05-12-2020, 10:07 PM
तो वो मुस्कुरा पड़ी मैने अपना मूह उनकी पेंटी पर लगा दिया और उसको सुघने लगा भाभी मचलने लगी वो भी गरम होने लगी मैं कच्छि के उपर से ही उनकी योनि को चूमने लगा भाभी अपनी टाँगो को इधर उधर हिलाने लगी उहोने अपने सूट और ब्रा को खुद ही उतार दिया था मैने भी अपने कपड़े उतार दिए भाभी ने बिना कुछ कहे ही सीधे मेरे लड को अपने मूह मे लिया और चूसने लगी वो मेरे सुपाडे को किस करने लगी भाभी के गुलाबी होंठो के स्पर्श से मेरा लड और भी ज़्यादा फुफ्कारने लगा जब जब उनकी जीभ मेरे लड पर फिरती मुझे तो बहुत ही आजा आता मैं भाभी को लड चूसा ही रहा था कि बाहर से किसी ने घंटी बजा दी भाभी ने जल्दी से अपने कपड़े पहने मैं उपर चला गया कुछ देर बाद मैं आक्टिंग करते हुए नीचे आया तो पता चला कि बुआ-फूफा आ गये है अब इन्हे भी इसी टाइम पर ही आना था खैर, तो मैने उनके पाँव छुए और बाते करने लगा भाभी चाइ- नाश्ता बना ने लगी कुछ देर इधर उधर की बाते होती रही फिर मैने कहा आप लोग बैठो मैं मम्मी को बुला लाता हू और बाइक निकल कर कुँए पर चल पड़ा जब मैं वहाँ पर पहुचा तो गीता मम्मी के पास ही बैठी थी मैने उसको नमस्ते किया तो उसने पूछा अरे तुम कब आए
तो मैने उसको बता दिया फिर मैने मम्मी को कहा कि जल्दी चलो बुआ आई है वो बोली मैं अभी आई मैने गीता से कहा कि मैं कल आया था पर तुम थी नही तो उसने बताया कि वो सहर गयी हुई थी मैने कहा मैं जल्दी ही आउन्गा वो खुश हो गयी फिर मैने मम्मी को लिया और वापिस घर आ गये फिर पूरा दिन ऐसे ही हसी मज़ाक मे निकल गया आज तो चूत मिलते मिलते रह गयी थी अगले दिन मैं नहा कर आया और अपने कमरे मे खुद को तौलिए से पोंछ ने लगा मैने दरवाजा बंद नही किया बल्कि हल्का सा ही अड़ा दिया था वैसे भी मेरे कमरे मे कोई आता तो था नही तो मैं अपनी शरीर पर तेल की मालिश करने लगा मैने सोचा लड को भी थोड़ा तेल पिला देता हू और उसपर थोड़ा तेल लगा के उसकी मालिश करने लगा अब लड तो ठहरा लड वो साला तन गया मैं ज़ोर से उसपर तेल का हाथ रगड़ने लगा तभी दरवाजा खुला और मैने देखा कि बुआ दरवाजे पर चाइ का कप लिए खड़ी थी और अंदर मैं बिल्कुल नंगा हाथ मे अपना खड़ा लड लिए सिचुयेशन बड़ी ही अकवर्ड हो गयी थी मुझे रिएक्ट करने का टाइम मिला ही नही बुआ मूडी और नीचे चली गयी कुछ देर बाद मैं भी नीचे आ गया अब बुआ मुझसे नज़रे चुरा रही थी और मैं नाश्ता कर ही रहा था कि
मिता का फोन आ गया वो बोली कि वो बस कुछ ही देर मे ट्रेन पकड़ रही है और कल सुबह 11 बजे तक आ जाएगी मैने कहा ठीक है अगले दिन फूफा भी जाने वाले थे तो मैने कहा कि बुआ तो कुछ दिन यही पर रह जाएगी तो वो बोले हम ये भी कई दिनो बाद मायके आई है कुछ दिन रह लेगी फिर मैं बाजार चला गया साक्षी के लिए कुछ नयी ड्रेस और ढेर सारे खिलोने खरीदे और शाम होते होते मैं वापिस आ गया दिन बस ऐसे ही गुजर रहे थे ज़्यादातर टाइम मैं बोर ही होता रहता था करने को भी कुछ ख़ास नही था एक हफ़्ता गुजर चुका था पर कुछ खास हुआ नही था अब मेरी प्यास बस गीता ही बुझा सकती थी पर उसके पास जाने का मौका ही नही मिल रहा था अगले दिन मैने फूफा को बस मे बिठाया और फिर स्टेशन की ओर बढ़ गया वहाँ जाकर पता चला कि बस ट्रेन आती ही होगी और कोई बीस मिनट बाद रेल आ गयी मिता ने फोन किया और बताया कि वो कहाँ खड़ी है मैं दौड़ता हुआ गया उसके पास .
आज साढ़े चार साल बाद मैं अपनी प्रेयसी को आमने सामने देखने जा रहा था थोड़ी सी फॅशनबल बन गयी थी, आँखो पर चश्मा चढ़ गया था और थोड़ा शरीर भी भर गया था मिता मुझे देख कर मुस्कुराइ मेरे तो जैसे दोनो जहाँ रुक गये थे उस पल मे तभी किसी ने पीछे से मुझे थपकाया मैने मुड़कर देखा तो रीना थी मैं बोला अरे तू भी आई है क्या तो वो बोली अब आपकी नज़र मिथिलेश से हटे तो औरो का भी ख़याल आए आपको मिता बोली तू चुप कर फिर हम बाहर आए और एक खाली पड़ी बेंच पर बैठ गये रीना बोली भाई आप तो एक दम बदल गये हो बिल्कु जेंटेल्मन लग रहे हो मैने कहा अब आर्मी मॅन हो गया हू तो बस थोड़ा सा फरक आ गया है और कुछ नही बहुत देर तक हम लोग अपनी पुरानी यादो को ताज़ा करते रहे फिर मैने कहा तुम लोगो को भूख लगी होगी चलो कुछ खाते है और हम रेस्टोरेंट मे आ गये एक बेहद लज़ीज़ लंच के बाद मिता बोली अब उनको चलने चाहिए फिर वो बोली वो फोन करके बता देगी मिलने के बारे मे फिर वो टेंपो स्टॅंड की तरफ बढ़ गयी और मैं भी चल पड़ा
मिता से मिलने के बाद मुझे एक अजीब सा अहसास हो रहा था शाम को सारा परिवार बैठा था बात चीत हो रही थी तो बुआ ने कहा कि अब हमे इसकी शादी के बारे मे कुछ सोचना चाहिए देखो ना इसके पाँव तो घर मे टिकते ही नही है बस पूरा दिन उड़ा उड़ा ही रहता है मम्मी को तो मौका मिल गया वो बोली मैं तो कब से कह रही हू कि हमे ये काम कर देना चाहिए तो मैने कहा और मैं भी कई बार बता चुका हू कि जब तक पोस्टिंग नही मिल जाती मैं शादी नही कर सकता हू तो वो बोली अरे तो सगाई करले शादी पोस्टिंग के बाद कर लेना मैने सोचा आज तो ये पूरे मूड मे है बकरे को काटने के लिए
तो मेरे मूह से निकल गया कि मैं अपनी मर्ज़ी से शादी करूगा
पापा ने मेरी तरफ देखा और कहा कि क्या कहा तूने अभी तो मैने कहा मैं अपनी मर्ज़ी की लड़की से शादी करूगा और इनफॅक्ट मैं किसी को को बेहद पसंद करता हू और उसी से ही ब्याह करूगा मम्मी ने अपनी चप्पल उतारी और मेरी तरफ फेंक कर मारी और पापा की तरफ देखते हुए बोली और आज़ादी दो इसको देख लिया ना मुझे तो पहले ही पता था कि ये एक दिन हमारी नाक ज़रूर कटवाएगा तो मैने कहा इसमे ग़लत क्या है मैं किसी से प्यार करता हू
और उसके साथ अपनी लाइफ गुज़ारना चाहता हू इसमे ग़लत क्या है तो मम्मी चीखते हुए बोली कि हाँ तू ही सही है हम तो कोई हैं ही नही गाँव है भाईचारा है समाज भी कुछ होता है ना हम दुनियाँ से क्या कहेंगे कि बेटे ने भागकर शादी कर ली तो मैने कहा अब इसमे भागने की बात कहाँ से आ गयी मम्मी बकने लगी कौन है वो कुलटा मेरे बेटे को फास लिया फलाना धिमकाना मुझे खीज होने लगी मैने कहा मैं तो उसी से शादी करूगा चाहे जो भी हो जाए तो पापा ने कहा आ मेरे साथ चल और हम घर से बाहर आ गये वो बोले देख बेटा मैं समझता हू ये उमर ही ऐसी है लड़के लड़किया इस उमर मे थोड़ा अलग सा बिहेवियर करते है बेटा ये प्यार मोहब्बत कुछ नही होता है फिर माँ बाप तेरे लिए कोई ग़लत लड़की थोड़ी ना चुनेंगे बेटा हमारे भी कुछ अरमान है और फिर क्या पता उस लड़की के माँ बाप इस रिश्ते के लिए तैयार होंगे भी या नही फिर समाज भी है तू ठंडे दिमाग़ से सोच फिर हम इस बारे मे बात करेंगे फिर हम अंदर चले गये फिर ज़्यादा कुछ नही हुआ रात को छत पर मैं और चाचा पड़े थे तो वो बोले अरे ये क्या पंगा खड़ा कर दिया तूने मुझे ठीक से बता तो मैने कहा कि चाचा मेरे साथ एक लड़की पढ़ा करती थी शुरू से ही हम एक दूसरे को पसंद करने लगे थे .
