05-12-2020, 04:56 PM
मैं उनकी गान्ड को पे हाथ फेरने लगा और एक उंगली उनकी गान्ड के दरवाजे पे रगड़ने लगा उनका छेद काफ़ी बड़ा सा लग रहा था मैने अपनी उंगली को थूक से गीला किया और मामी की गान्ड मे घुसा दी उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा सा भींच लिया पर उंगली आराम से अंदर चली गयी तो मैने कहा मामी आप तो गान्ड भी खूब मरवाती हो तो उन्होने जवाब नही दिया बल्कि मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे ज़ोर से दबा दिया मेरे मूह से आह निकल गयी ऐसे ही हमारी छेड़खानी चल रही थी तो वो बोली अब बस करना और चलने को कहा तो मैने कहा एक राउंड और तो वो बोली अब मेरी हिम्मत नही हैं और नींद भी आ रही हैं
तो मैने कहा बस कुछ देर तो रुक जाओ और जल्दी सी अपने लंड को उनकी चूत पे सेट किया और सुपाडे को अंदर डाल दिया और ऐसे ही खिलवाड़ करने लगा मामी कुछ देर ऐसे ही पड़ी रही फिर बोली अब डाल भी दे क्यों तडपा रहा हैं बेदर्दी उनका कहना था और मैने झट से लंड को एकक ही धक्के मे अंदर डाल दिया इस बार मामी के साथसाथ मेरी भी आह निकल गयी मामी ने अपनी टाँगे उठा ली और मेरे कंधो पे रखते हुए बोली भानजे जी अब अपनी मामी की सेवा करो ये सुनके मैं खुश हो गया और उनकी टाँगो को मजबूती से थामते हुए लंड को अंदर बाहर करने लगा
मेरे हर धक्के पे मामी का पूरा वजूद हिल रहा था आज अगर खाट होती तो वो शर्तिया टूट ही जाती अब मैने कुछ नया ट्राइ करते हुए मामी की दोनों टाँगो को उपर उठाया पर दोनो को एक दूसरी से बिल्कुल चिपका दिया इस तरह उनकी चूत की दोनो फांके आपस मे चिपक गयी जैसे उनके कोई सील लगी हो इस पोज़िशन मे चुदाई का मज़ा दुगना हो गया था मैं मामी के चुतडो को थामे हुए उन्हे चोद रहा था मामी अब बस अपनी आँखे मुन्दे उन पलो का आनंद ले रही थी अब उन्होने अपनी टाँगे चौड़ी की और मुझे अपने उपर आने को कहा मामी के होंटो का रस स्वादन करते हुए चुदाई चालू थी मामी मेरे जोश की कायल हो गयी थी और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी चुदाई करते हो
किसने सिखाया है तुमको तो मैने कहा बस आप जैसे की मेहरबानी है और कुछ नही और अपने धक्को की गति बढ़ा दी मेरी टाँगे अब जवाब देने लगी थी पर मैं हार नही मान ना चाहता था और मामी भी उचक उचक कर नीचे से ज़ोर लगा रही थी हमें आधे घंटे से भी ज़्यादा हो गया था पर मेरा पानी निकल ही नही रहा था मैने अब पूरी ताक़त से उनको चोदना शुरू किया मेरा शरीर बहुत ही तेज़ी से उनके शरीर मे समाए जा रहा था और कोई दस मिनट बाद मेरे शरीर मे हलचल होने लगी जो संकेत था मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और अपने वीर्य की धार मामी के मूह मे डालने लगा …
मामी समझ नही पाई कि ये क्या हुआ और थोड़ा गुस्सा करने लगी तो मैने रुमाल से उनका चेहरा पोंछ दिया उन्होने फटा फॅट अपने कपड़े पहने और अपने को दुरुस्त किया और बाहर निकल गयी पर मैं कुछ देर वहाँ पे ही खड़ा रहा और कोई 15 मिनिट बाद वापिस गया सब लोग भजनों मे मस्त थे तो तो मैने अपने लिए सोने का जुगाड़ किया और सपनो की दुनिया मे खो गया सुबह मैं जल्दी ही उठ गया था आँखे थोड़ी लाल लाल सी हो रही थी और उनमे जलन भी थी मैने ठंडे पानी से मूह धोया
आज का दिन काफ़ी बिज़ी होने वाला था पूरा दिन बस गहमा गहमी मे निकल गया एक-दो बार मामी कोशल्या से सामना भी हुआ पर मैने उनसे नज़र नही मिलाई और ना ही उन्होने कोई तवज्जो दी रात को हम काफ़ी देर गप्पे लड़ाते रहे महॉल बहुत ही ख़ुसनूमा था अब मैं थोड़ा अपनी मम्मी की फॅमिली के बारे मे बता दूं मेरे दो मामा है एक आर्मी मे हैं और एक टीचर हैं जो कोशल्या मामी हैं वो मेरे छोटे मामा की पत्नी हैं मामा की पोस्टिंग बाड़मेर के र्राइव. सेकेंडरी कॉलेज मे थी वो बस महीने में 3-4 दिन के लिए ही आ पाते थे
बड़े वाले मामा के हिस्से गाँव वाला मकान था और छोटे वाले मामा ने खेतो मे अपना मकान बनाया हुआ था अगले दिन सब अपनी अपनी पॅकिंग मे लगे हुए थे क्योंकि अब घर भी जाना था नाश्ता पानी हो चुका था बस अब चलने की देर थी तभी कौशल्या मामी ने मम्मी को कहा कि दीदी आप *********** को कुछ दिन इधर ही छोड़ जाइए वैसे भी ये काफ़ी दिनो बाद ननिहाल आया हैं मेरे बच्चे तो बाहर ही पढ़ते हैं और ये भी कई कई दिनो मे आते हैं तो कुछ दिन मेरा भी मन लग जाएगा
तो मम्मी ने पापा से पूछा तो उन्होने अपनी रज़ामंदी दे दी कि मैं 2-3 दिन और वही पे रह लूँ फिर वो लोग चले गये और मैं मामा के साथ कुछ बचे हुए कामो को निपटाने लगा और भी रिश्तेदार जो फंक्षन मे आए थे धीरे धीरे अपने घरो की ओर जाने लगे इसी तरह सांझ ढलने लगी तो कौशल्या ने बड़ी मामी से इजाज़त माँगी और अपने घर जाने को कहा बड़ी मामी मुझे अपने घर ही रखना चाहती थी पर मैने कहा कि मैं छोटी मामी के घर जाउन्गा और सुबह उनके पास आ जाउन्गा और अपना बॅग उठा के मामी के पीछे पीछे चल पड़ा
कोई पंद्रह मिनिट पश्चात हम उनके घर पहुच गये मामी ने ताला खोला और मुझे आराम करने को कहा मैं सोफे पे लेट सा गया थोड़ी थकान भी हो रही थी मामी रसोई मे जाके खाने की तैयारी करने लगी मैने टीवी ऑन करलिया और गाने चलाने लगा लगभग एक घंटे बाद मामी खाना लेके आई और हम साथ बैठ कर खाने लगे फिर उन्होने मुझे दूध का गिलास दिया खाना ख़ाके मैं थोड़ा बाहर की साइड पे आ गया क्योंकि मुझे थोड़ी गर्मी सी लग रही थी बाहर आके थोड़ा अच्छा फील हुआ
मैने कुएँ पे लगी मोटर ऑन की और नहाने के लिए पास ही बनी होदि में पानी छोड़ लिया और मस्ती से नहाने लगा ठंडे ठंडे पानी की बोछारे बहुत ही सुकून दे रही थी मामी भी बाहर आ गयी और मुझे देखने लगी मैने कहा आप भी आ जाओ तो वो बोली नही मैं तुम्हारे साथ नही नहा सकती हू तो मैने कहा हम आप तो बस चुद सकती हो ऑर कुछ नही कर सकती मैं जानता हू आपने मुझे अपनी झान्टो मे लगी आग ओ बुझाने के लिए ही तो रोका है फिर अब नखरे क्यों दिखाती हो जब मज़ा करना हैं तो खुल के करो
ताकि उसका पूरा मज़ा मिले वरना क्या फ़ायदा तो वो कुछ सोच के बोली कि पर अगर कोई आ गया तो मैने कहा इस टाइम कॉन आएगा आगे अपपकी मर्ज़ी ????
