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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#34
बुआ बड़े ही मज़े से चाची के दोनो उभारों को दबाते हुवी चूस रही थी और चाची का हाथ पूरी
रफ़्तार से बुआ की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था फिर बुआ ने चाची को थोड़ा सा अड्जस्ट किया और दोनो
औरते 69 मे आ गयी और एक दूसरे को दिखाने लगी कि किसमे कितना दम है दोनो बड़े ही प्यार से एक दूसरी
की मखमली चूत को चाटे जा रही थी उनके इस हॉट सीन को देखकर पता ही नही चला कि कब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया

दोनो की गरम गरम साँसे मैं महसूस कर रहा था अब मुझे भी चूत चाहिए थी पर मैं इंतज़ार
कर रहा था कि इनमे से कोई एक झड जाए तो मुझे थोड़ी आसानी हो जाए दोनो सडॅप सडॅप जीभ
चलाते हुए एक दूसरे के सामर्थ्य को तोल रही थी और फिर कोई 12-13 मिनट के बाद बुआ ने अपनी हार
मान ली और झाड़ गयी जैसे ही बुआ का काम हुआ मैने चाची को उनके उपर से हटाया और चाची की
मोटी मोटी टाँगो को फैलाते हुए उनको अपने कंधो पर रखा और अपने लंड को चाची की करारी चूत
मे पेल दिया चाची के मुँह से एक चीख निकल गयी क्योंकि उनकी चूत मे झटके से लंड घुस गया था



मैं पूरा ज़ोर लगाते हुए उनकी चुदाई करने लगा बुआ पास मे ही अपनी आँखो को बंद किए लेटी हुई थी
मेरा लंड थप तप करता हुआ चाची की चूत के छेद मे पड़ा था चाची का आधे से ज़्यादा काम
तो बुआ ने सॅल्टा ही दिया था तो चाची पूरी मस्ती से चुदते हुए अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रही थी तो
उन्होने कहा कि मेरे उपर आजा फिर कर तो मैं उनपे छा गया और तेज तेज धक्के लगाने लगा 8-10
मिनट ही चोदा था कि चाची का बदन अकड़ गया और चूत पूरी तरह से गीली हो गयी और चाची भी
पस्त हो गयी पर मैं लगातार धक्के पे धक्के लगाए ही जा रहा था पर चाची की हालत अब खराब हो
गयी थी थकान उनपर छा गयी थी तो वो कराहते हुए बोली कि बस अब वो और नही चुद पाएगी वो बोली
कि मुझ पर रहम खा और अब तू तेरी बुआजी को चोद तो मैने अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकाल
लिया और उनको अपनी पकड़ से आज़ाद कर दिया चाची साइड मे लेट गयी और लंबे लंबे सांस लेने लगी



मैने बुआ की टाँगो को अड्जस्ट किया और अपने लंड को उनकी चूत पर टिकाया तो बुआ बोली कि मैं अब नही ले
पाउन्गि अभी अभी मैं झड़ी हू थोड़ा टाइम लगेगा दुबारा तैयार होने मे तो मैने कहा डार्लिंग मैं
क्या करू ना चाची दे रही है ना तुम तो बुआ बोली की मेरी गान्ड मार ले ये सुनके मैं बहुत खुश हो
गया और बुआ घोड़ी बन गयी मैने उनकी गान्ड पर थूक लगाया और अपने लंड को गान्ड मे हौले हौले
करके घुसा दिया उनकी गान्ड का छेद अब काफ़ी खुल गया था पर फिर भी काफ़ी टाइट था मैने अपने हाथ
आगे बढ़ा कर उनके बोबो को पकड़ लिया और अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए उनकी गान्ड को
चोदने लगा बुआ भी अपनी गान्ड को हिला हिला कर गान्ड मरवा रही थी पूरे 15 मिनट तक उनको घोड़ी
बना कर उनकी गान्ड मारी जब मुझे लगा कि अब मैं झड़ने वाला हू तो मैने लंड को उनकी गान्ड से निकाला
और पास मे लेटी हुवी चाची की चूत मे डालके 10-12 जोरदार शॉट मारे और फिर वही पर अपना सारा
पानी छोड़ दिया
अब हम तीनो बहुत ही बुरी तरह से थक चुके थे शरीर का एक एक पुर्जा जैसे बिखरने को था तो फिर हम तीनो एक दूसरे की बाहों मे सो गये ।

अगले दिन मैं उठा दो देखा कि मैं नंगा ही पड़ा था तो मैने अपने कपड़े पहने

और बाथरूम मे चला गया फ्रेश होने के लिए फिर मैं नीचे गया तो पता चला कि

बुआ और चाची दोनो ही रसोई मे थी मैने बारी बारी दोनो को किस किया और पूछा

कल रात को मज़ा आया तो वो शर्मा गयी मैने कहा जल्दी से नाश्ता लगा दो मुझे

रेलवे स्टेशन जाना है दरअसल मैने रिज़र्वेशन नही करवाया था तो मैने

सोचा की अब आर्मी कोटे से ही सीट का जुगाड़ कर लूँगा तो वारंट कॅश करवाना था तो

मैं नाश्ता पानी करके रेलवे स्टेशन चला गया वहाँ काफ़ी भीड़ थी तो दोपहर

वही पर हो गयी गर्मी ने हालत और भी ज़्यादा खराब कर दी मेरी पर मजबूरी थी

तो मैं लाइन मे खड़ा खड़ा अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा मैं लाइन मे लगा

