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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#23
बबली ने अपनी गान्ड को और भी बाहर की तरफ उभार लिया था ताकि मैं बिना किसी रुकावट के उसकीचूत मार सकु उसकी चूत बहुत ही ज़्यादा फड़कने लगी थी मैं दनादन लगा हुआ था मैने उसके बोबो को अपनी हाथो मे दबोच लिया और उनको बुरी तरह से कुचलने लगा बबली का भी जोश बहुत ही बढ़ गया था 10-12 मिनट तक हमारा संग्राम निर्बाध गति से चलता रहा उसकी कमर की लचक सब कुछ बयान कर रही थी फिर वो हौले से बुद बुदाई कि मैं बस जाने ही वाली हूँ तो मैने दो चार जबरदस्त धक्के लगाए और अपने लंड को एक दम से बाहर निकाल लिया नीचे होते हुए अपने मुँह को उसकी चूत पे लगा दिया और अपनी जीब से चूत को रगड़ने लगा बबली मेरी जीभ का दबाव सहन नही कर पाई और मेरे मुँह मे ही झड़ने लगी


मैं उसका सारा पानी पी गया और बाद मे भी उसकी चूत को चाट ता ही रहा जब तक कि वो सूख ना गयी बबली का पूरा चेहरा पसीने से भीग गया था उसके बाल अस्त व्यस्त हो गये थे फिर मैने उसको उल्टी लिटाया और थोड़ा थूक उसकी गान्ड के छेद पे लगा दिया और बिना देर किए लंड को गान्ड मे घुसेड दिया बबली दर्द से दोहरी हो गयी और मुझे लंड बाहर निकालने को बोलने लगी पर मैने खास ध्यान नही दिया थोड़ी से देर मे ही वो नॉर्मल हो गयी और गान्ड चुदवाने लगी बीच बीच मे वो दर्दभरी मस्ती से भरपूर सिसकारियाँ भी ले रही थी कोई 5-7 मिनट तक उसकी गान्ड मारने के बाद मैं भी डिसचार्ज हो गया और अपना पानी उसकी गान्ड मे ही छोड़ दिया फिर मैं बबली से अलग हुआ और उनकी छत की मुंडेर पे बैठ गया उसने अपनी मॅक्सी पहनी और मेरे पास ही आके बैठ गयी


वो बोली तुमने तो मेरा दिल जीत लिया है तुम वादा करो जब भी इधर आओगे तो मुझसे मिलने ज़रूर आओगे तो मैने कहा आउन्गा अब मैं तुमसे दूर थोड़ी रह सकता हूँ मैं उसको और चोदना चाहता था पर उसने मना करते हुए कहा कि कल एग्ज़ॅम देने भी जाना है अभी सो जाओ बात तो ठीक ही थी फिर हम अपने अपने बिस्तरॉ मे सो गये

अगले दिन मैने सुबह ही देल्ही की बस पकड़ ली मैने बबली को बता दिया था कि मैं पेपर देने के बाद सीधा गाँव निकल जाउन्गा वो मुझे एक दिन और रोकना चाहती थी पर मैने मना कर दिया टाइम से थोड़ा पहले ही मैं एग्ज़ॅम सेंटर पे पहुँच गया था ठीक टाइम पे पेपर शुरू हुआ एग्ज़ॅम तो बहुत दिए थे पर क्वेस्चन पेपर को देखते ही ख़याल आया साला ये सवाल तो पूरे कोर्स मे देखे ही नही दो चार मिनट तक दिमाग़ को शांत किया फिर लगा पेपर हाल करने मे पेपर दो शिफ्ट मे था तो पूरा दिन ही घुला था शाम सवा 4 बजे मैं फ्री हुआ कुल मिला के ठीक ठाक ही हो गया था सारा काम शरीर मानसिक और शारीरिक रूप से तक चुका था भूख भी लग रही थी तो कुछ समोसे ही ठूंस लिए थे देल्ही की भीड़ मे धक्के खाते हुए किसी तरह सराय रोहिल्ला स्टेशन पहुँच ही गया टिकेट ली और पोने 8 बजे ट्रेन पकड़ ली ट्रेन फ़ुल पड़ी थी पर जोड़ तोड़ कर के अड्जस्ट हो ही गया कुछ मेरी ही उमर के लड़के मिल गये


तो सफ़र बात चीत करते हुए कट गया अगली सुबह मैं अपने सहर मे उतरा मन मे उमंग लिए अब सुबह सुबह टेंपो तो चलते नही थे तो चाचा को फोन किया कोई आधे घंटे बाद वो मुझे लेने आ गये घर पहुँचा रात के सफ़र की थकान तो थी ही सीधा बेड पे पड़ गया और फिर शाम को ही उठा चाची ने मुझे शरबत बना के दिया और बोली तेरी एक और चिट्ठी
आई है तेरी अलमारी मे रखी है तो तुरंत भागा मिता की चिट्ठी थी उसने लिखा था कि वो एक हफ्ते के लिए गाँव आ रही है ये न्यूज़ पढ़के मैं बहुत ही खूष हो गया मैने उसको फोन किया पर उसका फोन बंद आ रहा था अगले दो-चार दिन यू ही कट गये पर मेरा मन कही लगता ही नही था नियत समय पे मैं मिता से मिलने गया था

