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Adultery हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY)
#7
रात काफ़ी बीत चुकी थी पर हमारी हसरते अभी भी बाकी थी मैं उसे छेड़ते हुए बोला आज कल तू बहुत मोटी हो गयी है क्या बात हैं कुछ मुझे भी तो बता दे तो वो बोली इतना चुदुन्गि तो माँस तो चढ़ेगा ही ना मैं अपनी टाँगो को उसकी टाँगो से रगड़ने लगा वो बोली अब मैं जाती हू तो मैने कहा कुछ देर ओर रुक जाओ ना तो वो बोली अब कर तो लिया और क्या बाकी हैं अब मुझे जाने दे ना पर मैं चाहता था कि वो आज पूरी रात मेरे साथ गुज़ारे क्यों कि ये बहुत ही अनोखे पल थे जो हर किसी को नसीब नही होते हैं अब मैने उसको खींच और अपने उपर लिटा लिया उसके गोल मटोल बोबे मेरी छाती मे धँस गये बिल्कुल किसी फोम की तरह

और लंड उसकी चूत पे रगड़ खाने लगा मैने उसके माथे को चूम लिया और धीरे से अपने होन्ट उसकी गालो से लगा दिए टमाटर से लाल गाल मुझे उसके गाल चूमना बहुत पसंद था साथ ही साथ एक हाथ से उसके चुतड भी सहलाता जा रहा था उसने लंड को अपनी मोटी मोटी जाँघो मे दबा लिया तभी उसे पता नही क्या सूझा उसने अपने होन्ट आगे बढ़ाए और मेरे होंटो को चूसने लगी मैं भी उसका साथ देने लगा अचानक से ही वो बहुत ही आक्रामक हो गयी थी मुझे उसका ये अंदाज बहुत अच्छा लगा मैं उंगली से उसकी गान्ड के छेद को कुरेदने लगा उसके चुतड मचलने लगे थे वासना का संचार शरीर मे होने लगा था ।

प्रीतम की चूत के गीले पन को मेरा लंड महसूस करने लगा था उसे घुमाया और मैं उसके उपर आ गया उसने लंड को अपने हाथ मे लिया और चूत पे रगड़ने लगी मेरे बदन मे सिरहन दौड़ गयी ओर मैं और भी ज़ोर से उसकी जीभ को चूसने लगा वो लगातार लंड को रगडे जा रही थी मैं बुरी तरह से उत्तेजित होता जा रहा था कुछ ऐसा ही हाल उसका भी था मैने अंदर घुसाने को थोड़ा सा धक्का लगाया तो उसने इशारे से मुझे रोक दिया और वैसे ही लंड को रगड़ती रही मज़ा भी बहुत आ रहा था अब रुकना मुश्किल था मैने उसका हाथ हटाया लंड को थोड़ा सेट किया और सीधा उसकी चूत के अंदर पहुचा दिया और एक दूसरे मे समा गये

उसने अपने टाँगे विपरीत दिशाओ मे चौड़ी कर ली मैं खुल के स्ट्रोक मार रहा था उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ पे रगड़ने शुरू कर दिए थे वो मस्ती के पूरे शबाब मे थी वो लगातार नखुनो को धंसा रही थी जिस से मुझे चुभन भी हो रही थी परंतु उस चुबन का भी एक अलग सा ही मज़ा था जो शब्दो मे व्यक्त किया ही नही जा सकता हैं मैं लंड को पूरा बाहर की तरफ निकालता और झटके से अंदर घुसा देता था तो प्रीतम भी अपने कुल्हो को उठा कर लंड का स्वागत कर रही थी ऐसे ही चुदाई चल रही थी उसकी आर्म्पाइट से बहते पसीने की स्मेल मुझे मदहोश कर रही थी

उसके हाथ मेरे कुल्हो पे पहुच गये थे और वो दबाव डाल रही थी जैसे की मैं पूरा ही उसकी चूत मे घुस जाउ खाट हमारे धक्को से चरमराने लगी थी मैं पूरी ताक़त से उसे चोद रहा था फिर मैने उसे घोड़ी बनाया और पीछे सी चोदने लगा मेरे हाथो ने उसकी कमर को थामा हुवा था और लपा लॅप चूत मारी जा रही थी प्रीतम हाँफ रही थी उसकी चूचिया बहुत नीचे की ओर लटकी हुई थी मैने हाथ बढ़ा के उनको पकड़ लिया लंड चूत मे फिसलता हुए अंदर बाहर हो रहा था मुझे लगने लगा था कि किसी भी पल मैं डिसचार्ज हो सकता हू तो मैने लंड को निकाला और उसके मूह मे दे दिया

