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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#15
मैने कहा पर वर कुछ नही आओ सो जाओ तभी कही दूर बिजली काड्की पर गर्जना से पूरा महॉल थर्रा उठा हवा के ज़ोर से किवाड़ चरमराने लगा वो काफ़ी देर तक सोचती ही रही फिर उसने चिमनी को बुझा दिया अगले कुछ पलो तक बस उसकी सांसो की ही आवाज़ आती रही फिर वो झट से रज़ाई मे घुस गयी ज्यों ही उसका तन मुझ से छुआ मेरे रोम रोम मे करंट दौड़ गया दो जिस्म नंगे एक बिस्तर मे

तभी उसका हाथ मेरे लंड से टकराया उसने फॉरन अपना हाथ हटा लिया मैं उस से बाते करने लगा चूँकि हमारे शरीर आपस मे टच थे तो मेरा लंड खड़ा होने लगा जो उसे भी महसूस हो रहा था तभी उनसे मुझसे कहा क़ि तुम मेरे साथ कुछ ऐसा वैसा तो नही करोगे ना मैने अंजान बनते हुए कहा ऐसा वैसा क्या .?

उसने कहा जो एक आदमी औरत करते हैं मैने कहा क्या सीधे सीधे बताओ तो उसने कहा चुदाइ मैने कहा अगर तुम्हारे मन मे है तो कर लूँगा और अगर तुम मना करो गी तो नही करूँगा तो वो कहने लगी कि उसके पति को मरे 3 साल हो चुके है कइयो ने उसे पटाने की कोशिश की पर उसने आज तक अपने को हवस के भेड़ियो से बचा के रखा है



मैने कहा कि देखो मिलती चूत को कोई छोड़ दे तो वो तो बेवकूफ़ ही है पर तुम मजबूरी मे मेरे साथ इस हालत मे हो और मैने आज तक किसी की मजबूरी का फ़ायदा नही उठाया है और आज तुम मेरे सहारे हो तो बिना तेरी मर्ज़ी के मैं ऐसी कोई हरकत नही करूँगा और अगर नींद मे ग़लती से हाथ लग जाए तो माफी दे देना तुम पूरी निश्चिंत रहो मैं खुशी से चूत मारता हूँ पर किसी का फ़ायदा नही उठाया आज तक वो बहुत ही प्रभावित हो गयी हालाँकि मेरा लंड पूरी तरह तन चुका था काफ़ी देर हम बात चीत करते रहे इधर लंड साला अपनी औकात पे आए बिना मान ही नही रहा था कुछ देर मैने अड्जस्ट किया पर मेरा मन बेकाबू होने लगा था

मैने अपने लंड को हाथ मे लिया और उसे हिलाने लगा वो बोली ये तुम क्या कर रहे हो तो मैने कहा ठंड बहुत लग रही है तो शरीर को गरम कर रहा हूँ

गीता बोली ये तो ग़लत बात है मैने कहा हाँ पर अभी और कोई चारा भी नही है और ज़ोर से लंड हिलाने लगा वो बोली ऐसा मत करो तो मैने अपने हाथ लंड से हटा लिए और उस से थोड़ा और चिपक सा गया अब मेरा लंड उसके चुतडो पे घिस रहा था उसके चूतड़ बहुत ही मुलायम थे उसे भी ये पता था पर वो इग्नोर कर रही थी तभी मैने पूछा इतने दिनो से बिना चुदे कैसे रही हो तुम क्या मन नही करता तो वो बोली शुरू शुरू मे दिक्कत होती थी पर फिर आदत हो गयी है कभी ज़्यादा ही ज़ोर उठता है तो उंगली से ही खुद को शांत कर लेती हूँ

पर किसी पराए मर्द की तरफ नही गयी मैने कहा अगर कोई पराया मर्द तुम्हारे पास आ जाए तो ………………..उसने कुछ जवाब नही दिया मैने अपना हाथ उसकी चूची पे रखा और उस से कहा कि देखो आज मौसम बहुत ही घातक है ये पुरानी रज़ाई कुछ खास गर्मी नही दे पाएगी अगर तुम राज़ी हो तो क्यों ना हम एक दूसरे के शरीर से थोड़ी गर्मी प्राप्त कर ले तो वो बोली मैं समझ रही हूँ कि तुम मेरे साथ करना चाहते हो तो मैने कहा इसमे ग़लत क्या है और फिर मज़ा तो दोनो को ही मिलेगा ना मैने उसकी चूची को हल्का सा दबा दिया उसने कहा पर ये ग़लत है वो साली काबू मे ही नही आ रही थी अब हम दोनो खामोश थे मैं लगातार उसकी चूची को सहलाए जा रहा था उसके निप्पल्स मे तनाव आना शुरू हो गया था रज़ाई के अंदर तापमान बढ़ने लगा था

वो बोली मत छेड़ो मुझे तो मैने आख़िरी दाँव खेलते हुए कहा की अगर वो मुझे उसे छोड़ने दे तो मैं उसे 2000 रुपये दूँगा पर वो बोली मैं ऐसी औरत नही हूँ.

