06-12-2020, 12:23 AM
कुछ देर बाद मैं भी नीचे आ गया शादी मे टाइम बहुत लग रहा था तो मैं एक साइड मे बैठे बैठे एंजाय करने लगा पद्मिमनी मंडप मे चली गयी थी खैर जैसे तैसे उनका विवाह हो ही गया फिर चला फोटो सेशन तो हम भी अपने गिफ्ट देने उन्हे चले गये खाना वाना खाते रात के 12 से उपर का टाइम ही हो गया था तो मैं थोड़ा सा थक भी गया था और अगली रात हमारी वापसी की ट्रेन भी थी तो मैने पद्मिगनी से कहा कि अभी चलते है तो वो बोली कि बस कुछ देर तो फिर वो सभी से मिली कुछ बाते नम्रता से की और फिर हम होटेल के लिए निकल गये
होटेल पहुचने मे भी आधा पोना घंटा लगना था तो पद्मिछनी मेरे कंधे पर अपना सर रख कर लेट सी गयी और एक झपकी सी लेने लगी सोते हुए वो बेहद ही मासूम लगती थी खैर हम होटेल पहुच गये और अपने रूम मे जाते ही वो मेरे सीने से लग गयी और बोली कि आइ’म रियली थॅंकफुल टू यू बिकॉज़ यू गेव मे सच आ प्लेषर यू सॅटिस्फाइड मी विद आ न्यू फ्लेवर तुम्हारे साथ रहकर मैने सेक्स को एक नये तरीके से महसूस किया है मूर्ति तुम्हारा जैसा नही कर सकता वो बहुत ट्रडीशनल है थॅंक्स फॉर कमिंग इन माइ लाइफ फिर वो बोली कि आज मैं तुमसे एक चीज़ मांगती हू तो मैने कहा सब कुछ ही आपका है जो माँग ना हो माँग लो तो वो बोली कि क्या तुम मेरे लाइफ टाइम फ्रेंड बनॉगे आइ मीन ट्रैनिंग के बाद जब तुम्हारी पोस्टिंग कहीं ओर हो जाएगी तब भी क्या तुम मुझे कभी कभी मिलोगे तो मैने कहा मॅम ये दोस्ती बड़ी ही अलग सी चीज़ होती है क्या आप निभा पाओगे तो वो बोली कि आइ प्रॉमिस टू यू तो मैने कहा ठीक है हमारा ये रिश्ता हमेशा रहे गा जब भी आप बुलाओगे मैं आउन्गा और अगर मैं बुलाउन्गा तो आप को भी आना पड़ेगा तो वो बोली कभी भी आजमा कर देख लेना मैने कहा थॅंक्स फॉर युवर फ्रेंड शिप मैं उसके चुतड़ों को मसल्ते हुए बोला कि चलो इसी बात पे गान्ड मर्वाओ तो वो बोली कि मार लो तुम्हे किसने रोका है सब कुछ तुम्हारा ही है जैसे चाहो उसे करो तो मैने कहा कि भाभी आपकी यही अदा तो मुझे दीवाना कर देती है तो मैने उनकी साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और वो गोल गोल घूमते हुए अपनी साड़ी को उतरवाने लगी बिल्कुल फिल्मी अंदाज मे जैसे ही साड़ी उतरी वो फिर से मेरे सीने से आ लगी उनकी ढोंकनी सी उपर नीचे होती हुवी छातिया मेरे सीने मे दबने लगी उनकी गरम सांस मेरे चेहरे पर पड़ रही थी तो मुझे एक नशा सा चढ़ने लगा उनकी सांसो किखुश्बू से मुझे मदहोशी छाने लगी तो मैने पेटिकोट के नाडे मे हाथ फसाया और उसके नाडे को खोल दिया और उनकी मक्खन सी चिकनी जाँघो पर मेरा हाथ रेंगने लगा पद्मि नी मेरी बाहों मे समाने को आतुर थी तो मैने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी ब्रा और पैंटी को
भी उतार कर उसको पूरा नंगा कर दिया और अपने कपड़े भी उतार दिए तो पद्मि नी मेरी गोद मे आकर सिमट गयी तो मैं उसकी गर्दन पर अपने दाँतों से काट ते हुए उसके बोबो से खेल ने लगा फिर उन्होने अपना मुँह मेरी ओर घुमाया और हमारे होंठो एक दूसरे से जुड़ गये माहौल बड़ा ही रस से भर चुका था सरगोशिया दौड़ ने लगी थी वातावरण मे रात भी अपने पूरे शबाब पर थी तो मैने बिना देर करते हुए उनको उल्टी लिटाया और अपने लंड को पद्मि नी की मोटी गान्ड पर लगा दिया और एक धक्का लगा दिया पद्मि नी ने अपने बदन को टाइट कर लिया पर लंड गान्ड मे आधा चला गया उनको थोड़ा दर्द भी हो रहा था पर उन्होने एक उफ्फ भी ना की उन्होने अपने बदन को पूरी तरह से मुझे समर्पित कर दिया था मैने थोड़ी पेल और मारी और लंड को जड़ तक पद्मिझनी की मस्तानी गान्ड मे उतार दिया और हिचकोले खाते हुए पद्मिदनी की गान्ड को मारने लगा थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा तो उसने भी अपने शरीर को ढीला कर दिया और मुझसे बाते करते हुए अपनी गान्ड मे लंड लेने लगी पद्मियनी बोली कि बस तुम ऐसे ही मुझे अपनी बाहों मे लेकर प्यार करते रहो मैं चाहती हू कि ये टाइम यही पर रुक जाए और हम दोनो यू ही एक हुए पड़े रहे तो मैने कहा डार्लिंग हम तो अब एक ही है ना तो मैं उनके गोलगप्पे जैसे गालो को खाते हुए गान्ड मारने लगा
गान्ड मेरे लंड पर बहुत ज़्यादा दबाव डाल रही थी जिस कारण मैं तेज तेज धक्के नही लगा पा रहा था पर फिर भी मज़ा आ रहा था कभी कभी जब उसके मुँह से एक दर्द भरी आवाज़ निकल पड़ती तो मेरा जोश और भी ज़्यादा हो जाता था पूरे आधे घंटे तक दबा कर मैने पद्मि नी की गान्ड मारी जब मेरा होने वाला था तो उसने कहा कि तुम अपना वीर्य मेरी नाभि मे गिराना तो मैने तुरंत ही उसको पलटा और उसकी नाभि को लंड से निकलते पानी से भरने लगा और फिर उसकी बगल मे जाके लेट गया पद्मिकनी लेटी लेटी नाभि मे पड़े वीर्य मे उंगली गोल गोल घुमाने लगी और फिर उस उंगली को अपने मुँह मे डाल के चूसने लगी फिर मैं पेशाब करने चला गया थोड़ा पानी पिया और वापिस उसके पास आ गया तो वो बोली कि एक काम करो मेरी चूत मे उंगली करके मुझे भी शांत करदो तो मैने कहा थोड़ी देर रुक जाओ तो चोद ही दूँगा पर वो बोली नही अभी तो तुम उंगली से ही मुझे शांत कर दो तो मैने दो उंगलिया पद्मिोनी की प्यासी फूली हुई चूत मे डाल दी और बड़े ही प्यार से चूत को मसल्ने लगा उसकी चूत तो पहले से ही काफ़ी पानी बहा रही थी और फिर मैं तेज तेज उंगली को अंदर बाहर कर रहा था पद्मिबनी लंबी लंबी सांस ले रही थी और मुस्कुराते हुए अपनी चूत मे उंगली करवा रही थी 8-10 मिनट तक मैने खूब ज़ोर से चूत को दबाया मसला और फिर पद्मिहनी ने भी अपना पानी मेरी हथेली मे गिरा दिया और फिर मेरी बाहों मे पसर गयी मैं उसको लिए लिए उसकी बाहों मे सो गया
जब मेरी आँख खुली तो पद्मिेनी मेरी बाहों मे लिपटी सोई पड़ी थी हमारी ट्रेन रात की थी तो पूरा दिन हमें होटेल मे ही स्पेंड करना था तो मैं उसको डिस्टर्ब नही करना चाहता था तो मैंन आहिश्ता से खड़ा हुआ और बाथरूम मे घुस गया और फ्रेश होकर वापिस आ गया पद्मिसनी सो ही रही थी तो मैने घर फोन कर दिया और सब का हाल चाल पूछने लगा कई दिन बाद घर फोन किया था तो बात थोड़ी ज़्यादा लंबी हो गयी मैने फोन कट किया और मूड कर देखा तो पद्मितनी जाग गयी थी और मुझे बड़े ही प्यार से देख रही थी मैने कहा आप सो रहे थे तो मैने सोचा क्यों ना घर पे ही फोन कर लू फिर उन्होने पूछा कि घर पे सब ठीक है तो मैने कहा सब भले चन्गे है फिर उन्होने मुझे एक प्यारी सी किस दी और बाथरूम मे घुस गयी
मैं उसकी मटकती गान्ड को घूर घूर कर देखता रहा आधे घंटे बाद जब वो बाहर आई तो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे ही थी तो मेरा लंड फिर से उत्तेजित होने लगा तो मैने अपना कच्छा उतार दिया और पद्मिरनी को लंड चूसने का इशारा किया वो मटकते हुए मेरे पास आई और घुटनो के बल बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगी अबकी बार वो तेज तेज मुँह चला रही थी और लंड चूस्ते चूस्ते अपने हाथ से मेरे टट्टो को भी मसल्ने लगी तो मैं उत्तेजना से भर उठा पद्मितनी की होंठो से थूक बहकर उसकी चूचियो और उसकी जाँघो पर पड़ रहा था पर उसे कोई परवाह नही थी वो अपनी बड़ी बड़ी आँखो से मुझे देखते हुए मेरे लंड पर कहर ढा रही थी तो करीब 5 मिनट तक उसको लंड चुसवाने के बाद मैने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी टाँगो को उठा ते हुए उनकी कच्छि को उतार दिया मैने बड़े ही प्यार से उनकी पैंटी को अपने मुँह मे दबा कर चूमा और फिर साइड मे एक दिया और उसकी काली काली चूत पर अपने चेहरे को झुका लिया और अपनी जीभ को गोल गोल करके घुमाने लगा पद्मिकनी की नस नस मे वासना की तरंग दौड़ उठी और वो अपनी मस्त जाँघो को बेड पर पटाकने लगी उसके तन बदन मे जैसे भूचाल सा आ गया था पद्मिपनी काँपते हुए लहजे मे बोली कि यार तुम इसको लीक बहुत ही अच्छा करते हो तो मैं और भी मस्ती से चूत के खारे पानी को चाटने लगा थोड़ी देर बाद मैं बेड पर लेट गया और अपने खड़े लंड को दिखाते हुए पद्मिीनी को लंड पर बैठने का इशारा किया तो वो मुस्काई और झट से मेरे उपर आते हुए लंड को पकड़ कर चूत के मुंहाने पा रख दिया और उस पर बैठ ने लगी
