05-12-2020, 07:23 PM
मेरे मन मे एक उम्मीद जाग गयी थी कि बड़िमामी को चोदने मे कामयाब हो ही जाउन्गा रात अपने शबाब पे आ चुकी थी मैं खाना खाते ही सीधा चॉबारे मे चला गया था कोई आधे घाटे बाद मामी भी आ गयी जब मामी कुण्डी लगा रही थी तो उनकी पीठ मेरी ओर थी मैं खड़ा हुआ और उन्हे पीछे से पकड़ लिया मामी चोंक गयी और मुझसे अलग होने को बोली पर मैने पक्का सोच लिया था कि आज तो उनको चोद के ही मानूँगा मामी बोली,” छोड़ो!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! मुझीईईईई कोई आ जाएगा तो ”
मैने कहा क्या मामी आप भी अभी कौन आएगा यहा पे और अपने हाथो से उनके उन्नत रसीले उभारों को भींचने लगा मामी लगातार छूटने की कोशिश कर रही थी पर आज मेरा पक्का निश्चय था तो मैने अपनी पकड़ और भी टाइट करदी मेरा लंड उनकी साड़ी से ही गान्ड मे घुसने को बेताब हो रहा था जिसकी तपिश उन्हे भी अपने चुतडो मे महसूस होने लगी थी
मामी बोली ये पाप है ऐसा मत करो
मैने कहा पाप-पुन्य कुछ नही होता आप मुझे बस एक चान्स तो देके देखो बस एक चान्स और उनके ब्लाउस के हूकों को एक ही झटके मे खींच दिया ब्लाउस फट के मेरे हाथो मे आ गया गुलाबी कलर की ब्रा मे क़ैद उनकी गौरी गौरी मस्ती से भारी चूचियो को देख के मेरा हाल बुरा हो गया मैं उन्हे ब्रा के उपर से ही भींचने लगा मामी बोली अब मान भी जाओ बस बहुत हो गया तो मैने कहा अभी तो सुरू भी नही हुआ और आप कहती हो मान भी जाओ मैने कहा मामी आज मत रोको जो होता है बस होने दो और उनकी गर्दन पे चूमने लगा जैसे ही मेरे होंठ उनकी गर्दन से टकराए मामी के बदन मे एक लहर दौड़ गयी मामी की आवाज़ कांप उठी मामी बोली प्लीज़ रुक जाओ तूमम्म्मममममममम पर मैं लगा रहा उनकी गरदन को चूमते चूमते उनके बोबो से खेले जा रहा था मामी मना तो कर रही थी पर अब उनके स्वर मे इतनी तीव्रता नही थी कोई पंद्रह मिनट तक मैं उनके बोबो को दबाता रहा फिर मैं अपने हाथो को पीछे ले गया और उनकी ब्रा के हुको को खोल दिया और ब्रा को हटा दिया अब नंगी छातिया नीचे को लटक पड़ी
मैं अब पूरी तरह से उनको सहलाने लग गया उनके निप्पल्स का तनाव सॉफ दिखने लगा था मामी ने अपनी आँखो को बंद कर लिया था अब मैं अपना हाथ नीचे की ओर ले गया ओर उनकी साड़ी के उपर से ही चूत को मसल्ने लगा मामी की सिसकी निकल गयी उन्होनी अपनी टाँगो को भींच लिया मैं मामी के कान मे बोला मामी अब मान भी जाओ ना कर भी दो मेरी इच्छा पूरी मामी कुछ नही बोली मैने उनकी साड़ी को उनके शरीर से अलग कर दिया अब बस पेटिकोट ही बचा था मैने उसके नाडे को पकड़ा ही था कि मामी बोली रुक जऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ म्म्म्म्माआआआआआआआआअत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ तो मैने कहा ओह कम ऑन मामी अब रुकने को मत बोलो और कुछ ही सेकेंड्स मे उनका पेटिकोट उनके पैरो मे पड़ा था मामी का हाहा कारी योवन मेरे सामने खुला पड़ा था बस चूत को गुलाबी कच्छि ने ढक रखा था मैने मामी को बाहों मे भर लिया और उनके लाल लाल होंठो को चुँसने लगा मामी भी कुछ हद तक गरम हो गयी थी मैं अपनी जीभ को उनके होंठो से रगड़ने लगा तभी उन्होने अपना मुँह खोल के मेरी जीभ को अपने मुँह मे ले लिया मैं असचर्यचकित हो गया
अब मैं उनके कुल्हो को दबाते हुए उनको किस कर रहा था बहुत ही लंबा किस चला उनके साथ कोई भी हटने को तैयार नही था मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था और उन्हे भी उनके नरम नरम होन्ट मेरे होंठो से चिपके पड़े थे मैं तो जैसे उनमे खो गया था पता ही नही कब तक उनके होंठो का रस्पान करता रहा उन्होने भी हटने की कोई कोशिश नही की थी जब मेरी साँस हद से बेकाबू हो गयी तब मैने मामी के होंठो को छोड़ा और अपने होंठो पे जीभ फेरी मैने कहा मामी तुम तो बड़ी ही रसीली निकली क्या स्वादिष्ट होंठ है आपके मामी अपनी तारीफ सुनके खुश हो गयी अब उनकी शरम भी थोड़ी हद तक गायब हो गयी थी मैने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और पूरा नंगा हो गया
मेरा लंड जो कपड़ो की क़ैद से छटपटाने को बेताब हो रहा था वो बाहर ताजी हवा पाते ही मचलने लगा मामी की आँखे मेरे लंड पे जम गयी मैं कहा अच्छी तरह से देखलो इसे अब ये ही आपकी हर अधूरी हसरत को पूरा करेगा मैं उनके पास गया और फिर से उन्हे किस करने लगा मेरा लंड उनकी चूत पे चुंभने लगा अगर बीच मे कच्छि नही होती तो अब तक वो चूत मे घुस चुका होता मुझे कोई भी जल्दबाज़ी नही थी मेरा प्लान था कि मामी को ऐसे चोदु कि वो पूरी तरह मेरी गुलाम बन जाए उन्हे मेरा चस्का लग जाए मैं अपने प्लान के अनुरूप ही स्टेप बाइ स्टेप जा रहा था मामी की चूचिया मेरे सीने मे घुसने को हो रही थी
एक बहुत ही बेहतरीन चुंबन के बाद मैने उन्हे बेड पे लिटा दिया और खुद भी उनके पास आ गया मैं अपनी उंगलिया मामी के होंठो पे फिरते हुए बोला मामी कैसा लगा पर मामी ने संकोच के कारण कोई जवाब नही दिया मैं मामी की साइड मे लेट चुका था तभी मैने उनकी चूची को अपने मुँह मे भर लिया और अपने हाथ से उनकी मांसल टाँगो को सहलाने लगा बहुत ही गौरी और चिकनी टांगे जैसे उनपे मलाई की मालिश की गयी हो मेरा हाथ बार बार उनपे फिसलने लगा उनकी चूची बहुत ही मुश्किल से मैं मुँह मे ले पा रहा था मामी पे भी अब कामदेव के तीर का असर होने लगा था मामी की गदराई जवानी के सागर मे आज मैं डुबकी लगाने वाला था उनकी चूची मेरे थूक से सन चुकी थी मैने उसे बाहर निकाला और दूसरी वाली को चूसने लगा मामी की आहे निकलने लगी थी कई देर तक ऐसे ही चलता रहा आहिस्ता आहिस्ता उनके अंदर काम वासना फूटने लगी थी अब मैं हटा और उनकी टाँगो के बीच आके बैठ गया मैने उनके पैर को अपने हाथो मे थामा और उसे चूमने लगा मेरी जीभ उनकी नरम नाज़ुक पिंडली पे फिसले जा रही थी मैं आज बिल्कुल ही अलग मूड मे था धीरे धीरे मैं उनको चूमते चूमते उनकी मोटी मोटी जाँघो की ओर बढ़ चला बहुत ही सॉफ्ट थी वो उनको किस करते हुए बीच बीच मे मैं अपने दाँत भी उनकी जाँघॉमे गढ़ा देता था मामी की गौरी जाँघो पे मेरे काटे के निशान पड़ गये थे मामी उछलने मचलने लगी थी मैं उनकी जाँघो को अपने थूक से गीला करते हुए और उपर की तरफ बढ़ने लगा और फिर वो पल भी आया जब मैने अपना मुँह उनकी कच्छि के उपर से उस जन्नत के दरवाजे पे रख दिया
मैने उनकी कच्छि पे गीला पन महसूस किया तो मेरा दिल उछलने लगा मैने अपने हाथ बढ़ाए और उनकी कच्छि की इलास्टिक को पकड़ लिया मामी ने अपने कुल्हो को थोड़ा सा उठा लिया और मैने झट से उस अंतिम वस्त्र को भी उनके शरीर से जुदा कर दिया अब वो जनमजात अवस्था मे मेरे सामने बेड पे पड़ी थी कुछ देर मैने उनकी कच्छि को सूँघा फिर उनकी टाँगो को फैला दिया उनकी चूत पे एक भी बाल नही था शायद आज ही उन्होने सॉफ किए होंगे काले रंग की फूली हुई चूत के होंठ मस्ती से खुल बंद हो रहे थे मैने उनकी टाँगो को अड्जस्ट किया और अपना मुँह उनकी रेशमी चूत पे लगा दिया जब मेरी गरम जीभ ने उनकी चूत के मस्ताने छोटे से दाने को छुआ तो उनको 440 वॉल्ट का झटका लगा और उनकी मुत्ठिया बेड की चादर पे कस गयी और उनके चूतड़ उपर की ओर उठ गये उनकी चूत का टेस्ट थोड़ा खट्टा सा था मन को भा गया उनकी चूत का वो स्वाद मैने उनकी चूत की फांको को अलग किया ना जाने कितने दिनो से उन्होने पुरुष स्पर्श प्राप्त नही किया था चूत बहुत ही गरम हो गयी थी