ना जाने कब हमे प्यार हो गया वो नर्स का कोर्स कर रही है उसी के लिए मैने एनडीए जाय्न करा है वरना आप तो जानते ही हो कि मैं और फ़ौज़ मे ये आसान थोड़ी ही ना था मेरे लिए पर उसके लिए मैं नौकरी लगा अब बताओ मेरी क्या ग़लती है वो बोले बेटा प्यार व्यार बड़े शहरों की बाते है गाँव का माहौल अलग होता है अब तू बच्चा तो रहा नही बराबर का हो गया है आगे तेरी मर्ज़ी ,
थोड़ी देर बाद हम सो गये अगले दिन जब मैं नहा ने जा रहा था तो बुआ बस नहा कर निकली ही थी उनका सूट आगे से थोड़ा सा गीला होकर उनकी मोटी मोटी चूचियो से चिपक गया था ब्रा ना पहनी होने के कारण उनके निपल्लस मुझे सॉफ दिखाई दे रहे थे मेरा लड तो पाजामे मे ही तन गया उन्होने भी मेरे पयज़ामे मे बने हुए उभार को देख लिया था फिर वो चली गयी मैं जल्दी से अंदर गया वहाँ मुझे बुआ की गीली ब्रा टकी हुई मिली मैं उसको सुघने लगा एक बहुत ही मस्त सी खुश्बू आ रही थी उसमे से मेरा लड झटके मारने लगा तो मैं बुआ के बारे मे सोच कर मुट्ठी मारने लगा आज से पहले उनके प्रति मुझे ऐसी कभी फीलिंग नही आई थी मुट्ठी मारकर थोड़ा चैन मिला मुझे
दिन ऐसे ही गुजर रहे थे दो तीन दिन और भी बीत गये एक दिन मैं सोया पड़ा था तो बुआ छत पर झाड़ू निकाल रही थी उनकी पीठ मेरी तरफ थी उनका सूट पीछे से थोड़ा सा उठ गाया था तो उनकी सुडोल गान्ड जो टाइट सलवार मे कसी होने के कारण बड़ी ही सुंदर लग रही थी अचानक ही मैं बुआ को अपनी आँखो से नंगा करने लगा मैं उनके प्रति आकर्षित होने लगा अब हवस मे आदमी को रिश्ते नातो का ध्यान कहाँ रहता है उसको तो बस हर औरत मे बस चूत ही दिखती है कुछ ऐसा ही हाल मेरा था मैने सोच लिया बुआ को भी ट्राइ करके देखूँगा क्या पता चान्स बन जाए मेरे दिल मे उनको चोदने की हुड़क जाग चुकी थी पर कैसे पटाऊ उनको ये ही सोचता रहा मैं पूरे दिन पर कुछ ना सूझा उसी दिन शाम को मैं घर के साइड वाली नाली को सॉफ कर रहा था तो मैने देखा कि बुआ छत पर मुडेर वाली साइड पर कपड़े सुखाने के लिए आई तो
मुझे एक आइडिया आया मैने अंजान बनते हुए अपनी ज़िप खोली और लड को बाहर निकाल कर गली मे ही पेशाब करने लगा उपर बुआ मुडेर पर खड़ी थी मैने तिरछी निगाहों से देखा कि उनका ध्यान मेरे लड पर ही था मैने भी जान बुझ कर थोड़ी देर उसको बाहर ही रखा फिर मैं एक दम से पलटा और छत की तरफ देखा बुआ तुरंत ही सरक ली मैं बुआ को बस अपनी ओर आकर्षित करना चाहता था इसी उधेड़बुन मे एक दिन और गुजर गया
मैने उनको कहा उपर आ जाओ मेरे कमरे मे वो बोली बुआजी कहाँ है तो मैने कहा सो रही है वो बोली कही फस ना जाए मैने कहा तू चिंता मत कर और मेरी प्यास बुझाने का जुगाड़ कर मैं भाभी को अपने कमरे मे ले आया और बेड पर पटक दिया और अनिता के उपर चढ़ कर उसके गालो को खाने लगा मैं उनकी चोली को खोल ही रहा था कि उहोने कहा अभी कपड़े नही निकालो घर खुला ही पड़ा है और फिर बुआ उठ गयी तो परेशानी हो जाएगी तो मैने कहा ठीक है मैं बोला भाभी आपके बिना कैसे जीता हू वहाँ पर मैं ही जानता हू आपकी बहुत याद आती है भाभी अपनी तारीफ़ सुनकर खुश हो गयी उःन्हॉने अपने होंठ मेरे मूह से लगा दिए और अपने सेब से मीठे होंठो को मुझे पिलाने लगी उनकी लिपलिस्टिक मेरे होंठो पर लग गयी
बहुत ही मस्ती से मैं उनको चूमे जा रहा था ना जाने कब मेरे हाथ उनके घाघरे के अंदर पहुच गये और उनकी चूत को मसल्ने लगे उनकी कच्छि पुरी तरह से गीली हो चुकी थी मैने उसको उतार दिया और उनकी चूत को आज़ाद कर दिया मैने अपनी बीच वाली उगली को चूत मे सरका दिया और अंदर बाहर करने लगा भाभी ने अपनी टाँगो को आपस मे चिपका लिया मेरी पूरी उगली उनकी योनि मे धँस चुकी थी दूसरी ओर मैं उनके होंठो को चूमे ही जा रहा था हमारी साँसे फूलने लगी थी पर एक भी पीछे हटने को तैयार नही था भाभी ने मेरी पेंट की चैन को खोला और मेरे हथियार को बाहर निकाल लिया और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी अब जलती आग मे घी पड़ चुका था मैने भाभी को बेड पर ही घोड़ी बनाया और उनके घाघरे को उठा कर उनकी कमर तक कर दिया
और उनके पीछे होते हुए अपने लड को चूत के दरवाजे पर टिका दिया जैसी ही चूत ने लड को महसूस किया उसके होंठ फडक उठे एक हल्के से धक्के के साथ आधा लड भाभी की चूत मे पनाह ले गया भाबी की एक आह निकली और दीवारो से टकरा कर खो गयी मैने लड को थोड़ा सा पीछे की ओर खींचा और अबकी बार एक तेज प्रहार करते हुए पूरे लड को गहराइयो मे उतार दिया और उनकी कमर को थाम कर चुदाई शुरू कर दी भाभी बोली देवर जी आज कितने दिनो बाद आपके इसको अपने अंदर महसूस किया है मेरी अधूरी प्यास भड़क गयी है आज उसे पूरी करदो अब ये तो औरतो की खास आदत थी जब तक लड चूत मे नही गया तब तक हज़ार नखडे होते है और एक बार लड अंदर गया तो फिर बस …………… मैं उनकी चूत पर पूरी रफ़्तार से धक्के लगाए जा रहा था
भाभी की हल्की हकली सिसकारिया लगा तार मेरा जोश बढ़ाए जा रही थी उनके चुतडो से टकराती मेरी गोलिया एक अलग सी आवाज़ कर रही थी दस मिनट तक उनको घोड़ी बनाए रखा भाभी की चूत से इतना पानी बह रहा था कि मैं बता नही सकता हू जैसे किसी नदी मे उफान आ गया हो उनकी आँखो मे नशा भर गया था उस नशे के आगे तो महनगी से महनगी दारू भी बेकार तो मैं हटा और बेड पर लेट गया अनिता मेरे उपर आई और लड पर बैठ गयी और अपनी गान्ड को मटकाते हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी मुझ से रहा नही गया तो मैं अपने हाथ उनकी पीठ पर ले गया और उनकी चोली को उतार ही दिया और ब्रा के उपर से ही उनकी दूध से भरी छातियो को भींचने लगा भाभी बोली मैने मना किया था ना पर तुम कभी भी किसी की बात नही मानते हो
मैने ब्रा को भी खोल दिया और बोबो को मसल्ने लगा मैने एक चूची को थोड़ा कस कर दबा दिया तो उसमे से दूध की धार निकली और मेरे मूह पर आ गिरी भाभी हँसते हुए बोली देवर जी अब पहले वाली बात नही रही अब मैं माँ बन चुकी हू और खिल खिलाने लगी मैने उनकी चोली से अपने मूह को सॉफ किया भाभी बोली दूध पीना है तो देख लो
मैने कहा नही मुझे नही पीना भाभी की खनखनाती चूड़ियो की आवाज़ मेरे दिल मे उतरती जा रही थी अनिता की स्पीड अब बढ़ गयी थी मैं समझ गया था कि वो झाड़ ने ही वाली है तो मैने उसको अपनी नीचे लिया और बेहद तेज रफ़्तार से अनिता की चूत मारने लगा भाभी भी अपनी कमर को उचकाने लगी थी वो कुछ ऐसे पल थे जब मैं बिल्कुल उनमे खो ही गया था की तभी भाभी ने अपने शरीर को कस लिया और मुझसे चिपकते हुए झड़ने लगी
और ठीक जब वो झाड़ रही थी मेरे लड ने भी अपना रस चूत मे उडेल दिया और हम साथ साथ ही झाड़ गये कुछ देर हम दोनो एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे फिर मैं उनके उपर से उतरा मेरी पॅंट आगे से उनके रस से भीग कर खराब हो गयी थी तो मैने उसे निकाल कर बेड पर ही फेक दिया और दूसरी पेंट पहन लिया भाभी भी रेडी हो गयी थी तो हम नीचे आ गये…
बुआ अभी तक सो ही रही थी तो मैने भाभी से कहा कि कुछ बना दो मेरे लिए भूक लग आई है तो वो रसोई मे चली गयी वो चावल पका ही रही थी कि बुआ भी उठ गयी और मेरे पास आकर ही बैठ गयी हम बाते करने लगे पर मेरी निगाह तो उनके बोबो पर ही थी बुआ भी शायद समझ रही थी पर उन्होने कुछ कहा नही पंद्रह बीस मिनट बाद हम तीनो साथ ही खाना खा रहे थे उसके बाद कुछ करने को था नही बुआ अनिता भाभी के साथ ताई के घर चली गयी और मैं अकेला रह गया एक तो मेरी तन्हाइयां और उपर से ये घर भी मुझे काटने को दौड़ता था मैं वही सोफे पर ही पसर गया और गाने सुनते सुनते सो गया शाम को कोई साढ़े 6 बजे पापा ने मुझे जगाया वो अभी अभी आए ही थे वो बोले अरे सोना था तो बेड पर सोता यहा कैसे पड़ा है मैं उठा और हाथ मूह धोने चला गया मैं जब तक आया तो मम्मी ने चाइ बना दी थी मैने घर वाले फोन से चाची के गाँव फोन मिलाया और पूछा कि वो कब आए गी वो मेरी आवाज़ सुनते ही खुश हो गयी वो बोली कि दस दिन बाद मैं आ जाउ उनको लेने तो मैने कहा ठीक है फिर मैं थोड़ा घूमने फिरने चला गया अगले दिन सुबह कोई दस बजे की बात है
मैं नहा धोकर अपने कमरे मे आया ही था कि बुआ वहाँ पर थी वो बोली इधर आ मैं गया तो उनके हाथ मे मेरी पॅंट थी जिस पर चुदाई के निशान थे वो दाग लगे थे वहाँ पर और उनके दूसरे हाथ मे अनिता की चड्डी थी जो वो शायद पहन ना भूल गयी थी बुआ ने वो चीज़े मुझे दिखाते हुए कहा ये सब क्या है मैने झूट बोलते हुए कहा कि मुझे नही पता तो वो बोली चल मान लिया तुझे नही पता पर ये पॅंट तो तेरी ही है ना अब मेरे पास कहने को कुछ नही था उहोने कहा कि नीचे चल अभी तेरी मम्मी को बता ती हू तो मैने कहा नही बुआ जी प्लीज़ ऐसा मत करना घर मे वैसे ही इतनी टेन्षन चल रही है और कबाड़ा हो जाए गा तो बुआ बोली पहले सच सच बता कि ये सब चक्कर क्या है और तू घर पर किस को लेकर आया था मैने कहा बुआ अब रहने भी दो ना तो वो थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि बता ता है या ले चलूं तेरी मम्मी के पास तो मैने कहा कि कल दोपहर को जब आप सो रही थी तो मैं अपनी किसी दोस्त को लेकर आया था और्र???????????????????????????????????????
