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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#31
चाची ने एक ठंडी आह भरी और कहा कि ठीक है वो सोचेंगी और बाद मे मुझे बता देंगी फिर उन्होने कहा कि चल खाना खाते है फिर मिता का फोन आ गया तो उसने बताया कि आज वो शाम को माता के मंदिर मे आरती मे जाएगी तो अगर हो सके तो मैं आ जाउ मैने कहा कि ठीक है मैं आ जाउन्गा ज़्यादा कुछ करने को था नही तो मैं और अनिता भाभी गप्प्पे लड़ाने लगे चाची भी हमारी बातों मे शामिल हो गयी फिर मैं थोड़ी देर के लिए सो गया शाम को मैं उठा जल्दी से नाहया धोया और साढ़े 6 बजे मैं मिता के गाँव की तरफ निकल पड़ा काफ़ी दिनो बाद आज उधर का रास्ता पकड़ा था जब मैं पहुचा तो देखा कि मंदिर अब और भी बड़ा हो गया था और बहुत ही सुंदर भी सबसे पहले मैने माता के दर्शन किए आरती होने मे थोड़ी देर थी फिर मैने देखा कि हाथो मे पूजा की थाली लिए मेरी दिलरुबा चली आ रही है कुछ तो बात थी उस साँवली सलोनी मे जो पहली ही नज़र मे मेरा दिल चुरा ले गयी थी बड़ी ही नज़ाकत से उसने मुझे देखा और मेरा अभिवादन किया फिर हम आरती मे खड़े हो गये ये पल भी बड़े ही अलग से थे बस हमारी धड़कने ही एक दूसरे को सुन पा रही थी

आरती के बाद वो मेरे पास आई और बोली कैसे हो तुम तो मैने कहा कि अपनी जान के बिना अधूरा हू ना जाने कब मेरी जान मुझे मिलेगी और कब मैं पूरा हो पाउन्गा वो हँसने लगी अब उसका गाँव था तो खुल के बात भी नही कर सकते थे बस ये एक छोटी सी मुलाकात थी कुछ देर रुकने के बाद वो अपनी राह चली गयी और मैं वही मंदिर मे बैठ गया मुझे बहुत ही सुंकून मिलता था मंदिरो मे एक अलग सी शांति मिलती थी मुझे टाइम 8 होने ही वाला था तो मैं भी अपनी राह उड़ चला घर पहुचा खाना वाना खाया और अपने कमरे मे आ कर लेट गया कोई 9 बजे मिता का फोन आया उसने बताया कि आज मंदिर मे तुमसे मिल कर बड़ा ही अच्छा लगा तो मैने कहा कि तू किसी दिन मेरे घर भी आ जाना तो वो बोली कि ससुराल तो वो फेरे लेने के बाद ही आएगी और हँसने लगी मुझे भी हँसी आ गयी


मैने उस से बोला कि यार तुझे क्या लगता है तेरे घर वाले मान जाएँगे क्या तो वो बोली कि उसके पिताजी पे डिपेंड करता है उसमे इतनी हिम्मत नही है कि वो अपने पिता से डाइरेक्ट्ली मेरे बारे मे बता सके तो मैने कहा देख एक ना एक दिन तो हमे ये सब फेस करना ही पड़ेगा तो वो कहने लगी कि उसे बड़ा डर लगता है प्रेम कहानिया सुन ने मे तो ठीक लगती है पर असली ज़िंदगी मे बड़ी ही मुश्किल राह है ये तो मैने कहा अगर तू मेरे साथ खड़ी रही तो मैं जमाने से भी तुझे जीत लाउन्गा मिथ्लेश मेरी थी और मेरी ही रहेगी मिता गहरी सांस लेते हुए बोली मेरा तो बस ये ही सपना है की दुल्हन बनूँगी तो तुम्हारी वरना फिर मर ही जाउन्गि तो मैने कहा ऐसा क्यो सोचती है भगवान हमारे साथ है फिर क्यो घबराना देख मेरी फॅमिली तो ऑलमोस्ट तैयार है ही अभी थोड़ा तू भी देख ले तू सब से पहले अपनी मम्मी से बात कर फिर देखते है आगे क्या होता है तो वो बोली कि मुझे डर लगता है धीरे धीरे रात गुजरने लगी हम दोनो अपनी बाते करते रहे पर उसका कहना भी उचित ही था प्यार करना और प्यार पाना दो अलग अलग बाते थी फिर समाज की बंधिशे भी थी मैं एक आम आदमी का बेटा और वो ठहरी ठाकूरो की कन्या ना जाने क्यो मुझे आज पहली बार एक डर सा लगा कि अगर उसके घरवाले ना माने तो ???????????????????????????????????

