी के मूड मे थी



कोई 15 मिनिट बाद हम खेतो मे पहुच गये मैं बाइक खड़ी करने लगा और भाभी कुँए पे बने कमरे का ताला खोलने लगी भाभी बोली खेत सूखे पड़े है तो मोटर चला देती हू मैने खाट बाहर निकाली और टीन के नीचे बिछा दी नीली साड़ी मे भाभी जबरदस्त दिख रही थी और फिर कुँए पर हम दोनो अकेले भी थे तो मैने शरारत करने की सोची



वो अभी कमरे के अंदर ही थी तो मैं वहाँ गया और उनको पीछे से पकड़ लिया और उनकी चूचियो को ब्लाउज के उपर से ही मसल्ने लगा तो भाभी मुझसे छूटने का प्रयास करती हुवी बोली कि क्या तुम भी आते ही शुरू हो गये हो अभी टाइम तो देखो मैने कहा भाभी आपसे प्यार करने मे टाइम क्या देखना हम तो आपके हुस्न के दीवाने बचपन से ही है


भाभी ने अपनी गान्ड को पीछे की ओर कर लिया जिसे से मेरा लंड वहाँ पर दबाव बनाने लगा वो बोली अगर मेरे इतने ही दीवाने हो तो ड्यूटी पे से कभी फोन क्यू नही करते मैने कहा भाभी जब भी फ़ुर्सत मिलती है तो करता ही हूँ ना और फिर पिछला डेढ़ महीना तो बड़ा ही भारी था मुझ पे वो बोली ऐसा क्या हुआ तो मैने बात टालते हुवे कहा कुछ नही भाभी ड्यूटी थोड़ी सख़्त थी



मैने कहा भाभी आप तो अब और भी जबरदस्त हो गयी हो तो वो हँसते हुवे बोली कहाँ मैं तो अब बुढ्ढि होती जा रही हू मैने कहा अरे अभी तो आपकी जवानी गदराई है और आप अभी से बुढ़ापे की सोच रही हो वो बोली क्यू मुझे चने के पेड़ पर चढ़ा रहे हो मैने कहा हद है भाभी अब मैने उनको अपनी ओर किया और बिना कुछ कहे चुप चाप अपने होंठो को उनके होंठो से मिला लिया



अनिता भाभी के होठ आज भी शहद से ज़्यादा मीठे थे मुझे वो दिन याद आ गया जब मैने पहली बार उनके नरम गुलाबी होतो का चुंबन लिया था भाभी धीरे धीरे गरम होने लगी थी उनकी सांसो ने एक सरगम सी छेड़ दी थी उन्होने अपनी आँखो को बंद कर लिया और खुद को मेरी बाहों मे ढीला छोड़ दिया काफ़ी दिन बाद भाभी के साथ अकेला था इसी अहसास से मैं बेताब होने लगा



मैं लगातार उनको चूमे जा रहा था कि तभी बाहर कुछ आवाज़ हुई तो हम दोनो एक दूसरे से दूर हो गये भाभी अपनी साड़ी सही करने लगी और मैं बाहर निकल आया तो मैने देखा कि गीता हमारी ओर ही चली आ रही थी जैसी ही उसने मेरी ओर देखा तो उसके गालो पर लाली आ गयी मेरे पास आकर उसने खुशी भरे स्वर मे कहा कि तुम कब आए



मैने कहा आज सुबह ही आया हू वो बोली कुछ दिन रुकोगे मैने कहा डेढ़ महीने की छुट्टी है जम के मोज मारूँगा तो वो थोड़ा शर्मा गयी और बोली कि पिछली बार की तरह मैं कही इंतज़ार करती ही ना रह जाउ तो मैने कहा अब मैं आ गया हू ना तो बस आपका इंतजार भी ख़तम हम बात कर ही रहे थे कि अंदर से भाभी भी आ गयी तो गीता ने कहा



अनिता बहू तुम्हारा घी तैयार करके रखा है मैने पर दो दिन से तुम्हारे घर से कोई इधर आया ही नही आओ मेरे साथ चलो और अपना पीपा ले जाओ तो मैने कहा भाभी आप ट्यूबबेल मे पानी छोड़ दो मैं घी ले आता हू और गीता के पीछे पीछे उसके घर की तरफ चल पड़ा मेरी निगाह उसकी गान्ड पर पड़ी गीता अब थोड़ी मोटी हो गयी थी