आज हम सहर मे रेस्टोरेंट मे मिलने वाले थे उसे देखते ही मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा बहुत देर तक हम दोनो बाते करते रहे वो बताती रही अपने कॉलेज के बारे मे पर एक बार भी ये नही कहा कि उसने मुझे कितना याद किया पर उसका साथ ही मेरे लिए बहुत था उसने पूछा तुम्हारी स्टडी कैसे चल रही है तो मैने कहा कॉलेज तो मैं कम ही जाता हूँ एनडीए के चक्कर मे हूँ तो वो हँसते हुए बोली फोजी बनोगे मुझे नही लगता तुम फौज मे टिक पाओगे तो मैने कहा ऐसा क्यू वो बोली देखो बुरा मत मान ना पर तुम में वो बात नही है तुम थोड़े कूल टाइप के हो और सोल्जर्स अलग टाइप के होते है मैने कहा यार मैं तो बस ट्राइ कर रहा हूँ अगर मिल जाएगी तो देखेंगे फिर मैने कहा मिता अगर मैं आर्मी मे चला गया तो क्या तुम मुझसे शादी कर लोगि


तो वो बेफिक्री से बोली कि पहले तुम काबिल तो बनो जितनी बड़ी बड़ी तुम बातें करते हो उतना ही कुछ करो तो सही देखो बुरा मत मान ना पर अभी तक तुम सीरीयस ही नही हो कि आगे तुम्हे लाइफ मे क्या करना है घर से बाहर निकलो और दुनिया को देखो कितनी प्रतियोगिता है और तुम अपना टाइम यूँ ही खराब कर रहे हो ना जाने क्यो मुझे उसकी बात चुंभ गयी पर बंदी कह तो रही थी सौ फीसदी सही ही वो बोली प्यार करने से ही ज़िंदगी नही चला करती है मैं खामोश ही रहा फिर उसने टॉपिक चेंज कर दिया पर मुझे सोचने पे मजबूर कर दिया

पर मैं तो ठहरा मैं चिकना घड़ा कुछ देर मे ही मैं वापिस अपने मूड मे आ गया था मैं अक्सर निशा और मिता की तुलना करता रहता था ऐसे ही एक दिन मैं निशा के साथ कॉलेज कॅंपस मे था तो मैने पूछा कि निशा तुम्हे क्या लगता है क्या मैं फोजी बन सकता हूँ या नही


तो निशा बोली देखो अगर तुम मे अबिलिटी है तो ज़रूर बन सकते हो बस उस दिशा मे मेहनत करते रहो निशा हमेशा मेरा हौसला बढ़ाती रहती थी समय तो बीत ही रहा था जैसे तैसे कर के आज कल मिता से भी बात चीत कम ही हो पाती थी ऐसे ही एक शाम को मैने शीला को सिग्नल दिया और अपने पास बुला लिया मैं बोला भाभी कई दिन हो गये है तुम तो कुछ करती ही नही हो तो शीला बोली आप ही मेरी तरफ ध्यान नही देते हो और मुझे ही दोष दे रहे हो तो मैने कहा तो कब हो सकता है तो वो बोली कल दोपहर मे घर आ जाओ मैने सोचा चलो इसको ही बजा लेंगे अगले दिन दोपहर को मैं शीला के घर चला गया शीला बस नहा के निकली ही थी और ब्रा और एक पतले से पेटिकोट मे ही थी मैने उसका मेन गेट बंद किया और उसके पास चला गया


मैने उसको उस रूप मे देखा और कहा भाभी अब नही रुका जाएगा तो वो बोली अरे मुझे तैयार तो हो जाने दो मैने कहा तैयार तो तुम अब चुदने के लिए हो जाओ और उसके पेटिकोट को खोल दिया अंदर उसने कच्छि नही पहनी थी तो बस एक ब्रा का टुकड़ा ही व्यवधान कर रहा था तो उसको भी उसके बदन से अलग कर दिया और उस नंगी को ही पकड़ लिया और उसकी चूचियो को दबाने लगा शीला का गीला बदन मेरा मन मोह रहा था मैं उसके गालो से टपकती हुई पानी की बूँदो को पीने लगा शीला का काला बदन पानी की बूँदो से चमक रहा था शीला बोली कमरे मे तो चलो अंदर पहुँचते ही मैने अपने कपड़ो का त्याग कर दिया और हम दोनो नंगे पलंग पे आ गये मैने उसके काले काले होंठ अपने मुँह मे ले लिए और चम्बन करने लगा


शीला ने अपनी आँखो को बंद कर लिया थोड़ी देर बाद मैं उसके हर एक अंग को चूम रहा था शीला के बदन की गर्मी बढ़ने लगी साथ ही साथ मेरी भी मेरा लंड तो कबका तनकर उसको सलामी दे रहा था मैने उसके छोटे छोटे चुतडो को सहलाया और उसको पोज़िशन मे कर दिया काले रंग की झान्टो से भरी हुई चूत मेरे लंड को आमंत्रण दे रही थी शीला ने अपनी टाँगो को फैला लिया और कामुक इशारा करने लगी मैने अपने लंड की टोपी को उसकी चूत पे रगड़ना शुरू कर दिया काफ़ी देर तक मैं बस उसको रगड़ता ही रहा शीला की हालत खराब होने लगी वो बोली देवर जी क्यो मज़ा खराब कर रहे हो अब कर भी दो ना अंदर तो मैने कहा अभी ले भाभी और थोड़ा सा लंड अंदर डाल दिया शीला का छेद थोड़ा चौड़ा हुआ मेरे लंड को रास्ता देने के लिए .