ये प्रेम का धागा भी बड़ा ही मजबूत होता है एक बार जुड़ जाए तो फिर उलझ ही सकता है पर आसानी से
टूट नही सकता गुस्ताख़ी तो कर ली थी मोहब्बत करने की अब ना जाने अंजाम क्या होगा सोचते सोचते मैं
कमरे से बाहर आया और छत की मुदेर पर बैठ कर उस चाँद के सुने पन को निहारने लगा रात आज
बिल्कुल खामोश थी हवा भी नही चल रही थी पर मेरे इस दिल मे एक तूफान ज़रूर चल रहा था
मोहब्बत करना एक अलग बात थी और उसको अंजाम तक ले जाना अलग बात थी मेरे सामने
एक बेहद मुश्किल चुनोती खड़ी थी कि कैसे मिथ्लेश को अपनी दुल्हन बना पाउन्गा पर वो मोहब्बत
ही क्या हो इतनी आसानी अपने अंजाम तक पहुच जाए एक डर सा लगने लगा था मुझे कि अगर मिता मेरी
ना हो पाई तो मैं क्या करूगा मैं कैसे जी पाउन्गा उसके बिना रात के सन्नाटे को मेरे दिल की
धड़कने चीरे जा रही थी मैं सोचने लगा कि एक बार ट्रैनिंग ख़तम हो जाए फिर पोस्टिंग के बाद
ही चर्चा करूगा मिथ्लेश के घरवालो के साथ .


अब मैं कोई फिल्मी हीरो तो था नही जो जमाने से लड़
जाउ उसके लिए सच्चाई फिल्मी दुनिया से बहुत अलग होती है परिवार की इज़्ज़त की तरफ भी देखना था तो कोई
ग़लत कदम भी नही उठा सकते थे और वैसे भी मिता ऐसी लड़की थी ही नही जो भाग कर ब्याह रचा लेगी
मैने एक गहरी सांस ली और अपने आप को तकदीर के हवाले छोड़ दिया पर मैं एक बात भूल गया था कि
मैं तो उन लोगो मे से था जो अपनी तकदीर को खुद ही लिखा करते है फिर वैसे भी मेरी आत्मा तो सेक्स के
दलदल मे धँस चूँकि थी मैं तो दोहरी जिंदगी ही जी रहा था मेरे कुछ राज़ थे जो बस मैं अपने
अंदर ही समेटे पड़ा था मैं आज बहुत गहराई मे उतर गया था मेरे और मिथ्लेश के बीच मे एक
बहुत गहरी खाई थी हमारी ग्रहस्ति के बीच मे कई रोड़े आने वाले थे मैं एक बार चाहता था कि
वो अपने घर वालो से हमारे रिश्ते का जिकर तो कर्दे ताकि उनका जो भी रिक्षन हो पता तो चले पर
मिता तो खुद ही घबराई हुई थी और वैसे भी किसी भी लड़की के लिए ये सब इतना आसान थोड़ी ही ना होता
है मुझे उदासी ने घेर लिया था मैने दुबारा से मिता को फोन मिलाया शायद वो भी जाग ही रही थी
पहली रिंग मे ही फोन पिक हो गया मैने कहा क्या हुआ सोई नही तुम अभी तक उसकी आवाज़ से ही पता
लग गया था कि वो भी परेशान थी मैने कहा मिता कभी ना कभी तो हमे ये सब फेस करना ही
पड़ेगा ना तो वो बोली पर मैं अभी तैयार नही हू हम इंतज़ार करते है तुम्हारी ट्रैनिंग ख़तम होने
तक ,


जब तक मेरी इंटेरन्शिप भी पूरी हो जाएगी और क्या पता मुझे भी कोई जॉब मिल जाए तो मैं भी
इनडिपेंडेंट हो जाउन्गि फिर हम अपनी शादी की बात घरवालो के सामने रखेंगे तो मैने कहा देख ले
तो वो बोली मैने सोच लिया है मैने बस इतना ही कहा कि मेरा इंतज़ार करना तू वो बोली कमिने मैं और
कही भाग के जा रही हू क्या .

मुझे ये तो पता था कि चाहे कुछ भी हो जाए मिता मेरे साथ ही खड़ी रहेगी तो फिर टेंशन किस बात की
जो भी होगा देख लेंगे अपन डरते है क्या किसी से पर अब नींद नही आ रही थी तो मैने अपनी अलमारी
खोली और रंगो को बाहर निकाल लिया और अपने दिमाग़ के ख़यालो को एक चेहरे का रूप देने लगा
थोड़ा टाइम लगा पर मैने अपनी दिलरुबा की एक बेहद शानदार पैंटिंग बनाई आज से पहले मेरी
कला इतना उभर कर कभी नही निखरी थी पर आज तो मैने एक बेहद सुंदर रचना कर दी थी पर दिल मे एक टीस अब भी मोजूद थी

