05-12-2020, 11:32 PM
मैने अपने धक्के तेज
कर दिए बुआ अब ज़ोर ज़ोर से हाई हाई करने लगी मुझसे उनकी परेशानी देखी नही गई
तो मैने लंड बाहर निकाल लिया और बोला कि बुआ जी तकलीफ़ है तो रहने देते है बुआ
को भी थोड़ी शांति मिली कुछ देर सांस लेने के बाद वो बोली आओ चूत मे समा
जाओ तो मैने कहा बुआ पर आपको जलन हो रही है वो बोली गान्ड मे हो रही है
चूत मे थोड़ी ही ना हो रही है और बुआ घोड़ी बन गयी मैं उनके पीछे गया और
लंड को चूत से सटा गया और एक जोरदार झटका लगा दिया बुआ का बॅलेन्स बिगड़
गया और वो आगे को हो गयी तो वो पीछे मूडी ओर बोली कि क्या जल्दी मे रहते हो तो
मैने सोरी कहा और दुबारा से लंड को सही जगह पहुचा कर लगा चोदने बुआ
की चूत को उनकी कमर को पकड़े हुए मैं लगा था गपा गॅप गपा गॅप बुआ भी
मेरा जोश बढ़ा रही थी तकरीबन बीस मिनट उनको घोड़ी बनाए रखा फिर
मैने चूत मे ही पानी गिरा दिया और हान्फते हुए बेड पर पड़ गया घड़ी पर
नज़र गयी तो देखा 2 बज गये थे बुआ ने कपड़े पहने और बाथरूम मे चली
गयी मैं वही पड़ा रहा मुझे भी पेशाब लगा था पर बाथ रूम मे तो बुआ गयी
हुवी थी तो मैं मुंडेर पर चढ़ा और नीचे गली मे मूतने लगा मूतने का भी एक
अलग ही सुख होता है बड़ा ही चैन मिला पेशाब करके फिर मैं अंदर आ गया
थोड़ा पानी पिया साली प्यास भी कुछ ज़्यादा ही लगती थी थोड़ी देर बाद बुआ भी
आकर लेट गयी मैं उनसे चिपकने लगा तो बुआ बोली कि अब कुछ नही वो थक गयी है
और बस अब सोएंगी तो मैं क्या कर सकता था तो मैं उनसे चिपक कर सो गया
सुबह साढ़े 4 बजे मेरी आँख खुल गई तो मैने देखा कि मेरा हाथ बुआ की
चूचियो पर था और नीचे लंड कच्छे मे टेंट बनाए खड़ा था मैं हैरान हो
गया कि यार नींद मे भी लंड खड़ा हो सकता है अब लंड खड़ा था तो उसको
बिठाना भी ज़रूरी था तो मैने बुआ को जगा दिया आँखे मलते हुए बुआ थोड़ा
गुस्से से बोली कि क्या तुझे कभी चैन नही आता है क्या खुद तो पागल है ही दूसरो
को भी परेशान करता है तो मैने कहा डार्लिंग गुस्सा क्यो करती हो मैने सोचा कि
एक बार और सुबह सुबह राउंड लगा लेते है तो बुआ बोली शरम कर राम नाम के
वक्त दुनिया तो भगवान को याद करती है तो मैने कहा मेरी भगवान तो आप
ही हो अब भक्त की इच्छा पूरी करो तो बुआ थोड़ी से मुस्काई और बोली ठीक है अब
जगा तो दिया ही है वो कहने लगी की तू दो मिनट रुक मैं ज़रा पेशाब कर आउ बड़ी
ज़ोर से लगा है तो मुझे शरारत सूझी मैने बुआ का हाथ पकड़ लिया और कहा की
बुआ आप इधर ही कर्लो तो वो बोली कि इधर कैसे करू तो मैने कहा की आपकी चूत
का पानी तो बहुत बार पिया है आज पेशाब भी पियुंगा तो बुआ बुरी तरह से शर्मा
गयी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और उनकी सलवार का नाडा खोलते हुए उसको उतार
दिया और तुरंत ही नीचे बैठ कर चूत पर अपना मुँह लगा दिया बुआ के बदन मे
झुरजुरी दौड़ गयी वो बोली तू भी ना बिल्कुल पागला है मैने बुआ के चुतड दबाए
और कहा चलो मुतो तो कुछ देर बाद बुआ की चूत से खारे पानी की मोटी सी धार
निकली और मेरे मुँह से होते हुए गले के नीचे उतरने लगी बुआ की आँखे बंद हो
चुकी थी उनके दोनो हाथ मेरे सर पर थे बिना कुछ बोले खामोशी से वो उस
अजीब से लम्हे का मज़ा ले रही थी थोड़ा पेशाब मैं पी गया थोड़ा मेरे चेहरे
पर गिर गया सच कहता हू जो मज़ा चूत से बहते पेशाब को चखने का है वो
मज़ा महनगी से महनगी शराब मे भी नही है अब मैने बुआजी को बेड पर लिटाया
और उनकी योनि पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने लंड को उसके मुंहाने पर
सता दिया बुआ कुछ कहती उस से पहले ही लंड चूत की दीवारो को बेधते हुए अंदर
पहुच चुका था बुआ की आँखे एक झटके मे फैल गयी वो धीमे से बोली कि जल्दी ही
करलियो दिन निकलने वाला है भाई भाभी भी उठने को ही होंगे तो मैने कहा आप
भी सहयोग करो तो जल्दी काम निपट जाएगा तो बुआ बोली हाँ अब बाते कम करो और
शुरू हो जाओ तो मैं दना दान धक्के पेलने लगा बुआ भी अपने कुल्हो को उछाल
उछाल कर मेरे धक्को का पूरा साथ दे रही थी मैं उनके होंठो चूमने ही जा रहा
था कि बुआ ने मना कर दिया तो मैं उनकी गर्दन को चूमते हुए चूत की
रगदाई करने लगा बुआ अपने नाखूनो को मेरी पीठ पर लगाए जा रही थी कुछ
मिनट बाद बुआ ने अपनी टाँगो को ओर उपर कर दिया और लंबी लंबी साँसे लेते
हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी उनकी बेहद गरम साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी
प्रमिला ने तो मेरी लाइफ को एक अलग मोड़ पर ही ले जाकर खड़ी कर दिया था मेरा
लंड सरपट सरपट चूत मे अंदर बाहर होये जा रहा था करीब 10 मिनट तक
बुआ के उपर चढ़े चढ़े उनकी चुदाई करने के बाद मैने उनको फर्श पर
खड़ा किया और खड़े खड़े ही बुआ को चोदने लगा बुआ की चूत की चिकनाई बहुत
ही बढ़ गयी थी और कोई 12-13 मिनट बाद बाद मैं और बुआ साथ साथ ही झाड़
गये
चुदाई ख़तम होने के बाद बुआ ने फटाफट अपने कपड़े पहने और बिस्तर को ठीक किया ताकि किसी को भी कमरे को देख कर ये ना लगे कि रात भर कमरे मे घमासान मचा था कमरे की हालत ठीक करने के बाद बुआ ने कहा कि वो नीचे जा रही है और चली गयी मैं बाहर छत पर आकर टहलने लगा आज कई दिन बाद इतनी सुबह उठा था उगते सूरज को देखना बड़ा अच्छा लगा था मुझे कुछ देर बाद अंगड़ाई लेते हुए चाची भी अपने कमरे से बाहर निकल आई और मुझे देख कर बोली कि आज तुम सवेरे सवेरे ही उठ गये तो मैने कहा हाँ चाची फिर चाची फ्रेश होने चली गयी मैंन नीचे गया तो बुआ ने चाइ बना ली थी मैने चाइ पी
अब आज का दिन ही बचा था गाँव मे कल मुझे जाना था तो मन थोड़ा भारी सा होने लगा पर हमारे जैसो को तो एमोशन्स पर कंट्रोल करना पड़ता ही है खैर टाइम तो अपनी रफ़्तार से ही चलता है ना उसपे कहाँ किसी का ज़ोर चलता है कुछ तैयारिया करनी थी तो मैं उनमे जुट गया चाचा को बोल दिया था बाइक का रेजिस्ट्रेशन नंबर वो ले आए पॅकिंग शेकिंग मे दोपहर ही हो गयी थी सभी घरवाले थोड़ा सा सॅड सॅड हो रहे थे पर अपनी भी कुछ मजबूरिया थी 45 दिन जम कर ऐश ली थी वो दिन भी ऐसे ही गुजर गया एक बोझिल महॉल के साथ रात को मैने मिता को फोन किया तो उसने कहा कि ठीक है मैं तुम्हे टाइम पर बस स्टॅंड मिलूंगी फिर हम साथ ही निकलेंगे तो मैने उसको टाइमिंग बता दी और फोन काट दिया रात को फिर से बुआ जी के साथ जम कर घमासान मचाया अगले दिन मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली मुझे दस बजे निकलना था तो मैं बातरूम मे घुस गया और फटाफट तैयार होने लगा तैयार होके मैने फटाफट से नाश्ता पानी किया और फिर ताइजी के घर चला गया सब से मिलने साक्षी को थोड़ी देर खिलाया फिर वापिस आ गया अपना बॅग उठाया और सभी घरवालो से अब विदा लेने का टाइम आ गया था
मम्मी बोली कि जैसे ही छुट्टी मिले तुरंत ही घर आना और जब भी टाइम मिले फोन ज़रूर करना तो मैने कहा जी ठीक है फिर थोड़ी देर बाद मैने सहर जाने के लिए टेंपो पकड़ लिया जब मैं बस स्टॅंड पहुचा तो मिता ओर रीना मेरा वेट ही कर रही थी मैने उनको कहा मैं अभी टिकेट लेकर आता हू तो रीना बोली भाई टिकेट मैने ले ली है फिर कुछ खाने पीने का सामान लिया और हम चल पड़े अपने सफ़र को मुझे हमेशा से ही बस का सफ़र बड़ा ही चूतिया लगा करता था पर अपनी डार्लिंग साथ होने से वो बोझिल सफ़र भी बड़ा प्यारा लग रहा था बस पूरी रफ़्तार से हाइवे पर दौड़ रही थी हम तीनो बाते करते हुए अपना टाइम पास कर रहे थे रास्ते मे पानीपत मे बस एक ढाबे पर रुकी हम सब फ्रेश हुए और कुछ खाया पिया और एक बार फिर उस थकाने वाले सफ़र का हिस्सा बन गये