फिर मैने पूरा लंड घुसा दिया और उसके उपर लड़ गया और शीला को चोदने लगा शीला किसी गुड़िया की तरह मुझसे लिपट गयी और अपनी गान्ड को उपर उठा उठा के अपनी चूत मरवाने लगी मैं उसकी जीभ को चुँसने लगा शीला बड़ी ही खुश हो गयी थी फिर मैने अपना मुँह हटा लिया शीला कहने लगी क्या बताऊ वो तो मुझे चोद्ते ही नही है आज तो आपने दिल खस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ही कर दिया आआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ बाआआआआआआआअहुनूउऊुुुुुुुुुुुउउ टत्त्टटटटटटटटटतत्त हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआ



आआअक्ककककककककककककककचह आआ लग रहा है बस ऐसे ही मेरे साथ करते रहो देवेर जी आप बहुत आक्कककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककककक्सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ शीला बहुत जोरो से मोन कर रही थी मैने कहा भाभी थोड़ा आहिस्ते से आवाज़ करो क्या करती हो मरवाओगि क्या तो वो बोली कौन सा मेरी आवाज़ बाहर जा रही है उसने अपने हाथ मेरी पीठ पे लगा दिए और मुझ से चुदवा रही थी आधे घंटे से भी ज़्यादा उसको चोदा और फिर चूत मे ही ढह गया उसकी लेने के बाद फटा फट अपने कपड़े पहने और अपने कमरे मे आ गाया

ओक्टोबर का लास्ट ही चल रहा था सुबह सुबह मैं अख़बार पढ़ ही रहा था कि एक पन्ने पे यूपीएससी ने एनडीए का रिज़ल्ट डाल दिया था मैं फॉरन अंदर गया अपना रोल्नंबर लिया और मिलने लगा थोड़ी देर मे मेरा नंबर मुझे मिल गया मैं तो खुशी से पागल ही हो गया था एनडीए की लिखित परीक्षा मे पास जो हो गया था सारे घर वाले बहुत ही खुश हो गये थे ताइजी ने भी मुझे बधाई दी वो तो मन मे सोच रही होंगी कि बढ़िया है फोज मे चला जाएगा तो मेरी बहू का पीछा तो छोड़ देगा मैं बहुत ही ज़्यादा खुश था मेरे पैर तो ज़मीन पे पड़ ही नही रहे थे मैने निशा को फोन किया और कहा अर्जेंट मिलना है उसने कहा कॉलेज मे ही मिलते है मैं जल्दी से तैयार हो गया और कॉलेज पहुँच गया निशा बोली जो कहना है जल्दी कहो मेरा इंपॉर्टेंट लेक्चर है आज तो मैने कहा ठीक है मैं इंतज़ार कर लेता हूँ तो वो अपनी क्लास मे चली गयी एक घंटे बाद वो फ्री हुई तो मैने उसको बताया कि मेरा एनडीए एग्ज़ॅम पास हो गया है निशा ने मुझे बधाई दी तो मैने कहा चल तुझे आज पार्टी देता हूँ और फिर उसको शीतल रेस्टोरेंट ले आया.

निशा बोली तुम इतना मेरे साथ मत रहा करो कही मुझे तुम्हारी आदत ना हो जाए तो मैने कहा सब दोस्त तो चले ही गये है अब तुम ही तो हो तुम्हारे साथ भी ना रहूं क्या तो निशा बोली और जब तुम फोज मे चले जाओगे तब , तब मैं अकेली रह जाउन्गि तो मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा कि तुम तो हमेशा मेरे दिल मे हो कल को अगर तुम नोकरी करोगी तो क्या तुम नही जाओगी तो वो बोली हाँ ये भी है तभी मैने पूछा निशा तुम लव मॅरेज करोगी या अरेंज तो उसने कहा कि कौन मुझ काली कलूटी से प्यार करेगा अगर कही छोटी मोटी नौकरी मिल गयी तो भले ही कोई अपना ले ये सुनके मैने कहा तुम कौन से जमाने की बात कर रही हो तुम सुंदर हो फिर रंग से क्या होता है निशा थोड़ी एमोशनल हो गयी थी तो उसको थोड़ा मोरल सपोर्ट किया फिर हम वापिस गाँव आ गये दीवाली के कुछ ही दिन बचे थे कि एक शाम मैं अपने चबूतरे पे बैठा था तो डाकिया आया और मेरा लेटर मुझे दे दिया मैने खोल के देखा तो एसएसबी का कॉल था देहरादून जाना था कोई 7-8 दिन बाद तो मैने पापा से बात की जाने के बारे मे तो उन्होने कहा ठीक है मैं तेरे साथ चलूँगा और नियत दिन मैं उनके साथ अपने सेंटर पे पहुँचा गया पहली बार मिलिटरी एन्वाइरन्मेंट देखा बहुत ही अच्छा लगा पर मेरी मंज़िल तो बहुत ही दूर थी भरती प्रक्रिया शुरू हो गई थी एक हफ्ते तक सारा काम चला कभी सक्रीनिंग टेस्ट कभी पर्सनॅलिटी टेस्ट फिर फिज़िकल फिटनेस टेस्ट हर एक टेस्ट के साथ साथ कॅंडिडेट्स कम होते जा रहे थे लास्ट मे हम कुछ ही बचे थे हमारे सेंटर पे लास्ट दिन भरती ऑफीसर ने हमे बुलाया और कहा कि आपका सारा काम हो चुका है अब आप लोग वापिस जा सकते हो पंद्रह- बीस दिन मे फाइनल लिस्ट लग जाएगी अख़बार मे रिज़ल्ट आ जाएगा और यदि किसी के यहाँ अख़बार ना पहुँचता हो तो वो यूपीएससी की साइट से भी रिज़ल्ट देख सकता है फिर मैं बाहर आया और पापा को सारी बात बताई तो वो बोले बेटा मुझे लगता है कि तुझे ये नोकरी मिल ही जाएगी मैने कहा देखते है

