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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#20
भाभी की साँसे भारी होने लगी उन्होने अपना हाथ मेरे लंड पे रख दिया और दबाने लगी भाभी ने धीरे से पॅंट की ज़िप खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और उसे खड़ा करने लगी मैने उनके घाघरे मे हाथ डाला और उनके कुल्हो को सहलाने लगा ऐसे ही सहलाते सहलाते उनकी पेंटी को घुटनों तक सरका दिया उनके हाथो के कमाल से लंड दो मिनट मे ही पूरे उफान पे आ चुका था भाभी बोली जल्दी से करो तो मैने उनके हाथो को दीवारो पे लगाया और उनको पंजो पे झुंका दिया घाघरे को कमर तक उठाया उनके गौरे चुतडो को काफ़ी दिनो बाद आज देखा था थोड़ा माँस और चढ़ गया था उनपे और बहुत ही मुलायम भी हो गये थे मैने अपने लंड पे थूक लगाया और उसे भाभी की चूत मे एक धक्के मे ही घुसेड दिया और हाथ आगे बढ़ा कर उनकी चूचियो को दबाने लगा



तो अनिता बोली थोड़ा जल्दी ही कर लेना फिर कभी टाइम मिलेगा तो तुम्हे अच्छी तरह से खुश कर दूँगी मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और लगा अपने धक्को को रफ़्तार देने लगा भाभी भी अपनी गान्ड को पीछे करने लगी कुछ ही देर मे मैं अपनी टॉप स्पीड पी आ चुका था भाभी का पूरा बदन वासना से कांप रहा था मैने उनके ब्लाउस के हूकों को खोल दिया और उनके बोबो को बाहर निकाल के उनको बलपूर्वक भींच ने लगा भाभी की चूत से रस की धारा बहने लगी थी चूत बहुत ही गीली हो गयी थी लंड बार बार फिसल रहा था तो मैं उनके पीछे से हटा और उनको खाट पे लिटा दिया और उनपे चढ़ गया भाभी ने अपने होंठो को मेरे होंठो पे रखा दिया मैं उन्हे किस करते करते चोदे जा रहा था भाभी के मुँह का थूक मेरे मुँह मे आ रहा था


भाभी तो जैसे कही खो ही गयी थी मैं बड़े ही प्यार से उनके रस से भरे होंठो को खाए जा रहा था तो भाभी बोली कि क्या कर रहे हो इन्हे सुजाओ गे क्या बस अब और मत चूँसो तो मैने अपने होंठ हटा लिए नीचे चूत और लंड एक दूसरे को हराने मे लगे हुए थे भाभी की चूत को मेरे लंड ने मस्त कर रखा था मुझे ऐसे लग रहा था कि मेरे सारे शरीर का खून बस मेरे लंड मे ही इकट्ठा हो गया हो जो बस अब खौलता हुआ लावा बन कर उनकी चूत मे बरसने को बेताब हो रहा था मैने कुछ झटके ओर मारे और फिर उनको अपनी बाहों मे कस के भींच लिया और उनकी चूत मे ही झड़ने लगा एक बहुत ही मजेदार चुदाई का अंत हो गया था भाभी ने एक बार फिर से मेरे जीवन मे प्रवेश कर लिया था फिर मैं उनके उपर से उठा उन्होने अपनी कच्छि से चूत को पोन्छा और फिर मेरे वीर्य से सनी कच्छि को ही पहन लिया

थोड़ी देर बाद मैने उन्हे साइकल पे बिठाया और घर चल पड़े रास्ते मे मैने उन्हे बता दिया था कि मैं आज कल घर के पीछे जो नया कमरा बनाया है उधर ही रहता हूँ अगर मौका लगे तो उधर भी आ जाना तो उन्होने कहा कि वो कोशिश करेंगी कुछ जुगाड़ करने का ऐसे ही प्लॅनिंग करते करते हम घर आ गये कुछ देर मे रात हो चूँकि थी मैने मामा के घर फोन किया और मामी से बात करने लगा तो उन्होने कहा कि तुम्हारे मामा छुट्टी आए हुए है लावनि के बाद हम तुम्हारे घर आएँगे मिलने के लिए मैं ये सुनके खुश हो गया क्या पता मामी को चोद पाऊ ये सोचके फिर थोड़ी देर और बात की फिर फोन रख दिया उन दीनो मेरी राते कुछ अजीब सी होती थी मुझे हर तरफ बस चूत ही चूत नज़र आती थी रास्ते मे कोई लड़की और औरत मिल जाए तो मेरी नज़र बस उसके चुतडो पे ही ठहर जाती थी



