05-12-2020, 10:59 PM
चाची मेरे सीने पे हाथ फिराते हुए बोली
आज मैं इधर ही तेरे पास सो जाती हू तो मैने झूट बोलते हुए कहा कि चाची घर पे कोई नही है तो मैं नीचे ही सोउँगा तो उन्होने बुरा सा मुँह बनाया और कुछ बड़बड़ाते हुए अपने कमरे मे चली गयी तो मैं कुछ देर रुका फिर मैने कच्छा
और बनियान पहनी और वैसे ही नीचे चला गया बुआ जाग ही रही थी मैने एक
नज़र उनपे डाली और रसोई मे चला गया फ्रिज खोला और थोड़ा सा पानी पिया बुआ
भी रसोई मे आ गयी और बोली कि इतनी देर लगा दी क्या कर रहा था तो मैने कहा
बुआ थोड़ा सा काम था तो बस वो ही निपटा रहा था बुआ थोड़ा सा और मेरे पास
आई और मेरे कच्छे के उपर से लंड को सहलाते हुए बोली कि तूने मुझे क्या
बना दिया है पहले मैं बस तेरे फूफा के साथ ही सेक्स करती थी और अब देख किसी
रंडी की तरह तुझ से चुदने को मरी जा रही हू पता नही वापिस अपने घर
जाके मेरा कैसे गुज़ारा होगा तो मैने उनकी चूचियो पर हाथ फिराते हुए कहा
कि बुआ फूफा से जाकर दबा के चुदना तो वो हँसने लगी और मेरे कच्छे को नीचे
सरका दिया और लंड को हिलाने लगी कुछ देर वो उसको हिलाती रही फिर वही रसोई के
फरश पर घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे लंड को अपने गालो पे रगड़ने लगी
फिर वो लंड को अपने मुँह मे लेने ही वाली थी कि अचानक से वो मेरे लंड के
सुपाडे को सूंघने लगी और बोली कि इसमे से ये कैसी स्मेल आ रही है तो मैने कहा पेशाब की आ रही होगी तो उन्होने मेरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और
तुरंत ही वापिस निकाल दिया और उठ कर रसोई की लाइट जला दी और मेरी ओर थोड़ा गुस्से
से देखते हुए बोली कि कामीने इस पर तो चूत का पानी लगा है बता किसको चोदा
है तूने .
मैं कुछ बोल पाता उस से पहले ही वो बोली कि अच्छा अच्छा तभी मैं कहूँ
कि उपर तुझे इतना टाइम क्यो लग गया तो तूने बबिता भाभी को भी नही बख्शा तो
मैने उनको पूरी बात डीटेल मे बता दी तो वो बोली चल ठीक ही है मैं उसकी इच्छा
समझती हू सबको ही होता है कि वो भी माँ बने अब क्या पता तेरी कोशिश से ही
उसकी गोद भर जाए और आँगन मे एक नये मेहमान की किल्कारिया गूँजे बुआ ने
लाइट बंद की और बोली अब आजा कमरे मे चलते है तो मैने कहा कि बुआ यही पे
करे क्या तो वो बोली नही कमरे मे ही आओ फिर खुल कर एंजाय करेंगे तो मैं उनके
पीछे पीछे कमरे मे आ गया बुआ अपने कपड़ो को उतार रही थी मैं उनके पीछे जा
कर खड़ा हो गया और अपने लंड को उनके चुतड़ों से सटा दिया बुआ के शरीर की
गर्मी बढ़ गयी मैने उनकी ब्रा को खोला और पीठ पर किस करने लगा इतने मे
बुआ ने सलवार और पैंटी को एक साथ ही उतार दिया हम दोनो अब नंगे हो चुके
थे बस एक तूफान और आने का इंतजार था लंड को बुआ ने अपनी मोटी मोटी जाँघो
मे दबा लिया था तो मैने उनकी चूचियो को अपने दोनो हाथो मे भर लिया और
उनको दबाने लगा बुआ की चूचियो की घुन्डियो से जब मैने छेड़ खानी करनी
शुरू की तो कुछ ही देर मे उनका साइज़ एक एक इंच से भी थोड़ा उपर हो गया बुआ
अपनी मदमस्त गान्ड को हिलाते हुए बोली कि आहह थोड़ा आराम से दबा बेटा
थोड़ा प्यार से दबा इनको मैं बुआ की गर्दन पे किस करता हुआ बोला बुआ आज की
रात को मेरे लिए याद गार बना दो तो बुआ बोली मैं तो तेरी ही हू जो चाहे कर ले
तो मैने बुआ को बेड पर घोड़ी बना दिया और उनके पीछे आते हुए उनकी बिना
बालों की जुवैसी चूत पे अपने होंठ लगा दिए
बुआ के चुतड एक दम से काँप उठे
मैंन उंगली की सहायता से उनकी योनि की दरार को थोड़ा सा फैलाया और अपनी लंबी
जीभ को चूत मे घुसा दिया और उसके गीलेपन को चाटने लगा बुआ ने बेड की
चादर को अपनी मुट्ठी मे कस लिया और अपने मोटे मोटे सुडोल चुतड़ों को और भी
ज़्यादा उपर की ओर कर लिया ताकि मैं अच्छे से अपनी जीभ फेर सकूँ तो अब मैं बुआ की
चूत और गान्ड दोनो को बारी बारी से चाट रहा था बुआ तो बहुत ही ज़्यादा मस्त हो
गयी थी और अपनी गान्ड को उछाल उछाल कर अपनी चूत से बहते हुए उस रस के प्याले
को मुझे पिला रही थी 8-10 मिनट की चूत चुसाई के बाद बुआ मुझसे अलग हो
गयी और बोली कि बस अब नही रह पाउन्गि अब मुझे ये चाहिए और लंड की ओर इशारा
किया और बेड के किनारे पर ही अपनी टाँगो को चोडा करके बैठ गयी तो मैने अपने
लंड को चूत पर सेट किया और एक ही धक्के मे पूरे लंड को चूत मे उतार दिया
बुआ कराहती हुए बोली
आआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररराआआअम्म्म्मममम
म्म्म्मरममममममममममम सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईई
मैने सॉरी कहा और अब दनादन शॉट लगाना चालू किया बुआ हर एक धक्के के
साथ मस्त और मस्त होती चली गयी बुआ की चूत इतनी चिकनी थी कि क्या बताऊ बड़े
से बड़ा लूब्रिकॅंट भी फैल था उस चिकनाई के आयेज और फिर वो तो मेरी पसंदीदा
चूत थी और उनकी चूत का छल्ला बेहद कसा हुआ था कुछ देर ऐसे ही रगड़ने
के बाद मैने उनको लिटा दिया और उनके उपर आकर उनको चोदने लगा बुआ ने
मेरी जीभ को अपने मुँह मे भर लिया और उसको चूस्ते हुए अपनी चूत मरवाने
लगी बुआ आज कुछ ज़्यादा ही चुदासी हो रही थी और नीचे से अपनी गान्ड को उचका
उचका कर चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी मैं पूरी रफ़्तार पकड़ चुका था और
दना दन चूत पे धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था और फिर वो लम्हा भी आया
जब बुआ मुझसे बुरी तरह लिपट गयी उन्होने अपने लंबे लंबे नाख़ून मेरी
पीठ में धंसा दिए और अपनी चूत से काम रस की बरसात करने लगी तो मैने
अपना और ज़ोर लगाते हुए और तेज़ी से उनको चोदने लगा बुआ इन धक्को को सहन
नही कर पा रही थी तो चूत और ज़ोर से बहने लगी उनकी सांस बुरी तरह से फूल गयी
थी तो वो हान्फते हुए बोली कि मैं चूत से लंड को निकाल लू पर मेरा तो लंड अभी
मैदान मे डटा ही था तो मैने कहा कि बुआ थोड़ी देर बस मैं भी फारिग हो जाता
हू तो वो बोली कि तू पीछे डाल ले मैं अभी चूत मे नही ले पाउन्गि मुझे जलन हो
रही है तो मैने उनको उल्टा किया और उनके चुतड़ों के छेद पे थूक लगाया और
अपने लंड को गान्ड मे डालने लगा उनकी गान्ड का छल्ला सुपाडे के दबाव से फैलने
लगा और धीरे धीरे करके मैने अपने पूरे लंड को गान्ड के अंदर पहुचा ही
दिया बुआ को थोड़ा दर्द हो रहा था पर वो गान्ड मरवाने को बिल्कुल तैयार थी
इनफॅक्ट लंड को उनकी गान्ड मे ही घुसा हुआ था मैंन उनके कंधो को पकड़ा और
गान्ड पे धक्के लगाने लगा बुआ की टाइट गान्ड का दबाव लंड पर पड़ने लगा था जब
जब मैं लंड को पीछे खीचता लगा की गान्ड का छेद साथ ही आएगा ऐसे ही मैं
उनकी गान्ड मारता रहा और कोई दस मिनट के बाद मैने अपना लावा गान्ड मे ही
गिरा दिया
कुछ देर बाद मैने लंड को बाहर निकाला बेचारा मुरझा कर सिकुड चुका था
दो दो गरमा गरम हुस्न की मल्लिकाओ को चोदने के बाद मैं भी थोड़ी थकान महसूस करने लगा था बुआ भी बहाल बेड पर पड़ी थी मैने दरवाजा खोला और बाथरूम मे चला गया बुआ भी थोड़ी देर बाद आ गयी और मेरे सामने ही मूतने लगी वो नज़ारा बहुत ही उत्तेजक था पर अब मेरा मूड नही था बुआ पेशाब करने के बाद चली गयी मेरे शरीर मे पसीने की चिप चिप हो रही थी तो मैं नहा ने लगा नहाने के बाद मैं वापिस आया तो सोचने लगा कि उपर जाके सोऊ या नीचे ही सो जाउ फिर मैं सोफे पे ही लेट गाया मैने मोबाइल निकाला और मिथ्लेश को एसएमएस कर दिया कि कल मिलना है ज़रूर
दरअसल मैं चाहता था कि ज़्यादा से ज़्यादा टाइम मैं उसके साथ बैठू तो फिर मैं सोफे पर ही सो गया अगले दिन मैं दस बजे उठा मोबाइल देखा तो पता चला कि मिता की कई मिस कॉल थी तो उसको फोन लगाया वो थोड़ा सा नाराज़ होने लगी तो मैने कहा कि यार मैं तो सो रहा था जस्ट अभी उठा ही हू तो उसने कहा कि वो मुझे वही पर मिलेगी जहाँ कल मिली थी मैं उसको पिक कर लू तो मैने कहा कि आधे घंटे मे आ जाउन्गा और जल्दी से नहाया-धोया और बाइक उठा कर चल पड़ा अपनी सपनो की रानी से मिलने उसको पिक किया पर शहर मे ऐसी कोई जगह नही थी जहाँ हम टाइम बिता सके तो मैने कहा डार्लिंग मेरे घर चलेगी क्या तो वो बोली कि ऐसे कैसे चल सकती हू पर मैने कहा मान भी जा यार होने वाली पत्नी के नाते ना सही तो एक दोस्त के नाते तो चल मैने कहा कि तू अपने दुपट्टे को मुँह पर लपेट ले ताकि कोई पहचाने ना और फिर मैं उसको अपने घर ले ही आया .