8 दिनो तक होटेल मे रहकर मैं पक गया था मैने कहा पापा थोड़ी शॉपिंग करवा दो तो फिर हम देहरादून के फेमस पल्टन बाजार मे गये और खरीदारी की फिर हमने देल्ही के लिए ट्रेन पकड़ ली और ऐसे ही अपने गाँव आ गये निशा भी बार बार यही कहती थी कि उम चिंता मत करो तुमको पक्का ही एनडीए मे अड्मिशन मिलेगा पर मेरे दिमाग़ मे थोड़ी टेन्षन सी रहने लगी थी रिज़ल्ट को लेकर .

मुझे गीता से मिले हुए काफ़ी दिन हो गये थे लंड मे भी कुछ ज़्यादा ही खुजली हो रही थी तो मैं दोपहर को गीता के घर चल पड़ा दरवाजा खुला ही था मैं जाके पलंग पे बैठ गया गीता मुझ उलाहना देते हुए बोली आज बहुत दिनो बाद मेरी याद आई है रहते किधर हो तुम मुझे तो भूल ही गये हो तुम तो मैने उसको सबकुछ विस्तार से बताया तो गीता थोड़ी उदास सी हो गयी मैने पूछा तो बोली अगर तुम्हे नौकरी मिल जाएगी तो मुझको तो तुम भूल ही जाओगे मेरी जिंदगी तो फिर से सूनी हो जाएगी

मैने कहा तुम भी क्या बोलती हो मैं कोई हमेशा के लिए थोड़ी जा रहा हूँ छुट्टी मिलेगी तो वापिस भी आया करूँगा और अभी तो रिज़ल्ट वेटिंग है क्या पता मिले या ना मिले गीता बोली तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने को लाती हूँ तो मैने कहा डार्लिंग मैं तो तुमको ही खाउन्गा और गीता को पकड़ लिया गीता बोली रूको तो सही मुझे दरवाजा तो बंद करने दो गीता ने जल्दी से दरवाजा बंद किया और वही खड़ी होके अपने कपड़े उतारने लगी पहले उसने अपना लहँगा उतारा फिर ब्लाउज भी उतार दिया काले रंग की ब्रा पेंटी मे बेहद खूबसूरत लग रही थी वो फिर वो इठलाती हुई आकर मेरी गोदी मे चढ़ गयी और अपने तरसते हुए होंटो को मेरे होंटो से मिला दिया हम दोनो एक दूसरे की होंटो को चबाने लगे उसके रस से भरे मदमस्त प्यालो को मैं पीने लगा मैं अपने हाथो को पीछे ले गया और उसकी ब्रा को खोल कर फेक दिया और उसकी नंगी पीठ को सहलाने लगा


बहुत ही कोमल खाल थी उसकी एक दम नरम धीरे धीरे मैं अपने हाथो को उसके चुतडो पे ले गया और उनको मसल्ने लगा रूई के बड़े बड़े गोलो से उसके चूतड़ मैने अपने हाथ उसकी कच्छि की इलास्टिक मे डाले और गान्ड को मसल्ने लगा गीता बस मेरे होंठो को खाए जा रही थी काफ़ी देर बाद मैने उसको अपनी गोदी से उतारा वासना उसके पूरे बदन मे घर कर चुकी थी गीता ने मेरी शर्ट के बटन को खोलना शुरू किया और मेरी शर्ट को उतार दिया मैं भी गरम हो चुका था तो मैं उठा और अपनी पेंट और कच्छे को भी उतार कर साइड मे रख दिया गीता ने अपनी हाथ पलंग पे रखे और झुंक के खड़ी हो गयी मैने उसकी कच्छि को सर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर से उतार दिया और उसके चुतडो को अपने हाथो से फैला दिया हल्के हल्के बालों वाली उसकी गदराई चूत लपलपाने लगी थी मैं उसके पाँवो मे बैठा और अपने होंठ उस स्वर्ग के दरवाजे पे लगा दिए और उस नमकीन चूत का स्वाद लेने लगा गीता ने अपनी टाँगो को मेरे मुँह पे कस दिया और अपनी गान्ड को हिलाते हुए अपनी चूत को चुसवाने लगी मैने अपनी उंगलियो की सहयता से गीता की चूत को थोड़ा सा फैलाया और बड़े ही चाव से उसको चाटने लगा