फांको को अलग अलग करने के बाद मैने चूत के अन्द्रूनि हिस्से को चाटना शुरू किया मामी पे मस्ती छाने लगी मामी बोली ऊहह हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआहह क्य्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्
र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर टेट्ट्ट्टीयीईयी हूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ और अपनी जीभ को अपने दांतो तले दबाने लगी जब भी कोई औरत अपनी चूत को चुसवाती है तो ये उसकी जिंदगी का अनमोल पल होता है इन्ही लम्हो मे उसकी सारी शर्मो-हया दूर हो जाती है मेरी जीभ मामी की चूत पे अपना असर दिखाने लगी थी
मैं जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उनकी पंखुड़ियो को चूमे जा रहा था फिर मैने मामी को उठाया और फर्श पे झुंकते हुए खड़ा कर दिया और उनके चतड़ो को चूमने लगा और चूत के दाने को अपने अंगूठे से कुरेदने लगा मामी की टाँगो की थिरकन बढ़ गयी थी मैने उनके चुतडो पे जगह जगह काटा बिल्कुल लाल हो गये उनके चूतड़ अब मैने उन्हे सीधा किया और उनकी टाँगो मे अपना सर डाल के बैठ गया और पूरे उत्साह से चूत चु
पूरे उत्साह से चूत चुसाइ करने लगा मामी ने मेरे सर को अपनी टाँगो मे दबा लिया और उन स्वर्णिम पॅलो का आनंद लेने लगी मामी की उत्तेजित सांसो की आवाज़ मेरा जोश और भी बढ़ा रही थी चूत से अब रस छूटना शुरू हो गया था मैने अपने दाँत उनके दाने पे गढ़ा दिए मामी मस्ती के शिखर की ओर बढ़ चली ।
उनकी चूत से रिस्ते चिप चिपे पानी से मेरे होंठ भीग रहे थे मैं अपनी जीभसे उनके पूरे योनि प्रदेश को नाप रहा था मामी की कोमल उंगलियाँ मेरे बालो को सहला रही था 15-20 मिनट तक निरंतर ये सब चलता रहा फिर मामी की चूत ने उनकी हसरतो का साथ छोड़ दिया और वो झड़ने लगी उनका बहता हुआ अनमोल रस मेरे होंठो से होता हुआ नीचे टपकने लगा इतना पानी मैने आज तक किसी भी औरत का नही देखा था शायद कई दिन मे झड़ने के कारण और वो थी भी तो बहुत ही जाबरदस्त माल बिल्कुल 24 करेट खरा सोना उनके झड़ने के बाद भी मैं चूत को चुंस्ता ही रहा फिर उन्होने मेरा मुँह अपनी चूत से हटाया और पास रखे जग से पानी पीने लगी फिर वो बेड पे लेट गयी मैने अपना लंड उनके हाथ मे दे दिया वो बोली मनोगे नही तुम मैने कहा आपका तो हो गया इस बेचारे का भी कुछ ख्याल करो मामी ने लंड की चमड़ी को हटाया और मेरे सुपाडे को निहारने लगी कुछ देर तक वो ऐसे ही देखती रही फिर उन्होने अपने हाथ को लंड आगे पीछे करना शुरू किया और मेरी मुट्ठी मारने लगी लंड की सारी नसो मे जोश भर गया थोड़ी देर तक वो मेरे लंड से खेलती रही फिर मैने उनकी टाँगो को पकड़ा और शेप मे करते हुए अपने लंड को उनकी चूत के सामने रख दिया मामी मेरी आँखो मे देख रही थी मुझे बहुत ही खुशी हो रही थी आज एक किले को और भेदने वाला था मैं
मैने उनके चुतडो को थोड़ा नीचे की ओर खिसकाया और अपना लंड उनकी चूत पे रख दिया एक हल्के से झटके से मेरा सुपाडा मामी की चूत पे किस करता हुआ अंदर घुस गया मामी की आँखे मस्ती के बोझ से मूंद गयी जैसे ही लंड ने चूत को टच किया वो अपनी औकात मे आ गया और एक ऑर धक्के के साथ आधा लंड मामी के अंदर था मैं कुछ देर उसे वही से अंदर बाहर करता रहा तो मामी ने अपनी आँखो को खोला और मेरी ओर सवालिया निगाहों से देखने लगी पर मैं रुका ही रहा तो उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा सा हिला के इशारा किया मैने हँसते हुए एक झटका और मारा और पूरा लंड उनके अंदर उतार दिया मामी की टाँगो को पकड़ट हुए अब मैने अपनी कमर को उचकाना शुरू किया मामी आआआअहह आआआआआआहह करने लगी बहुत ही धीमी धीमी आवाज़ मे चूत की फांको ने लंड को अपने मे कस लिया था लंड चूत की चिकनी दीवारो पे फिसले जा रहा था मामी को ऐसे ही चोदे जा रहा था फुन्च फुन्च की आवाज़ आ रही थी
लंड भी अच्छे से सेट हो चुका था तो मैने उनकी टाँगो को नीचे किया और पूरी तरह से उनके उपर छा गया मैने अपने मुँह को आगे करते हुए उनके चेहरे की तरफ बढ़ाया तो उन्होने भी स्वागत करते हुए अपना मुँह खोल दिया मैने उनके निचले होंठ को अपने मुँह मे भर लिया और लगा चूमने नीचे मेरा लंड सरपट सरपट उन्ही चोदे जा रहा था मामी ही हर मस्ती से भरी आह उनकी सांसो के साथ मेरे मुँहमे घूमने लगी वक़्त गुजरने के साथ साथ मेरी स्पीड भी अब बढ़ने लगी थी मामी पूरी तरह मेरे रंग मे रंग चूँकि थी मस्ती का महॉल से पूरा कमरा महक उठा था गरमा गरम चुदाई चल रही थी मैने अपने होंठ हटाए और उनके सुडोल कंधो को चूमने लगा मामी ने अपने दोनो हाथो को मेरी पीठ पे कस लिया और अपने कुल्हो को उचकते हुए मेरा साथ देने लगी मामी की चूत से बहुत ही ज़्यादा पानी बह रहा था जिस से मेरा लंड बार बार फिसल रहा था मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड हिला हिला के दे रही थी मामी का चुदाई का अनुभव तो बहुत ही ज़्यादा था
इस बार उन्होने मेरे होंठो को पकड़ लिया और अपने अंदर की जंगली औरत के रूप का दर्शन मुझे करवाने लगी उन्होने पलटी मारी अब वो मेरे उपर आ गयी थी उन्होने अपने हाथ मेरी चेस्ट पे रखे और लंड पे कूदने लगी लंड जड़ तक चूत मे समाए जा र्हा था उनके मुलायम हाथ मेरी चेस्ट को सहलाए जा रहे थे मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और बस उनके स्पर्श को फील करने लगा काफ़ी देर तक वो अपनी कमर को हिलाते हुए मेरे लंड पे उछल कूद मचती रही फिर वो मुझसे कस के चिपक गयी मैं समझ गया कि वो झाड़ रही है मैने उनकी कमर को थामा और नीचे से धक्के लगाने लगा उनका चरम सुख को पाने का मज़ा और भी बढ़ गया था मामी ने अपने मज़े के सफ़र को पूरा कर लिया था अब एक बार फिर से मैं उनके उपर चढ़ गया था अब मैने उनकी तूफ़ानी चुदाई शुरू की
मेरे हर धक्के पे वो आहे भर रही थी कोई 20-22 तेज शॉटो के बाद मेरा टाइम भी हो गया मेरे लंड ने उनकी चूत को गीला करना शुरू कर दिया गरम पानी की फुहारो को वो अपनी चोट मे महसूस करने लगी उनके चेहरी पे जमाने भर की खुशी छा गयी थी लंड से निकलती हर एक छोटी से छोटी बूँद को उनकी चूत ने अपने मे सोख लिया था थोड़ी देर बाद मेरा मुरझाया हुआ लंड मामी की चूत से निकला लंड पे उनके कामरस की एक सफेद सी पतली परत बन गयी थी मैं उनकी बगल मे लेट गया मामी मुझसे सट गयी मैने उनके चेहरे को उपर किया और पूछा मामी अब बताओ मज़ा आया कि नही तो उन्होने शरमाते हुए अपनी गर्दन से हाँ का इशारा किया मामी मेरे सीने पे अपने हाथ चलाने लगी मामी बोली तू तो बड़ा माहिर निकला तेरा छोटू तो बड़ा ही दमदार है अब समझी कौशल्या तेरे आगे पीछे क्यों घूमती रहती है