चंडीगढ़ पहुचते पहुचते रात के साढ़े 9 बज गये थे चंडीघर के बारे मे सुना तो बहुत था पर मोका आज मिला था देखने का सेक्टर 17 के बस स्टॅंड पर हम तीनो उतर चुके थे रात गहरा ही चुकी थी तो एक रेस्टोरेंट मे खाना खाया और फिर एक होटेल मे दो रूम ले लिए एक मेरे लिए और एक उन दोनो के लिए सफ़र की थकान थी तो पड़ते ही नींद आ गयी हालाँकि मैं थोड़ा टाइम मिथ्लेश के साथ बात करना चाहता था पर पिछली कुछ रातो से मैं ठीक से सोया नही था और फिर आज एक लंबा थकाऊ सफ़र भी किया था तो पड़ते ही नींद आ गयी
अगली सुबह तैयार होने मे ही 9 बज गये थे मिता तो मेरे साथ चंडीघर घूमना चाहती थी पर मुझे शाम तक रिपोर्ट करना था तो मैने कहा डार्लिंग मेरे पास टाइम कम है वैसे तो चंडीगढ़ से देहरादून का सफ़र कोई ज़्यादा नही था पर अब रास्ते मे क्या हो जाए तो मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था मैने कहा तुम दोनो घूम लेना पर मैं अभी निकलूंगा तो मिता उदास होते हुए बोली कि यार तुम भी ना प्लान भी बनाया और कुछ मज़ा भी नही आया तो मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा डार्लिंग मैं जल्दी ही शिमला आउन्गा फिर जी भर के घूमेंगे थोड़ा उसको समझाया तो मिता बोली ठीक है जब तुम जा ही रहे हो तो मैं और रीना भी शिमला ही निकल जाते है एक दूसरे के गले लगने के बाद हम ने अपनी अपनी बस पकड़ ली और चल पड़े अलग अलग रस्तो पर अपनी अपनी मंज़िल के तलाश मे बस मे मेरी आँख लग गयी होश जब आया जब कडक्टर ने जगाया और बोला भाई अब उतर जा तो अंगड़ाई लेते हव मैं बस से उतरा और सिटी बस पकड़ कर मिल्लिटरी अकादमी की ओर चल पड़ा एक बेहद ही
गोरवशाली और गर्व से भरी इमारत का गेट
मेरी आँखो के सामने खड़ा था यहा आते ही दिल से इक मीठी सी आह निकल पड़ी मैने सर को झटका और चल पड़ा गेट पर एंट्री करवाई फिर सीधा रिपोर्ट की कुछ सवाल जवाब हुए और फिर मैं अपने रूम मे पहुच गया साथ वाले भाइयो से दुआ सलाम हुवी कुछ घर की याद भी आ रही थी तो थोड़ी देर बाद मैं कॅंपस मे ही घूमने चला गया तो चिंकारा कॅंटीन मे एक अपना याडी बन गया था वो भी एक नंबर का चोदु था कई बार बता ता रहता था अपने किस्से तो मैं उसके पास चला गया शाम का टाइम था तो कॅंटीन मे इतनी भीड़ भी नही थी तो हम दोनो बाते करने लगे मैने कहा और भाई बता कुछ नया ताज़ा तो वो बोला भाई एक दो माल पे नज़र है एक तो कर्नल साहब की लड़की है इधर देहरादून से ही एमबीए कर रही है माल तो बड़ा ही चोखा है पर मैं तो ठहरा जवान मुझे तो क्यो घास डालेगी तू तो भाई कोई दिन मे एलटी हो जाएगा तू ट्राइ करले तो मैने कहा भाई मैं तो जानता ही नही पहले इंट्रो तो करवा तो वो बोला भाई तू डेली शाम को आया कर वो अक्सर शाम को ही कॅंटीन मे आती है तो
मैने कहा यदि अब जब भी वो आए तो तू मुझे फोन करियो फिर देखते है क्या होता है एक नयी चूत के बारे मे सुनकर मेरे लंड मे भी खुजली होने लगी थी तो मैने कहा भाई उसकी माँ चोद और तेरी पुरानी वाली सेट्टिंग्स मे से ही किसी का जुगाड़ करवा दे तो वो बोला भाई जुगाड़ तो बहुत है इधर पर मेरी एक शर्त है तो मैने कहा हाँ भाई तू बता तो वो बोला कि भाई अपना सीधा सा हिसाब है एक हाथ दे इक हाथ ले तू मुझे दिलवा मैं तुझे तो मैने कहा भाई कोई माल फसि तो तेरा ध्यान भी रखूँगा पक्का प्रॉमिस अब उस चूतिए को कॉन समझाए कि वो खुद को चूत का शिकारी समझता था तो मैं तो उसका बाप था
एक दो दिन मे पूरा बॅच वापिस आ गया था तो अपनी धक्कम पेल शुरू हो गयी थी कुछ तो छुट्टी का आलस था कुछ चूत मारके टूटे पड़े थे तो इतनी हिम्मत ही नही होती थी कि ट्रैनिंग मे अव्वल दर्जे की पर्फॉर्मेन्स दे सके अक्सर ही पनिशमेंट मिलती ही रहा करती थी वो अलग हमारा मेजर जो हमारा ट्रैनिंग इनस्टरक्टर था वो हम कुछ 4-5 दोस्तो का ग्रूप था उसकी बॅंड बजाने मे ही लगा रहा करता था नाम था नागार्जुन मूर्ति चेन्नई का निवासी एक तो उसकी लॅंग्वेज समझ नही आती थी और उपर से गान्ड घिसाई भी ज़्यादा ही करवाता था दो हफ्ते से उसके कहर को झेल रहे थे हम सब दोस्त उसकी फालतू की पनिशमेंट से बेहद ही परेशान हो चुके थे हम सोच रहे थे कि कैसे उस से पीछा छूटे पर फोज मे अपना बस कहा चलता है चलता है तो बस चूतिया ऑफिसर्स का ऑर्डर
तो भाई लोगो मैं आ चुका था बेहद तंग एक दिन टाइम पे ड्रिल करने के बाद साले ने मार्क्स काट दिए तो मेरी खोपड़ी सतक गयी मुझे बहुत तेज गुस्सा आ रहा था मैने सोच लिया कुछ भी करके मेजर की गान्ड तो लाल करूँगा ही चाहे फिर सज़ा क्यो ना मिले 28 दिन क्वॉर्टर गार्ड ही क्यो ना काटना पड़े पर इसकी माँ चोदुन्गा तभी चैन मिलेगा तो मैं लगा मेजर की गान्ड तोड़ने के मौके मे पर भाई अपना नसीब भी इधर आकर कुछ ज़्यादा ही चूतिया हो जाता था खैर दिन कट रहे थे मेरी गान्ड मरते हुए एक दिन मैं कॅंटीन से शेव लोशन खरीद के आ रहा था शाम का टाइम था मेजर साहब सिविल ड्रेस मे एक औरत के साथ हंस हंस के बाते करते हुए पैदल ही स्विम्मिंग पूल की तरफ जा रहे थे मेरा माथा ठनका भाई अब इस चूतिए के साथ ये कॉन है तो मैं भी उनके पीछे पीछे चल पड़ा वहाँ जाकर पता चला कि ये तो साहब की मेम्साब है
अब मुझे हँसी आ गयी हे भगवान ये तेरी कैसी लीला इस ढक्कन की बीबी ऐसी खूबसूरत बेहद ही गोरी जैसे दूध मे केसर का रंग घुल गया हो मैं तो देख के हैरान हो गया पूल साइड पर इतनी लोगो की भीड़ नही थी मेजर गोते मार मार कर नहा रहा था और मेम साबमुझे दिखाई नही दी शायद गयी होंगी चेंज वेंज करने तो मैने मोका देख कर मेजर की जेब से उसका आइडी कार्ड चुरा लिया और वहाँ से सरक लिया अब बजेगी पुँगी साले तूने बहुत खून पिया है अब साले तेरी माँ चुदेगि ये सोचते हुए मैं खुशी से पागल हुआ जा रहा था क्योंकि आइडी कार्ड अगर खो गया तो बंदे को क्वॉर्टर गार्ड मिलता है मैं आकर चैन की नींद सो गया
अगले दिन सुबह से ही हमारी सुताई हो गयी आज मेजर साहब की जगह सूबेदार जसपाल सिंग हमारी एक्सर्साइज़ करवा रहे थे बड़े ही जिंदा दिल आदमी थे बड़ी ही इज़्ज़त करते थे लोग उनकी तो हमे भी मज़ा आ रहा था फिर 9 बजे नाश्ते मे दो गिलास चाइ और चार पूरी तोड़ने के बाद मैं सूबेदार साहब के पास गया और उनको प्रोटोकॉल देने के बाद पूछा कि आज साहब कहाँ गए तो उनको भी कुछ ज़्यादा पता नही था पर मुझे तो हुड़क चढ़ि थी मैं मेजर साहब के एक्सप्रेशन देखना चाहता था पर वो पूरा दिन आया ही नही अब इधर ना मुझे चैन ना उधर उसको चैन अगले दो दिन साहब के दर्शन ना हुए दो दिन बाद मुझे ट्रैनिंग मे फिर से सज़ा मिल गयी थी उसको पूरा करके जब तक मैं मेस पहुचा तो मेस भी बंद हो गया था मैं कुक के पास गया और बोला भाई जो भी पड़ा है तो दे दे तो वो बोला भैया अभी कुछ देर रुक जाओ तो मैं चाइ कॉफी या नाश्ता अरेंज कर सकता हू तो