और उसके सर को कस के पकड़ लिया और अपना सफेद पानी उसके मूह मे छोड़ दिया जो सीधा उसके गले से होते हुए पेट मे चला गया प्रीतम ने झट से लंड को बाहर निकाला और खांसने लगी और उल्टी करने की कोशिश करने लगी मैं भाग के गया और एक गिलास पानी लाके दिया तब उसकी जान मे जान आई और वो बैठ गयी टाइम 3 से उपर हो गया था तो उसने अपने कपड़े पहने फिर मैं उसको हिफ़ाज़त से उसके बाडे मे छोड़ने चला गया वो खुद की खाट पे लेट गयी मैं भी उसकी बगल मे ही पसर गया वो मुझे जाने को बोली तो मैने एक लंबा किस किया और वापिस आके सो गया

सुबह काफ़ी देर तक सोता रहा धूप सर चढ़ आई थी रात के बाद शरीर बुरी तरह थक गया था बिस्तर से उठने की हिम्मत नही हो रही थी किसी तरह खुद को संभाला और नहाया-धोया और घर का रास्ता नापा. पापा और चाचा जा चुके थे दादी और मम्मी आँगन मे बैठे थे चाची ने मुझे नाश्ता दिया जैसे ही उनका हाथ मेरे हाथ से टकराया पूरे बदन मे झंझनाहट दौड़ गयी चाची मुस्कुरा के रसोई मे चली गयी आज उनकी गान्ड कुछ ज़्यादा ही उभरी हुई लग रही थी जल्दी से नाश्ता किया और रसोई मे प्लेट रखने के बहाने से घुस गया

और इधर उधर देखती हुए उनको पकड़ लिया और गान्ड को मसल दिया तो उन्होने आँख तरेरते हुए कहा बड़ी शैतानी करने लगे हो मेरा हाथ उनकी गोल गान्ड पे रेंग रहा था मैने पूछा कि आज खेत पे चलोगे क्या तो उन्होने मना करते हुए कहा कि नही वो नही जाएँगी तो मेरा दिल टूट गया तभी मम्मी ने आवाज़ लगाई और कहा कि आज तुम्हे पापा के ऑफीस जाना है तैयार हो जाओ मैने बुरा सा मूह बनाया और साइकल उठा के सहर की ओर चल दिया आधे-पोने घंटे बाद मैं वहाँ पहुच गया था उन्होने मुझे बैठने को कहा

और बोले कि अब तुम्हारा दाखिला यहा के ईक कॉलेज मे करवा रहे हैं तो चलो तुम एक बार कॉलेज देख लो मैं खुश हो गया अब तक तो बस सरकारी मे ही गान्ड घिसी थी अब मोका मिला था प्राइवेट कॉलेज मे पढ़ने का ये कॉलेज थोड़ा सिटी के आउटसाइड था कॉलेज क्या था कॉलेज ही लग रहा था हम अंदर गये फॉर्म वग़ैरा खरीदा और कुछ फॉरमॅलिटीस पूरी की इन्सब मे कोई दो घंटे लग गये थे एक हफ्ते बाद से क्लास लगनी थी जब मैं घर पहुचा तो साढ़े 3 बज गये थे

अंदर गया तो देखा आज मम्मी भी घर पे ही थी ओर सो रही थी दादी भी आराम कर रही थी मैं दबे पाँव चाची के कमरे की ओर बढ़ने लगा वो कुर्सी पे बैठ के कोई किताब पढ़ रही थी मुझे देख के बोली खाना दूं क्या तो मैने मना किया और उनके बेड पे बैठ गया वो बोली भूक नही है क्या तो मैने डबल मीनिंग यूज़ करते हुए कहा भूक है तभी तो आपके पास आया हू तो वो थोड़ा ब्लश करने लगी मैने उन्हे दीवार के सहारे लगा दिया औ उनके मिस्री से भी मीठे होन्ट चूसने लगा

वो थोडा डर रही थी की कही कोई आ ना जाए मैं मस्ती से लगा हुवा था कहा कुछ महीनो पहले बस मुट्ठी ही मार कर गुज़ारा होता था अब चूते ही चूते थी पता नही कितनी देर मैं उन्हे चूमता रहा उफ्फ कितने क्रीमी होंठ थे उनके बहुत ही ज़्यादा सॉफ्ट फिर उन्होने मुझे हटाया और अपनी सांसो को नियंत्रित करनी लगी उनकी चूचिया बहुत तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी फिर वो बाहर की ओर भाग गयी बकरे की मा कब तब खैर मनाएगी ये सोचते हुए मैं भी बरामदे मे आ गया