उसके दोनो चूतड़ कुछ ज़्यादा ही चौड़े हो गये थे और घाघरा बेहद कसा हुआ था चुतड़ों वाले हिस्से पे कुछ देर में मैं उसके घर पहुच गया तो देखा कि उसने एक नया कमरा और बना लिया था और साइड मे कई भैंसे भी पाल ली थी मैने कहा गीता तुमने तो खूब तरक्की कर ली है तो वो बोली खाक तरक्की की है सारा दिन इन पशुओ मे ही लगी रहती हू



मैने कहा सही तो है तुम्हारा टाइम पास भी होता रहता है वो बोली वो तो है मैने कहा और बताओ क्या चल रहा है तो वो बोली बस जी ही रही हू तुम ऐसी लत लगा कर गये कि जीना मुश्किल हो गया है मैने कहा फिर किसी से सेट्टिंग क्यो नही कर लेती तो वो बोली तुम पर तो मुझे भरोसा है पर गाँव मे मैं बदनामी नही चाहती हू वो बोली बैठो मैं चाइ बनाती हू



मैने मना करते हुवे कहा कि नही चाइ की ज़रूरत नही है तुम अभी तो जल्दी से घी का पीपा दे दो ज़्यादा देर हो गयी तो अनिता भाभी पता नही क्या सोचेगी और फिर वैसे भी थोड़ी देर मे अंधेरा होने वाला है तो घर भी जाना है मैं एक दो दिन मे आउन्गा तुमसे मिलने फिर तसल्ली से लूँगा तुम्हारी तो शरमाते हुवे बोली क्या कुछ भी बोलते रहते हो



मैं उसके पास गया और घाघरे के उपर से ही उसकी चूत को दबा दिया ज़ोर से तो गीता के मूह से एक चीख सी निकल गयई और वो बोली तुम भी पूरे बदमाश हो ज़रा भी नही सुधरे हो मैने कहा जिसके पास तुम्हारे जैसा जबर माल हो वो सुधर के करेगा भी तो क्या मैं हँसने लगा उसने घी का पीपा मुझे दिया और कहा कि दिन मे मत आना डेरी का काम है तो लोग आते जाते रहते है


मैने कहा ठीक है वैसे भी असली मज़ा तो रात को ही आता है तो वो हँसने लगी मैने घी लिया और वापिस कुँए पर आ गया भाभी ने पानी की होदि भर दी थी और खेतो मे भी पानी छोड़ दिया था मैने कहा भाभी हमने गीता से घी क्यो लिया तो वो बोली कि अब हम लोग तो भैंस रखते नही है तो फिर इनसे ही ले ते है मैने कहा क्यो तो वो बोली कि तुम्हारी ताई जी तो अब ज्याटर खाट पर ही रहती है



और तुम्हारी मम्मी का सारा दिन खेतो को संभालने मे चला जाता है और फिर छोटी चाची पेट से थी तो वो तो रेस्ट ही करती थी और अब ऑपरेशन से बच्चा हुआ है तो 6 महीना और खाट काटेंगी फिर घर के सब मर्द काम धन्दे वाले है तो बची मैं . मैं अकेली तो बस सबकी रोटीपानी और घर के काम ही कर सकती हू तो पशुओ को कॉन संभाले इस लिए भैंसो को बेच दिया



मेरा पूरा दिन तो बस खाना बनाने मे और सॉफ सफाई मे ही चला जाता है अब तुम जल्दी से मेरी देवरानी ले आओ तो मुझे भी रिलॅक्स मिले मैने कहा भाभी जल्दी ही करता हूँ ये काम तो भाभी बोली कि चाची ने दो-तीन लड़किया भी देख ली है तुम्हारे लिए तो मैने कहा पर मैं तो मिता से ब्याह करूँगा , तो वो बोली मुझे क्या अपनी मम्मी को तो मना लो पहले