आज मेरी होने वाली दुल्हन मेरे घर आई थी बुआ और चाची को तो समझ ही नही आया कुछ पर मिता को देखकर वो खुश हो गयी अनिता भाभी तो बेहद ही खुश हो गयी थी मिता साक्षी को खिलाने लगी तो मैने कहा भाभी कुछ नाश्ते पानी का इंतज़ाम तो करो तो भाभी बोली हाँ अभी लाई और रसोई मे चली गयी बुआ और चाची मिता से बाते करने लगी कुछ ही देर मे मिता के व्यवहार ने उनका दिल जीत लिया फिर नाश्ते के बाद मैने कहा मिता आओ तुम्हे कुछ दिखाता हू और उसको अपने कमरे मे लाया अब साला यही पे थोड़ी सी प्राब्लम हो गयी मेरे कमरे की एक दीवार पर मिथ्लेश की तस्वीर बनी थी और एक दीवार पर निशा की मिता बोली कि ये किस की तस्वीर है तो मैने कहा कि ये मेरी दोस्त थी जो अब ना जाने कहाँ है तो मिता मेरे पास आई और बोली कि बस दोस्त ही है या कुछ ऑर तो मैने कहा तुम्हे क्या लगता है तो वो बोली अब तुम्हारे मन की मैं क्या जानू पर मुझे लगा कि वो कुछ सोच रही है तो मैने कहा यार मेरी पहली और आखरी ख्वाहिश तो बस तुम ही हो
तो वो बोली अरे रिलॅक्स हो जाओ मैं तो मज़ाक कर रही हू अब ये तुम्हारी दोस्त है तो मेरी भी दोस्त हुई ना मैं आल्बम ले आया जिसमे हमारी तस्वीरे थी कॉलेज टाइम की मिता थोड़ी सेनटी हो गयी तो मैने उसको कहा कि यार एमोशनल क्यो हो हम साथ ही तो है मिता बोली क्या हमारी शादी हो पाएगी तो मैने कहा कि हो पाएगी नही हो गी ही फिर कुछ देर बाद हम नीचे आ गये मिता सबको ही बहुत पसंद आई थी कुछ तो बात थी ही मेरी पसंद मे अनिता भाभी तो उसे एक मिनट के लिए छोड़ ही नही रही थी कुल मिला कर माहौल बड़ा ही अच्छा बना हुआ था मैं तो आज बहुत ही खुश हो रहा था
आख़िर खुशी की ही तो बात थी मेरी प्रियतमा जो मेरे घर आई हुवी थी आज टाइम भी कुछ ज़्यादा ही जल्दी गुजर रहा था मिता ने पूछा कब जा रहे हो मैने कहा अगले सोमवार को वो थोड़ा सा और मेरे पास खिसक आई और बोली कि फिर कब आओगे तो मैने कहा जैसे ही छुट्टी मिलेगी सबसे पहले मैं शिमला आउन्गा तुम्हारे पास मैने उसको प्रॉमिस किया तब जाके उसको थोड़ा सा चैन मिला अब ये ही तो थी जिंदगी जब दूर थे तो दूर थे अब दिल ही नही कर रहा था उस से दूर होने को पर क्या करे जाना तो था ही मिथ्लेश बोली कि अब मैं जितना हो सके उतना टाइम तुम्हारे साथ ही स्पेंड करूँगी ना जाने फिर ये टाइम मिले ना मिले तो मैने कहा पगली ऐसा क्यो सोचती हो मैं वापिस भी तो आउन्गा तुम ऐसे ना बोलो हम बाते कर ही रहे थे क़ी चाची ने नीचे से आवाज़ लगाई चाइ पीने के लिए टाइम भी 4 हो रहा था तो हम ने चाइ पी फिर मैं मिथ्लेश को ड्रॉप करने चला गया
आज मैं बहुत ही अलग सा महसूस कर रहा था मिता जितना भी टाइम रुकी थी रोनक सी
आ गयी थी मेरे घर मे मैं सोच रहा था कि जब वो दुल्हन बनकर मेरे घर
आएगी तो ये घर तो खुशियो से झूम ही उठेगा वापिस घर आते आते 5 बज गये
थे तो बुआ बोली कि जा दुकान से कुछ सब्ज़िया ले आ और कुछ छोटा मोटा सामान
है ये भी लेता आईओ तो मैने झोला उठाया और दुकान की तरफ चल पड़ा दिल मे एक
अलग सी ही उमंग छाई हुई थी जब मैं दुकान पर पहुचा तो काफ़ी भीड़ थी तो
मैं साइड मे खड़ा हो गया और अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा अब मैं आपको एक
बात बता ता हूँ कि दुकान दो भागो मे बटी हुई है एक साइड मे तो जनरल स्टोर
है और सब्ज़ी वग़ैरा बेचते है और दूसरी ओर आटा चक्की बनाई हुवी है तो मैं
अपनी बारी का इंतज़ार कर ही रहा था कि मोहल्ले की एक भाभी जिनका नाम सोनू है
उन्होने मुझे आवाज़ लगाई और कहा कि मैं आटे का बोरा उनके सर पर रखवा
दूं तो मैं उनकी ओर गया जब मैं उनको बोरा उठवा रहा था तो मेरी नज़र उनकी
चूचियो पर पड़ी . बेहद ही बड़ी बड़ी ठोस चूचियाँ ब्लाउस मे तो समा ही नही
पा रही थी और लग भग आधी चूचिया ब्लाउस से बाहर ही निकली पड़ी थी
भाभी भी ये भाँप गयी थी तो उन्होने चुटकी लेते हुए पूछा कि आटा उठवाओ ये
तो बाद मे देख लेना तो मैं थोड़ा सा झेंप गया और उनको बोरा उठवा दिया वो
अपने घर की ओर चल पड़ी और मैं उनके 61-62 करते हुए चुतड़ों को ताड़ने लगा
मैने सोचा अरे ये कैसे नज़र मे नही आई मेरा लंड अब पेंट मे परेशान
होने लगा था पर किसी तरह से कंट्रोल कर ही लिया अब सामान लेने का होश नही रहा
था बल्कि दिमाग़ मे प्लॅनिंग चल रही थी सोनू भाभी को चोदने की पर ये आसान
तो होना नही था पर इस को आसान बना ना ही था अगर ऐसी पटाका औरत को नही
चोदा तो क्या चोदा
सोनू का घर हमारे घर से थोड़ी सी दूरी पर नीचे की तरफ को था सोनू कोई 26-
27 साल की उमर की थी उसके दो बच्चे थे कोई साढ़े 4 फुट की लंबाई वाली सोनू
बेहद गोरी थी और फिगर तो बहुत ही अच्छा था बेहद ही तराशि गयी मूरत की
तरह चूचिया 34 डी के साइज़ की होंगी और चुतड तो बुआ से भी मोटे मोटे थे
उसके मैने पक्का सोच लिया कि कुछ भी करके सोनू भाभी की चूत तो मारनी ही है
मैं घर आया और चाची को समान पकड़ाया और छत पर चला गया बुआ छत
पर ही बैठी थी आज थोड़ी ठंडी हवा चल रही थी तो वातावरण भी अच्छा ही था मैं
भी बुआ के पास जाकर बैठ गया और उनसे बाते करने लगा नीचे चाची तो रसोई
मे बिज़ी थी और मेरा लॉडा पेंट मे उछल कूद मचा रहा था तो मैं उठा और
सीढ़ियो वाले गेट की कुण्डी लगाई और बुआ को बोला बुआ आज मेरा लंड कुछ ज़्यादा
ही मचल रहा है इसको ज़रा शांत करो ना तो वो बोली ये कोई टाइम है क्या तो मैने
कहा बुआ मैं देर नही लगाउन्गा बस 5 मिनट मे ही कर लूँगा तो बुआ बोली ठीक
है आजा तेरी प्यास तो बुझाउन्गि ही पर तू देर ना लगाना कही बबिता शक ना कर ले
तो मैने कहा बुआ अब आओ तो सही कुछ ही देर मे हम कमरे मे आ गये मैने
अपनी ज़िप खोली और लंड को बाहर निकाल लिया और बुआ की सलवार और कच्ची को उनके
घुटनो तक सरका दिया और उनकी एक टाँग को जंगले मे रखा और अपने लंड पर
थोड़ा थूक लगा कर उसको एक दम से चिकना कर लिया और बुआ की चूत से सटा दिया
बुआ ने मस्ती से अपनी आँखो को बंद कर लिया मैने उनकी कमर मे अपना हाथ
डाला और लंड को आगे करते हुए धक्का लगाया लंड उनकी चूत की पंखुड़ियो को
अलग अलग करता हुआ चूत मे समाता चला गया बुआ के मुँह से आह निकली बुआ
बोली फटा फट काम सॅल्टा दो और उन्होने अपने चुतड़ों को थोड़ा सा मेरी ओर कर दिया
तो मैं अब उनको चोदने लगा बुआ भी अपनी गान्ड को हिलाते हुए मेरे लंड का मज़ा
लेने लगी बुआ आहा आहह आ करते हुए चूत मरवाने लगी थी मेरा लंड
पूरी ताक़त से उनकी चूत के छेद को फैलाते हुए पूरे मज़े से बुआ की चूत मार
रहा था मैने अपने हाथ उनके सूट मे घुसाए और ब्रा के उपर से ही उनके कोमल
उभारों को दबाने लगा बुआ और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गयी आख़िर क्यो ना हो जब
चूत मे गर्म लंड पड़ा हो तो कोई भी औरत मज़ा तो पूरा लेगी ही ना दना दन
चूत पर धक्को की बोछार हो रही थी कुछ देर बाद बुआ ने अपने पैर जंगले से
हटाया और वही खड़े खड़े ही दोनो पैरो पर झुक गयी तो मैने फिर से लंड को
अंदर सरका दिया और बुआ की चूत का भोग लगा ने लगा बुआ बार बार बोल रही थी कि
