05-12-2020, 03:38 PM
मैं उठा और पानी पीने के लिए चला गया भाभी अब उठकर बैठ गई थी थोड़ा पानी उन्हे भी पिलाया और उनके पास ही बैठ गया मेरा दिल फिर से मचल ने लगा मैने कहा चलो कमरे मे चलते है और उनको लेके अंदर आ गया मैने भाभी को नीचे फर्श पे बिस्तर लगाने को कहा अब हम दोनो बिस्तर पे बैठे हुवे थे बस एक दूसरे हो देख रहे थे
भाभी की नशीली आँखे मुझे निमंत्रण दे रही थी मैने भाभी को पकड़ कर अपनी गोद मे बिठा लिया भाभी बोली मैं बहुत थक गयी हू प्लीज़ अभी सो जाते है मैं तो तुम्हारी ही हू जब मन चाहे तब कर लेना तुम्हारी कोई मनाही तो है नही मैने जवाब देते हुवे कहा कि भाभी पर ये रातें जो हम दोनो को अकेले मिल रही है ये तो नही मिलेंगी ना
और आप हो ही इतना टंच माल कि जितना भी भोग लू उतनी ही इच्छा और बढ़ती जाती है मैं क्या करू आप ही बताओ और भाभी के चुतडो को सहलाने लगा भाभी मेरे सीने पे अपने हाथ फेरने लगी अचानक मैने अपनी उंगली उनकी गान्ड के छेद पे रख दी और उसे सहलाने लगा भाभी बोली ये क्या कर रहे हो मैं बोला भाभी आपकी गान्ड कितनी मस्त है
अबकी बार इसे भी मार लू क्या तो भाभी मना करने लगी पर मैने ठान लिया था कि गान्ड तो मारनी ही है अब मैने भाभी को गोदी से उठा कर बिस्तर पे उल्टी लिटा दिया था भाबी भी समझ गयी थी कि आज तो गान्ड मराई हो के रहे गी मैने मदमस्त कुल्हो को सहलाते हुवे पूछा कि रवि ने भी आपकी गान्ड तो मारी ही होगी तो भाभी शरमाते हुवे बोली कि 3-4 बार मारी है
और मुझे बहोत दर्द होता है प्लीज़ तुम जितनी चाहे चूत मारलो मैं मना नही करूँगी पर गान्ड मत मारो मैं भी ज़बरदस्ती से उनकी गान्ड नही चोदना चाहता था तो मैने कहा भाभी प्लीज़ एक बार करने दो अगर आपको ज़्यादा दर्द होगा तो नही करेंगे भाबी मेरे लिए एक बार मान जाओ तो भाभी ने हां कर दी अब मैने उनके चुतडो को थाम लिया और उनको फैलाते हुवे गान्ड के छेद को सहलाने लगा हल्के भूरे कलर का छेद काफ़ी सेक्सी लग रहा था
मैं लगता उसको सहला रहा था , मैं भाग के रसोई मे गया और एक कटोरी मे तेल लेके आया और उनकी गान्ड के छेद को बिल्कुल चिकना कर दिया मैने अपनी उंगली तेल मे भिगोइ और गान्ड मे डालने लगा जैसे ही थोड़ी से उंगली अंदर गयी तो भाभी की हल्की सी चीख निकल गयी और वो बोली के प्यार से करो वरना मैं नही करने दूँगी मैने बहुत ही धीरे धीरे अपनी उंगली अंदर को सरकाने लगा पर उनकी गान्ड बहुत ही ज़्यादा टाइट थी
और उपर से भाभी भी कुछ ज़्यादा ही नखरे दिखा रही थी जिस से काम थोड़ा मुश्किल हो रहा था मैं भाभी के नीचे एक तकिया लगाया अब उनकी गान्ड और भी उपर की ओर हो गयी थी अब मैने देर ना करते हुवे उनकी गान्ड मे उंगली अंदर बाहर करना शुरू कर दिया भाभी भी मस्ता रही थी वो
उफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफ़फ्फु हीईईईईईईईईईईईईईईईईईईइहिहीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ करने लगी थी मैने कहा भाभी मज़ा आ रहा है तो वो बोली ऐसे ही करते रहो बस ऐसे ही लगे रहो अब गान्ड थोड़ा खुलने लगी थी तेल की वजह से वो काफ़ी चिकनी हो गयी थी मैने देखा भाभी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी और मस्ती भरी आहे भर रही थी
लगभग 10 मिनिट तक मैं उनकी गान्ड मे सिर्फ़ उंगली ही करता रह अब मुझसे भी कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था अब मैने अपने लंड पे भी काफ़ी सारा तेल लगाया और उसको भी एकदम चिकना कर लिया था अब मेरे काला लंड किसी नाग की तरह लग रहा था पूरा लंड उपर से लेके जड़ तक एकदम चिकना हो चुका था मैने भाभी को तैयार होने के लिए कहा और अपने लंड को उनकी गान्ड के छेद पे रगड़ने लगा
भाभी पूरी तरह से गान्ड मरवाने के लिए तैयार हो चुकी थी उन्होने अपने हाथो को पीछे की ओर किया तो अपने चुतडो को फैला लिया जिस से उनकी गान्ड और भी उभर गयी और मैं पूरी मस्ती मे अपना लंड रगड़ने लगा भाभी की चिकनी गान्ड पे लंड फिराने से मेरे शरीर मे झुरजुरी दौड़ने लगी थी मैने अपनी कमर को हल्का सा झटका दिया और लंड का आधा सूपड़ा गान्ड मे घुसा दिया मैं भाभी को बहुत ही आराम से रगड़ना चाहता था
ताकि वो मेरा बिल्कुल विरोध ना करे भाबी के मूह से दर्द की आह निकल गयी अब मेरा पूरा सुपाडा अंदर जा चुका था उनकी गान्ड का छेद भी थोड़ा खुल गया था चूँकि गान्ड तेल लगाने से खुल गयी थी तो थोड़ी परेशानी कम हो गयी थी मैने धीरे धीरे लंड को अंदर करना शुरू किया तो भाभी ने अपने शरीर को सिकोड़ना शुरू कर्दिया जिस से गान्ड बहुत ही टाइट हो गयी थी
ऐसे मेरे लंड पे वो किसी छल्ले की तरह कस गयी थी मुझ उसका दबाव मेरे लंड पे सॉफ महसूस हो रहा था लग रहा था कि बस वो जल्दी ही झाड़ जाएगा मेरे लंड की नसे उभर आई थी मैने और धक्का मारते हुवे आधे से ज़्यादा लंड भाभी की गान्ड मे घुसा दिया था और हल्के हल्के घस्से मारने लगा था भाभी ने थोड़ा रुकने को कहा और सांस लेने लगी
मुझसे तो कंट्रोल ना हुआ और मैने पूरी ताक़त से एक जोरदार शॉट मारा और पूरा लंड गान्ड मे अंदर तक गुसेड दिया अनिता ज़ोर से चिल्लाई है माआआआआआआआआआआआआआआआ आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ माअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर दिया रे पपीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह मीईईईईईईईईईईरीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ मेरिइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई गाआआआआआआआआआअन्न्नआननननननननननननननननन्न्ँद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड फहाआद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड डीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
और उनकी आँखो मे आँसू आ गये . भाभी बहुत ही ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और छूटने की कोशिस कर रही थी मैने उन्हे अपनी मजबूत बाहों मे दबोच लिया और उनके गालो पे लुढ़क आए आँसू पीता हुआ बोला बस भाभी हो गया हो गया वो मुझ से छूटने के लिए तड़पने लगी पर मैने उन्हे नही छोड़ा और एक हाथ नीचे ले जाके उनकी गोलाईयो को सहलाने लगा
उनके निप्पल भी सहलाता जा रहा था जिस से उनको थोड़ी मस्ती आने लगी मैने उनके गालो को चूमना शुरू कर दिया काफ़ी देर बाद भाभी थोड़ी शांत हुवी अब मैने अपने लॅंड को धीरे धीरे गंद मे हिलने लगा भाभी आह अहह अफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ ऐईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
करने लगी मैं बहुत ही आराम से गान्ड मार रहा था ताकि उनको भी कोई परेशानी ना हो तभी मैने पूरा लंड एक झटके से बाहर निकाल लिया और ढेर सारा थूक गान्ड पे थूक दिया और फ़च से उसे फिर से अंदर घुसा दिया अब मैने देर ना करते हुवे धक्को की गति को बढ़ा दी और भाबी को भी मज़ा आने लगा था मेरे अंडकोष उनके चुतडो पे टकरा रहे थे
बहुत ही कामुक वातावरण हो गया था मैं दे दना दन गान्ड मारे जा रहा था और भाभी मस्ती से बिलबिला रही थी अब मैने उनको घोड़ी बना दिया और उनकी पतली कमर को थामते हुवे अपने लंड को दुबारा से गान्ड मे डाल दिया और चुदाई करने लगा बीच बीच मे उनकी मोटी मोटी चूचियों भी भींच रहा था भाभी भी अपने चूतड़ मटका मटका के मेरे लंड का जोश बढ़ा रही थी
आधे घंटे तक करने के बाद मैने अपना पानी गान्ड मे ही छोड़ दिया और उनको लिए लिए ही बिस्तर पे लुढ़क गया..
आधे घंटे तक हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे फिर अनिता उठी और पानी गरम करने के लिए रोड लगाने लगी तो मैने पूछा इस वक़्त पानी क्यों गरम कर रही हो तो उन्होने कहा कि वो अपने शरीर को सॉफ करना चाहती है मैने उन्हे कहा कि सर्दी का मोसम है इस और रात भी काफ़ी हो गयी है तो सुबह ही नहा लेना तो वो मान गयी और मैने उसे दुबारा बिस्तर पे लिटा दिया
अब हम दोनो रज़ाई के अंदर थे क्योंकि काफ़ी देर से हम नंगे ही बाहर थे भाभी मुझसे नागिन की तरह लिपटी हुवी थी अचानक से मैने पूछा कि क्या रवि उनको पूरी तरह से खुश करता है तो उन्हने कहा कि हाँ वो बिल्कुल उन्हे पूरी तरह संतुष्ट करता है और वो अपने पति से बहुत ही खुश है भाभी बोली कि तुम यह सोच रहे हो ना कि अगर मैं पूर्ण संतुष्ट हू तो तुमसे क्यों चुदवा रही हू.