वो कुछ नही बोली और वैसे ही खड़ी रही तो मैं उनके पास गया और उन्हे उठा के पानी की होदि मे डाल दिया
तो वो बोली बाहर का बल्ब तो बंद कर दो मुझे उनकी ये बात सही लगी और फॉरन ही मैने उसे बंद कर दिया मामी की घाघरा चोली पूरा भीग गये थी हम बड़े ही मज़े से एक दूसरे से अठखेलिया कर रहे थे मैने मामी को अपनी बाहों मे भर लिया और उनके कपड़े उतारने लगा कुछ ही पलो मे हम दोनो बिल्कुल नंगे थे वो मेरी गोदी मे आके बैठ गयी ठंडे ठंडे पानी मे हमारे जिस्मो की गर्माहट घुलने लगी पता नही कितनी ही देर हम पानी मे पड़े रहे बाहर निकलने का मन ही नही कर रहा था
बस ऐसे ही उनको गोदी मे बिठाए रखा तो मामी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि चलो अब अंदर चलते है पानी से भीगी हुई मामी का योवन अपने पूरे शबाब पे था अंदर आके मैने एक तोलिया लिया और उनके बदन को पोंछने लगा आज उन्हे मैं रोशनीमे देख रहा था मैने उन्हे चूमना शुरू किया मेरे तपते होंठ उनके बदन का हर हिस्सा चूम रहे थे आज मामी बहुत ही फ़ुर्सत से चुदने वाली थी मैं बहुत देर तक उन्हे चूमता रहा फिर मैने उन्हे लंड चूसने को कहा
तो उन्होने मना करते हुए बोला कि उन्होने आज तक कभी लंड नही चूसा तो मैने कहा प्लीज़ एक बार तो चूस लो काफ़ी देर पटाने के बाद उन्होने कहा ट्राइ करती हू और नीचे बैठ के मेरे लंड को सूंघने लगी कुछ देर सूंघने के बाद उन्होने घप से मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और उसपे अपनी जीभ फेरने लगी वैसे तो मैं दो दो को लंड चूसा चुका था पर ऐसा मज़ा पहली बार आया था मामी का थूक उनके मुँह से बाहर गिर रहा था
तभी लाइट चली गयी मामी ने फॉरन लालटेन जला दी लालटेन की मध्यम रोशनी मे उनका बदन और भी सेक्सी लगने लगा था मामी ने दुबारा मेरा लंड अपने मुहमे भर लिया और उसपे अपना जादू चलाने लगी मेरी उंगलियाँ उनके सर के बालो मे फँसाने लगी थी मामी अब बहुत ही चाव से लंड की चुसाइ कर रही थी मामी सुपाडे के छेद मे अपनी जीभ को घुसाने की कोशिश कर रही थी उनकी खुरदरी जीभ का स्पर्श मुझे उत्तेजना के आसमान मे लगा तार उड़े जा रहा था
मैं बोला ओह ममीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई भूत ही अह्चॅयेयीययाया लग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग र्हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईन्न्ननननननननणणन्
तभी उन्होने लंड को बाहर निकाला और मेरी गोलियों को छूने लगी कामुकता अपने चरम पे थी उनकी गरम जीभ मेरी गोलियो पे सितम ढा रही थी तो मैने उन्हे रोका और उठा के बेड पे पटक दिया और उन्हे देखने लगा मामी अपनी चुचियो को मादक तरीके से मसल्ति हुई मेरी ओर देख रही थी तभी मामी ने अपनी चूत को रगड़ना चालू कर दिया वो बिल्कुल किसी रंडी की तरह हरकते करने लगी थी मामी अपनी चूत मे उंगली करती हुई मुझे वो दिलकश नज़ारा दिखा रही थी चूत का गीलापन उनकी उंगलियो पे सॉफ नज़र आ रहा था
शरीर के प्रत्येक कोने मे काम का संचार हो उठा था तो मैने उनकी टाँगे पकड़ी और उन्हे सरकते हुए बेड के किनारे पे ले आया और अपने लंड को चूत पे रख दिया मामी की चूत बहुत ही गरम हो गयी थी बस अब तपते लोहे पे हथौड़ा मारने की देर थी मैं भी लंड को चूत के दाने पे हल्के हल्के रगड़ ने लगा मामी तड़पने लगी उन पलो को सोच के आज भी शरीर का रोम रोम कांप उठता हैं उनकी चूत की पंखुड़िया फडक रही थी और लंड को अपनी ओर बुला रही थी मैने अब एक धक्का मारा और लंड उन कम से भरी पंखुड़ियों को चूमते हुए चूत मे पहुच गया
आज मामी अपने पूरे शबाब पे थी मुझे भी आज पता चल रहा था कि वास्तव मे एक गरम औरत कैसी होती थी मामी ने अपनी कामुक आवाजो से पूरे घर को सर पे उठाया हुवा था तभी वो थोड़ा उठी और बैठी सी पोज़िशन मे हो गयी अब मेरा लंड सटा सट मामी की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था मामी का चेहरा सुर्ख लाल हो गया था और वो अपने दाँतों को भिचे अपनी चूत मरवा रही थी मामी की संतरे सी चूचिया मेरे हर धक्के पे बुरी तरह हिल रही थी और तभी मामी बेड पे गिर पड़ी और ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी मैं समझ गया कि उनका स्खलन हो गया है
तो मैं उनके पास लेट गया और उनके होन्ट पीने लगा वो किसी गुड़िया की तरह मेरी बाहों मे सिमट सी गयी थी पर मेरा लंड अभी तक हिलोरे मार रहा तो मैने उनको उल्टी लिटाया और उनके चुतडो पे लंड को रगड़ने लगा मामी ने भी मेरा इरादा समझते हुए एक तकिये को अपने पेट के नीचे लगाया और अपनी गान्ड को उँचा उठा लिया मैने ढेर सारा थूक उनकी गान्ड पे लगाया उनका छेद बहुत ही खुला खुला सा था छेद को एकदम चिकना करने के बाद मैने लंड को गान्ड मे डाल दिया मामी ने भी लंड का स्वागत करते हुए अपनी गान्ड के छेद भींच लिया शायद मामी को चूत से ज़्यादा गान्ड मरवाने का शोक था मेरा पूरा वजन उनपे पड़ रहा था वो भी गान्ड को मटकाते हुए मेरा लंड ले रही थी मैं उनके गालो को काट ते हुई मस्ती से गान्ड मार रहा था और कोई दस मिनिट बाद अपने पानी से उनके छेद को भर दिया और उनकी बगल मे लेट गया …………………..
