05-12-2020, 09:44 PM
तभी बाहर से किसी ने किवाड़ को खड़का दिया हम दोनो की तो गान्ड बुरी तरह से फॅट गयी फिर एक आवाज़ आई तो मैं तो जैसे मर ही गया ये तो मम्मी आ गयी थी और अंदर हम दोनो बचने का कोई रास्ता भी नही था वो लगता किवाड़ को खड़काए जा रही थी पसीना छलक आया मेरे माथे पे तो मैने गेट खोल दिया आख़िर कब तक ना खोलता जैसे ही वो अंदर आई और नज़ारा देखा मैं और वो काकी की लड़की खाट पे पड़ी गुड्दती हमारी कहानी को बयान कर रही थी वो तो तुरंत ही मम्मी के पाँवो मे पड़ गयी और रोते हुए बोली कि ताइजी मेरी कोई ग़लती नही है इसने मुझे पकड़ लिया और यहाँ ले आया तो मम्मी ने उसको कहा कि तू अपने घर जा वो तुरंत ही भाग छूटी अब बचा मैं मम्मी ने पहले तो तीन चार थप्पड़ रसीद किए मैने अपनी गर्दन झुका ली
उनका बीपी हाइ हो गया तो अब लगी मुझे गलियाँ बकने बहुत देर तक वो मुझे बकती रही मैं चुपचाप सुनता रहा जब वो कुछ शांत हुई तो मैं तुरंत ही वहाँ से भाग चला और सीधा घर आकर ही रुका मेरी गान्ड तो मर ही गयी थी मुझे बदहवास सा देखकर चाची पूछने लगी कि क्या हो गया तो मैने उको सारी कहानी बता दी वो बोली बेटा अब तो तू गया हम भी तुझे नही बचा सकते कोई दो घंटे बाद वो घर आई पर कुछ जिकर ना किया मुझे थोड़ी शान्ती मिली पर डर था कि कही पापा को कुछ ना बता दे माहौल काफ़ी टेन्षन वाला था रात को खाने तक सब ठीक ही था जब मैं सोने के लिए जा रहा था तभी पापा ने मुझे अपने कमरे मे बुलाया मैं अंदर जाके गर्दन झुका कर खड़ा हो गया तो उहोने कहा कि तेरी मम्मी ने आज तेरी शिकायत की है
मैं चुप ही रहा तो वो बोले बेटा ये जो हरकत तूने की है वो कही से भी माफी लायक नही है अब तू बरा बर का हो गया है तो क्या तुम्हे मारु बस इतना ही कहना चाहता हू कि अभी थोड़े मेच्यूर हो जाओ औरा आगे से ऐसा कोई काम मत करना जिस से तुम्हारी और परिवार की बदनामी हो माना कि तुम जवान हो पर थोड़ा कंट्रोल करो जैसे ही तुम्हारी पोस्टिंग होगी हम तुम्हारी शादी करवा देंगे पर तब तक तुम्हारी ऐसी कोई भी शिकायत नही आनी चाहिए मैने उनके पाव पकड़ लिए और माफी माँग ली वैसे भी मुझे दो दिन बाद जाना था तो दो दिन मैने घर पे ही काटे मम्मी तो मुझे दुश्मनो की तरह ही समझने लगी थी वो हर पल मेरे पिछे ही लगी रहती थी तो मैं भी शांत ही रहा दो दिन भी निकल गये और मैं अपनी जिंदगी को घिसने फिर से खडकवास्ला आ गया
वापिस आकर दो हफ्ते बहुत ही टाइट गुज़रे पर फिर धीरे धीरे मैं माहौल मे रंग ही गया समय अपनी गति से दौड़ता ही रहा मैने नया फोन खरीद लिया था तो दोस्तो से बाते भी होती ही रहती थी पर मैं अपने घर कम ही फोन करता था हफ्ते मे दो बार निशा की चिट्ठिया आ जाया करती थी कभी कभी मिता भी मेहरबानी कर दिया करती थी कुल मिला कर लाइफ कट ही रही थी कभी आउट पास मिल जाता तो दो- चार बॉटल बियर शाइर टिका दिया करते थे कभी कभी ऑफिसर्स की मॅडमो और लड़कियो को देखकर लड मे जोश आ जाता तो मुट्ठी ही मार लेता था इसी तरह से गान्ड घस्ते हुए मौसम बदल ता रहा और एक साल और गुजर गया अब बस 6 महीने और थे फिर हमे एनडीए देहराडू मे शिफ्ट होना था
हमारे ट्रैनिंग हवलदार ने एक दिन बताया कि अबकी बार टुकड़ो मे कॅडेट्स को 20 दिन की छुट्टी मिलेगी जो जाना चाहता है अपना नाम लिखवाओ हालाँकि मेरी भी इच्छा थी पर ना जाने क्यो मैने मना कर दिया और अकॅडमी मे ही रह गया 75-80% अकॅडमी खाली ही थी अब कुछ दिनो के लिए सुबह ड्रिल के बाद ज़्यादातर टाइम मैं खाली ही रहता था बस तीन टाइम मेस मे खाना खाना और सो जाना ये ही लाइफ थी एक दिन मेजर साहिब ने मुझे बुलाया और कहा कि अगर तू कहे तो मैं तेरी अरदली की ड्यूटी लगवा दूं कुछ दिनो के लिए तो तेरा टाइम भी ही पास हो जाएगा और कुछ एक्सपीरियेन्स भी हो जाएगा तो मैनें कहा कि जैसा आप ठीक समझे सर तो अगले दिन उन्होने मुझे दुबारा से बुलवाया और कहा कि तुम कॅप्ट.डॉक्टर. ऋतु चौहान के पास चले जाओ
दो हफ्ते तक उनके सूपरविषन मे काम करोगे और उन्होने लेटर इश्यू करके मुझे दे दिया मैने उनको एक जोरदार सल्यूट ठोका और साइकल उठा कर एमएच की तरफ आ गया वहाँ आकर ड्र. ऋतु के बारे मे पूछा तो पता चला कि वो सर्जिकल वार्ड मे मिलेंगी तो मैं वहाँ गया उको सल्यूट किया और अफीशियल लेटर उनको दे दिया उहोने मुझे उपर से नीचे तक देखा और कहा कि तुम बाहर स्टूल पर बैठो और मेरा वेट करो कोई एक घंट बाद वो आई और मुझे अपने साथ ले लिया तो मैने कहा मॅम मैं अपनी साइकल ले आउ तो उहोने हम कहा फिर हम पैदल ही उनके घर की तरफ चल पड़ा क्या मस्त घर था उका बाहर एक छोटा सा बगीचा था जिसमे तरह तरह के फूल थे स्टॅंड पर एक तोता भी था मैने कहा मॅम आपका घर तो बहुत ही सुंदर है
तो उहोने कहा जब तुम्हारी पोस्टिंग हो जाएगी तो तुमको भी ऐसा ही घर अलॉट हो गा मैं थोड़ी देर के लिए सपनो की दुनियाँ मे खो गया फिर उहोने कहा कि जाओ मेरे लिए एक ग्रीन टी बना कर लाओ तो मैने मूर्खो की भाँति कहा कि मॅम ये को सी चाइ होती है तो वो बोली तुम्हे ग्रीन टी के बारे में नही पता तो मैने कहा जी मैने तो नाम ही आज सुना है तो उहोने कहा चलो कोई बात नही आज मैं ही तुमको बनाकर पिलाती हू वो किचन मे चली गयी और मैं बाहर ही बैठ गया थोड़ी देर बाद वो दो कप लेके आई और हम साथ साथ ही चाइ पीने लगे उसके बाद वो बोली मैं शॉपिंग जा रही हू तब तक तुम घर की सफाई कर्लेना मैने कहा ऑर्डर पूरा हो जाएगा वो चली गयी काम कुछ ज़्यादा नही था सफाई करने के बाद मैं बाथरूम मे गया
और अपने हाथ मूह धोने लगा तो मेरी नज़र मॅम की ब्रा और पेंटी पर पड़ी इतनी सिल्की लिंगेरिएस मैने आज से पहले नही देखी थी मैं उनकी कच्छि को सुघने लगा एक अजीब सी महक आ रही थी उसमे से मेरा लड तन गया तो मैने अपने लड को बाहर निकाल लिया और उनकी कच्छि पर रगड़ने लगा मुझे थरक चढ़ गयी मैने आव देखा ना ताव और मुट्ठी मारने लगा थोड़ी देर बाद मैने अपना पानी कच्छि पर ही छोड़ दिया मेरे गाढ़े पानी से कच्छि भीग गयी तो मैने उसको तह किया और वापिस रख दिया और बाहर आके बैठ गया मैं सोच विचार करने लगा कि अगर मॅम पट जाए तो यहाँ पे भी चूत का जुगाड़ हो जाएगा और सोचा-विचार करने लगा उको आते आते शाम हो गयी थी तो जैसे ही वो आई उन्होने मुझे ऑफ किया और मैं वापिस होस्टल आ गया
अगले दिन मैं फिर से उनकी खिदमत मे हाजिर था दोपहर तक हम एमएच मे ही रहे फिर उन्होने कहा अरे तुमने लंच किया या नही तो मैने कहा अभी नही हुआ मॅम तो वो बोली कोई बात नही आओ घर चलते है फिर साथ ही करेंगे तो मैने कहा आप कष्ट मत करो मैं मेस मे खा लुगा पर उन्होने फोर्स किया तो मैं मना नही कर पाया कोई तीन बजे मैं उनके साथ लंच कर रहा था कुछ देर तक बस चम्मच-प्लेट की ही आवाज़ आती रही फिर आचनक ही उहोने पूछा कि कल उनकी पेंटी से मैने छेड़ छाड़ की थी ना उनके पूछते ही मेरा नीवाला गले मे ही अटक गया और मुझे खाँसी आ गयी उहोने मुझ पानी का गिलास दिया दो घूँट लेने पे थोड़ा कंट्रोल हुआ कुछ देर चुप रहने के बाद उहोने फिर कहा तुमने मेरे सवाल का जवाब नही दिया
तो मैने कहा जी मॅम वो ओूऊऊऊऊऊ तो उहोने मुझे रोका और कहा कि तुम शांत हो जाओ मैं तुम्हारी मनोदशा समझ सकती हू हम ऐसी ही सर्विस मे है टाइम पर छुट्टी नही मिल पाती है घरवालो से दूर रहते है फिर कुछ फिज़िकल नीड्स भी होती है पर इसका ये मतलब नही कि हम किसी के भी अडरवेर्ज़ को खराब करे है ना तो मैने उनको सॉरी कहा तो वो थोड़ी फ्रेंड्ली होते हुए बोली कोई बात नही फिर उहोने मुझे खाना खाने को कहा लंच करने के बाद हम गॅलरी मे बैठे थे तो उन्होने पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है तो मैने कहा मॅम है तो पर ना के बरा बर ही है तो वो पूछने लगी तो मैने उनको मिता के बारे मे बताया तो उन्होने डाइरेक्ट्ली ही पूछ लिया है कि क्या तुमने उसके साथ सेक्स भी किया है
तो मैने कहा मॅम उसके साथ तो नही पर मैं काफ़ी बार सेक्स कर चुका हू तो मॅम मेरी पर्सनल लाइफ के बारे मे और जानकारी लेने लगी उन्हे बहुत इनेरेस्ट हो रहा था मुझसे बात करते करते बार बार उनका हाथ अपनी जाँघो पर जा रहा था वो कहने लगी कि लगता है कि तुम्हे मेच्यूर लॅडीस ज़्यादा ही पसंद है तो मैने कहा ऐसा नही है मॅम अब जो भी मिल जाए वो ठीक ही है तभी उन्होने पूछा मैं तुम्हे कैसी लगती हू तो मैने कहा आप भी अच्छी है तो उन्होने कहा अच्छी या ……………………………………………………………… फिर उन्होने कहा कि उस टाइम तुमने मेरी पेंटी मे मास्टरबेट किया तो मेरी ही फॅंटेसी की होगी तुमने तो मैने कुछ नही कहा उन्होने फिर पूछा तो मैने धीरे से कह दिया जी मॅम उनके गाल गुलाबी हो गये वो मेरे पास आई
और बोली अगर तुम्हारी फॅंटेसी सच हो जाए तो ????????????????????????????????????????????????????????????????????????