चाइ का टाइम हो गया था मम्मी भी उठ गयी थी फिर चाइ पी थोड़ी बातचीत दादी से की ओर बाहर खेलने चल पड़ा मैं अब चाची को जल्दी से जल्दी चोदना चाहता था क्यों कि फिर मेरी समस्या का समाधान हो जाता भाभी का साथ तो छूट ही गया था प्रीतम भी रेग्युलर्ली नही मिल पाती थी तो मैं सोच रहा था अगर चाची चुद जाए तो पर वो हाथ नही आ रही थी तो मैं थोड़ा हताश भी होने लगा था तभी मुझे एक आइडिया आया और मैं फॉरन दुकान पे गया और एक कम पॉवर का बल्ब खरीद लिया और मोका देख के आँगन वाले बल्ब से बदल दिया

क्यों कि चाचा-चाची रात को वही सोते थे अब बल्ब की रोशनी कम होगी तो मैं उन्हे छुप के देख पाउन्गा डिन्नर हो ही गया था तभी पापा बोले आज प्लॉट मे सोने नही जाएगा क्या तो मैने झूठ बोल दिया कि उधर मच्छर बहुत ज़्यादा हैं तो नींद नही आती और अपना बिस्तर छत पे लगा दिया और इंतज़ार करने लगा छत से हल्का सा झाँका तो पाया कि आज चुदाई नही हो रही थी और वो दोनो घोड़े बेच के सो रहे थे मैं अब बाथरूम मे गया और चाची की पेंटी उठा लाया और उसपे मुट्ठी मार के सोगया

अगले दिन मुझे प्रीतम मिली और उसने बताया कि दो दिन बाद उसका भाई ट्रैनिंग पे चला जाएगा फिर उसकी मा पशुओ के पास सोया करेगी और वो घर मे अकेली ये सुनके मैं खुश तो हो गया पर अब मेरा मन तो बस चाची की चूत मे ही बस गया था पर प्रीतम का ख्याल रखना भी ज़रूरी था आख़िर वो भी मुझे बहुत कुछ देती थी दो दिन ऐसे ही कट गये बिना कुछ ख़ास हुए अब कॉलेज भी शुरू होने वाला था अब ये दोहरी जिंदगी मुझे पीसने को तैयार थी प्रीतम को लेटर लिखा कि कब आऊ उसके घर तो उसका जवाब बहुत ही निराशा जनक था उसने लिखा कि उसे मासिक आया हुवा हैं तो अभी कुछ नही कर सकते अब ऑर प्राब्लम खड़ी हो गयी

इधर चाची भी चूमा चाटी से आयेज नही बढ़ रही थी शायद उन्हे भी मुझे तड़पाने मे मज़ा आ रहा था इसी तरह कुछ दिन ऑर निकल गये नया कॉलेज बहुत ही अच्छा था पर प्रतियोगिता बहुत ज़्यादा थी तभी किस्मत ने एक खेल ऑर दिखाया जब मैं लाइब्ररी जाने के लिए सीढ़िया चढ़ रहा था तो मेरी नज़र एक चेहरे पे पड़ी वक़्त जैसे एक पल के लिए ठहर ही गया था अरे यह तो वो ही लड़की थी जो उस दिन मेले मे मुझसे टकरा गयी थी उसकी साँवली सी रंगत दिल मे उतर गयी चलो ये तो पता चल ही गया था कि वो मेरे ही कॉलेज मे पढ़ती थी

अब पता करना था किस क्लास में पढ़ती है अब पढ़ाई मे किसका ध्यान था अगले ही दिन उसका पीछा किया और पता कर लिया कि 10+2 सेक्षन सी मे थी और मैं ए मे. अब किताबो मे वो ही दिखती थी अब ना घर मे मन लगे ना कही ऑर प्रीतम भी कई बार मिलने का बोल चुकी थी पर मैने बहाना करते हुए मना कर दिया हम चाची से थोड़ी बहुत शरारत हो ही जाती थी मैने सेक्षन चेंज की अप्लिकेशन भी लगा दी थी पर उसमे कंडीशन थी तो हिस्टरी छोड़के पब्लिक आडमिन. सब्जेक्ट ले लिया और ए से सी मे पहुच गया

इत्तेफ़ाक़ से वो मेरे साइड वाले बेंच की शोभा बढ़ाती थी मेरा तो ध्यान पढ़ाई से ज़्यादा उसी पे रहता था उसका नाम भी पता चल गया था मिता साला दिल मे उतर गया वो बहुत ही ब्राइट स्टूडेंट थी और बहुत प्यारी भी थी समय पंख लगाए दौड़ रहा था एक महीना ऐसे ही गुजर गया था प्रीतम भी नाराज़ चल रही थी क्यों कि कई दिन से मैं उस से मिला नही था