मैं उसकी चूची को अब पूरी तरह दबाने लगा था उसकी आवाज़ मे लड-खड़ाहट आनी शुरू हो गयी थी मैने कहा 3000 उसने ना कहा तो मैने कहा कि ठीक है मैं तुझे 3500 रुपये दूँगा और तेरी टीन को लगाने मे मदद भी करूँगा और उसका जवाब सुने बिना ही उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया सालो बाद उसने लंड को अपने हाथो मे फील किया था चाह के भी वो अपना हाथ ना हटा सकी मैने कहा देख भगवान ने अगर मौका दिया है तो उसे कॅश करले अपने तन की आग बुझा ले इसमे तेरा फ़ायदा भी है और उसकी चूची को कस के भींचने लगा उसके मुँह से आह निकली मैं समझ गया था कि यही सही टाइम है हथौड़ा मारने का


मैं दोनो हाथो से उँची गोलाईयो को मसले जा रहा था वो पर पर कर रही थी मैने अपनी उंगली उसके होंठो पे रखी और बोला बस अब तुम कुछ नही बोलोगि जो होता है होने दो मैने अपने होंठ उसके प्यासे होंठो पे रख दिए उफ़फ्फ़ क्या तपिश थी गीता मे

आज कितने ही सालो बाद उसके अधरो को किसी ने चूमा था गीता अभी थोड़ा संकोच कर रही थी पर मुझे तो बस अब उसे चोदना ही था जैसे ही हमारे होंठो ने एक दूसरे को चूमा एक तरंग उसके बदन मे दौड़ गयी गीता के प्यासे लबो की प्यास आज बुझने वाली थी मैने बड़े ही प्यार से उन्हे चूमना शुरू किया वो शायद कुछ कहना चाहती थी पर उसकी आवाज़ उसके गले मे ही घुट के रह गयी उसके नरम होंठो को मैं बहुत ही प्यार से धीमे धीमे चूस रहा था

मैं पूरी तरह उसके उपर आ चुका था मेरा लंड उसके पेट से टकरा रहा था उसके काँपते होंठ मेरे थूक से गीले हो चुके थे क्या पता कितने ही देर तक मैं उन मदिरा के प्यालो का रस्पान करता रहा तभी बाहर कही बिजली काड्की तो मुझे जैसे होश आया और मैं उस से अलग हुआ उसकी साँस फूल गयी थी वो लंबी लंबी सांस ले रही थी मैं थोड़ा नीचे आया और उसकी पहाड़ों सी विशाल घाटियो के जैसी चूचियो को देखने लगा उसके भूरे रंग के दोनो निप्पल उत्तेजना से 1 इंच के हो गये थे मैने बिना देर किए उसकी लेफ्ट साइड वाली चूची को अपने मुँह मे लिया और चुँसने लगा साथ ही दूसरी चूची को मुट्ठी मे भर के भींच ने लगा गीता की कामुक आहे बरसात के शोर मे दब सी गयी थी


इतने दिनो बाद किसी पुरुष का स्पर्श अपने बदन पे पाके गीता धन्य हो गयी थी वो बस अपनी सांसो को समेटने की कोशिश कर रही थी मस्ती से उसका अंग प्रत्यंग भड़क रहा था कामदेव का तीर उसके हृदय को छलनी किए जा रहा था उसकी बैचैनि बहुत ही बढ़ गयी थी कोई 20 मिनट तक उसकी चूचियो को मैने बारी बारी जी भर के चूसा अब मेरी जीभ उसकी चूचियो से होती हुई नीचे की ओर चली उसका गोरा पेट कांप रहा था मैने उसकी नाभि मे अपनी जीभ डाल दी और उसे चूसने लगा उसके शरीर की थर थराहट और भी बढ़ गयी थी कुछ देर बाद मैं और थोड़ा नीचे सरका अब मैने उसकी टाँगो को फैलाया वो मना कर तो रही थी

पर उसके विरोध मे कोई दम नही था बस दिखावे के लिए वो मत करो मान जाओ ऐसा कह रही थी पर मुझे कहाँ रुकना था अब उसकी सालो से उपेक्षित चूत और मेरे मुँह मे बस कुछ ही इंच का फासला था और तभी मैने उसे चूमते हुए अपना मुँह उसके गुप्ताँग पे रख दिया एक बहुत ही मादक खुसबू मेरी नाक से टकराई क्या गंध थी उसकी चूत की उत्त्तेज्ना की अधिकता से चूत से बहुत ही पानी बह रहा था मैं भी ज़्यादा टाइम ना लेते हुए उसकी चूत को अपने मुँह मे भर लिया गीता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी उसे अब कुछ ना याद रहा उसकी हाथो ने मेरे सर को पकड़ लिया और अपनी चूत पे दबाने लगी अब गीता पूरी तरह से मेरे रंग मे रंग चुकी थी


कई सालो का जमा खारा पानी चूत रूपी नदी के हर बाँध को तोड़ने को आज बेताब था मेरी जीभ पूरी चूत पे किसी साँप की तरह रेंग रही थी वो लगातार मुझ पे अपने हाथो का दबाव डाल रही थी जैसे कि कह रही हो पूरे शरीर समेत ही चूत मे घूंस जाओ कोई 5-7 मिनट ही बीते होंगे कि उसके बदन ने एक झूर झूरी ली और गीता का काम तमाम हो गया मैं बड़े ही चाव से उसके सारे पानी को पी गया बहुत सा पानी मेरे होंठो और थॉडी पे भी लग गया था कई दिनो के कारण उसकी चूत ने बहुत ही ज़्यादा पानी छोड़ा था मैं किसी विजेता की तरह उठा उसने अपनी आँखो को मीच रखा था मैने अपने होंठो से उसके होंठो को दबाया और उन्हे चूमने लगा दो चार लंबे लंबे चुंबनो के पश्चात मैने उसकी टाँगो को अड्जस्ट किया और अपने लंड को उसकी करारी प्यासी चूत पे रख दिया