तो मॅम मेरी तो लाइफ बन जाएगी तो उन्होने मुझे कहा कि अभी तो शाम हो गयी है अभी तुम लाइन मे जाओ और कल सुबह ही आ जाना मैं घर पर ही रहूंगी तो मैं वापिस आ गया और अगले दिन का इंतज़ार करने लगा खाली टाइम था तो मोबाइल ऑन किया ऑन करते ही निशा का मेसेज आया कि कॉल मी तो मैने उसको फोन किया तो वो बड़ी ही खुश लग रही थी किसी कोयल की तरह चहक रही थी वो मैने कहा यार बात तो बता दे तो उसने कहा कि उसकी जॉब बॅंक मे लग गयी है सुबह ही रिज़ल्ट आउट हुआ है ये सुनकर मुझे बहुत ही खुशी हुई तो उसने कहा जल्दी से छुट्टी लेकर आजा फिर जम कर पार्टी शार्टी करेंगे
तो मैने उसको बताया कि यार मैने तो इस टर्न की छुट्टिया जानकार ली ही नही काश तूने कुछ दिन पहले बताया होता तो मैं अड्जस्ट कर लेता अब तो मुश्किल ही होगा तो वो थोड़ी उदास हो गयी बहुत लंबी बात चलती रही हमारी मुझे तो बहुत ही खुशी हुई थी अगले दिन मैं शॉपिंग सेंटर गया और मिठाई खरीद के लाया और अपने साथियो को बाटी फिर मैं मेजर साहिब के ऑफीस गया और उनको प्रोटोकॉल दिया और उनको भी मिठाई दी फिर मैं नहा धोकर ऋतु मॅम की क्वॉर्टर पर चल पड़ा जाते ही उनको एक जोरदार सल्यूट मारा वो एक गाउन पहने हुई थी पतला सा जिसमे से उनका यौवन बाहर निकलने को बेताब सा हो रहा था मैने सबसे पहले उनका मूह मीठा करवाया तो वो बोली ये मिठाई किस खुशी मे तो मैने उनको पूरी कहानी बताई
तो उहोने कहा कि अच्छा तुम्हारी गर्लफ्रेंड की जॉब लगी है ये तो बड़ी ही अच्छी बात है फिर हम अंदर चले गये मॅम सोफे पर टाँग पर टाँग चढ़ा कर बैठी थी पतले से गाउन मे उनकी जंघे सॉफ नुमाया हो रही थी मॅम बोली क्या देख रहे हो तो मैने कहा आप बहुत ही सुंदर है तो वो हँसने लगी थोड़ी देर बाद उहोने कहा ड्रिंक करोगे तो मैनें कहा श्योर तो उहोने फ्रिज खोला और एक विस्की की बॉटल ले आई थोड़ी ही देर मे हम दो दो पॅक टिका चुके थे वो बोली बस मैं दो पॅक से ज़्यादा नहीलूगी वरना फिर गड़बड़ हो जाएगी तो मैने कहा जी आपकी मर्ज़ी है फिर वो मेरे पास आई और मेरी टी शर्ट मे अपना हाथ घुसा के मेरे सीने को सहलाने लगी बोली तुम्हारी बॉडी तो काफ़ी मस्त है तो मैने कहा जी वो तो रेग्युलर ड्रिल होती है तो फिटनेस बन गयी है
तो उहोने कहा कि क्या तुम फॅंटेसी को रियल करना चाहोगे तो मैने कहा यस मॅम तो उहोने कहा मुझे बस ऋतु ही कहो और वो झुकी और मेरे गालो को चूमने लगी अब उन्होने पहल कर ही दी थी मैं भी पीछे कहाँ रहने वाला था मैने ऋतु को उठाया और डाइनिंग टेबल पर बिठा दिया नशे मे उनकी खुमारी और भी बढ़ने लगी थी मेडम की गौरी टाँगो को मैं चूमने लगा मॅम भावनाओ मे बहने लगी मैने उनके गाउन के बटन खोलने शुरू किए और कुछ पॅलो मे ही उसको उनके बदन से अलग कर दी फिर ऋतु की सिल्की ब्रा के उपर से ही मैने उनके बोबो को मसलना शुरू किया तो वो बोली पहले अपने कपड़े भी उतारो तो मैने फॉरन से अपने कपड़े उतारे तो
मेरे लड को भी खुल्ली हवा मे आकर सांस मिला वो गरम औरत को देख कर अपने पूरे रंग मे आ गया था जैसे ही उनकी नज़र उसपर पड़ी तो वो बोली अरे वह तुम्हारा हथियार तो बड़ा ही शानदार है मेरे हब्बी का तो इसके सामने कुछ नही है तो मैने कहा मॅम तो फिर इसको प्यार करो ना मॅम टेबल पर बैठी हुई थी और मैं खड़ा था तो उन्होने अपने हाथ को झुकाया और मेरे लड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया काफ़ी दिनो बाद किसी औरत का स्पर्श मिला था उसको तो वो और भी तनाव मे भर गया उसका गुलाबी सुपाडा और भी फूल गया तो मैने ऋतु को अपनी ओर किया और उसके लाल होंटो को पीने लगा वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी उसने अपनी जीभ आगे की तो मैने अपना मूह खोला और उसकी जीभ को मूह मे ले लिया और लगी हमारी जीबे आपस मे टकराने
उनकी रस से भरी जीभ मेरे पूरे मूह मे घुल सी गयी थी बड़े ही मज़े से मैं उनको किस करे जा रहा था उनको तो जैसे कोई परवाह ही नही थी वो तो खो ही गयी थी 10-12मिनट तक मैं बस उनको चूमता ही रहा उहोने भी मेरा पूरा सहयोग किया फिर मैं उसे अलग हुआ और उनकी ब्रा की लेस को खोल दिया तो आधा –आधा किलो के मस्त संतरे आज़ाद होकर मेरे हाथो मे आ गये ऋतु का शरीर रेशम से भी ज़्यादा मुलायम था मैने उनकी निप्पलस को अपने अंगूठे से सहलाया तो उनके मूह से एक आह निकल गयी उनके गालो पे रंगत चढ़ चुकी थी और उपर से थोड़ा ड्रिंक का नशा तो मैने उनको टेबल पर ही लिटा दिया और वाइन की बॉटल से थोड़ी शराब उनकी चूचियो पर गिरा दी जो बह कर उनकी नाभि से होती हुई पेंटी के अंदर तक चली गयी
उस सीन को देखकर मेरा लड और भी फडक उठा तो मैं उनपे थोड़ा झुका और उनकी एक चूची को अपने मूह में ले लिया निप्पल पर लगी वाइन का टेस्ट और भी बढ़ गया मैने उनका आधा बोबा अपने मूह मे ले लिया और मज़े से उनका दूध निकालने की कोशिश करने लगा ऋतु अपनी टांगे टेबल पर पटाकने लगी कामदेव का तीर ऋतु के कलेजे को बेधता चला गया ऋतु अपनी उग्लियो मे मेरे सर पर फिराने लगी मस्ती उसके रोम रोम से छलकने लगी उन्होने हाथ बढ़ा कर मेरे लड को पकड़ लिया और मेरे सुपाडे पर अपने लंबे नाख़ून रगड़ने लगी मुझे थोड़ा दर्द हुआ पर उस जोश के आगे सब कुछ फीका था बहुत देर तक मैं उनके बोबो को ही पीता रहा तो वो बोली अब बस भी करो ना मेरे बूब्स मे दर्द होने लगा है तो मैं थोड़ा नीचे सरक आया
और उनके पेट को चूमने लगा उनकी नाभि मे कंपनहोने लगा फिर मैं और थोड़ा सा नीचे हुआ और उनकी पेंटी पर अपना मूह लगा दिया और जहाँ चूत होती है वहाँ पर अपने दाँत गाढ़ने लगा नीचे से पेंटी पूरी तारह गीली हो चुकी थी जिस से उनकी चूत की शेप उस पर उभर आई थी तो मैने उनकी पेंटी को पकड़ा और उसको नीचे की तरफ सरकाने लगा ऋतु ने अपनी गान्ड को थोड़ा सा उठाया और उनका अंतिम वस्त्र भी अब अलग हो गया मैने उनकी पेंटी को कुछ देर सुघा और फिर उसको साइड मे फेंक दिया उनकी शेव की हुई पतली सी चूत मेरी आँखो के सामने थी काले रंग की चूत पर अंदर से थोड़ी गुलाबी सी थी मैने कहा आपकी शादी को कितने दिन हो गये तो उन्होने कहा 3 सालल्ल्ल्ल्ल्ल उनका स्वर काँपने लगा था मैने अपना अंगूठा उनके दाने पर रखा
और उसको कुरेदने लगा उनके बदन मे तरंगे लहराने लगी मॅम की आँखे मस्ती से बंद हो गयी मैं बहुत ही धीरे धीरे से उनकी चूत मे उगली अंदर बाहर करने लगा ऋतु की साँसे जैसे ठहरने लगी थी वो काँपते हुए लहजे मे बोली बस अब मेरा कंट्रोल छूट रहा है तुम जल्दी से अपना काम स्टार्ट करो तो मैने उनकी टाँगो को चौड़ा किया और अपना लड उनकी चूत पर टिका दिया वो बोली रूको पहले कॉंडम तो लगा लो तो मैने कहा मॅम मैने आज तक कभी कॉंडम नही लगाया है तो वो बोली एक मिनट रूको वो अपने बेडरूम मे गयी और कुछ पीस ले आई और रॅपर को फाड़ कर कॉंडम को मेरे लड पर चढ़ा दिया और बोली चलो अब स्टार्ट करो तो मैने उनको वहाँ रखी कुर्सी पर बिठाया और उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए लड को चूत पे रखा
और एक धक्का लगाया पहले मे ही मुझे समझ मे आ गया कि रास्ता टाइट है तो दुबारा कोशिस की तो टोपा घुस गया मॅम के मूह से आहह निकली और उनकी टांगे थोड़ा उपर को हो गयी जिस से मुझे और भी आसानी हो गयी लड तो चूत को महसूस करते ही बेकाबू हो गया और अगले ही पल आधा लड ऋतु की चूत मे था मेरे हाथ उनकी जाँघो पर कस गये और मैं अपने लड हो और अंदर सरकाने लगा मॅम बोली ओह!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! माआआआआआआआआआआआआआ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आज तो कई दिनो बाद लड अपने अंदर लिया है मज़ा ही आ गया है मैं बोल पड़ा मॅम मेरा भी हाल ऐसा ही कुछ है ये तो आपकी मेहरबानी है वरना इधर तो अपने हाथ से ही इसको घिसना पड़ता है