तो उन्होने बताया कि मैं तुम्हे देख कर ना चाहते हुवे भी पिघल गयी हू तो मैने कहा कि पर भाभी मैं तो कुछ सुंदर, स्मार्ट भी नही हू तो वो हँसते हुवे बोली रे पगले रंग-रूप ही कुछ नही होता आदमी की सीरत भी कोई चीज़ होती है यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हो गया क्योंकि अक्सर ज़िंदगी मे लोग तो ठग ते ही रहे थे ना कभी कोई सच्चा दोस्त मिला था जो भी मिला बस ऐसे ही मिले.
मेरी आँखो से आँसू छलच्छला गये आवाज़ रुआंसी सी हो गयी थी भाभी मुझसे और भी लिपट गयी और मेरे आँसू पोछते हुवे बोली तेरा मेरा रिश्ता इस जिस्म के रिश्ते से बहुत परे है मैं तेरी दोस्त हू और वादा करती हू कि मैं हर हाल मे तेरा साथ दूँगी चाहे कोई भी परिस्तिथि आए मैं हमेश तेरे लिए खड़ी रहूंगी पर हमारे इस जिस्मानी रिश्ते के बारे मे किसी भी हाल मे किसी को भी पता नही चलना चाहिए वरना मेरी गृहस्थि बर्बाद हो सकती है
मैने उनको विश्वास दिलाया कि मैं अपनी दोस्ती पे किसी भी तरह का संकट नही आने दूँगा और दुनिया के आगे उन्हे भाभी का पूरा सम्मान दूँगा ये सुनके भाभी खुश हो गयी और मेरे गालो पे पप्पी दे दी. मैने भाभी को अपने उपर लिटा लिया उनकी गोल मटोल बूब्स मेरे सीने मे धँस रहे थे और चूत मेरे लंड रगड़ खा रही थी
वो बोली सोना नही है क्या तुम्हारे चक्कर मे मेरी नींद भी पूरी नही होती है मैने कहा भाभी जान आज की ही तो रात है कल तो तुम्हार सास-ससुर वापिस आ जाएँगे फिर कहा मिल पाएँगे हम तो वो बोली असली मज़ा तो छुप-छुप के मिलने मे ही आता है तुम घबराओ मत कोई रास्ता मिल ही जाएगा. मैने अपने हाथ उनकी पीठ पे कस दिए जिस से उनकी चूचिया और अंदर तक मेरे सीने मे धँस गयी
तो वो बोली कि अरे मुझे छोड़ो साँस लेने मे तकलीफ़ हो रही है तो मैने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली करदी अब वो बगल मे आ गयी थी मैने उनकी गर्दन पे हाथ डाला और अपनी ओर खींच के उनकी सुरहिदार गर्दन पे किस करने लगा भाबी और मेरी तरफ सरक गयी मेरे होंठ उनको चूमते चूमते उनके गुलाबी गुलाबी होंटो की ओर बढ़ने लगे मैने अपना मूह खोला और उनके निचले होंठ को अपने मूह मे भर लिया और दबा के चूसने लगा
भाभी ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे अंडकोषो पे पहुचा दिया और गोलियो को अपनी मुट्ठी मे भर कर सहलाने लगी मैं पूरे मज़े से उनके अधरो का रस पी रहा था और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी थी उनका हाथ मेरे लंड पे बहुत ही तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था जिस से मेरा मज़ा दुगना हो गया था भाभी ने अपने होंठ छुड़ाए और ढेर सारा थूक मेरे लंड पे लगा के उसे पूरा गीला कर दिया
और फिर से उसे अपनी मुट्ठी मे भर कर हिलने लगी अब मैने उनकी लेफ्ट साइड की चुचि को अपनी जीभ फेरते हुवे मूह मे भर लिया भाभी को चुचि चुसवाने मे बहुत मज़ा आता थॉ वो बोली देवेर जी जी भर कर मेरा दूध पियो अब मैं उनके उपर लेट के उनकी छातियों को चूस ने लगा भाभी के शरीर मे कामवासना जागने लगी थी 20 मिनिट तक चुचियो का मर्दन करने के बाद मैंने उनकी जाँघो को थोड़ा फैलाया और अपनी बीच वाली उंगली एक झटके से उनकी चूत मे घुसा दी
तो वो एकदम से चिहुन्क पड़ी मैं तेज़ी से उंगली अंदर बाहर करने लगा उनकी लाल लाल चूत से बहुत सा रस बह रहा था जिस से वो एकदम गीली हो गयी थी भाभी मोन करने लगी थी तभी उन्होने बताया कि जब मैं उनकी चूत चाट ता हूँ तो उन्हे बहुत ही मस्त अनुभूति होती है ये सुनते ही मेरी छाती चौड़ी हो गयी और मैने उनकी टाँगो को पूरी तरह फैलाया और उनकी जाँघो के बीच आ गया . मैने भाभी के भूरे रंग के चूत के दाने को अपने मुँह मे भर लिया और उसपे जीभ फेरने लगा
जैसे ही मेरी जीभ चूत के दाने से टकराई भाभी के बदन मे 440 वॉल्ट का करंट दौड़ गया और उनकी जांघे कस गयी उनके दाने का स्वाद बहुत ही नमकीन था मैं पूरे जोश से उसे चूसे जा रहा था भाभी की आँहे बढ़ती हीजा रही थी उनका खुद पे कंट्रोल ख़तम हो रहा था उनके दोनो हाथ मेरे सर पे पहुच गये थे और वो मेरे चेहरो को खुद की चूत पे दबा रही थी अब मैने अपनी जीभ थोड़ी नीचे की और चूत की फांको को चूसने लगा दोनो फांके काम रस मे पूरी तरह भीगी हुवी थी
मैं पूरी तसल्ली से उनकी चूत का रस चाट रहा था अब मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और चूत मे जहाँ तक मैं घुसा सकता था घुसा दी भाभी की चूत भी जी भर के रस बहा रही थी जिस से मेरे होंटो और ठोडी पे बहुत सा रस लग भी गया था ना जाने मुझे क्या सूझा मैने अपनी जीभ को निकाला और थोड़ा नीचे उनकी गान्ड के छेद पे फेरने लगा
भाभी के चुतडो मे सिरहन दौड़ गयी और उन्होने अपनी गान्ड उपर की और उठा दी अब मेरी जीब उनकी चूत और गान्ड को बारी बारी से चूस रही थी भाभी अपनी गान्ड उठा उठा के मुझे अपना रस पिला रही थी 15 मिनिट तक मैं उनका रस चूस्ता रहा और वो मस्ती से आहे भरती रही अचानक उन्होने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह से कस लिया और लंबी लंबी आहे भरते हुवे अपना पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया कंटिन्यूड......
भाभी किसी कुतिया की तरह हाँफ रही थी मैने चूत के अंदर उंगली रगड़ ते हुए पूछा कि जानेमन
मज़ा आया क्या तो वो कुछ नही बोली बस चेहरे को झुका लिया मैं उन्हे छेड़ ते हुए बोला कि शर्मा क्यों रही हो
बताओ ना तो वो बोली हां मज़ा आया बहुत मज़ा आया जी करता है पूरी रात तुमसे अपनी चूत को चुस्वाती रही
और इस आनंद को बार बार प्राप्त करती रहू मैं हँसते हुए बोला तो किसने रोका है मैं अभी आपकी इस इच्छा को
पूरी कर देता हू
और एक बार और उनकी चूत के दाने को अपने होंटो मे दबा लिया एक बार फिर मेरी जीब का
जादू भाभी पे चलने लगा था भाबी ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपनी मांसल जंघे मेरे चेहरे पे
लॉक की तरह कस दी मैने कभी नही सोचा था कि मेरी ज़िंदगी मे ऐसा कोई मोड़ अचानक आएगा कहाँ तो कुछ दिन
पहले तक बस अपना हाथ जगन्नाथ था और कहाँ अब भाभी जैसा टंच माल मेरे साथ बिस्तर पे था
मैं अपने
दान्तो से उनके दाने को धीरे धीरे काट भी रहा था तो भाभी अपनी कमर को उचका रही थी जैस ही मैं उनके दाने
को काट ता उनकी सिसकारी निकलती थी थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा फिर मैने उनको 69 मे होने को कहा ताकि
मैं भी थोड़ा आनंद ले सकु मैने दुबारा चूत की फांको को अपने मुँह मे ले लिया
और उसी पल भाभी के होंठ
भी मेरे सुपाडे पे कस गये पूरा सुपाडा उनके मुँह मे था उनकी गीली जीब से मुझे थोड़ी गुदगुदी भी हो रही
थी पर वो बहुत ही मजेदार पल थे भाभी लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट से भी ज़्यादा थी वो बहुत ही प्यार से मेरा लंड चूस रही थी .
साथ साथ लंड को अपने मुँह मे अंदर तक ले जाती थी बहुत ही मुश्किल है उन पलो का
वर्णन करना यहाँ पे बस कोशिश ही कर सकता हू अब अनिता ने पूरे जोश से लंड को चूसना शुरू कर दिया था
उनका थूक बाहर आकर गिर रहा था इधर मैं भी पूरे जोश से चूत का रस पी रहा था काफ़ी देर तक ऐसे ही
चलता रह अब मैं बस उनको चोदना चाहता था मैने उन्हे हटाया और नीचे लेट गया वो समझ गयी कि मैं क्या
चाहता हू और झट से आके मेरे लंड पे बैठ गई
गप्प्प की आवाज़ क साथ एक झटके से पूरा लंड उनकी छोटी सी
चूत मे समा गया उनके और मेरे मुँह से एक साथ ही मस्ती की आह निकल गयी मैने हाथ बढ़ा के उनकी बालो की
चोटी को खोल दिया अब उनके बाल पूरे चेहरे पे फिसलने लगे जिस से उनकी खूबसरती और भी बढ़ गयी .