पर वो कहते हैं ना कि भगवान के घर देर हैं पर अंधेर नही मामा का फोन आया तो उन्होने बताया कि वो सवामनि कर रहे हैं अब वहाँ सारे परिवार को जाना था प्रोग्राम से एक दिन पहले हम सब मामा के गाँव पहुच गये शाम को भजन का प्रोग्राम था और अगले दिन जीमना था चूँकि हम सब लंबा सफ़र करके आए थे तो थके भी थे तो चाची ने कहा कि वो भजन मे थोड़ी ही देर जाएँगी फिर थोड़ा सोएंगी और मेरी ओर निगाह डाली मैने सोच लिया कि ये उनका मुझे निमंत्रण है और खुश हो गया

हालाँकि उन्होने वो बात जनरली ही कही थी पर मैने उसका ग़लत अर्थ लगा लिया था मुझे पता तो था ही उनके सोने का इंतज़ाम सबसे अंदर वाले कमरे मे किया हुआ था मैं भजन मंडली मे बैठा था परंतु ध्यान चाची पे ही था मेरी आँखे उन्हे तलाश रही थी पर वो दिख नही रही थी तो मैने सोचा कि वो सोने गयी होंगी और बचते बचाते अंदर वाले कमरे मे पहुच गया वहाँ देखा कि वहाँ पे कुल 3 बिस्तर लगे थे दो पे तो कोई लड़किया सोई थी और एक पे एक बूढ़ी थी और एक पे कोई चादर ओढ़े हुए थे मैने सोचा ये ही चाची होंगी

पर दिमाग़ से काम लेते हुए सबसे पहले बल्ब को उतार दिया अब कमरे मे घुप अंधेरा हो गया मैं फॉरन ही उस चादर मे घुस गया और उनसे सट गया मेरा हाथ उनकी टाँगो पे फेरते हुए मैने साड़ी को उपर कर्दिया ऑर सीधा चूत पे हाथ रख दिया था वो घबराते हुए बोली कॉन हैं मैनी झप से उनके मूह पे हाथ रख दिया और बोला घबराओ मत मैं हू और फॉरन उनके उपर लेट गया वो अब मेरा हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी क्यों कि उन्हे भी पता था कि अब आगे क्या होगा वो मेरा विरोध करने लगी थी

पर मैने तो ठान ही लिया था कि अब नही तो कभी नही और थोड़ा ज़ोर मैं भी लगाने लगा किसी तरह अपनी ज़िप खोली और तने हुए लंड को निकाला उन्होने कच्छि पहनी नही थी तो सीधा लंड एक झटके से घुसा दिया वो उउउउउउउउउउउउउउउउउउउ उूुुुउउ कर रही थी बहुत ही धीमे धीमे क्यों कि आस पास ऑर लोग भी सोए हुए थे मैने धक्के मारने शुरू कर दिए कोई 7-8 मिनिट बाद वो भी नॉर्मल हो गयी क्यों कि चूत गीली होने लगी थी उनके चुतड थोड़े से उपर की ओर उठ गये थे अब मुझे भी थोड़ी तसल्ली हुई ऑर मैने उनकी मूह से अपना हाथ हटा लिया ओर फुसफुसाते हुए बोला कैसा लगा मेरी जान तो वो काँपति हुई बोली तुम कॉन हो हालाँकि कोई विरोध नही था

क्यों कि उन्हे भी मज़ा मिल रहा था अब मैं घबरा गया ये तो कोई और थी और चाची कहाँ थी पर मैने सोचा कोई भी हो चूत तो मिल ही रही है अभी तो इसे ही बजा देता हू और उसके होंटो पे अपने होंठ लगा दिए तो उसने फॉरन अपना मूह फेर लिया तो मैने उसके कान मे फुसफुसाते हुए बोला कि अब जो होना था वो तो हो ही गया हैं तुम भी थोड़ा मज़ा ले लो वो कुछ नही बोली और ऐसे ही पड़ी रही पर चूत और लंड तो कोई रिश्ता नही समझ ते हैं मैं लगातार उन्हे चोदे जा रहा था

आख़िर वो थी तो एक औरत ही अब उसके मूह से भी मादक सिसकिया फूटने लगी थी अब मैने अपने होन्ट दुबारा उसके होंटो पे रख दिए और हौले हौले उनका रस पीने लगा वो भी मचलने लगी और मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फेरने लगी उसके होंठ बहुत ही पतले से थे तो मज़ा और भी बढ़ गया था उसकी पतली कमर भी अब थिरकने लगी थी आख़िर वो पल भी आया जब हम दोनो ने लग भग एक साथ ही अपने पानी छोड़ दिया