वो बोली और क्य्ाआआआआआआआआआआअ तो मैं बोला आगे आप समझ ही जाओ तो वो बोली क्या समझू मैं
बता आगे क्या तो मैने तैश मे आ कर कह दिया कि फिर हमने सेक्स किया बस अब तो आप खुश हो गयी हो ना वो बोली मैं तो तुझे शरीफ बच्चा ही समझती थी पर तू तो सबके पर काट गया मैने कहा बुआ जी मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है कुछ चीज़ो की मुझे भी ज़रूरत महसूस होती है तो वो कहने लगी कि तो फिर करवा ले शादी हम कब से कह रहे है तो मैने कहा कि बुआ मैने शादी से मना थोड़ी किया है बस मैं तो अपनी पसंद की लड़की से ब्याह करना चाहता हू इतनी सी तो बात है बुआ बोली ये आज कल की औलादे भी ना फिर अचानक से उन्होने कहा तू मुझे इतना घूर घूर कर क्यो देखता ही रहता है मैने कई बार नोटीस किया है ख़ासकर जब मैं झुक कर काम कर रही हू उस वक़्त अब माल पर निगाह तो जाएगी ही मैं बुदबुदा दिया वो बोली क्या बोला तू अभी तो मैने कहा कुछ नही वो बोली बता तो मैने कहा आप मुझे अच्छी लगती हो बुआ ने अपने मूह पर हाथ रख लिया और बोली कमिने अपनी बुआ के बारे मे ऐसे विचार रखता है शरम नही आई तुझे तो मैने कहा आप सुंदर हो तो आपकी तारीफ ही करूगा ना बुआ ब्लश करने लगी औरतो की बस थोड़ी सी तारीफ़ करदो वो खुश हो जाती है फिर उहोने मुझे वो पॅंट और कच्छि दी
और बोली आगे से थोड़ा हिसाब से रहियो अगर तेरी माँ को पता चल गया तो फिर तू जानता ही है जाते जाते बुआ दरवाजे पर रुकी और मेरी तरफ एक मुस्कान फेक कर नीचे चली गयी तो मैने भाभी की कच्छि को अलमारी मे रखा और अपनी पॅंट को बाथरूम मे डाल दिया धोने के लिए मेरी शाम तकरीबन मंदिर के तालाब पे ही गुजरा करा करती थी अब कोई दोस्त भी नही था जिस से थोड़ा टाइम पास हो जाए और जो दोस्त थी वो पता नही कहाँ खो गयी थी मम्मी ने एक दो जगह मेरी शादी का जिकर चला दिया था पर मुझे क्या फरक पड़ना था मैं तो आज़ाद परिंदा था रात को मैं और मिता लंबी बाते कर लिया करते थे पर इन सब के बीच मैं गीता के दर्शन ना कर पाया था मैने अपना पूरा ध्यान बुआ पर लगाया हुआ था पर कुछ लटको झटको के अलावा कुछ बात बन नही रही थी इधर मेरा लड उनको देखते ही खड़ा हो जाता था जिसे वो भी आजकल महसूस करने लगी थी मेरी समझ मे नही आ रहा था कि कैसे उनको चुदाई के लिए तैयार करू पता नही मेरी किस्मत को क्या हो गया था आस पास चूत ही चूत थी अनिता ,शीला पर मौका ही नही मिल रहा था कभी कोई आजाता कभी कोई आजाता ऐसे ही एक दिन ताइजी को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा
तो ताऊ जी, मम्मी और अनिता भाभी उनके साथ चले गये पापा और चाचा तो ऑफीस थे तो बचे बस मैं और बुआ जी तो मैने सोचा चलो कुछ ट्राइ करके देखता हू तो मैने एक प्लान बनाया और देखा कि वो हॉल मे बैठी थी तो मैं सीढ़ियो पर खड़ा हुआ और झूठ-मूठ अपने फोन को कान पर लगाया और उनको सुनाते हुए बोलने लगा कि अरे आज घर पर कोई नही है मैं बिल्कुल अकेला ही हू तू आजा ऐश करेंगे ये सुनते ही बुआ के कान खड़े हो गये फिर मैने फोन को अपनी जेब मे डाल लिया और अपने कमरे मे चला गया
और टीशर्ट और कच्छे मे ही जाकर बेड पर लेट गया कुछ देर बाद बुआ उपर आई और मेरे बेड पर ही बैठ गयी और बोली अभी तू किस से बात कर रहा था तो मैने कहा किसी से नही बुआ जी तो वो बोली मुझे सब पता चल गया है तू क्या कह रहा था तो मैने कहा बुआ जी मैं जवान हू मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है मैं बस थोड़ा सा एंजाय करना चाहता हू तो वो बोली मैं सब जानती हू तू किस एंजाय्मेंट की बात कर रहा है मैने कहा आप को जो भी समझना है समझो मैं तो वो ही करूगा जो मुझे ठीक लगे गा बुआ से बात करते करते ही मेरा लड खड़ा होने लगा बुआ की नज़र भी मेरे कच्छे पर ही थी तो मैने पूछा क्या देख रहे हो बुआ जी तो वो सकपका गयी और थूक गटकते हुए बोली कुछ……. कुछ नही तो मैं उठा और बुआ के बराबर मे जाके बैठ गया
उनकी मांसल जाँघ से मेरी टाँग रगड़ खाने लगी मैने पक्का ठान लिया था कि आज अगर बुआ को नही चोदा तो फिर कभी नही चोद पाउन्गा तो मैने फिर पूछा बुआ जी बताओ ना आप क्या देख रही थी तो उन्होने कहा कि बताया तो कुछ नही बस ऐसे ही तो मैने उनका हाथ पकड़ा और अपने लड पर रख दिया बुआ ने तुरंत ही अपना हाथ हटा लिया और उनको गुस्सा आ गया पर मैं तो आज फ़ैसला कर ही चुका था बुआ बड़े ही गुस्से मे आ गयी थी पर मैं शांत था मैने अपने कच्छे को उतार दिया और नीचे से नंगा हो गया मेरा नागराज हवा मे झूलने लगा बुआ के आँखे अचानक ही मेरे लड पर आकर ठहर गयी सरसो के तेल से मालिश करने के बाद और भी ज़्यादा फूल गया था वो बुआ तो जैसे पॉज़ ही हो गयी थी मैने उनको पकड़ा और दीवार से सटा दिया
अरे, मैं आपको बुआ के बारे मे बताना तो भूल ही गया उनका नाम प्रमिला है एक हाउसवाइफ है उमर लगभग 36-37 होगी, बेहद ही गौरी और एक दम गरम माल बड़े बड़े बूब्स और बेहद शानदार गान्ड उनको देख कर कोई बता भी नही सकता था कि दो बच्चो की माँ होंगी
तो मैने बुआ को दीवार से सटा दिया वो अलग होने की कोशिश करने लगी तो मैने अपनी पकड़ को मजबूत कर दिया वो कहने लगी मुझे जाने दे वरना अच्छा नही होगा तो मैं बोला अब जो होगा वो देखा जाएगा पर आज तो मैं अपने मन की कसर मिटा कर ही रहूँगा और अपने होंठ बुआ के होंठो पर टिका दिए और उनके गुलाबी शरबती होंटो का रस चाटने लगा पर वो अपना मूह बार बार हिला रही थी तो मैं ढंग से उनको चूम नही पा रहा था
इधर मेरा लड उनकी चूत मे धसने को बेताब हो रहा था और उनकी चूत पे रगड़ खा रहा था बुआ मेरे लड को अपनी चूत पर महसूस कर के शर्मिंदा सी हो गयी पर मुझे क्या फरक पड़ना था क्योंकि ये ही एक रास्ता था उनकी चूत मारने का तो मैं अपनी कोशिश मे लगा पड़ा था मैं अब पूरे जोरो से बुआ को चूमने लगा उनके होंठ मेरे मूह मे जैसे पिघलने से लगे थे कोई दस मिनट तक मैं बस उनको चूमता ही रहा नीचे मेरे लड की रगड़ से उनकी चूत मे हलचल मची पड़ी थी तो मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया और उनके पेट से होकर सलवार मे घुसा दिया और कच्छि के उपर से ही उनकी चूत को मसल्ने लगा बुआ के जिस्म मे तो जैसे भूचाल ही आ गया था वो काँपति हुई आवाज़ मे बोली मुझे जाने दे अपनी बुआ की इज़्ज़त को खराब मत कर
पर मुझ पर तो जैसे वासना का खुमार चढ़ चुका था मैं बस इतना ही कह पाया कि बुआ बस एक बार मुझे करने दे बस एक बार करने दे मैं लगा तार उनकी चूत को मसले ही जा रहा था नीचे से उनकी चूत भी रस छोड़ने लगी थी बुआ का विरोध भी अब इतना त्रीव नही था बस कुछ सिसकारियो के साथ उका विरोध भी आधा ही रह गया था तो अब मैने बुआ को जल्दी से बेड पर पटका और दरवाजे की कुण्डी लगा दी ताकि वो भाग ना जाए मैने बुआ के दोनो हाथो को पकड़ लिया और उनकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसको उतार कर फेक दिया उनकी गौरी गौरी सुडौल केले के तने जैसी जाँघो को देखकर मेरी तो आँखे चुन्धिया ही गयी बहुत ही गौरी थी वो और उपर से नीले रंग की डिजाइन दार पेंटी ने मेरा मन मोह लिया बुआ अब भी दबी दबी आवाज़ मे मुझे रुकने को कह रही थी