जब पूरा लंड चूत मे समा गया तो फिर वो खुल के मैन्दान मे आ गई और मेरी चेस्ट पर अपने हाथ मजबूती से रखते हुए अपनी गान्ड को हिलान लगी उसकी गान्ड की थिरकन से मेरा लंड और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया मैने अपने हाथ से उसके कुल्हो को थाम लिया और चुदाई का मज़ा लेने लगा पद्मिहनी के मोटे मोटे चुतड़ों को मसल्ते हुए मैं पूरा मज़ा ले रहा था और वो भी पूरे जोश से मेरे लंड पर कूद रही थी फिर वो थोड़ा सा आगे को झुकी तो मैने उसकी झूलती हुवी चूची को अपने मुँह मे ले लिया जैसे ही उसके निप्पल्स पर मेरी जीभ टच हुई पद्मिकनी और भी ज़्यादा गरम हो गयी और बेहद तेज़ी से लंड पर कूदने लगी दूसरी ओर मैं अपने हाथो से उसके कुल्हो पर दबाव डाल रहा था पद्मि नी काफ़ी देर से मेरी लंड पर झूल रही थी तो उसको थकान होने लगी थी तो वो उपर से उतर गयी और मैं उसके उपर चढ़ गया और अब मेरी बारी थी उसकी चूत पर धक्के लगा ने की पद्मिढनी ने अपनी टाँगे मेरी कमर के चारो ओर लपेट ली और मेरे होंठो को चूमते चूमते अपनी चूत मुझे दे रही थी मैं तेज तेज धक्के मारता वो अपने बदन को उतना ही टाइट कर रही थी मेरे बदन मे भी अब झड़ने का सिग्नल आ रहा था तो मैने कहा डार्लिंग मैं जाने वाला हू तो वो बोली कि कुछ देर और सर्वाइव करो मैं भी समझो पहुच ही गयी पर मैं तो किनारे पर ही आ गया था तो मेरे लंड से वीर्य छूट गया पर फिर भी मैने कुछ धक्के और मारे और फिर पद्मि नी भी झाड़ गयी तो उसने मुझे धक्का देते हुए अपने उपर से उतार दिया और मेरे सीने से लग कर आहे भरने लगी फिर कुछ देर बाद हम ने कपड़े पहने और फिर मैने नाश्ता रूम मे ही मंगवा लिया और वही खाने लगे नाश्ते के बाद मैने कहा भाभी आप पॅकिंग को चेक कर लो कहीं कुछ रह ना जाए तो वो बोली कि सब सामान रख लिया बस शाम को चलना ही है तो मैने कहा कि मुंबई के ट्रॅफिक का कोई भरोसा नही है तो थोड़ा पहले ही निकलेंगे तो वो बोली हम पर अभी तो पूरा दिन ही पड़ा है तो मैं उनके चुतड़ों पर चिकोटी काट ते हुए बोला कि पूरा दिन पड़ा है तो …. वो कहने लगी कि अभी थोड़ी देर पहले ही तो किया है थोड़ा रेस्ट करते है फिर चलने से पहले एक बार और तुमको खुश करूँगी तो मैने कहा ओके फिर वो टीवी देखने लगी और मैं आँखे बंद कर के लेट गया एक बार सोया तो फिर सीधा शाम को 6 बजे ही आँख खुली तो मैं उनको बोला आपने दुपहर मे मुझे जगाया क्यो नही तो वो बोली कि अरे तुम गहरी नींद मे थे तो मैने तुम्हे डिस्टर्ब नही किया और फिर सेक्स तो हम ट्रेन मे भी कर लेंगे तो मैने कहा ठीक है अब जल्दी से एक बार सामान को चेक कर्लो फिर हम निकल जाएँगे ।
7 बजते बजते हम ने होटेल छोड़ दिया और टॅक्सी लेकर स्टेशन का रास्ता पकड़ लिया ट्रेन आने मे टाइम था तो हम वेट करने लगे उन्होने कुछ पत्रिकाए खरीद ली थी पढ़ने के लिए जब ट्रेन आई तो मैने चार्ट मे अपना और उनका नाम चेक किया और फिर अपने डिब्बे की तरफ बढ़ चले एक बार फिर एक कॅबिन हमारे लिए रिज़र्व था तो कोई टेंशन की बात नही थी ट्रेन ने सीटी मारी और फिर चल पड़ी हमे लेकर जैसे ही लाइट्स डिंम हुवी मैं पद्मिटनी पर टूट पड़ा और जब तक ट्रेन देहरादून स्टेशन पर पहुचि मैं पद्मिपनी को कई बार चोद चुका था एक हफ्ते की लगातार सदाबहार चुदाई से पद्मिटनी का यौवन और भी ज़्यादा खिल गया था स्टेशन पर उतरते ही पद्मिटनी ने कहा कि मैं अभी जाउन्गी और तुम दो तीन घंटे बाद आना तो मैने कहा कि नो प्राब्लम तो मैं फिर शाम तक ही अकादमी मे एंट्री किया और रिपोर्टिंग के बाद होस्टल चला गया
मैं जिस काम के लिए मुंबई गया था वो तो हुआ नही पर पद्मिीनी ने जो प्यार दिया था वो भी भुलाए नही भूल रहा था इधर अकादमी मे आने के बाद मैं बहुत बिज़ी हो गया था बस सनडे को ही पद्मिदनी से मुलाकात होती थी बाकी सूखा ही पड़ा था एक तो हार्डकोर ट्रैनिंग ने गान्ड मार रखी थी और पद्मिहनी से भी नही मिल पा रहा था मुट्ठी मारने का भी टाइम नही था बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाया करती थी और अगली सुबह फिर से वोही परेशानी सारा दिन शरीर दुख़्ता ही रहता था चिल चिलाती धूप मे युधाभ्यास की रियल टाइम ट्रैनिंग चल रही थी तो बस वॉट लगी पड़ी थी कभी कभी ऋतु मॅम का फोन आ जाता था वो भी चुदने को ही मचलती रहती थी मैने कहा था कि मॅम जैसे ही कुछ जुगाड़ होगा आप से भी मिलूँगा मैं खुद भी बड़ा ही परेशान था ट्रेनिंग के चार साल तो कट गये थे पर ये लास्ट के कुछ महीने गान्ड ही मार रहे थे पर ये टाइम भी किसी तरह से झेलना ही था हाँ बस इतना था कि दो तीन दिन मे पद्मिकनी फोन कर लिया करती थी तो थोड़ा सा आराम मिल जाया करता था एक शाम मैने मिता को फोन लगाया तो पता चला कि हिमाचल के ही सरकारी. हॉस्पिटल मे उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी और अगले कुछ महीनो मे वो किसी ना किसी हॉस्पिटल मे जॉब के लिए अप्लाइ कर देगी वैसे वो आर्म्ड फोर्सस की मेडिकल कॉर्प के बारे मे सोच रही थी पर मैने उसको स्ट्रिक्ट्ली मना कर दिया कि तू जॉब करेगी तो सिविल एरिया मे ही करेगी मैने मिता से कहा कि यार कुछ भी करके तुझे मेरी पासिंग परेडे मे आना है तो वो बोली कि वो देखेगी अगर कोई प्राब्लम ना हुवी तो वो पक्का आएगी फिर कुछ प्यार मोहब्बत की बाते करने के बाद मैने फोन कट कर दिया तो दोस्तो एक महीना ऐसे ही गुजर गया मैं बड़ा ही परेशान था पद्मि नी को चोदने का तो दूर किस करने का सिंगल मौका भी नही मिला था एक दिन मेरे कॅंटीन वाले दोस्त का फोन आया कि यार एक गढ़वाली औरत मिली है क्लेमेनटाउन साइड मे बस तेरे लिए ही तू देख ले अगर फ्री हो तो , तो मैने कहा भाई सनडे को मीटिंग फिक्स कर्दे तो वो बोला कि यार वो कोई पैसे मे धंधा नही करती है ठीक घर की है तो मैने कहा कि फिर वो मुझसे क्यो चुदेगि तो वो बोला यार उसकी एक फ्रेंड को मैने फसाया हुआ था तो उसको पता चला तो वो भी थोड़ा एंजाय करना चाहती है अब मैं तो कर नही सकता तो तू चान्स ले ले मैने कहा थॅंक्स भाई पर मैं सनडे को ही मिल सकता हू तो वो बोला ओके मैं बात करके बता ता हूँ मैने सोचा चलो यार याडी ने ये काम सही किया थोड़ी गर्मी शांत हो जाएगी पर पंगा कॅंपस से बाहर जाने का था तो मैने मूर्ति सर को कहा कि सर मुझे कुछ काम है आउट पास का इंतज़ाम कर वा दो तो वो बोले कि नो प्राब्लम मैं लेटर इश्यू कर दूँगा तुम शाम तक घूम फिर आना मैं खुश हो गया अब मुझे इंतज़ार था सनडे का और लंड को एक नयी चूत का दो दिन और गुजर गये अगले दिन सनडे था मैने पद्मिननी को फोन करके बता दिया था कि मैं आज बाहर जा रहा हू कुछ ज़रूरी काम से तो वो नाराज़ हो गयी और फोन कट कर दिया मैने सोचा कि इसको बाद मे पटा लूँगा फिर मैं अपने याडी के साथ निकल पड़ा उसने किसी को फोन किया तो करीब पंद्रह मिनट बाद जहाँ हम खड़े थे एक कार आके रुकी उसमे दो लॅडीस थी हम दोनो भी बैठ गये और आधे घंटे बाद कार एक बंगले मे एंटर कर गयी मैं सोच रहा था कि इस कमिने ने इतने मस्त और अमीर माल पर कैसे हाथ सॉफ कर दिया अंदर जाते ही हमारा इंट्रोडक्षन हुआ तो पता चला कि जो औरत आज मेरी पार्ट्नर बन ने वाली थी उसका नाम था सरिता उमर 26-27 साल हाइट थोड़ी छोटी शरीर ना ज़्यादा पतला ना ज़्यादा मोटा था तो सरिता ने बिना किसी भूमिका के डाइरेक्ट्ली कहा कि देखो हम सब यहाँ पर फुल एंजाय करने के लिए आए है तो हमे उस पर ही कॉन्सेंट्रेट करना चाहिए और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उपर के कमरे मे ले आई वो दोनो नीचे ही रह गये सरिता मुझे कुछ ज़्यादा ही बोल्ड लगी कमरे मे आते ही उसने गेट को लॉक किया और मुझसे कहने लगी कि क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है मैं मन ही मन हँसा और कहा कि अब ये सुनारों के आगे सुई बेचेगी वो बोली की देखो मुझे बस वाइल्ड सेक्स की ही हसरत है मैने कुछ नही कहा मैने सोच लिया था इसको कुछ ज़्यादा ही घमंड है या ये कुछ ज़्यादा शो-ऑफ कर रही है तो मैने उसको पकड़ा और उसके होंठो पर अपने प्यासे लब रख दिए और कस कस के उसके होंठो चूसने लगा