भाभी अपने मासल कुल्हो को उछालते हुए मेरे लंड पे कूद रही थी पच
पcउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पुचह की आवाज़ उस घर्षण से आ रही थी मैं अपना
हाथ पीछे करते हुए उनकी गान्ड पे फेरने लगा और एक उंगली उनकी गान्ड मे डाल दी अब अनिता ने अपने चुतडो को
भींच लिया जिस से उनका मज़ा और भी दुगना हो गया अब वो थोड़ा धीरे धीरे उपर नीचे हो रही थी उन्होने
मुझे गान्ड मे ज़ोर ज़ोर से उंगली करने को कहा और मैं वैसा ही करने लगा
हम दोनो संभोग की नयी इबारत
लिखने मे जी जान से लगे हुए थे 15 मिनिट तक मैने उन्हे अपने लंड पे बिठाए रखा अब भाभी की स्पीड और
भी स्लो होने लगी थी क्यों कि वो शायद थोड़ी थकान महसूस कर रही थी मैं ये बात समझते हुए उनको उठाया
और फरश पे खड़ी कर दिया और थोड़ा झुकते हुए एक पैर को पलंग पे रख दिया इस तरह वो आधी घोड़ी
बन गई थी मैने थोड़ा थूक लंड पे लगाया और चूत मे घुसा दिया
अनिता ने खुद को पीछे की ओर झुका लिया
मैं बहुत ही तेज़ी से उनको चोद रहा था मेरे हाथ उनकी छातियो को मसल रहे थे उन्होने अपने मुँह को थोड़ा सा
टेढ़ा किया और अपनी जीब मेरे मुँह मे डाल दी सच बताऊ उस चुदाई को आज तक नही भूला हू अनिता अपनी गान्ड
को हिला हिला के चुद रही थी
काफ़ी देर चुदाई चलती रही तभी मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हू मैने अपने
लंड को चूत से निकाला और भाभी के मुँह मे दे दिया भाभी फुर्ती से चुसाइ करने लगी फिर वो पल भी आया जब
मैने अपना गरमा गरम पानी उनके हलक मे उतार दिया भाभी बहुत ही मज़े से मेरा वीर्य पी रही थी मेरे हाथ
उनके चेहरे पे कसे हुए थे वो बहुत ही मज़े से आखरी बूँद तक निचोड़ने मे लगी हुवी थी
मेरा पूरा बदन कांप रहा था लग रहा था जैसे टाँगो की सारी शक्ति ख़तम हो गयी थी मैं बुरी तरह से थक के चूर हो
गया था भाबी तब तक लंड को चुस्ती रही जब तक वो पूरा सिकुड ना गया उनके और मेरे चेहरे पे एक अजीब सा
भाव था जिसे केवल हम दोनो ही समझ सकते थे
दो बार की चुदाई के बाद मुझे थकान होने लगी थी पिछली रात भी पूरी नींद नही ली थी कुछ ऐसा ही हाल
भाभी का भी ता. आँखो मे खुमारी चढ़ ती ही जा रही थी मैने उन्हे अपने आगोश मे लिया और उनकी बाँहो मे सो
गया .बहुत ही प्यारी नींद आई उस रात को सुबह मैं जल्दी ही उठ गया क्यों कि गाव मे लोग थोड़ा जल्दी जाग जाते है
मैं आँगन मे आया तो देखा कि अभी उजाला नही हुवा था हल्का सा अंधेरा सा था मैने पानी भरा और
मुँह धोने लगा तभी मुझे भाभी का ध्यान आया मैने सोचा कि शायद वो रसोई मे होंगी चाइ वग़ैरा बना रही
होंगी पर वहाँ नही थी मैने उन्हे घर मे ढूँढा पर वो घर मे थी ही नही मैने मैन गेट की ओर चेक
किया तो वो बाहर से बंद था टाइम देखा तो 5 :15 ही हुए थे मैं हैरान परेशान हो गया कि हमारी भाभी
जान कहाँ गायब हो गयी
खैर मैं बाथरूम मे घुस गया और फ्रेश होने लगा जब मैं वापिस आया तो भी भाभी
का कोई आता-पता नही था फिर पोने 6 बजे दरवाजा खुला और वो अंदर आई उनके हाथ मे दूध की बाल्टी थी
उन्होने बताया कि वो बाडे चली गयी थी पशुओ को चारा खिलाने और दूध भी निकालना था और वो मुझे सुबह
सुबह उठाना नही चाहता थी इसलिए वो अकेले ही चली गयी थी वो बोली तुम बैठो मैं चाइ बनती हू पर
मैने कहा मेरा मूड तो दूध पीने का है और उनकी चूची को मसल दिया तो भाभी बोली कि सुबह सुबह चालू
हो गये
मुझे पता था कि ये अब लास्ट चुदाई होगी क्यों कि आज भाभी के सास-ससुर वापिस आने वाले थे तो फिर मोका मिलना बहुत ही मुश्किल था लगभग नामुमकिन सा ही मुझे और फिर दिन भी होने वाला था मैने देर ना करते हुए उनके ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू किया और ब्रा को थोड़ा उपर करके उनके बोबो को अपनी मुठ्ठी मे भरने लगा भाभी बोली तो फिर जल्दी से कर्लो अभी टाइम नही है
मैं लगातार उनके बोबो को भींच रहा था दो दिन मे ही उनकी चूचिया काफ़ी हद तक फूल गयी थी और बहुत ही कामुक लग रही थी मैने उनका ब्लाउज ऑर ब्रा को उतार दिया और उनका एक निप्पल को चूसने लगा भाभी ने मेरे चेहरे को अपनी छातियों मे धसा लिया और उन्हे मेरे मुँह मे देने लगी क्या बताऊ भाभी बिल्कुल मेरे जैसे ही थी बहुत ही कामुक प्रवर्ती की पर उन्हे देखके कोई नही कह सकता था की दिन मे इतनी संस्कारी रहने वाली औरत बिस्तर पे इतनी हॉट भी हो सकती थी मैं बारी बारी दोनो चूचियों का नंबर लगाते हुए उनमे से दूध निकालने की कोशिश कर रहा था भाभी भी उत्तेजना से भरती जा रही थी उन्होने मेरे पयज़ामे को थोड़ा नीचे सरकाया और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और हिलाने लगी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड को हिला रही थी ताकि मैं ऐसे ही झाड़ जाउ पर मैने उन्हे रोका और उनकी साड़ी को उतारने के लिए पकड़ा तो
उन्होने कहा अभी कपड़े मत उतारो ऐसे ही कर्लो मैं उनकी बात मान गया और बस साड़ी को उपर उठाया और कछि को खींच लिया अब मैं उनकी साड़ी मे घुस गया और उनकी जाँघ को चूमने लगा भाभी की जांघे बहुत ही ठोस थी मैने अपने हाथ उनके चुतडो पे रखे और उनको अपने मुँह की ओर खीचा और चूत को मुँह मे भर लिया उनकी चूत बहुत ही छोटी साइज़ की थी जैसे किसी बच्ची की चूत हो मैं उन्हे बोला कि जान आपकी चूत का रस बहुत ही अच्छा है तो वो ये सुनके खुश हो गयी औरत हर हालत मे अपनी तारीफ ही सुन ना चाहती है भाबी ने मुझे जल्दी जल्दी चाटने को कहा थोड़ी देर चाट ता रहा चूत अब पूरी तरह से गीली हो गयी थी और उसकी काँपति फांके मुझे लंड घुसाने का निमंत्रण दे रही थी मैने भाबी को उठा के खाट पे पटक दिया और उनपे छाता चला गया लंड चूत के दरवाजे पे टिक चुका था मैने हल्का सा झटका दिया और मेरा घोड़ा चिकनी सुरंग की सैर करने लगा
भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर पे लपेट दी और चुदाई का मज़ा लेने लगी मैं उन्हे भोग रहा था वो मेरे प्रति पूरी तरह से समर्पित हो गयी थी हम दो एक दूसरे के जोश को तोल्ते हुए अपने जिस्मो की भूख मिटा रहे थे भाभी नीचे से गान्ड उठा उठा के अपनी चुदाई करवा रही थी अब मैने उनकी चूची को पीना शुरू कर दिया जिस से वो और भी रोमांचित हो गयी और पूरे जोश से चुदने लगी कमरे मे हमारी साँसे और धप धप की आवाज़ ही गूँज रही थी अब मैने भाभी को खाट से उठाया और कमरे मे रखी मेज पे बिठा दिया और उनकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पे रख लिया और ताबड तोड़ चुदाई करने लगा
अनिता बोली जल्दी करो जल्दी करो दिन निकल आया है तुम्हारी मम्मी आ सकती है मैने दे दना दन धक्के मारने शुरू कर दिए मेरी साँस बुरी तरह से फूल रही थी फिर वो पल भी आया और मैने अपना पानी छोड़ दिया और उनके उपर ही लुढ़क गया कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैं उठा और अपना लंड भाभी के होंटो पे रगड़ते हुए उन्हे सॉफ करने को बोला भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और फटा फट चाटने लगी कोई 5 मिनिट तक
मैने लंड को उनके मुँह मे ही रखा फिर उन्होने उसे निकाला हमने अपने अपने कपड़े सही किए और एक दूसरे की तरफ देखने लगे मैने उन्हे कहा कि घर जा रहा हू और वो भी मेरे पिछे पिछे गेट तक आई मैने फिर एक जोरदार चुंबन लिया और बाइ कहतेः हुए घर की ओर चल दिया ना जाने क्यों आज सुबह बहुत ही प्यारी लग रही थी
घर पहुच कर मैं नाहया धोया नाश्ता किया और कॉलेज की ओर चल दिया आज मैं बिना साइकल के ही जा रहा था मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था गाना गाने को मन कर रहा था कॉलेज मे कुछ खास पढ़ाई होती नही थी बस एग्ज़ॅम का वेट था और 11थ क्लास को कोई सीरीयस लेता भी नही था
दोपहर को मैं घर आया कपड़े वग़ैरा चेंज किए फिर सोचने लगा कि भाभी के घर का राउंड मार आउ क्या पता अगर वो अकेली हो तो एक ट्रिप का जुगाड़ हो जाए मैं जाने का सोच ही रहा था कि मेरी चाची ने कटोरी मे परसाद लेके मुझे दिया और बताया कि रवि के ममी-पापा थोड़ी देर पहले ही आए है