मैने कहा क्या आप और नही चुदवाओगि तो उन्होने मेरी चेस्ट मे मुक्का मारते हुए कहा जब तक तू यहाँ रहेगा मैं रोज कर्वाउन्गि तुझसे और अपने चेहरे को मेरे सीने मे छुपा लिया मामी मेरी छाती पे हल्के हल्के से किस करने लगी मैं उनकी गुदाज पीठ को सहलाने लगा मामी ने अपनी टाँगो को मेरी टाँगो पे लपेट लिया मेरे हाथ उनकी पीठ से होके उनके कुल्हो की ओर चल पड़े अब मैं उनकी गान्ड की दरार को अपनी उंगली से कुरेदना लगा अब मामी की जीभ मेरी छाती पे फिर रही थी मामी के रूप मे मुझे साक्षात कामदेवी के दर्शन होने थे आज मैने मामी के बालो मे बँधे हेर बॅंड को खोल दिया तो उनके नागिन से गहरे बाल आज़ाद हो गये उनके बाल उनकी गान्ड तक लंबे थे मैं अपनी उंगलिया उनकी रेशमी ज़ुल्फो मे फिरने लगा खुले हुए बालो ने उनकी सुंदरता को ऑर भी बढ़ा दिया मैं उठ के खड़ा हुआ और मामी बेड पे बैठ गयी मामी ने मेरे मुरझाए पड़े लंड को अपने हाथ मे लिया और उसे सहलाने लगी साथ ही साथ मेरे अंडकोषो को भी अपनी मुट्ठी मे भर लिया और उन्हे दबाने लगी मेरे लंड मे एक बार फिर से हरकत होने लगी उसमे हल्का सा तनाव आना शुरू हो गया मैने मामी के सर को पकड़ा और अपने लंड पे झुका दिया मामी ने अपनी लंबी जीभ को बाहर निकाला और उसे मेरी गोलियो पे फेरने लगी
मैं अपना कंट्रोल खोने लगा हालाँकि मैं कई औरतो को चोद चुका था पर आज एहसास हो रहा था कि मेच्यूर औरतो को चुदाई का कितना अनुभव होता है मामी मुझे अपनी स्पेशल क्लास दिखा रही थी मैं तो उनकी उन कातिल अदाओ का दीवाना हो गया था उसी पल से फिर वो थोड़ा उपर की ओर बढ़ी ओर लंड को चुँसने लगी उनके थूक से लंड पे चमक सी आ गयी थी अब उन्होने अपने होंठो को गोल किया और मेरे सुपाडे को अपने लाल होंठो मे दबा लिया उनकी गरमा गरम जीभ को मेरा लंड सहन नही कर पा रहा था लग रहा था कि मैं ज़्यादा देर उनके आगे नही ठहर पाउन्गा मज़ा अपनी हर सीमा तो आज लाँघ गया था मेरे पूरे बदन मे जैसे चींटिया रेंगने लगी थी मेरी कनपटिया सुर्ख हो गयी थी पता ही नही चला कब उन्होने मेरे पूरे लंड को अपने गले मे उतार लिया और मुझे मुख मैन्थून का मज़ा देने लगी मैं तो धन्य हो गया था उनका साथ पाके वो बड़ी ही कुशलता से मेरे लंड को अपने मुँह मे अंदर बाहर किए जा रही थी अब वो मेरे लंड को हिलाते हुए चूस रही थी मैं अपने होश खोते जा रहा था मैने कहा बस करो मामी छोड़ दो इसे पर उन्होने मेरी एक ना सुनी और अपना काम करती रही मामी लंड को चुंस्ते चुंस्ते उसे अपने मुँह से निकालती और अपने गालो पे फिराती और फिर से चुँसने लगती थी मेरे लिए अब सहना मुश्किल हो रहा था मैने उनके सर पे अपने हाथो की पकड़ को और भी मजबूत कर दिया और अपनी आँखो को बंद कर लिया और उस अद्भुत मस्ती को फील करने लगा मामी ने कोई 15 मिनट तक मेरा लंड चूसा ऐसी तल्लिनता से वो उसे चूस रही थी कि क्या बताऊ फिर मैने उनके सर को बुरी तरह से दबा लिया लंड उनकी गले मे अटक गया और ठीक उसी पल मैने अपना गाढ़ा गरमा गरम वीर्य से उनके गले को तर कर दिया मामी का मुँह मेरे पानी से भर गया था जिसे वो चटखारे लेके पीने लगी काफ़ी देर बाद उन्होने मेरे लंड को बाहर निकाला मैं बेड पे लेट गया वो मुझे देख के मुस्कुरा रही थी दो पल के लिए जैसे सब कुछ थम सा गया था मैं तकियो का सहारा लिए लेटा था तो मामी बेड पे चढ़ि और मेरे मुँह मे आके खड़ी हो गयी उन्होने अपनी चूत की दोनो पंखुड़ियो को अपनी उंगलियो से अलग करते हुए अपनी चूत को मेरे होंठो पे रख दिया और मेरे मुँह पे बैठ गयी मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और उनकी चूत मे घुसा दिया जैसे ही मेरी जीभ चूत मे घुसी उनके बदन ने एक झुन्र्झुरि ली जैसे जैसे मैं उसे चाट ता जा रहा था वैसे वैसे उनके मोटे मोटे कूल्हे थिरकने लगे थे उनके बोझ से मेरा चेहरा दबा जा रहा था पर मैं लगा रहा मामी बोली वेरीयियीयैआइ
गगगगगगगगगगगगगगगगगगूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह
हूऊऊऊऊऊ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआअ आआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईीीइसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईई मैं उनके चुतडो को दबाया और ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभ को उनकी चूत पे रगड़ने लगा मामी की साँसे अटकने लगी वो बहुत ही तेज़ी से अपनी गान्ड को हिला रही थी जैसे कोई वाइब्रटर लगा हो काफ़ी देर तक मैं चुसता रहा फिर मैने उन्हे अपने उपर से हटाया क्यों कि मैं उनके बोझ से दबा जा रहा था फिर वो चित लेटी और मैने दुबारा से उनकी चूत को दबा लिया कोई दस मिनट ही बीते होंगे कि उनकी चूत की दीवार एक बार फिर से ढह गयी और वो झाड़ गयी मैने बेड की चादर से उनकी चूत को पोंछ दिया मामी अपनी चूचियो को मसल रही थी मैने गेट खोला और बाहर पेशाब करने चला गया ठंड से पूरा बदन हिल गया मामी भी मेरे पीछे ही आ गयी और छज्जे पे बैठ के अपना मूत्र त्याग करने लगी वापिस आके बिस्तर मे घुसने पे ठंड से राहत मिली मामी अब टेढ़ी होके लेटी हुई थी मैं उनसे चिपका पड़ा था मैने उनके बोबो को सहलाना शुरू किया मामी ने अपना हाथ पीछे किया और लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया उनकी उंगलियो का टच होते ही मुर्दा पड़े लंड मे फिर से जान आने लगी मैं एक हाथ से उनके बोबो को भींच रहा था और दूसरे से उनकी चूत मे उंगलिकरते हुए उन्हे गरम करने मे लगा था थोड़ी ही देर मे हम फिर से तैयार थे मैने उनकी एक टाँग को थोड़ा सा उपर किया और अपना लंड उनकी चूत मे धकेल दिया मामी ने अपनी गान्ड को पीछे करके मुझे रास्ता दिया मैने उनकी गर्दन पे अपने दाँतों के निशान छोड़ दिए और उनकी कमर मे डाले उन्हे चोदने लगा हम दोनो अपनी सुध बुध खोए हुए एक दूसरे की बाहों मे खोए हुए थे इस पोज़िशन में उनकी चूत काफ़ी टाइट लग रही थी मेरे लगाए हर धक्के का मज़ा ले रही थी मामी, काफ़ी देर तक हम लगे रहे फिर मैने उन्हे घोड़ी बना दिया और उनकी चूत को दो-तीन बार किस किया और थोड़ा थूक लगा के वापिस अपने लंड को अंदर डाल दिया मामी तो जैसे आज अपनी चूत का पूरा खजाना मुझ पे लुटाना चाहती थी
ये चुदाई बहुत देर तक चली मामी के खुले बाल उनके सर पे उलझे पड़े थे मैने उनकी गर्दन मे हाथ डाल के उन्हे थोड़ा उपर की ओर उठाया और लगा उन्हे करीब करीब 45 मिनट तक उन्हे जी भर के चोदा और फिर आगे पीछे ही डिसचार्ज हो गये इस तरह सुबह के 6 बजे तक मैने उन्हे उस रात मे 5 बार चोदा हम दोनो के चेहरे पे पूर्ण संतुष्टि की भाव थे मामी के शरीर का एक एक जोड़ हिला दिया था मैं और कुछ ऐसा ही हाल मेरा था