हम दोनो अगल बगल लेटे हुए थे बिस्तर की चादर सी सलवटें हमारी कहानी को बयान कर रही थी मैं बोला मामी आपकी गान्ड तो बहुत ही मस्त है तो उन्होने बताया कि पिछले कई सालो से उसके मामा चूत तो बहुत ही कम मारते हैं और बस गान्ड ही मारते रहते थे शुरू मे उन्हे बिल्कुल अच्छा नही लगता था पर आहिस्ता आहिस्ता उन्हे आदत हो गयी और अब वो भी जम के मज़ा लेती हैं बोली तुम्हारे मामा कई कई दिन मे आ पाते हैं तो बस चूत मे मूली या बैगन डाल लेती हू कभी कभी गान्ड मे भी मूली चढ़ा लेती हू पर असली मज़ा तो लंड मे ही आता हैं इसीलिए तुम्हे कुछ दिनो के लिए रोक लिया
तभी मामी ने पूछा कि उस रात जब तुमने मेरी ले ली तब तुम किसको चोदना चाहते थे अब उन्हे थोड़े ही बता सकता था कि मैं चाची के चक्कर मे था तो मैने झूठ बोलते हुए कहा कि एक लड़की थी जो मुझे इशारे कर रही थी पर ग़लती से आप चुद गई तो मामी आह भरते हुए बोली चलो अच्छा ही हुआ अब मुझे तेरा लंड मिल गया अपनी प्यास बुझाने के लिए और हँसने लगी मैने भी हां मे हाँ मिला दी मामी बोली अब तो थोड़ी बूढ़ी होने लगी हू तो इतना दम नही बचा है मैने जवाब देते हुए कहा कि आप तो अभी भी बहुत दमदार माल हो तो वो थोड़ा शर्मा गयी
मामी लंड को अपने हाथ मे दबाती हुई बोली कि तेरा शेर भी कुछ कम नही है मैने पूछा आपको पसंद आया तो वो बोली पसंद आया तभी तो तेरे साथ इधर हू मैने भी निर्णय कर लिया था कि जब तक मैं कौशल्या के साथ रहूँगा उसे जी भर के भोगुंगा क्योंकि मैं बहुत ही कम ननिहाल मे जाता था पर अब एक जायज़ वजह मिल गयी थी मामी नारियल तेल की शीशी ले आई और ढेर सा तेल मेरे लंड पे उडेल दिया और मालिश करने लगी उनके चिकनी उंगलिया सुपाडे से जब टकराती तो बदन मे एक ल़हेर सी दौड़ जाती धीरे धीरे लंड अपनी औकात दिखाते हुए उनके हाथो मे फूलने लगा
मामी ये देख के बोली अरे ये कभी शांत भी होता है जब देखो तना ही रहता है तो मैने बोला जब पास मे इतना टंच माल हो तो ये तो अपनी खुराक माँगे गा ही तो मामी ने भी अपने हाथो का दबाव बढ़ा दिया और उसे मसल्ने लगी उनके हाथो का जादू अपना रंग दिखाने लगा था उपर से जो चिकनाई तेल की वजह से हुई थी मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और लेट गया मामी मेरे पास बैठी मूठ मारने लगी उफफफफफफफफफफ्फ़ ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊयूयुयूवयू एक अजीब से नशे से मेरी आँखे बोझिल हो रही थी उनका वो आहिस्ता आहिस्ता मुट्ठी मारना बहुत ही गजब ढा रहा था
तो मैने पूछ ही लिया कि क्या इरादा है तो वो बोली बस तुम देखते जाओ मैं उत्तेजना की आग मे जलने लगा था पर मामी अब एक धीमा और लंबा सेक्स चाहती थी अब वो उठी और मेरे लंड को अपनी निप्पल्स पे रगड़ने लगी उफ्फ क्या जादुई एहसास था कुछ देर रगड़ने के पश्चात उन्होने मेरे लंड को अपने दोनो बोबो मे भींच लिया और दबाते हुए रगड़ने लगी मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था फिर वो उठी और मेरे उपर आके खड़ी हो गयी और अपनी कोमल चूत को मेरे मूह पे रख दिया मैने भी उनके कुल्हो को दबाते हुए चूत को मूह मे भर लिया और एक ज़ोर की चुम्मि ले ली
तो मामी बोली मेरी शादी को इतने साल हो गये हैं पर तुम्हारे मामा ने कभी इसे इस तरह प्यार नही किया वो तो बस सीधा अंदर डालते और बस लग जाते थे तो मैने मूह हटाया और कहा चिंता मत करो मैं हू ना और दुबारा चूत का रस पीने लगा मामी ने अपने हाथ बेड की पुस्त से टिका दिए और मस्ती मे डूबने लगी खारे पानी से मेरा मूह भर ने लगा था तभी मैने कुछ रस अपने मूह मे इकठ्ठा किया और उठते हुए उनको चूमने लगा जैसे ही कौशल्या ने अपने को मूह खोला मैने वो उनके मूह मे डाल दिया जो सीधे उनके गले से नीचे उतर गया तो मामी थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि
ये क्या किया तुमने ऐसा भी कोई करता हैं क्या तो मैने कहा कि मामी आप भी तो अपनी चूत के रस को टेस्ट करके देखो कितना अच्छा हैं अब वो गोदी मे आई और मेरी छाती पे अपनी जीभ चलाने लगी आज से पहली किसी ने ऐसा नही किया था मैं रोमांचित होगया काफ़ी देर वो ऐसे ही करती रही फिर जब उनसे बर्दास्त ना हुआ तो एक झटके से मेरे लंड पे बैठ गयी मैं बोला क्या करती हो इसको तोडो गी क्या तो उन्होने जवाब नही दिया और अपनी गान्ड को उछालने लगी चूत की गर्मी पाकर लंड और भी फूलने लगा था वो लगातार उपर नीचे हो रही थी उनकी पतली जांघे मेरे शरीर पे धम धम पड़ रही थी
इस चूत के छोटे से छेद का भी क्या नशा होता है इसके बल पे औरत कुछ भी करवा लेती हैं मैने कहा कि आप नीचे आ जाओ तो वो बोली कि वो अपनी मर्ज़ी से चुदेगि जैसा उसके मन मे आएगा वो वैसा ही करेगी और भी ज़ोर से अपनी गान्ड को हिलाने लगी काफ़ी देर बाद वो उठी और कोढ़ी होगयि मैने देर ना करते हुए फॉरन पीछे से लंड को अंदर किया और घनघोर चुदाई स्टार्ट कर दी मैं पूरी ताक़त से उनकी चूची को भींच रहा था पर उनके मूह से उफ्फ भी ना निकली वो बस चुदे जा रही थी 15 -20 मिनिट तक हमारे शरीर एक दूसरे से लगे रहे पर हर शुरुआत की तरह अंत भी होना था तो मैने उन्हे लिटाया और अपना लंड को उनके मूह मे डाल दिया और सारा पानी उन्हे पिला दिया जब तक लंड सिकुड ना गया मैने उनके मूह को अपने लंड पे दबाए ही रखा फिर एक गहरी साँस लेके बेड के किनारे पे पड़ गया
जितना मैं उन्हे चोद्ता उतनी ही मेरी प्यास बढ़ती जाती थी इतनी आग तो मुझे अनिता भाभी और प्रीतम के साथ भी नही लगी थी जबकि वो दोनो तो सेक्स बॉम्ब थे पर मामी के पास एक्सपीरियेन्स था जितनी मेरी उमर थी उस उसे ज़्यादा साल तो उन्होने चुद्ते हुए बिता दिए थे बदन थक गया था पर आँखो मे नींद का नामो निशान नही था ।
घड़ी की सुई टिक टिक करते हुवे अपना सफ़र कर रही थी पर शायद हम दोनो चाहते थे कि उस रात की कभी भी सुबह ना हो आख़िर कॉन नही चाहेगा कि हुस्न के दरिया मे डुबकी लगाने को मामी मेरी ओर शरारती नज़रो से देखती हुवी बोली कि सोना नही हैं क्या
तो मैने कहा कि आप सो जाओ मुझे नींद नही आ रही है तो वो बोली ठीक हैं मैं भी तुम्हारे साथ ही जागूंगी मैं उठ के बाहर आ गया रात का आखरी पहर चल रहा था ठंडी ठंडी हवा मेरे जिस्म से टकरा रही थी जो एक अलग सा ही एहसास था पता नही कितनी देर ऐसे ही खड़ा रहा फिर मामी आके पीछे से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड पे अपना हाथ फेरने लगी कुछ तो ठंडी हवा का असर और फिर मामी के हाथो का स्पर्श मेरे सोए लंड मे सुरसूराहट होने लगी मैने चुटकी लेते हुवे कहा मामी मन नही भरा क्या आपका तो वो बोली इस चीज़ से कभी किसी का मन भरता हैं क्या