गीता के बदन से गर्मी फूटने लगी थी गीता बोली बहुत दिनो बाद तुमने इस निगोडी को छुआ है आज तुम्हे ऐसे नही जाने दूँगी आज तो मुझपे अपने प्यार की बारिश करदो और इतनी करो कि मैं अपने होश खो बैठू मेरी पूरी जीभ गीता की योनि की शोभा बढ़ा रही थी गीता की काँपति टाँगो को मैने अपने हाथोसे थाम लिया था मैं उसके खारे पानी को बड़े ही चाव से चाटे जा रहा था ऐसे ही कर कर के मैं गीता की योनि को जब तक चुंस्ता रहा जब तक कि उसके अंदर से उस गरम खारे पानी का फव्वारा ना फुट पड़ा मैं गटागट उसका सारा रस पी गया फिर मैं उठा और अपने होंठ उसके होंटो से लगा दिए गीता भी मेरे होंठो पे लगे अपनी चूत के पानी को चाटने लगी बड़ा ही कामुक नज़ारा था फिर मैं पलंग पे लेट सा गया और अब गीता मेरी टाँगो के बीच आ गयी और थोड़ा सा झुकते हुए मेरे अंडकोषो को अपने मुँह मे ले लिया और उनको चूसने लगी वो बारी बारी मेरी दोनो गोलियो को किसी मिठाई की तरह खाए जा रही थी वो मेरे सबसे संवेदनशील अंगो पे अपने होंठ लगाई थी मेरे बदन मे खून ज़ोर मारने लगा कुछ देर बाद वो थोड़ा उपर हुई और मेरे लंड पे अपनी ज़ुबान का जादू दिखाने लगी

गीता बहुत ही जोश मे आ गयी थी वो लंड पे पहले थूकती फिर उसको चाट ती मुझे लगने लगा था कि आज तो ये ऐसे ही मुझे सखलित कर देगी तो मैने उसका मुँह अपने लंड से हटाया मेरी साँस उफन आई थी तो मैं उनको संभालने लगा गीता मेरी जाँघो पे चढ़ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी मेरा लंड उसकी गीली चूत पे फिराने लगा था थोड़ी देर तक उसने लंड को ऐसे ही रगड़ा फिर गॅप से उसको अपनी योनि मे उतार लिया मेरा लंड जड़ तक उसकी चूत मे घूंस चुका था मस्ती से मेरी आँखे बंद हो गयी मैने अपने सर को सिरहाने से सटा लिया अब जो भी करना था गीता को ही करना था गीता बड़े ही आराम से अपनी गान्ड को उपर नीचे करते हुए संभोग के पॅलो के आनंद को बढ़ाने लगी जब वो मेरे लंड पे उछल रही थी तो उसके बोबे मेरे मुँह से लग रहे थे तो मैने उसके एक बोबे को पकड़ा और अपने मुँह मे भर लिया


जैसे ही मैने उसको चुंसना शुरू किया तो गीता के बदन मे बिजली की तरंग दौड़ गयी उसका मज़ा दुगना होगया गीता की स्पीड अपने आप ही बढ़ती ही चली गयी कुछ देर और गीता को अपने लंड की घुड़सवारी करवाने के बाद मैने उसको हटने को कहा और उसको नीचे लिटाते हुए दुबारा से चुदाई शुरू कर दी गीता बोली वो अभी नही झड़ना चाहती तो धीरे धीरे धक्के मारो गीता मेरे सीने गालो और पूरे मुँह को चूम रही थी मैं बस ऐसे ही अपनी कमर को नाममात्र का हिला रहा था वो पूरे लंड को अपनी चूत मे लिए पड़ी थी मेरा लंड उसकी चूत की क़ैद को तोड़ने को बेताब हुए जा रहा था तो मैने उसकी टाँगो को सीधा करवाया और अब लगा उसकी मारने को उसके निचले होंठ को मैं बुरी तरह से चबाए जा रहा था हर धक्के पे पलंग ककककककककककककककचहर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर किए जा रहा था गीता तो मुझ से ऐसे लिपट गयी थी जैसे कि इस जनम मे तो अलग होगी ही नही पर हर चीज़ का अगर आगाज़ होता है तो अंत भी निस्चित ही होता है मैं बोला गीता मेरा होने वाला है तो वो बोली अंदर मत गिरना तो मैने अपने लंड को बाहर खींचा और उसकी सूंड़ी पे अपने वीर्य की धार मारनी शुरू कर दी उसका पेट बहुत ही वाइब्रट हो रहा था वीर्य गिरने के बाद मैं हान्फते हुए गीता की साइड मे ही लेट गया गीता बोली मेरा तो पूरा दम ही निकाल दिया तुमने और मुझ से चिपक गयी मैने उसके पेट पे पड़े अपने वीर्य मे अपनी उंगली लपेटी और गीता के मुँह मे डाल दी गीता उसको चुँसने लगी ऐसे करते करते मैने कई बार उसको उंगली चुसाइ और बाकी बचे को अपनी बनियान से सॉफ कर दिया फिर मैं उठा और पानी पीने लगा