जब मैं सो के उठा तो दोपहर का 1 बज रहा था अपनी आँखो को मसलता हुआ मैं नीचे गया तो नानी बोली बेटा आज तो बहुत लेट तक सोए हो मैने कहा हाँ नानी थोड़ी तबीयत ठीक नही थी इसीलिए मैने देखा मामी मेरी ओर देख के मंद मंद मुस्कुरा रही थी कोई ढाई बजे मैं कौशल्या मामी के घर था मामा वही थे तो कुछ ज़्यादा बातचीत नही हो पा रही थी फिर कोई आदमी आया तो मामा उसके साथ बाहर चले गये मैने कौशल्या को पकड़ा और अपनी गोदी मे बिठा लिया और उसे बताया कि अब घबराने की कोई बात नही है बड़ी मामी से प्रॉमिस ले लिया है वो किसी को हमारे बारे मे नही बताएँगी ये सुनके वो बहुत खुश हो गयी और एक जोरदार पप्पी दी पर मैने उसे ये नही बताया कि मैने बिर्मा मामी को भी रगड़ दिया
है
मैने कहा अब तुम कब दोगि तो वो बोली अभी तो रुकना पड़ेगा उसकी डेट्स शुरू हो गयी है तभी मैने कहा कि मामी की सहेली है ना वो सरोज वो मुझे अजीब से नज़रो से देख रही थी और अपने घर भी बुलाया है तो मामी बोली अरे वो एक नंबर की रांड़ है,छीनाल औरत है उसके चक्कर मे मत आ जइयो फिर वो मेरी गोदी से उतरी और कपड़ो को प्रेस करने लगी मामा भी वापिसा गये पर मेरे दिमाग़ मे आया कि इस सरोज रांड़ को भी चेक करना ही पड़ेगा कुछ देर बाद मैं वापिस हो लिया उनके घर से निकल के मैं खेतो की तरफ घूमने निकल पड़ा काफ़ी देर तक इधर उधर भटकता रहा जब मैं घर पहुँचा तो रात हो चुकी थी गली एक दम सुनसान पड़ी थी जाते ही नानी ने कई सवाल पूछे उन्हे बताया कि ऐसे ही घूमने चला गया था
रात को बिर्मा एक बार फिर मेरे नीचे अपनी टांगे चौड़ी किए हुए पड़ी थी थोड़े दिन ऐसे ही बीत गये मैं दिन मे मोका लगते ही मामी की चूत मार देता था और रात तो अपनी ही थी मामी की रंगत कुछ ही दिनो मे बदल गयी थी उनकी चाल मस्तानी हो गयी थी उन्होने भी अपनी आप को मुझ पे पूरी तरह न्योछावर कर दिया था ऐसा कोई एंगल नही था जिसे मैने उन्हे चोद्ते हुए उसे नही किया था हर रात हमारी सुहागरात होती थी बस दो दिन रह गये थे मेरे वापिस जाने मे मैं जाने से पहले कौशल्या को चोदना चाहता था पर चान्स ही नही बन रहा था और उस सुबह जब मैं दुकान से सब्जी लेके आ रहा था तो मुझे सरोज मिल गयी वो अपने घर के बाहर हॅंडपंप से पानी भर रही थी उसने मुझे देखा और बोली भान्जे सा आप तो हमारी तरफ आते ही नही कितनी बार बुलाया कभी हमे भी खातिर दारी का मौका दो
और अपने होंठ को दांतो से काट सा लिया मैं समझ गया था कि ये तो खुद ही तैयार है मैने कहा मामी आज ज़रूर आउन्गा अभी तो जाना होगा तो वो बोली दोपहर को आना मैं ये सुनके आगे को बढ़ गया दोपहर को मैने कहा कि नानी मैं थोड़ा घूमने जा रहा हूँ और सरोज के घर चल दिया वो मुझे देखते ही खुश हो गयी और मुझे अंदर ले गयी उसका घर भी काफ़ी बड़ा था मैने कहा और कोई नही दिख रहा है तो उसने बताया कि बच्चे तो अपनी बुआ के गये हैं छुट्टियाँ चल रही है ना और सास-ससुर है नही और ये अपनी दुकान पे गये है रात तक ही आना होता है वो मेरे लिए कुछ नाश्ता सा ले आई और बिल्कुल मेरे से सट के बैठ गयी उसकी टांगे मेरी टाँगो से रगड़ खाने लगी मैं इतना तो समझ ही गया था कि पका हुआ आम है बस चूसने की देर है
तो मैने नाश्ता छोड़ा और सीधा उसे अपनी गोदी मे लिटा लिया वो बोली अरे ये क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे तो मैने कहा देखो आक्टिंग मत करो मैं जानता हूँ तुमने मुझे क्यों बुलाया है सीधा पॉइंट पे आ जाओ ये सुनके वो बोली तुम तो बड़े तेज निकले मैने कहा तेज लोगो के साथ तेज होना पड़ता है और उसके गालो पे किस करने लगा सरोज उठी और मेन गेट बंद करके आई मैने उसे दबोच लिया और फॉरन से ही उसके घाघरे को उतार दिया नीचे कच्छि नही पहनी थी उसकी काले बालो से भरी चूत को देखते ही मेरी राल टपक गयी मैने उसका ब्लाउस भी उतार दिया और उस नंगी हुष्ण की मूरत को देखने लगा उसने मेरी पेंट के उपर से ही मेरे लंड को भींचा और मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया अब हम उसके बेडरूम मे थे
मैने भी अपने कपड़ो को हटा दिया मेरे लंड को देखते ही वो बोली अरे बाप रे हथियार तो पूरा ले रखा है पर चलाना भी आता है तो मैने कहा तुम चलाने की बात कर रही हो ये ना जाने कितने शिकार कर चुका है सरोज आके मेरी जाँघो पे बैठ गयी और अपनी बाहें मेरे गले मे डाल के मुझे किस करने लगी उसकी नरम जीभ मेरे मुँह मे घुलने लगी थी उसपे चूतड़ तेरी टाँगो पे धसने लगे थे 5-6 मिनट तक वो मेरे मुँह मे अपनी जीभ डाले रही उसके थूक का स्वाद बड़ा ही मीठा मीठा था मैं उसके चुंबन मे खो सा गया सरोज के साथ आने वाले पल मजेदार होने वाले थे वो मेरे होंठो को नोच खसोट रही थी वो अपना ख़ूँख़ार पन दिखा रही थी मैने किस तोड़ी और उसे अपनी गोदी मे ही लिटा लिया और उसके स्तनो को दबाने लगा
मोस्मि जैसे उसकी चूचियो मे बहुत ही कसाव था एक दम ठोस बॉल जैसे थी वो मज़े से उन्हे दबाने लगा सरोज गरम होने लगी कुछ देर बाद मैने उसे उठाया और उसकी नंगी टाँगो के बीच मे अपना सर घुसा दिया काले रंग की छोटी सी चूत बिल्कुल छोटे छोटे रोयेन्दार बालो से भरी और उपर से दाने पे तिल क्या गजब नज़ारा था मेरा मन मो लिया उसने मैने अपनी जीभ खोली और उसकी दिलकश चूत पे रख दी सरोज ने एकदम से अपनी आँखो को बंद कर लिया उसकी टाँगो को थोड़ा सा फैलाया और उसके दाने को अपने मुँह मे भर के चुँसने लगा कुछ ही देर मे उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चूँकि थी सरोज की सांसो का भार बढ़ने लगा था वो किसी नागिन की तरह मचलने लगी थी
उसने अपनी टाँगो को बिल्कुल उपर कर लिया जिस से उसकी चूत बाहर की तरफ उभर आई मैं उसे अपने दांतो से चबाने लगा बड़े ही चाव से मैं अपना मुँह उसके गुप्ताँग पे रगड़े जा रहा था जैसे ही उसे लगा कि अब वो झड़ने वाली है उसने मुझे हटा दिया और खुद लेट ते हुए मुझे अपने उपर खींच लिया और मेरे लंड को अपनी चूत पे टिकाते हुए बोले भानजे सा बस अब देर ना करो बना लो अपनी मामी को लुगाई मैने भी कोई देर ना की एक ही झटके मे लगभग आधा लंड सरोज की चूत मे उतार किया उसने अपने बदन को अड्जस्ट किया थोड़ी देर बाद पूरा लंड अंदर गोते खा रहा था उसने अपनी टाँगो को मेरी कमर पे लपेट दिया और अपने तपते गरम होंठ मेरे होंठो से जोड़ लिए
और चुदाई के सागर मे हमारी नाव चल पड़ी मैं बहुत ही बेरहमी से उसे चोद रहा था पर वो भी पूरी पक्की वाली थी मेरी हर चोट पे अपनी गान्ड को उछालती हुई वो चुदे जा रही थी मैं उसकी जीभ को चुँसे जा रहा था काफ़ी देर तक वो मुझे अपनी मस्ताई हुई जवानी का रस चखाती रही फिर उसने अपने शरीर को टाइट कर लिया और ठंडी आह भरते हुए अपने सुख को पा लिया मैने उसे उल्टी लिटाया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा मैं अपने दांतो से उसकी गरदन को काटने लगा हर धक्के के साथ लंड उसकी गान्ड से टकरा रहा था कोई पंद्रह मिनट ऑर लगे और मैने भी उसकी चूत को भिगो दिया