ये सुनके मेरा मूड बहुत ऑफ हो गया पर मैने बाहर से कुछ शो नही किया और परसाद खाने लगा फिर चाची बोली कि प्लॉट मे लकड़ी कम हो गयी है तुम कुछ दोस्तो को साथ ले जाओ और जंगल से थोड़ा ईंधन काट लाओ मेरा दिमाग़ और भी खराब हो गया एक तो साला भाभी से मिलने की टेन्षन थी और ये घरवाले भी जब देखो मुझे ही पेलते रहते थे
घर का बड़ा बेटा होना भी एक गुनाह से कम नही होता है खैर जाना तो था ही एक-दो दोस्तो को पूछा पर कोई भी तैयार ना हुआ सब एग्ज़ॅम की तैयारी का बहाना कर के टरक लिए. अपनी साइकल उठाकर मैं जंगल की ओर चल पड़ा जंगल गाँव से कोई 2-3 किमी दूर था पर ग्रामीण वातावरण के कारण पास ही लगता था और कोई डर वाली बात भी नही थी
क्यों कि कोई ना कोई ईंधन लेने के लिए वहाँ जाता ही रहता था रास्ते मे मुझे हमारे ही मोहल्ले की एक लड़की जिसका नाम प्रीतम था वो मिल गयी उसने मुझसे पूछा कि ईंधन लेने जा रहे हो तो मैने हाँ कहा ,मैने पूछा तुम अकेली क्यो जा रही हो तो वो बोली उसकी मा वहाँ पहले से ही लकड़िया काट रही है और वो उसकी मदद के लिए जा रही है तो मैने उनसे अपनी साइकल पे बिठा लिया और हम जंगल की ओर चल पड़े
अब मैं आपको पहले प्रीतम के बारे मे थोड़ा बता दूं उसकी उमर कोई 20-21 होगी, पर वो बहुत ही मोटी थी मोटी से मतलब थुलथुल नही थी बल्कि उसकी चूची और गान्ड तो कई आन्टियो से भी बड़ी थी पढ़ाई उसने कई साल पहले ही छोड़ दी थी घर मे उसकी बूढ़ी मा और एक भाई ही था मैं ज़्यादा उसके बारे मे नही जानता था क्यों कि उनका घर हमारे घर से काफ़ी दूर था
हाँ उनका पशुओ का बाडा हमारे प्लॉट के पास था पर उस से इतना कुछ लेना देना कभी हुवा नही था पर सुना था कि वो थोड़ा चालू टाइप थी और घर से भी दो बार भाग चुकी थी खैर हम जंगल पहुच ने ही वाले थे वो मुझसे बाते करने की कोशिश कर रही थी पर उस टाइम मेरा ध्यान तो भाभी के बारे मे लगा हुआ था ऐसे ही हम जंगल मे पहुच गये मैने सावधानी से अपनी साइकल एक ओर खड़ी कर दी ताकि पंक्चर ना हो जाय
फिर हम पैदल ही अंदर की ओर चल पड़े थोड़ी देर के बाद मुझे उसकी मा मिल गयी मैने उन्हे नमस्ते किया और अपने लिए लकड़ी काटने लगा शाम तेज़ी से घिरती जा रही थी और मैं बहुत ही सुस्ती से लकड़ी काट रहा था तो प्रीतम की मा जिसने अपने लिए बहुत सी लकड़िया जमा करली थी उसने मुझे अपने ढेर मे से कुछ लकड़िया लेने के लिए कहा पर मैने मना कर दिया तो वो बोली बेटा अंधेरा होने वाला है तुम एक काम करो मेरी वाली लकड़ियों को मेरे सर पे रखवा दो और प्रीतम तुम्हारी मदद कर देगी और यह भी थोड़ी और लकड़ी काट लेगी
फिर तुम दोनो साइकल पे अपना गठ्ठर रख के साथ साथ ही आ जाना और ज़्यादा देर मत लगाना अंधेरा घना होने से पहले ही वापिस आ जाना कहीं कोई जानवर ना मिल जाए और वो हमे छोड़ कर घर की ओर चल पड़ी अब मैं तेज़ी से कुल्हाड़ी चलाने लगा और वो लकड़ियों को जमा करने लगी आधे घंटे मे हम ने ठीकठाक ईंधन का जुगाड़ कर लिया अब बस घर चलने की तैयारी थी तभी प्रीतम मुझे बोली तू आगे चल मैं आती हू तो मैने मना करते हुए कहा नही मेरे साथ ही चल तो वो बोली अच्छा तू यही रुक मैं अभी आती हू मैं रोकता रहा और वो पास की झाड़ियों की ओर चल पड़ी झाड़ियाँ थोड़ी कम घनी थी कुछ सॉफ सॉफ तो नही दिख रहा था पर पास होने के कारण मैने देखा कि उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और नीचे बैठ गयी
सुउुुुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुउुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की आवाज़ सी आ रही थी तो मैं समझ गया कि वो मूतने के लिए गयी थी थोड़ी देर बाद वो वापिस आ गई और बोली क्या देख रहा था मैने सकपकाते हुए कहा कुछ नही तो वो बोली पहले किसी को मुतते नही देखा क्या तो मेरे मुँह से कुछ आवाज़ ना निकली फिर हम पैदल पैदल ही घर की ओर चल पड़े क्यों कि साइकल पे लकड़ी का गठ्ठऱ रखा हुवा था वो लगा तार मुझसे बात करती जा रही तो मैं भी उस से खुलने लगा
ऐसे ही हम प्लॉट पे पहुच गये मैने अपनी लकड़िया वहाँ रखी और उसको कहा कि मैं तुम्हारी वाली तुम्हारे बाडे मे रख देता हू और उसका गठ्ठर उठा लिया वो अपनी मस्त गान्ड को मटकाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी उनका बाडा ज़्यादा बड़ा नही था 2 कमरे थे चारे के लिए और कुछ टीनशेड्स थी जहाँ वो अपने पशु बाँधते थे लकड़िया एक कोने मे रखने के बाद वो बोली खेली पे हाथ-मुँह धो लो और वो भी अपना मुँह धोने लगी
हम पास पास ही खड़े थे अचानक से मेरा पैर फिसला और मैने उसकी चूची पे हाथ रख दिया गिरने से बचने के लिए आक्च्युयली मैं उसका कंधा पकड़ना चाहता था पर हाथ मे चूची आ गयी ये सब इतनी जल्दी हुआ कि उसका भी बॅलेन्स बिगड़ गया और हम दोनो गिर गये मैं उसके उपर वो मेरे नीचे थी उसकी चूचिया मेरे सीने मे चुभ रही थी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसके होटो का चुंबन ले लिया
अगले ही पल मुझे एहसास हुआ कि ये क्या कर दिया मैं उठा और सीधा घर की ओर भागने लगा वो पिछे से चिल्लाने लगी रुक रुक पर मैं तो सीधा घर आके ही रुका अब मेरी गान्ड फॅट रही थी कि अगर उसने अपने घरवालो को बता दिया तो गान्ड तुड़ाई पक्की है मेरी तो हालत टाइट हो गयी थी टेन्षन इतनी हो गयी थी किक्या बताऊ भूक प्यास सब खो गयी ना जाने कब आँख लग गयी सुबह उठा आज सनडे था तो पापा भी घर पे ही थे जिस से मेरा डर और बढ़ गया था
अब करू तो क्यँ करू पापा बोले उठ गया तो जा प्लॉट मे भैंसो को नहला आ और टॅंक मे पानी भी भर आइयो अब उनका घर रास्ते मे पड़ता था और साली प्राब्लम , पापा को मना करूँ तो वैसे दिक्कत सो चल दिया मैं नॉर्मल रहने की कोशिश कर रहा था पर गान्ड तो फॅट ही रही थी खैर जैसा मैं सोच रहा था वैसा कुछ नही हुआ था उसने किसी को नही बताया था
प्लॉट मे मुझे लगभग 2 घंटे हो गये थे तभी दरवाजा पर दस्तक हुई तो मैने खोला गेट पे प्रीतम ही खड़ी थी मैं उसे देखके घबरा गया तो वो बोली कि पानी की मोटर लेने के लिए आई है मैने कहा अंदर कमरे से ले लो उस वक़्त हम दोनो ही थे तो मैने सॉरी बोलने का सोचा और उसके पीछे कमरे मे आ गया मैने उसे कल शाम की घटना के लिया माफी माँगी तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि कोई बात नही तुमने जान बूझ के थोड़ी किया था ग़लती से हो गया होगे और मेरी ओर गोर से देखते हुए वापिस जाने लगी
पता नही मेरे मुँह से अचानक से निकल गया कि प्रीतम अगर जान बूझ के होता तो वो एकदम से पलटी और बोली कि तो भी वो मुझसे कुछ नही कहती और अपनी गान्ड मट काति हुई चली गयी मेरे दिमाग़ मे खुराफात होने लगी कि क्या पता ये पटने के लिए तैयार है कोशिश करके देखता हू और मैं उसकी चुदाई की सपने देखने लगा
प्लॉट का काम करके मैं सीधा भाभी के घर की ओर चल दिया मैं उन्हे देखने के लिए मरा जा रहा थॉ वहाँ गया तो पता चला कि रवि भी वापिस आ गया है मैं रवि के साथ खाना खाने लगा भाभी हमें खाना परोस रही थी बातों बातों मे रवि ने बताया कि उसे नीमराना मे किसी कंपनी मे जॉब मिल गयी है सॅलरी भी बहुत अच्छी है और वो वहाँ शिफ्ट हो रहा है उसने रेंट पे घर ले लिया है और अनिता भी उसके साथ ही जाएगी मेरी तो साँस ही अटक गई
ये साली एक और नयी मुसीबत आ गयी थी पर मैं क्या कर सकता था 4-5 दिन मे रवि और भाभी चले गये रवि मुझे कुछ दिनो के लिए वहाँ ले जाना चाहता था पर एग्ज़ॅम डेट आ गयी थी तो मेरा जाना कॅन्सल हो गया एक तो पेपर और उपर से भाभी भी नही थी ज़िंदगी जैसे झंड हो गयी थी मैं भाभी की याद मे झुलस रहा था उन्होनी मुझे चूत का ऐसा पानी पिलाया कि हर औरत मे मुझे बस चूत ही चूत दिखने लगी थी मेरा ध्यान प्रीतम की ओर था