अंधेरा भी होने लगा था तो मैने कहा घर चलते है और फिर हम घर आ गये चूँकि मैं आ गया था तो रात के खाने पर सभी मोजूद थे हँसी मज़ाक चल रहा था मैने कहा कि पापा अब मेरी ट्रैनिंग भी पूरी हो गयी और पोस्टिंग भी मिल गयी है तो मैं सोच रहा हू कि क्यो ना हम लोग माता की सवामनी कर दें तो पापा ने कहा कि बेटा विचार तो अच्छा है परंतु 10 दिन बाद तेरी बुआ की जेठानी की लड़की की शादी है तो पूरे परिवार को वहाँ जाना है अब शादी है तो कुछ खर्चा भी ज़्यादा होगा बहन के ससुराल जाएँगे तो मान-तान और कपड़े वग़ैरा भी लेने पड़ेंगे तो उसके बाद ही कर पाएँगे



मैने कहा कोई ना पहले शादी मे हो आते है पर उनको भी गर्मियो मे ही शादी करनी थी तो वो बोले सब संस्कार की बात है तभी मम्मी बोली तेरा शादी का क्या विचार है मैने कहा हम अब मुझे भी शादी करनी है सोच रहा हूँ कि सर्दियो मे मैं भी घोड़ी चढ़ ही जाउ तो चाचा बोले अरे तुझे बड़ा चाव चढ़ा है झूठ-मूठ का ही मना कर देता



मैने कहा चाचा अब जो काम करना ही है उसमे क्यो देर करे तो मम्मी बोली कि मैने दो-तीन लड़किया देखी है तू देख ले फिर बात आगे चलाती हू मैनें कहा मम्मी मैने तो लड़की पसंद कर ही रखी है आपको पिछली बार बताया तो था ना तो मम्मी बोली उस चुड़ैल का भूत अभी नही उतरा कि तेरे सर से मैने कहा मम्मी इतनी प्यारी लड़की तो है



तभी पापा ने बात संभालते हुवे कहा कि चलो अभी सब खाना खाओ फिर बाकी बात बाद मे करते है मैने पूछा रवि कहाँ है तो पता चला कि वो साइट से आते आते लेट होज़ायगा तो मैने कहा ठीक है सुबह ही मिल लूँगा और फिर मैं थोड़ी देर चाची सी बात की फिर मैं सोने चला गया दिल कर रहा था मिथ्लेश से बात करने को



पर मोबाइल भी नही था

तो बस सो कर ही रात गुजारी अगले दिन मैं थोड़ा सा लेट उठा पापा चाचा तब तक ऑफीस जा चुके थे चाची छोटू को हॉल मे बैठी बैठी दूध पिला रही थी मैने कहा मम्मी कहाँ है तो वो बोली बाहर तक गयी है तो मैने चाची को एक जबरदस्त किस किया और कहा कि चाची मैं तो सोच रहा था कि घर जाते ही सबसे पहले चाची के साथ थोड़ी मस्ती करूँगा पर आप ने तो सारा मूड ही खराब कर दिया



तो वो प्यार से मेरी गालो को सहलाते हुए बोली कि बेटा क्या करूँ मैं मेरी मजबूरी है डॉक्टर ने 6 महीने के सख़्त परहेज दिए है वरना मैं क्या कभी तुझे मना कर सकती हू क्या पर अभी थोड़ी मजबूरी है तो मैने कहा कोई बात नही मैं कुछ और जुगाड़ कर लूँगा आप आराम करो मम्मी आए तो नाश्ते की कह देना मैं ज़रा नहा कर आता हू और बाथरूम मे चला गया



काफ़ी देर तक मैं मल मल कर नहाया फोज मे तो इतना टाइम ही नही मिलता था तो कोई एक घंटे बाद मैं बाहर आया खाली तोलिया लपेटे हुवे अपने कमरे मे जा कर पाजामा पहना और हाथ मे क्रीम की डब्बी ले कर नीचे आ गया मैने देखा कि मम्मी रसोई मे थी और चाची हॉल मे लेटे लेटे टीवी देख रही थी आक्च्युयली क्या था कि उस हादसे के जख्म तो भर गये थे



पर उनके निशान और कुछ टाँको के निशान बदन पर रह गये थे तो डॉक्टर ने कहा था कि इस क्रीम को निशानो पर लगा ने तो वो पूरी तरह से मिटेंगे तो नही पर हम हल्के ज़रूर हो जाएँगे तो रोज मुझे वो क्रीम लगानी पड़ती थी तो मैं सोफे पर बैठ कर वो ही लगा रहा था कि मम्मी रसोई से आ गयी और मेरे शरीर पर उन ज़ख़्मो के निशानों को देख कर बोली