फिर मैं उठा और सरोज की चुनरिया से अपने लंड को सॉफ किया वो भी उठ के बैठ गयी और अपनी चूत से रिस्ते वीर्य को सॉफ करने लगी मैं अपनी पेंट पहन ही रहा था कि उसने मेरी बेल्ट को पकड़ लिया और अपनी नशीली आँखे मेरी आँखो मे डालते हुए बोली बस क्या एक बार मे ही थक गये और मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया मैने कहा चलो ठीक है एक राउंड ओर हो जाए क्या पता फिर कब मिलना हो सरोज मामी के हाथो की गर्माहट पाकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा मैने कहा मामी इसे थोड़ा गीला तो कर्लो तो उन्हने उसपे थोड़ा थूक दिया और उसे हिलाने लगी मैने कहा ऐसे नही तो वो बोली कैसे मैने उनने लंड चुँसने का इशारा किया तो वो हँसी और तुरंत ही मेरे लंड को अपने होंठो मे दबा लिया बड़ी ही बेफिकरि से सरोज ने मेरा लंड चुंसना चालू किया
मैने कहा क्या मामी आप भी अभी कौन आएगा यहा पे और अपने हाथो से उनके उन्नत रसीले उभारों को भींचने लगा मामी लगातार छूटने की कोशिश कर रही थी पर आज मेरा पक्का निश्चय था तो मैने अपनी पकड़ और भी टाइट करदी मेरा लंड उनकी साड़ी से ही गान्ड मे घुसने को बेताब हो रहा था जिसकी तपिश उन्हे भी अपने चुतडो मे महसूस होने लगी थी
मामी बोली ये पाप है ऐसा मत करो
मैने कहा पाप-पुन्य कुछ नही होता आप मुझे बस एक चान्स तो देके देखो बस एक चान्स और उनके ब्लाउस के हूकों को एक ही झटके मे खींच दिया ब्लाउस फट के मेरे हाथो मे आ गया गुलाबी कलर की ब्रा मे क़ैद उनकी गौरी गौरी मस्ती से भारी चूचियो को देख के मेरा हाल बुरा हो गया मैं उन्हे ब्रा के उपर से ही भींचने लगा मामी बोली अब मान भी जाओ बस बहुत हो गया तो मैने कहा अभी तो सुरू भी नही हुआ और आप कहती हो मान भी जाओ मैने कहा मामी आज मत रोको जो होता है बस होने दो और उनकी गर्दन पे चूमने लगा जैसे ही मेरे होंठ उनकी गर्दन से टकराए मामी के बदन मे एक लहर दौड़ गयी मामी की आवाज़ कांप उठी मामी बोली प्लीज़ रुक जाओ तूमम्म्मममममममम पर मैं लगा रहा उनकी गरदन को चूमते चूमते उनके बोबो से खेले जा रहा था मामी मना तो कर रही थी पर अब उनके स्वर मे इतनी तीव्रता नही थी कोई पंद्रह मिनट तक मैं उनके बोबो को दबाता रहा फिर मैं अपने हाथो को पीछे ले गया और उनकी ब्रा के हुको को खोल दिया और ब्रा को हटा दिया अब नंगी छातिया नीचे को लटक पड़ी
मैं अब पूरी तरह से उनको सहलाने लग गया उनके निप्पल्स का तनाव सॉफ दिखने लगा था मामी ने अपनी आँखो को बंद कर लिया था अब मैं अपना हाथ नीचे की ओर ले गया ओर उनकी साड़ी के उपर से ही चूत को मसल्ने लगा मामी की सिसकी निकल गयी उन्होनी अपनी टाँगो को भींच लिया मैं मामी के कान मे बोला मामी अब मान भी जाओ ना कर भी दो मेरी इच्छा पूरी मामी कुछ नही बोली मैने उनकी साड़ी को उनके शरीर से अलग कर दिया अब बस पेटिकोट ही बचा था मैने उसके नाडे को पकड़ा ही था कि मामी बोली रुक जऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ म्म्म्म्माआआआआआआआआअत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ तो मैने कहा ओह कम ऑन मामी अब रुकने को मत बोलो और कुछ ही सेकेंड्स मे उनका पेटिकोट उनके पैरो मे पड़ा था मामी का हाहा कारी योवन मेरे सामने खुला पड़ा था बस चूत को गुलाबी कच्छि ने ढक रखा था मैने मामी को बाहों मे भर लिया और उनके लाल लाल होंठो को चुँसने लगा मामी भी कुछ हद तक गरम हो गयी थी मैं अपनी जीभ को उनके होंठो से रगड़ने लगा तभी उन्होने अपना मुँह खोल के मेरी जीभ को अपने मुँह मे ले लिया मैं असचर्यचकित हो गया
अब मैं उनके कुल्हो को दबाते हुए उनको किस कर रहा था बहुत ही लंबा किस चला उनके साथ कोई भी हटने को तैयार नही था मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था और उन्हे भी उनके नरम नरम होन्ट मेरे होंठो से चिपके पड़े थे मैं तो जैसे उनमे खो गया था पता ही नही कब तक उनके होंठो का रस्पान करता रहा उन्होने भी हटने की कोई कोशिश नही की थी जब मेरी साँस हद से बेकाबू हो गयी तब मैने मामी के होंठो को छोड़ा और अपने होंठो पे जीभ फेरी मैने कहा मामी तुम तो बड़ी ही रसीली निकली क्या स्वादिष्ट होंठ है आपके मामी अपनी तारीफ सुनके खुश हो गयी अब उनकी शरम भी थोड़ी हद तक गायब हो गयी थी मैने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और पूरा नंगा हो गया
मेरा लंड जो कपड़ो की क़ैद से छटपटाने को बेताब हो रहा था वो बाहर ताजी हवा पाते ही मचलने लगा मामी की आँखे मेरे लंड पे जम गयी मैं कहा अच्छी तरह से देखलो इसे अब ये ही आपकी हर अधूरी हसरत को पूरा करेगा मैं उनके पास गया और फिर से उन्हे किस करने लगा मेरा लंड उनकी चूत पे चुंभने लगा अगर बीच मे कच्छि नही होती तो अब तक वो चूत मे घुस चुका होता मुझे कोई भी जल्दबाज़ी नही थी मेरा प्लान था कि मामी को ऐसे चोदु कि वो पूरी तरह मेरी गुलाम बन जाए उन्हे मेरा चस्का लग जाए मैं अपने प्लान के अनुरूप ही स्टेप बाइ स्टेप जा रहा था मामी की चूचिया मेरे सीने मे घुसने को हो रही थी
एक बहुत ही बेहतरीन चुंबन के बाद मैने उन्हे बेड पे लिटा दिया और खुद भी उनके पास आ गया मैं अपनी उंगलिया मामी के होंठो पे फिरते हुए बोला मामी कैसा लगा पर मामी ने संकोच के कारण कोई जवाब नही दिया मैं मामी की साइड मे लेट चुका था तभी मैने उनकी चूची को अपने मुँह मे भर लिया और अपने हाथ से उनकी मांसल टाँगो को सहलाने लगा बहुत ही गौरी और चिकनी टांगे जैसे उनपे मलाई की मालिश की गयी हो मेरा हाथ बार बार उनपे फिसलने लगा उनकी चूची बहुत ही मुश्किल से मैं मुँह मे ले पा रहा था मामी पे भी अब कामदेव के तीर का असर होने लगा था मामी की गदराई जवानी के सागर मे आज मैं डुबकी लगाने वाला था उनकी चूची मेरे थूक से सन चुकी थी मैने उसे बाहर निकाला और दूसरी वाली को चूसने लगा मामी की आहे निकलने लगी थी कई देर तक ऐसे ही चलता रहा आहिस्ता आहिस्ता उनके अंदर काम वासना फूटने लगी थी अब मैं हटा और उनकी टाँगो के बीच आके बैठ गया मैने उनके पैर को अपने हाथो मे थामा और उसे चूमने लगा मेरी जीभ उनकी नरम नाज़ुक पिंडली पे फिसले जा रही थी मैं आज बिल्कुल ही अलग मूड मे था धीरे धीरे मैं उनको चूमते चूमते उनकी मोटी मोटी जाँघो की ओर बढ़ चला बहुत ही सॉफ्ट थी वो उनको किस करते हुए बीच बीच मे मैं अपने दाँत भी उनकी जाँघॉमे गढ़ा देता था मामी की गौरी जाँघो पे मेरे काटे के निशान पड़ गये थे मामी उछलने मचलने लगी थी मैं उनकी जाँघो को अपने थूक से गीला करते हुए और उपर की तरफ बढ़ने लगा और फिर वो पल भी आया जब मैने अपना मुँह उनकी कच्छि के उपर से उस जन्नत के दरवाजे पे रख दिया
मैने उनकी कच्छि पे गीला पन महसूस किया तो मेरा दिल उछलने लगा मैने अपने हाथ बढ़ाए और उनकी कच्छि की इलास्टिक को पकड़ लिया मामी ने अपने कुल्हो को थोड़ा सा उठा लिया और मैने झट से उस अंतिम वस्त्र को भी उनके शरीर से जुदा कर दिया अब वो जनमजात अवस्था मे मेरे सामने बेड पे पड़ी थी कुछ देर मैने उनकी कच्छि को सूँघा फिर उनकी टाँगो को फैला दिया उनकी चूत पे एक भी बाल नही था शायद आज ही उन्होने सॉफ किए होंगे काले रंग की फूली हुई चूत के होंठ मस्ती से खुल बंद हो रहे थे मैने उनकी टाँगो को अड्जस्ट किया और अपना मुँह उनकी रेशमी चूत पे लगा दिया जब मेरी गरम जीभ ने उनकी चूत के मस्ताने छोटे से दाने को छुआ तो उनको 440 वॉल्ट का झटका लगा और उनकी मुत्ठिया बेड की चादर पे कस गयी और उनके चूतड़ उपर की ओर उठ गये उनकी चूत का टेस्ट थोड़ा खट्टा सा था मन को भा गया उनकी चूत का वो स्वाद मैने उनकी चूत की फांको को अलग किया ना जाने कितने दिनो से उन्होने पुरुष स्पर्श प्राप्त नही किया था चूत बहुत ही गरम हो गयी थी