जल्दी कर जल्दी कर पर अब चुदाई मे टाइम तो लगता ही है हालाँकि मैं अपनी तरफ से
पूरी कोशिश कर रहा था कि जल्दी से झाड़ जाउ मैं उनको चोद ही रहा था कि उनके
बदन मे एक झूर झूरी आई और बुआ पस्त हो गयी तो मैने भी अपनी कोशिश और
तेज कर दी और 3-4 मिनट बाद एक ज़ोर का झटका लगाया और अपने वीर्य से उनकी
चूत को धोने लगा मैं बुरी तरह से हाँफने लगा बुआ ने मुझे अलग हटाया और
अपनी सलवार को उपर चढ़ाते हुए नाडा बाँधने लगी मैने भी फिर पेंट को
चेंज किया और बाहर पड़ी चारपाई पर आकर लेट गया
कुछ देर बाद बुआ भी अपने हुलिए को ठीक कर के आ गयी और मेरे पास ही आके
बैठ गयी मैने कहा मैं अभी आया मैने सीढ़ियो के गेट को खोला और रसोई
मे चला गया
चाची जान खाना बनाने मे ही लगी थी मैने फ्रिज खोला और पानी को बॉटल ली
और वापिस छत पर आ गया बुआ बोली कि तू भाभी को फोन करके पूछ ले कि वो
कब आएँगी मुझे यहाँ आए कई दिन हो गये है फिर मुझे भी तो अपने घर जाना
है तो मैने नाना के घर फोन मिलाया तो मम्मी ने कहा कि वो 3-4 दिन बाद
आएँगी
तो मैने सारी बात बुआ को बता दी तो वो बोली चल कोई नही थोड़े दिन और तेरे
साथ सो लूँगी तो मैने उनकी चूची को मसल दिया वो थोड़ा सा दर्द से बोली अरे
ऐसा मत कर तू फिर हम नीचे आए बुआ थोड़ी देर अनिता भाभी के घर चली गयी
चाची आटा गूँथ रही थी
तो मैं उनके पास जाकर खड़ा हो गया और उनकी साड़ी को पीछे से उठाते हुए
उनकी गान्ड को दबाने लगा तो चाची बोली कि अभी मस्ती मत कर मुझे बहुत काम
है तो पहले काम करने दे फिर आराम से देउँगी तुझे तो मैंने कहा कि चाची मैं
थोड़ा घूम कर आता हू और घर से बाहर निकला और मंदिर की तरफ चला गया तालाब के किनारे बैठ ना
मुझे बहुत ही अच्छा लगता था पानी मे खिले हुए कमल के फूल बहुत ही
सुंदर लग रह थे कुछ छोटे बच्चे तालाब मे डुबकिया लगा लगा के नहा रहे थे
मैं बहुत देर तक उनको देखता ही रहा अच्छा लग रहा था फिर मैं वापिस घर चल
पड़ा
जब मैं घर के करीब पहुचा तो मैने रास्ता बदला और सोनू भाभी की गली की
तरफ मूड गया पर उसका दीदार ना हुआ तो मैं चूतिए की तरह अपने घर आ
गया थोड़ी थकान भी हो रही थी तो मैने सोचा कि नहा ही लूँ नहा कर मैं ताइजी
के घर चला गया थोड़ी देर बात चीत की साक्षी को देखते ही मेरा मन बहुत ही
खुश हो जाया करता था तो मैं उसको खिलाने लगा भाभी बोली रोटी बना ली है प्लेट
लगा दूं क्या तो मैने कहा नही चाची बना रही है तो उधर ही खाउन्गा रात तो
हो ही चुकी थी बुआ छत पर टहल रही थी तो मैं उधर ही चला गया मैने बुआ
को कहा कि बुआ आज मैं थोड़ा सा थक गया हू मेरे सर मे थोड़ी मालिश करदो तो
वो बोली कि हाँ अभी आयिल लाती हू तू इधर बैठ जा बुआ मालिश करने लगी मुझे
बहुत अच्छा महसूस हो रहा था तो मैने कहा कि दो दो रांडो को चोद कर मैं
थक गया हू आज रात ना तुम्हे चोदुन्गा ना चाची को तो बुआ बोली अरे ऐसा मत
कह तेरे बिना तो मुझे नींद आएगी ही नही तो मैं बोला एक काम करो तुम दोनो
रांड़ एक साथ ही बेड पर आ जाओ तो मैं तुम दोनो को एक साथ ही चोद लूँगा तो
बुआ बोली नही ऐसा नही हो सकता मेरे और बबिता के रिश्ते मे शरम रहने दे
पर मैने कहा कि बुआ मुझे कुछ नही पता चोदुन्गा तो मैं तुम दोनो को साथ
ही चोदुन्गा वरना मैं ऐसे ही सो जाउन्गा .
तो बुआ बोली बेटा फालतू की ज़िद ना किया कर और वैसे भी चल एक मिनट के लिए मैं
मान भी लू तो बबिता मानेगी क्या तो मैने कहा बुआ अब ननद भाभी मे वैसे
भी खुला पन तो चलता ही है और रही बात चाची की तो मैं उनको मना लूँगा
चाहे कुछ भी हो जाए पर आप मेरा साथ देना तो बुआ ने एक गहरी सांस ली और
बोली ठीक है तेरे आगे नंगी हो गयी हू अब बबिता के आगे भी हो जाउन्गि पर ये
सब मैं तेरे लिए कर रही हू मैने उनके होटो पर किस किया और उनको थॅंक्स कहा
और नीचे आ गया अब बारी थी चाची को तैयार करने की तो मैं उनके पास गया वो
बोली कि खाना ख़ालो तुम जल्दी से तो मैं भी फ्री हू तो मैने कहा कि चाची आपसे
एक बात करनी थी तो वो बोली हाँ बता क्या कहना चाहता है तू तो मैने कहा कि बुआ
को पता चल गया है कि आप और मैं सेक्स करते है ये सुनते ही चाची के चेहरे
का सारा नूर गायब हो गया और माथे से पसीना छलक उठा वो बोली हाई राम
अब बस यही बाकी रह गया था मेरी तो लुटिया डूब गयी मैं अब क्या करू कहाँ जाउ
तो मैने कहा ओवेरक्टिंग मत करो चाची और पूरी बात तो सुनलो पहले तो वो बोली
बक जल्दी से तो मैने कहा कि बुआ चाहती है कि मैं उनके साथ भी सेक्स करू
तो चाची ने अपने मुँह पर हाथ रख लिया और बोली हाई राम दीदी तुझसे कैसे
चुद सकती है तो मैने कहा कि जैसे आप चुद्ते हो तो चाची बोली पर तो मैने
कहा पर वर कुछ नही अब मैं उनको चोदुन्गा तो क्यो ना आप भी साथ आजा ओ सार्रे
खुल के ही मज़े लेते है तो चाची बोली ना बाबा ना मैं ऐसा काम नही करूँगी तो
मैने कहा जब बुआ को कोई प्राब्लम नही है तो आप को क्या दिक्कत है चाची बोली
मुझे कुछ समझ नही आ रहा है तो मैने कहा कि डार्लिंग आप दिमाग़ मे
ज़्यादा ज़ोर मत डालो और बस मज़े लेना और फिर एक बार कपड़े उतारने के बाद
शरम तो अपने आप ही गायब हो जाती है चाची बोली मुझे थोड़ा टाइम दे मैं
कुछ सोचती हू
मैने घड़ी मे टाइम देखा तो साढ़े आठ हो रहे थे मैने कहा चाची आप
खाना लगाओ मैं थोड़ी देर मे आता हू और बाइक ली और ठेके की तरफ दौड़ा दी
मैने एक वाइन की बॉटल ली और आते आते एक बॉटल थम्सअप और कुछ पेस्ट्रीस भी
ले ली वापिस आते ही मैने कोल्ड ड्रिंक और पेस्ट्रीस को फ्रिज मे रखा और दारू की
बॉटल को उपर छुपा दिया अब बस दोनो हुस्न की मल्लिकाओ को एक बेड पर लाना था
मैने बुआ को बता दिया था कि चाची लगभग मान ही गयी है तो बुआ बोली आज तो घर को रंडी खाना
बना के ही छोड़ेगा तू फिर हम सबने मिलकर जल्दी से डिन्नर ख़तम किया और हम तीनो छत पर आ
गये मैने कहा आज हम साथ ही सोएंगे मैने एक बात पे गोर की कि दोनो औरते थोड़ी टेन्षन मे
लग रही थी वैसे तो मैं पहले भी थ्रीसम कर चुका था प्रीतम और ज्योति के साथ पर आज बात
थोड़ी अलग थी मैं थम्सअप को गिलास मे भरा और उसमे वाइन भी मिला दी ताकि दोनो थोड़े नशे मे
आ जाए तो उनकी शरम जल्दी उतर जाए और गिलास लेके उपर आ गया मैने उनके गिलास उनको पकड़ा
दिए चाची बोली आज पेप्सी कुछ कड़वी कड़वी लग रही है तो मैने कहा चाची ये थम्सअप है इसका
टेस्ट थोड़ा स्ट्रॉंग ही होता है कुछ ही देर मे हम तीनो ने दो दो गिलास टिका लिए अब टाइम था कुछ
करने का तो मैने चाची को अपनी गोद मे बिठा लिया और किस करने लगा चाची बुआ की मोजूदगी से थोड़ी
सी खुल नही पा रही थी तो बुआ बोली भाभी मुझे सब कुछ पता चल चुका है और आपको भी मेरे
बारे मे पता चल ही गया है तो आप रिलॅक्स हो जाओ चाची मेरी गोदी मे बैठी थी तो मैं उनकी मॅक्सी के
उपर से ही उनकी चूचियो को बुरी तरह से मसल्ने लगा चाची हल्की हल्की चीख मारने लगी बुआ अभी
तक अपनी जगह पर ही बैठी थी मैने कुछ ही देर मे चाची की मॅक्सी को उनके बदन की गिरफ़्त से आज़ाद
कर दिया था और ब्रा के हुको को खोलते हुए उनके उनके मम्मो को भीचने लगा चाची धीमी धीमी
आवाज़ मे मत कर मत कहने लगी थी .