वो बोली पर अब तो हम एक दूजे का सहारा है ना और अपने होंठो को आपस मे रगड़ने लगी मैने लड को बाहर तक खींचा और झटका मारते हुए वापिस चूत की गहराइयो मे उतार दिया ऋतु की चूत का छेद थोड़ा सा फैल गया अब मैं उनकी टाँगो को पकड़े उनको चोदने लगा दनादन धक्के लग रहे थे उनकी चूत पे मॅम पूरी तरह से मस्तानी हो गयी थी तेज तेज धक्को की वजह से कुर्सी थोड़ा सा पीछे की तरफ सरक गयी तो मुझ वो पल याद आ गया जब सरोज को चोद रहा था तो कुर्सी टूट गयी थी तो मैने उनको खड़ा किया और टेबल पर झुका दिया और पीछे से अपने लड को चूत पर सटा दिया मैने अपने दोनो हाथ उनके बोबो पर रख दिए और उनको दबाते हुए ऋतु की मारने लगा उनके कानो से पसीना बह चला जिसे मैने अपनी जीभ से चाट लिया मैं बीच बीच मे उनके गालो को भी चूम लेता था
हमारे दोनो के शरीर पूरी तरह से चिप चिपे हो गये थे पर उन्माद तो जारी था चूत से रिस्ता कामरस उनकी जाँघो तक बहता हुआ आ चुका था मॅम की चूत तो जैसे नलका बन गयी थी थप थप की आवाज़ ही आ रही थी बस मॅम की टांगे अब कांप ने लगी थी वो अब थोड़ा सा और झुक गयी तो लड अब सरपट सरपट चूत मे अंदर बाहर होने लगा था उनको चोद्ते हुए आधा घंटा होने को आया था पर वो भी मेरे साथ साथ ही लगी हुई थी मैं बहुत बेदर्दी से उनके बोबो को दबाए जा रहा था तभी उनका शरीर थरथराने लगा और वो अपने चरम को पाने लगी मैने उनकी कमर को कस कर पकड़ लिया और बेहद तेज़ी से उनकी चूत मारने लगा मस्ती का आलम उन पर इस कदर था कि उनके होश गुम हो गये थोड़ी देर बीती थी कि मेरे बदन मे भी कंपकंपी होने लगी और मैं भी झड़ने लगा
जब खुमार उतरा तो मैने लड को बाहर निकाला कॉंडम पूरी तरह से चूत के पानी से भीगा हुआ था जब मैं कॉंडम को उतार रहा ही था तो ऋतु ने उसको ले लिया और अपने वाइन के ग्लास मे मेरे सारे वीर्य को उडेल दिया और उसमे फिर थोड़ी सी शराब और मिलाई और बरफ का टुकड़ा डाल कर उसको किसी ड्रिंक की तरह से सीप लेते हुए पीने लगी फिर उन्होने अपना ड्रिंक फिनिश किया और अपनी गान्ड को मतकाती हुई बाथ रूम मे चली गयी मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया उन्होने शवर ऑन कर लिया था और अपने बदन को टपकती हुई बूँदो के हवाले कर दिया उकी चूचियो से बहता हुआ पानी उनके पेट से होते हुए उनकी चूत से होकर टाँगो पे गिर रहा था मैं भी जाकर उनसे चिपक गया मेरा लड उनकी जाँघो मे घुस गया
मैने उनको थॅंक्स कहा मुझपर अपनी जवानी लुटाने के लिए वो बोली इसमे मेरा भी तो फ़ायदा हुआ है फिर काफ़ी देर तक हम एक दूसरे के अंगो को मसल्ते हुए हम नहाते रहे नहाने के बाद हम उनके बेडरूम मे आगये वो अपने गीले बालो को पोंछ रही थी तो मैने कहा बाल खुले ही रखना मुझे खुले बाल बहुत अच्छे लगते है तो वो मुस्कुरा पड़ी और मुझे कहने लगी कि तुम बड़े ही इंट्रेस्टिंग पर्सन हो अच्छा लगा तुम्हारे साथ रहकर तो मैने कहा मुझे भी………..
मॅम बोली एक काम करो फ्रिड्ज से एक पानी की बॉटल ले आओ जब मैं बॉटल लेने गया तो मुझे एक बॉक्स मे कुछ पेस्ट्री रखी मिली तो मैं उस बॉक्स को अपने साथ ले आया
मॅम बोली तुम्हे ये खानी है क्या तो मैने कहा खानी तो है पर ऐसे नही खाउन्गा तो वो बोली फिर कैसे खाओगे तो मैने पेस्ट्री की उपर की क्रीम उनके मूह पर लगा दी पूरे गालो और होंटो पर और फिर उसको चाटने लगा वो बोली तुम तो बड़े ही नॉटी हो और फिर हमारे होंटो एक होगये इस किस का वर्णन में शब्दो मे कर ही नही सकता बस जेहन मे एक याद है बहुत ही क्रीमी किस था वो उपर से वो पेस्ट्री की मिठास मज़ा ही आ गया फिर मैने उस पूरी क्रीम को अच्छे से चाट कर सॉफ कर दिया फिर मॅम बेड पर आ गयी तो मैने एक पेस्ट्री और उठाई और उनकी चूत पर अच्छे से रगड़ दिया पूरी चूत क्रीमी क्रीमी हो गयी तो मैं अब उल्टी तरफ हुआ 69 की तरह और उनके उपर आके अपने मूह को उस पेस्ट्री से भरी हुई चूत पर लगा दिया
और मज़े से उसको खाने लगा दूसरी तरफ मेरा लड उनके मूह पर टकरा रहा था जल्दी ही ऋतु की चूत अपना पानी छोड़ने लगी जो पेस्ट्री मे मिक्स होने लगा मैं तो पूरे मज़े से लगा हुआ था उनकी चूत मे फिर से खुजली शुरू हो गयी थी तो मैने उनकी चूत की पंखुड़ियो को थोड़ा सा हटाया और अपनी जीभ अंदर सरका दी मॅम की तो हालत टाइट हो गयी उहोने आव देखा ना ताव और मेरे लड को अपने मूह मे डाल लिया अब हम दोनो एक दूसरे के अंगो से खेल रहे थे ऋतु अपनी जीभ से मेरे सुपाडे को पी रही थी मुझे तो बहुत ही ज़्यादा आनंद आ रहा था इधर मेरी पूरी जीभ उनकी योनि मे घुसी पड़ी थी 15 मिनट तक हम दोनो ऐसे ही लगे रहे फिर मैं उनके उपर से हट गया पास रखी पानी की बॉटल को अपने हलक मे उडेल लिया
ना जाने क्यू सेक्स करते टाइम या करने के बाद मुझे प्यास बहुत लगती थी जब मैं पानी पीकेर पलटा तो मैने देखा कि ऋतु घोड़ी बन चुकी थी उसके हिलते हुए चूतड़ मुझे निमंत्रण दे रहे थे तो मैने उनके चुतडो पे दो चार किस किए और एक बार फिर अपने लड को चूत पर लगा दिया और पहले झटके मे ही पूरा लड अंदर डाल दिया और लगा अपनी कमर हिलाने को मॅम की सिसकारिया अबकी बार और भी तेज थी वो बस आ आआआआआआआआआआआहह आआआआआआआआआआआहह कर रही थी अबकी बार वो खुद भी अपनी गान्ड को मटका रही थी चुदाई पूरे शबाब पर चल पड़ी थी उनकी पतली कमर पे मैने अपने हाथ रखे और उसको सहलाते हुए मैं उनको चोदे जा रहा था
उनकी कमर बहुत ही ज़्यादा चिकनी थी मैं बोला कसम ख़ाके कहता हू आप तो मॅम बहुत ही ज़्यादा गरम औरत हो तो वो बोली गरम तो हू मैं अब ज्यो ज्यो उनकी चूत पर धक्के मारता त्यो ही उनके चुतडो पर थप्पड़ भी लगा देता उनके गौरे चूतड़ लाल हो गये टमाटर के जैसे टाइम बीते जा रहा था हम अपने काम मे लगे हुए थे हम दोनो चुदाई के सागर मे गहरे उतर गये थे मैं अपने दाँत भिचे हुए लगा था उनको चोदने तभी वो बोली थोड़ी स्पीड और तेज करो मैं बस जाने ही वाली हू तो मैने कहा मैं भी जाने वाला हू और पूरी ताक़त लगाते हुए चूत मारने लगा दो मिनट बाद ही वो आगे की ओर पसर गयी और झड़ने लगी चूत एक दम गीली हो गयी थी ठीक उसी पल मेरे लड ने भी लावा उगल दिया और उनकी चूत को भर दिया
जब आख़िरी बूँद भी झाड़ गयी तो मैने अपने लड को बाहर निकाला और मॅम की ब्रा से पोंछ दिया थोड़ी देर लेटने के बाद वो उठी और बाथरूम मे घुस गयी मैने अपने कपड़े पहने और बेड पर ही बैठ गया वो आई और कहने लगी तुमने तो पूरी जान ही निकाल दी और मेरे सर को थप थपा दिया फिर बोली भूक लग आई है मैं कुछ बनाती हू तो दस मिनट मे ही वो मैगी बना लाई फिर हम एक ही बोवल से खाने लगे दोपहर ढल चुकी थी तो मैने कहा मॅम अब मैं चलु तो उहोने कहा कि अपना मोबाइल नंबर तो दे दो तो मैने उनको अपना नंबर दिया और वापिस होस्टल आ गया
अरदली की ड्यूटी कर रहा था तो शाम को कुछ खास था नही करने को तो शॉपिंग सेंटर की तरफ घूमने चला गया और एक साइड मे बैठ कर टाइम पास करने लगा ऑफिसर्स की मेडम और लड़कियो को ताड़ रहा था मैं . हर तरफ एक से एक माल था पर जल्दी ही मेरा मन उचटने लगा तो मैने निशा का नंबर डाइयल कर दिया पर उसका फोन बंद था तो मैं हताश हो गया अगले 5 दिनो को ऋतु मॅम ने जन्नत मे बदल दिया था हर आंगल से वो मुझसे चुदि थी खैर, दिन तो ऐसे ही गुजर रहे थे ट्रैनिंग फिर से स्टार्ट हो गयी थी और एग्ज़ॅम्स भी होने ही वाले थे शेड्यूल बहुत ही बिजी हो गया था एक दिन शाम को अंजान नंबर से कॉल आया तो दूसरी तरफ से ऋतु मॅम थी उहोने मिलने की इच्छा जताई तो मैने कहा मॅम अभी तो कोई चान्स ही नही है एग्ज़ॅम तक तो बिल्कुल भी नही तो वो थोड़ा नाराज़ सा होने लगी मैने कहा मैं क्या करू आप ही बताओ आउट पास का जुगाड़ करवा दो तो वो बोली वो कोशिश करेंगी और फोन काट दिया