जितनी मिले उतना थोड़ी और मेरी गोलियों को अपनी मुट्ठी मे कस लिया मेरे मूह सी एक दर्दभरी आह निकल गयी पर मुझे पता नही क्यों थोड़ी भूक लग आई तो मैने कहा मामी मैं कुछ खाना चाहता हू वो बोली दूध चलेगा तो मैने हाँ करदी वो एक लोटा दूध ले आई मैं उसे पी रहा था तो थोड़ा दूध छलक के मेरी ठोड्डि और सीने पे गिर गया मैं सॉफ करने ही वाला था तो मामी ने इशारे से मुझे रोका और अपनी जीभ से उसे चाटने लगी आज तो वो मेरी जान निकालने पे तुली हुवी थी मैने भी एंजाय करते हुवे उपर से थोड़ी थोड़ी बूंदे छलकानी शुरू कर दी
और वो उसे चटकारे लेते हुवे चाटने लगी ऐसे ही चलता रहा जब तक पूरा लोटा खाली ना हो गया तो मैने कहा मैं क्या पीउंगा सारा दूध तो आप पी गयी तो उन्होने कहा तू मेरे से निकाल ले दूध को और फिर पी लियो मैने भी कहा कि अब तुम मे कहाँ दूध आता हैं तो वो बोली कि गाय तो तैयार हैं गवाले मे दम हैं तो निकाल ही लेगा और हँसने लगी मैने कहा तो चलो देख लेते हैं मैने एक चारपाई उठाई और बाहर बिस्तर लगा दिया और मामी को अपनी बाहों मे उठा के उसपे पटक दिया मामी बोली आह थोड़ा धीरे मारो गे क्या तो मैने कहा हाँ आज तो आपकी इतनी मारूँगा कि आपने सोचा भी नही होगा
और उनपे झुक गया मेरे होंठ जैसे ही उनके लरजते हुवे होंटो से टकराए उन्होने अपना मूह खोलते हुवे मेरे होंटो को रास्ता दिया और हम चूसने लगे एक होड़ सी मच गयी थी हमारे अंदर . दोनो के मूह मे ढेर सारा थूक इकट्ठा हो गया था पर कोई भी किस तोड़ने को तैयार नही था दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहे थे कि उनकी धड़कन सॉफ सुनाई दे रही थी उनकी गोरी गोरी चूचिया मेरे सीने मे घुसने को बेताब हो रही थी अब ना कोई होश था ना कोई खबर थी मामी तो पूरी खिलाड़ी थी उन्हे हराना इतना आसान ना था और वोभी तब जब उन्होने खुद इस खेल की शुरुआत की थी ।
और फिर हाफते हुवे हमारे होंठ एक दूसरे से जुदा हो गये हम दोनो गहरी साँस ले रहे थे मामी अपनी नशीली आँखो से मुझे देख रही थी और मैने उन्हे थोड़ा नीचे सरकाते हुवे उनके एक बोबे को अपने मूह मे भर लिया और उसे चूसने लगा जैसे कोई बच्चा अपनी मा का दूध पीने के लिए चूस ता हैं कोई आधे घंटे तक बस मैं उनकी छातियों से दूध निकालने की कोशिश करता रहा महॉल काफ़ी गरम होने लगा था मैने मामी को 69 मे आने को कहा और वो झट से तैयार हो गयी और बड़ी ही फुर्ती से मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया मैने भी बिना किसी देर के उनकी चूत मे अपनी जीभ घुसा दी
साथ साथ एक दूसरे के अंगो को चूमने का आनंद एक अलग ही एहसास देता हैं मैं बारी बारी से चूत और गान्ड दोनो को चाटने लगा मामी ने लंड को अपने दांतो से काटना शुरू कर दिया था जिस से मुझे थोड़ी तकलीफ़ होने लगी थी तो मैने भी चूत के होंटो को कस के अपने दांतो मे दबा लिया एक दूसरे को तडपाते हुवे बहुत ही मज़ा आ रहा था जब जब मैं उनकी चूत को काट ता वो उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अयू ईईईईई
करते हुवे अब शोर मचाने लगी थी उनका चिपचिपा पानी और भी ज़ोर से बहने लगा था मेरे लंड से भी प्रिकूं निकलने लगा था मामी बुरी तरह से लंड चूसे जा रही थी तब मैने उन्हे अपने उपर से हटाया और उनके उपर छाता चला गया मामी की जंघे मेरी कमर पे लिपटी हुवी थी और उनकी मटकती गान्ड संभोग के सुख को और भी बढ़ा रही थी उनके लाल लाल होंटो को पीते हुवे मैं ताबड तोड़ चूत मारे जा रहा था हमारे धक्को से खाट चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करने लगी थी ।
मेरे हर धक्के से लंड उनकी चूत मे और अंदर और अंदर पहुच रहा था उनके बोबे बहुत ही तेज़ी से लहरा रहे थे पूछ प्कूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूवयाच्च्की आवाज़ आ रही थी मामी ने अपनी बाँहे मेरी पीठ पे कस दी थी और मज़े से चूत मरवा रही थी अब मैं थोड़ा उपर हुआ और उनकी टाँगो को उठाते हुवे एम शेप मे करदी और फिर से उन्हे चोदने लगा पूरे आधे घंटे तक दबा के उनकी चूत मारने के पश्चात हम दोनो लगभग साथसाथ ही झाड़ गये और मैं उनपे लेटे लेटे ही नींद के आगोश मे चला गया
नींद ने एक बार फिर मुहे अपने आगोश मे पनाह दे दी थी मिता ना जाने कब सपनो मे आने लगी थी उसका मुस्कुराता हुवा मासूम सा चेहरा बस देखते ही बनता था मैं अपने सपनो की दुनिया मे मिता के साथ था कि आँख खुल गयी काफ़ी देर लग गयी खुद को संभालने मे सर काफ़ी भारी हो रहा था घड़ी की तरफ निगाह पड़ी तो पता चला की 11 बज रहे थे मतलब काफ़ी देर तक मैं सोता रहा था कपड़ो को दुरुस्त किया और बाहर की तरफ आते हुवे मामी को आवाज़ लगाई पर कोई जवाब नही आया देखा तो पता चला कि वो घर पे नही थी तो मैं रसोई मे गया
और एक कड़क अदरक वाली चाइ बनाने लगा मेरा सर बहुत तेज दुख रहा था चाइ पी के थोड़ा बेहतर लगा फिर मैं नहाने चला गया इन्सब मे कोई आधा घंटा लग गया पर मामी अभी तक वापिस नही आई थी तो मैं बेड पे लेट गया और अपनी आँखे बंद करली पर चैन ना मिला मिता की सूरत बार बार मेरी आँखो मे छा रही थी दिल मे एक हूक सी उठने लगी पता नही ये कैसे डोर थी जो मुझे उसकी ओर खींच रही थी जबकि वो तो मुझे ठीक से जानती भी नही थी तक़दीर एक बार फिर मेरी ज़िंदगी मे कुछ नयी इबारत लिखने का ठान चुकी थी ये दिल मे उठती कसक भी खुदा की ओर से एक इशारा था जो उस वक़्त मैं समझ नही पा रहा था
तभी मामी आ गयी उन्होने बताया कि वो गाँव के पोस्ट ऑफीस चली गयी थी मामा ने मनी ऑर्डर भेजा था वो लेने फिर वो बोली मैं अभी तुम्हारे लिए फटा फट खाना बना देती हू तो मैने मना कर दिया मैने कहा मेरे सर मे बहुत दर्द हो रहा हैं तो वो बोली चलो मैं तुम्हारे सर मे मालिश कर देती हू और तेल की बॉटल उठा लाई मालिश से बहुत रिलॅक्स फील हुआ फिर वो रसोई मे चली गयी मैने टीवी ऑन कर लिया पर उसमे भी मन नही लगा तो मैं भी रसोई मे चला गया
और रसोई के दरवाजे पे खड़े होके मामी को देखने लगा नीले घाघरे और सफेद ब्लाउस मे एक दम कहेर ढा रही थी उनकी पीठ मेरी ओर थी मैं जाके उनसे चिपक गया और उनकी पतली कमर को अपने हाथो से सहलाने लगा उनका पेट धीरे धीरे काँपने लगा मामी बोली पूरी रात तो मुझे चोद्ते रहे फिर भी मन नही भरा क्या मैने अपने को ऑर उनसे सटाते हुवे कहा आप हो ही इतनी पटाखा कि बस रुका ही नही जाता और उनकी चूची को दबा दिया मामी ने अपनी गान्ड थोड़ी उभार ली और मेरे लंड पे उसका दबाव डालने लगी कुछ देर हम ऐसे ही मज़े लेते रहे