मुझे तो इंतज़ार था कि कब नशा उनपर थोड़ा सा हावी हो और इस
खेल का रोमांच और भी बढ़ जाए अब मैं एक हाथ से उनकी चूची भीच रहा था और दूसरे हाथ से
उनकी चूत को रगड़ने लगा था पैंटी तो उनकी गीली हो ही गयी थी बुआ बस हमे देखे जा रही थी इधर
मेरा लंड भी कच्छे मे तन चुका था और चाची के मुलायम मुलायम चुतड़ों की दरार मे फसा
पड़ा था उत्तेजना से मेरे कान लाल हो चुके थे तो अब मैने चाची को अपनी ओर घुमाया और उनके
गुलाबी रस से भरे हुए होंठो पर अपने होंठो चिपका दिए चाची ने अपने हाथ मेरी पीठ पर चिपका
दिए और वो भी बड़े जोश के साथ मेरे होटो को किस करने लगी मैने कनखियो से देखा कि बुआ अपने
उरोजो को हल्के हल्के दबा रही है तो मैने चाची को छोड़ा और बुआ के पास पहुच गया और उनको
किस करते हुए उनके बूब्स को मसल्ने लगा मैने बुआ के सूट को निकाल दिया अंदर ब्रा तो थी नही तो
उपर से वो भी नंगी हो चुकी थी मैने उनकी एक चूची को मुँह मे ले लिया और उसको पीने लगा मैं
चूची पीते पीते बोला कि चाची आ जाओ मैने चाची को इशारा किया कि आप भी बुआ की एक चूची पर
क़ब्ज़ा जमा लो तो चाची ने कुछ सोचा और फिर उन्होने भी दूसरी चूची को अपने मुँह मे भर लिया
हम दोनो बुआ की चूची पीने लगे थे बुआ के बदन मे जैसे चींटिया रेंगने लगी थी एक तो नशे की
हालत और उपर से चुदाई का सुरूर तो माहौल गरम होना ही था कुछ ही देर मे बुआ की सिसकारिया फुट
चली उन्होने अपनी सलवार का नाडा खोला और उसको नीचे सरका दिया और फिर कच्छि को भी उतार दिया और
नंगी हो गयी बुआ ने चाची की पैंटी को भी खीच कर घुटनो के बल कर दिया और अपना हाथ उनकी
जाँघो के जोड़ मे घुसेड दिया इधर हम दोनो बुआ के बूब्स पर लगे हुए थे बुआ एक हाथ से चाची
की चूत को सहला रही थी और दूसरे हाथ से मेरे लंड को हिला रही थी कुछ ही मिनट बाद हम ने
बुआ की चूचियो को एक दम लाल लाल कर दिया था बुआ की आँखो मे वासना के डोरे सॉफ सॉफ दिखाई दे
रहे थे कुछ ऐसा ही हाल चाची का भी था तभी मुझे कुछ याद आया तो मैं भाग के रसोई मे गया
और वो पेस्ट्रीस का बॉक्स ले आया और दो पॅस्टी को बुआ के मुँह बोबो और चूत पर मसल कर लगा दिया
और सेम चाची के साथ भी किया अब मेरी दोनो रांड़ बिस्तर पर लेटी हुवी थी मैं बारी बारी दोनो के
शरीर पर लगी हुवी क्रीम को चाटने लगा दोनो रांडो को अब पूरी तरह नशा चढ़ चुका था कभी एक
जनि मुझे अपनी ओर खीचती कभी दूसरी वाली मुझे खीचती तो मैं बुआ के बूब्स को अच्छी तरह से
चाटने के बाद उनकी टाँगो के बीच मे घुस गया और उनकी कुछ मीठी कुछ खारी चूत पर अपने होंठो
लगा दिए और उनकी चूत को किस करने लगा .
इधर चाची भी उत्तेजना से पागल हो रही थी तो मैने कहा
कि चाची मैं बुआ की चूत को चाटूँगा तुम अपनी चूत बुआ के मुँह से लगा दो तो चाची बुआ के मुँह के
उपर बैठ गयी और बुआ उनकी पेस्ट्री से लिस्डी हुवी चूत को अपनी ज़ुबान से खाने लगी नीचे मैं बुआ की
चूत को खा रहा था बड़ा ही मजेदार सीन चल रहा था हम तीनो पूरी तरह से मस्ती मे डूब
चुके थे मैने अपनी पूरी जीभ बुआ की चूत मे डाल रखी थी बुआ की गान्ड बार बार उपर नीचे हो रही थी
बुआ मेरे सर को पूरी ताक़त से अपनी चूत पर दबा रही थी और उपर चाची कातिल बनी हुवी थी मैं
ज़ोर ज़ोर से बुआ की चूत को चाटे जा रहा था चूत से रिस्ते हुए पानी की मात्रा बढ़ती ही जा रही थी और
फिर वो लम्हा आ ही गया बुआजी ने अपनी टाँगो को टाइट कर लिया और एक झटके से गाढ़े चिपचिपे पानी की
नदी चूत से बह निकली मैने जल्दी जल्दी उस सारे पानी को सॉफ किया और बुआ के उपर से खड़ा होते हुए
जल्दी से चाची जान की टाँगो को फैलाया और अब उसका नंबर लगा दिया चाची भी झड़ने के कगार पर आ
ही चुकी थी बस कुछ ही देर की बात थी और 5 ,मिनट बाद उन्होने भी अपना पानी मेरे मुँह मे उडेल
दिया आज दो दो हॉट औरतो का पानी पीकर मैं निहाल हो गया
चाची और बुआ तो अपनी मंज़िल पा चुकी थी पर मेरा लंड तो खड़ा ही था तो मैने उसको चाची के
मुँह मे डाल दिया चाची उसको चूमने लगी बुआ अभी साइड मे पड़ी पड़ी हमे देख रही थी शायद वो
थोड़ा सा थक गयी थी पर उनकी आँखे चमक रही थी चाची के गुलाबी होंठो मे मेरा सुपाडा दबा
हुआ था मैंने बुआ को इशारा किया तो बुआ भी हमारे पास आ गयी और अपने सर को नीचे झुकाते हुए
बुआ मेरी गोलियो पर अपनी सप्निली जीभ फिराने लगी उपर चाची लंड पर जीभ चला रही थी और बुआ
गोलियो पर उनका ये डबल अटॅक मुझे बहुत ही मज़ा दे रहा था मेरा लंड कभी बुआ के मुँह मे
कभी चाची के मुँह मे झटके खा रहा था तभी चाची ने बॉक्स से एक पेस्ट्री को लिया और मेरे लंड
और गोलियो पर मल दिया और अब दोनो हसीनाए उस पेस्ट्री की क्रीम को बड़े ही चाव से खाने लगी दोनो
मेरे लंड पर ऐसे टूट रही थी जैसे कुत्ता हड्डी पर टूट ता है मैं तो आज सातवे आसमान पर पहुच
गया था.
आज दीवानगी सारी हदें पार करने को बेताब थी आज जैसे रात फिर कभी जिंदगी मे दुबारा नही
आई अब दोनो मेरे सुपाडे पर अपनी जीभ को फेर रही थी तो उनकी जीबे आपस मे भी टकराने लगी थी
दोनो औरते बड़े ही प्यार से एक दूसरे को देख रही थी अब मेरी हालत खराब होने लगी थी मुझे लग
रहा था कि अब मैं उन प्यासी औरतो के आगे ज़्यादा देर नही ठहर पाउन्गा मेरी टाँगो का कंपन
बढ़ने लगा था तो मैने कहा आप और ज़ोर से चूसो तो मानो बुआ और चाची मे जैसे होड़ लग गयी और
दोनो बड़े ही जोश से बारी बारी से लंड को चूसने लगी मुझसे ऐसे लगा जैसे दोनो औरते एक दूसरे को
दिखाना चाहती हो कि कॉन ज़्यादा अच्छा लंड चूस्ति है मेरा पारा अब गरम हो चुका था मेरे बदन
मे कंपकंपी होनी चालू हो गयी थी तो मैने अपने लंड को चाची के मुँह से बाहर निकाला और उसको
हिलाते हुए दोनो के मुँह पर अपनी वीर्य की बोछार करनी शुरू कर दी आज एक बात थी वीर्य भी आज
बहुत ज़्यादा निकला था वीर्य की पिचकारी कभी बुआ के मुँह पर पड़ती तो कभी चाची के मुँह पर पड़ती
मेरा झटके ख़ाता हुआ लंड बारी बारी से उनके चेहरो को भिगोता चला गया और फिर मैं चटाई पर
पसर गया बुआ ने अपने चेहरे पर लगे सारे वीर्य को चाट लिया और चाची ने उसको मेरी बनियान से
सॉफ कर दिया
एक दूसरे के अगल बगल लेते हुए हम लोग हाँफ रहे थे मैं उन दोनो के बीच मे लेटा हुआ था बुआ
बोली आज तो बड़ा ही मज़ा आया तो चाची बोली हाँ बाई सा आज तो बहुत ही मज़ा आया है तो मैने कहा कि
अभी मज़ा तो बाकी ही है मज़ा तो जब आएगा जब तुम्हारी चूत और गान्ड मे लंड डालूँगा तो बुआ बोली कि
हाँ वो तो है मैने कहा बुआ आप चाची को किस करो ना तो वो बोली कि मैं कैसे तो मैने कहा बुआ चूत
लंड का खेल तो खेलती ही हो आज चूत चूत का भी तो मज़ा लो असल मे मैं उनके बीच लेस्बियन सेक्स
करवाना चाहता था ताकि वो दोनो एक दूसरे से और भी अच्छी तरह खुल जाए मैने बुआ के हाथ को
चाची के बोबो पर रखा और चाची के हाथ को बुआ की चूत पर रखा और कहा अरे आप लोग भी थोड़ा
एंजाय करो तो बुआ चाची के बोबो को दबाने लगी और फिर चाची ने भी अपने हाथ से बुआ की गदराई
हुवी चूत को मसल दिया बुआ ने चाची के बोबे पर अपना मुँह लगा दिया तो चाची ने भी उनकी चूत
मे अपनी उंगली को सरका दिया आज टक्कर होनी थी दो हुस्न और जवानी से लबरेज ऐसी औरतो के बीच जो इतनी
सेक्सी थी कि किसी मुर्दे मे भी प्राण फूँक दे अब वो दोनो अपनी शरम को पीछे छोड़ चुकी थी अब उन्हे
कोई फरक नही पड़ने वाला था मेरी मोजूदगी का वो तो बस एक दूसरे मे खो जाने को तैयार हो गयी थी
आज मैं इधर ही तेरे पास सो जाती हू तो मैने झूट बोलते हुए कहा कि चाची घर पे कोई नही है तो मैं नीचे ही सोउँगा तो उन्होने बुरा सा मुँह बनाया और कुछ बड़बड़ाते हुए अपने कमरे मे चली गयी तो मैं कुछ देर रुका फिर मैने कच्छा
और बनियान पहनी और वैसे ही नीचे चला गया बुआ जाग ही रही थी मैने एक
नज़र उनपे डाली और रसोई मे चला गया फ्रिज खोला और थोड़ा सा पानी पिया बुआ
भी रसोई मे आ गयी और बोली कि इतनी देर लगा दी क्या कर रहा था तो मैने कहा
बुआ थोड़ा सा काम था तो बस वो ही निपटा रहा था बुआ थोड़ा सा और मेरे पास
आई और मेरे कच्छे के उपर से लंड को सहलाते हुए बोली कि तूने मुझे क्या
बना दिया है पहले मैं बस तेरे फूफा के साथ ही सेक्स करती थी और अब देख किसी
रंडी की तरह तुझ से चुदने को मरी जा रही हू पता नही वापिस अपने घर
जाके मेरा कैसे गुज़ारा होगा तो मैने उनकी चूचियो पर हाथ फिराते हुए कहा
कि बुआ फूफा से जाकर दबा के चुदना तो वो हँसने लगी और मेरे कच्छे को नीचे
सरका दिया और लंड को हिलाने लगी कुछ देर वो उसको हिलाती रही फिर वही रसोई के
फरश पर घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे लंड को अपने गालो पे रगड़ने लगी
फिर वो लंड को अपने मुँह मे लेने ही वाली थी कि अचानक से वो मेरे लंड के
सुपाडे को सूंघने लगी और बोली कि इसमे से ये कैसी स्मेल आ रही है तो मैने कहा पेशाब की आ रही होगी तो उन्होने मेरे लंड को अपने मुँह मे ले लिया और
तुरंत ही वापिस निकाल दिया और उठ कर रसोई की लाइट जला दी और मेरी ओर थोड़ा गुस्से
से देखते हुए बोली कि कामीने इस पर तो चूत का पानी लगा है बता किसको चोदा
है तूने .