पर मुझे पता था कि आउट पास अब मिलेगा ही नही क्योंकि टर्म बिजी चल रही थी एक दिन घर से फोन आया कि दादी चल बसी है मुझे बहुत दुख हुआ पापा बोले कोशिश करना कि छुट्टी मिल जाए पर आर्मी हॅज़ देयर ओन रूल्स मैं उनके अंतिम दर्शन भी नही कर पाया मेरा मन बहुत ही उदास था कई बार मेरे मन मे आया कि यहाँ से भाग जाउ पर ऐसा भी नही कर पाया गुज़रते हुए वक़्त के साथ मैं भी नॉर्मल होने लगा ऋतु मॅम का थोड़ा सहारा था कभी कभी उनके साथ थोड़ा टाइम स्पेंड हो जाया करता था मिता के फाइनल एअर चल रहा था तो वो बहुत ही बिजी रहा करती थी एक दिन शाम को मैं बाहर गया हुआ था मुझे निशा की बहुत ही याद आ रही थी लास्ट टाइम उस से जब बात हुई थी जब उसने बताया था कि उसकी जॉब लग गयी है उन बातो को भी दो-ढाई महीने हो गये थे पर अब उसका फोन हमेशा स्विच ऑफ ही रहता था मैं एक रेस्टोरेंट मे बैठा था तो वहाँ एक गाना बज रहा था जो यूँ था कि “ तेरे खामोश होंठो पे मोहब्बत गुनगुनाती है ”बहुत ही अच्छा लगा वो सॉंग मुझे पर दिल मे कहीं पर थोड़ा सा दर्द बढ़ गया था जितनी फिकर मैं निशा की करता था उतनी तो मैं मिता के बारे मे सोचता भी नही था आख़िर कैसा बंधन था मेरा उसके साथ वो कौन सी डोर थी जो अनचाहे ही उस से जुड़ गयी थी मेरा मन घबराने लगा था मुझे इस बेचैनी का कुछ ना कुछ इलाज तो करना ही था अगले दिन मैं ऋतु मॅम से मिला मैने उनको कहा कि मॅम अक्सर ही मेरा मन बहुत ही घबरा जाता है उन्होने बीपी चेक किया
सब कुछ नॉर्मल ही था तो उन्होने पूछा कि कोई घर की परेशानी है तो मैने कहा नही तो उहोने पूछा कि गर्लफ्रेंड से झगड़ा हुआ है क्या तो मैने फिर से मना किया तो उन्होने फिर पूछा कि किस टाइप की टेन्षन रहती है तो मैने उनको निशा के बारे मे बताया तो वो बोली ऐसा अक्सर होताः है जब आदमी दो नावो की सवारी करता है मैं बोला मॅम मैं कुछ समझा नही तो वो बोली निशा से प्यार करते हो मैने कहा नही मॅम बिल्कुल नही तो वो बोली फिर उसकी इतनी फिकर क्यो
क्यो बस उसका ही ख़याल होता है तुम्हे जबकि तुम्हारा दिल तो मिथ्लेश के लिए धड़कता है क्यो हर बार मिता की जगह निशा होती है तुम्हारे जहन मे उनके किसी भी सवाल का जवाब नही था मेरे पास . मॅम बोली ये पानी पियो और रिलॅक्स फील करो देखो हम सब की एक इंडिविजुयल लाइफ है हम रिश्ते-नाते भी निभाते है पर हमारे जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई है ये आर्मी लाइफ जब तुम्हे तुम्हारी पहली पोस्टिंग मिलेगी तो तुमको सब समझ मे आ जाए गा प्यार, मोहब्बत सब झूठ लगने लगे गा बस रह जाएँगी तो मुट्ठी मे कुछ यादें , वो यादे जिनके सहारे तुम्हारा आगे का जीवन कटेगा तो मेरी बात मानो तो मानसिक रूप से थोड़ा मजबूत बनो क्या हुआ अगर तुम अपनी दोस्त से बात नही कर पाए, क्या हुआ अगर तुम्हे छुट्टी नही मिली यू अरे आ डॅम सोल्जर अपकमिंग ऑफीसर ऑफ दिस बॅच यू विल मेक प्राउड अस वन डे सो जस्ट बी काम आंड फर्गेट ऑल अनेक्सेसॅरी थॉट्स आंड मस्ट फोकस ऑन दट पथ विच यू हॅव चोज़न
कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो यारों, ज़िन्दगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने..
उहोने जो भी कहा था वो सोलह आने सच ही था मैं अपनी उस लाइफ को तो पहले ही छोड़ आया था फिर इतने दिन हो गये थे क्या निशा को मेरा ख्याल नही आया था वापसी मे मैं कॅंटीन गया और एक बियर ली और अपने यादो को भूलने की कोशिश करने लगा पर क्या ये सब इतना आसान था,नही मेरे दोस्त बिल्कुल नही फोज भी अजीब होती है अपने अंदर एक अलग ही दुनिया को समेटे हुए रहती है मैं सीप ले ही रहा था कि एक जवान मोबाइल पर दिल तो खोया है कही पे गाना बजाए जा रहा था ना जाने कब मेरे होंठो पे एक मुस्कान आ गयी तो मैने ऋतु मॅम को फोन किया और कहा कि मॅम क्या हम सनडे को मिल सकते है तो उहोने कहा हम क्यो नही तुम टाइम से ही आ जाना थोड़ा एंजाय भी कर लेंगे…
तो मुझ अब इंतज़ार था सनडे का जो कि दो दिन बाद आने वाला था दो दिन भी कट ही गये अब वक़्त पे किसका ज़ोर चलता है वो तो अपनी मर्ज़ी से ही चलेगा ना , तो सनडे को मैं एक दम रेडी होकर सबसे पहले शॉपिंग सेंटर गया और कुछ रंग और पेपर्स खरीदे उनको एक फोल्डर मे पॅक किया और मॅम के घर पहुच गया मैने घंटी बजाई तो उहोने गेट खोला आज तो बड़ी ही टिप-टॉप लग रही थी वो जीन्स और टॉप मे एक दम गजब पीस , मैं अंदर गया तो उन्होने पूछा कॉफी पियो गे तो मैने मना कर दिया मैने कहा मॅम यहाँ का सफ़र तो अब पूरा ही हो गया समझो अब कुछ दिनो मे देहरादून जाना है बाकी बची ट्रैनिंग के लिए पर जाने से पहले आपको एक गिफ्ट देना चाहता हू तो मैने कहा मैं आपकी एक पैंटिंग बनाना चाहता हू और उनको बाहर झूले पर बिठा दिया
मैं काफ़ी देर तक रंगो से खेलता रहा पर चेहरे पे एक चमक भी थी कोई एक डेढ़ घंटे के अथक प्रयास के बाद मेरा काम ख़तम हुआ तो मॅम उठ कर मेरे पास आई और उस तस्वीर को देखने लगी वो बोली अरे वाह!!!! तुम तो बड़े छुपे रुस्तम हो क्या मस्त तस्वीर बनाई है मॅम बोली इसको मैं फ्रेम करवा कर दीवार पर लगाउन्गि फिर मैं अपने हाथ धोने बाथरूम चला गया जब मैं वापिस आया तो मॅम अपने टॉप को निकाल रही थी उहोने ब्रा नही पहनी तो टॉप उतरते ही उनके उभार आज़ाद हो गये और नीचे की ओर लटक गये उनकी नंगी पीठ पर जब मैने अपने होंठ रखे तो वो कसमसा गयी और बोली फक मी टिल माइ लास्ट ब्रेत तो मैने कहा जी और अपनी उग्लिया उनकी जीन्स के अंदर घुसा दी और उनकी योनि को उपर से ही मसल्ने लगा
दूसरी तरफ मैं उनकी पीठ को चूमे जा रहा था ऐसा लगा जैसे मलाई घुल रही हो मेरे मूह मे फिर मैने उनकी जीन्स के बटन को ढीला किया और जीप खोल दी मॅम ने अपने चूतड़ मच्काये और जीन्स उनके घुटनो तक सरक गयी रेड कलर की जैल दार पेंटी ने उनके सौदर्य को और भी बढ़ा दिया था मैने कहा आपकी ये पैंटी तो बहुत ही अच्छी है इसमे तो आप एक दम जबरदस्त लग रही है तो वो बोली तुम्हे ये पसंद आई मैने कहा बहुत फिर वो मुझसे दूर हटी और अपनी जीन्स को निकाल दिया तो मैने उनको गोदी मे लिया और बेडरूम मे ले आया वास्तव मे आज वो कुछ ज़्यादा ही सुंदर लग रही थी
मैने उनके बालो मे लगी हुई पिन को निकाल दिया तो उनके बाल फिसलते हुए उनके कुल्हो तक आ गिरे ऋतु कहने लगी कि यार तुम्हारा अंदाज बिल्कुल हट कर है जो भी तुम्हारी वाइफ बनेगी वो बहुत ही लकी होगी तो मैने कहा मॅम ऐसी कोई बात नही है बस जो मुझे अच्छा लगता है वो ही करता हू वो बोली मैं तो तुम्हारी फॅंटेसी की कायल हो गयी हू काश मेरे पति तुम्हारे जैसे होते तो मेरी लाइफ सेट थी
उनका बीपी हाइ हो गया तो अब लगी मुझे गलियाँ बकने बहुत देर तक वो मुझे बकती रही मैं चुपचाप सुनता रहा जब वो कुछ शांत हुई तो मैं तुरंत ही वहाँ से भाग चला और सीधा घर आकर ही रुका मेरी गान्ड तो मर ही गयी थी मुझे बदहवास सा देखकर चाची पूछने लगी कि क्या हो गया तो मैने उको सारी कहानी बता दी वो बोली बेटा अब तो तू गया हम भी तुझे नही बचा सकते कोई दो घंटे बाद वो घर आई पर कुछ जिकर ना किया मुझे थोड़ी शान्ती मिली पर डर था कि कही पापा को कुछ ना बता दे माहौल काफ़ी टेन्षन वाला था रात को खाने तक सब ठीक ही था जब मैं सोने के लिए जा रहा था तभी पापा ने मुझे अपने कमरे मे बुलाया मैं अंदर जाके गर्दन झुका कर खड़ा हो गया तो उहोने कहा कि तेरी मम्मी ने आज तेरी शिकायत की है