मैं उसकी बगल मे लेट गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा तो उसने मेरा हाथ छिटक दिया और अपना मूह दूसरी ओर कर लिया तो मैं उस से सट ता हुआ चिपक गया और धीरे से बोला कि देखो किसी ओर के भरोसे मे तुम चुद गयी हो मेरी तुम्हारे प्रति कोई ग़लत भावना नही थी पर अब जो हो गया वो बदला भी नही जा सकता हैं और धीरे से उसके नितंबो को सहला दिया पर वो कुछ ना बोली

मैं लगातार उसके नितंबो को मसल ता जा रहा था पर वो कोई रियेक्शन नही दे रही थी तभी वहाँ सोई बूढ़ी उठी ऑर बोली रे कोशल्या बड़ी प्यास लगी हैं थोड़ा पानी पिलइओ ओह ये क्या हो गया ये तो मेरी मामी थी जिसे मैने अभी अभी चोद डाला था
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चूत मारने की खुशी पल भर मे ही काफूर हो गयी थी मामी उठी ऑर उनके लिए पानी लेने बाहर चली गयी अंधेरे का फ़ायदा उठाके मैं भी उनके पीछे चल पड़ा उहोने मूड के मुझे देखा तो उनकी आँख आश्चर्य से भर गयी ओर वो गुस्से से मुझे डाँटती हुई बोली कि मुझे तुमसे ये उम्मीद नही थी तुमने अपनी सग़ी मामी को खराब करके पाप किया हैं तो मैने उन्हे शांत करते हुए कहा कि प्लीज़ एक बार मेरी बात तो समझ लो और उन्हे मनाने लगा उन्होने पानी भरा और अंदर चली गयी

कोई 15 मिनिट मैं वही खड़ा रहा पर वो वापिस ना आई तो मैने कुछ सोचते हुए कमरे मे घुस गया और मामी की बगल मे जाके लेट गया और उनका हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया और धीरे से बोला मामी इसमे आपकी कोई ग़लती नही है ये सब अंजाने मे हुआ है प्लीज़ माफ़ करदो तो वो रुआंसी सी आवाज़ मे बोली पर मेरी इज़्ज़त तो चली गयी ना तो मैं उन्हे दिलासा देते हुए बोला कि मामी ये राज बस हमारे ही बीच रहेगा आप निसचिंत रहो

और उन्हे मना ने लगा काफ़ी मिन्नते करने के बाद वो मानी और मुझे जाने को कहा पर मैं वही लेटा रहा और अपना हाथ उनकी चूचियों पे रख दिया और हल्का सा दबा दिया मामी घबराते हुए बोली ये क्य्ाआआ कर रहे हो तो मैने अपनी उंगली उनके होंटो पे रखते हुए उन्हे चुप रहने का इशारा किया ऑर उनकी गोलाईयों को दबाने लगा वो खुल के विरोध भी नही कर सकती थी क्यों कि उनकी ही बदनामी थी वो हल्के हल्के मुझे रोक रही थी पर मैं तो चुदाई के खेल मे बहुत गहराई में उतर चुका था औरतो की नस नस से वाकिफ़ हो गया था ।

मैने सोच लिया था कि अगर उन्हे एक बार चोद लिया तो दुबारा भी चोद सकता हू और फिर मोका भी बिल्कुल चोका मारने का था मैने एक हाथ उनकी साड़ी मे डाल और सीधा चूत पे रख दिया और एक उंगली चूत मे घुसा दी ना चाहते हुए भी कोशल्या मामी की आह निकल गयी उनकी चूत का दाना थोड़ा मोटा सा था मैं उसे मसल्ने लगा मामी भी अपनी टाँगो को पटकने लगी थी अब हालात पूरी तरह मेरे कंट्रोल मे थे मैं उठा और उनकी साड़ी मे घुस गया और सीधा उनकी पतली सी छोटी सी चूत को अपने मूह मे किसी गोलगप्पे की तरह भर लिया मामी की तो सांस उपर की उपर ओर नीचे की नीचे अटक गयी

शायद ये पहली बार था कि किसी ने उनकी चूत चाटी हो मैं बड़े मज़े से उनकी चूत का पानी चाटने लगा बड़ा ही नमकीन सा स्वाद था उसका मामी ने अपने दाँतों को कस के भींच लिया कि कही उनकी आह ना निकल जाए तभी उन्होने मुझे उठाया और बोली मेरे पीछे आओ और बाहर की ओर चल पड़ी मैं सधे कदमो से पीछे पीछे चल पड़ा घड़ी मे टाइम देखा तो पोने एक हो रहा था मामी चलते चलते काफ़ी बाहर की ओर बने एक स्टोर के गेट पे आके रुक गयी और मेरी तरफ देख के झाप से अंदर घुस गयी