लेट सोया तो लेट ही उठा चाची नहा धोकर तैयार थी मैं भी बाथरूम मे घुस गया नाश्ते के बाद हम दोनो उनके रूम मे ही थे तो मैने उनकी चूची पे हाथ रखा और उसको ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा तो चाची बोली तुझे आज बड़ी मस्ती सूझ रही है तो मैने कहा कि अब जब आपके जैसा गर्म माल साथ हो तो मस्ती तो आएगी ही ना और कस्के उनकी चूची को दबा दिया मैं धीरे धीरे उनके ब्लाउस के हुको को खोलने लगा और कुछ ही पलो मे उसको उतार दिया चाची ब्लू कलर की जालीदार ब्रा मे बहुत ही कामुक लग रही थी तो मैने अपना मुँह ब्रा के उपर से ही बोबो पर लगा दिया और उनको सुघने लगा बेहद ही जबरदस्त खुसभू मेरी नाक मे उतरती चली गयी फिर मैं अपना हाथ उनकी पीठ पर ले गया और उनकी ब्रा को भी उतार कर फेक दिया

और उनकी 36 इंची चूचियो को मसल्ने लगा चाची बोली आह थोड़ा आराम से करना ऐसे मत दबा पर मैने उनकी बात पे कोई ध्यान दिया ही नही और उनके बोबो को बारी बारी से चूसने लगा और अपने दूसरे हाथ को उनकी साड़ी मे घुसा दिया और कच्छि के उपर से ही उनकी चूत को मसल्ने लगा चाची भी अपना हाथ मेरी पीठ पर फिराने लगी थोड़ी देर तक उनकी चूचियो को चूसने के बाद मैं हटा और उनकी साड़ी और पेटी कोट को हटा दिया वो बस अब ब्लू पेंटी मे ही बेड पर पड़ी थी तो मैने कहा आप ऐसे ही रहना मैं अभी आया और मैं भागते हुए नीचे गया और फ्रिज से वो रसगुल्ले वाला डब्बा उठा लाया चाची बोली ये किसलिए लाए हो तुमको रसगुल्ले खाने है क्या तो मैने कहा खाने तो है पर ऐसे नही तो वो बोली

फिर कैसे तो मैने कहा आप बस देखो और रसगुल्ले की चासनी उनके चेहरे पे निचोड़ने लगा उनके गालो होंठो पर हर जगह और फिर एक रसगुले को उनके मुँह मे दिया और उसको खाने लगा साथ ही साथ मैं उनके चासनी से सने हुए होंठो को भी चाटने लगा चाची तो एक दम मस्त हो गयी थी धीरे धीरे मैने उनके पूरे चेहरे की चासनी को सॉफ कर दिया फिर मैने उनकी कच्छि को उतारा और उनकी चूत के छेद को थोड़ा खोला और उसको भी चासनी से पूरा भर दिया जब तक मैं रस टपकाता रहा जब तक कि उनके छेद से रस खुद ब खुद बाहर ना रिसने लगा फिर मैने एक उगली चूत के अंदर घुसेड दी और थोड़ी देर तक घुमाने के बाद बाहर निकाली और चाची के मुँह मे डाल दी चाची उस उगली को बड़े ही प्यार से चूसने लगी

तो मैने कहा कि चाची आपकी चूत का टेस्ट कैसा लगा तो वो बोली चुप कर बदमाश तो मैने अपने मुँह मे उनकी छोटी सी प्यारी चूत को भर लिया और चाटने लगा मैं अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगा तो चाची अब होने लगी मस्त वो बेड की चादर को अपने हाथो से उमेठने लगी तो मैने उनकी चूत को थोड़ा सा फैलाया और बड़े ही मज़े से वहाँ पर लगी हुई चासनी को चाट ने लगा चाची पूरी मस्ती से आहे भरने लगी थी मुझे उनकी आहे सुन कर बड़ा अच्छा लग रहा था बबिता चाची के होंठो से निकलती हर एक मादक सीत्कार मेरे जिस्म मे जैसे चिंगारी सी भरने लगी थी मैं जब तक उनकी चूत को चाट ता रहा जब तक कि पूरी चासनी ख़तम ना हो गयी चासनी मे चूत का रस मिक्स होने से उसका टेस्ट भी थोड़ा मीठा थोड़ा खारा सा हो गया था