भाभी की नशीली आँखे मुझे निमंत्रण दे रही थी मैने भाभी को पकड़ कर अपनी गोद मे बिठा लिया भाभी बोली मैं बहुत थक गयी हू प्लीज़ अभी सो जाते है मैं तो तुम्हारी ही हू जब मन चाहे तब कर लेना तुम्हारी कोई मनाही तो है नही मैने जवाब देते हुवे कहा कि भाभी पर ये रातें जो हम दोनो को अकेले मिल रही है ये तो नही मिलेंगी ना
और आप हो ही इतना टंच माल कि जितना भी भोग लू उतनी ही इच्छा और बढ़ती जाती है मैं क्या करू आप ही बताओ और भाभी के चुतडो को सहलाने लगा भाभी मेरे सीने पे अपने हाथ फेरने लगी अचानक मैने अपनी उंगली उनकी गान्ड के छेद पे रख दी और उसे सहलाने लगा भाभी बोली ये क्या कर रहे हो मैं बोला भाभी आपकी गान्ड कितनी मस्त है
अबकी बार इसे भी मार लू क्या तो भाभी मना करने लगी पर मैने ठान लिया था कि गान्ड तो मारनी ही है अब मैने भाभी को गोदी से उठा कर बिस्तर पे उल्टी लिटा दिया था भाबी भी समझ गयी थी कि आज तो गान्ड मराई हो के रहे गी मैने मदमस्त कुल्हो को सहलाते हुवे पूछा कि रवि ने भी आपकी गान्ड तो मारी ही होगी तो भाभी शरमाते हुवे बोली कि 3-4 बार मारी है
और मुझे बहोत दर्द होता है प्लीज़ तुम जितनी चाहे चूत मारलो मैं मना नही करूँगी पर गान्ड मत मारो मैं भी ज़बरदस्ती से उनकी गान्ड नही चोदना चाहता था तो मैने कहा भाभी प्लीज़ एक बार करने दो अगर आपको ज़्यादा दर्द होगा तो नही करेंगे भाबी मेरे लिए एक बार मान जाओ तो भाभी ने हां कर दी अब मैने उनके चुतडो को थाम लिया और उनको फैलाते हुवे गान्ड के छेद को सहलाने लगा हल्के भूरे कलर का छेद काफ़ी सेक्सी लग रहा था
मैं लगता उसको सहला रहा था , मैं भाग के रसोई मे गया और एक कटोरी मे तेल लेके आया और उनकी गान्ड के छेद को बिल्कुल चिकना कर दिया मैने अपनी उंगली तेल मे भिगोइ और गान्ड मे डालने लगा जैसे ही थोड़ी से उंगली अंदर गयी तो भाभी की हल्की सी चीख निकल गयी और वो बोली के प्यार से करो वरना मैं नही करने दूँगी मैने बहुत ही धीरे धीरे अपनी उंगली अंदर को सरकाने लगा पर उनकी गान्ड बहुत ही ज़्यादा टाइट थी
और उपर से भाभी भी कुछ ज़्यादा ही नखरे दिखा रही थी जिस से काम थोड़ा मुश्किल हो रहा था मैं भाभी के नीचे एक तकिया लगाया अब उनकी गान्ड और भी उपर की ओर हो गयी थी अब मैने देर ना करते हुवे उनकी गान्ड मे उंगली अंदर बाहर करना शुरू कर दिया भाभी भी मस्ता रही थी वो
उफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफ़फ्फु हीईईईईईईईईईईईईईईईईईईइहिहीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ करने लगी थी मैने कहा भाभी मज़ा आ रहा है तो वो बोली ऐसे ही करते रहो बस ऐसे ही लगे रहो अब गान्ड थोड़ा खुलने लगी थी तेल की वजह से वो काफ़ी चिकनी हो गयी थी मैने देखा भाभी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी और मस्ती भरी आहे भर रही थी
लगभग 10 मिनिट तक मैं उनकी गान्ड मे सिर्फ़ उंगली ही करता रह अब मुझसे भी कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था अब मैने अपने लंड पे भी काफ़ी सारा तेल लगाया और उसको भी एकदम चिकना कर लिया था अब मेरे काला लंड किसी नाग की तरह लग रहा था पूरा लंड उपर से लेके जड़ तक एकदम चिकना हो चुका था मैने भाभी को तैयार होने के लिए कहा और अपने लंड को उनकी गान्ड के छेद पे रगड़ने लगा
भाभी पूरी तरह से गान्ड मरवाने के लिए तैयार हो चुकी थी उन्होने अपने हाथो को पीछे की ओर किया तो अपने चुतडो को फैला लिया जिस से उनकी गान्ड और भी उभर गयी और मैं पूरी मस्ती मे अपना लंड रगड़ने लगा भाभी की चिकनी गान्ड पे लंड फिराने से मेरे शरीर मे झुरजुरी दौड़ने लगी थी मैने अपनी कमर को हल्का सा झटका दिया और लंड का आधा सूपड़ा गान्ड मे घुसा दिया मैं भाभी को बहुत ही आराम से रगड़ना चाहता था
ताकि वो मेरा बिल्कुल विरोध ना करे भाबी के मूह से दर्द की आह निकल गयी अब मेरा पूरा सुपाडा अंदर जा चुका था उनकी गान्ड का छेद भी थोड़ा खुल गया था चूँकि गान्ड तेल लगाने से खुल गयी थी तो थोड़ी परेशानी कम हो गयी थी मैने धीरे धीरे लंड को अंदर करना शुरू किया तो भाभी ने अपने शरीर को सिकोड़ना शुरू कर्दिया जिस से गान्ड बहुत ही टाइट हो गयी थी
ऐसे मेरे लंड पे वो किसी छल्ले की तरह कस गयी थी मुझ उसका दबाव मेरे लंड पे सॉफ महसूस हो रहा था लग रहा था कि बस वो जल्दी ही झाड़ जाएगा मेरे लंड की नसे उभर आई थी मैने और धक्का मारते हुवे आधे से ज़्यादा लंड भाभी की गान्ड मे घुसा दिया था और हल्के हल्के घस्से मारने लगा था भाभी ने थोड़ा रुकने को कहा और सांस लेने लगी
मुझसे तो कंट्रोल ना हुआ और मैने पूरी ताक़त से एक जोरदार शॉट मारा और पूरा लंड गान्ड मे अंदर तक गुसेड दिया अनिता ज़ोर से चिल्लाई है माआआआआआआआआआआआआआआआ आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ माअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर दिया रे पपीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ओह मीईईईईईईईईईईरीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ मेरिइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई गाआआआआआआआआआअन्न्नआननननननननननननननननन्न्ँद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड फहाआद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड डीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
और उनकी आँखो मे आँसू आ गये . भाभी बहुत ही ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और छूटने की कोशिस कर रही थी मैने उन्हे अपनी मजबूत बाहों मे दबोच लिया और उनके गालो पे लुढ़क आए आँसू पीता हुआ बोला बस भाभी हो गया हो गया वो मुझ से छूटने के लिए तड़पने लगी पर मैने उन्हे नही छोड़ा और एक हाथ नीचे ले जाके उनकी गोलाईयो को सहलाने लगा
उनके निप्पल भी सहलाता जा रहा था जिस से उनको थोड़ी मस्ती आने लगी मैने उनके गालो को चूमना शुरू कर दिया काफ़ी देर बाद भाभी थोड़ी शांत हुवी अब मैने अपने लॅंड को धीरे धीरे गंद मे हिलने लगा भाभी आह अहह अफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ ऐईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
करने लगी मैं बहुत ही आराम से गान्ड मार रहा था ताकि उनको भी कोई परेशानी ना हो तभी मैने पूरा लंड एक झटके से बाहर निकाल लिया और ढेर सारा थूक गान्ड पे थूक दिया और फ़च से उसे फिर से अंदर घुसा दिया अब मैने देर ना करते हुवे धक्को की गति को बढ़ा दी और भाबी को भी मज़ा आने लगा था मेरे अंडकोष उनके चुतडो पे टकरा रहे थे
बहुत ही कामुक वातावरण हो गया था मैं दे दना दन गान्ड मारे जा रहा था और भाभी मस्ती से बिलबिला रही थी अब मैने उनको घोड़ी बना दिया और उनकी पतली कमर को थामते हुवे अपने लंड को दुबारा से गान्ड मे डाल दिया और चुदाई करने लगा बीच बीच मे उनकी मोटी मोटी चूचियों भी भींच रहा था भाभी भी अपने चूतड़ मटका मटका के मेरे लंड का जोश बढ़ा रही थी
आधे घंटे तक करने के बाद मैने अपना पानी गान्ड मे ही छोड़ दिया और उनको लिए लिए ही बिस्तर पे लुढ़क गया..
आधे घंटे तक हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे फिर अनिता उठी और पानी गरम करने के लिए रोड लगाने लगी तो मैने पूछा इस वक़्त पानी क्यों गरम कर रही हो तो उन्होने कहा कि वो अपने शरीर को सॉफ करना चाहती है मैने उन्हे कहा कि सर्दी का मोसम है इस और रात भी काफ़ी हो गयी है तो सुबह ही नहा लेना तो वो मान गयी और मैने उसे दुबारा बिस्तर पे लिटा दिया
अब हम दोनो रज़ाई के अंदर थे क्योंकि काफ़ी देर से हम नंगे ही बाहर थे भाभी मुझसे नागिन की तरह लिपटी हुवी थी अचानक से मैने पूछा कि क्या रवि उनको पूरी तरह से खुश करता है तो उन्हने कहा कि हाँ वो बिल्कुल उन्हे पूरी तरह संतुष्ट करता है और वो अपने पति से बहुत ही खुश है भाभी बोली कि तुम यह सोच रहे हो ना कि अगर मैं पूर्ण संतुष्ट हू तो तुमसे क्यों चुदवा रही हू.