कि ये तेरे बदन पर क्या हुआ है तो मैने बेफिक्री से कहा कि कुछ नही थोड़ी चोट लग गयी थी तो उसी के निशान है ये सुनकर मम्मी मेरे पास आई और बोली ये छोटी सी चोट के निशान है बता ये कैसे हुआ क्या हुआ था तुझे मैने बात टालनी चाही पर माँ तो माँ होती है मम्मी ने भी ज़िद पकड़ ली तो बताना पड़ा कि कैसे मुझे इंजुरीस हुवी और डेढ़ महीना हॉस्पिटल मे कटा



ये सुनकर मम्मी की आँखो मे आँसू आ गये वो बोली तुझे फोज मे जाने ही नही देना चाहिए था मेरा एक बेटा है तुझे कुछ हो जाता तो हमारा क्या होता मैने कहा मम्मी फोजी की ज़िंदगी मे ऐसे लम्हे तो आते ही रहते है और फिर तुम तो बहादुर बेटे की माँ हो तुम कब से घबराने लगी तो वो बोली बेटा डर तो लगता है ना अगर तुझे कुछ हो जाता तो इस घर का होता



तेरे पास किस चीज़ की कमी है फालतू मे ही तू भरती हो गया कॉन सा तेरे पीछे वहाँ काम रुक रहा है मैने कहा मम्मी आप ज़्यादा ना सोचो छोटी मोटी चोट तो लगती ही रहती है ना आप अभी मुझे नाश्ता दो मैं शहर जा रहा हू मुझ फोन खरीदना है और छोटू और साक्षी के लिए खिलोने भी लाने है तो चाची बोली छोटू तो तीन महीने का ही है ये क्या खेलेगा



तभी मम्मी बोली कि अनिता भी कह रही थी शहर जाने को तू नाश्ता कर तब तक मैं उस से पूछ कर आती हू वो जाएगी तो फिर साथ ही निकल जाना मैने कहा जी और मैं नाश्ते को दबाने लगा मैने थाली सॉफ ही की थी कि मम्मी आ गई वो बोली कि थोड़ी देर रुक जा वो तैयार होके आ रही है तो मैं टीवी देखने लगा आधे घंटे बाद भाभी आ गयी साक्षी को लेके



तो मम्मी बोली कि अनिता साक्षी को इधर ही रहने दे बाजार मे ये परेशान करेगी इसको मैं संभाल लूँगी तो फिर मैं और भाभी चल पड़े गाँव से भर आते ही भाभी अपने मूड मे आ गयी तो मुझे भी मस्ती आने लगी मैने कहा भाभी अब मेरा रुकना मुश्किल है कुछ जुगाड़ करो मेरा तो वो बोली देवेर जी भला मैं क्या कर सकती हू आपका जुगाड़ तो अब घर वाले कर ही रहे है

मैने कहा भाभी आप मज़े मत लो और सीरियस्ली बताओ कि अब दोगि तो वो बोली ले लो चाहे अभी मैं कब मना कर रही हूँ तुम कहो तो अभी यही पे दे दूं मैं समझ गया कि भाभी आज मस्ती के मूड मे है और मेरी टाँग खीच रही है मैने कहा भाभी एक तो उधर लगी पड़ी रहती है और एक आप भी मज़े ले रही हो तो वो बोली अच्छा बाबा नाराज़ ना हो मोका लगते ही तुमको खुश कर दूँगी



ऐसे ही बात करते करते हम शहर पहुच गये मैने कहा भाभी पहले बॅंक चलते है तो वो बोली ठीक है मैं बॅंक गया और कुछ पैसे निकाल लिए फिर मैने मोबाइल और सिम खरीदा और जल्दी से उसको आक्टीवेट करने को कहा तो उसने कहा कि दो घंटे मे चालू कर देगा फिर मैने भाभी से पूछा कि उनको क्या लेना है तो वो बोली कि कुछ नयी साड़ियाँ और ज़रूरत का सामान