तो मैने सोचा कि चाची कही ऐसे ही झाड़ ना जाए तो मैं खड़ा हुआ और चाची की आँखो मे देखने लगा मेरा लड तो पैंट मे क़ैद था तो मैने अपनी पॅंट को नीचे कर दिया और लड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से उसको सहलाने लगा तो बेड पर पड़ी चाची ने कहा कि इसको ऐसे ही हिलाएगा या कुछ आगे भी करेगा तो मैने कहा कि मैं तो जाने कब से तैयार हू चाची पर आप ही नही मानती तो वो बोली अभी तो मान गयी हू ना चल तू भी आज अपने मन की कसर पूरी कर ले जब मैने उनके ये शब्द सुने तो मुझे विश्वास ही नही हुआ तो मैने कहा क्या चाची तुम सच कह रही तो तो उन्होने कुछ नही कहा बल्कि मुझे अपनी ओर खिचा और मेरे लड के सुपाडे को अपनी चूत पर रगड़ने लगी उनकी चूत से उठती हुई भाप से जैसे मेरे सुपाडे की खाल झुलस सी गयी थी तो मैने भी बिना कोई देर करते हुए उनकी मोटी मोटी टाँगो को अपने मजबूत कंधो पर रखा और अपने लड को चूत पे टिका दिया

आज मैं अपने सपनो की रानी को चोदने से बस एक कदम ही दूर था तो मैने एक ज़ोर का झटका लगाया और आधे लड को चूत के अंदर डाल दिया तो चाची थोड़ी कराहते हुए बोली आहह
थोड़ा आराम से डाल ना फाड़ेगा क्या तो मैने कहा कि अब कंट्रोल नही होता चाची और एक धक्का और लगाते हुए अपनी गोलियो को उनके चुतडो से सटा दिया चाची बोली आराम से करना दर्द हो गया है तो मैने कहा अब कहाँ दर्द होगा तुमको चाची तुम भी ना कितना झूट बोलती हो तो वो बोली कमिने सच मे दर्द हो रहा है थोड़ा आराम से कर एक तो तेरा लड इतना मोटा है मेरी तो पूरी चूत ही खिच गयी है


तो मैं आराम आराम से अपने लड को अंदर बाहर करने लगा पर एक बार जब चुदाई शुरू हो जाए तो फिर स्पीड कहाँ काबू मे रहती है गुज़रते हुए लम्हो के साथ साथ उनकी सिसकारियो की आवाज़ और मेरे लड की स्पीड अपने आप बढ़ ती ही गयी कोई दस मिनट तक मैं उनको धीरे धीरे चोदता रहा फिर मैने उनकी टाँगो को अपने कंधो से उतारा और उनके उपर आते हुए उनकी चूत मे लड को डाल दिया और अपने होंठो को उनके शहद से भी मीठे होंठो पर रख दिया और लगा उनकी चुदाई करने उनके होंठ इतने क्रीमी थे कि लग रहा था कि जैसे मक्खन पिघल रहा हो हमारे होंठ एक दूसरे मे घुलने लगे थे लड किसी मशीन के पिस्टन की तरह बड़ी ही तेज़ी से चूत के अंदर बाहर हुए जा रहा था चाची के चूतड़ भी अब उपर उठने लगे थे

तो अब चाची ने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर कस दिया और मेरी पीठ को सहलाती हुई मेरा जोश बढ़ाने लगी 20-25 मिनट से लगातार उनकी चुदाई चल रही थी पर चाची भी पूरे रंग मे थी और झड ही नही रही थी पर हर एक धक्के के साथ उनकी चूत मे कंपन बढ़ता ही जा रहा था खास बात ये थी कि हमारा किस नही टूट रहा था सांस तो जैसे जुड़ ही गयी थी मैं लगातार उनके होंठो का रस निचोड़े जा रहा था बहुत ही मज़ा दे रही थी चाची मुझे अब मेरा शरीर मुझे संकेत देने लगा था कि मैं अब जाने ही वाला हू तो मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी जैसे ही मेरे धक्को ने और रफ़्तार पकड़ी तो चाची मुझ से किसी बंदरिया की तरह चिपक गयी और अपने चुतड़ों को बिल्कुल टाइट कर लिया चाची की चूत से एक गरम धारा निकली और मेरे लड को नहलाने लगी मैने कुछ शॉट और मारे और फिर मैने भी अपना पानी उनके अंदर ही छोड़ दिया और उनके उपर ही पसर गया .