मैं कुछ बोल पाता उस से पहले ही वो बोली कि अच्छा अच्छा तभी मैं कहूँ
कि उपर तुझे इतना टाइम क्यो लग गया तो तूने बबिता भाभी को भी नही बख्शा तो
मैने उनको पूरी बात डीटेल मे बता दी तो वो बोली चल ठीक ही है मैं उसकी इच्छा
समझती हू सबको ही होता है कि वो भी माँ बने अब क्या पता तेरी कोशिश से ही
उसकी गोद भर जाए और आँगन मे एक नये मेहमान की किल्कारिया गूँजे बुआ ने
लाइट बंद की और बोली अब आजा कमरे मे चलते है तो मैने कहा कि बुआ यही पे
करे क्या तो वो बोली नही कमरे मे ही आओ फिर खुल कर एंजाय करेंगे तो मैं उनके
पीछे पीछे कमरे मे आ गया बुआ अपने कपड़ो को उतार रही थी मैं उनके पीछे जा
कर खड़ा हो गया और अपने लंड को उनके चुतड़ों से सटा दिया बुआ के शरीर की
गर्मी बढ़ गयी मैने उनकी ब्रा को खोला और पीठ पर किस करने लगा इतने मे
बुआ ने सलवार और पैंटी को एक साथ ही उतार दिया हम दोनो अब नंगे हो चुके
थे बस एक तूफान और आने का इंतजार था लंड को बुआ ने अपनी मोटी मोटी जाँघो
मे दबा लिया था तो मैने उनकी चूचियो को अपने दोनो हाथो मे भर लिया और
उनको दबाने लगा बुआ की चूचियो की घुन्डियो से जब मैने छेड़ खानी करनी
शुरू की तो कुछ ही देर मे उनका साइज़ एक एक इंच से भी थोड़ा उपर हो गया बुआ
अपनी मदमस्त गान्ड को हिलाते हुए बोली कि आहह थोड़ा आराम से दबा बेटा
थोड़ा प्यार से दबा इनको मैं बुआ की गर्दन पे किस करता हुआ बोला बुआ आज की
रात को मेरे लिए याद गार बना दो तो बुआ बोली मैं तो तेरी ही हू जो चाहे कर ले
तो मैने बुआ को बेड पर घोड़ी बना दिया और उनके पीछे आते हुए उनकी बिना
बालों की जुवैसी चूत पे अपने होंठ लगा दिए
बुआ के चुतड एक दम से काँप उठे
मैंन उंगली की सहायता से उनकी योनि की दरार को थोड़ा सा फैलाया और अपनी लंबी
जीभ को चूत मे घुसा दिया और उसके गीलेपन को चाटने लगा बुआ ने बेड की
चादर को अपनी मुट्ठी मे कस लिया और अपने मोटे मोटे सुडोल चुतड़ों को और भी
ज़्यादा उपर की ओर कर लिया ताकि मैं अच्छे से अपनी जीभ फेर सकूँ तो अब मैं बुआ की
चूत और गान्ड दोनो को बारी बारी से चाट रहा था बुआ तो बहुत ही ज़्यादा मस्त हो
गयी थी और अपनी गान्ड को उछाल उछाल कर अपनी चूत से बहते हुए उस रस के प्याले
को मुझे पिला रही थी 8-10 मिनट की चूत चुसाई के बाद बुआ मुझसे अलग हो
गयी और बोली कि बस अब नही रह पाउन्गि अब मुझे ये चाहिए और लंड की ओर इशारा
किया और बेड के किनारे पर ही अपनी टाँगो को चोडा करके बैठ गयी तो मैने अपने
लंड को चूत पर सेट किया और एक ही धक्के मे पूरे लंड को चूत मे उतार दिया
बुआ कराहती हुए बोली
आआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररराआआअम्म्म्मममम
म्म्म्मरममममममममममम सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईई
मैने सॉरी कहा और अब दनादन शॉट लगाना चालू किया बुआ हर एक धक्के के
साथ मस्त और मस्त होती चली गयी बुआ की चूत इतनी चिकनी थी कि क्या बताऊ बड़े
से बड़ा लूब्रिकॅंट भी फैल था उस चिकनाई के आयेज और फिर वो तो मेरी पसंदीदा
चूत थी और उनकी चूत का छल्ला बेहद कसा हुआ था कुछ देर ऐसे ही रगड़ने
के बाद मैने उनको लिटा दिया और उनके उपर आकर उनको चोदने लगा बुआ ने
मेरी जीभ को अपने मुँह मे भर लिया और उसको चूस्ते हुए अपनी चूत मरवाने
लगी बुआ आज कुछ ज़्यादा ही चुदासी हो रही थी और नीचे से अपनी गान्ड को उचका
उचका कर चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी मैं पूरी रफ़्तार पकड़ चुका था और
दना दन चूत पे धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था और फिर वो लम्हा भी आया
जब बुआ मुझसे बुरी तरह लिपट गयी उन्होने अपने लंबे लंबे नाख़ून मेरी
पीठ में धंसा दिए और अपनी चूत से काम रस की बरसात करने लगी तो मैने
अपना और ज़ोर लगाते हुए और तेज़ी से उनको चोदने लगा बुआ इन धक्को को सहन
नही कर पा रही थी तो चूत और ज़ोर से बहने लगी उनकी सांस बुरी तरह से फूल गयी
थी तो वो हान्फते हुए बोली कि मैं चूत से लंड को निकाल लू पर मेरा तो लंड अभी
मैदान मे डटा ही था तो मैने कहा कि बुआ थोड़ी देर बस मैं भी फारिग हो जाता
हू तो वो बोली कि तू पीछे डाल ले मैं अभी चूत मे नही ले पाउन्गि मुझे जलन हो
रही है तो मैने उनको उल्टा किया और उनके चुतड़ों के छेद पे थूक लगाया और
अपने लंड को गान्ड मे डालने लगा उनकी गान्ड का छल्ला सुपाडे के दबाव से फैलने
लगा और धीरे धीरे करके मैने अपने पूरे लंड को गान्ड के अंदर पहुचा ही
दिया बुआ को थोड़ा दर्द हो रहा था पर वो गान्ड मरवाने को बिल्कुल तैयार थी
इनफॅक्ट लंड को उनकी गान्ड मे ही घुसा हुआ था मैंन उनके कंधो को पकड़ा और
गान्ड पे धक्के लगाने लगा बुआ की टाइट गान्ड का दबाव लंड पर पड़ने लगा था जब
जब मैं लंड को पीछे खीचता लगा की गान्ड का छेद साथ ही आएगा ऐसे ही मैं
उनकी गान्ड मारता रहा और कोई दस मिनट के बाद मैने अपना लावा गान्ड मे ही
गिरा दिया
कुछ देर बाद मैने लंड को बाहर निकाला बेचारा मुरझा कर सिकुड चुका था
दो दो गरमा गरम हुस्न की मल्लिकाओ को चोदने के बाद मैं भी थोड़ी थकान महसूस करने लगा था बुआ भी बहाल बेड पर पड़ी थी मैने दरवाजा खोला और बाथरूम मे चला गया बुआ भी थोड़ी देर बाद आ गयी और मेरे सामने ही मूतने लगी वो नज़ारा बहुत ही उत्तेजक था पर अब मेरा मूड नही था बुआ पेशाब करने के बाद चली गयी मेरे शरीर मे पसीने की चिप चिप हो रही थी तो मैं नहा ने लगा नहाने के बाद मैं वापिस आया तो सोचने लगा कि उपर जाके सोऊ या नीचे ही सो जाउ फिर मैं सोफे पे ही लेट गाया मैने मोबाइल निकाला और मिथ्लेश को एसएमएस कर दिया कि कल मिलना है ज़रूर
दरअसल मैं चाहता था कि ज़्यादा से ज़्यादा टाइम मैं उसके साथ बैठू तो फिर मैं सोफे पर ही सो गया अगले दिन मैं दस बजे उठा मोबाइल देखा तो पता चला कि मिता की कई मिस कॉल थी तो उसको फोन लगाया वो थोड़ा सा नाराज़ होने लगी तो मैने कहा कि यार मैं तो सो रहा था जस्ट अभी उठा ही हू तो उसने कहा कि वो मुझे वही पर मिलेगी जहाँ कल मिली थी मैं उसको पिक कर लू तो मैने कहा कि आधे घंटे मे आ जाउन्गा और जल्दी से नहाया-धोया और बाइक उठा कर चल पड़ा अपनी सपनो की रानी से मिलने उसको पिक किया पर शहर मे ऐसी कोई जगह नही थी जहाँ हम टाइम बिता सके तो मैने कहा डार्लिंग मेरे घर चलेगी क्या तो वो बोली कि ऐसे कैसे चल सकती हू पर मैने कहा मान भी जा यार होने वाली पत्नी के नाते ना सही तो एक दोस्त के नाते तो चल मैने कहा कि तू अपने दुपट्टे को मुँह पर लपेट ले ताकि कोई पहचाने ना और फिर मैं उसको अपने घर ले ही आया .