मेरी आदत खराब होती जा रही थी अगले दिन फिर से फसल काटने जाना था तो मैं जल्दी ही सो गया मैं चाचा के साथ सुबह सवेरे ही खेतो पे चला गया और काम संभाल लिया आज बिम्ला काकी भी थी हमारी मदद करने के लिए जैसे ही मोका लगा तो मैं उनके पास गया और मैने पूछा कि ककई क्या आप किसी और की दिलवा सकती हो तो वो बोली लल्ला मुझसे मन भर गया क्या तो मैने कहा ऐसी बात नही है काकी बस दिल मे किसी ऑर को चोदने की आ रही है तो वो बोली चल सोचती हूँ कुछ तेरे लिए तो मैने कहा ध्यान रखना और फिर से कटाई मे लग गया दोपहर तक सभी घरवाले आ चुके थे काम अब तेज़ी से हो रहा था मुझे भूक लग आई थी तो मैं एक पेड़ के नीचे बैठ के खाना खाने लगा तभी गीता भी आ गयी मम्मी ने उसको बुलाया था




मैने उसे नमस्ते किया वो मुस्कुराइ पर सभी घरवाले आस पास ही थे तो ज़्यादा बात भी नही कर सकता था गीता झूक के काम कर रही थी मेरी नज़र उसकी गान्ड से हट ही नही रही थी मेरा लंड ज़ोर मारने लगा पर इस समय कुछ भी नही हो सकता था किसी तरह लंड को कंट्रोल किया पूरे दिन कड़ी मेहनत की थक के चूर चूर हो गया था थ्रेसर वाला भी आ गया था तो निकली सरसो को बोरियो मे डाला और ट्रॅक्टर पे लदवा दिया अब वापिस जाना था तो मैने घरवालो से कहा आप सब लोग चलो मैं बाकी बचा छोटा मोटा काम निपटा के आउन्गा तो घर वाले ट्रॅक्टर के साथ ही चले गये अब 3 लोग बचे थे मैं, बिम्ला और गीता तो बिम्ला बोली कि लल्ला मैं भी चलती हूँ चाइ पीने का मन हो तो घर आ जइयो असल मे ये उनका इशारा था



तो मैने कहा आप चलो मैं आया गीता बोली मैं भी चलती हूँ और वो भी अपनी मदमस्त गान्ड को मटकाती हुई अपने घर की तरफ चल पड़ी उनके जाने के बाद मैने अपने कपड़े उतारे और पानी की होदि मे उतर गया एक बेहद अच्छा एहसास हुआ काफ़ी देर तक मैं नहाता ही रहा सारी थकान दूर हो गयी थी फिर मैने अपने कपड़े पहने औजारो को रखा और ताला लगा के गीता के पास चल पड़ा उसने मुझे देखा तो बोली मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे तो मैने कहा क्या करू तुम्हारे बिना मन ही नही लगता तो वो बोली क्या मैं इतनी पसंद हूँ तुमको तो मैने कहा हाँ बिल्कुल और उसकी कमर पे चिकोटी काट ली तभी मैने देखा कि उसका पूरा खेत खाली था मैने पूछा तुम्हारी फसल तो उसने कहा कि मैने अपनी खड़ी फसल को ही साहूकार को बेच दिया था पूरे 56000 का फ़ायदा हुआ है


अब इस मकान की छत को पक्की करवा लूँगी और कुछ पैसे बच गये तो एक भैंस भी खरीद लूँगी मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छा है फिर वो अपने प्लॅन्स बताने लगी मैं उसकी कमर को सहलाने लगा मैने कहा कि आज थोड़ी मस्ती हो जाए तो वो बोली वैसे तो मैं तुम्हारे लिए हमेशा ही उपलब्ध हूँ पर आज थोड़ी सी थकान हो रही है तुम तो जानते ही हो तो मैने कहा कोई बात नही फिर कभी कर लेंगे ऐसी कोई जल्दी नही है कोई आधा घंटा और बिताया उसके साथ फिर मैं घर आ गया तो चाचा बोले कि यार एक काम कर तू बाहर वाला कमरा खाली कर दे ये सरसो की बोरिया वही रखवा देता हूँ जब बेचेंगे तो आसानी होगी मैं कुछ कहने ही वाला था तो वो बोले वैसे भी गर्मिया आ गयी है तू तो छत पे ही सोया करेगा तो मैने कहा कि चाचा आप इनको ताऊजी के घर रखवा दो वैसे भी उनके 2-3 कमरे हमेशा खाली ही रहते है


मैं अपना सामान नही हटाउंगा तो वो बोले तेरी मर्ज़ी फिर हमने मिलके वो बोरिया ताऊ जी के यहाँ रखवादी मैं अपने कमरे मे जा ही रहा था तो शीला अपने गेट पे खड़ी थी मैने उसे कहा कि आज बात बन जाएगी क्या तो वो बोली करती हूँ कोशिश अगर वो पीके आए तो आ जाउन्गि मैने कहा गेट खुला ही रहे गा 11 बजे तक राह देखी पर वो आई ही नही तो मैं सो गया सुबह सुबह मैं डेली साढ़े 5 बजे मंदिर जाता था पिछले 1 महीने से मेरा नियम सा बन गया था वहाँ पे एक लड़की डेली मुझसे पानी का घड़ा उठवाती थी कुछ खास सुंदर नही थी बिल्कुल काली रंगत लिए हुए पर शरीर भरा भरा था मैं सोचता था अगर ये तैयार हो तो इसे ही चोद दूं