मैने भी सोच लिया था कि आज इसके बदन पर अपनी जवानी का सिग्नेचर ज़रूर करना है और कुछ इस तरह से करना है कि ये भी हमेशा याद रखे की मिला था कोई कुछ देर बाद मेरी गरम सांसो से उसके होंठो जलने लगे पर मैं उसको नही छोड़ रहा था जब तक कि उसके निचले होंठो से खून ना निकला मैं उसके होंठो को निचोड़ता ही रहा जब वो मुझसे अलग हुई तो वो अपने होंठो से रिस्ते खून को जीभ से चाट ती हुई मुझे बड़े ही गौर से देखने लगी फिर वो मेरे पास आई और पॅंट के उपर से ही मेरे लंड को पकड़ते हुए कहा कि तुम्हारे साथ मज़ा आएगा और फिर मेरी पॅंट को खोल के मेरे लंड को हिलाने लगी मैने भी अपने हाथ उसकी चूचियो पर रख दिए और उनको दबा दिया उसकी एक आह निकली तो मैने और भी कस के चूची को दबा दिया अब वो मेरी टाँगो के बीच मे बैठी और मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और उस पर जीभ फेरते हुए मेरी तरफ देखने लगी
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ बड़ी ही खुरदरी थी उसकी जीभ मेरे सुपाडे को जैसे छील ही गयी मैने एक आह भरी तो उसने आधे लंड को अपने मुँह मे लिया और दिलकश निगाहो से मुझे देखती हुवी लंड पर काटने लगी लंड मे भी तनाव आना शुरू हो गया था तो वो भी अब फड़कने लगा था कुछ ही देर मे वो पूरे साइज़ मे आ गया सरिता की आँखो मे भी नशा भरने लगा था वो अब तेज तेज लंड पर चुप्पे लगाने लगी थी 8-10 मिनट तक उसने जी भर कर मेरे लंड को चूसा फिर वो खड़ी हुवी तो मैने उसको अपने सीने से लगा लिया और थोड़ा झुक कर उसको फिर से किस करते हुए उसकी स्कर्ट को उतार दिया अंदर उसने पैंटी नही डाली हुई थी शायद जान बुझ कर छोटे छोटे बालों से भरी उसकी चूत अच्छी दिख रही थी तो मैने उसको बेड पर पट का और उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया चूत किसी भट्टी की तरह गरम तप रही थी जैसे ही मेरे होंठो ने चोट को छुआ सरिता जैसे पिघल सी गयी अब उसको किसी का डर तो था नही तो उसने कमरी को सर पर उठा लिया कुछ ज़्यादा ही ज़ोर ज़ोर से वो आहे भरते हुए अपनी चूत को चुस्वा रही थी बार बार वो अपनी टाँगों को भीचती कभी खोलती कभी कुल्हो को मतकाती हुई वो चूत पर मेरी रेंगती हुवी जीभ का मज़ा ले रही थी कुछ टाइम ऐसे ही करने के बाद मैने लंड पर कॉंडम लगाया और उसने अपनी टाँगो को फैलाते हुए मुझे चूत तक आने का रास्ता दिया जैसे ही मैने लंड को अंदर घुसाया उसका चेहरा लाल हो गया उसने अपनी मुत्ठिया बंद कर ली और आँखो को बंद कर लिया तो मैने पूरी ताक़त लगाते हुए धक्का मारा और लंड को उसकी बच्चेदानी तक अड़ा दिया सरिता दोहरी हो गयी और मैं उस पर झुकता चला गया वो किसी गुड़िया की तरह से मुझसे चिपक गयी थी तो मैं अपने लंड को आहिस्ता आहिस्ता से अंदर बाहर करने लगा तो
सरिता मेरी गर्दन पर अपने दाँतों से काट ती हुई बोली कि ज़ोर ज़ोर से करो तो मैने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और उस गढ़वालन को चुदाई का असली सुख देने लगा इस छोटी सी जिंदगी मे मैं कई तरह की औरतो से मिल चुका था कइयो से दोस्ती थी कइयो को चोद चुका था पर सरिता जैसी चुड़दकड़ से कभी पाला नही पड़ा था वो बार बार मुझे तेज तेज करने को कह रही थी जब कि मैं पूरी स्पीड पकड़ चुका था तो मुझे खीज होने लगी मैने अपना लंड बाहर निकाला और साइड मे बैठ गया मैने कहा जा जो तेज तेज करे उस से चुदवा मैं अभी नही चोदता तुझे सरिता की चूत मे आग लगी थी तो वो बोली अरे वो तो मैं तुम्हारा जोश बढ़ने के लिए कह रही थी तो मैने कहा कि मुझे मेरे जोश पर भरोसा है तुझे चुदना है तो इज़्ज़त से चुद वरना मैं चला तो सरिता मेरी गोदी मे चढ़ गयी और बोली कि अरे आप तो बुरा मान गये और मुझे लीप किस करने लगी अब लंड तो मेरा भी खड़ा था तो मैने उसे गोदी मे ही लंड पर बिठा लिया और झूला झुलाने लगा मेरा लंड सरिता की बच्चेदानी से टकराने लगा था मैं मजबूती से उसके कुल्हो को थामे था और वो बड़े मज़े से उछल रही थी मेरी गोद मे उसकी चूत से पानी रिस्ते रिस्ते मेरी जाँघो को गीला कर रहा था उसकी चूचिया जब जब मेरे सीने से रगड़ खाती तो उतना ही मेरा लंड झटके ख़ाता मैं कभी उसके होंठो चूमता कभी उसकी गर्दन को फिर मैने उसे दुबारा से लिटा दिया और सरिता की सवारी करने लगा अब वो हद से ज़्यादा गरम हो चुकी थी अब वो झड़ने के बेहद करीब आ गयी थी और मैं भी बुरी तरह से उसको चोद रहा था कुछ सेकेंड बाद ही सरिता का बदन झटके खाने लगा और वो झड़ने लगी उसकी चूत से काफ़ी पानी निकला थोड़ी देर बाद मैने भी अपना पानी से कॉंडम को भर दिया अपनी फूली हुवी सांसो को काबू मे किया और सरिता के उपर से उतर कर साइड मे बैठ गया ।
कुछ देर बाद सरिता भी उठी और बेड की चादर से ही अपनी चूत को सॉफ किया और सामने वाली कुर्सी पर ही नंगी ही बैठ गयी और मेरी तरफ नशीली आँखो से देखने लगी मैं कॉंडम उतार रहा था कि वो बोली कि इसे मुझे दे दो तो मैने उसके हाथ मे कॉंडम रख दिया उसने मेरे वीर्य को अपनी चूचियो पर किसी लोशन की तरह लगाना शुरू कर दिया मैं उसको देखता ही रहा फिर सरिता उठी और किसी कुतिया की तरह चलते हुए मेरे पाँवो तक आई और फिर अपने मुँह को मेरी जाँघो के बीच मे दे दिया और मेरे सोए पड़े लंड को अपने मुँह मे लेके जगाने लगी वो अपनी जीभ को लंड और गोलियो पर अच्छे से फिरा रही थी लंड मे भी दुबारा से सुर सुराहट होने लगी थी साली एक नंबर की एक्सपर्ट थी लंड चूसने मे कुछ ही मिंटो मे लंड को दुबारा तैयार कर दिया था मैने उसके हाथ कुर्सी पर रखवाए और उसको झुकाते हुए पीछे से लंड को चूत पर लगा दिया और रगड़ने लगा अभी मेरा इरादा नही था डालने का तो मैं कुछ देर लंड को चूत पा रगड़ता फिर सुपाडे को अंदर डाल कर तुरंत ही बाहर निकाल लेता और फिर से रगड़ ता अब सरिता तो थी ही चुदासी रांड़ ऐसी हरकतों से वो तड़पने लगी और मैं उसके मज़े लेता रहा जब उसका सबर बिल्कुल टूट गया तो वो बोली अब इतना भी मत तड़पाओ डाल भी दो ना अंदर तो मैने एक ही झटके मे पूरे लंड को चूत मे उतार दिया इस धक्के से सरिता संभाल नही पाई और आगे को हो गई तो मैने उसकी कमर खीच कर उसको अड्जस्ट किया और उसकी चूचियो को मसल्ते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी सरिता उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ
उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ की आवाज़े निकलते हुए अपनी चूत मे समाए मेरे लंड का मज़ा लूट रही थी आज एक बात तो पक्की थी कि उसकी चूत का साइज़ आज इनक्रीस होने वाला था खैर मैंन उसके सर के बालों मे हाथ डालते हुए उसके चेहरे को उपर की ओर किया और डाना दन लंड को चूत मे पेलने लगा चोद्ते चोद्ते मैने पूछा कि गान्ड भी मरवाती हो क्या तो वो बोली कि पहले ईईए कभीइ आआअहह आअहह पहले कभी तो नहियीईई आआहह आअहह मरवाई है पर तुम मारलो कुछ टाइम के लिए तुम्हारी ही हू जो चाहे कर लो पर अभी प्लीज़ मेरा पाणिीईईईईईईईईईईईईईई