ये उनका भूसी रखने का कमरा था कमरा लगभग भरा ही था बस एक कोने मे ही थोड़ी सी जगह थी मैने जल्दी से कुण्डी अटकाई और मामी को पकड़ लिया मेरे आगोश मे आते ही काँपने लगी ऑर घबराते हुए बोली कि मैं उन्हे क्यों खराब करने मे लगा हू तो मैने कहा कि अगर उन्हे अपनी इज़्ज़त की इतनी ही चिंता हैं तो वो यहाँ पे मेरे साथ क्या कर रही है मैने बिना डरे कहा कि मामी सच तो ये हैं कि आपकी टाँगो के बीच आग लगी है जिसे भुजाने आप यहाँ आई हो तो वो बोली तुम बड़े बदतमीज़ हो ऐसे कोई बोलता है क्या

तो मुझे प्रीतम की कही बात याद आई और मैने उन्हे बोला कि मामी चूत और लंड कोई रिश्ता नही जानते हैं ये तो बस एक दूसरे की प्यास बुझाना चाहते हैं मैने आखरी दाँव खेलते हुए कहा कि अगर आपकी मर्ज़ी है तो ही मैं आपके साथ सेक्स करूँगा और मैं माफी माँगता हू कि उस कमरे मे जो कुछ हुआ वो मेरी ग़लत फहमी से हुआ . तो वो मेरे पास आई और बोली अगर किसी को पता चल गया तो मैने कहा कि किसी को कौन बताएगा आप ………………………………. नही ना तो फिर क्यों चिंता करती हो तो वो बोली कि ठीक है

पर ये जो भी होगा बस आज रात ही होगा तो मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और उन्हे अपने से सटा लिया कोशल्या मामी कोई 38-39 साल की औरत थी उनकी शादी को 20 साल हो चुके थे और 3 बच्चे भी थे जो बाहर पढ़ते थे मामी थी तो पतली सी पर चुचि भी कुछ खास नही थी शायद 32 होंगी और गान्ड भी ठीक ही थी पर उनके होन्ट बहुत ही पतले और मादक थे मामी के लाल लाल होंठ काँपते होंटो पे मैने अपनी जीभ जैसे ही फेरी उनका समुचा बदन कांप गया मैं बस अपनी जीभ उनके मुलायम होंटो पे फेरता ही जा रहा था मेरा एक हाथ उनकी पतली कमर को थामे हुए था

मेरे दिल मे लड्डू फूट रहे थे कि चलो चाची की चूत ना मिली तो क्या हुआ मामी ही सही अब मेरी जीभ उनके मूह मे जाने की कोशिस कर रही थी उनका मूह हल्का सा खुला और मैने अपनी जीभ उनके मूह मे डाल दी मामी मेरे अंदाज की कायल हो गयी उनकी जीभ भी अब मेरी जीभ से छेड़खानी करने लगी थी आख़िर उत्तेजना चीज़ ही ऐसी होती है बस एक ही पल मे उनकी सारी शरम पता नही कहाँ खो गयी थी हमारी सांस एक दूसरे मे घुलने लगी ओर मदहोशी का आलम ये था कि अब वो मुझसे ऐसे चिपकी हुई थी जैसे किसी चंदन के पेड़ से कोई नाग चिपकता हैं

अब मैं अलग हुआ और उनका आँचल हटाया और ब्लाउज के उपर से उनकी छोटी छोटी गेंदो को पकड़ लिया और बड़े ही प्यार से उनको दबाने लगा और ब्लाउज के बटन को खोलने लगा तो वो बोली कपड़े मत उतारो तो मैने कहा कि आप थोड़ी देर चुप रहो और बस देखती जाओ और उनके ब्लाउज को उतार दिया अंदर ब्रा नही पहनी थी मैने अब उनकी संतरे जैसे चुचि के निप्पल को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगा मामी की आह्ं निकल गई और वो बोली तू तो बड़ा अच्छा चूस्ता हैं अब वो भी खुल गयी थी और खुद ही बारी बारी से अपना दूध मुझे पिलाने लगी दूसरी ओर मैने उनकी साड़ी भी उतार दी थी अब बस एक पतला सा पेटिकोट ही बचा था मैने झटके से उसका नाडा खोला और वो भी उनके जिस्म की क़ैद से आज़ाद हो गया