औरतो को तो बस मोका चाहिए शॉपिंग का भाभी ने बहुत वक़्त लगा दिया साड़ियाँ लेने मे फिर हमने बच्चों के लिए ढेर सारे खिलोने खरीदे भाभी को जूस पिलाने के बाद मैने घर के लिए कुछ मिठाई खरीदी और फिर कोई ढाई बजे हम वापिस चल पड़े मैने रास्ते मे ही भाभी को समझा दिया कि जल्दी से ही मेरा काम करना और उन्होने वादा किया

शाम होते होते सिम कार्ड भी आक्टीवेट हो गया था तो मैने मिथ्लेश को कॉल किया और कहा कि मैं गाँव आ गया हू अब तू भी आजा तो पहले तो उसने जी भर कर गलिया बाकी मुझे और कहा कि कितने दिन हो गये फोन क्यो नही मिलता था तेरा मैने उसको बताया कि कैसे फोन टूटा और सारी बात ये सुनकर मिथ्लेश बहुत ज़्यादा घबरा गयी उसने कहा तो और किसी के फोन से बता देता मैने कहा यार बस तुझे परेशान नही करना चाहता था

वो बोली बड़ा आया बाते बनाने वाला अगर तू मर वर जाता तो मेरा क्या होता मैने कहा मर जाता तो भी भूत बन कर तेरे पास ही रहता वो बोली अच्छा अब बाते ना बना और एक खुशख़बरी सुन मेरी नोकरी लग गयी है वो भी सरकारी ये सुनकर मैं तो जैसे झूम ही उठा मैने कहा यार अब तो शादी करले अब तेरे बिना जीना मुश्किल हो रहा है


तो मिता बोली कि मैं तो खुद मरी जा रही हू तेरे साथ ग्रह्स्थि बसने को पर घरवालो का सामना भी करना है मुझे पता नही कैसे कर पाउन्गी और नोकरी भी नही नही लगी है 10 दिन पहले ही अजमेर आई हू मैने कहा तू अभी अजमेर है तो वो बोली हमने यहाँ के गवरमेंट. हॉस्पिटल के जच्चा-बच्चा वॉर्ड मे जाय्न किया है मैने कहा चल फिर मैं कुछ दिन मे आता हू तुमसे मिलने


तो वो बोली हाँ तू ही आजा नयी नोकरी है तो मेरा छुट्टी लेना तो इंपॉसिबल है तेरे आने से मुझे भी अच्छा लगेगा तो मैने कहा कि यार बुआ के यहाँ शादी है उसके बाद पक्का अपनी डार्लिंग के साथ रहूँगा कुछ दिन हम पर अब मैं जल्दी से जल्दी शादी करना चाहता हू बस अब मेरी दुल्हन बन जा जल्दी से तो वो बोली तू मुझे 6-7 महीने का टाइम दे मैं देखती हू



मैने कहा यार तू अब अपने घर वालो से बात कर मानें तो ठीक नही तो कोर्ट मे शादी कर लेंगे बाद मे मना लेंगे उनको वो बोली तू चुप रह मैं कभी भी भाग कर शादी नही करूँगी तुझे पता है ना तो मैने कहा तो फिर अपने घर वालो को मना मिता बोली बोला तो है ना अब की बार घर आते ही सबसे पहले ये ही काम करूँगी फिर कुछ और बातों के बाद मैने फोन रख दिया



बात तो उर्वशी से भी करना चाहता था मैं पर उसका नंबर मिला नही दो-तीन बार ट्राइ किया पर नही मिला तो मैं हताश होकर रह गया मैं घर से निकला और बाहर घूमने चल दिया मंज़िल वोही थी अपना पुराना ठिकाना गाँव का तालाब तो जाकर उसी के किनारे उगी घास मे बैठ गया और अपने बीते दिनो को याद करने लगा मुझे पता नही क्यो निशा की याद आ रही थी



मैं वहाँ बैठा पानी मे तैरती हुवी जल्मुर्गियो को निहार रहा था तभी मुझे किसी ने पुकारा मैने पीछे मूड के देखा तो ये तो सोनू भाभी थी हम वही जो हमारे घर की निचली वाली गली मे रहती थी मैं उठ कर उनके पास गया वो बोली तुम छुट्टी कब आए तोमैने कहा भाभी एक दिन हुआ है आप यहाँ कैसे तो वो बोली कि वो तालाब किनारे की चिकनी मिट्टी लेने आई है