तो मैं उनके ब्लाउस के बटन खोलने लगा तो वो बोली अभी नही मुझे बहुत काम करना हैं खाना बनाना है और नहाई भी नही हू पहले मैं अपने काम निपटा लू फिर तुम्हारी मुराद भी पूरी करूँगी और मुझसी दूर हो गयी मैने भी अपने आप को संभाल लिया मैने उन्हे बताया कि मैं थोड़ा घूमने जा रहा हू थोड़ी देर मे आउन्गा और बाहर की ओर चल पड़ा मैं खेतो की पगडंडी पे चलता जा रहा था गरम हवा चल रही थी पर खेतो की वजह से अच्छी लग रही थी मैं थोड़ा और आगे बढ़ गया एक तरफ बहुत पेड़ थे मैं उसी ओर चला गया वो एक आम का बाग था बहुत ही ठंडक महसूस हुवी
इधर उधर देखा तो कोई दिखा नही मैने दो आम उठाए और खाने लग खा ही रहा था तो एक औरत भागती हुवी मेरी ओर आई ऑर गुस्से सी बोली कि कॉन है तू ऑर आम क्यों चुराए तो मैने कहा कि आपको थोड़ी ग़लत फहमी हो गयी हैं मैं तो इधर घूमते घूमते आ गया फिर मैने उन्हे मामा का नाम बताते हुवे कहा कि मैं मास्टरजी का भांजा हू तो वो बोली अरे तो पहले बताना था और माफी माँगी तो मैने कहा कोई नही तो वो मुझे अपने साथ ले गयी ऑर बहुत से आम एक पन्नि मे डालके मुझे दे दिए मैं मना करता रहा पर वो मानी ही नही तो वो मुझे लेने पड़े ।
तो मैने कहा बस कुछ देर तो रुक जाओ और जल्दी सी अपने लंड को उनकी चूत पे सेट किया और सुपाडे को अंदर डाल दिया और ऐसे ही खिलवाड़ करने लगा मामी कुछ देर ऐसे ही पड़ी रही फिर बोली अब डाल भी दे क्यों तडपा रहा हैं बेदर्दी उनका कहना था और मैने झट से लंड को एकक ही धक्के मे अंदर डाल दिया इस बार मामी के साथसाथ मेरी भी आह निकल गयी मामी ने अपनी टाँगे उठा ली और मेरे कंधो पे रखते हुए बोली भानजे जी अब अपनी मामी की सेवा करो ये सुनके मैं खुश हो गया और उनकी टाँगो को मजबूती से थामते हुए लंड को अंदर बाहर करने लगा
मेरे हर धक्के पे मामी का पूरा वजूद हिल रहा था आज अगर खाट होती तो वो शर्तिया टूट ही जाती अब मैने कुछ नया ट्राइ करते हुए मामी की दोनों टाँगो को उपर उठाया पर दोनो को एक दूसरी से बिल्कुल चिपका दिया इस तरह उनकी चूत की दोनो फांके आपस मे चिपक गयी जैसे उनके कोई सील लगी हो इस पोज़िशन मे चुदाई का मज़ा दुगना हो गया था मैं मामी के चुतडो को थामे हुए उन्हे चोद रहा था मामी अब बस अपनी आँखे मुन्दे उन पलो का आनंद ले रही थी अब उन्होने अपनी टाँगे चौड़ी की और मुझे अपने उपर आने को कहा मामी के होंटो का रस स्वादन करते हुए चुदाई चालू थी मामी मेरे जोश की कायल हो गयी थी और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी चुदाई करते हो
किसने सिखाया है तुमको तो मैने कहा बस आप जैसे की मेहरबानी है और कुछ नही और अपने धक्को की गति बढ़ा दी मेरी टाँगे अब जवाब देने लगी थी पर मैं हार नही मान ना चाहता था और मामी भी उचक उचक कर नीचे से ज़ोर लगा रही थी हमें आधे घंटे से भी ज़्यादा हो गया था पर मेरा पानी निकल ही नही रहा था मैने अब पूरी ताक़त से उनको चोदना शुरू किया मेरा शरीर बहुत ही तेज़ी से उनके शरीर मे समाए जा रहा था और कोई दस मिनट बाद मेरे शरीर मे हलचल होने लगी जो संकेत था मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और अपने वीर्य की धार मामी के मूह मे डालने लगा …
मामी समझ नही पाई कि ये क्या हुआ और थोड़ा गुस्सा करने लगी तो मैने रुमाल से उनका चेहरा पोंछ दिया उन्होने फटा फॅट अपने कपड़े पहने और अपने को दुरुस्त किया और बाहर निकल गयी पर मैं कुछ देर वहाँ पे ही खड़ा रहा और कोई 15 मिनिट बाद वापिस गया सब लोग भजनों मे मस्त थे तो तो मैने अपने लिए सोने का जुगाड़ किया और सपनो की दुनिया मे खो गया सुबह मैं जल्दी ही उठ गया था आँखे थोड़ी लाल लाल सी हो रही थी और उनमे जलन भी थी मैने ठंडे पानी से मूह धोया
आज का दिन काफ़ी बिज़ी होने वाला था पूरा दिन बस गहमा गहमी मे निकल गया एक-दो बार मामी कोशल्या से सामना भी हुआ पर मैने उनसे नज़र नही मिलाई और ना ही उन्होने कोई तवज्जो दी रात को हम काफ़ी देर गप्पे लड़ाते रहे महॉल बहुत ही ख़ुसनूमा था अब मैं थोड़ा अपनी मम्मी की फॅमिली के बारे मे बता दूं मेरे दो मामा है एक आर्मी मे हैं और एक टीचर हैं जो कोशल्या मामी हैं वो मेरे छोटे मामा की पत्नी हैं मामा की पोस्टिंग बाड़मेर के र्राइव. सेकेंडरी कॉलेज मे थी वो बस महीने में 3-4 दिन के लिए ही आ पाते थे
बड़े वाले मामा के हिस्से गाँव वाला मकान था और छोटे वाले मामा ने खेतो मे अपना मकान बनाया हुआ था अगले दिन सब अपनी अपनी पॅकिंग मे लगे हुए थे क्योंकि अब घर भी जाना था नाश्ता पानी हो चुका था बस अब चलने की देर थी तभी कौशल्या मामी ने मम्मी को कहा कि दीदी आप *********** को कुछ दिन इधर ही छोड़ जाइए वैसे भी ये काफ़ी दिनो बाद ननिहाल आया हैं मेरे बच्चे तो बाहर ही पढ़ते हैं और ये भी कई कई दिनो मे आते हैं तो कुछ दिन मेरा भी मन लग जाएगा
तो मम्मी ने पापा से पूछा तो उन्होने अपनी रज़ामंदी दे दी कि मैं 2-3 दिन और वही पे रह लूँ फिर वो लोग चले गये और मैं मामा के साथ कुछ बचे हुए कामो को निपटाने लगा और भी रिश्तेदार जो फंक्षन मे आए थे धीरे धीरे अपने घरो की ओर जाने लगे इसी तरह सांझ ढलने लगी तो कौशल्या ने बड़ी मामी से इजाज़त माँगी और अपने घर जाने को कहा बड़ी मामी मुझे अपने घर ही रखना चाहती थी पर मैने कहा कि मैं छोटी मामी के घर जाउन्गा और सुबह उनके पास आ जाउन्गा और अपना बॅग उठा के मामी के पीछे पीछे चल पड़ा
कोई पंद्रह मिनिट पश्चात हम उनके घर पहुच गये मामी ने ताला खोला और मुझे आराम करने को कहा मैं सोफे पे लेट सा गया थोड़ी थकान भी हो रही थी मामी रसोई मे जाके खाने की तैयारी करने लगी मैने टीवी ऑन करलिया और गाने चलाने लगा लगभग एक घंटे बाद मामी खाना लेके आई और हम साथ बैठ कर खाने लगे फिर उन्होने मुझे दूध का गिलास दिया खाना ख़ाके मैं थोड़ा बाहर की साइड पे आ गया क्योंकि मुझे थोड़ी गर्मी सी लग रही थी बाहर आके थोड़ा अच्छा फील हुआ
मैने कुएँ पे लगी मोटर ऑन की और नहाने के लिए पास ही बनी होदि में पानी छोड़ लिया और मस्ती से नहाने लगा ठंडे ठंडे पानी की बोछारे बहुत ही सुकून दे रही थी मामी भी बाहर आ गयी और मुझे देखने लगी मैने कहा आप भी आ जाओ तो वो बोली नही मैं तुम्हारे साथ नही नहा सकती हू तो मैने कहा हम आप तो बस चुद सकती हो ऑर कुछ नही कर सकती मैं जानता हू आपने मुझे अपनी झान्टो मे लगी आग ओ बुझाने के लिए ही तो रोका है फिर अब नखरे क्यों दिखाती हो जब मज़ा करना हैं तो खुल के करो
ताकि उसका पूरा मज़ा मिले वरना क्या फ़ायदा तो वो कुछ सोच के बोली कि पर अगर कोई आ गया तो मैने कहा इस टाइम कॉन आएगा आगे अपपकी मर्ज़ी ????