फांको को अलग अलग करने के बाद मैने चूत के अन्द्रूनि हिस्से को चाटना शुरू किया मामी पे मस्ती छाने लगी मामी बोली ऊहह हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआहह क्य्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्
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मैं जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उनकी पंखुड़ियो को चूमे जा रहा था फिर मैने मामी को उठाया और फर्श पे झुंकते हुए खड़ा कर दिया और उनके चतड़ो को चूमने लगा और चूत के दाने को अपने अंगूठे से कुरेदने लगा मामी की टाँगो की थिरकन बढ़ गयी थी मैने उनके चुतडो पे जगह जगह काटा बिल्कुल लाल हो गये उनके चूतड़ अब मैने उन्हे सीधा किया और उनकी टाँगो मे अपना सर डाल के बैठ गया और पूरे उत्साह से चूत चु
पूरे उत्साह से चूत चुसाइ करने लगा मामी ने मेरे सर को अपनी टाँगो मे दबा लिया और उन स्वर्णिम पॅलो का आनंद लेने लगी मामी की उत्तेजित सांसो की आवाज़ मेरा जोश और भी बढ़ा रही थी चूत से अब रस छूटना शुरू हो गया था मैने अपने दाँत उनके दाने पे गढ़ा दिए मामी मस्ती के शिखर की ओर बढ़ चली ।
उनकी चूत से रिस्ते चिप चिपे पानी से मेरे होंठ भीग रहे थे मैं अपनी जीभसे उनके पूरे योनि प्रदेश को नाप रहा था मामी की कोमल उंगलियाँ मेरे बालो को सहला रही था 15-20 मिनट तक निरंतर ये सब चलता रहा फिर मामी की चूत ने उनकी हसरतो का साथ छोड़ दिया और वो झड़ने लगी उनका बहता हुआ अनमोल रस मेरे होंठो से होता हुआ नीचे टपकने लगा इतना पानी मैने आज तक किसी भी औरत का नही देखा था शायद कई दिन मे झड़ने के कारण और वो थी भी तो बहुत ही जाबरदस्त माल बिल्कुल 24 करेट खरा सोना उनके झड़ने के बाद भी मैं चूत को चुंस्ता ही रहा फिर उन्होने मेरा मुँह अपनी चूत से हटाया और पास रखे जग से पानी पीने लगी फिर वो बेड पे लेट गयी मैने अपना लंड उनके हाथ मे दे दिया वो बोली मनोगे नही तुम मैने कहा आपका तो हो गया इस बेचारे का भी कुछ ख्याल करो मामी ने लंड की चमड़ी को हटाया और मेरे सुपाडे को निहारने लगी कुछ देर तक वो ऐसे ही देखती रही फिर उन्होने अपने हाथ को लंड आगे पीछे करना शुरू किया और मेरी मुट्ठी मारने लगी लंड की सारी नसो मे जोश भर गया थोड़ी देर तक वो मेरे लंड से खेलती रही फिर मैने उनकी टाँगो को पकड़ा और शेप मे करते हुए अपने लंड को उनकी चूत के सामने रख दिया मामी मेरी आँखो मे देख रही थी मुझे बहुत ही खुशी हो रही थी आज एक किले को और भेदने वाला था मैं
मैने उनके चुतडो को थोड़ा नीचे की ओर खिसकाया और अपना लंड उनकी चूत पे रख दिया एक हल्के से झटके से मेरा सुपाडा मामी की चूत पे किस करता हुआ अंदर घुस गया मामी की आँखे मस्ती के बोझ से मूंद गयी जैसे ही लंड ने चूत को टच किया वो अपनी औकात मे आ गया और एक ऑर धक्के के साथ आधा लंड मामी के अंदर था मैं कुछ देर उसे वही से अंदर बाहर करता रहा तो मामी ने अपनी आँखो को खोला और मेरी ओर सवालिया निगाहों से देखने लगी पर मैं रुका ही रहा तो उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा सा हिला के इशारा किया मैने हँसते हुए एक झटका और मारा और पूरा लंड उनके अंदर उतार दिया मामी की टाँगो को पकड़ट हुए अब मैने अपनी कमर को उचकाना शुरू किया मामी आआआअहह आआआआआआहह करने लगी बहुत ही धीमी धीमी आवाज़ मे चूत की फांको ने लंड को अपने मे कस लिया था लंड चूत की चिकनी दीवारो पे फिसले जा रहा था मामी को ऐसे ही चोदे जा रहा था फुन्च फुन्च की आवाज़ आ रही थी
लंड भी अच्छे से सेट हो चुका था तो मैने उनकी टाँगो को नीचे किया और पूरी तरह से उनके उपर छा गया मैने अपने मुँह को आगे करते हुए उनके चेहरे की तरफ बढ़ाया तो उन्होने भी स्वागत करते हुए अपना मुँह खोल दिया मैने उनके निचले होंठ को अपने मुँह मे भर लिया और लगा चूमने नीचे मेरा लंड सरपट सरपट उन्ही चोदे जा रहा था मामी ही हर मस्ती से भरी आह उनकी सांसो के साथ मेरे मुँहमे घूमने लगी वक़्त गुजरने के साथ साथ मेरी स्पीड भी अब बढ़ने लगी थी मामी पूरी तरह मेरे रंग मे रंग चूँकि थी मस्ती का महॉल से पूरा कमरा महक उठा था गरमा गरम चुदाई चल रही थी मैने अपने होंठ हटाए और उनके सुडोल कंधो को चूमने लगा मामी ने अपने दोनो हाथो को मेरी पीठ पे कस लिया और अपने कुल्हो को उचकते हुए मेरा साथ देने लगी मामी की चूत से बहुत ही ज़्यादा पानी बह रहा था जिस से मेरा लंड बार बार फिसल रहा था मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड हिला हिला के दे रही थी मामी का चुदाई का अनुभव तो बहुत ही ज़्यादा था
इस बार उन्होने मेरे होंठो को पकड़ लिया और अपने अंदर की जंगली औरत के रूप का दर्शन मुझे करवाने लगी उन्होने पलटी मारी अब वो मेरे उपर आ गयी थी उन्होने अपने हाथ मेरी चेस्ट पे रखे और लंड पे कूदने लगी लंड जड़ तक चूत मे समाए जा र्हा था उनके मुलायम हाथ मेरी चेस्ट को सहलाए जा रहे थे मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और बस उनके स्पर्श को फील करने लगा काफ़ी देर तक वो अपनी कमर को हिलाते हुए मेरे लंड पे उछल कूद मचती रही फिर वो मुझसे कस के चिपक गयी मैं समझ गया कि वो झाड़ रही है मैने उनकी कमर को थामा और नीचे से धक्के लगाने लगा उनका चरम सुख को पाने का मज़ा और भी बढ़ गया था मामी ने अपने मज़े के सफ़र को पूरा कर लिया था अब एक बार फिर से मैं उनके उपर चढ़ गया था अब मैने उनकी तूफ़ानी चुदाई शुरू की
मेरे हर धक्के पे वो आहे भर रही थी कोई 20-22 तेज शॉटो के बाद मेरा टाइम भी हो गया मेरे लंड ने उनकी चूत को गीला करना शुरू कर दिया गरम पानी की फुहारो को वो अपनी चोट मे महसूस करने लगी उनके चेहरी पे जमाने भर की खुशी छा गयी थी लंड से निकलती हर एक छोटी से छोटी बूँद को उनकी चूत ने अपने मे सोख लिया था थोड़ी देर बाद मेरा मुरझाया हुआ लंड मामी की चूत से निकला लंड पे उनके कामरस की एक सफेद सी पतली परत बन गयी थी मैं उनकी बगल मे लेट गया मामी मुझसे सट गयी मैने उनके चेहरे को उपर किया और पूछा मामी अब बताओ मज़ा आया कि नही तो उन्होने शरमाते हुए अपनी गर्दन से हाँ का इशारा किया मामी मेरे सीने पे अपने हाथ चलाने लगी मामी बोली तू तो बड़ा माहिर निकला तेरा छोटू तो बड़ा ही दमदार है अब समझी कौशल्या तेरे आगे पीछे क्यों घूमती रहती है