पड़ा था कि तभी ऋतु मॅम का फोन आ गया वो कहने लगी कि तुम तो मुझे भूल

ही गये हो मुझसे मिलने कब आओगे तो मैने कहा कि मॅम घर पे कुछ ज़रूरी

कामो मे अटक गया था अभी तो मिलना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि अब तो 6 दिन ही

बचे है पर देहरादून जाने के बाद जब कभी आउटपास मिलेगा तो पक्का आपकी

खिदमत मे हाज़िर हो जाउन्गा तो ऋतु नाराज़ होने लगी और बोली कि यार अगर नही आना

था तो पहले ही मना कर देते तुम्हारे चक्कर मे मैने भी लीव सॅंक्षन नही

करवाई और गुस्सा होने लगी पर मैं सिर्फ़ सॉरी बोलने के अलावा और कुछ कर भी तो

नही सकता था काफ़ी टाइम लगा ऋतु को समझाने मे फोन रखा ही था कि मेरा

नंबर भी आ गया तो रिज़र्वेशन ऑफीसर ने बताया कि भाई अभी तो पूरी सीट फुल

है पीक सीज़न जो चल रहा है तो मैने आर्मी कोटे का पूछा उसने कहा कि एमसीओ

तो पूरा बुक है अभी कुछ नही हो पाएगा अभी तो जनरल डिब्बे मे ही सफ़र के

मज़े लो या फिर बस पकड़ लो अब साली ये भी दिक्कत ही हो गयी बस से जाउ तो 12

घंटे चंडीगढ़ के और फिर 2-3 घंटे आगे और फिर बस मे ट्रेन जैसा मज़ा कहाँ

तो दिसाइड किया कि अब भाई तो जनरल डिब्बे मे ही जाएगा आज का तो दिन स्टेशन पर

ही घुल गया था और कुछ काम भी नही हुआ था तो मैं बाहर आया और एक

नींबू पानी पिया तब थोड़ा मज़ा आया फिर बाजार से कुछ छोटा मोटा सामान

खरीदा और घर को चल दिया गाँव के मोड़ पर मुझे शीला भाभी मिल गयी वो

अपनी भैंस को तालाब पर नहला कर लाई थी वो मेरे पास आई और बोली कि देवेर जी

कहाँ रहते हो कभी मुझ ग़रीब पर भी कृपा करदो तो मैने कहा भाभी जैसे ही

मोका मिलेगा आपको भी खुश करूँगा चूत तो चारो तराफ़ बिखरी पड़ी थी पर

घर मे ही दो दो माल थे तो बाहर जाने का दिल ही नही कर रहा था वैसे मैं

गीता से मिलने ज़रूर जाना चाहता था पर जा ही नही पा रहा था


और अब दो चार दिनो मे गाँव से अपना दाना पानी तो वैसे ही उठने वाला था मैं घर

गया और अपने कमरे मे जाकर लेट गया थोड़ी देर बाद मैने अपनी अलमारी खोली

और उन चिट्ठियो को पढ़ने लगा जो निशा ने मुझे भेजी थी मैने ये पक्का सोच

लिया था कि अब जब भी छुट्टी मिलेगी पहला काम मुंबई जाना ही होगा कुछ भी

करके उस से मिलना ही होगा निशा को लेकर मैं बहुत ही प्रोटेक्टिव हो जाता था अक्सर

फिर मैने अपने सारे सामान को मेरे बॅग मे डाला और कमरे को बंद कर के

नीचे आ गया मैने बुआ को चाइ बनाने को कहा और चाची के पास जाकर बैठ

गया और बाते करने लगा कुछ देर मे बुआ भी आ गयी और हमे चाइ के कप

पकड़ाते हुए बातों मे शामिल हो गयी चाइ पीने के बाद मैने अनिता भाभी को

आवाज़ लगाई तो वो बोली कि अभी आ रही हू आते ही उन्होंने पूछा कि हाँ बताओ क्या बात

है तो मैने कहा कि भाभी कल आप मेरे साथ मार्केट चलना साक्षी के लिए

कुछ नयी ड्रेस और खिलोने लाने है तो भाभी बोली कि अरे उसके पास पहले से ही

ढेरो खिलोने है तुम इतना खर्चा मत करो तो मैने कहा भाभी अभी उसका

चाचा कमाता है और फिर अगर बच्चो पर खरच ना करेंगे तो फिर ऐसी कमाई


का क्या फ़ायदा तो भाभी बोली अब तुम मानोगे तो नही ठीक है हम कल शहर

चलेंगे तभी मुझे कुछ याद आया तो मैने कहा भाभी कुछ घी का जुगाड़

भी कर देना अबकी बार मैं घी का डिब्बा भी ले जाउन्गा तो भाभी बोली तुम उसकी

चिंता मत करो सब रेडी है शाम तो हो ही चुकी थी तो मैने कहा कि बुआ आज

खाने मे कुछ स्पेशल बनाओ तो वो बोली ठीक है आज तेरे लिए चुरमा बनाती हू

मैने कहा ठीक है मैं ज़रा घूम कर आता हू मैं घर से निकला और अड्डे की

तरफ चल पड़ा

मैं आधे रास्ते गया ही था कि देखा की सामने से प्रीतम का

भाई बोरिया बिस्तर लिए चला आ रहा है उसने मुझे देखा और गले लगा लिया और