वो कुछ नही बोली और वैसे ही खड़ी रही तो मैं उनके पास गया और उन्हे उठा के पानी की होदि मे डाल दिया
तो वो बोली बाहर का बल्ब तो बंद कर दो मुझे उनकी ये बात सही लगी और फॉरन ही मैने उसे बंद कर दिया मामी की घाघरा चोली पूरा भीग गये थी हम बड़े ही मज़े से एक दूसरे से अठखेलिया कर रहे थे मैने मामी को अपनी बाहों मे भर लिया और उनके कपड़े उतारने लगा कुछ ही पलो मे हम दोनो बिल्कुल नंगे थे वो मेरी गोदी मे आके बैठ गयी ठंडे ठंडे पानी मे हमारे जिस्मो की गर्माहट घुलने लगी पता नही कितनी ही देर हम पानी मे पड़े रहे बाहर निकलने का मन ही नही कर रहा था
बस ऐसे ही उनको गोदी मे बिठाए रखा तो मामी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि चलो अब अंदर चलते है पानी से भीगी हुई मामी का योवन अपने पूरे शबाब पे था अंदर आके मैने एक तोलिया लिया और उनके बदन को पोंछने लगा आज उन्हे मैं रोशनीमे देख रहा था मैने उन्हे चूमना शुरू किया मेरे तपते होंठ उनके बदन का हर हिस्सा चूम रहे थे आज मामी बहुत ही फ़ुर्सत से चुदने वाली थी मैं बहुत देर तक उन्हे चूमता रहा फिर मैने उन्हे लंड चूसने को कहा
तो उन्होने मना करते हुए बोला कि उन्होने आज तक कभी लंड नही चूसा तो मैने कहा प्लीज़ एक बार तो चूस लो काफ़ी देर पटाने के बाद उन्होने कहा ट्राइ करती हू और नीचे बैठ के मेरे लंड को सूंघने लगी कुछ देर सूंघने के बाद उन्होने घप से मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और उसपे अपनी जीभ फेरने लगी वैसे तो मैं दो दो को लंड चूसा चुका था पर ऐसा मज़ा पहली बार आया था मामी का थूक उनके मुँह से बाहर गिर रहा था
तभी लाइट चली गयी मामी ने फॉरन लालटेन जला दी लालटेन की मध्यम रोशनी मे उनका बदन और भी सेक्सी लगने लगा था मामी ने दुबारा मेरा लंड अपने मुहमे भर लिया और उसपे अपना जादू चलाने लगी मेरी उंगलियाँ उनके सर के बालो मे फँसाने लगी थी मामी अब बहुत ही चाव से लंड की चुसाइ कर रही थी मामी सुपाडे के छेद मे अपनी जीभ को घुसाने की कोशिश कर रही थी उनकी खुरदरी जीभ का स्पर्श मुझे उत्तेजना के आसमान मे लगा तार उड़े जा रहा था
मैं बोला ओह ममीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई भूत ही अह्चॅयेयीययाया लग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग र्हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईन्न्ननननननननणणन्
तभी उन्होने लंड को बाहर निकाला और मेरी गोलियों को छूने लगी कामुकता अपने चरम पे थी उनकी गरम जीभ मेरी गोलियो पे सितम ढा रही थी तो मैने उन्हे रोका और उठा के बेड पे पटक दिया और उन्हे देखने लगा मामी अपनी चुचियो को मादक तरीके से मसल्ति हुई मेरी ओर देख रही थी तभी मामी ने अपनी चूत को रगड़ना चालू कर दिया वो बिल्कुल किसी रंडी की तरह हरकते करने लगी थी मामी अपनी चूत मे उंगली करती हुई मुझे वो दिलकश नज़ारा दिखा रही थी चूत का गीलापन उनकी उंगलियो पे सॉफ नज़र आ रहा था
शरीर के प्रत्येक कोने मे काम का संचार हो उठा था तो मैने उनकी टाँगे पकड़ी और उन्हे सरकते हुए बेड के किनारे पे ले आया और अपने लंड को चूत पे रख दिया मामी की चूत बहुत ही गरम हो गयी थी बस अब तपते लोहे पे हथौड़ा मारने की देर थी मैं भी लंड को चूत के दाने पे हल्के हल्के रगड़ ने लगा मामी तड़पने लगी उन पलो को सोच के आज भी शरीर का रोम रोम कांप उठता हैं उनकी चूत की पंखुड़िया फडक रही थी और लंड को अपनी ओर बुला रही थी मैने अब एक धक्का मारा और लंड उन कम से भरी पंखुड़ियों को चूमते हुए चूत मे पहुच गया
आज मामी अपने पूरे शबाब पे थी मुझे भी आज पता चल रहा था कि वास्तव मे एक गरम औरत कैसी होती थी मामी ने अपनी कामुक आवाजो से पूरे घर को सर पे उठाया हुवा था तभी वो थोड़ा उठी और बैठी सी पोज़िशन मे हो गयी अब मेरा लंड सटा सट मामी की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था मामी का चेहरा सुर्ख लाल हो गया था और वो अपने दाँतों को भिचे अपनी चूत मरवा रही थी मामी की संतरे सी चूचिया मेरे हर धक्के पे बुरी तरह हिल रही थी और तभी मामी बेड पे गिर पड़ी और ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी मैं समझ गया कि उनका स्खलन हो गया है
तो मैं उनके पास लेट गया और उनके होन्ट पीने लगा वो किसी गुड़िया की तरह मेरी बाहों मे सिमट सी गयी थी पर मेरा लंड अभी तक हिलोरे मार रहा तो मैने उनको उल्टी लिटाया और उनके चुतडो पे लंड को रगड़ने लगा मामी ने भी मेरा इरादा समझते हुए एक तकिये को अपने पेट के नीचे लगाया और अपनी गान्ड को उँचा उठा लिया मैने ढेर सारा थूक उनकी गान्ड पे लगाया उनका छेद बहुत ही खुला खुला सा था छेद को एकदम चिकना करने के बाद मैने लंड को गान्ड मे डाल दिया मामी ने भी लंड का स्वागत करते हुए अपनी गान्ड के छेद भींच लिया शायद मामी को चूत से ज़्यादा गान्ड मरवाने का शोक था मेरा पूरा वजन उनपे पड़ रहा था वो भी गान्ड को मटकाते हुए मेरा लंड ले रही थी मैं उनके गालो को काट ते हुई मस्ती से गान्ड मार रहा था और कोई दस मिनिट बाद अपने पानी से उनके छेद को भर दिया और उनकी बगल मे लेट गया …………………..