पर मेरी हिम्मत नही होती थी उस से बात करने की वो भी बस अपना मटका उठवाती थी इस से ज़्यादा कुछ नही होता था एक दिन मैने हिम्मत करके पूछ ही लिया कि तुम्हारा नाम क्या है तो वो बोली निशा और इठलाती हुई चली गयी कुछ दिन ऑर गुजर गये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा एक दिन की बात है उस दिन कोई इक्का दुक्का लोग ही थे मंदिर पे तो मैने उसे कहा कि निशा क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी तो उसने कहा कि वो सोच के बताएगी वो बोली मैं शाम को भी पानी लेने आती हूँ आप शाम को मिलना तो मैने कहा ठीक है मैं आ जाउन्गा दिन इसी उधेड़बुन मे कटा शाम को मैं फिर गया



पूरे 1 घंटे इंतज़ार करने के बाद वो आई तो उसने कहा कि पहले तुम बताओ की मुझस दोस्ती क्यूँ करना चाहते तो मैं तो कोई सुंदर भी नही हूँ तो मैने कहा मैं कौन सा सलमान ख़ान हूँ वो बोली आजकल के लड़के बस लड़कियो से एक चीज़ के लिए ही दोस्ती करते है मुझे उसकी साफ़गोई बहुत पसंद आई मैने कहा देखो मेरे लिए दोस्त बस दोस्त होता है तो वो बोली सभी ऐसे ही कहते है शुरू मे तो मैने कहा आजमा के देख लो वो बोली क्या थोड़ा टाइम दे सकते हो मैने कहा इंतजार करूँगा तुम्हारे जवाब का

मैने बिम्ला काकी पे पूरा दबाव बनाया हुआ था कि किसी और चूत का जुगाड़ करवा दे एक दिन उन्होने कहा की एक औरत से बात की है उनसे उमर मे तो मुझे कोई साल दो साल छोटी है पर है पूरी पटाखा पर 500 रुपये माँगे है एक बार के तो मैने कहा कि तुम मिलवा दो तो उन्होने कहा कल दुपहरी मे बुलवा लूँगी उसको तुम भी आ जाना आमने सामने बात कर लेना मैने कहा ठीक है पिछले कई दिनो से चूत नही मारी थी तो लंड भी कुलबुला रहा था मैने शीला को पकड़ लिया और बोला आज रात को अगर तूने नही दी तो तेरा मेरा रिश्ता ख़तम तो वो बोली मैं कोशिश करूँगी मैने कहा पक्का ही आ जाना बहुत दिन हो गये तुम्हे प्यार किए हुए तो शीला बोली कल इनको अपने गाँव भेजूँगी मेरे लड़के को लाने के लिए अब उसे यही पे पढ़ाउंगी अगर ये चले गये तो दो दिन बस तुम्हारे लंड को ही अंदर लिए पड़ी रहूंगी




तो मैने कहा कुछ भी करके पप्पू को भेज ही दियो बोल्ली कोशिश तो कर ही रही हूँ खैर, वो रात भी ठंडी ही निकल गयी अगली सुबह ठीक 11 बजे मैं बिम्ला के घर पहुँच गया काकी बोली वो भी बस आती ही होगी कोई 20-25 मिनट बाद एक औरत आई मैं तो उसे देखते ही रह गया कोई 38-40 की उमर की होगी पर थी पूरी पटाखा वो तो काकी से भी जबर माल थी काकी बोली ये दयावंती है मेरी पुरानी सहेली है स्पेशल तेरे लिए बुलाया है तुझे ठीक लगे तो देख ले तो मैने कहा मुझे पसंद है फिर मैने उस से पूछा कि आपको कोई परेशानी तो नही है तो उसने कहा पैसा तो पूरा मिलेगा ना तो काकी बोली तू चिंता मत कर मैने पूरी बात कर ली है तो मैं काकी को साइड मे ले गया और पूछा करूँगा कहाँ तो वो बोली तू यही पे कर ले



वैसे भी तेरे काका तो है नही फिर कोई आएगा तो मैं संभाल लूँगी 2-3 घंटे तू मौज कर तो मैने उनको किस किया और थॅंक यू कहा
दयावंती पहले ही कमरे मे आ गयी थी मैने उसको बैठने को कहा और उसे रिलॅक्स होने को कहा अब मैं भी उसके पास बैठ गया और उसके कंधे पे अपना हाथ डाल दिया वो मेरी ओर देख रही थी मैने कहा कोई परेशानी है क्या तो वो बोली नही ऐसी कोई बात नही है पर तुम्हारी उमर तो मेरे बच्चो से भी कम है इसलिए थोड़ा अजीब सा लग रहा है तो मैने कहा एक बार जब सब हो जाएगा तो शरम खुल जाएगी और उसकी पीठ को सहलाने लगा वो बोली दवाजा तो बंद कर्लो तो मैने कुण्डी लगा दी मैने कहा अब शुरू करे तो उसने बस अपनी गर्दन हिला दी मैं तो उतावला हुए जा रहा था ।