पूछा कि तुम कब छुट्टी आए तो मैने कहा भाई अब तो जाने का टाइम हो गया ट्रेन

है 4 दिन बाद की वो बोला क्या यार मैं आज आया और तूने जाने की तैयारी कर दी

मैने कहा कोई बात नही भाई तू तो समझता है ना फोर्स के रूल को तो वो बोला हाँ

भाई तो मैने उसका आधा सामान उठा लिया और उसके घर की तरफ चल पड़े

अच्छा लगा उसको देख कर थोड़ी देर मे उसके घर पहुचे तो उसने घंटी बजाई

जैसे ही दरवाजा खुला सामने के बेहद ही मस्त औरत दिखाई दी मैं उसको जानता

नही था तो मैने कहा भाई ये कॉन है तो उसने कहा पहले अंदर तो आने दे फिर

बता ता हू प्रीतम की माँ भी बाहर आ गयी और अपने बेटे को देखकर खुश हो

गयी मैं सोफे पर बैठ गया मिलने मिलाने के बाद उसने कहा कि ये तेरी भाभी

है तो मैने कहा कि अब तूने शादी कब करली हमे पता ही नही चला तो उसने कहा

कि भाई एक साल होने को है अब तेरा फोन नंबर तो था नही तो तुझे न्योता ना

दे पाया उसके लिए माफ़ कर्दे मैने कहा कोई नही भाई फिर उनके घर ही चाइ

नाश्ता किया मुझे वो पल याद आ गये जब मैं इसी घर मे प्रीतम को चोदा करता

था मैने पूछ ही लिया कि प्रीतम नही आई गर्मियो मे तो उसकी माँ बोली बेटा

उसको दूसरा बच्चा होने वाला है कभी भी हो सकता है तो अब तो बच्चा होने के

बाद ही आएगी मैने कहा ये तो खुशी की बात है तो प्रीतम की माँ बोली कि बेटा

अब तू भी शादी करले नौकरी भी मिल गयी तो मैने कहा एक बार पोस्टिंग मिले

तभी तो कुछ होगा मुझे उनके घर गये काफ़ी टाइम हो गया था तो मैने कहा

की चल भाई अभी मैं चलता हू बाद मे मिलेंगे और मैं घर आ गया


घर पे गरमा गरम खाना मेरा इंतजार कर रहा था तो आते ही पेट पूजा की मैने चाची और बुआ को बता दिया था कि आज मैं किसी से भी सेक्स नही करूँगा क्योंकि कई दिन हो गये थे मैं अच्छे से सो नही पाया था और फिर जैसे जैसे छुट्टी ख़तम होती जा रही थी मैं थोड़ा सा परेशान होने लगा था तो उन्होने भी मुझे फोर्स नही किया मैं डिन्नर करके अपने कमरे मे चला गया मेरी आँख लगी ही थी कि तभी मिथ्लेश का फोन आ गया आँखो को मलते हुए मैने फोन उठाया और हेलो कहा
मिटा: आज तुमने फोन क्यो नही किया
मैं: यार आज बहुत ही बिज़ी था ट्रेन मे रिज़र्वेशन टाइम से नही करवाया तो अभी थोड़ी दिक्कत हो गयी है
मिता: अरे यार तुम कभी कोई काम टाइम पर करते ही नही हो
मैं: अरे यार ध्यान ही नही रहा अभी देखते है
मिता: यार मैं सोच रही हू कि तुम्हारे साथ देहरादून चलूं फिर वही से शिमला निकल जाउन्गि
मैं: पर डार्लिंग तुम तो बाद मे जाने वाली थी
मिटा: अब मैं तुम्हारे साथ आ रही हू तो कोई प्राब्लम है क्या
मैं: अरे नही यार ऐसी बात नही है तुम साथ आओगी तो सफ़र भी अच्छा कट जाएगा और हम थोड़ा टाइम और साथ बिता सकेंगे
मिता: तो ठीक है मैं रीना को भी बता दूँगी आख़िर वो भी तो मेरे साथ ही जाएगी ना
मे: हाँ ठीक है
मिता: क्या बात है आज कुछ उखड़े उखड़े लग रहे हो
मे: नही यार ऐसी कोई बात नही है पता नही आज कल अजीब सा लगता है
मिता: शायद वापिस जाने का टाइम आगया इसलिए
मे: अब मैं क्या कहूँ पर जाना तो पड़ेगा ही ना अब अपनी ज़िंदगी ही ऐसी है आज यहाँ कल कही ऑर पर तुम आदत डाल लो मेरे बिना रहने की वरना कल को कहोगी कि फोजी से ब्याह करके मैं तो पछतायी
मिता: वह तुम तो ऐसे कह रहे हो कि जैसे मैं हमेशा से ही तुम्हारे साथ रही हू
मे: यार तू तो हर पल मेरे साथ है जब से तुझे पहली बार देखा था तब से आज तक हर पल मैने अपने पास महसूस किया है हर पल हर लम्हा बस तुझे ही महसूस करता हू जब तुम दूर होती हो तो मैं ही जानता हू कि कैसे एक एक लम्हा काटा है तेरे बिन
मिता: अब मैं मेरा हाल किसको बताऊ