आआआआआआआआआआआआआआआआअहह आअहह आअहह मस्ती से सिसकारिया भरते हुए बोल रही थी कि अभी मेरा पानी निकलने दो मैने कहा हां और बेहद कस कस कर धक्के लगा ने लगा मैं दोनो हाथो से उसके बोबो को मसल रहा था तो वो भी अपने चुतड बार बार पीछे करके चुदाई का मज़ा ले रही थी उसके माथे से टपकती हुवी पसीने की बूंदे काँपति हुए टाँगो की थिरकन जैसे मुझे पागल ही करने पर तुली थी अब कमरे मे बस ठप ठप के सिवा कुछ आवाज़ नही आ रही थी सरिता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी थी उसके लाल लाल होंठो हल्के हल्के से कांप रहे थे उसके हाव भाव से मुझे लगने लगा था कि अब बस ये जाने ही वाली है तो मैने उसे बेड पर पटक दिया और तेज तेज से चोदने लगा 5 मिनट के अंदर ही उसकी चूत लंड से हार गयी और सरिता का बदन एक दम से ढीला पड़ गया उसकी छातिया तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी तो मैने उसे पलट दिया और उसके चुतड़ों पर ढेर सारा थूक लगाते हुए लंड को गान्ड पर लगा दिया और एक तेज शॉट मार दिया तो सुपाड़ा गान्ड को चीरते हुए आगे की ओर घुस गया सरिता दर्द से दोहरी हो गयी उसकी सांस जैसे अटक सी गयी और उसको खाँसी आ गयी आँखो से आँसू बह चले और वो रो पड़ी मेरा सुपाडा वैसे ही अटका पड़ा तो मैने उसके बदन को मजबूती से दबोचा और एक झटका और लगाया और आधा लंड गान्ड मे डाल दिया इस बार सरिता की हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी वो रोते रोते मुझे बोली क़ि मुझीईईईईईईई नाआआआआहियीईईईईईईईईईई मरानी है ओमम्म्मममममममम्मूऊऊुुुुुुुुुुुउउम्म्म्ममममममममममममममममममय्ययययययययययययययययययययययी तूमम्म्ममममममममममममममममममममममममम णीईीईईईईिकककककककककककककककककााआआआआआआलो इसे पर मैने उसकी बाद पर ज़्यादा ध्यान नही दिया वो अब सूबकिया लेने लगी थी मैने एक धक्का और लगाया और पूरा लंड गान्ड मे उतार दिया सरिता की हालत बहुत ही टाइट हो गयी थी वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी पर रोए तो रोए मैने दया नही दिखाई और उसकी गान्ड मारने लगा उसका बदन एक दम से तपने लगा था वो रोए जा रही थी पर अब गान्ड मरवाएगी तो दर्द तो झेलना ही पड़ेगा वैसे मैं दयावान आदमी हू पर उस टाइम मैने कोई दया नही दिखाई और उसकी गान्ड मारता ही रहा वो बार बार कह रही थी कि निकाल लो निकाल लो पर एक बार घुसने के बाद इतनी आसानी से कहाँ निकलता है तो मैं उसकी गान्ड तब तक मारता रहा जब तक कि मैं झाड़ ना गया तब कही जाके मैने लंड को उसकी गान्ड से बाहर निकाला और उसकी बगल मे पड़ गया फिर जब मेरी साँसे नियंत्रण मे आई तो मैने देखा कि उसकी गान्ड बुरी तरह से छिल गयी थी और खून निकल आया था
मैने उसे खड़ा किया तो जैसे तैसे वो उठी और लड़खड़ाते हुए बाथरूम मे चली गयी उसकी आँखे रो रो कर सूज गयी थी मैने अपने कपड़े पहन लिए थे अब टाइम हो गया था वहाँ से जाने का कोई दस मिनट बाद वो भी आ गयी और अपने कपड़े पहन ने लगी पर मुझ से कोई बात नही कर रही थी कुछ देर बाद हम नीचे आए फिर मैं अपने याडी के साथ वापिस हो लिया
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बदन मे थोड़ी थकान सी हो गयी थी तो रास्ते मे एक पपीता शेक पिया तो थोड़ी जान आई मुझे कुछ कपड़े खरीदने थे तो हम पल्टन बाजार चले गये एक दो जॅकेट ली और लेदर शूस भी खरीद लिए वही पे लंच किया और शाम होते होते हम वापिस अकादमी आ गये ये अकादमी की दीवारो के अंदर भी एक अलग ही दुनिया थी जिसमे हम रहा करते थे सिविलियेन्स से बिल्कुल अलग हर चीज़ रूल से चला करती थी
मैं खुश था कि मैं अपने खानदान का पहला लड़का था जिसके बदन पर सैनिक की वर्दी थी पर मुझे क्या पता था कि आगे ये लाइफ जिसे मैने बड़े ही चाव से चुना था मेरी पूरी जिंदगी को मंझदार मे लटका देगी और मैं किसी पिंजरे मे क़ैद पंछी सा हो जाउन्गा कुछ बॅच मेट्स थे जो मुझसे बहुत ही सुपीरियर थे हर चीज़ मे पर्सनॅलिटी मे और स्किल्स मे भी मैं तो एक आवारगी ट्रेनी था कभी भी टास्क मे टॉप नही किया था मैने बेस्ट कडेट बन ना तो बहुत दूर था
पर अपने को क्या अपन तो ऐसे ही जिए जैसे अपन चाहे अब बॅच मेट्स मे होड़ लगी थी एक दूसरे को पछाड़ने की और अपने अपने ग्रेड्स उँचे करने की उस टाइम तक मुझे ज़िंदगी से कोई शिकायत नही थी क्योंकि हर चीज़ थी मेरे पास जो मुझे चाहिए थी पर ना जाने क्यो एक ख़ालीपन सा महसूस होता था
फौज हमे सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो भाई चारे की भावना सिखाती है पर ना जाने क्यो मैं अपने आप मे ही रिज़र्व रहने लगा था बैच मेट्स से भी आज कल कम ही बात किया करता था ना दोस्तो मे बैठ ता था पद्मिरनी पर भी अब मैं इतना ध्यान देता था एक अजीब सा खाली पन सा था
क्या ये असर था निशा की यादो का जितना मैं उसे अपने दिमाग़ से आउट करने की कोशिश करता उतना ही मैं ताड़पता था मैं कई बार फोन देखता इस आस मे कि क्या पता कभी निशा का कोई फोन आ जाए पर ना जाने वो मर्जानी मुझे यू कैसे भूल गयी थी मैं बेहद परेशान रहने लगा था
मिता की कॉल आती पर मैं उस से भी बात नही करता था मेरे अंदर का बंजरापन मुझ पर हावी होने लगा था और उपर से ट्रैनिंग का प्रेशर बस संभाले हुए था मैं किसी तरह से खुद को पर अंदर अंदर टूट रहा था ना जाने क्यो मैं इतना बेताब था निशा को देखने के लिए , मैं उसका हाथ पकड़ना चाहता था मैं उसके गले लग कर रोना चाहता था कितनी ही बाते थी मेरे दिल मे जो मैं उसको बताना चाहता था
पर ना जाने वो कहाँ छुपी बैठी थी आख़िर क्यो वो मुझसे इतनी दूर हो गयी थी हर रोज मैं अपनी डायरी मे उसके बारे मे लिखा करता था ये कैसी डोर थी जो अब भी मुझे उसके साथ जोड़े हुए थी मैं अक्सर सोचा करता था कि क्या वो भी मुझे ऐसे ही याद करती होगी जैसे मैं उसको करता हू जितनी कशिश मुझे उसके लिए थी उतनी किसी के लिए भी नही थी पर कहाँ से लाउ उसको कहाँ ढूंढू मैं उसको ये एक ऐसा यक्ष प्रश्न था मेरे सामने जिसका कोई जवाब नही था
हर दिन मैं जब जाग ता तो निशा की याद आती और जब सोता तो वो खुद सपनो मे चली आती कही मैं पागल तो नही होने लगा था एक दिन मूर्ति सर ने मुझे घर बुलाया और समझाने लगे कि यू मस्ट फोकस ऑन युवर ट्रैनिंग इतने दिन सब कुछ झेला है फिर लास्ट मे क्यो दम तोड़ रहे हो मैने कहा सर आइ डॉन’ट नो व्हाट ईज़ हॅपनिंग वित मी इट’स आन एंपटिनएस्स ऑन माइ हार्ट
तो वो बोले की होता है कडेट ऐसा होता है कई कई दिन फॅमिली से दूर रहते है अकेलापन हावी हो जाता है पर यू आर ब्रेव सोल्जर फर्गेट ऑल थिंग्स आंड थिंक ऑफ युवर फ्यूचर यू विल लेड आर्मी सून और वैसे भी हम भी तुम्हारी फॅमिली जैसे ही है ना सच ही तो कह रहे थे वो फॅमिली की तरह ही तो ट्रीट करते थे वो मुझे वरना आज के जमाने मे कॉन किसका हुआ है
मुझे वापिस होस्टल जाना था तो मैने कहा सर मैं निकलूं तो वो बोले कि अरे अभी कहाँ जा रहे हो डिन्नर करके ही जाना बस थोड़ी देर लगेगी तो मैने कहा ओके सर और वही पर बैठ कर टीवी देखने लगा कुछ मिनट बाद सर बोले तुम बैठो मैं ज़रा शॉपिंग सेंटर तक होके आता हू तो मैने कहा सर मुझे बता दो क्या सामान लाना है मैं ला देता हू तो वो बोले अरे नही तुम बैठो मैं ही होके आता हू
और वो निकल गये उनके जाते ही पद्मि नी ने मुझे किचिन मे बुला लिया और मुझ से चिपक गयी और बोली कि घर क्यो नही आते कितना इंतज़ार करती हू मैं तुम्हारा तो मैने कहा डार्लिंग अभी आपको तो पता ही है ना कि थोड़ा मेंटली डिस्टर्ब हू निशा की वजह से तो वो बोली कि डियर , उसको तुमसे मिलना होगा तो ज़रूर गॉड कुछ ना कुछ करके मिलवाएँगे बट मस्ट हॅव फेत और अभी तुम प्रॉमिस करो की पूरे कॉन्सेंट्रेशन से ट्रैनिंग करोगे तो मैने कहा अब आपका कहा थोड़ी ना टाल सकता हू