तो उन्होने बताया कि मैं तुम्हे देख कर ना चाहते हुवे भी पिघल गयी हू तो मैने कहा कि पर भाभी मैं तो कुछ सुंदर, स्मार्ट भी नही हू तो वो हँसते हुवे बोली रे पगले रंग-रूप ही कुछ नही होता आदमी की सीरत भी कोई चीज़ होती है यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हो गया क्योंकि अक्सर ज़िंदगी मे लोग तो ठग ते ही रहे थे ना कभी कोई सच्चा दोस्त मिला था जो भी मिला बस ऐसे ही मिले.
मेरी आँखो से आँसू छलच्छला गये आवाज़ रुआंसी सी हो गयी थी भाभी मुझसे और भी लिपट गयी और मेरे आँसू पोछते हुवे बोली तेरा मेरा रिश्ता इस जिस्म के रिश्ते से बहुत परे है मैं तेरी दोस्त हू और वादा करती हू कि मैं हर हाल मे तेरा साथ दूँगी चाहे कोई भी परिस्तिथि आए मैं हमेश तेरे लिए खड़ी रहूंगी पर हमारे इस जिस्मानी रिश्ते के बारे मे किसी भी हाल मे किसी को भी पता नही चलना चाहिए वरना मेरी गृहस्थि बर्बाद हो सकती है
मैने उनको विश्वास दिलाया कि मैं अपनी दोस्ती पे किसी भी तरह का संकट नही आने दूँगा और दुनिया के आगे उन्हे भाभी का पूरा सम्मान दूँगा ये सुनके भाभी खुश हो गयी और मेरे गालो पे पप्पी दे दी. मैने भाभी को अपने उपर लिटा लिया उनकी गोल मटोल बूब्स मेरे सीने मे धँस रहे थे और चूत मेरे लंड रगड़ खा रही थी
वो बोली सोना नही है क्या तुम्हारे चक्कर मे मेरी नींद भी पूरी नही होती है मैने कहा भाभी जान आज की ही तो रात है कल तो तुम्हार सास-ससुर वापिस आ जाएँगे फिर कहा मिल पाएँगे हम तो वो बोली असली मज़ा तो छुप-छुप के मिलने मे ही आता है तुम घबराओ मत कोई रास्ता मिल ही जाएगा. मैने अपने हाथ उनकी पीठ पे कस दिए जिस से उनकी चूचिया और अंदर तक मेरे सीने मे धँस गयी
तो वो बोली कि अरे मुझे छोड़ो साँस लेने मे तकलीफ़ हो रही है तो मैने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली करदी अब वो बगल मे आ गयी थी मैने उनकी गर्दन पे हाथ डाला और अपनी ओर खींच के उनकी सुरहिदार गर्दन पे किस करने लगा भाबी और मेरी तरफ सरक गयी मेरे होंठ उनको चूमते चूमते उनके गुलाबी गुलाबी होंटो की ओर बढ़ने लगे मैने अपना मूह खोला और उनके निचले होंठ को अपने मूह मे भर लिया और दबा के चूसने लगा
भाभी ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे अंडकोषो पे पहुचा दिया और गोलियो को अपनी मुट्ठी मे भर कर सहलाने लगी मैं पूरे मज़े से उनके अधरो का रस पी रहा था और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी थी उनका हाथ मेरे लंड पे बहुत ही तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था जिस से मेरा मज़ा दुगना हो गया था भाभी ने अपने होंठ छुड़ाए और ढेर सारा थूक मेरे लंड पे लगा के उसे पूरा गीला कर दिया
और फिर से उसे अपनी मुट्ठी मे भर कर हिलने लगी अब मैने उनकी लेफ्ट साइड की चुचि को अपनी जीभ फेरते हुवे मूह मे भर लिया भाभी को चुचि चुसवाने मे बहुत मज़ा आता थॉ वो बोली देवेर जी जी भर कर मेरा दूध पियो अब मैं उनके उपर लेट के उनकी छातियों को चूस ने लगा भाभी के शरीर मे कामवासना जागने लगी थी 20 मिनिट तक चुचियो का मर्दन करने के बाद मैंने उनकी जाँघो को थोड़ा फैलाया और अपनी बीच वाली उंगली एक झटके से उनकी चूत मे घुसा दी
तो वो एकदम से चिहुन्क पड़ी मैं तेज़ी से उंगली अंदर बाहर करने लगा उनकी लाल लाल चूत से बहुत सा रस बह रहा था जिस से वो एकदम गीली हो गयी थी भाभी मोन करने लगी थी तभी उन्होने बताया कि जब मैं उनकी चूत चाट ता हूँ तो उन्हे बहुत ही मस्त अनुभूति होती है ये सुनते ही मेरी छाती चौड़ी हो गयी और मैने उनकी टाँगो को पूरी तरह फैलाया और उनकी जाँघो के बीच आ गया . मैने भाभी के भूरे रंग के चूत के दाने को अपने मुँह मे भर लिया और उसपे जीभ फेरने लगा
जैसे ही मेरी जीभ चूत के दाने से टकराई भाभी के बदन मे 440 वॉल्ट का करंट दौड़ गया और उनकी जांघे कस गयी उनके दाने का स्वाद बहुत ही नमकीन था मैं पूरे जोश से उसे चूसे जा रहा था भाभी की आँहे बढ़ती हीजा रही थी उनका खुद पे कंट्रोल ख़तम हो रहा था उनके दोनो हाथ मेरे सर पे पहुच गये थे और वो मेरे चेहरो को खुद की चूत पे दबा रही थी अब मैने अपनी जीभ थोड़ी नीचे की और चूत की फांको को चूसने लगा दोनो फांके काम रस मे पूरी तरह भीगी हुवी थी
मैं पूरी तसल्ली से उनकी चूत का रस चाट रहा था अब मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और चूत मे जहाँ तक मैं घुसा सकता था घुसा दी भाभी की चूत भी जी भर के रस बहा रही थी जिस से मेरे होंटो और ठोडी पे बहुत सा रस लग भी गया था ना जाने मुझे क्या सूझा मैने अपनी जीभ को निकाला और थोड़ा नीचे उनकी गान्ड के छेद पे फेरने लगा
भाभी के चुतडो मे सिरहन दौड़ गयी और उन्होने अपनी गान्ड उपर की और उठा दी अब मेरी जीब उनकी चूत और गान्ड को बारी बारी से चूस रही थी भाभी अपनी गान्ड उठा उठा के मुझे अपना रस पिला रही थी 15 मिनिट तक मैं उनका रस चूस्ता रहा और वो मस्ती से आहे भरती रही अचानक उन्होने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह से कस लिया और लंबी लंबी आहे भरते हुवे अपना पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया कंटिन्यूड......
भाभी किसी कुतिया की तरह हाँफ रही थी मैने चूत के अंदर उंगली रगड़ ते हुए पूछा कि जानेमन
मज़ा आया क्या तो वो कुछ नही बोली बस चेहरे को झुका लिया मैं उन्हे छेड़ ते हुए बोला कि शर्मा क्यों रही हो
बताओ ना तो वो बोली हां मज़ा आया बहुत मज़ा आया जी करता है पूरी रात तुमसे अपनी चूत को चुस्वाती रही
और इस आनंद को बार बार प्राप्त करती रहू मैं हँसते हुए बोला तो किसने रोका है मैं अभी आपकी इस इच्छा को
पूरी कर देता हू
और एक बार और उनकी चूत के दाने को अपने होंटो मे दबा लिया एक बार फिर मेरी जीब का
जादू भाभी पे चलने लगा था भाबी ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपनी मांसल जंघे मेरे चेहरे पे
लॉक की तरह कस दी मैने कभी नही सोचा था कि मेरी ज़िंदगी मे ऐसा कोई मोड़ अचानक आएगा कहाँ तो कुछ दिन
पहले तक बस अपना हाथ जगन्नाथ था और कहाँ अब भाभी जैसा टंच माल मेरे साथ बिस्तर पे था
मैं अपने
दान्तो से उनके दाने को धीरे धीरे काट भी रहा था तो भाभी अपनी कमर को उचका रही थी जैस ही मैं उनके दाने
को काट ता उनकी सिसकारी निकलती थी थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा फिर मैने उनको 69 मे होने को कहा ताकि
मैं भी थोड़ा आनंद ले सकु मैने दुबारा चूत की फांको को अपने मुँह मे ले लिया
और उसी पल भाभी के होंठ
भी मेरे सुपाडे पे कस गये पूरा सुपाडा उनके मुँह मे था उनकी गीली जीब से मुझे थोड़ी गुदगुदी भी हो रही
थी पर वो बहुत ही मजेदार पल थे भाभी लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट से भी ज़्यादा थी वो बहुत ही प्यार से मेरा लंड चूस रही थी .
साथ साथ लंड को अपने मुँह मे अंदर तक ले जाती थी बहुत ही मुश्किल है उन पलो का
वर्णन करना यहाँ पे बस कोशिश ही कर सकता हू अब अनिता ने पूरे जोश से लंड को चूसना शुरू कर दिया था
उनका थूक बाहर आकर गिर रहा था इधर मैं भी पूरे जोश से चूत का रस पी रहा था काफ़ी देर तक ऐसे ही
चलता रह अब मैं बस उनको चोदना चाहता था मैने उन्हे हटाया और नीचे लेट गया वो समझ गयी कि मैं क्या
चाहता हू और झट से आके मेरे लंड पे बैठ गई
गप्प्प की आवाज़ क साथ एक झटके से पूरा लंड उनकी छोटी सी
चूत मे समा गया उनके और मेरे मुँह से एक साथ ही मस्ती की आह निकल गयी मैने हाथ बढ़ा के उनकी बालो की
चोटी को खोल दिया अब उनके बाल पूरे चेहरे पे फिसलने लगे जिस से उनकी खूबसरती और भी बढ़ गयी .