मैने कहा भाई पेट मे आग लगी है तू चाइ पिलाने की बात कर रहा है मैं पैर पटकते हुए वापिस आ गया आज पूरा दिन से भूखा था अब बिस्कुट से भूख थोड़ी ही ना मिट ती है तो मैं शॉपिंग सेंटर की तरफ चल पड़ा तभी मुझे ख़याल आया कि यार मेजर 3 दिन से दिखा ही नही कही साला टेन्षन टेन्षन मे कुछ कर ना ले और कही फिर इंकवारी हो गयी तो और भी पंगा हो जाएगा तो मैने सोचा मेजर अपनी माँ चुदाये उसको आइ कार्ड वापिस कर देता हू और क्या पता इसी बहाने से वो सज़ा देना भी बंद कर दे हल्का हल्का सा अंधेरा भी छाने लगा था सावन का मौसम वैसे चल रहा था
तो मैं पैदल पैदल साहब की घर चल पड़ा घर क्या था ऑफीसर बंग्लॉ था घंटी बजाई तो मेम साहब ने दरवाजा खोला और मुझे सवालिया नज़रो से देखने लगी और मैं उन्हे हवस की नज़रो से देखने लगा फिर उन्होने मेरी तंद्रा तोड़ ते हुए पूछा कि एस किस से मिलना है आपको तो मैने कहा की मॅम मुझे मेजर साहब से मिलना है और अपना नाम बताया तो वो बोली कि यही रूको मैं आभी आती हू कुछ मिनट बाद उन्होने मुझे अंदर बुलाया और सोफे पे बैठने को कहा और खुद भी बैठ गयी मेरी नज़र उनसे हट ही नही रही थी पर प्रोटोकॉल भी देना पड़ता है फोज चलती ही चूतिया रूल पर है थोड़ी देर बाद मूर्ति सर भी आ गये थोड़े परेशान ही लग रहे थे पर मुझ से नॉर्मल ही बात की और एक कॉफी पिलाने के बाद आने का कारण पूछा तो मैने जेब से उनका कार्ड निकाला
और कहा कि सिर मुझे ये कॅंपस मे मिला तो आपको देने आया हूँ आइ कार्ड देखते ही मेजर की आँखो मे चमक आ गयी उसने चैन की सांस ली और बार बार मेरा थॅंक यू करने लगा वो बोला कि तुमने मेरी बहुत मदद की है बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हू मैं पूरे दिन से भूखा था तो मुँह से निकल गया कि सिर भूख लगी है थोड़ा खाना ही खिला दो तो
मेम्साब जोरो से हँसने लगी और बोलो तुम बैठो मैं अभी तुम्हारे लिए कुछ लाती हू उनके घर दबा के मैने इडली डोसा खाया पर नज़र तो मेरी मेम्साब की मोटी मोटी चूचियो पर ही थी खाने के बाद मैने कहा सर अब मैं चलता हू सावन का महीना था तो बारिश के से आसार हो रहे थे तो सर ने एक बार फिर से मुझे थॅंक यू कहा और गेट तक छोड़ने आए
कुछ दूर ही आया था की हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी ठंडी ठंडी बूंदे मेरे चेहरे से होती हुवी मेरे तन बदन को भिगोने लगी बारिश का मज़ा लेते हुए मैं अपने होस्टल की ओर चले जा रहा था इधर नीचे पॅंट मे लंड जीने नही दे रहा था चूत दिलवाओ ऐसा शोर मचाए जा रहा था तो जाते ही मुट्ठी मारी तब जाके सांस आई पूरी रात बारिश हुवी थी तो अगली सुबा सब कुछ ताज़ा ताज़ा सा ही लग रहा था चहकते हुए पक्षियो की मधुर आवाज़े बड़ी ही अच्छी लग रही थी पर अपनी तकदीर मे कहाँ नज़ारे है अपनी तो
सुबह होते ही गान्ड घसाई शुरू हो गयी थी तो भाई लोगो दिन ब दिन ऐसे ही काट रहे थे मुझे आए हुए बीस दिन के आस पास आ गये थे तो एक दोपहर को घर से फोन आया दूसरी तरफ चाची थी बड़ी ही चहक रही थी वो उन्होने शरमाते हुए बताया कि काम हो गया है इस बार उनकी डेट्स नही आई तो उन्होने प्रेगञेंसी टेस्ट किया है और वो पॉज़िटिव आया है तो मैने कहा ये तो बेहद ही खुशी वाली बात बताई है आपने मुझे सच मे बहुत ही खुशी हुवी थी फिर थोड़ी देर मम्मी से भी बात चीत कर ली और फोन काट दिया मैं सोचने लगा कल को जब चाची के जो भी बच्चा या बच्ची होगा उसको मैं भाई बहन कहूँगा या बेटा बेटी अब मैं तो कोंफूज़ हो गया पर फिर सोचा अपने को क्यो टेन्षन लेनी जो भी हो अच्छा ही है एक दिन सुबह की ड्रिल के बाद मैं नाश्ते के लिए जा रहा था तो तभी मूर्ति सर ने मुझे कॉल किया मैं सोचा अब क्या हो गया मैं दौड़ते हुए उनके पास गया
तो उन्होने मुझे अपने ऑफीस मे आने को कहा मैं उनके साथ चला गया उन्होने मुझे एक टिफिन दिया और बोले कि ये मैं तुम्हारे लिए लाया हू आज तुम साउत इंडियन ब्रेकफास्ट करो मुझे तो यकीन ही नही हुआ कि ये साला मेरे पे कभी मेहरबान भी हो पाएगा बेहद ही टेस्टी इडली और नारियल की चटनी मज़ा ही आ गया मुझको तो दिन ऐसे ही मज़े लेते हुए कट रहे थे एक दिन कॅंपस मे बड़ा खाना हुआ तो पार्टी पूरे जोश मे चल रही थी मैंन भी दो पेग टिका दिए थे सभी ऑफिसर्स चाहे सीनियर हो या जूनियर अपनी अपनी फॅमिली के साथ आए हुए थे एक से एक माल घूम रहा था आस पास पर अपन को तो मुट्ठी मार कर ही सोना था तो मैने तीसरा पेग भी उठा लिया
तभी मुझे अपना याडी दिख गया मैं उसके पास गया और बोला भाई आज तो लंड जीने ही नही दे रहा है आज तू कुछ जुगाड़ करवा भाई तो वो बोला भाई एक जुगाड़ तो है पर कुछ ख़ास्स नही है मैने कहा जो भी है अड्जस्ट तो करवा तो वो बोला आ मेरे साथ पार्टी मे ही उसने मुझे इक लड़की से मिलवाया लड़की तो क्या लड़की के नाम पे कलंक ही थी साली इतनी पतली जैसे ही बस अब हवा चली और अब वो उड़ी और आँखो पर नज़र का चश्मा उसको देख कर मैने सोचा कि यार कहाँ तो एक से एक माल को रगड़ दिया और कहाँ इसकी लेनी पड़ेगी तो मैने कहा भाई ये कही मर वर ना जाए तो वो बोला भाई एक बार इसके साथ जाके तो देख फिर कहना तो उसने मेरा इंट्रो उस लड़की से करवाया और सारा मामला सेट करवा दिया अब जगह की दिक्कत थी तो मैने आइडिया लगाया पास मे ही जॅंकयार्ड था जहा पुराने आर्मी वेहिकल्स पड़े थे तो वहाँ एक आर्मी बस भी खड़ी थी मैं सबसे बचते बचाते उस लड़की को उस बस मे ले गया
मैने धीमे से उसका नाम पूछा तो उसने कहा उषा उमर को बीस इक्कीस की होगी चूची छोटी छोटी सी थी किसी बड़े वाले नींबू जैसे फिगर तो कुछ ख़ास नही था पर अब ये ही जुगाड़ था तो अब ये ही सही
बस मे घोर अंधेरा छाया हुआ था मैने उस को अपने पास खीचा और उसके सूट के उपर से ही उसकी छोटी छोटी चूचियो को मसल्ने लगा वो आहे भरने लगी कुछ ही देर मे उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और पेंट के उपर से ही उसको सहलाने लगी अब चूत चाहे कैसी भी हो होती तो चूत ही है ना मैने उसके सूट को थोड़ा सा उपर किया और ब्रा के उपर से ही चूचियो को मसल्ने लगा उषा भी मुझे कुछ चुदासी ही लगी वो भी कुछ ज़्यादा ही रेस्पॉंड कर रही थी मैने उसके सूट को उपर सरका दिया और ब्रा के उपर से बोबो को पूरी ताक़त से मसल्ने लगा जिसका रिक्षन कुछ यू दिया उसने कि उसने मेरी पॅंट को खोल कर नीचे कर दिया और मेरे लंड को अपने हाथ से ज़ोर से हिलाने लगी कुछ देर तक उसको स्मूच करने के बाद मैने उसके कान मे धीमे से लंड चूसने को कहा तो वो बिना शरमाये नीचे बैठ गयी और मेरे लंड को मुँह मे ले लिया और ऐसे चूसने लगी जैसे कि किसी ब्लू फिल्म की हेरोयिन लंड चूस रही हो बड़ी ही अदा से वो लंड के सुपाडे को चूमते हुए मुझे मज़ा देने लगी थी वो अपनी जीभ को गोल गोल करते हुए मेरे लंड को चूस रही थी कुछ ही पॅलो मे उसने पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया था तो मैने उसके सर को अपने हाथो से पकड़ लिया और कमर हिलाते हुए उसके मुँह को छोड़ने लगा उषा गगगगगगग्गगुउुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ गगगगगगगगगगगगग्गगुउुुुुउउ करने लगी 5-7