कमरे मे कूलर चल रहा था फिर भी मेरा शरीर पसीने से पूरी तरह लड़ गया था मैने चाची को चूमा और कहा कि चाची थॅंक यू आपने मुझे आज जो दिया है उसका कोई मोल नही है आज आपने मेरी बरसो की मुराद पूरी करदी तो वो कहने लगी कि इसमे उनकी भी गरज है वो बस प्रेग्नेंट होना चाहती है इस लिए ही उन्होने मेरे साथ सेक्स किया है मैने कहा चाची आप भी ना अब मैं क्या कहता हर औरत की इच्छा तो होती ही है माँ बन ने की मैं मन ही मन सोच रहा था कि हे भगवान चाची को भी माँ बन ने का सुख प्रदान कर दो

थोड़ी देर बाद चाची खड़ी हुई और बोली देख तूने क्या किया है मेरा पूरी बॉडी चिपचिपी हो गयी है और बेड की चादर भी चासनी से खराब हो गयी है तो मैने कहा कि मेरे शरीर पर भी तो चासनी लगी है तो मैने चाची को अपनी बाहों मे उठाया और बाथरूम मे लेकर आ गया और शवर ऑन कर दिया उपर से गिरता पानी हमारे बदन को भिगोने लगा कुछ देर गीले होने के बाद मैने साबुन लिया और चाची की मुलायम चूचियो पर लगानी शुरू किया फिर उनके पेट जाँघो चूत और कुल्हो पर खूब साबुन लगाया मैं चाची के पीछे खड़ा हो कर उनके चिकने शरीर को दबा रहा था तो मेरा लड उनके कुल्हो का स्पर्श पाकर एक बार फिर खड़ा हो चुका था

तो मैने अपने लड पर भी साबुन लगाया और उसको झाग से ढक दिया मैने चाची को पंजो के बल झुकाया और उनके मोटे मोटे चुतडो को थोड़ा सा फैलाया और अपने लड को उनकी लंबी सुरंग के मुँह पर लगा दिया मेरे हाथ चाची की जाँघो पर थे तो चाची ने अपने चुतडो को पीछे करके मुझे सिग्नल दिया और मैने अपने लड को चूत मे क़ैद कर दिया और एक बार फिर हमारी चुदाई शुरू हो गयी थी चाची के सांसो का वजन बढ़ने लगा वो बोली तू तो बढ़िया काम करता है तो मैं बोला आपको मेरा काम पसंद आया तो वो बस मुस्कुरा दी

कुछ देर चोदने के बाद चाची ने मुझे हटने को कहा और अपनी चूत को पानी से धोने लगी तो मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली की साबुन की वजह से अंदर थोड़ी जलन सी हो रही थी चूत को पानी से धोने के बाद मैने भी लड को सॉफ किया और दुबारा से उनको चोदने लगा 10-15 मिनट तक चाची वैसे ही झूँकि रही फिर वो हटी और मुझे फर्श पर बैठने को कहा और खुद मेरी गोद मे आकर बैठ गयी और अपनी कमर को उचकाने लगी मैने अपने हाथ उनके चुतडो पर लगा दिए और उनके नरम माँस को दबाने लगा चाची की उछलती हुई चूचिया मुझे बड़ी ही प्यारी लग रही थी मैं उनकी ओर देखे ही जा रहा था तो चाची ने अपने हाथो से एक चूची को मेरे मुँह से लगा दिया जिसे मैने अपने मुँह मे भर लिया अब निप्पल्स औरत के सेन्सिटिव पार्ट्स होते है तो चाची और भी उत्तेजित हो गई और पूरी ताक़त से मेरे लड पर उछल कूद मचाने लगी मैं बारी बारी से दोनो चूचियो को पिए जा रहा था और वो मेरे लड पे अपनी गान्ड का ज़ोर दिखा रही थी मैं तो मस्ती के आलम मे डूब गया था जब मुझसे रहा नही गया

तो मैने उनको फर्श पर ही लिटा दिया और उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए चाची के अंदर समा गया उन्होने अपनी टाँगो को मेरी कमर के गिर्द लपेट दिया और नीचे से झटके मारने लगी चाची बोली आज तो वो मर ही जाएँगी चाची अपने दांतो से मेरे होंठो को काटने लगी उन्होने इतनी ज़ोर से काटा की मेरी चीख निकल गयी वो मेरे होंठो गालो और कान पे काटने लगी मैने कहा मेरी जंगली बिल्ली थोड़ा कंट्रोल रख खुद पर मेरा चेहरा बिगाड़ो गी क्या मेरा लड तो इसलिए पूरे जोश मे था कि वो चाची की चूत का साथी बना था आज खुशी से मेरा दिल गोते खा रहा था पर आज तो चाची ने सारे बंधन तोड़ने की कसम ही खा ली थी वैसे तो हम बाथरूम मे चुदाई कर रहे थे पानी की ठंडक थी फिर भी हमारी चुदाई से वहाँ पर भी गर्मी हो गयी थी तो मैने शवर को दुबारा से चला दिया और उसके नीचे फिर चुदाई करने लगे मैने कहा चाची बहुत ही मज़ा आ रहा है उनकी चूत बेहद ही टाइट थी तो लड पे एक कसाव था जो चुदाई के मज़े को बेहद बढ़ा रहा था