गीता उठी और एक गिलास गरम दूध ले आई और मुझे दे दिया मैं दूध पीने लगा हम दोनो नंगे ही थे उसने कहा तुम इसे पियो मैं अभी आती हूँ मैनी पूछा कहाँ जा रही हो तो वो बोली पेशाब करके आती हूँ मैने जल्दी से दूध के गिलास को खाली किया और अपनी कमर को सीधा करने लगा गीता भी आ गयी थी एक दूसरे की बाहों मे बाहे डाले हम दोनो आलिंगंबध हुए पड़े थे गीता बोली आज तुम यही पे रुक जाओ ना तो मैने कहा मन तो मेरा भी है पर पहले से कोई प्लान नही बनाया तो वापिस जाना होगा पर मैं फिर आ जाउन्गा गीता बोली अगर एक रात यहाँ रुक जाओ तो मुझे भी अच्छा लगेगा मैं उसको समझाने लगा कि दिल तो मेरा भी उसपे ही लगा रहता है पर आजकल मैं बहुत ही व्यस्त रहता हूँ गीता बोली पर क्या मेरे लिए थोड़ा टाइम नही निकाल सकते मैं बोला डार्लिंग तुम समझो तो सही मैं वादा करता हूँ कि थोड़े दिन मे रात को ज़रूर आउन्गा


तो वो खुश हो गयी वो कहने लगी तुमने मुझे चुदने की ऐसी आदत डाल दी है कि बहुत मुश्किल हो गया है रात अकेले काटना तो मैने कहा किसी को पटा लो तो तुम्हारा भी जुगाड़ हो जाएगा वो नाराज़ होते हुए बोली कि मुझे समाज मे बदनामी नही करवानी है और फिर अगर एक से सेट हो भी गयी तो वो दूसरे को बतादेगा दूसरा तीसरे को बता देगा मुझे कोई रंडी नही बन ना है ज़्यादा खुजली होगी तो मूली या बैगन से काम चला लिया करूँगी पर तुम्हारे सिवा और किसी से नही चुदुन्गि मैने कहा यार मैं तो ऐसे ही कह रहा था यूँ नाराज़ मत हो और उसको अपने गले से लगा लिया उफफफफ्फ़ ये औरते भी ना गीता ने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसकी चमड़ी को नीचे करके उसको सहलाने लगी उसकी मुलायम उंगलियो के स्पर्श से मेरे लंड मे सुरूर छाने लगा


मैं बोला रानी अब तेरी गान्ड मे डालूँगा तो वो बोली पहले मेरी चूत की खाज को मिटा दो फिर चाहे तुम कुछ भी कर लेना मैने कहा अभी थोड़ी देर पहले ही तो चूत मरवाई है तूने तो वो बोली एक बार और कर्लो ना तो मैने हँसते हुए कहा चल ठीक है तेरी खुशी मे ही मेरी खुशी है गीता ने अपने चुतडो के नीचे एक तकिया लगाया और टाँगो को चोडा करके लेट गयी चूत उपर की ओर उभर आई थी गीता की योनि बहुत ही प्यारी और सुंदर थी मैं झुका और उसकी चूत को सूंघने लगा उसमे से पेशाब की गंध आ रही थी मैं खुद को रोक नही पाया और अपने होंठ उसकी चूत पे टिका दिए और उसकी चूत की पंखुड़ियो को दाँतों से काटने लगा गीता आहे भरने लगी वो बोली क्या करते हो मुझे छोड़ो ना तो मैने कहा दो मिनट रुक जा बस दो मिनट और तेज़ी से अपनी जीभ को गीता की योनि पे फेरने लगा पर वो उतावली हो रही थी


तो मैं उसकी इच्छा का मान रखते हुए उसके उपर आ गया और लंड को चूत पे लगा दिया उसने अपने कुल्हो को उपर की ओर किया थोड़ा ज़ोर मैने भी लगाया और लंड महाराज अपनी गुफा की ओर अग्रसर हो गये जैसे ही लंड अंदर गया गीता बोली अब जाके मुझे चैन आया वो बोली कितना अच्छा हो अगर हमेशा के लिए मेरी चूत मे तुम्हारा लंड ऐसे ही पड़ा रहे तो मुझे हसी आ गयी मैं बोला क्या तुम भी कुछ भी बकवास करती हो ऐसा भी कभी हो सकता है क्या वो कुछ नही बोली तो मैने अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला और एक झटके मे दुबारा अंदर घुसा दिया गीता आआआआआआआआआआआ आआआआआआआआआआअहह