मिनट अच्छे से उसको लंड चूसाया फिर मैने उसको खड़ी किया और उसकी सलवार और पैंटी को उतार कर साइड मे रख दिया और उसको बस की सीट पर लिटा दिया मैने पर्स से कॉंडम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया और उषा की सुखी सुखी टाँगो को फैला के अपने लिए रास्ता बनाया और लंड को उसकी चूत पर टिका दिया जैसे ही आधा लंड चूत मे गया उषा के बदन मे दर्द की लहर उठ गयी वो दर्द भरी आवाज़ मे बोली आहह उूउउइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मुंम्म्ममममममममममममममय्ययययययययययययी कितना मोटा है तुम्हारा माणिईीईईईईईईईईईईईईईईई तूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ गाइिईईईईईईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज मीईईईईईईईरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईई तो ऊऊऊऊऊ फ़ाआआआआआआअटततटटटटटटटटटटटटटटटतत्त हीईीईईईईईईईईईईईईईईई गयी आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज
तो मैने कहा आज तक तू लुल्ली से ही चुदि होगी चल अब लंड का भी मज़ा ले और दो तीन धक्को मे ही पूरा लंड उषा की चूत मे पहुचा दिया उसस्स्स्स्स्शहााआअ दर्द सीईईईईई दोहरी हो गयी ओूऊऊऊओ बूऊओलीइीईईई कीईईईईईईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तूऊऊऊऊऊऊ तुमनीईईईईईई फफफफफफफफफफफफफफफफफफ़ाआआआआआाााद्द्द्द्द्द्द्दद्ड हीईीईईईई द्दददाााआआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीइीईईईईईई और आवाज़ करने लगी तो मैंन झट से अपने मुँह से उसके मुँह को लॉक कर दिया अब उसकी आवाज़ मेरे मुँह मे ही घुट के रह गयी तो मैं लगा अब लंड को आगे पीछे करने उषा के होंठो को पीते पीते मैं चूत के मज़े लेने लगा था थोड़ी देर मे उषा की ट्रेन भी मस्ती के प्लतेफोर्म पर आ गयी और वो भी अपनी गान्ड को उचका उचका कर चुदाई का मज़ा लेने लगी अब उसको लंड मोटा नही लग रहा था पच पुच की आवाज़ बस मे आ रही थी तो इस तरह से 30-35 मिनट तक उषा की बुरी तरह से चुदाई की मैने और फिर डिसचार्ज हो गया मैं उसके उपर से उतरा कॉंडम को निकाल कर वही बस मे ही फेक दिया कपड़े सही किए और फिर सावधानी से वहाँ से खिसक लिए पार्टी अभी चल ही रही थी फिर खाना वाना खाया और एक दो पेग और टिका दिए
चूँकि रात को पार्टी थी तो अगले दिन का ऑफ मिला था तो मैं भी लेट ही उठा उस दिन कई दिन की नींद पूरी करली मैने तो दोपहर को मैने सोचा कि क्यो ना एक दो समोसे ही खा लू तो मैं शॉपिंग सेंटर पहुच गया तो मैने देखा कि वहाँ पर मूर्ति सर की वाइफ भी थी उनके पास दो बॅग थे तो मैं उनके पास चला गया उनको नमस्ते किया तो वो बोली कि अरे तुम यहाँ कैसे तो मैने कहा कि माँ समोसे खाने आया हू तो उन्होने कहा आओ घर चलो मैं तुमको मस्त डोसा और संभर खिलाती हू तो मैने उनके दोनो बॅग उठा लिए और उनके साथ उनके घर आ गया ब्लू जीन्स और पिंक टॉप मे वो बड़ी ही जबरदस्त लग रही थी बॅग थोड़े भारी थे तो मैं उनसे थोड़ा सा पीछे रह गया उनकी गान्ड बड़ी ही भारी थी और जीन्स मे तो और भी कयामत लग रही थी
मेरा मन डोलने लगा था कोई दस मिनट बाद मैं उनके घर था मैने सामान रखा और सोफे पर पसर गया अपनी एक बात थी कि मैं कभी फॉरमॅलिटी के चक्कर मे नही पड़ता था मॅम बोली कि कुछ पियोगे तो मैने कहा जी ठंडा पानी तो उन्होने मुझे बॉटल ला कर दी और फिर मुझसे बाते करने लगी कि मैं कॉन से ट्रेड मे हू कहाँ से बिलॉंग करता हू वाईगरे वाईगेरा कुछ ही देर मे वो मुझसे काफ़ी फ्रॅंक हो गयी और मैं तो उनकी सुंदरता पर मोहित हो ही गया था फिर
मैने कहा मॅम एक बात पुछु अगर बुरा ना मानो तो उन्होने कहा अरे पूछो जो तुमको पूछना है तो मैने कहा मॅम आपका नाम क्या है तो वो खिल खिला कर हँस पड़ी और फिर बोली मेरा नाम पद्मिकनी है मैने कहा बड़ा ही प्यारा नाम है जी आपका तो वो बोली हम वो तो है हम ऐसे ही गॉसिप करते रहे की अचानक उन्होने मुझे टोका और कहा कि क्या तुम बार बार मॅम मॅम बोलते रहते हो तुम मुझे भाभी भी कह सकते हो इधर घर मे नो प्रोटोकॉल तो मैने कहा जी भाभी मुझे कोई डेढ़ दो घंटे हो गये थे उनके यहाँ आए हुए तो मैने कहा भाभी अभी मैं चलता हू तो उन्होने कहा की जब भी तुम्हारा मन कुछ खाने को हो तो तुम सीधे यही आ जाना मैंन कहा जी आ जाउन्गा और फिर वहाँ से आ निकला मुझे आए हुए दो महीने होने को थे पर मिता का एक भी फोन नही आया था और ना ही मैने फोन किया था तो उसकी याद भी आ रही थी पर चूँकि उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी तो मैं भी उसको ज़्यादा डिस्टर्ब नही करना चाहता था और निशा की याद तो कभी दिल से जाती ही नही थी मुझे तो नेक्स्ट होलिडे सॅंक्षन होने का इंतज़ार था कि कब मैं मुंबई पेहच्यू दो तीन दिन मे घर पर भी बात कर लिया करता था तो वो भी खुश हो जाते थे ऐसे ही सबको खुशिया देते हुए मैं खुद अपने दुख मे झुलसे जा रहा था पर एक बात थी कि मेजर साहिब अब मुझसे इतनी सज़ा भी नही देते थे और अपने कई काम भी मुझसे करवा लिया करते थे हर सनडे को उनके घर का भोजन उड़ाता था मैं पद्मिईनी जी से भी काफ़ी हसी मज़ाक कर लेता था वो बेहद ही सुलझी हुवी लेडी थी और मूर्ति सर भी कुछ ऐसे ही थे पर ये आर्मी थी तो टफनेस तो दिखानी पड़ती है ना
एक दिन मैं पद्मि नी भाभी से ऐसे ही मिलने चला गया तो वो अपने बगीचे मे पोधो को पानी दे रही थी अब पानी का काम था तो थोड़ा कीचड़ भी हो गया था जब वो मेरी तरफ आ रही थी तो अचानक ही उनका पैर स्लिप हो गया और वो फिसल कर सामने वाली दीवार से टकरा कर गिर गयी मैं दौड़ कर उनकी तरफ गया और झट से उनको बाहों मे उठा लिया तो मेरी कोहनिया उनके बूब्स से टकराने लगी पर मैने इतना ध्यान नही दिया क्योंकि वो बहुत ही ज़्यादा दर्द मे थी तो मैं उनको अपनी बाहों मे उठाए ही अंदर ले गया और बेड पर लिटा दिया अब
उनके कपड़े तो कीचड़ के हो गये थे तो चादर थोड़ी सी गंदी हो गयी पर उनको लिटाना तो था ही वो दर्द से बुरी तरह से कराह रही थी तो मैने जल्दी से मूर्ति सर को पद्मि नी के फोन से कॉल किया और पूरी सिचुयेशन बताई तो वो भी टेन्षन मे आ गये पर उन्होने कहा कि वो आज सीनियर ऑफिसर्स के साथ बोर्ड मीटिंग मे है कुछ ऑफिसर्स का डेलिगेशन बाहर से आया है तो वो तो रात तक फ्री नही हो पाएँगे तो उन्होने मुझे कहा कि तुम पद्मिननी को जल्दी से एमएच (मिलिटरी हॉस्पिटल ) ले जाओ तो मैने कहा ऑर्डर का पालन होगा सर और कॉल कट कर दी मैने पद्मिीनी को कहा कि मैं आपको एमएच ले जा रहा हू इसी टाइम तो वो सुबक्ते हुए बोली कि पर मेरे कपड़े गंदे है तो मैने कहा मैं बाहर वेट करता हू आप चेंज कर्लो फिर मैं आपको लेके चलूँगा उन्होने उठने की कोशिश की पर वो उठ ना पाई और रोते हुए बोली कि मेरे हिप्स मे बहुत ही दर्द हो रहा है आइ कॅन’ट एबल टू मूव तो मैने कहा मॅम ऐसे गंदे कपड़ो मे तो नही ले जा सकता ना तो उन्होने कहा एक काम करो मेरी अलमारी से मेरा ट्रॅक्सयूट निकालो और मुझे पहनाओ मैने कहा भाभी मैं कैसे ये कर सकता हू तो उन्होने कहा मुझे कुछ नही पता है मैं पेन को बर्दास्त नही कर पाउन्गि तुम बस मेरी हेल्प करो मुझे अंदर ही अंदर खुशी भी थी कि उनके हुस्न का दीदार हो जाएगा पर उनकी पेनफुल सिचुयेशन से दुख भी था तो मैने अलमारी से उनका ट्रॅक सूट लिया तो भाभी बोली जल्दी से मेरे कपड़े चेंज करो तो मैने उनकी बाहों को उपर किया और उनके टॉप को आहिस्ता से निकाल दिया ।