भाभी अपने मासल कुल्हो को उछालते हुए मेरे लंड पे कूद रही थी पच
पcउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पुचह की आवाज़ उस घर्षण से आ रही थी मैं अपना
हाथ पीछे करते हुए उनकी गान्ड पे फेरने लगा और एक उंगली उनकी गान्ड मे डाल दी अब अनिता ने अपने चुतडो को
भींच लिया जिस से उनका मज़ा और भी दुगना हो गया अब वो थोड़ा धीरे धीरे उपर नीचे हो रही थी उन्होने
मुझे गान्ड मे ज़ोर ज़ोर से उंगली करने को कहा और मैं वैसा ही करने लगा
हम दोनो संभोग की नयी इबारत
लिखने मे जी जान से लगे हुए थे 15 मिनिट तक मैने उन्हे अपने लंड पे बिठाए रखा अब भाभी की स्पीड और
भी स्लो होने लगी थी क्यों कि वो शायद थोड़ी थकान महसूस कर रही थी मैं ये बात समझते हुए उनको उठाया
और फरश पे खड़ी कर दिया और थोड़ा झुकते हुए एक पैर को पलंग पे रख दिया इस तरह वो आधी घोड़ी
बन गई थी मैने थोड़ा थूक लंड पे लगाया और चूत मे घुसा दिया
अनिता ने खुद को पीछे की ओर झुका लिया
मैं बहुत ही तेज़ी से उनको चोद रहा था मेरे हाथ उनकी छातियो को मसल रहे थे उन्होने अपने मुँह को थोड़ा सा
टेढ़ा किया और अपनी जीब मेरे मुँह मे डाल दी सच बताऊ उस चुदाई को आज तक नही भूला हू अनिता अपनी गान्ड
को हिला हिला के चुद रही थी
काफ़ी देर चुदाई चलती रही तभी मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हू मैने अपने
लंड को चूत से निकाला और भाभी के मुँह मे दे दिया भाभी फुर्ती से चुसाइ करने लगी फिर वो पल भी आया जब
मैने अपना गरमा गरम पानी उनके हलक मे उतार दिया भाभी बहुत ही मज़े से मेरा वीर्य पी रही थी मेरे हाथ
उनके चेहरे पे कसे हुए थे वो बहुत ही मज़े से आखरी बूँद तक निचोड़ने मे लगी हुवी थी
मेरा पूरा बदन कांप रहा था लग रहा था जैसे टाँगो की सारी शक्ति ख़तम हो गयी थी मैं बुरी तरह से थक के चूर हो
गया था भाबी तब तक लंड को चुस्ती रही जब तक वो पूरा सिकुड ना गया उनके और मेरे चेहरे पे एक अजीब सा
भाव था जिसे केवल हम दोनो ही समझ सकते थे
दो बार की चुदाई के बाद मुझे थकान होने लगी थी पिछली रात भी पूरी नींद नही ली थी कुछ ऐसा ही हाल
भाभी का भी ता. आँखो मे खुमारी चढ़ ती ही जा रही थी मैने उन्हे अपने आगोश मे लिया और उनकी बाँहो मे सो
गया .बहुत ही प्यारी नींद आई उस रात को सुबह मैं जल्दी ही उठ गया क्यों कि गाव मे लोग थोड़ा जल्दी जाग जाते है
मैं आँगन मे आया तो देखा कि अभी उजाला नही हुवा था हल्का सा अंधेरा सा था मैने पानी भरा और
मुँह धोने लगा तभी मुझे भाभी का ध्यान आया मैने सोचा कि शायद वो रसोई मे होंगी चाइ वग़ैरा बना रही
होंगी पर वहाँ नही थी मैने उन्हे घर मे ढूँढा पर वो घर मे थी ही नही मैने मैन गेट की ओर चेक
किया तो वो बाहर से बंद था टाइम देखा तो 5 :15 ही हुए थे मैं हैरान परेशान हो गया कि हमारी भाभी
जान कहाँ गायब हो गयी
खैर मैं बाथरूम मे घुस गया और फ्रेश होने लगा जब मैं वापिस आया तो भी भाभी
का कोई आता-पता नही था फिर पोने 6 बजे दरवाजा खुला और वो अंदर आई उनके हाथ मे दूध की बाल्टी थी
उन्होने बताया कि वो बाडे चली गयी थी पशुओ को चारा खिलाने और दूध भी निकालना था और वो मुझे सुबह
सुबह उठाना नही चाहता थी इसलिए वो अकेले ही चली गयी थी वो बोली तुम बैठो मैं चाइ बनती हू पर
मैने कहा मेरा मूड तो दूध पीने का है और उनकी चूची को मसल दिया तो भाभी बोली कि सुबह सुबह चालू
हो गये
मुझे पता था कि ये अब लास्ट चुदाई होगी क्यों कि आज भाभी के सास-ससुर वापिस आने वाले थे तो फिर मोका मिलना बहुत ही मुश्किल था लगभग नामुमकिन सा ही मुझे और फिर दिन भी होने वाला था मैने देर ना करते हुए उनके ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू किया और ब्रा को थोड़ा उपर करके उनके बोबो को अपनी मुठ्ठी मे भरने लगा भाभी बोली तो फिर जल्दी से कर्लो अभी टाइम नही है
मैं लगातार उनके बोबो को भींच रहा था दो दिन मे ही उनकी चूचिया काफ़ी हद तक फूल गयी थी और बहुत ही कामुक लग रही थी मैने उनका ब्लाउज ऑर ब्रा को उतार दिया और उनका एक निप्पल को चूसने लगा भाभी ने मेरे चेहरे को अपनी छातियों मे धसा लिया और उन्हे मेरे मुँह मे देने लगी क्या बताऊ भाभी बिल्कुल मेरे जैसे ही थी बहुत ही कामुक प्रवर्ती की पर उन्हे देखके कोई नही कह सकता था की दिन मे इतनी संस्कारी रहने वाली औरत बिस्तर पे इतनी हॉट भी हो सकती थी मैं बारी बारी दोनो चूचियों का नंबर लगाते हुए उनमे से दूध निकालने की कोशिश कर रहा था भाभी भी उत्तेजना से भरती जा रही थी उन्होने मेरे पयज़ामे को थोड़ा नीचे सरकाया और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और हिलाने लगी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड को हिला रही थी ताकि मैं ऐसे ही झाड़ जाउ पर मैने उन्हे रोका और उनकी साड़ी को उतारने के लिए पकड़ा तो
उन्होने कहा अभी कपड़े मत उतारो ऐसे ही कर्लो मैं उनकी बात मान गया और बस साड़ी को उपर उठाया और कछि को खींच लिया अब मैं उनकी साड़ी मे घुस गया और उनकी जाँघ को चूमने लगा भाभी की जांघे बहुत ही ठोस थी मैने अपने हाथ उनके चुतडो पे रखे और उनको अपने मुँह की ओर खीचा और चूत को मुँह मे भर लिया उनकी चूत बहुत ही छोटी साइज़ की थी जैसे किसी बच्ची की चूत हो मैं उन्हे बोला कि जान आपकी चूत का रस बहुत ही अच्छा है तो वो ये सुनके खुश हो गयी औरत हर हालत मे अपनी तारीफ ही सुन ना चाहती है भाबी ने मुझे जल्दी जल्दी चाटने को कहा थोड़ी देर चाट ता रहा चूत अब पूरी तरह से गीली हो गयी थी और उसकी काँपति फांके मुझे लंड घुसाने का निमंत्रण दे रही थी मैने भाबी को उठा के खाट पे पटक दिया और उनपे छाता चला गया लंड चूत के दरवाजे पे टिक चुका था मैने हल्का सा झटका दिया और मेरा घोड़ा चिकनी सुरंग की सैर करने लगा
भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर पे लपेट दी और चुदाई का मज़ा लेने लगी मैं उन्हे भोग रहा था वो मेरे प्रति पूरी तरह से समर्पित हो गयी थी हम दो एक दूसरे के जोश को तोल्ते हुए अपने जिस्मो की भूख मिटा रहे थे भाभी नीचे से गान्ड उठा उठा के अपनी चुदाई करवा रही थी अब मैने उनकी चूची को पीना शुरू कर दिया जिस से वो और भी रोमांचित हो गयी और पूरे जोश से चुदने लगी कमरे मे हमारी साँसे और धप धप की आवाज़ ही गूँज रही थी अब मैने भाभी को खाट से उठाया और कमरे मे रखी मेज पे बिठा दिया और उनकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पे रख लिया और ताबड तोड़ चुदाई करने लगा
अनिता बोली जल्दी करो जल्दी करो दिन निकल आया है तुम्हारी मम्मी आ सकती है मैने दे दना दन धक्के मारने शुरू कर दिए मेरी साँस बुरी तरह से फूल रही थी फिर वो पल भी आया और मैने अपना पानी छोड़ दिया और उनके उपर ही लुढ़क गया कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैं उठा और अपना लंड भाभी के होंटो पे रगड़ते हुए उन्हे सॉफ करने को बोला भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और फटा फट चाटने लगी कोई 5 मिनिट तक
मैने लंड को उनके मुँह मे ही रखा फिर उन्होने उसे निकाला हमने अपने अपने कपड़े सही किए और एक दूसरे की तरफ देखने लगे मैने उन्हे कहा कि घर जा रहा हू और वो भी मेरे पिछे पिछे गेट तक आई मैने फिर एक जोरदार चुंबन लिया और बाइ कहतेः हुए घर की ओर चल दिया ना जाने क्यों आज सुबह बहुत ही प्यारी लग रही थी
घर पहुच कर मैं नाहया धोया नाश्ता किया और कॉलेज की ओर चल दिया आज मैं बिना साइकल के ही जा रहा था मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था गाना गाने को मन कर रहा था कॉलेज मे कुछ खास पढ़ाई होती नही थी बस एग्ज़ॅम का वेट था और 11थ क्लास को कोई सीरीयस लेता भी नही था
दोपहर को मैं घर आया कपड़े वग़ैरा चेंज किए फिर सोचने लगा कि भाभी के घर का राउंड मार आउ क्या पता अगर वो अकेली हो तो एक ट्रिप का जुगाड़ हो जाए मैं जाने का सोच ही रहा था कि मेरी चाची ने कटोरी मे परसाद लेके मुझे दिया और बताया कि रवि के ममी-पापा थोड़ी देर पहले ही आए है