चाची नीचे से पूरा ज़ोर लगा रही थी इस बार हमे काफ़ी टाइम हो गया था मेरी पीठ दुखने लगी थी इतनी लंबी चुदाई आज से पहले मैने कभी नही की थी मेरे पूरे जिस्म का खून एक जगह इकट्ठा होने लगा मीरी पूरी ताक़त मेरी गोलियो मे समाने लगी मैं फारिग होने के बेहद करीब हो गया था और फिर मेरी टांगे कांप गयी और मेरा साथ छोड़ गयी मेरे लड का गाढ़ा सफेद पानी चाची की चूत को भिगोने लगा जैसे ही मेरा काम हुआ चाची का भी काम तमाम हो गया उनकी चूत ने वीर्य की एक एक बूँद को अपने अंदर समेट लिया

काफ़ी लंबी चली थी ये चुदाई मेरी तो हालत पस्त हो गयी थी कुछ ऐसा ही हाल
चाचिका था कई देर हम बाथरूम मे ही पड़े रहे फिर चाची ने कहा कि तुम नहा कर बाहर जाओ उन्हे थोड़ा टाइम लगेगा क्यों कि बेड की चादर भी धोनी है तो मैं नहा कर बाहर चला गया आधे घंटे बाद चाची भी तैयार होकर आ गयी तो मैने कहा कि मुझे बहुत तेज़ भूख लगी है कुछ बना दो तो वो बोली कि वो भी थक गयी है पूरा बदन टूट के जैसे बिखर रहा है वो अभी रसोई मे नही जा पाएँगी तो मैने कहा कोई बात नही आप आराम करो मैं बाहर से कुछ खाने का ले आता हू तो मैं गाँव के अड्डे से कुछ समोसे और कचोरिया ले आया फिर हम साथ साथ खाने लगे 4 बज गये थे तो मैं सो भी नही सकता था पर चाची को चोद कर दिल मे एक खुशी छा गयी थी

इधर मेरी छुट्टियो का अंत होने ही वाला था और मैं गीता से मिलने नही जा पाया था जब से बुआ की चूत मिली थी मैं गीता को जैसे भूल ही गया था फिर एक तो मम्मी घर नही थी और ताइजी की तबीयत ठीक ना होने के कारण मैं थोड़ा सा परेशान भी था शाम हो चूँकि थी गरम हवा अभी भी चल रही थी तो मैं पैदल ही मंदिर की तरफ चल पड़ा बस अब वो ही तो एक जगह थी जहा थोड़ा मान हल्का हो जाता था मैने अपने कपड़े उतार कर तलब किनारे की सीढ़ियो पर रखे और तालाब के शांत पानी मे उतर गया और तैरने लगा सारी थकान एक पल मे ही उतर गयी थी थोड़ी देर तक मैं पानी मे ही पड़ा रहा फिर मैं बाहर आया मोबाइल देखा तो उसमे रीना की मिस कॉल थी तो मैने उसको फोन किया तो उसने कहा की कल उसके घर मे एक छोटी सी पार्टी है

सभी बॅच मेट्स को बुलाया है तो मैं भी टाइम से पहुच जाउ मैने कहा ठीक है जब मैं वापिस घर आ रहा था तो रास्ते मे शीला भाभी मिल गयी वो अपनी दुकान से सब्ज़ी ले कर आ रही थी तो उसने कहा आज कल तो आप आते ही नही हो क्या बात है तो मैने कहा भाभी चारो तरफ काम बिखरा पड़ा है नाना जी की डेथ हो गयी और ताइजी भी हॉस्पिटल मे है तो एक पाँव इधर रहता है और एक पाँव उधर आप ही बताओ मैं क्या करू वो बोली की देख लेना अगर थोड़ी फ़ुर्सत हो तो आ जाना वैसे भी आप चले जाओगे तो बहुत याद आती है एक बार मिल लेते तो ठीक रहता मैने कहा भाभी मैं ज़रूर आउन्गा अब साली चूते तो इतनी थी चारो तरफ पर टाइम नही था घर पहुचा तो डिन्नर रेडी था तो सबने साथ साथ ही खाया फिर मैं उपर चला गया

चाचा चाची अपने कमरे मे घुसे पड़े थे मैं चौबारे की छत पे चटाई बिछाए पड़ा था और रेडियो पे गाने सुन रहा था कि बुआ ने आवाज़ लगाई मैं उतर के गया तो वो बोली आज कुछ नही करना है क्या तो मैने कहा बुआ जी आज थोड़ा मन नही लग रहा है तो मूड नही है उन्होने कहा कोई बात नही तो मैने कहा बुआ क्या मैं आपके पास सो जाउ वो बोली हाँ क्यो नही तो मैं उनकी गोद मे सर रख कर सो गया सुबह के कोई 3 बजे मैं एक सुंदर सपने मे खोया हुआ था मैं और निशा एक दूसरे के साथ मस्ती कर रहे थे बेहद अच्छा सपना था मैं उस से पूछ रहा था कि तुम्हारा पता क्या है वो मुझे बताने ही वाली थी कि तभी मेरी आँखे खुल गयी मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया मैने देखा तो याद आया कि मैं बुआ के पास ही सोया पड़ा था