कर दिए बुआ अब ज़ोर ज़ोर से हाई हाई करने लगी मुझसे उनकी परेशानी देखी नही गई
तो मैने लंड बाहर निकाल लिया और बोला कि बुआ जी तकलीफ़ है तो रहने देते है बुआ
को भी थोड़ी शांति मिली कुछ देर सांस लेने के बाद वो बोली आओ चूत मे समा
जाओ तो मैने कहा बुआ पर आपको जलन हो रही है वो बोली गान्ड मे हो रही है
चूत मे थोड़ी ही ना हो रही है और बुआ घोड़ी बन गयी मैं उनके पीछे गया और
लंड को चूत से सटा गया और एक जोरदार झटका लगा दिया बुआ का बॅलेन्स बिगड़
गया और वो आगे को हो गयी तो वो पीछे मूडी ओर बोली कि क्या जल्दी मे रहते हो तो
मैने सोरी कहा और दुबारा से लंड को सही जगह पहुचा कर लगा चोदने बुआ
की चूत को उनकी कमर को पकड़े हुए मैं लगा था गपा गॅप गपा गॅप बुआ भी
मेरा जोश बढ़ा रही थी तकरीबन बीस मिनट उनको घोड़ी बनाए रखा फिर
मैने चूत मे ही पानी गिरा दिया और हान्फते हुए बेड पर पड़ गया घड़ी पर
नज़र गयी तो देखा 2 बज गये थे बुआ ने कपड़े पहने और बाथरूम मे चली
गयी मैं वही पड़ा रहा मुझे भी पेशाब लगा था पर बाथ रूम मे तो बुआ गयी
हुवी थी तो मैं मुंडेर पर चढ़ा और नीचे गली मे मूतने लगा मूतने का भी एक
अलग ही सुख होता है बड़ा ही चैन मिला पेशाब करके फिर मैं अंदर आ गया
थोड़ा पानी पिया साली प्यास भी कुछ ज़्यादा ही लगती थी थोड़ी देर बाद बुआ भी
आकर लेट गयी मैं उनसे चिपकने लगा तो बुआ बोली कि अब कुछ नही वो थक गयी है
और बस अब सोएंगी तो मैं क्या कर सकता था तो मैं उनसे चिपक कर सो गया
सुबह साढ़े 4 बजे मेरी आँख खुल गई तो मैने देखा कि मेरा हाथ बुआ की
चूचियो पर था और नीचे लंड कच्छे मे टेंट बनाए खड़ा था मैं हैरान हो
गया कि यार नींद मे भी लंड खड़ा हो सकता है अब लंड खड़ा था तो उसको
बिठाना भी ज़रूरी था तो मैने बुआ को जगा दिया आँखे मलते हुए बुआ थोड़ा
गुस्से से बोली कि क्या तुझे कभी चैन नही आता है क्या खुद तो पागल है ही दूसरो
को भी परेशान करता है तो मैने कहा डार्लिंग गुस्सा क्यो करती हो मैने सोचा कि
एक बार और सुबह सुबह राउंड लगा लेते है तो बुआ बोली शरम कर राम नाम के
वक्त दुनिया तो भगवान को याद करती है तो मैने कहा मेरी भगवान तो आप
ही हो अब भक्त की इच्छा पूरी करो तो बुआ थोड़ी से मुस्काई और बोली ठीक है अब
जगा तो दिया ही है वो कहने लगी की तू दो मिनट रुक मैं ज़रा पेशाब कर आउ बड़ी
ज़ोर से लगा है तो मुझे शरारत सूझी मैने बुआ का हाथ पकड़ लिया और कहा की
बुआ आप इधर ही कर्लो तो वो बोली कि इधर कैसे करू तो मैने कहा की आपकी चूत
का पानी तो बहुत बार पिया है आज पेशाब भी पियुंगा तो बुआ बुरी तरह से शर्मा
गयी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और उनकी सलवार का नाडा खोलते हुए उसको उतार
दिया और तुरंत ही नीचे बैठ कर चूत पर अपना मुँह लगा दिया बुआ के बदन मे
झुरजुरी दौड़ गयी वो बोली तू भी ना बिल्कुल पागला है मैने बुआ के चुतड दबाए
और कहा चलो मुतो तो कुछ देर बाद बुआ की चूत से खारे पानी की मोटी सी धार
निकली और मेरे मुँह से होते हुए गले के नीचे उतरने लगी बुआ की आँखे बंद हो
चुकी थी उनके दोनो हाथ मेरे सर पर थे बिना कुछ बोले खामोशी से वो उस
अजीब से लम्हे का मज़ा ले रही थी थोड़ा पेशाब मैं पी गया थोड़ा मेरे चेहरे
पर गिर गया सच कहता हू जो मज़ा चूत से बहते पेशाब को चखने का है वो
मज़ा महनगी से महनगी शराब मे भी नही है अब मैने बुआजी को बेड पर लिटाया
और उनकी योनि पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने लंड को उसके मुंहाने पर
सता दिया बुआ कुछ कहती उस से पहले ही लंड चूत की दीवारो को बेधते हुए अंदर
पहुच चुका था बुआ की आँखे एक झटके मे फैल गयी वो धीमे से बोली कि जल्दी ही
करलियो दिन निकलने वाला है भाई भाभी भी उठने को ही होंगे तो मैने कहा आप
भी सहयोग करो तो जल्दी काम निपट जाएगा तो बुआ बोली हाँ अब बाते कम करो और
शुरू हो जाओ तो मैं दना दान धक्के पेलने लगा बुआ भी अपने कुल्हो को उछाल
उछाल कर मेरे धक्को का पूरा साथ दे रही थी मैं उनके होंठो चूमने ही जा रहा
था कि बुआ ने मना कर दिया तो मैं उनकी गर्दन को चूमते हुए चूत की
रगदाई करने लगा बुआ अपने नाखूनो को मेरी पीठ पर लगाए जा रही थी कुछ
मिनट बाद बुआ ने अपनी टाँगो को ओर उपर कर दिया और लंबी लंबी साँसे लेते
हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी उनकी बेहद गरम साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी
प्रमिला ने तो मेरी लाइफ को एक अलग मोड़ पर ही ले जाकर खड़ी कर दिया था मेरा
लंड सरपट सरपट चूत मे अंदर बाहर होये जा रहा था करीब 10 मिनट तक
बुआ के उपर चढ़े चढ़े उनकी चुदाई करने के बाद मैने उनको फर्श पर
खड़ा किया और खड़े खड़े ही बुआ को चोदने लगा बुआ की चूत की चिकनाई बहुत
ही बढ़ गयी थी और कोई 12-13 मिनट बाद बाद मैं और बुआ साथ साथ ही झाड़
गये
चुदाई ख़तम होने के बाद बुआ ने फटाफट अपने कपड़े पहने और बिस्तर को ठीक किया ताकि किसी को भी कमरे को देख कर ये ना लगे कि रात भर कमरे मे घमासान मचा था कमरे की हालत ठीक करने के बाद बुआ ने कहा कि वो नीचे जा रही है और चली गयी मैं बाहर छत पर आकर टहलने लगा आज कई दिन बाद इतनी सुबह उठा था उगते सूरज को देखना बड़ा अच्छा लगा था मुझे कुछ देर बाद अंगड़ाई लेते हुए चाची भी अपने कमरे से बाहर निकल आई और मुझे देख कर बोली कि आज तुम सवेरे सवेरे ही उठ गये तो मैने कहा हाँ चाची फिर चाची फ्रेश होने चली गयी मैंन नीचे गया तो बुआ ने चाइ बना ली थी मैने चाइ पी
अब आज का दिन ही बचा था गाँव मे कल मुझे जाना था तो मन थोड़ा भारी सा होने लगा पर हमारे जैसो को तो एमोशन्स पर कंट्रोल करना पड़ता ही है खैर टाइम तो अपनी रफ़्तार से ही चलता है ना उसपे कहाँ किसी का ज़ोर चलता है कुछ तैयारिया करनी थी तो मैं उनमे जुट गया चाचा को बोल दिया था बाइक का रेजिस्ट्रेशन नंबर वो ले आए पॅकिंग शेकिंग मे दोपहर ही हो गयी थी सभी घरवाले थोड़ा सा सॅड सॅड हो रहे थे पर अपनी भी कुछ मजबूरिया थी 45 दिन जम कर ऐश ली थी वो दिन भी ऐसे ही गुजर गया एक बोझिल महॉल के साथ रात को मैने मिता को फोन किया तो उसने कहा कि ठीक है मैं तुम्हे टाइम पर बस स्टॅंड मिलूंगी फिर हम साथ ही निकलेंगे तो मैने उसको टाइमिंग बता दी और फोन काट दिया रात को फिर से बुआ जी के साथ जम कर घमासान मचाया अगले दिन मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली मुझे दस बजे निकलना था तो मैं बातरूम मे घुस गया और फटाफट तैयार होने लगा तैयार होके मैने फटाफट से नाश्ता पानी किया और फिर ताइजी के घर चला गया सब से मिलने साक्षी को थोड़ी देर खिलाया फिर वापिस आ गया अपना बॅग उठाया और सभी घरवालो से अब विदा लेने का टाइम आ गया था
मम्मी बोली कि जैसे ही छुट्टी मिले तुरंत ही घर आना और जब भी टाइम मिले फोन ज़रूर करना तो मैने कहा जी ठीक है फिर थोड़ी देर बाद मैने सहर जाने के लिए टेंपो पकड़ लिया जब मैं बस स्टॅंड पहुचा तो मिता ओर रीना मेरा वेट ही कर रही थी मैने उनको कहा मैं अभी टिकेट लेकर आता हू तो रीना बोली भाई टिकेट मैने ले ली है फिर कुछ खाने पीने का सामान लिया और हम चल पड़े अपने सफ़र को मुझे हमेशा से ही बस का सफ़र बड़ा ही चूतिया लगा करता था पर अपनी डार्लिंग साथ होने से वो बोझिल सफ़र भी बड़ा प्यारा लग रहा था बस पूरी रफ़्तार से हाइवे पर दौड़ रही थी हम तीनो बाते करते हुए अपना टाइम पास कर रहे थे रास्ते मे पानीपत मे बस एक ढाबे पर रुकी हम सब फ्रेश हुए और कुछ खाया पिया और एक बार फिर उस थकाने वाले सफ़र का हिस्सा बन गये