हम दोनो अगल बगल लेटे हुए थे बिस्तर की चादर सी सलवटें हमारी कहानी को बयान कर रही थी मैं बोला मामी आपकी गान्ड तो बहुत ही मस्त है तो उन्होने बताया कि पिछले कई सालो से उसके मामा चूत तो बहुत ही कम मारते हैं और बस गान्ड ही मारते रहते थे शुरू मे उन्हे बिल्कुल अच्छा नही लगता था पर आहिस्ता आहिस्ता उन्हे आदत हो गयी और अब वो भी जम के मज़ा लेती हैं बोली तुम्हारे मामा कई कई दिन मे आ पाते हैं तो बस चूत मे मूली या बैगन डाल लेती हू कभी कभी गान्ड मे भी मूली चढ़ा लेती हू पर असली मज़ा तो लंड मे ही आता हैं इसीलिए तुम्हे कुछ दिनो के लिए रोक लिया
तभी मामी ने पूछा कि उस रात जब तुमने मेरी ले ली तब तुम किसको चोदना चाहते थे अब उन्हे थोड़े ही बता सकता था कि मैं चाची के चक्कर मे था तो मैने झूठ बोलते हुए कहा कि एक लड़की थी जो मुझे इशारे कर रही थी पर ग़लती से आप चुद गई तो मामी आह भरते हुए बोली चलो अच्छा ही हुआ अब मुझे तेरा लंड मिल गया अपनी प्यास बुझाने के लिए और हँसने लगी मैने भी हां मे हाँ मिला दी मामी बोली अब तो थोड़ी बूढ़ी होने लगी हू तो इतना दम नही बचा है मैने जवाब देते हुए कहा कि आप तो अभी भी बहुत दमदार माल हो तो वो थोड़ा शर्मा गयी
मामी लंड को अपने हाथ मे दबाती हुई बोली कि तेरा शेर भी कुछ कम नही है मैने पूछा आपको पसंद आया तो वो बोली पसंद आया तभी तो तेरे साथ इधर हू मैने भी निर्णय कर लिया था कि जब तक मैं कौशल्या के साथ रहूँगा उसे जी भर के भोगुंगा क्योंकि मैं बहुत ही कम ननिहाल मे जाता था पर अब एक जायज़ वजह मिल गयी थी मामी नारियल तेल की शीशी ले आई और ढेर सा तेल मेरे लंड पे उडेल दिया और मालिश करने लगी उनके चिकनी उंगलिया सुपाडे से जब टकराती तो बदन मे एक ल़हेर सी दौड़ जाती धीरे धीरे लंड अपनी औकात दिखाते हुए उनके हाथो मे फूलने लगा
मामी ये देख के बोली अरे ये कभी शांत भी होता है जब देखो तना ही रहता है तो मैने बोला जब पास मे इतना टंच माल हो तो ये तो अपनी खुराक माँगे गा ही तो मामी ने भी अपने हाथो का दबाव बढ़ा दिया और उसे मसल्ने लगी उनके हाथो का जादू अपना रंग दिखाने लगा था उपर से जो चिकनाई तेल की वजह से हुई थी मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और लेट गया मामी मेरे पास बैठी मूठ मारने लगी उफफफफफफफफफफ्फ़ ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊयूयुयूवयू एक अजीब से नशे से मेरी आँखे बोझिल हो रही थी उनका वो आहिस्ता आहिस्ता मुट्ठी मारना बहुत ही गजब ढा रहा था
तो मैने पूछ ही लिया कि क्या इरादा है तो वो बोली बस तुम देखते जाओ मैं उत्तेजना की आग मे जलने लगा था पर मामी अब एक धीमा और लंबा सेक्स चाहती थी अब वो उठी और मेरे लंड को अपनी निप्पल्स पे रगड़ने लगी उफ्फ क्या जादुई एहसास था कुछ देर रगड़ने के पश्चात उन्होने मेरे लंड को अपने दोनो बोबो मे भींच लिया और दबाते हुए रगड़ने लगी मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था फिर वो उठी और मेरे उपर आके खड़ी हो गयी और अपनी कोमल चूत को मेरे मूह पे रख दिया मैने भी उनके कुल्हो को दबाते हुए चूत को मूह मे भर लिया और एक ज़ोर की चुम्मि ले ली
तो मामी बोली मेरी शादी को इतने साल हो गये हैं पर तुम्हारे मामा ने कभी इसे इस तरह प्यार नही किया वो तो बस सीधा अंदर डालते और बस लग जाते थे तो मैने मूह हटाया और कहा चिंता मत करो मैं हू ना और दुबारा चूत का रस पीने लगा मामी ने अपने हाथ बेड की पुस्त से टिका दिए और मस्ती मे डूबने लगी खारे पानी से मेरा मूह भर ने लगा था तभी मैने कुछ रस अपने मूह मे इकठ्ठा किया और उठते हुए उनको चूमने लगा जैसे ही कौशल्या ने अपने को मूह खोला मैने वो उनके मूह मे डाल दिया जो सीधे उनके गले से नीचे उतर गया तो मामी थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि
ये क्या किया तुमने ऐसा भी कोई करता हैं क्या तो मैने कहा कि मामी आप भी तो अपनी चूत के रस को टेस्ट करके देखो कितना अच्छा हैं अब वो गोदी मे आई और मेरी छाती पे अपनी जीभ चलाने लगी आज से पहली किसी ने ऐसा नही किया था मैं रोमांचित होगया काफ़ी देर वो ऐसे ही करती रही फिर जब उनसे बर्दास्त ना हुआ तो एक झटके से मेरे लंड पे बैठ गयी मैं बोला क्या करती हो इसको तोडो गी क्या तो उन्होने जवाब नही दिया और अपनी गान्ड को उछालने लगी चूत की गर्मी पाकर लंड और भी फूलने लगा था वो लगातार उपर नीचे हो रही थी उनकी पतली जांघे मेरे शरीर पे धम धम पड़ रही थी
इस चूत के छोटे से छेद का भी क्या नशा होता है इसके बल पे औरत कुछ भी करवा लेती हैं मैने कहा कि आप नीचे आ जाओ तो वो बोली कि वो अपनी मर्ज़ी से चुदेगि जैसा उसके मन मे आएगा वो वैसा ही करेगी और भी ज़ोर से अपनी गान्ड को हिलाने लगी काफ़ी देर बाद वो उठी और कोढ़ी होगयि मैने देर ना करते हुए फॉरन पीछे से लंड को अंदर किया और घनघोर चुदाई स्टार्ट कर दी मैं पूरी ताक़त से उनकी चूची को भींच रहा था पर उनके मूह से उफ्फ भी ना निकली वो बस चुदे जा रही थी 15 -20 मिनिट तक हमारे शरीर एक दूसरे से लगे रहे पर हर शुरुआत की तरह अंत भी होना था तो मैने उन्हे लिटाया और अपना लंड को उनके मूह मे डाल दिया और सारा पानी उन्हे पिला दिया जब तक लंड सिकुड ना गया मैने उनके मूह को अपने लंड पे दबाए ही रखा फिर एक गहरी साँस लेके बेड के किनारे पे पड़ गया
जितना मैं उन्हे चोद्ता उतनी ही मेरी प्यास बढ़ती जाती थी इतनी आग तो मुझे अनिता भाभी और प्रीतम के साथ भी नही लगी थी जबकि वो दोनो तो सेक्स बॉम्ब थे पर मामी के पास एक्सपीरियेन्स था जितनी मेरी उमर थी उस उसे ज़्यादा साल तो उन्होने चुद्ते हुए बिता दिए थे बदन थक गया था पर आँखो मे नींद का नामो निशान नही था ।
घड़ी की सुई टिक टिक करते हुवे अपना सफ़र कर रही थी पर शायद हम दोनो चाहते थे कि उस रात की कभी भी सुबह ना हो आख़िर कॉन नही चाहेगा कि हुस्न के दरिया मे डुबकी लगाने को मामी मेरी ओर शरारती नज़रो से देखती हुवी बोली कि सोना नही हैं क्या
तो मैने कहा कि आप सो जाओ मुझे नींद नही आ रही है तो वो बोली ठीक हैं मैं भी तुम्हारे साथ ही जागूंगी मैं उठ के बाहर आ गया रात का आखरी पहर चल रहा था ठंडी ठंडी हवा मेरे जिस्म से टकरा रही थी जो एक अलग सा ही एहसास था पता नही कितनी देर ऐसे ही खड़ा रहा फिर मामी आके पीछे से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड पे अपना हाथ फेरने लगी कुछ तो ठंडी हवा का असर और फिर मामी के हाथो का स्पर्श मेरे सोए लंड मे सुरसूराहट होने लगी मैने चुटकी लेते हुवे कहा मामी मन नही भरा क्या आपका तो वो बोली इस चीज़ से कभी किसी का मन भरता हैं क्या
जितनी मिले उतना थोड़ी और मेरी गोलियों को अपनी मुट्ठी मे कस लिया मेरे मूह सी एक दर्दभरी आह निकल गयी पर मुझे पता नही क्यों थोड़ी भूक लग आई तो मैने कहा मामी मैं कुछ खाना चाहता हू वो बोली दूध चलेगा तो मैने हाँ करदी वो एक लोटा दूध ले आई मैं उसे पी रहा था तो थोड़ा दूध छलक के मेरी ठोड्डि और सीने पे गिर गया मैं सॉफ करने ही वाला था तो मामी ने इशारे से मुझे रोका और अपनी जीभ से उसे चाटने लगी आज तो वो मेरी जान निकालने पे तुली हुवी थी मैने भी एंजाय करते हुवे उपर से थोड़ी थोड़ी बूंदे छलकानी शुरू कर दी