काफ़ी देर हो गयी उनकी परात भारी है कोई उठवाने वाला मिला नही कि तभी तुम पर नज़र गयी तुम परात उठवा दो मैने खा चलो और फिर परात को उनकी सर पर रखवा दिया मैने कहा मैं भी घर जा रहा हू साथ ही चलते है तो उन्होने कहा आ जाओ और हम बाते करते हुवे साथ साथ चलने लगे मेरी निगाह उनकी सुडोल गान्ड पर ज़्यादा जा रही थी



पिछली बार भी उनकी एक दो झलक पाकर ही रह गया था और अब तो टाइम भी था मेरे पास तो मैने सोचा चान्स ज़रूर लूँगा क्या पता जुगाड़ हो ही जाए तो मैने बतो का सिलसिला आयेज बढ़ते हुवे कहा की और भाभी क्या चल रहा है आज कल तो वो बोली क्या बतौ बस सारा दिन काम मे ही लगे रहते है कुछ फ़ुर्सत ही नही मिलती है तो मैने कहा भाभी इतना काम भी ना किया करो



तो सोनू बोली देवेर जी काम तो करना ही पड़ता है अब आपकी तरह हमारी तो ऐश है नही मैने कहा भाभी मेरी कॉन सी ऐश है तो वो बोली आप तो फोज मे अफ़सर हो आपका तो बस हुकम चलता है मैने कहा ये आपसे किसने कह दिया अफसरो की ही ज़्यादा परेड होती है सोनू बोली अब तुम शादी कर लो फिर जल्दी जल्दी घर आओगे मैने कहा भाभी घर जल्दी आने के लिए क्या शादी करने की ज़रूरत है



तो वो कहने लगी कि एक दिन आपकी मम्मी कह रही थी कि अबकी बार आते ही शादी कर दूँगी तभी सुधरेगा मैने कहा भाभी मैं अभी कहा बिगड़ रहा हू और आप जैसी कोई हसीना मिले तभी तो शादी करू मैं तो चूक गया और भाई उसके पति का नाम लेते हुए और वो आपको ले उड़ा तो सोनू शरम से गढ़ गयी और हँसते हुवे बोली कि मैं कहाँ से हसीना लगी तुम्हे



तो मैने कहा भाभी आप क्या किसी से कम हो चलती फिरती बिजली हो आप तो वो बोली अब रहने भी दो ना अब दो बच्चे हो गये है अब कहाँ पहले वाली बात रही है तो मैने दाना फैंकते हुए कहा कि भाभी कभी आईने के सामने खुद को देखना फिर बताना हमारे जैसे तो आपकी एक मुस्कान पर ही मर जाए तो वो बोली अब इतनी तारीफ भी ना करो हमारी ऐसे ही बाते करते करते हम घर की तरफ आ गये वो अपनी गली मे मूड गयी और मैं अपनी मे



घर के बाहर ही रवि कुर्सी पे बैठा था उसने मुझे देख कर कहा अरे फोजी कहा घूम रहे हो कब के आए हो और भाई से मिले नही तोमैने कहा कि यार मैने कल पूछा था तो भाभी ने बताया कि तुम आजकल लेट घर आते हो वो बोला हाँ यार काम का बड़ा प्रेशर है

आज मैं तुझसे मिलने के लिए थोड़ा जल्दी आ गया बस थोड़ा सा काम और है फिर तो फ्री ही रहूँगा तो हम बातें करने लगे वही बैठे बैठे काफ़ी टाइम हो गया था तो मैने कहा रवि पेग लगाएगा तो वो बोला हम क्यो नही मैने कहा तू रुक मैं आता हू और कुछ देर बाद हम पेग पर पेग लगा रहे थे और फिर वही पर बात करते करते सो गये



अगले दिन जब मैं उठ कर अंदर गया तो मैने देखा कि सोनू की सास हमारे घर आई हुई थी वो मम्मी से पशुओ की चारी लेने की बात कर रही थी तो मम्मी ने कहा कि ठीक है आप खेत मे आके देख लेना मैने कहा सुबह सुबह क्या चल रहा है तो वो बोली अरे कुछ नही तो रेडी हो जा तो मैने कहा मम्मी मैं खेत मे जा रहा हू उधर ही नहा लूँगा और थोड़ा घूम-फिर कर लेट आउन्गा