चंडीगढ़ पहुचते पहुचते रात के साढ़े 9 बज गये थे चंडीघर के बारे मे सुना तो बहुत था पर मोका आज मिला था देखने का सेक्टर 17 के बस स्टॅंड पर हम तीनो उतर चुके थे रात गहरा ही चुकी थी तो एक रेस्टोरेंट मे खाना खाया और फिर एक होटेल मे दो रूम ले लिए एक मेरे लिए और एक उन दोनो के लिए सफ़र की थकान थी तो पड़ते ही नींद आ गयी हालाँकि मैं थोड़ा टाइम मिथ्लेश के साथ बात करना चाहता था पर पिछली कुछ रातो से मैं ठीक से सोया नही था और फिर आज एक लंबा थकाऊ सफ़र भी किया था तो पड़ते ही नींद आ गयी
अगली सुबह तैयार होने मे ही 9 बज गये थे मिता तो मेरे साथ चंडीघर घूमना चाहती थी पर मुझे शाम तक रिपोर्ट करना था तो मैने कहा डार्लिंग मेरे पास टाइम कम है वैसे तो चंडीगढ़ से देहरादून का सफ़र कोई ज़्यादा नही था पर अब रास्ते मे क्या हो जाए तो मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था मैने कहा तुम दोनो घूम लेना पर मैं अभी निकलूंगा तो मिता उदास होते हुए बोली कि यार तुम भी ना प्लान भी बनाया और कुछ मज़ा भी नही आया तो मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा डार्लिंग मैं जल्दी ही शिमला आउन्गा फिर जी भर के घूमेंगे थोड़ा उसको समझाया तो मिता बोली ठीक है जब तुम जा ही रहे हो तो मैं और रीना भी शिमला ही निकल जाते है एक दूसरे के गले लगने के बाद हम ने अपनी अपनी बस पकड़ ली और चल पड़े अलग अलग रस्तो पर अपनी अपनी मंज़िल के तलाश मे बस मे मेरी आँख लग गयी होश जब आया जब कडक्टर ने जगाया और बोला भाई अब उतर जा तो अंगड़ाई लेते हव मैं बस से उतरा और सिटी बस पकड़ कर मिल्लिटरी अकादमी की ओर चल पड़ा एक बेहद ही
गोरवशाली और गर्व से भरी इमारत का गेट
मेरी आँखो के सामने खड़ा था यहा आते ही दिल से इक मीठी सी आह निकल पड़ी मैने सर को झटका और चल पड़ा गेट पर एंट्री करवाई फिर सीधा रिपोर्ट की कुछ सवाल जवाब हुए और फिर मैं अपने रूम मे पहुच गया साथ वाले भाइयो से दुआ सलाम हुवी कुछ घर की याद भी आ रही थी तो थोड़ी देर बाद मैं कॅंपस मे ही घूमने चला गया तो चिंकारा कॅंटीन मे एक अपना याडी बन गया था वो भी एक नंबर का चोदु था कई बार बता ता रहता था अपने किस्से तो मैं उसके पास चला गया शाम का टाइम था तो कॅंटीन मे इतनी भीड़ भी नही थी तो हम दोनो बाते करने लगे मैने कहा और भाई बता कुछ नया ताज़ा तो वो बोला भाई एक दो माल पे नज़र है एक तो कर्नल साहब की लड़की है इधर देहरादून से ही एमबीए कर रही है माल तो बड़ा ही चोखा है पर मैं तो ठहरा जवान मुझे तो क्यो घास डालेगी तू तो भाई कोई दिन मे एलटी हो जाएगा तू ट्राइ करले तो मैने कहा भाई मैं तो जानता ही नही पहले इंट्रो तो करवा तो वो बोला भाई तू डेली शाम को आया कर वो अक्सर शाम को ही कॅंटीन मे आती है तो
मैने कहा यदि अब जब भी वो आए तो तू मुझे फोन करियो फिर देखते है क्या होता है एक नयी चूत के बारे मे सुनकर मेरे लंड मे भी खुजली होने लगी थी तो मैने कहा भाई उसकी माँ चोद और तेरी पुरानी वाली सेट्टिंग्स मे से ही किसी का जुगाड़ करवा दे तो वो बोला भाई जुगाड़ तो बहुत है इधर पर मेरी एक शर्त है तो मैने कहा हाँ भाई तू बता तो वो बोला कि भाई अपना सीधा सा हिसाब है एक हाथ दे इक हाथ ले तू मुझे दिलवा मैं तुझे तो मैने कहा भाई कोई माल फसि तो तेरा ध्यान भी रखूँगा पक्का प्रॉमिस अब उस चूतिए को कॉन समझाए कि वो खुद को चूत का शिकारी समझता था तो मैं तो उसका बाप था
एक दो दिन मे पूरा बॅच वापिस आ गया था तो अपनी धक्कम पेल शुरू हो गयी थी कुछ तो छुट्टी का आलस था कुछ चूत मारके टूटे पड़े थे तो इतनी हिम्मत ही नही होती थी कि ट्रैनिंग मे अव्वल दर्जे की पर्फॉर्मेन्स दे सके अक्सर ही पनिशमेंट मिलती ही रहा करती थी वो अलग हमारा मेजर जो हमारा ट्रैनिंग इनस्टरक्टर था वो हम कुछ 4-5 दोस्तो का ग्रूप था उसकी बॅंड बजाने मे ही लगा रहा करता था नाम था नागार्जुन मूर्ति चेन्नई का निवासी एक तो उसकी लॅंग्वेज समझ नही आती थी और उपर से गान्ड घिसाई भी ज़्यादा ही करवाता था दो हफ्ते से उसके कहर को झेल रहे थे हम सब दोस्त उसकी फालतू की पनिशमेंट से बेहद ही परेशान हो चुके थे हम सोच रहे थे कि कैसे उस से पीछा छूटे पर फोज मे अपना बस कहा चलता है चलता है तो बस चूतिया ऑफिसर्स का ऑर्डर
तो भाई लोगो मैं आ चुका था बेहद तंग एक दिन टाइम पे ड्रिल करने के बाद साले ने मार्क्स काट दिए तो मेरी खोपड़ी सतक गयी मुझे बहुत तेज गुस्सा आ रहा था मैने सोच लिया कुछ भी करके मेजर की गान्ड तो लाल करूँगा ही चाहे फिर सज़ा क्यो ना मिले 28 दिन क्वॉर्टर गार्ड ही क्यो ना काटना पड़े पर इसकी माँ चोदुन्गा तभी चैन मिलेगा तो मैं लगा मेजर की गान्ड तोड़ने के मौके मे पर भाई अपना नसीब भी इधर आकर कुछ ज़्यादा ही चूतिया हो जाता था खैर दिन कट रहे थे मेरी गान्ड मरते हुए एक दिन मैं कॅंटीन से शेव लोशन खरीद के आ रहा था शाम का टाइम था मेजर साहब सिविल ड्रेस मे एक औरत के साथ हंस हंस के बाते करते हुए पैदल ही स्विम्मिंग पूल की तरफ जा रहे थे मेरा माथा ठनका भाई अब इस चूतिए के साथ ये कॉन है तो मैं भी उनके पीछे पीछे चल पड़ा वहाँ जाकर पता चला कि ये तो साहब की मेम्साब है
अब मुझे हँसी आ गयी हे भगवान ये तेरी कैसी लीला इस ढक्कन की बीबी ऐसी खूबसूरत बेहद ही गोरी जैसे दूध मे केसर का रंग घुल गया हो मैं तो देख के हैरान हो गया पूल साइड पर इतनी लोगो की भीड़ नही थी मेजर गोते मार मार कर नहा रहा था और मेम साबमुझे दिखाई नही दी शायद गयी होंगी चेंज वेंज करने तो मैने मोका देख कर मेजर की जेब से उसका आइडी कार्ड चुरा लिया और वहाँ से सरक लिया अब बजेगी पुँगी साले तूने बहुत खून पिया है अब साले तेरी माँ चुदेगि ये सोचते हुए मैं खुशी से पागल हुआ जा रहा था क्योंकि आइडी कार्ड अगर खो गया तो बंदे को क्वॉर्टर गार्ड मिलता है मैं आकर चैन की नींद सो गया
अगले दिन सुबह से ही हमारी सुताई हो गयी आज मेजर साहब की जगह सूबेदार जसपाल सिंग हमारी एक्सर्साइज़ करवा रहे थे बड़े ही जिंदा दिल आदमी थे बड़ी ही इज़्ज़त करते थे लोग उनकी तो हमे भी मज़ा आ रहा था फिर 9 बजे नाश्ते मे दो गिलास चाइ और चार पूरी तोड़ने के बाद मैं सूबेदार साहब के पास गया और उनको प्रोटोकॉल देने के बाद पूछा कि आज साहब कहाँ गए तो उनको भी कुछ ज़्यादा पता नही था पर मुझे तो हुड़क चढ़ि थी मैं मेजर साहब के एक्सप्रेशन देखना चाहता था पर वो पूरा दिन आया ही नही अब इधर ना मुझे चैन ना उधर उसको चैन अगले दो दिन साहब के दर्शन ना हुए दो दिन बाद मुझे ट्रैनिंग मे फिर से सज़ा मिल गयी थी उसको पूरा करके जब तक मैं मेस पहुचा तो मेस भी बंद हो गया था मैं कुक के पास गया और बोला भाई जो भी पड़ा है तो दे दे तो वो बोला भैया अभी कुछ देर रुक जाओ तो मैं चाइ कॉफी या नाश्ता अरेंज कर सकता हू तो