जैसे ही मैने धक्का मारा लंड फिसल गया तो मैने थोड़ा थूक लंड के सुपाडे पे लगाया और अबके एक धक्के मे ही सुपाडा चूत की दीवारो को फाड़ता हुआ अंदर पहुँच गया गीता दर्द से रो पड़ी कई सालो बाद लंड चूत मे गया था तो थोड़ी तकलीफ़ तो होनी थी ही उसने अपने दांतो को भींच लिया मैने ईक धक्का मारा और आधा लंड चूत मे पहुँचा दिया गीता की तकलीफ़ थोड़ी और बढ़ गयी आँसू छलक गये आँखोसे मैने पूछा रुकु क्या तो वो बोली ना करते रहो रुकना नही मैने दो धक्के और मारे और लंड उसकी चूत मे जड़ तक उतार दिया कुछ देर मैं शांत पड़ा रहा चूत ने भी खुद को थोड़ा ढाल लिया था अब मैने अपनी कमर उचकानी शुरू की

और उसके होंटो को फिर से चूमने लगा उसकी हर मस्त सिसकी मेरे मुँह मे ही घूँट रही थी अब ना बारिश का ध्यान था ना सर्दी का हम दोनो एक दूसरे मे खो चुकी थे हमारे शरीरो का मिलन चालू था मैं पूरा दम लगाके गीता की चूत मार रहा था गीता मेरे हर धक्के पे मचल रही थी उसने पूरे कमरे को अपने सर पे उठा लिया था और तेज अहह करते हुए वो चुद रही थी उसके दोनो हाथ उसके बोबो को मसल रहे थे वो बड़े ही प्यार से मेरी तरफ देख रही थी मुझे उसे चोद के बहुत ही संतुष्टि फील हो रही थी कोई अंदाज़ा नही था कि कितनी देर हो गयी थी उसे चोद्ते हुए गीता अपनी मस्त जवानी को दुबारा से फील कर रही थी मैने उसके होंठो और गालो को बुरी तरह काट खाया था उसके गालो पे मेरे दांतो के निशान उभर आए थे गीता किसी बंदरिया की तरह मुझसे चिपकी पड़ी थी और फिर वो लम्हा भी आया जिसका मुझे इंतजार था मैने अपने लंड को चूत से बाहर निकाला और 5-6 पिचकारिया अपने गाढ़े सफेद रस की उसके पेट पे गिरा दी इतना वीर्य शायद पहली बार निकला था लंड से निकलती धार को देख के गीता मुस्कुरा उठी

गीता ने अपने पेट पे पड़े मेरे वीर्य मे अपनी उंगलिया घुमाते हुए कहा कि तेरा घी तो बड़ा ही गाढ़ा है रे तो मैने कहा तुम्हे घी पसंद है वो बोली बेहोट तो मैने कहा अगली बार चखा दूँगा उसने पास पड़े गम्छे से उसे पोंछ दिया और अपनी चूत मे उंगली डाल के देखने लगी मैने पूछा क्या देख रही हो तो उसने कहा देख रही हूँ कही फट तो ना गयी मुझे हसी आ गयी मैने कहा फटी फ़टाई चूत का क्या फटेगा

फिर मैने पूछा कि गीता तुम्हे कैसा लगा वो बोली बता नही सकती आज ऐसा लगा जैसे मैं फिर से सुहागन बन गयी हूँ मैने कहा कि अब कभी कभी आ जाया करूँगा तुझे चोदने तो वो बोली देखेंगे आज तो मौसम बहुत ही बेरहम हो गया था मैं उठा और नंगा ही किवाड़ तक आया जैसे ही उसे खोला ठंडी हवा की लहर ने कमरे को अपने आगोश मे ले लिया


मेरा बदन अंदर तक काँप गया फिर भी मैं हिम्मत करके बाहर आया स्याह काला अंधेरा हर तरफ फैला पड़ा था कुछ भी दिखाई नही दे रहा था बस बादलो की तेज गर्जना और कड़कती बिजली की आवाज़ बारिश ने आज अपनी हद पार कर दी थी मैने पेशाब किया और वापिस आ गया किवाड़ की कुण्डी लगाई तो थोड़ा चैन मिला मैने गीता को कहा आज तो बरसात नही रुकने वाली उसने कहा उसका पूरा सामान बह गया होगा और थोड़ी दुखी हो गयी मैने उसके कंधे पे हाथ रखा और कहा की चिंता मत कर जितना हो सकेगा मैं तेरी मदद करूँगा वो बस हल्के से हंस पड़ी पर उस हँसी मे उसकी चिंता छुपी थी मैने उसे खड़ा किया हाइट मे वो मेरे कंधो तक ही आती थी मैने उसे अपनी बाँहो मे भर लिया वो किसी छोटी बच्ची की तरह मेरे आगोश मे समा गयी