होटेल पहुचने मे भी आधा पोना घंटा लगना था तो पद्मिछनी मेरे कंधे पर अपना सर रख कर लेट सी गयी और एक झपकी सी लेने लगी सोते हुए वो बेहद ही मासूम लगती थी खैर हम होटेल पहुच गये और अपने रूम मे जाते ही वो मेरे सीने से लग गयी और बोली कि आइ’म रियली थॅंकफुल टू यू बिकॉज़ यू गेव मे सच आ प्लेषर यू सॅटिस्फाइड मी विद आ न्यू फ्लेवर तुम्हारे साथ रहकर मैने सेक्स को एक नये तरीके से महसूस किया है मूर्ति तुम्हारा जैसा नही कर सकता वो बहुत ट्रडीशनल है थॅंक्स फॉर कमिंग इन माइ लाइफ फिर वो बोली कि आज मैं तुमसे एक चीज़ मांगती हू तो मैने कहा सब कुछ ही आपका है जो माँग ना हो माँग लो तो वो बोली कि क्या तुम मेरे लाइफ टाइम फ्रेंड बनॉगे आइ मीन ट्रैनिंग के बाद जब तुम्हारी पोस्टिंग कहीं ओर हो जाएगी तब भी क्या तुम मुझे कभी कभी मिलोगे तो मैने कहा मॅम ये दोस्ती बड़ी ही अलग सी चीज़ होती है क्या आप निभा पाओगे तो वो बोली कि आइ प्रॉमिस टू यू तो मैने कहा ठीक है हमारा ये रिश्ता हमेशा रहे गा जब भी आप बुलाओगे मैं आउन्गा और अगर मैं बुलाउन्गा तो आप को भी आना पड़ेगा तो वो बोली कभी भी आजमा कर देख लेना मैने कहा थॅंक्स फॉर युवर फ्रेंड शिप मैं उसके चुतड़ों को मसल्ते हुए बोला कि चलो इसी बात पे गान्ड मर्वाओ तो वो बोली कि मार लो तुम्हे किसने रोका है सब कुछ तुम्हारा ही है जैसे चाहो उसे करो तो मैने कहा कि भाभी आपकी यही अदा तो मुझे दीवाना कर देती है तो मैने उनकी साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और वो गोल गोल घूमते हुए अपनी साड़ी को उतरवाने लगी बिल्कुल फिल्मी अंदाज मे जैसे ही साड़ी उतरी वो फिर से मेरे सीने से आ लगी उनकी ढोंकनी सी उपर नीचे होती हुवी छातिया मेरे सीने मे दबने लगी उनकी गरम सांस मेरे चेहरे पर पड़ रही थी तो मुझे एक नशा सा चढ़ने लगा उनकी सांसो किखुश्बू से मुझे मदहोशी छाने लगी तो मैने पेटिकोट के नाडे मे हाथ फसाया और उसके नाडे को खोल दिया और उनकी मक्खन सी चिकनी जाँघो पर मेरा हाथ रेंगने लगा पद्मि नी मेरी बाहों मे समाने को आतुर थी तो मैने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी ब्रा और पैंटी को
भी उतार कर उसको पूरा नंगा कर दिया और अपने कपड़े भी उतार दिए तो पद्मि नी मेरी गोद मे आकर सिमट गयी तो मैं उसकी गर्दन पर अपने दाँतों से काट ते हुए उसके बोबो से खेल ने लगा फिर उन्होने अपना मुँह मेरी ओर घुमाया और हमारे होंठो एक दूसरे से जुड़ गये माहौल बड़ा ही रस से भर चुका था सरगोशिया दौड़ ने लगी थी वातावरण मे रात भी अपने पूरे शबाब पर थी तो मैने बिना देर करते हुए उनको उल्टी लिटाया और अपने लंड को पद्मि नी की मोटी गान्ड पर लगा दिया और एक धक्का लगा दिया पद्मि नी ने अपने बदन को टाइट कर लिया पर लंड गान्ड मे आधा चला गया उनको थोड़ा दर्द भी हो रहा था पर उन्होने एक उफ्फ भी ना की उन्होने अपने बदन को पूरी तरह से मुझे समर्पित कर दिया था मैने थोड़ी पेल और मारी और लंड को जड़ तक पद्मिझनी की मस्तानी गान्ड मे उतार दिया और हिचकोले खाते हुए पद्मिदनी की गान्ड को मारने लगा थोड़ी देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा तो उसने भी अपने शरीर को ढीला कर दिया और मुझसे बाते करते हुए अपनी गान्ड मे लंड लेने लगी पद्मियनी बोली कि बस तुम ऐसे ही मुझे अपनी बाहों मे लेकर प्यार करते रहो मैं चाहती हू कि ये टाइम यही पर रुक जाए और हम दोनो यू ही एक हुए पड़े रहे तो मैने कहा डार्लिंग हम तो अब एक ही है ना तो मैं उनके गोलगप्पे जैसे गालो को खाते हुए गान्ड मारने लगा
गान्ड मेरे लंड पर बहुत ज़्यादा दबाव डाल रही थी जिस कारण मैं तेज तेज धक्के नही लगा पा रहा था पर फिर भी मज़ा आ रहा था कभी कभी जब उसके मुँह से एक दर्द भरी आवाज़ निकल पड़ती तो मेरा जोश और भी ज़्यादा हो जाता था पूरे आधे घंटे तक दबा कर मैने पद्मि नी की गान्ड मारी जब मेरा होने वाला था तो उसने कहा कि तुम अपना वीर्य मेरी नाभि मे गिराना तो मैने तुरंत ही उसको पलटा और उसकी नाभि को लंड से निकलते पानी से भरने लगा और फिर उसकी बगल मे जाके लेट गया पद्मिकनी लेटी लेटी नाभि मे पड़े वीर्य मे उंगली गोल गोल घुमाने लगी और फिर उस उंगली को अपने मुँह मे डाल के चूसने लगी फिर मैं पेशाब करने चला गया थोड़ा पानी पिया और वापिस उसके पास आ गया तो वो बोली कि एक काम करो मेरी चूत मे उंगली करके मुझे भी शांत करदो तो मैने कहा थोड़ी देर रुक जाओ तो चोद ही दूँगा पर वो बोली नही अभी तो तुम उंगली से ही मुझे शांत कर दो तो मैने दो उंगलिया पद्मिोनी की प्यासी फूली हुई चूत मे डाल दी और बड़े ही प्यार से चूत को मसल्ने लगा उसकी चूत तो पहले से ही काफ़ी पानी बहा रही थी और फिर मैं तेज तेज उंगली को अंदर बाहर कर रहा था पद्मिबनी लंबी लंबी सांस ले रही थी और मुस्कुराते हुए अपनी चूत मे उंगली करवा रही थी 8-10 मिनट तक मैने खूब ज़ोर से चूत को दबाया मसला और फिर पद्मिहनी ने भी अपना पानी मेरी हथेली मे गिरा दिया और फिर मेरी बाहों मे पसर गयी मैं उसको लिए लिए उसकी बाहों मे सो गया
जब मेरी आँख खुली तो पद्मिेनी मेरी बाहों मे लिपटी सोई पड़ी थी हमारी ट्रेन रात की थी तो पूरा दिन हमें होटेल मे ही स्पेंड करना था तो मैं उसको डिस्टर्ब नही करना चाहता था तो मैंन आहिश्ता से खड़ा हुआ और बाथरूम मे घुस गया और फ्रेश होकर वापिस आ गया पद्मिसनी सो ही रही थी तो मैने घर फोन कर दिया और सब का हाल चाल पूछने लगा कई दिन बाद घर फोन किया था तो बात थोड़ी ज़्यादा लंबी हो गयी मैने फोन कट किया और मूड कर देखा तो पद्मितनी जाग गयी थी और मुझे बड़े ही प्यार से देख रही थी मैने कहा आप सो रहे थे तो मैने सोचा क्यों ना घर पे ही फोन कर लू फिर उन्होने पूछा कि घर पे सब ठीक है तो मैने कहा सब भले चन्गे है फिर उन्होने मुझे एक प्यारी सी किस दी और बाथरूम मे घुस गयी
मैं उसकी मटकती गान्ड को घूर घूर कर देखता रहा आधे घंटे बाद जब वो बाहर आई तो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे ही थी तो मेरा लंड फिर से उत्तेजित होने लगा तो मैने अपना कच्छा उतार दिया और पद्मिरनी को लंड चूसने का इशारा किया वो मटकते हुए मेरे पास आई और घुटनो के बल बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगी अबकी बार वो तेज तेज मुँह चला रही थी और लंड चूस्ते चूस्ते अपने हाथ से मेरे टट्टो को भी मसल्ने लगी तो मैं उत्तेजना से भर उठा पद्मितनी की होंठो से थूक बहकर उसकी चूचियो और उसकी जाँघो पर पड़ रहा था पर उसे कोई परवाह नही थी वो अपनी बड़ी बड़ी आँखो से मुझे देखते हुए मेरे लंड पर कहर ढा रही थी तो करीब 5 मिनट तक उसको लंड चुसवाने के बाद मैने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी टाँगो को उठा ते हुए उनकी कच्छि को उतार दिया मैने बड़े ही प्यार से उनकी पैंटी को अपने मुँह मे दबा कर चूमा और फिर साइड मे एक दिया और उसकी काली काली चूत पर अपने चेहरे को झुका लिया और अपनी जीभ को गोल गोल करके घुमाने लगा पद्मिकनी की नस नस मे वासना की तरंग दौड़ उठी और वो अपनी मस्त जाँघो को बेड पर पटाकने लगी उसके तन बदन मे जैसे भूचाल सा आ गया था पद्मिपनी काँपते हुए लहजे मे बोली कि यार तुम इसको लीक बहुत ही अच्छा करते हो तो मैं और भी मस्ती से चूत के खारे पानी को चाटने लगा थोड़ी देर बाद मैं बेड पर लेट गया और अपने खड़े लंड को दिखाते हुए पद्मिीनी को लंड पर बैठने का इशारा किया तो वो मुस्काई और झट से मेरे उपर आते हुए लंड को पकड़ कर चूत के मुंहाने पा रख दिया और उस पर बैठ ने लगी