मामी पूरी नंगी मेरे सामने थी पर अंधेरे की वजह से उनके हुस्न का दीदार नही कर पा रहा था बस महसूस ही कर सकता था अब मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और उनको पीछे से पकड़ते हुए अपना लंड उनकी गान्ड से छुआ दिया तो वो बोली अरे ये क्या हैं जो मुझे पीछे चुभ रहा हैं तो मैने कहा आप ही देख लो ना और उनका हाथ पीछे ले जाते हुए अपने लंड पे रख दिया मामी ने लंड को अपने हाथ से सहलाना शुरूकर दिया मैं उनकी पीठ को चूमने लगा मैं मामी पे अपनी छाप छोड़ना चाहता था ताकि वो मुझे याद रखे मेरे हाथ उनके पेट को सहलाते हुए उनकी चूत की तरफ बढ़ रहे थे गहरे बालो से धकि उनकी चूत , झप से मेरी उंगली उनकी चूत की दीवारो से रगड़ खाती हुई अंदर घुस चुकी थी उन्होने अपनी जाँघो को भीच लिया

जिस से उंगली पे चूत कस गयी थी तो मैने अब अंगूठे से उनकी चूत के दाने को रगड़ना चालू किया मामी अब हल्के हल्के गर्म हो रही थी वो शो नही करना चाहती थी पर उनके जिस्म पे उनका कोई ज़ोर भी नही चल रहा था मैं अब नीचे बैठ गया और मामी की पतली पतली जाँघो को चूमने लगा चूमते चूमते उनकी चूत को हल्का सा काट लिया तो वो चीख उठी अब मैने उनकी चूत की फांको को चूसना शुरू किया तो मामी के शरीर मे भूकंप आ गया वो बोली ये तुमने क्या किया

अहहह अहह मात्त्तटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ मुझे करेंट साआआआआआआआआआ लगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग र्हाहह माहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तो मैने कहा मामा नही चूस्ते क्या तो वो बोली कि आज तुमने ही पहली बार चुसूइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हाइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह

चूत से खारे पानी की नहर बह चली थी मैं रिस्ति एक एक बूँद को अपने गले मे उतार रहा था मामी के पैर थरथराने लगे थे अब मैं उठा और अपना लंड उन्हे चूसने को कहा तो वो बोली कि उसे ये पसंद नही मैने कई बार कहा पर उन्होने नही चूसा वो बोली मुझे उल्टी आती है तो मैने भी ज़्यादा फोर्स नही किया अब वो पल आने ही वाला था जब हमारे जिस्म एक दूसरे मे समाने वाले थे मैने उधर टटोला तो एक पल्ली मिल गयी मैने उसे बिछाया और उसपे हमारे कपड़े बिछा के एक कामचलाऊ बिस्तर सा बना दिया और मामी को लिटा दिया और उनकी टाँगो के बीच आ गया अब रुकना नामुमकिन था लंड पे थोड़ा थूक लगाया और उसे चूत मे घुसा दिया

मामी की सिसकी निकल गयी मैने उनके होन्ट अपने होंटो से चिपका दिए और उन्हे चोदने लगा मामी भी खुल के चुदाई का आनंद लेते हुए मेरी पीठ पे अपने हाथ फेर रही थी लंड ओर चूत का संग्राम एक बार फिर से शुरू हो गया था कुछ ही देर मे मामी भी अपनी गान्ड उछाल उछाल के चुद रही थी मेरे धक्को की रफ़्तार अब गति पकड़ रही थी मैं उनकी होंठ एक पल की लिए भी नही छोड़ रहा था घनघोर चुदाई के आलम मे बस मामी की मंद मंद ससिसकारिया ही गूँज रही थी मामी जिस तरह चुद रही थी कोई नही कह सकता था कि वो ऐसे भी चुद सकती हैं उनका जोश तो अच्छे अच्छे को पानी पिला दे तभी मामी उठी ओर खुद ही घोड़ी बन गयी

मैने मामी के चुतडो को चूमना शुरू कर दिया मामी उफ्फ उफ्फ करने लगी और बोली अभी मत तडपाओ ऑर मुझे शांत करदो बस तो मैं एक बार फिर लंड को उनकी चूत की सैर करवानी शुरू कर दी मामी के चुतड बुरी तरह से थिरक रहे थे उनका शरीर टाइट होने लगा था मैं उनकी पतली कमर को थामे उनकी चुदाई कर रहा था पसीना बहने लगा था पर रुक भी नही सकता था मामी की चूत की होन्ट बुरी तरह खुल ओर बंद हो रहे थे और मेरे लंड को कस रहे थे मेरे शरीर मे हलचल होने लगी थी

जो संकेत था कि अब किसी भी पल वो लम्हा आ सकता हैं जब इस चुदाई का अंत होगा मैने अपने धक्को की स्पीड और बढ़ा दी और उस पल की ओर बढ़ने लगा और एक तेज धक्के से अपना गर्म गर्म लावा मामी की चूत मे छोड़ दिया और दुनिया के सबसे बड़े सुख को प्राप्त हो गया