उसे चोदने को मैने उसके चेहरे को अपने हाथो मे लिया और उसके थोड़े मोटे होंठो को अपने मुँह मे भर लिया उनको चूसने लगा थोड़ी देर तो वो बेमन से चुसवाती रही पर धीरे धीरे गरम होने लगी उसने अपने मुँह को थोड़ा सा खोल दिया तो मैने अपनी जीभ उसके मुँह मे सरका दी दयावंती ने मेरी जीभ को चुंसना शुरू कर दिया हम दोनो के होंठ एक दूसरे मे समा गये थे 5-7 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैने अपने होंठो को उस क़ैद से हटाया और उसको बोला देखो अगर खुल के मज़ा लेना है तो शरम को मारो गोली मैने उसके सूट को निकला दिया सफेद ब्रा मे क़ैद उसके बड़े बड़े खरबूजो को वो ब्रा संभाल ही नही पा रही थी





तो मैने ब्रा को भी उतार दिया उसकी चूचिया ठोस नही थी बल्कि थोड़ी लटकी हुई थी मैने उन्हे अपन हाथो मे थाम लिया और उनको दबाने लगा उनके निप्पल पूरी तरह से काले थे और थोड़े बड़े भी थी वो चूचिया मेरे हाथो मे भी नही आरहि थी मैं उसके पीछे आके खड़ा हो गया और उसकी चूचियो को भींचने लगा दयावंती का शरीर गरम होने लगा 10-12 मिनट तक बस मैं ऐसे ही उसके बोबो का मज़ा लेता रहा वो भी कोई जल्दी नही दिखा रही थी मेरे लंड ने पेंट मे तंबू बना दिया था तो मैने अपनी पेंट और कच्छे को नीचे सरकते हुए लंड को आज़ाद कर दिया और उसकी गान्ड पे घिसने लगा वो भी मेरे लंड को अपनी गान्ड पे महसूस करने लगी




उसके बोबो मे तनाव आ चुका था उसकी सांसो के साथ उपर नीचे होते बोबो से सॉफ पता चल रहा था कि उसके शरीर को कामदेव का तीर घायल करने लगा है फिर मैने अपने हाथ को नीचे सरकाते हुए उसकी सलवार के नाडे पे लाया और उसको खोल दिया सलवार एक झटके से उसके पाँवो मे आ गिरी बस एक कच्छि ही बची थी ऑरेंज कलर की कच्छि बड़ी ही मुश्किल से उसके चुतडो को पूरा ढक पा रही थी मैं उसकी जाँघो पे अपना हाथ फिराने लगा बहुत ठोस टांगे थी उसकी जाँघो को सहलाते सहलाते मेरा हाथ उसकी कच्छि पी आ चुका था मैने कुछ देर उसकी कच्छि के उपर से ही चूत को सहलाया और फिर अपना हाथ उसकी कच्छि मे घूँसा दिया उसने अपनी आँखो को बंद कर लिया था योनि प्रदेश पे हाथ टच होते ही पता चल गया कि चूत पे एक भी बाल नही था मैने उसकी गर्दन पे चूमना शुरू कर दिया और अपने हाथ से चूत को रगडे जा रहा था



उसकी चूत का तापमान बढ़ते ही जा रहा था मैं पूरी तरह समझ गया था कि ये औरत अब लंबे समय तक मज़ा देगी मैं अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत की दरार पे घुमा रहा था पर बिल्कुल भी अंदर नही जाने दे रहा था उसकी टाँगो मे कंपन चालू हो गया था उसने अपने हाथ को थोड़ा पीछे किया और मेरे लंड को पकड़ लिया ये उसका संकेत था वो मेरे सुपाडे पे अपनी उंगलिया चलाने लगी मैं बस अपनी उंगली को रगडे जा रहा था उसकी सांसो की गर्मी बहुत हद तक बढ़ गयी थी मैने उसकी कच्छि को घुटनों पे सरका दिया और अब पूरी आज़ादी से चूत मे उंगली करने लगा 10 मिनट तक मैं ऐसा ही करते गया जब तक कि वो झाड़ ना गयी मेरी पूरी हथेली उसके चिपचिपे पानी से भर गयी थी मैने उसको चादर से सॉफ किया और उसको लिटा दिया

और लेटे लेटे ही उसके बोबो को पीने लग गया वो भी समझ चूँकि थी कि वो किसी नौसखिए खिलाड़ी से चुदवाने नही आई थी उसने मेरे लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी मेरा सुपाडा उसके कामरस से गीला होने लगा मुझ से भी रुका नही जा रहा था तो मैने उसकी टाँगो को फैलाया और अपना लंड एक ही झटके मे उसकी प्यारी सी चूत में डाल दिया दयावंती बोली एक बार मे ही पूरा डाल दिया और अपने चुतडो को उचका दिया मैने अपने दाँत उसके मोटे मोटे गालो पे गढ़ा दिए और उसको चोदने लगा थोड़ी देर बाद मैने अपनी उंगलियो को उसकी उंगलियो मे उलझा लिया और उसके होंठो को पीते हुए उसकी चूत मारने लगा मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड को हिला हिला के दे रही थी