मे: मैं हू ना
मिता: यार मैं सीरीयस हू और तुम्हे मस्ती सूझ रही है जाओ मैं नही करती बात
मे; अच्छा बाबा
मिता: यार आज माँ कह रही थी कि अब मिता के लिए भी कोई लड़का देख ही लेना चाहिए
मे: तो उनको मेरे बारे मे बताना था ना
मिता: ना बाबा ना
मईटा: मेरी हिम्मत नही होती है मेरे घर वालो को तो तुम जानते ही हो अगर पता चलेगा कि चोरी प्रेम करे से तो मेरी जान ही ले लेंगे
मे: पर तेरी जान तो मैं हू
मिता: बी सीरीयस
मे:ओके ओके
मिता: यार क्या हमारी शादी हो पाएगी
मे: क्यो नही होगी अगर हमारा प्यार सच्चा है तो हम ज़रूर एक होंगे
मिता: पर ये सब होगा कैसे
मे: एक बार मुझे पोस्टिंग मिलने दे फिर आउन्गा तेरे घर तेरा हाथ माँगने बस तू मेरा साथ देना बाकी मैं संभाल लूँगा
मिता: अगर घर वालो ने मना कर दिया तो
मे: वो भी देखेंगे
ऐसे ही हम दोनो काफ़ी देर बात करते रहे जब फोन कटा तो रात का एक बज रहा था मैं उठा और पानी पीने के लिए नीचे आ गया मैं पानी पीकर जा ही रहा था कि मेरी नज़र बुआ के कमरे मे पड़ी तो मैने देखा कि उनकी नाइटी उनकी कमर तक उठी पड़ी है और लाल रंग की पैंटी क्या खूब फॅब रही थी उनके गोरे चुतड़ों पर मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया और मैं उसको सहलाने लगा मैने अपना कच्छा नीचे सरकाया और बुआ के पास जाकर लेट गया और उनको अपनी बाहों मे लेके जगाने लगा


बुआ ने अपनी अधखूली आँखो से मुझे देखा और बोली दूर हट मुझे सोने दे तो मैं उनकी चूत को मसालते हुए बोला बुआ बस अभी जल्दी से कर लेते है फिर सो जाना तो वो बोली कोई टाइम होता है सेक्स का भी अभी क्यो मेरी नींद खराब कर रहा है बुआ बोली कि अभी टाइम देख एक काम कर अभी तू भी मेरे पास ही सोजा मैं सुबह उठते ही तुझे दे दूँगी तो मैने कहा ठीक है जैसे आपकी मर्ज़ी और उनको अपनी बाहों मे लिए लिए ही सो गया

मैं गहरी नींद मे सो रहा था कि किसी ने मुझे झींझोड़ कर उठाया तो मैने अधखूली आँखो से देखा तो अनिता भाभी खड़ी थी उन्होने कहा अब कितना सोओगे चलो उठ भी जाओ बाजार नही चलना है क्या तो मैने काहा बाजार का क्या काम है भाभी तो वो बोली भूल गये क्या कल तो खुद ही मुझे तैयार किया था और अभी मुझ से ही पूछ रहे हो तो मैने कहा ज़रा रूको आप और अपने होश को संभालने लगा गुलाबी कलर की साड़ी मे भाभी तो गजब लग रही थी मैने कहा भाभी आप तो कयामत लग रही हो आज तो वो बोली क्या तुम भी उठते ही सुरू हो गये चलो अब फटा फट से रेडी हो जाओ फिर चलते है तो मैं उठा और बाहर आ गया बुआ बाथरूम मे अपने कपड़े धो रही थी तो मैने कहा बुआ आपने सुबह मुझे क्यो नही जगाया तो उन्होने कहा कि मैने जगाया था पर तुम उठे ही नही तो मैं क्या करती मैने कहा अच्छा अभी आप बाहर आ जाओ मुझे नहाना है तो उन्होने कहा कि वो कपड़े धो रही है