मैं चुप ही रहा तो वो बोले बेटा ये जो हरकत तूने की है वो कही से भी माफी लायक नही है अब तू बरा बर का हो गया है तो क्या तुम्हे मारु बस इतना ही कहना चाहता हू कि अभी थोड़े मेच्यूर हो जाओ औरा आगे से ऐसा कोई काम मत करना जिस से तुम्हारी और परिवार की बदनामी हो माना कि तुम जवान हो पर थोड़ा कंट्रोल करो जैसे ही तुम्हारी पोस्टिंग होगी हम तुम्हारी शादी करवा देंगे पर तब तक तुम्हारी ऐसी कोई भी शिकायत नही आनी चाहिए मैने उनके पाव पकड़ लिए और माफी माँग ली वैसे भी मुझे दो दिन बाद जाना था तो दो दिन मैने घर पे ही काटे मम्मी तो मुझे दुश्मनो की तरह ही समझने लगी थी वो हर पल मेरे पिछे ही लगी रहती थी तो मैं भी शांत ही रहा दो दिन भी निकल गये और मैं अपनी जिंदगी को घिसने फिर से खडकवास्ला आ गया
वापिस आकर दो हफ्ते बहुत ही टाइट गुज़रे पर फिर धीरे धीरे मैं माहौल मे रंग ही गया समय अपनी गति से दौड़ता ही रहा मैने नया फोन खरीद लिया था तो दोस्तो से बाते भी होती ही रहती थी पर मैं अपने घर कम ही फोन करता था हफ्ते मे दो बार निशा की चिट्ठिया आ जाया करती थी कभी कभी मिता भी मेहरबानी कर दिया करती थी कुल मिला कर लाइफ कट ही रही थी कभी आउट पास मिल जाता तो दो- चार बॉटल बियर शाइर टिका दिया करते थे कभी कभी ऑफिसर्स की मॅडमो और लड़कियो को देखकर लड मे जोश आ जाता तो मुट्ठी ही मार लेता था इसी तरह से गान्ड घस्ते हुए मौसम बदल ता रहा और एक साल और गुजर गया अब बस 6 महीने और थे फिर हमे एनडीए देहराडू मे शिफ्ट होना था
हमारे ट्रैनिंग हवलदार ने एक दिन बताया कि अबकी बार टुकड़ो मे कॅडेट्स को 20 दिन की छुट्टी मिलेगी जो जाना चाहता है अपना नाम लिखवाओ हालाँकि मेरी भी इच्छा थी पर ना जाने क्यो मैने मना कर दिया और अकॅडमी मे ही रह गया 75-80% अकॅडमी खाली ही थी अब कुछ दिनो के लिए सुबह ड्रिल के बाद ज़्यादातर टाइम मैं खाली ही रहता था बस तीन टाइम मेस मे खाना खाना और सो जाना ये ही लाइफ थी एक दिन मेजर साहिब ने मुझे बुलाया और कहा कि अगर तू कहे तो मैं तेरी अरदली की ड्यूटी लगवा दूं कुछ दिनो के लिए तो तेरा टाइम भी ही पास हो जाएगा और कुछ एक्सपीरियेन्स भी हो जाएगा तो मैनें कहा कि जैसा आप ठीक समझे सर तो अगले दिन उन्होने मुझे दुबारा से बुलवाया और कहा कि तुम कॅप्ट.डॉक्टर. ऋतु चौहान के पास चले जाओ
दो हफ्ते तक उनके सूपरविषन मे काम करोगे और उन्होने लेटर इश्यू करके मुझे दे दिया मैने उनको एक जोरदार सल्यूट ठोका और साइकल उठा कर एमएच की तरफ आ गया वहाँ आकर ड्र. ऋतु के बारे मे पूछा तो पता चला कि वो सर्जिकल वार्ड मे मिलेंगी तो मैं वहाँ गया उको सल्यूट किया और अफीशियल लेटर उनको दे दिया उहोने मुझे उपर से नीचे तक देखा और कहा कि तुम बाहर स्टूल पर बैठो और मेरा वेट करो कोई एक घंट बाद वो आई और मुझे अपने साथ ले लिया तो मैने कहा मॅम मैं अपनी साइकल ले आउ तो उहोने हम कहा फिर हम पैदल ही उनके घर की तरफ चल पड़ा क्या मस्त घर था उका बाहर एक छोटा सा बगीचा था जिसमे तरह तरह के फूल थे स्टॅंड पर एक तोता भी था मैने कहा मॅम आपका घर तो बहुत ही सुंदर है
तो उहोने कहा जब तुम्हारी पोस्टिंग हो जाएगी तो तुमको भी ऐसा ही घर अलॉट हो गा मैं थोड़ी देर के लिए सपनो की दुनियाँ मे खो गया फिर उहोने कहा कि जाओ मेरे लिए एक ग्रीन टी बना कर लाओ तो मैने मूर्खो की भाँति कहा कि मॅम ये को सी चाइ होती है तो वो बोली तुम्हे ग्रीन टी के बारे में नही पता तो मैने कहा जी मैने तो नाम ही आज सुना है तो उहोने कहा चलो कोई बात नही आज मैं ही तुमको बनाकर पिलाती हू वो किचन मे चली गयी और मैं बाहर ही बैठ गया थोड़ी देर बाद वो दो कप लेके आई और हम साथ साथ ही चाइ पीने लगे उसके बाद वो बोली मैं शॉपिंग जा रही हू तब तक तुम घर की सफाई कर्लेना मैने कहा ऑर्डर पूरा हो जाएगा वो चली गयी काम कुछ ज़्यादा नही था सफाई करने के बाद मैं बाथरूम मे गया
और अपने हाथ मूह धोने लगा तो मेरी नज़र मॅम की ब्रा और पेंटी पर पड़ी इतनी सिल्की लिंगेरिएस मैने आज से पहले नही देखी थी मैं उनकी कच्छि को सुघने लगा एक अजीब सी महक आ रही थी उसमे से मेरा लड तन गया तो मैने अपने लड को बाहर निकाल लिया और उनकी कच्छि पर रगड़ने लगा मुझे थरक चढ़ गयी मैने आव देखा ना ताव और मुट्ठी मारने लगा थोड़ी देर बाद मैने अपना पानी कच्छि पर ही छोड़ दिया मेरे गाढ़े पानी से कच्छि भीग गयी तो मैने उसको तह किया और वापिस रख दिया और बाहर आके बैठ गया मैं सोच विचार करने लगा कि अगर मॅम पट जाए तो यहाँ पे भी चूत का जुगाड़ हो जाएगा और सोचा-विचार करने लगा उको आते आते शाम हो गयी थी तो जैसे ही वो आई उन्होने मुझे ऑफ किया और मैं वापिस होस्टल आ गया
अगले दिन मैं फिर से उनकी खिदमत मे हाजिर था दोपहर तक हम एमएच मे ही रहे फिर उन्होने कहा अरे तुमने लंच किया या नही तो मैने कहा अभी नही हुआ मॅम तो वो बोली कोई बात नही आओ घर चलते है फिर साथ ही करेंगे तो मैने कहा आप कष्ट मत करो मैं मेस मे खा लुगा पर उन्होने फोर्स किया तो मैं मना नही कर पाया कोई तीन बजे मैं उनके साथ लंच कर रहा था कुछ देर तक बस चम्मच-प्लेट की ही आवाज़ आती रही फिर आचनक ही उहोने पूछा कि कल उनकी पेंटी से मैने छेड़ छाड़ की थी ना उनके पूछते ही मेरा नीवाला गले मे ही अटक गया और मुझे खाँसी आ गयी उहोने मुझ पानी का गिलास दिया दो घूँट लेने पे थोड़ा कंट्रोल हुआ कुछ देर चुप रहने के बाद उहोने फिर कहा तुमने मेरे सवाल का जवाब नही दिया
तो मैने कहा जी मॅम वो ओूऊऊऊऊऊ तो उहोने मुझे रोका और कहा कि तुम शांत हो जाओ मैं तुम्हारी मनोदशा समझ सकती हू हम ऐसी ही सर्विस मे है टाइम पर छुट्टी नही मिल पाती है घरवालो से दूर रहते है फिर कुछ फिज़िकल नीड्स भी होती है पर इसका ये मतलब नही कि हम किसी के भी अडरवेर्ज़ को खराब करे है ना तो मैने उनको सॉरी कहा तो वो थोड़ी फ्रेंड्ली होते हुए बोली कोई बात नही फिर उहोने मुझे खाना खाने को कहा लंच करने के बाद हम गॅलरी मे बैठे थे तो उन्होने पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है तो मैने कहा मॅम है तो पर ना के बरा बर ही है तो वो पूछने लगी तो मैने उनको मिता के बारे मे बताया तो उन्होने डाइरेक्ट्ली ही पूछ लिया है कि क्या तुमने उसके साथ सेक्स भी किया है
तो मैने कहा मॅम उसके साथ तो नही पर मैं काफ़ी बार सेक्स कर चुका हू तो मॅम मेरी पर्सनल लाइफ के बारे मे और जानकारी लेने लगी उन्हे बहुत इनेरेस्ट हो रहा था मुझसे बात करते करते बार बार उनका हाथ अपनी जाँघो पर जा रहा था वो कहने लगी कि लगता है कि तुम्हे मेच्यूर लॅडीस ज़्यादा ही पसंद है तो मैने कहा ऐसा नही है मॅम अब जो भी मिल जाए वो ठीक ही है तभी उन्होने पूछा मैं तुम्हे कैसी लगती हू तो मैने कहा आप भी अच्छी है तो उन्होने कहा अच्छी या ……………………………………………………………… फिर उन्होने कहा कि उस टाइम तुमने मेरी पेंटी मे मास्टरबेट किया तो मेरी ही फॅंटेसी की होगी तुमने तो मैने कुछ नही कहा उन्होने फिर पूछा तो मैने धीरे से कह दिया जी मॅम उनके गाल गुलाबी हो गये वो मेरे पास आई
और बोली अगर तुम्हारी फॅंटेसी सच हो जाए तो ????????????????????????????????????????????????????????????????????????