तो मैने अपनी उग्लिया उनकी पेंटी मे फसाई और उसको भी उनके बदन से अलग कर दिया उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
क्या बताऊ ऐसी मस्त चूत तो मैने आजतक नही देखी थी कई औरतो को रगड़ दिया था पर बेहद शानदार चूत थी बल्कि यू कहूँ मैं कि चूतो की सहजादी थी बुआ की चूत एक दम मस्त आज तक कई औरतो की काली चूत तो देखी थी पर पार्मिला बुआ की चूत बहुत ही जबरदस्त थी थोड़ी लंबी सी और एक दम हल्के भूरे रंग की और उपर से हल्की हल्की झान्टो ने उनकी चूत की सुदरता मे चार चाँद लगा दिए मैने बुआ के हाथो को छोड़ दिया तो उहोने अपने हाथो से अपनी चूत को छुपा लिया और बोली बस तुम यही पर रुक जाओ तो मैने अपने लड पर हाथ फेरते हुए कहा
कि बुआ जी क्या आप को मेरा लड पसंद नही आया उन्होने अपनी नज़र झुका ली मैं बोला बुआ अब आपका सब कुछ मैने देख तो लिया ही है प्लीज़ मेरी बात मान जाओ मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हू बस एक बार मुझे कर लेने दो देखो अगर मैं ज़बरदस्ती करूगा तो आपको भी तकलीफ़ होगी और मज़ा भी नही आएगा प्लीज़ मेरी बात मान जाओ पर वो बोली कि वो अपने भतीजे के साथ ऐसा हरगिज़ नही कर सकती है मैने कहा पर मैं तो आपकी लेकर ही मानूँगा चाहे आप राज़ी हो या ना हो आपकी मर्ज़ी और बुआ को दबोच लिया और उनके उपर चढ़ गया और एक बार फिर से उनको चूमने लगा बुआ फिर से मेरा विरोध करने लगी पर आज मैं रुकने वाला नही था तो मैं अपना हाथ नीचे ले गया
और अपनी उगली उनकी चूत मे घुसा दी उफफफफफफफ्फ़ कितनी गर्माहट थी उस चूत मे पर थोड़ी मुझे वो गीली भी लगी तो मैं उनको चूमते चूमते उनकी चूत मे उगली करने लगा अब बुआ भी कोई अलग तो थी नही वो भी एक औरत ही थी और फिर चुदास तो उनके मन मे भी उठती थी तभी बुआ का मूह थोड़ा सा खुल गया और उसी का फ़ायदा उठाते हुए मैने अपनी जीभ उके मूह मे सरका दी उनका मूह मेरे मूह मे लॉक था तो वो कुछ नही कर सकती थी मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को चूमने लगा बुआ के शरीर मे भी वासना की लहर उठने लगी लगातार उगली करने से उनकी चूत भी कामरस छोड़ने लगी तो मैने अपना मूह उनके मूह से हटाया और उनके एक बोबे को अपने मूह मे ले लिया
बुआ का पूरा बदन हिलोरे मारने लगा पर अभी ऐसा टाइम नही था कि मैं उनके बोबो को मज़े से चूस सकूँ तो मैं तुरंत ही नीचे आया उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए अपना मूह उनकी रस से भरी हुई योनि पर लगा दिया बुआ कुछ समझ पाती उस से पहले ही मैं उनकी चूत को चाटने लगा जैसे ही मेरी जीभ ने उनकी योनि को टच किया उनका सारा विरोध एक पल मे ना जाने कहाँ गायब हो गया क्या मस्त स्वाद था उनकी चूत से रिस्ते हुए पानी का थोड़ा सा नमकीन और थोड़ा सा शरबती जैसे ही मैने अपनी खुरदरी जीभ को उपर से नीचे तक सुर्रा लगाया बुआ की आह निकलगई
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहह हह ओहूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह मैने कहा क्यो बुआ मज़ा आया तो वो कुछ नही बोली पर उनके गालो की लाली अपनी कहानी को बयान कर रही थी मैं हौले हौले उनकी चूत को चाटे जा रहा था बुआ के चूतड़ अपने आप मटकने लगे थे हिचकोले खाती उनकी कमर उनकी मादकता को बता रही थी मैं बड़े ही प्यार से उनको मज़ा दे रहा था हर गुज़रते हुए मिनट के साथ उनकी साँसे भारी हो ती जा रही थी तो मैने उनकी चूत की पंखूड़ियो को मूह मे भर लिया और अपने दाँतों से काट ते हुए उपर लगे चूत के पानी को पीने लगा
बुआ अब पूरी तरह से मेरे काबू मे आ चुकी थी मेरा लड इतनी बुरी तरह से उत्तेजित था कि उसमे अब दर्द होने लगा था पर मैं बुआ की चूत का रस पीना चाहता था तो मैं तेज तेज उनकी चूत को चाटने लगा आख़िर वो पल भी आया जब बुआ ने अपने हाथो से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा लिया और मीठी मीठी आहे भरते हुए अपनी चूत को चटवाने लगी पूरे 20 मिनट तक उनकी चूत को मैने चाटा तब जाकर उनकी चूत ने अपना पानी छोड़ा जिसे मैं मज़े से पी गया बुआ हान्फते हुए बेड पर पसर गयी और अपनी टूट ती हुई सांसो को इकट्ठा करने लगी ठीक उसी पल मैं उनके उपर आया और अपने लड को चूत पर रख दिया बुआ को भी पता था कि अब बस दो पल मे ही उनकी चुदाई शुरू होने वाली है तो उहोने अपनी आँखो को बंद कर लिया
मैने धक्का लगाया और मेरा लड उनकी चूत के छेद को फैलाते हुए अंदर जाने लगा बुआ बोली आहह कितना मोटा है तेरा कही खून तो नही निकल आया तो मैं बोला क्या बुआ आप भी आज कल तो कुवारि कन्याओ की चूत से खून नही निकलता और आप शादी शुदा होकर ऐसी बात बोल रही हो और अगले झटके के साथ लड को जड़ तक उनकी योनि मे घुसा दिया उनकी चूत ने मेरे लड को अपने मे कस लिया और मैं अब लगा धक्के लगाने मैने उनके उपर वाले होंठ को अपने दोनो होंठो के बीच मे दबा लिया और उसको चूमते हुए उनके थूक को भी पीने लगा बुआ इस कदम से और भी मस्त हो गयी उन्होने अपने हाथ मेरे सर पर रखे और मेरे बालो को सहलाने लगी
मेरा जोश और भी बढ़ने लगा मैने भी आज तक ऐसे करारी चूत नही ली थी मुझे ना जाने क्यो फूफा से जलन सी होने लगी मैं पूरी रफ़्तार से बुआ को चोदे जा रहा था बेड का गद्दा जैसे टूटने को आया था धम्म से मेरी गोलिया उनके चुतडो से टकराई बुआ को चोद कर पता चला था कि चूत क्या होती है इतनी कसी हुई चूत बहुत ही मज़ा दे रही थी समय गुज़रे जा रहा था और मैं लगातार उनको ठोके जा रहा था बुआ भी अब चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी हर एक धक्के पर उनकी चूत बलिहारी जा रही थी हमारे शरीर पसीने से पूरी तरह भीग गये थे उपर चलता पंखा भी गरम हवा ही फेक रहा था तो अब मैने अपना मूह उनकी चूची पर लगाया
और उसको पीते पीते उनको रगड़ने लगा बुआ अब और भी चुदासी हो गयी चूत तो बहुत ही पानी छोड़ने लगी थी बुआ की आँखे मस्ती से बंद हो गयी थी अब मैं बहुत तेज तेज झटके लगा ने लगा था बुआ हाई हाई ही कर रही थी फिर एका एक उनका जिस्म आकड़ा और चूत की पंखुड़िया मेरे लड पर कस गयी और वो फिर से झड़ने लगी अब उनको कोई होश नही था जैसे बेहोशी छा गयी थी उन पर पर मैं अभी नही झाड़ा था तो मैं लगा रहा मैने उनको खीचा और बेड के किनारे पर ले आया और उनकी टाँगो को अपने कंधो पर रखा और दुबारा से चोदने लगा 10-12 मिनट तक और ढंग से उनको बजाया और फिर जल्दी से उनके उपर झुका और अपने लड से निकलती हुई हर एक पिचकारी से उनकी चूत को भरने लगा
बुआ बेसुधि की हालत मे थी उनकी चूत अभी भी फडक रही थी जब मेरा लड बिल्कुल मुरझा गया तो मैने उसको चूत से बाहर निकाला