मैं छत पर जाकर नहा लूँ तो मैने कहा जी अच्छा नहाने धोने और नाश्ता करने मे काफ़ी टाइम खराब हो गया था तो मैने बाइक निकली और मैं भाभी और साक्षी चल पड़े शहर की ओर भाभी मुझसे चिपक कर बैठी थी तो बड़ा ही मज़ा आ रहा था चूँकि छोटी गुड़िया भी थी तो मैं बाइक नॉर्मल स्पीड पर ही चला रहा था तो हम ऐसे ही बाजार पहुच गये और शुरू हो गयी खरीदारी ढेर सार खिलोने बच्ची की लिए खरीदे और फिर कुछ ड्रेससेस्स भी उसके बाद मैने कहा भाभी आओ तुम्हे कुछ दिखाता हू और मैं उनको उस दुकान पर ले आया जहाँ हम कॉलेज टाइम मे समोसे और जलेबिया खाया करते थे दुकान वाला मुझे देखते ही खुश हो गया अब एक ये ही जगहा तो थी जहाँ मुझे भी स्पेशल ट्रीट मेंट मिला करता था पिस्ते वाला दूध और गरमा गरम जलेबिया खाकर भाभी खुश हो गयी कुछ जलेबिया घर के लिए पॅक करवाई मैने सोचा कि भाभी को भी कुछ गिफ्ट देना चाहिए तो मैने बाइक सुनार की दुकान की ओर मोड़ दी और भाभी के लिए एक चाँदी की चैन खरीद ली भाभी मना करती रही पर मैं कहा मान ने वाला था बाजार मे ही बहुत टाइम लग गया था तो मैने कहा भाभी और कुछ लेना है क्या उन्होने मना किया तो हम घर वापिस हो लिए




गरम लू के थपेड़े खाते हुए जब हम घर आए तो देखा कि मम्मी पापा

और चाचा भी आ गये थे मैने उनका हाल चाल पूछा तो पापा बोले कि बाजार

गया था तो तेरी बुआ जी को भी ले जाता वो भी अपनी पसंद के कपड़े खरीद लेती तो

मैने कहा पापा बुआ को कल शॉपिंग करवा दूँगा तो मम्मी बोली कोई बात नही

वो जाएँगी बुआ के साथ मैने कहा ओके पापा बोले कब जाएगा तू तो मैने कहा

परसो सुबह तो उन्होने कहा की पॅकिंग टाइम से कर लियो कही कुछ रह ना जाए

मैने कहा पापा बस आइ कार्ड ही मैंन चीज़ है बाकी जो पुराने कपड़े लाया था वो

तो मैं यही छोड़ जाउन्गा और बस एक बॅग ही ले जाना है वो बोले जैसा तुझे ठीक

लगे मम्मी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए बोली कि बेटे अब कब आओगे तो मैनें