तो मॅम मेरी तो लाइफ बन जाएगी तो उन्होने मुझे कहा कि अभी तो शाम हो गयी है अभी तुम लाइन मे जाओ और कल सुबह ही आ जाना मैं घर पर ही रहूंगी तो मैं वापिस आ गया और अगले दिन का इंतज़ार करने लगा खाली टाइम था तो मोबाइल ऑन किया ऑन करते ही निशा का मेसेज आया कि कॉल मी तो मैने उसको फोन किया तो वो बड़ी ही खुश लग रही थी किसी कोयल की तरह चहक रही थी वो मैने कहा यार बात तो बता दे तो उसने कहा कि उसकी जॉब बॅंक मे लग गयी है सुबह ही रिज़ल्ट आउट हुआ है ये सुनकर मुझे बहुत ही खुशी हुई तो उसने कहा जल्दी से छुट्टी लेकर आजा फिर जम कर पार्टी शार्टी करेंगे
तो मैने उसको बताया कि यार मैने तो इस टर्न की छुट्टिया जानकार ली ही नही काश तूने कुछ दिन पहले बताया होता तो मैं अड्जस्ट कर लेता अब तो मुश्किल ही होगा तो वो थोड़ी उदास हो गयी बहुत लंबी बात चलती रही हमारी मुझे तो बहुत ही खुशी हुई थी अगले दिन मैं शॉपिंग सेंटर गया और मिठाई खरीद के लाया और अपने साथियो को बाटी फिर मैं मेजर साहिब के ऑफीस गया और उनको प्रोटोकॉल दिया और उनको भी मिठाई दी फिर मैं नहा धोकर ऋतु मॅम की क्वॉर्टर पर चल पड़ा जाते ही उनको एक जोरदार सल्यूट मारा वो एक गाउन पहने हुई थी पतला सा जिसमे से उनका यौवन बाहर निकलने को बेताब सा हो रहा था मैने सबसे पहले उनका मूह मीठा करवाया तो वो बोली ये मिठाई किस खुशी मे तो मैने उनको पूरी कहानी बताई
तो उहोने कहा कि अच्छा तुम्हारी गर्लफ्रेंड की जॉब लगी है ये तो बड़ी ही अच्छी बात है फिर हम अंदर चले गये मॅम सोफे पर टाँग पर टाँग चढ़ा कर बैठी थी पतले से गाउन मे उनकी जंघे सॉफ नुमाया हो रही थी मॅम बोली क्या देख रहे हो तो मैने कहा आप बहुत ही सुंदर है तो वो हँसने लगी थोड़ी देर बाद उहोने कहा ड्रिंक करोगे तो मैनें कहा श्योर तो उहोने फ्रिज खोला और एक विस्की की बॉटल ले आई थोड़ी ही देर मे हम दो दो पॅक टिका चुके थे वो बोली बस मैं दो पॅक से ज़्यादा नहीलूगी वरना फिर गड़बड़ हो जाएगी तो मैने कहा जी आपकी मर्ज़ी है फिर वो मेरे पास आई और मेरी टी शर्ट मे अपना हाथ घुसा के मेरे सीने को सहलाने लगी बोली तुम्हारी बॉडी तो काफ़ी मस्त है तो मैने कहा जी वो तो रेग्युलर ड्रिल होती है तो फिटनेस बन गयी है
तो उहोने कहा कि क्या तुम फॅंटेसी को रियल करना चाहोगे तो मैने कहा यस मॅम तो उहोने कहा मुझे बस ऋतु ही कहो और वो झुकी और मेरे गालो को चूमने लगी अब उन्होने पहल कर ही दी थी मैं भी पीछे कहाँ रहने वाला था मैने ऋतु को उठाया और डाइनिंग टेबल पर बिठा दिया नशे मे उनकी खुमारी और भी बढ़ने लगी थी मेडम की गौरी टाँगो को मैं चूमने लगा मॅम भावनाओ मे बहने लगी मैने उनके गाउन के बटन खोलने शुरू किए और कुछ पॅलो मे ही उसको उनके बदन से अलग कर दी फिर ऋतु की सिल्की ब्रा के उपर से ही मैने उनके बोबो को मसलना शुरू किया तो वो बोली पहले अपने कपड़े भी उतारो तो मैने फॉरन से अपने कपड़े उतारे तो
मेरे लड को भी खुल्ली हवा मे आकर सांस मिला वो गरम औरत को देख कर अपने पूरे रंग मे आ गया था जैसे ही उनकी नज़र उसपर पड़ी तो वो बोली अरे वह तुम्हारा हथियार तो बड़ा ही शानदार है मेरे हब्बी का तो इसके सामने कुछ नही है तो मैने कहा मॅम तो फिर इसको प्यार करो ना मॅम टेबल पर बैठी हुई थी और मैं खड़ा था तो उन्होने अपने हाथ को झुकाया और मेरे लड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया काफ़ी दिनो बाद किसी औरत का स्पर्श मिला था उसको तो वो और भी तनाव मे भर गया उसका गुलाबी सुपाडा और भी फूल गया तो मैने ऋतु को अपनी ओर किया और उसके लाल होंटो को पीने लगा वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी उसने अपनी जीभ आगे की तो मैने अपना मूह खोला और उसकी जीभ को मूह मे ले लिया और लगी हमारी जीबे आपस मे टकराने
उनकी रस से भरी जीभ मेरे पूरे मूह मे घुल सी गयी थी बड़े ही मज़े से मैं उनको किस करे जा रहा था उनको तो जैसे कोई परवाह ही नही थी वो तो खो ही गयी थी 10-12मिनट तक मैं बस उनको चूमता ही रहा उहोने भी मेरा पूरा सहयोग किया फिर मैं उसे अलग हुआ और उनकी ब्रा की लेस को खोल दिया तो आधा –आधा किलो के मस्त संतरे आज़ाद होकर मेरे हाथो मे आ गये ऋतु का शरीर रेशम से भी ज़्यादा मुलायम था मैने उनकी निप्पलस को अपने अंगूठे से सहलाया तो उनके मूह से एक आह निकल गयी उनके गालो पे रंगत चढ़ चुकी थी और उपर से थोड़ा ड्रिंक का नशा तो मैने उनको टेबल पर ही लिटा दिया और वाइन की बॉटल से थोड़ी शराब उनकी चूचियो पर गिरा दी जो बह कर उनकी नाभि से होती हुई पेंटी के अंदर तक चली गयी
उस सीन को देखकर मेरा लड और भी फडक उठा तो मैं उनपे थोड़ा झुका और उनकी एक चूची को अपने मूह में ले लिया निप्पल पर लगी वाइन का टेस्ट और भी बढ़ गया मैने उनका आधा बोबा अपने मूह मे ले लिया और मज़े से उनका दूध निकालने की कोशिश करने लगा ऋतु अपनी टांगे टेबल पर पटाकने लगी कामदेव का तीर ऋतु के कलेजे को बेधता चला गया ऋतु अपनी उग्लियो मे मेरे सर पर फिराने लगी मस्ती उसके रोम रोम से छलकने लगी उन्होने हाथ बढ़ा कर मेरे लड को पकड़ लिया और मेरे सुपाडे पर अपने लंबे नाख़ून रगड़ने लगी मुझे थोड़ा दर्द हुआ पर उस जोश के आगे सब कुछ फीका था बहुत देर तक मैं उनके बोबो को ही पीता रहा तो वो बोली अब बस भी करो ना मेरे बूब्स मे दर्द होने लगा है तो मैं थोड़ा नीचे सरक आया
और उनके पेट को चूमने लगा उनकी नाभि मे कंपनहोने लगा फिर मैं और थोड़ा सा नीचे हुआ और उनकी पेंटी पर अपना मूह लगा दिया और जहाँ चूत होती है वहाँ पर अपने दाँत गाढ़ने लगा नीचे से पेंटी पूरी तारह गीली हो चुकी थी जिस से उनकी चूत की शेप उस पर उभर आई थी तो मैने उनकी पेंटी को पकड़ा और उसको नीचे की तरफ सरकाने लगा ऋतु ने अपनी गान्ड को थोड़ा सा उठाया और उनका अंतिम वस्त्र भी अब अलग हो गया मैने उनकी पेंटी को कुछ देर सुघा और फिर उसको साइड मे फेंक दिया उनकी शेव की हुई पतली सी चूत मेरी आँखो के सामने थी काले रंग की चूत पर अंदर से थोड़ी गुलाबी सी थी मैने कहा आपकी शादी को कितने दिन हो गये तो उन्होने कहा 3 सालल्ल्ल्ल्ल्ल उनका स्वर काँपने लगा था मैने अपना अंगूठा उनके दाने पर रखा
और उसको कुरेदने लगा उनके बदन मे तरंगे लहराने लगी मॅम की आँखे मस्ती से बंद हो गयी मैं बहुत ही धीरे धीरे से उनकी चूत मे उगली अंदर बाहर करने लगा ऋतु की साँसे जैसे ठहरने लगी थी वो काँपते हुए लहजे मे बोली बस अब मेरा कंट्रोल छूट रहा है तुम जल्दी से अपना काम स्टार्ट करो तो मैने उनकी टाँगो को चौड़ा किया और अपना लड उनकी चूत पर टिका दिया वो बोली रूको पहले कॉंडम तो लगा लो तो मैने कहा मॅम मैने आज तक कभी कॉंडम नही लगाया है तो वो बोली एक मिनट रूको वो अपने बेडरूम मे गयी और कुछ पीस ले आई और रॅपर को फाड़ कर कॉंडम को मेरे लड पर चढ़ा दिया और बोली चलो अब स्टार्ट करो तो मैने उनको वहाँ रखी कुर्सी पर बिठाया और उनकी टाँगो को चौड़ा करते हुए लड को चूत पे रखा