और वो उसे चटकारे लेते हुवे चाटने लगी ऐसे ही चलता रहा जब तक पूरा लोटा खाली ना हो गया तो मैने कहा मैं क्या पीउंगा सारा दूध तो आप पी गयी तो उन्होने कहा तू मेरे से निकाल ले दूध को और फिर पी लियो मैने भी कहा कि अब तुम मे कहाँ दूध आता हैं तो वो बोली कि गाय तो तैयार हैं गवाले मे दम हैं तो निकाल ही लेगा और हँसने लगी मैने कहा तो चलो देख लेते हैं मैने एक चारपाई उठाई और बाहर बिस्तर लगा दिया और मामी को अपनी बाहों मे उठा के उसपे पटक दिया मामी बोली आह थोड़ा धीरे मारो गे क्या तो मैने कहा हाँ आज तो आपकी इतनी मारूँगा कि आपने सोचा भी नही होगा
और उनपे झुक गया मेरे होंठ जैसे ही उनके लरजते हुवे होंटो से टकराए उन्होने अपना मूह खोलते हुवे मेरे होंटो को रास्ता दिया और हम चूसने लगे एक होड़ सी मच गयी थी हमारे अंदर . दोनो के मूह मे ढेर सारा थूक इकट्ठा हो गया था पर कोई भी किस तोड़ने को तैयार नही था दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहे थे कि उनकी धड़कन सॉफ सुनाई दे रही थी उनकी गोरी गोरी चूचिया मेरे सीने मे घुसने को बेताब हो रही थी अब ना कोई होश था ना कोई खबर थी मामी तो पूरी खिलाड़ी थी उन्हे हराना इतना आसान ना था और वोभी तब जब उन्होने खुद इस खेल की शुरुआत की थी ।
और फिर हाफते हुवे हमारे होंठ एक दूसरे से जुदा हो गये हम दोनो गहरी साँस ले रहे थे मामी अपनी नशीली आँखो से मुझे देख रही थी और मैने उन्हे थोड़ा नीचे सरकाते हुवे उनके एक बोबे को अपने मूह मे भर लिया और उसे चूसने लगा जैसे कोई बच्चा अपनी मा का दूध पीने के लिए चूस ता हैं कोई आधे घंटे तक बस मैं उनकी छातियों से दूध निकालने की कोशिश करता रहा महॉल काफ़ी गरम होने लगा था मैने मामी को 69 मे आने को कहा और वो झट से तैयार हो गयी और बड़ी ही फुर्ती से मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया मैने भी बिना किसी देर के उनकी चूत मे अपनी जीभ घुसा दी
साथ साथ एक दूसरे के अंगो को चूमने का आनंद एक अलग ही एहसास देता हैं मैं बारी बारी से चूत और गान्ड दोनो को चाटने लगा मामी ने लंड को अपने दांतो से काटना शुरू कर दिया था जिस से मुझे थोड़ी तकलीफ़ होने लगी थी तो मैने भी चूत के होंटो को कस के अपने दांतो मे दबा लिया एक दूसरे को तडपाते हुवे बहुत ही मज़ा आ रहा था जब जब मैं उनकी चूत को काट ता वो उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अयू ईईईईई
करते हुवे अब शोर मचाने लगी थी उनका चिपचिपा पानी और भी ज़ोर से बहने लगा था मेरे लंड से भी प्रिकूं निकलने लगा था मामी बुरी तरह से लंड चूसे जा रही थी तब मैने उन्हे अपने उपर से हटाया और उनके उपर छाता चला गया मामी की जंघे मेरी कमर पे लिपटी हुवी थी और उनकी मटकती गान्ड संभोग के सुख को और भी बढ़ा रही थी उनके लाल लाल होंटो को पीते हुवे मैं ताबड तोड़ चूत मारे जा रहा था हमारे धक्को से खाट चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करने लगी थी ।
मेरे हर धक्के से लंड उनकी चूत मे और अंदर और अंदर पहुच रहा था उनके बोबे बहुत ही तेज़ी से लहरा रहे थे पूछ प्कूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूवयाच्च्की आवाज़ आ रही थी मामी ने अपनी बाँहे मेरी पीठ पे कस दी थी और मज़े से चूत मरवा रही थी अब मैं थोड़ा उपर हुआ और उनकी टाँगो को उठाते हुवे एम शेप मे करदी और फिर से उन्हे चोदने लगा पूरे आधे घंटे तक दबा के उनकी चूत मारने के पश्चात हम दोनो लगभग साथसाथ ही झाड़ गये और मैं उनपे लेटे लेटे ही नींद के आगोश मे चला गया
नींद ने एक बार फिर मुहे अपने आगोश मे पनाह दे दी थी मिता ना जाने कब सपनो मे आने लगी थी उसका मुस्कुराता हुवा मासूम सा चेहरा बस देखते ही बनता था मैं अपने सपनो की दुनिया मे मिता के साथ था कि आँख खुल गयी काफ़ी देर लग गयी खुद को संभालने मे सर काफ़ी भारी हो रहा था घड़ी की तरफ निगाह पड़ी तो पता चला की 11 बज रहे थे मतलब काफ़ी देर तक मैं सोता रहा था कपड़ो को दुरुस्त किया और बाहर की तरफ आते हुवे मामी को आवाज़ लगाई पर कोई जवाब नही आया देखा तो पता चला कि वो घर पे नही थी तो मैं रसोई मे गया
और एक कड़क अदरक वाली चाइ बनाने लगा मेरा सर बहुत तेज दुख रहा था चाइ पी के थोड़ा बेहतर लगा फिर मैं नहाने चला गया इन्सब मे कोई आधा घंटा लग गया पर मामी अभी तक वापिस नही आई थी तो मैं बेड पे लेट गया और अपनी आँखे बंद करली पर चैन ना मिला मिता की सूरत बार बार मेरी आँखो मे छा रही थी दिल मे एक हूक सी उठने लगी पता नही ये कैसे डोर थी जो मुझे उसकी ओर खींच रही थी जबकि वो तो मुझे ठीक से जानती भी नही थी तक़दीर एक बार फिर मेरी ज़िंदगी मे कुछ नयी इबारत लिखने का ठान चुकी थी ये दिल मे उठती कसक भी खुदा की ओर से एक इशारा था जो उस वक़्त मैं समझ नही पा रहा था
तभी मामी आ गयी उन्होने बताया कि वो गाँव के पोस्ट ऑफीस चली गयी थी मामा ने मनी ऑर्डर भेजा था वो लेने फिर वो बोली मैं अभी तुम्हारे लिए फटा फट खाना बना देती हू तो मैने मना कर दिया मैने कहा मेरे सर मे बहुत दर्द हो रहा हैं तो वो बोली चलो मैं तुम्हारे सर मे मालिश कर देती हू और तेल की बॉटल उठा लाई मालिश से बहुत रिलॅक्स फील हुआ फिर वो रसोई मे चली गयी मैने टीवी ऑन कर लिया पर उसमे भी मन नही लगा तो मैं भी रसोई मे चला गया
और रसोई के दरवाजे पे खड़े होके मामी को देखने लगा नीले घाघरे और सफेद ब्लाउस मे एक दम कहेर ढा रही थी उनकी पीठ मेरी ओर थी मैं जाके उनसे चिपक गया और उनकी पतली कमर को अपने हाथो से सहलाने लगा उनका पेट धीरे धीरे काँपने लगा मामी बोली पूरी रात तो मुझे चोद्ते रहे फिर भी मन नही भरा क्या मैने अपने को ऑर उनसे सटाते हुवे कहा आप हो ही इतनी पटाखा कि बस रुका ही नही जाता और उनकी चूची को दबा दिया मामी ने अपनी गान्ड थोड़ी उभार ली और मेरे लंड पे उसका दबाव डालने लगी कुछ देर हम ऐसे ही मज़े लेते रहे
तो मैं उनके ब्लाउस के बटन खोलने लगा तो वो बोली अभी नही मुझे बहुत काम करना हैं खाना बनाना है और नहाई भी नही हू पहले मैं अपने काम निपटा लू फिर तुम्हारी मुराद भी पूरी करूँगी और मुझसी दूर हो गयी मैने भी अपने आप को संभाल लिया मैने उन्हे बताया कि मैं थोड़ा घूमने जा रहा हू थोड़ी देर मे आउन्गा और बाहर की ओर चल पड़ा मैं खेतो की पगडंडी पे चलता जा रहा था गरम हवा चल रही थी पर खेतो की वजह से अच्छी लग रही थी मैं थोड़ा और आगे बढ़ गया एक तरफ बहुत पेड़ थे मैं उसी ओर चला गया वो एक आम का बाग था बहुत ही ठंडक महसूस हुवी
इधर उधर देखा तो कोई दिखा नही मैने दो आम उठाए और खाने लग खा ही रहा था तो एक औरत भागती हुवी मेरी ओर आई ऑर गुस्से सी बोली कि कॉन है तू ऑर आम क्यों चुराए तो मैने कहा कि आपको थोड़ी ग़लत फहमी हो गयी हैं मैं तो इधर घूमते घूमते आ गया फिर मैने उन्हे मामा का नाम बताते हुवे कहा कि मैं मास्टरजी का भांजा हू तो वो बोली अरे तो पहले बताना था और माफी माँगी तो मैने कहा कोई नही तो वो मुझे अपने साथ ले गयी ऑर बहुत से आम एक पन्नि मे डालके मुझे दे दिए मैं मना करता रहा पर वो मानी ही नही तो वो मुझे लेने पड़े ।