दयावंती वास्तव मे एक पटाखा ही निकली थी वो बस खामोशी से उस सेक्सी टाइम का मज़ा ले रही थी मेरा लंड उसकी चूत की बेहतरीन चुदाई किए जा रहा था अब मैने उसके निचले होंठ को अपने दाँतों मे दबा के चबाना शुरू कर दिया वो मेरा पूरा सहयोग कर रही थी उसका स्टॅमिना भी जबर दस्त था झाड़ ही नही रही थी तो मैने लंड को निकाला और उसको कोढ़ी कर दिया उसकी बेहद ही बड़ी और मोटी गान्ड मांसल टांगे और उनके बीच से झाँकती फूली हुई चूत बेहद ही दिलकश नज़ारा था मुझसे रुका ही नही गया तो मैने उसके चुतडो पे अपना मुँह लगा दिया और रस से भीगी पड़ी चूत को चाटने लगा उसका रस भी बड़ा ही मस्त था मज़ा ही आ गया उसकी चूत को चाटने मे उसके चूतड़ बुरी तरह से हिल रहे थे मैं उपर से नीचे तक उसकी चूत को चाटे जा रहा था




वो अपनी सिसकारियो को रोकने का प्रयत्न कर रही थी परंतु वो रोक नही पा रही थी उसकी हर कत मेरे जोश को दुगना कर रही थी कुछ देर ओर चाटने के बाद मैने अपने लंड को चूत पे रगड़ा और टोपी को अंदर सरका दिया अब मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और उसको चोदने लगा पंद्रह बीस मिनट तक बहुत ही मज़े से उसकी चूत को मारा मैने इस बीच वो अपना पानी छोड़ चूँकि थी अब मैं भी मंज़िल को छूने वाला था तो मैने दो-चार धक्के पूरी ताक़त से लगाए और दयावंती को चूत को लबा लब भर दिया और उसे लिए लिए ही खाट पे पड़ गया काफ़ी देर तक मैं उसके पास ही लेटा रहा फिर मैने उस से पूछा कि मज़ा आया तो वो बोली तुम तो पूरे जवान हो तो मैने उसके चुतडो पे चपत लगा दी



हम दोनो नंगे पड़े थे वो बोली अब मैं जाउ तो मैने कहा कुछ देर ओर रुक जाओ वो बोली ठीक है तो मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और उस से बाते करने लगा कुछ देर बाद मैने उसके हाथ मे अपना लंड दे दिया वो उसे हिलाने लगी तो मैने कहा कि क्या तुम इसे अपने मुँह मे लोगि तो वो मेरी टाँगो पे झूँकि और मेरे लंड को चुँसने लगी मेच्यूर औरतो के साथ चुदाई करने का सबसे बड़ा फ़ायदा तो ये ही है कि उनको कुछ समझाना नही पड़ता और वो मज़ा भी पूरा देती है ज्यो ज्यो उसकी जीभ मेरी खाल से टकरा रही थी मेरे लंड फूलने लगा 5-6 मिनट मे ही वो एक बार फिर से तैयार हो चुका था मैने उसे लंड पे बैठने को कहा तो वो थोड़ा आगे आई और मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पे रगड़ने लगी दो चार मिनट रगड़ने के बाद उसने सुपाडे को अपनी चूत मे ले लिया


और धीरे धीरे मेरे लंड पे नीचे होने लगी अब पूरा लंड उसके पेट मे जा चुका था अब उसने मेरे लंड पे कूदना शुरू कर दिया मैने अपनी गर्दन को थोड़ा सा उपर की ओर किया और उसकी लटकती हुई चूची को अपने मुँह मे भर लिया और उसके निप्पल को चुँसने लगा दयावंती भी जोश मे आ गयी और अपनी गान्ड को तेज़ी से हिलाने लगी मैं बारी बारी उसके दोनो बोबो को पिए जा रहा था दूसरी ओर वो भी अपना जलवा बिखेरे जा रही थी मेरी गर्दन थोड़ी दुखने लगी थी तो मैने उसकी चूचियो को आज़ाद कर दिया और अपने दोनो हाथो से उसकी गान्ड को मसल्ने लगा वो पूरी ताक़त से मेर लंड पे उछले जा रही थी मुझे तो इतना मज़ा पहले कभी नही आया था मैं उसे बोला थोड़ा और ज़ोर लगाओ

मेरा बस छूटने ही वाला है तो वो पूरी ताक़त से गान्ड को हिलाने लगी मुझे कंट्रोल नही हुआ और एक बार फिर मेरे लंड से निकलती धार उसकी चूत मे गिरने लगी मेरा पूरा शरीर पसीने से नहा गया था जब वो लंड पे से उठी तो उसकी चूत से गाढ़ा पानी बाहर निकल आया उसने अपनी चूत को कपड़े से सॉफ किया और अपने वस्त्रो को पहन लिया मैने भी अपने कपड़े पहने और उसके हाथो मे 700 रुपये रख दिए मैने कहा ये मेरी तरफ से तो उसने वो अपनी ब्रा मे डाल लिए मैने कहा क्या दुबारा मिलोगि तो उसने कहा जब तुम्हारी इच्छा हो तो बिम्ला को बता देना मैं आ जाउन्गि तो मैने कहा नही उसकी अब कोई ज़रूरत नही है तो उसने अलमारी से पेन लिया और अख़बार के टुकड़े पे एक नंबर लिखा और मुझे देते हुए बोली ये मेरे पड़ोसियो का फोन है तुम इस्पे बात कर्लेना फिर मैं काकी के घर से निकला और अपनी राह पकड़ ली