आज मेरी होने वाली दुल्हन मेरे घर आई थी बुआ और चाची को तो समझ ही नही आया कुछ पर मिता को देखकर वो खुश हो गयी अनिता भाभी तो बेहद ही खुश हो गयी थी मिता साक्षी को खिलाने लगी तो मैने कहा भाभी कुछ नाश्ते पानी का इंतज़ाम तो करो तो भाभी बोली हाँ अभी लाई और रसोई मे चली गयी बुआ और चाची मिता से बाते करने लगी कुछ ही देर मे मिता के व्यवहार ने उनका दिल जीत लिया फिर नाश्ते के बाद मैने कहा मिता आओ तुम्हे कुछ दिखाता हू और उसको अपने कमरे मे लाया अब साला यही पे थोड़ी सी प्राब्लम हो गयी मेरे कमरे की एक दीवार पर मिथ्लेश की तस्वीर बनी थी और एक दीवार पर निशा की मिता बोली कि ये किस की तस्वीर है तो मैने कहा कि ये मेरी दोस्त थी जो अब ना जाने कहाँ है तो मिता मेरे पास आई और बोली कि बस दोस्त ही है या कुछ ऑर तो मैने कहा तुम्हे क्या लगता है तो वो बोली अब तुम्हारे मन की मैं क्या जानू पर मुझे लगा कि वो कुछ सोच रही है तो मैने कहा यार मेरी पहली और आखरी ख्वाहिश तो बस तुम ही हो
तो वो बोली अरे रिलॅक्स हो जाओ मैं तो मज़ाक कर रही हू अब ये तुम्हारी दोस्त है तो मेरी भी दोस्त हुई ना मैं आल्बम ले आया जिसमे हमारी तस्वीरे थी कॉलेज टाइम की मिता थोड़ी सेनटी हो गयी तो मैने उसको कहा कि यार एमोशनल क्यो हो हम साथ ही तो है मिता बोली क्या हमारी शादी हो पाएगी तो मैने कहा कि हो पाएगी नही हो गी ही फिर कुछ देर बाद हम नीचे आ गये मिता सबको ही बहुत पसंद आई थी कुछ तो बात थी ही मेरी पसंद मे अनिता भाभी तो उसे एक मिनट के लिए छोड़ ही नही रही थी कुल मिला कर माहौल बड़ा ही अच्छा बना हुआ था मैं तो आज बहुत ही खुश हो रहा था
आख़िर खुशी की ही तो बात थी मेरी प्रियतमा जो मेरे घर आई हुवी थी आज टाइम भी कुछ ज़्यादा ही जल्दी गुजर रहा था मिता ने पूछा कब जा रहे हो मैने कहा अगले सोमवार को वो थोड़ा सा और मेरे पास खिसक आई और बोली कि फिर कब आओगे तो मैने कहा जैसे ही छुट्टी मिलेगी सबसे पहले मैं शिमला आउन्गा तुम्हारे पास मैने उसको प्रॉमिस किया तब जाके उसको थोड़ा सा चैन मिला अब ये ही तो थी जिंदगी जब दूर थे तो दूर थे अब दिल ही नही कर रहा था उस से दूर होने को पर क्या करे जाना तो था ही मिथ्लेश बोली कि अब मैं जितना हो सके उतना टाइम तुम्हारे साथ ही स्पेंड करूँगी ना जाने फिर ये टाइम मिले ना मिले तो मैने कहा पगली ऐसा क्यो सोचती हो मैं वापिस भी तो आउन्गा तुम ऐसे ना बोलो हम बाते कर ही रहे थे क़ी चाची ने नीचे से आवाज़ लगाई चाइ पीने के लिए टाइम भी 4 हो रहा था तो हम ने चाइ पी फिर मैं मिथ्लेश को ड्रॉप करने चला गया
आज मैं बहुत ही अलग सा महसूस कर रहा था मिता जितना भी टाइम रुकी थी रोनक सी
आ गयी थी मेरे घर मे मैं सोच रहा था कि जब वो दुल्हन बनकर मेरे घर
आएगी तो ये घर तो खुशियो से झूम ही उठेगा वापिस घर आते आते 5 बज गये
थे तो बुआ बोली कि जा दुकान से कुछ सब्ज़िया ले आ और कुछ छोटा मोटा सामान
है ये भी लेता आईओ तो मैने झोला उठाया और दुकान की तरफ चल पड़ा दिल मे एक
अलग सी ही उमंग छाई हुई थी जब मैं दुकान पर पहुचा तो काफ़ी भीड़ थी तो
मैं साइड मे खड़ा हो गया और अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा अब मैं आपको एक
बात बता ता हूँ कि दुकान दो भागो मे बटी हुई है एक साइड मे तो जनरल स्टोर
है और सब्ज़ी वग़ैरा बेचते है और दूसरी ओर आटा चक्की बनाई हुवी है तो मैं
अपनी बारी का इंतज़ार कर ही रहा था कि मोहल्ले की एक भाभी जिनका नाम सोनू है
उन्होने मुझे आवाज़ लगाई और कहा कि मैं आटे का बोरा उनके सर पर रखवा
दूं तो मैं उनकी ओर गया जब मैं उनको बोरा उठवा रहा था तो मेरी नज़र उनकी
चूचियो पर पड़ी . बेहद ही बड़ी बड़ी ठोस चूचियाँ ब्लाउस मे तो समा ही नही
पा रही थी और लग भग आधी चूचिया ब्लाउस से बाहर ही निकली पड़ी थी
भाभी भी ये भाँप गयी थी तो उन्होने चुटकी लेते हुए पूछा कि आटा उठवाओ ये
तो बाद मे देख लेना तो मैं थोड़ा सा झेंप गया और उनको बोरा उठवा दिया वो
अपने घर की ओर चल पड़ी और मैं उनके 61-62 करते हुए चुतड़ों को ताड़ने लगा
मैने सोचा अरे ये कैसे नज़र मे नही आई मेरा लंड अब पेंट मे परेशान
होने लगा था पर किसी तरह से कंट्रोल कर ही लिया अब सामान लेने का होश नही रहा
था बल्कि दिमाग़ मे प्लॅनिंग चल रही थी सोनू भाभी को चोदने की पर ये आसान
तो होना नही था पर इस को आसान बना ना ही था अगर ऐसी पटाका औरत को नही
चोदा तो क्या चोदा
सोनू का घर हमारे घर से थोड़ी सी दूरी पर नीचे की तरफ को था सोनू कोई 26-
27 साल की उमर की थी उसके दो बच्चे थे कोई साढ़े 4 फुट की लंबाई वाली सोनू
बेहद गोरी थी और फिगर तो बहुत ही अच्छा था बेहद ही तराशि गयी मूरत की
तरह चूचिया 34 डी के साइज़ की होंगी और चुतड तो बुआ से भी मोटे मोटे थे
उसके मैने पक्का सोच लिया कि कुछ भी करके सोनू भाभी की चूत तो मारनी ही है
मैं घर आया और चाची को समान पकड़ाया और छत पर चला गया बुआ छत
पर ही बैठी थी आज थोड़ी ठंडी हवा चल रही थी तो वातावरण भी अच्छा ही था मैं
भी बुआ के पास जाकर बैठ गया और उनसे बाते करने लगा नीचे चाची तो रसोई
मे बिज़ी थी और मेरा लॉडा पेंट मे उछल कूद मचा रहा था तो मैं उठा और
सीढ़ियो वाले गेट की कुण्डी लगाई और बुआ को बोला बुआ आज मेरा लंड कुछ ज़्यादा
ही मचल रहा है इसको ज़रा शांत करो ना तो वो बोली ये कोई टाइम है क्या तो मैने
कहा बुआ मैं देर नही लगाउन्गा बस 5 मिनट मे ही कर लूँगा तो बुआ बोली ठीक
है आजा तेरी प्यास तो बुझाउन्गि ही पर तू देर ना लगाना कही बबिता शक ना कर ले
तो मैने कहा बुआ अब आओ तो सही कुछ ही देर मे हम कमरे मे आ गये मैने
अपनी ज़िप खोली और लंड को बाहर निकाल लिया और बुआ की सलवार और कच्ची को उनके
घुटनो तक सरका दिया और उनकी एक टाँग को जंगले मे रखा और अपने लंड पर
थोड़ा थूक लगा कर उसको एक दम से चिकना कर लिया और बुआ की चूत से सटा दिया
बुआ ने मस्ती से अपनी आँखो को बंद कर लिया मैने उनकी कमर मे अपना हाथ
डाला और लंड को आगे करते हुए धक्का लगाया लंड उनकी चूत की पंखुड़ियो को
अलग अलग करता हुआ चूत मे समाता चला गया बुआ के मुँह से आह निकली बुआ
बोली फटा फट काम सॅल्टा दो और उन्होने अपने चुतड़ों को थोड़ा सा मेरी ओर कर दिया
तो मैं अब उनको चोदने लगा बुआ भी अपनी गान्ड को हिलाते हुए मेरे लंड का मज़ा
लेने लगी बुआ आहा आहह आ करते हुए चूत मरवाने लगी थी मेरा लंड
पूरी ताक़त से उनकी चूत के छेद को फैलाते हुए पूरे मज़े से बुआ की चूत मार
रहा था मैने अपने हाथ उनके सूट मे घुसाए और ब्रा के उपर से ही उनके कोमल
उभारों को दबाने लगा बुआ और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गयी आख़िर क्यो ना हो जब
चूत मे गर्म लंड पड़ा हो तो कोई भी औरत मज़ा तो पूरा लेगी ही ना दना दन
चूत पर धक्को की बोछार हो रही थी कुछ देर बाद बुआ ने अपने पैर जंगले से
हटाया और वही खड़े खड़े ही दोनो पैरो पर झुक गयी तो मैने फिर से लंड को
अंदर सरका दिया और बुआ की चूत का भोग लगा ने लगा बुआ बार बार बोल रही थी कि