ये सुनके मेरा मूड बहुत ऑफ हो गया पर मैने बाहर से कुछ शो नही किया और परसाद खाने लगा फिर चाची बोली कि प्लॉट मे लकड़ी कम हो गयी है तुम कुछ दोस्तो को साथ ले जाओ और जंगल से थोड़ा ईंधन काट लाओ मेरा दिमाग़ और भी खराब हो गया एक तो साला भाभी से मिलने की टेन्षन थी और ये घरवाले भी जब देखो मुझे ही पेलते रहते थे
घर का बड़ा बेटा होना भी एक गुनाह से कम नही होता है खैर जाना तो था ही एक-दो दोस्तो को पूछा पर कोई भी तैयार ना हुआ सब एग्ज़ॅम की तैयारी का बहाना कर के टरक लिए. अपनी साइकल उठाकर मैं जंगल की ओर चल पड़ा जंगल गाँव से कोई 2-3 किमी दूर था पर ग्रामीण वातावरण के कारण पास ही लगता था और कोई डर वाली बात भी नही थी
क्यों कि कोई ना कोई ईंधन लेने के लिए वहाँ जाता ही रहता था रास्ते मे मुझे हमारे ही मोहल्ले की एक लड़की जिसका नाम प्रीतम था वो मिल गयी उसने मुझसे पूछा कि ईंधन लेने जा रहे हो तो मैने हाँ कहा ,मैने पूछा तुम अकेली क्यो जा रही हो तो वो बोली उसकी मा वहाँ पहले से ही लकड़िया काट रही है और वो उसकी मदद के लिए जा रही है तो मैने उनसे अपनी साइकल पे बिठा लिया और हम जंगल की ओर चल पड़े
अब मैं आपको पहले प्रीतम के बारे मे थोड़ा बता दूं उसकी उमर कोई 20-21 होगी, पर वो बहुत ही मोटी थी मोटी से मतलब थुलथुल नही थी बल्कि उसकी चूची और गान्ड तो कई आन्टियो से भी बड़ी थी पढ़ाई उसने कई साल पहले ही छोड़ दी थी घर मे उसकी बूढ़ी मा और एक भाई ही था मैं ज़्यादा उसके बारे मे नही जानता था क्यों कि उनका घर हमारे घर से काफ़ी दूर था
हाँ उनका पशुओ का बाडा हमारे प्लॉट के पास था पर उस से इतना कुछ लेना देना कभी हुवा नही था पर सुना था कि वो थोड़ा चालू टाइप थी और घर से भी दो बार भाग चुकी थी खैर हम जंगल पहुच ने ही वाले थे वो मुझसे बाते करने की कोशिश कर रही थी पर उस टाइम मेरा ध्यान तो भाभी के बारे मे लगा हुआ था ऐसे ही हम जंगल मे पहुच गये मैने सावधानी से अपनी साइकल एक ओर खड़ी कर दी ताकि पंक्चर ना हो जाय
फिर हम पैदल ही अंदर की ओर चल पड़े थोड़ी देर के बाद मुझे उसकी मा मिल गयी मैने उन्हे नमस्ते किया और अपने लिए लकड़ी काटने लगा शाम तेज़ी से घिरती जा रही थी और मैं बहुत ही सुस्ती से लकड़ी काट रहा था तो प्रीतम की मा जिसने अपने लिए बहुत सी लकड़िया जमा करली थी उसने मुझे अपने ढेर मे से कुछ लकड़िया लेने के लिए कहा पर मैने मना कर दिया तो वो बोली बेटा अंधेरा होने वाला है तुम एक काम करो मेरी वाली लकड़ियों को मेरे सर पे रखवा दो और प्रीतम तुम्हारी मदद कर देगी और यह भी थोड़ी और लकड़ी काट लेगी
फिर तुम दोनो साइकल पे अपना गठ्ठर रख के साथ साथ ही आ जाना और ज़्यादा देर मत लगाना अंधेरा घना होने से पहले ही वापिस आ जाना कहीं कोई जानवर ना मिल जाए और वो हमे छोड़ कर घर की ओर चल पड़ी अब मैं तेज़ी से कुल्हाड़ी चलाने लगा और वो लकड़ियों को जमा करने लगी आधे घंटे मे हम ने ठीकठाक ईंधन का जुगाड़ कर लिया अब बस घर चलने की तैयारी थी तभी प्रीतम मुझे बोली तू आगे चल मैं आती हू तो मैने मना करते हुए कहा नही मेरे साथ ही चल तो वो बोली अच्छा तू यही रुक मैं अभी आती हू मैं रोकता रहा और वो पास की झाड़ियों की ओर चल पड़ी झाड़ियाँ थोड़ी कम घनी थी कुछ सॉफ सॉफ तो नही दिख रहा था पर पास होने के कारण मैने देखा कि उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और नीचे बैठ गयी
सुउुुुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुउुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की आवाज़ सी आ रही थी तो मैं समझ गया कि वो मूतने के लिए गयी थी थोड़ी देर बाद वो वापिस आ गई और बोली क्या देख रहा था मैने सकपकाते हुए कहा कुछ नही तो वो बोली पहले किसी को मुतते नही देखा क्या तो मेरे मुँह से कुछ आवाज़ ना निकली फिर हम पैदल पैदल ही घर की ओर चल पड़े क्यों कि साइकल पे लकड़ी का गठ्ठऱ रखा हुवा था वो लगा तार मुझसे बात करती जा रही तो मैं भी उस से खुलने लगा
ऐसे ही हम प्लॉट पे पहुच गये मैने अपनी लकड़िया वहाँ रखी और उसको कहा कि मैं तुम्हारी वाली तुम्हारे बाडे मे रख देता हू और उसका गठ्ठर उठा लिया वो अपनी मस्त गान्ड को मटकाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी उनका बाडा ज़्यादा बड़ा नही था 2 कमरे थे चारे के लिए और कुछ टीनशेड्स थी जहाँ वो अपने पशु बाँधते थे लकड़िया एक कोने मे रखने के बाद वो बोली खेली पे हाथ-मुँह धो लो और वो भी अपना मुँह धोने लगी
हम पास पास ही खड़े थे अचानक से मेरा पैर फिसला और मैने उसकी चूची पे हाथ रख दिया गिरने से बचने के लिए आक्च्युयली मैं उसका कंधा पकड़ना चाहता था पर हाथ मे चूची आ गयी ये सब इतनी जल्दी हुआ कि उसका भी बॅलेन्स बिगड़ गया और हम दोनो गिर गये मैं उसके उपर वो मेरे नीचे थी उसकी चूचिया मेरे सीने मे चुभ रही थी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसके होटो का चुंबन ले लिया
अगले ही पल मुझे एहसास हुआ कि ये क्या कर दिया मैं उठा और सीधा घर की ओर भागने लगा वो पिछे से चिल्लाने लगी रुक रुक पर मैं तो सीधा घर आके ही रुका अब मेरी गान्ड फॅट रही थी कि अगर उसने अपने घरवालो को बता दिया तो गान्ड तुड़ाई पक्की है मेरी तो हालत टाइट हो गयी थी टेन्षन इतनी हो गयी थी किक्या बताऊ भूक प्यास सब खो गयी ना जाने कब आँख लग गयी सुबह उठा आज सनडे था तो पापा भी घर पे ही थे जिस से मेरा डर और बढ़ गया था
अब करू तो क्यँ करू पापा बोले उठ गया तो जा प्लॉट मे भैंसो को नहला आ और टॅंक मे पानी भी भर आइयो अब उनका घर रास्ते मे पड़ता था और साली प्राब्लम , पापा को मना करूँ तो वैसे दिक्कत सो चल दिया मैं नॉर्मल रहने की कोशिश कर रहा था पर गान्ड तो फॅट ही रही थी खैर जैसा मैं सोच रहा था वैसा कुछ नही हुआ था उसने किसी को नही बताया था
प्लॉट मे मुझे लगभग 2 घंटे हो गये थे तभी दरवाजा पर दस्तक हुई तो मैने खोला गेट पे प्रीतम ही खड़ी थी मैं उसे देखके घबरा गया तो वो बोली कि पानी की मोटर लेने के लिए आई है मैने कहा अंदर कमरे से ले लो उस वक़्त हम दोनो ही थे तो मैने सॉरी बोलने का सोचा और उसके पीछे कमरे मे आ गया मैने उसे कल शाम की घटना के लिया माफी माँगी तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि कोई बात नही तुमने जान बूझ के थोड़ी किया था ग़लती से हो गया होगे और मेरी ओर गोर से देखते हुए वापिस जाने लगी
पता नही मेरे मुँह से अचानक से निकल गया कि प्रीतम अगर जान बूझ के होता तो वो एकदम से पलटी और बोली कि तो भी वो मुझसे कुछ नही कहती और अपनी गान्ड मट काति हुई चली गयी मेरे दिमाग़ मे खुराफात होने लगी कि क्या पता ये पटने के लिए तैयार है कोशिश करके देखता हू और मैं उसकी चुदाई की सपने देखने लगा
प्लॉट का काम करके मैं सीधा भाभी के घर की ओर चल दिया मैं उन्हे देखने के लिए मरा जा रहा थॉ वहाँ गया तो पता चला कि रवि भी वापिस आ गया है मैं रवि के साथ खाना खाने लगा भाभी हमें खाना परोस रही थी बातों बातों मे रवि ने बताया कि उसे नीमराना मे किसी कंपनी मे जॉब मिल गयी है सॅलरी भी बहुत अच्छी है और वो वहाँ शिफ्ट हो रहा है उसने रेंट पे घर ले लिया है और अनिता भी उसके साथ ही जाएगी मेरी तो साँस ही अटक गई
ये साली एक और नयी मुसीबत आ गयी थी पर मैं क्या कर सकता था 4-5 दिन मे रवि और भाभी चले गये रवि मुझे कुछ दिनो के लिए वहाँ ले जाना चाहता था पर एग्ज़ॅम डेट आ गयी थी तो मेरा जाना कॅन्सल हो गया एक तो पेपर और उपर से भाभी भी नही थी ज़िंदगी जैसे झंड हो गयी थी मैं भाभी की याद मे झुलस रहा था उन्होनी मुझे चूत का ऐसा पानी पिलाया कि हर औरत मे मुझे बस चूत ही चूत दिखने लगी थी मेरा ध्यान प्रीतम की ओर था