मैं उनकी बगल मे लेट गया मामी ने पेटिकोट उठाया और अपनी चूत को सॉफ करने लगी उनकी आर्म पिट से बहते पसीने की खुसबू मुझे मदहोश कर रही थी तो मैने अपना मूह उनकी आर्म्पाइट पे लगाया और वहाँ अपनी जीभ फेरने लगा मामी के बदन मे एक तरंग सी दौड़ गयी वो बोली अरे यह क्या कर रहे हो मुझे गुदगुदी होती हैं पता ही नही चला कब मैं उनके उपर आ गया था मैं लगातार उनकी कांखों के पसीने को चाट रहा था मेरे लंड मे दुबारा खून का दबाव बढ़ने लगा था और वो उनकी टाँगो के जोड़ पे रगड़ खा रहा था

मामी बोली चलो अब वापिस चलते हैं कही कोई मुझे ढूँढ ना रहा हो तो मैने कहा बस थोड़ी देर और फिर जाना तो हैं ही और क्या पता फिर कभी ज़िंदगी मे आपकी चूत मारने को मिले या ना मिले तो वो शरमा गयी और मेरे चेहरे को अपनी छातियों पे दबा लिया अब मेरा मूह उनकी चुचियो की घाटी मे दबा हुवा था और वो बहुत दबाव डाल रही थी उनकी गर्मी से अब मेरे कान भी सुर्ख होने लगे थे चुदाई की कहानी की एक ओर इबारत लिखने की शुरुआत हो रही थी तभी मामी बोली कि उन्हे पेशाब करना है चूँकि वो नंगी थी तो मैने कहा आप इधर ही एक कोने मे कर लो तो वो तपाक से बोली कि मैं तुम्हारे सामने कैसे करू तो मैने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझसे चुद सकती हो परंतु मूत नही सकती वैसे भी अंधेरा है आप कॉन सा दिख रही हो कर्लो जल्दी से

तो मामी भी मज़े लेते हुए बोली मेरी मर्ज़ी मेरा मूत है मैं चाहे जल्दिकरु या देर मे तुझे क्या हैं और वही कोने मे बैठ गयी सुउुुुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की सी आवाज़ मेरे कानो मे आई तो मुझे भी शरारत सूझी मैने मूत ती हुई मामी को अचानक से उठा दिया और उनकी चूत को अपने मूह मे भर लिया उनका मुतना एकदम से रुक गया और वो बोली प्लीज़ मुझे फारिग होने दो कंट्रोल नही हो रहा है पर मैने ध्यान नही दिया और चूत को अपने होंटो से दबाने लगा अब मामी बुरी तरह से फस गयी थी कुछ देर उन्होने कंट्रोल किया और फिर अपनी धार मेरे मूह मे छोड़ दी

उनका पेशाब बहुत ही गरम और एकदम समुन्द्रि नमक सा खारा था उनका मूत मेरे होंटो से होता हुआ नीचे बह रहा था अब उनका मुतना रुक गया था पर मैं अभी भी उनकी चूत को चाट रहा था मामी भी बिना किसी झिझक के खड़ी खड़ी मस्ती से अपनी चूत को चटवा रही थी और अपने हाथो से मेरे सर को सहला रही थी ना जाने क्यों मुझे चूत का रस पीना बहुत ही अच्छा लगता था मैने अपने हाथो का दबाव उनके चुतडो पे कसते हुए उन्हे थोड़ा और आगे की ओर धकेला मामी ने अब अपनी टाँगो को थोड़ा चौड़ा कर लिया ताकि मैं अच्छे से चूत की चुसाइ कर सकूँ मेरी जीभ घूमते हुए उनकी चूत के हर कोने को बराबर चूस रही थी

उनका गीलापन बढ़ने लगा था मामी की कमर अब हिलने लगी थी वो बहुत ही मस्त हो रही थी उनके पैरो का कंपन बढ़ता जा रहा था काश उधर उस टाइम लाइट का जुगाड़ होता तो मज़ा और भी बढ़ जाता मामी के बदन से गर्मी फूट रही थी चूत से उठ ती काम रस की खुसबु मुझे और भी प्रेरित कर रही थी और तभी ठीक उसी पल मामी ने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह कस लिया और अपना गाढ़ा पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया उनका रस पीके मेरी आत्मा तृप्त हो गयी अब हम थोड़ी देर लेट गये मैने अपना लंड उनके हाथ मे दे दिया वो मेरे लंड को आहिस्ता आहिस्ता हिलाने लगी
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RE: हार तरफ चुत हि चुत (BIG & HOT STORY) - by Pagol premi - 05-12-2020, 04:44 PM



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