मैने कहा क्या आप और नही चुदवाओगि तो उन्होने मेरी चेस्ट मे मुक्का मारते हुए कहा जब तक तू यहाँ रहेगा मैं रोज कर्वाउन्गि तुझसे और अपने चेहरे को मेरे सीने मे छुपा लिया मामी मेरी छाती पे हल्के हल्के से किस करने लगी मैं उनकी गुदाज पीठ को सहलाने लगा मामी ने अपनी टाँगो को मेरी टाँगो पे लपेट लिया मेरे हाथ उनकी पीठ से होके उनके कुल्हो की ओर चल पड़े अब मैं उनकी गान्ड की दरार को अपनी उंगली से कुरेदना लगा अब मामी की जीभ मेरी छाती पे फिर रही थी मामी के रूप मे मुझे साक्षात कामदेवी के दर्शन होने थे आज मैने मामी के बालो मे बँधे हेर बॅंड को खोल दिया तो उनके नागिन से गहरे बाल आज़ाद हो गये उनके बाल उनकी गान्ड तक लंबे थे मैं अपनी उंगलिया उनकी रेशमी ज़ुल्फो मे फिरने लगा खुले हुए बालो ने उनकी सुंदरता को ऑर भी बढ़ा दिया मैं उठ के खड़ा हुआ और मामी बेड पे बैठ गयी मामी ने मेरे मुरझाए पड़े लंड को अपने हाथ मे लिया और उसे सहलाने लगी साथ ही साथ मेरे अंडकोषो को भी अपनी मुट्ठी मे भर लिया और उन्हे दबाने लगी मेरे लंड मे एक बार फिर से हरकत होने लगी उसमे हल्का सा तनाव आना शुरू हो गया मैने मामी के सर को पकड़ा और अपने लंड पे झुका दिया मामी ने अपनी लंबी जीभ को बाहर निकाला और उसे मेरी गोलियो पे फेरने लगी
मैं अपना कंट्रोल खोने लगा हालाँकि मैं कई औरतो को चोद चुका था पर आज एहसास हो रहा था कि मेच्यूर औरतो को चुदाई का कितना अनुभव होता है मामी मुझे अपनी स्पेशल क्लास दिखा रही थी मैं तो उनकी उन कातिल अदाओ का दीवाना हो गया था उसी पल से फिर वो थोड़ा उपर की ओर बढ़ी ओर लंड को चुँसने लगी उनके थूक से लंड पे चमक सी आ गयी थी अब उन्होने अपने होंठो को गोल किया और मेरे सुपाडे को अपने लाल होंठो मे दबा लिया उनकी गरमा गरम जीभ को मेरा लंड सहन नही कर पा रहा था लग रहा था कि मैं ज़्यादा देर उनके आगे नही ठहर पाउन्गा मज़ा अपनी हर सीमा तो आज लाँघ गया था मेरे पूरे बदन मे जैसे चींटिया रेंगने लगी थी मेरी कनपटिया सुर्ख हो गयी थी पता ही नही चला कब उन्होने मेरे पूरे लंड को अपने गले मे उतार लिया और मुझे मुख मैन्थून का मज़ा देने लगी मैं तो धन्य हो गया था उनका साथ पाके वो बड़ी ही कुशलता से मेरे लंड को अपने मुँह मे अंदर बाहर किए जा रही थी अब वो मेरे लंड को हिलाते हुए चूस रही थी मैं अपने होश खोते जा रहा था मैने कहा बस करो मामी छोड़ दो इसे पर उन्होने मेरी एक ना सुनी और अपना काम करती रही मामी लंड को चुंस्ते चुंस्ते उसे अपने मुँह से निकालती और अपने गालो पे फिराती और फिर से चुँसने लगती थी मेरे लिए अब सहना मुश्किल हो रहा था मैने उनके सर पे अपने हाथो की पकड़ को और भी मजबूत कर दिया और अपनी आँखो को बंद कर लिया और उस अद्भुत मस्ती को फील करने लगा मामी ने कोई 15 मिनट तक मेरा लंड चूसा ऐसी तल्लिनता से वो उसे चूस रही थी कि क्या बताऊ फिर मैने उनके सर को बुरी तरह से दबा लिया लंड उनकी गले मे अटक गया और ठीक उसी पल मैने अपना गाढ़ा गरमा गरम वीर्य से उनके गले को तर कर दिया मामी का मुँह मेरे पानी से भर गया था जिसे वो चटखारे लेके पीने लगी काफ़ी देर बाद उन्होने मेरे लंड को बाहर निकाला मैं बेड पे लेट गया वो मुझे देख के मुस्कुरा रही थी दो पल के लिए जैसे सब कुछ थम सा गया था मैं तकियो का सहारा लिए लेटा था तो मामी बेड पे चढ़ि और मेरे मुँह मे आके खड़ी हो गयी उन्होने अपनी चूत की दोनो पंखुड़ियो को अपनी उंगलियो से अलग करते हुए अपनी चूत को मेरे होंठो पे रख दिया और मेरे मुँह पे बैठ गयी मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और उनकी चूत मे घुसा दिया जैसे ही मेरी जीभ चूत मे घुसी उनके बदन ने एक झुन्र्झुरि ली जैसे जैसे मैं उसे चाट ता जा रहा था वैसे वैसे उनके मोटे मोटे कूल्हे थिरकने लगे थे उनके बोझ से मेरा चेहरा दबा जा रहा था पर मैं लगा रहा मामी बोली वेरीयियीयैआइ
गगगगगगगगगगगगगगगगगगूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह
हूऊऊऊऊऊ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआअ आआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईीीइसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईईई हीईीईईईईईईईईईईईईईईईई मैं उनके चुतडो को दबाया और ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभ को उनकी चूत पे रगड़ने लगा मामी की साँसे अटकने लगी वो बहुत ही तेज़ी से अपनी गान्ड को हिला रही थी जैसे कोई वाइब्रटर लगा हो काफ़ी देर तक मैं चुसता रहा फिर मैने उन्हे अपने उपर से हटाया क्यों कि मैं उनके बोझ से दबा जा रहा था फिर वो चित लेटी और मैने दुबारा से उनकी चूत को दबा लिया कोई दस मिनट ही बीते होंगे कि उनकी चूत की दीवार एक बार फिर से ढह गयी और वो झाड़ गयी मैने बेड की चादर से उनकी चूत को पोंछ दिया मामी अपनी चूचियो को मसल रही थी मैने गेट खोला और बाहर पेशाब करने चला गया ठंड से पूरा बदन हिल गया मामी भी मेरे पीछे ही आ गयी और छज्जे पे बैठ के अपना मूत्र त्याग करने लगी वापिस आके बिस्तर मे घुसने पे ठंड से राहत मिली मामी अब टेढ़ी होके लेटी हुई थी मैं उनसे चिपका पड़ा था मैने उनके बोबो को सहलाना शुरू किया मामी ने अपना हाथ पीछे किया और लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया उनकी उंगलियो का टच होते ही मुर्दा पड़े लंड मे फिर से जान आने लगी मैं एक हाथ से उनके बोबो को भींच रहा था और दूसरे से उनकी चूत मे उंगलिकरते हुए उन्हे गरम करने मे लगा था थोड़ी ही देर मे हम फिर से तैयार थे मैने उनकी एक टाँग को थोड़ा सा उपर किया और अपना लंड उनकी चूत मे धकेल दिया मामी ने अपनी गान्ड को पीछे करके मुझे रास्ता दिया मैने उनकी गर्दन पे अपने दाँतों के निशान छोड़ दिए और उनकी कमर मे डाले उन्हे चोदने लगा हम दोनो अपनी सुध बुध खोए हुए एक दूसरे की बाहों मे खोए हुए थे इस पोज़िशन में उनकी चूत काफ़ी टाइट लग रही थी मेरे लगाए हर धक्के का मज़ा ले रही थी मामी, काफ़ी देर तक हम लगे रहे फिर मैने उन्हे घोड़ी बना दिया और उनकी चूत को दो-तीन बार किस किया और थोड़ा थूक लगा के वापिस अपने लंड को अंदर डाल दिया मामी तो जैसे आज अपनी चूत का पूरा खजाना मुझ पे लुटाना चाहती थी
ये चुदाई बहुत देर तक चली मामी के खुले बाल उनके सर पे उलझे पड़े थे मैने उनकी गर्दन मे हाथ डाल के उन्हे थोड़ा उपर की ओर उठाया और लगा उन्हे करीब करीब 45 मिनट तक उन्हे जी भर के चोदा और फिर आगे पीछे ही डिसचार्ज हो गये इस तरह सुबह के 6 बजे तक मैने उन्हे उस रात मे 5 बार चोदा हम दोनो के चेहरे पे पूर्ण संतुष्टि की भाव थे मामी के शरीर का एक एक जोड़ हिला दिया था मैं और कुछ ऐसा ही हाल मेरा था
जब मैं सो के उठा तो दोपहर का 1 बज रहा था अपनी आँखो को मसलता हुआ मैं नीचे गया तो नानी बोली बेटा आज तो बहुत लेट तक सोए हो मैने कहा हाँ नानी थोड़ी तबीयत ठीक नही थी इसीलिए मैने देखा मामी मेरी ओर देख के मंद मंद मुस्कुरा रही थी कोई ढाई बजे मैं कौशल्या मामी के घर था मामा वही थे तो कुछ ज़्यादा बातचीत नही हो पा रही थी फिर कोई आदमी आया तो मामा उसके साथ बाहर चले गये मैने कौशल्या को पकड़ा और अपनी गोदी मे बिठा लिया और उसे बताया कि अब घबराने की कोई बात नही है बड़ी मामी से प्रॉमिस ले लिया है वो किसी को हमारे बारे मे नही बताएँगी ये सुनके वो बहुत खुश हो गयी और एक जोरदार पप्पी दी पर मैने उसे ये नही बताया कि मैने बिर्मा मामी को भी रगड़ दिया
है