उसकी ठोस छातियो का स्पर्श पाके मैं निहाल हो गया मैने अपने हाथ उसके मदहोश कुल्हो पे रखे और उन्हे दबाने लगा मखमल से उसके चूतड़ मेरे हाथ उनपे फिसलने लगे थे उसने वक़्त की नज़ाकत को समझा और अपनी ऐदियो को उँचा उठाते हुए अपने कोमल होंठ मुझे सोम्प दिए मैने खुशी खुशी उसके निचले होंठ को अपने मुँह मे भर लिया उसका हाथ ना जाने कब मेरे लंड पे पहुँच गया था मैं उसके होंठ को चबाने लगा वो ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ करने लगी पर मैं अपने काम मे जुटा रहा मैं इस रात को गीता की दूसरी सुहागरात बना देना चाहता था मेरे हाथ उसकी गान्ड पे कसे पड़े थे उसकी मांसल टांगे मेरी टाँगो से रगड़ खा रही थी



शरीर का रोम रोम पुलकित हो रहा था जब दो जिस्म एक दूसरे मे समाने की कोशिस कर रहे हो तो माहौल तो बन ना ही था खूब मज़े से गीता के होंठ को चबाया मज़ा ही आ गया तब मैने उसे छोड़ा वो तुरंत ही नीचे बैठी और मेरे लंड पे अपने गीले होंठ रख दिए उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फ्फ़ ज़ुल्म ही कर दिया था उस औरत ने बड़ी ही सादगी से वो मेरे लंड को चुंस रही थी बहुत ही धीरे धीरे बिना किसी जल्दी के बस अपने काम मे लगी हुई थी सुपड सुपड उसकी जीभ मेरे लंड पे रेंग रही थी कुछ देर लंड चूसने के बाद मैने उसे गीता के मुँह से निकाला और गीता का हाथ पकड़ कर उसे उठाया वासना के नशे मे उसकी आँखे जल रही थी कुछ ही पलो मे मैने उसे 69 मे कर दिया अब मेरा सर उसकी टाँगो के बीच फसा हुआ था


और उसका मेरी टाँगो के बीच मैने अपनी लंबी जीभ को थोड़ा तिकोना किया और उसकी रेशमी चूत मे घूँसा दिया खुरदरी जीभ जब उसकी चूत की कोमल दीवारो से रगड़ खाती तो गीता की मस्ती का आलम और भी रंगीन हो गया जहा तक मेरी जीभ की हद थी मैने पूरी जीभ गीता की चूत मे उतार दी थी और बस उसे हौले हौले हिलाते हुए चूत मे रगड़ रहा था दूसरी ओर गीता ने भी मेरे सुपाडे को अपने मुँह मे भर लिया था चुसाइ दोनो तरफ से चालू थी एक होड़ सी थी कि कौन . तरीके से चूस्ता है गीता मेरी गोलियो को सहलाते हुए मेरे लंड पे अपनी ज़ुबान फिरा रही थी मैं भी पीछे नही था अब मैने अपनी जीभ को बाहर निकाला और उसके छोटे से दाने को अपने होंठो मे दबा लिया गीता की सांस अटक गयी मस्ती से भर उठी वो उसके दान का नमकीन स्वाद मेरे मुँह मे चढ़ गया था जैसे किसी ने हल्का सा नमक छिड़क दिया हो

वहाँ पे काफ़ी देर तक मैं बस उसका दाना ही चाट ता रहा गीता भी मेरे लंड को पूरा मज़ा दे रही थी बस हमारी आहे ही निकल रही थी अब मैने दाने से अपने होंठ हटाये और उसकी पूरी चूत को चाटने लगा उसकी गान्ड के छेद तक जब मेरी जीभ उसकी गान्ड के छेद से टकराती तो उसके चुतड बुरी तरह हिल जाते थे मैने अपने हाथो से उसके कुल्हो को . लिया ताकि अच्छी तरह से चूत की चुसाइ कर . मेरा पूरा लंड गीता के गले की गहराईयो मे उतारा हुआ था वो अपने थूक को गटकते हुए मेरे लंड को अपने मुँह का मज़ा दे रही थी हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे मे खोए हुए थे अब ना बारिश का ख्याल था ना किसी ओर चीज़ का बस एक दूसरे के अंगो को चाट ते हुए मस्ती के सागर मे डूबे जा रहे थे मुझे महसूस होने लगा था कि मेरा पानी अब कभी भी निकल सकता है मैने गीता को कहा कि वो और ज़ोर से लंड को चूसे मेरा बस होने ही वाला है मैं उसे कह ही रहा था कि तभी लंड से वीर्य निकला और गीता के मुँह मे फैलने लगा पूरी क्रीम उसके गले मे उतारने लगी बड़े ही सेक्सी अंदाज से गीता मेरे पानी को पी रही थी कुछ पलो के लिए मैं सबकुछ भूल गया था उसने वीर्य के छोटी से छोटी बूँद तक को निगल लिया था मेरा काम तो हो गया था पर वो अभी तक नही झड़ी थी तो मैने भी कस्के उसकी चूत को चुंसना स्टार्ट किया गीता अब और भी मचलने लगी थी चूत बिल्कुल चिकनी हो चूँकि थी और कोई 2 मिनट बाद ही गीता ने अपनी टांगे मेरे सर पे कस दी और एक लंबी आह भरती हुए झाड़ गयी