मैने कहा भाई पेट मे आग लगी है तू चाइ पिलाने की बात कर रहा है मैं पैर पटकते हुए वापिस आ गया आज पूरा दिन से भूखा था अब बिस्कुट से भूख थोड़ी ही ना मिट ती है तो मैं शॉपिंग सेंटर की तरफ चल पड़ा तभी मुझे ख़याल आया कि यार मेजर 3 दिन से दिखा ही नही कही साला टेन्षन टेन्षन मे कुछ कर ना ले और कही फिर इंकवारी हो गयी तो और भी पंगा हो जाएगा तो मैने सोचा मेजर अपनी माँ चुदाये उसको आइ कार्ड वापिस कर देता हू और क्या पता इसी बहाने से वो सज़ा देना भी बंद कर दे हल्का हल्का सा अंधेरा भी छाने लगा था सावन का मौसम वैसे चल रहा था
तो मैं पैदल पैदल साहब की घर चल पड़ा घर क्या था ऑफीसर बंग्लॉ था घंटी बजाई तो मेम साहब ने दरवाजा खोला और मुझे सवालिया नज़रो से देखने लगी और मैं उन्हे हवस की नज़रो से देखने लगा फिर उन्होने मेरी तंद्रा तोड़ ते हुए पूछा कि एस किस से मिलना है आपको तो मैने कहा की मॅम मुझे मेजर साहब से मिलना है और अपना नाम बताया तो वो बोली कि यही रूको मैं आभी आती हू कुछ मिनट बाद उन्होने मुझे अंदर बुलाया और सोफे पे बैठने को कहा और खुद भी बैठ गयी मेरी नज़र उनसे हट ही नही रही थी पर प्रोटोकॉल भी देना पड़ता है फोज चलती ही चूतिया रूल पर है थोड़ी देर बाद मूर्ति सर भी आ गये थोड़े परेशान ही लग रहे थे पर मुझ से नॉर्मल ही बात की और एक कॉफी पिलाने के बाद आने का कारण पूछा तो मैने जेब से उनका कार्ड निकाला
और कहा कि सिर मुझे ये कॅंपस मे मिला तो आपको देने आया हूँ आइ कार्ड देखते ही मेजर की आँखो मे चमक आ गयी उसने चैन की सांस ली और बार बार मेरा थॅंक यू करने लगा वो बोला कि तुमने मेरी बहुत मदद की है बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हू मैं पूरे दिन से भूखा था तो मुँह से निकल गया कि सिर भूख लगी है थोड़ा खाना ही खिला दो तो
मेम्साब जोरो से हँसने लगी और बोलो तुम बैठो मैं अभी तुम्हारे लिए कुछ लाती हू उनके घर दबा के मैने इडली डोसा खाया पर नज़र तो मेरी मेम्साब की मोटी मोटी चूचियो पर ही थी खाने के बाद मैने कहा सर अब मैं चलता हू सावन का महीना था तो बारिश के से आसार हो रहे थे तो सर ने एक बार फिर से मुझे थॅंक यू कहा और गेट तक छोड़ने आए
कुछ दूर ही आया था की हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी ठंडी ठंडी बूंदे मेरे चेहरे से होती हुवी मेरे तन बदन को भिगोने लगी बारिश का मज़ा लेते हुए मैं अपने होस्टल की ओर चले जा रहा था इधर नीचे पॅंट मे लंड जीने नही दे रहा था चूत दिलवाओ ऐसा शोर मचाए जा रहा था तो जाते ही मुट्ठी मारी तब जाके सांस आई पूरी रात बारिश हुवी थी तो अगली सुबा सब कुछ ताज़ा ताज़ा सा ही लग रहा था चहकते हुए पक्षियो की मधुर आवाज़े बड़ी ही अच्छी लग रही थी पर अपनी तकदीर मे कहाँ नज़ारे है अपनी तो
सुबह होते ही गान्ड घसाई शुरू हो गयी थी तो भाई लोगो दिन ब दिन ऐसे ही काट रहे थे मुझे आए हुए बीस दिन के आस पास आ गये थे तो एक दोपहर को घर से फोन आया दूसरी तरफ चाची थी बड़ी ही चहक रही थी वो उन्होने शरमाते हुए बताया कि काम हो गया है इस बार उनकी डेट्स नही आई तो उन्होने प्रेगञेंसी टेस्ट किया है और वो पॉज़िटिव आया है तो मैने कहा ये तो बेहद ही खुशी वाली बात बताई है आपने मुझे सच मे बहुत ही खुशी हुवी थी फिर थोड़ी देर मम्मी से भी बात चीत कर ली और फोन काट दिया मैं सोचने लगा कल को जब चाची के जो भी बच्चा या बच्ची होगा उसको मैं भाई बहन कहूँगा या बेटा बेटी अब मैं तो कोंफूज़ हो गया पर फिर सोचा अपने को क्यो टेन्षन लेनी जो भी हो अच्छा ही है एक दिन सुबह की ड्रिल के बाद मैं नाश्ते के लिए जा रहा था तो तभी मूर्ति सर ने मुझे कॉल किया मैं सोचा अब क्या हो गया मैं दौड़ते हुए उनके पास गया
तो उन्होने मुझे अपने ऑफीस मे आने को कहा मैं उनके साथ चला गया उन्होने मुझे एक टिफिन दिया और बोले कि ये मैं तुम्हारे लिए लाया हू आज तुम साउत इंडियन ब्रेकफास्ट करो मुझे तो यकीन ही नही हुआ कि ये साला मेरे पे कभी मेहरबान भी हो पाएगा बेहद ही टेस्टी इडली और नारियल की चटनी मज़ा ही आ गया मुझको तो दिन ऐसे ही मज़े लेते हुए कट रहे थे एक दिन कॅंपस मे बड़ा खाना हुआ तो पार्टी पूरे जोश मे चल रही थी मैंन भी दो पेग टिका दिए थे सभी ऑफिसर्स चाहे सीनियर हो या जूनियर अपनी अपनी फॅमिली के साथ आए हुए थे एक से एक माल घूम रहा था आस पास पर अपन को तो मुट्ठी मार कर ही सोना था तो मैने तीसरा पेग भी उठा लिया
तभी मुझे अपना याडी दिख गया मैं उसके पास गया और बोला भाई आज तो लंड जीने ही नही दे रहा है आज तू कुछ जुगाड़ करवा भाई तो वो बोला भाई एक जुगाड़ तो है पर कुछ ख़ास्स नही है मैने कहा जो भी है अड्जस्ट तो करवा तो वो बोला आ मेरे साथ पार्टी मे ही उसने मुझे इक लड़की से मिलवाया लड़की तो क्या लड़की के नाम पे कलंक ही थी साली इतनी पतली जैसे ही बस अब हवा चली और अब वो उड़ी और आँखो पर नज़र का चश्मा उसको देख कर मैने सोचा कि यार कहाँ तो एक से एक माल को रगड़ दिया और कहाँ इसकी लेनी पड़ेगी तो मैने कहा भाई ये कही मर वर ना जाए तो वो बोला भाई एक बार इसके साथ जाके तो देख फिर कहना तो उसने मेरा इंट्रो उस लड़की से करवाया और सारा मामला सेट करवा दिया अब जगह की दिक्कत थी तो मैने आइडिया लगाया पास मे ही जॅंकयार्ड था जहा पुराने आर्मी वेहिकल्स पड़े थे तो वहाँ एक आर्मी बस भी खड़ी थी मैं सबसे बचते बचाते उस लड़की को उस बस मे ले गया
मैने धीमे से उसका नाम पूछा तो उसने कहा उषा उमर को बीस इक्कीस की होगी चूची छोटी छोटी सी थी किसी बड़े वाले नींबू जैसे फिगर तो कुछ ख़ास नही था पर अब ये ही जुगाड़ था तो अब ये ही सही
बस मे घोर अंधेरा छाया हुआ था मैने उस को अपने पास खीचा और उसके सूट के उपर से ही उसकी छोटी छोटी चूचियो को मसल्ने लगा वो आहे भरने लगी कुछ ही देर मे उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और पेंट के उपर से ही उसको सहलाने लगी अब चूत चाहे कैसी भी हो होती तो चूत ही है ना मैने उसके सूट को थोड़ा सा उपर किया और ब्रा के उपर से ही चूचियो को मसल्ने लगा उषा भी मुझे कुछ चुदासी ही लगी वो भी कुछ ज़्यादा ही रेस्पॉंड कर रही थी मैने उसके सूट को उपर सरका दिया और ब्रा के उपर से बोबो को पूरी ताक़त से मसल्ने लगा जिसका रिक्षन कुछ यू दिया उसने कि उसने मेरी पॅंट को खोल कर नीचे कर दिया और मेरे लंड को अपने हाथ से ज़ोर से हिलाने लगी कुछ देर तक उसको स्मूच करने के बाद मैने उसके कान मे धीमे से लंड चूसने को कहा तो वो बिना शरमाये नीचे बैठ गयी और मेरे लंड को मुँह मे ले लिया और ऐसे चूसने लगी जैसे कि किसी ब्लू फिल्म की हेरोयिन लंड चूस रही हो बड़ी ही अदा से वो लंड के सुपाडे को चूमते हुए मुझे मज़ा देने लगी थी वो अपनी जीभ को गोल गोल करते हुए मेरे लंड को चूस रही थी कुछ ही पॅलो मे उसने पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया था तो मैने उसके सर को अपने हाथो से पकड़ लिया और कमर हिलाते हुए उसके मुँह को छोड़ने लगा उषा गगगगगगग्गगुउुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ गगगगगगगगगगगगग्गगुउुुुुउउ करने लगी 5-7