फिर मैं नंगा ही नीचे गया और फ्रिड्ज से ठंडे पानी की बॉटल निकाली तोड़ा पानी खुद पीया और बाकी ले जाकर बुआ को दिया उन्होने भी अपने गले को तर किया और फिर अपने कपड़ो को उठाया और नंगी ही बाथ रूम मे चली गयी मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया जब मैं दरवाजे के पास पहुचा तो वो सीट पर बैठ कर पेशाब कर रही थी सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करते हुए पेशाब की मोटी धार उनकी चूत से निकल रही थी फिर बुआ उठी और अपने अंगो को धोने लगी तो मैं जाकर उनके पीछे चिपक गया तो वो बोली अब भी तेरा मन नही भरा है क्या आज तो मेरी इज़्ज़त लूट ही ली तूने तो मैने कहा बुआ आप भी तो मज़े ले कर चुद रही थी सच बताना आप को मज़ा आया ना तो वो कुछ नही बोली और अपनी चूत और टाँगो को धोती रही वो बोली चल अभी मेरे पीछे से हट तो मैने उनकी चूची दबाते हुए कहा कि बुआ अभी मेरा मन नही भरा है और उनको वही पर पंजो के बल झुका दिया और अपने लड को चूत से सटा दिया बुआ बोली वो बहुत थक गयी है मैं और तंग ना करू उनको पर मेरा लड कहाँ मान ने वाला था मैने कमर उचकाई और एक बार फिर मेरा लड बुआ की गरमा गरम चूत मे उतर चुका था
बुआ की कमर को अपने दोनो हाथो से थामे मैं उनको लगा चोदने थोड़ी देर बाद वो भी पूरे रंग मे आ गयी और अपनी गान्ड को मटका मटका कर चुदने लगी थोड़ी देर तक उनको वही चोदने के बाद मैं उनको अपनी गोद मे उठा कर वापिस कमरे मे ले आया और उनको घोड़ी बना कर उनकी सवारी करने लगा बुआ बस आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआहह आआआआआआआआआआआआआआआअहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊऊवझज्झहह उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माअंम्म्ममममममममममममम आआआआराअंम्म्मममममममममम सीईईईईईईईई
तो मैने उसको बता दिया फिर मैने मम्मी को कहा कि जल्दी चलो बुआ आई है वो बोली मैं अभी आई मैने गीता से कहा कि मैं कल आया था पर तुम थी नही तो उसने बताया कि वो सहर गयी हुई थी मैने कहा मैं जल्दी ही आउन्गा वो खुश हो गयी फिर मैने मम्मी को लिया और वापिस घर आ गये फिर पूरा दिन ऐसे ही हसी मज़ाक मे निकल गया आज तो चूत मिलते मिलते रह गयी थी अगले दिन मैं नहा कर आया और अपने कमरे मे खुद को तौलिए से पोंछ ने लगा मैने दरवाजा बंद नही किया बल्कि हल्का सा ही अड़ा दिया था वैसे भी मेरे कमरे मे कोई आता तो था नही तो मैं अपनी शरीर पर तेल की मालिश करने लगा मैने सोचा लड को भी थोड़ा तेल पिला देता हू और उसपर थोड़ा तेल लगा के उसकी मालिश करने लगा अब लड तो ठहरा लड वो साला तन गया मैं ज़ोर से उसपर तेल का हाथ रगड़ने लगा तभी दरवाजा खुला और मैने देखा कि बुआ दरवाजे पर चाइ का कप लिए खड़ी थी और अंदर मैं बिल्कुल नंगा हाथ मे अपना खड़ा लड लिए सिचुयेशन बड़ी ही अकवर्ड हो गयी थी मुझे रिएक्ट करने का टाइम मिला ही नही बुआ मूडी और नीचे चली गयी कुछ देर बाद मैं भी नीचे आ गया अब बुआ मुझसे नज़रे चुरा रही थी और मैं नाश्ता कर ही रहा था कि
मिता का फोन आ गया वो बोली कि वो बस कुछ ही देर मे ट्रेन पकड़ रही है और कल सुबह 11 बजे तक आ जाएगी मैने कहा ठीक है अगले दिन फूफा भी जाने वाले थे तो मैने कहा कि बुआ तो कुछ दिन यही पर रह जाएगी तो वो बोले हम ये भी कई दिनो बाद मायके आई है कुछ दिन रह लेगी फिर मैं बाजार चला गया साक्षी के लिए कुछ नयी ड्रेस और ढेर सारे खिलोने खरीदे और शाम होते होते मैं वापिस आ गया दिन बस ऐसे ही गुजर रहे थे ज़्यादातर टाइम मैं बोर ही होता रहता था करने को भी कुछ ख़ास नही था एक हफ़्ता गुजर चुका था पर कुछ खास हुआ नही था अब मेरी प्यास बस गीता ही बुझा सकती थी पर उसके पास जाने का मौका ही नही मिल रहा था अगले दिन मैने फूफा को बस मे बिठाया और फिर स्टेशन की ओर बढ़ गया वहाँ जाकर पता चला कि बस ट्रेन आती ही होगी और कोई बीस मिनट बाद रेल आ गयी मिता ने फोन किया और बताया कि वो कहाँ खड़ी है मैं दौड़ता हुआ गया उसके पास .
आज साढ़े चार साल बाद मैं अपनी प्रेयसी को आमने सामने देखने जा रहा था थोड़ी सी फॅशनबल बन गयी थी, आँखो पर चश्मा चढ़ गया था और थोड़ा शरीर भी भर गया था मिता मुझे देख कर मुस्कुराइ मेरे तो जैसे दोनो जहाँ रुक गये थे उस पल मे तभी किसी ने पीछे से मुझे थपकाया मैने मुड़कर देखा तो रीना थी मैं बोला अरे तू भी आई है क्या तो वो बोली अब आपकी नज़र मिथिलेश से हटे तो औरो का भी ख़याल आए आपको मिता बोली तू चुप कर फिर हम बाहर आए और एक खाली पड़ी बेंच पर बैठ गये रीना बोली भाई आप तो एक दम बदल गये हो बिल्कु जेंटेल्मन लग रहे हो मैने कहा अब आर्मी मॅन हो गया हू तो बस थोड़ा सा फरक आ गया है और कुछ नही बहुत देर तक हम लोग अपनी पुरानी यादो को ताज़ा करते रहे फिर मैने कहा तुम लोगो को भूख लगी होगी चलो कुछ खाते है और हम रेस्टोरेंट मे आ गये एक बेहद लज़ीज़ लंच के बाद मिता बोली अब उनको चलने चाहिए फिर वो बोली वो फोन करके बता देगी मिलने के बारे मे फिर वो टेंपो स्टॅंड की तरफ बढ़ गयी और मैं भी चल पड़ा
मिता से मिलने के बाद मुझे एक अजीब सा अहसास हो रहा था शाम को सारा परिवार बैठा था बात चीत हो रही थी तो बुआ ने कहा कि अब हमे इसकी शादी के बारे मे कुछ सोचना चाहिए देखो ना इसके पाँव तो घर मे टिकते ही नही है बस पूरा दिन उड़ा उड़ा ही रहता है मम्मी को तो मौका मिल गया वो बोली मैं तो कब से कह रही हू कि हमे ये काम कर देना चाहिए तो मैने कहा और मैं भी कई बार बता चुका हू कि जब तक पोस्टिंग नही मिल जाती मैं शादी नही कर सकता हू तो वो बोली अरे तो सगाई करले शादी पोस्टिंग के बाद कर लेना मैने सोचा आज तो ये पूरे मूड मे है बकरे को काटने के लिए
तो मेरे मूह से निकल गया कि मैं अपनी मर्ज़ी से शादी करूगा
पापा ने मेरी तरफ देखा और कहा कि क्या कहा तूने अभी तो मैने कहा मैं अपनी मर्ज़ी की लड़की से शादी करूगा और इनफॅक्ट मैं किसी को को बेहद पसंद करता हू और उसी से ही ब्याह करूगा मम्मी ने अपनी चप्पल उतारी और मेरी तरफ फेंक कर मारी और पापा की तरफ देखते हुए बोली और आज़ादी दो इसको देख लिया ना मुझे तो पहले ही पता था कि ये एक दिन हमारी नाक ज़रूर कटवाएगा तो मैने कहा इसमे ग़लत क्या है मैं किसी से प्यार करता हू
और उसके साथ अपनी लाइफ गुज़ारना चाहता हू इसमे ग़लत क्या है तो मम्मी चीखते हुए बोली कि हाँ तू ही सही है हम तो कोई हैं ही नही गाँव है भाईचारा है समाज भी कुछ होता है ना हम दुनियाँ से क्या कहेंगे कि बेटे ने भागकर शादी कर ली तो मैने कहा अब इसमे भागने की बात कहाँ से आ गयी मम्मी बकने लगी कौन है वो कुलटा मेरे बेटे को फास लिया फलाना धिमकाना मुझे खीज होने लगी मैने कहा मैं तो उसी से शादी करूगा चाहे जो भी हो जाए तो पापा ने कहा आ मेरे साथ चल और हम घर से बाहर आ गये वो बोले देख बेटा मैं समझता हू ये उमर ही ऐसी है लड़के लड़किया इस उमर मे थोड़ा अलग सा बिहेवियर करते है बेटा ये प्यार मोहब्बत कुछ नही होता है फिर माँ बाप तेरे लिए कोई ग़लत लड़की थोड़ी ना चुनेंगे बेटा हमारे भी कुछ अरमान है और फिर क्या पता उस लड़की के माँ बाप इस रिश्ते के लिए तैयार होंगे भी या नही फिर समाज भी है तू ठंडे दिमाग़ से सोच फिर हम इस बारे मे बात करेंगे फिर हम अंदर चले गये फिर ज़्यादा कुछ नही हुआ रात को छत पर मैं और चाचा पड़े थे तो वो बोले अरे ये क्या पंगा खड़ा कर दिया तूने मुझे ठीक से बता तो मैने कहा कि चाचा मेरे साथ एक लड़की पढ़ा करती थी शुरू से ही हम एक दूसरे को पसंद करने लगे थे .