कुछ देर बाद गीता उठी और बाहर चली गयी उसकी गान्ड की लचक बड़ी ही मस्त थी मैने रज़ाई ओढ़ ली और लेट सा गया थोड़ी देर बाद वो आई अपना शरीर पोन्छा और मेरे बगल मे आ गयी मैने उसकी कमर पे अपना हाथ फेरते हुआ पूछा की गीता दुबारा कभी ऐसा अवसर मिला तो क्या तुम्हरे इस बदन का आनंद मिलेगा तो उसने शरमाते हुए कहा कि कभी कभी वो दे दिया करेगी पर किसी को पता नही चलना चाहिए और मेरे सीने मे अपना सर छुपा लिया मेरी इच्छा हो रही थी कि मैं गीता की गान्ड भी मार लू पर शीला वाली घटना को देखते हुए मैं हिचक रहा था पर फिर भी मैने अपनी उंगली गीता के चुतडो के दरार मे अटका दी और उसे वहाँ पे फेरने लगा


मैने कहा कभी यहाँ लंड डलवाया है तो उसने शरमाते हुए कहा पहले कभी कभी कर लिया करती थी तो मैने कहा क्या उसे पसंद था गान्ड मरवाना तो वो बोली इतना पसंद तो नही था क्यों कि थोड़ा दर्द भी होता था पर अपने पति की इच्छा के लिए वो करवा लिया करती थी मेरी उंगली अब उसकी गान्ड के छेद तक पहुँच चूँकि थी मैने कहा क्या मुझसे गान्ड मर्वाओ गी तो उसने कहा कुछ नही तो मैने कहा अगर तुम्हे ज़रा सी भी तकलीफ़ होगी तो मैं नही करूँगा उसने हाँ कर दी मैने अपना एक हाथ से उसकी चूची को पकड़ लिया और दूसरी से उसकी गान्ड के छेद को खोलने लगा


गीता और मुझ से चिपक गयी मैं उसकी निप्पल से खेल रहा था मेरे लंड मे फिर से सुर सुराहट होने लगी थी उसकी गान्ड की सॉफ्टनेस उफ्फ क्या बताऊ उसके बारे मे तभी मेरी निगाह कलाई घड़ी पे पड़ी 1 बज रहा था मैने गीता को उल्टी लिटा दिया और उसके चुतडो पे किस करने लगा कितने मुलायम चूतड़ थे उसके मैने उनको खूब मसला फिर मैने उसके कुल्हो को थोड़ा सा फैलाया और अपना मुँह उसकी गान्ड पे लगा दिया और उसकी गान्ड को चाटने लगा गीता बोली अरे ये क्या कर रहे हो मुझे गुदगुदी होती है पर मैं लगा रहा मेरी जीभ का नुकीला हिस्सा उसकी गान्ड मे घुसाने की कोशिश कर रहा था


साथ ही साथ मैं उसपे थूकता भी जा रहा था ताकि गान्ड का छेद खूब चिकना भी हो जाए गीता अपनी गान्ड को उचकाने लगी थी कोई पन्द्रह मिनट तक मैने उसे खूब चाटा इधर मेरा लंड पूरी तरह तैयार खड़ा था मैने लंड पे भी काफ़ी थूक लगाया उसके चुतडो को अड्जस्ट किया और सुपाडा गीता की गान्ड पे भिड़ा दिया मैने कहा घुसाऊ तो वो बोली आराम से डालना तेज झटका ना मारना मैं खुद बहुत सावधान था बड़े ही प्यार से बस थोड़ा सा ज़ोर लगाया पर लंड ना घुसा बाहर फिसल गया मैने गीता को कस्के पकड़ा और इस बार सुपाडे को अंदर घुसा दिया


पर बस इतना ही घुसा था कि की गान्ड का आधा छेद ही पार हुआ था गीता को दर्द भरा झटका लगा उसके मुँह से दर्द भरी चीख निकली तो मैने कहा बाहर निकालु क्या तो उसने कहा थोड़ा रूको मैं रुक गया कोई 5 मिनट बाद वो बोली अब करो इसी तरह धीरे धीरे करते हुए मैने पूरा लंड उसकी गान्ड मे घुसेड दिया थोड़ी देर लगी पर काम हो ही गया था मैं पूरी तरह गीता पे पड़ चुका था मैने अपने हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी चूचियो को पकड़ लिया था और उन्हे भीचते हुए गीता की गान्ड मे लंड अंदर बाहर करने लगा उसकी गान्ड का छेद चौड़ा होके लंड की मोटाई के बरा बर हो गया था


उसे थोड़ी तकलीफ़ भी हो रही थी पर वो गान्ड भी मरवा रही थी जब जब मेरे अंडकोष उसके मखमली चुतडो पे टकराते तो बहुत ही अच्छा लग रहा था कोई दस मिनट बाद गीता भी अपने कुल्हो को मटकाने लगी थी अब गीता भी पूरी तरह गान्ड मरवाने मे लगी थी मैं गीता के गाल चूमते हुए बोला वाह क्या गान्ड है तेरी तू पहले क्यो ना मिली उसके टमाटर से गालो को मैं बुरी तरह से काट रहा था गीता ने अपनी गान्ड को और भी उपर की तरफ उठा लिया था मैं बिना रुके उसकी गान्ड को चौड़ा किए जा रहा था अब मैने अपने लंड को गान्ड से बाहर निकाला और एक तकिया उसके पेट के नीचे लगाया