कुछ दूर चलने के बाद मैं एक नीम के पैड के नीच बैठ गया और दयावंती के साथ बिताए पलो के बारे मे सोचने लगा मेरे अंदर दिन ब दिन बस सेक्स की भूख जागती ही जा रही थी मेरी अंतरआत्मा हर पल मुझे कहती रहती थी कि ये सब काम ग़लत है पर इस अंधे कुन्वे मे बहुत गहरा उतर चुका था हर औरत चाहे वो नाते मे मेरी कुछ भी लगती हो पर मुझे वो बस एक चूत और गान्ड ही लगती थी अपनी उमर से दुगनी औरतो के साथ सो चुका था मैं हर दिन एक नयी शुरुआत हो रही थी जहाँ देखो बस चूत और चूत ही थी पर फिर भी कुछ था जो मुझसे छूटा जा रहा था वो था मिता का साथ कई दिन हो गये थे पेपर ख़तम होने के बाद उस से मिला भी नही था ये मेरा दृढ़ निश्चय था कि अपना घर तो उसके साथ ही बसाउन्गा पर......................



ये कोई आसान बात भी नही थी काफ़ी देर वही बैठे बैठे सोच-विचार करता रहा पापा ने एनडीए एग्ज़ॅम के लिए कुछ नयी किताबें ला दी थी मैं एग्ज़ॅम की भी तैयारी कर रहा था कुछ दिन यू ही गुजर गये एक दिन मम्मी बोली तेरे मामा को फोन तो लगा वो आने को कह रहे थे तो मैने उनकी बात कर्वादी पता चला कि वो अगले दिन आएँगे मैं भी खुश था उनसे मिलने के लिए स्पेशली मामी से मैं आतुर था उनको एक बार और भोगने के लिए उनकी याद आते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं बाथ रूम मे चला गया मुट्ठी मारने के लिए शाम को मैं निशा से मिलने चला गया मोका मिलते ही उस से कहा कि तुमने आभी तक कोई जवाब नही दिया तो वो बोली दोस्ती तो मुझे कबूल है पर उसके आगे कुछ नही होगा मैने कहा जो तुम चाहो तो इस तरह से मेरे जीवन मे एक और कन्या का प्रवेश हो गया था

वो दिन भी यूँ ही गुजर गया अगले दिन मैं बहुत ही उत्साहित सा हो रहा था मामा-मामी जो आने वाले थे तो मैने पूरा दिन घर पे ही रहने का सोचा शाम तक वो लोग आ गये थे मामी को देख के मैं बहुत खुश हो गया था वो भी नज़रे बचा बचा के मुझे लाइन दे रही थी थोड़ा अकेलापन पाके मैने उनको अपनी बाहों मे भर लिया और बोला मामी आज रात को तुम्हे जी भर के चोदुन्गा तो वो बोली मरवाओगे क्या भरे पूरे घर मे मुमकिन ना हो पाएगा तो मैने कहा तुम मुझ पे सब छोड़ तो बस तुम मेरा इशारा पाते ही आ जाना मामी बोली कही मरवा मत देना मैने कहा टेन्षन मत लो मेरी जान और उनकी गान्ड को मसल दिया रात हो गयी थी भोजन भी कर चुके थे तो अब बारी थी सोने की मामा तो बैठक मे सोने वाले थे

मामी दादी के कमरे मे सोने वाली थी मैने भी बोल दिया था कि मैं आज अपने अंदर वाले कमरे मे ही सोउंगा कुछ देर बाद सब ने अपना अपना बिस्तर पकड़ लिया था कोई 11:30 के लगभग मैं दबे पाँव बाहर आया पूरा घर अंधेरे मे डूबा हुआ था मैं उनकी खाट के पास गया और उन्हे उठाया वो जागी तो पड़ी थी चुपचाप उठ के मेरे साथ आ गयी अब हम दोनो मेरे कमरे मे थे अब मेरा बिस्तर तो बाहर वाले कमरे मे था तो मैं ईक चटाई बिछा ली और मामी पे टूट बड़ा मामी भी उतावली हो रही थी वो बोली बस तुमहरे लिए ही ये रिस्क ले रही हूँ चलो जल्दी से चोद दो मुझे मैने कहा मेरी कॅटटो जल्दी क्या है और उनके बोबो को दबाने लगा मामी ने झट से मेरे कच्छे मे अपना हाथ डाल दिया है और मेरे लंड को पपोल्ने लगी