ना जाने कब हमे प्यार हो गया वो नर्स का कोर्स कर रही है उसी के लिए मैने एनडीए जाय्न करा है वरना आप तो जानते ही हो कि मैं और फ़ौज़ मे ये आसान थोड़ी ही ना था मेरे लिए पर उसके लिए मैं नौकरी लगा अब बताओ मेरी क्या ग़लती है वो बोले बेटा प्यार व्यार बड़े शहरों की बाते है गाँव का माहौल अलग होता है अब तू बच्चा तो रहा नही बराबर का हो गया है आगे तेरी मर्ज़ी ,
थोड़ी देर बाद हम सो गये अगले दिन जब मैं नहा ने जा रहा था तो बुआ बस नहा कर निकली ही थी उनका सूट आगे से थोड़ा सा गीला होकर उनकी मोटी मोटी चूचियो से चिपक गया था ब्रा ना पहनी होने के कारण उनके निपल्लस मुझे सॉफ दिखाई दे रहे थे मेरा लड तो पाजामे मे ही तन गया उन्होने भी मेरे पयज़ामे मे बने हुए उभार को देख लिया था फिर वो चली गयी मैं जल्दी से अंदर गया वहाँ मुझे बुआ की गीली ब्रा टकी हुई मिली मैं उसको सुघने लगा एक बहुत ही मस्त सी खुश्बू आ रही थी उसमे से मेरा लड झटके मारने लगा तो मैं बुआ के बारे मे सोच कर मुट्ठी मारने लगा आज से पहले उनके प्रति मुझे ऐसी कभी फीलिंग नही आई थी मुट्ठी मारकर थोड़ा चैन मिला मुझे
दिन ऐसे ही गुजर रहे थे दो तीन दिन और भी बीत गये एक दिन मैं सोया पड़ा था तो बुआ छत पर झाड़ू निकाल रही थी उनकी पीठ मेरी तरफ थी उनका सूट पीछे से थोड़ा सा उठ गाया था तो उनकी सुडोल गान्ड जो टाइट सलवार मे कसी होने के कारण बड़ी ही सुंदर लग रही थी अचानक ही मैं बुआ को अपनी आँखो से नंगा करने लगा मैं उनके प्रति आकर्षित होने लगा अब हवस मे आदमी को रिश्ते नातो का ध्यान कहाँ रहता है उसको तो बस हर औरत मे बस चूत ही दिखती है कुछ ऐसा ही हाल मेरा था मैने सोच लिया बुआ को भी ट्राइ करके देखूँगा क्या पता चान्स बन जाए मेरे दिल मे उनको चोदने की हुड़क जाग चुकी थी पर कैसे पटाऊ उनको ये ही सोचता रहा मैं पूरे दिन पर कुछ ना सूझा उसी दिन शाम को मैं घर के साइड वाली नाली को सॉफ कर रहा था तो मैने देखा कि बुआ छत पर मुडेर वाली साइड पर कपड़े सुखाने के लिए आई तो
मुझे एक आइडिया आया मैने अंजान बनते हुए अपनी ज़िप खोली और लड को बाहर निकाल कर गली मे ही पेशाब करने लगा उपर बुआ मुडेर पर खड़ी थी मैने तिरछी निगाहों से देखा कि उनका ध्यान मेरे लड पर ही था मैने भी जान बुझ कर थोड़ी देर उसको बाहर ही रखा फिर मैं एक दम से पलटा और छत की तरफ देखा बुआ तुरंत ही सरक ली मैं बुआ को बस अपनी ओर आकर्षित करना चाहता था इसी उधेड़बुन मे एक दिन और गुजर गया
मैने उनको कहा उपर आ जाओ मेरे कमरे मे वो बोली बुआजी कहाँ है तो मैने कहा सो रही है वो बोली कही फस ना जाए मैने कहा तू चिंता मत कर और मेरी प्यास बुझाने का जुगाड़ कर मैं भाभी को अपने कमरे मे ले आया और बेड पर पटक दिया और अनिता के उपर चढ़ कर उसके गालो को खाने लगा मैं उनकी चोली को खोल ही रहा था कि उहोने कहा अभी कपड़े नही निकालो घर खुला ही पड़ा है और फिर बुआ उठ गयी तो परेशानी हो जाएगी तो मैने कहा ठीक है मैं बोला भाभी आपके बिना कैसे जीता हू वहाँ पर मैं ही जानता हू आपकी बहुत याद आती है भाभी अपनी तारीफ़ सुनकर खुश हो गयी उःन्हॉने अपने होंठ मेरे मूह से लगा दिए और अपने सेब से मीठे होंठो को मुझे पिलाने लगी उनकी लिपलिस्टिक मेरे होंठो पर लग गयी
बहुत ही मस्ती से मैं उनको चूमे जा रहा था ना जाने कब मेरे हाथ उनके घाघरे के अंदर पहुच गये और उनकी चूत को मसल्ने लगे उनकी कच्छि पुरी तरह से गीली हो चुकी थी मैने उसको उतार दिया और उनकी चूत को आज़ाद कर दिया मैने अपनी बीच वाली उगली को चूत मे सरका दिया और अंदर बाहर करने लगा भाभी ने अपनी टाँगो को आपस मे चिपका लिया मेरी पूरी उगली उनकी योनि मे धँस चुकी थी दूसरी ओर मैं उनके होंठो को चूमे ही जा रहा था हमारी साँसे फूलने लगी थी पर एक भी पीछे हटने को तैयार नही था भाभी ने मेरी पेंट की चैन को खोला और मेरे हथियार को बाहर निकाल लिया और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी अब जलती आग मे घी पड़ चुका था मैने भाभी को बेड पर ही घोड़ी बनाया और उनके घाघरे को उठा कर उनकी कमर तक कर दिया
और उनके पीछे होते हुए अपने लड को चूत के दरवाजे पर टिका दिया जैसी ही चूत ने लड को महसूस किया उसके होंठ फडक उठे एक हल्के से धक्के के साथ आधा लड भाभी की चूत मे पनाह ले गया भाबी की एक आह निकली और दीवारो से टकरा कर खो गयी मैने लड को थोड़ा सा पीछे की ओर खींचा और अबकी बार एक तेज प्रहार करते हुए पूरे लड को गहराइयो मे उतार दिया और उनकी कमर को थाम कर चुदाई शुरू कर दी भाभी बोली देवर जी आज कितने दिनो बाद आपके इसको अपने अंदर महसूस किया है मेरी अधूरी प्यास भड़क गयी है आज उसे पूरी करदो अब ये तो औरतो की खास आदत थी जब तक लड चूत मे नही गया तब तक हज़ार नखडे होते है और एक बार लड अंदर गया तो फिर बस …………… मैं उनकी चूत पर पूरी रफ़्तार से धक्के लगाए जा रहा था
भाभी की हल्की हकली सिसकारिया लगा तार मेरा जोश बढ़ाए जा रही थी उनके चुतडो से टकराती मेरी गोलिया एक अलग सी आवाज़ कर रही थी दस मिनट तक उनको घोड़ी बनाए रखा भाभी की चूत से इतना पानी बह रहा था कि मैं बता नही सकता हू जैसे किसी नदी मे उफान आ गया हो उनकी आँखो मे नशा भर गया था उस नशे के आगे तो महनगी से महनगी दारू भी बेकार तो मैं हटा और बेड पर लेट गया अनिता मेरे उपर आई और लड पर बैठ गयी और अपनी गान्ड को मटकाते हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी मुझ से रहा नही गया तो मैं अपने हाथ उनकी पीठ पर ले गया और उनकी चोली को उतार ही दिया और ब्रा के उपर से ही उनकी दूध से भरी छातियो को भींचने लगा भाभी बोली मैने मना किया था ना पर तुम कभी भी किसी की बात नही मानते हो
मैने ब्रा को भी खोल दिया और बोबो को मसल्ने लगा मैने एक चूची को थोड़ा कस कर दबा दिया तो उसमे से दूध की धार निकली और मेरे मूह पर आ गिरी भाभी हँसते हुए बोली देवर जी अब पहले वाली बात नही रही अब मैं माँ बन चुकी हू और खिल खिलाने लगी मैने उनकी चोली से अपने मूह को सॉफ किया भाभी बोली दूध पीना है तो देख लो
मैने कहा नही मुझे नही पीना भाभी की खनखनाती चूड़ियो की आवाज़ मेरे दिल मे उतरती जा रही थी अनिता की स्पीड अब बढ़ गयी थी मैं समझ गया था कि वो झाड़ ने ही वाली है तो मैने उसको अपनी नीचे लिया और बेहद तेज रफ़्तार से अनिता की चूत मारने लगा भाभी भी अपनी कमर को उचकाने लगी थी वो कुछ ऐसे पल थे जब मैं बिल्कुल उनमे खो ही गया था की तभी भाभी ने अपने शरीर को कस लिया और मुझसे चिपकते हुए झड़ने लगी
और ठीक जब वो झाड़ रही थी मेरे लड ने भी अपना रस चूत मे उडेल दिया और हम साथ साथ ही झाड़ गये कुछ देर हम दोनो एक दूसरे से लिपटे पड़े रहे फिर मैं उनके उपर से उतरा मेरी पॅंट आगे से उनके रस से भीग कर खराब हो गयी थी तो मैने उसे निकाल कर बेड पर ही फेक दिया और दूसरी पेंट पहन लिया भाभी भी रेडी हो गयी थी तो हम नीचे आ गये…
बुआ अभी तक सो ही रही थी तो मैने भाभी से कहा कि कुछ बना दो मेरे लिए भूक लग आई है तो वो रसोई मे चली गयी वो चावल पका ही रही थी कि बुआ भी उठ गयी और मेरे पास आकर ही बैठ गयी हम बाते करने लगे पर मेरी निगाह तो उनके बोबो पर ही थी बुआ भी शायद समझ रही थी पर उन्होने कुछ कहा नही पंद्रह बीस मिनट बाद हम तीनो साथ ही खाना खा रहे थे उसके बाद कुछ करने को था नही बुआ अनिता भाभी के साथ ताई के घर चली गयी और मैं अकेला रह गया एक तो मेरी तन्हाइयां और उपर से ये घर भी मुझे काटने को दौड़ता था मैं वही सोफे पर ही पसर गया और गाने सुनते सुनते सो गया शाम को कोई साढ़े 6 बजे पापा ने मुझे जगाया वो अभी अभी आए ही थे वो बोले अरे सोना था तो बेड पर सोता यहा कैसे पड़ा है मैं उठा और हाथ मूह धोने चला गया मैं जब तक आया तो मम्मी ने चाइ बना दी थी मैने घर वाले फोन से चाची के गाँव फोन मिलाया और पूछा कि वो कब आए गी वो मेरी आवाज़ सुनते ही खुश हो गयी वो बोली कि दस दिन बाद मैं आ जाउ उनको लेने तो मैने कहा ठीक है फिर मैं थोड़ा घूमने फिरने चला गया अगले दिन सुबह कोई दस बजे की बात है
मैं नहा धोकर अपने कमरे मे आया ही था कि बुआ वहाँ पर थी वो बोली इधर आ मैं गया तो उनके हाथ मे मेरी पॅंट थी जिस पर चुदाई के निशान थे वो दाग लगे थे वहाँ पर और उनके दूसरे हाथ मे अनिता की चड्डी थी जो वो शायद पहन ना भूल गयी थी बुआ ने वो चीज़े मुझे दिखाते हुए कहा ये सब क्या है मैने झूट बोलते हुए कहा कि मुझे नही पता तो वो बोली चल मान लिया तुझे नही पता पर ये पॅंट तो तेरी ही है ना अब मेरे पास कहने को कुछ नही था उहोने कहा कि नीचे चल अभी तेरी मम्मी को बता ती हू तो मैने कहा नही बुआ जी प्लीज़ ऐसा मत करना घर मे वैसे ही इतनी टेन्षन चल रही है और कबाड़ा हो जाए गा तो बुआ बोली पहले सच सच बता कि ये सब चक्कर क्या है और तू घर पर किस को लेकर आया था मैने कहा बुआ अब रहने भी दो ना तो वो थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि बता ता है या ले चलूं तेरी मम्मी के पास तो मैने कहा कि कल दोपहर को जब आप सो रही थी तो मैं अपनी किसी दोस्त को लेकर आया था और्र???????????????????????????????????????