इस से गीता की गान्ड और भी उभर आई फिर थोड़ा सा थूक और उसकी गान्ड पे लगाया और इस बार सीधा एक ही झटके मे पूरे लंड को गान्ड मे घुसेड दिया गीता इस अचानक के हमले को सह ना पाई और उसकी चीख निकल गयी वो बोली क्या जल्दी है रेल छूट रही है क्या मैने सॉरी कहा और आराम आराम से उसकी गान्ड मारने लगा काफ़ी टाइम हो गया था उसकी गान्ड मारते हुए गीता बस मीठी मीठी सिसकारिया भर रही थी और इस अहसास को अपनी आत्मा मे भर रही थी मैने कहा छूटने वाला है गान्ड मे ही छोड दूँ क्या तो वो बोली तेरी मर्ज़ी है मैं बिल्कुल किनारे पे आ चुका था और एक ठंडी आह के साथ मेरी टांगे काम्पि और मैं उसकी गान्ड मे स्खलित हो गया जब तक लंड मुरझा के बाहर ना निकला मैं उसपे ही पड़ा रहा

फिर मैं उठा और साइड मे लुढ़क गया थकान बहुत ही ज़्यादा हो गयी थी गीता की हालत भी ऐसी ही थी मैने कुछ देर उसे चूमा और एक दूसरे की बाहों मे हम सो गये. जब मेरी आँख खुली तो सुबह के सवा 6 हो रहे थे लाइट अभी तक नही आई थी मैने अपना कच्छा पहना किवाड़ को खोला तो देखा कि अंधेरा ही था और बरसात अभी तक हो रही थी हाँ हवा ज़रूर शांत हो गई थी मैने वही खड़े खड़े पेशाब किया और वापिस आके गीता की बाहों मे पनाह ले ली उठ तो वो भी गयी थी पर जान बुझ के लेती ही हुई थी उसने टाइम पूछा मैने बताया तो बोली अब उसे चलना चाहिए


अगर कोई इस तरफ आ निकला तो कई सवाल खड़े हो जाएँगे मैने कहा बाहर बरसात हो रही है कहाँ जाओगी ये सुनके वो खाट पे ही बैठ गयी उसने पूछा कि कपड़े सूखे क्या मैने कहा नही अभी भी थोड़े गीले ही है पर पहनने के लायक तो है ही गीता के नंगे बदन की तपीस से मेरी सोई आग फिर से भड़कने लगी मैने उसे लिटाया और उसकी चूत पे अपने होंठ रख दिए अभी भी पेशाब की गांध आ रही थी गीता बोली ना अब और नही तो मैने कहा कि बस एक बार और अपना मुँह चूत मे धसा दिया कुछ ही पॅलो मे गीता आहे भर रही थी ये सब ठंड का असर था वरना इतनी चुदाई मैने कभी नही की थी गीता की चूत की फांके मेरे मुँह मे थी और वो खाट पे मचल रही थी


गीता हौले से बोली बस आईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स हीईईईईईईईईईईईईई ईई ईईई ईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईई ओह हह हह हह हह हह हह बसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स भीईीईई ईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर र्र्र्र्ररर र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ नाआआआआआआआआआआआआआआआअन्न्नऊनननननननणणन् न्न्आआ्नननननननननननणणन् न्न्आआआननननननननननननननननननननननननननननणणन् न्न्आआआननननननननननननननननननननननननननननननणणन् न्न्आआआननणन्नाआआआआआआआआआआआआअ आआआआआआआआआआआ

कुछ ही पॅलो मे गीता फिर से एक गरम चुदासी औरत मे बदल चूँकि थी गीता लगातार उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ उूुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुउउ उूुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ आआआअहह हह हह हह करती हुई अपनी गान्ड को नीचे से उछालते हुए अपनी चूत को चटवा रही थी कोई दस मिनट तक मैने जी भर के गीता की चूत का रस चाटा वीर मैने उसकी जाँघो को एम शेप मे किया थोड़ा उन्हे उठाया और अपने प्यासे लंड को उसकी चुदासी चूत मे डाल दिया

उसकी चूत ने एक बार फिर से लंड को निगल लिया था तभी गीता बोली जी करता है सारी उमर तेरा लंड अपनी चूत मे ही रखूं तो मैने कहा किसने रोका है जब भी मन हो बुला लेना गीता का चेहरा पूरा लाल हो गया था उत्तेजना से गीता बोली और ज़ोर से चूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊद्द्द्द्द्दद्ड
द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्डूऊऊ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ मुज्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहीईए
ईईईईईईईईईईईईईईई और जूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊररर्र्र्र्ररर
र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर से चोदो मुझे मेरा सब कुछ ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊऊऊओ
ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओट लो आज बस मुझे जब तक चोदो जब तक मैं मर ना जाउ