बुआ साइड मे लेटी हुई गहरी नींद मे थी उनकी उपर नीचे होती छातियाँ बड़ी ही प्यारी लग रही थी दीन-दुनियाँ से बेख़बर वो अपने सपनो की दुनियाँ मे खोई पड़ी थी मैं उठा और बाहर आया पानी की बॉटल ली और थोड़ा पानी पिया फिर मैने बुआ को जगाया और कहा कि बुआ चलो कुछ करते है तो वो अलसाए अंदाज मे बोली कि अभी इसी टाइम तू दिन मे कर लेना अभी मुझे सोने दे तो मैने कहा नही बुआ बस एक बार करने दो ना फिर सो जाना तो उन्होने कहा ठीक है मैं अभी आती हू और बाहर चली गयी मैने अपने कपड़े उतार दिए और खाली अडरवेर मे ही लेट गया कोई दस मिनट बाद बुआ आ गयी और मेरे सीने पर चढ़ बैठी और अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका कर चूसने लगी मैं उनकी पीठ को सहलाने लगा बुआ बड़ी ही बेसब्री से मुझे चूम रही थी

तो मैने अपने हाथो से उनकी मॅक्सी को कमर तक हटा दिया तो पता चला कि अंदर से वो नंगी थी मैने एक झटके मे ही मॅक्सी को उतार कर फेक दिया और उनके भरे हुए गौरे तन को देखने लगा उनकी चूचिया ऐसे चमक रही थी जैसे कि किसी कार की हेडलाइट्स तो बुआ ने मेरे कच्छे को उतार दिया और मेरे इठलाते हुए लड को अपने होंठो से लगा लिया तो मैने कहा मेरी जान एक मिनट रूको वो बोली क्या हुआ तो मैने उन्हे 69 मे आने को कहा बुआ हंसते हुए बोली बदमाश पूरा ठरकी है तू तो अगले ही पर बेड पे हम दोनो के सर एक दूसरे की टाँगो मे घुसे हुए पड़े थे मैने उनकी चूत की फांको को थोड़ा सा फैलाया और उसपर एक लंबी चम्मी ली तो बुआ ने अपने दाँत मेरे लड पर गढ़ा दिए मैं कसमसा कर रह गया बुआ जैसी गान्डस औरत की लेना हर बार नया सा ही लगता था


सबसे ज़्यादा खास बात तो उनकी चूत थी बेहद रस से भरी और कसी हुई थी वो हम दोनो एक दूसरे से होड़ करते हुए एक दूसरे के गुप्त अंगो को चाटे चूमे जा रहे थे मेरा पूरा लड उन्होने अपने गले मे अंदर तक उतार लिया था तो मैने भी अपनी पूरी जीभ उनकी नमकीन चूत मे घुसा दी थी मैं अपने हाथो से उनके मोटे मोटे कुल्हो को दबाते हुए उनकी रस से भरी चूत को चाटे जा रहा था बुआ हौले हौले मस्ती से भरी हुई आहे निकालते हुए अपनी चूत का रस मुझे पिलाए जा रही थी अब मेरी जीभ बहुत ही तेज़ी से चूत की दरार पे रगड़ खाने लगी थी दूसरी ओर वो भी मेरे सुपाडे पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाए जा रही थी 15-20 मिनट से हम दोनो एक दूसरे के अंगो का मज़ा लिए जा रहे थे तो एका एक मेरे लड से वीर्य की एक मोटी सी धार निकली और बुआ के गले से जा टकराई

मेरा लड उनके मुँह मे झटके खाने लगा और हर झटके के साथ मेरा पानी उनके मुँह मे गिरने लगा मैं पूरी तरह झाड़ चुका था पर फिर भी बुआ मेरे लड को चूसे ही जा रही थी इधर उनके मटकते चूतड़ बता रहे थे कि वो भी अब जाने ही वाली है तो मैं उनके दाने को और भी ज़ोर से चूसने लगा और दो चार मिनट बाद बुआ का चिप चिपा रस भी मेरे मुँह और थोड्डी पे बिखरा पड़ा था तो मैं उसे अलग हो गया बुआ ने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे मुँह पर लगे हुए अपनी चूत के रस को अपनी गरम जीभ से चाट ने लगी