कहा कि जब भी तुम बुलाओगी तभी आ जाउन्गा फिर मैं अपने कमरे मे चला गया

अब चूँकि सारे लोग आ गये थे तो अब चूत मिलनी मुश्किल हो गयी थी तो मैं

सोचने लगा कि कैसे बुआ को रगडू क्योंकि चाचा आ गये थे तो आज तो वो ही

चोदेन्गे चाची को मैने इशारे से बुआ को पास बुलाया और पूछा तो वो बोली कि

तू चिंता मत कर मैं अड्जस्ट कर लूँगी

खाने पीने के बाद जब सोने का टाइम हुआ

तो बुआ मेरा नाम लेते हुए कहने लगी कि मैं तो इसके कमरे मे ही सो जाउन्गि

वहाँ कूलर भी है और फिर हम बुआ भतीजा गप्पे भी लड़ा लेंगे तो मम्मी बोली

आपकी मर्ज़ी है बाई जी तो मम्मी बोली कि नीचे से चारपाई ले जा और तेरे कमरे मे

लगा दे मैं तो खुश था ही मैने तुरंत बुआ का बिस्तर लगा दिया पर वो लगी थी

मम्मी पापा से बाते करने मे मुझे खीज होने लगी थी पर उनको घरवालो के

सामने डाइरेक्ट्ली कह भी नही सकता था उनकी बातो बातो मे 10:30 हो गये तब

कही जाके वो सोने को चले कमरे मे आते ही मैने कुण्डी लगाई और खिड़की पर

परदा लगा दिया टाइट कर के ताकि हवा से वो उड़े ना जब तक मैं पर्दे को सही कर

रहा था बुआजी ने अपने सारे कपड़ो को उतार दिया और नंगी हो गयी थी और अपने

हाथों से अपनी चूचियो को थामे खड़ी थी अब मैं कहाँ रुकने वाला था तो मैने

फटा फट अपनी निक्कर और बनियान को उतारा और खुद भी नंगा हो गया मेरा लंड

बुआ को सलामी देने लगा बुआ मटकती हुवी मेरे पास आई और मेरे लंड को अपने

हाथ मे लेके मसल्ने लगी कुछ देर सहलाने के बाद वो फर्श पर बैठ गयी और

मेरे लंड के सुपाडे की खाल को पीछे की ओर सरकाते हुए उसको अपने मुँह मे

डाल लिया और लॉलिपोप की तरह से उसको चूमने लगी मेरे पूरे बदन मे एक दम

से करेंट सा दौड़ गया मैने कहा चूस मेरी रांड़ अछि तरह से चूस इसे और

अंदर ले इसको और अंदर ले तो बुआ ने मेरे पूरे लंड को मुँह मे ले लिया और गुलूप

गुलूप चूसने लगी जब बुआ लंड चूस्ते हुए अपने हाथो से गोलियों को अपनी मुट्ठी

मे दबाती तो मुझे बड़ा ही मज़ा आता था 5-7 मिनट तक बुआ बहुत ही अच्छी तरह

से लंड को चुस्ती रही फिर मैने अपने लंड को उनके मुँह से निकाला लंड उपर से

लेके नीचे तक बुआ की लार से सना पड़ा था बुआ के गुलाबी होंठो थूक से गीले हो

गये थे तो मैने अपने होंठो उनके मुँह पर लगाए और उनके होंठो पर लगे हुए

थूक को चाटने लगा मैं बुआ को किस करते करते अपने हाथ नीचे की ओर ले गया

और उनके तरबूज जैसे चुतड़ों को अपने हाथो से मसल्ने लगा कुछ देर तक उनको

ऐसे ही किस करने के बाद मैने उन्हे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उनकी

मांसल जाँघो को उपर की ओर करते हुए अपने लंड को चूत मे धकेल दिया बुआ ने

अपने होंठो को गोल किया और एक आह भरी और अगले धक्के के साथ मेरा पूरा लंड

बुआ की चूत का गहना बन चुका था बुआ की चूत ने मेरे लंड को वेलकम कर

दिया था बुआ थोड़ी सी बैठी हो गयी अब बहुत अच्छी तरह से लंड पूरी चूत को

नाप रहा था बुआ हाई हाई करती हुई चुद रही थी मैने एक हाथ उनकी गर्दन मे

डाल दिया और उनको अपनी ओर खीचते हुए चूत के मज़े लेने लगा बुआ की चूत

से बहता हुआ पानी उनकी गान्ड के छेद को भी गीला कर चुका था थोड़ी देर बाद

बुआ लेट गयी और मुझे अपने उपर ले लिया और्र पूरे मज़े लेते हुए उन पॅलो का



मज़ा लूटने लगी समय गुजरने के साथ हम और भी वाइल्ड होते जा रहे थे और

हमारी प्यास बढ़ती ही जा रही थी बुआ के नरम नरम होंठ मेरे होंठो से जुड़े

पड़े थे गपा गॅप लंड चूत मे अंदर बाहर अंदर बाहर हुए जा रहा था

हर एक धक्के का जवाब बुआ अपनी चुतड उपर करके दे रही थी मेरी साँसे अब

फूलने लगी थी तो मैने कहा बुआ मेरा होने वाला है पानी कहाँ गिराना है तो वो

बोली की अंदर ही तो अब मैने तेज तेज शॉट लगाने शुरू किए और फिर एक ठंडी आह

भरते हुए अपने पानी को बुआ की चूत मे गिराना शुरू किया पर बुआ अभी नही

झड़ी थी तो मैं तेज तेज झटके मारता ही रहा और कुछ पॅलो बाद बुआ ने भी अपना

पानी गिरा ही दिया सेक्स के इस राउंड के समाप्त होने के बाद भी मैं बुआ के उपर

पड़ा रहा और उनके होंठो और गालो को ख़ाता रहा जब मेरा लंड मुरझा कर उनकी

चूत से बाहर आ गया तो बुआ ने मुझे अपने उपर से हटा दिया तो मैं उनकी

बगल मे लेट गया हम बाते करने लगे तो मैने पूछा बुआ मैं कई औरतो को

चोद चुका हू सबकी चूत या तो काली होती है या कुछ की लाल लाल हल्की गुलाबी सी पर

आपकी चूत ब्राउन है चूत की बात ही अलग है तो वो कहने लगी कि हाँ मेरी ये थोड़ी

अलग है मैने कहा बुआ आप यहाँ पर बाल नही रखती तो वो बोली कि जवानी के दिनो

से ही वो सॉफ ही रखती है क्यों कि बालों से उनको खुजली होती थी फिर आदत हो गयी और

तेरे फूफा जी को भी सॉफ सुथरी चूत ही अच्छी लगती है बुआ ने उनकी चूत से रिस्ते

मेरे वीर्य को पास पड़ी मेरी बनियान से सॉफ किया और मेरी छाती पर अपना सर

रख कर लेट गयी और मेरी नाभि मे अपनी उंगली डाल कर शरारत करने लगी

मैने बुआ को साइड मे लिटाया और उनकी मोटी फूली हुवी चूची को मुँह मे ले लिया और

अपने दाँत गढ़ाते हुए पीने लगा बुआ ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और गहरी