मैने बिना कोई देर किए मामी की सलवार कंमीज़ को उतार दिया और बस अब वो कच्छि-बॉडी मे ही थी मैने अब उनको अपने सामने किया और उनके रसीले होंठो को चूमना स्टार्ट कर दिया मेरे हाथ उनकी कच्छि के उपर से उनके गुदाज नरम चुतडो को दबाने लगे मैने कहा डार्लिंग गान्ड तो और भी मोटी कर ली है तो वो बोली तेरे मामा ने पिछले एक महीने सेमेरी रेल बनाई हुई है हर रात तगड़ी कब्बड़ी खेलते है तो मैने कहा चलो हम भी अपनी कब्बड़ी शुरू करते है और उनकी कच्छि को उतार दिया मामी ने खुद ही अपनी ब्रा को भी खोल दिया हम दोनो नंगे खड़े थे मैने अपने होंठ फिर से उनके होंठो पे टिका दिए एक जोरदार किस करने के बाद वो नीचे लेट गयी मैं उनकी जाँघो के बीच आया और उनकी मदमस्त चूत को अपने मुँह मे भर के खाने लगा



मामी का बदन धनुष की तरह हो गया मैने उनकी चूत की फांको को अलग किया और उनकी चूत की दरार को जीभ से चाटने लगा मामी की चूत का खारापन जब मेरी जीभ ने टेस्ट किया तो मुझे बहुत मज़ा आया मैने कहा आप तो और भी ज़्यादा करारी हो गयी हो तो मामी शरमाते हुए बोली चुंप कर बदमाश कुछ भी बोलता है मामी की गदराई चूत चिपचिपी होने लगी थी मामी ने अपने चुतडो को थोड़ा उठा लिया और पूरे मज़े से अपनी चूत को रस मुझे चखा ने लगी गुज़रते समय के साथ साथ मामी की चूत से और रस बहने लगा मामी ने मेरे सर को अपनी चूत पे दबा लिया और मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फिराने लगी मामी धीरे से बोली आज तुम्हे अपना रस पिला के ही उठने दूँगी मैं बस उनकी चूत को पिए जा रहा था

धीरे धीरे उनके हाथो का दबाव मेरे सर पे बढ़ने लगा उनकी पकड़ मजबूत होती जा रही थी फिर ऐसे ही उन्होने अपना झरना छोड़ दिया मेरा पूरा मुँह उनके चिपचिपे खारे पानी से भर गया जिसे मैने निगल लिया मैं दो मिनट रुका फिर अपने लंड की टोपे को उनकी चूत पे लगाया और उनमे समाता चला गया मामी की चूत मेरे लंड पे कस्ति चली गयी मामी ने अपने हाथ मेरे कुल्हो पे रख दिए और उनको सहलाते हुए मेरा जोश बढ़ाने लगी मैं उनकी चुदाई करते हुए उनके गालो को चूमने लगा मामी बोली मुझे धीरे धीरे चोदो मैं तुम्हे अपने अंदर बस फील करना चाहती हूँ मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और मैं बस अपनी कमर को हिलाने लगा मामी ने अपना मुँह मेरे मुँह से चिपका दिया और लगी ज़ोर आज़माइश करने को धीरे धीरे मैं अपने धक्को की गति को बढ़ाने लगा मैं उनके माथे, गालो, होंठो और गर्दन पे बेतहाशा किस किए जा रहा था उनका पूरा चेहरा मेरे थूक से सन गया था मामी ने भी अब अपनी गान्ड को उपर करलिया और चुदाई का पूरा आनंद उठा रही थी काफ़ी टाइम हो गया था पर हम दोनो मे से कोई भी हार मान ने को तैयार नही था तो मैने उनक उल्टी लिटा दिया और पीछे से उनपे लेट के चूत मारने लगा मेरे बोझ से वो दबने लगी थी मैने अपनी बाहों मे कस्के उनको दबा लिया और पूरी रफ़्तार से उनकी चूत का मर्दन करने लगा अगले दस मिनट तक हार्डकोर चुदाई चलती रही हमारे बदन पसीने से चिपचिपे हो रहे थे मैने उनके कान मे कहा कि मामी मैं झड़ने वाला हूँ तो वो काँपति आवाज़ मे बोली कि वो भी बस जाने ही वाली और तो मैने स्पीड और भी तेज कर दी




और फिर साथ साथ ही हम दोनो गिर पड़े चूत का रस और मेरे वीर्य का मिश्रण उनकी चूत की दीवारो पे रंग गया था मैने लंड को निकाला तो वो गीला था मैं उसको उनके चुतडो पे रगड़ने लगा मैं अभी अभी ही स्खलित हुआ था पर फिर भी मेरा लंड खड़ा ही था तो मैने मामी को घोड़ी बनाया और दुबारा से उनकी चूत मे लंड घुसा दिया मामी बोली थोड़ी देर रुक जाओ ना पर मैने अनसुना कर दिया औरउनके बोबो को दबाते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी मेरा लंड धड़ धड़ उनकी चूत मे अंदर बाहर हो रहा था और मेरे अंडकोष हर धक्के पे उनके नरम नरम चुतडो से टकरा रहे थे मामी लगातार चुदाई के लिए तैयार नही थी पर फिर भी चुद रही थी हर झटके के साथ उनकी चूत का गीलापन सूखने लगा तो उन्हे जलन सी होने लगी