शाबाश बस ऐसी हीईीईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मैं पूरी स्पीड से गीता की चूत मार रहा था गीता चुदाई मे पूरी तरह पागला चूँकि थी अब मैने उसे घोड़ी बनाया उसका पूरा पिछवाड़ा बाहर निकल आया क्या दिलकश नज़ारा था वो पीछे से लंड को चूत पे रगड़ने लगा अब उसकी हालत खराब होने लगी वो बोली जल्दी घुसाओ ना क्यो मज़ा बिगाड़ रहे हो मैं एक ही झटके मे उसकी चूत का रास्ता नाप दिया मैने उसके बोबो को पकड़ लिया और उन्हे बेदर्दी से मसल्ने लगा जितना भी उन्हे मसलता उतना ही वो और फिर फूल जाते मैने अपनी रफ़्तार तेज़ करते हुए गीता से कहा अभी नही झड़ना थोड़ा लंबा चलेंगे


उसने अपनी दोनो टाँगो को बिल्कुल चिपका लिया जिस से चूत और भी टाइट हो गयी अब मैं अपने दोनो हाथ उसके सुडोल कंधो पे रखे उसे भोग रहा था गीता की चूत से पच पच की आवाज़ आ रही थी गीता के जिस्म को पाके मैं धन्य हो गया था चोद तो कइयो को चुका था पर गीता उनमे बेस्ट निकली थी और वैसे भी जब औरत अपनी शरम का त्याग कर दे तो उसकी हर अदा और भी निखर आती है गीता मेरे हर धक्के का भरपूर मज़ा ले रही थी चूत ने लंड को ऐसे दबा लिया था जैसे उसका पर्मानेन्ट प्लॉट काट दिया हो वहाँ पे गीता भी पीछे की ओर अपनी गान्ड को हिला हिला के चुदाई का आनंद और भी बढ़ा रही थी ऐसे ही पूरे एक घंटे की मैराथन चुदाई के बाद हम लगभग एक साथ ही झाड़ गये एक बार फिर से मैने अपने वीर्य से उसकी चूत को निहाल कर दिया

मैं गीता से अलग हुआ एक जोरदार चुंबन लिया फिर हमने अपने अपने कपड़े पहने मैने किवाड़ खोला हल्का हल्का उजाला हो गया था पर ठंड काफ़ी लग रही थी फटा फट खाट को सही किया रात के सारे सुबूत सॉफ किए एक बार फिर गीता की गान्ड मसली और होंठ चुँसे फिर हम बाहर आए बारिश का ज़ोर भी ढल चुका था पर थोड़ी थोड़ी बूंदा बाँदी हो रही थी गीता बोली मैं चलती हूँ तो मैने कहा रूको मैं भी तुम्हारे साथ ही चलता हूँ और उसके पीछे पीछे चलने लगा चारो तरफ बस पानी ही पानी था घुटनो घुटनो तक पगडंडी का कही कुछ अता पता ही नही था फसल छितरा गयी थी इस बार नुकसान पक्का था गीता की हिलती गान्ड देख के मेरा लंड ललचाने लगा था पर अब मोका नही था कोई दस मिनट बाद हम गीता के खेत मे पहुँच गये

एक साइड मे एक ही कमरा था उसका जो मैने देखा उसका सब सामान पूरी तरह से गीला हो चुका था टीन टूटने की वजह से उसका बहुत ही नुकसान हो गया था गीता रौआंसी सी हो गयी मैने उसे दिलासा दिया कि घबराओ मत सब ठीक हो जाएगा अब हम लगे काम पर उसकी दोनो खाट पानी से फूल गयी थी उनका पानी निचोड़ा और उन्हे ठीक किया थोड़ी धूप लगने से वो इस्तेमाल लायक हो जाती मैने कहा तुम रूको मैं आता हूँ वापिस आया साइकल उठाई और गाव आ गया अपने कुछ दोस्तो को इकट्ठा किया और उन्हे लेके गीता के खेत मे आया उनकी मदद से गीता के मकान की टीन को दुबारा से लगाया और मजबूत तार से कस दिया इन सब मे काफ़ी टाइम लग गया था दोपहर ढल चूँकि थी भूख से बुरा हाल था पर दिल मे तसल्ली भी थी उसकी मदद करके पर उसका सारा सामान सेट कर दिया था

फिर मैं अपने कुन्वे पे आया और वहाँ पड़े बिस्तरे को लादा और गीता को दे दिया कि जब तक तुम्हारा सामान सुख ना जाए तुम ये इस्तेमाल कर लेना फिर मैं अपने दोस्तो के साथ वापिस हो लिया तभी मैने देखा कि कुन्वे पे पापा और चाचा आ गये थे उन्होने हमे देखा तो मैने उन्हे विस्तार से गीता के बारे मे बताया वो बोले ये तूने बहुत ही अच्छा काम किया वो लोग फसल को देखते हुए बोले कि अबकी बार तो नुकसान पक्का है मैने हाँ की फिर मैने कहा मैं कल रात से परेशान हूँ मैं घर जा रहा हूँ और अपने दोस्तो के साथ गाँव आ गया घर पहुँचा तो मम्मी को सारी बात बताई शाम तो हो ही चूँकि थी भूखा मर रहा था तो सबसे पहले दबा के खुराक पूरी की तो जैसे थोड़ी जान आई कुछ देर बाद पापा भी वापिस आ गये