गहरी सांस लेने लगी चूची पीते पीते मैं अपने हाथ को उनकी चूत पर ले गया

और उसको दबा के मसल्ने लगा तो बुआ बोली आहिस्ता से उंगली फिरा तो मैं हौले

हौले उनकी चूत पर उंगली फिराने लगा अब औरत के दो सबसे सेनसेटिव अंगो से मैं

खेल रहा था तो बुआ के शरीर की गर्मी बढ़नी तो थी ही मेरी दो उंगलिया बहुत तेज़ी

से उनकी चूत मे अंदर बाहर हो रही थी जब मुझे लगा कि बुआ की गाड़ी अब रेडी

है तो मैने अपना मुँह चूत पर लगा दिया आज तो चूत एक दम भट्टी की तरह

गरम हो रही थी और उपर से नीचे तक उस पर अपनी जीभ को फिराने लगा बुआ का

शरीर किसी धनुष की तरह तन गया बुआ बोली आह तेरी जीभ से ना एक आग लग जाती

है मेरे तन बदन मे तो मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और पूरी जीभ को

बुआ की चूत के अंदर घुसेड दिया और चूत के खारे पन को महसूस करने लगा

जैसे ही मेरी जीभ ने चूत की गहराइयो को नापा बुआ के चुतड अपने आप उपर

को उठते चले गया 7-8 मिनट तक लगातार बुआ की चूत को खूब अच्छे से चाट्ता रहा

मैने बुआ की हालत अब खराब हो गयी थी मैने जल्दी से उनको घोड़ी बनाया और

अपने लंड को एक बार फिर से चूत से घुसा दिया और लगा शॉट लगा ने उनकी चूत

भी बड़ी ही मस्त थी हर बार लगता था कि जैसे पहली बार ही सेक्स कर रहा हूँ उनके

साथ मैं उनकी चूचियो को बेदर्दी से मसल्ते हुए उनको चोदे जा रहा था

जितने दबाव से मैं उनकी चूची को मसलता बुआ उतने ही जोश से अपनी गान्ड को पीछे

की ओर करके चुदाई का मज़ा ले रही थी मैं प्रभु को धन्यवाद दे रहा था कि

मैं प्रमिला बुआ की चूत मार रहा था चिकनी चूत के दोनो फांके मेरे लंड पर

कसी हुवी थी ठप ठप करते हुए मेरे अंडकोष बुआ के चुतड़ों से टकरा रहे

थे बुआ मेरे कुल्हो पर अपने हाथ रखे हुए मुझे और तेज थे चोदने का सिग्नल

दे रही थी मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था अपनी कमर को धकियाते हुए मैं

पूरे जोश ख़रोश के साथ बुआ की रात को रंगीन करने मे लगा हुआ था


बुआ

की खुशबूदार साँसे मेरे मुँह मे घुले जा रही थी 20-25 मिनट से उपर हो

गये थे पर हम दोनो एक दूसरे के प्यास बुझाने मे लगे हुए थे फिर बुआ ने

अपने होंठो को अलग किया और मेरे कान मे बोली कि अब पूरी ताक़त से धक्के लगाना

मेरा काम होने ही वाला है अब तू रुकना मत तो मैने अपनी पकड़ को बुआ के

शरीर पर कस दिया और और भी ज़ोर से चुदाई करने लगा बुआ अब बदहवास सी हो

गयी थी उनके बाल बिखर गये थे पर मेरा लंड पूरे जोश से चूत के अंदर

बाहर हो रहा था फिर बुआ के हाथ मेरी पीठ पर बुरी तरह से कस गये उनकी

टाँगे मेरी टाँगो मे उलझ गयी और वो

आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ

आआआहह

हह करते हुए झड़ने लगी चूत से जो रस की धार छूटी उस से

उनकी ओर मेरी जांघे गीली हो गयी बुआ का बदन झटके खा रहा था और वो काँपते

हुए झाड़ रही थी मेरा टाइम भी लगभग हो ही गया था तो मैने अपनी रफ़्तार को

और भी तेज कर दिया और बोली अब ना सह पाउन्गि तू जल्दी से फारिग हो तो मैने कहा

बस बुआ दो चार मिनट और और फिर मेरे बदन मे एक मीठी सी कंपकंपहाट

हुवी और मेरे लंड से सफेद मलाई निकल कर चूत मे गिरने लगी गरम गरम

वीर्य को बुआ की चूत झट से पी गयी मैं कुछ देर बुआ के उपर ही पड़ा रहा फिर

मैं साइड मे उठ के बैठ गया बुआ वैसे ही पड़ी रही कुछ देर हम मे से कोई कुछ

नही बोला फिर बुआ ने शांति तोड़ते हुए कहा कि तूने कभी ब्लूफिल्म देखी है तो

मैने कहा बुआ हाँ देखी है पर काफ़ी दिन हो गये है तो बुआ बोली कि घर पे तेरे

फूफा के पास कई सीडी है वो मुझे भी दिखाते है और फिर मुझे वैसे ही चोद्ते है

मैने कहा बुआ ये तो जबरदस्त बात बताई तुमने अगर तुम कहती तो मैं बाजार से

कुछ सीडी खरीद लाता बुआ बोली कोई बात नही तुम तो बेड पर ही फिल्म बना देते हो

देखो मेरा अंग अंग तोड़ कर रख दिया है तो मैने कहा बुआ आप इतना मस्त माल

हो क्या बताऊ बात करते करते मैं बुआ की चूची पर हाथ फिराने लगा बुआ के

बदन मे सिरहन होने लगी बुआ बोली मन नही भरा है क्या तो मैने कहा बुआ जब

सामने हुस्न का भंडार खुला पड़ा होगा तो मन कैसे भरेगा बुआ अपनी तारीफ़

सुन कर खुश हो गयी मैने कहा डार्लिंग मेरा लंड चूस ना तो बुआ उठी और

अपने सर को मेरी टाँगो पर झुका के मेरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और उसपर