जब पूरा लंड चूत मे समा गया तो फिर वो खुल के मैन्दान मे आ गई और मेरी चेस्ट पर अपने हाथ मजबूती से रखते हुए अपनी गान्ड को हिलान लगी उसकी गान्ड की थिरकन से मेरा लंड और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया मैने अपने हाथ से उसके कुल्हो को थाम लिया और चुदाई का मज़ा लेने लगा पद्मिहनी के मोटे मोटे चुतड़ों को मसल्ते हुए मैं पूरा मज़ा ले रहा था और वो भी पूरे जोश से मेरे लंड पर कूद रही थी फिर वो थोड़ा सा आगे को झुकी तो मैने उसकी झूलती हुवी चूची को अपने मुँह मे ले लिया जैसे ही उसके निप्पल्स पर मेरी जीभ टच हुई पद्मिकनी और भी ज़्यादा गरम हो गयी और बेहद तेज़ी से लंड पर कूदने लगी दूसरी ओर मैं अपने हाथो से उसके कुल्हो पर दबाव डाल रहा था पद्मि नी काफ़ी देर से मेरी लंड पर झूल रही थी तो उसको थकान होने लगी थी तो वो उपर से उतर गयी और मैं उसके उपर चढ़ गया और अब मेरी बारी थी उसकी चूत पर धक्के लगा ने की पद्मिढनी ने अपनी टाँगे मेरी कमर के चारो ओर लपेट ली और मेरे होंठो को चूमते चूमते अपनी चूत मुझे दे रही थी मैं तेज तेज धक्के मारता वो अपने बदन को उतना ही टाइट कर रही थी मेरे बदन मे भी अब झड़ने का सिग्नल आ रहा था तो मैने कहा डार्लिंग मैं जाने वाला हू तो वो बोली कि कुछ देर और सर्वाइव करो मैं भी समझो पहुच ही गयी पर मैं तो किनारे पर ही आ गया था तो मेरे लंड से वीर्य छूट गया पर फिर भी मैने कुछ धक्के और मारे और फिर पद्मि नी भी झाड़ गयी तो उसने मुझे धक्का देते हुए अपने उपर से उतार दिया और मेरे सीने से लग कर आहे भरने लगी फिर कुछ देर बाद हम ने कपड़े पहने और फिर मैने नाश्ता रूम मे ही मंगवा लिया और वही खाने लगे नाश्ते के बाद मैने कहा भाभी आप पॅकिंग को चेक कर लो कहीं कुछ रह ना जाए तो वो बोली कि सब सामान रख लिया बस शाम को चलना ही है तो मैने कहा कि मुंबई के ट्रॅफिक का कोई भरोसा नही है तो थोड़ा पहले ही निकलेंगे तो वो बोली हम पर अभी तो पूरा दिन ही पड़ा है तो मैं उनके चुतड़ों पर चिकोटी काट ते हुए बोला कि पूरा दिन पड़ा है तो …. वो कहने लगी कि अभी थोड़ी देर पहले ही तो किया है थोड़ा रेस्ट करते है फिर चलने से पहले एक बार और तुमको खुश करूँगी तो मैने कहा ओके फिर वो टीवी देखने लगी और मैं आँखे बंद कर के लेट गया एक बार सोया तो फिर सीधा शाम को 6 बजे ही आँख खुली तो मैं उनको बोला आपने दुपहर मे मुझे जगाया क्यो नही तो वो बोली कि अरे तुम गहरी नींद मे थे तो मैने तुम्हे डिस्टर्ब नही किया और फिर सेक्स तो हम ट्रेन मे भी कर लेंगे तो मैने कहा ठीक है अब जल्दी से एक बार सामान को चेक कर्लो फिर हम निकल जाएँगे ।
7 बजते बजते हम ने होटेल छोड़ दिया और टॅक्सी लेकर स्टेशन का रास्ता पकड़ लिया ट्रेन आने मे टाइम था तो हम वेट करने लगे उन्होने कुछ पत्रिकाए खरीद ली थी पढ़ने के लिए जब ट्रेन आई तो मैने चार्ट मे अपना और उनका नाम चेक किया और फिर अपने डिब्बे की तरफ बढ़ चले एक बार फिर एक कॅबिन हमारे लिए रिज़र्व था तो कोई टेंशन की बात नही थी ट्रेन ने सीटी मारी और फिर चल पड़ी हमे लेकर जैसे ही लाइट्स डिंम हुवी मैं पद्मिटनी पर टूट पड़ा और जब तक ट्रेन देहरादून स्टेशन पर पहुचि मैं पद्मिपनी को कई बार चोद चुका था एक हफ्ते की लगातार सदाबहार चुदाई से पद्मिटनी का यौवन और भी ज़्यादा खिल गया था स्टेशन पर उतरते ही पद्मिटनी ने कहा कि मैं अभी जाउन्गी और तुम दो तीन घंटे बाद आना तो मैने कहा कि नो प्राब्लम तो मैं फिर शाम तक ही अकादमी मे एंट्री किया और रिपोर्टिंग के बाद होस्टल चला गया
मैं जिस काम के लिए मुंबई गया था वो तो हुआ नही पर पद्मिीनी ने जो प्यार दिया था वो भी भुलाए नही भूल रहा था इधर अकादमी मे आने के बाद मैं बहुत बिज़ी हो गया था बस सनडे को ही पद्मिदनी से मुलाकात होती थी बाकी सूखा ही पड़ा था एक तो हार्डकोर ट्रैनिंग ने गान्ड मार रखी थी और पद्मिहनी से भी नही मिल पा रहा था मुट्ठी मारने का भी टाइम नही था बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाया करती थी और अगली सुबह फिर से वोही परेशानी सारा दिन शरीर दुख़्ता ही रहता था चिल चिलाती धूप मे युधाभ्यास की रियल टाइम ट्रैनिंग चल रही थी तो बस वॉट लगी पड़ी थी कभी कभी ऋतु मॅम का फोन आ जाता था वो भी चुदने को ही मचलती रहती थी मैने कहा था कि मॅम जैसे ही कुछ जुगाड़ होगा आप से भी मिलूँगा मैं खुद भी बड़ा ही परेशान था ट्रेनिंग के चार साल तो कट गये थे पर ये लास्ट के कुछ महीने गान्ड ही मार रहे थे पर ये टाइम भी किसी तरह से झेलना ही था हाँ बस इतना था कि दो तीन दिन मे पद्मिकनी फोन कर लिया करती थी तो थोड़ा सा आराम मिल जाया करता था एक शाम मैने मिता को फोन लगाया तो पता चला कि हिमाचल के ही सरकारी. हॉस्पिटल मे उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी और अगले कुछ महीनो मे वो किसी ना किसी हॉस्पिटल मे जॉब के लिए अप्लाइ कर देगी वैसे वो आर्म्ड फोर्सस की मेडिकल कॉर्प के बारे मे सोच रही थी पर मैने उसको स्ट्रिक्ट्ली मना कर दिया कि तू जॉब करेगी तो सिविल एरिया मे ही करेगी मैने मिता से कहा कि यार कुछ भी करके तुझे मेरी पासिंग परेडे मे आना है तो वो बोली कि वो देखेगी अगर कोई प्राब्लम ना हुवी तो वो पक्का आएगी फिर कुछ प्यार मोहब्बत की बाते करने के बाद मैने फोन कट कर दिया तो दोस्तो एक महीना ऐसे ही गुजर गया मैं बड़ा ही परेशान था पद्मि नी को चोदने का तो दूर किस करने का सिंगल मौका भी नही मिला था एक दिन मेरे कॅंटीन वाले दोस्त का फोन आया कि यार एक गढ़वाली औरत मिली है क्लेमेनटाउन साइड मे बस तेरे लिए ही तू देख ले अगर फ्री हो तो , तो मैने कहा भाई सनडे को मीटिंग फिक्स कर्दे तो वो बोला कि यार वो कोई पैसे मे धंधा नही करती है ठीक घर की है तो मैने कहा कि फिर वो मुझसे क्यो चुदेगि तो वो बोला यार उसकी एक फ्रेंड को मैने फसाया हुआ था तो उसको पता चला तो वो भी थोड़ा एंजाय करना चाहती है अब मैं तो कर नही सकता तो तू चान्स ले ले मैने कहा थॅंक्स भाई पर मैं सनडे को ही मिल सकता हू तो वो बोला ओके मैं बात करके बता ता हूँ मैने सोचा चलो यार याडी ने ये काम सही किया थोड़ी गर्मी शांत हो जाएगी पर पंगा कॅंपस से बाहर जाने का था तो मैने मूर्ति सर को कहा कि सर मुझे कुछ काम है आउट पास का इंतज़ाम कर वा दो तो वो बोले कि नो प्राब्लम मैं लेटर इश्यू कर दूँगा तुम शाम तक घूम फिर आना मैं खुश हो गया अब मुझे इंतज़ार था सनडे का और लंड को एक नयी चूत का दो दिन और गुजर गये अगले दिन सनडे था मैने पद्मिननी को फोन करके बता दिया था कि मैं आज बाहर जा रहा हू कुछ ज़रूरी काम से तो वो नाराज़ हो गयी और फोन कट कर दिया मैने सोचा कि इसको बाद मे पटा लूँगा फिर मैं अपने याडी के साथ निकल पड़ा उसने किसी को फोन किया तो करीब पंद्रह मिनट बाद जहाँ हम खड़े थे एक कार आके रुकी उसमे दो लॅडीस थी हम दोनो भी बैठ गये और आधे घंटे बाद कार एक बंगले मे एंटर कर गयी मैं सोच रहा था कि इस कमिने ने इतने मस्त और अमीर माल पर कैसे हाथ सॉफ कर दिया अंदर जाते ही हमारा इंट्रोडक्षन हुआ तो पता चला कि जो औरत आज मेरी पार्ट्नर बन ने वाली थी उसका नाम था सरिता उमर 26-27 साल हाइट थोड़ी छोटी शरीर ना ज़्यादा पतला ना ज़्यादा मोटा था तो सरिता ने बिना किसी भूमिका के डाइरेक्ट्ली कहा कि देखो हम सब यहाँ पर फुल एंजाय करने के लिए आए है तो हमे उस पर ही कॉन्सेंट्रेट करना चाहिए और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उपर के कमरे मे ले आई वो दोनो नीचे ही रह गये सरिता मुझे कुछ ज़्यादा ही बोल्ड लगी कमरे मे आते ही उसने गेट को लॉक किया और मुझसे कहने लगी कि क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है मैं मन ही मन हँसा और कहा कि अब ये सुनारों के आगे सुई बेचेगी वो बोली की देखो मुझे बस वाइल्ड सेक्स की ही हसरत है मैने कुछ नही कहा मैने सोच लिया था इसको कुछ ज़्यादा ही घमंड है या ये कुछ ज़्यादा शो-ऑफ कर रही है तो मैने उसको पकड़ा और उसके होंठो पर अपने प्यासे लब रख दिए और कस कस के उसके होंठो चूसने लगा