करने लगी थी उसकी आँखो मे नशा उतर आया था मैं उसकी पतली सुराही दार गर्देन को चूमने लगा था गीता ने अपनी अंगो को और भी फैला लिया था जिस से मैं और भी खुल के उसकी चिकनी चूत की चुदाई कर पा रहा था मेरे बोझ से गीता का बदन दबे जा रहा था गीता बोली बस ऐसे ही मुझे प्यार करते रहो तुम नही जानते मैं कितना तड़पति हूँ जब तुम मेरे पास नही होते हो मुझे तो तुम्हारी लत लग गयी है बस ऐसे ही मुझको चोद्ते रहो उसकी बातों से मुझे भी जोश चढ़ रहा था मैने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और ताबड़तोड़ चूत मारने लगा हमारी हथेलिया आपस मे गुथ गयी थी कमरे मे बिल्कुल खामोशी छाई हुई थी किसी मुर्दाघर की तरह पर बिस्तर पे एक युद्ध चल रहा था


चूत और लंड के बीच मे जैसे ही मैं दो पल रुकता तो गीता नीचे से अपनी गान्ड उचकाने लगती थी 15-20 मिनट तक घनघोर चुदाई की मैने उसकी गीता बहुत ही ज़्यादा मस्त हो चुकी थी वासना से उसकी आँखे मुन्दने लगी थी गीता ने जोश मे आकर मेरे कान को अपने दाँतों से काटना शुरू कर दिया मेरा लंड और टटटे गीता की चूत से निकलते हुए पानी से सन चुके थे गीता अब बुरी तरह से काँपने लगी थी और फिर वो पल भी आ ही गया जब गीता कमजोर पड़ गयी उसकी चूत ने हार मान ली थी और ढह गयी थी जैसे ही गीता का काम तमाम हुआ मैने अपने लंड को बाहर निकाल लिया औ उसको उल्टी लिटा लिया और अपने चिकने लंड को गान्ड के छेद पे सटा दिया पर..............


छेद तंग होने से वो अंदर नही घूंस पा रहा था तो गीता बोली थोड़ा तेल लगा लो फिर काम हो जाएगा तो मैं झट से तेल लाया और उसकी गान्ड पे कुछ बूँद टपका दी एक बार फिर से मेरा लंड तैयार थे उसकी मस्तानी मचलती हुई गान्ड मे घुसने को अबकी बार पहले धक्के मे ही सुपाडे से थोड़ा ज़्यादा लंड अंदर पहुँच गया गीता बोली आअहह आराम सीईईईईईईईईईई दर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड हो रहा है मैने कहा क्या यार बस चला गया अंदर और एक धक्का और लगाते हुए पूरे लंड को गान्ड मे सरका दिया और बिना देर करे गान्ड मारने लगा कसम से गीता का हर छेद बहुत ही जबरदस्त था


और मुझ पर तो वो कुछ ज़्यादा ही मेहरबान थी तो मेरी तो चाँदी तो चाँदी ही थी गीता की गरमा गरम गान्ड मारके मुझे तो स्वर्ग जैसे आनंद प्राप्त हो रहा था जब जब मेरी टांगे उसके चुतडो से टकराती तो बहुत ही मज़ा आता था चूँकि मैं पहले से ही संभोग कर रहा था तो ज़्यादा देर गान्ड नही मार पाया और 5-7 मिनट बाद ही उसके चुतडो पे ही ढेर हो गया थोड़ी देर बाद मैं उठा और वहाँ रखी हुई कुर्सी पे बैठ गया गीता लेटे लेटे मुझे बड़े ही प्यार से देख रही थी

फिर मैने अपने कपड़े पहने जेब मे हाथ डाल के मोबाइल निकाला तो देखा कि 5 मिसकाल थे निशा के मैने झट से फोन मिलाया तो फोन उठाते हुए निशा मुझ पे चढ़ बैठी मैने कहा मेरी माँ सांस तो ले ले और बता क्या बात है वो बोली कमिने तू है कहाँ पे कब से फोन मिला रही थी मैं तो मैने कहाकि मैं खेत मे आया हूँ वो बोली मुझे अभी तुमसे मिलना है जल्दी से घर पे आ जाओ मैने कहा यार थोड़ी देर तो लग ही जाएगी पर तू फिकर मत कर मैं आता हूँ और फोन काट दिया फिर मैने गीता से विदा ली और गाँव की तरफ हो लिया घर गया साइकल खड़ी की और सीधा निशा के घर पहुँच गया वो घर के बाहर ही बैठी थी उसने मुझे बताया कि कॉलेज का टूर जा रहा है जयपुर,अजमेर, पुष्कर घूमने के लिए 3-4 दिन का टूर है वो तो जा रही है क्या तुम भी चलोगे तो मैने कहा हाँ क्यो नही तो उसने मुझे फॉर्म दिया और कहा कि तुम टूर की फीस और ये फॉर्म जमा करवा देना फिर हम इकट्ठे ही चल्लेन्गे तुम चलोगे तो मुझे भी कंपनी मिल जाएगी तो दोस्तो एक प्लान और बन गया था अगले दिन ही मैने फॉर्म जमा करवा दिया फिर कुछ टाइम उसके साथ बिताने के बाद मैं अपने घर आ गया