फिर बुआ बोली तुझे मेरा पानी अच्छा लगता है तो मैने कहा कि हाँ मूज़े बड़ा ही मज़ा आता है आपकी प्यारी चूत चाटने मे बुआ शरमा गयी तो बुआ बोली की चल अभी थोड़ी देर मैं सो जाो फिर 6 बजे उठना भी है तो मैने कहा जैसे आपकी इच्छा मैं उनके कमरे से निकला और हॉल मे आ गया अभी सवेरा होने मे थोड़ा टाइम था तो मैने कूलर चलाया और सोफे पर सो गया कोई 9 बजे मेरी आँख खुली मैं उठा तो बुआ ने मुझे चाइ दी वो आज हॉस्पिटल नही गयी थी मैं चाइ पी ही रहा था कि तभी रीना का फोन आ गया उसने कहा कि दोपहर तक आ जाना याद से तो मैने चाची से कहा कि मुझे कही बाहर जाना है मेरा ब्लेज़र और जीन्स बाहर निकाल कर रख दो मैं नहाने जा रहा हू ठीक दस बजे मैं एक दम रेडी हो गया था मैने बाइक स्टार्ट की और शहर की तरफ चल पड़ा मुझे रीना के लिए गिफ्ट्स भी तो लेने थे शॉपिंग मे काफ़ी टाइम लग गया और मैं 11:30 पर उसके घर पहुचा उसने बड़ी ही गरम जोशी से मेरा स्वागत किया और अपने घरवालो से मिलवाया बड़ी खुशी हुई मुझे उसे मिलकर हमारा पूरा ग्रूप वहाँ पर था सभी काफ़ी दिनो बाद एक दूसरे से मिल रहे थे तो वातावरण मे एमोशन्स बह रहे थे

तो मैं मिता के पास गया आज तो मेरी परी बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी मैने उसको गले लगया तो लगा जैसे समय रुक सा गया हो हम सब अपने पुराने दिनो को याद करके उन पॅलो को दुबारा जीने की कोशिस कर रहे थे आज सब लोग अपनी अपनी फील्ड मे थे सब के कोर्सस बस कुछ ही दिनो मे पूरे होने वाले थे जब वो मज़े से अपने कॉलेजस के किस्से सुनाते तो मैं थोड़ा सा उदास हो गया अब अपनी ट्रेनिंग तो बस गान्ड घसाई थी और क्या था पर जब अपने दोस्त खुश तो अपन भी खुश और क्या चाहिए हम सब बाते कर ही रहे थे कि मिता ने एक अनाउसमेंट कर के सब को चौका दिया वो बोली कि उसका कोर्स पूरा होने के बाद वो आर्मी की मेडिकल कॉर्प मे जॉब के लिए अप्लाइ करेगी ये सुन कर सबसे ज़्यादा तो मैं हैरान हो गया रीना चुटकी लेते हुए बोली हाँ क्यो नही अब जहाँ भाई वहाँ पर भाभी तो रीना ने सभी दोस्तो को मेरे और मिथ्लेश के रीलेशन के बारे मे बता दिया सभी बेहद खुश हो गये सभी ने हमे मुबारकबाद दी पर मैने कहा कि मिता बस मज़ाक कर रही है वो आर्मी मे नही जॉब करेगी तो कुछ देर बाद मिता मुझे साइड मे ले गयी

और पूछा कि मैने ऐसा क्यो कहा तो मैने कहा कि यार तू सिविल मे ही जॉब करना ताकि तू घर भी संभाल पाए काफ़ी समझाया उसको फिर वो मानी फिर हम लंच करने लगे रीना ने बहुत ही अच्छा प्रोग्राम अरेंज किया था पूरा दिन हसी खुशी से बीत गया मैने कुछ तस्वीरे ले ली थी जो मेरे आगे के सफ़र मे मेरा सहारा बन ने वाली थी तभी अनिता भाभी का फोन आ गया कि मैं उन्हे हॉस्पिटल से पिक कर लू वो कल शाम से ही हॉस्पिटल मे थी तो मैने कहा कि ठीक है मैं आधे घंटे मे आता हू फिर मैने रीना से कहा कि अब मुझे जाना होगा पर वो बोली कि नही भाई डिन्नर कर के ही जाओगे तो मैने उसको सिचुयेशन बताई पर वो बोली की भाभी को इधर ही ले आओ हम भी साक्षी को देख लेंगे फिर घर निकल जाना मैं उसको मना नही कर पाया मैं हॉस्पिटल आया और भाभी को लिया और वापिस रीना के घर चल पड़ा भाभी ने पूछा कि हम कहाँ जा रहे है तो मैने कहा मेरे दोस्त के घर वो साक्षी और आपसे मिलना चाहते है फिर मैने उनको पूरी बात समझाई जब हम रीना के घर पहुचा तो बस कुछ लोग ही बचे थे मैने भाभी को रीना और मिता से मिलवाया ।
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 05-12-2020, 10:37 PM



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