असल मे मैं सोच रहा था कि तोड़ा टाइम गीता के साथ गुज़ारू और उसको चोद लूँ पर सोनू की सास बीच मे टोकते हुए बोली कि अरे बेटा खेत जा रहा है तो तेरी भाभी को भी ले जा मेरे तो बस का नही है इतनी दूर आना –जाना वो ही चारी देख आएगी और आज ही ले भी आएगी ये सुनकर मेरे अंदर का शैतान खुश हो गया सोनू जैसी माल से मस्ती करने का मोका खुद चल कर आ रहा था तो मैं कैसे मना कर सकता था



तो मैने कहा ठीक है काकी आप उनको जल्दी से भेज दो मैं बस मुँह देख के निकल ही रहा हू मैने बाइक बाहर निकाल ली और भाभी का इंतज़ार करने लगा तो कुछ ही देर मे वो आ गयी उनको देखते ही मेरा लंड निक्कर मे से उनको सलामी देने लगा पीले ब्लाउज और नीले घाघरे मे क्या मस्त माल लग रही थी मैने कहा क्या भाभी कितनी देर लगती हो मैं अभी जाने ही वाला था



तो वो बोली मुझे पता था कि तुम मुझे लिए बिना नही जाओगे मैने कहा वो भला क्यूँ तो सोनू अपने खिलन्दड अंदाज मे बोली कि क्योंकि आप मेरे प्यारे देवर जो हो मैने कहा भाभी बातें ना बनाओ और जल्दी से बैठो तो वो बाइक पर बैठ गयी और मैं उनको ले उड़ चला खेत की ओर मैने दिल मे सोच लिया था कि आज कुछ भी करके सोनू को दाना चुगवा ही दूँगा क्योंकि अब अपने लंड को चूत की सख़्त दरकार थी

कभी कभी मैं बाइक के ब्रेक्स को जान कर के टाइट लगा देता था तो भाभी मेरी पीठ पर झूल जाती थी उनकी गोल संतरे सी चूचियो का स्पर्श अपनी पीठ पर पाकर मैं और भी रोमॅंटिक सा होने लगा मैने सोच लिया आज इसको चोद के ही रहूँगा चाहे कुछ भी हो तभी सोनू अपनी चूचियो को मेरी पीठ पर रगड़ते हुए बोली कि तुम थोड़ा धीरे धीरे चलाओ ना


मैने कहा आप थोड़ा सम्भल के बैठो तो वो बोली कैसे तेरी गाड़ी मे तो पीछे पकड़ने वाला भी नही है तो मैने कहा भाभी आप मुझे कस कर पकड़ लो तो उसने मेरी कमर मे अपना हाथ डाल दिया और कस के पकड़ लिया वो थोड़ा सा आगे की ओर झुक गयी थी तो अब उसके चूचे मेरी पीठ पर पूरा दबाव डाले हुए थे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और शायद उसे भी



ऐसे ही एक दूसरे से मज़े लेते हुए हम खेत मे पहुच गये मैने बाइक खड़ी की तो सोनू बोली अरे इधर तो चारी है ही नही मैने कहा अकल की दुश्मन मेरी प्यारी भाभी थोड़ा सबर तो कर अभी तुझे चारी दिखाता हू वो बोली मुझे तो नही दिख रही मैने कहा तुझे कुछ दिखता भी है इतना अच्छा देवर है तेरा वो भी कहाँ दिखता है तुमको तो सोनू बोली ज़्यादा बनो मत



मैं अच्छी तरह से समझती हू मैने मज़े लेते हुए कहा कि क्या समझती हो ज़रा हमें भी तो बताओ और मैं उसके बिल्कुल पास आकर खड़ा हो गया और उसकी भूरी आँखो मे झाँकने लगा तो सोनू ने बात बदलते हुए कहा कि चलो जल्दी से मुझे चारी दिखाओ फिर मुझे घर भी जाना है तो मैने कहा भाभी मेरे साथ आओ और उनको लेकर दूसरी तरफ के खेतो की ओर बढ़ चला
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 06-12-2020, 08:25 AM



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