जल्दी कर जल्दी कर पर अब चुदाई मे टाइम तो लगता ही है हालाँकि मैं अपनी तरफ से
पूरी कोशिश कर रहा था कि जल्दी से झाड़ जाउ मैं उनको चोद ही रहा था कि उनके
बदन मे एक झूर झूरी आई और बुआ पस्त हो गयी तो मैने भी अपनी कोशिश और
तेज कर दी और 3-4 मिनट बाद एक ज़ोर का झटका लगाया और अपने वीर्य से उनकी
चूत को धोने लगा मैं बुरी तरह से हाँफने लगा बुआ ने मुझे अलग हटाया और
अपनी सलवार को उपर चढ़ाते हुए नाडा बाँधने लगी मैने भी फिर पेंट को
चेंज किया और बाहर पड़ी चारपाई पर आकर लेट गया
कुछ देर बाद बुआ भी अपने हुलिए को ठीक कर के आ गयी और मेरे पास ही आके
बैठ गयी मैने कहा मैं अभी आया मैने सीढ़ियो के गेट को खोला और रसोई
मे चला गया
चाची जान खाना बनाने मे ही लगी थी मैने फ्रिज खोला और पानी को बॉटल ली
और वापिस छत पर आ गया बुआ बोली कि तू भाभी को फोन करके पूछ ले कि वो
कब आएँगी मुझे यहाँ आए कई दिन हो गये है फिर मुझे भी तो अपने घर जाना
है तो मैने नाना के घर फोन मिलाया तो मम्मी ने कहा कि वो 3-4 दिन बाद
आएँगी
तो मैने सारी बात बुआ को बता दी तो वो बोली चल कोई नही थोड़े दिन और तेरे
साथ सो लूँगी तो मैने उनकी चूची को मसल दिया वो थोड़ा सा दर्द से बोली अरे
ऐसा मत कर तू फिर हम नीचे आए बुआ थोड़ी देर अनिता भाभी के घर चली गयी
चाची आटा गूँथ रही थी
तो मैं उनके पास जाकर खड़ा हो गया और उनकी साड़ी को पीछे से उठाते हुए
उनकी गान्ड को दबाने लगा तो चाची बोली कि अभी मस्ती मत कर मुझे बहुत काम
है तो पहले काम करने दे फिर आराम से देउँगी तुझे तो मैंने कहा कि चाची मैं
थोड़ा घूम कर आता हू और घर से बाहर निकला और मंदिर की तरफ चला गया तालाब के किनारे बैठ ना
मुझे बहुत ही अच्छा लगता था पानी मे खिले हुए कमल के फूल बहुत ही
सुंदर लग रह थे कुछ छोटे बच्चे तालाब मे डुबकिया लगा लगा के नहा रहे थे
मैं बहुत देर तक उनको देखता ही रहा अच्छा लग रहा था फिर मैं वापिस घर चल
पड़ा
जब मैं घर के करीब पहुचा तो मैने रास्ता बदला और सोनू भाभी की गली की
तरफ मूड गया पर उसका दीदार ना हुआ तो मैं चूतिए की तरह अपने घर आ
गया थोड़ी थकान भी हो रही थी तो मैने सोचा कि नहा ही लूँ नहा कर मैं ताइजी
के घर चला गया थोड़ी देर बात चीत की साक्षी को देखते ही मेरा मन बहुत ही
खुश हो जाया करता था तो मैं उसको खिलाने लगा भाभी बोली रोटी बना ली है प्लेट
लगा दूं क्या तो मैने कहा नही चाची बना रही है तो उधर ही खाउन्गा रात तो
हो ही चुकी थी बुआ छत पर टहल रही थी तो मैं उधर ही चला गया मैने बुआ
को कहा कि बुआ आज मैं थोड़ा सा थक गया हू मेरे सर मे थोड़ी मालिश करदो तो
वो बोली कि हाँ अभी आयिल लाती हू तू इधर बैठ जा बुआ मालिश करने लगी मुझे
बहुत अच्छा महसूस हो रहा था तो मैने कहा कि दो दो रांडो को चोद कर मैं
थक गया हू आज रात ना तुम्हे चोदुन्गा ना चाची को तो बुआ बोली अरे ऐसा मत
कह तेरे बिना तो मुझे नींद आएगी ही नही तो मैं बोला एक काम करो तुम दोनो
रांड़ एक साथ ही बेड पर आ जाओ तो मैं तुम दोनो को एक साथ ही चोद लूँगा तो
बुआ बोली नही ऐसा नही हो सकता मेरे और बबिता के रिश्ते मे शरम रहने दे
पर मैने कहा कि बुआ मुझे कुछ नही पता चोदुन्गा तो मैं तुम दोनो को साथ
ही चोदुन्गा वरना मैं ऐसे ही सो जाउन्गा .
तो बुआ बोली बेटा फालतू की ज़िद ना किया कर और वैसे भी चल एक मिनट के लिए मैं
मान भी लू तो बबिता मानेगी क्या तो मैने कहा बुआ अब ननद भाभी मे वैसे
भी खुला पन तो चलता ही है और रही बात चाची की तो मैं उनको मना लूँगा
चाहे कुछ भी हो जाए पर आप मेरा साथ देना तो बुआ ने एक गहरी सांस ली और
बोली ठीक है तेरे आगे नंगी हो गयी हू अब बबिता के आगे भी हो जाउन्गि पर ये
सब मैं तेरे लिए कर रही हू मैने उनके होटो पर किस किया और उनको थॅंक्स कहा
और नीचे आ गया अब बारी थी चाची को तैयार करने की तो मैं उनके पास गया वो
बोली कि खाना ख़ालो तुम जल्दी से तो मैं भी फ्री हू तो मैने कहा कि चाची आपसे
एक बात करनी थी तो वो बोली हाँ बता क्या कहना चाहता है तू तो मैने कहा कि बुआ
को पता चल गया है कि आप और मैं सेक्स करते है ये सुनते ही चाची के चेहरे
का सारा नूर गायब हो गया और माथे से पसीना छलक उठा वो बोली हाई राम
अब बस यही बाकी रह गया था मेरी तो लुटिया डूब गयी मैं अब क्या करू कहाँ जाउ
तो मैने कहा ओवेरक्टिंग मत करो चाची और पूरी बात तो सुनलो पहले तो वो बोली
बक जल्दी से तो मैने कहा कि बुआ चाहती है कि मैं उनके साथ भी सेक्स करू
तो चाची ने अपने मुँह पर हाथ रख लिया और बोली हाई राम दीदी तुझसे कैसे
चुद सकती है तो मैने कहा कि जैसे आप चुद्ते हो तो चाची बोली पर तो मैने
कहा पर वर कुछ नही अब मैं उनको चोदुन्गा तो क्यो ना आप भी साथ आजा ओ सार्रे
खुल के ही मज़े लेते है तो चाची बोली ना बाबा ना मैं ऐसा काम नही करूँगी तो
मैने कहा जब बुआ को कोई प्राब्लम नही है तो आप को क्या दिक्कत है चाची बोली
मुझे कुछ समझ नही आ रहा है तो मैने कहा कि डार्लिंग आप दिमाग़ मे
ज़्यादा ज़ोर मत डालो और बस मज़े लेना और फिर एक बार कपड़े उतारने के बाद
शरम तो अपने आप ही गायब हो जाती है चाची बोली मुझे थोड़ा टाइम दे मैं
कुछ सोचती हू
मैने घड़ी मे टाइम देखा तो साढ़े आठ हो रहे थे मैने कहा चाची आप
खाना लगाओ मैं थोड़ी देर मे आता हू और बाइक ली और ठेके की तरफ दौड़ा दी
मैने एक वाइन की बॉटल ली और आते आते एक बॉटल थम्सअप और कुछ पेस्ट्रीस भी
ले ली वापिस आते ही मैने कोल्ड ड्रिंक और पेस्ट्रीस को फ्रिज मे रखा और दारू की
बॉटल को उपर छुपा दिया अब बस दोनो हुस्न की मल्लिकाओ को एक बेड पर लाना था
मैने बुआ को बता दिया था कि चाची लगभग मान ही गयी है तो बुआ बोली आज तो घर को रंडी खाना
बना के ही छोड़ेगा तू फिर हम सबने मिलकर जल्दी से डिन्नर ख़तम किया और हम तीनो छत पर आ
गये मैने कहा आज हम साथ ही सोएंगे मैने एक बात पे गोर की कि दोनो औरते थोड़ी टेन्षन मे
लग रही थी वैसे तो मैं पहले भी थ्रीसम कर चुका था प्रीतम और ज्योति के साथ पर आज बात
थोड़ी अलग थी मैं थम्सअप को गिलास मे भरा और उसमे वाइन भी मिला दी ताकि दोनो थोड़े नशे मे
आ जाए तो उनकी शरम जल्दी उतर जाए और गिलास लेके उपर आ गया मैने उनके गिलास उनको पकड़ा
दिए चाची बोली आज पेप्सी कुछ कड़वी कड़वी लग रही है तो मैने कहा चाची ये थम्सअप है इसका
टेस्ट थोड़ा स्ट्रॉंग ही होता है कुछ ही देर मे हम तीनो ने दो दो गिलास टिका लिए अब टाइम था कुछ
करने का तो मैने चाची को अपनी गोद मे बिठा लिया और किस करने लगा चाची बुआ की मोजूदगी से थोड़ी
सी खुल नही पा रही थी तो बुआ बोली भाभी मुझे सब कुछ पता चल चुका है और आपको भी मेरे
बारे मे पता चल ही गया है तो आप रिलॅक्स हो जाओ चाची मेरी गोदी मे बैठी थी तो मैं उनकी मॅक्सी के
उपर से ही उनकी चूचियो को बुरी तरह से मसल्ने लगा चाची हल्की हल्की चीख मारने लगी बुआ अभी
तक अपनी जगह पर ही बैठी थी मैने कुछ ही देर मे चाची की मॅक्सी को उनके बदन की गिरफ़्त से आज़ाद
कर दिया था और ब्रा के हुको को खोलते हुए उनके उनके मम्मो को भीचने लगा चाची धीमी धीमी
आवाज़ मे मत कर मत कहने लगी थी .