वो बोली और क्य्ाआआआआआआआआआआअ तो मैं बोला आगे आप समझ ही जाओ तो वो बोली क्या समझू मैं
बता आगे क्या तो मैने तैश मे आ कर कह दिया कि फिर हमने सेक्स किया बस अब तो आप खुश हो गयी हो ना वो बोली मैं तो तुझे शरीफ बच्चा ही समझती थी पर तू तो सबके पर काट गया मैने कहा बुआ जी मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है कुछ चीज़ो की मुझे भी ज़रूरत महसूस होती है तो वो कहने लगी कि तो फिर करवा ले शादी हम कब से कह रहे है तो मैने कहा कि बुआ मैने शादी से मना थोड़ी किया है बस मैं तो अपनी पसंद की लड़की से ब्याह करना चाहता हू इतनी सी तो बात है बुआ बोली ये आज कल की औलादे भी ना फिर अचानक से उन्होने कहा तू मुझे इतना घूर घूर कर क्यो देखता ही रहता है मैने कई बार नोटीस किया है ख़ासकर जब मैं झुक कर काम कर रही हू उस वक़्त अब माल पर निगाह तो जाएगी ही मैं बुदबुदा दिया वो बोली क्या बोला तू अभी तो मैने कहा कुछ नही वो बोली बता तो मैने कहा आप मुझे अच्छी लगती हो बुआ ने अपने मूह पर हाथ रख लिया और बोली कमिने अपनी बुआ के बारे मे ऐसे विचार रखता है शरम नही आई तुझे तो मैने कहा आप सुंदर हो तो आपकी तारीफ ही करूगा ना बुआ ब्लश करने लगी औरतो की बस थोड़ी सी तारीफ़ करदो वो खुश हो जाती है फिर उहोने मुझे वो पॅंट और कच्छि दी
और बोली आगे से थोड़ा हिसाब से रहियो अगर तेरी माँ को पता चल गया तो फिर तू जानता ही है जाते जाते बुआ दरवाजे पर रुकी और मेरी तरफ एक मुस्कान फेक कर नीचे चली गयी तो मैने भाभी की कच्छि को अलमारी मे रखा और अपनी पॅंट को बाथरूम मे डाल दिया धोने के लिए मेरी शाम तकरीबन मंदिर के तालाब पे ही गुजरा करा करती थी अब कोई दोस्त भी नही था जिस से थोड़ा टाइम पास हो जाए और जो दोस्त थी वो पता नही कहाँ खो गयी थी मम्मी ने एक दो जगह मेरी शादी का जिकर चला दिया था पर मुझे क्या फरक पड़ना था मैं तो आज़ाद परिंदा था रात को मैं और मिता लंबी बाते कर लिया करते थे पर इन सब के बीच मैं गीता के दर्शन ना कर पाया था मैने अपना पूरा ध्यान बुआ पर लगाया हुआ था पर कुछ लटको झटको के अलावा कुछ बात बन नही रही थी इधर मेरा लड उनको देखते ही खड़ा हो जाता था जिसे वो भी आजकल महसूस करने लगी थी मेरी समझ मे नही आ रहा था कि कैसे उनको चुदाई के लिए तैयार करू पता नही मेरी किस्मत को क्या हो गया था आस पास चूत ही चूत थी अनिता ,शीला पर मौका ही नही मिल रहा था कभी कोई आजाता कभी कोई आजाता ऐसे ही एक दिन ताइजी को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा
तो ताऊ जी, मम्मी और अनिता भाभी उनके साथ चले गये पापा और चाचा तो ऑफीस थे तो बचे बस मैं और बुआ जी तो मैने सोचा चलो कुछ ट्राइ करके देखता हू तो मैने एक प्लान बनाया और देखा कि वो हॉल मे बैठी थी तो मैं सीढ़ियो पर खड़ा हुआ और झूठ-मूठ अपने फोन को कान पर लगाया और उनको सुनाते हुए बोलने लगा कि अरे आज घर पर कोई नही है मैं बिल्कुल अकेला ही हू तू आजा ऐश करेंगे ये सुनते ही बुआ के कान खड़े हो गये फिर मैने फोन को अपनी जेब मे डाल लिया और अपने कमरे मे चला गया
और टीशर्ट और कच्छे मे ही जाकर बेड पर लेट गया कुछ देर बाद बुआ उपर आई और मेरे बेड पर ही बैठ गयी और बोली अभी तू किस से बात कर रहा था तो मैने कहा किसी से नही बुआ जी तो वो बोली मुझे सब पता चल गया है तू क्या कह रहा था तो मैने कहा बुआ जी मैं जवान हू मेरी भी एक पर्सनल लाइफ है मैं बस थोड़ा सा एंजाय करना चाहता हू तो वो बोली मैं सब जानती हू तू किस एंजाय्मेंट की बात कर रहा है मैने कहा आप को जो भी समझना है समझो मैं तो वो ही करूगा जो मुझे ठीक लगे गा बुआ से बात करते करते ही मेरा लड खड़ा होने लगा बुआ की नज़र भी मेरे कच्छे पर ही थी तो मैने पूछा क्या देख रहे हो बुआ जी तो वो सकपका गयी और थूक गटकते हुए बोली कुछ……. कुछ नही तो मैं उठा और बुआ के बराबर मे जाके बैठ गया
उनकी मांसल जाँघ से मेरी टाँग रगड़ खाने लगी मैने पक्का ठान लिया था कि आज अगर बुआ को नही चोदा तो फिर कभी नही चोद पाउन्गा तो मैने फिर पूछा बुआ जी बताओ ना आप क्या देख रही थी तो उन्होने कहा कि बताया तो कुछ नही बस ऐसे ही तो मैने उनका हाथ पकड़ा और अपने लड पर रख दिया बुआ ने तुरंत ही अपना हाथ हटा लिया और उनको गुस्सा आ गया पर मैं तो आज फ़ैसला कर ही चुका था बुआ बड़े ही गुस्से मे आ गयी थी पर मैं शांत था मैने अपने कच्छे को उतार दिया और नीचे से नंगा हो गया मेरा नागराज हवा मे झूलने लगा बुआ के आँखे अचानक ही मेरे लड पर आकर ठहर गयी सरसो के तेल से मालिश करने के बाद और भी ज़्यादा फूल गया था वो बुआ तो जैसे पॉज़ ही हो गयी थी मैने उनको पकड़ा और दीवार से सटा दिया
अरे, मैं आपको बुआ के बारे मे बताना तो भूल ही गया उनका नाम प्रमिला है एक हाउसवाइफ है उमर लगभग 36-37 होगी, बेहद ही गौरी और एक दम गरम माल बड़े बड़े बूब्स और बेहद शानदार गान्ड उनको देख कर कोई बता भी नही सकता था कि दो बच्चो की माँ होंगी
तो मैने बुआ को दीवार से सटा दिया वो अलग होने की कोशिश करने लगी तो मैने अपनी पकड़ को मजबूत कर दिया वो कहने लगी मुझे जाने दे वरना अच्छा नही होगा तो मैं बोला अब जो होगा वो देखा जाएगा पर आज तो मैं अपने मन की कसर मिटा कर ही रहूँगा और अपने होंठ बुआ के होंठो पर टिका दिए और उनके गुलाबी शरबती होंटो का रस चाटने लगा पर वो अपना मूह बार बार हिला रही थी तो मैं ढंग से उनको चूम नही पा रहा था
इधर मेरा लड उनकी चूत मे धसने को बेताब हो रहा था और उनकी चूत पे रगड़ खा रहा था बुआ मेरे लड को अपनी चूत पर महसूस कर के शर्मिंदा सी हो गयी पर मुझे क्या फरक पड़ना था क्योंकि ये ही एक रास्ता था उनकी चूत मारने का तो मैं अपनी कोशिश मे लगा पड़ा था मैं अब पूरे जोरो से बुआ को चूमने लगा उनके होंठ मेरे मूह मे जैसे पिघलने से लगे थे कोई दस मिनट तक मैं बस उनको चूमता ही रहा नीचे मेरे लड की रगड़ से उनकी चूत मे हलचल मची पड़ी थी तो मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया और उनके पेट से होकर सलवार मे घुसा दिया और कच्छि के उपर से ही उनकी चूत को मसल्ने लगा बुआ के जिस्म मे तो जैसे भूचाल ही आ गया था वो काँपति हुई आवाज़ मे बोली मुझे जाने दे अपनी बुआ की इज़्ज़त को खराब मत कर
पर मुझ पर तो जैसे वासना का खुमार चढ़ चुका था मैं बस इतना ही कह पाया कि बुआ बस एक बार मुझे करने दे बस एक बार करने दे मैं लगा तार उनकी चूत को मसले ही जा रहा था नीचे से उनकी चूत भी रस छोड़ने लगी थी बुआ का विरोध भी अब इतना त्रीव नही था बस कुछ सिसकारियो के साथ उका विरोध भी आधा ही रह गया था तो अब मैने बुआ को जल्दी से बेड पर पटका और दरवाजे की कुण्डी लगा दी ताकि वो भाग ना जाए मैने बुआ के दोनो हाथो को पकड़ लिया और उनकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसको उतार कर फेक दिया उनकी गौरी गौरी सुडौल केले के तने जैसी जाँघो को देखकर मेरी तो आँखे चुन्धिया ही गयी बहुत ही गौरी थी वो और उपर से नीले रंग की डिजाइन दार पेंटी ने मेरा मन मोह लिया बुआ अब भी दबी दबी आवाज़ मे मुझे रुकने को कह रही थी
तो मैने अपनी उग्लिया उनकी पेंटी मे फसाई और उसको भी उनके बदन से अलग कर दिया उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
क्या बताऊ ऐसी मस्त चूत तो मैने आजतक नही देखी थी कई औरतो को रगड़ दिया था पर बेहद शानदार चूत थी बल्कि यू कहूँ मैं कि चूतो की सहजादी थी बुआ की चूत एक दम मस्त आज तक कई औरतो की काली चूत तो देखी थी पर पार्मिला बुआ की चूत बहुत ही जबरदस्त थी थोड़ी लंबी सी और एक दम हल्के भूरे रंग की और उपर से हल्की हल्की झान्टो ने उनकी चूत की सुदरता मे चार चाँद लगा दिए मैने बुआ के हाथो को छोड़ दिया तो उहोने अपने हाथो से अपनी चूत को छुपा लिया और बोली बस तुम यही पर रुक जाओ तो मैने अपने लड पर हाथ फेरते हुए कहा