मैने मम्मी की अलमारी से कुछ रुपये निकाले और सीधा गीता के पास पहुँच गया उसे रुपये दिए मैने कहा अभी मेरे पास इतने ही है पर जल्दी ही तुम्हारे पूरे कर दूँगा तो उसने कहा उसकी ज़रूरत नही है तुमने इतनी मदद की काफ़ी है तो मैने कहा जो मदद तुमने की है उसके आगे ये कुछ भी नही है मैने उसे अपनी बाहों मे भर लिया कुछ देर बाद मैने कहा अब मैं चलता हूँ और वापिस घर आ गया रात ढल चूँकि थी मैं अपने रूम मे आया ही था कि शीला ने दस्तक दे दी शीला बोली क्या बात है आज कल मेरी तरफ नही देखते हो मैने कहा ऐसी बात नही है थोड़ा टाइम नही रहता आज कल तो शीला बोली आज अकेली हूँ आओगे क्या तो मैने उसे कहा नही भाभी कल खेत मे फस गया था पूरी रात नही सोया बहुत ही थकान है प्लीज़ आज नही तो उसने बुरा सा मुँह बनाया और वो अपने पैर पटकते हुए चली गयी मैने गेट बंद किया और चादर तान के सो गया

कॉलेज ऑफ था तो कोई टेन्षन थी नही सुबह थोड़ा लाते उठा नाश्ता कर ही रहा था तभी मेरे दोस्त का फोन आया कि कुछ नये एग्ज़ॅम नोट्स आए है खरीद लियो मैने नाश्ता ख़तम किया और घर वालो को बताया कि सहर जा रहा हूँ कुछ किताबें लेनी है और चल दिया स्टॅंड पे प्रीतम मिली उसने बताया कि वो सहर जा रही है कुछ सामान लाने मैने कहा कि मैं भी वही जा रहा हूँ टेंपो पकड़ा और सहर पहुँच गये मैने अपनी किताबे ली उसने अपने लिए कुछ दुपट्टे लिए और सॅंडेल्ज़ ली मैने कहा समोसा खाओगि तो उसने कहा अरे हाँ चलो हम एक दुकान मे बैठ गये आज काफ़ी दिनो बाद उसके साथ टाइम मिला था थोड़ा रिलॅक्स फील हुआ काफ़ी देर बाते की उसके साथ उसने बताया कि शादी सर पे आने वाली है बहुत काम रहता है उसे आज कल मैने कहा शादी है तो काम भी ज़्यादा होगा ही वो बोली मुझे याद करते हो मैने कहा तू क्या मेरी प्रेमिका है जो तुझे याद करूँगा वो हँसने लगी फिर उसने छोटी-मोटी खरीदारी और की और हम वापिस आ गये घर आके मैं नयी किताबो मे खो गया 2-3 दिन बस ऐसे ही गुजर गये मैं गीता से मिलने जाना चाहता था पर मेरी स्टडी को देखते हुए चाचा ने खेतो की ज़िम्मेदारी संभाल ली थी तो मौका नही बन रहा था कुछ दिनो बाद सनडे आया अब हमेशा की तरह मिता से मिलने जाना था सर्दी की चुमकती हुई धूप भी बहुत अच्छी लगा करती है तय समय पे मैं मंदिर पहुँच गया कुछ देर बाद मेरे सपनो की मल्लिका आई उसकी सादगी ही उसकी खूबसूरती थी पर आज उसके साथ एक लड़की और भी थी

अब मैं उस से बात कैसे करू तो मैं मंदिर के खंबे का सहारा लेके बैठ गया मेरी नज़र बार बार मिता को ही देख रही थी थोड़ी देर बाद दोनो लड़किया मेरी ओर आई मिता ने बताया कि ये उसकी बहन है उसकी बहन ने मुझे कहा तो तुम हो वो जिसके नाम की रट ये दिन रात लगाए रहती है मैने कुछ नही बोला फिर थोड़ा टाइम उनके साथ बिताने के बाद मैं अपनी राह चल पड़ा आज दिल उड़ान भरने के मूड मे था घर आते ही रेडियो ऑन लगाया रोमॅंटिक गाने मेरे अहसास को और भी बढ़ा रहे थे चाची मज़े लेते हुए बोली आज कल क्या बात है तुम्हारे रंग ढंग बदले बदले लग रहे है मैने कहा सब मौसम का असर है



जब जब मैं मिता से मिलके आता था उसका रंग चढ़ जाता था मुझ पे हम मस्ती कर ही रहे थे कि तभी मम्मी आ गई उन्होने बताया कि तेरी बड़ी मामी का फोन आया था तेरे मामा और भाई को इस बार छुट्टी मिलने मे कुछ प्राब्लम हो रही है और फस्लो को भी संभालना है तेरे पापा तो ड्यूटी की वजह से बिजी है तेरी छुट्टियाँ है तो तू ही चला जा उनकी मदद के लिए मैने कहा मैं नही जाउन्गा तो मम्मी ने ज़ोर देते हुए कहा कि जाना ही पड़ेगा कल सुबह जाना है और चली गयी मैं भी अपने रूम मे आ गया फिर सोचा कि चलो इस बहाने से कौशल्या मामी से भी मिल लूँगा और जाने की तैयारी करने लगा
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 05-12-2020, 06:33 PM



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