घुसा ही था कि चाची बोली बेटा ये पकोडिया बनाई है जा अनिता भाभी को दे आ मैं जाउन्गि तो काफ़ी देर लग जाएगी मैं ताइजी की वजह से जाना तो नही चाहता था पर फिर चला ही गया गेट खडकाया तो भाभी ही थी मैने उनको डिब्बा दिया औ कहा चाची ने भेजा है उन्होने कहा अंदर नही आओगे क्या मैं उनको देखने लगा वो बोली चिंता मत करो घर पे कोई भी नही है तो मैं झट स अंदर गया और उनको दीवार से सटा दिया और चूमने लगा भाभी ने भी एक शानदार पप्पी दी और फिर अलग हो गयी मैने कहा भाभी कुछ जुगाड़ करो ना तुम्हारे बिना मरे जा रहा हूँ भाभी बोली तू कल छत पे रहियो मैं आँगन मे नहाउंगी तो तू मोका देखकर छत से कूदकर अंदर आ जाना तो मैने कहा ना भाभी रिस्क मैं नही ले सकता और कोई चान्स हो तो बताना तो वो बोली फिर तो मुश्किल ही है मैने कहा कोई बात नही तकदीर मे मिलना होगा तो कोई ना कोई जुगाड़ हो ही जाएगा और वापिस आ गया


जैसे ही रात होती थी मेरी तन्हाई चली आती थी एक अजीब सी उदासी की चादर जैसे मुँहे ओढ़ लेती थी मैं समझ ही नही पाता था कि ऐसा मेरे साथ क्यो होता है कुछ तो था जो मुझसे छूट रहा था पर मैं समझ ही नही पा रहा था रात के दो बज चुके थे


मेरी आँखो मे नींद थी ही नही मैं बहुत ही परेशान हो रहा था तो मैने मिता को फोन मिलाया घंटी जाती रही पर उसने फोन पिक नही किया वैसे भी इतनी रात को कौन फोन उठता है मैं हताश हो गया थोड़ा ठंडा पानी पीया तो चैन मिला पर मन मेरा तो प्यासा ही था तो मैने निशा को फोन मिलाया दो चार बार ट्राइ करने के बाद उसने फोन उठा ही लिया और उनीदी सी आवाज़ मे बोली कि इतनी रात को फोन क्यू किया है तो मैने कहा यार मुझे पता नही क्या हो गया है एक बैचैनि से छा गयी है मेरे दिल ओ दिमाग़ मे तुम मुझसे अभी मिल सकोगी क्या तो निशा ने सॉफ सॉफ मना कर दिया बोली उसके पास मेरी फालतू बातों के लिए टाइम नही है और फोन काट दिया अब मैं क्या करू तो मैं अंदर घर गया और पापा के पास जाके सो गया माँ बाप के आँचल से बढ़कर छाँव बच्चो के लिए और कहाँ है सुबह मैं कॉलेज गया तो पता चला कि टूर फाइनल हो गया है 3 दिन बाद घूमने के लिए जाने वाले थे जब कॉलेज मे था तो कॉलेज बहुत ही भाता था पर अब मेरा दिल करता ही नही था खैर 3 दिन बीते और हम चल पड़े ग्रूप टूर पे मैं और निशा एक साथ ही बैठे थे ये मेरी जिंदगी का पहला सफ़र था जो मैं किसी लड़की के साथ काट रहा था

सफ़र लंबा था पूरी बस मे हसी ठिठोली चल रही थी बहुत ही खुशनुमा माहौल था मैने अपना सर निशा के कंधे पे टिका दिया और वॉकमॅन पे गाने सुन ने लगा सफ़र मे म्यूज़िक हो तो और भी मजेदार हो जाता है शायद मैं कुछ देर के लिए सो ही गया था फिर बस एक ढाबे पे रुकी तो सर ने कहा कि चलो हाथ-मुँह धो लो और सभी फ्रेश होके थोड़ा चाइ-नाश्ता कर लो तो हम भी नीचे उतर आए मैने अपना कॅमरा लिया और आस पास की फोटो खेंचने लगा फिर मैने निशा के लिए कुछ चिप्स और कोल्ड्रींक्स ली थोड़ा सामान और लिया मैं पैसे दे ही रहा था कि पीछे से निशा ने आवाज़ लगाई कि थोड़ी भूनी हुई मूँगफली भी ले लेना मुझे वो बहुत ही पसंद है तो मैने दो पॅकेट खरीद लिए कोई घंटे भर बाद बस फिर से चल पड़ी थी मंज़िल अभी दूर थी निशा और मैं एक गहन चर्चा कर रहे थे देर रात ढले आख़िर हम जयपुर पहुँच ही गये टाइम 10 से थोड़ा उपर ही हो रहा था थके-मान्दे हम बस से बाहर आए और अपना अपना बेग संभाला तो फिर इनस्टरक्टर ने बताया कि लड़कियो और लड़को के लिए अलग अलग रूम बुक किए है और एक रूम को 3-3 के ग्रूप मे शेअर किया जाएगा फिर हमको सीरियल के हिसाब से अपने अपने रूम अलॉट कर दिए गये
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 05-12-2020, 09:07 PM



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