मैने कहा अब तुम कब दोगि तो वो बोली अभी तो रुकना पड़ेगा उसकी डेट्स शुरू हो गयी है तभी मैने कहा कि मामी की सहेली है ना वो सरोज वो मुझे अजीब से नज़रो से देख रही थी और अपने घर भी बुलाया है तो मामी बोली अरे वो एक नंबर की रांड़ है,छीनाल औरत है उसके चक्कर मे मत आ जइयो फिर वो मेरी गोदी से उतरी और कपड़ो को प्रेस करने लगी मामा भी वापिसा गये पर मेरे दिमाग़ मे आया कि इस सरोज रांड़ को भी चेक करना ही पड़ेगा कुछ देर बाद मैं वापिस हो लिया उनके घर से निकल के मैं खेतो की तरफ घूमने निकल पड़ा काफ़ी देर तक इधर उधर भटकता रहा जब मैं घर पहुँचा तो रात हो चुकी थी गली एक दम सुनसान पड़ी थी जाते ही नानी ने कई सवाल पूछे उन्हे बताया कि ऐसे ही घूमने चला गया था
रात को बिर्मा एक बार फिर मेरे नीचे अपनी टांगे चौड़ी किए हुए पड़ी थी थोड़े दिन ऐसे ही बीत गये मैं दिन मे मोका लगते ही मामी की चूत मार देता था और रात तो अपनी ही थी मामी की रंगत कुछ ही दिनो मे बदल गयी थी उनकी चाल मस्तानी हो गयी थी उन्होने भी अपनी आप को मुझ पे पूरी तरह न्योछावर कर दिया था ऐसा कोई एंगल नही था जिसे मैने उन्हे चोद्ते हुए उसे नही किया था हर रात हमारी सुहागरात होती थी बस दो दिन रह गये थे मेरे वापिस जाने मे मैं जाने से पहले कौशल्या को चोदना चाहता था पर चान्स ही नही बन रहा था और उस सुबह जब मैं दुकान से सब्जी लेके आ रहा था तो मुझे सरोज मिल गयी वो अपने घर के बाहर हॅंडपंप से पानी भर रही थी उसने मुझे देखा और बोली भान्जे सा आप तो हमारी तरफ आते ही नही कितनी बार बुलाया कभी हमे भी खातिर दारी का मौका दो
और अपने होंठ को दांतो से काट सा लिया मैं समझ गया था कि ये तो खुद ही तैयार है मैने कहा मामी आज ज़रूर आउन्गा अभी तो जाना होगा तो वो बोली दोपहर को आना मैं ये सुनके आगे को बढ़ गया दोपहर को मैने कहा कि नानी मैं थोड़ा घूमने जा रहा हूँ और सरोज के घर चल दिया वो मुझे देखते ही खुश हो गयी और मुझे अंदर ले गयी उसका घर भी काफ़ी बड़ा था मैने कहा और कोई नही दिख रहा है तो उसने बताया कि बच्चे तो अपनी बुआ के गये हैं छुट्टियाँ चल रही है ना और सास-ससुर है नही और ये अपनी दुकान पे गये है रात तक ही आना होता है वो मेरे लिए कुछ नाश्ता सा ले आई और बिल्कुल मेरे से सट के बैठ गयी उसकी टांगे मेरी टाँगो से रगड़ खाने लगी मैं इतना तो समझ ही गया था कि पका हुआ आम है बस चूसने की देर है
तो मैने नाश्ता छोड़ा और सीधा उसे अपनी गोदी मे लिटा लिया वो बोली अरे ये क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे तो मैने कहा देखो आक्टिंग मत करो मैं जानता हूँ तुमने मुझे क्यों बुलाया है सीधा पॉइंट पे आ जाओ ये सुनके वो बोली तुम तो बड़े तेज निकले मैने कहा तेज लोगो के साथ तेज होना पड़ता है और उसके गालो पे किस करने लगा सरोज उठी और मेन गेट बंद करके आई मैने उसे दबोच लिया और फॉरन से ही उसके घाघरे को उतार दिया नीचे कच्छि नही पहनी थी उसकी काले बालो से भरी चूत को देखते ही मेरी राल टपक गयी मैने उसका ब्लाउस भी उतार दिया और उस नंगी हुष्ण की मूरत को देखने लगा उसने मेरी पेंट के उपर से ही मेरे लंड को भींचा और मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया अब हम उसके बेडरूम मे थे
मैने भी अपने कपड़ो को हटा दिया मेरे लंड को देखते ही वो बोली अरे बाप रे हथियार तो पूरा ले रखा है पर चलाना भी आता है तो मैने कहा तुम चलाने की बात कर रही हो ये ना जाने कितने शिकार कर चुका है सरोज आके मेरी जाँघो पे बैठ गयी और अपनी बाहें मेरे गले मे डाल के मुझे किस करने लगी उसकी नरम जीभ मेरे मुँह मे घुलने लगी थी उसपे चूतड़ तेरी टाँगो पे धसने लगे थे 5-6 मिनट तक वो मेरे मुँह मे अपनी जीभ डाले रही उसके थूक का स्वाद बड़ा ही मीठा मीठा था मैं उसके चुंबन मे खो सा गया सरोज के साथ आने वाले पल मजेदार होने वाले थे वो मेरे होंठो को नोच खसोट रही थी वो अपना ख़ूँख़ार पन दिखा रही थी मैने किस तोड़ी और उसे अपनी गोदी मे ही लिटा लिया और उसके स्तनो को दबाने लगा
मोस्मि जैसे उसकी चूचियो मे बहुत ही कसाव था एक दम ठोस बॉल जैसे थी वो मज़े से उन्हे दबाने लगा सरोज गरम होने लगी कुछ देर बाद मैने उसे उठाया और उसकी नंगी टाँगो के बीच मे अपना सर घुसा दिया काले रंग की छोटी सी चूत बिल्कुल छोटे छोटे रोयेन्दार बालो से भरी और उपर से दाने पे तिल क्या गजब नज़ारा था मेरा मन मो लिया उसने मैने अपनी जीभ खोली और उसकी दिलकश चूत पे रख दी सरोज ने एकदम से अपनी आँखो को बंद कर लिया उसकी टाँगो को थोड़ा सा फैलाया और उसके दाने को अपने मुँह मे भर के चुँसने लगा कुछ ही देर मे उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चूँकि थी सरोज की सांसो का भार बढ़ने लगा था वो किसी नागिन की तरह मचलने लगी थी
उसने अपनी टाँगो को बिल्कुल उपर कर लिया जिस से उसकी चूत बाहर की तरफ उभर आई मैं उसे अपने दांतो से चबाने लगा बड़े ही चाव से मैं अपना मुँह उसके गुप्ताँग पे रगड़े जा रहा था जैसे ही उसे लगा कि अब वो झड़ने वाली है उसने मुझे हटा दिया और खुद लेट ते हुए मुझे अपने उपर खींच लिया और मेरे लंड को अपनी चूत पे टिकाते हुए बोले भानजे सा बस अब देर ना करो बना लो अपनी मामी को लुगाई मैने भी कोई देर ना की एक ही झटके मे लगभग आधा लंड सरोज की चूत मे उतार किया उसने अपने बदन को अड्जस्ट किया थोड़ी देर बाद पूरा लंड अंदर गोते खा रहा था उसने अपनी टाँगो को मेरी कमर पे लपेट दिया और अपने तपते गरम होंठ मेरे होंठो से जोड़ लिए
और चुदाई के सागर मे हमारी नाव चल पड़ी मैं बहुत ही बेरहमी से उसे चोद रहा था पर वो भी पूरी पक्की वाली थी मेरी हर चोट पे अपनी गान्ड को उछालती हुई वो चुदे जा रही थी मैं उसकी जीभ को चुँसे जा रहा था काफ़ी देर तक वो मुझे अपनी मस्ताई हुई जवानी का रस चखाती रही फिर उसने अपने शरीर को टाइट कर लिया और ठंडी आह भरते हुए अपने सुख को पा लिया मैने उसे उल्टी लिटाया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा मैं अपने दांतो से उसकी गरदन को काटने लगा हर धक्के के साथ लंड उसकी गान्ड से टकरा रहा था कोई पंद्रह मिनट ऑर लगे और मैने भी उसकी चूत को भिगो दिया
फिर मैं उठा और सरोज की चुनरिया से अपने लंड को सॉफ किया वो भी उठ के बैठ गयी और अपनी चूत से रिस्ते वीर्य को सॉफ करने लगी मैं अपनी पेंट पहन ही रहा था कि उसने मेरी बेल्ट को पकड़ लिया और अपनी नशीली आँखे मेरी आँखो मे डालते हुए बोली बस क्या एक बार मे ही थक गये और मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया मैने कहा चलो ठीक है एक राउंड ओर हो जाए क्या पता फिर कब मिलना हो सरोज मामी के हाथो की गर्माहट पाकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा मैने कहा मामी इसे थोड़ा गीला तो कर्लो तो उन्हने उसपे थोड़ा थूक दिया और उसे हिलाने लगी मैने कहा ऐसे नही तो वो बोली कैसे मैने उनने लंड चुँसने का इशारा किया तो वो हँसी और तुरंत ही मेरे लंड को अपने होंठो मे दबा लिया बड़ी ही बेफिकरि से सरोज ने मेरा लंड चुंसना चालू किया