लगे हुए खुद की चूत के पानी को जीभ से सॉफ करने लगी उनकी गरम जीभ के

स्पर्श ने मेरे लंड मे जान डाल दी लंड मे धीरे धीरे तनाव आने लगा कुछ

देर लंड चूसने के बाद मैने कहा कि बुआ ऐसे मत चूसो आप अपने चुतड

मेरी तरफ करो फिर लंड चूसो तो बुआ उल्टी तरफ हो गयी और दुबारा लंड पर टूट

पड़ी मैं बुआ के कुल्हो पर अपने हाथ फेरने लगा बुआ के कूल्हे बेहद ही सुंदर थे

जैसा कि मैं बार बार बता ही चुका हू मैं उनपर हाथ फेर रहा था उनकी गान्ड का

भूरा छेद मुझे बड़ा सुंदर लगता था मैं अपनी उंगली से उसको कुरेदने लगा तो

बुआ ने अपनी गान्ड को भीच लिया मैने कहा बुआ ज़रा अलमारी से तेल की शीशी तो

निकालना तो बुआ बोली क्या इरादा है तो मैने गान्ड के छेद को कुरेदते हुए कहा कि

अब इरादा ना पूछो आपको पता ही है तो बुआ नखरे से उठी और तेल की शीशी मेरे

हाथ मे दे दी और दुबारा मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर चुप्पे मारने लगी

मैने अपनी उंगली को अच्छे से तेल से नहलाया और बुआ की गान्ड मे घुसा दिया बुआ

बोलियाआआआआआआआआआआआआआआआअ थोड़ा सा

धीरीईईईईईईईईईईईईईईईईईई




पर मैं तो तेरा मनमौजी अब मैं गान्ड मे उंगली को अंदर बाहर करने लगा बुआ

के चुतड थिरकने लगे बुआ थोड़ी दर्द भरी आवाज़ करते हुए लंड को चूस रही

थी बुआ भी बदला लेने को बार बार अपने दांतो से लंड को काट रही थी एक उंगली

गान्ड मे तो घुसी पड़ी ही थी तो मैने शरारत करते हुए दूसरी उंगली को चूत मे

घी डाल दिया और अब उंगलियो को हिलाने लगा बुआ और भी मस्त हो गई और दुगने जोश

से लंड को पीने लगी बुआ के तीनो छेद अब भरे हुए थे बुआ का पूरा बदन

मस्ती से भर चुका था तो मैने अपने लंड को उनके मुँह से निकाला थूक से

सना हुआ लंड एक नाग की तरह लहरा रहा था मैने बुआ जी को बेड पर उल्टा

लटकाया और उनकी गान्ड पर लंड रगड़ने लगा बुआ बोली कि अब तू मानेगा तो नही चल

गान्ड ही सही मार ले गान्ड तेल से चिकनी तो थी ही तो सूपड़ा गान्ड के छल्ले को फैलाता

हुआ अंदर जाने लगा बुआ ने अपने दाँत भीच लिए और अपनी दर्द भरी आह को

मुँह के अंदर ही दबा लिया दो मिनट मे ही पूरा लंड गान्ड मे पहुच चुका था

अब बुआ ने अपने हाथों से अपने कुल्हो को फैला दिया ताकि मैं खुल के गान्ड मे तूफान

मचा सकूँ तो मैं जुट गया गान्ड चुदाई करने मे ज़िंदगी मे अगर ऐसे मुलायम

चुतड चोदने को मिल जाए तो बस फिर और किसी चीज़ की तम्मन्ना क्या करना मैं

बड़े ही प्यार से बिना किसी जल्दी के आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगाते हुए गान्ड चुदाई का

मज़ा ले रहा था बुआ तकिये मे अपना मुँह दिए पसीने से भीगी हुवी अपनी दर्द

भरी मस्त आहो को समेटने की कोशिश कर रही थी बुआ लरजते हुए स्वर मे बोली

जल्दी से कर्लो मुझे जलन हो रही है तो मैने कहा बुआ पहले तो नही हुआ वो बोली

पता नही कैसे पर अभी हो रहा है तो मैने कहा बस 5-7 मिनट मे ही कर लूँगा

बुआ बोली जो भी करो जल्दी से करो बहुत जलन हो रही है
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 05-12-2020, 11:15 PM



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