मैने भी सोच लिया था कि आज इसके बदन पर अपनी जवानी का सिग्नेचर ज़रूर करना है और कुछ इस तरह से करना है कि ये भी हमेशा याद रखे की मिला था कोई कुछ देर बाद मेरी गरम सांसो से उसके होंठो जलने लगे पर मैं उसको नही छोड़ रहा था जब तक कि उसके निचले होंठो से खून ना निकला मैं उसके होंठो को निचोड़ता ही रहा जब वो मुझसे अलग हुई तो वो अपने होंठो से रिस्ते खून को जीभ से चाट ती हुई मुझे बड़े ही गौर से देखने लगी फिर वो मेरे पास आई और पॅंट के उपर से ही मेरे लंड को पकड़ते हुए कहा कि तुम्हारे साथ मज़ा आएगा और फिर मेरी पॅंट को खोल के मेरे लंड को हिलाने लगी मैने भी अपने हाथ उसकी चूचियो पर रख दिए और उनको दबा दिया उसकी एक आह निकली तो मैने और भी कस के चूची को दबा दिया अब वो मेरी टाँगो के बीच मे बैठी और मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और उस पर जीभ फेरते हुए मेरी तरफ देखने लगी
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ बड़ी ही खुरदरी थी उसकी जीभ मेरे सुपाडे को जैसे छील ही गयी मैने एक आह भरी तो उसने आधे लंड को अपने मुँह मे लिया और दिलकश निगाहो से मुझे देखती हुवी लंड पर काटने लगी लंड मे भी तनाव आना शुरू हो गया था तो वो भी अब फड़कने लगा था कुछ ही देर मे वो पूरे साइज़ मे आ गया सरिता की आँखो मे भी नशा भरने लगा था वो अब तेज तेज लंड पर चुप्पे लगाने लगी थी 8-10 मिनट तक उसने जी भर कर मेरे लंड को चूसा फिर वो खड़ी हुवी तो मैने उसको अपने सीने से लगा लिया और थोड़ा झुक कर उसको फिर से किस करते हुए उसकी स्कर्ट को उतार दिया अंदर उसने पैंटी नही डाली हुई थी शायद जान बुझ कर छोटे छोटे बालों से भरी उसकी चूत अच्छी दिख रही थी तो मैने उसको बेड पर पट का और उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया चूत किसी भट्टी की तरह गरम तप रही थी जैसे ही मेरे होंठो ने चोट को छुआ सरिता जैसे पिघल सी गयी अब उसको किसी का डर तो था नही तो उसने कमरी को सर पर उठा लिया कुछ ज़्यादा ही ज़ोर ज़ोर से वो आहे भरते हुए अपनी चूत को चुस्वा रही थी बार बार वो अपनी टाँगों को भीचती कभी खोलती कभी कुल्हो को मतकाती हुई वो चूत पर मेरी रेंगती हुवी जीभ का मज़ा ले रही थी कुछ टाइम ऐसे ही करने के बाद मैने लंड पर कॉंडम लगाया और उसने अपनी टाँगो को फैलाते हुए मुझे चूत तक आने का रास्ता दिया जैसे ही मैने लंड को अंदर घुसाया उसका चेहरा लाल हो गया उसने अपनी मुत्ठिया बंद कर ली और आँखो को बंद कर लिया तो मैने पूरी ताक़त लगाते हुए धक्का मारा और लंड को उसकी बच्चेदानी तक अड़ा दिया सरिता दोहरी हो गयी और मैं उस पर झुकता चला गया वो किसी गुड़िया की तरह से मुझसे चिपक गयी थी तो मैं अपने लंड को आहिस्ता आहिस्ता से अंदर बाहर करने लगा तो
सरिता मेरी गर्दन पर अपने दाँतों से काट ती हुई बोली कि ज़ोर ज़ोर से करो तो मैने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और उस गढ़वालन को चुदाई का असली सुख देने लगा इस छोटी सी जिंदगी मे मैं कई तरह की औरतो से मिल चुका था कइयो से दोस्ती थी कइयो को चोद चुका था पर सरिता जैसी चुड़दकड़ से कभी पाला नही पड़ा था वो बार बार मुझे तेज तेज करने को कह रही थी जब कि मैं पूरी स्पीड पकड़ चुका था तो मुझे खीज होने लगी मैने अपना लंड बाहर निकाला और साइड मे बैठ गया मैने कहा जा जो तेज तेज करे उस से चुदवा मैं अभी नही चोदता तुझे सरिता की चूत मे आग लगी थी तो वो बोली अरे वो तो मैं तुम्हारा जोश बढ़ने के लिए कह रही थी तो मैने कहा कि मुझे मेरे जोश पर भरोसा है तुझे चुदना है तो इज़्ज़त से चुद वरना मैं चला तो सरिता मेरी गोदी मे चढ़ गयी और बोली कि अरे आप तो बुरा मान गये और मुझे लीप किस करने लगी अब लंड तो मेरा भी खड़ा था तो मैने उसे गोदी मे ही लंड पर बिठा लिया और झूला झुलाने लगा मेरा लंड सरिता की बच्चेदानी से टकराने लगा था मैं मजबूती से उसके कुल्हो को थामे था और वो बड़े मज़े से उछल रही थी मेरी गोद मे उसकी चूत से पानी रिस्ते रिस्ते मेरी जाँघो को गीला कर रहा था उसकी चूचिया जब जब मेरे सीने से रगड़ खाती तो उतना ही मेरा लंड झटके ख़ाता मैं कभी उसके होंठो चूमता कभी उसकी गर्दन को फिर मैने उसे दुबारा से लिटा दिया और सरिता की सवारी करने लगा अब वो हद से ज़्यादा गरम हो चुकी थी अब वो झड़ने के बेहद करीब आ गयी थी और मैं भी बुरी तरह से उसको चोद रहा था कुछ सेकेंड बाद ही सरिता का बदन झटके खाने लगा और वो झड़ने लगी उसकी चूत से काफ़ी पानी निकला थोड़ी देर बाद मैने भी अपना पानी से कॉंडम को भर दिया अपनी फूली हुवी सांसो को काबू मे किया और सरिता के उपर से उतर कर साइड मे बैठ गया ।
कुछ देर बाद सरिता भी उठी और बेड की चादर से ही अपनी चूत को सॉफ किया और सामने वाली कुर्सी पर ही नंगी ही बैठ गयी और मेरी तरफ नशीली आँखो से देखने लगी मैं कॉंडम उतार रहा था कि वो बोली कि इसे मुझे दे दो तो मैने उसके हाथ मे कॉंडम रख दिया उसने मेरे वीर्य को अपनी चूचियो पर किसी लोशन की तरह लगाना शुरू कर दिया मैं उसको देखता ही रहा फिर सरिता उठी और किसी कुतिया की तरह चलते हुए मेरे पाँवो तक आई और फिर अपने मुँह को मेरी जाँघो के बीच मे दे दिया और मेरे सोए पड़े लंड को अपने मुँह मे लेके जगाने लगी वो अपनी जीभ को लंड और गोलियो पर अच्छे से फिरा रही थी लंड मे भी दुबारा से सुर सुराहट होने लगी थी साली एक नंबर की एक्सपर्ट थी लंड चूसने मे कुछ ही मिंटो मे लंड को दुबारा तैयार कर दिया था मैने उसके हाथ कुर्सी पर रखवाए और उसको झुकाते हुए पीछे से लंड को चूत पर लगा दिया और रगड़ने लगा अभी मेरा इरादा नही था डालने का तो मैं कुछ देर लंड को चूत पा रगड़ता फिर सुपाडे को अंदर डाल कर तुरंत ही बाहर निकाल लेता और फिर से रगड़ ता अब सरिता तो थी ही चुदासी रांड़ ऐसी हरकतों से वो तड़पने लगी और मैं उसके मज़े लेता रहा जब उसका सबर बिल्कुल टूट गया तो वो बोली अब इतना भी मत तड़पाओ डाल भी दो ना अंदर तो मैने एक ही झटके मे पूरे लंड को चूत मे उतार दिया इस धक्के से सरिता संभाल नही पाई और आगे को हो गई तो मैने उसकी कमर खीच कर उसको अड्जस्ट किया और उसकी चूचियो को मसल्ते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी सरिता उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ
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फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफुऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ की आवाज़े निकलते हुए अपनी चूत मे समाए मेरे लंड का मज़ा लूट रही थी आज एक बात तो पक्की थी कि उसकी चूत का साइज़ आज इनक्रीस होने वाला था खैर मैंन उसके सर के बालों मे हाथ डालते हुए उसके चेहरे को उपर की ओर किया और डाना दन लंड को चूत मे पेलने लगा चोद्ते चोद्ते मैने पूछा कि गान्ड भी मरवाती हो क्या तो वो बोली कि पहले ईईए कभीइ आआअहह आअहह पहले कभी तो नहियीईई आआहह आअहह मरवाई है पर तुम मारलो कुछ टाइम के लिए तुम्हारी ही हू जो चाहे कर लो पर अभी प्लीज़ मेरा पाणिीईईईईईईईईईईईईईई