उन्होने कहा लंड को निकालो तो मैने कहा क्या हुआ तो बोली चूत सुख गयी है तो मैने उनको लिटाया और उसे चाटने लगा मामी अपने बोबो को अपने हाथो से दबाने लगी और मैं उनकी चूत को चाटे जा रहा था कुछ ही देर मे वो फिर से उत्तेजित होने लगी 5-6 मिनट तक जबरदस्त चूत चुसाइ करने के बाद उनकी आँखो मे वासना के डोरे तैरने लगे थे तो वो खुद ही घोड़ी बन गयी मैने अपने लंड को थोड़ी देर उनके छेद पे रगड़ा और फिर घपप से अंदर डाल दिया और उनकी कमर को थामे हुए लगा उनको चोदने मैने अपने दाँत उनकी पीठ मे गढ़ा दिए और उनकी पीठ कंधो और गर्दन पे अपने निशान छोड़ने लगा मामी बहुत ही मुश्किल से अपनी मस्त आहो को रोक रही थी उनके पीछे की ओर हिलते चूतड़ मेरे लंड को दुगना जोश दिला रहे थे मामी ने आज की रात को पूरी तरह से रंगीन कर दिया था मैं सोच रहा था कि ये रात यही पे रुक जाए



इस रात की कभी सुबह हो ही ना मामी के दो-दो किलो के चुन्चे हवा मे झूल रहे थे मैं बेहद प्यार से उनको चोद रहा था मामी ने अपने बदन को मेरे हवाले कर दिया था मुझे अपना पति ही समझ लिया था उन्होने मेरे घुटनो मे दर्द होने लगा था पर मैं नही रुका मैं बस लगा ही रहा जब तक कि मेरे लंड का दम ना निकल गया वीर्य की पिचकारिया दना दन मामी की चूत मे फिर रही थी उनकी चूत पूरे वीर्य को पी गयी

मैं चटाई पे पसर गया मामी मेरे सीने पे अपना सर रख के लेट गयी और अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगी फिर मामी बोली अच्छा अब मैं सोने जातीहूँ तो मैने कहा मत जाओ ना यही पे सो जाओ तो वो बोली तू समझा कर फिर और भी मौके आएँगे जब तू घर आएगा तो तेरे साथ ही तो सोया करूँगी उन्होने अपने कपड़े पहने और चुपके से बिस्तर मे घुस गयी मैने भी अपनी आँखो को मूंद लिया पूरी रात उनके ही सपने आते रहे सुबह जब मैं उठा तो तो मेरी नज़र अपने लंड पे गयी पूरे लंड पे मामी की चूत के रस की पपड़ी सी जमी थी रात को मैं नंगा ही सो गया था जल्दी से कपड़े पहने और बाथ रूम मे घूंस गया नहा-धोके आया फिर नाश्ता किया तो पता चला कि मामा आज ही वापिस जाएँगे उनकी पोस्टिंग नासिक हो गयी थी




और मामी भी कुछ महीनोके लिए उनके साथ ही जा रही थी तो मैने उनसे कहा कि मामी आप तो नासिक चले जाओगे फिर छुट्टियो के प्लान की तो बॅंड ही बज जाएगी तो मामी बोली तेरे मामा अब सूबेदार हो गये है और उनको कैसे मना करूँगी फिर तू कौशल्या के साथ अड्जस्ट कर लियो अब जाने वाले को कौन रोक सकता था दोपहर तक वो लोग वापिस चले गये मुझे याद आया कि मिता ने मुझे अपने घर का फोन नंबर दिया था तो मैने फोन किया लक से उसकी बहन ने फोन उठाया मैने उसे बताया तो वो बोली बात तो मैं करवा दूँगी पर थोड़ी सी देर में हो पाएगी फिर मिता लाइन पे आई उसने कहा कि आयेज से फोन करो तो दोपहर को करना तब घर मे कोई नही होता है फिर दो-चार मिनट उस से बात मैने पूछा कि क्या हम मिल पाएँगे तो उसने मना कर दिया



बोली अभी तो पासिबल नही हो पाएगा पर अगर कुछ होता है तो वो मुझे सूचना दे देगी फिर मैने फोन काट दिया कभी कभी प्रीतम की याद आ जाया करती थी जितना मैं बाहर से शांत दिखता था अंदर से उतनी ही उथल पुथल छाती रहती थी शाम को हर रोज ही दस पंद्रह मिनट निशा से बातचीत कर ही लिया था उसके साथ भी एक अलग सी बोंडिंग हुए जा रही थी बहुत ही सुलझी हुई सी लड़की थी वो हर टॉपिक पे कुछ ना कुछ होता था उसके पास पता चला वो बी.एससी 2न्ड एअर मे पढ़ा करती थी मैं सुबह शाम मंदिर जाता तो भगवान के साथ साथ उसके भी दर्शन कर लिया करता था कुछ ही दिनो मे ऐसे लगने लगा जैसे वो कई बरसो से मेरी पहचान मे है दिन ऐसे ही गुज़रते जा रहे थे मई आधी जा चुकी थी तो मैने सोचा.............................
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 05-12-2020, 08:05 PM



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