मिनट अच्छे से उसको लंड चूसाया फिर मैने उसको खड़ी किया और उसकी सलवार और पैंटी को उतार कर साइड मे रख दिया और उसको बस की सीट पर लिटा दिया मैने पर्स से कॉंडम निकाला और अपने लंड पर चढ़ा लिया और उषा की सुखी सुखी टाँगो को फैला के अपने लिए रास्ता बनाया और लंड को उसकी चूत पर टिका दिया जैसे ही आधा लंड चूत मे गया उषा के बदन मे दर्द की लहर उठ गयी वो दर्द भरी आवाज़ मे बोली आहह उूउउइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मुंम्म्ममममममममममममममय्ययययययययययययी कितना मोटा है तुम्हारा माणिईीईईईईईईईईईईईईईईई तूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ गाइिईईईईईईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज मीईईईईईईईरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईई तो ऊऊऊऊऊ फ़ाआआआआआआअटततटटटटटटटटटटटटटटटतत्त हीईीईईईईईईईईईईईईईईई गयी आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज
तो मैने कहा आज तक तू लुल्ली से ही चुदि होगी चल अब लंड का भी मज़ा ले और दो तीन धक्को मे ही पूरा लंड उषा की चूत मे पहुचा दिया उसस्स्स्स्स्शहााआअ दर्द सीईईईईई दोहरी हो गयी ओूऊऊऊओ बूऊओलीइीईईई कीईईईईईईईईईईई आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तूऊऊऊऊऊऊ तुमनीईईईईईई फफफफफफफफफफफफफफफफफफ़ाआआआआआाााद्द्द्द्द्द्द्दद्ड हीईीईईईई द्दददाााआआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीइीईईईईईई और आवाज़ करने लगी तो मैंन झट से अपने मुँह से उसके मुँह को लॉक कर दिया अब उसकी आवाज़ मेरे मुँह मे ही घुट के रह गयी तो मैं लगा अब लंड को आगे पीछे करने उषा के होंठो को पीते पीते मैं चूत के मज़े लेने लगा था थोड़ी देर मे उषा की ट्रेन भी मस्ती के प्लतेफोर्म पर आ गयी और वो भी अपनी गान्ड को उचका उचका कर चुदाई का मज़ा लेने लगी अब उसको लंड मोटा नही लग रहा था पच पुच की आवाज़ बस मे आ रही थी तो इस तरह से 30-35 मिनट तक उषा की बुरी तरह से चुदाई की मैने और फिर डिसचार्ज हो गया मैं उसके उपर से उतरा कॉंडम को निकाल कर वही बस मे ही फेक दिया कपड़े सही किए और फिर सावधानी से वहाँ से खिसक लिए पार्टी अभी चल ही रही थी फिर खाना वाना खाया और एक दो पेग और टिका दिए
चूँकि रात को पार्टी थी तो अगले दिन का ऑफ मिला था तो मैं भी लेट ही उठा उस दिन कई दिन की नींद पूरी करली मैने तो दोपहर को मैने सोचा कि क्यो ना एक दो समोसे ही खा लू तो मैं शॉपिंग सेंटर पहुच गया तो मैने देखा कि वहाँ पर मूर्ति सर की वाइफ भी थी उनके पास दो बॅग थे तो मैं उनके पास चला गया उनको नमस्ते किया तो वो बोली कि अरे तुम यहाँ कैसे तो मैने कहा कि माँ समोसे खाने आया हू तो उन्होने कहा आओ घर चलो मैं तुमको मस्त डोसा और संभर खिलाती हू तो मैने उनके दोनो बॅग उठा लिए और उनके साथ उनके घर आ गया ब्लू जीन्स और पिंक टॉप मे वो बड़ी ही जबरदस्त लग रही थी बॅग थोड़े भारी थे तो मैं उनसे थोड़ा सा पीछे रह गया उनकी गान्ड बड़ी ही भारी थी और जीन्स मे तो और भी कयामत लग रही थी
मेरा मन डोलने लगा था कोई दस मिनट बाद मैं उनके घर था मैने सामान रखा और सोफे पर पसर गया अपनी एक बात थी कि मैं कभी फॉरमॅलिटी के चक्कर मे नही पड़ता था मॅम बोली कि कुछ पियोगे तो मैने कहा जी ठंडा पानी तो उन्होने मुझे बॉटल ला कर दी और फिर मुझसे बाते करने लगी कि मैं कॉन से ट्रेड मे हू कहाँ से बिलॉंग करता हू वाईगरे वाईगेरा कुछ ही देर मे वो मुझसे काफ़ी फ्रॅंक हो गयी और मैं तो उनकी सुंदरता पर मोहित हो ही गया था फिर
मैने कहा मॅम एक बात पुछु अगर बुरा ना मानो तो उन्होने कहा अरे पूछो जो तुमको पूछना है तो मैने कहा मॅम आपका नाम क्या है तो वो खिल खिला कर हँस पड़ी और फिर बोली मेरा नाम पद्मिकनी है मैने कहा बड़ा ही प्यारा नाम है जी आपका तो वो बोली हम वो तो है हम ऐसे ही गॉसिप करते रहे की अचानक उन्होने मुझे टोका और कहा कि क्या तुम बार बार मॅम मॅम बोलते रहते हो तुम मुझे भाभी भी कह सकते हो इधर घर मे नो प्रोटोकॉल तो मैने कहा जी भाभी मुझे कोई डेढ़ दो घंटे हो गये थे उनके यहाँ आए हुए तो मैने कहा भाभी अभी मैं चलता हू तो उन्होने कहा की जब भी तुम्हारा मन कुछ खाने को हो तो तुम सीधे यही आ जाना मैंन कहा जी आ जाउन्गा और फिर वहाँ से आ निकला मुझे आए हुए दो महीने होने को थे पर मिता का एक भी फोन नही आया था और ना ही मैने फोन किया था तो उसकी याद भी आ रही थी पर चूँकि उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी तो मैं भी उसको ज़्यादा डिस्टर्ब नही करना चाहता था और निशा की याद तो कभी दिल से जाती ही नही थी मुझे तो नेक्स्ट होलिडे सॅंक्षन होने का इंतज़ार था कि कब मैं मुंबई पेहच्यू दो तीन दिन मे घर पर भी बात कर लिया करता था तो वो भी खुश हो जाते थे ऐसे ही सबको खुशिया देते हुए मैं खुद अपने दुख मे झुलसे जा रहा था पर एक बात थी कि मेजर साहिब अब मुझसे इतनी सज़ा भी नही देते थे और अपने कई काम भी मुझसे करवा लिया करते थे हर सनडे को उनके घर का भोजन उड़ाता था मैं पद्मिईनी जी से भी काफ़ी हसी मज़ाक कर लेता था वो बेहद ही सुलझी हुवी लेडी थी और मूर्ति सर भी कुछ ऐसे ही थे पर ये आर्मी थी तो टफनेस तो दिखानी पड़ती है ना
एक दिन मैं पद्मि नी भाभी से ऐसे ही मिलने चला गया तो वो अपने बगीचे मे पोधो को पानी दे रही थी अब पानी का काम था तो थोड़ा कीचड़ भी हो गया था जब वो मेरी तरफ आ रही थी तो अचानक ही उनका पैर स्लिप हो गया और वो फिसल कर सामने वाली दीवार से टकरा कर गिर गयी मैं दौड़ कर उनकी तरफ गया और झट से उनको बाहों मे उठा लिया तो मेरी कोहनिया उनके बूब्स से टकराने लगी पर मैने इतना ध्यान नही दिया क्योंकि वो बहुत ही ज़्यादा दर्द मे थी तो मैं उनको अपनी बाहों मे उठाए ही अंदर ले गया और बेड पर लिटा दिया अब
उनके कपड़े तो कीचड़ के हो गये थे तो चादर थोड़ी सी गंदी हो गयी पर उनको लिटाना तो था ही वो दर्द से बुरी तरह से कराह रही थी तो मैने जल्दी से मूर्ति सर को पद्मि नी के फोन से कॉल किया और पूरी सिचुयेशन बताई तो वो भी टेन्षन मे आ गये पर उन्होने कहा कि वो आज सीनियर ऑफिसर्स के साथ बोर्ड मीटिंग मे है कुछ ऑफिसर्स का डेलिगेशन बाहर से आया है तो वो तो रात तक फ्री नही हो पाएँगे तो उन्होने मुझे कहा कि तुम पद्मिननी को जल्दी से एमएच (मिलिटरी हॉस्पिटल ) ले जाओ तो मैने कहा ऑर्डर का पालन होगा सर और कॉल कट कर दी मैने पद्मिीनी को कहा कि मैं आपको एमएच ले जा रहा हू इसी टाइम तो वो सुबक्ते हुए बोली कि पर मेरे कपड़े गंदे है तो मैने कहा मैं बाहर वेट करता हू आप चेंज कर्लो फिर मैं आपको लेके चलूँगा उन्होने उठने की कोशिश की पर वो उठ ना पाई और रोते हुए बोली कि मेरे हिप्स मे बहुत ही दर्द हो रहा है आइ कॅन’ट एबल टू मूव तो मैने कहा मॅम ऐसे गंदे कपड़ो मे तो नही ले जा सकता ना तो उन्होने कहा एक काम करो मेरी अलमारी से मेरा ट्रॅक्सयूट निकालो और मुझे पहनाओ मैने कहा भाभी मैं कैसे ये कर सकता हू तो उन्होने कहा मुझे कुछ नही पता है मैं पेन को बर्दास्त नही कर पाउन्गि तुम बस मेरी हेल्प करो मुझे अंदर ही अंदर खुशी भी थी कि उनके हुस्न का दीदार हो जाएगा पर उनकी पेनफुल सिचुयेशन से दुख भी था तो मैने अलमारी से उनका ट्रॅक सूट लिया तो भाभी बोली जल्दी से मेरे कपड़े चेंज करो तो मैने उनकी बाहों को उपर किया और उनके टॉप को आहिस्ता से निकाल दिया ।