आआआआआआआआआआआआआआआआअहह आअहह आअहह मस्ती से सिसकारिया भरते हुए बोल रही थी कि अभी मेरा पानी निकलने दो मैने कहा हां और बेहद कस कस कर धक्के लगा ने लगा मैं दोनो हाथो से उसके बोबो को मसल रहा था तो वो भी अपने चुतड बार बार पीछे करके चुदाई का मज़ा ले रही थी उसके माथे से टपकती हुवी पसीने की बूंदे काँपति हुए टाँगो की थिरकन जैसे मुझे पागल ही करने पर तुली थी अब कमरे मे बस ठप ठप के सिवा कुछ आवाज़ नही आ रही थी सरिता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी थी उसके लाल लाल होंठो हल्के हल्के से कांप रहे थे उसके हाव भाव से मुझे लगने लगा था कि अब बस ये जाने ही वाली है तो मैने उसे बेड पर पटक दिया और तेज तेज से चोदने लगा 5 मिनट के अंदर ही उसकी चूत लंड से हार गयी और सरिता का बदन एक दम से ढीला पड़ गया उसकी छातिया तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी तो मैने उसे पलट दिया और उसके चुतड़ों पर ढेर सारा थूक लगाते हुए लंड को गान्ड पर लगा दिया और एक तेज शॉट मार दिया तो सुपाड़ा गान्ड को चीरते हुए आगे की ओर घुस गया सरिता दर्द से दोहरी हो गयी उसकी सांस जैसे अटक सी गयी और उसको खाँसी आ गयी आँखो से आँसू बह चले और वो रो पड़ी मेरा सुपाडा वैसे ही अटका पड़ा तो मैने उसके बदन को मजबूती से दबोचा और एक झटका और लगाया और आधा लंड गान्ड मे डाल दिया इस बार सरिता की हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी वो रोते रोते मुझे बोली क़ि मुझीईईईईईईई नाआआआआहियीईईईईईईईईईई मरानी है ओमम्म्मममममममम्मूऊऊुुुुुुुुुुुउउम्म्म्ममममममममममममममममममय्ययययययययययययययययययययययी तूमम्म्ममममममममममममममममममममममममम णीईीईईईईिकककककककककककककककककााआआआआआआलो इसे पर मैने उसकी बाद पर ज़्यादा ध्यान नही दिया वो अब सूबकिया लेने लगी थी मैने एक धक्का और लगाया और पूरा लंड गान्ड मे उतार दिया सरिता की हालत बहुत ही टाइट हो गयी थी वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी पर रोए तो रोए मैने दया नही दिखाई और उसकी गान्ड मारने लगा उसका बदन एक दम से तपने लगा था वो रोए जा रही थी पर अब गान्ड मरवाएगी तो दर्द तो झेलना ही पड़ेगा वैसे मैं दयावान आदमी हू पर उस टाइम मैने कोई दया नही दिखाई और उसकी गान्ड मारता ही रहा वो बार बार कह रही थी कि निकाल लो निकाल लो पर एक बार घुसने के बाद इतनी आसानी से कहाँ निकलता है तो मैं उसकी गान्ड तब तक मारता रहा जब तक कि मैं झाड़ ना गया तब कही जाके मैने लंड को उसकी गान्ड से बाहर निकाला और उसकी बगल मे पड़ गया फिर जब मेरी साँसे नियंत्रण मे आई तो मैने देखा कि उसकी गान्ड बुरी तरह से छिल गयी थी और खून निकल आया था
मैने उसे खड़ा किया तो जैसे तैसे वो उठी और लड़खड़ाते हुए बाथरूम मे चली गयी उसकी आँखे रो रो कर सूज गयी थी मैने अपने कपड़े पहन लिए थे अब टाइम हो गया था वहाँ से जाने का कोई दस मिनट बाद वो भी आ गयी और अपने कपड़े पहन ने लगी पर मुझ से कोई बात नही कर रही थी कुछ देर बाद हम नीचे आए फिर मैं अपने याडी के साथ वापिस हो लिया
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बदन मे थोड़ी थकान सी हो गयी थी तो रास्ते मे एक पपीता शेक पिया तो थोड़ी जान आई मुझे कुछ कपड़े खरीदने थे तो हम पल्टन बाजार चले गये एक दो जॅकेट ली और लेदर शूस भी खरीद लिए वही पे लंच किया और शाम होते होते हम वापिस अकादमी आ गये ये अकादमी की दीवारो के अंदर भी एक अलग ही दुनिया थी जिसमे हम रहा करते थे सिविलियेन्स से बिल्कुल अलग हर चीज़ रूल से चला करती थी
मैं खुश था कि मैं अपने खानदान का पहला लड़का था जिसके बदन पर सैनिक की वर्दी थी पर मुझे क्या पता था कि आगे ये लाइफ जिसे मैने बड़े ही चाव से चुना था मेरी पूरी जिंदगी को मंझदार मे लटका देगी और मैं किसी पिंजरे मे क़ैद पंछी सा हो जाउन्गा कुछ बॅच मेट्स थे जो मुझसे बहुत ही सुपीरियर थे हर चीज़ मे पर्सनॅलिटी मे और स्किल्स मे भी मैं तो एक आवारगी ट्रेनी था कभी भी टास्क मे टॉप नही किया था मैने बेस्ट कडेट बन ना तो बहुत दूर था
पर अपने को क्या अपन तो ऐसे ही जिए जैसे अपन चाहे अब बॅच मेट्स मे होड़ लगी थी एक दूसरे को पछाड़ने की और अपने अपने ग्रेड्स उँचे करने की उस टाइम तक मुझे ज़िंदगी से कोई शिकायत नही थी क्योंकि हर चीज़ थी मेरे पास जो मुझे चाहिए थी पर ना जाने क्यो एक ख़ालीपन सा महसूस होता था
फौज हमे सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो भाई चारे की भावना सिखाती है पर ना जाने क्यो मैं अपने आप मे ही रिज़र्व रहने लगा था बैच मेट्स से भी आज कल कम ही बात किया करता था ना दोस्तो मे बैठ ता था पद्मिरनी पर भी अब मैं इतना ध्यान देता था एक अजीब सा खाली पन सा था
क्या ये असर था निशा की यादो का जितना मैं उसे अपने दिमाग़ से आउट करने की कोशिश करता उतना ही मैं ताड़पता था मैं कई बार फोन देखता इस आस मे कि क्या पता कभी निशा का कोई फोन आ जाए पर ना जाने वो मर्जानी मुझे यू कैसे भूल गयी थी मैं बेहद परेशान रहने लगा था
मिता की कॉल आती पर मैं उस से भी बात नही करता था मेरे अंदर का बंजरापन मुझ पर हावी होने लगा था और उपर से ट्रैनिंग का प्रेशर बस संभाले हुए था मैं किसी तरह से खुद को पर अंदर अंदर टूट रहा था ना जाने क्यो मैं इतना बेताब था निशा को देखने के लिए , मैं उसका हाथ पकड़ना चाहता था मैं उसके गले लग कर रोना चाहता था कितनी ही बाते थी मेरे दिल मे जो मैं उसको बताना चाहता था
पर ना जाने वो कहाँ छुपी बैठी थी आख़िर क्यो वो मुझसे इतनी दूर हो गयी थी हर रोज मैं अपनी डायरी मे उसके बारे मे लिखा करता था ये कैसी डोर थी जो अब भी मुझे उसके साथ जोड़े हुए थी मैं अक्सर सोचा करता था कि क्या वो भी मुझे ऐसे ही याद करती होगी जैसे मैं उसको करता हू जितनी कशिश मुझे उसके लिए थी उतनी किसी के लिए भी नही थी पर कहाँ से लाउ उसको कहाँ ढूंढू मैं उसको ये एक ऐसा यक्ष प्रश्न था मेरे सामने जिसका कोई जवाब नही था
हर दिन मैं जब जाग ता तो निशा की याद आती और जब सोता तो वो खुद सपनो मे चली आती कही मैं पागल तो नही होने लगा था एक दिन मूर्ति सर ने मुझे घर बुलाया और समझाने लगे कि यू मस्ट फोकस ऑन युवर ट्रैनिंग इतने दिन सब कुछ झेला है फिर लास्ट मे क्यो दम तोड़ रहे हो मैने कहा सर आइ डॉन’ट नो व्हाट ईज़ हॅपनिंग वित मी इट’स आन एंपटिनएस्स ऑन माइ हार्ट
तो वो बोले की होता है कडेट ऐसा होता है कई कई दिन फॅमिली से दूर रहते है अकेलापन हावी हो जाता है पर यू आर ब्रेव सोल्जर फर्गेट ऑल थिंग्स आंड थिंक ऑफ युवर फ्यूचर यू विल लेड आर्मी सून और वैसे भी हम भी तुम्हारी फॅमिली जैसे ही है ना सच ही तो कह रहे थे वो फॅमिली की तरह ही तो ट्रीट करते थे वो मुझे वरना आज के जमाने मे कॉन किसका हुआ है
मुझे वापिस होस्टल जाना था तो मैने कहा सर मैं निकलूं तो वो बोले कि अरे अभी कहाँ जा रहे हो डिन्नर करके ही जाना बस थोड़ी देर लगेगी तो मैने कहा ओके सर और वही पर बैठ कर टीवी देखने लगा कुछ मिनट बाद सर बोले तुम बैठो मैं ज़रा शॉपिंग सेंटर तक होके आता हू तो मैने कहा सर मुझे बता दो क्या सामान लाना है मैं ला देता हू तो वो बोले अरे नही तुम बैठो मैं ही होके आता हू
और वो निकल गये उनके जाते ही पद्मि नी ने मुझे किचिन मे बुला लिया और मुझ से चिपक गयी और बोली कि घर क्यो नही आते कितना इंतज़ार करती हू मैं तुम्हारा तो मैने कहा डार्लिंग अभी आपको तो पता ही है ना कि थोड़ा मेंटली डिस्टर्ब हू निशा की वजह से तो वो बोली कि डियर , उसको तुमसे मिलना होगा तो ज़रूर गॉड कुछ ना कुछ करके मिलवाएँगे बट मस्ट हॅव फेत और अभी तुम प्रॉमिस करो की पूरे कॉन्सेंट्रेशन से ट्रैनिंग करोगे तो मैने कहा अब आपका कहा थोड़ी ना टाल सकता हू