मुझे तो इंतज़ार था कि कब नशा उनपर थोड़ा सा हावी हो और इस
खेल का रोमांच और भी बढ़ जाए अब मैं एक हाथ से उनकी चूची भीच रहा था और दूसरे हाथ से
उनकी चूत को रगड़ने लगा था पैंटी तो उनकी गीली हो ही गयी थी बुआ बस हमे देखे जा रही थी इधर
मेरा लंड भी कच्छे मे तन चुका था और चाची के मुलायम मुलायम चुतड़ों की दरार मे फसा
पड़ा था उत्तेजना से मेरे कान लाल हो चुके थे तो अब मैने चाची को अपनी ओर घुमाया और उनके
गुलाबी रस से भरे हुए होंठो पर अपने होंठो चिपका दिए चाची ने अपने हाथ मेरी पीठ पर चिपका
दिए और वो भी बड़े जोश के साथ मेरे होटो को किस करने लगी मैने कनखियो से देखा कि बुआ अपने
उरोजो को हल्के हल्के दबा रही है तो मैने चाची को छोड़ा और बुआ के पास पहुच गया और उनको
किस करते हुए उनके बूब्स को मसल्ने लगा मैने बुआ के सूट को निकाल दिया अंदर ब्रा तो थी नही तो
उपर से वो भी नंगी हो चुकी थी मैने उनकी एक चूची को मुँह मे ले लिया और उसको पीने लगा मैं
चूची पीते पीते बोला कि चाची आ जाओ मैने चाची को इशारा किया कि आप भी बुआ की एक चूची पर
क़ब्ज़ा जमा लो तो चाची ने कुछ सोचा और फिर उन्होने भी दूसरी चूची को अपने मुँह मे भर लिया
हम दोनो बुआ की चूची पीने लगे थे बुआ के बदन मे जैसे चींटिया रेंगने लगी थी एक तो नशे की
हालत और उपर से चुदाई का सुरूर तो माहौल गरम होना ही था कुछ ही देर मे बुआ की सिसकारिया फुट
चली उन्होने अपनी सलवार का नाडा खोला और उसको नीचे सरका दिया और फिर कच्छि को भी उतार दिया और
नंगी हो गयी बुआ ने चाची की पैंटी को भी खीच कर घुटनो के बल कर दिया और अपना हाथ उनकी
जाँघो के जोड़ मे घुसेड दिया इधर हम दोनो बुआ के बूब्स पर लगे हुए थे बुआ एक हाथ से चाची
की चूत को सहला रही थी और दूसरे हाथ से मेरे लंड को हिला रही थी कुछ ही मिनट बाद हम ने
बुआ की चूचियो को एक दम लाल लाल कर दिया था बुआ की आँखो मे वासना के डोरे सॉफ सॉफ दिखाई दे
रहे थे कुछ ऐसा ही हाल चाची का भी था तभी मुझे कुछ याद आया तो मैं भाग के रसोई मे गया
और वो पेस्ट्रीस का बॉक्स ले आया और दो पॅस्टी को बुआ के मुँह बोबो और चूत पर मसल कर लगा दिया
और सेम चाची के साथ भी किया अब मेरी दोनो रांड़ बिस्तर पर लेटी हुवी थी मैं बारी बारी दोनो के
शरीर पर लगी हुवी क्रीम को चाटने लगा दोनो रांडो को अब पूरी तरह नशा चढ़ चुका था कभी एक
जनि मुझे अपनी ओर खीचती कभी दूसरी वाली मुझे खीचती तो मैं बुआ के बूब्स को अच्छी तरह से
चाटने के बाद उनकी टाँगो के बीच मे घुस गया और उनकी कुछ मीठी कुछ खारी चूत पर अपने होंठो
लगा दिए और उनकी चूत को किस करने लगा .
इधर चाची भी उत्तेजना से पागल हो रही थी तो मैने कहा
कि चाची मैं बुआ की चूत को चाटूँगा तुम अपनी चूत बुआ के मुँह से लगा दो तो चाची बुआ के मुँह के
उपर बैठ गयी और बुआ उनकी पेस्ट्री से लिस्डी हुवी चूत को अपनी ज़ुबान से खाने लगी नीचे मैं बुआ की
चूत को खा रहा था बड़ा ही मजेदार सीन चल रहा था हम तीनो पूरी तरह से मस्ती मे डूब
चुके थे मैने अपनी पूरी जीभ बुआ की चूत मे डाल रखी थी बुआ की गान्ड बार बार उपर नीचे हो रही थी
बुआ मेरे सर को पूरी ताक़त से अपनी चूत पर दबा रही थी और उपर चाची कातिल बनी हुवी थी मैं
ज़ोर ज़ोर से बुआ की चूत को चाटे जा रहा था चूत से रिस्ते हुए पानी की मात्रा बढ़ती ही जा रही थी और
फिर वो लम्हा आ ही गया बुआजी ने अपनी टाँगो को टाइट कर लिया और एक झटके से गाढ़े चिपचिपे पानी की
नदी चूत से बह निकली मैने जल्दी जल्दी उस सारे पानी को सॉफ किया और बुआ के उपर से खड़ा होते हुए
जल्दी से चाची जान की टाँगो को फैलाया और अब उसका नंबर लगा दिया चाची भी झड़ने के कगार पर आ
ही चुकी थी बस कुछ ही देर की बात थी और 5 ,मिनट बाद उन्होने भी अपना पानी मेरे मुँह मे उडेल
दिया आज दो दो हॉट औरतो का पानी पीकर मैं निहाल हो गया
चाची और बुआ तो अपनी मंज़िल पा चुकी थी पर मेरा लंड तो खड़ा ही था तो मैने उसको चाची के
मुँह मे डाल दिया चाची उसको चूमने लगी बुआ अभी साइड मे पड़ी पड़ी हमे देख रही थी शायद वो
थोड़ा सा थक गयी थी पर उनकी आँखे चमक रही थी चाची के गुलाबी होंठो मे मेरा सुपाडा दबा
हुआ था मैंने बुआ को इशारा किया तो बुआ भी हमारे पास आ गयी और अपने सर को नीचे झुकाते हुए
बुआ मेरी गोलियो पर अपनी सप्निली जीभ फिराने लगी उपर चाची लंड पर जीभ चला रही थी और बुआ
गोलियो पर उनका ये डबल अटॅक मुझे बहुत ही मज़ा दे रहा था मेरा लंड कभी बुआ के मुँह मे
कभी चाची के मुँह मे झटके खा रहा था तभी चाची ने बॉक्स से एक पेस्ट्री को लिया और मेरे लंड
और गोलियो पर मल दिया और अब दोनो हसीनाए उस पेस्ट्री की क्रीम को बड़े ही चाव से खाने लगी दोनो
मेरे लंड पर ऐसे टूट रही थी जैसे कुत्ता हड्डी पर टूट ता है मैं तो आज सातवे आसमान पर पहुच
गया था.
आज दीवानगी सारी हदें पार करने को बेताब थी आज जैसे रात फिर कभी जिंदगी मे दुबारा नही
आई अब दोनो मेरे सुपाडे पर अपनी जीभ को फेर रही थी तो उनकी जीबे आपस मे भी टकराने लगी थी
दोनो औरते बड़े ही प्यार से एक दूसरे को देख रही थी अब मेरी हालत खराब होने लगी थी मुझे लग
रहा था कि अब मैं उन प्यासी औरतो के आगे ज़्यादा देर नही ठहर पाउन्गा मेरी टाँगो का कंपन
बढ़ने लगा था तो मैने कहा आप और ज़ोर से चूसो तो मानो बुआ और चाची मे जैसे होड़ लग गयी और
दोनो बड़े ही जोश से बारी बारी से लंड को चूसने लगी मुझसे ऐसे लगा जैसे दोनो औरते एक दूसरे को
दिखाना चाहती हो कि कॉन ज़्यादा अच्छा लंड चूस्ति है मेरा पारा अब गरम हो चुका था मेरे बदन
मे कंपकंपी होनी चालू हो गयी थी तो मैने अपने लंड को चाची के मुँह से बाहर निकाला और उसको
हिलाते हुए दोनो के मुँह पर अपनी वीर्य की बोछार करनी शुरू कर दी आज एक बात थी वीर्य भी आज
बहुत ज़्यादा निकला था वीर्य की पिचकारी कभी बुआ के मुँह पर पड़ती तो कभी चाची के मुँह पर पड़ती
मेरा झटके ख़ाता हुआ लंड बारी बारी से उनके चेहरो को भिगोता चला गया और फिर मैं चटाई पर
पसर गया बुआ ने अपने चेहरे पर लगे सारे वीर्य को चाट लिया और चाची ने उसको मेरी बनियान से
सॉफ कर दिया
एक दूसरे के अगल बगल लेते हुए हम लोग हाँफ रहे थे मैं उन दोनो के बीच मे लेटा हुआ था बुआ
बोली आज तो बड़ा ही मज़ा आया तो चाची बोली हाँ बाई सा आज तो बहुत ही मज़ा आया है तो मैने कहा कि
अभी मज़ा तो बाकी ही है मज़ा तो जब आएगा जब तुम्हारी चूत और गान्ड मे लंड डालूँगा तो बुआ बोली कि
हाँ वो तो है मैने कहा बुआ आप चाची को किस करो ना तो वो बोली कि मैं कैसे तो मैने कहा बुआ चूत
लंड का खेल तो खेलती ही हो आज चूत चूत का भी तो मज़ा लो असल मे मैं उनके बीच लेस्बियन सेक्स
करवाना चाहता था ताकि वो दोनो एक दूसरे से और भी अच्छी तरह खुल जाए मैने बुआ के हाथ को
चाची के बोबो पर रखा और चाची के हाथ को बुआ की चूत पर रखा और कहा अरे आप लोग भी थोड़ा
एंजाय करो तो बुआ चाची के बोबो को दबाने लगी और फिर चाची ने भी अपने हाथ से बुआ की गदराई
हुवी चूत को मसल दिया बुआ ने चाची के बोबे पर अपना मुँह लगा दिया तो चाची ने भी उनकी चूत
मे अपनी उंगली को सरका दिया आज टक्कर होनी थी दो हुस्न और जवानी से लबरेज ऐसी औरतो के बीच जो इतनी
सेक्सी थी कि किसी मुर्दे मे भी प्राण फूँक दे अब वो दोनो अपनी शरम को पीछे छोड़ चुकी थी अब उन्हे
कोई फरक नही पड़ने वाला था मेरी मोजूदगी का वो तो बस एक दूसरे मे खो जाने को तैयार हो गयी थी