और एक धक्का लगाया पहले मे ही मुझे समझ मे आ गया कि रास्ता टाइट है तो दुबारा कोशिस की तो टोपा घुस गया मॅम के मूह से आहह निकली और उनकी टांगे थोड़ा उपर को हो गयी जिस से मुझे और भी आसानी हो गयी लड तो चूत को महसूस करते ही बेकाबू हो गया और अगले ही पल आधा लड ऋतु की चूत मे था मेरे हाथ उनकी जाँघो पर कस गये और मैं अपने लड हो और अंदर सरकाने लगा मॅम बोली ओह!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! माआआआआआआआआआआआआआ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आज तो कई दिनो बाद लड अपने अंदर लिया है मज़ा ही आ गया है मैं बोल पड़ा मॅम मेरा भी हाल ऐसा ही कुछ है ये तो आपकी मेहरबानी है वरना इधर तो अपने हाथ से ही इसको घिसना पड़ता है
वो बोली पर अब तो हम एक दूजे का सहारा है ना और अपने होंठो को आपस मे रगड़ने लगी मैने लड को बाहर तक खींचा और झटका मारते हुए वापिस चूत की गहराइयो मे उतार दिया ऋतु की चूत का छेद थोड़ा सा फैल गया अब मैं उनकी टाँगो को पकड़े उनको चोदने लगा दनादन धक्के लग रहे थे उनकी चूत पे मॅम पूरी तरह से मस्तानी हो गयी थी तेज तेज धक्को की वजह से कुर्सी थोड़ा सा पीछे की तरफ सरक गयी तो मुझ वो पल याद आ गया जब सरोज को चोद रहा था तो कुर्सी टूट गयी थी तो मैने उनको खड़ा किया और टेबल पर झुका दिया और पीछे से अपने लड को चूत पर सटा दिया मैने अपने दोनो हाथ उनके बोबो पर रख दिए और उनको दबाते हुए ऋतु की मारने लगा उनके कानो से पसीना बह चला जिसे मैने अपनी जीभ से चाट लिया मैं बीच बीच मे उनके गालो को भी चूम लेता था
हमारे दोनो के शरीर पूरी तरह से चिप चिपे हो गये थे पर उन्माद तो जारी था चूत से रिस्ता कामरस उनकी जाँघो तक बहता हुआ आ चुका था मॅम की चूत तो जैसे नलका बन गयी थी थप थप की आवाज़ ही आ रही थी बस मॅम की टांगे अब कांप ने लगी थी वो अब थोड़ा सा और झुक गयी तो लड अब सरपट सरपट चूत मे अंदर बाहर होने लगा था उनको चोद्ते हुए आधा घंटा होने को आया था पर वो भी मेरे साथ साथ ही लगी हुई थी मैं बहुत बेदर्दी से उनके बोबो को दबाए जा रहा था तभी उनका शरीर थरथराने लगा और वो अपने चरम को पाने लगी मैने उनकी कमर को कस कर पकड़ लिया और बेहद तेज़ी से उनकी चूत मारने लगा मस्ती का आलम उन पर इस कदर था कि उनके होश गुम हो गये थोड़ी देर बीती थी कि मेरे बदन मे भी कंपकंपी होने लगी और मैं भी झड़ने लगा
जब खुमार उतरा तो मैने लड को बाहर निकाला कॉंडम पूरी तरह से चूत के पानी से भीगा हुआ था जब मैं कॉंडम को उतार रहा ही था तो ऋतु ने उसको ले लिया और अपने वाइन के ग्लास मे मेरे सारे वीर्य को उडेल दिया और उसमे फिर थोड़ी सी शराब और मिलाई और बरफ का टुकड़ा डाल कर उसको किसी ड्रिंक की तरह से सीप लेते हुए पीने लगी फिर उन्होने अपना ड्रिंक फिनिश किया और अपनी गान्ड को मतकाती हुई बाथ रूम मे चली गयी मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया उन्होने शवर ऑन कर लिया था और अपने बदन को टपकती हुई बूँदो के हवाले कर दिया उकी चूचियो से बहता हुआ पानी उनके पेट से होते हुए उनकी चूत से होकर टाँगो पे गिर रहा था मैं भी जाकर उनसे चिपक गया मेरा लड उनकी जाँघो मे घुस गया
मैने उनको थॅंक्स कहा मुझपर अपनी जवानी लुटाने के लिए वो बोली इसमे मेरा भी तो फ़ायदा हुआ है फिर काफ़ी देर तक हम एक दूसरे के अंगो को मसल्ते हुए हम नहाते रहे नहाने के बाद हम उनके बेडरूम मे आगये वो अपने गीले बालो को पोंछ रही थी तो मैने कहा बाल खुले ही रखना मुझे खुले बाल बहुत अच्छे लगते है तो वो मुस्कुरा पड़ी और मुझे कहने लगी कि तुम बड़े ही इंट्रेस्टिंग पर्सन हो अच्छा लगा तुम्हारे साथ रहकर तो मैने कहा मुझे भी………..
मॅम बोली एक काम करो फ्रिड्ज से एक पानी की बॉटल ले आओ जब मैं बॉटल लेने गया तो मुझे एक बॉक्स मे कुछ पेस्ट्री रखी मिली तो मैं उस बॉक्स को अपने साथ ले आया
मॅम बोली तुम्हे ये खानी है क्या तो मैने कहा खानी तो है पर ऐसे नही खाउन्गा तो वो बोली फिर कैसे खाओगे तो मैने पेस्ट्री की उपर की क्रीम उनके मूह पर लगा दी पूरे गालो और होंटो पर और फिर उसको चाटने लगा वो बोली तुम तो बड़े ही नॉटी हो और फिर हमारे होंटो एक होगये इस किस का वर्णन में शब्दो मे कर ही नही सकता बस जेहन मे एक याद है बहुत ही क्रीमी किस था वो उपर से वो पेस्ट्री की मिठास मज़ा ही आ गया फिर मैने उस पूरी क्रीम को अच्छे से चाट कर सॉफ कर दिया फिर मॅम बेड पर आ गयी तो मैने एक पेस्ट्री और उठाई और उनकी चूत पर अच्छे से रगड़ दिया पूरी चूत क्रीमी क्रीमी हो गयी तो मैं अब उल्टी तरफ हुआ 69 की तरह और उनके उपर आके अपने मूह को उस पेस्ट्री से भरी हुई चूत पर लगा दिया
और मज़े से उसको खाने लगा दूसरी तरफ मेरा लड उनके मूह पर टकरा रहा था जल्दी ही ऋतु की चूत अपना पानी छोड़ने लगी जो पेस्ट्री मे मिक्स होने लगा मैं तो पूरे मज़े से लगा हुआ था उनकी चूत मे फिर से खुजली शुरू हो गयी थी तो मैने उनकी चूत की पंखुड़ियो को थोड़ा सा हटाया और अपनी जीभ अंदर सरका दी मॅम की तो हालत टाइट हो गयी उहोने आव देखा ना ताव और मेरे लड को अपने मूह मे डाल लिया अब हम दोनो एक दूसरे के अंगो से खेल रहे थे ऋतु अपनी जीभ से मेरे सुपाडे को पी रही थी मुझे तो बहुत ही ज़्यादा आनंद आ रहा था इधर मेरी पूरी जीभ उनकी योनि मे घुसी पड़ी थी 15 मिनट तक हम दोनो ऐसे ही लगे रहे फिर मैं उनके उपर से हट गया पास रखी पानी की बॉटल को अपने हलक मे उडेल लिया
ना जाने क्यू सेक्स करते टाइम या करने के बाद मुझे प्यास बहुत लगती थी जब मैं पानी पीकेर पलटा तो मैने देखा कि ऋतु घोड़ी बन चुकी थी उसके हिलते हुए चूतड़ मुझे निमंत्रण दे रहे थे तो मैने उनके चुतडो पे दो चार किस किए और एक बार फिर अपने लड को चूत पर लगा दिया और पहले झटके मे ही पूरा लड अंदर डाल दिया और लगा अपनी कमर हिलाने को मॅम की सिसकारिया अबकी बार और भी तेज थी वो बस आ आआआआआआआआआआआहह आआआआआआआआआआआहह कर रही थी अबकी बार वो खुद भी अपनी गान्ड को मटका रही थी चुदाई पूरे शबाब पर चल पड़ी थी उनकी पतली कमर पे मैने अपने हाथ रखे और उसको सहलाते हुए मैं उनको चोदे जा रहा था
उनकी कमर बहुत ही ज़्यादा चिकनी थी मैं बोला कसम ख़ाके कहता हू आप तो मॅम बहुत ही ज़्यादा गरम औरत हो तो वो बोली गरम तो हू मैं अब ज्यो ज्यो उनकी चूत पर धक्के मारता त्यो ही उनके चुतडो पर थप्पड़ भी लगा देता उनके गौरे चूतड़ लाल हो गये टमाटर के जैसे टाइम बीते जा रहा था हम अपने काम मे लगे हुए थे हम दोनो चुदाई के सागर मे गहरे उतर गये थे मैं अपने दाँत भिचे हुए लगा था उनको चोदने तभी वो बोली थोड़ी स्पीड और तेज करो मैं बस जाने ही वाली हू तो मैने कहा मैं भी जाने वाला हू और पूरी ताक़त लगाते हुए चूत मारने लगा दो मिनट बाद ही वो आगे की ओर पसर गयी और झड़ने लगी चूत एक दम गीली हो गयी थी ठीक उसी पल मेरे लड ने भी लावा उगल दिया और उनकी चूत को भर दिया
जब आख़िरी बूँद भी झाड़ गयी तो मैने अपने लड को बाहर निकाला और मॅम की ब्रा से पोंछ दिया थोड़ी देर लेटने के बाद वो उठी और बाथरूम मे घुस गयी मैने अपने कपड़े पहने और बेड पर ही बैठ गया वो आई और कहने लगी तुमने तो पूरी जान ही निकाल दी और मेरे सर को थप थपा दिया फिर बोली भूक लग आई है मैं कुछ बनाती हू तो दस मिनट मे ही वो मैगी बना लाई फिर हम एक ही बोवल से खाने लगे दोपहर ढल चुकी थी तो मैने कहा मॅम अब मैं चलु तो उहोने कहा कि अपना मोबाइल नंबर तो दे दो तो मैने उनको अपना नंबर दिया और वापिस होस्टल आ गया