कि बुआ जी क्या आप को मेरा लड पसंद नही आया उन्होने अपनी नज़र झुका ली मैं बोला बुआ अब आपका सब कुछ मैने देख तो लिया ही है प्लीज़ मेरी बात मान जाओ मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हू बस एक बार मुझे कर लेने दो देखो अगर मैं ज़बरदस्ती करूगा तो आपको भी तकलीफ़ होगी और मज़ा भी नही आएगा प्लीज़ मेरी बात मान जाओ पर वो बोली कि वो अपने भतीजे के साथ ऐसा हरगिज़ नही कर सकती है मैने कहा पर मैं तो आपकी लेकर ही मानूँगा चाहे आप राज़ी हो या ना हो आपकी मर्ज़ी और बुआ को दबोच लिया और उनके उपर चढ़ गया और एक बार फिर से उनको चूमने लगा बुआ फिर से मेरा विरोध करने लगी पर आज मैं रुकने वाला नही था तो मैं अपना हाथ नीचे ले गया
और अपनी उगली उनकी चूत मे घुसा दी उफफफफफफफ्फ़ कितनी गर्माहट थी उस चूत मे पर थोड़ी मुझे वो गीली भी लगी तो मैं उनको चूमते चूमते उनकी चूत मे उगली करने लगा अब बुआ भी कोई अलग तो थी नही वो भी एक औरत ही थी और फिर चुदास तो उनके मन मे भी उठती थी तभी बुआ का मूह थोड़ा सा खुल गया और उसी का फ़ायदा उठाते हुए मैने अपनी जीभ उके मूह मे सरका दी उनका मूह मेरे मूह मे लॉक था तो वो कुछ नही कर सकती थी मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को चूमने लगा बुआ के शरीर मे भी वासना की लहर उठने लगी लगातार उगली करने से उनकी चूत भी कामरस छोड़ने लगी तो मैने अपना मूह उनके मूह से हटाया और उनके एक बोबे को अपने मूह मे ले लिया
बुआ का पूरा बदन हिलोरे मारने लगा पर अभी ऐसा टाइम नही था कि मैं उनके बोबो को मज़े से चूस सकूँ तो मैं तुरंत ही नीचे आया उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए अपना मूह उनकी रस से भरी हुई योनि पर लगा दिया बुआ कुछ समझ पाती उस से पहले ही मैं उनकी चूत को चाटने लगा जैसे ही मेरी जीभ ने उनकी योनि को टच किया उनका सारा विरोध एक पल मे ना जाने कहाँ गायब हो गया क्या मस्त स्वाद था उनकी चूत से रिस्ते हुए पानी का थोड़ा सा नमकीन और थोड़ा सा शरबती जैसे ही मैने अपनी खुरदरी जीभ को उपर से नीचे तक सुर्रा लगाया बुआ की आह निकलगई
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहह हह ओहूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह मैने कहा क्यो बुआ मज़ा आया तो वो कुछ नही बोली पर उनके गालो की लाली अपनी कहानी को बयान कर रही थी मैं हौले हौले उनकी चूत को चाटे जा रहा था बुआ के चूतड़ अपने आप मटकने लगे थे हिचकोले खाती उनकी कमर उनकी मादकता को बता रही थी मैं बड़े ही प्यार से उनको मज़ा दे रहा था हर गुज़रते हुए मिनट के साथ उनकी साँसे भारी हो ती जा रही थी तो मैने उनकी चूत की पंखूड़ियो को मूह मे भर लिया और अपने दाँतों से काट ते हुए उपर लगे चूत के पानी को पीने लगा
बुआ अब पूरी तरह से मेरे काबू मे आ चुकी थी मेरा लड इतनी बुरी तरह से उत्तेजित था कि उसमे अब दर्द होने लगा था पर मैं बुआ की चूत का रस पीना चाहता था तो मैं तेज तेज उनकी चूत को चाटने लगा आख़िर वो पल भी आया जब बुआ ने अपने हाथो से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा लिया और मीठी मीठी आहे भरते हुए अपनी चूत को चटवाने लगी पूरे 20 मिनट तक उनकी चूत को मैने चाटा तब जाकर उनकी चूत ने अपना पानी छोड़ा जिसे मैं मज़े से पी गया बुआ हान्फते हुए बेड पर पसर गयी और अपनी टूट ती हुई सांसो को इकट्ठा करने लगी ठीक उसी पल मैं उनके उपर आया और अपने लड को चूत पर रख दिया बुआ को भी पता था कि अब बस दो पल मे ही उनकी चुदाई शुरू होने वाली है तो उहोने अपनी आँखो को बंद कर लिया
मैने धक्का लगाया और मेरा लड उनकी चूत के छेद को फैलाते हुए अंदर जाने लगा बुआ बोली आहह कितना मोटा है तेरा कही खून तो नही निकल आया तो मैं बोला क्या बुआ आप भी आज कल तो कुवारि कन्याओ की चूत से खून नही निकलता और आप शादी शुदा होकर ऐसी बात बोल रही हो और अगले झटके के साथ लड को जड़ तक उनकी योनि मे घुसा दिया उनकी चूत ने मेरे लड को अपने मे कस लिया और मैं अब लगा धक्के लगाने मैने उनके उपर वाले होंठ को अपने दोनो होंठो के बीच मे दबा लिया और उसको चूमते हुए उनके थूक को भी पीने लगा बुआ इस कदम से और भी मस्त हो गयी उन्होने अपने हाथ मेरे सर पर रखे और मेरे बालो को सहलाने लगी
मेरा जोश और भी बढ़ने लगा मैने भी आज तक ऐसे करारी चूत नही ली थी मुझे ना जाने क्यो फूफा से जलन सी होने लगी मैं पूरी रफ़्तार से बुआ को चोदे जा रहा था बेड का गद्दा जैसे टूटने को आया था धम्म से मेरी गोलिया उनके चुतडो से टकराई बुआ को चोद कर पता चला था कि चूत क्या होती है इतनी कसी हुई चूत बहुत ही मज़ा दे रही थी समय गुज़रे जा रहा था और मैं लगातार उनको ठोके जा रहा था बुआ भी अब चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी हर एक धक्के पर उनकी चूत बलिहारी जा रही थी हमारे शरीर पसीने से पूरी तरह भीग गये थे उपर चलता पंखा भी गरम हवा ही फेक रहा था तो अब मैने अपना मूह उनकी चूची पर लगाया
और उसको पीते पीते उनको रगड़ने लगा बुआ अब और भी चुदासी हो गयी चूत तो बहुत ही पानी छोड़ने लगी थी बुआ की आँखे मस्ती से बंद हो गयी थी अब मैं बहुत तेज तेज झटके लगा ने लगा था बुआ हाई हाई ही कर रही थी फिर एका एक उनका जिस्म आकड़ा और चूत की पंखुड़िया मेरे लड पर कस गयी और वो फिर से झड़ने लगी अब उनको कोई होश नही था जैसे बेहोशी छा गयी थी उन पर पर मैं अभी नही झाड़ा था तो मैं लगा रहा मैने उनको खीचा और बेड के किनारे पर ले आया और उनकी टाँगो को अपने कंधो पर रखा और दुबारा से चोदने लगा 10-12 मिनट तक और ढंग से उनको बजाया और फिर जल्दी से उनके उपर झुका और अपने लड से निकलती हुई हर एक पिचकारी से उनकी चूत को भरने लगा
बुआ बेसुधि की हालत मे थी उनकी चूत अभी भी फडक रही थी जब मेरा लड बिल्कुल मुरझा गया तो मैने उसको चूत से बाहर निकाला
फिर मैं नंगा ही नीचे गया और फ्रिड्ज से ठंडे पानी की बॉटल निकाली तोड़ा पानी खुद पीया और बाकी ले जाकर बुआ को दिया उन्होने भी अपने गले को तर किया और फिर अपने कपड़ो को उठाया और नंगी ही बाथ रूम मे चली गयी मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया जब मैं दरवाजे के पास पहुचा तो वो सीट पर बैठ कर पेशाब कर रही थी सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करते हुए पेशाब की मोटी धार उनकी चूत से निकल रही थी फिर बुआ उठी और अपने अंगो को धोने लगी तो मैं जाकर उनके पीछे चिपक गया तो वो बोली अब भी तेरा मन नही भरा है क्या आज तो मेरी इज़्ज़त लूट ही ली तूने तो मैने कहा बुआ आप भी तो मज़े ले कर चुद रही थी सच बताना आप को मज़ा आया ना तो वो कुछ नही बोली और अपनी चूत और टाँगो को धोती रही वो बोली चल अभी मेरे पीछे से हट तो मैने उनकी चूची दबाते हुए कहा कि बुआ अभी मेरा मन नही भरा है और उनको वही पर पंजो के बल झुका दिया और अपने लड को चूत से सटा दिया बुआ बोली वो बहुत थक गयी है मैं और तंग ना करू उनको पर मेरा लड कहाँ मान ने वाला था मैने कमर उचकाई और एक बार फिर मेरा लड बुआ की गरमा गरम चूत मे उतर चुका था
बुआ की कमर को अपने दोनो हाथो से थामे मैं उनको लगा चोदने थोड़ी देर बाद वो भी पूरे रंग मे आ गयी और अपनी गान्ड को मटका मटका कर चुदने लगी थोड़ी देर तक उनको वही चोदने के बाद मैं उनको अपनी गोद मे उठा कर वापिस कमरे मे ले आया और उनको घोड़ी बना कर उनकी सवारी करने लगा बुआ बस आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआहह आआआआआआआआआआआआआआआअहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊऊवझज्झहह उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माअंम्म्ममममममममममममम आआआआराअंम्म्मममममममममम सीईईईईईईईई