अरदली की ड्यूटी कर रहा था तो शाम को कुछ खास था नही करने को तो शॉपिंग सेंटर की तरफ घूमने चला गया और एक साइड मे बैठ कर टाइम पास करने लगा ऑफिसर्स की मेडम और लड़कियो को ताड़ रहा था मैं . हर तरफ एक से एक माल था पर जल्दी ही मेरा मन उचटने लगा तो मैने निशा का नंबर डाइयल कर दिया पर उसका फोन बंद था तो मैं हताश हो गया अगले 5 दिनो को ऋतु मॅम ने जन्नत मे बदल दिया था हर आंगल से वो मुझसे चुदि थी खैर, दिन तो ऐसे ही गुजर रहे थे ट्रैनिंग फिर से स्टार्ट हो गयी थी और एग्ज़ॅम्स भी होने ही वाले थे शेड्यूल बहुत ही बिजी हो गया था एक दिन शाम को अंजान नंबर से कॉल आया तो दूसरी तरफ से ऋतु मॅम थी उहोने मिलने की इच्छा जताई तो मैने कहा मॅम अभी तो कोई चान्स ही नही है एग्ज़ॅम तक तो बिल्कुल भी नही तो वो थोड़ा नाराज़ सा होने लगी मैने कहा मैं क्या करू आप ही बताओ आउट पास का जुगाड़ करवा दो तो वो बोली वो कोशिश करेंगी और फोन काट दिया
पर मुझे पता था कि आउट पास अब मिलेगा ही नही क्योंकि टर्म बिजी चल रही थी एक दिन घर से फोन आया कि दादी चल बसी है मुझे बहुत दुख हुआ पापा बोले कोशिश करना कि छुट्टी मिल जाए पर आर्मी हॅज़ देयर ओन रूल्स मैं उनके अंतिम दर्शन भी नही कर पाया मेरा मन बहुत ही उदास था कई बार मेरे मन मे आया कि यहाँ से भाग जाउ पर ऐसा भी नही कर पाया गुज़रते हुए वक़्त के साथ मैं भी नॉर्मल होने लगा ऋतु मॅम का थोड़ा सहारा था कभी कभी उनके साथ थोड़ा टाइम स्पेंड हो जाया करता था मिता के फाइनल एअर चल रहा था तो वो बहुत ही बिजी रहा करती थी एक दिन शाम को मैं बाहर गया हुआ था मुझे निशा की बहुत ही याद आ रही थी लास्ट टाइम उस से जब बात हुई थी जब उसने बताया था कि उसकी जॉब लग गयी है उन बातो को भी दो-ढाई महीने हो गये थे पर अब उसका फोन हमेशा स्विच ऑफ ही रहता था मैं एक रेस्टोरेंट मे बैठा था तो वहाँ एक गाना बज रहा था जो यूँ था कि “ तेरे खामोश होंठो पे मोहब्बत गुनगुनाती है ”बहुत ही अच्छा लगा वो सॉंग मुझे पर दिल मे कहीं पर थोड़ा सा दर्द बढ़ गया था जितनी फिकर मैं निशा की करता था उतनी तो मैं मिता के बारे मे सोचता भी नही था आख़िर कैसा बंधन था मेरा उसके साथ वो कौन सी डोर थी जो अनचाहे ही उस से जुड़ गयी थी मेरा मन घबराने लगा था मुझे इस बेचैनी का कुछ ना कुछ इलाज तो करना ही था अगले दिन मैं ऋतु मॅम से मिला मैने उनको कहा कि मॅम अक्सर ही मेरा मन बहुत ही घबरा जाता है उन्होने बीपी चेक किया
सब कुछ नॉर्मल ही था तो उन्होने पूछा कि कोई घर की परेशानी है तो मैने कहा नही तो उहोने पूछा कि गर्लफ्रेंड से झगड़ा हुआ है क्या तो मैने फिर से मना किया तो उन्होने फिर पूछा कि किस टाइप की टेन्षन रहती है तो मैने उनको निशा के बारे मे बताया तो वो बोली ऐसा अक्सर होताः है जब आदमी दो नावो की सवारी करता है मैं बोला मॅम मैं कुछ समझा नही तो वो बोली निशा से प्यार करते हो मैने कहा नही मॅम बिल्कुल नही तो वो बोली फिर उसकी इतनी फिकर क्यो
क्यो बस उसका ही ख़याल होता है तुम्हे जबकि तुम्हारा दिल तो मिथ्लेश के लिए धड़कता है क्यो हर बार मिता की जगह निशा होती है तुम्हारे जहन मे उनके किसी भी सवाल का जवाब नही था मेरे पास . मॅम बोली ये पानी पियो और रिलॅक्स फील करो देखो हम सब की एक इंडिविजुयल लाइफ है हम रिश्ते-नाते भी निभाते है पर हमारे जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई है ये आर्मी लाइफ जब तुम्हे तुम्हारी पहली पोस्टिंग मिलेगी तो तुमको सब समझ मे आ जाए गा प्यार, मोहब्बत सब झूठ लगने लगे गा बस रह जाएँगी तो मुट्ठी मे कुछ यादें , वो यादे जिनके सहारे तुम्हारा आगे का जीवन कटेगा तो मेरी बात मानो तो मानसिक रूप से थोड़ा मजबूत बनो क्या हुआ अगर तुम अपनी दोस्त से बात नही कर पाए, क्या हुआ अगर तुम्हे छुट्टी नही मिली यू अरे आ डॅम सोल्जर अपकमिंग ऑफीसर ऑफ दिस बॅच यू विल मेक प्राउड अस वन डे सो जस्ट बी काम आंड फर्गेट ऑल अनेक्सेसॅरी थॉट्स आंड मस्ट फोकस ऑन दट पथ विच यू हॅव चोज़न
कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दो यारों, ज़िन्दगी के शोर में खुद को सुना नहीं मुद्दतों से मैंने..
उहोने जो भी कहा था वो सोलह आने सच ही था मैं अपनी उस लाइफ को तो पहले ही छोड़ आया था फिर इतने दिन हो गये थे क्या निशा को मेरा ख्याल नही आया था वापसी मे मैं कॅंटीन गया और एक बियर ली और अपने यादो को भूलने की कोशिश करने लगा पर क्या ये सब इतना आसान था,नही मेरे दोस्त बिल्कुल नही फोज भी अजीब होती है अपने अंदर एक अलग ही दुनिया को समेटे हुए रहती है मैं सीप ले ही रहा था कि एक जवान मोबाइल पर दिल तो खोया है कही पे गाना बजाए जा रहा था ना जाने कब मेरे होंठो पे एक मुस्कान आ गयी तो मैने ऋतु मॅम को फोन किया और कहा कि मॅम क्या हम सनडे को मिल सकते है तो उहोने कहा हम क्यो नही तुम टाइम से ही आ जाना थोड़ा एंजाय भी कर लेंगे…
तो मुझ अब इंतज़ार था सनडे का जो कि दो दिन बाद आने वाला था दो दिन भी कट ही गये अब वक़्त पे किसका ज़ोर चलता है वो तो अपनी मर्ज़ी से ही चलेगा ना , तो सनडे को मैं एक दम रेडी होकर सबसे पहले शॉपिंग सेंटर गया और कुछ रंग और पेपर्स खरीदे उनको एक फोल्डर मे पॅक किया और मॅम के घर पहुच गया मैने घंटी बजाई तो उहोने गेट खोला आज तो बड़ी ही टिप-टॉप लग रही थी वो जीन्स और टॉप मे एक दम गजब पीस , मैं अंदर गया तो उन्होने पूछा कॉफी पियो गे तो मैने मना कर दिया मैने कहा मॅम यहाँ का सफ़र तो अब पूरा ही हो गया समझो अब कुछ दिनो मे देहरादून जाना है बाकी बची ट्रैनिंग के लिए पर जाने से पहले आपको एक गिफ्ट देना चाहता हू तो मैने कहा मैं आपकी एक पैंटिंग बनाना चाहता हू और उनको बाहर झूले पर बिठा दिया
मैं काफ़ी देर तक रंगो से खेलता रहा पर चेहरे पे एक चमक भी थी कोई एक डेढ़ घंटे के अथक प्रयास के बाद मेरा काम ख़तम हुआ तो मॅम उठ कर मेरे पास आई और उस तस्वीर को देखने लगी वो बोली अरे वाह!!!! तुम तो बड़े छुपे रुस्तम हो क्या मस्त तस्वीर बनाई है मॅम बोली इसको मैं फ्रेम करवा कर दीवार पर लगाउन्गि फिर मैं अपने हाथ धोने बाथरूम चला गया जब मैं वापिस आया तो मॅम अपने टॉप को निकाल रही थी उहोने ब्रा नही पहनी तो टॉप उतरते ही उनके उभार आज़ाद हो गये और नीचे की ओर लटक गये उनकी नंगी पीठ पर जब मैने अपने होंठ रखे तो वो कसमसा गयी और बोली फक मी टिल माइ लास्ट ब्रेत तो मैने कहा जी और अपनी उग्लिया उनकी जीन्स के अंदर घुसा दी और उनकी योनि को उपर से ही मसल्ने लगा
दूसरी तरफ मैं उनकी पीठ को चूमे जा रहा था ऐसा लगा जैसे मलाई घुल रही हो मेरे मूह मे फिर मैने उनकी जीन्स के बटन को ढीला किया और जीप खोल दी मॅम ने अपने चूतड़ मच्काये और जीन्स उनके घुटनो तक सरक गयी रेड कलर की जैल दार पेंटी ने उनके सौदर्य को और भी बढ़ा दिया था मैने कहा आपकी ये पैंटी तो बहुत ही अच्छी है इसमे तो आप एक दम जबरदस्त लग रही है तो वो बोली तुम्हे ये पसंद आई मैने कहा बहुत फिर वो मुझसे दूर हटी और अपनी जीन्स को निकाल दिया तो मैने उनको गोदी मे लिया और बेडरूम मे ले आया वास्तव मे आज वो कुछ ज़्यादा ही सुंदर लग रही थी
मैने उनके बालो मे लगी हुई पिन को निकाल दिया तो उनके बाल फिसलते हुए उनके कुल्हो तक आ गिरे ऋतु कहने लगी कि यार तुम्हारा अंदाज बिल्कुल हट कर है जो भी तुम्हारी वाइफ बनेगी वो बहुत ही लकी होगी तो मैने कहा मॅम ऐसी कोई बात नही है बस जो मुझे अच्छा लगता है वो ही करता हू वो बोली मैं तो तुम्हारी फॅंटेसी की कायल हो गयी हू काश मेरे पति तुम्हारे जैसे होते तो मेरी लाइफ सेट थी